सडक़ों की खराब हालत पर राजेंद्र राणा ने घेरी सरकार, राज्यपाल से की हस्तक्षेप की मांग

पिछले 2 साल से सशक्त विपक्ष की भूमिका में सक्रिय सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने अब खराब सडक़ों की हालत पर प्रदेश सरकार को घेरा है। नशा माफिया महंगाई, बेरोजगारी व देश की अर्थव्यवस्था पर सरकार पर हमले बोलते रहे राजेंद्र राणा ने इस बार प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर 10 दिन के भीतर प्रदेश की सडक़ों की हालत नहीं सुधारी तो फिर सोई हुई सरकार को जगाने के लिए कांग्रेस सडक़ों पर उतरकर सरकार को जगाएगी। इसी कड़ी में शुक्रवार को विधायक राजेंद्र राणा ने दर्जनों कार्यकत्र्ताओं व समर्थकों के साथ जिलाधीश हमीरपुर के माध्यम से प्रदेश राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन प्रेषित कर उनसे बदहाल सडक़ों के मसले में हस्तक्षेप कर प्रदेश सरकार को सख्त कार्यवाही अमल में लाने व केंद्र सरकार के समक्ष हिमाचल का पक्ष मजबूती से रखने का आग्रह किया। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि सडक़ों की खराब हालत का सडक़ों पर वाहन में सफर करने से पता लग जाता है चाहे राष्ट्रीय उच्चमार्ग हों या फिर राज्य उच्चमार्गसे लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की सडक़ें हों। टाङ्क्षरग उखड़ी हुई है और बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं। इन डरावनी सडक़ों से रोजाना कई घरों के चिराग बुझ रहे हैं तथा दर्जनों लोग चोटिल हो रहे हैं। एक जनसेवक होने के नाते इस ज्वलंत मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाना अपना दायित्व समझते हैं, क्योंकि जनप्रतिनिधि चाहे पक्ष में हो या विपक्ष में हों लेकिन उनका दायित्व हमेशा जिम्मेवारियों से भागने की बजाये समस्याओं को उजागर करना है। उन्होंने कहा कि नई सडक़ें बनें या न बनें लेकिन पुरानी बदहाल सडक़ों की मुरम्मत समयबद्धचरण में होनी चाहिए, ताकि हादसे न हों। उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि सरकार के ध्यान में इस मामले को बार-बार लाने के बावजूद भी सडक़ों की हालत पर सरकार टस से मस नहीं हो रही है जबकि सडक़ें किसी भी प्रदेश के विकास का आइना होती हैं। चूंकि हिमाचल में सडक़ें पर्यटन की दृष्टि से भी अहम हैं तथा हर साल हजारों-लाखों पर्यटक व श्रद्धालु हिमाचल घूमने व धार्मिक स्थलों पर माथा टेकने आते हैं लेकिन यहां की सडक़ें टूटी-फूटी हालत में होने के कारण श्रद्धालु भी हर साल घटने लगे हैं जिसका उदाहरण सरकार की ओर से विधानसभा सत्र में दिया गया है कि पिछले साल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या घटी है, जिसका कारण यहां की सडक़ें हैं। उन्होंने महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया कि इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप करें तथा प्रदेश सरकार को इस ज्वलंत मुद्दे व समस्या पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दें तथा केंद्र सरकार के समक्ष भी हिमाचल प्रदेश का पक्ष मजबूती से रखें, ताकि यहां की जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े और न ही बाहरी राज्यों व विदेशों से आने वाले हमारे अतिथियों के सामने हमें शर्मसार होना पड़े।