फर्स्ट वर्डिक्ट। धर्मशाला उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने जानकारी दी है कि शिक्षा का अधिकार 2009 के अंतर्गत पहली से आठवीं कक्षा वाले सभी निजी स्कूलों के लिए हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है, जिसके लिए जिला के सभी निजी स्कूलों के लिए शैक्षणिक सत्र 2023- 24 की मान्यता एवम नवीनीकरण प्रक्रिया संबंधी शेड्यूल जारी कर दिया गया है, जिसके तहत सभी निजी स्कूल संबंधित शिक्षा खंड के लिए निर्धारित तिथि को ही संपूर्ण दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। यह प्रक्रिया 6 से 27 फरवरी तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि जिन निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता को 5 एवं 1 वर्ष का समय पूर्ण हो चुका है, उन्हें नई मान्यता प्राप्ति के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। पहली से पांचवी कक्षा तक के सभी निजी प्राथमिक विद्यालय को अपने आवेदन संबंधित खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित तिथि को जमा करवाने होंगे, जबकि पहली से आठवीं कक्षा वाले स्कूलों स्कूलों को अपने आवेदन उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा कांगड़ा स्थित धर्मशाला के कार्यालय में सम्पूर्ण दस्तावेजों के साथ निर्धारित शुल्क के साथ तय तिथि को जमा करवाने होंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षा खंड इंदौरा के तहत आने वाले स्कूल 6 फरवरी, फतेहपुर 7 फरवरी, नूरपुर व कोटला 8 फरवरी, ज्वाली 9 फरवरी, राजा का तालाब 10 फरवरी, रैत व नगरोटा सूरियां 13 फरवरी को अपने आवेदन जमा करवा सकते हैं, जबकि कांगड़ा शिक्षा खंड के तहत आने वाले स्कूल 14 फरवरी, नगरोटा बगवां 15 फरवरी, धर्मशाला 16 फरवरी, डाडासीबा 17 फरवरी, भवारना 20 फरवरी, लंबागांव 21 फरवरी, पंचरुखी व चढ़ियार 22 फरवरी, बैजनाथ 23 फरवरी, पालमपुर 24 फरवरी, रक्कड़ 25 फरवरी तथा देहरा शिक्षा खंड के निजी स्कूल 27 फरवरी को संपूर्ण दस्तावेजों सहित आवेदन कर सकते हैं। मान्यता प्रक्रिया संबंधित जानकारी कार्यालय की वेबसाइट www.ddee.org.in पर भी उपलब्ध है। इस बारे अधिक जानकारी के लिए कार्यालय दूरभाष 01892- 223155 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
(IGNOU) में जनवरी सत्र 2023 के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। सोलन राजकीय महाविद्यालय के इग्नू केंद्र के समन्वयक डॉ राजेंद्र कश्यप ने बताया की (IGNOU) में जनवरी सत्र 2023 के लिए पुनः पंजीकरण शुरू कर दिया है। यह पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। जो भी शिक्षार्थी जनवरी 2022 सत्र में दाखिला ले चुके है वह अपना पुनः पंजीकरण 31 दिसंबर से पहले करवाले। साथ ही समन्वयक डॉ राजेंद्र कश्यप ने बताया कि इग्नू की दिसंबर 2022 में होने वाली परीक्षा से संबंधित असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2022 है। जो भी छात्र इग्नू की दिसंबर 2022 की परीक्षा के लिए अपना परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए है वह भी विलंब शुल्क Rs1100/- के साथ ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा फॉर्म भर सकते है और अधिक जानकारी के लिए छात्र इग्नू केंद्र राजकीय महाविद्यालय से संपर्क कर सकते है।
आईटीआई दौलतपुर के अध्यक्ष बबलेश कुमार रहे मुख्यातिथि मनाेज कुमार। कांगड़ा आईटीआई दौलतपुर जिला कांगड़ा आज में शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के प्रशिक्षणार्थियों हेतु दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में बबलेश कुमार अध्यक्ष आईएमसी आईटीआई दौलतपुर-सह-उद्योगपति ने शिकरत की। इस आयोजन में सर्वप्रथम प्रधानाचार्य संतोष नारायण द्वारा मुख्यातिथि को पुष्पगुच्छ, शॉल एवं टोपी भेंट कर स्वागत एवं सम्मानित किया गया। उसके उपरांत प्रधानाचार्य द्वारा संस्थान उत्थान एवं प्रशिक्षण से सम्बंधित गतिविधियों के बारे में समस्त उपस्तिथ सदस्यों एवं प्रशिक्षणार्थियों को अवगत करवाया एवं अखिल भारतीय व्यवसाय परीक्षा 2022 में संस्थान के अच्छे परिणाम हेतु संस्थान के समस्त अनुदेशक/ट्रेनर वर्ग, अन्य स्टाफ सदस्यों एवं प्रशिक्षणर्थियों को वधाई दी एवं भविष्य में भी इसी प्रकार के परिणामों की कल्पना की। इसके उपरांत वर्तमान सत्र की फैशन डिज़ाइन एवं टेक्नोलॉजी व्यवसाय की प्रशिक्षुओं द्वारा कार्यक्रम को मनोरंजन कारी बनाने हेतु कुछ नृत्य एवं गायन की प्रस्तुतियां दी गई, जिनमें मुख्यता नाम ज्योति, सबनम, नेहा, साक्षी व सिया द्वारा प्रस्तूति दी गई। इन प्रस्तुतियों उपरांत मुख्यातिथि एवं प्रधानाचार्य द्वारा सर्वप्रथम प्रत्येक व्यवसाय में प्रथम आए प्रशिक्षुओं को उनका व्यवसाय प्रमाणपत्र, विस्तार अंक पत्र एवं पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया। व्यवसाय बार प्रथम आए प्रशिक्षुओं में इलेक्ट्रीशियन व्यवसाय से अभिषेक, फिटर व्यवसाय से संदीप कुमार, वेल्डर व्यवसाय से सौरव चौधरी एवं फैशन डिज़ाइन एवं टेक्नोलॉजी व्यवसाय से श्रुति वर्मा। तदोउपरांत अन्य सभी 60 प्रशिक्षुओं को भी व्यवसाय प्रमाणपत्र एवं विस्तार अंक पत्र वितरित किए गए। समस्त वितरण प्रक्रिया के उपरांत कार्यक्रम के आयोजकों में से एक मंच के संचालक दिनेश सिंह अनुदेशक द्वारा मंच पर मुख्यातिथि को आमंत्रित किया गया एवं प्रशिक्षणार्थियों से अपने विचार सांझा करने का अनुमोदन किया, जिसके उपरांत मुख्यातिथि द्वारा सभी प्रशिक्षुओं से अपने जीवन काल के अनुभव सांझा किए गए एवं समस्त कार्यक्रम में उपस्तिथ सदस्यों के उज्जवल भविष्य एवं मंगल जीवन की कामना कर सभी का धन्यवाद किया एवं इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु निजी स्तर पर प्रधानचार्य एवं समस्त संस्थान सदस्यों का धन्यवाद किया। इस पूर्ण कार्यक्रम में संस्थान की और से सवर्णा देवी अनुदेशक, प्रिया शर्मा अनुदेशक, दिनेश सिंह अनुदेशक, विकास राणा ट्रेनर, विशाल कुमार ट्रेनर, हरीश चौधरी अनुदेशक, नितिन ठाकुर एवं रजनी देवी उपस्तिथ रहे।
विधायक रविंद्र धीमान ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का व्यक्त किया आभार नरेंद्र ठाकुर। जयसिंहपुर उपमंडल के तहत तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में अब कंप्यूटर इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग का डिप्लोमा भी शुरू हो जाएगा। इस संबंध में सरकार ने 6 सितंबर को अधिसूचना जारी कर यह डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की बात कही है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में तलवाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में यह दोनों ट्रेड शुरू करने का फैसला हुआ था। 2008 में स्थापित इस पॉलिटेक्निक कॉलेज में अभी केवल दो ही ट्रेड सिविल व ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग चल रहे हैं और प्रदेश के संस्थान विभिन्न भागाें से 265 के लगभग छात्र-छात्राएं तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अभी 3 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में फार्मेसी ट्रेड शुरू करने का फैसला लिया गया था। अब यहां इलेक्ट्रिक व कंप्यूटर इंजीनियरिंग के कोर्स भी शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। विधायक रविंद्र धीमान फार्मेसी के बाद कंप्यूटर व इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स शुरू करने के लिए सीएम जयराम ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि तलबाड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में अब इस संस्थान में पांच ट्रेड हो जाएंगे।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा यानी जेईई मेंस 2022 की सत्र एक परीक्षा का परिणाम को जारी कर दिया है। परिणाम को बीती रात ऑनलाइन माध्यम से जारी किया गया है। इस परीक्षा में देश भर से करीब आठ लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा में मिनर्वा शिक्षण व कोचिंग संस्थान के कुल 16 विद्यार्थियों का प्रसेंटाइल 85 से ऊपर है और 12 विद्यार्थियों ने 90 से ऊपर प्रसेंटाइल हासिल कर अपने उज्जवल भविष्य की नींव रखी है। मिनर्वा संस्थान के विद्यार्थी अक्षित शामा ने 98.70, तेजस्वनी 97.45, हर्षित शर्मा 97.07, आकृत ठाकुर 95.59, अभिवन्दन चन्देल 95.12, ओसिन शर्मा 94.67, साहिल शर्मा 94.39, सार्थक पुण्डीर 94.08, श्रेया शर्मा 93.16, रक्षित शर्मा 92.07, दिव्या 92.07, शिवांश सहगल 90.00, अभय शर्मा 87.29, शिवांश शर्मा 87.07, शर्मिष्ठा 86.00 तथा पियुष वशिष्ठ ने 85.25 अंक हासिल किये है। इस मौके पर मिनर्वा संस्थान के संस्थापक व संयोजक प्रवेश चन्देल व राकेश चन्देल ने इन सभी विद्यार्थियों व इनके परिवारजनों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 की जेईई, नीट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ड्राॅपर बैच 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। वहीं इस वर्ष की सैनिक स्कूल एडमिशन परीक्षा के लिए कक्षा 6 व कक्षा 9 के लिए बैच पहली अगस्त से शुरू हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश कॉलेजों में नई शिक्षा नीति पर संशय समाप्त हो गया है। विवि ने साफ किया है कि नई शिक्षा नीति को इस सत्र से यूजी डिग्री कोर्स में लागू नहीं किया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कॉलेजों में पुराने ईयर सिस्टम के तहत ही प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। कॉलेजों ने पहले ही दस जुलाई से प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया और दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों की रोल ऑन एडमिशन की तैयारी शुरू कर दी थी। दस जुलाई से कॉलेज प्रवेश के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोलने की तैयारी में है। कॉलेजों ने अपने प्रोस्पेक्ट्स का प्रारूप तैयार कर दिया है। कॉलेजों ने पुरानी वार्षिक प्रणाली योजना में प्रोस्पेक्ट्स तैयार कर लिए हैं। पुरानी प्रणाली नीति के अनुसार ही दाखिले लिए जाने को लेकर अब कोई संशय नहीं रहा है, चूंकि विवि ने नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने को लेकर अब तक निर्णय नहीं लिया था, इसलिए कॉलेजों को प्रवेश से संबंधित कोई अलग से विवि की ओर से जारी नहीं होंगे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित जमा दो के परीक्षा परिणाम में मिनर्वा स्कूल घुमारवीं के बच्चों ने धाक जमाई है। स्कूल में तीन छात्रों ने टॉप टेन सूची में नाम दर्ज करवाया है। बच्चों की इस उपलब्धि पर स्कूल व परिजनों में खुशी का माहौल है। मेरिट सूची में आने वाले बच्चों को स्कूल प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया। विज्ञान संकाय में अनुभव धीमान ने पूरे प्रदेश भर में पांचवां स्थान हासिल किया है। अनुभव ने 500 में से 488 अंक हासिल किए। जबकि तेजस्वनी ने पूरे प्रदेश भर में 8वां स्थान हासिल किया है। इसके अलावा अक्षित शामा ने पुरे प्रदेश भर में 10वां रैंक हासिल किया। अक्षित शामा ने 500 में से 483 अंक प्राप्त किये हैं। खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने स्कूल पहुंचकर बच्चों को बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। वहीं विद्यालय प्रधानाचार्य प्रवेश चंदेल ने इस मौके पर बच्चों को बधाई दी। प्रवेश चंदेल ने कहा कि स्कूल के तीन छात्रों ने जमा दो कक्षा के परीक्षा परिणाम में टॉप टेन सूची में जगह बनाई है। इन बच्चों में अभिनव धीमान, अक्षित व तेजस्वनी शामिल हैं। बच्चों की इस उपलब्धि पर बच्चों के साथ स्कूल स्टाफ के सदस्य बधाई के पात्र हैं। 5वां स्थान हासिल करने वाले अनुभव धीमान ने कहा कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए 8 से 9 घण्टे का समय दिया। अनुभव धीमान कांगड़ा के पंजेहड़ का रहने वाला है। अनुभव के पिता सुरजीत कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खनाग आनी में प्रिंसिपल के पद पर तैनात हैं जबकि माता पूजा धीमान टीजीटी आर्ट्स पद पर तैनात हैं। अनुभव ने इसका श्रेय अपने माता पिता व मिनर्वा स्कूल के गुरुजनों को दिया है। अनुभव डाक्टर बनकर समाज सेवा करना चाहते हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षा परिणाम में 10वां स्थान हासिल करने वाले अक्षित घुमारवीं के लुहारवीं से हैं। अक्षित के पिता संजीव कुमार अध्यापक के पद पर नाल्टी स्कूल में कार्यरत हैं। जबकि माता वीना देवी गृहणी हैं। अक्षित ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिये 7 से 8 घण्टे का समय दिया। वह आर्मी में जाकर देश सेवा करना चाहते हैं। इसका श्रेय अपने माता पिता व मिनर्वा स्कूल के गुरुजनों को दिया है। जमा दो परीक्षा परिणाम में 8वां स्थान हासिल करने वाली तेजस्वनी डॉक्टर बनना चाहती हैं। तेजस्वनी सरकाघाट के बड़ोई गांव की रहने वाली है। उसने परीक्षा में 500 में से 485 अंक प्राप्त किये हैं। तेजस्वनी के पिता अशोक कुमार व माता अनिता देवी अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व मिनर्वा स्कूल के अध्यापकों को दिया है।
शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान प्रदेश के किसी भी विद्यार्थी ने 153 प्राइमरी स्कूलों में दाखिले नहीं लिए हैं।प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों में एक भी दाखिला नहीं होने से जिला शिक्षा अधिकारियों से कारण पूछे हैं। जिला शिमला में सबसे अधिक 39, कांगड़ा में 30 और मंडी जिला में ऐसे 26 स्कूल हैं। दस विद्यार्थियों की संख्या वाले 2100, 6 से 9 बच्चों वाले 1274 और 5 बच्चों वाले 673 स्कूल हैं। जिलों की इस रिपोर्ट के आधार पर इन स्कूलों के भविष्य सम्बंधी कार्यों के लिए प्रस्ताव रखा जायेगा। इसके आलावा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर निदेशालय को समय-समय पर भेजे गए प्रस्तावों की जानकारी भी जिला अधिकारियों से मांगी गई है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सूबे के तीसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए संस्कृत की पढ़ाई शुरू करेगा।नए शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाली यह पढ़ाई अभ्यास वर्क बुक के आधार पर होगी।इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।तीसरी से पांचवी कक्षा तक संस्कृत पढ़ाने के लिए भर्ती नहीं होंगे शिक्षक। पढ़ाई केवल अभ्यास वर्क बुक के माध्यम से ही करवाई जाएगी। बच्चों को इन कक्षाओं में अक्षर ज्ञान की ही जानकारी मिलेगी। तीसरी और चौथी कक्षा में कोई परीक्षा नहीं ली जाएगी। पांचवीं कक्षा में संस्कृत विषय का टेस्ट लिया जाएगा।तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में संस्कृत की पढ़ाई शुरू की जाएगी। इन छोटी कक्षाओं में पढ़ाई अभ्यास वर्क बुक के माध्यम से करवाई जाएगी। - डॉ. सुरेश कुमार सोनी, अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला।
अमेरिका में हर साल होने वाले दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले में इस बार डीपीएस इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली के स्टूडेंट देवज गुप्ता ने देश के लिए दो पुरस्कार जीत कर भारत का नाम रोशन किया हैं। अंटलाटा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले में 68 देशों के 1700 स्टूडेंट्स ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। देवज ने रसायन शास्त्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए न केवल दो पुरस्कार जीते, बल्कि भारत को भी दूसरी पोजीशन में लाने में अहम भूमिका रही। हिमाचल प्रदेश के संदर्भ में यह सूचना इसलिए अहम है कि देवज गुप्ता की माता का मायका कुल्लू में हैं। नीति कुल्लू के एक्सीलेंस अवार्ड और फोकस हिमाचल सम्मान से सम्मानित प्रसिद्ध बागवान एवं होटलियर नकुल खुल्लर की बहन है और देवज गुप्ता उनका भांजा हैं। अटलांटा में 7 मई से 13 मई तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले में देवज गुप्ता ने भारत का रसायन शास्त्र में प्रतिनिधित्व किया और दो पुरस्कार जीत कर भारतीय प्रतिभा का लोहा मनवाया। देवज ने दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ स्टूडेंट्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बाद इन पुरस्कारों को जीतकर बहुत सम्मान प्राप्त किया हैं।
बीते कई माह से अभ्यार्थी आयोग ने संशोधित की सूची जारी नहीं की थी ।11 मई को आयोग के सचिव डीके रत्न की ओर से संशोधित सूची जारी की गई है। राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा यह सूचि करीब नौ माह बाद जारी की गयी। संशोधित सूची में 13 विषयों में 27 और अभ्यार्थी पास घोषित किए गए हैं। यह अभ्यार्थी अब प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में जारी असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए भी योग्य हो गए हैं। आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग में शामिल करने से यह बीपीएल अभ्यार्थी छूट गए थे। इन अभ्यर्थियों को जल्द अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज और केटेगिरी सर्टिफिकेट आयोग कार्यालय में जमा करवाने होंगे। इसके बाद इन्हें सेट पास करने का प्रमाणपत्र जारी होगा। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अनिवार्य स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट 22 नवंबर 2020 को लिया गया था। परीक्षा में 10,557 अभ्यार्थी शामिल हुए थे। लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त 2021 को सेट का परिणाम घोषित किया था। हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 548 पद भरे जायेगे ,जिसकी प्रक्रिया इन दिनों चल रही है। इन पदों की भर्ती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन 26 मई तक भरे जा सकते हैं। अब सेट पास करने वाले यह 27 अभ्यर्थी भी परीक्षा में शामिल हो सकेंग। गणित विषय में 35, हिंदी में 41, राजनीतिक शास्त्र में 47, सोशोलॉजी में 11, कॉमर्स में 67, अर्थशास्त्र में 39, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में आठ, संस्कृत में 17, म्यूजिक में 24, केमिस्ट्री में 37, म्यूजिक वोकल में 16, जूलॉजी में 22, भूगोल में 12, फिजिक्स में 40 पदों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती होनी है। इसके अलावा बॉटनी में 24, फिजिकल एजुकेशन में सात, एजुकेशन में तीन, अंग्रेजी में 50, इतिहास में 37, जियोलॉजी में चार, फिलॉसफी में पांच, साइकोलॉजी में पांच, टूर एंड ट्रेवल में तीन और कॉमर्शियल आर्ट, होम साइंस और जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन में एक-एक पद भरा जाएगा।
“Le Fiestus”- The 3 day long Annual Fest of JUIT begins from Friday, 6th May,2022. Hundreds of students will participate in various events in a blended program of technology and cultural activities. The Fest will be filled with exciting games and fun events for everyone to enjoy .The primary attraction on the first day will be "Cultural Night," which will feature numerous singing and dancing performances put on by college students. “War of the Bands” followed by performances of “Madhyam Band” and “Ankita Arya DJ” will be the main attractions of Day-2. On the last day of the festival there will be stand-up comedy by “Nishant Suri” and a melodious performance by famous singer and songwriter “Maninder Buttar”. College Festivals like this provide a platform for students to showcase one’s unique talents,boosting social interaction and exchanging many ideas and concepts and are important in the holistic development of the personality of the students, providing a break from the monotonous routine of evaluation and academics.
शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, देश भर में दुसरे नंबर पर है। प्रदेश की साक्षरता दर वर्ष 1971 में 31.96 प्रतिशत थी, 2021 में यह 86.60 प्रतिशत हो गई है और लगातार बेहतर होती जा रही है। हिमाचल में स्कूल, कॉलेजों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हुआ है। हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा है। वर्तमान में राज्य में 131 स्नातक महाविद्यालय, 1,878 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 931 उच्च विद्यालय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। सरकार द्वारा राज्य में शिक्षा क्षेत्र को सशक्त करने के लिए अनेक बहुआयामी कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय उच्च स्तर शिक्षा अभियान को वर्ष 2013 में सबसे पहले हिमाचल ने ही लागू किया था। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में हिमाचल देशभर में अग्रणी रहा है। पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए जाने वाले परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में ग्रेड वन में शामिल किया गया था। वर्तमान में राज्य में 131 स्नातक महाविद्यालय, 1,878 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 931 उच्च विद्यालय, पांच अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, चार फार्मेसी महाविद्यालय 16 पॉलिटेकनिक महाविद्यालय और 138 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। एनआईटी हमीरपुर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर देश के 31 एनआईटी में से एक है, जो 7 अगस्त 1986 को क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में अस्तित्व में आया। स्थापना के समय, संस्थान में केवल दो विभाग थे, सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग। 26 जून 2002 को, आरईसी हमीरपुर को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में अपग्रेड किया गया। बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिहाज से विश्व बैंक द्वारा इस संस्थान को सबसे अच्छी एनआईटी का दर्जा प्रदान किया गया है। संस्थान के पास उद्योग की आवश्यकताओं और तकनीकी दुनिया में होने वाली घटनाओं के जवाब में विकसित होने और बदलने का लचीलापन है। आईजीएमसी : हिमाचल प्रदेश मेडिकल कॉलेज शिमला (HPMC) की स्थापना वर्ष 1966 में पहले बैच में 50 छात्रों के प्रवेश के साथ की गई थी। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से संबंधित है। इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज राज्य के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों के साथ पूरा कर रहा है। आईजीएमसी से अब तक 923 स्नातकोत्तर और 377 डिप्लोमा छात्र पास हो चुके हैं। आईजीएमसी में एमबीबीएस की सीटों को वर्ष 1978 बढ़ाकर 65 किया गया था। अब एमबीबीएस की सीटें 65 से बढ़ाकर 100 कर दी गई हैं। वर्ष 1981 में आईजीएमसी में 16 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए गए थे। अब इन्हें 16 से 20 कर दिया गया है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला को भारत सरकार द्वारा क्षेत्रीय कैंसर केंद्र का दर्जा दिया गया है। आईआईटी मंडी आईआईटी मंडी के स्थाई परिसर के लिए 24 फरवरी 2009 को आधारशिला रखी गई थी। आईआईटी मंडी में बीटेक का पहला बैच वर्ष 2009 में बैठा। वर्ष 2013 में पहला बैच पास आउट हुआ उसके बाद आईआईटी मंडी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। देश भर से छात्र पढ़ाई करने के लिए यहां आ रहे हैं। अपनी स्थापना के बाद से ही यह संस्थान तेजी से प्रगति कर रहा है। आईआईटी मंडी में कई ऐसे पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं जो वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए सक्षम है। ये संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2008 में प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) अधिनियम, 2011 के तहत स्थापित आठ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में से एक है। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना 22 जुलाई 1970 को हिमाचल प्रदेश की विधान सभा के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। यह राज्य का एकमात्र बहु-संकाय आवासीय और संबद्ध विश्वविद्यालय है जो शहरी, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों को औपचारिक और डिस्टेंस शिक्षा प्रदान करता है। विश्वविद्यालय का मुख्यालय शिमला के सुरम्य उपनगर समर हिल में स्थित है। यह राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा एक ग्रेड 'ए' मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय के छात्र खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय प्रदर्शन करते आ रहे हैं। हर साल पर्याप्त संख्या में छात्र NET, SET, JRF और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करते हैं। बागवानी यूनिवर्सिटी हिमाचल डॉ यशवंत सिंह परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन की स्थापना 1 दिसंबर 1985 को बागवानी, वानिकी और सम्बंधित विषयों के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और वास्तुकार स्वर्गीय डॉ यशवंत सिंह परमार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने और सुधारने के लिए बागवानी और वानिकी के महत्व को महसूस किया जिसके कारण इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। यह विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नौणी में स्थित है। विश्वविद्यालय के चार घटक कॉलेज हैं, जिनमें से दो मुख्य परिसर नौणी में स्थित हैं, एक बागवानी के लिए और दूसरा वानिकी के लिए। तीसरा कॉलेज यानी बागवानी और वानिकी कॉलेज, हमीरपुर जिले के नेरी में नादौन-हमीरपुर राज्य राजमार्ग पर स्थित है। चौथा कॉलेज यानि कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, थुनाग (मंडी) थुनाग जिला मंडी में स्थित है। इसके अलावा, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पांच क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, 12 सैटेलाइट स्टेशन और पांच कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) स्थित हैं। पालमपुर यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना 1 नवंबर, 1978 को हुई थी। यह आईसीएआर से मान्यता प्राप्त और आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने इस विश्वविद्यालय को देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में 14वां स्थान दिया है। विश्वविद्यालय को कृषि और शिक्षा की अन्य संबद्ध शाखाओं में शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रावधान करने के लिए, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण लोगों के लिए, इस तरह के विज्ञान के अनुसंधान और उपक्रम के विस्तार और अनुसंधान की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए जनादेश दिया गया है। आज राज्य ने पहाड़ी कृषि विविधीकरण के लिए अपना नाम कमाया है और कृषक समुदाय ने विश्वविद्यालय में अपना विश्वास स्थापित किया है।
About Education First : हिमाचल प्रदेश के हजारों छात्र हर वर्ष स्कूली शिक्षा पूर्ण कर विभिन्न कॉलेज - यूनिवर्सिटी में दाखिला लेते है। वहीँ कई छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए, तो कई पीएचडी व उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न यूनिवर्सिटीज का रुख करते है। इनमें से कुछ सरकारी संस्थानों को प्राथमिकता देते है तो कुछ निजी संस्थानों को। कुछ हिमाचल प्रदेश में ही बेहतर ऑप्शन तलाशते है तो कुछ बाहरी राज्यों को तवज्जो देते है। किस संकाय के लिए कौन सा संस्थान बेहतर है, कहाँ रिसर्च सुविधाएँ अन्य के मुकाबले इक्कीस है, कौन से संस्था नियामक आयोग के मापदंडो के अनुसार चल रहे है और कौन नियमो की अवहेलना कर रहे है, एडमिशन लेने से पहले इन तमाम सवालों के जवाब जरूरी है। हिमाचल प्रदेश के ही एक निजी विश्वविधालय में बरसो तक फर्जी डिग्रीयों का गोरखधंधा चलता रहा। अब भी हजारों छात्रों को डिग्री नहीं मिली है जो उक्त विश्वविधालय में अपने जीवन के कीमती वर्ष और पैसा लगा चुके है। वहीँ बीते दिनों ही नियामक आयोग ने कई निजी संस्थानों की मान्यता रद्द की है। न सिर्फ हिमाचल बल्कि देशभर में इस तरह के मामले आम है। ऐसे में सही संसथान का चयन बेहद जरूरी है। हिमाचल प्रदेश सरकार की सोच और प्रयासों की बदौलत कई सरकारी संस्थान ऐसे है जिनका मुकाबला निजी संस्थान नहीं कर पाते। इन संस्थानों की फीस भी जायज है और ये NIRF व अन्य रैंकिंग के मामले में कई निजी संस्थानों से बेहतर है। वहीँ कई निजी संस्थान रिसर्च के क्षेत्र में अच्छा कर रहे है तो कुछ की प्लेसमेंट बेहतर है। कोई संस्थान मैनेजमेंट के लिए ज्यादा उपयुक्त है तो कोई लिटरेचर व फाइन आर्ट्स के लिए। शिक्षा एक व्यक्ति की भविष्य की ही नहीं बल्कि पुरे राष्ट्र के भविष्य की नींव है, ऐसे में सही संस्थान का चयन बेहद आवश्यक है। सही संस्थान के चयन कैसे करे इस बाबत कई बार छात्रों को जानकारी नहीं होती, तो कई बार वे कंफ्यूज होते है कि कौन सा क्षेत्र उनके लिए बेहतर है। छात्रों की इसी दुविधा को हल करने के उद्देश्य से फर्स्ट वर्डिक्ट शुरू करने जा रहा है एक विशेष पहल ' Education First '. Education First में चर्चा होगी विभिन्न शिक्षण संस्थानों की, सरकार के मापदंडो की, नई शिक्षा नीति के बाद खुले अवसरों की, कोशिश रहेगी छात्रों की हर शंका को समाधान हो। यदि आप किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक है या किस संस्थान में प्रवेश ले इसी लेकर दुविधा में है, तो हम एक्सपर्ट्स के जरिये आपको देंगे सही जानकारी। आपको अवगत करवाएंगे सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों से, आपके लिए उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ विकल्पों से। अपनी query अपने नाम, नंबर और जानकारी के साथ हमे मेल करें education@firstverdict.com
एबीवीपी ने सरकार की ओर से नौणी विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति के सेवा विस्तार का कड़ा विरोध किया है। एबीवीपी के इकाई मंत्री मनीष शर्मा ने कहा कि नौणी विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान के कुलपति कुछ वर्षों से धांधलियों में लिप्त हैं। नियमों को ताक पर रखकर बैकडोर भर्तियां की गई हैं जो भ्रष्टाचार को दर्शाता है। एबीवीपी ने ऐसे भ्रष्ट कुलपति को सेवा विस्तार न दिए जाने की मांग की थी। अफसोस जहां सरकार को ऐसे भ्रष्ट कुलपति की जांच करवानी चाहिए थी, वहीं पर उसे सेवा विस्तार दिया जा रहा है। इससे पता चलता है कि सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है। एबीवीपी इसका कड़ा विरोध करती है। अब एबीवीपी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी। सरकार अपना फैसला जल्द से जल्द वापस ले वरना उग्र आंदोलन होगा।
बीएल सैंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार का शैक्षणिक सत्र 2022-23 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है। इस संबंध पाठशाला के प्रैजीडेंट ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति इस सैशन में लगभग 240 बच्चों की आधी फीस माफ की है। वहीं लगभग 34 बच्चे नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। निजी स्कूलों में 25 सीटों को नि:शुल्क शिक्षा हेतु आरक्षित करना सुनिश्चित किया है। प्रारम्भिक उप शिक्षा निदेशक सोलन दीवान चंदेल ने बताया कि पहली से आठवीं तक हर निजी स्कूल में 25 सीटों को फ्री एजुकेशन देना जरूरी है। पहली और छठी कक्षा में नि:शुल्क 6-6 सीटों के लिए आवेदन 5 अप्रैल से 8 अप्रैल 2022 तक मांगे गए हैं। इसके लिए बीपीएल प्रमाण पत्र, तहसीलदार की ओर जारी आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, हिमाचली प्रमाण पत्र, एक पासपोर्ट साइज फोटो और पिछली कक्षा का अंक प्राप्त प्रमाण लाना जरूरी होगा। 8 अप्रैल को 11 बजे से 1 बजे सभी आवेदनकर्ता छात्रों की लिखित परीक्षा ली जाएगी। परिणाम के बाद चयनित छात्रों के अभिभावकों को सूचित कर दिया जाएगा। यह शिक्षा आरटीई अधिनियम 2009 के तहत उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसका पूरा लेखा-जोखा प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की देख-रेख में किया जा रहा है।
मनोज शर्मा डीएवी अंबुजा विद्या निकेतन पब्लिक स्कूल दाड़लाघाट में ट्रेनिंग कैंप लगाया। यह कैंप अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के सौजन्य से प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर के मार्गदर्शन में करवाया गया। इस दौरान अंबुजा हॉस्पिटल से डॉ. लताशा सिंह ने प्राथमिक उपचार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस कैंप का मकसद जरूरत के समय लोगों को तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान करना है। उन्होंने इमरजैंसी, स्ट्रेचर बनाना, पट्टी बांधना आदि के बारे में बताया।
मनोज शर्मा राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोग्राम करवाया गया। इस दौरान एसएमसी प्रधान नीम चंद ठाकुर, ग्राम पंचायत उपप्रधान मदन लाल शर्मा व विद्यालय प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। स्कूल के प्रांगण में 21 प्रतिभाशाली छात्राओं को सम्मानित भी किया गया। वहीं इस कार्यक्रम की सफलता के लिए शिक्षकों एवं गैर शिक्षकों ने अपना पूर्ण सहयोग दिया।
महाविद्यालय सुजानपुर टिहरा में शुक्रवार को वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह करवाया जा रहा है। इस दौरान मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। इस महाविद्यालय में हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा जिला के छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं। इस संबंध में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजैव सिंह वन्याल ने जानकारी दी। उन्होंने इस कार्यक्रम में आने के लिए आह्वान किया।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला बजीवण में वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। इस दौरान स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने छात्रों को इनाम बांटे। वहीं मेधावी छात्रों की सराहना की गई और भविष्य में उन्हें और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अध्यापक कामेश्वर वर्मा, शिक्षक शीश राम, विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष गीता, पंचायत सदस्य कुसुम, ईश्वर दत्त शर्मा, विद्यासागर शर्मा, महेंद्र शर्मा, उमेश शर्मा, दिवाकर शर्मा, सचिन शर्मा, प्रणव शर्मा व हेमन्त शर्मा सहित आदि मौजूद रहे।
अटल शिक्षा कुंज कालूझिंडा स्थित आईईसी विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) सैल ने एक सैमीनार करवाया। यह सैमीनार हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्टे) के सहयोग से करवाया गया। दो दिन तक चला यह सैमीनार बौद्धिक संपदा अधिकार हाल के प्रतिमान विषय पर आधारित रहा। इसमें लगभग 250 प्रतिभागियों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन हिस्सा लिया। इस अवसर पर आईईसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डा. शमीम अहमद ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य बौद्धिक संपदा के विभिन्न पहलुओं, पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया, कॉपीराइट प्रक्रिया के संबंध में जागरूकता पैदा करना रहा। इस दौरान छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को एक बेहतर मंच प्रदान करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम दीप प्रज्वन से शुरू हुआ। तकनीकी सत्र में डा. सुरेश कुमार, सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर, फार्मास्युटिकल एंड ड्रग रिसर्च विभाग पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला द्वारा हर्बल उत्पादों के साथ आईपीआर पर विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रमाण पत्रों से संबंधित तकनीकी पहलू पर डा.राहुल तनेजा, वैज्ञानिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (हरियाणा सरकार) पंचकूला की ओर से जानकारी साझी की गई। वहीं डा.शैलेश शर्मा, प्रो. और निदेशक अमर शहीद बाबा अजीत सिंह जुझार सिंह मेमोरियल कॉलेज ऑफ फार्मेसी, रूपनगर ने कॉपी राइट के संबंध में जागरूक किया। सैमीनार के दूसरे दिन के तकनीकी सैशन में डा. शशि धर समन्वयक एचपी रोगी सूचना केंद्र शिमला हिमकोस्टे द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार आदि पर चर्चा की। ड्रग रेगुलेटरी अप्रूवल विषय पर विपुल कुमार गुप्ता हेड रेगुलेटरी अफेयर्स, रोश प्रॉडक्ट्स, इंडिया प्रा. लिमिटेड नई दिल्ली ने जागरूक किया। वहीं डा. कांकीपति श्रीनिवास राव एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ कॉमर्स विवेक वर्धिनी कॉलेज ऑफ आर्ट्स कॉमर्स साइंस एंड पीजी स्टडी (उस्मानिया यूनिवर्सिटी) जंबाग, कोटि हैदराबाद ने व्याख्यान दिया।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में शिक्षा संवाद कार्यक्रम करवाया गया। यह कार्यक्रम स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष अध्यक्ष नीम चंद की अध्यक्षता में करवाया गया। इस दौरान प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने संबोधित किया। वहीं प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने छठी से आठवीं कक्षा का वार्षिक परिणाम सुनाया। वहीं बेहतर पोजीशन हासिल करने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर नरेंद्र कपिला, अमर सिंह, धनी राम, जितेंद्र, सुरेन्द्र, मुकेश, जय प्रकाश, विनोद, सुमन, रेणुका, अनीता , सुषमा,जागृति, किरण बाला, विजय, रंजना, मंजू, अंजना, संतोष, नीरज, अनीता कौंडल, प्रबंधन समिति के सदस्य मेहर चंद, गीता राम, देवेंद्र, प्रेम भगत आदि मौजूद रहे।
राजकीय माध्यमिक पाठशाला कोलका में चतुर्थ शिक्षा संवाद करवाया गया। इस दौरान छात्रों के वार्षिक परिणाम भी घोषित किए गए। वहीं मेधावी छात्रों को पारितोषिक वितरण भी किया गया। वहीं कोरोना के चलते इस वर्ष ऑनलाइन स्टडी हुई थी। ऑनलाइन स्टडी में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी नवाजा गया। इस दौरान छात्रों कोरोना से बचने के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन किया था। इसलिए छात्रों को सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाया गया। इस दौरान अध्यापक और स्टाफ मौजूद रहा।
राजकीय उच्च विद्यालय टिप में सत्र 2021-22 में चतुर्थ शिक्षा संवाद करवाया गया। यह कार्यक्रम मुख्याध्यापक मुख्याध्यापक अजय कुमार आचार्य की अगुवाई में करवाया गया। इस दौरान छठी, सातवीं व आठवीं के छात्रों को नवाजा गया। इसके तहत छठी में शिवांशी प्रथम, हिमांशी, द्वितीय शवेता कुमारी द्वितीय, व तनिशा तृतीय स्थान पर रही। वहीं सातवीं की संगीता प्रथम, मालती राणा द्वितीय और रितेश मेहता तृतीय रहा। आठवीं कक्षा मनीश कुमार प्रथम, अंशिका राणा द्वितीय व सचिन मेहता तृतीय रहा। इन सभी छात्रों को रिपोर्ट कार्ड दिए गए। वहीं आठवीं के छात्रों को एलीमेंट्री पास सर्टिफिकेट व मोमेंटो दिए गए। इन छात्रों को मुख्याध्यापक अजय अजय कुमार आचाय ने सम्मानित किया। इस दौरान स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान बिशंबर दास, विक्रम राणा, संदीप राणा, अनिता कुमारी, रेणू बाला, राकेश कुमार, रशमा राणा, कल्पना देवी आदि मौजूद रहे।
कुनिहार राजकीय आदर्श प्राथमिक पाठशाला में शिक्षा सवांद करवाया गया। पाठशाला में आगामी सत्र 2022-23 में छात्रों को स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय श्रेष्ठ विद्यालय के तहत शिक्षा दी जाएगी। इसके तहत अकादमिक शिक्षा के साथ कंप्यूटर और नौनिहालों को खेल-खेल में शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार निजी पाठशालाओं की तरह ही सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने जा रही है। जिला सोलन में प्राथमिक पाठशाला केंद्र कुनिहार के केंद्राध्यक्ष व एसएमसी अध्यक्ष राजेश शर्मा ने करीब 15 लाख से पाठशाला का कायाकल्प करवाया है। इसके तहत 10 लाख की लागत से एक हॉल, डिजिटल कक्ष बनाए गए हैं। इसी तरह से करीब 5 लाख रुपए खेलकूद, कंप्यूटर लैब, साउंड सिस्टम आदि पर खर्च किए हैं। इसकी अभिभावकों ने प्रशंसा की है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सोलन द्वारा जिला स्तरीय उत्कृष्ट एसएमसी सम्मान मिलने पर भी बधाई दी। एसएमसी अध्यक्ष राजेश शर्मा व विद्यालय केंद्राध्यक्ष रमेश शर्मा को स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल ने सम्मानित किया था।
-अपवर्ड स्टडी धर्मशाला के 30 से ज्यादा विद्यार्थियों ने उत्तीर्ण की सैनिक स्कूल 2022 प्रतियोगी परीक्षा -विग्नेश ने प्राप्त किए सर्वाधिक 308 अंक अपनी परम्परा को कायम रखते हुए, प्रतिष्ठा को बढ़ाते हुए और इस करोना काल में भी अपना अनुशासन बरकरार रखते हुए धर्मशाला स्थित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की उच्चस्तरीय कोचिंग का पर्याय बन चुके अपवर्ड स्टडी ने वर्ष 2022 की सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में अपनी सफलता की एक और इबारत लिखी है। सैनिक स्कूल में आयोजित सन् 2022 की प्रवेश परीक्षा इस वर्ष 9 जनवरी को एन॰टी॰ ए॰ द्वारा पूरे भारत वर्ष में विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गई थी जिसका परिणाम घोषित किया गया है। इस अवसर पर जहाँ एक ओर सफल हुए सभी बच्चों के घरों पर खुशी का माहौल है वहीं दूसरी ओर अपवर्ड स्टडी में भी सबके चेहरे खुशी से सराबोर है। इससे पहले भी अपवर्ड स्टडी 50 से अधिक छात्रों का चयन सैनिक स्कुल में करवा चुके है। इन्होने उत्तीर्ण की परीक्षा: अपवर्ड स्टडी से इस प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग प्राप्त कर विग्नेश, अनमोल, प्रियांशु, यशश्वी, सूर्या, आदित्य, पुलकित, हर्ष, कनिष्क, अर्नव, प्रांशुल, आदित्य, सरयू, अर्सार्थक, विनायक, आशीविका, कात्यान, अर्धांश, सूर्यांश, अर्नव सोनी, शिवम्, आयुष, सात्विक, अन्वी, प्रिशा, अनन्या, अंशिका, अन्वेषा, नंदनी, अभावया, उदय, अरीशा ने इस बहुप्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा को उत्तीर्ण कर जहाँ एक ओर सभी को गौरवान्वित किया है वहीं दूसरी ओर अपने-अपने उज्जवल भविष्य की नींव को और सुदृढ किया है। प्रबंधन ने की छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना : अपवर्ड स्टडी के डारेक्टर ने जानकारी दी कि इस बार 30 से अधिक छात्रों का चयन सैनिक स्कुल के लिए हुए है और इससे पहले भी वह 50 से अधिक छात्रों का चयन करवा चुके है। उन्होंने सभी छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। इसी के साथ उन्होंने बताया कि इस बार के परिणाम बहुत अच्छे रहे है।
हिमाचल प्रदेश एक बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी राज्य है। सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से कुछ हिंदी और पहाड़ी है। हिमाचल प्रदेश के नौनिहालों को हिमाचल की स्थानीय बोलियों के बारे में जागरूक करने के लिए अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जायेगा। इसका मकसद विद्यार्थियों को शुरुआत से स्थानीय बोलियों के प्रति जागरूक कर बोलियों को संरक्षित करना है। प्राथमिक स्तर पर नौनिहाल विभिन्न जिलों के प्रचलित शब्दों को जानेंगे। इसके लिए सभी जिलों के शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान ने मैपिंग भी शुरू कर दी है। -बच्चों को मिलेगी हिमाचल संस्कृति कि जानकारी विश्व भर में हिमाचल कि अपनी अलग ही पहचान है यहां कई तरह की बोलियां और लोक संस्कृति हैं। प्रदेश में अब तक नौनिहालों को स्कूलों में अन्य राज्यों का इतिहास पढ़ाया जाता है, जबकि हिमाचल के इतिहास की जानकारी न होने के कारण लोग इसे भूलते जा रहे हैं। इसलिए बच्चों को अगर हिमाचल की स्थानीय लोक संस्कृति और स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाएगा तो उन्हें समझने में आसानी रहेगी और पढ़ने के साथ साथ अपनी संस्कृति की भी जानकारी मिलेगी। प्रचलित वस्तुओं और शब्दों को किया जायेगा डिक्शनरी में शामिल : प्राथमिक स्तर पर डाइट जो मैपिंग तैयार करेगा, उसमें लोक संस्कृति पर अधिक फोकस रखा जायेगा। इसमें एक डिक्शनरी तैयार कि जाएगी, जिसमें स्थानीय लोक संस्कृति अधिक रहेगी। डाइट को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय प्रचलित वस्तुओं और शब्दों को डिक्शनरी में ज्यादा से ज्यादा डालें। जैसे कुल्लू शॉल, चंबा के रूमाल के बारे में बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। डिक्शनरी तैयार करने के लिए स्थानीय लोगों की मदद भी ली जाएगी। पक्ष : नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में शिक्षण सामग्री में बदलाव करने का प्रयास किया जा रहा है। बच्चों को प्राइमरी से ही स्थानीय लोक संस्कृति और बोली में कुछ पाठ पढ़ाए जाएंगे। इसके लिए डाइट अपने-अपने जिले में मैपिंग कर वहां की डिक्शनरी तैयार करेंगे। जिससे विद्यार्थियों को हिमाचली लोक संस्कृति के बारे में अवगत करवाया जाएगा।
विनायक ठाकुर। ज्वालामुखी कथोग के दिव्यांश धीमान ने पास की सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा। दिव्यांश लॉरेट ग्लोबल स्कूल कथोग में छठी कक्षा में पढ़ता है। दिव्यांश धीमान पढ़ाई में काफी होशियार है। उसने सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा में 238 अंक लेकर स्कूल और अपने क्षेत्र का नाम पूरे प्रदेश में रोशन किया। दिव्यांश दो बार शतरंज में नैशनल भी खेल चुका है। इससे पहले वह नवोदय स्कूल की प्रवेश परीक्षा भी पास कर चुका है। विद्यार्थी विज्ञान मंथन प्रतियोगिता में वो जिला कांगड़ा में प्रथम आया था। उसे किताबें पढ़ना, शतरंज खेलना और कोडिंग करना पसंद है। दिव्यांश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों, दादी, ताया-ताई और माता-पिता को दिया। दिव्यांश के परिजन उसकी इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं।
क्रान्ति सूद। जोगिंद्रनगर राजीव गांधी स्मारक राजकीय महाविद्यालय जोगिंद्रनगर में सात दिवसीय विशेष शिविर शुभारंभ 6 मार्च, 2022 को हुआ । शिविर का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनीता सिंह ने किया । कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ. पवन कुमार और डॉ. आरती शर्मा ने किया तथा उन्होंने शिविर के दौरान होने वाली गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सात दिवसीय शिविर में सामाजिक कार्यों के साथ-साथ उनके मानसिक तथा शारीरिक विकास संबंधी गतिविधियां भी करवाई जाएगी। इस शिविर में दैनिक रूप से अकादमिक सत्र भी आयोजित होंगे, जिनमें भिन्न-भिन्न विभागों के अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इस शिविर का शुभारंभ एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा सरस्वती वंदना और एनएसएस के गीत के द्वारा किया गया। इस सात दिवसीय विशेष शिविर में 25 स्वयंसेवी भाग ले रहे हैं। मुख्यातिथि प्राचार्य ने सभी स्वयंसेवकों को इस बीच शिविर के आयोजन के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया प्राचार्य ने छात्रों को एनएसएस के महत्व की जानकारी दी और शिविर के दौरान अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। इस शिविर की थीम "शिक्षित युवा और आत्मनिर्भर भारत" है। शिविर के पहले दिन स्वयंसेवकों के समूह बनाए गए और उनको सप्ताह भर के शिविर की जिम्मेदारी दी गई। स्वयंसेवकों ने पहले दिन कॉलेज कैंपस की साफ सफाई की। शिविर के समय कोविड -19 के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों की कढ़ाई से पालना की गई। इस अवसर पर डॉ धर्मवीर सिंह, विनोद कुमार व नेक राम विशेष रूप से उपस्थित रहे।
सुनील कुमार। मंडी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चौक में सड़क सुरक्षा क्लब द्वारा सड़क सुरक्षा जागरुकता रैली का आयोजन किया। इसमें स्कूली छात्रों ने नारों के माध्यम से स्थानीय जनता को जागरूक किया। इस उपलक्ष्य पर पाठशाला के प्रधानाचार्य प्रेम चंद जसवाल, क्लब के प्रभारी अनंत राम, प्रवक्ता सुरेंद्र ठाकुर, विनोद कुमार व पवन कुमार तथा स्टाफ के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल विश्वविद्यालय शोध समिति ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश किए गए आम बजट में विश्वविद्यालय के सभी शोधार्थियों के लिए 3000 हज़ार रुपए प्रति माह मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना के तहत दिया जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय की तर्ज पर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को प्रति माह स्कॉलरशिप योजना शुरू करने की मांग को लेकर विद्यार्थी परिषद शोध समिति पिछले काफी लंबे समय से आंदोलनरत थी। शोध समिति के सयोन्जक रिन्कू कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शोध समिति की इस मांग को पूरा किया व उन्होंने शोधार्थियों की समस्या को समझा। उन्होंने बताया कि ऐसे हजारों शोधार्थी हैं, जो आर्थिक स्थिति के कारण अपना शोध छोड़ देते हैं, लेकिन आज इस फैसले से तमाम छात्र समुदाय में एक खुशी की लहर देखने को मिल रही है। शोध समिति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला ने तहेदिल से प्रदेश सरकार के इस एतिहासिक फ़ैसले का स्वागत किया।
प्रतिमा राणा। पालमपुर धौलाधार सेवा समिति पालमपुर के सदस्यों द्वारा आज प्राथमिक विद्यालय धरेड़ के विद्यार्थियों को स्वेटर, जूते, जुराबे और अन्य पाठ्य सामग्री वितरित की गई। वितरण का कार्यक्रम समिति के मुख्य संरक्षक ठाकुर रविंद्र सिंह रवि की प्रेरणा एवं दिशा निर्देशन में आयोजित किया गया। समिति के वर्तमान अध्यक्ष इंजीनियर एसके मेहता एवं पूर्व अध्यक्ष शांति स्वरूप शर्मा की उपस्थिति में संपूर्ण किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यापक मिलाप चंद, विद्यालय के सदस्यों एवं ग्राम वासियों ने धौलाधार सेवा समिति के सभी सदस्यों की भारी प्रशंसा स्वागत एवं हार्दिक धन्यवाद किया। विदित है कि इस विद्यालय के बच्चों को कई वर्षों से समिति पाठ्य सामग्री इत्यादि वितरित कर रही है। क्योंकि समिति ने इस विद्यालय को गोद लिया है। इस कार्यक्रम में समिति के महासचिव इंजीनियर ओम प्रकाश, कुलदीप भट्ट, राजेश महाजन, कर्नल श्याम स्वरूप शर्मा, रमेश चंद राणा, राजकुमार चौधरी, रिजुल चौधरी व सुधीर कटोच एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मनाेज शर्मा। दाड़लाघाट राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डीपीई धर्म दत्त ने अपने वक्तव्य में बताया कि यह दिवस प्रथम बार 4 मार्च ,1972 को मनाया गया था और इसी दिन नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना की गई थी। यह दिवस हर वर्ष एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का थीम सुरक्षा संस्कृति के विकास हेतु युवाओं को प्रोत्साहित करना है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की सड़क व उद्योगों के कारखानों में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए जाने वाले सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता नरेंद्र कपिला, राकेश कुमार, धनी राम, अमर सिंह वर्मा, नरेंद्र लाल, विनोद कुमार, नरेंद्र कुमार, धर्म दत्त, सुमन, अनिता कौंडल, प्रवीण कुमार, वीना, मुकेश कुमार, रेखा, विजय कुमार, जागृति, रेणुका, नीलम शुक्ला, सुषमा, किरण बाला, नीलम ठाकुर, मंजू, जितेंद्र चंदेल, रजनीश गर्ग व अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।
फर्स्ट वर्डिक्ट। धर्मशाला राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ईसाई मत में जबरन मत परिवर्तन के प्रयास के कारण लावण्या आत्महत्या मामले में जांच पर अपनी रिपोर्ट दी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी जांच रिपोर्ट का स्वागत करती है, जिसमें लावण्या के उत्पीड़न और दुर्व्यवहार को उजागर किया गया है। ज्ञात हो कि अभाविप लंबे समय से तमिलनाडु सरकार के खिलाफ लावण्या के लिए न्याय की मांग कर रही है और शैक्षणिक संस्थानों में जबरन मतांतरण के प्रयासों के खिलाफ लगातार देश भर में आवाज उठा रही है। अभाविप ने एनसीपीसीआर में 17 वर्षीय लावण्या के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उनके आत्महत्या मामले की जल्द से जल्द जांच की मांग की गई थी। इसके बाद एनसीपीसीआर ने जांच प्रक्रिया शुरू की और तमिलनाडु के तंजावुर जिले का दौरा भी किया। एनसीपीसीआर की टीम ने उस स्कूल का दौरा किया जहां लावण्या को प्रताड़ित किया गया और ईसाई मत अपनाने के लिए मजबूर किया गया था। जांच के संचालन से एनसीपीसीआर द्वारा जारी रिपोर्ट में लावण्या के आत्महत्या मामले के संबंध में कई तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, "नाबालिग को ईसाई मत में परिवर्तित करने के लिए मजबूर किया जा रहा था" और सबूतों को हटाने के लिए अभियुक्तों द्वारा इस्तेमाल किए गए विभिन्न तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एनसीपीसीआर द्वारा की गई जांच की सराहना करती है। अभाविप के प्रांत सह मंत्री अभिषेक ने कहा कि लावण्या के लिए अभाविप की लड़ाई के परिणाम आने लगे हैं। नाबालिग लावण्या की आवाज अब अनसुनी नहीं रही और सच्चाई अपना रास्ता तलाश रही है। एनसीपीसीआर ने पूरे मामले को लेकर गंभीर चिंता जताई है। सबूत मिटाने में पुलिस की भूमिका भी सामने आ रही है। शैक्षिक परिसरों में जबरदस्ती मतांतरण के बारे में बहुत कुछ है, जो राष्ट्र को लावण्या के मामले की जांच से पता चल जाएगा।
मनाेज शर्मा। दाड़लाघाट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चंडी अर्की में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथोरिटी सोलन की ओर से संविधान एवं विधि व्यवस्था जागरुकता का व्याख्यान आयोजित किया गया। इस दौरान न्यायालय अर्की से एडवोकेट नीलम शर्मा ने कानून व्यवस्था की महत्ता पर प्रकाश डाला। कानून का प्रयोग, अधिकार कर्तव्य के प्रयोग के विषय में विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि आज कई सबसे बड़ी समस्या युवा वर्ग में फैलता नशा है। इससे युवा वर्ग का भविष्य अंधकारमय हो जाता है। अतः हमें अपने अधिकारों का उपयोग पता होना चाहिए तथा अपने भविष्य को उज्जवल बनाना चाहिए। इनके साथ एडवोकेट माधुरी भी उपस्थित रहीं। प्रधानाचार्य भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि आज का सत्र निश्चित ही छात्रों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की जानकारी एवं प्रयोग समझने की दृष्टि से महत्वपूर्ण था। इसके लिए प्रधानाचार्य ने इस कार्यक्रम के आयोजक डीएलएसए सोलन का आभार व्यक्त किया। विद्यालय में आए अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सम्पूर्ण विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा।
मनोज कुमार। कांगड़ा राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में सड़क सुरक्षा के अंतर्गत आज सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एनएन शर्मा ने की। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन से किया गया। इस कार्यक्रम में भरत भूषण एसएचओ कांगड़ा को रिसोर्स पर्सन के रूप में आमंत्रित किया गया। एसएचओ भारत भूषण ने विद्यार्थियाें को सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं के विषय में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त दुर्घटनाओं से बचाव, सड़क यातायात नियमों के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एनएन शर्मा ने रोड सेफ्टी के अंतर्गत की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य ने रिसोर्स पर्सन भरत भूषण को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में डॉ सुरेंद्र सोनी, डॉ भगवान दास, प्रो. विजय, प्रो. पवन, डॉ प्रीति वाला, डॉ. अश्विनी शर्मा, प्रोफ़ेसर श्रुति, डॉ. स्नेह, प्रो. लेखराज, रोड सेफ्टी के प्रभारी प्रोफ़ेसर सतपाल एवं विद्यार्थी कोविड-19 एसओपी की पालना करते हुए उपस्थित रहे।
मनीष ठाकुर। इंदाैरा ठाकुरद्वारा के प्राइमरी स्कूल में कार्यरत अध्यापक विवेक कुमार शर्मा के पुत्र अर्चित सरोच ने नौवीं कक्षा की ऑल इंडिया सैनिक स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने अभिभावकों तथा अपने विद्यालय का नाम रोशन किया है। अर्चित के दादा प्रीतम चंद शिक्षा विभाग में वीपीओ तथा दादी सोमा देवी सीएसटी रिटायर हैं। अर्चित ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने दादा-दादी को दिया है।
छठी कक्षा के लिए 22 तथा कक्षा नवमीं के लिए 7 विद्यार्थी हुए उत्तीर्ण फर्स्ट वर्डिक्ट। घुमारवीं अपनी परंपरा को कायम रखते हुए, प्रतिष्ठा को बढ़ाते हुए और इस करोना काल में भी अपना अनुशासन बरकरार रखते हुए घुमारवीं स्थित गुणात्मक व मात्रात्मक पढ़ाई के लिए मशहूर, मिनर्वा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय व विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की उच्च स्तरीय कोचिंग का प्रयाय बन चुके मिनर्वा स्टडी सर्कल ने वर्ष 2022 की सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में अपनी सफलता की एक और इबारत लिखी है। सैनिक स्कूल में कक्षा छठी व कक्षा नवमी के लिए आयोजित 2022 की प्रवेश परीक्षा इस वर्ष 9 जनवरी को एनटीए द्वारा पूरे भारतवर्ष में विभिन्न परीक्षा केंद्राें पर आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम सोमवार देर शाम को घोषित किया गया। मिनर्वा संस्थान से इस परीक्षा के लिए पढ़ाई/कोचिंग प्राप्त कर कक्षा छठी के लिए वैदिक शर्मा, पुत्र विनय शर्मा, अभिमन्यु शर्मा, पुत्र अश्वनी शर्मा, अक्षित शर्मा, पुत्र सुभाष चंद, अंतरिक्ष पुत्र नीरज कुमार, आराध्य रत्न भारद्वाज पुत्र राकेश कुमार, आर्यन पराशर पुत्र कमलेंद्र कुमार, अश्विका, पुत्री नवीन कुमार, आयुष जसवाल पुत्र मोहिंद्र सिंह, नंदिनी धीमान पुत्री नरोतम दत्त, रेयांश शर्मा पुत्र विपिन शर्मा, रोहित सूद पुत्र मोहित सूद, सारांश भारद्वाज पुत्र कुलदीप राम, शौर्य शमा पुत्र कपिल शमा, वेदाक्षी शर्मा पुत्री विनोद कुमार, आकाश भंडारी पुत्र अशोक कुमार, तरूण शर्मा पुत्र यशपाल, सोरव कुमार, पुत्र पवन कुमार, अनमोल शर्मा पुत्र मनदीप शर्मा, समीक्षा चौहान पुत्री पवन सिंह, अभिनंदन ठाकुर पुत्र राजेश ठाकुर, आयाशनी पुत्री कमल कुमार तथा वरूण गौतम, पुत्र सतीश कुमार ने ये परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके साथ कक्षा नवमी के लिए करण राज पटियाल पुत्र राज कुमार पटियाल, आदित्य कशयप पुत्र प्रवीण कुमार, आर्यन कृष्ण शर्मा पुत्र अजय कुमार शर्मा, इशांत जसवाल पुत्र मोहिंद्र सिंह, अंकुश पुत्र आनंद किशोर, विहान पुत्र रेखा कुमारी तथा दिक्षांत कुमार पुत्र राजेश कुमार ने इस बहुप्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा को उत्तीर्ण कर जहां एक ओर सभी को गौरवान्वित किया है। वहीं, दूसरी ओर अपने-अपने उज्जवल भविष्य की नींव को और सुदृढ़ किया है। इस अवसर पर जहां एक ओर इन सभी बच्चों के घरों पर खुशी का माहौल है। वहीं, दूसरी ओर मिनर्वा संस्थान में भी सबके चेहरे खुशी से सराबोर है तथा इसी खुशी को जाहिर करते हुए मिनर्वा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य तथा मिनर्वा स्टडी सर्कल के संस्थापक व संयोजक प्रवेश चंदेल तथा मिनर्वा स्टडी सर्कल के मुख्य प्रबंधक राकेश चंदेल ने सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों, उनके माता-पिता, परिवारजनों व संस्थान के सभी अध्यापकों व कर्मचारियों का मिनर्वा में विश्वास जताने और इस उपलब्धि के लिए सभी का धन्यवाद कर सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की। मिनर्वा स्टडी सर्कल के मुख्य प्रबंधक राकेश चंदेल ने बताया इस वर्ष की सैनिक स्कूल परीक्षा के लिए संस्थान जुलाई या अगस्त 2022 से कोचिंग कक्षाएं शुरू करेगा तथा उन्होंने ये भी बताया कि एनटीएससी, क्लैट, जेईई व नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की सुचारू रूप से पढ़ाई के लिए इस वर्ष से मिनर्वा स्टडी सर्किल दस जमा एक के साथ-साथ नवमी तथा दसवीं की कोचिंग भी जमा एक व जमा दो के आधार शुरू कर रहा है, जिसके लिए आजकल संस्थान में पंजीकरण प्रक्रिया जारी है।
-मिनर्वा स्टडी सर्कल घुमारवीं के 25 विद्यार्थियों ने उत्तीर्ण की सैनिक स्कूल 2022 प्रतियोगी परीक्षा -छठी कक्षा के लिए 19 तथा कक्षा नवमीं के लिए 6 विद्यार्थी हुए उत्तीर्ण -कक्षा छः के लिए वैदिक शर्मा 225 अंक व कक्षा नौ के लिए करण राज पटियाल 254 के सर्वाधिक अंक अपनी परम्परा को कायम रखते हुए, प्रतिष्ठा को बढ़ाते हुए और इस करोना काल में भी अपना अनुशासन बरकरार रखते हुए घुमारवीं स्थित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की उच्चस्तरीय कोचिंग का पर्याय बन चुके मिनर्वा स्टडी सर्कल ने वर्ष 2022 की सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में अपनी सफलता की एक और इबारत लिखी है। सैनिक स्कूल में कक्षा छठी व कक्षा नवमी के लिए आयोजित सन् 2022 की प्रवेश परीक्षा इस वर्ष 9 जनवरी को एन॰टी॰ ए॰ द्वारा पूरे भारत वर्ष में विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गई थी जिसका परिणाम सोमवार देर शाम को घोषित किया गया। इस अवसर पर जहाँ एक ओर सफल हुए सभी बच्चों के घरों पर खुशी का माहौल है वहीं दूसरी ओर मिनर्वा संस्थान में भी सबके चेहरे खुशी से सराबोर है। इन्होंने की परीक्षा पास : मिनर्वा स्टडी सर्कल से इस प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग प्राप्त कर कक्षा छठी के लिए वैदिक शर्मा पुत्र श्री विनय शर्मा, अभिमन्यु शर्मा पुत्र श्री अश्वनी शर्मा, अक्षित शर्मा पुत्र श्री सुभाष चन्द, अन्तरिक्ष पुत्र श्री नीरज कुमार, आराध्य रत्न भारद्वाज पुत्र श्री राकेश कुमार, आर्यन पराशर पुत्र श्रीकमलेन्द्र कुमार, अश्विका पुत्री श्री नवीन कुमार, आयुष जसवाल पुत्र श्री मोहिन्दर सिंह, नन्दिनी धीमान पुत्री श्री नरोतम दत्त, रेयांश शर्मा पुत्र श्री विपिन शर्मा, रोहित सूद पुत्र श्री मोहित सूद, सारांश भारद्वाज पुत्र श्री कुलदीप राम, शौर्य शर्मा पुत्र श्री कपिल शर्मा, वेदाक्षी शर्मा पुत्री श्री विनोद कुमार,आकाश भण्ड़ार पुत्र श्री अशोक कुमार, तरूण शर्मा पुत्र श्री यशपाल, सोरव कुमार पुत्र श्री पवन कुमार, अनमोल शर्मा पुत्र श्री मनदीप शर्मा तथा समीक्षा चौहान पुत्री श्री पवन सिंह ने ये परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके साथ कक्षा नवमी के लिए करण राज पटियाल पुत्र श्री राजकुमार पटियाल, आदित्य कशयप पुत्र श्री प्रवीण कुमार, आर्यन कृष्ण शर्मा पुत्र श्री अजय कुमार शर्मा, इशांत जसवाल पुत्र श्री मोहिन्दर सिंह, अंकुश पुत्र श्री आन्नद किशोर, तथा विहान पुत्र श्रीमति रेखा कुमारी ने इस बहुप्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा को उत्तीर्ण कर जहाँ एक ओर सभी को गौरवान्वित किया है वहीं दूसरी ओर अपने-अपने उज्जवल भविष्य की नींव को और सुदृढ किया है। प्रबंधन ने की छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना : मिनर्वा स्टडी सर्कल के संस्थापक व संयोजक प्रवेश चन्देल तथा संस्थान के मुख्य प्रबंधक राकेश चन्देल ने सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों, उनके माता-पिता, परिवारजनों व संस्थान के सभी अध्यापकों/कर्मचारियों का मिनर्वा में विश्वास जताने के लिए आभार जताया तथा सभी छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। जुलाई में शुरू होगी कोचिंग कक्षाएं : मिनर्वा स्टडी सर्कल के मुख्य प्रबंधक राकेश चन्देल ने बताया कि इस वर्ष की सैनिक स्कूल परीक्षा के लिए संस्थान जुलाई या अगस्त 2022 से कोचिंग कक्षाएं शुरू करेगा तथा उन्होंने ये भी बताया कि एन॰टी॰ एस॰सी॰, क्लैट॰, जे॰ई॰ई॰ व नीट॰जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की सुचारू रूप से पढाई के लिए इस साल से मिनर्वा स्टडी सर्कल दस जमा एक के साथ-साथ नवमी तथा दसवीं की कोचिंग भी जमा एक व जमा दो के आधार शुरू कर रहा है जिसके लिए आजकल संस्थान में पंजीकरण प्रक्रिया जारी है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। दाड़लाघाट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सरयांज में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर का समापन हुआ। समापन समारोह में पंचायत प्रधान सरयांज रमेश ठाकुर मुख्यातिथि रहे, जबकि पंचायत समिति सदस्य रीता ठाकुर व विद्यालय प्रबंधन समिति प्रधान जगदीश शर्मा विशेष अतिथि के रूप उपस्थित रहे। समापन समारोह की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रेम लाल नेगी ने की। इस दौरान शिविर में स्वयंसेवकों ने एनएसएस प्रभारी दीपक ठाकुर के मार्गदर्शन में एक सुव्यवस्थित दिनचर्या का पालन करते हुए प्रतिदिन सराहनीय कार्य किए। शिविर के दौरान स्वयं सेवकों द्वारा विद्यालय, पंचायत कार्यालय सरयांज, मंदिर परिसर मनोल, बुइला व पट्टा में क्यारियों व रास्तों का निर्माण और रखरखाव किया गया व विशेष सफाई अभियान चलाया गया। इस मौके पर बाड़ादेव मंदिर परिसर में भी क्यारियों का निर्माण व पौधरोपण किया गया। शिविर के दौरान स्वयं सेवकों ने नियमित रूप से योगाभ्यास किया। बौद्धिक सत्र में स्वयं सेवकों को स्वास्थ्य, कैरियर, योग, मोबाइल सदुपयोग, संस्कार व जीवन मूल्यों पर विशेष जानकारी प्रदान की गई। स्वयंसेवक मंजु, दिक्षा देवी, ज्योति त्यागी, उमेश, जीवन व उमेश कुमार को उत्कृष्ट स्वयं सेवक पुरस्कार दिया गया। शिविर को सफल बनाने में गांव सरयांज, बुइला, मनोल व पट्टा के लोगों ने भी सराहनीय योगदान दिया। प्रधानाचार्य प्रेम लाल नेगी, पंचायत प्रधान रमेश ठाकुर, पंचायत समिति सदस्य रीता ठाकुर व विद्यालय प्रबंधन समिति प्रधान जगदीश शर्मा ने एनएसएस प्रभारी दीपक ठाकुर सभी स्वयंसेवकों व समस्त विद्यालय परिवार को इस सात दिवसीय शिविर के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। इस मौके पर विद्यालय सरयांज के अध्यापकों, स्थानीय ग्रामीणों सहित स्वयंसेवक मौजूद रहे।
उद्यांश सूद। लडभड़ोल क्षेत्र के निजी स्कूल भारती ज्ञान पीठ की छात्रा सुरभी और छात्र आदर्श ने सैनिक स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। सुरभी और आदर्श की इस सफलता से उसके माता पिता खुश हैं। वहीं, क्षेत्र में भी खुशी का माहाैल है। सुरभी और आदर्श की इस सफलता पर स्कूल प्रधानाचार्या मोनिका शर्मा ने दोनों बच्चों को बधाई दी और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने सुरभी और आदर्श के माता-पिता को भी बधाई देते हुए कहा की भारती ज्ञान पीठ अपने बच्चों को निःशुल्क कोचिंग प्रदान करवाता है। उन्होंने स्कूल के अध्यापकों का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने करोना के दौर में भी बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। वहीं, सुरभी के माता-पिता ने भी स्कूल के अध्यापकों के प्रयास को सराहा है और बेटी की सफलता का श्रेय स्कूल के अध्यापकों को दिया है। आदर्श के माता-पिता ने भी स्कूल प्रबंधन और अध्यापकों को इसकी कामयाबी का श्रेय दिया है। सुरभी और आदर्श भी अपनी इस सफलता से खुश हैं।
मनाक्षी साेनी। हमीरपुर भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही व्यवसायिक शिक्षा में औद्याेगिक भ्रमण विद्यार्थियों को उद्योग एवं अन्य विभागों के कार्य संबंधी वातावरण से अवगत करवाने मे सहायक सिद्ध हो रहा है। इसी कड़ी में रावमा पाठशाला भोटा के 20 विद्यार्थियों ने भारत संचार निगम एक्सचेंज हमीरपुर मे औद्याेगिक भ्रमण किया। जिसमें छात्रों ने स्विचिंग टेक्नोलॉजी, ब्रॉडबैंड एवं फाइबर से संबंधित कार्य की जानकारी ली। बीएसनल के अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने बच्चों को बीएसनल के अलग-अलग कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। इस एक दिवसीय भ्रमण मे स्कूल की व्यवसायिक शिक्षिका इति शर्मा बच्चों के साथ उपस्थित रही। स्कूल प्रधानाचार्या अंजू मल्होत्रा ने कहा कि व्यवसायिक शिक्षा बच्चों के सर्वांगीण विकास तथा भविष्य में रोजगार के अवसर प्राप्त करने मे सहायक सिद्ध हो रही है। इस दिशा में सरकार के प्रयास काफी सराहनीय है।
मनाेज कुमार । कांगड़ा राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत आज निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति विद्यार्थियों में जागृति पैदा करना है। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने अपने निबंध लेखन में सड़क पर होने वाली दुर्घटनाएं, सड़क सुरक्षा नियम एवं दुर्घटनाओं से बचाव के उपायों का उल्लेख किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एनएन शर्मा उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया तथा चार पहिया वाहन सीट बेल्ट लगाकर और दाे पहिया वाहन हेलमेट लगाकर चलाने का संदेश भी दिया। इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका में प्रो. विजय कुमार एवं प्रो. श्रुति शर्मा रहे। इस कार्यक्रम में डॉ प्रीति वाला, प्रो. लेखराज, रोड सेफ्टी क्लब के प्रभारी प्रो. सतपाल एवं विद्यार्थी कोविड-19 एसओपी की पालना करते हुए उपस्थित रहे।
अंग्रेजी व विज्ञान-गणित के रिक्त सैकड़ों पदों पर नवीन चयनसूचि जारी करने की रखी मांग फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला एसएलपी वापसी के बाद भी रीट भर्ती 2016 में रिक्त पड़े सैकड़ों पदों पर नवीन चयनसूचि जारी कर नियुक्ति देने की मांग जोर पकड़ने लगी है। मंगलवार को वर्षों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे दर्जनों बेरोजगारों ने जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस बाबत लिखित ज्ञापन सौंपा। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत की अगवाई में पीड़ित अभ्यर्थियों ने उक्त भर्ती के मामले में एसएलपी वापस लेने के ऐतिहासिक निर्णय पर मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। साथ ही सरकार के उक्त कदम के बाद भी रिक्त पड़े सैकड़ों पदों पर नवीन सूचि जारी कर वर्षों से भटक रहे पात्र बेरोजगारों के लिए नई सूचि जारी कर यथाशीघ्र नियुक्ति दिलवाने हेतु लिखित ज्ञापन सौंपा। बेरोजगारों ने ज्ञापन की मार्फत सीएम को अवगत करवाया कि वर्तमान में उक्त भर्ती में अंग्रेजी व विज्ञान-गणित के करीब 600 पद रिक्त हैं। इसलिए नई चयनसूचि जारी कर सरकार के एसएलपी वापसी के ऐतिहासिक कदम को सार्थक साबित करते हुए बेरोजगारों को यथाशीघ्र नियुक्ति दिलवाई जाए। मुख्यमंत्री ने उपस्थित प्रतिनिधिमंडल को मामले में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। बेरोजगारों के दल में सोना टेलर, पूनम शेखावत, रिछपाल दून, रवि, अल्का, राजीव शर्मा, राकेश शर्मा, सुभाष यादव, दिनेश ओलान, देवेंद्र चाहर व पुरुषोत्तम वर्मा सहित दर्जनों अभ्यर्थी शामिल रहे। क्यों अटका है मामला रीट भर्ती-2016 वर्षों से लंबित है। गत वर्ष राजस्थान सरकार ने बेरोजगार हित में सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेकर रिक्त पदों को भरने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया था, लेकिन निदेशालय ने बिना कागजात सत्यापन किए ही अस्थायी चयनसूचि जारी कर मामले से पल्ला झाड़ लिया था। कागजात सत्यापन के दौरान अंग्रेजी व विज्ञान-गणित के करीब 600 अभ्यर्थी अपात्र व अनुपस्थित पाए गए हैं, जिससे अस्थायी सूचि में से करीब आधे पद रिक्त रह गए हैं।
फर्स्ट वर्डिक्ट। दाड़लाघाट राजकीय प्राथमिक पाठशाला ग्याणा में शिक्षा संवाद व विद्यालय का सहारा समुदाय हमारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस दौरान विद्यालय प्रभारी ज्योति महाजन ने विद्यालयों के कार्यों, विद्यार्थियों का शिक्षण स्तर तथा एनईपी-2020 के अंतर्गत एफएलएन तथा निपुण भारत और निपुण हिमाचल के लक्ष्यों के बारे सभी के साथ चर्चा की, जबकि विद्यालय में सीखने कि प्रक्रिया प्रभावी बनाने तथा बच्चों का सर्वांगीण विकास करने बारे चर्चा की गई। ज्योति महाजन ने बताया कि शिक्षा संवाद के दौरान मार्च में होने वाली वार्षिक परीक्षा के लिए बच्चों की तैयारी करवाने के लिए अभिभावकों से आग्रह किया। इस अवसर पर प्रबंधन कमेटी के प्रधान राकेश, आशु, शर्मिला, नेकराम, मस्त राम, धनीराम सहित विद्यालय के एसएमसी कमेटी के सदस्य व अभिभावक सहित अन्य मौजूद रहे।
रंजीत सिंह। कुनिहार इग्नू स्पेशल स्टडी सेंटर कुनिहार में जुलाई सत्र-2021 के छात्रों के लिए परिचय सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में इग्नू स्पेशल स्टडी सेंटर कुनिहार के कॉर्डिनेटर डॉ रोशन लाल शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। डॉ रोशन लाल शर्मा ने इग्नू से जुड़े सभी नए छात्रों को उनके सभी पाठ्यक्रमों संबंधी विस्तृत व महतवपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई। साथ ही उन्होंने स्पेशल स्टडी सेंटर के बारे जानकारी देते हुए बताया कि कुनिहार में यह सेंटर 8 वर्षों से कार्य कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और दूरवर्ती माध्यम से गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर रहा है। इस परिचय सभा मे सभी नए छात्रों का स्वागत कर उनके द्वारा पूछे प्रश्नों का निदान किया गया। काउंसलरों द्वारा छात्रों के विषयों से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी किया गया। साथ ही छात्रों को सत्रीय कार्यक्रम व परिक्षा फार्म व असाइनमेंट आदि जानकारियों से अवगत करवाया गया। समन्वयक ने बताया कि हर रविवार को काउंसलरों द्वारा पाठ्यक्रमों सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जाएगी। इस बैठक में सुरेंद्र कुमार, अंजना ठाकुर, वीना कुमारी व चंद्रकांता आदि शामिल रहे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शाहपुर रैत शिक्षा खंड के दो अध्यापक ओम प्रकाश केंद्र मुख्य शिक्षक केंद्र सलावना व पवन धीमान मुख्य शिक्षक राजकीय प्राथमिक पाठशाला अंनसुई से सेवानिवृत्त हुए हैं। पवन धीमान ने कुल 26 वर्ष 6 महीने शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दी। ओम प्रकाश ने कुल सेवा 33 वर्ष 10 महीने शिक्षा विभाग में सेवाएं दी। इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश पठानिया, प्रीतम ठाकुर ने दोनों अध्यापको को शुभकामनाएं दी। प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित विदाई समारोह में शिक्षक संघ द्वारा दोनों अध्यापकों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर खंड प्रधान राजीव शर्मा और महासचिव पंकज मनकोटिया ने दोनों अध्यापकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक का देश निर्माण में बहुमूल्य योगदान रहता है और शिक्षक संघ ने दोनों अध्यापकों के योगदान को खूब सराहा। इस अवसर पर बीआरसीसी सुनील धीमान, केंद्र मुख्य शिक्षक अरविंद धीमान, विजय कुमार, मिंटो देवी, निशा कुमारी, उर्मिला देवी, जगीर सिंह व सतनाम कौर और अलग सेंटर के अध्यापक शामिल रहे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। दाड़लाघाट हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ संगठनात्मक जिला दाड़लाघाट का कर्तव्य बोध कार्यक्रम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरयांज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि प्रांत उपाध्यक्ष नरेंद्र कपिल रहे। इस दौरान जिला संगठन मंत्री अमर देव ने मंच संचालन करते हुए सर्वप्रथम समस्त उपस्थित शिक्षकों का परिचय मुख्यातिथि को करवाया। उसके पश्चात प्रमुख उद्बोधन के लिए आए नरेंद्र कपिल ने कर्तव्य बोध विषय पर अपने विचारों से सभी उपस्थित अध्यापकों व विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कर्तव्य को परिभाषित करते हुए कहा कि एक शिक्षक का बच्चों के प्रति कर्तव्य बच्चों का शिक्षकों के प्रति कर्तव्य हमारा अपने परिवार के प्रति तथा समाज के प्रति क्या कर्तव्य है। बड़े ही सहज व सुंदर ढंग से कई प्रेरक उदाहरणों की सहायता से समझाया। उन्होंने बच्चों को भी उनके कर्तव्यों का बोध करवाया। अध्यापकों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का एक महत्वपूर्ण भाग है, उसे यूं ही राष्ट्र निर्माता नहीं कहते, उसे अपनी उत्तरदायित्व को समझना होगा तथा ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए समाज को एक नई दिशा देनी होगी, तभी समाज भी शिक्षकों का सम्मान करेगा। उन्होंने अपने संघ के उद्देश्य को परिभाषित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ जो कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रेरणा से कार्य करता है। यह एक ऐसा संगठन है, जो न केवल शिक्षक हित की बात करता है, बल्कि एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था की बात करता है, जो राष्ट्र के हित में हो, शिक्षक भी शिक्षा के हित में हो। वे अपना कर्तव्य समझें, तभी समाज भी शिक्षक के हित में रहेगा। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष व प्रधानाचार्य सरयांज प्रेमलाल नेगी, जिला मंत्री प्रदीप चंदेल, मीडिया प्रभारी भीम सिंह, कार्यकारिणी सदस्य रमेश ठाकुर, डॉक्टर मुक्तेश, देवी सिंह, पुष्पेंद्र कुमार, केशव वर्मा, अमर सिंह, वीरेंद्र कुमार, दीपक ठाकुर, सरोज व कक्षा 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
मनोज कुमार। कांगड़ा राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने इन प्रतियोगिताओं में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागृति पैदा करना है। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने सड़क सुरक्षा को दर्शाते हुए चित्रकारी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों ने सड़क सुरक्षा से संबंधित नारे लिखकर छात्र-छात्राओं को जागरूक किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एनएन शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने महाविद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया। इन प्रतियोगिताओं में निर्णायक मंडल की भूमिका में डॉ सुरेंद्र सोनी, डॉ भगवान दास एवं डॉ अश्विनी शर्मा रहे। इस कार्यक्रम में डॉ प्रीति वाला, प्रोफ़ेसर लेखराज, रोड सेफ्टी क्लब के प्रभारी प्रोफेसर सतपाल एवं विद्यार्थी कोविड 19 एसओपी की पालना करते हुए उपस्थित रहे। वहीं, चित्रकारी प्रतियोगिता सात्विक शर्मा प्रथम, पस्थान काजल द्वितीय स्थान, बनिता तृतीय स्थान पर रही। इसी प्रकार पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में कामना देवी प्रथम स्थान, रजत कुमार द्वितीय स्थान, ज्योति एवं अंकिता तृतीय स्थान पर, नारा लेखन प्रतियोगिता बनिता प्रथम स्थान, ज्योति द्वितीय स्थान व अंकिता तृतीय स्थान पर रही।
डाडा सीबा के 25 वर्षीय आशीष भाटिया ने यूजीसी नेट परीक्षा पास करके क्षेत्र में अपने रिजल्ट का लोहा मनवाया है। आशीष भाटिया ने बताया कि हाल ही में उनका यह रिजल्ट आया जिसमें वह पास हुए हैं। आशीष भाटिया ने अपनी 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डाडा सीबा से की है। वहीं ग्रेजुएशन की पढ़ाई ढलियारा कॉलेज से की है। इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की जिसकी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता धर्म चन्द और माता चम्पा देवी को दिया है। 25 वर्षीय आशीष की इस सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ उठी है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पलौहड़ा की वोकेशनल टीम का तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न हो गया। इसके तहत वोकेशनल विषय के विद्यार्थियों ने टूर गाइड बनने के अलावा, टेलीकॉम, फूड प्रेपरेशन और संचार प्रक्रिया की बारीकियां जानी। स्कूल प्रधानाचार्य मोहिंद्र पठानिया ने बताया कि वोकेशनल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा के साथ टूरिज्म एवं कम्युनिकेशन विषय की पढ़ाई भी करवाई जाती है। वहीं, टूरिज्म प्रवक्ता सुनील शर्मा और कम्युनिकेशन प्रवक्ता गोविंद लाबरा का कहना है कि स्कूल में बच्चों का स्किल डिवेल्पमेंट पर विशेष लेक्चर आयोजित करवाए जाते हैं। बच्चों को व्यवसायिक क्रम से जोड़ने के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम से जोड़ा गया और इन बच्चों को जवाली के ही बीएम होटल ले जाकर खाना बनाने से लेकर परोसन तक की कला से अवगत करवाया गया। इसके अलावा ऑपटिकल फाइवर की जानकारी भी बच्चों को दी गई। इस मौके पर कंपनी संचालक अजय कुमार और नीरज गुलेरिया ने भी बच्चों को टूर प्रबंधन व कम्युनिकेशन की जानकारी दी।
वाणिज्य एवं प्रबंधन समिति एवं अर्थशास्त्र विभाग द्वारा किया गया कार्यक्रम मनाेज कुमार। कांगड़ा अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय महाविद्यालय तकीपुर में 'केंद्रीय बजट 2022- 23' पर सेमिनार का आयोजन वाणिज्य एवं प्रबंधन समिति एवं अर्थशास्त्र विभाग द्वारा किया गया। सेमिनार का शुभारंभ करते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एनएन शर्मा ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए छात्रों को इस प्रतियोगी युग में उनके सर्वांगीण विकास हेतु इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन को मील पत्थर बताया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि डॉ मंजीत सिंह, सहायक प्रोफेसर गवर्नमेंट कॉलेज नगरोटा बगवां थे। इस अवसर पर उन्होंने केंद्रीय बजट के सभी पक्षों सामाजिक, आर्थिक और विकास के लिए केंद्र सरकार की दूरदर्शिता से अभिहित करवाया। इस अवसर पर उन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर प्रणाली पर विस्तृत व्याख्यान दिया और बताया कि किन-किन तरीकों से सरकार को राजस्व आय होने की संभावना है। इस अवसर पर बी.कॉम के छात्र राहुल ने बजट के विभिन्न बिंदुओं पर अपने विचार रखे, प्राचार्य डॉ एनएन शर्मा ने छात्र की सराहना करते हुए राहुल को बेस्ट ओरेटर अवार्ड से सम्मानित कर प्रेरणा संदेश दिया तथा आह्वान किया की छात्र-छात्राओं को अपने संसाधनों के अनुरूप व्यावहारिक होते हुए पूर्ण लगन के साथ कृत संकल्प होकर अपने उद्देश्य की प्राप्ति हेतु कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। मंच संचालन एवं कार्यक्रम का संयोजन डॉ स्नेह लता ने किया। सेमिनार के मुख्य संयोजक डॉ. भगवान दास तथा सह संयोजक प्रोफेसर पवन धीमान तथा सभी प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।
मनाेज कुमार। कांगड़ा राजकीय महाविद्यालय मटौर में सड़क सुरक्षा एवं यातायात संकेतों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए महाविद्यालय के सड़क सुरक्षा क्लब ने आज महाविद्यालय में पोस्टर मेकिंग एवं नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया। सड़क सुरक्षा क्लब के संयोजक डॉक्टर प्रवेश गिल ने इस अवसर पर सड़क का प्रयोग करने वाले वाहन चालकों, पैदल यात्रियों व अन्य वाहनों के संबंध में विस्तार से बताया। राहगीरों चालक राहगीरों के कर्तव्य ओवर स्पीड, ओवरलोडिंग व टिप्पलिंग आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस गतिविधि में महाविद्यालय के लगभग 50 विद्यार्थियों ने पोस्टर मेकिंग और नारा लेखन में भाग लिया। इसमें पोस्टर मेकिंग में शालिनी बीए तृतीय ने प्रथम, अमृता बीकॉम द्वितीय, तुषार बीकॉम तृतीय स्थान पर रहे। वहीं, नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सूरज बीए दो, द्वितीय स्थान पायल बीकॉम दो व तृतीय स्थान सुरेंद्र बीकॉम तीन विजेता रहे।
यूजी एवं पीजी परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि आगे बढ़ाने की उठाई मांग फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने शनिवार विभिन्न छात्र मांगों को लेकर परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपा। विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन के द्वारा प्रशासन से मांग कि छात्रों से संबंधित इस मांग को प्रशासन जल्द पूरा करें। इकाई अध्यक्ष आकाश नेगी ने बताया कि आज विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपनी मांग को लेकर परीक्षा नियंत्रक से मिले। अपनी मांग को लेकर आकाश ने कहा कि आजकल विश्वविद्यालय में फाइनल एग्जाम के ऑनलाइन फॉर्म भरने का दौर चला है, लेकिन हम देखते हैं कि अभी भी सैकड़ों छात्रों की लॉगिंन आईडी अभी तक नहीं खुल रही है, जो कि प्रशासन की खामियों को दर्शाती है। लॉगिंन आईडी नहीं खुलने के कारण छात्र अपने एग्जाम फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं। इसमें तकनीकी खामियां होने के कारण इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है, जो कि छात्रों के साथ सरासर अन्याय है। आकाश ने कहा कि प्रशासन दो बार परीक्षा फॉर्म भरने की तिथियों को आगे बढ़ा चुका है, लेकिन अभी भी बहुत से छात्रों की लॉगिंन आईडी खुल नहीं रही है, जिसके कारण छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि जो कि 19 फरवरी है, उसे आगे बढ़ा दिया जाए, ताकि सभी विद्यार्थी अपना परीक्षा फॉर्म भर पाए। आकाश ने कहा कि विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द उनकी इन मांगों को पूरा करेगा। साथ ही साथ उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए भी कहा कि अगर जल्द से जल्द इन छात्र मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो आने वाले समय में प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ेगा, जिसके लिए प्रशासन स्वंय जिम्मेदार होगा।
मनाेज शर्मा। दाड़लाघाट अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन प्राइवेट आईटीआई दाड़लाघाट में वित्तीय साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन यूको बैंक दाड़लाघाट के प्रबंधक गौरव शर्मा ने अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन प्राइवेट आईटीआई में करवाया। इसी दौरान महेश, मदन एसएलसी ऑफिसर ने प्रशिक्षणार्थियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की दुर्घटना बीमा पॉलिसी के बारे में जागरूक किया तथा एक सफल उद्यमी बनने के लिए सरकार को बहुत-सी योजनाओं के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के वित्तीय विषय डिजिटल चुनो सुरक्षा के साथ इस कार्यक्रम में भरत आनंद एजीएम आरबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक प्रत्येक वर्ष चुनिंदा महत्वपूर्ण वित्तीय विषय के बारे में आम जनता को जागरूक करता आ रहा है। इसी कड़ी में इस बार सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग जिसमे यूपीआई, नेट बैंकिंग और एटीएम के माध्यम से सुरक्षित वित्तीय लेन-देन किया जाता है।अंत में संस्थान के प्रधानाचार्य राजेश कुमार शर्मा ने कार्यक्रम में आए मेहमानों का उनके द्वारा बताए की जानकारी के लिए संस्थान की ओर से धन्यवाद किया। कार्यक्रम में संस्थान के 70 प्रशिक्षणार्थियों और प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
रंजीत सिंह। कुनिहार छात्र विद्यालय कुनिहार की प्रबंधन समिति का प्रतिनिधिमंडल वीरवार को समिति अध्यक्ष रणजीत सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में विद्यालय की समस्याओं व मांगों को लेकर शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप से मिला। उन्हाेंने सांसद को विद्यालय की समस्याओं से अवगत करवाकर एक मांग पत्र दिया, जिसमें विद्यालय के कार्यों को फंड उपलब्ध करवाने की मांग की गई। सांसद ने प्रबंधन समिति को आश्वस्त करते हुए शीघ्र ही फंड की व्यवस्था करवाने का आस्वासन दिया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रतन सिंह पाल, मंडल अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, विद्यालय प्रधानचार्य बीएस ठाकुर व समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे।
मनीष ठाकुर। इंदौरा मिनर्वा कॉलेज आफ एजुकेशन इंदौरा चंगराडा में आज तृतीय सत्र के छात्रों ने प्रथम सत्र के छात्रों के विद्यार्थियों के लिए फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया इस में सभी छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया। मिनर्वा कॉलेज के अध्यक्ष जे एस पटियाल बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने नए प्रशिक्षु अध्यापकों के मंगल भविष्य की शुभामनाओं के साथ स्वागत किया और मिनर्वा कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ प्रशांत शर्मा द्वारा भी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए शुभकमनाएं दी और इस कार्यक्रम के दौरान मनीष को मिस्टर फ्रेशर और संकेतिका को मिस फ्रेशर चुना गया। वहीं, सचिन को मिस्टर टैलेंटेड और शिखु को मिस टैलेंटेड चुना गया। आजाद को मिस्टर हैंडसम और अनीता को मिस ब्यूटीफुल चूना गया और परफोरमेंस के लिए संदीप, परमेस और देश राज को भी मंच पर सम्मानित किया गया। इस उपलक्ष्य पर कॉलेज की प्रबंधक कमेटी की महासचिव कमलेश पटियाल भी उपस्थित रहीं और उन्होंने सभी विद्यार्थियों को अपना आशीर्वाद और आगे बढ़ने के लिए उत्साहित किया।
रंजीत सिंह। कुनिहार इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के अंतर्गत राजकीय उच्च विद्यालय खरड़ हट्टी की नौवीं कक्षा की छात्रा प्रियंका शर्मा ने विद्यालय व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह जानकारी विद्यालय मुख्य अध्यापिका ममता गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रियंका शर्मा को 10,000 प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा अपना प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दी गई है। इससे विद्यालय व पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। ममता गुप्ता ने इस सफलता का श्रेय विज्ञान अध्यापक शशिकांत को दिया। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से प्रियंका को इस मुकाम पर पहुंचाया। वहीं, विद्यालय अध्यापकों व एसएमसी अध्यक्ष व सदस्यों ने इस उपलब्धि के लिए छात्रा को बधाई दी। वहीं, प्रियंका गुप्ता से जब बात की गई, तो उन्होंने इस सब का श्रेय अपने माता-पिता व अध्यापकों को दिया।
मनाेज कुमार। कांगड़ा ग्राम पंचायत ठाकुरद्वारा द्वारा आज राजकीय उच्च विद्यालय ठाकुरद्वारा स्कूल के प्रांगण की सफाई करवाई। जिसमें पंचायत के प्रधान प्रकाश चंद, उपप्रधान प्रवीण कुमार, वार्ड पंच जोगिंदर सिंह, मुख्याध्यापक प्रवेश कुमार शर्मा और स्कूल का स्टाफ भी माैजूद रहा और स्कूल के आस-पास पड़ी गंदगी को भी साफ किया गया। बच्चों तथा आसपास के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।मुख्याध्यापक ने कहा ऐसे अभियान हम हमेशा ही चलाते रहते हैं, तो जो स्कूल में स्वच्छता का ध्यान रखा जा सके। साथ ही मुख्याध्यापक ने ग्राम पंचायत ठाकुरद्वारा का भी धन्यवाद किया, जो हमेशा ही समय-समय पर अपना सहयोग देती रहती है।
रंजीत सिंह । कुनिहार द एसवीएन स्कूल ने आज लीड स्कूल संगठन के साथ संयोजन किया। पिछले दो वर्षों से काेरोना काल के कारण शिक्षा स्तर में जो पिछड़ापन आया है, उस स्तर को ऊंचा उठाने के लिए एसवीएन स्कूल ने यह कदम उठाया। साथ ही भविष्य की कई प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थी सफलता हासिल कर सके विद्यालय का यह भी प्रयास रहेगा। स्कूल चेयरमैन टीसी गर्ग ने बताया कि लीड स्कूल अकादमी संस्था से 3000 राष्ट्रीय व 500 अंतरराष्ट्रीय स्कूल जुड़े हैं। इस संस्था के माध्यम से विद्यार्थियों को नई तकनीकी शिक्षा प्रणाली से शिक्षित किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लीड अभिभावक एप के द्वारा अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा संबंधी पूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति के अनुसार पहली से आठवीं तक कोडिंग सिखाई जाएगी व स्कूल को 100 प्रतिशत स्मार्ट स्कूल बनाते हुए हर कक्षा में एक स्मार्ट एलईडी होगी। जिसके माध्यम से बच्चों को रचनात्मक व रुचि पूर्ण तरीके से शिक्षा दी जाएगी। अंग्रेजी को एक विषय की तरह न पढ़ाकर कौशल की तरह पढ़ाया जाएगा। इस संयोजन कार्यक्रम का स्वागत करते हुए स्कूल प्रबंधक लूपिन गर्ग ने कहा कि हम विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास चाहते हैं। इसलिए बाल्यकाल से ही इस तरह की शिक्षा प्रणाली से रोजगार परक शिक्षा पाकर विद्यार्थी कॅरियर की ऊंचाई तक पहुंचेगा। इस अवसर पर स्कूल प्रधानाचार्य उमा यादव, स्कूल के सभी अध्यापकगण, अकादमी सदस्य निशांत जिंदल, हरविंदर सिंह, संजीव चौहान व विजय सैनी मौजूद थे।
प्रेम ठाकुर। धर्मपुर राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में पिछले काफी समय से प्रवक्ताओं के पद रिक्त चले हुए हैं, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई में मुश्किल आ रही हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि यह पद साईंस विषय के हैं और अभी तक बच्चों के प्रेक्टिकल तक नहीं हुए हैं और न ही सही तरीके से पढ़ाई हुई है। परीक्षा सिर पर है और बच्चों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। एबीवीपी इकाई अध्यक्षा कुमारी स्मृति व इकाई सचिव अश्वनी सोठा सहित समस्त एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि तुंरत इन पदों पर नियुक्ति की जाए। इन्होंने कहा कि जब तक स्थाई नियुक्ति नहीं होती है, तब तक सरकाघाट कॉलेज से अस्थाई नियुक्ति पर प्रवक्ता भेजे जाएं, ताकि जो बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, उससे निजात मिल जाए। इन्होंने बताया कि इसके बारे में जल्दी ही प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के जलशक्ति मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह से भी मिलकर यहां प्रवक्ताओं की नियुक्ति की मांग करेगा और साथ ही एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व डायरेक्टर उच्च शिक्षा को भेजा है। वहीं, महाविद्यालय के प्राचार्य को भी ज्ञापन देकर तुंरत यहां प्रवक्ताओं की नियुक्ति की मांग की है। जब इस बारे में महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. रमेश शर्मा से बात की गई, तो उन्होंने बताया इसके बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है और जल्दी ही यहां प्रवक्ताओं की नियुक्ति हो जाएगी।
रंजीत सिंह। कुनिहार बॉयज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुनीहार में विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक समिति अध्यक्ष रणजीत सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सर्वसम्मति से विद्यालय की समस्याओं पर चर्चा हुई, जिसमें लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता अर्की को विद्यालय के खेल मैदान के बाकी बचे हुए कार्य को जल्द पूरा करके विद्यालय प्रशासन को सौंपने बारे प्रस्ताव डाला गया, ताकि कोरोना पाबंदियों के बाद 17 फरवरी से सभी कक्षाओं के लिए खुले स्कूलों में पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके। वहीं, विद्यालय के पुराने अनसेफ भवन को गिराने का काम चला हुआ है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसकी जगह विज्ञान भवन बनाना प्रस्तावित है व बजट में इस भवन के लिए प्रावधान रखा गया है। विज्ञान भवन के जल्द निर्माण हेतु बजट राशि को देने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति जल्द प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलेंगे, ताकि विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से चल सके। इस तरह विद्यालय की अन्य समस्याओं बारे भी चर्चा की गई। बैठक में विद्यालय प्रधानाचार्य बीएस ठाकुर, हाटकोट पंचायत प्रधान जगदीश अत्री, कुनिहार पंचायत प्रधान राकेश ठाकुर, प्रतिभा कंवर, दुर्गानंद शास्त्री, एसएमसी उपाध्यक्ष देशलता, सलाहकार अकरेश शर्मा, गोपाल चंद, अनुराधा, दीक्षा, कांता, रमा, रीता, संजू, सुमन व बीना आदि उपस्थित रहे।
नवीन । बंजार बंजार शनिवार को राजकीय महाविद्यालय बंजार में रोज़गार मेला का आयोजन किया गया, जिसमें बंजार विधानसभा के विधायक सुरेंदर शोरी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. नीरज कपूर ने परंपरानुसार मुख्यातिथि का कुल्लवी टोपी और पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। तत्पश्चात महाविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करने के पश्चात प्राचार्य प्रोफ़ेसर नीरज कपूर ने मुख्यातिथि एवं उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए रोज़गार मेले की जानकारी देते हुए कार्यक्रम के सयोंजक प्रोफसर सुरेश कुमार को बधाई देते हुए जनवरी में सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में प्रक्षिक्षण लेने गए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उस के पश्चात टीपीएसडीएम के निदेशक अनिल शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में अपने विचार सांझा किए। इस मेले में भाग लेने वाले विद्यार्थियों में हुताशन और श्यामा दुग्गल ने प्रक्षिक्षण के समय अपने अनुभव को सांझा किया। इस मौके पर मुख्यातिथि ने अपने संबोधन में कहा कि यह हम सब के लिए हर्ष का विषय है कि राजकीय महाविद्यालय बंजार की गिनती उत्कृष्ट महाविद्यालय में की जाती है। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि बंजार घाटी में ऐसा कोई गांव नहीं है, जहां पर्यटक जाना नहीं चाहता, निकट भविष्य में इस घाटी में होम स्टे की अपार संभावनाएं हैं। इस लिए पयर्टन के क्षेत्र में युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है। पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को बढ़-चढ़कर कर भाग लेना चाहिए। इसके लिए प्रदेश सरकार कई संस्थाओं के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए प्रयासरत है। मुख्यातिथि ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर के दृढ़ संकल्प और समर्पण भाव से परिश्रम करो, तो निश्चित रूप से सभी को परिश्रम का फल अवश्य मिलेगा। अपने संबेधन के अंत में मुख्यातिथि ने सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों को फागली की शुभकामना दी। इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि ने प्रशिक्षण में भाग लेने गए विद्यार्थियों में देवेंद्र वर्मा और श्यामा देवी को सर्वश्रेष्ठ स्वयं सेवी और रविठाकुर और चन्द्रकान्ता को सर्वक्षेष्ठ प्रशिक्षु से सम्मानित किया गया तथा सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र दे कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात कैरियर कॉउन्सिल के संयोजक प्रो. सुरेश कुमार ने मुख्यातिथि सुरेंदर शोरी विधायक बंजार विधानसभा क्षेत्र के अनिल शर्मा एवं उपस्थित समस्त अतिथियों के प्रति धन्यवाद किया। इस शुभावसर पर आशा शर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष धर्मेंद्र नेगी, चिराग ठाकुर व कपिल शर्मा आदि उपस्थित रहे। डॉ रेणुका थपलियाल प्रो. भूगोल विभाग ने सफल मंच संचालन किया। अंत में राष्ट्र गान से कायक्रम का समापन हुआ।
फर्स्ट वर्डिक्ट। मंडी धर्मपुर उपमंडल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धर्मपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना का एक दिवसीय शिविर का शुभारंभ प्रधानाचार्य सुरेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी जय पाल भरमौरिया व रजनी ठाकुर ने बताया कि एक दिवसीय शिविर में लगभाग 30 स्वयंसेवी ने भाग लिया। शिविर में पाठशाला के चारों तरफ सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान किया गया व स्वयंसेवकों को अच्छे अनुशासन में रहने व समाज में अच्छी पहचान बनाने का आह्वान किया और स्कूल के प्रधानाचार्य ने बच्चों को अपना आशीर्वाद देते हुए उनसे समाज के सभी कार्यों में अपना सहयोग देने की अपील की और पर्यावरण सरंक्षण के बारे में भी स्वयंसेवियों को अवगत करवाया।
विनायक ठाकुर। देहरा सरस्वती वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मे शिक्षा ग्रहण करने बाले डाडासिबा के गांव गुरनवाड से शिक्षिका पुष्पा देवी पत्नी सुदर्शन कुमार के घर जन्मे शिवम कौशल ने साबित कर दिया कि भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए मंजिल चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हो बस हौसला बुलंद होना चाहिए रास्ता खुद व खुद कदम चूमता है। जी हां बचपन से ही एमबीबीएस डॉक्टर बनने का सपना देख रहे गरली केे गांव गुरनबाड के शिवम कौशल ने सपना साकार कर दिखाया है। पहली कक्षा से दसवीं तक सरस्वती वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गरली में शिक्षा ग्रहण करने वाले शिवम कौशल ने नीट की परीक्षा मे 720में से 534 अंक यानी हिमाचल प्रदेश भर मे 267वां रेंक हासिल कर हमीरपुर के नामी डाकटर राधाकृष्ण मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए चायन हुआ है, जो कि क्षेत्र व माता-पिता के लिए बडे़ गर्व की बात है। शिवम कौशल की माता पुष्पा देवी गरली राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मे लैक्चार व पिता सुदर्शन कुमार सरस्वती वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गरली मे बतौर उप-प्रधानाचार्य अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, शिवम कौशल ने अपनी शानदार सफलता के लिए स्कूल प्रधानाचार्य ललित शर्मा व अपने माता-पिता को दिया है। होनहार शिवम कौशल आगे चल कर हार्ट विशेषज्ञ डॉक्टर बनकर हिमाचल भर के लोगों की रात दिन सेवा करना चाहता है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। दाड़लाघाट सरकार के आदेशों के बाद आज 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू हो गई है। इसी कड़ी में आज राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर की अध्यक्षता में प्रातः कालीन सभा का आयोजन किया गया। प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने सभी बच्चों व स्टाफ के सदस्यों से सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी मास्क पहने व उचित दूरी बनाए रखे। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता नरेंद्र कपिला, राकेश कुमार, धनी राम, अमर सिंह वर्मा, नरेंद्र लाल, विनोद कुमार, नरेंद्र कुमार, धर्मदत्त, सुमन, अनिता कौंडल, प्रवीण कुमार, वीना, मुकेश कुमार, रेखा, विजय कुमार, जागृति, रेणुका, नीलम शुक्ला, सुषमा, किरण बाला, नीलम ठाकुर, मंजू, जितेंद्र चंदेल, रजनीश गर्ग व अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।
रनजीत सिंह । कुनिहार एसवीएन विद्यालय कुनिहार के छात्र मुकुल पाल ने विद्यालय की नींव में एक और स्वर्ण पत्थर जोड़ इसे और मजबूत बना दिया है। मुकुल पाल पुत्र जगमोहन सिंह पाल गांव डूमैहर, जिसका चयन एमबीबीएस के तहत लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज मंडी में हुआ है। मुकुल एसवीएन विद्यालय का नर्सरी से प्लस टू तक का विद्यार्थी रहा है, जिसने हर बार अपनी काबिलियत से अध्यापकों व अपने अभिभावकों का सिर ऊंचा किया है। ये पहले भी दो बार मेरिट स्कॉलरशिप प्राप्त कर चुके हैं और इस बार एमबीबीएस में प्रवेश पाकर एक बार फिर इन्होंने अपनी काबिलियत को साबित किया। बातचीत में मुकुल ने बताया कि वह डॉक्टर बन अपने माता-पिता के सपने को पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय एसवीएन स्कूल के सभी अध्यापकों को दिया, जिन्होंने हर विषय में विस्तृत रूप से ज्ञान प्रदान कर हमेशा उनका मार्गदर्शन किया और अपने माता-पिता को धन्यवाद दिया, जिनके शुभ-आशीर्वाद से वो आज इस सफलता को प्राप्त कर पाए हैं। उनकी इस सफलता से पुरे एसवीएन स्कूल में खुशी की लहर है। विद्यालय प्रधानाचार्य टीसी गर्ग ने मुकुल पाल को उनकी इस सफलता पर शुभकामनाएं देते हुए आगे भी इसी तरह सफलता की सीढ़ीयों पर आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया। साथ ही विद्यालय के अन्य विद्याार्थियों को संदेश दिया कि उन्हें भी मुकुल पाल जैसा दृढ़- निश्चयी और महत्वाकांक्षावान होना चाहिए।
नितिन भारद्वाज। राजगढ़ उपमंडल राजगढ़ के राहुल तोमर और पल्लवी मेहता का चयन एमबीबीएस के लिए हुआ है। सरकारी स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाले दोनों ने नीट परीक्षा पास कर राजगढ़ क्षेत्र का नाम रोशन किया है। राहुल तोमर राजगढ़ की सैर जगास पंचायत के पबियाना गांव से है और वह पीजीआई में निदेशक के पद से सेवानिवृत्त पदम श्री डॉ जगत राम के भतीजे है और उनके पिता किसान है। राहुल तोमर ने बताया कि विरासत को आगे बढ़ाने का निर्णय उन्होंने दसवीं कक्षा में ही ले लिया था। जब भी वह अपने ताया डॉ जगत राम को लोगों की सेवा करते देखते थे, तो उसी वक्त मन में ठान लिया था की आगे चल कर वह भी डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करेंगे और अंत में सफल भी हो गए। राहुल तोमर का चयन मेडिकल कॉलेज नाहन के लिए हुआ है। वहीं, राजगढ़ की कोटि पधोग पंचायत के ग्राम कुफर की पल्लवी मेहता भी चिकित्सक बनकर क्षेत्र का नाम रोशन करेगी। पल्लवी ने भी अपनी शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय राजगढ़ से ग्रहण की है। पल्लवी स्वतंत्रता सेनानी तुलसीराम की पढ़पोती है। उनके पिता नरेंद्र मेहता किसान व माता शकुंतला मेहता गृहणी है। पल्व्वी ने दो वर्ष कोचिंग ली और तीसरे प्रयत्न में नीट की परीक्षा उतीर्ण की। उन्होंने कहा जो बच्चे नीट की तैयारी कर रहे हैं, वे मेहनत के साथ सयंम भी रखे और हतोत्साहित न हो। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष थोड़ी सी कमी रह गयी थी, लेकिन मेहनत और सयंम के साथ उन्होंने इस वर्ष यह परीक्षा उतीर्ण की। पल्लवी ने कहा कि यह सफलता उनके लक्ष्य की और पहला कदम है। उन्होंने इस सफलता में योगदान देने वाले सभी का आभार प्रकट किया। सरकारी स्कूल में पड़े दोनों बच्चों की सफलता से यह सिद्द हो गया कि यदी सही दिशा में मेहनत की जाए, तो स्कूल मायने नही रखता और कोइ भी लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
क्रान्ति सूद। जोगिंद्रनगर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या की छात्रा पल्लवी का चयन इंजिनियरिंग के लिए हुआ है। पल्लवी एनआईटी हमीरपुर से अपनी पढ़ाई पूरी करेंगी। पल्लवी के पिता चन्द्रमणी विज्ञान स्नातक पद पर करसोग में तैनात हैं। वहीं, उनकी माता नित्रा ठाकुर पाठशाला गृहणी हैं। पाठशाला प्रधानाचार्य डा. सुनील ठाकुर ने पल्लवी, उसके माता-पिता एवं उसे पढ़ाने वाले सभी अध्यापको, प्राध्यापकों को मुबारिकबाद दी है। एसएमसी प्रधान सुनील कुमार ने की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया व पल्लवी एवं स्कूल के सदस्यों को बधाई दी व पल्लवी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। धर्मशाला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल 1949 से ही समाज हित व राष्ट्रहित के साथ-साथ छात्र हित की मांगों को लेकर हमेशा अग्रसर रहता है। हाल ही में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश की वेबसाइट पर 27 जनवरी, 2022 से ऑनलाइन कक्षाओं के लिए एक सूचना जारी की गई थी, जिसमें यह भी बताया गया था कि वर्तमान सत्र की परीक्षाएं कोविड के कारण परिस्थितियां अनुकूल होने पर करवाई जाएंगी। विश्वविद्यालय में छात्रों के 19 विभाग प्रतिनिधि हैं, इस विचार पर उनसे भी परामर्श लिया जा सकता था, परंतु प्रशासन द्वारा किसी भी प्रतिनिधि से इस बारे में कोई भी बात नहीं हुई थी तथा विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का मानना था की यदि अगले सत्र की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी, तो छात्र अपने वर्तमान सत्र की पढ़ाई और आने वाले सत्र की पढ़ाई में उलझा रह जाएगा। छात्र दोनों ही सत्रों के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाएगा। इसीलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने छात्र हितों की बात करते हुए चार दिन पहले केंद्रीय विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के माध्यम से कुलपति को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें इस मांग को प्रमुखता से उठाया गया था कि पहले वर्तमान सत्र की परीक्षाओं को पूर्ण किया जाए तथा उसके बाद ही अगला सत्र शुरू किया जाए, ताकि छात्रों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। अतः आज विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्र हित को ध्यान में रखते हुए यह सूचना जारी की गई है कि 14 फरवरी से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोविड नियमों का ध्यान रखते हुए ऑफलाइन माध्यम से परीक्षाएं करवाई जाएंगी।
हिमाचल प्रदेश में नई शिक्षा नीति में पाठ्यक्रमों में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। स्कूलों में टर्म प्रणाली शुरू हुई है। वहीं 2023 तक एससीआरटी चार पैटर्न में पाठ्यक्रम को तैयार कर रहा है। यह चार पैटर्न प्री प्राइमरी जिसमें प्री-कक्षाएं शामिल होंगी। हिमाचल प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत प्रौढ़ शिक्षा को शामिल किया जाएगा। इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम बनेगा। चार पैटर्न में बनाए जा रहे इस पाठ्यक्रम को वर्ष 2023 तक तैयार किया जाएगा। इसके लिए एससीआरटी काम कर रही है। वहीं स्कूल एजूकेशन में पहली से 12वीं तक की कक्षाओं को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा टीचर एजूकेशन, जिसमें अध्यापकों को ट्रेनिंग करवाने से संबंधित कार्य होगा, जबकि चौथा पैटर्न अडल्ट शिक्षा पाठ्यक्रम होगा। एससीआरटी वर्ष 2023 तक पाठ्यक्रम तैयार कर देगी। प्रौढ़ शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार कर इस पंचायत स्तर पर शुरू किया जाएगा। इस दौरान उन लोगों शामिल किया जाएगा, जोकि अक्षर ज्ञान से पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं। ऐसे लोगों को शिक्षित करने के लिए प्रौढ़ पाठ्यक्रम को तैयार कर उन्हें शिक्षित किया जाएगा। इस दौरान स्कूल के अध्यापकों सहित पंचायत प्रतिनिधि भी अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।
शीतकालीन स्कूलों में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं दिसंबर में होंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पहले प्रावधान को प्रदेश में इसी सत्र से हिमाचल प्रदेश सरकार लागू करने जा रही है। इन कक्षाओं के प्रश्नपत्र स्कूल शिक्षा बोर्ड तैयार करेगा। उत्तर पुस्तिकाओं की जांच क्लस्टर, ब्लाक और जिला स्तर पर होगी। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मार्च में इन कक्षाओं की बोर्ड आधारित परीक्षाएं होंगी। प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया प्रावधान लागू होते ही तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों पर अधिक फोकस किया जा रहा है। अब इन कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को अंकों के आधार पर अगली कक्षाओं में भेजा जाएगा। कम अंक लाने पर विद्यार्थी फेल भी होंगे। जुलाई 2021 में हुई कैबिनेट बैठक में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की भी परीक्षाएं लेने का फैसला लिया गया था।
हिमाचल प्रदेश में करीब दो साल बाद सोमवार से पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए भी स्कूल खुल गए हैं। सोमवार को पहले दिन स्कूल पहुंचे बच्चों का शिक्षकों ने कहीं तिलक लगाकर स्वागत किया तो कहीं टॉफियां भी बांटी गईं। पहली के बच्चों ने पहली बार तो दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों ने करीब पौने दो वर्ष बाद स्कूल परिसर में प्रवेश किया। वंही प्रदेश में पहले दिन पहली और दूसरी कक्षा के 65 फीसदी बच्चे स्कूलों में पहुंचे। सोमवार को पहली से पांचवीं कक्षा में 68.90 फीसदी, छठी से आठवीं कक्षा में 70.95 फीसदी और नौवीं से बारहवीं कक्षा में 66.0 फीसदी विद्यार्थियों ने हाजिरी दर्ज करवाई। सभी स्कूलों में कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से में पालन करवाया गया। उधर, निजी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं में अपेक्षाकृत बच्चे कम आए।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए अंतिम बोर्ड परीक्षा से पहले फर्स्ट टर्म एग्जाम की शुरुआत की जा रही है। इस परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र भी जारी होने लगे हैं। कोरोना महामारी के कारण परीक्षा की प्रक्रिया में हुए इस परिवर्तन के बाद सीबीएससी स्टूडेंट्स को एक और सुविधा भी दी जाएगी। प्रथम चरण की इस परीक्षा के लिए बोर्ड की ओर से 5 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें इस बात की जानकारी पहले ही साझा की जा चुकी है। बोर्ड एग्जाम की फर्स्ट टर्म परीक्षा के लिए 18 अक्टूबर को डेटशीट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए स्टूडेंट्स CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर विज़िट कर सकते हैं। बोर्ड छात्रों को उपलब्ध कराई जाने वाली आन्सर बुकलेट में उत्तर देने के लिए 4 विकल्प तो होंगे ही, इसके अलावा प्रत्येक 4 वैकल्पिक उत्तरों के बाद प्रत्येक प्रश्न के सामने एक वृत्त और एक बॉक्स भी मौजूद होगा जहां बॉक्स का प्रयोग दिए गए आन्सर को बदलने के लिए किया जाएगा, वहीं पांचवें वृत का प्रयोग छात्रों द्वारा इस बात की पुष्टि करने के लिए करना होगा कि स्टूडेंट्स को इस प्रश्न का उत्तर नहीं आता है। इसलिए इस नॉट अटेंप्टेड वृत को भरना होगा। ऐसा न करने पर उस सवाल को अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। बता दें कि परीक्षा से पहले स्कूल छात्रों को इस सैंपल शीट को भरने व जवाब देने का अभ्यास कराएंगे। इसके लिए बोर्ड द्वार सभी स्कूल प्रशासन को पहले ही अवगत कराया जा चुका है। वंही यह परीक्षा 90 मिनट की होगी, परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होगी, एग्जाम के दौरान कोविड नियमों का पालन करना होगा तथा यह एग्जाम केवल क्वालिफ़ाइंग नेचर का होगा, इसके लिए कोई अतिरिक्त रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के महाविद्यालयों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अब एनसीसी को एक विषय के रूप में ले सकेंगे। नई शिक्षा नीति के मुताबिक चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत आने वाले समय में सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के स्टूडेंट्स को एनसीसी इलेक्टिव विषय के रूप में पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। धर्मशाला महाविद्यालय की ओर से आयोजित एनसीसी कैंप में ऑफिसरकमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल भूपेंद्र सिंह खनका ने बताए कि अब विद्यार्थी एनसीसी विषय भी पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि विश्व के युवाओं का सबसे बड़ा यूनिफॉर्म संगठन है। उन्होंने बताया कि एनसीसी को इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में चुने जाने के लिए यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार 6 सेमेस्टर और 24 क्रेडिट पॉइंट में बांटा गया है। विद्यार्थियों को पूरे कोर्स में 24 क्रेडिट प्वाइंट भी मिलेंगे। इससे कैडेट को बी और सी सर्टिफिकेट व सेना में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षाओं में भी लाभ होगा। वर्तमान में प्रदेश में कुरुक्षेत्र स्थित गुरुकुल और एनआईआईटी में ही एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है। अब इस व्यवस्था को सभी कॉलेजों में लागू किया जाएगा। प्रदेश में 10 सरकारी और 24 निजी विश्वविद्यालय हैं। इसके अलावा 267 राजकीय और एडेड महाविद्यालय हैं, जहां के विद्यार्थियों को इस नई व्यवस्था का लाभ मिलेगा। वर्तमान में एनसीसी कैडेट्स बी और सी सर्टिफिकेट के लिए होने वाली गतिविधियां व बटालियन के शिविर ही लगा पाते हैं। लेकिन एनसीसी के विषय के रूप में आने के बाद इसका सेमेस्टर के हिसाब से पाठ्यक्रम बनेगा। जिसके अनुसार नियमित कक्षाएं भी लगेंगी। वर्तमान में मैप रीडिंग भी बोर्ड आदि पर होती हैं। भविष्य में सेना की तरह आधुनिक संसाधनों पर विद्यार्थियों को ज्ञान मिलेगा। मैप रीडिंग भी जीपीएस सिस्टम के माध्यम से करवाई जाएगी। युद्ध कौशल, फायरिंग और हथियार चलाने का भी प्रशिक्षण मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में करीब दो साल प्रदेश के स्कूलों में कल वापिस रौनक लौटी है। स्कूलों में करीब 21 माह बाद बुधवार को तीसरी से सातवीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचे। बुधवार को स्कूलों में तीसरी से पांचवीं कक्षा तक 50 फीसदी और छठी से 12वीं कक्षा तक 61 फीसदी विद्यार्थियों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। बुधवार को कहीं तिलक लगाकर तो कहीं फूल बरसा कर विद्यार्थियों का स्कूलों में स्वागत किया गया। सभी सरकारी स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग से स्कूल गेट पर तापमान जांचा गया। फेस मास्क पहनने वालों को ही परिसर में प्रवेश दिया गया। बता दें कि 15 नवंबर से पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थी भी स्कूल आए।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में 2 साल बाद आज से फिर रौनक लौटेगी। बीती कैबिनेट की बैठक में हुए फैसले के अनुसार आज यानि बुधवार से तीसरी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगेंगी। इसके लिए प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए गाइडलाइन भी जारी की गयी है। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, उन स्कूलों में एक दिन छोड़कर या सुबह-शाम के सत्र में कक्षाएं लगेंगी। माइक्रो प्लान के आधार पर कक्षाओं में विद्यार्थी बैठाए जाएंगे। स्कूल गेट पर विद्यार्थियों व शिक्षकों का थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान जांचा जाएगा। अगर किसी विद्यार्थी या शिक्षक-गैर शिक्षक में बुखार के लक्षण मिले तो गेट से ही उन्हें वापिस घर भेज दिया जाएगा। स्कूलों में सभी के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। वंही स्कूलों में लंच ब्रेक का समय अलग-अलग रहेगा। स्कूल आने और जाने के समय में भी कक्षावार पांच से दस मिनट का अंतर होगा। प्रार्थना सभा और खेलकूद सहित एकत्र होने वाली सभी गतिविधियां बंद रहेंगी। सरकारी स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू होने के बावजूद हर घर पाठशाला कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन शिक्षण सामग्री भेजने की प्रक्रिया भी आगामी आदेशों तक जारी रहेगी। यदि स्कूल में कोई संक्रमित विद्यार्थी पाया जाता है तो 48 घंटे तक स्कूल बंद रखा जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए जरूरी खबर है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा दसवीं, बारहवीं के टर्म-1 परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड को जारी कर दिया है। जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, वह बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाकर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं की टर्म-1 परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। बोर्ड विद्यार्थियों को उसी शहर में परीक्षा केंद्र की सुविधा देने जा रहा है, जिस शहर में वे परीक्षा के दौरान मौजूद रहेंगे। इसके लिए विद्यार्थियों को अपने स्कूल से संपर्क करना होगा। इसके बाद स्कूल की ओर से बोर्ड को सूचित किया जाएगा। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि बोर्ड के संज्ञान में आया है कि काफी बच्चे अपने स्कूल वाले शहर में नहीं हैं। ऐसे में बोर्ड परीक्षा सेंटर बदलने का विकल्प दिया जा रहा है। यह घोषणा समय से पहले की जा रही है ताकि छात्रों को समय पर जानकारी मिल सके। बोर्ड का स्कूलों व छात्रों से अनुरोध है कि वह निरंतर सीबीएसई की वेबसाइट के संपर्क में रहें। जैसे ही छात्रों को सेंटर विकल्प बदलने के संबंध में सूचित किया जाएगा, वैसे ही उन्हें स्कूलों से तय समय-सारिणी के भीतर अनुरोध करना होगा। यह समय सारिणी जल्द ही घोषित की जाएगी और यह कम अवधि की होगी। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा केंद्र का शहर बदलने के अनुरोध को तय शेड्यूल के बाद स्वीकार नहीं किया जाएगा। सीबीएसई दसवीं की परीक्षाएं 30 नवंबर से 11 दिसंबर और 12वीं की परीक्षाएं 1 से 22 दिसंबर तक होनी हैं। सीबीएसई द्वारा इस तरह के फैसले से विद्यार्थियों को राहत की उम्मीद मिलने की उम्मीद है।
पिछले सप्ताह स्कूल शिक्षा बोर्ड की वर्चुअल बैठक में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा टर्म परीक्षाओं को लेकर सुझाव दिए गए थे। जिसमें से बहुत से सुझावों को बोर्ड की ऑफलाइन बैठक में मान लिया गया है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन सुरेश सोनी की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, जिला कांगड़ा के अध्यक्ष जोगिंदर शर्मा और मंडी विभाग के प्रमुख शशि शर्मा ने भाग लिया। सुंदरनगर में जारी प्रेस बयान के माध्यम से जानकारी देते हुए प्रदेश मीडिया प्रभारी दर्शन लाल ने बताया कि महासंघ द्वारा शीतकालीन अवकाश को देखते हुए फर्स्ट टर्म की परीक्षाओं को 5 दिसंबर से पहले संपन्न करवाने की बात कही गई थी। बैठक में इस संबंध में बोर्ड द्वारा फर्स्ट टर्म की परीक्षाओं को नवंबर से शुरू करके 5 दिसंबर तक समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके साथ शीतकालीन अवकाश के बाद सेकंड टर्म की परीक्षाओं के लिए बच्चों को तैयारी के लिए कम समय मिल रहा था। जिसे लेकर महासंघ द्वारा सेकंड टर्म की परीक्षाओं को 15 अप्रैल के बाद करवाने बारे अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसके साथ बैठक में फर्स्ट टाइम की परीक्षाओं का मूल्यांकन स्थानीय स्कूल स्तर पर करने का निर्णय लिया गया है। पांचवी से आठवीं कक्षा तक की पंजीकरण शुल्क माफ करने के साथ 9वी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की फर्स्ट और सेकंड टर्म बोर्ड परीक्षा शुल्क में ₹100 की रियायत प्रदान किए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों ने इस संबंध में सरकार और बोर्ड का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा कोविड-19 के चलते उत्पन्न हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी निर्णय विद्यार्थियों और अध्यापकों के हित में लिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 11 अक्तूबर से आठवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की रोजाना कक्षाएं लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अभी नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जा रहा था। इसमें हफ्ते के पहले तीन दिन दसवीं और 12वीं की कक्षाएं और अगले तीन दिन नॉन बोर्ड नौवीं तथा ग्यारहवीं की कक्षाएं लगाई जा रही थीं। उधर, स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू करने की तैयारियों के बीच निदेशालय ने कोविड ड्यूटी में नियुक्त शिक्षकों को रिलीव करने की मांग की है। शिक्षा निदेशालय ने इस बाबत जिला उपायुक्तों और सीएमओ को पत्र भेजे हैं।
हिमाचल में शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में सेफ्टी ऑडिट के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। इसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों व वर्कर्स के लिए सुरक्षा प्रदान की जाएगी। बताया जा रहा हैं कि यह ऑडिट 2 तरह का होगा। पहला नॉन स्टक्चर, दूसरा स्टक्चर नॉन स्टक्चर में देखा जाएगा कि जो पेड़ लगे है वह कितने पुराने हैं, कहीं गिरने की कगार में तो नहीं है, स्कूल में ऐसा स्थान तो नहीं जो अप्रिय घटना को न्योता दे रहा है एवं, फेंसिग ठीक से है की नहीं। स्ट्रक्चर में प्राकृतिक आपदा से सावधान रहने के लिए ध्यान दिया जाएगा कि भवन की हालत ठीक है की नहीं या उसे पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है की नहीं। भवन की नीव कितनी गहरी है, छत की लकड़ी पुरानी तो नहीं हुई है। जिला उपनिदेशकों ने स्कूलों को निर्देश जारी किये हैं कि वह राज्य लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों से संपर्क साधकर यह ऑडिट करवाएं। आडिट करवाने के बाद स्कूल सेफ्टी का सर्टिफिकेट भी उक्त अधिकारी से लें।
निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के पास कुछ निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में पैसा लेकर नकल करवाने और विद्यार्थियों से निजी काम करवाने की शिकायतें पहुंचीं हैं। प्रदेश के 451 निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की मंगलवार से जांच होगी। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए आयोग ने प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थानों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता को जांचने का फैसला लिया है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने एक्ट में मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। शिकायतकर्ताओं ने संस्थानों के नाम और पते सहित कई अन्य तथ्य भी आयोग के समक्ष पेश किए हैं। मंगलवार से आयोग की जांच कमेटी निजी संस्थानों का दौरा करेगी। इन संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार चल रहे कोर्सों को जांचा जाएगा। किस कोर्स में कितने विद्यार्थी दाखिल हैं, शिक्षकों की योग्यता क्या है। कोर्स सरकार से मंजूर हैं या नहीं। कितने संस्थानों को नैक से मान्यता मिली है। राष्ट्रीय रैकिंग में संस्थानों की स्थिति कैसी है। ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है। संस्थानों के आधारभूत ढांचे को भी जांचा जाएगा। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आयोग के अध्यक्ष सरकार और राज्य विश्वविद्यालय व तकनीकी विश्वविद्यालय को अपनी रिपोर्ट देंगे। डिग्री कॉलेजों सहित बीएड कॉलेजों, तकनीकी कॉलेजों, मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों, फार्मेसी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान चेयरमैन सचिन जस्वाल एवं उनकी समस्त कार्यकारिणी ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि इस वर्ष प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग और शिक्षा बोर्ड ने नौवीं से 12वीं कक्षा के परीक्षा शेड्यूल में बदलाव कर उन्हें 2 टर्म में करने का जो निर्णय लिया है, जिसमें पहले टर्म की परीक्षाएं नवंबर माह में 50% सिलेबस के आधार पर करवाने तथा दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च में बाकी बचे 50% सिलेबस के आधार पर करवाने का जो निर्णय आनन-फानन में लिया है। उससे संघ आहत है और संघ का कहना है कि इस तरह के नीतिगत निर्णय लेने से पहले शिक्षा विभाग एवं शिक्षा बोर्ड को अभिभावकों एवं शिक्षक संगठनों तथा शिक्षाविदों से सलाह मशवरा करना चाहिए था क्योंकि यह निर्णय कोविड की परिस्थितियों के मध्यनज़र छात्रों एवं शिक्षकों के हित में तो बिल्कुल भी सही नहीं है, यदि परीक्षाओं को दो टर्म में बांटना है तो दोनों टर्म को बराबर समय अवधि के आधार पर ही बांटना उचित है। यह कहां तक सार्थक है कि यदि एक टर्म के लिए आप 8 महीनों का समय देते हैं तो दूसरी टीम के लिए 4 महीने का समय निर्धारित किया गया है, जबकि सिलेबस दोनों टर्म में आधा-आधा आना है l विशेषकर शीतकालीन स्कूलों के बारे में अगर विचार किया जाए l
हिमाचल प्रदेश में कॉलेजों की स्थिति क्या है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की 132 सरकारी कॉलेजों में से कम से कम 67 में कोई प्रधानाचार्य नहीं है। कारण: विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) पिछले कुछ वर्षों में शिक्षकों की प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति हेतु एक भी बैठक आयोजित करने में विफल रही है। कई पात्र शिक्षक बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त भी हो गए हैं, परन्तु अब तक बैठक नहीं हुई। इन कॉलेजों में उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा कॉलेजों के कुछ वरिष्ठ शिक्षकों को केवल स्वयं और साथी सहयोगियों के मासिक वेतन को निकालने और वितरित करने के लिए डीडीओ की शक्तियां प्रदान की गई हैं। डीडीओ के रूप में एक वरिष्ठ सहयोगी को ही अपने साथी सहयोगियों के कामकाज को नियंत्रित करना पड़ रहा है। नियमित प्रधानचार्य न होने से कॉलेज स्तर पर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता दांव पर है। राज्य के इतिहास में पहली बार कॉलेज स्तर पर ऐसी स्थिति पैदा हुई है। हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में नियुक्त शिक्षकों और छात्रों का कहना है कि हिमाचल के इन कॉलेजों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार प्राचार्यों (कॉलेज कैडर) के लिए जुलाई, 2018 से एक भी डीपीसी की बैठक बुलाने में विफल रही है। यहां तक कि कई योग्य शिक्षक अपने पदोन्नति प्राप्त किए बिना ही सेवानिवृत्त हो गए हैं और पहले से पद पर आसीन प्रधानाचार्य भी हर महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग में कॉलेज स्तर पर प्रधानाचार्य का पद वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसरों के लिए केवल एक सम्मानजनक पदोन्नति है, वह भी 25 वर्षों से अधिक की निरंतर सेवा के बाद। परन्तु विभाग के पात्र वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर इस पदोन्नति से वंचित है । कॉलेजों में प्रधानाचार्य का न होना न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर असर डाल रहा है बल्कि, राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से मान्यता प्राप्त करने में भी बाधा पैदा कर रहा है। NAAC से मान्यता प्राप्त करना किसी भी छह या अधिक साल पहले स्थापित हुए कॉलेज =के लिए अनिवार्य होता है। NAAC की मान्यता मिलने के बाद ही कॉलेज एमएचआरडी से मिलने वाले करोड़ों रुपये के विभिन्न विकास अनुदानों के लिए भी पात्र हो पाते हैं। परन्तु प्रधानाचार्य न होने के कारण हिमाचल के कई कॉलेजों को ये लाभ नहीं मिल रहे। शिक्षकों के अनुसार डीपीसी की बैठक नहीं होने पर पिछले 3 साल से अधिक समय से सरकार यह तर्क दे रही है कि उच्च न्यायालय में शिक्षकों की नियुक्ति और वरिष्ठता को चुनौती देते हुए एक मामला दायर किया गया है इसी के साथ एक अन्य मामले में प्रिंसिपल कॉलेज कैडर के आर एंड पी नियमों को भी अदालत में चुनौती दी गई है, जिससे प्रधानाचार्यों की पदोन्नति पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। शिक्षकों का कहना है कि पात्र सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर को प्रिंसिपल (कॉलेज कैडर) के पद पर पदोन्नत करना सरकार का कर्तव्य है। सरकार अदालत में विशेष अनुमति याचिका दायर करे, ताकि उच्च न्यायालय से पात्र एसोसिएट प्रोफेसरों के लिए नियमित डीपीसी बैठक आयोजित की जा सके।
हिमाचल प्रदेश के सभी डिग्री कॉलेजों में प्लेसमेंट और कैरियर गाइडेंस सेल बनाए जाएंगे। इसके माध्यम से कॉलेजों के विद्यार्थियों को रोजगार दिलाने में मदद दिलाई जाएगी। सोमवार को हायर एजूकेशन काउंसिल की शिमला में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए कमेटी गठित करने की सिफारिश भी सरकार को भेजने की सहमति बनी। इसके अलावा कॉलेजों का शैक्षणिक ऑडिट करवाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने का फैसला भी लिया गया। इसकेे लिए काउंसिल की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। हर माह इन सेल के कामकाज को लेकर रिपोर्ट मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए काउंसिल ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए शैक्षणिक ऑडिट भी करवाने का फैसला लिया है। काउंसिल ने तय किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए सरकार को सुझाव भेजे जाएंगे। काउंसिल की ओर से कई कार्यशालाएं इस संदर्भ में की गई हैं। नीति को लागू करने के लिए आठ से दस सदस्यों की एक कमेटी का भी गठन करने की सिफारिश की जाएगी।
बीते दिन लोक सेवा आयोग परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर की गलोड़ तहसील के रहने वाले अभिषेक धीमान ने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा उत्तीर्ण की है। रैंकिंग के आधार पर अभिषेक का चयन भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी के लिए हुआ है। यूपीएससी परीक्षा परिणाम में अभिषेक धीमान की रैंकिंग 374 रही है। अभिषेक वर्तमान में बतौर एचएएस अधिकारी शिमला में ट्रेनिंग कर रहे हैं। अभिषेक ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई हमीरपुर के एक निजी स्कूल से की है। वहीं, सिरमौर के उमेश लुबाना ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 397वां स्थान प्राप्त किया है। वह हिमाचल प्रदेश के पहले दृष्टिबाधित युवा है, जिन्होंने यह मकाम हासिल किया है। वह वर्तमान में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी कर रहे हैं। इससे पहले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए करने के दौरान ही उन्होंने यूजीसी नेट और जेआरएफ की परीक्षा पास की। मूल रूप से पांवटा साहिब के रहने वाले उमेश कुमार के पिता दलजीत सिंह कारोबारी हैं और और माता कमलेश कुमारी गृहिणी हैं।
हिमाचल सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त करीब 43 हजार शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए अंतर जिला तबादलों की निर्धारित अवधि को कम करने की बरसों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है। 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षक अब गृह जिलों में तबादले करवा सकेंगे। सरकार ने तबादलों पर लगाई 13 वर्ष की शर्त घटाकर अब 5 वर्ष कर दी है। सीएंडवी और जेबीटी का जिला कैडर है। सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति करते समय पांच जिलों का विकल्प दिया था। गृह जिले में वापसी के लिए सरकार ने पहली नियुक्ति वाले स्कूल में न्यूनतम 13 साल सेवाएं देने की शर्त रखी थी। इस शर्त के चलते जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को अपने गृह जिलों में वापसी के लिए लंबा वनवास भुगतना पड़ता था। शिक्षक संगठन 13 वर्ष की अवधि को घटाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे। शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने अंतर जिला तबादलों की अवधि को घटाकर शिक्षकों को बड़ी राहत दे दी है। संघ के आग्रह पर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने 14 सितंबर को शिक्षा सचिव से बैठक कर इस मांग को हरी झंडी दे दी।
बीती कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने स्कूलों को खोलने को लेकर मंज़ूरी दे दी है। प्रदेश में 27 सितम्बर से नियमित कक्षाएं शुरू कर दी जाएगी। सप्ताह में पहले 3 दिन 10वीं तथा 12वीं कक्षा के बच्चे स्कूल आएंगे तथा स्प्ताह के आखिरी तीन दिन 9वीं व 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जाएगा। हालंकि, आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई व पेपर ऑनलाइन माध्यम से ही करवाए जाएंगे। राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलते ही शिक्षा विभाग ने शुक्रवार शाम को 27 सितंबर से प्रदेश स्कूलों में विद्यार्थियों के आने के लिए एसओपी जारी कर दी है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूल के प्रिंसिपलों को विद्यार्थियों की क्षमता और कमरों की संख्या के अनुसार माइक्रो प्लान बनाने को कहा है। स्कूलों में विद्यार्थियों का लंच ब्रेक और आने-जाने का समय कक्षावार अलग-अलग होगा। कक्षाओं में एक बेंच छोड़कर विद्यार्थियों को बैठाने की व्यवस्था की जाएगी। विद्यालयों में के कमरे की क्षमता अनुसार 50 फीसदी विद्यार्थियों को ही एक साथ बिठाया जाएगा। शेष विद्यार्थियों की क्लास दूसरे कमरे में लगाई जाएगी। विद्यालय में प्रार्थना सभा, खेलकूद सहित एकत्र होने वाली अन्य गतिविधियों पर भी रोक रहेगी। शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूल परिसरों में प्रवेश दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा यानि एचएएस की परीक्षा 26 सितंबर को पहली बार नेटवर्क जैमर के साये में होगी। राज्य लोक सेवा आयोग ने परीक्षा के दौरान नकल की संभावनाओं को पूरी तरह से विराम लगाने के चलते यह फैसला लिया है। अभी तक यूपीएससी की परीक्षाओं में ही नेटवर्क जैमर लगाए जाते हैं। बुधवार को लोक सेवा आयोग में हुई अधिकारियों की बैठक में एचएएस की परीक्षा में भाग लेने वाले बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाने के बाद ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश देने का फैसला लिया गया। हिमाचल के अभ्यर्थियों पर यह शर्त लागू नहीं होंगी। 26 सितंबर को प्रदेश के 133 केंद्रों में सुबह और शाम के सत्र में एचएएस की परीक्षा होगी। प्रशासनिक सेवा के 18 पदों के लिए 30,625 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। परीक्षा में शामिल होने के लिए सभी अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड और पहचान पत्र भी लाना अनिवार्य किया गया है।
प्रदेश में शिक्षा विभाग सचिव राजीव शर्मा ने कहा है कि स्कूलों को खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सरकार के निर्देश जारी होते ही नियमित कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। इसमें विद्यार्थियों की सुरक्षा को मध्यनज़र रखते हुए एक कमरे में सिर्फ 50 फीसदी क्षमता में विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। कोरोना के नियमों का पालन अच्छी तरह से करवाया जाएगा,जिसमें फेस मास्क पहनकर ही स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा व हैंड सैनिटाइजर की विद्यालय में व्यवस्था की जाएगी। आदेशानुसार प्रार्थना सभा सहित अन्य एकत्र होने वाली गतिविधियों पर रोक रहेगी।
प्रदेश सरकार अब 5वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को खोलने की तैयारी कर रही है। 20 या 21 सितंबर को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस संदर्भ में फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने 21 सितंबर तक प्रदेश में स्कूल बंद रखे हैं। शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों को अगले सप्ताह से विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुलने की संभावना को देखते हुए तैयारियां पूरी रखने के लिए कहा है। स्कूल प्रिंसिपलों को विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से माइक्रो प्लान बनाने के लिए भी कहा गया है। कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने पर 2 अगस्त से दसवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को खोला गया था। पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए स्कूलों में आने की मंजूरी दी थी, लेकिन इसी बीच दोबारा संक्रमण के मामलों में तेजी आई। 10 अगस्त को सरकार ने स्कूलों को विद्यार्थियों के लिए 22 अगस्त तक बंद रखने का फैसला लिया। इस तारीख को बढ़ाकर फिर 30 अगस्त कर दिया। इसके बाद 5 सितंबर और फिर 21 सितंबर तक विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में आने पर रोक लगाई गई है। कयास लगाया जा रहा है की कोरोना संक्रमण के मामलो में कमी को देखते हुए, सरकार स्कूलों को पुनः खोलने का फैसला ले सकती है।
प्रदेश में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 में मेडिकल कोर्सों के लिए फीस तय कर दी गई है। निजी विवि के प्रस्तावों पर कई दिन तक मंथन करने के बाद गुरुवार को संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा ने फीस का ढांचा जारी किया। निजी विश्वविद्यालयों में इस साल प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से अब इसी आधार पर फीस ली जाएगी। ट्यूशन फीस दो किस्तों में लेनी होगी। एक किस्त में इसे देने का दबाव नहीं डाल सकेंगे। नया फीस ढांचा कोर्स पूरा होने तक लागू रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार को हर साल नया सत्र शुरू होने से पहले फीस ढांचा तय करना होता है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि निजी विवि पहले की तरह बिल्डिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट फंड विद्यार्थियों से नहीं वसूलेंगे। अगर कोई संस्थान आदेशों का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। नए फीस ढांचे के अनुसार निजी विवि सरकार की मंजूरी बिना कोई भी नया कोर्स शुरू नहीं कर सकेंगे। अगर किसी कोर्स की सरकार से मंजूरी नहीं मिली है और फीस कमेटी ने उसका फीस ढांचा तय कर दिया है, तो ऐसा कोर्स मान्य नहीं होगा। यूजीसी के निर्देशानुसार ही शिक्षक भर्ती करनी पड़ेगी। हिमाचली बोनाफाइड, बीपीएल, आईआरडीपी विद्यार्थियों के लिए विवि को दस फीसदी सीटें आरक्षित रखनी होंगी। इनसे ट्यूशन फीस भी नहीं ली जाएगी। शैक्षणिक सत्र की फीस कोर्स पूरा होने तक लागू रहेगी। पहले से विवि में पढ़ रहे विद्यार्थियों पर नया फीस ढांचा लागू नहीं होगा। सरकार की इस तरह की पहल से विद्यार्थियों को कुछ राहत मिल सकती है।
हिमाचल प्रदेश में सफाई से जुड़े और जोखिमपूर्ण व्यवसाय में लगे व्यक्तियों के बच्चों को भी छात्रवृत्ति मिलेगी। अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय संशोधन करते हुए नई श्रेणियों को शामिल करने जा रहा है। जल्द इस योजना को देश भर में लागू किया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2021-22 से हिमाचल में भी पात्र विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। पहली से 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वार्षिक 3000 से 7000 रुपये तक छात्रवृत्ति मिलेगी। बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों और स्कूल प्रिंसिपलों को इस बाबत पत्र जारी कर सूचित किया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों और शिक्षा सचिवों को पत्र जारी कर बताया है कि इस योजना में शामिल किए जाने वाले विद्यार्थी सफाई से जुड़े और स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण व्यवसाय में लगे व्यक्तियों के परिवार का ही होना चाहिए। परिवार का इस व्यवसाय में लिप्त होने का प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य रहेगा। विद्यार्थी राजकीय विद्यालय अथवा राज्य सरकार एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में नियमित एवं पूर्णकालिक कक्षा पहली से 10वीं के विद्यार्थी के रूप में अध्ययनरत हो। विद्यार्थी को केंद्रीय राजकीय, सार्वजनिक, धार्मिक स्रोत से अध्ययन करने के लिए किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति या भत्ता नहीं मिल रहा हो। किसी भी कक्षा में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति केवल एक वर्ष के लिए उपलब्ध होगी। यदि कोई विद्यार्थी अगले वर्ष भी उसी कक्षा में रहता है तो उसे दूसरे वर्ष (अथवा बाद के वर्ष के लिए) उसी कक्षा के लिए छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। योजना के तहत 90 फीसदी बजट केंद्र और दस फीसदी बजट प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाएगा। केंद्र सरकार पात्र विद्यार्थी के बैंक खाते में सीधा राशि जमा करवाएगा।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 9वी से 12वीं कक्षा के करीब दो लाख विद्यार्थियों को हर सप्ताह शनिवार और रविवार को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने की कोचिंग दी जाएगी। 18 सितंबर से 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को मोबाइल पर शिक्षक द्वारा एक लिंक भेजा जाएगा। यू-ट्यूब के इस लिंक के माध्यम से विद्यार्थी नीट और जेईई की कोचिंग ले सकेंगे। सरकार ने विद्यार्थियों को कोचिंग देने के लिए स्वर्ण जयंती विद्यार्थी अनुशिक्षण योजना शुरू की है। आधिकारिक तौर पर बुधवार से योजना शुरू कर दी गई है। शिक्षकों को हर घर पाठशाला अभियान के तहत लिंक भेजने का काम शुरू हो गया है। शनिवार को यह लिंक शिक्षक विद्यार्थियों को व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से देंगे। योजना के तहत सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की गणित और विज्ञान की सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। हर सप्ताह 15 से 18 घंटे की कक्षाएं और संदेह समाधान किया जाएगा। योजना के सही कार्यान्वयन के लिए सरकार जिला स्तर पर निगरानी कमेटी गठित करेगी। इसमें डाइट के प्रधानाचार्य, उच्च शिक्षा के उप निदेशक और स्कूलों के विज्ञान-गणित के पर्यवेक्षक शामिल किए गए हैं। कमेटी मेधावी छात्राओं की पहचान करने में भी मदद करेगी। योजना के तहत दो चरणों में कार्यक्रम का कार्यान्वयन होगा। पहले चरण में हर घर पाठशाला के माध्यम से छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली गणित और विज्ञान की सामग्री उपलब्ध होगी। दूसरे चरण में 100 उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं की पहचान करने के लिए चयन परीक्षा होगी।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला देश भर के टॉप 200 विश्वविद्यालयों में भी शामिल नहीं हो पाया। एचपीयू का बीते वर्ष का रैंक 169 था। वहीं आईआईटी मंडी पिछले साल से 10 स्थान फिसलकर 41वें स्थान पर रहा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2021 जारी की। देश के टॉप सौ विश्वविद्यालयों में प्रदेश का शूलिनी विश्वविद्यालय शामिल हुआ है। नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क 2021 की ओवरआल और इंजीनियरिंग श्रेणी में आईआईटी मंडी की रैंकिंग लुढ़क गई है। शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीन श्रेणियों में पायदान चढ़े हैं। इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर की श्रेणी में एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग में कमी आई है। मैनेजमेंट, लॉ, मेडिकल और कॉलेज श्रेणी में प्रदेश को कोई संस्थान शामिल नहीं हुआ है। आईआईटी मंडी इंजीनियरिंग श्रेणी में दस पायदान लुढ़ककर 52.58 स्कोर के साथ देश भर में 41वें रैंक पर पहुंच गया।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब 1.9 लाख विद्यार्थियों को 15 सितंबर से जेईई और नीट की कोचिंग मिलेगी। कोचिंग स्वर्ण जयंती विद्यार्थी अनुशिक्षण योजना के तहत दी जाएगी। सरकार हर घर पाठशाला के माध्यम से 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को योजना का लाभ दे रही है। विद्याथियों को ये कोचिंग हर हफ्ते शनिवार और रविवार को दी जाएगी। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की गणित और विज्ञान की सामग्री मिलेगी। हर सप्ताह 15 से 18 घंटे की कक्षाएं और संदेह समाधान भी किया जाएगा। योजना के सही कार्यान्वयन के लिए सरकार जिला स्तर पर निगरानी कमेटी गठित भी करेगी। इसमें डाइट के प्रधानाचार्य, उच्च शिक्षा उप निदेशक और स्कूलों के विज्ञान-गणित के पर्यवेक्षक शामिल किए गए हैं। यह कमेटी मेधावी छात्राओं की पहचान करने में भी मदद करेगी। बता दें कि योजना के तहत दो चरणों में कार्यक्रम का कार्यान्वयन होगा। पहले चरण में हर घर पाठशाला के माध्यम से भी छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली गणित और विज्ञान की सामग्री उपलब्ध होगी। दूसरे चरण में राज्य की 100 उच्च प्रदर्शन करने वाली छात्र-छात्राओं की पहचान करने के लिए चयन परीक्षा होगी।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के यूजी और पीजी कोर्स करने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को अब डिग्री की अंतिम परीक्षा के परिणाम घोषित होने के साथ ही समग्र अंक तालिका को प्रिंट करवा दिया जाएगा और संबंधित कॉलेजों को भेज दिया जाएग। इसकी फीस भी विद्यार्थियों से नहीं ली जाएगी । विद्यार्थियों को अब इसके लिए लम्बा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। उन्हें हाथों हाथ समग्र अंक तालिका दे दी जाएगी। पीजी कोर्स में भी इसी सत्र से यह निर्देश लागू कर दिया जाएगा। अंक तालिका की डिग्री पूरी करने वाले हर विद्यार्थी को आवश्यकता रहती है। इससे पूर्व विद्यार्थी जरूरत पड़ने पर विश्वविद्यालय आकर इसे बनवाते रहे थे। यह सुविधा केवल पास और डिग्री पूरी करने वाले विद्यार्थियों को ही होगी। कंपार्टमेंट या फेल होने वाले विद्यार्थियों को यह सुविधा नहीं होगी। किसी भी डिग्री कोर्स के पूरा करने के बाद ही समग्र अंक तालिका जारी की जाती है। इसमें पूरी डिग्री में दी गई परीक्षा के प्राप्तांक और छात्र का पूरा ब्योरा, सेशन सब कुछ अंकित होता है। इसे विद्यार्थी कहीं भी आवश्यकता पड़ने पर डिग्री के स्थान पर दिखा या जमा करवा सकता है। जिससे उसे आगे प्रवेश लेने व नौकरी में कोई परेशानी पेश नहीं आएगी।
शिमला: उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा सोमवार को प्रदेश के निजी और सरकारी कॉलेज प्रिंसिपलों को कॉलेजों में छह माह की एक साथ हॉस्टल और मेस फीस वसूल करने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। कोरोना काल में अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए प्रिंसिपलों को विद्यार्थियों द्वारा मासिक या द्विमासिक आधार पर ही शुल्क लेने के लिए कहा गया है। उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा बताया कि प्रदेश के कई डिग्री, बीएड, लॉ और संस्कृत के निजी और सरकारी कॉलेजों में विद्यार्थियों से छह माह या उससे अधिक समय की हॉस्टल और मेस फीस लेने की शिकायतें उन्हें मिली हैं। जिसके चलते उन्होनें बताया कि कोरोना काल के चलते बीते वर्ष से अभिभावकों की स्थिति अभी पटरी पर नहीं आ सकती। इस परिस्थिति के चलते अभिभावक छह माह की फीस चुकाने के लिए असमर्थ हैं। ऐसे मामलों के विद्यार्थियों से केवल एक या दो माह की हॉस्टल और मेस फीस ही वसूली जाए।
हिमाचल प्रदेश में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा एक ही विभाग में 4000 पद भरने का निर्णय लिया गया है। हालांकि मंत्रिमंडल द्वारा हजारों की संख्या में नौकरी के पिटारे खुलते रहे हैं लेकिन एक ही विभाग में इतनी बड़ी तादाद में पद भरने का निर्णय पहली बार ही लिया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग में ड्राइंग शिक्षकों के 820 पदों और शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के 870 पदों सहित शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के 4000 पदों को भरने का निर्णय लिया गया है। इन 4000 पदों में से 2640 पद प्रारंभिक शिक्षा विभाग जबकि 1360 पद उच्चतर शिक्षा विभाग में अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे। जानकारी के अनुसार शिक्षकों के विभिन्न पद बैच आधार पर शीघ्रता से भरे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि ड्राइंग टीचर्ज अपनी भर्ती को लेकर पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान कई दफा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। बावजूद इसके उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया। उसके बाद इन शिक्षकों को जयराम सरकार से काफी आशाएं रहीं। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी ड्राइंग शिक्षकों की आशाओं पर खरा उतरते हुए प्रमुखता से उनके पक्ष में निर्णय लिया। अब 820 पदों शिक्षकों की भर्ती होगी। इतना ही नहीं शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के भी 870 पद भरे जाएंगे। इस फैसले से बेरोजगार प्रशिक्षुओं में खुशी की लहर है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय ने विजुअल आर्ट विभाग में एमए पेंटिंग का सिलेबस और प्रवेश की प्रक्रिया बदल दी है। प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओं को अब एक थ्योरी और दो प्रैक्टिकल परीक्षाएं देनी होंगी। इसके आधार पर ही कोर्स में प्रवेश को मेरिट तैयार होगी। इन तीन परीक्षाओं के 150 अंक में से प्राप्तांक से ही मेरिट बनेगी। पूर्व में एक थ्योरी और एक प्रैक्टिकल होता था। विभाग की 10 सब्सिडाइज्ड और पांच नॉन सब्सिडाइज्ड सीटों के लिए 27 अगस्त को प्रवेश परीक्षा होगी। इसमें तीन तरह की परीक्षा होगी। इसमें पहली परीक्षा 50 अंक की होगी, जो थ्योरी की होगी। इसमें पूछे जाने वाले सवालों से संबंधित ब्योरा विवि की वेबसाइट पर छात्रों के लिए उपलब्ध करवाया गया है। वहीं पहली प्रैक्टिकल परीक्षा भी 50 अंक की होगी। इसमें ऑब्जेक्ट स्टडी रहेगी। दूसरी प्रैक्टिकल परीक्षा में क्रिऐटिव कंपोजिशन की होगी। ये तीनों परीक्षाएं एक एक घंटे की होंगी। इनमें प्राप्तांक आधार पर बनने वाली मेरिट ही प्रवेश का आधार रहेगी।
हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में स्नातक डिग्री कोर्स के प्रथम वर्ष की आवेदन प्रक्रिया मंगलवार को थम जाएगी लेकिन अभी तक स्पोर्ट्स, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। ऑनलाइन आवेदन का मंगलवार को आखिरी दिन है। बुधवार को तय किए प्रवेश शेड्यूल के अनुसार पहली प्रवेश मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी लेकिन अभी तक सरकार और विवि प्रशासन यह तय नहीं कर पाया है कि खेल, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए कितनी सीटें आरक्षित होंगी। सभी कॉलेजों ने पहले की तरह से स्पोर्ट्स, कल्चरल कोटा के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस बार ईडब्लूएस श्रेणी के छात्रों ने भी आवेदन किए हैं लेकिन उन्हें सीटें तभी मिल पाएंगी जब सरकार, शिक्षा विभाग और यूनिवर्सिटी आरक्षण को लागू करने को लेकर कोई फैसला लेंगे।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में इस बार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के नए निर्देशों के तहत बीटेक डायरेक्ट एंट्री में दाखिला मिलेगा। एआईसीटीई के नए निर्देशों में बीटेक के लिए 12वीं कक्षा में गणित और भौतिक विज्ञान की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अब ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने जमा दो में भौतिक विज्ञान, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर साइंस, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, जीव विज्ञान, सूचना विज्ञान अभ्यास, जैव प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक विषयों के कृषि, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, उद्यमिता में से किन्हीं तीन विषयों में पढ़ाई की हो, वे तकनीकी विवि से संबंधित सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान में बीटेक डायरेक्ट एंट्री में दाखिला ले सकते हैं।
हिमाचल में स्कूल बैग का मामला काफी समय से लटका हुआ था। लेकिन अगले महीने से प्रदेश के सरकारी स्कूल के तीसरी, छठी और नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल बैग मिलना शुरू हो जाएंगे। खाद्य आपूर्ति निगम ने बुधवार को बैग को लेकर आमंत्रित किए गए टेंडर की टेक्निकल बीड खोल दी है। टेंडर में कुल 8 कंपनियों ने भाग लिया था। इसमें से चार कंपनियों के सैंपल फेल हुए है। वंही 4 कंपनियों ने सैंपल पास किए है। इन कंपनियों के बीच रेट को लेकर प्रतिस्पर्धा होगी। अगले सप्ताह फाइनेंशियल बीड खोली जानी है। इसमें जिस भी कंपनी का रेट कम आएगा, उसे सप्लाई ऑर्डर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में एक सितंबर से नियमित कक्षाएं शुरू करने की तैयारी है। राज्य सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट से मंजूरी लेने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में 18 वर्ष आयु से अधिक के विद्यार्थी होते हैं, ऐसे में कॉलेजों में नियमित कक्षाएं खोलने का विचार है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 88 फीसदी विद्यार्थियों को वैक्सीन भी लग चुकी है। 16 अगस्त से कॉलेजों में द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की कक्षाएं एक सितंबर से शुरू होंगी। इन कक्षाओं को ऑनलाइन ही जारी रखा जाना है या ऑफलाइन शुरू करना है, इसको लेकर जल्द फैसला ले लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को मानसिक तौर पर भी कॉलेज आने के लिए तैयार रहना चाहिए।
कर्मचारी चयन आयोग ने चार पोस्ट कोड के तहत ली जाने वाली लिखित परीक्षाओं की समयसारिणी में बदलाव किया है। पोस्ट कोड 891 स्टेनो टाइपिस्ट की परीक्षा 26 सितंबर की बजाएं 5 सितंबर को सुबह के सत्र में करने का फैसला लिया है। वंही, पोस्ट कोड 906 जेई सिविल की परीक्षा भी 26 की बजाय 5 सितंबर को शाम के सत्र में, आयोजित होगी। पोस्ट कोड 839 लिपिक की परीक्षा पांच सितंबर की बजाय 17 अक्तूबर को सुबह और पोस्ट कोड 833 सहायक प्रबंधक की परीक्षा 17 अक्तूबर शाम के सत्र में आयोजित होगी। आयोग के सचिव डॉ.जितेंद्र कंवर ने बताया कि इन परीक्षाओं की तिथियों में बदलाव किया गया है। अब नई तिथियों अनुसार परीक्षा होगी। वहीं, कर्मचारी चयन आयोग ने अधीक्षक ग्रेड-2 स्टोर के पद को भरने के लिए ली गई लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। इस पद के लिए लिखित परीक्षा में 302 अभ्यर्थी उपस्थित रहे। इनमें से चार अभ्यर्थियों जिनमें रोल नंबर 879000199, 879000537, 879000939 और 879001560 को मूल्यांकन परीक्षा के लिए चयनित किया गया है। आयोग के सचिव डा. जितेंद्र कंवर ने कहा कि 15 अंकों की मूल्यांकन परीक्षा 31 अगस्त को आयोग के कार्यालय में होगी।
हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए पांचवीं के बाद अब छठी से 10वीं तक के विद्यार्थियों को भी सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसमें शिक्षक बच्चों को यातायात के नियमों का पालन करने का ज्ञान देंगे। प्राथमिक कक्षाओं से ही विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा का ज्ञान दिया जा रहा है। वहीं बड़ी कक्षाओं के लिए भी एससीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार कर रही है। आगामी सत्र से इस पाठ्यक्रम को छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ाए जाने की संभावना है। पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा की आधारभूत जानकारियों को शामिल किया गया है। इसमें यातायात नियम, जेब्रा लाइन, हेलमेट की आवश्यकता, सड़क पार करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया व नियम, सड़क दुर्घटनाओं के कारण, दो पहिया और चौपहिया वाहन चलाने के लिए जरूरी दस्तावेज की जानकारी को भी शामिल किया जा रहा है। पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा के शामिल होने पर बच्चों को गहनता के साथ सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड दूसरे और चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं गूगल मीट और गूगल क्लास पर ऑनलाइन माध्यम से लेगा। इस दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाइन रहते हुए वैब कैमरे में अपना चेहरा और परीक्षा देती बार अपनी उत्तर पुस्तिका को भी साफ-साफ दिखाना होगा। वहीं इंटरनेट दिक्कत समस्या होने पर छात्र अपने नजदीकी संस्थान में परीक्षा दे सकेगा। इसके लिए छात्र को 10 दिन पहले बोर्ड को बताया होगा। बोर्ड 17 अगस्त से दूसरे और चौथे सेमेस्टर की लीट और पैट ऑनलाइन माध्यम से करवाएगा। ऑनलाइन माध्यम से होने वाली इन परीक्षाओं में छात्र किसी प्रकार की कोई नकल का सहारा न ले सके, इसके लिए छात्रों को अपनी परीक्षाएं गूगल मीट या गूगल क्लास के माध्यम से देनी होंगी। संबंधित छात्रों को ऑनलाइन जुड़ने के लिए करीब 10 मिनट पहले आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा। सुबह और सायंकाल दो सत्रों में होने वाली इस परीक्षा के लिए संबंधित छात्रों को पांच मिनट पहले प्रश्न पत्र मुहैया करवाया जाएगा। इसके बाद छात्रों को ऑनलाइन रहते हुए ही परीक्षा देनी होगी। परीक्षा समाप्त होने पर अभ्यर्थी को गूगल मीट या गूगल क्लास के माध्यम से उत्तर पुस्तिका को संबंधित संस्थान को स्कैन करके भेजना होगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश परीक्षा आधारित पीजी डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए परीक्षा शेड्यूल जारी कर दिया है। विवि नौ अगस्त से विवि परिसर में प्रवेश परीक्षाएं शुरू करेगा, जो 24 अगस्त तक जारी रहेंगी। प्रवेश परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड विद्यार्थियों को एडमिशन पोर्टल से ऑनलाइन ही डाउनलोड करने होंगे। शेड्यूल जारी करने के साथ ही विवि ने प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। ये प्रवेश परीक्षाएं सुबह नौ, साढ़े 11 और दो बजे के सत्र में आयोजित करने का फैसला लिया है। जिससे परीक्षाएं अगस्त माह में ही पूरी हो सके और सितंबर में काउंसलिंग करवाकर प्रवेश की प्रक्रिया को समय रहते पूरा किया जा सके। कोरोना महामारी के कारण एक साल के अंतराल के बाद विवि पीजी की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवा रहा है। बीते सत्र 2020-21 में विवि ने प्रवेश परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण का हवाला देकर विवि ने प्रवेश परीक्षाएं न करवाकर पिछली यूजी की मेरिट के आधार पर ही कोर्स में प्रवेश दिया था। जिसका छात्र संगठनों ने जमकर विरोध भी किया था। मामला न्यायालय तक जाने पर न्यायालय ने विवि के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। शेड्यूल के मुताबिक विश्वविद्यालय नौ अगस्त को नौ बजे रसायन विज्ञान, साढ़े 11 बजे जंतु विज्ञान, दो बजे एमएससी गणित की प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। 10 अगस्त को नौ बजे एमएससी भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, साढ़े 11 बजे एम कॉम, दो बजे एमए राजनीति शास्त्र की प्रवेश परीक्षा करवाएगा। 11 अगस्त को नौ बजे एलएलबी, साढ़े 11 बजे एमएससी भूगोल और दो बजे एमए हिंदी। 12 अगस्त को नौ बजे एमए अर्थशास्त्र, साढ़े 11 बजे एमएस मनोविज्ञान, दो बजे एमए इतिहास। 13 अगस्त को सुबह नौ बजे एमएस सामाजिक कार्य, साढ़े 11 बजे एमए संगीत ( परफार्मिंग आर्ट) दो बजे एमए इंग्लिश की प्रवेश परीक्षा होगी। 14 अगस्त को 10 बजे एमसीए की और दो बजे एमए संस्कृत की प्रवेश परीक्षा होगी। 16 अगस्त को एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, साढ़े 11 बजे एमएससी बायोटेक्नोलॉजी और दो बजे एमए शारीरिक शिक्षा और एमपीएड की प्रवेश परीक्षा होगी। तय शेड्यूल के मुताबिक 17 अगस्त को नौ बजे एमए योगा, साढ़े 11 बजे एमएड और दो बजे एमएस समाज शास्त्र की प्रवेश परीक्षा होगी। 18 अगस्त को 10 बजे एमए ग्रामीण विकास और दो बजे एमए लोक प्रशासन की, 20 अगस्त को 10 बजे एमएससी पर्यावरण विज्ञान और दो बजे एमबीए ग्रामीण विकास की प्रवेश परीक्षा करवाई जाएगी। एमएस पत्रकारिता और जनसंचार की प्रवेश परीक्षा 23 अगस्त को सुबह 10 बजे जबकि एमए रक्षा और सामरिक अध्ययन के लिए 24 अगस्त को 10 बजे और एमटीटीएम के लिए दो बजे प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। विवि और रिजनल सेंटर धर्मशाला की एमबीए कोर्स में प्रवेश के लिए करवाई जाने वाली एचपीयू मेट-2021 को 21 अगस्त को 10 बजे आयोजित किया जाना है।
हिमाचल प्रदेश में लम्बे आरसे से बंद पड़े स्कूलों में रौनक लौट आई है। बीती कैबिनेट की बैठक में सरकार ने 10वीं से 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों की स्कूल में नियमित कक्षाएं लगाने का फैसला लिया था। पहले चरण में 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की आज से नियमित कक्षाएं शुरू हो गई हैं। शिक्षा विभाग ने इसके लिए एसओपी जारी की है। थर्मल स्क्रीनिंग, हैंड सैनिटाइज करवाने के बाद ही बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया गया। मौसम साफ रहने पर खुले में भी कक्षाएं लग सकती हैं। पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चे शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए स्कूल आ सकेंगे। अभी अप्रैल, 2021 से स्कूल पूरी तरह बंद थे। उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई से कोचिंग, ट्यूशन और प्रशिक्षण संस्थान खोले जा चुके हैं। कॉलेजों में 16 अगस्त से नया सत्र शुरू होगा। 26 जुलाई से कॉलेजों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दाखिले शुरू हो चुके हैं। सरकार के निर्देशों के बाद सभी स्कूलों को समय-समय पर सैनिटाइज करना जरूरी होगा। सोमवार से सरकारी स्कूलों में सभी शिक्षकों को हाजिर रहना अनिवार्य किया गया है। उधर, बता दें कि चंबा उपमंडल में मिंजर मेले की स्थानीय छुट्टी के चलते 3 अगस्त, लाहौल-स्पीति जिले में 10 और कुल्लू जिले में 16 अगस्त से स्कूल खुलेंगे।
हिमाचल प्रदेश के चंबा और लाहौल-स्पीति जिले में दो अगस्त से स्कूल नहीं खुलेंगे। प्रदेश के शेष जिलों में सोमवार से दसवीं से 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थी आएंगे। चंबा में मिंजर मेले और लाहौल में बादल फटने के चलते जिला प्रशासन ने शेड्यूल में बदलाव किया है। दो अगस्त से स्कूलों में सभी शिक्षकों को हाजिर रहना अनिवार्य होगा। चंबा में तीन और लाहौल-स्पीति में दस अगस्त से स्कूल खुलेंगे। लाहौल-स्पीति में बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण कई सड़कें तथा पुल टूट गए हैं। जिला प्रशासन ने लाहौल एवं उदयपुर मंडल में स्कूल व शैक्षणिक संस्थान नौ अगस्त तक बंद रखने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि सरकार ने स्कूलों को दो अगस्त से खोलने के आदेश दिए हैं, लेकिन घाटी की परिस्थितियों एवं मौसम को देखते हुए अभी स्कूलों को खोलना उचित नहीं है। घाटी में नौ अगस्त तक सभी स्कूल एवं शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। चंबा में मिंजर मेले के समापन पर दो अगस्त को स्थानीय अवकाश रहेगा। चंबा में तीन अगस्त को ही सरकारी और निजी स्कूल खुलेंगे। उधर, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि दो अगस्त से सभी नियमों का पालन करते हुए स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू होंगी। प्रार्थना सभा सहित अन्य एकत्र होने वाली गतिविधियां नहीं होंगी।
GNA University organized an International conference on business resilience and reinvention in the VUCA World (ICBRR-VUCA 2021) on its virtual platform, Blackboard which was also streamed Live on Facebook and YouTube. The Conference Ceremony started with the welcoming of the virtual gathering by the Master of Ceremony Dr. Disha Khanna, Dean- Faculty of Liberal Arts. Afterward, the general address and opening to the conference was made by honorable Pro-Chancellor S. Gurdeep Singh Sihra, and the conference proceedings were then released by the senior functionaries of the management. Dr. Monika Hanspal, Dean Academics delivered the welcome address and the The inaugural address was given by Vice-Chancellor Dr. V.K.Rattan to the learned gathering. S. Gurdeep Singh Sihra, the Pro-Chancellor expressed, “I am really honored to witness the appreciable number of participants in this international conference from across the globe.” The chief guest for the day was Dr. Neharika Vohra, Vice-Chancellor- Delhi Skill and Entrepreneurship University, New Delhi who delivered her views on the emerging trends in entrepreneurship and other managerial disciplines in the VUCA World. This was then followed by the welcoming of the keynote speaker Dr. Cleopatra Veloutsou, Professor, University of Glasgow, Scotland, the UK who delivered her views about the emerging trends in Brand Management. A Panel Discussion on the current trends in Business Resilience in the VUCA World was moderated by Dr. Manpreet Kaur, Assistant Professor, GNA Business School. The panelists of the discussion were Dr. Parag Kalkar, Dean-Faculty of Commerce and Management, Savitribai Phule Pune University, Pune, Dr. Jyoti Rana, Dean Academic Affairs- Shri Vishwakarma Skill University, Gurugram, Dr. P. Malyadri, Senior Fellow ICSSR, and research advisor in Commerce and Management, Center for Economic and Social Studies. A brief overview of the conference was given by Mr. Gaurav K Mangar, Assistant Professor, GNA Business School, GNA University in which he elaborated about the whole conference. 90 research papers were received for publication out of which 75 were accepted for publication and presentation. The conference was divided into four technical sessions namely Human Resources, Marketing, Finance, General Management, and Economics. This was then followed by the commencement of the technical session which was adjudicated by the revered session chairs. There were in total 8 technical sessions which witnessed around 100 paper presentations from research scholars and academicians from most of the prestigious academic institutions across the country and from the international arena also. After the end of technical sessions, a Keynote Address was delivered by Dr. Weng Marc Lim, Professor, and Head of School, Swinburne University of Technology, Sarawak, Malaysia in which he talked about his views on challenger marketing and the current trends pertaining to this particular field. Another Keynote Address was delivered by Dr. Justin Paul, Professor, University of Puerto Rico, San Juan, PR, the USA in which he elaborated about the current trends in marketing in the VUCA World. During the Valedictory Session, the Best Paper Awards were announced by Mr. Ramandeep Singh, Assistant Professor, GNA Business School which was then followed by a Vote of Thanks by Dr. R.K. Mahajan, Registrar, GNA University in which he thanked everyone for being a part of the conference and to Dr.Sameer Varma, Dean- GNA Business School and his entire team of GNA Business School for their hard work and for organizing this conference in such a well-organized manner. The grand event of the International Conference ended on a splendid note.
सीबीएसई के परिणाम में देरी के कारण हिमाचल प्रदेश विवि को प्रोफेशनल डिग्री कोर्स में नए सत्र में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख बार-बार बदलनी पड़ रही है। बीएएलएलबी कोर्स करवा रहे यूआईएलएस ने फिलहाल 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। यूआईटी संस्थान पहले ही पांचों बीटेक डिग्री कोर्सों में प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए आवेदन की तारीख तीन बार बदल चुका है। विवि के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को भी तिथि बढ़ानी पड़ी है। यूआईटी के पांचों बीटेक कोर्सों की 350 सीटों के लिए एक हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं। संस्थान 15 से 17 अगस्त के बीच प्रवेश परीक्षा करवाने की तैयारी कर चुका है। विवि के यूआईएलएस के बीएएलएलबी कोर्स की 120 सीटों के लिए 450 से अधिक आवेदन आए हैं। इस कोर्स में 12वीं के अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनेगी। संस्थान आवेदन की तारीख 31 जुलाई से 12 अगस्त तक बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। संस्थान के निदेशक प्रो. संजय ने कहा कि आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में अगस्त और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में नवंबर में एफए-3 की परीक्षाएं होंगी। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने पहली से आठवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों की परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है। शीतकालीन स्कूलों में वार्षिक परीक्षा दिसंबर के दूसरे सप्ताह और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मार्च के दूसरे हफ्ते में होगी। रचनात्मक मूल्यांकन (एफए) वन और टू का आयोजन मार्च से जून के बीच हो चुका है। अब अगस्त के तीसरे सप्ताह में शीतकालीन स्कूलों और नवंबर के तीसरे सप्ताह में ग्रीष्मकालीन स्कूलों में एफए थ्री की परीक्षाएं होंगी। एफए फोर का आयोजन शीतकालीन स्कूलों में अक्तूबर के तीसरे सप्ताह और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में जनवरी के पहले सप्ताह में होगा। गर्मियों के स्कूलों में सितंबर के तीसरे सप्ताह में यह परीक्षा होगी। एसए दो का आयोजन शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर के दूसरे सप्ताह और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मार्च के दूसरे सप्ताह में होगा। एफए और एसए की परीक्षाओं के अंकों को जोड़कर पहली, दूसरी, चौथी, छठी और सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों का वार्षिक परिणाम तैयार किया जाएगा। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए अंकों की बाध्यता नहीं रहेगी। उधर, तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इस वर्ष परीक्षा परिणाम के आधार पर ही अगली कक्षा में भेजा जाएगा। सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान को लागू करते हुए इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की इस वर्ष से परीक्षाएं लेने का फैसला लिया है। इस फैसले के चलते ही दो अगस्त से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूलों में शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए बुलाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) की परीक्षा अब 26 सितंबर को होगी। राज्य लोक सेवा आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। इससे पहले एचएएस परीक्षा 12 सितंबर को होनी थी लेकिन नीट के चलते परीक्षा की तिथि में बदलाव किया गया। राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव डीके रत्न ने बताया कि एचएएस परीक्षा अब 26 सितंबर को होगी। बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, धर्मशाला, पालमपुर, मंडी, शिमला, नाहन, सोलन, ऊना, हमीरपुर और सुंदरनगर में परीक्षा आयोजित की जाएगी। एचएएस की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2020 के लिए करीब 35 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। आयोग की ओर से हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा, पुलिस प्रशासनिक सेवा सहित 18 पदों को भरा जाएगा। राज्य प्रशासनिक सेवा के 8 पद कार्मिक विभाग में भरे जाएंगे। खाद्य आपूर्ति विभाग में जिला नियंत्रक का एक पद, गृह विभाग में प्रदेश पुलिस सेवा के 4 पद, ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी के दो पद, राजस्व विभाग में तहसीलदार का एक पद और सहकारिता विभाग में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के 2 पद भरे जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश विवि के यूआईटी संस्थान ने बी टेक कोर्स में सत्र 2021-22 में प्रवेश बीटेक आईटी, सीएसई, बी टेक ईई, ईसीई और सीई कोर्स में प्रवेश लेने के लिए आनलाइन आवेदन की तिथि को तीसरी बार फिर से बढ़ा दिया है । पहले आवेदन को 25 जुलाई अंतिम तिथि तय की गई थी, अब इसे बढ़ाकर पांच अगस्त कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में करीब चार महीने बाद आज से कोचिंग, ट्यूशन और प्रशिक्षण संस्थान खुलेंगे। कॉलेजों में 16 अगस्त से नया सत्र शुरू करने और 26 जुलाई से कॉलेजों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दाखिले शुरू होंगे। कोचिंग, ट्यूशन और प्रशिक्षण संस्थानों में भी विद्यार्थी आ सकेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं को देखते हुए यह कदम उठाया है। दो अगस्त से दसवीं से 12वीं कक्षा तक कक्षाएं शुरू होंगी। सरकार के निर्देशों पर इन सभी संस्थानों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। आवासीय और आंशिक आवासीय स्कूलों को खोलने की भी मंजूरी दी। यह फैसला सरकारी के साथ निजी स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थानों पर भी लागू होगा। फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद शिक्षकों-विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। संस्थानों का समय-समय पर सैनिटाइज करना जरूरी होगा।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन हुई कैबिनेट की बैठक में दसवीं से बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल खोलने का फैसला लिया गया था। प्रदेश में दो अगस्त से खुलने जा रहे स्कूलों में 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को एक-एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा। एक कक्षा में अधिक विद्यार्थियों के होने पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विद्यार्थियों को अलग-अलग कमरों में बिठाकर कक्षाएं लगाई जाएंगी। फेस मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूल परिसरों में प्रवेश दिया जाएगा। मानसून की छुट्टियां समाप्त होते ही 26 जुलाई से ग्रीष्मकालीन स्कूलों में शिक्षकों को अनिवार्य तौर पर आना होगा। शीतकालीन स्कूलों में 22 जुलाई से 27 जुलाई तक बरसात की छुट्टियां रहेंगी। इन स्कूलों में 28 जुलाई से शिक्षक स्कूलों में आएंगे। प्रदेश में दो अगस्त से शुरू होने वाले स्कूलों में लागू की जाने वाली एसओपी को एक-दो दिन के भीतर शिक्षा विभाग जारी करेगा। वंही दो अगस्त से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थी परामर्श लेने के लिए स्कूलों में आ सकेंगे। हालांकि इनकी हाजिरी नहीं लगेगी। इन कक्षाओं की ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इन दोनों कक्षाओं की इस शैक्षणिक सत्र से परीक्षाएं ली जानी हैं। आरटीई नियम के तहत अभी तक इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थी अगली कक्षाओं में प्रमोट किए जाते रहे हैं। अब इन्हें परीक्षा के आधार पर ही अगली कक्षा में भेजा जाएगा। ऐसे में सरकार ने इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया है। तीसरी कक्षा की भी इस वर्ष से परीक्षाएं होनी है। फिलहाल सरकार ने तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों को अभी नहीं बुलाने का फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की परीक्षा 12 सितंबर को नहीं होगी। नीट के चलते राज्य लोकसेवा आयोग एचएएस की परीक्षा की तिथि को बदलने की तैयारी में है। बीते दिनों आयोग ने 12 सितंबर को परीक्षा लिए जाने की संभावित तारीख का एलान किया था। उधर, एचएएस की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2020 के लिए करीब 35 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। 18 विभिन्न श्रेणियों के प्रशासनिक पदों के लिए लिखित परीक्षा ली जानी है। जल्द ही परीक्षा की तारीख की घोषणा की जाएगी। राज्य लोकसेवा आयोग की ओर से हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा, पुलिस प्रशासनिक सेवा सहित 18 पदों को भरा जाएगा। राज्य प्रशासनिक सेवा के 8 पद कार्मिक विभाग में भरे जाएंगे। खाद्य आपूर्ति विभाग में जिला नियंत्रक का एक पद, गृह विभाग में प्रदेश पुलिस सेवा के 4 पद, ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी के दो पद, राजस्व विभाग में तहसीलदार का एक पद और सहकारिता विभाग में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के 2 पद भरे जाएंगे। 21 वर्ष से अधिक आयु के युवा और 35 वर्ष से कम आयु वाले परीक्षा में भाग लेने के लिए पात्र होंगे।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने शैक्षणिक सत्र जुलाई 2021 से नए प्रोग्राम/ कोर्स शुरू किए हैं। इनमें ज्योतिष, उर्दू, लोक साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन, इन्फार्मेशन सिक्योरिअी एवं इंटरप्रिन्यूरशिप विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री शामिल हैं। नए कार्यक्रमों के साथ इग्नू के विभिन्न मास्टर, बैचलर डिग्री, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा तथा सर्टिफिकेट कार्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह ऑनलाइन होगी। इसके लिए लिंक इग्नू की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इग्नू से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक अभ्यर्थी 31 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। शैक्षणिक सत्र जुलाई 2021 के लिए बैचलर, मास्टर डिग्री वार्षिक पद्धति के अंतर्गत द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा सेमेस्टर पद्धति कार्यक्रमों के अंतर्गत अगले सेमेस्टर में पुन: पंजीकरण की प्रक्रिया भी चल रही है। पात्र विद्यार्थी इग्नू की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक से ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी इग्नू अध्ययन केंद्र या इग्नू क्षेत्रीय केंद्र खलीणी, शिमला के दूरभाष 0177-2624612 पर संपर्क किया जा सकता है।
कोरोना संक्रमण के चलते हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर इस बार सामान्य प्रवेश परीक्षा नहीं करवाएगा। जेईई और 12वीं कक्षा के क्वालीफाइंग अंकों की मेरिट के आधार पर ही संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में दाखिले होंगे। इससे पूर्व विवि में दाखिले के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर होते रहे हैं। पिछले सवा साल से प्रदेश में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए विवि प्रशासन ने छात्र हित में प्रवेश परीक्षा का निर्णय टाल दिया है। तकनीकी विवि की वेबसाइट पर ऑनलाइन फार्म भरने के बारे में जानकारी दी गई है। डारेक्ट एंट्री वाले विद्यार्थियों का दाखिला प्रवेश/पात्रता परीक्षा की मेरिट सूची के आधार पर होगा, जबकि लेटरल एंट्री वाले विद्यार्थियों का दाखिला डिप्लोमा की मेरिट/पात्रता परीक्षा की मेरिट के आधार होगा। प्रो. चंदेल ने कहा कि कोविड-19 के चलते इस बार सामान्य प्रवेश परीक्षा का फिलहाल आयोजन नहीं होगा। जेईई और बारहवीं कक्षा की मेरिट के आधार पर ही बीटेक, फार्मेसी, एमबीए व एमसीए में दाखिले होंगे। विवि ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी है। पात्र विद्यार्थी 20 जुलाई तक ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं। अभी विवि ने ऑनलाइन फार्म भरने का ही शेड्यूल जारी किया है। काउंसलिंग का शेड्यूल बाद में जारी किया जाएगा। विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. कुलभूषण चंदेल ने कहा कि बीटेक लेटरल और डायरेक्ट एंट्री, बी-फार्मेसी एलोपैथी लेटरल और डायरेक्ट एंट्री, बी-फार्मेसी (आयुर्वेद), बी-आर्किटेक्चर, बीबीए, बीसीए, बीएससी (एचएमसीटी/बीएचएमसीटी), एमबीए, एमबीए (टीएंडएचएम), एमसीए, एमटेक, एम फार्मेसी, एमएससी (भौतिक विज्ञान), एमएससी (पर्यावरण विज्ञान) पीजी डिप्लोमा इन योग (दोनों सत्र) विषयों में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थी ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने बीए, बीएससी व बीकॉम के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फार्मूला तैयार करने पर कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए गठित विशेष कमेटी की जल्द बैठक होगी। प्रदेश में करीब 96 हजार विद्यार्थियों को प्रमोट और उनका परिणाम तैयार करने के लिए बनाए जा रहे फार्मूला के आधार पर ही अंक दिए जाने हैं। इसमें कॉलेजों से मिली इंटरनल असेसमेंट अहम होगी। विवि दोनों कक्षाओं की परीक्षाओं की तैयारी कर चुका था, सभी विद्यार्थियों को कॉलेजों से इंटरनल असेसमेंट आने पर ऑनलाइन रोलनंबर जनरेट हुए थे। इसलिए असेसमेंट के अंक उपलब्ध होने पर विवि परिणाम कम समय में तैयार कर घोषित कर सकेगा।। पिछले साल भी स्नातक डिग्री कोर्स की दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं नहीं हुई हैं। इसलिए द्वितीय वर्ष से तृतीय वर्ष के लिए प्रमोट होने वाले विद्यार्थियों के परिणाम तैयार करने के फार्मूले में आंशिक बदलाव होगा। 2020 के सत्र में भी विद्यार्थी प्रमोट किए गए थे। उस समय द्वितीय वर्ष के छात्रों के प्रथम वर्ष की परीक्षा का परिणाम विवि के पास था। परीक्षा के हर विषय में 50 अंक और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर परिणाम तैयार किया गया था। इस बार इसमें कुछ बदलाव होगा।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने आठ मापदंडों के आधार पर 12वीं कक्षा का वार्षिक परीक्षा परिणाम जारी किया है। परीक्षा परिणाम 92.77 फीसदी रहा है। कुल्लू के पुष्पेंद्र ने 500 में से 500 अंक प्राप्त किए हैं। शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक दसवीं कक्षा की तरह 12वीं कक्षा की मेरिट लिस्ट भी बाद में जारी की जाएगी। प्रदेश के 3679 बच्चों ने 90 से 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं। प्रदेश में कुल 1,00,799 बच्चों ने 12वीं की परीक्षा दी थी। 93,438 विद्यार्थी पास हुए हैं जबकि 702 की कंपार्टमेंट आई हैं। 2019 में 62.1 फीसदी तथा 2020 में 76.07 फीसदी परिणाम रहा था। इस बार 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम 92.77 रहा है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बीते कई वर्षों से सेवाएं दे रहे 2555 एसएमसी शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने को सरकार जल्द नीति बनाएगी। ये शिक्षक प्रदेश के उन दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं, जहां जाने से नियमित शिक्षक कतराते रहे हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने उच्च शिक्षा निदेशालय में हुई राज्य शिक्षक महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षकों के मामले पर मुख्यमंत्री गंभीर है। जल्द इनके लिए नीति बनेगी। शिक्षकों को 4-9-14 के वित्तीय लाभ देने के लिए विशेष कमेटी बनाने का आश्वासन दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि महासंघ के साथ 30 बिंदुओं पर चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि जो मांगें पूरी की जा सकेंगी, उन पर जल्द काम होगा। कई मामले हल करने के लिए छह कमेटियां बनाने का फैसला लिया गया। एक सप्ताह में ये कमेटियां रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगी।
चंडीगढ़ प्रशासन ने कहा कि जिल में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल अभिभावकों की सहमति से 19 जुलाई से शुरू हो जाएंगे। ऑनलाइन क्लासेज जारी रहेंगे। इसके साथ ही सशर्त कोचिंग संस्थानों भी 19 जुलाई से खोले जा सकेंगे। इसके लिए सभी पात्र छात्र और स्टाफ कोरोना की कम से कम एक डोज लगवा चुके हों। इतना हीं नहीं, सिनेमा हॉल और स्पा पचास फीसदी की क्षमता के साथ खोले जा सकेंगे। चंडीगढ़ के अलावा देश के कई हिस्सों में स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया प्रावधान लागू करने का काम शुरू कर दिया है। नए प्रवधान लागू होते ही तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों पर अधिक फोकस किया जाएगा। अब इन कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को अंकों के आधार पर ही अगली कक्षाओं में भेजा जाएगा। कम अंक लाने पर विद्यार्थी फेल भी होंगे। विद्यार्थियों को फेल होने से बचाने और अधिक अंक लाने के लिए अब इन कक्षाओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का तरीका बदला जाएगा। जल्द विस्तृत योजना बनाकर सरकार को इससे अवगत करवाया जाएगा। बीते दिनों हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की भी परीक्षाएं लेने का फैसला लिया गया है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने का जिम्मा स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपा गया है। उत्तर पुस्तिकाओं की जांच तीसरी कक्षा के लिए क्लस्टर, पांचवीं के लिए ब्लॉक और आठवीं कक्षा के लिए जिला स्तर पर की जाएगी। अभी तक पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बिना परीक्षा परिणाम के आधार पर अगली कक्षाओं में दाखिला दिया जाता रहा है। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में इन तीन कक्षाओं की परीक्षाएं लेने का भी प्रावधान किया है। इसे सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में पढ़ने के लिए अब एक हजार रुपये से अधिक कीमत की पुस्तकें नहीं रखी जाएंगी। वर्तमान में जारी पुस्तक खरीद प्रक्रिया पर लगे आरोपों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने महंगी पुस्तकें न खरीदने का फैसला लिया है। इस वर्ष खरीदी जाने वाली पुस्तकों की खरीद प्रक्रिया की इन दिनों जांच जारी है। चयनित कंपनियों के आवश्यक दस्तावेजों की जांच अगले सप्ताह तक पूरी होने के आसार हैं। सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए हर वर्ष समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से पुस्तकों की खरीद की जाती है। वर्ष 2018-19 में शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी की 8 से 385 रुपये तक और निजी प्रकाशकों की 1800 रुपये तक की पुस्तकें खरीदी हैं। एक प्रकाशक से 1800 रुपये का किताबों का सेट प्रदेश भर के प्राइमरी, मिडल और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के पुस्तकालयों के लिए खरीदा गया। इसके अलावा वर्ष 2018-19 में एक नेता, सेवानिवृत्त अफसरों सहित कुछ विशेष प्रकाशकों की कई महंगी पुस्तकें भी खरीदी गई हैं। अब इन विवादों से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने एक हजार रुपये से महंगी किताबें नहीं खरीदने का फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में 29 जून से कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन अभियान शुरू किया जाएगा। इसी दिन से कॉलेजों में शिक्षकों को भी बुलाना शुरू कर दिया जाएगा। शिक्षकों की देखरेख में कॉलेजों में सैनिटाइजेशन करवाया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने जुलाई से शुरू होने जा रही है फाइनल ईयर की परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में 28 और 29 जून को फाइनल ईयर के विद्यार्थियों सहित 18 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों को वैक्सीन लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने पहली से 12वीं कक्षा में दाखिले लेने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। कई स्कूलों से दाखिलों की तारीख बढ़ाने की मांग आने के बाद शिक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को इस बाबत लिखित निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें कि प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों में शनिवार से बरसात की छुट्टियां शुरू होंगी। राज्य मंत्रिमंडल की बीते दिनों हुई बैठक में ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 26 जून से 25 जुलाई तक अवकाश देने का फैसला लिया गया है। अवकाश के दौरान भी विद्यार्थी पढ़ाई को जारी रखने के लिए व्हाट्सएप के माध्यम से रोजाना विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री भेजी जाएगी। छुट्टियों के दौरान विद्यार्थियों का पढ़ाई से संपर्क बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। उधर, शीतकालीन जिलों में 1 जुलाई से शिक्षकों का स्कूलों में आना अनिवार्य कर दिया गया है। इन जिलों के स्कूलों में एक जुलाई के बाद शिक्षक स्कूलों में आकर ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखेंगे।
निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने को लेकर बीते एक वर्ष से प्रदेश भर से मांग उठ रही है। शिक्षा विभाग की ओर से बनाए गए विधेयक में मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर दो से पांच लाख रुपये का जुर्माना करने का प्रावधान किया गया है। इसमें आम जनता ने बढ़ोतरी कर जुर्माना राशि को दस लाख रुपये की वकालत की है। सजा का प्रावधान भी दस साल करने के सुझाव दिए गए हैं। सरकार की ओर से तय की गई फीस में हर वर्ष छह फीसदी वृद्धि का भी जनता ने विरोध करते हुए इसे दो से तीन फीसदी करने को कहा है। वंही निजी स्कूलों की ओर से चयनित दुकानों से ही किताबों व वर्दी खरीद की व्यवस्था पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। तीस जून तक फीस नियंत्रित करने को बनाए विधेयक को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजे जा सकते हैं। बता दें कि सरकार के निर्देशानुसार उच्च शिक्षा निदेशालय ने आम जनता से विधेयक को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवाने को कहा है। इच्छुक लोग उच्च शिक्षा निदेशालय या जिला उपनिदेशक कार्यालयों में लिखित में या निदेशालय की वेबसाइट पर ऑॅनलाइन सुझाव दे सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों में छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल भेजा जाएगा। व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से शिक्षकों को रोजाना अपने ग्रुपों में इसे अपलोड करना होगा। बच्चों को व्यस्त करने के लिए प्रोजेक्ट और असाइंनमेंट कार्य भी अलग से दिया जाएगा। छुट्टियों के बाद शिक्षकों को इस कार्य की जांच करनी होगी। शीतकालीन स्कूलों में पहले की तरह ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। हर घर पाठशाला कार्यक्रम भी चलता रहेगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए स्टेट रिसोर्स ग्रुप की ओर से रोजाना डिजिटल शिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है। सभी शिक्षकों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से यह सामग्री भेजी जाती है। ऐसे में ग्रीष्मकालीन स्कूलों सहित कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला के स्कूलों में छुट्टियों के दौरान भी इस शिक्षण सामग्री को भेजने का कार्य जारी रहेगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं क्लास के रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड परीक्षा और प्रैक्टिकल में आए नंबरों के आधार पर तैयार किया जा रहा है। वहीं जो छात्र रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें वैकल्पिक एग्जाम देने का मौका दिया जाएगा। सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि 15 अगस्त से लेकर 15 सितंबर के बीच 12वीं की लिखित परीक्षा आयोजित कराई जा सकती हैं। हालांकि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह उपयुक्त स्थिति पर निर्भर करेगा। सीबीएसई और सीआईसीएसई बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाल ही में बने क्राइटेरिया के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जा रहा है और 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा के नतीजे 31 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे। सीबीएसई ने कहा कि नतीजों की घोषणा के बाद, यदि कोई छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होगा, तब बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने को लेकर ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराएगा। बोर्ड ने कहा, 'ऐसे छात्रों के लिए परीक्षाएं 15 अगस्त 2021 से 15 सितंबर के बीच कभी भी आयोजित की जा सकती हैं, जो उपयुक्त माहौल पर निर्भर करेगा। '
State government has decided to open all the libraries in Himachal Pradesh to the general public with 50% seating capacity from June 21. In this regard, the State Directorate of Higher Education has issued instructions on Saturday. According to the Directorate of Education, it has been decided to open the library in view of the continuous demand of students preparing for various competitive examinations. Compliance of covid rules will be ensured in the libraries. For this it will be necessary to make sanitization of libraries, seating arrangement with distance of two yards. Also, it will be mandatory for all the readers and staff to wear masks and sanitize their hands before entering the library premises. In this regard, the Director of Higher Education Dr. Amarjeet Kumar Sharma has issued instructions.
हिमाचल प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने के लिए सीबीएसई द्वारा दिए गए फॉर्मूले में बदलाव करेगी। हिमाचल में सिर्फ 10वीं, 11वीं और 12वीं के अंकों के आधार पर ही रिजल्ट तैयार नहीं होगा। इसमें अप्रैल में हुई 12वीं कक्षा की एक विषय की परीक्षा के अंक भी शामिल होंगे। प्री बोर्ड परीक्षा और प्रथम-द्वितीय टर्म में प्राप्त अंकों पर भी विचार किया जाएगा। सरकार ने राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से अंक निर्धारण को लेकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। शिक्षा विभाग छात्रों के हित में नया फॉर्मूला बनाएगा और फिर कैबिनेट से मंजूरी लेगा। सीबीएसई ने गुरुवार को बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए बनाए गए फॉर्मूले की जानकारी दी है। राज्य का शिक्षा विभाग इस फॉर्मूले से पूरी तरह सहमत नहीं है। कक्षा 12वीं के परिणाम में 11वीं के तीस प्रतिशत अंक शामिल करने पर शिक्षकों व अभिभावकों ने आपत्ति जताई है। शिक्षकों का तर्क है कि बारहवीं कक्षा में विद्यार्थी अधिक मेहनत करे, इसके लिए ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में विद्यार्थियों की पेपर चैकिंग में बहुत अधिक सख्ती बरती जाती है। ऐसे में 11वीं में कई विद्यार्थियों के अंक कम हो सकते हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्री बोर्ड की परीक्षाएं भी करवाई गई हैं। सीबीएसई ने प्री बोर्ड परीक्षाएं नहीं ली हैं। ऐसे में इस परीक्षा के अंक भी वार्षिक परिणाम में शामिल करना आवश्यक है। हिमाचल में फर्स्ट और सेकेंड टर्म की परीक्षाएं भी हुई हैं। अप्रैल में 12वीं कक्षा का एक पेपर भी हो चुका है। ऐसे में सीबीएसई के फार्मूले पर विचार करते समय प्रदेश की परिस्थितियों को भी ध्यान में रखा जाएगा। आने वाले दिनों में स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से दिए जाने वाले प्रस्ताव में इन सब बिंदुओं को शामिल किया जाएगा।
In order to prepare the result of class 12th, the Himachal Pradesh government will change the formula provided by CBSE. In Himachal the result will not be prepared on the basis of 10th, 11th and 12th class marks only. The marks of one subject examination of class 12th held in April will also be included in this. Marks obtained in pre board exams and first-second term will also be considered. The government has asked the state school education board to prepare a proposal regarding the fixation of marks. The Education Department will make a new formula in the interest of students and then get an approval from the cabinet. CBSE has given information about the formula made for passing students of class XII on Thursday. The education department of the state does not completely agree with this formula. Teachers and parents have objection to the inclusion of thirty percent marks of class 11th in the result of class 12th.
प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू में ढील के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया ने रफ़्तार रफ्तार पकड़ ली है। 14 जून को 50 फीसदी स्टाफ बुलाने और बाहरी राज्यों से बिना निगेटिव रिपोर्ट प्रदेश में आने का फैसला आने के बाद विवि ने 15 जून से फिजिक्स विभाग के साक्षात्कार शुरू करवा दिए। 15 और 16 जून को साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर 16 को ही चार शिक्षकों के लिफाफे भी खोल दिए गए। विवि 25 जून तक साक्षात्कार का शेड्यूल तय कर भर्ती प्रक्रिया को जल्द निपटाने की कोशिश में है। भर्ती की इस प्रक्रिया में छंटनी व अन्य कार्य के लिए शिक्षक गैर शिक्षक बुलाए जा रहे हैं। तय साक्षात्कार के शेड्यूल के मुताबिक वीरवार, शुक्रवार और शनिवार को कॉमर्स विभाग के शिक्षकों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया चलेगी। इनके लिफाफे भी 19 जून को ही खोलने की तैयारी है। यही नहीं, 20 और 21 जून को अर्थशास्त्र विभाग के शिक्षकों के साक्षात्कार रखे गए हैं। 22 और 23 जून को इतिहास विभाग, 24 और 25 जून को बायो साइंस विभाग के साक्षात्कार करवाए जाने हैं। शिक्षकों के पदों की भर्ती को रहे इन साक्षात्कारों में प्रदेश और प्रदेश के बाहर के उम्मीदवार भी भाग लेने पहुंच रहे हैं। हालंकि, सरकार ने अभी स्कूलों और कॉलेजों को खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा में बदलाव के लिए केंद्र सरकार से 750 करोड़ का बजट मिल सकता है। बीते दिनों हुई पीएबी की ऑनलाइन बैठक में शिक्षा विभाग ने केंद्र को 1600 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव दिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष करीब 750 करोड़ का बजट मिलने की उम्मीद है। 20 जून के बाद प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की सिफारिश पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय प्रदेश के लिए राशि स्वीकृत करेगा। विद्यार्थियों के कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाने के लिए लैब बनाने को बजट मांगा गया है। शिक्षा विभाग ने इस बार एक नई पहल करते हुए वोकेशनल हब एंड स्कोप लैब बनाने की पेशकश भी केंद्र सरकार के समक्ष रखी है। इसके तहत बड़े स्तर पर कुछ जगहों में लैब का निर्माण किया जाएगा। आसपास के स्कूलों के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो-दो दिन यहां बुलाया जाएगा। इसके लिए ट्रांसपोर्ट खर्च भी विभाग ही वहन करेगा। यहां विद्यार्थियों के कौशल को निखारने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। हर घर पाठशाला कार्यक्रम को और अधिक विस्तार देने के लिए भी बजट मांगा गया है। वोकेशनल शिक्षा, प्री प्राइमरी शिक्षा, आईसीटी लैब, रोबोटिक शिक्षा और कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाने पर इस वर्ष बजट को खर्च किया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक आईसीटी (कंप्यूटर) लैब का दायरा बढ़ाया जाना अब बहुत जरूरी हो गया है। केंद्र से सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लैब बनाने की मांग की गई है। प्रदेश में अभी 3840 प्री प्राइमरी स्कूल चल रहे हैं। इनकी संख्या और 950 बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया।
हिमाचल प्रदेश में अब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण के मामले कम होने लगे है। इसी के चलते राज्य लोक सेवा आयोग ने विभिन्न पदों की भर्तियां का शेड्यूल जारी कर दिया है। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) 2020 की प्रारंभिक परीक्षा 12 सितंबर को होगी। गौरतलब है कि आयोग ने बीते दिनों ही 22 जून तक एचएएस की परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन की तारीख बढ़ाई है। जल्द ही आयोग की वेबसाइट पर अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षाओं से संबंधित ई एडमिट कार्ड अपलोड कर दिए जाएंगे। एसएमएस और ईमेल से इसकी सूचना भी अभ्यर्थियों को दी जाएगी। वंही, हिमाचल प्रदेश वन सेवा के तहत असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट की मुख्य लिखित परीक्षा 19 से 23 जुलाई तक होगी। 25 जुलाई को रेंज फॉरेस्ट अफसर की प्रारंभिक परीक्षा 2021 होगी। रिसर्च अफसर की परीक्षा 1 अगस्त को होगी। असिस्टेंट रिसर्च अफसर की परीक्षा 8 अगस्त को होगी। लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता सिविल के पद भरने के लिए परीक्षा 26 सितंबर को होगी।
हिमाचल प्रदेश में अब शिक्षक बनने के लिए सभी श्रेणियों को अब टेट पास करना अनिवार्य है। अभी जेबीटी और टीजीटी के लिए ही शिक्षक पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी है। प्रवक्ता, डीपीई सहित कई अन्य श्रेणियों को भी टेट के दायरे में लाने की सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में नई व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट बैठक में टेट को सात वर्ष की जगह उम्र भर मान्य करने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले को भी लागू करने का प्रस्ताव रखा जाना है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी बदलाव के लिए सरकार के स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। नए प्रस्ताव के तहत टेट की दो परीक्षाएं लेने की तैयारी है। पहली परीक्षा प्रदेश से संबंधित जानकारियों, सामान्य ज्ञान और बीएड की पढ़ाई पर आधारित होगी। दूसरी परीक्षा सिलेबस से संबंधित होगी। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर में की गई विषय वार पढ़ाई को शामिल किया जाएगा। प्रदेश में शिक्षा पात्रता परीक्षा का जिम्मा अभी राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपा है। नए प्रस्ताव में परीक्षा लेने वाली एजेंसी को लेकर भी विचार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी।
हिमाचल सरकार ने कॉलेजों में वार्षिक परीक्षाओं को करवाने के लिए हरी झंडी दिखा दी है। इसी बाबत प्रदेश में 20 जून के बाद कॉलेजों को सैनीटाईज़ करने का अभियान चलाया गया है। 1 जुलाई से कॉलेजों में प्रस्तावित परीक्षाओं को देखते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय ने यह फैसला लिया है। 25 जून से शिक्षकों को भी कॉलेजों में बुलाया जाएगा। कॉलेज परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए एक-दो दिन के भीतर कॉलेज प्रिंसिपलों के साथ उच्च शिक्षा निदेशक बैठक भी करेंगे। बीते काफी समय से बंद पड़े कॉलेजों में जुलाई से परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में कॉलेज परिसरों को परीक्षाओं से पहले सैनिटाइज करवाया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही इस संदर्भ में कॉलेज प्रिंसिपलों को लिखित निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। परीक्षाओं से पहले कॉलेजों में सिटिंग प्लान बनाने को लेकर शिक्षकों को भी 25 जून तक बुला लिया जाएगा। विश्वविद्यालय के स्टाफ के साथ सिटिंग प्लान तैयार किए जाएंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आज हाई कोर्ट में 12वीं कक्षा के नतीजे का फॉर्मूला पेश किया। फॉर्मूले के मुताबिक 12वीं का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में मिले नंबरों के आधार पर तय होगा। सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 11वीं के तीन मुख्य विषयों के आधार पर 30-30 फीसदी अंक दिए जाएंगे। वंही, फॉर्मूले से याचिकाकर्ता और जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने संतुष्टि जता दी है। सीबीएसई ने बताया है कि बारहवीं में यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में मिले नंबरों को भी ध्यान में रखा जाएगा। सीबीएसई ने कहा है कि रिजल्ट के लिए जो फॉर्मूला बनाया गया है, उसके आधार पर 31 जुलाई तक रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा और जो बच्चे रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे, उनको स्थिति समान्य होने पर परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। गौरतलब है कि बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने बताया था कि कोरोना के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है। सीबीएसई और आईसीएसई ने अंक देने के ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया तय करने के लिए समय मांगा था। आज सीबीएसई ने अपना फॉर्मूला पेश कर दिया है। इसके बाद अब आईसीएसई बोर्ड की बारी है।
हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमर्ज़ी द्वारा फीस बढ़ोतरी संबंधी शिकायतों को सुलझने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश स्तर पर एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। निजी स्कूल फीस नियंत्रण को लेकर बनाए गए विधेयक में इसका प्रावधान किया गया है। 20 जून तक आम जनता से इस बाबत सुझाव भी मांगे गए हैं। जिला उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटियों की कार्यवाही से असंतुष्ट लोग इस प्राधिकरण के अध्यक्ष उच्च शिक्षा निदेशक को शिकायत कर सकेंगे। प्राधिकरण का उच्च शिक्षा निदेशक को अध्यक्ष बनाया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक इसके सदस्य होंगे। संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया जाएगा। अध्यक्ष की ओर से तीन-तीन वर्ष के लिए तीन लोगों को बतौर सदस्य इसमें मनोनीत किया जाएगा। जो भी निजी स्कूल अभिभावकों से अधिक फीस वसूल रहे है, उन पर यह कमेटी शिकंजा कसेगी। विधेयक द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि निजी स्कूल फीस में हर साल छह फीसदी की वृद्धि ही कर सकेंगे। जो भी स्कूल सरकार द्वारा बनाए गए इन नियमों का पालन नहीं करेंग, उन्हें 2 से 5 लाख तक के जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। गौरतलब है कि निजी स्कूलों में दी जा रहीं सेवाओं और मूलभूत सुविधाओं के आधार पर फीस को तय किया जाएगा। शिक्षकों को दिए जा रहे वेतन को भी ध्यान में रखते हुए फीस तय की जाएगी। स्कूल वर्दी और किताबों को लेकर भी दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे। निजी स्कूल अपनी मर्जी से दुकानों को चिह्नित कर अभिभावकों को वहीं से खरीद करने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।
जून में हर वर्ष कॉलेजों में अवकाश रहता है। ऐसे में इस वर्ष भी परीक्षाएं शुरू करने से पहले निदेशालय ने इस संदर्भ में कवायद शुरू की है। वार्षिक परीक्षाओं से पहले कॉलेज शिक्षकों को छुट्टियां देने की तैयारी शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाने का काम शुरू कर दिया है। सरकार से मंजूरी मिलने पर इस बाबत अंतिम फैसला होगा। वंही, प्रदेश के स्कूलों में छुट्टियां देने को लेकर जुलाई में विचार होगा। जुलाई अंत से 15 अगस्त तक स्कूलों में बरसात की छुट्टियां होती हैं। शिक्षकों के अवकाश को एडजस्ट करने के लिए निदेशालय ने छुट्टियां देने को लेकर विचार करना शुरू किया है। उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि हर घर पाठशाला कार्यक्रम अभी जारी है। कुछ दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद ही रहने के आसार हैं। ऐसे में शिक्षकों के ड्यू वेकेशन को एडजस्ट करने के लिए विचार किया जा रहा है। कॉलेजों में जून में कुछ दिन के लिए अवकाश दिया जा सकता है। जुलाई से कॉलेजों की परीक्षाएं शुरू होनी हैं।
हिमाचल प्रदेश में डिग्री कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं को लेकर आज कैबिनेट की बइठल में फैसला होगा। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कॉलेज के प्रिंसिपल, शिक्षकों, विवि प्रबंधन, छात्रों और अभिभावकों के साथ वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉलेज में होने वाली परीक्षाओं को लेकर चर्चा की थी। इस दौरान अधिकांश लोगों ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने पर सहमति दर्ज की थी। इसी बाबत 25 जून के बाद फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की संभावना बढ़ गई है। उधर, फर्स्ट ईयर में दाखिलों के लिए बारहवीं के विद्यार्थियों को अभी इंतजार करना होगा। सीबीएसई की ओर से अंक निर्धारण का फार्मूला अभी तैयार नहीं किया गया है। सीबीएसई का फार्मूला तय होने के बाद प्रदेश सरकार उसमें कुछ संशोधन कर अपना नया फार्मूला तय करेगी। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद ही दाखिलों की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रदेश में 25 जून के बाद हो सकती है कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षा, कैबिनेट की बैठक में होगा फैसला
हिमाचल प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में 25 जून के बाद फाइनल ईयर की परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव भेज दिया है। 11 जून को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। कॉलेजों के अधिकांश शिक्षकों, बच्चों के अभिभावकों और विश्वविद्यालय प्रबंधन ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की मांग की है। मंगलवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों, प्रिंसिपलों और विवि प्रबंधन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान अधिकांश ने फाइनल ईयर की परीक्षाएं करवाने की पैरवी की। इसको लेकर बुधवार को शिक्षा विभाग ने सरकार को 25 जून के बाद परीक्षाएं करवाने के लिए मंजूरी देने को प्रस्ताव भेजा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि हम परीक्षाएं करवाने के लिए तैयार हैं। उधर, शिक्षा मंत्री ने बताया कि 11 जून की कैबिनेट बैठक में इस बाबत प्रस्ताव लेकर जाएंगे। सरकार की मंजूरी के बाद अंतिम फैसला लेंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए व्यावहारिक/आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलोड करने की अंतिम तिथि 28 जून तक बढ़ा दी है। जिन स्कूलों का व्यावहारिक/आंतरिक मूल्यांकन लंबित है उनको केवल ऑनलाइन मोड में संचालित करने की अनुमति है। इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्विट के जरिए दी है। इससे पहले सीबीएसई बोर्ड के सचिव ने कहा था कि दो हफ्ते के भीतर बारहवीं कक्षा के रिजल्ट के मूल्यांकन मानदंड को घोषित कर दिया जाएगा। बता दें कि 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई बोर्ड की बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया था।
GNA University organised two days Faculty Development Program on “Aerospace Engineering Application & Beyond”. The faculties from different universities, researchers, and other participants from industry all over the globe participated in this FDP. The 2 days FDP was supported by eminent experts. The Day-1, started with Er. Neha Pannu, Research fellow, SEMICONDUCTOR Lab., ISRO, Mohali. She discussed about the Basics of VLSI, SCL Lab-Insights and Facilities, Importance of electronics in aerospace engineering, Avionics, Electronic devices used in Space, Electronics in Aerospace System Satellites, Memory Devices with its applications in Space, Radiation Hardening, Selecting components for aerospace and Future Scope.The second expert Er. Kavita Mitkari, a Research Associate, Space Applications Center, ISRO covered uber cool topic “Remote Sensing and applications, Geographic information system, digital image processing and Cryosphere. She shared a very valuable knowledge with the participants. The second day commenced with new hope, enthusiasm among the participants to learn something new from the great experts, Dr. Subash Chander, Scientist F, Joint Director, TBRL, DRDO, Chandigarh & Dr. T K Jindal, Professor & Head of the Aerospace Engineering Department, Punjab Engineering College, Chandigarh integrated with Dr. Bharat Ankur Dogra & Mr. Shivam, who worked on Pulse Detonation Technology. The lecture was delivered on the very hot topic “Introduction to Pulse Detonation Propulsion”. They discussed about the Deflagration to Detonation, advantages and disadvantages of DDT, factors affecting the DDT Processes, CJ conditions, PDE with its applications. And the session ended with the last expert, Dr. Harish Kumar Banga, Assistant Professor, Department of Mechanical Engineering, GNDEC, Punjab, for sharing knowledge of 3D Printing Advance Applications. S. Gurdeep Singh Sihra, Pro-Chancellor, GNA University expressed, “Such kind of programs are really beneficial for faculties & research scholars in establishing research laboratories at their institute and I congratulate the organizing team for organizing this FDP during the on-going unprecedented times.” On this Occasion, Dr. V.K Rattan, Vice-Chancellor, GNA University said, “GNA University always take a lead to train faculties and the community on recent advanced technologies. Dr. Monika Hanspal, Dean Academics and Dr. Vikrant Sharma, Dean Engineering was also there to grace the occasion.
शिमला जिले में ऑनलाइन पढ़ाई के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। सरकारी और निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है।लेकिन, मोबाइल कनेक्टिविटी न होने के कारण पढ़ाई में व्यवधान आ रहा है। जिले के दूर-दराज इलाकों में तो ज्यादातर सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। कोविड -19 के चलते हिमाचल प्रदेश में एक वर्ष से अधिक समय का समय हो गया है जबसे विद्यार्थियों की नियमित कक्षायें विद्यालयों, कॉलेजों में नहीं लग रही है ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिये गये थे और अब ऑनलाइन माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों की क्लासें ले रहे, ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई में ऐसे छात्रों को ज़्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं जहाँ नेटवर्क नहीं है। ऐसे में अब अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। रोहडु के दूरदराज के क्षेत्र डोडरा क्वार में छात्रों को कई परेशानियों का सामना झेलना पड़ रहा है क्योंकि वहाँ नेट्वर्क की बड़ी परेशानी है और फ़ोन कॉल भी ढंग से नहीं हो पाता है वहीं छात्र और वहाँ के स्थानीय लोग प्रशासन और सरकार के ध्यान में भी ये मामला कई बार ला चुके है लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है और बच्चों के अभिभावकों को अब ये चिंता सता रही है की कहीं उनके बच्चों का भविष्य बिना पढ़ाई के अंधकार में ना चला जायें, वहीं नेट्वर्क व सिग्नल ना होने से ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई में आ रही समस्या का ये पहला मामला नहीं है बल्कि प्रदेश के कई ज़िलों में छात्र इस समस्या से झूझ रहे हैं और गाँव में सिग्नल ढूँढने के लिये दूर-दूर जा रहे हैं की कहीं सिग्नल मिल जायें और ऑनलाइन पढ़ाई हो सके। वहीं खशधार वार्ड से ज़िला परिषद सदस्य और कोंग्रेस मीडिया पेनेलिस्ट मोनिता चौहान ने कहा की उनके ज़िला परिषद वार्ड के तहत आने वाले क्षेत्र डोडरा क्वार में विद्यार्थियों को सिग्नल न होने से ऑनलाइन पढ़ाई में परेशानी आ रही है।मोनिता चौहान का कहना है कि अभी हाल ही में उन्होंने एसडीएम के साथ डोडरा क्वार का दौरा किया था। वह कोरोना की स्थिति का जायजा लेने गए थे।लेकिन जब वहां लोगो से मिले तो लोगो ने अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि यहाँ मोबाइल सिग्नल की बहुत दिक्कत है जिससे ऑनलाइन पढ़ाई करना विद्यार्थियों के लिये मुश्किल हो रहा है। मोनिता ने बताया की लोगो का कहना है कि सिग्नल ढूंढने के लिए मकान की छतों या इधर-उधर भागना पड़ता है परंतु फिर भी बात करते-करते ही फोन बीच में ही कट जाता है वहीं नेट का सिग्नल तो ना के बराबर है जिससे बच्चो की ऑनलाइन पढ़ाई नही हो पा रही है और अभिभावकों को बच्चों का भविष्य अंधकार में जाने का खतरा सता रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मोबाइल नेटवर्क कंपनी को डोडरा क्वार क्षेत्र में सिग्नल फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के आदेश दें ताकि इस समस्या से निजात मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं पर फैसले को लेकर सुनवाई शुरू होते हीं स्थगित हो गई है। केंद्र सरकार ने अपना फैसला साझा करने के लिए कोर्ट से दो दिन का समय मांगा है। इस पर मामले को स्थगित करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, सीबीएसई से कहा है कि अगर उसने परीक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है और परीक्षा रद्द करने के लिए अपनी पिछले वर्ष की नीति का पालन नहीं करने का इरादा है तो उसके लिए उचित कारण भी बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन के समय पर सहमति जताते हुए केंद्र और सीबीएसई से गुरुवार तक अपना फैसला साझा करने को कहा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह पिछले साल की नीति के अनुरूप निर्णय की उम्मीद कर रहा है, जब बोर्ड ने परीक्षा रद्द कर दी थी। सीबीएसई ने 26 जून, 2020 को सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस के बाद लंबित कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय प्रस्तुत किया था।
कोरोना महामारी और बारहवीं की परीक्षा पर संश्य होने के कारण बच्चे काफी तनाव में हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बच्चों में बैचेनी और डर के इस माहौल को दूर करने के लिए दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों की टेली-काउंसलिंग की शुरूआत की है। इस टेली काउंसलिंग के माध्यम से वह अपनी समस्याओं व जिज्ञासाओं का समाधान कर सकते हैं। इसके लिए टोल-फ्री नंबर 1800118004 जारी किया गया है। सीबीएसई ने सोमवार से इस टेलीकाउंसलिंग सेवा की शुरुआत कर दी है। इस पर देशभर से 83 विशेषज्ञ व 24 प्रिंसिपल छात्रों व उनके अभिभावकों की शंकाओं, परेशानियों व तनाव संबंधी सवालों को लेकर काउंसलिंग करेंगे। विद्यार्थी और अभिभावक सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इससे पहले बोर्ड ने मई की शुरुआत में सीबीएसई दोस्त फॉर लाइफ एप की शुरुआत की थी। उसकी सफलता के बाद ही बोर्ड ने अब टेली काउंसलिंग सेवा की शुरुआत की है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए दसवीं की परीक्षाएं पहले ही रद्द की जा चुकी हैं। दसवीं में विद्यार्थियों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर होना है। जबकि बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। कोविड की दूसरी भयावह लहर को देखते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकारें इसको लेकर मंथन कर रही हैं। इस सप्ताह तक इस पर कुछ फैसला होने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का खाका तैयार कर लिया है। अब बोर्ड को कार्यालयों के खुलने का इंतजार है। सरकार के निर्देश देते ही बोर्ड इस खाके को उच्चाधिकारियों को सौंप देगा। इसके बाद अंतिम फैसला सरकार का होगा। सरकार ने प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं को रद्द कर छात्रों को प्रमोट करने का फैसला लिया है। सरकार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए खाका तैयार करने के लिए कहा था। शिक्षा बोर्ड ने खाका तैयार करने के लिए प्रदेश के शिक्षाविदों, शिक्षक संघों और अन्य बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा की और उनके सुझाव लिए। अधिकतर लोगों ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को फर्स्ट और द्वितीय टर्म की हुई परीक्षाओं के अलावा प्री बोर्ड की परीक्षाओं में प्राप्त अंकों का मूल्यांकन कर विद्यार्थियों को प्रमोट कर अंक तालिका बनाने का सुझाव दिया। बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के सुझावों के बाद बोर्ड ने 10वीं के छात्रों को प्रमोट करने का खाका तैयार किया है, जिसे कार्यालय खुलने के बाद सार्वजनिक किया जाएगा। उधर, प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि जैसे ही कार्यालय खुलेंगे, बोर्ड की ओर से दसवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का खाका निदेशालय को सौंप दिया जाएगा। इसे अंतिम रूप सरकार देगी।
कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य लोक सेवा आयोग ने नौकरी का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। आयोग अब तृतीय श्रेणी के पदों के लिए जारी 15 अंकों की मूल्यांकन प्रक्रिया ऑनलाइन करेगा। इससे पहले लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को शारीरिक रूप से आयोग के परिसर में बुलाकर मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी की जाती थी। ओटीआर पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने के लिए एक लिंक दिया जाएगा। जिन चयनित उम्मीदवारों को मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए उपस्थित होने के लिए स्क्रीन किया गया है, उन्हें डाक के साथ पंजीकृत ईमेल और मोबाइल नंबर पर उस तारीख के संबंध में जब दस्तावेजों को अपलोड करने के लिए पोर्टल सक्रिय करने के बारे में सूचित किया जाएगा। उसके बाद, उम्मीदवारों को पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने के लिए उचित समय दिया जाएगा। अपलोड लिंक मौजूदा ओटीआर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग उम्मीदवारों की ओर से ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किया गया था। इसके बाद उम्मीदवार अपने मौजूदा क्रेडेंशियल का उपयोग करके लॉगइन करने में सक्षम होंगे। कोई समस्या आने पर आयोग के हेल्प डेस्क से सहायता दी जाएगी। लेक्चरर स्कूल न्यू इतिहास, लेक्चरर स्कूल न्यू राजनीति शास्त्र और लेक्चरर स्कूल न्यू हिंदी के मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आयोग के सचिव आशुतोष गर्ग ने बताया कि इन भर्तियों की स्क्रीनिंग परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया गया है, अब अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद अंतिम परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को पोर्टल पर मूल दस्तावेजों की फोटो जेपीईजी या पीडीएफ प्रारूप में अपलोड करनी होगी। अपलोड किए गए प्रत्येक दस्तावेज के संबंध में उम्मीदवार से इस आशय का एक घोषणा पत्र भी लिया जाएगा। किसी भी विसंगति के मामले में अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने यूजी डिग्री कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर फैसला न होने के बावजूद पीजी में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन मांग लिए हैं। कोरोना महामारी से बने हालात और लगातार बढ़ रहे मामलों और पिछले सत्र में मेरिट आधार पर प्रवेश दिए जाने पर न्यायालय से लगी फटकार को ध