•   Wednesday Feb 12
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There will be no caste discrimination against prisoners in Himachal jails.
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हिमाचल की जेलों में कैदियों के साथ नहीं होगा जातीय भेदभाव

**जाती या संप्रदाय के आधार पर नहीं दिया जाएगा काम  अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में कैदियों को जाती के आधार पर काम नहीं दिया जाएगा और न ही उनके रिकॉर्ड में हिंदू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई यानी समुदाय या संप्रदाय का उल्लेख होगा...हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 में अब संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने कई नए प्रावधान किए हैं। इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा ने अधिसूचना भी जारी की है।  कैदियों में जातीय आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण और पृथक्करण नहीं किया जाएगा। मैला ढोने, सीवरेज प्रणाली और सैप्टिक टैंक की सफाई भी कैदियों से नहीं करवाई जाएगी। कैदियों के साथ जाति आधारित भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट के तीन अक्टूबर, 2024 के आदेश के मद्देनजर ये बदलाव किए गए हैं. कारागार नियमावली में किए गए नए संशोधन के अनुसार, जेल अधिकारियों को सख्ती से यह सुनिश्चित करना होगा कि कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण या अलगाव न हो और अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में रहने वाले कैदियों के साथ भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा।  

Himachal Congress Organization in Turmoil! Now Even the Minister Has Called It Paralyzed
In Politics

हिमाचल कांग्रेस संगठन ठन-ठन! .....अब तो मंत्री ने कह दिया पैरालाइज़्ड

हिमाचल सरकार में मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने आज खुद ही तस्लीम कर लिया कि हिमाचल में कांग्रेस संगठन पिछले कुछ दिनों से पैरालाइज़्ड है... मगर कांग्रेस आलाकमान के पास शायद हिमाचल की सुध लेने तक का समय नहीं... आज से करीब तीन महीने पहले कांग्रेस संगठन की कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। तब से लेकर अब तक हिमाचल कांग्रेस बिना संगठन के है। संगठन के नाम पर कुछ बचा है तो वह है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह। सिर्फ उन्हें पद से नहीं हटाया गया। मगर वह सेनापति किस काम का जिसकी सेना ही न हो। बस यही कारण है कि अब कांग्रेस के भीतर भी इस बात को लेकर असंतोष के स्वर बुलंद होने लगे हैं... वैसे ही जैसे आज कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने किए। वैसे बता दें कि इस बार संगठन की नियुक्तियों के लिए कांग्रेस नया फ़ॉर्मूला इस्तेमाल कर रही है। ऑब्ज़र्वर नियुक्त किए गए थे और इन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर संगठन में ताजपोशी होनी है। बताया जा रहा है कि फ़ीडबैक जा चुका है लेकिन आलाकमान की दिल्ली चुनाव में व्यस्तता के कारण संगठन के गठन में विलंब हो रहा था... पर दिल्ली में तो कांग्रेस तीसरी बार भी अपना खाता तक नहीं खोल सकी... दिल्ली में पार्टी की ऐतिहासिक हार पर भी चंद्र कुमार ने खुलकर अपना पक्ष रखा l इसमें कोई दो राय नहीं कि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने आज अपनी पार्टी के लिए जो कहा है, वही हकीकत है... चंद्र कुमार ने सीधे तौर पर पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं... उन्होंने पार्टी को आइना दिखाया है... उम्मीद है कि यह सुगबुगाहट कांग्रेस आलाकमान के कानों तक पहुंचेगी और जल्द ही दिल्ली चुनाव की थकान मिटाकर पार्टी आलाकमान हिमाचल में संगठन के बारे में कुछ सोचेगा l

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In Siyasatnama

बगैर लाग लपेट : चंद्र कुमार जी, आपका ब्यान आलाकमान के आराम में खलल बन सकता है !

चौधरी चंद्र कुमार को हरियाणा के नेताओं से संयम सीखना होगा ! इस तरह निस्तनाबूद होना भी किसी ऐरे गैरे के बस की बात नहीं !   आर्यभट्ट की शून्य की खोज को बेवजह महिमामंडित करके बताया जाता रहा है। कांग्रेस ने तो दिल्ली में तीन बार शून्य खोज लिया, वो भी लगातार। ये कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, वो भी तब जब किसी पार्टी ने लगातार पंद्रह साल दिल्ली की सत्ता कब्जाई हो। माना, बनाने में बहुत मेहनत लगती है लेकिन इस तरह निस्तनाबूद होना भी किसी ऐरे गैरे के बस की बात नहीं है। अपने 140 वें साल में कांग्रेस ने एक और नया मुकाम हासिल किया है !      इधर, हिमाचल में बेवजह का हल्ला मचा है। मंत्री चंद्र कुमार कांग्रेस संगठन को पैरालाइज़्ड कह रहे है। इसका अभिप्राय है कि कांग्रेस को लकवा मार चूका है। ये तो सरासर अति प्रतिक्रिया है। अभी तो हिमाचल में सिर्फ 97 दिन हुए है कांग्रेस को बगैर संगठन के, पड़ोसी राज्य हरियाणा में सालों तक जिला और ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाये गए। चंद्र कुमार जी को हरियाणा के नेताओं से संयम सीखने की जरुरत है। करीब साढ़े चार दशक का राजनैतिक अनुभव है चौधरी साहब का, उन्हें समझना चाहिए पार्टी आलाकमान अभी दिल्ली चुनाव की थकान मिटा रहा होगा। उनके इस तरह के ब्यान आलाकमान के आराम में खलल बन सकते है। चौधरी साहब, आपसे ये उम्मीद नहीं थी !

Bus of devotees going from Shimla to Banaras to see Ramlala overturned, 15 people injured
In Himachal

रामलला के दर्शन के लिए शिमला से बनारस जा रहे श्रद्धालुओं की पलटी बस, 15 लोग हुए घायल

उत्तर प्रदेश के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के बासूपुर गांव के पास मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के श्रद्धालु, जो अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के बाद बनारस के काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए जा रहे थे, उनका टूरिस्ट वाहन बरौंसा-पापर मार्ग पर पुलिया से टकराकर गड्ढे में पलट गया। इस दुर्घटना में कुल 15 श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बस में फंसे श्रद्धालुओं को बाहर निकाला और उनकी मदद की। घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जयसिंहपुर भेजा गया। सीएचसी प्रभारी डॉ. सुरेंद्र पटेल और उनकी टीम ने घायलों का इलाज किया, जबकि एक महिला श्रद्धालु सुषमा भारद्वाज को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज सुलतानपुर रेफर किया गया। दुर्घटना के समय बस में कुल 22 लोग सवार थे, जिसमें से 15 लोग घायल हो गए। घायल श्रद्धालुओं में हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर की अंजना शर्मा, चंद्रकांता, लक्ष्मी, गीता देवी, मत्ती देवी, केसरी देवी, प्रमिला देवी, शिल्पा, मायती देवी, वीरा देवी, उमा देवी, जेआर मुखिया, विनोद कुमार, देवेंद्र डोगरा और सुषमा भारद्वाज शामिल हैं। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें चाय भी पिलाई गई, और डॉक्टरों ने बताया कि सभी श्रद्धालु अब खतरे से बाहर हैं। घटना की सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। एसडीएम जयसिंहपुर, शिवप्रसाद और तहसीलदार जयसिंहपुर, मयंक मिश्रा ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया। उन्होंने श्रद्धालुओं के सामान को सुरक्षित किया और अस्पताल में घायलों का हालचाल लिया। सीओ कादीपुर विनय गौतम ने भी सीएचसी जयसिंहपुर में घायलों को बेहतर सुविधाएं देने के निर्देश दिए। एसडीएम जयसिंहपुर ने बताया कि प्रशासन श्रद्धालुओं की पूरी मदद कर रहा है और सभी घायलों को सही उपचार दिया जा रहा है।  

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In Siyasatnama

कांग्रेस की हार के 'ग़म' पर भारी दिखा आप की हार का 'सुकून' !

  जां निसार अख्तर का एक शेर दिल्ली में कांग्रेस का हाल बखूबी बयां करता है " दिल्ली कहाँ गई तिरे कूचों की रौनकें गलियों से सर झुका के गुजरने लगा हूँ मैं "   दिल्ली में कांग्रेस के हिस्से एक और शर्मनाक हार आई है। देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी  लगातार तीसरे चुनाव में अपना खाता नहीं खोल सकी। सियासी गलियों में कांग्रेस का सर फिर झुक गया, पर कांग्रेस की इस ऐतिहासिक हार के ग़म पर भारी दिखा है आम आदमी पार्टी की हार से मिला सुकून। दिल्ली की हार के बाद टीवी चैनलों पर दिखे कांग्रेस के अधिकांश नेता इस बात से उत्साहित दिखे कि आम आदमी पार्टी हार गई है। देश की सबसे बुजुर्ग पार्टी के नेताओं की ये मनोदशा बताती है कि पार्टी ने किस संजीदगी से ये चुनाव लड़ा था। जाहिर है पार्टी को कोई उम्मीद ही नहीं थी। इसे विडम्बना ही कहेंगे कि करीब 15 सीटों पर आम आदमी पार्टी  का खेल बिगाड़ना भी अब कांग्रेस को उपलब्धि लगता है। दशकों सत्ता भोगने वाली कांग्रेस अब वोट कटवा बनकर भी तसस्ली में दिख रही है। दरअसल, ये ही कांग्रेस का असल मर्ज है।   हालांकि राजनैतिक नजरिये से देखे तो आम आदमी पार्टी की हार कांग्रेस के जरूरी थी, वरना इंडिया गठबंधन में भी कांग्रेस के पर कतर दिए जाते। दूसरा कांग्रेस के पतन से ही आप का उभार हुआ है। पर यदि आप से पुराना वोट छिटक कर वापस कांग्रेस के पास आता, तो बात कुछ और होती। आम आदमी पार्टी का वोट करीब दस फीसदी कम हुआ है, जबकि कांग्रेस के वोट में सिर्फ दो फीसदी का उछाल है। वहीँ, बीजेपी और आप के बीच का फासला सिर्फ दो फीसदी वोटों का है, हालांकि बीजेपी के माइक्रो मैनेजमेंट और कई सीटों पर बीजेपी विरोधी वोट बंटने से सीटों का अंतर 26 हो गया। बहरहाल, आप चुनाव हारी जरूर है लेकिन उसका सफाया नहीं हुआ है और न ही कांग्रेस का अधिकांश वोटर वापस उसके पास लौटा। यानी चर्चा चाहे आम आदमी पार्टी की हार की ज्यादा हो, लेकिन असल दुर्दशा फिर कांग्रेस की ही हुई है।          कांग्रेस के प्रदर्शन पर निगाह डाले तो 70 में 67  सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई है। तीन सीटों पर तो पार्टी चौथे स्थान पर रही है। सिर्फ कस्तूरबा नगर सीट पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही और वहां भी हार का अंतर 11 हजार से ज्यादा रहा। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवन्द्र यादव जिनके साथ राहुल गाँधी दिल्ली की गलियों की बदलाली के वीडियो दिखा रहे थे, वो खुद 20  हज़ार से ज्यादा के अंतर से चुनाव हारे है। संदीप दीक्षित, अलका लाम्बा और कृष्णा तीरथ जैसे नेताओं की जमानत तक नहीं बची।     वैसे आधे मन से लड़ रही कांग्रेस से ज्यादा उम्मीद किसी को नहीं थी। पर इतना जरूर माना जा रहा था कि कांग्रेस का वोट शेयर डबल डिजिट के आसपास पहुंच सकता है। पर ऐसा हुआ नहीं। आम आदमी पार्टी से छिटका अधिकांश वोट बीजेपी के पास गया। एक दिलचस्प तथ्य और भी है, जिस मुस्लिम वोट के कांग्रेस  को वापस लौटने की उम्मीद थी, उसने भी दूरी बनाये रखी। जिन दो सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने चुनाव लड़ा उन दोनों सीटों पर कांग्रेस चौथे नंबर पर रही। ले देकर कांग्रेस के हाथ  खाली रहे। अलबत्ता कुछ माहिर मानते है कि आप की हार से कांग्रेस के लिए फिर पांव जमाना आसान होगा, अब कांग्रेस क्या और कितना कर पाती है, ये देखन रोचक होगा। इस बीच कांग्रेस समर्थकों के लिए एक खुशखबरी भी है। जयराम रमेश ने ऐलान किया है कि 2030 में दिल्ली में कांग्रेस की सरकार होगी। 

Himachal: Electricity Board employees expressed their anger by wearing black badges, said that if their demands are not fulfilled then they will launch a big agitation.
In Himachal

हिमाचल: बिजली बोर्ड कर्मियोंने काले बिल्ले लगाकर जताया रोष, कहा मांगे नहीं हुई पूरी तो करेंगे बड़ा आंदोलन

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के 706 पदों को समाप्त किया गया है. इसे लेकर बोर्ड प्रबंधन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं. इन आदेशों के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज सोमवार से प्रदेश भर में विद्युत काले बिल्ले लगाकर कार्य करेंगे ।वहीं दूसरी ओर अब आंदोलन के तहत कर्मियों ने वर्क टू रूल के तहत कार्य कार्य का आगाज कर दिया है।अब कर्मी नियमों के तहत केवल आठ घण्टे की ड्यूटी करेंगे।  शिमला स्थित बिजली बोर्ड के मुख्य कार्यालय सहित विद्युत मंडलों व उप मंडलों में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारियों सहित अन्य सभी कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे है।वहीं कल आंदोलन के तहत हमीरपुर में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।  हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के महासचिव व ज्वाइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि सोमवार से कर्मचारियों ने आंदोलन के तहत वर्क टू रूल कार्य करने का  फैसला लिया है। इसके  तहत बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी अब 8 घंटे ही अपनी सेवाएं देंगे. इस अवधि के दौरान जो भी कर्मचारी व अधिकारी का संबधित कार्य होगा, केवल वही किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आठ घंटे का समय पूरा होने के बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारी अपनी सेवाएं नहीं देंगे. हीरा लाल वर्मा ने बताया कि कर्मचारी सरकार के कर्मचारी फैसले का विरोध कर रहे हैं. ये विरोध उस समय तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपना फैसला वापिस नही करती और वार्ता के लिए नही बुलाती . सरकार कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है. आज तक किसी भी सरकार ने इस तरह के फैसले नहीं लिए थे. ऐसे में इंजीनियर और कर्मचारी आज से काले बिल्ले लगाकर सरकार के फैसले का विरोध करेंगे.उन्होंने कहा कि वह सरकार का विरोध नही कर रहे अपितु अगर कोई पद समाप्त किये जाने हैं तो उस विषय पर कर्मचारियों से चर्चा की जाए साथ ही महत्वपूर्ण जो पद हैं उन्हें समाप्त न किया जाए ।विभाग में अनेक पद रिक्त पड़े हैं उनके ऊपर चर्चा कर उन्हें शीघ्र भरा जाए साथ ही OPS भी कर्मियों को दी जाए।उन्होंने कहा कि कल से हमीरपुर में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।इसमे उपभोक्ता भी भाग लेंगे।उन्होंने कहा सभी जगह इस प्रकार की पंचायतों का आयोजन किया जाएगा और अगर सरकार वार्ता के लिए नही बुलाती तो कर्मियों को बड़ा कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ेगा।    

Weather will remain bad in Himachal for two days, there is a possibility of rain in high altitude areas.
In Himachal

हिमाचल में दो दिनों तक मौसम रहेगा खराब, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के भी है आसार

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर दो दिनों तक मौसम खराब रहने वाला है. हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा. इस दौरान जिला चंबा, कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. साथ ही जिला शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. हालांकि अन्य स्थानों पर केवल बादल छाए रहेंगे और बारिश या बर्फबारी जैसे कोई भी असर देखने को नहीं मिलेंगे.मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है, जिसका असर हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले जिले चंबा, कुल्लू लाहौल स्पीति और किन्नौर में देखने को मिलेगा. इससे शिमला जिला के ऊंचाई वाले इलाकों में भी हल्की बर्फबारी देखने को मिल सकती है. हालांकि शहर पर बादल छाए रहेंगे. लेकिन, बारिश और बराबरी की कोई भी संभावना नहीं है. शोभित कटियार ने बताया कि इसके बाद अगले तीन दिनों तक मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहेगा. इसके बाद 14 और 15 फरवरी को लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दूसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. साथ ही 17, 18 और 19 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों पर तीसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसका प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश देखने को मिलेगी. कटियार ने बताया कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहे है, जो आने वाले दिनों में सामान्य हो जाएंगे.   

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हिमाचल कांग्रेस संगठन ठन-ठन! .....अब तो मंत्री ने कह दिया पैरालाइज़्ड

In Politics
Himachal Congress Organization in Turmoil! Now Even the Minister Has Called It Paralyzed

हिमाचल सरकार में मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने आज खुद ही तस्लीम कर लिया कि हिमाचल में कांग्रेस संगठन पिछले कुछ दिनों से पैरालाइज़्ड है... मगर कांग्रेस आलाकमान के पास शायद हिमाचल की सुध लेने तक का समय नहीं... आज से करीब तीन महीने पहले कांग्रेस संगठन की कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। तब से लेकर अब तक हिमाचल कांग्रेस बिना संगठन के है। संगठन के नाम पर कुछ बचा है तो वह है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह। सिर्फ उन्हें पद से नहीं हटाया गया। मगर वह सेनापति किस काम का जिसकी सेना ही न हो। बस यही कारण है कि अब कांग्रेस के भीतर भी इस बात को लेकर असंतोष के स्वर बुलंद होने लगे हैं... वैसे ही जैसे आज कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने किए। वैसे बता दें कि इस बार संगठन की नियुक्तियों के लिए कांग्रेस नया फ़ॉर्मूला इस्तेमाल कर रही है। ऑब्ज़र्वर नियुक्त किए गए थे और इन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर संगठन में ताजपोशी होनी है। बताया जा रहा है कि फ़ीडबैक जा चुका है लेकिन आलाकमान की दिल्ली चुनाव में व्यस्तता के कारण संगठन के गठन में विलंब हो रहा था... पर दिल्ली में तो कांग्रेस तीसरी बार भी अपना खाता तक नहीं खोल सकी... दिल्ली में पार्टी की ऐतिहासिक हार पर भी चंद्र कुमार ने खुलकर अपना पक्ष रखा l इसमें कोई दो राय नहीं कि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने आज अपनी पार्टी के लिए जो कहा है, वही हकीकत है... चंद्र कुमार ने सीधे तौर पर पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं... उन्होंने पार्टी को आइना दिखाया है... उम्मीद है कि यह सुगबुगाहट कांग्रेस आलाकमान के कानों तक पहुंचेगी और जल्द ही दिल्ली चुनाव की थकान मिटाकर पार्टी आलाकमान हिमाचल में संगठन के बारे में कुछ सोचेगा l

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

हिमाचल: सीएम सुक्खू बोले, विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए शिक्षा प्रणाली में किए जा रहे हैं सुधार

In Education
Himachal: CM Sukhu said, reforms are being made in the education system for the overall development of students.

राज्य सरकार के प्रयासों से विद्यार्थियों में जागृत होगी देशभक्ति की भावनाः मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रातःकालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों कोे जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य विद्यार्थियों की दिनचर्या में इन गतिविधियों को शामिल कर उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है।

जेम्स एंडरसन 700 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले फास्ट बॉलर बने

In Sports
James Anderson became the world's first fast bowler to take 700 wickets.

** धर्मशाला में खेले जा रहे भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच में बना रिकॉर्ड ** इससे पहले दो स्पिन गेंदबाजों मुरलीधरन और शेन वार्न ने लिए हैं 700 से अधिक विकेट हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्टेडियम में खेले जा रहे भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला के अंतिम एवं 5वें मैच में एक नया रिकॉर्ड बना है। मैच के तीसरे दिन इंग्लैंड के फास्ट बॉलर जेम्स एंडरसन 700 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले तेज गेंदबाज बन गए हैं। 700 विकेट लेने वाले वे इग्लैंड के भी पहले गेंदबाज हैं।    एंडरसन से पहले भी दो गेंदबाजों ने यह आंकड़ा छुआ है, लेकिन वे दोनों  स्पिनर हैं। इससे पहले श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन और आस्टे्रलिया के शेन वार्न ने क्रमश: 800 और 700 विकेट का आंकड़ा छुआ है।    बता दें कि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने पहला मैच नहीं खेला था। इसके बाद के तीन मैच खेले हैं। अब धर्मशाला में चल रहे पांचवें मैच में खेल रहे हैं। दूसेर मैच में उन्होंने पांच विकेट लिए थे। तीसरे मैच में वे सिर्फ एक विकेट ले सके, जबकि रांची में खेले चौथे मैच में एंडरसन ने दो विकेट लिए थे।  

स्टीव जॉब्स से विराट कोहली तक, नीम करोली बाबा के आश्रम में सब नतमस्तक

In First Blessing
NEEM-KARORI-BABA

  नीम करोली बाबा के आश्रम में स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शान्ति भारत में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति के समस्त मनोरथ पूरे हो जाते हैं। ऐसा ही एक पावन तीर्थ देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में है, जिसे लोग 'कैंची धाम' के नाम से जानते हैं। कैंची धाम के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्वभर में है। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर हर मन्नत पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।  कुछ माह पूर्व स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के यहां पहुंचते ही इस धाम को देखने और बाबा के दर्शन करने वालों की होड़ सी लग गई। 1964 में बाबा ने की थी आश्रम की स्थापना  नीम करोली बाबा या नीब करोली बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में की जाती है। इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। कैंची, नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीम करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया। इस धाम को कैंची मंदिर, नीम करौली धाम और नीम करौली आश्रम के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड में हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा आश्रम है नीम करोली बाबा आश्रम। मंदिर के आंगन और चारों ओर से साफ सुथरे कमरों में रसीली हरियाली के साथ, आश्रम एक शांत और एकांत विश्राम के लिए एकदम सही जगह प्रस्तुत करता है। यहाँ कोई टेलीफोन लाइनें नहीं हैं, इसलिए किसी को बाहरी दुनिया से परेशान नहीं किया जा सकता है। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले नीम करोरी बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। कई चमत्कारों के किस्से सुन खींचे आते है भक्त  मान्यता है कि बाबा नीम करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं। जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया। ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के दुनियाभर में 108 आश्रम  बाबा नीब करौरी को कैंची धाम बहुत प्रिय था। अक्सर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। स्टीव जॉब्स को आश्रम से मिला एप्पल के लोगो का आईडिया ! भारत की धरती सदा से ही अध्यात्म के खोजियों को अपनी ओर खींचती रही है। दुनिया की कई बड़ी हस्तियों में भारत भूमि पर ही अपना सच्चा आध्यात्मिक गुरु पाया है। एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच भारत भ्रमण पर निकले। वह पर्यटन के मकसद से भारत नहीं आए थे, बल्कि आध्यात्मिक खोज में यहां आए थे। उन्हें एक सच्चे गुरु की तलाश थी।स्टीव पहले हरिद्वार पहुंचे और इसके बाद वह कैंची धाम तक पहुंच गए। यहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि बाबा समाधि ले चुके हैं। कहते है कि स्टीव को एप्पल के लोगो का आइडिया बाबा के आश्रम से ही मिला था। नीम करौली बाबा को कथित तौर पर सेब बहुत पसंद थे और यही वजह थी कि स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगों के लिए कटे हुए एप्पल को चुना। हालांकि इस कहानी की सत्यता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शांति, शीर्ष पर पहुंचा फेसबुक  बाबा से जुड़ा एक किस्सा फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने 27 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया था, तब पीएम मोदी फेसबुक के मुख्यालय में गए थे। इस दौरान जुकरबर्ग ने पीएम को भारत भ्रमण की बात बताई। उन्होंने कहा कि जब वे इस संशय में थे कि फेसबुक को बेचा जाए या नहीं, तब एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने इन्हें भारत में नीम करोली बाबा के स्थान पर  जाने की सलाह दी थी। जुकरबर्ग ने बताया था कि वे एक महीना भारत में रहे। इस दौरान वह नीम करोली बाबा के मंदिर में भी गए थे। जुकरबर्ग आए तो यहां एक दिन के लिए थे, लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह यहां दो दिन रुके थे। जुकरबर्ग मानते हैं कि भारत में मिली अध्यात्मिक शांति के बाद उन्हें फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली। बाबा की तस्वीर को देख जूलिया ने अपनाया हिन्दू धर्म  हॉलिवुड की मशहूर अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स ने 2009 में हिंदू धर्म अपना लिया था। वह फिल्म ‘ईट, प्रे, लव’ की शूटिंग के लिए भारत आईं थीं। जूलिया रॉबर्ट्स ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था कि वह नीम करौली बाबा की तस्वीर से इतना प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर डाला। जूलिया इन दिनों हिन्दू धर्म का पालन कर रही हैं।    

मूवी RRR के नाटू-नाटू सॉन्ग ने जीता ऑस्कर अवॉर्ड

In Entertainment
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एसएस राजामौली की चर्चित मूवी ररर के नाटू-नाटू गाने को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। भारत के लिए ये ऐतिहासिक पल है। फिल्ममेकर नाटू नाटू ने ओरिजनल सॉन्ग कैटेगिरी में अवॉर्ड जीता है। एमएम कीरावणी अवॉर्ड लेते हुए बेहद एक्साइटेड नजर आए। उनकी स्पीच भी चर्चा में बनी हुई है। इस जीत के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है। मेकर्स ने RRR मूवी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जीत की खुशी जताई है। उन्होंने लिखा- 'हम धन्य हैं कि आरआरआर सॉन्ग नाटू-नाटू के साथ बेस्ट सॉन्ग कैटेगरी में भारत का पहला ऑस्कर लाने वाली पहली फीचर फिल्म है। कोई भी शब्द इस अलौकिक पल को बयां नहीं कर सकते। धन्यवाद। जय हिंद। 'वहीं 'नाटू नाटू' के ऑस्कर जीतने पर फिल्म के लीड एक्टर जूनियर एनटीआर ने भी रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा- 'मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। ये सिर्फ आरआरआर की जीत नहीं है बल्कि एक देश के तौर पर भारत की जीत है। ये तो अभी शुरुआत है कि भारतीय सिनेमा कितनी दूर जा सकता है। एमएम कीरावनी और चंद्रबोस को बधाई।'

हिमाचल की जेलों में कैदियों के साथ नहीं होगा जातीय भेदभाव

In News
There will be no caste discrimination against prisoners in Himachal jails.

**जाती या संप्रदाय के आधार पर नहीं दिया जाएगा काम  अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में कैदियों को जाती के आधार पर काम नहीं दिया जाएगा और न ही उनके रिकॉर्ड में हिंदू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई यानी समुदाय या संप्रदाय का उल्लेख होगा...हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 में अब संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने कई नए प्रावधान किए हैं। इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा ने अधिसूचना भी जारी की है।  कैदियों में जातीय आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण और पृथक्करण नहीं किया जाएगा। मैला ढोने, सीवरेज प्रणाली और सैप्टिक टैंक की सफाई भी कैदियों से नहीं करवाई जाएगी। कैदियों के साथ जाति आधारित भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट के तीन अक्टूबर, 2024 के आदेश के मद्देनजर ये बदलाव किए गए हैं. कारागार नियमावली में किए गए नए संशोधन के अनुसार, जेल अधिकारियों को सख्ती से यह सुनिश्चित करना होगा कि कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण या अलगाव न हो और अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में रहने वाले कैदियों के साथ भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा।  

बाप के बाद बेटा भी बना सीएम ...तो लगातार सात सीएम देने का रिकॉर्ड होगा नई दिल्ली के नाम

In National News
After the father, the son also became the CM.. then New Delhi will have the record of giving seven consecutive CMs.

दिल्ली में बीजेपी की शानदार जीत के बाद सीएम फेस के लिए जद्दोजहद जारी है।कई दावेदार लॉबिंग में जुटे है पर सबसे ज्यादा चर्चा है प्रवेश वर्मा के नाम की, जिन्हें GIANT किलर भी कहा जा रहा है। प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से अरविन्द केजरीवाल को हराया है।अगर प्रवेश वर्मा दिल्ली के सीएम बनते है तो दिलचस्प रिकॉर्ड भी बनेंगे।           पहला, वो बीजेपी के ऐसे पहले नेता होंगे जिनके पिता भी सीएम रहे है । साहिब सिंह वर्मा फरवरी 1996 से लेकर  अक्टूबर 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे है। दूसरा, लगातार सातवीं बार दिल्ली का सीएम नई दिल्ली सीट से होगा। 1998, 2003 और 2008 में शीला दीक्षित इस सीट से विधायक  बनकर सीएम पद संभाल चुकी है। हालाँकि परिसीमन से पहले इस सीट को गोयल मार्किट के नाम से जाना जाता था। फिर 2013 में अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराया और दिल्ली से सीएम बने। 2015 और 2020 में भी केजरीवाल ही चुनाव जीते और सीएम बने। अब प्रवेश वर्मा ने अरविन्द केजरीवाल को हराया है और यदि वे सीएम बनाते है तो नई दिल्ली के नाम लगातार सात सीएम देने का अनूठा रिकॉर्ड भी बन जायेगा।

टेलर स्विफ्ट का Swift-Effect....... वो मॉडर्न पॉप सेंसेशन जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में फूंक देती हैं जान

In International News
taylor swift swiftnomics

टेलर स्विफ्ट कई देशों को मंदी के दौर से उबार रही हैं... यह सुनने में काफी अजीब लग रहा है... मगर बिल्कुल सच है। दरअसल, टेलर स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम यह है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं। यह कहानी शुरू हुई दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश सिंगापुर से, जिसे 2023 में मंदी का खतरा नजर आने लगा था। यह वह समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजना बना रही थीं। जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट के लिए एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, तो सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए, लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने Eras Tour को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में लेकर नहीं जाएंगी। स्विफ्ट मान गईं। सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के छह शो ने कमाल कर दिया और हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 375 मिलियन डॉलर (37.5 करोड़ डॉलर) का सीधा फायदा हुआ। कैसे? वह भी समझते हैं। कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे। बाजार वीरान पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे। लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई, लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े। आसपास के देशों से पर्यटक सिंगापुर पहुंचने लगे। होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा हुआ। तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में शामिल हुए थे। अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे। फूड और ड्रिंक्स पर खर्च 30% बढ़ गया। होटलों के किराए में 10% तक की वृद्धि हुई थी। टेलर स्विफ्ट का The Eras Tour अब तक पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है और टेलर अलग-अलग देशों में 149 शो कर चुकी हैं। स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है। इसे कॉन्सर्ट इकोनॉमी भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था। उन्होंने यह जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की शानदार सफलता के बाद किया था और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में जबरदस्त संभावनाओं पर जोर दिया था। यह कॉन्सर्ट इकोनॉमी भारत की जीडीपी के लिए भी बूस्टर का काम कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय कलाकार दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट्स से भी इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है। इसी तरह, यह छोटे राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में भी इस तरह के कॉन्सर्ट्स आयोजित किए जाएं, तो यहां भी पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होगा।

'पयर्टन के लिए किलों का पुनरुद्धार' - लेखिका शीला सिंह

In Kavya Rath
'Revival of forts for tourism' - Author Sheela Singh

पयर्टन की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश देशभर के मुख्य स्थलों में सबसे ऊपर है। इसी के अन्तर्गत जिला बिलासपुर भी किसी से कम नहीं, जहाँ पर्यटन स्थलों की लम्बी सूची देखी जा सकती है। इस दृष्टि से बिलासपुर जिला में राजाओं के समय बनाये गए किले अपना विशेष महत्व रखते हैं जिनका पहाड़ी के शीर्ष पर पर्यावरणीय और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण वातावरण में स्थापन किया गया है। जिला बिलासपुर की तहसील घुमारवीं के त्यून खास का किला उनमें से एक है। त्यून किले के अवशेष त्यून श्रेणी के नाम से जानी जाने वाली पहाड़ी जो सतरह किलोमीटर लम्बी है के शिखर पर स्थित है। घुमारवीं से इसकी दूरी लगभग दस किलोमीटर है और बिलासपुर मुख्यालय से लगभग पैंतालीस किलोमीटर है। खण्डहरनुमा यह किला अपने भीतर डरा देने वाली अनेक कहानियों/स्मृतियों को समेटे हुए हैं। यह आज भी उस प्राचीन युद्ध मय अशान्त समय की याद दिलाता है,जहाँ विशाल मालखाना था और वहाँ पर राजाओं के समय में बड़ी संख्या में हथियार जमा किये जाते थे।इस क्षेत्र में युद्ध एक नियमित विशेषता थी। राजा काहन चंद ने इस का निर्माण 1142 विक्रमी संवत में करवाया था। किले का क्षेत्रफल लगभग 14 हेक्टेयर है और आकार में यह आयताकार है। इसकी लम्बाई 400 मीटर और चौडा़ई 200 मीटर है ।  इस किले की दीवारों की ऊँचाई 2 से लेकर 10 मीटर तक लगभग है। किले के मुख्य द्वार की ऊँचाई 3 मीटर व चौड़ाई 5 या 5 1/2मीटर है। पानी की व्यवस्था हेतु दो टैंक और दो बड़े-बड़े अन्न भण्डार थे जिनमें लगभग 3000 कि0 ग्रा0 से भी अधिक अन्न रखा जा सकता था। आज इन ऐतिहासिक किलों को पयर्टन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कार्य किया जा सकता है।  फोरलेन से लगते गाँव पनोह से त्यून किले तक करीब 10किलोमीटर पैदल टरैक बनाया जा सकता है। ताकि पयर्टक इस पर ट्रैकिंग कर सकें। पनोह से किरतपुर -नेरचौक- कुल्लू मनाली  फोरलेन गुजर रहा है। इसे जब ट्रैक से जोड़ा जायेगा  तो देश विदेश से लोग इस किले के सौंदर्य को निहारने के लिए त्यून खास अवश्य पहुंचेंगे। इस प्रकार इन किलों को पयर्टन के लिए विकसित किया जियेगा तो जनता को सुविधाएं और सरकार को आय का साधन बनेगा।  

धर्मशाला: अब विदेशों में भी मिलेंगे नगरोटा के युवाओं को रोजगार के अवसर : आरएस बाली

In Job
Dharamshala: Now the youth of Nagrota will get employment opportunities in foreign countries also: RS Bali

29 व 30 जनवरी को होगा रोजगार मेले का आयोजन दुबई के लिए 100 से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड के लिए होगा साक्षात्कार होटल प्रबंधन में शेफ, कैटरिंग, हाउस कीपर, सर्विस-स्टाफ के लिए इंटरव्यू पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि अब विदेशों में भी नगरोटा के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बाबत दुबई की कुछ कंपनियों के साथ हिमाचल सरकार ने करार किया है। उन्होंने कहा कि नगरोटा के आईपीएच के विश्राम गृह में 29 तथा 30 जनवरी को नगरोटा विस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा, इसमें दुबई की विभिन्न कंपनियों के लिए 100 से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड के पदों के लिए भर्ती की जाएगी। इसके साथ ही होटल प्रबंधन में शैफ, कैटरिंग, हाउस कीपर, सर्विस स्टाफ के पदों के लिए भी भर्ती की जाएगी।           आरएस बाली ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले रोजगार संघर्ष यात्रा भी नगरोटा बगबां से ही आरंभ की गई थी। उन्होंने कहा कि नगरोटा विस क्षेत्र में वर्ष में दो बार रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को घर द्वार पर रोजगार के अवसर मिल सकें। पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने कहा कि नगरोटा विस क्षेत्र में विकास पुरूष स्व जीएस बाली के जन्म दिन पर जुलाई माह में पहला दो दिवसीय रोजगार मेला आयोजित किया गया था जिसमें आयोजित रोजगार मेले के पहले दिन 670 युवाओं को नामी गिरामी कंपनियों में रोजगार के लिए चयनित किया गया। दूसरे दिन रोजगार मेले में 450 युवाओं का चयन किया था।      रोजगार मेले के समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली तथा सरकार के अथक प्रयासों से दुबई की कंपनियों के साथ रोजगार के लिए करार किया गया है उसी के आधार पर 29 तथा 30 जनवरी को नगरोटा में दुबई की विभिन्न कंपनियों के लिए सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए इंटरव्यू लिए जाएंगे इसमें 24 से 35 आयु वर्ग के युवा भाग ले सकते हैं, दस जमा दो उत्तीर्ण होना जरूरी है। न्यूनतम उंचाई पांच फुट सात इंच तथा वजन साठ किलो होना चाहिए। इस के लिए सैलरी 50 हजार से लेकर 70 हजार प्रतिमाह होगी तथा सिलेक्टिड अभ्यर्थियों को 15 दिन बिलासपुर तथा 15 दिन बाराणसी में प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके साथ ही स्किल डिवल्पमेंट के तहत वीजा तथा हवाई टिकट भी सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। इसके साथ ही होटल प्रबंधन में भी विभिन्न पदों के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे।

शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

In Banka Himachal
शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव एवं सिस्को संस्था के अध्यक्ष महेश सिंह ठाकुर को जवाहर बाल मंच का राज्य मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है। चीफ स्टेट कॉडिनेटर बनाए जाने पर महेश सिंह ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी,प्रदेश के सीएम सुखविन्दर सिंह सूक्खु , राष्ट्रीय प्रभारी केसी वेणुगोपाल,जवाहर बाल मंच के राष्टीय अध्यक्ष जी.वी. हरि. सहित अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया है।  महेश ठाकुर ने कहा कि जवाहर बाल मंच का मुख्य उद्देश्य 7 वर्षों से लेकर 17 वर्ष के आयु के लड़के लड़कियां तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार को पहुंचना।  उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मौजूदा सरकार के द्वारा देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रहा है देश के युवाओं को भटकाया जा रहा है जो की देश के लिए एक बहुत बड़ा चिन्ता का विषय है कांग्रेस पार्टी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और राहुल गांधी के निर्देश पर डॉ जीवी हरी के अध्यक्षता में देशभर में जवाहर बाल मंच के द्वारा युवाओं के बीच में नेहरू जी के विचारों को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत हासिल कर केंद्र से भाजपा को हटाने का काम करेगी। इसमें हिमाचल प्रदेश राज्य की भी प्रमुख भुमिका रहेगी।  उन्होंने कहा कि पूरे देश में महंगाई के कारण आमलोगों का जीना मुश्किल हो गया है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार पर इस महंगाई का व्यापक असर पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।  

बगैर लाग लपेट : चंद्र कुमार जी, आपका ब्यान आलाकमान के आराम में खलल बन सकता है !

In Siyasatnama
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चौधरी चंद्र कुमार को हरियाणा के नेताओं से संयम सीखना होगा ! इस तरह निस्तनाबूद होना भी किसी ऐरे गैरे के बस की बात नहीं !   आर्यभट्ट की शून्य की खोज को बेवजह महिमामंडित करके बताया जाता रहा है। कांग्रेस ने तो दिल्ली में तीन बार शून्य खोज लिया, वो भी लगातार। ये कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, वो भी तब जब किसी पार्टी ने लगातार पंद्रह साल दिल्ली की सत्ता कब्जाई हो। माना, बनाने में बहुत मेहनत लगती है लेकिन इस तरह निस्तनाबूद होना भी किसी ऐरे गैरे के बस की बात नहीं है। अपने 140 वें साल में कांग्रेस ने एक और नया मुकाम हासिल किया है !      इधर, हिमाचल में बेवजह का हल्ला मचा है। मंत्री चंद्र कुमार कांग्रेस संगठन को पैरालाइज़्ड कह रहे है। इसका अभिप्राय है कि कांग्रेस को लकवा मार चूका है। ये तो सरासर अति प्रतिक्रिया है। अभी तो हिमाचल में सिर्फ 97 दिन हुए है कांग्रेस को बगैर संगठन के, पड़ोसी राज्य हरियाणा में सालों तक जिला और ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाये गए। चंद्र कुमार जी को हरियाणा के नेताओं से संयम सीखने की जरुरत है। करीब साढ़े चार दशक का राजनैतिक अनुभव है चौधरी साहब का, उन्हें समझना चाहिए पार्टी आलाकमान अभी दिल्ली चुनाव की थकान मिटा रहा होगा। उनके इस तरह के ब्यान आलाकमान के आराम में खलल बन सकते है। चौधरी साहब, आपसे ये उम्मीद नहीं थी !

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