राज्य सरकार के प्रयासों से विद्यार्थियों में जागृत होगी देशभक्ति की भावनाः मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रातःकालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों कोे जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य विद्यार्थियों की दिनचर्या में इन गतिविधियों को शामिल कर उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बिजनेस स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2024-26 के लिए एमबीए कोर्स में प्रवेश के लिए ली एचपीयू मेट-2024 के प्राप्तांक के आधार पर सब्सिडाइज्ड और नॉन सब्सिडाइज्ड श्रेणी की सीटों के लिए ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू का शेड्यूल तय कर जारी कर दिया गया है। बिजनेस स्कूल के निदेशक प्रो. दिनेश कुमार ने इस शेड्यूल को जारी किया है। सब्सिडाइज्ड श्रेणी की तय की गई सीटों के लिए आठ से 11 जुलाई संस्थान में जीडी और इंटरव्यू होगा। इसके लिए 203 पात्र विद्यार्थियों की सूची जीडी इंटरव्यू की तिथि और अलग-अलग बनाए गए समूहों के साथ विवि की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इस प्रक्रिया में भाग लेने आने वाले विद्यार्थियों को आवेदन फार्म की प्रति, सभी शैक्षणिक योग्यता के मूल प्रमाण और उसकी प्रति, मूल हिमाचली प्रमाण पत्र क अलावा अलावा एससी, एसटी, ईडब्लू एस, दिव्यांग श्रेणी, सिंगल गर्ल्स चाइल्ड और अन्य आवेदन फार्म में भरी गई श्रेणी के दस्तावेज भी साथ लाने होंगे। एमबीए की नॉन सब्सिडाइज्ड श्रेणी की सीटों के लिए 15 से 20 जुलाई तक संस्थान में ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार आयोजित किया जाएगा। इसके लिए कुल 600 विद्यार्थियों को जीडी इंटरव्यू के लिए नाम और रोलनंबर के साथ लिस्ट किया गया है। छात्र इसे विवि की वेबसाइट पर देख सकते हैं।
कैंटरबरी विश्वविद्यालय, न्यूजीलैंड के प्रतिनिधियों ने शैक्षणिक सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय का दौरा किया। प्रोफेसर ब्रेट बर्क्विस्ट, सहायक कुलपति, एंगेजमेंट, और डॉ. ग्राहम वाइज, अंतर्राष्ट्रीय विकास निदेशक, कैंटरबरी विश्वविद्यालय, न्यूजीलैंड ने छात्रों और संकाय के लिए शैक्षणिक और अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाने के उद्देश्य से कई पहलों पर चर्चा करने के लिए शूलिनी का दौरा किया। इस ऐतिहासिक यात्रा के एजेंडे में संयुक्त अनुसंधान सहयोग, व्यवसाय विज्ञान, खाद्य विज्ञान और इंजीनियरिंग के लिए मार्ग कार्यक्रम, साथ ही उत्पाद निर्माण, ऑनलाइन कार्यक्रम और औद्योगिक भागीदारी पर चर्चा शामिल है। अंतर्राष्ट्रीय उपनिदेशक डॉ. रोज़ी धांता ने कहा, "न्यूज़ीलैंड को अपने नए गंतव्य के रूप में देखने से हमारे छात्रों के लिए ढेर सारे अवसर खुलते हैं।" डॉ. रोज़ी ने आगे कहा कि यह पहल हमारे छात्रों के लिए उपलब्ध विकल्पों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी, जिससे वे सक्षम होंगे। अपनी आगे की पढ़ाई के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में से चयन करना। कैंटरबरी विश्वविद्यालय के साथ यह सहयोग उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करने, एक वैश्विक शिक्षण वातावरण की सुविधा प्रदान करने के हमारे प्रयास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
Bagging yet another feather in its cap, GNA University, known for its strong industrial interface and academic prowess, has been bestowed with the prestigious "Best Emerging University in India Award" at the 52nd ISTE National Annual Convention. The ceremony took place at the esteemed Poojya Doddappa Appa College of Engineering in Kalaburagi, Karnataka. Dr. Vikrant Sharma, Dean of the School of Engineering, Design, and Automation, had the privilege of accepting the accolade on behalf of GNA University. This recognition stands as a testament to the unwavering dedication and relentless pursuit of excellence demonstrated by the university's faculty, staff, and students. Pushing the boundaries in education, research, and innovation, GNA University continues to raise the bar, solidifying its position as a trailblazer in higher education within India. The leadership team, comprising Dr. VK Rattan, Vice-Chancellor, Dr. Hemant Sharma, Pro Vice-Chancellor, and Dr. Monika Hanspal, Dean of Academics, expressed heartfelt gratitude for this esteemed recognition. Their visionary guidance has played a pivotal role in transforming GNA University into a dynamic institution renowned for its academic brilliance and industry-aligned programs. Chancellor S. Gurdeep Singh Sihra shared his sentiments, stating, "We are deeply honored to receive the Best Emerging University in India Award. This accolade underscores our steadfast commitment to academic excellence and industry relevance. We extend our gratitude for the recognition and reaffirm our dedication to nurturing future leaders and innovators." GNA University's remarkable achievement at the 52nd ISTE National Annual Convention serves as a testament to its relentless pursuit of excellence and its unwavering commitment to shaping the future of education in India.
In a remarkable showcase of culinary expertise, GNA University's School of Hospitality has achieved an unprecedented feat by successfully creating a whopping 3535 varieties of Kachori. This extraordinary record stands as a testament to the institution's commitment to culinary innovation and skill development. The monumental achievement was realized through the collaborative efforts of 14 dedicated staff members and 120 enthusiastic students from the School of Hospitality. Their ambitious endeavor incorporated 114 different ingredients and utilized seven types of flour, showcasing the diversity and creativity of GNA University's culinary team. The culinary excellence displayed during the event was witnessed by notable guests, including S. Gurdeep Singh Sihra, the Chancellor of GNA University, and Ms. Jasleen Sihra, a renowned Nutritionist. The occasion was further enriched by the presence of esteemed guests, such as Sh. Rajeev Joshi, Deputy District Education Officer (SE), Jalandhar; Ms. Satinderdeep Kaur Dhillon, Principal, Govt. Girls Senior Secondary Smart School, Mahilpur; Mrs. Subha Sharma from The Chocolate Room, Jalandhar; and JCI PPP Jyoti Sahdev, Glitz Jewels, Phagwara, along with all deans and heads of departments of the University. The approximately 3000 students of GNA University played a pivotal role in actively participating in the event, contributing to the vibrant atmosphere and ensuring its grand success. The Kachoris, a visual delight and a gastronomic experience, served as a testament to the culinary skills of the School of Hospitality. Both students and staff had the pleasure of indulging in the diverse flavors created by the talented team. GNA University continues to lead in innovation and excellence, with this record-breaking event serving as a shining example of the institution's dedication to fostering creativity and skill development among its students. The event was also graced by key figures including Dr. VK Rattan, the Vice-Chancellor of GNA University; Dr. Hemant Sharma, the Pro-Vice Chancellor; Dr. Monika Hanspal, Dean of Academics; and Dr. Deepak Kumar, Dean of the School of Hospitality, GNA University.
-मंत्री ने कसौली इंटरनेशनल स्कूल सनवारा के 17वें वार्षिक समारोह को किया संबोधित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि कठिन परिश्रम से ही जीवन में उच्च लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। अनिरुद्ध सिंह सोलन के कसौली इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सनवारा के 17वें वार्षिक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। अनिरुद्ध ने कहा कि समय प्रबंधन और परिश्रम के माध्यम से जीवन में असम्भव को भी संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि सदैव समय का सदुपयोग और परिश्रम से न घबराएं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि देश की स्थापित गुरु-शिष्य परम्परा को सदैव बनाए रखें और अपने गुरुजनों तथा अभिभावकों का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि अभिभावकों और अध्यापकों को भी यह सुनिश्चित बनाना होगा कि युवा पीढ़ी का सही मार्गदर्शन हो ताकि आज के युवा कल के बेहतर नागरिक बन सकें। ग्रामीण विकास मंत्री ने आशा जताई कि आने वाले समय में कसौली इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के छात्र देश-प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे संघर्ष, परिश्रम एवं लगन को अपना साथी बनाएं। उन्होंने कहा कि युवावस्था में संघर्ष एवं परिश्रम के माध्यम से ही जीवन के उच्च लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने पुरस्कार पाने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि जो विद्यार्थी इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त नहीं कर पाए, वे अपनी कमियों को दूर कर अगले वर्ष कड़ी मेहनत कर आगे बढ़ने की कोशिश करें। कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि छात्र जीवन में किए गए प्रयास बेहतर भविष्य की नींव बनते हैं। इस अवसर पर छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल ठाकुर, हिमाचल प्रदेश कबड्डी ऐसोसिएशन के निदेशक राजकुमार नीटू, कसौली इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सनवारा के प्रबंध निदेशक हीरा ठाकुर, प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद, उप प्रधानाचार्य पूनम ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी कसौली गौरव महाजन, ज़िला पंचायत अधिकारी जोगिन्र्द्र राणा, ज़िला परिषद सदस्य राजेंद्र ठाकुर, नगर परिषद परवाणू के पूर्व अध्यक्ष निशा शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
युवा वैज्ञानिक पंकज अत्रि की एक और बड़ी उपलब्धि **अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिर चमकाया प्रदेश का नाम, Young Resercher Award के लिए चयनित **नैना टिककर से संबंध रखते है पंकज ** कई अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र हो चुके है प्रकाशित ** हिमाचल के छोटे से गांव से निकलकर वैश्विक पटल पर बनाई पहचान
बी एल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार ने खंड सतरीय अंडर-19 खंड अर्की छात्र खेलकूद प्रतियोगिता में बैडमिंटन में विजेता ट्राफी का ख़िताब जीता | जानकारी देते हुए विद्यालय अध्यक्ष ने बताया की इस खंड सतरीय छात्र खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुन्दन में किया गया जिसमे लगभग 31 विद्यालय से 477 छात्रों ने इस खेल कूद प्रतियोगिता में भाग लिया I विद्यालय अध्यक्ष ने बताया की विद्यालय से 6 बच्चों हर्ष वर्धन, पुष्पेंदर , दक्ष गर्ग, मनन कुमार , ध्रुव तंवर , यश कुमार ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमे उन्होंने बैडमिंटन में मॉडल स्कूल भुमती को परास्त कर विजेता ट्राफी अपने नाम की और बताया की इन सभी बच्चो का चयन जिला सतरीय खेल कूद प्रतियोगिता के लिए हुआ है जो की सितम्बर माह में राजकीय माध्यमिक विद्यालय ममलीग में आयोजित की जाएगी I बी एल स्कूल लगातार कई सालों से बैडमिंटन ट्राफी का वर्चस्व कायम रखे हुए है I खेल कूद सपर्धा के समापन समारोह के उपरान्त सभी विजेताओं और उप-विजेताओं को अर्की के विधायक व् सीपीएस संजय अवस्थी द्वारा पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष तथा अध्यापक अभिभावक संघ के सभी सदस्यों ने भी बच्चों व उनके अभिभावकों के साथ साथ शारीरिक शिक्षक अमर देव को भी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है I इस खेल कूद स्पर्धा के दौरान अर्की जोन प्रभारी महेंदर राठोर व् शारीरिक शिक्षक किशोर शर्मा , राज कुमार , नवनीत महाजन , संजीव , हेमंत गुप्ता, सुशील कुमार आदि भी मौजूद रहे I विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने बताया की बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि खेल कूद के क्षेत्र में भी विद्यालय और कुनिहार का नाम रोशन करते हैं I विद्यालय आने पर इन बच्चों को प्रधानाचार्य पुर्शोतम लाल , मुख्याध्यापिका सुषमा शर्मा और समस्त अध्यापक वर्ग ने सम्मानित किया और उनकी उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी I
राजकीय महाविद्यालय ढलियारा में शनिवार को पीटीए कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमे सर्वसम्मति से सुतिंदर कुमार (विक्की महंत) को प्रधान, दीपक शर्मा को उपप्रधान, ब्रजेश्वर सिंह को सचिव, विजय कुमार को सहसचिव और सुरिंदर सिंह को खजांची चुना गया। संजीव चौहान को सलाहकार, दिनेश कुमार, रेखा देवी एवं नीलम कुमारी को सदस्य और कालेज की तरफ से डा गुलशन धीमान व संजीव जसवाल को सदस्य बनाया गया। प्राचार्य डा. अंजू चौहान ने नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए मिलकर कालेज के विकास के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
धर्मशाला:– आज दिनाक 16 सितम्बर को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की शिक्षा खण्ड धर्मशाला इकाई की चुनाव प्रक्रिया स्थानीय बॉय स्कूल धर्मशाला में सम्पन हुई जिस की अध्यक्षता राकेश शर्मा प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लंज व संयोजक प्रधानाचार्य नवीन भंडारी की मौजदगी में सम्पन्न हुई। इसमे चुनाव ऑब्जर्वर लोकेश ठाकुर खण्ड प्रधान रैत व श्री तेजपाल सिंह खण्ड प्रधान नगरोटा बगवां ने चुनाव प्रक्रिया का संचालन किया व इस दौरान जिला राजकीय अध्यापक संघ के महासचिव सुमन कुमार विशेषतया उपस्थित हुए। सर्वसम्मति से इस दौरान खण्ड के अध्यापक संजय चौधरी मिडल स्कूल चांदमारी को अध्यक्ष व श्री प्रवीण सिंह प्रवक्ता सकोह को महासचिव चुना गया। श्रीमती बिमल देवी राजकीय उच्च विद्यालय कोतवाली बाजार को कोषाध्यक्ष, श्री नवीन भंडारी प्रधानाचार्य को मुख्य सलाहकार व डाइट प्रवक्ता राजकपूर को मुख लेखाकार साबुन गया। शेष कार्यकारिणी को बनाने का अधिकार खण्ड प्रधान संजय चौधरी को दिया गया। इस अवसर पर मौजूद प्रतिनिधियों द्वारा सदन को संवोधित भी किया गया।
उपमंडल पधर के राजकीय महाविद्यालय द्रंग स्थित नारला में शनिवार को अग्नि सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया । पिछले एक हफ्ते से महाविद्यालय के 16 रोवर्स और रेंजर्स अग्निशमन विभाग पधर द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे । जिसके अंतिम चरण में शनिवार को महाविद्यालय में स्वयं सेवकों की भूमिका निभाते हुए इस माॅक ड्रिल को महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया । जिसमें विभिन्न सुरक्षा गतिविधियां जैसे भूकंप आने पर,गैस सिलेंडर में आग लग जाने पर या चोट लग जाने इत्यादि परिस्थितियों में क्या करें आदि के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में पधर चौंकी के प्रभारी हेम सिंह व उनकी सक्रिय टीम ने कार्यकम्र की अगुवाई की व सभी विद्यार्थियों को हर प्रकार की सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी। इस कार्यक्रम में रेंजर लीडर डॉ दीपाली अशोक, रोवर लीडर प्रोफेसर अजय कुमार सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापको व 250 के लगभग विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
उप निदेशक शिक्षा प्रारम्भिक सोलन द्वारा 22 सितम्बर, 2023 को भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक नाॅन मेडिकल तथा मेडिकल विषय में उन उम्मीदवारों के लिए अनुबंध आधार पर पद भरे जाने के लिए काउंसलिंग आयोजित की जाएगी जिन्होंने सम्बन्धित विषय में अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है। यह जानकारी उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा सोलन संजीव ठाकुर ने दी। संजीव ठाकुर ने कहा कि यह काउंसलिंग 22 सितम्बर, 2023 को उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा के चम्बाघाट स्थित कार्यालय में प्रातः 10.30 बजे से आरम्भ होगी। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए टीजीटी नाॅन मेडिकल के कुल 19 पदों के लिए तथा टीजीटी मेडिकल के कुल 20 पदों के लिए आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि टीजीटी नाॅन मेडिकल के 19 पदों में 08 पद भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों में से अनारक्षित वर्ग के लिए, 04 पद भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों में से अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित उम्मीदवारों के लिए, 06 पद इसी श्रेणी के अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए तथा 01 पद भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों में से अनुसूचित जनजाति वर्ग से सम्बन्धित उम्मीदवारों के लिए है। संजीव ठाकुर ने कहा कि टीजीटी मेडिकल के कुल 20 पदों में से 13 पद भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों में से अनारक्षित वर्ग के लिए, 02 पद इसी श्रेणी के अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए, 04 पद इसी श्रेणी के अनुसूचित जाति वर्ग के लिए तथा 01 पद भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों में से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए है। उप निदेशक ने कहा कि इन पदों के लिए टीजीटी नाॅन मेडिकल के अनारक्षित अभ्यार्थियों की बी.एड अगस्त 2003 उत्तीर्ण बैच तक, अन्य पिछड़ा वर्ग की बी.एड दिसम्बर, 2005 उत्तीर्ण बैच तक, अनुसूचित जाति वर्ग की बी.एड दिसम्बर, 2018 उत्तीर्ण बैच तक तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग की बी.एड दिसम्बर, 2021 उत्तीर्ण बैच तक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टीजीटी मेडिकल के अनारक्षित अभ्यर्थियों की बी.एड दिसम्बर, 2007 उत्तीर्ण बैच तक, अन्य पिछड़ा वर्ग की बी.एड दिसम्बर, 2010 उत्तीर्ण बैच तक, अनुसूचित जाति वर्ग की बी.एड दिसम्बर, 2017 उत्तीर्ण बैच तक तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग की बी.एड अद्यतन उत्तीर्ण बैच तक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभ्यार्थियों को काउंसलिंग के समय 10वीं, 12वीं, बी.एड प्रमाणपत्र, टीजीटी (टैट), अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र, हिमाचली प्रमाणपत्र, नवीनतम पासपोर्ट फोटोग्राफ, रोज़गार कार्यालय का पंजीकृत पत्र, चरित्र प्रमाणपत्र, सैनिक कल्याण के सम्बन्धित उप निदेशक द्वारा जारी भूतपूर्व सैनिक के वार्ड का प्रमाणपत्र, डिस्चार्ज बुक (आर्मी) की छायाप्रति लाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग पत्र प्राप्त नहीं हुए है वह अपना नाम व बायोडाटा कार्यालय की वेबसाइटwww.ddeesolan.in से प्राप्त कर सकते हैं।
भारतीय वायु सेना ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर वायु प्रवेश जनवरी, 2024 के लिए चयन परीक्षा के लिए अविवाहित भारतीय पुरुष और महिला उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। कमांडिंग आफिसर विंग कमांडर एसवीजी रेड्डी ने आज यहां बताया कि इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है और 17 अगस्त को रात 11 बजे तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा 13 अक्तूबर से ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि 27 जून, 2003 से 27 दिसंबर, 2006 के बीच जन्में युवा आवेदन के लिए पात्र होंगे, जिसमें यह दोनों तिथियां भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक योग्यता के तहत विज्ञान विषय तथा विज्ञान के अलावा अन्य विषयों के अभ्यर्थी पात्र होंगे। पंजीकरण और परीक्षा शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रवेश स्तर की योग्यता पर विस्तृत जानकारी तथा चिकित्सा मानक, नियम और शर्तें, ऑनलाइन आवेदन और पंजीकरण के लिए निर्देश इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
Five girls from Roots Country School have made their mark in the National Rugby Championship held in Pune on the 5th and 6th of June. Under the expert guidance of Himachal coach Anil Kumar Jista and the support of the Vice President of Himachal Pradesh, these young athletes showcased their skills and determination, bringing glory to their schools and state. The Roots Country School Girls' rugby team, consisting of Nikita, Arushi Thakur, Aarohi, Anushka Rajta, and Anjali, delivered an exceptional performance in the championship, displaying their passion and commitment to the sport. Despite fierce competition, these girls demonstrated their prowess and teamwork, leaving spectators in awe. Coach Anil Kumar Jista said I am extremely proud of these girls. They have worked tirelessly, practicing day in and day out, honing their skills, and striving for excellence. Their hard work and dedication have paid off, and they have brought recognition to our school and the state of Himachal Pradesh.
***कुल्लू जिले के स्नॉवर वैली पब्लिक स्कूल बजौरा की छात्रा मानवी ने 99.14 प्रतिशत (694) अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। हमीरपुर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल चूबतरा की छात्रा दीक्षा कथयाल ने (693) 99 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं हमीरपुर जिले के ही दो छात्रों ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। न्यू इरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल परोल के छात्र अक्षित शर्मा और सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदारान के छात्र आकर्षक ठाकुर ने 98.86 प्रतिशत (692) अंक लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमें से 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं और 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। उन्होंने ने बताया कि इस बार का परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
साइंस स्ट्रीम में ओजस्विनी उपमन्यु ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल किए हैं। ओजस्विनी उपमन्यु जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। कॉमर्स स्ट्रीम में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। वृंदा ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। आर्ट्स स्ट्रीम में प्रदेशभर में पहले स्थान पर चार विद्यार्थी रहे हैं। चारों ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं।
**ओजस्विनी उपमन्यु ने साइंस संकाय में 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। **कॉमर्स संकाय में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। **आर्ट्स संकाय में प्रदेशभर में चार विद्यार्थी ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। जिसमे डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा की परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। परिणाम 79.4 प्रतिशत रहा है। 105369 विद्यार्थियों ने 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमे से 83418 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं।13335 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। 8139 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 93.90 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने जानकारी दी की विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर अपना परिणाम देख सकते हैं।
Mr. and Ms. Hotelier's event was organized by The School of Hospitality at GNA University. The objective behind organizing this event was to enhance and build the confidence of students in perspective to attain knowledge and develop grooming and speaking confidence. Mr. and Ms. Hotelier was conducted for the students of the School of Hospitality, where the students represented different grooming standards, skills, and knowledge. The competition was designed as two-day activity and overall, 46 registrations were done and 45 students appeared for the MCQ test. 34 candidates were selected for Day 2 and competed for the title in different rounds such as grooming walk, departmental core representation, and mystery questionnaire round. Among all Tatenda Matsa of B.Sc. ATH held the title of Best Grooming, Piyush Bhogal from BHMCT for Mr. Hotelier 2023, and Mamta from B.Sc. ATH for Ms Hotelier 2023. Dr. Deepak Kumar, Dean SOH awarded the winners and distributed certificates to the organizers. Dr.VK Rattan, the Vice-Chancellor, Dr. Hemant Sharma, the Pro Vice-Chancellor, Dr. Monika Hanspal, the Dean of Academics, and other dignitaries attended the event. S. Gurdeep Singh, the Pro-Chancellor, of GNA University applauded the efforts of the School of Hospitality for holding this innovative event.
The Department of computer science and Engineering, SEDA-E organized a one-day hands-on workshop on Exploring Tools for Visual Analytics for B.Tech. Computer Science and Engineering students. Dr. Vikas Khullar, Associate Professor, at Chitkara University, Rajpura, was the expert speaker for this hands-on workshop. The objective of the Workshop was to give practical training in the exploration of tools for visual analytics. The Workshop covered the growth potential of data science and analytics and its relevance in the business scenario. Big data is becoming all-pervasive in business as most business solutions are backed by data-driven solutions. Dr. Khullar started his discussion with an introduction to the Power BI tool followed by a practical demonstration of data preparation, data cleaning, visually-based data recognition, interactive dashboards, and augmented analytics. Dr. Khullar also introduced the concept of Pandas and their working to the students. He also guided students on how these tools are useful apart from Data Analytics to other specializations like Cyber Security and Cloud computing also. S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor, of GNA University said, “GU is committed to providing the best education to its students. I am happy that the department takes good initiative in updating the students with the latest tools and technologies.” Dr.VK Rattan, the Vice–Chancellor appreciated all the participants and encouraged them to take an active part in such events as this is one of the emerging technologies and in demand. Dr. Monika Hanspal, Dean of Academics, GNA University interacted with participants, highlighted the significance of Business and Visual Analytics, and said these technologies and hands-on practices make students industry ready.Dr. Hemant Sharma, the Pro Vice-Chancellor thanked the management for providing the platform of learning for the students and staff. He also thanked the department and Dr. Vikrant Sharma, Dean FEDA-E, and Dr Anurag Sharma, Head CSE for organizing such a great event and ensuring all participants that such events will be planned in the future also to promote development and industry activities.
Following the birth of two Cheetah cubs in March to parents Siyaya and Freddie in India, which were translocated from Nambia (South Africa) to the Indian national park Kuno (India) in September 2022. The world is watching to see if the Cheetah can thrive in India again after its extinction in the 1950s caused by overhunting and poaching. In February, 12 cheetahs were relocated from South Africa to India to introduce 50 cheetahs from various African countries into several Indian national parks as part of "Project Cheetah." First Indian Cheetah conservation specialist P Giradkar said, “Cheetah is the only animal in recorded history to become extinct from India due to unnatural causes. Therefore, scientific studies on the ecological interaction between habitat composition, habitat quality, and demography of cheetahs and their prey are required to maintain viability,” Giridkar told DW. She was satisfied with the birth of cubs and added, “Increases in the number of reproductive events with longevity are key processes that influence annual individual performance that follows multiple generations. Of course, reproductive success depends on phenotypic, environmental, and genetic factors.” Key concerns that could hinder the effective reintroduction of cheetahs in India: Inadequate Habitat area: Experts indicated that the birth of cubs in captivity doesn’t indicate the success of the project. The major problem for effective rehabilitation is the appropriate habitat area for the wild cat's natural life cycle. Cheetahs, being solitary cats, require approximately 9800 Km2 for mating and survival. Wildlife biologist Ravi Chellam also showed concern and said, “India has erred…by bringing the cats much before habitats of adequate size and quality were ready. This prolonged captivity will have negative impacts on the cats. I sincerely hope that we do not import more cheetahs from Africa until we have secure and good quality habitats to host them.” Diseases and health issues: Recently, right before the birth of cubs, a female Cheetah (Sasha) died in captivity of Kidney disease. According to experts, the birth of cubs does not signify project success. Similarly, an individual's death does not reflect failure. However, this death foreshadows upcoming challenges that, if not controlled effectively, could lead to the project's downfall. Upcoming challenges for the project: The Cheetahs are currently in captivity, but once released into the wild, they will encounter a variety of issues. "Human-wildlife conflict, loss of habitat, prey population, poaching, and illegal wildlife trafficking, with cubs being taken for smuggling into the exotic pet trade" are among the issues.
Department of Computer Science and Engineering, School of Engineering, Design and Automation, GNA University organized a National Seminar on "Entrepreneurial Intention, Innovation, and Invention". Er. Amardev Singh from NITTTR, Chandigarh was the resource person for this National Seminar. The objective of this seminar was to raise awareness about Entrepreneurship Skills. Er. Singh discussed various models of Entrepreneurship along with various seed money schemes. He also elaborated on how three things are connected: Desire, Ability, and Human Behaviour. He even showcased various prototypes and business ideas, and the ways to make them possible in reality. More than 200 students participated in this seminar. Dr. Vikrant Sharma, Professor, and Dean-SEDA welcomed all the participants and experts of the Seminar. It was an interactive session where students actively interacted with the resource person and also saw various prototypes and learned steps to become a successful entrepreneur. S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor, of GNA University congratulated all the participants. He said, “I am elated that the students should focus on these skills as better to become job providers than job seekers.” Dr.VKRattan, the Vice–Chancellor, of GNA University appreciated all the participants and encouraged them to take part in such events. Dr. Monika Hanspal, Dean of Academics, GNA University interacted with participants and highlighted the significance of entrepreneurship skills. Dr. Hemant Sharma, the Pro Vice-Chancellor thanked the management for providing a platform of learning for the students and staff. He also thanked Dr. Anurag Sharma, Professor, Head CSE, and the organizers for organizing such a great event and ensured all participants that such events will be planned in the future also to promote entrepreneurship culture.
डेराबस्सी-चंडीगढ़ विद्या ज्योति एडुवर्सिटी के बीवॉक ब्यूटी थेरेपी एंड एस्थेटिक डिपार्टमेंट की ओर से नेल आर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजिका अस्सिटेंट प्रोफेसर नीलू शर्मा ने बताया कि कॉलेज निदेशक डॉ डीजे सिंह के दिशा निर्देशन में यह कार्यक्रम करवाया गया। जिसमें संस्थान के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया और अपनी-अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में फैंशन विभाग की अध्यक्षा चारू भाटिया और एडमिशन मैनेजर रूपिन्द्र कौर द्वारा निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई गई। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में ब्यूटी की अनुश्रया प्रथम, बीएससी आईटी का पंकज द्वितीय और बीकॉम की अंशु तृतीय स्थान पर रही। इस मौके पर कॉलेज रजिस्ट्रार कुलदीप शर्मा ने सभी विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी। कार्यक्रम के सफल आयोजन में अस्सिटेंट प्रोफेसर नेहा अरोड़ा और गुरप्रीत कौर का सहयोग सराहनीय रहा।
The Department of Computer Science and Engineering in the School of Engineering, Design, and Automation (SEDA) organized a 2-days workshop on “Big Data Analytics Tools” for the students of B.Tech. CSE. Mr.Rocky Bhatia, Solutions Architect at Adobe, was the resource person of the Workshop, holding expertise in data engineering, system design, architecture, cloud tech, data science, and other technology areas. The objective of the Workshop was to make the students comfortable with the tools and techniques required in handling large amounts of datasets. Dr. Vikrant Sharma, Professor, and Dean-SEDA welcomed all the participants and experts of the Workshop. The contents covered in the Workshop included: Introduction to Big Data, Distributed Computing, HDFS Architecture, Blocks, Replication, Map Reduce, Hadoop, Hive Query Language, YARN, NoSQL, HBase, Oozie, Real-time Data Mining using Spark Streaming, Elastic Search, Kibana, Kafka. It was an interactive session where students actively participated in hands-on training and enquired curiously about career options in the data science domain. Sh. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor, of GNA University congratulated all the participants for completing the course and also to organizers of the event. He said, “This event is simply the beginning for providing solutions to make a better future and advised the students to take pride in being a part of this prestigious course and wished all the participants great success.” Dr.V.K. Rattan, the Vice–Chancellor, of GNA University appreciated all the participants and encouraged them to be part of such events as this is one of the emerging technologies and highly in demand. Dr. Monika Hanspal, Dean of Academics, GNA University interacted with participants, highlighted the significance of Big Data, and expressed that these technologies and hands-on practices will make students industry ready. Dr. Hemant Sharma, the Pro Vice-Chancellor thanked Dr. Anurag Sharma, Professor, Head CSE, and organizers for organizing such a great event and ensured all the participants that such events will be planned soon.
G20 is a group European Union and 19 countries (Argentina, Australia, Brazil, Canada, China, France, Germany, India, Indonesia, Italy, Japan, Republic of Korea, Mexico, Russia, Saudi Arabia, South Africa, Turkey, UK, and US). The G20 Summit takes place annually, under the leadership of a different or rotating Presidency. Initially focused on macroeconomic problems, the G20 Summit later extended its agenda to include trade, sustainable development, health, agriculture, energy, environment, climate change, and anti-corruption. As India won the G20 presidency in 2023 (Millets years), which resulted in many international-level events taking place in India at various locations. IIT Ropar hosted the G20's 2nd Working Education Group Meeting at Khalsa College in Amritsar from March 15 to March 17, 2023. Among all the entries from Pan India for the expo, only a few got selected to present their work in front of G20 delegates. It’s a proud moment for Himachal Pradesh and Jaypee University of Information Technology, Waknaghat, that our sustainable research work on “Pine needles’ conversion to biofuel for rural empowerment” got selected there. The Directorate of Research Innovation and Development (DRID) team at JUIT is working on many environmental issues in Himachal Pradesh including Pine Pine needles to bio briquettes. At this event, our JUIT’s Vice Chancellor Prof. (Dr.) Rajendra Kumar Sharma was invited with the team members working on the project Prof. Dr. Ashish Kumar and Anup Kumar Sinha (Project Associate). At the event, we got a chance to interact with national and international-level delegates. The team (Anup, Dr. Ashish from civil Engineering, and Dr. Sudhir from Biotechnology and Bioinformatics) is working on this project and developed a cost-effective bio-briquetting technology from Pine needles with calorific value, burning rate, ignition time near to hardwood coal.
पाइनग्रोव स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पाइनग्रोव स्कूल के निर्देशक कैप्टन एजे सिंह पहुंचे। मुख्य अतिथि का स्वागत विद्यालय के ब्रास बैंड के वाद्य यंत्रों बी फ़्लैट, टेनोर, ट्रोम्बों, बी फ्लैट कोर्नेट और बी फ़्लैट इयुफोनेट की मधुर धुनों से किया गया। इसके पश्चात साँस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत देवदार सदन के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत की गई । इस दौरान मंच का संचालन अनुराधा और रणवीर मालिक द्वारा किया गया। इसके पश्चात देवदार सदन के विद्यार्थियों द्वारा शास्त्रीय संगीत की धुन, तबला वादक के ताल-लय और हारमोनियम की आवाज ने हाल में बैठे हुए श्रोतागण और अध्यापक व अध्यापिकाओं का मन मोह लिया। इस शानदार प्रस्तुति के बाद विद्यार्थियों द्वारा लघु नाटिका “किस्सा ढोंगी बाबा का” प्रस्तुत की गई। लघु नाटिका के पश्चात विद्यार्थियों ने पश्चिमी संगीत की प्रस्तुति से धमाल मचाया और उपस्थित सभी लोग थिरकने को मजबूर हुए। एक के बाद एक नन्हें कलाकारों ने अपनी सुरीली आवाज में हॉल में बैठे सभी श्रोतागण और अध्यापक वर्ग को गाने पर मजबूर कर दिया। पश्चिमी संगीत के बाद विद्यालय की बालिकाओं द्वारा ‘ब्रज की होली’ नृत्य-गान व डांस से सब का मन मोह लिया। अंत में देवदार सदन के अनुराधा और रणवीर मालिक ने सभी का तह दिल से धन्यवाद किया। मुख्य अतिथि के रूप में पाइनग्रोव स्कूल के निर्देशक कैप्टन एजे सिंह, अध्यक्ष प्रबंधक समीक्षा सिंह, पाइनग्रोव स्कूल के हैड टीचर पंकज शर्मा और गतिविधि प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने बच्चों की हौसला अफजाई की।
The Department of Biotechnology and Bioinformatics, Jaypee University of Information Technology, Waknaghat, Solan (H.P.) inaugurated a five Day Hands-on Workshop “Next generation sequencing data analysis" on March 20, 2023. This five-day workshop attracted participants from more than five states to JUIT. A total of 26 students participated from various prestigious institutes such as AIIMS-New Delhi, IITDhaward, HFRI-Shimla, Graphic Era University, Singhania University, DAV CollegeChandigarh, JIIT-Noida, Sharda University-NOIDA, Chandigarh University, SHUATSPrayagraj. The inaugural session of this workshop was embraced by our chief guest, Dr. Amit Kumar Singh, Senior Scientist, ICAR-National Bureau of Plant Genetic Resources, New Delhi, Dean of Academics, JUIT, Prof. Ashok Kumar Gupta, Head of Department of Biotechnology & Bioinformatics, JUIT, Prof. Sudhir Kumar, other department HODs, all faculty members of JUIT. Honorable Vice Chancellor of JUIT, Prof. Rajendra Kumar Sharma, and Registrar, JUIT, Maj. Gen. Rakesh Bassi also extended their best wishes to the participants and the coordinators of this workshop. The workshop was coordinated by Dr. Jata Shankar & Dr. Shikha Mittal from the Department of Biotechnology and Bioinformatics, JUIT, Waknaghat, Solan.
On March 17th, the newly formed Sukhu govt. laid out their primary policies aimed at supporting the state's move to renewable energy and making Himachal a "Green Energy State" during its budget proceeds. With the state's enormous potential for green energy production, the government has been developing the foundation for Himachal to become a power-efficient and low-fossil-fuel emitter state. The state government has announced that it will engage in several green energy programs to meet the state's energy demand from renewable energy sources. The main focus of the govt will be reducing air, sound, and related pollution. Several initiatives selected by the state government for becoming a green energy state till 2026: Solar schemes: Target of 500 MW for FY 2023-24. Green Panchayats Scheme: 2 panchayats will be selected from each distt. to set up as green panchayats on a trial basis. HP will be developed as a "model state for electric vehicles". Green corridors will be created along main highways which pass through major cities and towns. HRTC dept. will be transformed into "Electric state transport dept.". A "Green Hydrogen Policy" will be developed to pave way for the state to develop a viable green energy source for the future. Hydro-power plant setup will be accelerated with this year's goal of 1000 MW energy. Further, a policy to attract private investment in these projects will be formed. Pangi: To address the shortage of power, the government will install a solar-powered battery storage device. Major programs to start this year: Rs. 2000 Cr, “HP power sector development program” through World Bank help will start this year. 200 MW solar projects will be set up under the program. The project will be spread within 13 major cities/towns, with 11 substations and two power lines provision. Rs 1000 Cr to be spent on converting 1500 HRTC diesel buses to E-buses in a phased manner. With HPTCL investment of Rs. 464 Cr: 6 EHV sub-station, 5 transmission lines, and a centralized control center will be set up. Centralized cells for the sale/purchase of green energy will be set up to maximize the revenue. Subsidies declared to encourage the use of green energy for coming years during the budget session: Subsidy for solar plants: Locals will get a 40% subsidy to build a 250KW-2MW solar plant on leased or owned property. E-vehicle subsidy: PVT bus and truck operators: 50% subsidy (up to 50 lacs) for the acquisition of a new vehicle. Set up of charging station: 50% subsidy proposal, but a final policy to be laid down in collaboration with the state energy board.
GNA University hosted a cycling marathon with the sole objective to educate the public about the benefits cycling entails. The chief guest of the event was Ms. Usha Rani SHO Thana Sadar Phagwara. The guest of honor was Mr. Balraj Singh Chauhan. The event started with a grand opening and warmup session on some enthusiastic music numbers. The rally was initiated by the flag-off ceremony by S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor, GNA University, Pro Vice-Chancellor-Dr. Hemant Sharma, Deputy Registrar Mr.KunalBains, Dean Academics-Dr.Monika Hanspal, Dr. Sameer Verma- Dean GNA Business School,Dr.Vikrant Sharma Dean SEDA-E, Mr.CR Tripathy Dean SEDA-D, Dr.Deepak Kumar Dean FOH with Er. Gurmeet Singh- PRO GNA University. The cycling marathon witnessed nearly 85 participants with the motto “to be healthy and to be fit for the whole life”. The major participants for the marathon were fitness freaks, cyclists, and many more who cycled all over Phagwara city. This marathon covered total 35kms of Phagwara city and also covered 11 spots. The marathon was initiated from GNA University’s lush green campus reaching haveli and coming back to the endpoint- GNA University. GNA University honored different clubs-cycling clubs Phagwara Peddlers Club, Hawk Riders Jalandhar club, Fit Bikers club Hoshiarpur club, Patiala Peddlers club, and JBC Biking Club Jalandhar for their remarkable contribution towards the cycling fraternity. In this Marathon, the first runner Mr. Ekampreet Singh got a cheque of Rs.11000/-, second-Mr. Anavpuri, a cheque of Rs.5100/-and third Mr. Gagandeep Kumar received a cash award of Rs.3100/-. S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor said, “Let’s take an oath to make Punjab fitness freak and make this Punjab the best city. The Chief Guest of the event, Ms. Usha Rani, SHO Thana Sadar, Phagwara said, “I appreciate the endeavors of the University to create enthusiasm among the youngsters regarding good health.”
The 25th anniversary of the International Day of Action for Rivers is being commemorated this year. It's a day designated to valuing protecting and spreading awareness about the water that sustains us. Rivers are an essential component of our planet's ecosystems, providing water, food, and habitat for millions of species. However, they are facing numerous threats, including pollution, overfishing, and the construction of dams. To raise awareness about the importance of protecting rivers and advocate for their preservation, the International Day of Action for Rivers was established in 1998. This day serves as a reminder of the critical role that rivers play in sustaining life and the urgent need to protect them from harmful human activities. As the organization International Rivers states, "We need healthy rivers to survive and thrive as a species." Theme 2023: The theme of this year anniversary is the "Rights of Rivers" initiative, which campaigns for river appreciation as a national resource. This year there is also focus on the preservation of the biodiversity of the river ecosystem and flora and fauna living in it. International Relevance: This day has been proved instrumental in raising awareness about the importance of maintaining rivers and fighting to safeguard them. It has also led to the development of policies and regulations to protect rivers, such as the United States Clean Water Act and the European Union's Water Framework Directive, which prioritize the preservation and restoration of river ecosystems. Relevance in India: In India, the International Day of Action for Rivers has been significant in raising awareness about the importance of protecting the country's river systems. The day is celebrated through various events, such as rallies, river clean-up drives, and educational campaigns. The Indian government has also taken steps to protect rivers, including the enactment of the National River Conservation Plan in 1995, which aims to improve the rivers water quality across the country. The government has also implemented the Namami Gange Programme, a national initiative to rejuvenate the Ganges River, one of the country's most important and polluted rivers. These policies reveal the importance of the International Day of Action for Rivers in promoting the preservation and restoration of river ecosystems in India. In Himachal Pradesh, the government has implemented various policies to protect the state's rivers, including the Himachal Pradesh River Rafting Rules, 2005, which regulate water sports activities in the state's river systems. Additionally, the state government has initiated the Mukhya Mantri Nadi Mein Sampada Yojana, a program aimed at the rejuvenation of rivers and their catchment areas.
प्रदेश में परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए हिमाचल सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने परीक्षाओं में शुचिता बनाए रखने तथा अनुचित साधनों के प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसके पीछे सरकार का ध्येय ईमानदार व परिश्रमी छात्रों को प्रोत्साहित करना है। रोहित ठाकुर ने बताया कि सभी निजी और सरकारी संस्थानों को परीक्षाओं के दौरान कड़ी निगरानी रखने के लिए उचित कदम उठाने तथा दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में कदाचार एक गंभीर चिंता का विषय है तथा इससे परीक्षा आयोजित करने का संपूर्ण उद्देश्य ही निष्फल हो जाता है। प्रदेश सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षाएं सुनिश्चित करने तथा कदाचार को रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय कर रही है। परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए विश्वविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों के स्तर पर एक विशेष उच्च स्तरीय समिति गठित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह समिति परीक्षाओं में किसी भी प्रकार के कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए उत्तरदायी होगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं अन्य संस्थानों को परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान नकल करते और करवाते हुए पकड़े जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करवाने के दृष्टिगत उड़नदस्तों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। यह उड़न दस्ते परीक्षाओं के दौरान औचक निरीक्षण करेंगे।
मेडिकल शिक्षा के लिए आकांक्षार्थी 18 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का अब इंतजार खत्म हो गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट यूजी के लिए अधिूसचना जारी कर दी है। इसी के साथ नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम - अंडर ग्रेजुएट (NEET UG 2023) के लिए आवेदन पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ओर से NEET UG 2023 परीक्षा सात मई, 2023 को आयोजित की जाएगी है। जानकारी के अनुसार उम्मीदवार नीट यूजी 2023 के लिए आधिकारिक वेबसाइट neet.nta.nic.in पर आवेदन पंजीकरण कर सकते हैं। NEET (UG) 2023 परीक्षा अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू सहित विभिन्न भाषाओं में आयोजित की जाएगी। नीट यूजी 2023 पाठ्यक्रम में तीन विषय -भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान शामिल हैं। NEET UG 2023 एंट्रेंस एग्जाम में 11वीं और 12वीं फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के विषय होंगे।
हिमाचल प्रदेश के 135 कॉलेजों में पढ़ने वाले करीब डेढ़ लाख छात्रों के लिए राहत भरी खबर निकल कर सामने आयी है । प्रदेश के कॉलेजों में परीक्षा फॉर्म भरने की डेट को अब 12 मार्च तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में जो विद्यार्थी एग्जामिनेशन फॉर्म नहीं भर पाए हैं, उन्हें एचपीयू ने एक और मौका दिया है। बता दें कि बीए, बीएससी, बीकॉम और शास्त्री सब्जेक्ट के स्टूडेंट्स को यह छूट दी गई है। हिमाचल प्रदेश की यूनिवर्सिटी से सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि एनुअल सिस्टम के अंतर्गत एग्जाम करवाए जाएं। इसके लिए सिलेबस भी सभी कॉलेजों को पूरा करवाना होगा। वहीं पुराने बैच यानि रूसा सिस्टम वाले स्टूडेंटस के लिए पुराने सिलेबस के आधार पर एग्जाम करवाएं जाएंगे। हिमाचल के लगभग सभी कॉलेजों में एग्जाम करवाने के लिए परीक्षा सेंटर भी बनाए जाएंगे। कॉलेजों में सुबह और शाम के सेशन में एग्जाम करवाए जाएंगे। HPU के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन डॉ. जेएस नेगी का कहना है कि एग्जाम फॉर्म भरने की डेट को बढ़ाया गया है। कई स्टूडेंट ऐसे हैं, जो परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए हैं। इसलिए अब समय रहते स्टूडेंट अप्लाई कर सकते है।
The grand celebration of National Science Day for the year was organized at the Jaypee University of Information Technology (JUIT), Waknaghat, Solan with a series of activities that includes an offline quiz, poster and model competitions, offline workshops, online plenary talks. These events were conducted in the last two weeks, however, National Science Day Symposium (NSDS) was organized in online mode on 28th Feb 2023. The event was inaugurated by the Vice-Chancellor of JUIT Prof. Rajendra Kumar Sharma, Dean of Academics and Research Prof. Ashok Kumar Gupta along with the Head of the Department of Biotechnology & Bioinformatics, Prof. Sudhir Kumar, and Head of the Department of Physics & Materials Science, Prof. P.B. Barman, other faculty members, students, and partcicipants. The event was coordinated by Dr. Tiratha Raj Singh, Dr. Ragini Raj Singh, and Dr. Shikha Mittal. Dr. Ragini gave a brief introduction to National Science Day and its scientific importance. Prof. Ashok Kumar Gupta in his talk mentioned that “If you really study Science, it will bring you closer to God”. Prof. Rajendra Kumar Sharma addressed the students of different schools including Govt. Sr. Sec. School, Bijhori, Hamirpur and Govt. Sr. Sec. School, Sekhewal, Ludhiana, and explained to them how Science can help today’s youth in nation-building or development. After the inauguration, three plenary talks were delivered. The very first talk was delivered by Prof. P.B. Barman, HoD, Department of Physics and Materials Science, JUIT. Prof. Barman talked about various branches and dimensions of Physics and how Physics can be useful in everyday life. The next talk was delivered by Prof. Sudhir Kumar, HoD, Department of Biotechnology and Bioinformatics, JUIT. Prof. Kumar discussed the Offshoots for the school students and how they can help in improving the learning for the students. Third and the last talk was delivered by Dr. Tiratha Raj Singh, Associate Professor, at JUIT. Dr. Singh described about a relatively new domain of Bioinformatics and explained how mother biological sciences and father information sciences gave birth to a beautiful and smart child named Bioinformatics. All the awards for poster and quiz competitions were declared by Prof. Rakesh Kumar Bajaj and Dr. Neel Kanth respectively. Finally, the NSDS-2023 event was concluded with a vote of thanks by Dr. Shikha Mittal. With more than 250 registrations for the online event and the active participation of school students made this event a grand success. It is to mention that Jaypee University is organizing such events on regular basis for the school and college students for the promotion of science and technology.
The Celebration of National Science Day for the year 2023 started at Jaypee University of Information Technology (JUIT), Waknaghat, Solan with multifarious activities. This year the NSD activities were planned offline, where a poster/model presentation competition was organized along with a one-day workshop in JUIT. Participants from various parts of India which includes Jaipur, Ambala, Solan, Shimla, Bilaspur, etc. actively participated and presented their scientific ideas. Some JUIT students also showcased their talent through this competition. Posters and models were evaluated by a team of learned judges from various departments of JUIT. Prof. Vineet Sharma, Dr. Anil Kant, Dr. Poonam Sharma, Dr. Hemant Sood, Dr. Surojeet Hazra, and Dr. Ashok Nadda were among the judges of this significant competition. Vice-chancellor of JUIT Prof. R.K. Sharma also visited the poster competition and interacted with the students in great detail. Heads of the involved departments Prof. P.B. Barman and Prof.Sudhir Kumar also encouraged the students to their presentations. This event was coordinated by Dr.Tiratha raj Singh along with Dr. Ragini Raj Singh and Dr. Shikha Mittal. In addition to that, another important event was organized and it was a One Day Workshop in collaboration with Rajkiya Kanya Mahavidyalaya (RKMV) Longwood, Shimla, (H.P.) on ‘Molecular Biology and Biotechnological Techniques’. The workshop was arranged by Prof. Sudhir Kumar HoD, BT & BI, JUIT, and Dr. Anil Kumar Thakur Dean (Sciences), HoD-Botany, RKMV. Dr. Jata Shankar & Dr. Rahul Shrivastava from JUIT coordinated the entire workshop. In this workshop, 60 students of B.Sc. (Microbiology, Biotechnology, Zoology, and Botany streams) participated. Faculty members from RKMV, Shimla accompanied the students and actively participated in the workshop. The main objective of the workshop was to educate and motivate students to the exploration of different arenas in science and provide them with live demonstrations and training on novel areas and topics related to Microbiology, Molecular Biology, and Biotechnology. The workshop was conducted by resource persons from the Department of Biotechnology & Bioinformatics, JUIT, Waknaghat. Dr. Rahul Shrivastava provided a practical demonstration of Drug Screening methods, and Biofilm Inhibition Assay used for Drug Discovery, and Dr. Jata Shankar provided a live practical session on PCR and Real-Time PCR. The sessions were followed by a practical session on Industrial Applications of Plant Tissue Culture by Dr. Hemant Sood and an interaction on Enzyme Technology by Dr. Ashok Nadda and Dr.Uday M.RKMV College, Shimla administration thanked the JUIT for his motivation and support. JUIT administration, staff, research scholars, and M.Sc. volunteers provided their support for making the workshop a great success. JUIT Vice Chancellor Prof. Rajendra Kumar Sharma and Dr. Ruchi Ramesh, Principal, RKMV, Shimla expressed their delight over the successful conduct of the First workshop under the MoU signed between JUIT and RKMV, Shimla.The next part of the NSD celebration will be organized on 28th February 2023 where an online event named National Science Day Symposium (NSDS), 2023 will be scheduled. All the poster/model and quiz competition winners will be announced on the same day in NSDS-2023.
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से PHD करने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए लगातार तीसर बार डेट बढ़ा दी गई है। PHD में एडमिशन के लिए जो उम्मीदवार आवेदन नहीं कर पाए हैं, वे अब 23 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले 15 फरवरी तक ही आवेदन करने की डेट थी। स्टूडेंट की डिमांड पर इसमें 3 दिन का और समय दिया गया है। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के 25 विभागों में PHD की 173 सीटें भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सेशन 2022-23 के लिए यूनिवर्सिटी के 25 विभागों में PHD की 173 सीटें प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से भरी जानी हैं। एंट्रेंस टेस्ट की डेट बाद में अलग से जारी की जाएगी।
फर्स्ट वर्डिक्ट। धर्मशाला उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने जानकारी दी है कि शिक्षा का अधिकार 2009 के अंतर्गत पहली से आठवीं कक्षा वाले सभी निजी स्कूलों के लिए हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है, जिसके लिए जिला के सभी निजी स्कूलों के लिए शैक्षणिक सत्र 2023- 24 की मान्यता एवम नवीनीकरण प्रक्रिया संबंधी शेड्यूल जारी कर दिया गया है, जिसके तहत सभी निजी स्कूल संबंधित शिक्षा खंड के लिए निर्धारित तिथि को ही संपूर्ण दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। यह प्रक्रिया 6 से 27 फरवरी तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि जिन निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता को 5 एवं 1 वर्ष का समय पूर्ण हो चुका है, उन्हें नई मान्यता प्राप्ति के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। पहली से पांचवी कक्षा तक के सभी निजी प्राथमिक विद्यालय को अपने आवेदन संबंधित खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित तिथि को जमा करवाने होंगे, जबकि पहली से आठवीं कक्षा वाले स्कूलों स्कूलों को अपने आवेदन उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा कांगड़ा स्थित धर्मशाला के कार्यालय में सम्पूर्ण दस्तावेजों के साथ निर्धारित शुल्क के साथ तय तिथि को जमा करवाने होंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षा खंड इंदौरा के तहत आने वाले स्कूल 6 फरवरी, फतेहपुर 7 फरवरी, नूरपुर व कोटला 8 फरवरी, ज्वाली 9 फरवरी, राजा का तालाब 10 फरवरी, रैत व नगरोटा सूरियां 13 फरवरी को अपने आवेदन जमा करवा सकते हैं, जबकि कांगड़ा शिक्षा खंड के तहत आने वाले स्कूल 14 फरवरी, नगरोटा बगवां 15 फरवरी, धर्मशाला 16 फरवरी, डाडासीबा 17 फरवरी, भवारना 20 फरवरी, लंबागांव 21 फरवरी, पंचरुखी व चढ़ियार 22 फरवरी, बैजनाथ 23 फरवरी, पालमपुर 24 फरवरी, रक्कड़ 25 फरवरी तथा देहरा शिक्षा खंड के निजी स्कूल 27 फरवरी को संपूर्ण दस्तावेजों सहित आवेदन कर सकते हैं। मान्यता प्रक्रिया संबंधित जानकारी कार्यालय की वेबसाइट www.ddee.org.in पर भी उपलब्ध है। इस बारे अधिक जानकारी के लिए कार्यालय दूरभाष 01892- 223155 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
(IGNOU) में जनवरी सत्र 2023 के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। सोलन राजकीय महाविद्यालय के इग्नू केंद्र के समन्वयक डॉ राजेंद्र कश्यप ने बताया की (IGNOU) में जनवरी सत्र 2023 के लिए पुनः पंजीकरण शुरू कर दिया है। यह पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। जो भी शिक्षार्थी जनवरी 2022 सत्र में दाखिला ले चुके है वह अपना पुनः पंजीकरण 31 दिसंबर से पहले करवाले। साथ ही समन्वयक डॉ राजेंद्र कश्यप ने बताया कि इग्नू की दिसंबर 2022 में होने वाली परीक्षा से संबंधित असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2022 है। जो भी छात्र इग्नू की दिसंबर 2022 की परीक्षा के लिए अपना परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए है वह भी विलंब शुल्क Rs1100/- के साथ ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा फॉर्म भर सकते है और अधिक जानकारी के लिए छात्र इग्नू केंद्र राजकीय महाविद्यालय से संपर्क कर सकते है।
आईटीआई दौलतपुर के अध्यक्ष बबलेश कुमार रहे मुख्यातिथि मनाेज कुमार। कांगड़ा आईटीआई दौलतपुर जिला कांगड़ा आज में शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के प्रशिक्षणार्थियों हेतु दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में बबलेश कुमार अध्यक्ष आईएमसी आईटीआई दौलतपुर-सह-उद्योगपति ने शिकरत की। इस आयोजन में सर्वप्रथम प्रधानाचार्य संतोष नारायण द्वारा मुख्यातिथि को पुष्पगुच्छ, शॉल एवं टोपी भेंट कर स्वागत एवं सम्मानित किया गया। उसके उपरांत प्रधानाचार्य द्वारा संस्थान उत्थान एवं प्रशिक्षण से सम्बंधित गतिविधियों के बारे में समस्त उपस्तिथ सदस्यों एवं प्रशिक्षणार्थियों को अवगत करवाया एवं अखिल भारतीय व्यवसाय परीक्षा 2022 में संस्थान के अच्छे परिणाम हेतु संस्थान के समस्त अनुदेशक/ट्रेनर वर्ग, अन्य स्टाफ सदस्यों एवं प्रशिक्षणर्थियों को वधाई दी एवं भविष्य में भी इसी प्रकार के परिणामों की कल्पना की। इसके उपरांत वर्तमान सत्र की फैशन डिज़ाइन एवं टेक्नोलॉजी व्यवसाय की प्रशिक्षुओं द्वारा कार्यक्रम को मनोरंजन कारी बनाने हेतु कुछ नृत्य एवं गायन की प्रस्तुतियां दी गई, जिनमें मुख्यता नाम ज्योति, सबनम, नेहा, साक्षी व सिया द्वारा प्रस्तूति दी गई। इन प्रस्तुतियों उपरांत मुख्यातिथि एवं प्रधानाचार्य द्वारा सर्वप्रथम प्रत्येक व्यवसाय में प्रथम आए प्रशिक्षुओं को उनका व्यवसाय प्रमाणपत्र, विस्तार अंक पत्र एवं पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया। व्यवसाय बार प्रथम आए प्रशिक्षुओं में इलेक्ट्रीशियन व्यवसाय से अभिषेक, फिटर व्यवसाय से संदीप कुमार, वेल्डर व्यवसाय से सौरव चौधरी एवं फैशन डिज़ाइन एवं टेक्नोलॉजी व्यवसाय से श्रुति वर्मा। तदोउपरांत अन्य सभी 60 प्रशिक्षुओं को भी व्यवसाय प्रमाणपत्र एवं विस्तार अंक पत्र वितरित किए गए। समस्त वितरण प्रक्रिया के उपरांत कार्यक्रम के आयोजकों में से एक मंच के संचालक दिनेश सिंह अनुदेशक द्वारा मंच पर मुख्यातिथि को आमंत्रित किया गया एवं प्रशिक्षणार्थियों से अपने विचार सांझा करने का अनुमोदन किया, जिसके उपरांत मुख्यातिथि द्वारा सभी प्रशिक्षुओं से अपने जीवन काल के अनुभव सांझा किए गए एवं समस्त कार्यक्रम में उपस्तिथ सदस्यों के उज्जवल भविष्य एवं मंगल जीवन की कामना कर सभी का धन्यवाद किया एवं इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु निजी स्तर पर प्रधानचार्य एवं समस्त संस्थान सदस्यों का धन्यवाद किया। इस पूर्ण कार्यक्रम में संस्थान की और से सवर्णा देवी अनुदेशक, प्रिया शर्मा अनुदेशक, दिनेश सिंह अनुदेशक, विकास राणा ट्रेनर, विशाल कुमार ट्रेनर, हरीश चौधरी अनुदेशक, नितिन ठाकुर एवं रजनी देवी उपस्तिथ रहे।
विधायक रविंद्र धीमान ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का व्यक्त किया आभार नरेंद्र ठाकुर। जयसिंहपुर उपमंडल के तहत तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में अब कंप्यूटर इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग का डिप्लोमा भी शुरू हो जाएगा। इस संबंध में सरकार ने 6 सितंबर को अधिसूचना जारी कर यह डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की बात कही है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में तलवाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में यह दोनों ट्रेड शुरू करने का फैसला हुआ था। 2008 में स्थापित इस पॉलिटेक्निक कॉलेज में अभी केवल दो ही ट्रेड सिविल व ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग चल रहे हैं और प्रदेश के संस्थान विभिन्न भागाें से 265 के लगभग छात्र-छात्राएं तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अभी 3 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में फार्मेसी ट्रेड शुरू करने का फैसला लिया गया था। अब यहां इलेक्ट्रिक व कंप्यूटर इंजीनियरिंग के कोर्स भी शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। विधायक रविंद्र धीमान फार्मेसी के बाद कंप्यूटर व इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स शुरू करने के लिए सीएम जयराम ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में अब इस संस्थान में पांच ट्रेड हो जाएंगे।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा यानी जेईई मेंस 2022 की सत्र एक परीक्षा का परिणाम को जारी कर दिया है। परिणाम को बीती रात ऑनलाइन माध्यम से जारी किया गया है। इस परीक्षा में देश भर से करीब आठ लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा में मिनर्वा शिक्षण व कोचिंग संस्थान के कुल 16 विद्यार्थियों का प्रसेंटाइल 85 से ऊपर है और 12 विद्यार्थियों ने 90 से ऊपर प्रसेंटाइल हासिल कर अपने उज्जवल भविष्य की नींव रखी है। मिनर्वा संस्थान के विद्यार्थी अक्षित शामा ने 98.70, तेजस्वनी 97.45, हर्षित शर्मा 97.07, आकृत ठाकुर 95.59, अभिवन्दन चन्देल 95.12, ओसिन शर्मा 94.67, साहिल शर्मा 94.39, सार्थक पुण्डीर 94.08, श्रेया शर्मा 93.16, रक्षित शर्मा 92.07, दिव्या 92.07, शिवांश सहगल 90.00, अभय शर्मा 87.29, शिवांश शर्मा 87.07, शर्मिष्ठा 86.00 तथा पियुष वशिष्ठ ने 85.25 अंक हासिल किये है। इस मौके पर मिनर्वा संस्थान के संस्थापक व संयोजक प्रवेश चन्देल व राकेश चन्देल ने इन सभी विद्यार्थियों व इनके परिवारजनों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 की जेईई, नीट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ड्राॅपर बैच 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। वहीं इस वर्ष की सैनिक स्कूल एडमिशन परीक्षा के लिए कक्षा 6 व कक्षा 9 के लिए बैच पहली अगस्त से शुरू हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश कॉलेजों में नई शिक्षा नीति पर संशय समाप्त हो गया है। विवि ने साफ किया है कि नई शिक्षा नीति को इस सत्र से यूजी डिग्री कोर्स में लागू नहीं किया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कॉलेजों में पुराने ईयर सिस्टम के तहत ही प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। कॉलेजों ने पहले ही दस जुलाई से प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया और दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों की रोल ऑन एडमिशन की तैयारी शुरू कर दी थी। दस जुलाई से कॉलेज प्रवेश के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोलने की तैयारी में है। कॉलेजों ने अपने प्रोस्पेक्ट्स का प्रारूप तैयार कर दिया है। कॉलेजों ने पुरानी वार्षिक प्रणाली योजना में प्रोस्पेक्ट्स तैयार कर लिए हैं। पुरानी प्रणाली नीति के अनुसार ही दाखिले लिए जाने को लेकर अब कोई संशय नहीं रहा है, चूंकि विवि ने नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने को लेकर अब तक निर्णय नहीं लिया था, इसलिए कॉलेजों को प्रवेश से संबंधित कोई अलग से विवि की ओर से जारी नहीं होंगे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित जमा दो के परीक्षा परिणाम में मिनर्वा स्कूल घुमारवीं के बच्चों ने धाक जमाई है। स्कूल में तीन छात्रों ने टॉप टेन सूची में नाम दर्ज करवाया है। बच्चों की इस उपलब्धि पर स्कूल व परिजनों में खुशी का माहौल है। मेरिट सूची में आने वाले बच्चों को स्कूल प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया। विज्ञान संकाय में अनुभव धीमान ने पूरे प्रदेश भर में पांचवां स्थान हासिल किया है। अनुभव ने 500 में से 488 अंक हासिल किए। जबकि तेजस्वनी ने पूरे प्रदेश भर में 8वां स्थान हासिल किया है। इसके अलावा अक्षित शामा ने पुरे प्रदेश भर में 10वां रैंक हासिल किया। अक्षित शामा ने 500 में से 483 अंक प्राप्त किये हैं। खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने स्कूल पहुंचकर बच्चों को बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। वहीं विद्यालय प्रधानाचार्य प्रवेश चंदेल ने इस मौके पर बच्चों को बधाई दी। प्रवेश चंदेल ने कहा कि स्कूल के तीन छात्रों ने जमा दो कक्षा के परीक्षा परिणाम में टॉप टेन सूची में जगह बनाई है। इन बच्चों में अभिनव धीमान, अक्षित व तेजस्वनी शामिल हैं। बच्चों की इस उपलब्धि पर बच्चों के साथ स्कूल स्टाफ के सदस्य बधाई के पात्र हैं। 5वां स्थान हासिल करने वाले अनुभव धीमान ने कहा कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए 8 से 9 घण्टे का समय दिया। अनुभव धीमान कांगड़ा के पंजेहड़ का रहने वाला है। अनुभव के पिता सुरजीत कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खनाग आनी में प्रिंसिपल के पद पर तैनात हैं जबकि माता पूजा धीमान टीजीटी आर्ट्स पद पर तैनात हैं। अनुभव ने इसका श्रेय अपने माता पिता व मिनर्वा स्कूल के गुरुजनों को दिया है। अनुभव डाक्टर बनकर समाज सेवा करना चाहते हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षा परिणाम में 10वां स्थान हासिल करने वाले अक्षित घुमारवीं के लुहारवीं से हैं। अक्षित के पिता संजीव कुमार अध्यापक के पद पर नाल्टी स्कूल में कार्यरत हैं। जबकि माता वीना देवी गृहणी हैं। अक्षित ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिये 7 से 8 घण्टे का समय दिया। वह आर्मी में जाकर देश सेवा करना चाहते हैं। इसका श्रेय अपने माता पिता व मिनर्वा स्कूल के गुरुजनों को दिया है। जमा दो परीक्षा परिणाम में 8वां स्थान हासिल करने वाली तेजस्वनी डॉक्टर बनना चाहती हैं। तेजस्वनी सरकाघाट के बड़ोई गांव की रहने वाली है। उसने परीक्षा में 500 में से 485 अंक प्राप्त किये हैं। तेजस्वनी के पिता अशोक कुमार व माता अनिता देवी अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व मिनर्वा स्कूल के अध्यापकों को दिया है।
शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान प्रदेश के किसी भी विद्यार्थी ने 153 प्राइमरी स्कूलों में दाखिले नहीं लिए हैं।प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों में एक भी दाखिला नहीं होने से जिला शिक्षा अधिकारियों से कारण पूछे हैं। जिला शिमला में सबसे अधिक 39, कांगड़ा में 30 और मंडी जिला में ऐसे 26 स्कूल हैं। दस विद्यार्थियों की संख्या वाले 2100, 6 से 9 बच्चों वाले 1274 और 5 बच्चों वाले 673 स्कूल हैं। जिलों की इस रिपोर्ट के आधार पर इन स्कूलों के भविष्य सम्बंधी कार्यों के लिए प्रस्ताव रखा जायेगा। इसके आलावा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर निदेशालय को समय-समय पर भेजे गए प्रस्तावों की जानकारी भी जिला अधिकारियों से मांगी गई है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सूबे के तीसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए संस्कृत की पढ़ाई शुरू करेगा।नए शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाली यह पढ़ाई अभ्यास वर्क बुक के आधार पर होगी।इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।तीसरी से पांचवी कक्षा तक संस्कृत पढ़ाने के लिए भर्ती नहीं होंगे शिक्षक। पढ़ाई केवल अभ्यास वर्क बुक के माध्यम से ही करवाई जाएगी। बच्चों को इन कक्षाओं में अक्षर ज्ञान की ही जानकारी मिलेगी। तीसरी और चौथी कक्षा में कोई परीक्षा नहीं ली जाएगी। पांचवीं कक्षा में संस्कृत विषय का टेस्ट लिया जाएगा।तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में संस्कृत की पढ़ाई शुरू की जाएगी। इन छोटी कक्षाओं में पढ़ाई अभ्यास वर्क बुक के माध्यम से करवाई जाएगी। - डॉ. सुरेश कुमार सोनी, अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला।
अमेरिका में हर साल होने वाले दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले में इस बार डीपीएस इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली के स्टूडेंट देवज गुप्ता ने देश के लिए दो पुरस्कार जीत कर भारत का नाम रोशन किया हैं। अंटलाटा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले में 68 देशों के 1700 स्टूडेंट्स ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। देवज ने रसायन शास्त्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए न केवल दो पुरस्कार जीते, बल्कि भारत को भी दूसरी पोजीशन में लाने में अहम भूमिका रही। हिमाचल प्रदेश के संदर्भ में यह सूचना इसलिए अहम है कि देवज गुप्ता की माता का मायका कुल्लू में हैं। नीति कुल्लू के एक्सीलेंस अवार्ड और फोकस हिमाचल सम्मान से सम्मानित प्रसिद्ध बागवान एवं होटलियर नकुल खुल्लर की बहन है और देवज गुप्ता उनका भांजा हैं। अटलांटा में 7 मई से 13 मई तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले में देवज गुप्ता ने भारत का रसायन शास्त्र में प्रतिनिधित्व किया और दो पुरस्कार जीत कर भारतीय प्रतिभा का लोहा मनवाया। देवज ने दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ स्टूडेंट्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बाद इन पुरस्कारों को जीतकर बहुत सम्मान प्राप्त किया हैं।
बीते कई माह से अभ्यार्थी आयोग ने संशोधित की सूची जारी नहीं की थी ।11 मई को आयोग के सचिव डीके रत्न की ओर से संशोधित सूची जारी की गई है। राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा यह सूचि करीब नौ माह बाद जारी की गयी। संशोधित सूची में 13 विषयों में 27 और अभ्यार्थी पास घोषित किए गए हैं। यह अभ्यार्थी अब प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में जारी असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए भी योग्य हो गए हैं। आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग में शामिल करने से यह बीपीएल अभ्यार्थी छूट गए थे। इन अभ्यर्थियों को जल्द अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज और केटेगिरी सर्टिफिकेट आयोग कार्यालय में जमा करवाने होंगे। इसके बाद इन्हें सेट पास करने का प्रमाणपत्र जारी होगा। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अनिवार्य स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट 22 नवंबर 2020 को लिया गया था। परीक्षा में 10,557 अभ्यार्थी शामिल हुए थे। लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त 2021 को सेट का परिणाम घोषित किया था। हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 548 पद भरे जायेगे ,जिसकी प्रक्रिया इन दिनों चल रही है। इन पदों की भर्ती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन 26 मई तक भरे जा सकते हैं। अब सेट पास करने वाले यह 27 अभ्यर्थी भी परीक्षा में शामिल हो सकेंग। गणित विषय में 35, हिंदी में 41, राजनीतिक शास्त्र में 47, सोशोलॉजी में 11, कॉमर्स में 67, अर्थशास्त्र में 39, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में आठ, संस्कृत में 17, म्यूजिक में 24, केमिस्ट्री में 37, म्यूजिक वोकल में 16, जूलॉजी में 22, भूगोल में 12, फिजिक्स में 40 पदों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती होनी है। इसके अलावा बॉटनी में 24, फिजिकल एजुकेशन में सात, एजुकेशन में तीन, अंग्रेजी में 50, इतिहास में 37, जियोलॉजी में चार, फिलॉसफी में पांच, साइकोलॉजी में पांच, टूर एंड ट्रेवल में तीन और कॉमर्शियल आर्ट, होम साइंस और जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन में एक-एक पद भरा जाएगा।
“Le Fiestus”- The 3 day long Annual Fest of JUIT begins from Friday, 6th May,2022. Hundreds of students will participate in various events in a blended program of technology and cultural activities. The Fest will be filled with exciting games and fun events for everyone to enjoy .The primary attraction on the first day will be "Cultural Night," which will feature numerous singing and dancing performances put on by college students. “War of the Bands” followed by performances of “Madhyam Band” and “Ankita Arya DJ” will be the main attractions of Day-2. On the last day of the festival there will be stand-up comedy by “Nishant Suri” and a melodious performance by famous singer and songwriter “Maninder Buttar”. College Festivals like this provide a platform for students to showcase one’s unique talents,boosting social interaction and exchanging many ideas and concepts and are important in the holistic development of the personality of the students, providing a break from the monotonous routine of evaluation and academics.
शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, देश भर में दुसरे नंबर पर है। प्रदेश की साक्षरता दर वर्ष 1971 में 31.96 प्रतिशत थी, 2021 में यह 86.60 प्रतिशत हो गई है और लगातार बेहतर होती जा रही है। हिमाचल में स्कूल, कॉलेजों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हुआ है। हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा है। वर्तमान में राज्य में 131 स्नातक महाविद्यालय, 1,878 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 931 उच्च विद्यालय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। सरकार द्वारा राज्य में शिक्षा क्षेत्र को सशक्त करने के लिए अनेक बहुआयामी कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय उच्च स्तर शिक्षा अभियान को वर्ष 2013 में सबसे पहले हिमाचल ने ही लागू किया था। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में हिमाचल देशभर में अग्रणी रहा है। पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए जाने वाले परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में ग्रेड वन में शामिल किया गया था। वर्तमान में राज्य में 131 स्नातक महाविद्यालय, 1,878 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 931 उच्च विद्यालय, पांच अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, चार फार्मेसी महाविद्यालय 16 पॉलिटेकनिक महाविद्यालय और 138 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। एनआईटी हमीरपुर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर देश के 31 एनआईटी में से एक है, जो 7 अगस्त 1986 को क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में अस्तित्व में आया। स्थापना के समय, संस्थान में केवल दो विभाग थे, सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग। 26 जून 2002 को, आरईसी हमीरपुर को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में अपग्रेड किया गया। बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिहाज से विश्व बैंक द्वारा इस संस्थान को सबसे अच्छी एनआईटी का दर्जा प्रदान किया गया है। संस्थान के पास उद्योग की आवश्यकताओं और तकनीकी दुनिया में होने वाली घटनाओं के जवाब में विकसित होने और बदलने का लचीलापन है। आईजीएमसी : हिमाचल प्रदेश मेडिकल कॉलेज शिमला (HPMC) की स्थापना वर्ष 1966 में पहले बैच में 50 छात्रों के प्रवेश के साथ की गई थी। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से संबंधित है। इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज राज्य के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों के साथ पूरा कर रहा है। आईजीएमसी से अब तक 923 स्नातकोत्तर और 377 डिप्लोमा छात्र पास हो चुके हैं। आईजीएमसी में एमबीबीएस की सीटों को वर्ष 1978 बढ़ाकर 65 किया गया था। अब एमबीबीएस की सीटें 65 से बढ़ाकर 100 कर दी गई हैं। वर्ष 1981 में आईजीएमसी में 16 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए गए थे। अब इन्हें 16 से 20 कर दिया गया है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला को भारत सरकार द्वारा क्षेत्रीय कैंसर केंद्र का दर्जा दिया गया है। आईआईटी मंडी आईआईटी मंडी के स्थाई परिसर के लिए 24 फरवरी 2009 को आधारशिला रखी गई थी। आईआईटी मंडी में बीटेक का पहला बैच वर्ष 2009 में बैठा। वर्ष 2013 में पहला बैच पास आउट हुआ उसके बाद आईआईटी मंडी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। देश भर से छात्र पढ़ाई करने के लिए यहां आ रहे हैं। अपनी स्थापना के बाद से ही यह संस्थान तेजी से प्रगति कर रहा है। आईआईटी मंडी में कई ऐसे पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं जो वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए सक्षम है। ये संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2008 में प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) अधिनियम, 2011 के तहत स्थापित आठ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में से एक है। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना 22 जुलाई 1970 को हिमाचल प्रदेश की विधान सभा के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। यह राज्य का एकमात्र बहु-संकाय आवासीय और संबद्ध विश्वविद्यालय है जो शहरी, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों को औपचारिक और डिस्टेंस शिक्षा प्रदान करता है। विश्वविद्यालय का मुख्यालय शिमला के सुरम्य उपनगर समर हिल में स्थित है। यह राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा एक ग्रेड 'ए' मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय के छात्र खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय प्रदर्शन करते आ रहे हैं। हर साल पर्याप्त संख्या में छात्र NET, SET, JRF और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करते हैं। बागवानी यूनिवर्सिटी हिमाचल डॉ यशवंत सिंह परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन की स्थापना 1 दिसंबर 1985 को बागवानी, वानिकी और सम्बंधित विषयों के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और वास्तुकार स्वर्गीय डॉ यशवंत सिंह परमार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने और सुधारने के लिए बागवानी और वानिकी के महत्व को महसूस किया जिसके कारण इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। यह विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नौणी में स्थित है। विश्वविद्यालय के चार घटक कॉलेज हैं, जिनमें से दो मुख्य परिसर नौणी में स्थित हैं, एक बागवानी के लिए और दूसरा वानिकी के लिए। तीसरा कॉलेज यानी बागवानी और वानिकी कॉलेज, हमीरपुर जिले के नेरी में नादौन-हमीरपुर राज्य राजमार्ग पर स्थित है। चौथा कॉलेज यानि कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, थुनाग (मंडी) थुनाग जिला मंडी में स्थित है। इसके अलावा, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पांच क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, 12 सैटेलाइट स्टेशन और पांच कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) स्थित हैं। पालमपुर यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना 1 नवंबर, 1978 को हुई थी। यह आईसीएआर से मान्यता प्राप्त और आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने इस विश्वविद्यालय को देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में 14वां स्थान दिया है। विश्वविद्यालय को कृषि और शिक्षा की अन्य संबद्ध शाखाओं में शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रावधान करने के लिए, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण लोगों के लिए, इस तरह के विज्ञान के अनुसंधान और उपक्रम के विस्तार और अनुसंधान की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए जनादेश दिया गया है। आज राज्य ने पहाड़ी कृषि विविधीकरण के लिए अपना नाम कमाया है और कृषक समुदाय ने विश्वविद्यालय में अपना विश्वास स्थापित किया है।
About Education First : हिमाचल प्रदेश के हजारों छात्र हर वर्ष स्कूली शिक्षा पूर्ण कर विभिन्न कॉलेज - यूनिवर्सिटी में दाखिला लेते है। वहीँ कई छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए, तो कई पीएचडी व उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न यूनिवर्सिटीज का रुख करते है। इनमें से कुछ सरकारी संस्थानों को प्राथमिकता देते है तो कुछ निजी संस्थानों को। कुछ हिमाचल प्रदेश में ही बेहतर ऑप्शन तलाशते है तो कुछ बाहरी राज्यों को तवज्जो देते है। किस संकाय के लिए कौन सा संस्थान बेहतर है, कहाँ रिसर्च सुविधाएँ अन्य के मुकाबले इक्कीस है, कौन से संस्था नियामक आयोग के मापदंडो के अनुसार चल रहे है और कौन नियमो की अवहेलना कर रहे है, एडमिशन लेने से पहले इन तमाम सवालों के जवाब जरूरी है। हिमाचल प्रदेश के ही एक निजी विश्वविधालय में बरसो तक फर्जी डिग्रीयों का गोरखधंधा चलता रहा। अब भी हजारों छात्रों को डिग्री नहीं मिली है जो उक्त विश्वविधालय में अपने जीवन के कीमती वर्ष और पैसा लगा चुके है। वहीँ बीते दिनों ही नियामक आयोग ने कई निजी संस्थानों की मान्यता रद्द की है। न सिर्फ हिमाचल बल्कि देशभर में इस तरह के मामले आम है। ऐसे में सही संसथान का चयन बेहद जरूरी है। हिमाचल प्रदेश सरकार की सोच और प्रयासों की बदौलत कई सरकारी संस्थान ऐसे है जिनका मुकाबला निजी संस्थान नहीं कर पाते। इन संस्थानों की फीस भी जायज है और ये NIRF व अन्य रैंकिंग के मामले में कई निजी संस्थानों से बेहतर है। वहीँ कई निजी संस्थान रिसर्च के क्षेत्र में अच्छा कर रहे है तो कुछ की प्लेसमेंट बेहतर है। कोई संस्थान मैनेजमेंट के लिए ज्यादा उपयुक्त है तो कोई लिटरेचर व फाइन आर्ट्स के लिए। शिक्षा एक व्यक्ति की भविष्य की ही नहीं बल्कि पुरे राष्ट्र के भविष्य की नींव है, ऐसे में सही संस्थान का चयन बेहद आवश्यक है। सही संस्थान के चयन कैसे करे इस बाबत कई बार छात्रों को जानकारी नहीं होती, तो कई बार वे कंफ्यूज होते है कि कौन सा क्षेत्र उनके लिए बेहतर है। छात्रों की इसी दुविधा को हल करने के उद्देश्य से फर्स्ट वर्डिक्ट शुरू करने जा रहा है एक विशेष पहल ' Education First '. Education First में चर्चा होगी विभिन्न शिक्षण संस्थानों की, सरकार के मापदंडो की, नई शिक्षा नीति के बाद खुले अवसरों की, कोशिश रहेगी छात्रों की हर शंका को समाधान हो। यदि आप किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक है या किस संस्थान में प्रवेश ले इसी लेकर दुविधा में है, तो हम एक्सपर्ट्स के जरिये आपको देंगे सही जानकारी। आपको अवगत करवाएंगे सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों से, आपके लिए उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ विकल्पों से। अपनी query अपने नाम, नंबर और जानकारी के साथ हमे मेल करें education@firstverdict.com
एबीवीपी ने सरकार की ओर से नौणी विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति के सेवा विस्तार का कड़ा विरोध किया है। एबीवीपी के इकाई मंत्री मनीष शर्मा ने कहा कि नौणी विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान के कुलपति कुछ वर्षों से धांधलियों में लिप्त हैं। नियमों को ताक पर रखकर बैकडोर भर्तियां की गई हैं जो भ्रष्टाचार को दर्शाता है। एबीवीपी ने ऐसे भ्रष्ट कुलपति को सेवा विस्तार न दिए जाने की मांग की थी। अफसोस जहां सरकार को ऐसे भ्रष्ट कुलपति की जांच करवानी चाहिए थी, वहीं पर उसे सेवा विस्तार दिया जा रहा है। इससे पता चलता है कि सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है। एबीवीपी इसका कड़ा विरोध करती है। अब एबीवीपी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी। सरकार अपना फैसला जल्द से जल्द वापस ले वरना उग्र आंदोलन होगा।