केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 के लिए कक्षा 12 के परिणाम घोषित कर दिए हैं। 17,04,367 पंजीकृत छात्रों में से 16,92,794 परीक्षा में शामिल हुए और 14,96,307 उत्तीर्ण हुए, जिससे कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 88.39% रहा। यह पिछले साल के 87.98% उत्तीर्ण प्रतिशत की तुलना में 0.41 प्रतिशत अंकों की वृद्धि दर्शाता है। छात्र अपना परिणाम आधिकारिक CBSE वेबसाइट cbse.gov.in पर या DigiLocker और UMANG जैसे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से देख सकते हैं। लड़कियों ने 91.64 प्रतिशत अंक प्राप्त करके लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 85.70 प्रतिशत है। ट्रांसजेंडर्स का उत्तीर्ण प्रतिशत 100 प्रतिशत है। 2025 में सीबीएसई कक्षा 12 की परीक्षा के लिए स्कूलों और परीक्षा केंद्रों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ गई है। स्कूलों की संख्या 2024 में 18,417 से बढ़कर 2025 में 19,299 हो गई, जबकि परीक्षा केंद्र 7,126 से बढ़कर 7,330 हो गए। क्षेत्रीय स्तर पर, विजयवाड़ा 99.60% के प्रभावशाली उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद त्रिवेंद्रम 99.32% और चेन्नई 98.47% के साथ दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली के दो क्षेत्रों ने भी शानदार प्रदर्शन किया, दिल्ली पश्चिम ने 95.34% और दिल्ली पूर्व ने 95.06% की उत्तीर्ण दर हासिल की। इसके विपरीत, प्रयागराज ने सबसे कम 79.53% उत्तीर्ण प्रतिशत दर्ज किया, जबकि नोएडा (81.29%), भोपाल (82.46%) और पटना (82.86%) ने भी अपेक्षाकृत कम सफलता दर दर्ज की। दिल्ली पूर्व क्षेत्र में, 1,80,162 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 1,79,422 परीक्षा में शामिल हुए और 1,79,551 उत्तीर्ण हुए, जिसके परिणामस्वरूप 95.06% का सराहनीय उत्तीर्ण प्रतिशत रहा। CBSE कक्षा 12वीं का रिजल्ट 2025 कैसे डाउनलोड करें? - CBSE की आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in पर जाएं। - होमपेज पर दिख रहे CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 लिंक पर क्लिक करें। - रोल नंबर, स्कूल नंबर, जन्म तिथि और एडमिट कार्ड आईडी दर्ज करें। - विवरण सत्यापित करें और सबमिट करें। - CBSE कक्षा 12वीं का रिजल्ट 2025 स्क्रीन पर दिखाई देगा। - CBSE कक्षा 12वीं का रिजल्ट डाउनलोड करें और भविष्य के संदर्भ के लिए सेव करें।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) ने प्रदेश के लाखों छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब बोर्ड अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर पिछले पांच वर्षों के प्रश्नपत्रों को उपलब्ध कराएगा। इस दिशा में शिक्षा बोर्ड ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। इस नई सुविधा से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ नॉन-बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं देने वाले सभी विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। अभी तक शिक्षा बोर्ड केवल मॉडल प्रश्नपत्र ही अपनी वेबसाइट पर अपलोड करता था, जिससे छात्रों को परीक्षा के प्रारूप और महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी मिलती थी। दरअसल, राजकीय अध्यापक संघ की फरवरी माह में शिक्षा बोर्ड प्रबंधन के साथ एक बैठक हुई थी। इस बैठक में संघ ने बोर्ड प्रबंधन से यह महत्वपूर्ण मांग रखी थी कि पिछले पांच वर्षों के बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्र वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएं। अध्यापक संघ का मानना था कि इससे छात्रों को परीक्षा के पैटर्न, प्रश्नों के प्रकार और कठिनाई स्तर को समझने में काफी मदद मिलेगी, जिससे वे अपनी तैयारी को और बेहतर ढंग से कर सकेंगे। बोर्ड प्रबंधन ने अध्यापक संघ की इस जायज मांग को स्वीकार करते हुए वेबसाइट पर पिछले पांच वर्षों के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने की सहमति जताई थी। इसी वादे को पूरा करते हुए अब शिक्षा बोर्ड प्रबंधन ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड प्रबंधन पिछले पांच वर्षों की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नपत्रों को वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इसके लिए प्रश्नपत्रों को स्कैन करके बोर्ड की वेबसाइट पर डाला जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा बोर्ड एक प्रश्नपत्र बैंक भी तैयार कर रहा है। इस प्रश्नपत्र बैंक के माध्यम से बोर्ड के परीक्षार्थियों को अपनी तैयारी का स्वयं मूल्यांकन करने में काफी सहायता मिलेगी। छात्र इन पुराने प्रश्नपत्रों को हल करके अपनी कमजोरियों को पहचान सकेंगे और परीक्षा की रणनीति बेहतर तरीके से बना सकेंगे।
हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली अब मात्र एक रुपये प्रति यूनिट की दर से ही मिलेगी। किसानों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सरकार प्रति यूनिट 4.04 रुपये की भारी सब्सिडी स्वयं वहन करेगी, जिसकी विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अधिसूचना जारी होने में थोड़ी देरी के कारण कुछ किसानों को अस्थायी तौर पर बढ़े हुए बिजली बिल प्राप्त हुए हैं। हालांकि, उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उनसे अतिरिक्त रूप से वसूली गई राशि को उनके आगामी बिजली बिलों में समायोजित कर उन्हें पूरी राहत प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार के इस स्पष्टीकरण और सब्सिडी की अधिसूचना के बाद किसानों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश के 5096 राशन डिपुओं को एक महीने के अंदर इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। जिसे राशन कार्ड धारकों को रहत मिलेगी। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य सिग्नल की समस्या के कारण राशन वितरण में उपभोक्ताओं को होने वाली बार-बार की परेशानियों को दूर करना है। पॉस मशीनों के संचालन के लिए स्थायी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलने से राशन वितरण की प्रक्रिया अब और भी सुगम हो जाएगी। विभाग इस सेवा को उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय रूप से विभिन्न कंपनियों के साथ संपर्क में है। उम्मीद है कि विभाग जल्द ही शॉर्ट टर्म टेंडर प्रक्रिया को पूरा करके एक उपयुक्त कंपनी का चयन कर लेगा। इस प्रक्रिया के संपन्न होते ही, एक महीने के भीतर सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी और प्रदेश के सभी राशन डिपो इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस हो जाएंगे। यह कदम विशेष रूप से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा, जहाँ अक्सर कमजोर सिग्नल के कारण राशन वितरण में बाधा उत्पन्न होती है। पॉस मशीनों के ठीक से काम न कर पाने के कारण उपभोक्ताओं को कई बार घंटों तक इंतजार करना पड़ता था। वर्तमान में, कई डिपो संचालक अस्थायी तौर पर अपने मोबाइल हॉटस्पॉट का उपयोग करके मशीनों को चलाते हैं, जो कि एक स्थायी और सुविधाजनक समाधान नहीं है। गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश में 19 लाख 79 हजार 780 राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें विभिन्न श्रेणियों के लाभार्थी शामिल हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के इस महत्वपूर्ण कदम से प्रदेश के लाखों राशन कार्ड धारकों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मौसम में आगामी पांच दिनों में बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि प्रदेश में अगले पांच दिनों तक मौसम साफ रहेगा, जिससे धूप खिलेगी और तापमान में वृद्धि होगी। हालांकि, कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना भी जताई गई है। मई के मध्य में, प्रदेश ने लगभग डेढ़ सप्ताह तक लगातार बारिश और ओलावृष्टि का सामना किया था। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तो हल्की बर्फबारी भी हुई थी जिसके चलते वर्तमान में तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है। इस असामान्य मौसम के कारण, मध्यम और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम खुशनुमा बना हुआ है और गर्मी का प्रभाव कम है। विशेष रूप से ऊना जिले को छोड़कर, प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से कम है। लेकिन, मौसम विभाग का कहना है कि इस सप्ताह तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी संभावित है। इस तापमान वृद्धि से पहाड़ी क्षेत्रों में भी गर्मी महसूस होने लगेगी, जो अब तक अपेक्षाकृत शांत था।
शिमला: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने और सीजफायर की घोषणा के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने यात्रियों को बड़ी राहत दी है। निगम ने सोमवार से पड़ोसी राज्य पंजाब और जम्मू-कश्मीर के कई महत्वपूर्ण रूटों पर रात्रि बस सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं। फिलहाल, दिन के समय चलने वाली बसों को ही बहाल किया गया है, जबकि रात्रि बस सेवाओं के लिए यात्रियों को अभी हालात पूरी तरह सामान्य होने का इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के कारण सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चार दिन पहले पंजाब के जालंधर और अमृतसर तथा जम्मू और कटरा के लिए जाने वाली HRTC बसों के संचालन पर रोक लगा दी थी। इस फैसले से इन राज्यों के बीच यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन, सीजफायर की घोषणा के बाद अब स्थिति में सुधार दिखने लगा है। इसे देखते हुए HRTC ने तत्काल प्रभाव से दिन के समय जालंधर, अमृतसर, जम्मू और कटरा के लिए 29 बसों की आवाजाही को हरी झंडी दे दी है। इससे अब इन शहरों से हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से इन शहरों में आने-जाने वाले यात्रियों को बसों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और उन्हें पहले की तरह नियमित बस सेवाएं मिल सकेंगी। HRTC के अधिकारियों के अनुसार, इन शहरों के लिए हिमाचल से कुल 38 बसें संचालित होती हैं। इनमें से 29 बसों को आज से बहाल कर दिया गया है। उम्मीद है कि हालात सामान्य बने रहने पर बाकी बचे 9 रात्रि रूटों पर भी जल्द ही बस सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी, जिससे यात्रियों को और अधिक सुविधा मिलेगी। HRTC के इस कदम से यात्रियों ने राहत की सांस ली है।
शिमला: भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के दौरान तुर्कीये द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन भेजे जाने पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तुर्कीये ने संकट के समय में भारत के दुश्मन देश का साथ दिया है, और अब "सांप को दूध पिलाने" की नीति को समाप्त करना चाहिए। राठौर ने तुर्कीये के साथ व्यापार समझौते को तुरंत रद्द करने और वहां से सेब के आयात पर रोक लगाने की मांग की है। शिमला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि 2023 में तुर्कीये में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान भारत ने मानवीय सहायता के तहत सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया था और गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन भेजे थे। लेकिन, तुर्कीये ने इसका जवाब भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान को ड्रोन भेजकर दिया है। उन्होंने बताया कि तुर्कीये और पाकिस्तान मिलकर पांचवीं पीढ़ी के ड्रोन बना रहे हैं, जो भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। राठौर ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या ऐसे देशों के साथ व्यापार संबंध जारी रखना उचित है? उन्होंने बताया कि भारत ने तुर्कीये से 12,29,262 मीट्रिक टन सेब का आयात किया है, जिसकी कीमत 822 करोड़ रुपये है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था सेब उत्पादन पर निर्भर है, और तुर्कीये से सेब का आयात यहां के किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए और तुर्कीये के साथ व्यापार समझौता तुरंत समाप्त करना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कुलदीप सिंह राठौर ने इसे अजीब बताया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला द्विपक्षीय है और इस पर संसद में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। ट्रंप का ट्वीट संसद के प्रस्ताव के खिलाफ है। राठौर ने कहा कि कांग्रेस ने इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार और ऑपरेशन सिंदूर को पूरा समर्थन दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर संसद सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि पूरे विषय पर विस्तृत चर्चा हो सके।
भारतीय क्रिकेट टीम को एक हफ्ते में दो बड़े नुकसान हुए हैं। पहले कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, और अब विराट कोहली ने भी यही फैसला किया है। कोहली ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर यह जानकारी दी। खबरें थीं कि उन्होंने बीसीसीआई को पहले ही बता दिया था, लेकिन बोर्ड चाहता था कि वे इंग्लैंड सीरीज तक रुकें। हालांकि, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का ही फैसला किया। बुधवार को रोहित के संन्यास के बाद, कोहली का यह कदम भारत के लिए एक और बड़ा झटका है। फैंस इन दो बड़े खिलाड़ियों के संन्यास से दुखी हैं। अगले महीने भारत को इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेलनी है। कोहली ने अपने पोस्ट में क्या लिखा? विराट ने अपने पोस्ट में लिखा, 'टेस्ट क्रिकेट में पहली बार मैंने बैगी ब्लू जर्सी 14 साल पहले पहनी थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे इस तरह के सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे पहचान दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर साथ रखूंगा। सफेद जर्सी में खेलना मेरे लिए बहुत ही खास और निजी अनुभव है। परिश्रम, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन यह हमेशा आपके साथ रहते हैं। जब मैं इस प्रारूप से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है, लेकिन यह फिलहाल सही लगता है। मैंने इसमें अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा दिया है। मैं खेल के लिए, मैदान पर खेलने वाले लोगों के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए आभारी हूं, जिसने मुझे इस सफर में आगे बढ़ाया। मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा।' उन्होंने आगे अपनी टेस्ट कैप नंबर '269' लिखा और लिखा 'साइनिंग ऑफ'। विराट अब सिर्फ वनडे में खेलेंगे विराट अब सिर्फ वनडे में खेलते दिखाई पड़ेंगे। वह पिछले साल टीम इंडिया के टी20 विश्व कप जीतने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले चुके हैं। कोहली ने कुल मिलाकर 123 टेस्ट खेले और इसकी 210 पारियों में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए। इसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट करियर में कोहली ने कुल 1027 चौके और 30 छक्के लगाए। इसके अलावा टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 125 मैचों में 48.7 की औसत और 137.05 के स्ट्राइक रेट से 4188 रन बनाए। इसमें एक शतक और 38 अर्धशतक भी शामिल हैं। वनडे में कोहली 302 मैचों में 57.88 की औसत और 93.35 के स्ट्राइक रेट से 14181 रन बना चुके हैं। इसमें 51 शतक और 74 अर्धशतक शामिल हैं। कोहली तीनों प्रारूप में रह चुके हैं कप्तान कोहली तीनों प्रारूप में टीम इंडिया की कमान भी संभाल चुके हैं। वह 2014 में धोनी के संन्यास के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहली बार कप्तान बने थे। तब से लेकर 2022 में दक्षिण अफ्रीका दौरे तक टेस्ट में कप्तान रहे। वहीं, 2021 में उनसे टी20 और वनडे की कप्तानी छीन ली गई थी। कोहली ने अपना टेस्ट डेब्यू में 20 जून 2011 को सबिना पार्क में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। वहीं, आखिरी टेस्ट उन्होंने इसी साल सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
नई दिल्ली: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और संबद्ध विमानन प्राधिकरणों ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों पर सभी प्रकार की नागरिक उड़ान संचालन शुरू कर दिया गया है। अस्थाई रूप से बंद था इन 32 हवाई अड्डों का संचालन आदमपुर,अम्बाला,अमृतसर,अवंतीपुर,बठिंडा,भुज,बीकानेर,चंडीगढ़,हलवारा,हिंडन,जैसलमेर,जम्मू,जामनगर,जोधपुर,कांडला,कांगड़ा (गग्गल),केशोद,किशनगढ़,कुल्लूमनाली(भुंतर),लेह,लुधियाना,मुंद्रा,नलिया,पठानकोट,पटियाला,पोरबंदर,राजकोट(हीरासर), सरसावा,शिमला,श्रीनगर,थोइस, उत्तरलाई की हवाई सेवा अब शुरू हो गई है।कॉर्पोरेट संचार निदेशालय, एएआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति और शेड्यूल की नवीनतम जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइंस से सीधे संपर्क करें। इसके अलावा, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे नियमित अपडेट्स के लिए एयरलाइंस की आधिकारिक वेबसाइट या ग्राहक सेवा केंद्रों पर नजर रखें, ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया है कि देश के 32 हवाई अड्डों पर नागरिक विमान परिचालन तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुशल कार्यबल की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में देश को कुशल कार्यबल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार ने अभिनव पहल की है। प्रदेश सरकार राज्य में नवाचार को बढ़ावा दे रही है। इसके दृष्टिगत समग्र ड्रोन इको सिस्टम की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रोन प्रौद्योगिकी कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाती है। ग्रीन हिमाचल विजन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश में ड्रोन प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना नितांत अनिवार्य हैै। वर्तमान इस वित्त वर्ष के दौरान लोगों को ड्रोन टैक्सी सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कार्य योजना बनाई जा रही है, इससे प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद और दवाइयां इत्यादि की आपूर्ति करने में सहायता मिलेगी। ड्रोन टैक्नोलॉजी इंटरवेंशन से कृषि और बागवानी क्षेत्रों में आधुनिकीकरण के दृष्टिगत जिला हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा में ड्रोन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ड्रोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार युवाओं के लिए स्वरोजगार और रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से वर्ष 2024-25 में राज्य के 243 युवाओं ने ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया है। युवाओं को ड्रोन प्रौद्यागिकी में दक्ष बनाने के साथ-साथ अब राज्य में न्यू एज पाठ्यक्रमों का समावेश भी किया जा रहा है। इस दिशा में जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और डाटा सांइस का नया महाविद्यालय, जिला शिमला के प्रगति नगर में अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स, जिला मंडी के राजकीय पॉलिटेक्निकल सुन्दरनगर में कम्प्यूटर सांइस एवं इंजीनियरिंग (एआई एण्ड मशीन लर्निंग) का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की है। इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए आवश्यक स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित जाएगी। एआई और डाटा सांइस क्षेत्र में वर्तमान में अपार संभावनाएं है। इन क्षेत्रों में युवाओं का कौशल उन्नयन कर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो करोड़ रुपये के इनोवेशन फंड की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से प्रदेश के युवा अपनी नवाचार पहलों को साकार रूप प्रदान कर सकेंगे। जिला बिलासपुर के घुमारवीं में सार्वजनिक निजी भागीदारी व सैल्फ फाइनांसिंग आधार पर डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इनोवेशन, इन्टरप्रेन्योरशिप, स्किल एण्ड वोकेशनल स्टडीज की स्थापना की जाएगी। इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से युवाओं के नवाचार और इन्टरप्रेन्योरशिप स्किल को निखारा जाएगा। प्रदेश सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के लिए नवाचार और स्वरोजगार के नए द्वार खोल रही है। सरकार के इन प्रयासों से हिमाचल निश्चित रूप से देश का आईटी हब बनकर उभरेगा।
शिमला: प्रदेश सरकार ने हाल ही में गठित और अपग्रेड हुए शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के अंतर्गत आने वाले नागरिकों को एक बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार के एक प्रवक्ता ने आज जानकारी देते हुए बताया कि इन क्षेत्रों में अगले तीन वर्षों तक पानी की आपूर्ति की दरें ग्रामीण क्षेत्रों के समान ही लागू रहेंगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय नए शहरी निकायों में शामिल हुए लोगों को शहरी व्यवस्था में आसानी से समायोजित होने में मदद करेगा। इस फैसले से प्रदेश भर के 47,820 उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। पानी के शुल्क में इस रियायत के साथ-साथ, इन क्षेत्रों के निवासियों को संपत्ति कर में भी विशेष छूट प्रदान की गई है। सरकार का यह कदम हाल ही में हुए प्रशासनिक पुनर्गठन के कारण इन क्षेत्रों के लोगों पर पड़ने वाले संभावित वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में 14 नई नगर पंचायतों का गठन किया है, जिनमें संधोल, धर्मपुर, बलद्वाड़ा, बनीखेत, खुंडियां, कोटला, नगरोटा सूरियां, कुनिहार, झण्डूता, स्वारघाट, बड़सर, भराड़ी, बंगाणा और शिलाई शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, हमीरपुर, ऊना और बद्दी को नगर निगमों के रूप में अपग्रेड किया गया है, जबकि नादौन और बैजनाथ-पपरोला को नगर परिषदों का दर्जा दिया गया है। इस पुनर्गठन के परिणामस्वरूप, कई नए क्षेत्र अब शहरी स्थानीय निकायों के अधिकार क्षेत्र में आ गए हैं। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि शहरी निकायों के पुनर्गठन के दौरान इन क्षेत्रों में शामिल होने वाले लोगों के जीवन स्तर पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। पानी की दरों में रियायत और संपत्ति कर में छूट से इन क्षेत्रों के निवासी बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक दबाव के अपना जीवन सामान्य रूप से व्यतीत कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से न केवल लोगों को वित्तीय राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें बेहतर बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जा सकेंगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सीजफायर के बाद भारतीय वायुसेना (IAF) ने रविवार को एक अहम बयान जारी करते हुए बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी क्रियान्वयन में है। वायुसेना के अनुसार, इस अभियान के तहत निर्धारित सभी लक्ष्यों को बेहद सटीकता और पूर्ण जिम्मेदारी के साथ पूरा कर लिया गया है। वायुसेना ने यह भी स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन पूरी रणनीतिक सोच और देशहित को ध्यान में रखते हुए संचालित किया गया। भारतीय वायुसेना ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी अपुष्ट जानकारी को साझा करने से बचने की अपील की है। साथ ही यह आश्वासन भी दिया गया कि अभियान से जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने श्रीनगर में पढ़ाई कर रहे छात्रों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिसके बाद उन्होंने एचआरटीसी को इस काम में मदद करने के लिए निर्देश दिए। एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने पठानकोट में मौके पर पहुंचकर इस अभियान को सफल बनाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। बताया जा रहा है कि एचआरटीसी ने जम्मू तक एक बस भेजी है, जोकि शाम सात बजे वहां से हिमाचल के 40 बच्चों को लेकर वापस लौटेगी। हिमाचल के यह बच्चे श्रीनगर में पढ़ाई के लिए गए थे, जिनको सुरक्षित घर वापस लाने के लिए सरकार जुटी है। एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने बताया कि उन्होंने पठानकोट से जसूर तक पांच शटल बसें चलवाने की व्यवस्था की है। इन बसों के माध्यम से हिमाचल के विभिन्न जिलों से लोग वापस घर आ रहे हैं। एचआरटीसी ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी हिमाचली यात्री जिन्हें पठानकोट के रास्ते अपने घर लौटना है, उनकी यात्रा को सुगम बनाया जा सके लेकिन बसें केवल जसूर तक ही चलेंगी और वहां से आगे की यात्रा के लिए अन्य व्यवस्था की जाएगी। सुरक्षा अधिकारी के निर्देशों के अनुसार, बसों को किसी भी स्थान पर रुकने की आवश्यकता होगी तो वे रुकने का पालन करेंगे।
हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में मई महीने में भी ठंड का दौर जारी है। शनिवार सुबह चंबा के सचे जोत, रोहतांग समेत ऊंची चोटियों पर बर्फबारी और शिमला-कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल जैसे कई क्षेत्रों में बारिश हुई। 16 मई तक हिमाचल के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। वही मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार प्रदेश में 20 जून के आसपास दक्षिण पश्चिम मानसून हिमाचल में पहुंचेगा।। केरल से दक्षिण पश्चिम मानसून की रफ्तार सामान्य रही तो हिमाचल पहुंचने में बीते कुछ वर्षों का रिकॉर्ड टूटेगा। इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान सामान्य बारिश के आसार हैं। 10 से 15 जून के बीच प्री मानसून बौछारें पड़ने की संभावना है। उधर, शनिवार को लाहौल की पहाड़ियों पर बर्फबारी और कुल्लू, मनाली, सिस्सू व अटल अनल के दोनों छोर में बारिश हो रही है। इससे लाहाैल-स्पीति और कुल्लू जिला में तापमान में गिरावट आई है।
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पाकिस्तान की ओर से संभावित हवाई हमलों की आशंका के मद्देनज़र, निगम ने तत्काल प्रभाव से रात के समय जम्मू और पंजाब की ओर जाने वाली अपनी सभी बस सेवाओं को स्थगित कर दिया है। इस फैसले के अनुसार, अब हिमाचल प्रदेश से पठानकोट, अमृतसर, जालंधर और जम्मू के लिए रात में कोई भी HRTC बस नहीं चलेगी। सामान्य दिनों में इन मार्गों पर लगभग 20 से 25 बसें संचालित होती थीं। हालांकि, यात्रियों के लिए राहत की बात यह है कि दिन के समय बस सेवाएं पूर्ववत जारी रहेंगी। इसके अतिरिक्त, माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा जाने वाली HRTC बसें अब केवल जेसुर तक ही जाएंगी। निगम प्रबंधन ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा की योजना इस नई व्यवस्था के अनुसार ही बनाएं, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। रात की बस सेवा स्थगित होने से यात्रियों को कुछ परेशानी हो सकती है, लेकिन HRTC प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला पूरी तरह से यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। HRTC के प्रबंध निदेशक (MD) निपुण जिंदल ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि क्षेत्र की मौजूदा संवेदनशील स्थिति को देखते हुए यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना निगम की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्थिति सामान्य होने पर बस सेवाओं को फिर से शुरू करने की जानकारी जल्द ही यात्रियों को दी जाएगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई। इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बतिहक में प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहन मंथन किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअल माध्यम से जुड़कर जमीनी स्तर की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में सायरन बजने की खबरों के मद्देनजर, हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के उपायुक्तों को तत्काल ब्लैकआउट करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कल सरकारी अवकाश होने के बावजूद मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय खुले रहेंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार भारत सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले हर दिशा-निर्देश का पूरी शक्ति के साथ पालन करेगी। उन्होंने प्रदेश की जनता से सोशल मीडिया पर फैल रही निराधार अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न देने की अपील की। सीएम सुक्खू ने पठानकोट से सटे हुए हिमाचल के क्षेत्रों में विशेष अलर्ट जारी करने की जानकारी भी दी। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश की सरकार पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने में सक्षम है और पूरा हिमाचल प्रदेश सरकार और सेना के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में पढ़ रहे हिमाचल प्रदेश के छात्रों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सभी छात्र सुरक्षित हैं और यदि वे वर्तमान परिस्थितियों के कारण वापस आना चाहते हैं, तो वे निश्चित रूप से आ सकते हैं, और सरकार उनकी हर संभव सहायता करेगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंजाब सीमा से सटे ऊना जिले में सभी शिक्षण संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी अलर्ट के बाद प्रदेश सरकार पूरी तरह से सतर्क है और सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों को केंद्र सरकार से मिल रही एडवाइजरी का अक्षरशः पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, उन्हें अपने-अपने जिलों में परिस्थितियों का आकलन करते हुए शिक्षण संस्थानों को बंद करने या अन्य आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल ऊना जिले में शिक्षण संस्थान बंद किए गए हैं, लेकिन अन्य जिलों के अधिकारी भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उचित निर्णय ले सकते हैं। रोहित ठाकुर ने भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर किया गया कायरतापूर्ण हमला निंदनीय है, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस चुनौतीपूर्ण समय में पूरा हिमाचल प्रदेश सरकार और भारतीय सेना के साथ एकजुट होकर खड़ा है। उन्होंने भारतीय सेना पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि हर प्रदेशवासी देश की सुरक्षा के लिए समर्पित जवानों के साथ है।
भारत के हाथों मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान अब पूरी दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा है। हालांकि, इस बीच एक नया मोड़ आ गया है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उसके आर्थिक मामलों के विभाग का अकाउंट हैक हो गया है। इस अकाउंट से शुक्रवार सुबह अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से और ज़्यादा कर्ज़ की गुहार लगाई गई थी। एक्स पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के फैक्ट चेकर ने उस पोस्ट की एक तस्वीर शेयर करते हुए उसे फर्जी बताया है। अपने पोस्ट में (कथित रूप से हैक हुए अकाउंट से), पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि भारतीय हमले में उसे भारी नुकसान हुआ है। बढ़ते तनाव और शेयर बाज़ार में गिरावट का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की थी और शांति बनाए रखने का आग्रह किया था। पाकिस्तान ने इस पोस्ट में वर्ल्ड बैंक को भी टैग किया था। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के कई शहरों को रात में निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिसके बाद सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारत ने भी पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उसके तीन लड़ाकू विमानों को मार गिराया है और एक पायलट को गिरफ्तार कर लिया है। पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है।
प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वीरवार को भी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहा। रोहतांग और कुंजुम दर्रा सहित लाहौल की कोकसर घाटी में बर्फबारी हुई। वही राजधानी शिमला, चंबा में बूंदाबांदी हुई जबकि मैदानी जिलों में धूप खिली रही। आज भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। कुछ जगह अंधड़ चलने का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। रोहतांग और कुंजुम दर्रा में बर्फ गिरने से तापमान में गिरावट आई है। इससे बीआरओ के बर्फ हटाने का काम भी प्रभावित हो रहा है। चंबा जिले में सुबह से ही बूंदाबांदी का क्रम जारी रहा। दोपहर को जिला मुख्यालय में हल्की धूप खिली और दोपहर बाद फिर बारिश शुरू हो गई। भरमौर और पांगी में भी हल्की बारिश के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, कांगड़ा और मंडी जिलों में हल्के बादल छाए रहे। राजधानी शिमला में दिन भर हल्के बादल छाए रहे। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में 9 से 14 मई तक हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। कुछ स्थानों पर 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चलने का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है।
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ को एक बार फिर से दहलाने की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन के दो बदमाश चंडीगढ़ में भारी मात्रा में आरडीएक्स और टाइम बम लेकर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण एक बड़ी वारदात टल गई। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने आतंकी हैप्पी पसिया के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, टाइम बम और आरडीएक्स बरामद हुआ है। इस ऑपरेशन का नेतृत्व क्राइम ब्रांच के एसपी जसबीर सिंह ने किया। इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह की अगुवाई में टीम ने दोनों बदमाशों को वारदात से पहले ही दबोच लिया। पुलिस ने इन्हें सेक्टर-39 स्थित जीरी मंडी के पास जंगल इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी चंडीगढ़ में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। हाल ही में, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने चंडीगढ़ पुलिस को सूचना दी थी कि हैप्पी पसिया चंडीगढ़ के साउथ एरिया में स्थित एक थाने को उड़ाने की साजिश रच रहा है। इसके बाद, पुलिस ने थानों की सुरक्षा बढ़ा दी थी। गौरतलब है कि अमेरिका में रह रहे मोस्ट वांटेड गैंगस्टर हैप्पी पसिया को अप्रैल में एफबीआई और अमेरिकी इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट ने गिरफ्तार किया था।
शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) शिमला के कर्मचारियों का सब्र का बांध टूट गया है। अप्रैल महीने की सैलरी अब तक न मिलने से गुस्साए शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने आज कुलपति कार्यालय के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन किया कर्मचारियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और वेतन में लगातार हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पहले भी सैलरी समय पर न मिलने के कारण उन्हें प्रदर्शन करना पड़ा है। कर्मचारियों ने मांग की है कि हर महीने की पहली तारीख को उनका वेतन जारी किया जाए और अप्रैल का बकाया वेतन तुरंत दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे मजबूरन आंदोलन करने पर उतर आएंगे। शिक्षक संघ हपुटवा के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने वेतन में देरी के लिए शिक्षा सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की वेतन की फाइल पर 10 दिनों से हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं, जिसकी वजह से कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। डॉ. व्यास ने कहा कि सैलरी के लिए बार-बार प्रदर्शन करना पड़ रहा है, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है।
हिमाचल प्रदेश में अगले एक हफ्ते तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है। इतना ही नहीं, कई इलाकों में तो अंधड़ और ओलावृष्टि का भी येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पिछले दिनों हुई बारिश ने पहले ही कई जगह तबाही मचाई है। चंबा के चेली गांव में बादल फटने से एक बुज़ुर्ग की जान चली गई और 150 भेड़-बकरियां बह गईं। राजधानी शिमला में तो दोपहर में ही अंधेरा छा गया था, जिसके बाद तेज़ बारिश और ओले गिरे। कुल्लू में भी 9 घंटे की मूसलाधार बारिश से जगह-जगह पानी भर गया और ओलों ने फल और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 5 से 11 मई तक प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान कई इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ और ओलावृष्टि का अलर्ट है, हवा की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है। 5 से 9 मई तक ज्यादातर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं, जबकि 10 और 11 मई को कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि अगले 3-4 दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है। इसके बाद तापमान में ज़्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। वहीं, अगले 4-5 दिनों तक अधिकतम तापमान में भी कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। तो हिमाचल वासियों, अगले हफ्ते मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा जिसके बाद मौसम विभाग ने प्रदेश के लोगो से सतर्क रहने की अपील की है।
हिमाचल प्रदेश में मई माह में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों-बागवानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। शिमला सहित प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं निचले क्षेत्रों में नकदी फसलें भी तबाह हो गई हैं। ठियोग से कांग्रेस विधायक और एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने राज्य सरकार से किसानों-बागवानों को उचित मुआवज़ा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुश्किल घड़ी में किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए। मुख्यमंत्री और कृषि-बागवानी मंत्री इस मामले को गंभीरता से लें और अधिकारी नुकसान का आकलन करके किसानों को उचित मुआवज़ा दें। राठौर ने कहा कि ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है, जिससे अच्छी फसल की उम्मीद कम हो गई है। किसान-बागवान कृषि ऋण की किस्त चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने सरकार से बैंकों को अगले साल तक ऋण अदायगी रोकने का निर्देश देने की मांग की है। प्राकृतिक आपदाओं से लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए दीर्घकालिक नीतियां बनाने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार ने प्रदेश में बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट तलब की है। वर्षा से फसलों के नष्ट होने की राजस्व विभाग रिपोर्ट तैयार करेगा। बेमौसमी बारिश से राज्य में गेहूं की कटाई प्रभावित हुई है। इससे रबी की फसलें भी खराब हुई हैं। राज्य में इससे सेब, प्लम, चेरी, आम जैसी फलदार फसलें भी तबाह हो चुकी हैं। पिछले कुछ दिनों से बारिश, ओलावृष्टि, अंधड़ से किसानों और बागवानों को बड़ा झटका लगा है। कहीं बारिश के साथ अंधड़ से नुकसान हुआ तो कहीं ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है। इससे पहले सेब वाले क्षेत्रों में तो फूलाें पर बारिश होने से फलाें की सेटिंग नहीं हो पाई। जहां सेटिंग हुई, वहां पर ओले गिरने से नुकसान हुआ है। राज्य का लगभग हर क्षेत्र मौसम की इस बेरुखी से प्रभावित हुआ है। सरकार ने इस नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। वही कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि बेमौसमी बारिश से रबी की फसलें काफी खराब हुई हैं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में भी नुकसान हुआ है। गेहूं और अन्य फसलों की कटाई प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग नुकसान के आकलन की राजस्व विभाग को रिपोर्ट देगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के साथ चल रहे जल बंटवारे के विवाद पर स्पष्ट रूप से अपनी बात रखते हुए कहा कि पानी को लेकर कोई विवाद नहीं है, बल्कि कानूनी रूप से आंकड़े पंजाब के पक्ष में हैं। गगल हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमने हरियाणा को जितना पानी एक साल के लिए दिया था, उन्होंने उसे 10 महीने में ही इस्तेमाल कर लिया। अब वे दो महीने का अतिरिक्त पानी मांग रहे हैं। हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा पानी मांग रहा है। उनका तर्क है कि उन्हें पहले भी अतिरिक्त पानी मिलता रहा है। हमने अपनी नहर प्रणाली में सुधार किया है, और अब हमारे पास अतिरिक्त पानी नहीं है।" उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के माध्यम से हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के प्रस्ताव पर भी सवाल उठाए। मान ने कहा कि पंजाब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पहले ही पर्याप्त पानी दे रहा है, और अतिरिक्त पानी देने का कोई औचित्य नहीं है। भगवंत मान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे भाखड़ा जल विवाद का हल निकालने के लिए एक बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में बीबीएमबी को हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, मान ने स्पष्ट कर दिया कि पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है।
शिमला: राजधानी शिमला के ढली थाना क्षेत्र के शांत इलाके शनान में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। यहां, 22 वर्षीय युवक विजय ने अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक का शव उस वक्त बरामद हुआ जब सुबह उसकी मां उसे जगाने गईं और अंदर से कोई जवाब न मिलने पर परिजनों ने दरवाजा तोड़ा। विजय, जो अपने परिवार के साथ शनान में रह रहा था, पिछली रात करीब 11 बजे अपने कमरे में सोने गया था। जबकि परिवार के अन्य सदस्य दूसरे कमरे में थे। सुबह जब उसकी मां ने उसे आवाज दी तो कमरे से सन्नाटा पसरा रहा। बंद दरवाजे को तोड़कर अंदर दाखिल होने पर, उन्होंने विजय को छत के हुक से लटके हुए पाया। आनन-फानन में उसे नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक वह अपनी जान गंवा चुका था। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि फांसी का फंदा छत में लगे एक हुक से बनाया गया था। मृतक के गले पर गहरे नीले रंग का निशान जरूर था, लेकिन शरीर पर किसी अन्य तरह की चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। ढली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल, विजय के इस खौफनाक कदम के पीछे की वजह रहस्य बनी हुई है। पुलिस हर संभावित कारण की पड़ताल कर रही है और परिजनों से पूछताछ जारी है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है, जिससे आत्महत्या के कारणों का पता लगाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट बदली है। आज दोपहर 1 बजे से राजधानी शिमला समेत कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण दिन में ही अंधेरा छा गया है। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के पांच जिलों, शिमला, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और कुल्लू में बारिश और आंधी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान और ओलावृष्टि की भी संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश में बारिश का यह दौर 4 मई से लेकर 9 मई तक जारी रहने की आशंका है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बीते कल, शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई थी, जिसने सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। फागू, कुफरी, ठियोग, चियोग, कोटगढ़, कुमारसैन और नारकंडा जैसे इलाकों में सेब के साथ-साथ फूलगोभी और मटर की फसलें भी बर्बाद हो गईं। ओलावृष्टि इतनी तेज थी कि सेब के बागों में लगी एंटी हेल नेट भी टूट गईं और सेब के दानों पर गहरे निशान पड़ गए। इसके अलावा, सोलन में टमाटर और सिरमौर में लहसुन की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश भर में हुई ओलावृष्टि से किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश के मक्की उत्पादक क्षेत्रों के किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खुशखबरी दी है। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अथक प्रयासों के बाद मक्की की एक नई और अधिक उपज देने वाली किस्म विकसित की है, जिसका नाम हिम पालम मक्की कंपोजिट 2 (एल 316) रखा गया है। इस नई किस्म को हाल ही में खरीफ फसलों पर आयोजित कृषि अधिकारी कार्यशाला में जारी किया गया, जिससे राज्य के मक्की किसानों के लिए एक नया विकल्प उपलब्ध हो गया है। इस नई किस्म की सबसे खास बात यह है कि इसके दाने मोटे, नारंगी और दातेंदार होते हैं, जो इसे खाने के साथ-साथ पशुओं के चारे के लिए भी उपयुक्त बनाते हैं। इसकी पत्तियां परिपक्वता तक हरी रहती हैं, जिससे यह चारे के रूप में और भी उपयोगी साबित होती है। यह किस्म समय पर पकने वाली है और बुवाई के मात्र 98 दिनों में ही तैयार हो जाती है। संकुल मक्की किस्मों में हिम पालम मक्की कंपोजिट 2 (एल 316) सर्वाधिक पैदावार देने वाली किस्म है, जिसकी औसत उपज 65.66 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है। किसानों के लिए एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इस किस्म के बीज को हर साल खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी, जैसा कि हाइब्रिड किस्मों के मामले में होता है। हिम पालम मक्की कंपोजिट 2 (एल 316) के बीज को किसान चार वर्षों तक उपयोग कर सकेंगे और इसे अपने खेतों में ही तैयार कर सकेंगे। इससे किसानों को बाजार से महंगा बीज खरीदने की मजबूरी से मुक्ति मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, यह नई मक्की किस्म टर्सिकम झुलसा रोग, जीवाणु तना सड़न और तना बेधक जैसे प्रमुख रोगों के प्रति भी प्रतिरोधी है, जिससे फसल की बर्बादी का खतरा कम हो जाता है। अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उत्तम चंदेल ने इस नई किस्म को किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया है। उन्होंने कहा कि इस किस्म के पौधों की ऊंचाई मध्यम होने के कारण तेज हवा में भी इनके गिरने की संभावना कम है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नवीन कुमार ने भी इस किस्म को प्रदेश के निचले और मध्यवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त और अनेक रोगों के प्रति प्रतिरोधी बताते हुए मक्की उत्पादक क्षेत्रों के लिए इसे अत्यधिक उपयोगी बताया है। यह नई किस्म निश्चित रूप से हिमाचल प्रदेश के मक्की किसानों के लिए एक वरदान साबित होगी।
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री आज दिल्ली रवाना होंगे और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भाग लेंगे, जहां "संविधान बचाओ अभियान" पर चर्चा होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस दौरे के दौरान ये तीनों नेता कांग्रेस हाईकमान के साथ प्रदेश संगठन बनाने को लेकर भी चर्चा कर सकते है, क्योंकि अब कांग्रेस कार्यकर्ताओ की नाराज़गी खुले मंच से सबके सामने आने लगी है। जिसकी कुछ तस्वीरें बीते कल बिलासपुर से देखने को मिली थी। दरअसल बीते कल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बिलासपुर दौरे पर थीं, जहां कार्यकर्ताओं की नाराजगी के आंसू छलक पड़े। बैठक के दौरान, कई नेताओं ने संगठन की वर्तमान स्थिति पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि छह महीने से अधिक समय से प्रदेश में संगठन का गठन नहीं हुआ है, जिससे कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। कुछ नेताओं ने जिलाध्यक्षों की अनुपस्थिति को लेकर कार्यकर्ताओं को "अनाथ" तक कह डाला। इस घटना ने पार्टी के भीतर की कलह को उजागर कर दिया है, और अब दिल्ली में होने वाली बैठकों में इस मुद्दे का समाधान खोजना एक बड़ी चुनौती है। वैसे कल बिलासपुर में हुई हलचल के बाद, कांग्रेस हाईकमान के लिए प्रदेश में संगठन को खड़ा करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। यदि संगठन के गठन में और देरी होती है, तो इसके परिणाम कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं होंगे, क्योंकि इस साल दिसंबर में पंचायती राज चुनाव भी होने हैं।
हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी टीचर संघ (PTF) ने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि अगले 15 दिनों के भीतर स्कूलों में ब्रॉडबैंड और शिक्षकों को इंटरनेट चलाने के लिए सिम कार्ड उपलब्ध नहीं कराए गए, तो प्रदेश भर के प्राइमरी टीचर ऑनलाइन से जुड़े सभी काम बंद कर देंगे। PTF के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों में सरकार द्वारा दिए गए टैब या तो खराब पड़े हैं या फिर उनमें तकनीकी खराबी आ गई है। इसके अलावा, कई स्कूलों में ब्रॉडबैंड की सुविधा तक नहीं है, जिसके चलते शिक्षकों को ऑनलाइन कार्य करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि विभाग तुरंत सभी स्कूलों में ब्रॉडबैंड की व्यवस्था करे और शिक्षकों को अपने निजी इंटरनेट का इस्तेमाल करने से बचाने के लिए सरकारी सिम कार्ड मुहैया कराए। अध्यक्ष शर्मा ने साफ कहा कि यदि विभाग उनकी इन जायज मांगों को 15 दिन के भीतर पूरा नहीं करता है, तो प्रदेश का हर प्राइमरी टीचर ऑनलाइन शिक्षण और अन्य सभी संबंधित कार्यों का बहिष्कार करने के लिए मजबूर होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी। संघ ने इस संबंध में विभाग को विधिवत नोटिस भी सौंप दिया है। गौरतलब है कि प्राइमरी टीचर संघ पहले से ही शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन के विरोध में आंदोलन कर रहा है। 26 अप्रैल को शिमला में शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने के बाद सरकार ने 10 शिक्षकों को निलंबित कर दिया था और कई अन्य पर एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इस कार्रवाई के बावजूद, शिक्षकों का हौसला कम नहीं हुआ है। अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक शिक्षक इस तरह के तानाशाही रवैये के आगे झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार बातचीत के लिए आगे आती है, तो संघ हमेशा वार्ता के लिए तैयार है। उन्होंने 26 नवंबर के पूर्व के धरने का हवाला देते हुए कहा कि उस दिन किसी भी शिक्षक ने किसी का रास्ता नहीं रोका था, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। इसके बावजूद, विभाग ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करवाई, जो कि निंदनीय है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के लगभग 22 हजार प्राइमरी टीचर शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन और कुछ अन्य मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। 26 अप्रैल को शिक्षा विभाग की चेतावनी को दरकिनार करते हुए शिक्षकों ने शिमला के चौड़ा मैदान में विशाल धरना प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विभाग ने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए 10 शिक्षकों को निलंबित कर दिया। अब धरने में शामिल अन्य सभी शिक्षकों की सूची भी तैयार की जा रही है और उनका एक दिन का वेतन काटने की तैयारी है। इसके साथ ही, धरने के दौरान सरकार और अधिकारियों की आलोचना करने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है | शिक्षकों का आरोप है कि निदेशालय के पुनर्गठन की प्रक्रिया में उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। उनका कहना है कि पुनर्गठन से पहले शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के साथ कई बैठकें हुईं, लेकिन किसी भी बैठक की कार्यवाही को सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे शिक्षकों में यह डर पैदा हो गया है कि निदेशालय के पुनर्गठन से उनके अधिकारों का हनन हो सकता है। अब शिक्षक अपनी मांगों के पूरी होने तक हड़ताल खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में उन व्यावसायिक वाहनों को पासिंग नहीं दी जाएगी, जिनमें कूड़ा डालने के लिए डस्टबिन (कार बिन) नहीं होंगे। बुधवार को पूरे प्रदेश में इस नियम का सख्ती से पालन किया गया और सैकड़ों ऐसे वाहनों की पासिंग रोक दी गई। वाहन मालिकों को साफ हिदायत दी गई है कि वे अपने वाहनों में डस्टबिन लगवाकर ही पासिंग के लिए आएं। हालांकि, पहले दिन इन नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान नहीं किया गया। परिवहन विभाग का मकसद पहले लोगों को इस नए नियम के बारे में जागरूक करना है। इसके बाद, यदि कोई वाहन बिना डस्टबिन के पाया जाता है या सड़क पर कूड़ा फेंकता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। बिना डस्टबिन के पकड़े जाने पर 10,000 रुपये और सड़क पर कूड़ा फेंकने पर 1,500 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। सरकार का यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और अक्सर देखा जाता है कि व्यावसायिक वाहनों से कचरा सड़क किनारे फेंक दिया जाता है, जिससे पर्यावरण दूषित होता है। हिमाचल पथ परिवहन निगम तेजी से अपनी बसों में डस्टबिन लगवा रहा है, ताकि यात्रियों को कचरा फेंकने के लिए उचित स्थान मिल सके। इसके साथ ही, सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक पीईटी पानी की बोतलों का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। इनका इस्तेमाल बैठकों, सम्मेलनों और अन्य कार्यक्रमों में नहीं किया जा सकेगा। अब इनकी जगह कांच की बोतलें या अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्प इस्तेमाल किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में लोगों को कल से गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया है कि कल यानी 1 मई से प्रदेश के उच्च ऊंचाई वाले जिले किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और मध्यवर्ती ऊंचाई वाले जिले शिमला, कुल्लू, मंडी, सोलन, सिरमौर के कुछ इलाकों में बारिश और तूफान की संभावना है। इससे तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को चिलचिलाती गर्मी से निजात मिलेगी। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी, जिससे लोगों को गर्मी का एहसास हो रहा था। आज मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि बीते 24 घंटों में प्रदेश में मौसम साफ रहा और जिला ऊना में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक था। हालांकि, अब मौसम में बदलाव आने वाला है। वैज्ञानिक संदीप शर्मा के अनुसार, आज शाम से ही राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश शुरू हो सकती है। इसके बाद, 1 मई से लेकर 5 मई तक प्रदेश के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश और तेज तूफान चलने का पूर्वानुमान है।
धर्मपुर (मंडी): हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर में पिछले साल नवंबर में एक व्यक्ति से हुई लाखों रुपये की साइबर ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। धर्मपुर पुलिस ने इस मामले में मध्य प्रदेश के इंदौर से तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान महेश पाटीदार (38 वर्ष), रोहित कररे उर्फ रोहण कररे (33 वर्ष) और श्याम कुमार (38 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, धर्मपुर निवासी शिकायतकर्ता को 11 नवंबर, 2024 को टेलीकॉम ऑफिस से एक व्यक्ति का फोन आया था, जिसने उनके मोबाइल नंबर पर गलत गतिविधियों का हवाला देकर उसे बंद करने की बात कही। इसके बाद जालसाजों ने उन्हें मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर डराया और उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल होने तथा मनी लॉन्ड्रिंग में उनके नाम आने की झूठी कहानी रची। पीड़ित को वीडियो कॉल पर एक फर्जी पुलिस अधिकारी दिखाया गया और उन्हें एक कमरे में अकेले बैठकर कमरा दिखाने के लिए कहा गया। जालसाजों ने उन्हें गिरफ्तारी वारंट और आरबीआई के फर्जी दस्तावेज भी दिखाए, जिससे वे बुरी तरह डर गए। इसके बाद आरोपियों ने अलग-अलग बहानों से पीड़ित से कुल 8 लाख 50 हजार रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए और फिर उनसे संपर्क तोड़ दिया। शिकायत के बाद धर्मपुर पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की। साइबर साक्ष्यों और बैंक खातों के विवरण का विश्लेषण करने के बाद पुलिस टीम ने 25 अप्रैल, 2025 को इंदौर में दबिश देकर तीनों आरोपियों को धर दबोचा। आरोपियों को इंदौर न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड पर धर्मपुर लाया गया, जहां उन्हें अदालत में पेश कर चार दिन का पुलिस रिमांड पर गया है। पुलिस उनसे गहन पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से दो, श्याम कुमार पाटीदार और महेश पाटीदार, के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। श्याम कुमार पर मध्य प्रदेश के शाजापुर में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है, जबकि महेश पाटीदार पर खरगोन में मारपीट का मामला दर्ज है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और उम्मीद है कि पूछताछ में और भी खुलासे हो सकते हैं। इस सफलता से साइबर ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने में पुलिस को महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि (एनडीआरएफ) के तहत राज्य को 107.15 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता जारी की है। यह वित्तीय मदद विशेष रूप से वर्ष 2024 में आई विनाशकारी बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदान की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद यह सहायता राशि जारी की गई है। मंत्रालय ने 11 अप्रैल को ही इस संबंध में अपनी संस्तुति वित्त मंत्रालय को भेज दी थी। अब, मंत्रालय के उप सचिव गंधर्व वजूभाई पटेल ने हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्त सचिव को इस बारे में औपचारिक पत्र भेज दिया है। पत्र में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस सहायता राशि को सीधे राज्य सरकार के खाते में हस्तांतरित करेगा। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस धनराशि का उपयोग केवल एनडीआरएफ के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किया जाएगा, जो 15वें वित्त आयोग द्वारा जारी किए गए हैं। राज्य सरकार को इस राशि के उपयोग के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी मंत्रालय के संबंधित विभाग को देनी होगी। इस महत्वपूर्ण आपदा राहत राशि की जानकारी नई दिल्ली स्थित हिमाचल सरकार के आवासीय आयुक्त और महालेखाकार कार्यालय को भी भेज दी गई है।
हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक राहत वाली खबर सामने आई है। दरअसल हिमाचल प्रदेश सरकार ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की व्यवस्था को जारी रखने का फैसला किया है। इससे उन लाखों परिवारों को राहत मिलेगी जो कम बिजली का उपयोग करते हैं। सरकार ने मुफ्त बिजली की आपूर्ति को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। सरकार ने लगभग 22 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी की नई दरें जारी कर दी हैं। यह फैसला राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा बिजली की दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट की कमी करने के बाद लिया गया है। सरकार ने भी इसी आधार पर सब्सिडी की राशि में थोड़ी कमी की है, लेकिन इसका मतलब यह है कि उपभोक्ताओं को बिजली की दरें साल 2024-25 के स्तर पर ही मिलती रहेंगी। अधिक बिजली इस्तेमाल करने वालों को झटका हालांकि, जो घरेलू उपभोक्ता 300 यूनिट से ज़्यादा बिजली का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें थोड़ा झटका लग सकता है। सरकार ने इन उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट मिलने वाली एक रुपये की सब्सिडी को अब बंद कर दिया है। इसका मतलब है कि इन उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट 5.90 रुपये चुकाने होंगे। यह नई दरें अप्रैल महीने की बिजली खपत पर लागू होंगी, जिसका बिल मई में आएगा। ऊर्जा सचिव राकेश कंवर ने इस बारे में बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार को सूचित कर दिया है। राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने इस साल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी की है। व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए भी दरें कम की गई हैं। घरेलू बिजली की दरों में 15 पैसे, व्यावसायिक दरों में 12 पैसे और छोटे, मध्यम व बड़े उद्योगों की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी की गई है। इसके अलावा, बिजली के फिक्स्ड डिमांड चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है, और यह पिछले साल की दरों पर ही रहेगा |घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ, हिमाचल प्रदेश में कृषि और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली देने के लिए सरकार सब्सिडी जारी रखेगी। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पत्र जारी नहीं हुआ है, लेकिन ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगले एक-दो दिनों में इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में गर्मी का प्रकोप बढ़ने वाला है। मौसम विभाग ने आज ऊना, कुल्लू और मंडी जिलों के लिए हीट वेव की चेतावनी जारी की है। इन तीन जिलों में अगले तीन दिनों तक गर्म हवाएं चलने की संभावना है, जिसके चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे दिन के समय अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और सावधानी बरतें। हालांकि, गर्मी से राहत की उम्मीद भी जल्द है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 मई से एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिससे प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में अगले तीन दिनों तक हल्की बारिश हो सकती है। यह बारिश लोगों को गर्मी से कुछ राहत दिला सकती है। इस बीच, प्रदेश के नौ शहरों में तापमान पहले ही 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। ऊना सबसे गर्म रहा, जहाँ तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया, जो इस मौसम का सबसे अधिक तापमान है और सामान्य से 5.2 डिग्री अधिक है। पिछले 24 घंटों में ऊना के तापमान में सबसे ज़्यादा 2 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है। ऊना में अप्रैल महीने का अब तक का सबसे अधिक तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस रहा है, जो 30 अप्रैल 2022 को दर्ज किया गया था। अन्य शहरों में भी तापमान सामान्य से ऊपर है। शिमला में तापमान सामान्य से 4.8 डिग्री अधिक 28.2 डिग्री सेल्सियस, कांगड़ा में सामान्य से 7.4 डिग्री अधिक 37.0 डिग्री सेल्सियस और भुंतर में सामान्य से 4.6 डिग्री अधिक 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
हिमाचल सरकार ने नए वित्त वर्ष के पहले महीने में ही अब दूसरी बार लोन लेने का फैसला लिया है और इस बार प्रदेश की सुक्खू सरकार 1300 करोड़ रुपए का लोन फिर से लेने ले रही है। राज्य सरकार के राजपत्र में इसे शनिवार को नोटिफाई कर दिया गया। इसमें नौ साल के लिए 800 करोड़ और सात साल के लिए 500 करोड़ की धनराशि ली जा रही है। इसके लिए भारत सरकार से मंजूरी ले ली गई थी। नोटिफिकेशन के अनुसार 29 अप्रैल, 2025 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसके लिए ऑनलाइन बोली लगाएगी और 30 अप्रैल, 2025 को यह धनराशि राज्य सरकार के खाते में आ जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार को पहली तारीख को ही वेतन और पेंशन पर 2000 करोड़ खर्च करने हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त विभाग को निर्देश दे रखे हैं कि लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के पेंडिंग बिलों को 30 अप्रैल से पहले क्लियर कर दिया जाए। ये बिल 31 मार्च, 2025 से पहले क्लियर नहीं हो पाए थे और लैप्स हो गए हैं और दोनों विभागों को दोबारा से बिल बनाकर ट्रेजरी में जमा करवाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा हिम केयर और सहारा योजना की पेंडिंग धनराशि को भी चुकाने के निर्देश दिए थे। लोन की यह राशि आने के बाद यह भुगतान भी हो जाएगा। इसके बाद पहली तारीख को वेतन और पेंशन का सबसे बड़ा खर्चा है। हालांकि चिंता की बात यह है कि नए वित्त वर्ष के पहले ही महीने में सरकार को 2200 करोड़ लोन में ही उठाने पड़े हैं। अप्रैल में ही दो तारीख को 900 करोड़ का लोन वित्त विभाग ले चुका है। अब 1300 करोड़ रुपए का लोन दोबारा लिया जा रहा है। राज्य को तय फार्मूले के हिसाब से वित्त वर्ष में करीब 7000 करोड़ की ही लोन लिमिट मिलती है।
'मन की बात' में बोले प्रधानमंत्री ,पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शेंगे नहीं, पीड़ितों को मिलेगा न्याय
रविवार को मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक बार फिर से पहलगाम हमले को लेकर दुख जताया और साथ ही पहलगाम के दोषियों को कड़ी सजा देने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि 'पहलगाम की घटना ने देशवासियों को पीड़ा पहुंचाई है और इसे लेकर देशवासियों के मन में गहरी पीड़ा है। लोग पीड़ित परिजनों के दर्द को महसूस कर सकता है। हर भारतीय का खून आतंक की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है। ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी और लोकतंत्र मजबूत हो रहा था। पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हो रही थी और लोगों की कमाई बढ़ रही थी, लेकिन देश के दुश्मनों को और जम्मू कश्मीर के दुश्मनों को ये रास नहीं आया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस चुनौती का सामना करने के लिए अपने संकल्पों को मजबूत करना है। हमें एक दृढ़ राष्ट्र के रूप में अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करना है। भारत के लोगों में जो आक्रोश है, वो पूरी दुनिया में हैं। उन्होंने कहा कि मैं पीड़ित परिवारों को भरोसा देता हूं उन्हें न्याय मिलेगा...और न्याय मिलकर रहेगा। इस हमले के दोषियों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा।'
शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ा बदलाव आया है। राज्य सरकार ने अब अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर सीधी भर्तियों पर रोक लगा दी है। सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू कर दिया है। कार्मिक विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नया कानून 20 फरवरी 2025 से लागू हो गया है। इस एक्ट के कुछ प्रावधान 12 दिसंबर 2003 से लागू हो रहे हैं, जिसके तहत अनुबंध नियुक्तियों को हटाकर अब सिर्फ रेगुलराइजेशन (Regularization)का ही प्रावधान है। सबसे अहम बदलाव यह है कि अब सरकारी विभागों में सीधी भर्तियां कॉन्ट्रैक्ट के बजाय 'नियमितीकरण द्वारा' की जाएंगी। यानी, अब सीधे तौर पर अनुबंध पर कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होगी। सरकार के अलग-अलग विभागों में पहले से चल रही भर्ती प्रक्रियाओं पर भी इस नए नियम का असर पड़ेगा। कार्मिक विभाग का कहना है कि इन सभी मामलों की नए कानून के हिसाब से जांच की जा रही है। सभी बड़े सरकारी अधिकारियों को अगले आदेशों का इंतजार करने को कहा गया है। इतना ही नहीं, जो कर्मचारी पहले से अनुबंध पर काम कर रहे हैं, उनके नियमित होने के नियम भी बदल गए हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि उनका नियमितीकरण भी इसी नए अधिनियम के तहत होगा। पहले जारी किए गए नियमितीकरण आदेशों में भी इस नए नियम का जिक्र करने के निर्देश दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जजों और न्यायिक अधिकारियों के लिए सरकारी आवास की कमी पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि हर जज और न्यायिक अधिकारी को सरकारी घर देना सरकार का संवैधानिक फर्ज है, लेकिन सरकार जानबूझकर कोर्ट के आदेशों को अनदेखा कर रही है। मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की बेंच ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अभी तक हाईकोर्ट के कई जजों को भी सरकारी आवास नहीं मिला, और वे अब भी अपने निजी घरों से कोर्ट आते-जाते हैं। जब हाईकोर्ट के जजों का यह हाल है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के बाकी न्यायिक अधिकारियों को आवास मिलने में कितनी मुश्किल हो रही होगी। अदालत ने यह भी कहा कि सरकार के सचिवालय (जीएडी) ने बार-बार नोटिस दिए, लेकिन जो आवास जजों को दिए गए हैं, उन्हें अभी तक खाली नहीं करवाया जा सका है। दरअसल, हाईकोर्ट ने पहले भी राज्य सरकार से यह रिपोर्ट मांगी थी कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जिला न्यायपालिका के सदस्यों, कर्मचारियों और हाईकोर्ट के कर्मचारियों के लिए कितने सरकारी घर उपलब्ध हैं। लेकिन सरकार ने जो रिपोर्ट पेश की, उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखा। अब कोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई, यानी 14 मई को यह साफ करने को कहा है कि वह जजों, जिला अदालतों के कर्मचारियों और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रारों को आवास कैसे मुहैया करवाएगी। वहीं, सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि जजों को आवास देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब देखना यह है कि सरकार 14 मई तक कोर्ट को क्या जवाब देती है और क्या जजों को उनके सरकारी घर मिल पाते हैं या नहीं।
पंजाब सरकार बताए कि मंडी कब पंजाब राज्य का हिस्सा था, शानन प्रोजेक्ट हिमाचल का हक़: मुकेश अग्निहोत्री
शानन प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बीच राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश का है और पंजाब का इस पर कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने पंजाब सरकार से मंडी जिले के पंजाब राज्य का हिस्सा होने का प्रमाण मांगा और कहा कि यह मामला पंजाब पुनर्गठन के दौरान संपत्तियों के बंटवारे का नहीं है। अग्निहोत्री ने दृढ़ता से कहा कि हिमाचल सरकार इस प्रोजेक्ट को वापस लेकर रहेगी। हालांकि, बीते दिनों पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने अग्निहोत्री के दावों को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि शानन पावर प्रोजेक्ट पर पंजाब राज्य का स्वामित्व है और हिमाचल प्रदेश सरकार का इस पर कोई हक नहीं बनता। हरभजन सिंह ने अग्निहोत्री को तथ्यों से अवगत होने की सलाह देते हुए कहा कि उनकी तथ्यों से अनजान बयानबाजी दो राज्यों के आपसी संबंधों को खराब कर रही है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी के पास इस मुद्दे पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपनी विचारधारा से जुड़े समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को करोड़ों रुपये के विज्ञापन दिए। अग्निहोत्री ने 'ऑर्गेनाइजर', 'पांचजन्य' और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पत्रिकाओं का नाम लेते हुए कहा कि भाजपा ने अपनी विचारधारा को पोषित करने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया। उन्होंने नेशनल हेराल्ड के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों ने अपनी विचारधारा के प्रचार के लिए करोड़ों के विज्ञापन दिए, उन्हें नेशनल हेराल्ड पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। इसके अलावा, उप-मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के चंबा दौरे के दौरान दिए गए बल्क ड्रग पार्क संबंधी बयान को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार इस परियोजना के लिए पूरी तरह से सकारात्मक है। अग्निहोत्री ने शानन प्रोजेक्ट के मुद्दे पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश का है और पंजाब का इस पर कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने पंजाब सरकार से यह साबित करने को कहा कि मंडी जिला कब पंजाब राज्य का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि यह मामला पंजाब पुनर्गठन के दौरान संपत्तियों के बंटवारे का नहीं है और हिमाचल सरकार इस प्रोजेक्ट को वापस लेकर रहेगी।
हिमाचल के ऊपरी इलाकों में आज भी हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, जबकि निचले और मध्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है। कल पूरे प्रदेश में धूप खिली रहेगी, जिससे मौसम सुहावना बना रहेगा। लेकिन, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि परसों से पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो रहा है, जिससे पहाड़ों पर दोबारा बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 24 और 25 अप्रैल को ऊंचे क्षेत्रों में मौसम खराब रहेगा। 26 और 27 अप्रैल को मध्य और ऊंचे इलाकों में बारिश के आसार हैं। यह पूर्वानुमान किसानों और बागवानों के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि हाल ही में ओलावृष्टि ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। पिछले चार-पांच दिनों में शिमला, चंबा, ऊना, हमीरपुर, सिरमौर, कुल्लू और मंडी के कई इलाकों में ओलावृष्टि से सेब, मटर, टमाटर, प्लम और खुमानी की फसलें प्रभावित हुई हैं। वहीं, लाहौल स्पीति और किन्नौर के ऊंचे क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी के बाद तापमान में गिरावट आई है, जिससे ठंड बढ़ गई है। बर्फबारी का असर सेब की फ्लावरिंग पर पड़ रहा है, जो अच्छी फसल के लिए महत्वपूर्ण है। सेब की अच्छी पैदावार के लिए 14 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श माना जाता है, लेकिन बर्फबारी के बाद ऊंचे क्षेत्रों में तापमान 10 डिग्री तक गिर गया है। मौसम विभाग का कहना है कि आज और कल तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। पिछले कुछ दिनों में तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया था, जिससे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड महसूस हो रही थी। चंबा का अधिकतम तापमान सामान्य से 12.7 डिग्री गिरकर 22.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हिमाचल प्रदेश में रविवार को मौसम ने अचानक करवट बदली, जिससे कई क्षेत्रों में भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई। इस अप्रत्याशित मौसम ने किसानों और बागवानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि गेहूं, आम, सेब और प्लम जैसी महत्वपूर्ण फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। हालांकि, इस सुहावने मौसम का आनंद लेने के लिए पहुंचे पर्यटक खासे उत्साहित दिखे। रविवार को बिलासपुर शहर में भारी ओलावृष्टि हुई, जिससे गेहूं और आम की फसल प्रभावित हुई। कुल्लू और लाहौल घाटी में बारिश और बर्फबारी हुई, जिसका पर्यटकों ने आनंद लिया। मौसम विभाग ने पहले ही येलो अलर्ट जारी किया था।इससे पहले, शुक्रवार देर रात भी प्रदेश के कई इलाकों में बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि हुई थी, जिससे फसलों और बागों को नुकसान पहुंचा। लाहौल-स्पीति के लोसर गांव में बर्फबारी से रास्ते बंद हो गए और तापमान गिर गया। कुल्लू में ओलावृष्टि से बागवानी प्रभावित हुई, जबकि चंबा और कांगड़ा में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ने से कल से मौसम साफ हो जाएगा, लेकिन तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। इस अप्रत्याशित मौसम ने किसानों और बागवानों के लिए चुनौती पेश की है, जबकि पर्यटक इस बदलाव का आनंद ले रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश की आम जनता को महंगाई का एक और झटका लगा है। प्रदेश सरकार ने भारी विरोध के बावजूद बसों का न्यूनतम किराया 5 रुपये से बढ़ाकर सीधा 10 रुपये कर दिया है। इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गई है, जिसके बाद अब प्रदेश में बस से सफर करना जेब पर दोगुना भारी पड़ने वाला है। सरकार के इस नए नियम के अनुसार, अब यदि कोई यात्री महज 100-200 मीटर की दूरी भी तय करता है, तो भी उसे पूरे 10 रुपये चुकाने होंगे। कांग्रेस सरकार ने शुरुआती 4 किलोमीटर तक का किराया एक समान रूप से 10 रुपये निर्धारित कर दिया है। इससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को हालांकि पहले से तय दरों (2 रुपये 19 पैसे प्रति किलोमीटर) के अनुसार ही भुगतान करना होगा, लेकिन छोटी दूरी का सफर करने वालों के लिए यह वृद्धि काफी तकलीफदेह साबित होगी। इस फैसले के साथ ही हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) और निजी बसों में रविवार से ही नई किराया दरें लागू हो गई हैं। इसका सीधा असर स्थानीय रूटों पर रोजाना सफर करने वाले लाखों लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें अब अपनी यात्रा के लिए पहले से कहीं ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन ही उनकी यात्रा का मुख्य साधन है। गौरतलब है कि राज्य मंत्रिमंडल ने इस विवादास्पद फैसले को 5 अप्रैल को ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन जनता के तीव्र विरोध के कारण इसे कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। अब, लोगों का गुस्सा शांत होने की उम्मीद में, सरकार ने चुपचाप इस अधिसूचना को जारी कर दिया है। प्रदेश में सरकारी और निजी बसों में प्रतिदिन लगभग 8 से 10 लाख यात्री सफर करते हैं, जिनमें से अधिकांश शहरों और कस्बों में स्थानीय रूटों पर यात्रा करते हैं। न्यूनतम किराए में हुई इस भारी वृद्धि का सबसे ज्यादा असर इन्हीं स्थानीय यात्रियों पर पड़ने वाला है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे आम आदमी विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बसें ही एकमात्र सहारा हैं और किराए में दोगुनी वृद्धि से हर परिवार पर हर महीने कम से कम ₹1000 का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने इस फैसले को सरकार द्वारा आम जनता पर डाला गया एक और आर्थिक बोझ करार दिया है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होली के दिन आईएएस अधिकारियों की एक पार्टी के बिल की चर्चा सियासी गलियारों में खूब हो रही है। इस आयोजन को लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना विपक्ष के हमलों का सामना कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे पर सरकार और नौकरशाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिससे प्रदेश की राजनीति में खासी हलचल मच गई है। इस बीच, मनाली में एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने पहुंचे मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आखिरकार इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उस पार्टी का आयोजन उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से नहीं किया गया था, बल्कि यह सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम था। सक्सेना ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जो लोग उन पर आरोप लगा रहे हैं, उन्हें वास्तविकता की जानकारी नहीं है। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे किसी भी तरह के आरोप लगाने से पहले तथ्यों की पूरी जानकारी हासिल कर लें। दरअसल, पूरा विवाद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा होली के अवसर पर अपने अधिकारियों को दिए गए लंच के बिल को सरकार को भेजने से शुरू हुआ। खबरों के अनुसार, होटल हॉलिडे होम में आयोजित इस लंच में 75 अधिकारियों, उनके जीवनसाथियों और बच्चों ने भाग लिया था, जिसका कुल बिल ₹1 लाख 22 हजार आया और इसे GAD को भेज दिया गया। इस बिल में 22 चालकों के लंच का खर्च भी शामिल है। बिल के विवरण के अनुसार, 75 लंच और स्नैक्स के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों पर ₹1 लाख 9 हजार 150 खर्च हुए, जबकि 22 चालकों के लंच का बिल ₹12,870 था। इस प्रकार, कुल बिल ₹1 लाख 22 हजार 20 बना, जो GAD को प्राप्त हो चुका है, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इसका भुगतान किया गया है या नहीं। मुख्य सचिव द्वारा दी गई इस लंच पार्टी का बिल और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। वर्तमान में 31 मार्च, 2025 से छह महीने के सेवा विस्तार पर चल रहे मुख्य सचिव के लिए यह बिल निश्चित रूप से मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हैं.
शिमला: हिमाचल प्रदेश के छोटे-बड़े ठेकेदारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त विभाग को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और अन्य विभागों के ठेकेदारों के सभी लंबित भुगतान 30 अप्रैल से पहले जारी किए जाएं। लंबे समय से अटके भुगतान के कारण ठेकेदारों और उनके परिवारों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह आदेश उनके लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आया है। दरअसल, विभागीय कार्यों को पूरा करने वाले ठेकेदार बकाया राशि के भुगतान में देरी के कारण बेहद परेशान थे। विपक्षी दल भाजपा ने भी इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा था। लगातार शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्वयं वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ठेकेदारों की लंबित वित्तीय अदायगियों को इस महीने के अंत तक हर हाल में पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमकेयर योजना के तहत आईजीएमसी शिमला, पीजीआई चंडीगढ़ और टांडा मेडिकल कॉलेज के लंबित बिलों का भी शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिए। उन्होंने सहारा योजना के लाभार्थियों को भी समय पर किस्तें जारी करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे प्रभावी कदमों से प्रदेश की वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है। इस बैठक में प्रधान सचिव वित्त दिवेश कुमार और विशेष सचिव वित्त सौरभ जस्सल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के इस आदेश से न केवल ठेकेदारों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उनके परिवारों को भी बड़ी राहत मिलेगी, जो लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रहे थे। यह कदम प्रदेश के विकास कार्यों को भी गति देगा, क्योंकि ठेकेदारों को समय पर भुगतान मिलने से वे और अधिक उत्साह के साथ काम कर सकेंगे।
शिमला: राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के मामले में नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को कड़ी फटकार लगाई है। तीन बार अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद अवैध निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त करने में विफल रहने पर कोर्ट ने अब कमेटी को अंतिम मौका दिया है। आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अदालत ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि मस्जिद कमेटी को हर हाल में 3 मई तक सारा अवैध निर्माण तोड़ना होगा। ऐसा न करने पर कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ को प्रतिदिन आयुक्त कार्यालय में पेश होना पड़ेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 3 मई को निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान आयुक्त ने मस्जिद कमेटी से अवैध निर्माण गिराने के काम की प्रगति रिपोर्ट तलब की। कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी एक मंजिल को गिराना बाकी है। उन्होंने रिहायशी भवनों से घिरी मस्जिद में निर्माण तोड़ने में लगने वाले समय का हवाला दिया और आसपास के लोगों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सावधानी बरतने की बात कही। कमेटी ने कोर्ट से इस कार्य को पूरा करने के लिए एक बार फिर अतिरिक्त समय मांगा। हालांकि, आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह अंतिम मोहलत है और इसके बाद कोई और समय नहीं दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश हाईकोर्ट के छह सप्ताह के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने के आदेश का भी उल्लेख किया। इन आदेशों के अनुसार, 3 मई को सुनवाई होगी और उसके बाद प्रतिदिन आयुक्त कार्यालय में पेशी लगेगी। मामले की अंतिम सुनवाई 8 मई को होगी। मस्जिद कमेटी ने दावा किया कि 3 मई तक हर हाल में अवैध निर्माण गिरा दिया जाएगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से राजस्व रिकॉर्ड और निचली दो मंजिलों का नक्शा भी मांगा था। सुनवाई से ठीक एक दिन पहले, शुक्रवार को कमेटी ने नगर निगम को नक्शा सौंप दिया है, जिसका वास्तुकार शाखा अध्ययन कर रही है। वहीं, वक्फ बोर्ड ने मस्जिद का राजस्व रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा है, यह कहते हुए कि रिकॉर्ड अभी अपडेट होना बाकी है। कोर्ट ने बोर्ड को 3 मई तक रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जमीन अभी भी वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज नहीं है और पूरी मस्जिद ही अवैध है। गौरतलब है कि आयुक्त कोर्ट ने पिछले साल 5 अक्टूबर को पांच मंजिला संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को अवैध घोषित करते हुए उन्हें गिराने का आदेश दिया था। इस अवैध निर्माण को दो महीने के भीतर गिराया जाना था, लेकिन मस्जिद कमेटी इसमें विफल रही। इसके खिलाफ शहर में प्रदर्शन भी हुए थे। इसके बाद कमेटी ने दो बार और अतिरिक्त समय मांगा। मार्च में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 26 अप्रैल तक इसे गिराने का अंतिम आदेश दिया था, लेकिन मौके पर काम अभी भी अधूरा है, और एक मंजिल अभी भी पूरी तरह से गिराई जानी बाकी है।
शिमला नगर निगम (MC) आयुक्त की अदालत में आज संजौली मस्जिद मामले की सुनवाई हुई, जहाँ सभी की निगाहें टिकी थीं। आयुक्त ने पहले ही वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी को मस्जिद के मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज़ पेश करने का सख्त आदेश दिया था। हालाँकि, आज की सुनवाई में वक्फ बोर्ड ज़मीन के कागजात तो दूर, मस्जिद का नक्शा तक पेश करने में नाकाम रहा। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पष्ट कर दिया है कि हर हाल में 8 मई तक इस केस का निपटारा करना होगा। इसी सिलसिले में, अब 3 मई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। इसके बाद, 5 मई से इस केस की प्रतिदिन सुनवाई की जाएगी, ताकि हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशानुसार 8 मई की समय सीमा के भीतर फैसला सुनाया जा सके। अदालत ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर इस डेडलाइन का पालन नहीं किया गया, तो हाईकोर्ट नगर निगम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकता है। शिमला के चक्कर स्थित जिला अदालत में हुई इस सुनवाई के बाद, मस्जिद कमेटी के वकील मोहम्मद लतीफ नेगी ने बताया कि वक्फ बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम आयुक्त ने मस्जिद के ऊपरी तीन मंजिलों को जल्द गिराने का निर्देश दिया है, जिसके लिए वक्फ बोर्ड ने और समय माँगा है। वहीं, स्थानीय निवासियों की ओर से पैरवी कर रहे वकील जगतपाल ने जानकारी दी कि निगम आयुक्त ने वक्फ बोर्ड को 3 मई तक रिकॉर्ड पेश करने का अंतिम मौका दिया है। अगर तब भी रिकॉर्ड पेश नहीं किया जाता है, तो 5 मई से इस केस की नियमित सुनवाई शुरू हो जाएगी। पहले भी दिए जा चुके हैं तीन मंजिलें तोड़ने के आदेश गौरतलब है कि निगम आयुक्त ने पिछले साल 5 अक्टूबर को ही संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया था। निचली दो मंजिलों से संबंधित मामला अभी भी निगम आयुक्त की अदालत में विचाराधीन है। यह मामला पिछले 16 सालों से लंबित है। इस मामले के जल्द निपटारे की माँग को लेकर संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। स्थानीय निवासियों की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निगम आयुक्त को इस केस का जल्द से जल्द निपटारा करने का आदेश दिया था। पिछले साल भी 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने निगम आयुक्त को 8 सप्ताह के भीतर केस निपटाने का निर्देश दिया था, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने हाईकोर्ट में एक निष्पादन याचिका (execution petition) दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दूसरी बार 8 मई तक की अंतिम समय सीमा तय की है।
पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, एडवोकेट केशव श्रीधर और पूर्व आईपीएस सचिन श्रीधर को एसआईटी की क्लीन चिट एसआईटी ने धर्मशाला की अदालत में पेश की रिपोर्ट, मामले को बंद करने की सिफारिश कहा, व्यावसायिक विवाद में रणनीति के तहत लपेटा अधिकारियों को पालमपुर के एक व्यवसायी निशांत शर्मा प्रकरण में एसआईटी ने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, एडवोकेट केशव श्रीधर और पूर्व आईपीएस सचिन श्रीधर को क्लीन चिट दे दी है। इस रिपोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। एसआईटी ने धर्मशाला कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि निशांत की शिकायत झूठी थी। उसके सारे आरोप मनघड़ंत थे। इस रिपोर्ट के मुताबिक 27 अक्टूबर 2023 को निशांत को न तो धमकाया गया था और न ही कुछ और हुआ था। एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक मनघडंत शिकायत के पीछे महज व्यावसायिक विवाद था जो केशव श्रीधर और निशांत के बीच चल रहा था। एक रणनीति के तहत निशांत ने इसमें केशव श्रीधर के अलावा संजय कुंडू और सचिन श्रीधर को भी लपेट लिया था। यही नहीं तत्कालीन एसपी कांगड़ा का नाम भी उछाला गया था। बता दें कि यह हाइप्रोफाइल मामला हाइकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक गया। तब हाइकोर्ट ने तो तत्कालीन डीजीपी संजय कुंडू को पद से हटाने तक के आदेश दे दिए थे। उसके बाद इस मामले में एक एसआईटी का गठन किया गया। अब एसआईटी ने धर्मशाला कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें निशांत की शिकायत को मनघडंत बताते हुए मामले को बंद करने की सिफारिश की गई है। अब अदालत में इस रिपोर्ट के पेश होने के बाद आगामी कार्रवाई पर सभी की नजरें हैं। ये है पूरा मामला : निशांत ने पुलिस को ई मेल के जरिये भेजी शिकायत में आरोप लगाया था कि 27 अक्टूबर 2023 को मैक्लोडगंज में बाइक पर सवार अज्ञात हमलावरों ने डराया-धमकाया था। उस समय वो अपने परिवार के साथ था। उसने केशव श्रीधर और सचिन श्रीधर के अलावा तत्कालीन डीजीपी संजय कुंडू को इस घटना के पीछे बताया। कहा कि उसे कारोबार से बाहर करने की कोशिश की जा रही है। उसने कारोबारी विवाद का जिक्र करते हुए यह भी बताया कि उस पर गुड़गांव में भी 25 अगस्त 2023 को हमला हुआ था। बाद में हिमाचल हाइकोर्ट ने निशांत की शिकायत पर संज्ञान (सुओ मोटो) लिया। डीजी और एसपी कांगड़ा को बदलने के आदेश दिए। साथ ही एक एसआईटी के गठन के आदेश भी दिए। एसआईटी का गठन आईजी संतोष पटियाल की अगुआई में किया गया। बाद में जांच में पता चला कि निशांत की शिकायत पर कांगड़ा पुलिस ने पहले भी जांच की थी लेकिन कुछ नहीं मिला। मामले के मुताबिक केशव श्रीधर और निशांत का मैकलोडगंज और पालमपुर में साथ में कारोबार है। एक ऑडिट रिपोर्ट में निशांत का वित्तीय कुप्रबंधन सामने आया था। यह मामला अभी भी एनसीएलटी (National Company Law Tribunal ) के समक्ष चल रहा है। एसआईटी का कहना है कि इसी विवाद के चलते निशांत ने मनघड़ंत शिकायत पुलिस के समक्ष की। कई प्रभावशाली लोगों को फंसाने की कोशिश की गई। वित्तीय कुप्रबंधन से ध्यान हटाने के लिए एक कहानी रचि गई। ऐसे आगे बढ़ी जांच : एसआईटी ने मामले की बारीक जांच की। तह तक जाने के लिए घटनास्थल पर क्राइम सीन रीक्रिएशन की प्रक्रिया को भी अपनाया गया। इसकी जद में आने वाले तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। संबंधित लोगों से पूछताछ की गई लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। सीसीटीवी फुटेज में कहीं भी संदिग्ध बाइक नहीं मिली। हां, निशांत अपने परिवार सहित जरूर नजर आया। स्थानीय लोगों और दुकानदारों से बातचीत की गई। सभी ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया। पुलिस ने इस केस के हर पहलू पर छानबीन की। गुड़गांव वाले कथित हमले तक भी गए लेकिन उसमें भी कुछ नहीं पाया गया। वो हमला भी कहानी जैसा ही था। मामले में बड़ी तादाद में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के भी बयान दर्ज हुए। यह भी पता चला कि जिस सचिन श्रीधर पर निशांत ने आरोप लगाए थे उन्होंने निशांत पर एक करोड़ का मानहानि का केस भी दिल्ली में दायर कर रखा है। इस बीच तत्कालीन डीजीपी संजय कुंडू ने माना कि उन्होंने निशांत को फोन किया था, लेकिन उनका मकसद महज मध्यस्थता था। मकसद ये था कि दो पार्टियों के बीच मामला बातचीत से सुलझ जाए। इस मामले में घसीटे गए तमाम लोगों की कॉल डिटेल पर अलग से काम किया गया, लेकिन कहीं भी किसी आपराधिक साजिश के साक्ष्य नहीं मिले। जांच के दौरान निशांत के बयानों में कई तरह के विरोधाभास भी पाए गए। मसलन निशांत ने कथित धमकाने की बात का समय बताया 5:45 के आसपास का। लेकिन 4 बजे अपने एक मित्र को बता दिया किया उसे धमकाया गया है। हैरानी की बात यह है कि सीसीटीवी में भी निशांत का समय 5.40 ही दिखता है। इससे साफ हो जाता है कि सब कुछ घड़ा गया था। असलियत में ऐसा कुछ नहीं हुआ था। फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी कुछ नहीं आया। निशांत ने प्रेस कांफ्रेस भी की जबकि मामला हाइकोर्ट के विचाराधीन था। प्रेस कांफ्रेस के जरिये कई ऐसे तथ्य सार्वजनिक कर दिए गए जो जांच का हिस्सा थे। मीडिया के सामने बेचारा बनने की कोशिश की गई। एसआईटी ने यह भी कहा है कि निशांत ने जांच टीम को सही से सहयोग भी नहीं किया। भटकाने की कोशिश की। निशांत ने एक ऐसी कहानी बनाकर सभी को उलझाए रखा।