देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी भी जारी है। हालांकि अब नए मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन मौतों की संख्या अभी भी ज्यादा है। पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 60 हजार 471 नए मामले सामने आए हैं और 2726 लोगों की मौत हो गई। गौरतलब है कि देश में 75 दिनों बाद एक दिन में इतने कम मामले सामने आए है। वहीं, कल एक लाख 17 हजार 525 लोग ठीक भी हुए हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने बताया है कि भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 17 लाख 51 हजार 358 सैंपल टेस्ट किए गए।। जिसके बाद कल तक कुल 38 करोड़ 13 लाख 75 हजार 984 सैंपल टेस्ट किए जा चुके है।
देश लगातार सातवें दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले एक लाख से दर्ज किए गए हैं। कुल एक्टिव केस 10 लाख से कम हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 70,421 नए मामले सामने आए है। वंही, 3921 संक्रमितों की जान चली गई है। वहीं 1 लाख 19 हजार 501 लोग कोरोना से ठीक भी हुए है। यानी कि बीते दिन 53,001 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले 30 मार्च 2021 को 53,480 केस दर्ज किए गए थे। देश में लगातार 32वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 13 जून तक देशभर में 25 करोड़ 48 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 14 लाख 99 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक करीब 38 करोड़ कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 14.92 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है।
केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 26 करोड़ 64 लाख से ज्यादा कोरोना की वैक्सीन डोज दी है। वहीं राज्य और केंद्र शासित क्षेत्रों में पास 1.53 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन डोज अभी भी उपलब्ध हैं जिन्हें दिया जाना है। अगले तीन दिनों में राज्यों को 4 लाख 48 हजार 760 वैक्सीन डोज और मिल जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक, अब तक कुल 26 करोड़ 64 हजार 84 हजार 350 डोज मुफ्त श्रेणी और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के माध्यम से दी है। इसमें से वैक्सीन वेस्टेज सहित कुल 25 करोड़ 12 लाख 66 हजार 637 वैक्सीन डोज अब तक इस्तेमाल की जा चुकी है। जिसके बाद राज्यों के पास 1 करोड़ 53 लाख 79 हजार 233 वैक्सीन डोज बाकी है जिन्हें दिया जाना है। इसके अलावा 4,48,760 वैक्सीन डोज अगले 3 दिनों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिल जाएंगी। भारत में अबतक 25 करोड़ 31 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था। कोरोना टीकाकरण के अगले चरण की शुरुआत 1 मार्च से शुरू हुआ था जिसमें 45 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है उनका टीकाकरण शुरू हुआ था। वहीं, 1 अप्रैल से 45 साल से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को टीकाकरण शुरू किया गया था। 1 मई से 18 से 44 साल के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ था।
देश में दैनिक कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ी गिरावट दर्ज की गई है। 71 दिनों बाद कोरोना के सबसे कम नए मामले आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 80,834 नए कोरोना केस आए और 3303 संक्रमितों की जान चली गई है। वहीं 1 लाख 32 हजार लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि बीते दिन 54,531 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले 31 मार्च को 72,330 केस दर्ज किए गए थे। वंही, देश में लगातार 31वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं। 12 जून तक देशभर में 25 करोड़ 31 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 34 लाख 84 हजार टीके लगाए गए। वहीं अबतक 37 करोड़ 81 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 19 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है।
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन मौत के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 की वजह से एक बार फिर 3402 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि इस दौरान 91 हजार 226 नए केस सामने आए हैं। इससे पहले गुरुवार यानी 10 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 94 हजार नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 6148 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 92 लाख 73 हजार 338 हो गई है, जबकि 3 लाख 63 हजार 97 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वंही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 1.33 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए है। इसके बाद भारत में कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 77 लाख 78 हजार 894 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट आई है और 11 लाख 31 हजार 347 लोगों का इलाज चल रहा है।
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है और देशभर में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। इस बीच सरकार ने एक बार फिर टीकाकरण को लेकर नियमों में बदलाव किया है और अब कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज के बीच का अंतर कम कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर बताया है कि विदेश यात्रा पर जाने वालों के लिए कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज का गैप कम किया गया है, जबकि आम परिस्थिति में लोगों को दूसरी डोज के लिए 84 दिन का इंतजार करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, विदेश में पढ़ने और नौकरी करने वाले लोग 28 दिन बाद कोविशील्ड की दूसरी डोज ले सकते है। इसके अलावा टोक्यो में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल के एथलीट, खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ भी कोविशील्ड की दूसरी डोज 28 दिनों बाद ही लगवा सकते हैं। गौरतलब है कि 16 जनवरी को जब देश में कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई थी, तब कोविशील्ड की 2 डोज के बीच अंतर 4-6 हफ्ते तय किया गया था। इसके बाद 22 मार्च को इसमें बदलाव किया गया और इसे बढ़ाकर 6-8 हफ्ते कर दिया गया। इसके बाद 13 मई को कोविशील्ड की 2 डोज के बीच अंतर को एक बार फिर बढ़ा दिया गया और इसे 12-16 हफ्ते कर दिया गया।
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में 94 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि इस दौरान मौत के आंकड़ों में 6148 की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 91 लाख 83 हजार 121 हो गई है, जबकि 3 लाख 59 हजार 676 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार देशभर में पिछले 24 घंटे में 1.51 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए है।
केंद्र सरकार अगस्त से हर दिन 1 करोड़ वैक्सीन की डोज देने की तैयारी कर रही हैं। इसको लेकर इस महीने सौ करोड़ वैक्सीन की डोज के आर्डर भी दिए गए हैं। देश में वैक्सीन की सप्लाई को तेज करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस समय हर दिन वैक्सीन की 30 लाख डोज दी जा रही है। सरकार का अगला टारगेट एक करोड़ डोज प्रतिदिन देने का है। इसके लिए वैक्सीनेशन को लेकर नई नीति भी बनाई गई है। मंगलवार को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने जानकारी देते हुए बताया कि अगस्त से वैक्सीनेशन सप्लाई को और तेज कर दिया जाएगा। पॉल ने बताया ने बताया कि सरकार ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को 44 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। इस वैक्सीन की सप्लाई अगस्त और दिसंबर के बीच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि 18-44 साल के आयुवर्ग के लिए वैक्सीनेशन को पूरा करने के लिए वैक्सीन के प्री-ऑर्डर कंपनियों को दिए जाएंगे। इसमें प्राइवेट अस्पतालों का कोटा 25 फीसदी है। ऐसे में इस ग्रुप के लिए 22 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है।
भारत में कोरोना वायरस की रफ्तार पर ब्रेक लगता दिख रहा है, लेकिन इस बीच नए मामलों के साथ मरने वालों के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटे में एक बार फिर नए मामलों में बढ़ोतरी हुई है और 92 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 2219 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले मंगलवार यानि 8 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटों में कोविड-19 संक्रमण के 86498 नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2123 मरीजों की मौत हुई थी। बता दें कि भारत में अब कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 90 लाख 88 हजार 176 हो गई है, जबकि 3 लाख 53 हजार 557 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वंही अगर बात करें वैक्सीनेशन की तो केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 8 जून सुबह 8 बजे तक कोरोना वैक्सीन की 23 करोड़ 61 लाख 98 हजार 726 डोज दी जा चुकी है। इनमें से 18 करोड़ 95 लाख 95 हजार 747 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है, जबकि 4 करोड़ 66 लाख 2 हजार 979 लोग दोनों डोज लगवा चुके हैं।
सामाजिक आर्थिक विकास के कार्यों तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में अपना सतत सहयोग प्रदान कर समुदाय के कल्याण के प्रति अपने दायित्व की पूर्ति करते हुए जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न स्तरों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लोगों के जीवन को बचाने और संक्रमितों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए अपना सक्रिय योगदान दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों के साथ-साथ जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न स्तरों पर चुनकर आए सदस्यों व प्रतिनिधियों ने कोरोना की दूसरी लहर में जिला के बसंतपुर, मशोबरा, ठियोग, नारकंडा, ननखड़ी, रामपुर, जुब्बल, चैपाल, रोहड़ू, छौहारा कुपवी और टुटू समेत 407 पंचायतों में संक्रमण से बचाव और संक्रमित रोगियों की देखभाल के लिए सहयोग व सहायता प्रदान कर कार्य किया गया। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों व प्रतिनिधियों द्वारा क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की निरंतर निगरानी का कार्य किया जा रहा है होम क्वॉरेंटाइन में रहकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे रोगियों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा रहा है। बाहर से आए व्यक्ति जिला के इन क्षेत्रों की विभिन्न पंचायतों में क्वॉरेंटाइन हैं जिनकी निगरानी व जांच कार्य निरंतर किया जा रहा है। जिनमें उस क्षेत्र के पंचायत सदस्यों पंचायती राज प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग मिल रहा है। पंचायती राज सदस्य व प्रतिनिधियों के सहयोग से जिला के विभिन्न पंचायतों में लक्षण प्राप्त 2710 लोगों की जांच का कार्य किया गया। प्रदेश सरकार के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला में 635 विभिन्न विवाह व धार्मिक अनुष्ठान कार्यों का निरीक्षण इनके द्वारा किया गया तथा इनमें भीड़ इकट्ठी ना होने देना की प्रतिबद्धता के प्रति जिम्मेदारी का निर्वाहन किया गया। होम आइसोलेशन रह रहे 1766 कोरोना संक्रमित रोगियों की जांच की गई। सभी विकास खंडों में सेनेटाइजेशन शिमला जिला की सभी विकास खंडों के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर कोरोना संक्रमण की जंग लड़ने में इनका सहयोग सार्वजनिक क्षेत्रों को सैनिटाइज करने में भरपूर रूप से प्राप्त हुआ है जगह जगह गली मोहल्लाें, बाजाराें और पगडंडियों के सैनिटाइज के कार्यों को पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के साथ इन पदाधिकारियों, सदस्यों ने अंजाम दिया। इसके अतिरिक्त जागरूकता गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोविड-19 सकारात्मक व्यवहार और कोविड-19 से बचाव के लिए विशेष मानक संचालन की अनुपालना के प्रति जागरूकता प्रदान की गई। विभिन्न प्रचार सामग्रियों को लोगों तक पहुंचाने और उस पर अमल कर कोरोना से बचाव के प्रति सचेत किया गया। मास्क वितरण कार्य तथा लोगों को मास्क बना कर समाज को प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया, विशेष रुप से स्वयं सहायता समूह का योगदान इसमें लेकर उन्हें सेवा की मुख्यधारा से जोड़ा गया। हाेम आइसोलेशन के लाेगाें काे दी दवाई होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को राशन, सब्जी, दवाइयां आदि की उपलब्धता पंचायतों द्वारा भी सुनिश्चित की जा रही है। जिला में 129 होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को राशन उपलब्ध करवाया गया। पंचायत प्रतिनिधि,पंचायत सचिव तथा पंचायती राज ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोविड 19 जांच के लिए परस्पर जानकारी जुटाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है तथा टीकाकरण के लिए सभी विकास खण्डों में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से मरने वाले व्यक्ति के दाह संस्कार आदि कार्यो में भी पंचायत प्रतिनिधि व पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य अपना सहयोग प्रदान कर रहे है।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के राज्य नाट्य दल द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर प्रचार-प्रसार के माध्यमों द्वारा लोगों को कोरोना महामारी से बचाव व सावधानियों के बारे जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान में कलाकारों ने कोरोना महामारी से बचाव के विभिन्न उपायों जैसे साबुन से बार-बार हाथ धोनें, परस्पर दूरी बनाए रखने, ज्यादा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाने, सेनिटाइजर का उपयोग करने इत्यादि के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। जागरूकता कार्यक्रमों के दौरान कलाकार लोगों को पारम्परिक लोक नाट्य और लोक गीतों के माध्यम से कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए विभिन्न दिशा-निर्देशों के बारे में भी अवगत करवा रहे हैं। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस ब्रेसकाॅन ने बताया कि लोगों को कोरोना महामारी के बारे में जागरूक करने के लिए राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न जिलों के दूर-दराज क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ़्तार अब काम होने लगी है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के एक लाख 636 नए मामले सामने आए हैं. वहीं, कल 2427 लोगों की मौत हो गई. हालांकि कल एक लाख 74 हजार 399 लोग ठीक भी हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटे में आए कोरोना वायरस के नए मामले 61 दिनों में सबसे कम है. इससे पहले सबसे कम केस 7 अप्रैल को दर्ज किए गए थे, तब एक दिन में एक लाख 15 हजार से ज्यादा केस सामने आए थे. मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश में अब दैनिक पॉजिटिविटी रेट 6.34 फीसदी हो गई है. वहीं, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस वैक्सीन की 13 लाख 90 हजार 916 डोज लगाई गईं हैं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 23 करोड़ 27 लाख 86 हजार 482 हो गया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिष ने जानकारी दी है कि भारत में कल कोरोना वायरस के 15 लाख 87 हजार 589 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. जिसके बाद कल तक कुल 36 करोड़ 63 लाख 34 हजार 111 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं.
शिमला। राज्य सरकार द्वारा वैश्विक कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने व इस बीमारी से संक्रमित लोगों के जीवन को बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं, उचित देखभाल व उपचार के परिणामस्वरूप कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 94 प्रतिशत तक पहुंच गई है। राज्य के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में तैनात हजारों चिकित्सकों,नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों द्वारा प्रदान की जा रही बहुमूल्य सेवाओं के फलस्वरूप अब तक प्रदेश में एक लाख 81 हजार 972 लोग इस महामारी को मात देकर स्वस्थ हो चुके है। प्रदेश में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों के अब तक 194727 मामले सामने आ चुके है, जिनमें से 181972 मरीज स्वस्थ्य हो कर अपने-अपने परिवार संग हंसी खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। राज्य में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या अब 9484 रह गई है।राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में व्यापक स्तर पर कोरोना परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों सहित अनेक स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड महामारी के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध करवा कोरोना टेस्ट किए जा रहे है। प्रदेश में अब तक 2005214 लोगों का कोविड परीक्षण पाए गए हैं, जिसमें 1809866 लोगों का कोरोना परीक्षण नेगेटिव पाए गए हैं। प्रदेश में ब्लैक फंगस के 16 मामले भी सामने आए हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना महामारी को मात देकर जिदंगी की जंग जीतने वाले लोगों में कांगड़ा जिला प्रदेश भर में सबसे अग्रणी बना हुआ है। कांगड़ा जिला में अब तक सबसे ज्यादा 41052 कोरोना मरीज ठीक हुए है। जबकि दूसरे स्थान पर जिला मंडी है। मंडी जिला में ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 24651 है। इसके अलावा जिला बिलासपुर में 11709, जिला चंबा में 9224, जिला हमीरपुर में 12863, जिला किन्नौर में 2748, जिला कुल्लू में 7889, जिला लाहौल स्पीती में 2510, जिला शिमला में 22705, जिला सिरमौर में 14034, जिला सोलन में 20730 और जिला ऊना में 11857 लोग कोरोना महामारी से स्वस्थ हो चुके है।
स्पूतनिक वी वैक्सीन तैयार करने के लिए हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित पनेशिया कंपनी 20 जून तक स्टेट ड्रग कंट्रोलर से लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। अभी तक कंपनी ने केवल टेस्ट ट्रायल के लिए लाइसेंस लिया है। टेस्ट में खरा उतरने के बाद अब व्यावसायिक उत्पादन के लिए कंपनी लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। दिल्ली के उच्च न्यायालय ने कंपनी को टीके बनाने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार को 14 करोड़ जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस निर्णय से पनेशिया को उम्मीद बंधी है। अगर यह राशि कंपनी को मिलती है तो रूसी कोविड टीके स्पूतनिक वी के उत्पादन में तेजी आएगी। आदेश के मुताबिक स्पूतनिक वी वैक्सीन की बिक्री आय का 20 प्रतिशत रजिस्ट्री के माध्यम से जमा किया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को देखते हुए यह निर्देश जारी किए हैं।
दक्षिण अफ्रीका में HIV पॉजिटिव महिला में 216 दिन तक रहा वायरस, 32 बार हुआ म्यूटेशन, जानिए पूरा मामला
कोरोना वायरस की भीषण तबाही को पूरी दुनिया ने देख लिया। अभी भी यह खतरनाक वायरस कई देशों में चौंकाने वाले कारनामे कर रहा है। ऐसा ही एक मामला दक्षिण अफ्रीका से सामने आया है जहां एक HIV पॉजिटिव महिला के अंदर कोरोना वायरस 216 दिन तक रहा और इस दौरान वायरस में 30 बार म्यूटेशन हुआ। डरबन स्थित क्वाजूलू-नेटल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसका खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि 36 वर्षीय महिला के शरीर में 13 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन में देखे गए। यह वही प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस को प्रतिरोधक तंत्र के हमले से बचाता है। हालांकि यह महिला में मौजूद म्यूटेशन का प्रसार अन्य लोगों में भी हुआ या नहीं इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस एंजेलिस टाइम्स से बातचीत में स्टडी के लेखक टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया है कि अगर ऐसे और मामले मिलते हैं तो इससे आशंका नजर आएगी कि HIV इन्फेक्शन नए वेरिएंट का सोर्स हो सकता है। बताया गया कि सबसे पहले महिला को लक्षण दिखाई दिया तो उसका टेस्ट कराया गया और वह पॉजिटिव निकली। शुरुआती इलाज के बाद भी महिला में हल्के-फुल्के लक्षण थे, लेकिन वायरस उसके अंदर ही मौजूद रहा। फिर वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 13 बार म्यूटेशन हुआ, इसी स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर ही ज्यादातर वैक्सीन वायरस पर असर कर सकती है। इस महिला का मामला तब पता चला जब महिला 300 HIV पॉजिटिव लोगों पर की गई स्टडी में शामिल हुईं। ऐसे मरीजों में वायरस लंबे वक्त तक रहता है जिससे उसे म्यूटेट होने का मौका मिलता है। टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया कि इलाज के बाद भी वायरस महिला के अंदर मौजूद था। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह खोज महामारी की रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण है। एचआईवी प्रभावित देशों में ऐसे मरीजों में वायरस को फैलने से रोकने के लिए इस मुहिम में तेजी आएगी। बता दें कि अफ्रीका देशों में कोरोना संक्रमण ने भी कहर बरपाया है। दक्षिण अफ्रीका कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका में अब कोरोना का प्रसार कम हुआ है।
भारत में कोरोना वायरस की रफ़्तार धीरे-धीरे थमने लगी है। देश में पिछले घंटे में कोरोना के 1,20,529 नए मामले सामने आए है। इसके बाद देश में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,86,94,879 हो गई है। वहीं बीते 24 घंटे में 3,380 लोगों ने संक्रमण से जान गवाई है। अब देश में कुल मौतों की संख्या 3,44,082 हो गई है। इसी तरह 1,97,894 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,67,95,549 हुई। देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों यानी एक्टिव केस की बात करें तो फिलहाल ये आंकड़ा 15,55,248 के निशान पर रुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 28 मई से लगातार नए सामने आने वाले कोरोना केस दो लाख से कम हुए हैं। वहीं रोजाना औसतन 100 से ज्यादा नए मामले सामने आने वाले जिलों में भी लगातार कमी आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण के मामले प्रतिदिन घटते जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण की दैनिक दर करीब 6 प्रतिशत है, जबकि कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने की दर भी 93 प्रतिशत से ऊपर है।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार अब धीरे-धीरे थमने लगी। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 के 1 लाख 34 हज़ार नए केस सामने आए हैं और 2899 मरीजों ने संक्रमणा से जान गवाई है। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 84 लाख 40 हजार 988 हो गई है, जबकि 3 लाख 38 हजार 13 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं इससे पहले बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 1 लाख 32 हजार 788 नए केस दर्ज किए गए थे और 3207 संक्रमितों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के आसार देशभर में पिछले 24 घंटे में 2.11 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए है। इसके बाद भारत में कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 63 लाख 82 हजार 897 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट आई है और 17 लाख 20 हजार 78 लोगों का इलाज चल रहा है।
काेराेना महामारी ने देश और प्रदेश में इस वर्ष होने वाली जनगणना की प्रक्रिया को राेक दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए पिछले साल दिसंबर माह में तैयारियां भी शुरु कर दी गई थी, लेकिन इस वर्ष जनगणना संभव हो पाना काफी कठिन लग रहा है। कारण यही है कि पूरा देश इस वक्त काेराेना से लड़ रहा है, हालाँकि कोरोना से जंग पूरी तरह जीतने के बाद शायद जनगणना की प्रक्रिया शुरु हाे जाए। प्रदेश सरकार ने जनगणना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यस्तरीय समन्वय समिति भी बना दी है। हिमाचल प्रदेश में जनगणना कार्य में पारदर्शिता और सही जानकारी के संकलन के लिए मोबाइल एप भी बनेगा। इसके माध्यम से राज्य में जनगणना 2021 का अधिकतम कार्य संपादित करवाया जाएगा। जानकारियों का संकलन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकेगा। बीते फरवरी व मार्च माह में उपायुक्तों और जिले के अन्य अधिकारियों को जनगणना के कार्य का विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया है। निदेशक जनगणना के मुताबिक जनगणना कार्यालय द्वारा हिमाचल में 18 मास्टर ट्रेनर को पिछले साल नवंबर में प्रशिक्षण दिया गया था। ये मास्टर ट्रेनर मार्च में सभी जिलों में लगभग 418 फील्ड ट्रेनर को प्रशिक्षण देने वाले थे। इनके द्वारा अप्रैल में राज्य के लगभग 19500 प्रगणकों व पर्यवेक्षकों को जनगणना का कार्य करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना था, लेकिन काेराेना के बढ़ते केस काे देखते हुए ऐसा संभव नहीं हाे पाया। बताया गया कि जनगणना से पहले प्रगणक अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर मोबाइल एप के माध्यम से जनगणना का कार्य संपादित करेंगे। मोबाइल फोन के माध्यम से जनगणना कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 25 हजार और पेपर पर कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 17 हजार रुपये मानदेय भी दिया जाना है। 16 मई से 30 जून तक हाेना थी मकानाें की गणना जनगणना विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में प्रथम चरण में 16 मई से 30 जून तक मकानों की गणना कर उन्हें सूचीबद्ध किए जाने का शेडयूल तैयार कर दिया है। उपरोक्त कार्य के साथ-साथ राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर को भी अपडेट किया जाएगा। जनगणना के संपूर्ण कार्य का पर्यवेक्षण वेब पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। पर अभी इसके लिए हिमाचल के काेराेना मुक्त हाेने का इंतजार करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए कोविशील्ड वैक्सीन का कोटा बढ़ा दिया है। यह कोटा 18 से 44 साल और 45 साल से ऊपर के दोनों वर्गों के लिए बढ़ाया गया है। हिमाचल सरकार ने केंद्र से पहले 1,19,760 डोज मांगी थी। जबकि केंद्र सरकार ने इसमें 47,420 डोज बढ़ाकर हिमाचल को 1,67,180 डोज देने का फैसला लिया है। यह कोटा जून महीने के लिए जारी हुआ है। इसी तरह केंद्र सरकार ने 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए भी डोज बढ़ा दी है। इसमें 2,52,770 के अलावा 46,630 डोज बढ़ाई है। यह वैक्सीन एक सप्ताह के भीतर आ सकती है। 45 साल से ऊपर के आयु वर्ग के लिए यह डोज हिमाचल को केंद्र से निशुल्क मिलेगी। यह वैक्सीन जून के पहले पखवाड़े के लिए जारी की गई है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की कुल जनसंख्या के 27.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगा दी है। 18 साल से ऊपर की पात्र जनसंख्या के 34 प्रतिशत और 45 साल से ज्यादा उम्र के 89.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। 22 और श्रेणियों को प्राथमिकता से लगेगा टीका प्रदेश सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए 22 और श्रेणियां को शामिल किया है। इसमें सभी दिव्यांगों, सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों के पूरे स्टाफ को प्राथमिकता से वैक्सीन लगेगी। जल शक्ति, लोक निर्माण, पशुपालन आदि महकमे के कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा पशुपालन विभाग के कर्मचारी, टेलीकॉम प्रोवाइडर के कर्मचारी, अग्निशमन विभाग के कर्मचारी, फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी, जल शक्ति विभाग के कर्मचारी, लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी, ईपीएफओ और इंश्योरेंस सेक्टर के कर्मचारी, डाक विभाग के कर्मचारी, उद्योग विभाग और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के कर्मचारी, खाद्य आपूर्ति निगम के सभी कर्मचारी, ट्रेजरी विभाग के कर्मचारी जीएडी, एसएडी, विधानसभा, पब्लिक सर्विस कमीशन, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और राज्यपाल सचिवालय के कर्मचारी, रेलवे विभाग के सभी कर्मचारी, 18 साल से ऊपर के सभी एनसीसी कैडेट, जेलों में बंद सभी 18 साल से ऊपर के कैदी, हिमाचल प्रदेश टूरिज्म में सभी कार्यरत कर्मचारी और कोविड-19 में अपनी ड्यूटी निभा रहे सभी वालंटियर को स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीनेशन के लिए प्राथमिकता की सूची में डाला है। इन सभी को अपने संबंधित विभागों से सर्टिफिकेट लाना होगा। जिसमें यह पता लग सके कि यह उसी विभाग में कार्यरत है। दुर्गम क्षेत्रों में बिना स्लॉट बुकिंग लगेगा टीका प्रदेश सरकार ने 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों के लिए स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता खत्म कर दी है।अब वेबसाइट पर शेड्यूल बुक किया जा सकेगा। कोविड टीकाकरण रणनीति के लिए गठित स्टेट स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे कम होने लगी है और नए मामलों में भारी कमी आई है। इसके साथ ही मौत के आंकड़े भी घटे हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 के 1 लाख 52 हज़ार से ज़्यादा नए केस सामने आए हैं और 3129 मरीजों की मौत हुई है, जबकि इससे पहले रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटे में 1.65 लाख नए मामले दर्ज किए गए थे और 3460 मरीजों की मौत हुई थी।वर्ल्डोमीटर के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 80 लाख 46 हजार 957 हो गई है, जबकि 3 लाख 29 हजार 127 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वंही, देशभर में पिछले 24 घंटे में 2.3 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 56 लाख 84 हजार 529 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट हुई है और देशभर में 20 लाख 33 हजार 301 लोगों का इलाज चल रहा था।
देश में यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले वक्त में लोगों को दी जाने वाली कोरोना की वैक्सीन में बहुत बड़े बदलाव हो सकते हैं। यह बदलाव किसी और वजह से नहीं बल्कि यह हाल भूल से लगाई जाने वाली कंपनियों की वैक्सीन की डोज़ को देखते हुए हो रहा है। वैज्ञानिक अब इस शोध में लगने वाले हैं कि आने वाले वक्त में लोगों को "मिक्स एंड मैच" वैक्सीन की डोज दी जाए। मिक्स एंड मैच वैक्सिंग की डोज़ का मतलब होता है कि एक टीके की डोज किसी कंपनी की और दूसरे टीके की डोज किसी कंपनी की लगाई जाए। शोध के बाद आने वाले परिणामों को देखते हुए ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। कई बार ऐसा देखा गया है कि लोगों को दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन की डोज़ देने से उनके अंदर मजबूती और उनके अंदर बीमारी से लड़ने की क्षमता ज्यादा हो जाती है। क्योंकि हाल के दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में इस तरीके की घटनाएं सामने आई है। हालांकि यह घटनाएं लापरवाही की वजह से ही हुई हैं लेकिन वैज्ञानिक आधार पर इस तरीके की कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखे जाते हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि देश में आने वाले वक्त में मिक्स एंड मैच वैक्सीन की स्टडी की जाएगी। उनका कहना है कि हमारा मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों में स्ट्रांग इम्यूनिटी बनाने का है। इसके लिए लगातार शोध होते रहते हैं। यह भी उसी कड़ी का हिस्सा होगा। टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक तैयारियाँ पूरी हैं, बहुत जल्द ही इस पर शोध किया जाएगा।। जांच के लिए दो अलग-अलग वर्गों को वैक्सीन देने के लिहाज से बांटा जाएगा और उसके बाद इसके परिणाम को आंका जाएगा। वह कहते हैं कि टीकाकरण की पुरानी व्यवस्थाओं में भी ऐसा अक्सर देखा जाता रहा है कि अलग-अलग कंपनियों की अलग-अलग डोज़ देने से किसी भी तरीके का मरीज पर कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है। अगर यह शोध सफल हो जाएगा तो देश में मिक्स एंड मैच वैक्सीन की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। ऐसा करने से वैक्सीन लगाने की टाइमिंग से लेकर पूरे प्रोटोकॉल को नए स्वरूप में लाना होगा। हालांकि इस पूरे मामले को देखने वाले सदस्यों का कहना है कि वैक्सीन के प्रोटोकॉल के बदलने की कोई भी आवश्यकता नहीं होगी। देश में हो रहे टीकाकरण की व्यवस्था पर नजर रखने वाली टीम के सदस्य लगातार उन मरीजों को ऑब्जर्व कर रहे हैं जिनको अलग-अलग कंपनी की दो अलग-अलग डोज़ लगाई गई है। इस पूरे मामले में शोध करने वाली टीम का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले कुछ महीने में ही मिक्स एंड मैच व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। क्योंकि अगले 3 से 4 महीने के भीतर देश में और भी बहुत सारी कंपनियों की वैक्सीन आने वाली है। उनके आने से यह व्यवस्था और ज्यादा मजबूत हो सकेगी। साथ ही मिक्स एंड मैच टीकाकरण व्यवस्था से लोगों को बहुत ज्यादा टीके के लिए ना तो इंतजार करना पड़ेगा और ना ही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर धीरे-धीरे मंद पड़ रही है लेकिन मौत की संख्या में मामुली गिरावट ही दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1 लाख 65 हजार 553 नए कोरोना केस आए और 3460 संक्रमितों की जान चली गई है। वहीं 2 लाख 76 हजार 309 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि बीते दिन 1,14,216 एक्टिव केस कम हो गए. इससे पहले शुक्रवार को 173,790 लाख और गुरुवार को 186,364 लाख नए केस दर्ज किए गए थे। आज देश में लगातार 17वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं. पिछले 46 दिन में आज कोरोना वायरस के सबसे कम नए मामले आए हैं। 29 मई तक देशभर में 21 करोड़ 20 लाख 66 हजार 614 कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 30 लाख 35 हजार 749 टीके लगाए गए। वहीं अबतक 34 करोड़ 31 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. बीते दिन करीब 20 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 8 फीसदी से ज्यादा है।
देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप हालाँकि अभी भी जारी है। लेकिन वंही अब दिन प्रतिदिन कोरोना के नए मामलों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना 1 लाख 73 हजार नए मामले सामने आए हैं, जोकि बीते 45 दिनों कोरोना संक्रमण का सबसे कम आंकड़ा हैं। देश में पिछले 24 घंटे में 2 लाख 84 हजार 601 मरीज़ ठीक भी हुए हैं। बता दें कि देश में अबतक कोरोना से 2 करोड़ 51 लाख 78 हजार 11 लोग ठीक हो चुके हैं। देश में अब रिकवरी रेट बढ़कर 90.80 फीसदी हो गया है। वहीं, साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट अब 9.84 फीसदी हो गया है, जो लगातार पिछले पांच दिनों में दस फीसदी से कम है। गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना से 3617 लोगों की मौत हुई है।
प्रदेश सरकार ने 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों के लिए स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब वेबसाइट पर शेड्यूल बुक किया जा सकेगा। कोविड टीकाकरण रणनीति के लिए गठित स्टेट स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह सुविधा रणनीति के अनुसार ऑन-साइट पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी। इन जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में स्थानीय जिला प्रशासन शत प्रतिशत ऑनलाइन बुकिंग या ऑन-साइट पंजीकरण करवा सकता है। संबंधित उपायुक्त टीकाकरण केंद्रों में भीड़ एकत्र न हो, इस संबंध में योजना तैयार करेेंगे। यदि बुकिंग करने वाले लाभार्थियों की अनुपस्थिति के कारण स्लॉट खाली रहते है तो टीकाकरण वाले दिन अधिकतम 9 लाभार्थियों के लिए सत्र दोबारा ऑनलाइन प्रदर्शित किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए 22 और श्रेणियां को शामिल किया है। इसमें सभी दिव्यांगों, सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों के पूरे स्टाफ को प्राथमिकता से वैक्सीन लगेगी। जल शक्ति, लोक निर्माण, पशुपालन आदि महकमे के कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया गया है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि सभी सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों का स्टाफ, इन सभी को संबंधित डिप्टी डायरेक्टर हायर एजूकेशन से सर्टिफिकेट लाना होगा। इसके अलावा पशुपालन विभाग के कर्मचारी, टेलीकॉम प्रोवाइडर के कर्मचारी, अग्निशमन विभाग के कर्मचारी, फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी, जल शक्ति विभाग के कर्मचारी, लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी, ईपीएफओ और इंश्योरेंस सेक्टर के कर्मचारी, डाक विभाग के कर्मचारी, उद्योग विभाग और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के कर्मचारी, खाद्य आपूर्ति निगम के सभी कर्मचारी, ट्रेजरी विभाग के कर्मचारी जीएडी, एसएडी, विधानसभा, पब्लिक सर्विस कमीशन, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और राज्यपाल सचिवालय के कर्मचारी, रेलवे विभाग के सभी कर्मचारी, 18 साल से ऊपर के सभी एनसीसी कैडेट, जेलों में बंद सभी 18 साल से ऊपर के कैदी, हिमाचल प्रदेश टूरिज्म में सभी कार्यरत कर्मचारी और कोविड-19 में अपनी ड्यूटी निभा रहे सभी वॉलिंटियर को स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीनेशन के लिए प्राथमिकता की सूची में डाला है। इन सभी को अपने संबंधित विभागों से सर्टिफिकेट लाना होगा। जिसमें यह पता लग सके कि यह उसी विभाग में कार्यरत है।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए कोविशील्ड वैक्सीन का कोटा बढ़ा दिया है। यह कोटा 18 से 44 साल और 45 साल से ऊपर के दोनों वर्गों के लिए बढ़ाया गया है। हिमाचल सरकार ने केंद्र से पहले 1,19,760 डोज मांगी थी। केंद्र सरकार ने इसमें 47,420 डोज बढ़ाकर हिमाचल को 1,67,180 डोज देने का फैसला लिया है। यह डोज़ जून महीने के लिए जारी की गई है। इसी तरह केंद्र सरकार ने 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए भी डोज बढ़ा दी है। इसमें 2,52,770 के अलावा 46,630 डोज बढ़ाई है। अब यह कोटा 2,99,400 कर दिया है। यह वैक्सीन एक सप्ताह के भीतर आ सकती है। 45 साल से ऊपर के आयु वर्ग के लिए यह डोज हिमाचल को केंद्र से निशुल्क मिलेगी। यह वैक्सीन जून के पहले पखवाड़े के लिए जारी की गई है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की कुल जनसंख्या के 27.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगा दी है। 18 साल से ऊपर की पात्र जनसंख्या के 34 प्रतिशत और 45 साल से ज्यादा उम्र के 89.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाई गई है।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि बड़ी मशक्त के बाद कोरोना को काबू में किया गया है, लेकिन अभी भी कोरोना से जंग बाकी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोला जाएगा। सबसे पहले उन लोगों का ध्यान रखना है जो समाज का सबसे गरीब तबका है। जैसे मजदूर व प्रवासी आदि। आज बैठक की में फैसला लिया गया कि दिल्ली में सोमवार से कंस्ट्रक्शन और फैक्ट्रियों की गतिविधियों को खोला जाएगा और अगले एक हफ्ते के लिए यह दोनों सेक्टर खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम हफ्ता दर हफ्ता जनता के सुझाव और एक्सपर्ट से राय लेकर लॉकडाउन को खोलने की प्रक्रिया जारी रखेंगे, वंही अगर बीच में लगा कि कोरोना बढ़ने लगा तो अनलॉक की प्रकिया को फिर से रोकना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने जनता के सहयोग और कोरोना सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल्स की कड़ाई से पालना करने की अपील की है।
देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 1 लाख 86 हज़ार से ज़्यादा नए मामलें आए सामने, 3660 लोगों की हुई मौत
देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी भी जारी है हालांकि पिछले दिनों से अब कोरोना के नए मामलों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1.86 लाख नए मामलों सामने है जोकि 44 दिनों बाद कोरोना वायरस के मामलों का सबसे कम आंकड़ा है। नए मामले आने के बाद देश में अब कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,75,55,457 हो गई है। वंही बीते 24 घंटे में संक्रमण से 3,660 नई मौते दर्ज की गई है जिसके बाद कुल मौतों की संख्या 3,18,895 हो गई है.।गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में 2,59,459 लोगों ने संक्रमण से जंग जीती है जिसके बाद संक्रमण से ठीक होने वाली कि संख्या 2,48,93,410 हो गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस का पहली बार पाया गया बी.1.617 प्रकार अब 53 देशों में मिला है। डब्ल्यूएचओ ने पाया कि पिछले 7 दिन में भारत में नए मामलों में 23 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है लेकिन यह फिर भी दुनिया में सबसे ज्यादा है। विश्व डब्ल्यूएचओ के कोविड-19 साप्ताहिक महामारी संबंधी अपडेट में यह जानकारी दी गई है। अपडेट के मुताबिक भारत में पहली बार सामने आया बी.1.617 प्रकार अब दुनिया भर के 53 देशों में सक्रिय है। बी.1.617 वायरस तीन वंशावलियों में विभाजित है- बी.1.617.1, बी.1.617.2 और बी.1.617.3 । अपडेट में विभिन्न देशों और क्षेत्रों में 25 मई तक बी.1.617 की तीन उपवंशावलियों के प्रचलन को देखा गया। इसके मुताबिक, 41 देशों में बी.1.617.1 पाया गया, 54 देशों में बी.1.617.2 और छह देशों में बी.1.617.3 पाया गया है।
भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर अभी भी जारी है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमण का प्रकोप पहले से कम हुआ है लेकिन मौत का तांडव अभी भी जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 2 लाख 11 हजार 298 कोरोना के नए केस सामने आए और 3847 संक्रमित कोरोना से जंग हार गए। वहीं 2 लाख 83 हजार 135 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि बीते दिन 75,684 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले मंगलवार को 208,921 लाख नए केस दर्ज किए गए थे और 4157 संक्रमितों की मौत हुई थी। गौरतलब है कि 26 मई तक देशभर में 20 करोड़ 26 लाख 95 हजार 874 कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 18 लाख 85 हजार 805 टीके लगाए गए। वहीं अबतक 33 करोड़ 70 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार पर ब्रैक लगा है और पिछले कई दिनों से लगातार नए मामलों में कमी आई है। इसके साथ ही कोविड-19 से होने वाली मौत की संख्या भी कम हुई है। पिछले 24 घंटे में देशभर में 1.95 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 3498 लोगों की मौत हुई है। भारत में अब तक कोरोना वायरस से 2 करोड़ 69 लाख 47 हजार 496 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि महामारी की वजह से 3 लाख 7 हजार 249 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में पिछले 24 घंटे में 3.26 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 40 लाख 47 हजार 760 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में भी गिरावट आई है और देशभर में 25 लाख 92 हजार 487 लोगों का इलाज चल रहा है।
कोविन पोर्टल की शुरुआत वैक्सीन लेने वालों की सहूलियत के लिए हुई थी लेकिन जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों लोग कोविन पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। लोगों की इस समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 18-44 आयु वर्ग के लोग अब बिना अप्वाइंटमेंट किसी भी सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है। अब ऑनसाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा 18 साल से 44 साल की उम्र के वैक्सीनेशन के लिए अब ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा होगी। अब 18 से 44 साल के लोग सीधे वैक्सीनेशन सेंटर्स पर जाकर वैक्सीन ले सकते हैं, हालांकि कोविन पोर्टल (Cowin.gov.in) पर पहले से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मंत्रालय ने कहा है कि अब 18-44 साल वालों को वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं है। यदि आपने पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया है तो अच्छी बात है, वरना आपको वैक्सीनेशन सेंटर पर ही रजिस्ट्रेशन करना होगा और उसके बाद आपको अप्वाइंटमेंट और वैक्सीन मिलेगी। मंत्रालय ने कहा है कि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के दौरान कई जगहों से वैक्सीन बर्बाद होने की भी रिपोर्ट मिली है जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया है। अलग-अलग राज्यों के निर्णय के बाद ही वहां ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट मिल पाएगा। यानी आखिरी फैसला राज्य सरकार के हाथों में है। मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है। कैसे मिलेगी ऑनसाइट वैक्सीन रोजना जब लोगों को टीका देने का समय खत्म हो जाएगा या दिन के अंतिम समय में जो वैक्सीन बच जाएगी, उसे ऑनसाइट व्यवस्था के तहत लोगों को दी जाएगी, जिससे कि टीके की बर्बादी ना हो। इस नई व्यवस्था का जिक्र कोविन प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है। फिलहाल नई सुविधा सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ही होगी।
प्रदेश के अस्पताल में काेविड मरीजाें के लिए बैड की कमी नहीं आएगी, क्याेंकि जयराम सरकार ने प्रदेश के कई ज़िलों में मेकशिफ्ट हेल्थ सेंटर तैयार कर दिए गए हैं। जहां पर काेराेना संक्रमित मरीजाें का इलाज हाेगा वह भी बेहतरीन सुविधा के साथ। बीते दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी जिले के खलियार में राधास्वामी सत्संग ब्यास कोविड समर्पित मेकशिफ्ट स्वास्थ्य केन्द्र (डीसीएचसी) का लोकार्पण किया। इस अस्पताल में 200 पूर्ण ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर, 200 बिस्तरों की क्षमता का गंभीर रोगी वार्ड तथा केन्द्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध है। बताया गया कि इस अस्पताल में गर्म व ठंडे पानी की सुविधा वाले अलग-अलग वाशरूम, मरीजों के आराम के लिए लाउंज, उपचार संगीत, अग्नि सुरक्षा व्यवस्था और रोगियों के लिए गर्म व ठंडे पानी के आरओ की सुविधा उपलब्ध है। इसमें 16 सीसीटीवी और स्वचालित स्विचओवर पावर बैकअप जेन-सेट और ऑन द स्पाॅट लैब की सुविधा है, जिसे 140 स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संचालित किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 200 बिस्तरों की क्षमता वाला यह मेकशिफ्ट अस्पताल कोविड-19 रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ-साथ भंगरोटू में 100 बिस्तरों की क्षमता के एक अन्य प्री-फैब्रिकेटिड अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है। सीएम जयराम ठाकुर कहते हैं कि कोविड-19 रोगियों की संख्या में तीव्र वृद्धि चिंता का विषय है। कोविड रोगियों के लिए बेड की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने शिमला, कांगड़ा, नालागढ़ आदि में प्री-फैब्रिकेटिड कोविड अस्पताल बनाए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह का अस्पताल नेरचैक में भी बनाया जा रहा है। राधास्वामी सत्संग ब्यास ने दिया सरकार का साथ कोविड रोगियों के उपचार के लिए राधास्वामी सत्संग ब्यास ने मण्डी जिला के खलियार, कांगड़ा जिला के परौर और सोलन में मेकशिफ्ट अस्पतालों के निर्माण के लिए अपने परिसर उपलब्ध करवाए हैं। जिला कांगड़ा के परौर में मेकशिफ्ट अस्पताल का निर्माण कार्य भी पूरा होने वाला है। प्रारंभ में इस अस्पताल में 250 बिस्तरों की क्षमता होगी, जिसे आवश्यकता के अनुसार बढ़ाकर 1000 बिस्तर तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महामारी के दौरान राज्य सरकार की सहायता के लिए राधा स्वामी सत्संग ब्यास का आभार व्यक्त किया। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता की माने ताे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में मरीजों के निरन्तर सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि उनकी स्थिति की नियमित निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि होम आइसोलेशन में मरीजों की स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें तुरन्त अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए।
काेराेना संकट के दाैरान हिमाचल में काेविड-19 मरीजाें के लिए 123 एम्बूलेंस सुरक्षित हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए एम्बुलेंस सेवा को सुदुढ़ करने के लिए स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वीडियों काॅन्फ्रेंस के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा की उपलब्धता की समीक्षा की थी। उस दाैरान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 मरीजों को समय पर सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बताया गया कि राज्य के विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय एम्बुलेस सेवा 108 तथा जेएसएसके 102 के 123 वाहन कोविड सेवाओं के लिए समर्पित है। इसके अलावा प्रशासन तथा रेडक्राॅस जैसी संस्थाएं भी इस उद्देश्य में अपना योगदान दे रही हैं। स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों के संबंधित जिला प्रशासनिक अधिकारियों को कोविड-19 के मरीजों की वाहन सुविधा के लिए सेना, अर्धसैनिक बल, ईएसआई, जल विद्युत परियोजनाओं आदि में उपयोग किए जा रहे वाहनों की संभावित उपलब्धता तलाशने के लिए कहा, ताकि कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस सुविधा समय पर सुनिश्चित की जा सके। काेविड मरीजाें के लिए सिर्फ 108 नंबर एम्बूलेंस स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने सभी जिला प्रशासनिक अधिकारियों को कोविड के मरीजों के लिए राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा 108 की एम्बुलेंस का उपयोग करने का परामर्श दिया। क्योकि ऐसे मरीजों को लंबी दूरी तय करने के दौरान ऑक्ससीजन की अधिक मात्रा में आवश्यकता रहती है। इसके अलावा कम दूरी तय करने वाले मरीजों की वाहन सुविधा के लिए जेएसएसके 102 एम्बुलेंस सेवा का उपयोग किया जाना चाहिए, जिसमें आवश्यकता अनुसार छोटे ऑक्ससीजन सिलेंडर उपलब्ध होते है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को ऑक्ससीजन की आवश्यकता नहीं है या ठीक हो चुके मरीजों को वाहन सुविधा प्रदान करने के लिए नाॅन-एम्बुलेंस वाहनों का उपयोग किया जा सकता है।
काेराेना वाॅरियर्स यानी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों काे पीएम माेदी ने ताेहफा दे दिया है। स्वास्थ्य कर्मियाें के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना की अवधि अक्तूबर 2021 तक बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जिसका उद्देश्य कोविड-19 की स्थितियों के कारण किसी भी विपरित परिस्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि यह योजना देश भर के 22.12 लाख स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को 50 लाख रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना कवर प्रदान करने के लिए है। इस योजना में उन सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल और निजी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया हैं, जो सीधे तौर पर कोविड मरीजों के संपर्क में आते है और कोरोना मरीजों की देखभाल में अपनी सेवाएं दे रहे है, जिन्हें इन मरीजों से सीधे प्रभावित होने का खतरा हो सकता है। प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना न्यू इंडिया बीमा कंपनी के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने बताया कि पहले यह योजना 24 अप्रैल 2021 तक प्रभावी थी और अब इस बीमा योजना को 180 दिनों की अवधि के लिए और आगे बढ़ दिया गया है, ताकि स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को सुरक्षा प्रदान करना जारी रखा जा सके। यसानी अक्तूबर 31 तक बढ़ा दी गई। यह योजना कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को राहत प्रदान करने में सक्षम है। ये हाेंगे इन याेजना में कवर इस योजना के अन्तर्गत निजी अस्पताल के कर्मचारी, स्वयंसेवी/स्थानीय शहरी निकाय/अनुबंध/दैनिक वेतन/तदर्थ आउटसोर्स आधार पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मी जो विभिन्न राज्यों या केंद्र सरकार के अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे है, एम्स और आईएनआई/केंद्रीय मंत्रालयों के अस्पतालों के कर्मचारी, जो विशेष रूप से कोरोना मरीजों की देखभाल में अपनी सेवाएं दे रहे है, को इस योजना में कवर किया गया है। राज्य सरकार ने योजना के अन्तर्गत अपना दावा प्रस्तुत करने के लिए निदेशक, स्वास्थ्य सेवा हिमाचल प्रदेश को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया है।
एसडीएम देहरा धनबीर ठाकुर ने बीते दिनों रक्कड़ तहसील के अंतर्गत अलोह पंचायत में घरों में जाकर कोरोना संक्रमितों का हाल जाना। उन्होंने कहा कि कोरोना से लगभग सभी लोग घरों में ही ठीक हो रहे हैं, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग घरों में ही रहकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताई गई चिकित्सा विधि का पालन करें और पूरे जज्बे से कोरोना को हराने की मनोस्थिति रखें। एसडीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि संक्रमितों या उनके परिवारों को किसी प्रकार की कोई आवश्यक वस्तु की कमी न हो। उन्होंने स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को संक्रमितों के परिवारों से निरंतर संपर्क में रहने को कहा। एसडीएम ने कोरोना संक्रमितों से मिलने के उपरांत क्षेत्र में कोरोना नियमों की अनुपालना का जायजा लिया। उन्होंने आवश्यक सेवाओं में लगे सभी विभागों के कर्मचारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को कोरोना नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने को कहा।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में 48 अस्पतालों को कोविड समर्पित अस्पतालों के रूप में चिन्हित किया है। इनमें सरकारी व निजी क्षेत्र के अस्पताल शामिल हैं। चिन्हित अस्पतालों में हजारों चिकित्सक, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी दिन-रात कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अपनी बहुमूल्य सेवाएं दे रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा चिन्हित कोविड समर्पित अस्पतालों में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं जो कोरोना मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक हैं। कोविड समर्पित अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इन्जेक्शन, ऑक्सीजन युक्त बिस्तर, आईसीयू बिस्तर और जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। विभिन्न कोविड समर्पित अस्पतालों से अब तक लगभग एक लाख से ज्यादा मरीज स्वास्थ्य लाभ पा चुके है। मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कोविड सेवाओं के लिए चिन्हित प्रदेश के इन अस्पतालों में 5895 डी-टाईप ऑक्सीजन सिलेंडर और 1839 बी-टाईप ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं, जबकि प्रदेश में 3989 रेमडेसिविर इन्जेक्शन भी उपलब्ध हैं। विभिन्न जिलों में उपलब्ध कोविड बिस्तरों की संख्या लगभग 3291 है जिनमें 264 आईसीयू बिस्तर, 2324 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर भी उपलब्ध हैं। बिलासपुर , हमीरपुर और कांगड़ा ज़िले के मरीजाें का यहां हाे रहा इलाज जिला बिलासपुर में चार अस्पतालों को कोविड सेवाओं के लिए समर्पित अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है जिनमें क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, जिला आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर, नागरिक अस्पताल घुमारवीं और व्बायज हाॅस्टल जीडीसी बिलासपुर शामिल है। चंबा जिला में मेडिकल काॅलेज चंबा, नागरिक अस्पताल डलहौजी व डीसीएचसी सुरगनी, हमीरपुर जिला में मेडिकल काॅलेज हमीरपुर व आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर, जिला कांगड़ा में नागरिक अस्पताल नूरपुर, मेडिकल काॅलेज टांडा, आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला, जोनल अस्पताल धर्मशाला सहित सिटी केयर मल्टीस्पेश्यिलिटी अस्पताल गगल, सिटी अस्पताल मटौर, फोर्टिस अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, सूर्या अस्पताल, वीएमआई पालमपुर भी कोविड मरीजों के उपचार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। किन्नौर , शिमला , मंडी और लाहाैल के लिए ये हैं चिन्हित अस्पताल जिला किन्नौर में आयुर्वेदिक अस्पताल रिकांगपिओ, जिला कुल्लू में क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, जिला लाहौल स्पिति में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काजा, नागरिक अस्पताल उदयपुर व क्षेत्रीय अस्पताल केलंग को कोविड सेवाओं के लिए चिन्हित किया गया है। मंडी जिला में बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर, नागरिक अस्पताल रत्ती, एमसीएच सुंदरगनर, एमसीएच क्षेत्रीय अस्पताल मंडी, मेडिकल काॅलेज नेरचाैक मंडी, जिला शिमला में आईजीएमसी शिमला, डीडीयू शिमला, नागरिक अस्पताल रोहडू, एमजीएमएससी रामपुर व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अस्पताल शिमला शामिल हैं। सिरमौर, साेलन और ऊना ज़िले के लिए यहां हैं सुविधाएं जिला सिरमौर में मेडिकल काॅलेज नाहन, नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब व सराहन सहित अकाल एकैडमी अस्पताल, जगदीश चंद जुनेजा व श्री साईं अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किए गए हैं। वहीं, जिला सोलन में आकाश अस्पताल सोलन, ईएसआईसी अस्पताल, गगन अस्पताल, मेकशिफ्ट अस्पताल नालागढ़, मल्होत्रा सुपरस्पेश्यिलिटी अस्पताल सोलन और एमएमएमसीएच कुमारहट्टी शामिल है। इसके अलावा, जिला ऊना में नागरिक अस्पताल ऊना व पलकवाह शामिल हैं।
जिला कांगड़ा के भंगवार में मां की अर्थी को अकेले कंधे पर उठाने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि मंडी जिले में भी मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां अर्थी को कंधा देने के लिए जब लोग आगे नहीं आए तो शव को डंडे से बांधकर एक किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया गया। मंडी जिले के जोगेंद्रनगर उपमंडल के लडभड़ोल तहसील के गवाला गांव में जब लोगों ने बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार से किनारा कर लिया तो एथलेटिक्स सेंटर जोगेंद्रनगर के खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर सामने आए। दरअसल धर्मपुर के संधोल की रहने वाली बुजुर्ग महिला करीब पांच-छह दिन पहले ही गवाला गांव में अपनी बेटी के घर आई थी। इसी बीच बेटी संक्रमित हो गई। शनिवार को वृद्धा की मौत हो गई, लेकिन उसकी अर्थी को उठाने के लिए गांव के लोग सामने नहीं आए, जबकि वृद्धा संक्रमित नहीं थी। प्रशासन को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एथलेटिक्स सेंटर जोगेंद्रनगर के खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर से संपर्क किया। वह अपने सेंटर के खिलाड़ी विशाल व सुमित के साथ गवाला गांव पहुंच गए। उन्होंने डंडों से बांधकर वृद्धा के शव को सड़क तक पहुंचाया। उधर, शव सड़क में पहुंचने के बाद स्वजन अंतिम संस्कार के लिए अपने गांव संधोल ले गए।
कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन एक हफ्ते और बढ़ाने का निर्णय लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की है। अब 31 मई की सुबह 5:00 बजे तक पाबंदियां लागू रहेंगी। इस बार भी दिल्ली में मेट्रो नहीं चलेगी। सीएम ने कहा कि अगर मामलों के घटने का सिलसिला जारी रहा और हालत सुधरते दिखते हैं तो 31 मई से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करेंगे। बता दें कि 18 अप्रैल से दिल्ली में शुरू हुआ लॉकडाउन 24 मई को खत्म होने वाला था, लेकिन उससे पहले सीएम ने इसे एक हफ्ते और बढ़ाने की घोषणा कर दी है। वहीं केजरीवाल ने वैक्सीन की कमी को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की बहुत कमी है, लेकिन वैक्सीन की समस्या का समाधान हम सब मिलकर निकालेंगे। उन्होंने कहा कि युद्ध अभी बाकी है। अभी भी रोज़ाना एक हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने सभी स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण की अनुमति प्रदान कर दी है। यह निर्णय कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों, महामारी की उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हिमाचल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक निपुण जिंदल ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीज और ऐसे मरीज जिन्हें सार्स-2 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या कोनवेलेसेंट प्लाज्मा दिया गया है और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, उन्हें तीन महीने के बाद टीका लगेगा। अस्पताल में भर्ती या आईसीयू देखभाल की आवश्यकता वाले किसी भी अन्य गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को भी कोविड-19 वैक्सीन का टीकाकरण करने के लिए 4 से 8 सप्ताह तक इंतजार करना होगा। जिन मरीजों को वैक्सीन की एक खुराक मिली है और दूसरी खुराक लेने से पहले ही उन्हें कोविड-19 संक्रमण हो गया है, तो उन्हें दूसरी खुराक कोविड-19 बीमारी से क्लीनिकल रिकवरी से तीन महीने बाद दी जाएगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से संबंधित राज्य की जनता के लिए एक बड़ा एलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक जून से धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अनंतकाल तक बंद नहीं रख सकते, हमें धीरेःधीरे अनलॉक करना होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि राज्य में संक्रामकता दर घटकर पांच फीसदी हो गई है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है और अब 90 फीसदी हो गई है और इसीलिए अब अनलॉक किया जा सकता है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अनलॉक को लेकर लगातार अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है और जल्द ही अनलॉक का प्लान जनता के सामने रखा जा सकता है। बता दें कि राज्य में कोरोना के पॉजिटिविटी रेट में काफी कमी देखी गई है। वहीं संक्रमण के नए मामलों में भी कमी देखने को मिल रही है।
भारत को कोरोना के खिलाफ एक और बड़ा हथियार मिल गया है। देश में इस साल अगस्त से स्पुतनिक-वी का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। रूस में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सितंबर-अक्टूबर तक भारत में स्पूतनिक V के 850 मिलियन डोज का प्रोडक्शन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के 65 से 70 फीसदी तक स्पूतनिक-वी का उत्पादन भारत में होगा। वहीं उन्होंने बताया कि भारत की जरूरतें पूरी होने के बाद रूस इसका एक्सपोर्ट दूसरे देशों में करेगा। कोविशिल्ड, कोवैक्सीन के अलावा स्पुतनिक-वी ही कोरोना वैक्सीन का तीसरा टीका है जिसे भारत में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। वहीं उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के हालात नियंत्रण में आ रहे हैं। ब्लैक फंगस को लेकर भी भारत रूस के संपर्क में है जिससे इस बीमारी के इलाज के लिए दवाइयां मंगवाई जा सके। भारत को अभी तक स्पूतनिक-वी की 2,10,000 डोज मिल चुकी है। मई के अंत तक 3 मिलियन बल्क डोज और भारत को मिलेगा। जून तक यह संख्या बढ़कर 50 लाख डोज हो जाएगी। रूस ने यह भी घोषणा की है कि एक डोज वाली स्पूतनिक लाइट भी भारत में जल्द ही उपलब्ध होगी।
कोरोना के कहर के बीच देश में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस तेजी से पांव पसार रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में से ब्लैक फंगस के अब तक 8,848 मामले सामने आए हैं और 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर दिया है। वहीं कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के चलते इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंटी-फंगल दवा एम्फोटेरिसिन-बीकी डिमांड भी बढ़ रही है। इसी दौरान सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एम्फोटेरिसिन-बी की कुल 23,680 अतिरिक्त वायल आवंटित किए गए हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौडा ने इस बात की जानकारी दी है।
केंद्र सरकार ने भारत में कोरोनावायरस के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द के इस्तेमाल को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन कंपनियों को लिखित एडवाईजरी जारी करते हुए अपने प्लेटफॉर्म से ऐसे सभी कंटेंट को हटाने को कहा है जिसमें कोरोना वायरस के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। सरकार का कहना है कि 'इंडियन वेरिएंट' जैसे शब्द के इस्तेमाल से गलत सूचना का प्रसार होता है और इससे देश की छवि भी खराब होती है। केंद्र सरकार ने अपनी एडवाईजरी में यह भी स्पष्ट किया है कि इस तरह के शब्द का इस्तेमाल पूरी तरह से गलत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी किसी भी रिपोर्ट में भारत में मिले कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने 11 मई को कहा था कि पिछले साल भारत में पहली बार पाया गया कोरोना वायरस का B.1.617 वेरिएंट वैश्विक चिंता का विषय है। संगठन के मुताबिक, B.1.617 वेरिएंट वायरस के मूल स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा आसानी और तेजी से फैलता है और यही कारण है कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामले और इससे होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि WHO ने इस बात पर भी जोर दिया था कि इस वेरिएंट के प्रभाव को वैक्सीनेशन से कम किया जा सकता है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। ऐसे में कोरोना से जंग में लोगों की ढाल बने डॉक्टर्स भी संक्रमण की चपेट में आए है। IMA के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमण से 420 डॉक्टर्स ने अपनी जान गवाई है। जबकि इनमें से केवल दिल्ली में 100 डॉक्टर्स की कोरोना संक्रमण से मौत हुई। इसके अलावा बिहार में 96, यूपी में 41, आंध्र प्रदेश में 26, असम में 3, गुजरात में 31, गोवा में 2, हरियाणा में 2, महाराष्ट्र में 15, मध्य प्रदेश में 13 डॉक्टरों की जान गई है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 2,57,299 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा बीते 24 घंटे में 4194 मरीजों की मौत हुई है। देश में कोरोना के चलते अबतक 2,95,525 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में फिलहाल कोरोना के 29,23,400 सक्रिय मामले हैं।
पुणे की वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने देश के कई राज्यों में वैक्सीन की किल्लत की समस्या समाने आने के बाद एक ब्यान जारी किया है। उनका कहना है कि सरकार ने वैक्सीनेशन के विस्तार के दौरान वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस को ध्यान में नहीं रखा। जाधव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत सरकार को WHO की गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर उसके अनुसार ही वैक्सीनेशन में लोगों को प्राथमकिता देनी चाहिए थी। शुरुआत में 300 मिलियन लोगों को वैक्सीन दी जानी थी, जिसके लिए 600 मिलियन डोज की जरूरत थी। उन्होंने आगे कहा कि हम टारगेट तक पहुंचते इससे पहले ही सरकार ने 45 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन के साथ- साथ 18 साल से ऊपर की उम्र वालों को वैक्सीन की डोज़ देने की घोषणा कर दी। जबकि सरकार इस बात से परिचित थी कि हमारे पास वैक्सीन का स्टॉक नहीं है। जाधव ने कहा कि वैक्सीनेशन जरूरी है लेकिन वैक्सीन की डोज मिलने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। वैक्सीनेशन के बाद कोरोना गाइडलाइंस के पालन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वैरिएंट के डबल म्यूटेंट को न्यूट्रलाइज कर दिया गया है। फिर भी वैरिएंट वैक्सीनेशन में मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कौन सी वैक्सीन प्रभावी है और कौन सी नहीं ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी। सीडीसी और एनआईएच डेटा के मुताबिक जो भी वैक्सीन उपलब्ध है उसकी डोज ली जानी चाहिए।
कोरोना काल में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू करने के बाद अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा प्रदेश के लोगों के लिए टेलीमेडिसिन सेवाएं शुरू करने जा रहा है। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार को शिमला से ऑनलाइन करेंगे। सेवा शुरू होने के बाद संस्थान के 50 सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक प्रदेश के लोगों का टेलीमेडिसिन यानी दूर चिकित्सा सेवा के माध्यम से उपचार करेंगे। एम्स के उप निदेशक डॉ. सुखदेव नाग्याल ने बताया कि शुक्रवार को एम्स के करीब 50 चिकित्सकों को ई-संजीवनी पर प्रशिक्षण दिया गया। यह भारत सरकार का प्रमुख टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म है। चिकित्सकों को सिखाया गया कि कैसे इसे ऑपरेट करना है। किस तरह मरीजों को सेवाएं देनी हैं। इस प्लेटफार्म पर सेवाएं देने वाले सभी चिकित्सक सुपर स्पेशलिस्ट हैं। कोविड काल में पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी न होने से बिलासपुर के कोठीपुरा में निर्माणाधीन एम्स में ऑफलाइन ओपीडी भले ही शुरू न हो पाई हो, लेकिन लोगों को आसानी से उपचार उपलब्ध करवाने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की जा रही है। लोगों को अब स्वास्थ्य संबंधित परेशानी आने पर ऑनलाइन अनुभवी और विशेषज्ञ चिकित्सक उपचार देंगे। मरीज को ई-संजीवनी पर पंजीकरण करवाना होगा। उसके बात अपने आप आगे की प्रक्रिया पूरी होगी और बीमारी से संबंधित डॉक्टर की ओपीडी में केस दिया जाएगा। कोरोना कर्फ्यू में अब इस सेवा के जरिये मरीज घर बैठे ही सामान्य बीमारियों के संबंध में डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। जनरल मेडिसन, गायनी, ईएनटी, दंत रोग, शिशु विशेषज्ञ, नेत्र, हड्डी और त्वचा सहित अन्य विशेषज्ञ टेलीमेडिसिन के जरिये लोगों का इलाज करेंगे।
कोविड के प्रसार को रोकने के लिए कनाडा ने भारत से आने वाली सभी पैसेंजर फ्लाइट्स पर प्रतिबंध 30 दिन और बढ़ा दिया है। अब ये प्रतिबंध 21 जून तक लागू रहेगा। इससे पहले ये प्रतिबंध 21 मई तक के लिए लगाया गया था। हालांकि यह बैन कार्गो फ्लाइट्स पर लागू नहीं होगा ताकि वैक्सीन, पीपीई किट और अन्य आवश्यक सामानों की निरंतर शिपमेंट सुनिश्चित की जा सके। कनाडा के परिवहन मंत्री उमर अल्गबरा ने इसकी घोषणा की है। परिवहन मंत्री उमर अल्गबरा ने कहा कि कनाडा ने भारत और पाकिस्तान से यात्री उड़ानों पर अपने प्रतिबंध को 30 दिनों के लिए बढ़ाकर 21 जून तक कर दिया है। इस साल 22 अप्रैल को पहली बार प्रतिबंध की घोषणा के बाद से आने वाले एयरलाइन यात्रियों के बीच कोविड संक्रमण में कमी देखी गई है। कई दूसरे देश ने भी लगा चुके प्रतिबंध कनाडा की तरह कई दूसरे देश भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं। संयुक्त अरब अमीरात ने भारत से सभी फ्लाइट्स को सस्पेंड कर रखा है। ब्रिटेन में भी भारत से यात्रियों की एंट्री बंद है। बता दें कि कनाडा संक्रमण की तीसरी लहर का सामना कर रहा है। कनाडा में अब तक 13 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।जिसमें 25,111 लोगों की मौत हुई हैं।
भारत में कोरोना वायरस बेकाबू है। हर दिन कोरोना संक्रमण के ढाई लाख से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और रोजाना मौत का आंकड़ा भी चार हजार के पार बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 2,57,299 नए मामलें सामने आए है और 4194 संक्रमित कोरोना वायरस से जंग हार गए। बरहाल राहत की बात है ये है कि 3,57,630 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि 1 लाख से ज़्यादा एक्टिव केस कम हुए हैं। इससे पहले गुरुवार को 2.59 लाख नए केस दर्ज किए गए थे और 4209 संक्रमितों की जान गई थी। अगर बात करें वैक्सीनेशन कि तो 21 मई तक देशभर में 19 करोड़ 33 लाख 72 हजार 819 कोरोना वैक्सीन के डोज दी जा चुकी है। बीते दिन 14 लाख 58 हजार 895 लोगों को टीके लगाए गए। वहीं, अबतक 32 करोड़ 64 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 20.66 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 12 फीसदी से ज्यादा है। गौरतलब है कि कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। विश्व में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
कोरोना वायरस अब हवा से भी फैल सकता है। अब सरकार ने भी पूरी तरह से इस बात को मान लिया है। सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है और संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। यहां तक कि एक संक्रमित व्यक्ति जिसमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह 'वायरल लोड' बनाने लायक पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है जो कई अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसका मतलब साफ है कि अब कोरोना से बचने के लिए 10 मीटर की दूरी भी काफी नहीं है। वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति के सांस छोड़ने, बोलने, गाने, हंसने, खांसने और छींकने से लार और नाक से निकलने वाले स्राव में वायरस निकलता है, जो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमण के इस चेन को तोड़ने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना बहुत ही जरूरी है। मास्क पहनें, सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इस दौरान वे दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में लक्षण नहीं भी दिखते हैं, फिर भी वे वायरस फैला सकते हैं। सरकारी की नई गाइडलाइन के मुताबिक, बंद और गैर-हवादार इनडोर जगहों में ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल कोरोना वायरस के फैलाव के जोखिम को बहुत बढ़ा देते हैं। हालांकि विशेषज्ञ हमेशा से ये कहते आए हैं कि वेंटिलेशन वाले जगहों पर और आउटडोर जगहों पर संक्रमण के फैलने का खतरा कम रहता है। गाइडलाइन में उन सतहों की लगातार और नियमित रूप से सफाई करने को कहा गया है, जिनके संपर्क में लोग ज्यादा रहते हैं। इसमें दरवाजे का हैंडल, लाइट स्विच, टेबल, कुर्सी आदि शामिल हैं। इन्हें ब्लीच और फिनाइल आदि से साफ करने की सलाह दी गई है। गाइडलाइन के मुताबिक, ग्लास, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर वायरस लंबे समय तक जिंदा रहता है। इसलिए इन चीजों की नियमित रूप से सफाई जरूरी है।