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In Himachal

शिमला में भाजपा का बड़ा प्रदर्शन, कांग्रेस सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

आज शिमला के चौड़ा मैदान में भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन का रही है। इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भाजपा के कई विधायक और कार्यकर्त्ता भी शामिल हो रहे है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि राज्य में माफियाराज स्थापित हो चुका है, जिसमें चिट्टा माफिया, खनन माफिया, ट्रांसफर माफिया, और कबाड़ माफिया का बोलबाला है। बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के ढाई साल के शासन में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। चंबा में एक दलित युवक की हत्या से लेकर महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है और सरकार इन घटनाओं पर पूरी तरह से मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने राज्य में बढ़ते माफिया तंत्र के बारे में भी खुलकर बोला। बिंदल ने कहा कि पूर्व में बिहार और उत्तर प्रदेश की बदनामी होती थी, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश उस दिशा में बढ़ रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर भी हमला किया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने जनता के लिए महंगाई बढ़ाई है। पेट्रोल-डीजल, राशन, बिजली, पानी, और सीमेंट जैसे जरूरी सामानों की कीमतों में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारों, कर्मचारियों और किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए और लोगों को धोखा दिया। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी दफ्तरों और संस्थाओं को बंद करने के फैसले को भी कड़ी आलोचना की।  

 Karsog: Preparations- for- Nalwad -fair -begin- seven-day- fair -will -be celebrated -grandly:  SDM
In Himachal

करसोग: नलवाड़ मेला की तैयारियां शुरू, भव्य रूप से मनाया जाएगा सात दिवसीय मेलाः एसडीएम

करसोेग में अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में मनाये जाने वाले सात दिवसीय जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के आयोजन को लेकर एसडीएम करसोग गौरव महाजन की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। इस मौके पर एसडीएम ने कहा कि देवों के देव ममलेश्वर महादेव के आर्शीवाद व उनके निर्देशानुसार ही मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा।  इस अवसर पर एसडीएम गौरव महाजन ने कहा कि नलवाड़ मेला एक पौराणिक व प्राचीन मेला है। इस वर्ष मेले को वर्तमान परिस्थितियों और युवा पीढ़ी की आवश्यकताओं को मध्यनजर रखते हुए आधुनिक समयानुसार आयोजित किया जाएगा। उन्होंने नलवाड़ मेले के सफल आयोजन को लेकर विभिन्न विभागों को दिशा निर्देश जारी कर मेले से संबंधित सभी तैयारियां समय रहते पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी के आपसी सहयोग से ही मेले को एक भव्य व आकर्षक रूप प्रदान किया जा सकता है। जिसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। एसडीएम ने कहा कि मेले के दौरान विभिन्न खेल गतिविधियां, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां भी लगाई जाएगी, जिनमें युवाओं व आमजन को विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी। मेले में स्वास्थ विभाग की ओर से हेल्थ कैंप का भी आयोजन किया जाएगा। कैंप में स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों से संबंधित बचाव, नशे से बचाव की जानकारी प्रदान करने के अतिरिक्त आपातकालीन स्थिति में किसी की जान बचाने के लिए सीपीआर देने से संबंधति लाइव डेमोस्ट्रेशन भी दिया जाएगा ताकि आमजन व युवाओं को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान लोगों के मनोरंजन के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएगे, ताकि मेले के माध्यम से लोगों का स्वस्थ मनोरंजन भी हो सके। उन्होंने कहा कि मेले को आकर्षक बनाने के लिए मेले के दौरान अनेक गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के सफल आयोजन के लिए तहसीलदार डाॅ. वरूण गुलाटी को मेला अधिकारी लगाया गया है। बैठक में तहसीलदार डाॅ. वरूण गुलाटी, ममेल पंचायत प्रधान नारायण सिंह, भडारणू पंचायत के प्रधान दलीप सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।

The-state- government- signed -MoU -with -UNESCO- to -improve- education
In Education

शिक्षा में सुधार के लिए प्रदेश सरकार ने यूनेस्को के साथ साइन किया एमओयू

राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य सरकार की ओर से शिक्षा सचिव राकेश कंवर और संगठन की ओर से यूनेस्को निदेशक एवं प्रतिनिधि टिम कर्टिस तथा चीफ ऑफ एजुकेशन प्रोग्राम स्पेशलिस्ट जॉयस पोआन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।   इसके तहत यूनेस्को हिमाचल को शिक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में सहायता प्रदान करेगा जिसके अन्तर्गत प्रदेश में शिक्षा पद्धतियों के सुदृढ़ीकरण, पाठ्यक्रम, शिक्षकों के प्रशिक्षण, मूल्यांकन प्रणाली तथा विद्यार्थियों को 21वीं सदी के कौशल में निपुण करने सहित उनमें रचनात्मकता, सहयोग और संचार जैसी क्षमताएं विकसित की जाएंगी। शिक्षा को समावेशी, सतत् और भविष्योन्मुखी बनाया जाएगा। समझौता ज्ञापन के तहत ग्रीन एजुकेशन पहल पर विशेष बल देते हुए पर्यावरण के बारे में जागरूकता और सतत् विकास को एकीकृत कर विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने का कौशल मिले। इसके अतिरिक्त खेलों का समावेश कर विद्यार्थियों को नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार डिजिटल लर्निंग का विस्तार करते हुए सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल रही है और प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षोंे के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा यूनेस्को के साथ किए गए समझौता ज्ञापन को इंगित करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार भविष्य आधारित कौशल और वैश्विक स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रमुखता से कार्य कर रही है।

 Vimal Negi death case: Suspended -director -Deshraj's -anticipatory- bail -plea -rejected -in -state- High- Court
In Himachal

विमल नेगी मौत मामला: निलंबित निदेशक देशराज की अग्रिम जमानत याचिका प्रदेश हाईकोर्ट में खारिज

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले में निलंबित निदेशक देशराज की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार को हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। मामले में न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने 24 मार्च को दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ता देशराज की ओर से अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई। उन्होंने अदालत से गुहार लगाई थी कि जो एफआईआर दर्ज की गई है, वह गलत है। उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत मांगी थी। इसी पर हाईकोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया, जिसमें देशराज की अंतरिम जमानत याचिका खारिज हुई है। विमल नेगी की मौत में परिजनों ने देशराज और हरीकेश मीणा सहित अन्य उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का आरोप है कि इन अधिकारियों ने विमल नेगी को गलत काम करने के लिए उकसाया और उन पर दवाब बनाया।   

Una: Baba-Sahib-Singh-Ji's-holy-birth-anniversary-a-huge-gathering-will-be-held-on-26-to-28-March
In literature

ऊना: बाबा साहिब सिंह जी का पावन जन्म दिवस पर 26 से 28 मार्च को होगा विशाल समागम

  ऊना नगर के संस्थापक गुरु नानक देव जी के वंशज बाबा साहिब सिंह जी बेदी का पावन जन्म दिवस 26, 27 और 28 मार्च को उनके वंशजों और देश-विदेश से आए संगत के साथ हर्षोउल्लास से मनाया जा रहा है। सिख जगत के 12 मिशनों को एकत्र कर खालसा राज की स्थापना करने वाले बाबा साहिब सिंह जी का जन्म दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पावन वरदान से हुआ था। गुरु नानक देव जी के 9वें वंशज, बाबा कलाधारी जी, जो गुरु गोबिंद सिंह जी के समकाली थे, अक्सर संतोषगढ़ के पास गुरपलाह नामक स्थान पर गुरु साहिब से मुलाकात करते थे। यहीं गुरु साहिब ने बाबा कलाधारी जी को बाबा साहिब सिंह जी के जन्म का वरदान दिया था। बाबा साहिब सिंह जी का जन्म 1756 में डेरा बाबा नानक, जिला गुरदासपुर में हुआ था। उनके पिता बाबा अजीत सिंह जी और माता सरुपा देवी के घर में उनका जन्म हुआ। बाबा साहिब सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा और धार्मिक संस्कार अपने पिता से प्राप्त किए, जबकि विद्वान पंडित सोमनाथ जी से भारतीय दर्शन और इतिहास की विद्या प्राप्त की। वे शास्त्र और शस्त्र विद्या में भी माहिर थे। बाबा साहिब सिंह जी बेदी जी ने युवा अवस्था में ही सिख धर्म और गुरबाणी के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई। 1775 में, बाबा साहिब सिंह जी ने अपनी धर्मपत्नी माता गुलाब देवी के साथ तख्त श्री आनंदपुर साहिब में अमृतपान किया और मीरी-पीरी के सिद्धांत पर राज योग कमाया।  बाबा साहिब सिंह जी के तीन सुपुत्र बाबा बिशन सिंह, बाबा तेग सिंह और बाबा बिकरमा सिंह थे, जिन्होंने धर्म प्रचार में अहम योगदान दिया। उनका प्रभाव इतना था कि उन्होंने कई राजाओं के आपसी विवादों का समाधान किया और उनकी बातों को सभी ने माना। सिख सरदारों और राजाओं द्वारा बाबा साहिब सिंह जी को जागीरें भेंट की गईं। बाबा साहिब सिंह जी 117 गांवों की रियासत के मालिक थे और उनके पास 14,000 की सेना हर समय तैयार रहती थी। जब भी बाबा साहिब सिंह जी युद्ध के लिए जाते, तो अपनी सेना के साथ नगर की परिक्रमा करते थे, जो एक रक्षा कवच का प्रतीक थी। इस परिक्रमा में नगरवासी, बिना किसी जातिभेद के, शामिल होते थे और संत-फकीर भी इसका हिस्सा बनते थे। बाबा साहिब सिंह जी के जन्म दिवस के अवसर पर 27 मार्च को नगर कीर्तन और नगर की परिक्रमा की जाती है, जिससे उस याद को ताजा किया जाता है।  बाबा साहिब सिंह जी ने 1801 में वैसाखी के पावन पर्व पर विभिन्न सिख धड़ों को एक निशान के तले इकठ्ठा किया और सरदार रणजीत सिंह शुकरचरिया को राज तिलक देकर "शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह" का खिताब दिया। ऊना में एतिहासिक किले की स्थापना 1784 में हुई थी, जो 117 गांवों की रियासत से संबंधित था। हालांकि, अंग्रेजों ने बाबा साहिब सिंह जी के छोटे सुपुत्र, बाबा बिकरमा सिंह जी की बगावत के कारण इन किलों को तोपों से उड़ा दिया। अब यहां पुलिस थाना है, जबकि किले के भीतर बाबा तेग सिंह जी का स्थान और लंगर स्थल मौजूद है, जहां एक दिन में 35 मण कच्चा नमक लंगर में प्रयोग किया जाता था। बाबा साहिब सिंह जी के तपस्थल और गुरुद्वारा तपोवन ऊना से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित है।  वर्तमान गद्दीनशीन, बाबा सरबजोत सिंह बेदी, जो 1989 में इस दायित्व को संभाल चुके हैं, ने क्षेत्र और समुदाय के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जीवन में अहम योगदान दिया है। वे नगर परिषद के अध्यक्ष रहे और उनके बेटे अमरजोत सिंह बेदी भी इस पद पर रह चुके हैं। बाबा सरबजोत सिंह बेदी को उत्तरी भारत में एक सम्मानित धार्मिक शख्सियत माना जाता है।  उनके नेतृत्व में ऊना में अत्यधिक विकास हुआ है और उन्होंने मंदबुद्धि बच्चों के लिए प्रेमाश्रम की स्थापना भी की। हर साल 26, 27 और 28 मार्च को बाबा सरबजोत सिंह जी बेदी के नेतृत्व में बाबा साहिब सिंह जी बेदी का जन्म उत्सव हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।

On March 27, BJP will hold a massive demonstration against the Congress government, will raise its voice on many issues including mafia rule
In News

27 मार्च को कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा का करेगी विशाल प्रदर्शन, माफियाराज सहित कई मुद्दों को लेकर आवाज़ करेगी बुलंद

शिमला: आगामी 27 मार्च भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ शिमला के चौदह मैदान में विशाल प्रदर्शन करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ढाई वर्षों में कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से नाकाम रही है। चम्बा में दलित युवक की नृशंस हत्या के बाद से प्रदेश में अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महिलाओं के साथ बढ़ते उत्पीड़न, चिट्टा माफिया और खनन माफिया की गतिविधियाँ प्रदेश को बदनामी की ओर ले जा रही हैं, और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने माताओं-बहनों, बेरोजगारों, किसानों और कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। महंगाई बढ़ाई है, और सरकारी सेवाओं का बुरा हाल कर दिया है। प्रदेश की हालत ऐसी हो गई है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक संस्थान बंद हो गए हैं, और विकास ठप है। बिन्दल ने इस प्रदर्शन को माफियाराज के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का अवसर बताते हुए कहा कि यह सरकार मित्रों के हितों को आगे बढ़ाने वाली सरकार बन चुकी है। 27 मार्च को प्रदेशभर से लोग एकजुट होकर माफियाराज के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।  

Water- protectors- sit -on- indefinite- strike- in -Shimla -over- their -demands
In Himachal

शिमला में मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे जल रक्षक

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के ग्यारहवें दिन आज जल रक्षकों ने शिमला के चौड़ा मैदान में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जल रक्षक लंबे समय से   नियमितिकरण को लेकर पॉलिसी में संशोधन करने की मांग उठा रहे हैं। संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार जबतक उनकी मांगे नहीं मानेगी तब धरना जारी रहेगा। जल रक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रूप लाल ने बताया कि प्रदेशभर में नौ हजार के करीब जलरक्षक सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने मात्र 300 रुपए वेतन बढ़ाया है। उन्हें 56 सौ रुपए वेतन दिया जा रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 12 साल सेवाएं देने के बाद जल रक्षकों को अनुबंध पर लाया जाता है। इस अवधि को घटकर 7 वर्ष किया जाना चाहिए। उन्हें पूर्ण रूप से जल शक्ति विभाग में शामिल किया जाना चाहिए। रूप लाल ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम से उन्हें केवल आश्वाशन ही मिला लेकिन अभी तक कोई नीति नहीं बन पाई। ऐसे में इस बार जब तक सरकार उनसे बात करके मांगे नहीं मानते है तब तक धरना जारी रहेगा।  

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वो मुख्यमंत्री जिसने हिमाचल को किया क़र्ज़ मुक्त

In Politics
The Chief Minister who made Himachal debt-free

हिमाचल प्रदेश में जब भी कर्ज की बात होती है, तो शांता सरकार का जिक्र जरूर होता है। बेशक बतौर मुख्यमंत्री शांता कुमार अपनी दोनों पारियां पूरी न कर सके हों, लेकिन जब भी कुर्सी छोड़ी, प्रदेश की माली हालत पहले से बेहतर थी। क्या था शांता कुमार का इकॉनमी विज़न, आइए आपको बताते हैं। शांता कुमार बताते हैं कि आपातकाल के दौरान 19 महीने तक जेल में रहने के बाद, जब 1977 में वे पहली बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तो प्रदेश पर लगभग 50 करोड़ का ओवरड्राफ्ट था। मगर जब शांता ने कुर्सी छोड़ी, तो प्रदेश कर्ज़ मुक्त हो चुका था। शांता कहते हैं कि प्रदेश को कर्ज़ मुक्त करने की शुरुआत उन्होंने खुद से की। फिजूलखर्ची कम की, अपने दफ्तर में टेबल पर रखे चार फोन में से दो कटवा दिए। प्रदेश भर के दफ्तरों में अधिकारियों के अनावश्यक टेलीफोन कटवाए। मुख्यमंत्री के साथ चलने वाला गाड़ियों का काफिला बंद करवा दिया। अफसरों को आदेश दिए गए कि मुख्यमंत्री की अगवानी करने के लिए दूसरे जिलों में डीसी और एसपी नहीं आएंगे। शनिवार और रविवार को अफसरों द्वारा सरकारी गाड़ियों का प्रयोग बंद करवाया गया। ये छोटे-छोटे खर्च कम करके, बतौर मुख्यमंत्री पहले ही साल उन्होंने 40 करोड़ बचाए। उस समय यह बड़ी राशि थी। यह पैसा बचाकर पीने के पानी पर लगाया गया। हर घर में नल पहुंचाए गए। शांता कुमार कहते हैं कि 1992 में जब वे सीएम पद से हटे, तब हिमाचल सरकार पर एक रुपये का भी कर्ज़ नहीं था। हिमाचल में साधन बढ़ाने के लिए पनबिजली योजना को निजी भागीदारी में लाया गया। सभी योजनाओं में सरकार को 12 प्रतिशत रॉयल्टी दिलाई गई। कभी विरोधी उनकी इस सोच पर हंसते थे, लेकिन अब हर साल इससे सरकार को हजारों करोड़ रुपये की आय होती है। सुक्खू सरकार को भी शांता यह नसीहत दे चुके हैं कि हवा में उड़ने से ज्यादा, अगर सड़कों पर चला जाए, तो प्रदेश पर कर्ज़ कम हो सकता है। शांता का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री सरकार को अपना घर समझकर चलाएंगे, तो बचत होगी ही।

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

शिक्षा में सुधार के लिए प्रदेश सरकार ने यूनेस्को के साथ साइन किया एमओयू

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राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य सरकार की ओर से शिक्षा सचिव राकेश कंवर और संगठन की ओर से यूनेस्को निदेशक एवं प्रतिनिधि टिम कर्टिस तथा चीफ ऑफ एजुकेशन प्रोग्राम स्पेशलिस्ट जॉयस पोआन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।   इसके तहत यूनेस्को हिमाचल को शिक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में सहायता प्रदान करेगा जिसके अन्तर्गत प्रदेश में शिक्षा पद्धतियों के सुदृढ़ीकरण, पाठ्यक्रम, शिक्षकों के प्रशिक्षण, मूल्यांकन प्रणाली तथा विद्यार्थियों को 21वीं सदी के कौशल में निपुण करने सहित उनमें रचनात्मकता, सहयोग और संचार जैसी क्षमताएं विकसित की जाएंगी। शिक्षा को समावेशी, सतत् और भविष्योन्मुखी बनाया जाएगा। समझौता ज्ञापन के तहत ग्रीन एजुकेशन पहल पर विशेष बल देते हुए पर्यावरण के बारे में जागरूकता और सतत् विकास को एकीकृत कर विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने का कौशल मिले। इसके अतिरिक्त खेलों का समावेश कर विद्यार्थियों को नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार डिजिटल लर्निंग का विस्तार करते हुए सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल रही है और प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षोंे के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा यूनेस्को के साथ किए गए समझौता ज्ञापन को इंगित करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार भविष्य आधारित कौशल और वैश्विक स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रमुखता से कार्य कर रही है।

धर्मशाला को मिली 3 IPL मैचों की मेजबानी

In Sports
DHRAMSHALA-TO-HOST-THREE-IPL-MATCHES-IN-2025

 बीसीसीआई द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन आईपीएल-2025 के शैड्यूल का ऐलान कर दिया गया है।  एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला को 3 आईपीएल मैचों की मेजबानी करने का मौका मिला है।  धर्मशाला स्टेडियम में 4 मई को  पंजाब किंग्स की टीम लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ अपना लीग मैच खेलेगी, जबकि 8 मई को पंजाब का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स के साथ होगा। ये दोनों ही मुकाबले शाम साढ़े 7 बजे शुरू होंगे। वहीं 11 मई को दोपहर साढ़े 3 बजे पंजाब की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ स्टेडियम में उतरेगी। आईपीएल  चेयरमैन अरुण धूमल ने बीते दिनों बिलासपुर में आयोजित सांसद खेल महाकुंभ के शुभारंभ पर ही धर्मशाला स्टेडियम को आईपीएल के 3 मैचों की मेजबानी के संकेत दे दिए थे। अब इस पर आधिकारिक मुहर लग चुकी है। आईपीएल 2024 में धर्मशाला को मिले थे दो मैच वर्ष 2024 में धर्मशाला में पंजाब किंग्स की टीम के दो मैच चेन्नई सुपर किंग्स और रायल चैलेंजर बेंगलुरु से हुए थे। पहला मुकाबला पांच मई को भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हुआ था। नौ मई को पंजाब का मुकाबला आरसीबी के साथ खेला गया था।

स्टीव जॉब्स से विराट कोहली तक, नीम करोली बाबा के आश्रम में सब नतमस्तक

In First Blessing
NEEM-KARORI-BABA

  नीम करोली बाबा के आश्रम में स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शान्ति भारत में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति के समस्त मनोरथ पूरे हो जाते हैं। ऐसा ही एक पावन तीर्थ देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में है, जिसे लोग 'कैंची धाम' के नाम से जानते हैं। कैंची धाम के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्वभर में है। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर हर मन्नत पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।  कुछ माह पूर्व स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के यहां पहुंचते ही इस धाम को देखने और बाबा के दर्शन करने वालों की होड़ सी लग गई। 1964 में बाबा ने की थी आश्रम की स्थापना  नीम करोली बाबा या नीब करोली बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में की जाती है। इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। कैंची, नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीम करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया। इस धाम को कैंची मंदिर, नीम करौली धाम और नीम करौली आश्रम के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड में हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा आश्रम है नीम करोली बाबा आश्रम। मंदिर के आंगन और चारों ओर से साफ सुथरे कमरों में रसीली हरियाली के साथ, आश्रम एक शांत और एकांत विश्राम के लिए एकदम सही जगह प्रस्तुत करता है। यहाँ कोई टेलीफोन लाइनें नहीं हैं, इसलिए किसी को बाहरी दुनिया से परेशान नहीं किया जा सकता है। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले नीम करोरी बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। कई चमत्कारों के किस्से सुन खींचे आते है भक्त  मान्यता है कि बाबा नीम करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं। जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया। ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के दुनियाभर में 108 आश्रम  बाबा नीब करौरी को कैंची धाम बहुत प्रिय था। अक्सर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। स्टीव जॉब्स को आश्रम से मिला एप्पल के लोगो का आईडिया ! भारत की धरती सदा से ही अध्यात्म के खोजियों को अपनी ओर खींचती रही है। दुनिया की कई बड़ी हस्तियों में भारत भूमि पर ही अपना सच्चा आध्यात्मिक गुरु पाया है। एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच भारत भ्रमण पर निकले। वह पर्यटन के मकसद से भारत नहीं आए थे, बल्कि आध्यात्मिक खोज में यहां आए थे। उन्हें एक सच्चे गुरु की तलाश थी।स्टीव पहले हरिद्वार पहुंचे और इसके बाद वह कैंची धाम तक पहुंच गए। यहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि बाबा समाधि ले चुके हैं। कहते है कि स्टीव को एप्पल के लोगो का आइडिया बाबा के आश्रम से ही मिला था। नीम करौली बाबा को कथित तौर पर सेब बहुत पसंद थे और यही वजह थी कि स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगों के लिए कटे हुए एप्पल को चुना। हालांकि इस कहानी की सत्यता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शांति, शीर्ष पर पहुंचा फेसबुक  बाबा से जुड़ा एक किस्सा फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने 27 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया था, तब पीएम मोदी फेसबुक के मुख्यालय में गए थे। इस दौरान जुकरबर्ग ने पीएम को भारत भ्रमण की बात बताई। उन्होंने कहा कि जब वे इस संशय में थे कि फेसबुक को बेचा जाए या नहीं, तब एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने इन्हें भारत में नीम करोली बाबा के स्थान पर  जाने की सलाह दी थी। जुकरबर्ग ने बताया था कि वे एक महीना भारत में रहे। इस दौरान वह नीम करोली बाबा के मंदिर में भी गए थे। जुकरबर्ग आए तो यहां एक दिन के लिए थे, लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह यहां दो दिन रुके थे। जुकरबर्ग मानते हैं कि भारत में मिली अध्यात्मिक शांति के बाद उन्हें फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली। बाबा की तस्वीर को देख जूलिया ने अपनाया हिन्दू धर्म  हॉलिवुड की मशहूर अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स ने 2009 में हिंदू धर्म अपना लिया था। वह फिल्म ‘ईट, प्रे, लव’ की शूटिंग के लिए भारत आईं थीं। जूलिया रॉबर्ट्स ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था कि वह नीम करौली बाबा की तस्वीर से इतना प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर डाला। जूलिया इन दिनों हिन्दू धर्म का पालन कर रही हैं।    

मूवी RRR के नाटू-नाटू सॉन्ग ने जीता ऑस्कर अवॉर्ड

In Entertainment
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एसएस राजामौली की चर्चित मूवी ररर के नाटू-नाटू गाने को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। भारत के लिए ये ऐतिहासिक पल है। फिल्ममेकर नाटू नाटू ने ओरिजनल सॉन्ग कैटेगिरी में अवॉर्ड जीता है। एमएम कीरावणी अवॉर्ड लेते हुए बेहद एक्साइटेड नजर आए। उनकी स्पीच भी चर्चा में बनी हुई है। इस जीत के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है। मेकर्स ने RRR मूवी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जीत की खुशी जताई है। उन्होंने लिखा- 'हम धन्य हैं कि आरआरआर सॉन्ग नाटू-नाटू के साथ बेस्ट सॉन्ग कैटेगरी में भारत का पहला ऑस्कर लाने वाली पहली फीचर फिल्म है। कोई भी शब्द इस अलौकिक पल को बयां नहीं कर सकते। धन्यवाद। जय हिंद। 'वहीं 'नाटू नाटू' के ऑस्कर जीतने पर फिल्म के लीड एक्टर जूनियर एनटीआर ने भी रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा- 'मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। ये सिर्फ आरआरआर की जीत नहीं है बल्कि एक देश के तौर पर भारत की जीत है। ये तो अभी शुरुआत है कि भारतीय सिनेमा कितनी दूर जा सकता है। एमएम कीरावनी और चंद्रबोस को बधाई।'

27 मार्च को कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा का करेगी विशाल प्रदर्शन, माफियाराज सहित कई मुद्दों को लेकर आवाज़ करेगी बुलंद

In News
On March 27, BJP will hold a massive demonstration against the Congress government, will raise its voice on many issues including mafia rule

शिमला: आगामी 27 मार्च भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ शिमला के चौदह मैदान में विशाल प्रदर्शन करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ढाई वर्षों में कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से नाकाम रही है। चम्बा में दलित युवक की नृशंस हत्या के बाद से प्रदेश में अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महिलाओं के साथ बढ़ते उत्पीड़न, चिट्टा माफिया और खनन माफिया की गतिविधियाँ प्रदेश को बदनामी की ओर ले जा रही हैं, और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने माताओं-बहनों, बेरोजगारों, किसानों और कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। महंगाई बढ़ाई है, और सरकारी सेवाओं का बुरा हाल कर दिया है। प्रदेश की हालत ऐसी हो गई है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक संस्थान बंद हो गए हैं, और विकास ठप है। बिन्दल ने इस प्रदर्शन को माफियाराज के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का अवसर बताते हुए कहा कि यह सरकार मित्रों के हितों को आगे बढ़ाने वाली सरकार बन चुकी है। 27 मार्च को प्रदेशभर से लोग एकजुट होकर माफियाराज के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।  

बाप के बाद बेटा भी बना सीएम ...तो लगातार सात सीएम देने का रिकॉर्ड होगा नई दिल्ली के नाम

In National News
After the father, the son also became the CM.. then New Delhi will have the record of giving seven consecutive CMs.

दिल्ली में बीजेपी की शानदार जीत के बाद सीएम फेस के लिए जद्दोजहद जारी है।कई दावेदार लॉबिंग में जुटे है पर सबसे ज्यादा चर्चा है प्रवेश वर्मा के नाम की, जिन्हें GIANT किलर भी कहा जा रहा है। प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से अरविन्द केजरीवाल को हराया है।अगर प्रवेश वर्मा दिल्ली के सीएम बनते है तो दिलचस्प रिकॉर्ड भी बनेंगे।           पहला, वो बीजेपी के ऐसे पहले नेता होंगे जिनके पिता भी सीएम रहे है । साहिब सिंह वर्मा फरवरी 1996 से लेकर  अक्टूबर 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे है। दूसरा, लगातार सातवीं बार दिल्ली का सीएम नई दिल्ली सीट से होगा। 1998, 2003 और 2008 में शीला दीक्षित इस सीट से विधायक  बनकर सीएम पद संभाल चुकी है। हालाँकि परिसीमन से पहले इस सीट को गोयल मार्किट के नाम से जाना जाता था। फिर 2013 में अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराया और दिल्ली से सीएम बने। 2015 और 2020 में भी केजरीवाल ही चुनाव जीते और सीएम बने। अब प्रवेश वर्मा ने अरविन्द केजरीवाल को हराया है और यदि वे सीएम बनाते है तो नई दिल्ली के नाम लगातार सात सीएम देने का अनूठा रिकॉर्ड भी बन जायेगा।

टेलर स्विफ्ट का Swift-Effect....... वो मॉडर्न पॉप सेंसेशन जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में फूंक देती हैं जान

In International News
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टेलर स्विफ्ट कई देशों को मंदी के दौर से उबार रही हैं... यह सुनने में काफी अजीब लग रहा है... मगर बिल्कुल सच है। दरअसल, टेलर स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम यह है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं। यह कहानी शुरू हुई दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश सिंगापुर से, जिसे 2023 में मंदी का खतरा नजर आने लगा था। यह वह समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजना बना रही थीं। जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट के लिए एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, तो सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए, लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने Eras Tour को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में लेकर नहीं जाएंगी। स्विफ्ट मान गईं। सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के छह शो ने कमाल कर दिया और हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 375 मिलियन डॉलर (37.5 करोड़ डॉलर) का सीधा फायदा हुआ। कैसे? वह भी समझते हैं। कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे। बाजार वीरान पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे। लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई, लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े। आसपास के देशों से पर्यटक सिंगापुर पहुंचने लगे। होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा हुआ। तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में शामिल हुए थे। अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे। फूड और ड्रिंक्स पर खर्च 30% बढ़ गया। होटलों के किराए में 10% तक की वृद्धि हुई थी। टेलर स्विफ्ट का The Eras Tour अब तक पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है और टेलर अलग-अलग देशों में 149 शो कर चुकी हैं। स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है। इसे कॉन्सर्ट इकोनॉमी भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था। उन्होंने यह जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की शानदार सफलता के बाद किया था और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में जबरदस्त संभावनाओं पर जोर दिया था। यह कॉन्सर्ट इकोनॉमी भारत की जीडीपी के लिए भी बूस्टर का काम कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय कलाकार दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट्स से भी इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है। इसी तरह, यह छोटे राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में भी इस तरह के कॉन्सर्ट्स आयोजित किए जाएं, तो यहां भी पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होगा।

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

In Kavya Rath
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  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

धर्मशाला: अब विदेशों में भी मिलेंगे नगरोटा के युवाओं को रोजगार के अवसर : आरएस बाली

In Job
Dharamshala: Now the youth of Nagrota will get employment opportunities in foreign countries also: RS Bali

29 व 30 जनवरी को होगा रोजगार मेले का आयोजन दुबई के लिए 100 से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड के लिए होगा साक्षात्कार होटल प्रबंधन में शेफ, कैटरिंग, हाउस कीपर, सर्विस-स्टाफ के लिए इंटरव्यू पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि अब विदेशों में भी नगरोटा के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बाबत दुबई की कुछ कंपनियों के साथ हिमाचल सरकार ने करार किया है। उन्होंने कहा कि नगरोटा के आईपीएच के विश्राम गृह में 29 तथा 30 जनवरी को नगरोटा विस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा, इसमें दुबई की विभिन्न कंपनियों के लिए 100 से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड के पदों के लिए भर्ती की जाएगी। इसके साथ ही होटल प्रबंधन में शैफ, कैटरिंग, हाउस कीपर, सर्विस स्टाफ के पदों के लिए भी भर्ती की जाएगी।           आरएस बाली ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले रोजगार संघर्ष यात्रा भी नगरोटा बगबां से ही आरंभ की गई थी। उन्होंने कहा कि नगरोटा विस क्षेत्र में वर्ष में दो बार रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को घर द्वार पर रोजगार के अवसर मिल सकें। पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने कहा कि नगरोटा विस क्षेत्र में विकास पुरूष स्व जीएस बाली के जन्म दिन पर जुलाई माह में पहला दो दिवसीय रोजगार मेला आयोजित किया गया था जिसमें आयोजित रोजगार मेले के पहले दिन 670 युवाओं को नामी गिरामी कंपनियों में रोजगार के लिए चयनित किया गया। दूसरे दिन रोजगार मेले में 450 युवाओं का चयन किया था।      रोजगार मेले के समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली तथा सरकार के अथक प्रयासों से दुबई की कंपनियों के साथ रोजगार के लिए करार किया गया है उसी के आधार पर 29 तथा 30 जनवरी को नगरोटा में दुबई की विभिन्न कंपनियों के लिए सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए इंटरव्यू लिए जाएंगे इसमें 24 से 35 आयु वर्ग के युवा भाग ले सकते हैं, दस जमा दो उत्तीर्ण होना जरूरी है। न्यूनतम उंचाई पांच फुट सात इंच तथा वजन साठ किलो होना चाहिए। इस के लिए सैलरी 50 हजार से लेकर 70 हजार प्रतिमाह होगी तथा सिलेक्टिड अभ्यर्थियों को 15 दिन बिलासपुर तथा 15 दिन बाराणसी में प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके साथ ही स्किल डिवल्पमेंट के तहत वीजा तथा हवाई टिकट भी सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। इसके साथ ही होटल प्रबंधन में भी विभिन्न पदों के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे।

शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

In Banka Himachal
शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव एवं सिस्को संस्था के अध्यक्ष महेश सिंह ठाकुर को जवाहर बाल मंच का राज्य मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है। चीफ स्टेट कॉडिनेटर बनाए जाने पर महेश सिंह ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी,प्रदेश के सीएम सुखविन्दर सिंह सूक्खु , राष्ट्रीय प्रभारी केसी वेणुगोपाल,जवाहर बाल मंच के राष्टीय अध्यक्ष जी.वी. हरि. सहित अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया है।  महेश ठाकुर ने कहा कि जवाहर बाल मंच का मुख्य उद्देश्य 7 वर्षों से लेकर 17 वर्ष के आयु के लड़के लड़कियां तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार को पहुंचना।  उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मौजूदा सरकार के द्वारा देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रहा है देश के युवाओं को भटकाया जा रहा है जो की देश के लिए एक बहुत बड़ा चिन्ता का विषय है कांग्रेस पार्टी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और राहुल गांधी के निर्देश पर डॉ जीवी हरी के अध्यक्षता में देशभर में जवाहर बाल मंच के द्वारा युवाओं के बीच में नेहरू जी के विचारों को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत हासिल कर केंद्र से भाजपा को हटाने का काम करेगी। इसमें हिमाचल प्रदेश राज्य की भी प्रमुख भुमिका रहेगी।  उन्होंने कहा कि पूरे देश में महंगाई के कारण आमलोगों का जीना मुश्किल हो गया है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार पर इस महंगाई का व्यापक असर पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।  

पिता सरकार में मंत्री, पुत्र खफा -खफा ...अब आगे क्या ?

In Siyasatnama
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मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा के बीच चौधरी चंद्र कुमार भी दिखा चुके है पार्टी को आईना ! नीरज भारती की लम्बे वक्त बाद टूटी चुप्पी, अपनी ही सरकार से खफा ! काफी वक्त चुप्पी  साधने के बाद बीते दिनों पूर्व सीपीएस नीरज भारती फिर बोले है और अपनी ही सरकार के खिलाफ बोले है। उसी सरकार के खिलाफ जिसमें उनके पिता चौधरी खुद मंत्री है। हालाँकि माहिर मान रहे है कि असल खबर ये नहीं है कि नीरज फिर बोले, या कितना और क्या-क्या बोले है । खबर दरअसल ये है कि उनसे पहले चौधरी चंद्र कुमार खुद बोले और अब उनके बेटे नीरज बोल रहे है। अब जब पिता-पुत्र दोनों कांग्रेस के हालातों पर टिपण्णी कर रहे है, तो ज़ाहिर है की इसके सियासी मायने भी गहरे हैं।   देखा जाए तो मंत्री चौधरी चंद्र कुमार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है, उन्होंने पूरी जिंदगी कांग्रेस में खपाई है और बीते दिनों पार्टी की स्थिति को लेकर छलका उनका दर्द भी समझा जा सकता है। वहीँ उनके पुत्र भी अपनी ही पार्टी की सरकार से खफा है। एक मलाल ये है कि अपनी ही सरकार में कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे और दूसरा ये की मंत्री की बिना कंसेंट के उनके ही क्षेत्र में तबादले हो रहे है। वैसे इन दोनों ने जो भी कहा है वो निसंदेह कांग्रेस की वास्विकता है, पर वास्विकता तो ये भी है कि आईना दिखाने वाले कांग्रेस को रास कम ही आते है।     बहरहाल मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा के बीच पिता -पुत्र की ये नसीहत और नाराजगी क्या रंग लाएगी, ये देखना रोचक होगा। खासतौर से सरकार के दो मंत्री अस्सी पार है जिनमें से एक चंद्र कुमार भी है। हालांकि चौधरी चंद्र कुमार कांग्रेस का सबसे बड़ा ओबीसी चेहरा है, पर ये नए दौर की सियासत है, न जाने कब, क्या हो जाए।

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