फर्स्ट वर्डिक्ट । मंडी हिमाचल में विधायक विकास निधि की चौथी किश्त रोकने पर सुक्खू सरकार घिरती नजर आ रही है। भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बने 2 महीने बीत गए है, मगर मुख्यमंत्री कार्यालय विधायक निधि पर कुंडली मारकर बैठा है। इससे सभी 68 विधायक अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में नहीं जा पा रहे हैं। उनके पास विकास कार्य के लिए बजट नहीं है, जबकि जनता विभिन्न कामों के लिए बजट मांग रही है। विधायक खाली हाथ हैं। उन्होंने कहा कि विधायक फंड का बजट नहीं मिलने से सड़कों व सामुदायिक भवन निर्माण के निर्माण कार्य के अलावा दूसरे सभी काम रुक गए हैं। अब विधायक निधि की चौथी किश्त के लेप्स होने का संकट मंडरा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी दिनों में फिर मौसम खराब होनेकि संभावना है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सहित अन्य भागों में आज मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार से लेकर शनिवार तक प्रदेश के कई भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने निचले व मैदानी भागों के लिए 8 व 9 फरवरी को अंधड़ चलने का अलर्ट जारी किया है। गौरतलब है कि ताजा बर्फबारी के बाद बंद हुई अटल टनल रोहतांग मंगलवार को फोर बाई वाई वाहनों के लिए मनाली से जिस्पा तक खुल गई है। वहीं पांगी-किलाड़ को जोड़ने वाला मार्ग भी उदयपुर से तिंदी तक खुल गया है। मौसम खुलने के बाद बीआरओ, एनएच और लोक निर्माण विभाग ने बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं बीते दिनों हुई बर्फबारी से राज्य में 138 सड़कों पर अभी भी आवाजाही ठप है। प्रदेश में 46 बिजली ट्रांसफार्मर व सात पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं। लाहौल-स्पीति में सबसे अधिक 121 और चंबा में नौ सड़कें बाधित हैं। उपमंडल पांगी में 36 बिजली टांसफार्मर बंद पड़े हैं।
हिमाचल प्रदेश की बागवानों के बगीचों में अब यूएसए के गुठलीदार फलों के पौधे उग सकेंगे। हिमाचल उद्यान विभाग पहली बार यूएसए से प्लम आडू, खुमानी व बादाम के 56,000 पौधे आयात करने जा रहा है। इन पौधों की खेप इसी माह हिमाचल पहुंच जाएगी। शिमला जिले के ठियाेग, कोटखाई, रामपुर, कुमारसैन और रोहड़ू सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा जैसे अन्य क्षेत्रों में गुठलीदार फलों का उत्पादन होता है। वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए बागवानी मंत्री जगत नेगी ने बताया कि पौधों को एक साल के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा ताकि, यह सुनिश्चित हो सके की पौधों में कोई बीमारी तो नहीं है। अगले साल उद्यान विभाग बागवानों को यूएसए से आयातित पौधे का आवंटन करेगा। पौधों के आयात से पहले उद्यान विभाग के अधिकारी आपूर्ति पूर्व निरीक्षण भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि एक साल क्वारंटीन अवधि के बाद अगले साल बागवानों को यह पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि इसमें कोई समस्या न आए। अभी हार के गम में है जयराम-जगत सिंह नेगी जगत नेगी ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अभी गम में हैं। इसलिए इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार कर्ज लेते रही और संसाधन जुटाने में नाकामयाब रही। नेगी ने कहा कि कांग्रेस का काम करने का तरीका अलग है हम संसाधन जुटाएंगे, कर्ज भी लेंगे, लेकिन सभी काम एक दायरे में करेंगे। विपक्ष द्वारा विधायक निधि न दिए जाने के आरोप पर जगत नेगी ने कहा' "विधायक निधि दें कहाँ से, पिछली सरकार ने कुछ नहीं छोड़ा, कर्ज तले दबा दिया है। प्रदेश की आर्थिकी डगमगा गई है।"
हिमाचल के मंडी जिले की बेटी चांदनी शर्मा ने माया नगरी में प्रदेश का नाम ऊँचा किया है। चांदनी शर्मा बेस्ट टेलीविजन एक्ट्रेस चुनी गई है। चांदनी को सोनी टीवी के कामना सीरियल में बेहतरीन अदाकारी करने के लिए दादा साहेब फालके टीवी अवार्ड से नवाजा गया है। मुंबई के सेंटाक्रूज स्थित ताज होटल में हुए अवार्ड शो में उन्हें यह सम्मान मिला। इस दौरान कार्यक्रम में टीवी इंडस्ट्री के जाने माने लोग मौजूद रहे। चांदनी शर्मा ने अवार्ड लेने के बाद कहा कि यह सम्मान पाकर वह बेहद खुश हैं। उन्हें भविष्य में और अधिक बेहतर करने की प्रेरणा मिली है और उनके लिए यह अवार्ड प्रेरणास्त्रोत का काम करेगा। बता दें कि चांदनी जिला के गोहर गांव कि रहने वाली है। चांदनी ने ग्रेजुएशन करने के बाद अपने करियर की शुरुआत नेटवर्किंग से की थी। 2014 में उन्हें भारतीय राजकुमारी विजेता 2014 के खिताब से नवाजा गया। इसके बाद उन्हें मिस टूरिज्म इंटरनेशनल प्रतियोगिता में ड्रीम गर्ल ऑफ द ईयर इंटरनेशनल 2015 से टाइटल से सम्मानित किया गया। इसके बाद कुछ वर्षों तक वे नेटवर्किंग उद्योग में सक्रिय रहीं। वर्ष 2018 में चांदनी ने अपना एक्टिंग डेब्यू पंजाबी म्यूजिक नखरे दा मुल से किया था। इस एल्बम को गुरपिंदर पनाग ने कंपोज़ किया था। चांदनी इस एल्बम के बाद वह अनेक पंजाबी एल्बम में नजर आई। 2019 में उन्होंने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू डार्क लाइट से किया। इस फिल्म में उन्होंने लीड एक्ट्रेस की भूमिका निभाई। 2020 में चांदनी ने टेलीविज़न इंडस्ट्री में डेब्यू सीरियल इश्क़ में मरजावां 2 से किया।
क्रांति सूद । जोगिंद्रनगर माइंड ऑपरेशन अकादमी से भारतीय सेना आर्मी क्लर्क में चौंतड़ा ब्रांच से 3 बचे लिखित परीक्षा में चयनित हुए हैं, जिसमें मुनीश ठाकुर निखिल और केशव कुमार का चयन हुआ है। मंडी, कुल्लू व लौहल-स्पिति से मात्र 14 बच्चे चयनित हुए हैं, जिसमें 3 छात्र माइंड ऑपरेशन अकादमी से है, अकादमी हमेशा से बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए प्रयासरत रही है। निदेशक राम प्रकाश ठाकुर ने कहा कि कोरोना के बाद ज्यादातर बच्चों का मोबाइल फोन की और ध्यान आकर्षित हुए था और पढ़ाई से ध्यान भटक गया था, जिसकी बजह से बहुत कम बच्चे आर्मी क्लर्क का प्रशिक्षण ले इसके बाबजूद अकादमी का परिणाम बहुत अच्छा रहा है। राम प्रकाश ठाकुर ने कहा अकादमी का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है। उन्होंने कहा कि आर्मी जीडी का परिणाम अभी आना बाकी है, जिसमें भी अकादमी के बहुत बच्चे चयनित होंगे, इसका श्रय अकादमी के अध्यापकों को जाता है, जिन्होंने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हुए सही दिशा दिखाई है। अकादमी में हमेशा से बच्चों को मैडिटेशन मोटिवेशन व्यवहारिक और पढ़ाई की नई तकनीकों के साथ बच्चों को लिखित परीक्षा की तैयारी करवाई जा रही है। अकादमी उन्होंने कहा की सभी ब्रांचों में सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है और बच्चे अलग-अलग विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और भविष्य में भी देंगे।
हिमाचल दिवस के उपलक्ष्य में 25 जनवरी को राम म्युजिक प्रोडक्शन द्वारा पहाड़ी भाषा में "क़व्वाली "के रूप मे अपना नया गीत लांच किया गया है। इस गाने को लोक निर्माण विभाग जोगिन्दरनगर के अधीक्षक सुभाष पुरषान ने लांच किया और साथ ही इसे यू ट्यूब पर भी रिलीज कर दिया गया। जोगिन्दरनगर के गीतकार एवं निर्माता राम चन्द्र ठाकुर ने इस क़व्वाली को शब्दों में पिरोने के साथ-साथ इसे अपने मधुर स्वर भी दिए हैं। गौरतलब है कि राम म्यूजिक के बैनर तले फ़िल्माये गई इस क़व्वाली में जोगिन्दरनगर के घोघर धार की ख़ूबसूरती और सुन्दर नजारों को प्रस्तुत करने के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को भी मौका दिया गया है। राम चंद्र ने कहा कि आने वाले समय में भी भजन एवं पहाड़ी लोकगीतों को जनता तक पहुंचाने के उनके प्रयास जारी रहेंगे। राम चन्द्र ने बताया कि इस भजन में संगीत देव नेगी ने दिया है। जबकि वीडियो डायरेक्टर विशाल ठाकुर व कैमरामैन के रूप मे सचिन थापा और सुनील राणा ने अपनी प्रतिभा दिखाई है। बता दें कि इससे पहले भी राम चंद्र के जोगिंदरनगरा रे नजारे, मैया जी तेरा भवन बड़ा है दूर एवं बाबा बालकनाथ जी के भजन को जनता द्वारा खूब प्यार मिला है।
क्रान्ति सूद । जोगिंद्रनगर आईटीआई जोगिंद्रनगर में एवन फायर टेक बद्दी द्वारा प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को अग्निशमन यंत्र के प्रयोग बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस बारे जानकारी देते हुए संस्थान की प्रधानाचार्य नवीन कुमारी ने बताया कि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान जोगिंद्रनगर में प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं के लिए अग्निशमन यंत्र के प्रयोग बारे डेमो देकर बच्चों को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रशिक्षु को अग्निशमन यंत्र बारे पूर्ण रूप से जानकारी प्रदान की गई। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार आपदा के समय अग्निशमन यंत्र का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। साथ ही प्रशिक्षुओं को यह भी बताया गया कि कितने प्रकार के अग्निशमन यंत्र होते हैं और उनमें कौन सी गैस भरी जाती है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सभी को बताया गया कि अपने साथ-साथ दूसरे लोगों की भी आग लगने पर किस प्रकार से सहायता की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रशिक्षण संस्थान के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे और उन्होंने पूर्ण रूप से इस प्रदर्शन में भाग लिया।
जोगिन्दरनगर से रोपा बनवार रूट पर निगम की बस एक बार ट्रायल के चलते शुरू हुई। यह बस सेवा बीते पांच महीने से भजेरा गाँव के पास भारी बरसात के चलते सड़क धसने के कारण बंद थी। परिवहन निगम द्वारा इस रूट के ट्रायल के लिए बस भेजी गई, जो रोपा बनवार के लिए तो निकली पर बनवार गाँव न पहुँच कर मगरूनाले के पास से ही वापिस हो गई, जिसके चलते गांव के लोगों ने आक्रोश जताया। गांव के लोगों का कहना है कि इस प्रकार से आधी अधूरी बस सेवा बहाल करने का उन्हें कोई लाभ नहीं है। उन्होंने परिवहन विभाग से मांग की है की इस बस रूट को पहले की भांति सुचारू रूप से चलाया जाए।
मंडी जिला के द्रंग क्षेत्र की दुर्गम चौहारघाटी में देर रात भीषण आगजनी की घटना सामने आयी है। इस घटना में 8 कमरों वाले एक मकान में आग लग गई, जिससे 2 परिवार बेघर हो गए। आगजनी की यह घटना रात साढ़े 11 बजे सुधार पंचायत के घघटयाण गांव में हुई। घटना के वक्त दोनों परिवारों के सभी सदस्य सो रहे थे। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी भी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। सूचना मिलते ही पधर पुलिस और उपमंडल प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और नुकसान का आंकलन किया। पंचायत के जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे। पंचायत प्रधान निशा ठाकुर ने कहा कि देर रात करीब 12 बजे उन्हें घघटयाण गांव में आग लगने की सूचना मिली। जहां दो भाइयों रूप लाल और प्रेम सिंह के आठ कमरों का मकान और रसोई घर पूरी तरह जल कर राख हो गए थे। परिवार के किसी बुजुर्ग ने मकान में लगी आग की लपटों की आवाज को सुना। मुस्तैदी दिखाते हुए पूरे परिवार को मकान से बाहर निकाल सुरक्षित बचाया। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाने के लिए बहुत प्रयास किए, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई।घटना में लाखों रुपये का नुकसान हो गया। एसडीएम पधर संजीत सिंह ने कहा कि पुलिस और राजस्व विभाग की टीम को मौके पर जाकर नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। डीएसपी पधर लोकेंद्र नेगी ने आग लगने के कारणों की जानकारी दी और कहा की मामले की जांच-पड़ताल की जाएगी I
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने छः मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है। कुल्लू सदर से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, रोहड़ू से विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, दून से विधायक राम कुमार चौधरी, पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल, बैजनाथ से विधायक किशोरी लाल और अर्की से विधायक संजय अवस्थी को सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। इनमें से सूंदर सिंह ठाकुर, आशीष बुटेल और राम कुमार चौधरी को मंत्री पद की दौड़ में भी माना जा रहा था, लेकिन इन्हें सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया है। रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी 6 विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुंदर सिंह ठाकुर : दूसरी बार बने है विधायक 57 वर्षीय सुंदर सिंह ठाकुर लगातार दूसरी बार कुल्लू सदर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे है। सुंदर सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से बीएससी (मेडिकल) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि प्राप्त की। ठाकुर बागवानी एवं होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। सूंदर सिंह ठाकुर ने वर्ष 1985-86 में हिमसा चंडीगढ़ के संगठन सचिव के रूप में कार्य किया। इसके उपरांत वर्ष 1989-91 तक हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई के उपाध्यक्ष, 1991 में पंचायत समिति सदस्य, वर्ष 1991-94 तक पंचायत समिति कुल्लू के अध्यक्ष, वर्ष 1994-99 तक जिला परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2009-2012 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के राज्य प्रतिनिधि तथा वर्ष 2012 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव पद पर रहे। ठाकुर ने 2003-08 तक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा वर्ष 2013 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश खेल परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया। सुंदर सिंह दिसंबर 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए और जनरल डेवलपमेंट एंड सबोर्डिनेट लेजिस्लेशन कमेटी के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में यह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक के रूप में चुने गए। मोहन लाल ब्राक्टा : लगातार तीसरी बार बने विधायक 57 वर्षीय मोहन लाल ब्राक्टा ने विधि स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है और एक अधिवक्ता के तौर पर सक्रिय रहे हैं। ब्राक्टा वर्ष 2012 में पहली बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2013 से 2017 तक इन्होंने प्राक्कलन, ग्राम नियोजन, सार्वजनिक उपक्रम, कल्याण, विशेषाधिकार एवं नीति समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए यह पुनः निर्वाचित हुए और कल्याण, नियम एवं ई-गवर्नेंस व सामान्य मामले समितियों के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए यह पुनः बतौर विधायक चुने गए है। मोहन लाल ब्राक्टा को होली लॉज खेमे का माना जाता है। राम कुमार चौधरी : मंत्री पद की दौड़ में थे शामिल राम कुमार चौधरी को सियासत विरासत में मिली है। उनके पिता लज्जा राम कई बार विधायक और मुख्य संसदीय सचिव रहे है। राम कुमार चौधरी ने लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है और रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं। राम कुमार चौधरी हरिपुर संदोली ग्राम सुधार सभा के अध्यक्ष रहे हैं। इसके अतिरिक्त चौधरी वर्ष 1993-95 में प्रदेश एनएसयूआई के महासचिव, वर्ष 2003 में राज्य युवा कांग्रेस के महासचिव तथा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के वर्तमान में महासचिव हैं। वर्ष 2006 से 2011 तक यह जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रहे। यह दिसंबर 2012 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक चुने गए है। आशीष बुटेल : शांता कुमार के गृह क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत किया पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री बृज बिहारी लाल बुटेल के सुुपुत्र आशीष बुटेल दूसरी बार पालमपुर से विधायक बने है। पालमपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का गृह क्षेत्र है और यहाँ से बुटेल ने दोनों मर्तबा भाजपा के दिग्गज नेताओं को हराया है। 2017 में उन्होंने इंदु गोस्वामी को हराया था और इस बार भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर को हराया है। बुटेल ने सिम्बोयसिस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय पुणे से वाणिज्य स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। आशीष बुटेल को वर्ष 2011 से 2013 तक लोकसभा युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। वह वर्ष 2014 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं। वह वर्ष 2017 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं ग्रामीण योजना समितियों के सदस्य रहे। वह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। आशीष बुटेल जिला कांगड़ा बॉस्केटबाल संघ के भी अध्यक्ष हैं। उनकी सामाजिक कार्यों तथा अध्ययन में विशेष रूचि है। किशोरी लाल : बैजनाथ से दूसरी बार बने है विधायक किशोरी लाल जिला कांगड़ा के बैजनाथ से दूसरी बार विधायक बने है। वह पांच बार पंचायत प्रधान तथा उप-प्रधान रहे हैं। वह ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव, जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। किशोरी लाल दिसम्बर, 2012 में प्रथम बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में पुनः विधायक के रूप में चुने गए हैं। बैजनाथ पंडित संत राम की कर्मभूमि रही है और इसी सीट से उनके पुत्र सुधीर शर्मा भी दो बार विधायक बने है। ये सीट आरक्षित होने बाद यहाँ से कांग्रेस ने किशोरी लाल को चेहरा बनाया और वे तीन में से दो चुनाव जीतने में सफल रहे। संजय अवस्थी : क्रिकेट के मैदान से सियासी मैदान तक पहुंचे अवस्थी 57 वर्षीय संजय अवस्थी अर्की से दूसरी बार विधायक बने है। अवस्थी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है। संजय अवस्थी वर्ष 1996 से 2006 तक जिला क्रिकेट संघ सोलन के अध्यक्ष तथा वर्ष 2000 से 2005 तक नगर परिषद सोलन के पार्षद रहे। वह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य है। संजय अवस्थी 30 अक्टूबर, 2021 को विधानसभा उप-चुनाव में प्रथम बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। संजय अवस्थी ने रणजी ट्रॉफी राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है।
विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे है। महज 28 साल की उम्र में विक्रमादित्य सिंह 2017 में पहली बार शिमला ग्रामीण सीट से विधायक बने थे। इस बार विक्रमादित्य सिंह दूसरी बार विधायक बने है और अब 33 साल की उम्र में मंत्री भी बन गए है। अलबत्ता विक्रमादित्य सिंह को सियासत विरासत में मिली है लेकिन वे हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से है। अमूमन प्रदेश के हर निर्वाचन क्षेत्र में उनके समर्थक है और वे बीते चुनाव में कोंग्रस के स्टार प्रचारक भी थे। विक्रमादित्य ने इतिहास में स्नातक उपाधि सेंट स्टीफनज महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की। विक्रमादित्य 2013 से 2018 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह के मंत्री बनने के बाद उनके समर्थकों में ख़ासा उत्साह है और होली लॉज में एक बार फिर दिवाली सा माहौल है। गौरतलब है कि उनकी माता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी सीएम पद की दौड़ में थी लेकिन पार्टी ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाया। इसके बाद होली लॉज समर्थकों में निराशा थी लेकिन अब विक्रमादित्य सिंह के मंत्री बनने से फिर नए उत्साह का संचार हुआ है।
एसडीएम ने सहयोग के लिए कहा थैंक्स, लाइब्रेरी में अच्छी सुविधाएं जुटाने में मिलेगी मदद क्रान्ति सूद । जोगिंद्रनगर आईफ्लेक्स स्कूल धनैतर चौंतड़ा ने सार्वजनिक पुस्तकालय जोगिन्दर नगर के लिए 10 हजार रुपए की धनराशि का सहयोग किया है। स्कूल के प्रबंधक अमित कुमार तथा प्रधानाचार्य दीपिका वर्मा ने एसडीएम जोगिंद्रनगर डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा को आज एसडीएम कार्यालय में 10 हजार रुपए की धनराशि भेंट की। एसडीएम डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने सार्वजनिक पुस्तकालय जोगिंद्रनगर के लिए 10 हजार रुपए की धनराशि का सहयोग प्रदान करने के लिए आईफ्लेक्स स्कूल प्रबंधन का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि उनके इस सहयोग से पब्लिक लाइब्रेरी जोगिंद्रनगर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवाओं को ओर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी। एसडीएम ने कहा कि इससे पहले भी समाज के विभिन्न वर्गों के लोग सार्वजनिक पुस्तकालय जोगिंद्रनगर के संचालन के लिए पुस्तकों सहित अन्य सुविधाएं जुटाने में जोगिंद्र प्रशासन का सहयोग करते रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की भविष्य में भी लोग इसी तरह सार्वजनिक पुस्तकालय के बेहतर संचालन एवं अच्छी सुविधाएं जुटाने में प्रशासन का सहयोग करते रहेंगे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। बिलासपुर सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में ज्योति बासु भवन हमीरपुर में संपन्न हुई। बैठक में सीटू राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि मजदूरों और किसानों की मांगों पर 8 जनवरी को सीटू व हिमाचल किसान सभा का मंडी में राज्य स्तरीय अधिवेशन होगा। इन मांगों को लेकर मजदूर किसान 5 अप्रैल 2022 को दिल्ली में संसद मार्च करेंगे। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार मजदूरों के कानूनों पर हमले कर रही है। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने मजदूरों के चबालिस कानूनों को खत्म करके चार लेबर कोड बनाने, सार्वजनिक क्षेत्र के विनिवेश व निजीकरण के निर्णय लिए हैं। उन्होंने आउटसोर्स नीति बनाने, स्कीम वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित करने, मनरेगा मजदूरों के लिए 350 रुपए दिहाड़ी लागू करने आदि विषयों पर केंद्र व प्रदेश सरकार की मज़दूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूंजीपतियों के हित में कार्य कर रही है व मजदूर विरोधी निर्णय ले रही है। पिछले सौ सालों में बने चौबालिस श्रम कानूनों को खत्म करके मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताएं अथवा लेबर कोड बनाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल का फायदा उठाते हुए मोदी सरकार के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश जैसी कई राज्य सरकारों ने आम जनता,मजदूरों व किसानों के लिए आपदाकाल को पूंजीपतियों व कॉरपोरेट्स के लिए अवसर में तब्दील कर दिया है। यह साबित हो गया है कि यह सरकार मजदूर, कर्मचारी व जनता विरोधी है व लगातार गरीब व मध्यम वर्ग के खिलाफ कार्य कर रही है। सरकार की पूंजीपतिपरस्त नीतियों से देश की नब्बे प्रतिशत आम जनता सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है। सरकार फैक्टरी मजदूरों के लिए बारह घण्टे के काम करने का आदेश जारी करके उन्हें बंधुआ मजदूर बनाने की कोशिश कर रही है। आंगनबाड़ी,आशा व मिड-डे-मील योजनकर्मियों के निजीकरण की साज़िश की जा रही है। उन्हें वर्ष 2013 के 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 26 अक्तूबर, 2016 को समान कार्य के लिए समान वेतन के आदेश को आउटसोर्स, ठेका, दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए लागू नहीं किया जा रहा है। केंद्र व राज्य के मजदूरों को एक समान वेतन नहीं दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के मजदूरों के वेतन को महंगाई व उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ नहीं जोड़ा जा रहा है। सातवें वेतन आयोग व 1957 में हुए 15वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार उन्हें 21 हज़ार रुपए वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की है कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपए घोषित किया जाए। केंद्र व राज्य का एक समान वेतन घोषित किया जाए। आंगनबाड़ी, मिड-डे-मील, आशा व अन्य योजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। मनरेगा में 200 दिन का रोज़गार दिया जाए व उन्हें राज्य सरकार द्वारा घोषित 350 रुपए न्यूनतम दैनिक वेतन लागू किया जाए। श्रमिक कल्याण बोर्ड में मनरेगा व निर्माण मजदूरों का पंजीकरण सरल किया जाए। निर्माण मजदूरों की न्यूनतम पेंशन तीन हज़ार रुपए की जाए व उनके सभी लाभों में बढ़ोतरी की जाए। कॉन्ट्रैक्ट, फिक्स टर्म, आउटसोर्स व ठेका प्रणाली की जगह नियमित रोज़गार दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार समान काम का समान वेतन दिया जाए। सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश व निजीकरण बंद किया जाए। 44 श्रम कानून खत्म करके मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताएं (लेबर कोड) बनाने का निर्णय वापस लिया जाए। सभी मजदूरों को ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, नियमतित रोज़गार,पेंशन व दुर्घटना लाभ आदि सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए। भारी महंगाई पर रोक लगाई जाए। पेट्रोल, डीडल, रसोई गैस की कीमतें कम की जाएं। रेहड़ी, फड़ी तयबजारी क़े लिए स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट को सख्ती से लागू किया जाए। बैठक में विजेंद्र मेहरा, डॉ कश्मीर ठाकुर, प्रेम गौतम, जगत राम, एनडी रणौत, जोगिंद्र, अजय दुलटा, राजेश, केवल, संतोष, रंजन शर्मा, सुरेश, नीलम, विजय, सुमित्रा, सुदेश, हिमी, हिमिंद्री, आशीष, गुरदास, अनिल, संजय, विक्की, सर चंद, भूप सिंह, पदम, बालक राम, मदन नेगी, गुरनाम व रामप्रकाश आदि शामिल रहे।
क्रांति सूद। जोगिंद्रनगर माइंड ऑपरेशन अकादमी के निदेशक राम प्रकाश ठाकुर ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुफरी में बच्चों को पढ़ाई को आसान बनाने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा पढ़ाई करना इस दुनिया में सबसे आसान कार्य है, परंतु बच्चे उन सभी तकनीकों को नहीं जानते हैं,जिससे वह अपनी पढ़ाई आसान बना सकें। निदेशक ने कहा कि कुफरी स्कूल के प्रधानाचार्य बालकृष्ण यादव ने सराहनीय प्रयास किया है कि बच्चों को एक ऐसी शिक्षा के बारे में जागरूक करवाया गया, जो शिक्षा बच्चे की मानसिकता पर सकारात्मक असर डालती है। निदेशक ने बच्चों को एक बार पढ़ कर याद कैसे करना है। उन्होंने मेमोरी डेमो दे कर के बताया कि किसी भी चीज को हम एक बार पढ़कर आसानी से याद कैसे रख सकते हैं। निदेशक राम प्रकाश ठाकुर का मानना है कि बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाने के लिए यह शिक्षा बहुत अहम किरदार निभाती है और ऐसे सेमिनार सभी सरकारी स्कूल महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में होने अति आवश्यक है। जिन बच्चों को पढ़ाई करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, उनके लिए पढ़ाई एक मनोरंजन का माध्यम बन सकता है। इस सेमिनार में प्रधानाचार्य बालकृष्ण यादव तथा अन्य सभी अध्यापक वर्ग ने भी भाग लिया। वहीं, ग्राम पंचायत कुफरी के उप प्रधान ओम प्रकाश ठाकुर ने भी सेमिनार में हिस्सा लिया और उन्होंने भी अपने शब्दों के माध्यम से बच्चों को प्रेरित किया। निदेशक राम प्रकाश ठाकुर ने प्रिंसिपल और सभी अध्यापक वर्ग का बच्चों को ऐसी शिक्षा से अवगत करवाने के लिए धन्यवाद किया और कहा इस तरह के सेमिनार माइंड ऑपरेशन अकादमी के माध्यम से आगे भी सरकारी स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में करवाते रहेंगे।
क्रांति सूद। लडभड़ोल एचआरटीसी जोगिंद्रनगर में कार्यरत चालक सागर सिंह पुत्र सरद सिंह निवासी धानग तहसील बैजनाथ ने पुलिस चौकी लडभड़ोल में दर्ज शिकायत अनुसार बयान दिया कि वह बतौर चालक एचआरटीसी जोगिंद्रनगर में कार्यरत हैं तथा 22 दिसंबर को जोगिंद्रनगर से बस (एचपी 67-2580) को परिचालक संजय कुमार के साथ 4:10 बजे ग्राम पंचायत सिमस के लिए आया था औ सायं 7:10 बजे सिमस पहुंचे और बस खड़ी करके अपने कमरे में चले गए तथा खाना खाकर अपने कमरे में सो गए। उन्होंने कहा कि आज सुबह 7:35 बजे जब वह तथा परिचालक बस के पास पहुंचे, तो देखा कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने बस के फ्रंट शीशे को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम नहीं है कि बस का शीशा किसने तोड़ा है और किसने इस वारदात को अंजाम दिया है और किसी भी व्यक्ति पर कोई शक नहीं है। उन्होंने पुलिस से मामले की छानबीन करने की गुहार लगाई है।
मंडी के पड्डल मैदान में 18 व 19 दिसम्बर को एकल अभियान द्वारा अभ्युदय खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए एकल अभियान के संभाग अध्यक्ष सुभाष जरयाल ने बताया कि एकल अभियान समय समय पर अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है। इसी क्रम में एकल अभियान द्वारा सम्भाग स्तरीय अभ्युदय खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन मंडी के पड्डल मैदान में 18 व 19 दिसम्बर को करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में उत्तर हिमाचल संभाग के 20 अंचलों से अव्वल रहे 6 से 14 आयु वर्ष के 600 खिलाड़ी कबड्डी, दौड़, लम्बी कूद, ऊंची कूद व कुश्ती प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि सम्भाग में भी अव्वल रहने वाले खिलाड़ियों को लखनऊ में राष्ट्र स्तरीय खेलों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
पांवटा साहिब में भाजपा के तीन बागी उम्मीदवारों के मैदान में होने से क्या निवर्तमान ऊर्जा मंत्री बेहतर कर पाएंगे, इस सवाल पर आठ दिसंबर को आये नतीजों ने विराम लगा दिया है। सुखराम चौधरी ने तमाम कयासों को गलत साबित करते हुए बड़े मार्जिन से चुनाव जीता। जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी इस सीट से छठी बार भाजपा टिकट के साथ मैदान में थे। चौधरी ने 1998 में हार के साथ शुरुआत की थी लेकिन इसके बाद 2003 और 2007 में वे जीते। तब इस सीट का नाम पौंटा दून था, फिर 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट पौंटा साहिब हो गयी। 2012 में उन्हें फिर हार का सामना करना पड़ा लेकिन 2017 में वे फिर जीते। इसके बाद वर्ष 2020 में हुए जयराम कैबिनेट के विस्तार में उन्हें मंत्री पद भी मिल गया। सुखराम चौधरी इस बार जीत का चौका लगाने के फ़िराक में थे और वे सफल भी हुए। सुखराम चौधरी ने 8596 मतों से जीत हासिल की। उधर, कांग्रेस ने फिर इस सीट से किरनेश जंग को मैदान में उतारा। किरनेश पहली बार 2003 में लोकतान्त्रिक मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। फिर 2007 में कांग्रेस के टिकट पर हारे। 2012 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया लेकिन वे निर्दलीय चुनाव जीतने में कामयाब रहे। पर 2017 में कांग्रेस टिकट पर फिर हार गए। ऐसे में इस बार कांग्रेस से उनके टिकट को लेकर संशय बना हुआ था लेकिन आखिरकार उन्हें पार्टी ने टिकट दे दिया। ये किरनेश जंग का पांचवा चुनाव था और उनके खाते में सिर्फ एक जीत है। स्वाभाविक है ऐसे में उनके लिए इस बार जीत हासिल करना बेहद जरूरी था लेकिन वे इस बार भी चुनाव हार गए। अब निसंदेह हार के बढ़ते क्रम से किरनेश जंग की राह बेहद मुश्किल होने वाली है। खेर, निवर्तमान ऊर्जा मंत्री के जीतने से पांवटा साहिब में भाजपा फिर पावर में आ गयी है
आख़िरकार कसौली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने 15 वर्षों के बाद वापसी कर ही ली। बीते तीन चुनावों की तरह इस बार भी कसौली सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिली। इस बार निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल के साथ भाजपा की पूरी टीम जीत का चौका लगाने के लिए मैदान में थे, तो दूसरी तरफ कांग्रेस और विनोद सुल्तानपुरी जीत का सूखा खत्म करने के लिए जदोजहद करते दिखे। डॉ राजीव सैजल खुद जीत को लेकर आश्वस्त थे लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने इस बार चुनाव जीत कर निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल के सियासी चौका लगाने के फ़िराक पर पानी फेर दिया और 6768 मतों से जीत हासिल कर ली। अतीत पर गौर करें तो कसौली निर्वाचन क्षेत्र लम्बे अर्से तक कांग्रेस का गढ़ रहा। 1982 से 2003 तक हुए 6 विधानसभा चुनावों में से पांच कांग्रेस ने जीते और पांचों बार प्रत्याशी थे रघुराज। सिर्फ 1990 की शांता लहर में एक मौका ऐसा आया जब रघुराज भाजपा के सत्यपाल कम्बोज से चुनाव हारे। 2003 में प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनी और वीरभद्र सरकार में रघुराज मंत्री बने। मंत्री बनने के बाद कसौली के लोगों की अपेक्षाएं भी बढ़ी और शायद इसी का खामियाजा रघुराज को 2007 में उठाना पड़ा, जब वे चुनाव हार गए। इसके बाद राजीव सैजल ने जीत की हैट्रिक लगाकर जयराम सरकार में मंत्री पद भी हासिल किया। वर्ष 2012 में कांग्रेस ने चेहरा बदला और युवा विनोद सुल्तानपुरी को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया। दो युवा नेताओं के बीच इस चुनाव में कांटेदार टक्कर हुई और हार व जीत का मार्जिन भी काफी करीबी रहा। राजीव सैजल ने विनोद सुल्तानपुरी को मात्र 24 मतों से शिकस्त दी। वर्ष 2017 में कांग्रेस व भाजपा दोनों दलों ने एक बार फिर इन्हीं दोनों प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतार दिया। इस बार भी दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। हालांकि डा. सहजल ने वर्ष 2012 के मार्जिन व अपनी स्थिति को थोड़ा बेहतर करते हुए 442 मतों से जीत प्राप्त की। लगातार दो चुनावों में मामूली अंतर से हार का मुंह देख रहे कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी के लिए वर्ष 2022 का चुनाव उनके राजनीतिक करियर के लिए काफी महत्वपूर्ण था। कांग्रेस के टिकट चाहवानों को दरकिनार करते हुए विनोद सुल्तानपुरी एक बार फिर पार्टी टिकट पाने में कामयाब रहे। भाजपा ने भी जीत की हैट्रिक लगा चुके डा. राजीव सैजल पर ही दांव खेला। तीसरी बार विनोद सुल्तानपुरी और राजीव सैजल चुनावी मैदान में आमने सामने थे। नतीजन भाजपा के 15 सालों के तिलिस्म को तोड़ते हुए विनोद सुल्तानपुरी ने कसौली में वापसी करवाई।
रामपुर निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का अभेद गढ़ रहा है। देश में आपातकाल के बाद हुए 1977 के चुनाव को छोड़ दिया जाएं, तो यहां हमेशा कांग्रेस का परचम लहराया है। वहीं भाजपा की बात करें तो 1980 में पार्टी की स्थापना के बाद से 9 चुनाव हुए है, लेकिन पार्टी को कभी यहां जीत का सुख नहीं मिला। पर बीते कुछ चुनाव के नतीजों पर नजर डाले तो कांग्रेस और वीरभद्र परिवार के इस गढ़ में पार्टी की जीत का अंतर कम जरूर हुआ है। 1990 की शांता लहर में भी कांग्रेस के सिंघीराम यहाँ से 11856 वोट से जीते थे, लेकिन 2017 आते -आते ये अंतर 4037 वोटों का रह गया। 1993 में कांग्रेस यहाँ 14478 वोट से जीती तो 1998 में जीत का अंतर 14565 वोट था। जबकि 2003 के चुनाव में ये अंतर बढ़कर 17247 हो गया। तीनों मर्तबा यहाँ से सिंघी राम ही पार्टी प्रत्याशी थे। 2007 में कांग्रेस ने यहाँ से प्रत्याशी बदला और नंदलाल को मैदान में उतारा। नंदलाल को जीत तो मिली लेकिन अंतर घटकर 6470 वोट का रह गया। 2012 में नंदलाल 9471 वोट से जीते तो 2017 में अंतर 4037 वोट का रहा। इस बार भाजपा ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र में टिकट बदल युवा चेहरे कौल सिंह नेगी को मैदान में उतारा था जबकि कांग्रेस ने भारी विरोध के बावजूद वर्तमान विधायक नंदलाल पर ही दांव खेला। नंदलाल को लेकर क्षेत्र में एंटी इंकम्बेंसी दिखी है, मगर उनके प्रचार का ज़िम्मा खुद राज परिवार ने संभाला था। उधर कौल नेगी ने भी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। कौल नेगी इस सीट पर कमल तो नहीं खिला पाए लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी को जबरदस्त टक्कर दे कर जीत के अंतर को न के बराबर साबित किया। इस चुनाव में नन्द लाल मात्र 567 वोट से जीत दर्ज कर गए।
जिला कांगड़ा प्रदेश की सियासत का रास्ता प्रशस्त करता है और कांगड़ा के नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में सियासी पारा हमेशा से हाई रहा है। नूरपुर भाजपा के तेजतर्रार नेता राकेश पठानिया का क्षेत्र है। बावजूद इसके इस बार चुनाव से पहले ही भाजपा में काफी उठापठक और अंतर्कलह देखने को मिली। दरअसल भाजपा के जिला महामंत्री रणवीर सिंह निक्का चुनाव से पहले ही काफी सक्रिय दिखे और लगातार टिकट की मांग करते आये। निक्का ने यह तक ऐलान कर दिया था कि यदि पार्टी टिकट नहीं देती है तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। निक्का ने विभिन्न रैली और आयोजनों में उनके साथ जन समर्थन का बेहतर प्रदर्शन किया। शायद पार्टी निक्का के शक्ति प्रदर्शन से भांप चुकी थी कि निक्का अगर बागी लड़ते है तो भाजपा को इसका नुकसान होगा। नतीजन भाजपा ने रणवीर सिंह निक्का को टिकट दिया और राकेश पठानिया को फतेहपुर भेज दिया। निक्का ने बेहतरीन तरीके से चुनाव लड़ा और बड़े मार्जिन के अंतर् से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय महाजन को हरा दिया। हालाँकि नूरपुर सीट पर तो निक्का का सिक्का चला लेकिन राकेश पठानिया फतेहपुर सीट पर चुनाव हार गए। उधर, नूरपुर निर्वाचन क्षेत्र में पिछले चार चुनाव के नतीजों पर गौर फरमाएं तो यहाँ की जनता ने हर पांच वर्ष में बदलाव किया है। 2003 के विधानसभा चुनाव में सत महाजन ने कांग्रेस को इस सीट पर जीत दिलाई। 2007 के विधानसभा चुनाव में राकेश पठानिया आज़ाद उमीदवार के रूप में मैदान में उतरे और जीत का परचम लहराया। 2012 में कांग्रेस ने अजय महाजन पर दांव खेला और जनता ने कांग्रेस पार्टी पर विश्वास जताया। 2017 के विधानसभा चुनाव में राकेश पठानिया भाजपा में शामिल हुए और इस सीट पर भाजपा की जीत हुई। इस बार कांग्रेस ने फिर अजय महाजन को टिकट दिया था जबकि भाजपा ने निक्का को चुनावी मैदान में उतार था। इस चुनाव में नूरपुर में रणवीर सिंह निक्का ने जीत दर्ज की है और पहली बार विधानसभा पहुंचे, जबकि अजय महाजन विजय प्राप्त नहीं कर सके।
जिला किन्नौर में इस बार भी विधानसभा चुनाव में भरपूर रोमांच देखने को मिला। पहले दिन से ही कांग्रेस और भाजपा दोनों तरफ जमकर खींचतान दिखी। कांग्रेस में जहाँ सीटिंग विधायक और वरिष्ठ नेता जगत सिंह नेगी का टिकट अंतिम समय तक लटका रहा, तो भाजपा ने पूर्व विधायक तेजवंत नेगी का टिकट काटकर युवा सूरत नेगी को मैदान में उतारा। खफा होकर तेजवंत भी चुनावी समर में कूद गए और इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया। नतीजन, भाजपा के बगावत का फायदा कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह नेगी को मिला और जगत नेगी हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। जगत सिंह नेगी को 20696 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी सूरत नेगी को 13732 वोट प्राप्त हुए जबकि भाजपा के बागी तेजवंत नेगी ने 8574 मत लेकर भाजपा को डैमेज किया। किन्नौर के चुनावी इतिहास पर नज़र डाले तो अब तक सिर्फ ठाकुर सेन नेगी (तेते जी) ही जीत की हैट्रिक लगा सके है। ठाकुर सेन नेगी 1967 से 1982 तक लगातार चार चुनाव जीते। दिलचस्प बात ये है कि वे तीन बार निर्दलीय और एक बार लोकराज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। फिर वे भाजपा में शामिल हो गए और एक बार 1990 में भाजपा टिकट से भी जीतने में कामयाब हुए। ठाकुर सेन नेगी के अलावा जगत सिंह नेगी ही इकलौते ऐसे नेता है जो हैट्रिक लगाने में सफल हुए है।
फतेहपुर भाजपा के टिकट आवंटन के बाद सबसे चर्चित सीटों में से एक है। दरअसल ये वो सीट है जहाँ भाजपा ने नजदीकी निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी इम्पोर्ट किया है। नूरपुर से विधायक और कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया को भाजपा ने इस मर्तबा फतेहपुर फ़तेह करने का जिम्मा सौपा है। वैसे भी डॉ राजन सुशांत के पार्टी छोड़ने के बाद से इस क्षेत्र में भाजपा कभी कांग्रेस को जोरदार टक्कर नहीं दे पाई है। बगावत मानो यहाँ भाजपा की नियति बन चुकी है। यहाँ पार्टी दो उपचुनाव सहित लगातार चार चुनाव हार चुकी है। ऐसे में पार्टी ने इस बार राकेश पठानिया को उतार कर बड़ा गैम्बल खेला है। दरअसल इस क्षेत्र में पार्टी टिकट के दो मुख्य दावेदार थे, बलदेव ठाकुर और कृपाल परमार। पिछले चुनावों को देखे तो पार्टी अगर एक को टिकट देती है, तो दूसरा नाराज हो जाता है। संभवतः पार्टी को लगा हो किसी तीसरे को लेकर पार्टी को एकजुट किया जा सकता है। पर दाव उलटा पड़ गया। कृपाल ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा है। दिलचस्प बात तो ये है कि कृपाल को मनाने के लिए खुद पीएम मोदी का फोन आया था, जो काफी वायरल भी हुआ। पर पीएम के मनाने पर भी कृपाल माने नहीं। अब कृपाल पर मतदाताओं की कितनी कृपा रही, ये देखना रोचक होगा। तो वहीं कभी भाजपा के नेता रहे पूर्व सांसद राजन सुशांत इस बार आम आदमी पार्टी से मैदान में है। पर डॉ राजन सुशांत का प्रचार प्रसार इस बार ज्यादा आक्रामक नहीं दिखा है। पर इस क्षेत्र से वो चार बार विधायक रहे है और उनका एक सेट वोट बैंक है जिसके चलते उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। उधर कांग्रेस ने एक बार फिर भवानी सिंह पठानिया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस में भवानी के नाम को लेकर कोई विरोध नहीं दिखा। भवानी सिंह पठानिया कॉर्पोरेट जगत की नौकरी छोड़कर अपने पिता स्व सुजान सिंह पठानिया की राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए फतेहपुर लौटे है। पर पिछले चुनाव को जीत कर भवानी ने ये साबित कर दिया था की वे राजनीति के लिए नए नहीं है। बहरहाल कांग्रेस में 'जय भवानी' का नारा बुलंद है और समर्थक तो उन्हें भावी मंत्री भी बताने लगे है। जानकारों का मानना है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और भवानी भी ये चुनाव जीतते है तो उन्हें मंत्री पद या कोई अहम ज़िम्मेदारी मिल सकती है। बहरहाल, भवानी और विधानसभा के बीच भाजपा के बड़े नेता और मंत्री राकेश पठानिया, कृपाल परमार और राजन सुशांत जैसे दिग्गज है। अब फतेहपुर में युवा जोश की जीत होती है या अनुभव की, ये तो नतीजे ही तय करेंगे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। चैलचौक(मंडी) अभिलाषी यूनिवर्सिटी मंडी एट चैलचौक ने शिक्षा के क्षेत्र में एक और शानदार उपलब्धि हासिल की है। बेहतरीन सुबिधाओं के साथ क्वॉलिटी एजूकेशन मुहैया कराने के लिए अभिलाषी यूनिवर्सिटी को नैक ने बी प्लस ग्रेड प्रदान किया है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एंव प्रत्यायन परिषद (नैक) की सात सदस्यीय पीयर टीम ने हाल ही मे 24, 25 और 26 नबंवर को अभिलाषी यूनिवर्सिटी का निरीक्षण किया था और इस निरीक्षण के बाद अब नैक ने अभिलाषी यूनिवर्सिटी को बी प्लस ग्रेड प्रदान किया है। नैक यूजीसी का एक हिस्सा है और इसका काम देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानो की गुणवता को परख कर रेटिंग देना है। नैक रेटिंग से छात्रों को संस्थान के बारे मे क्वॉलिटी एजूकेशन, रिसर्च, सुबिधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की सही जानकारी मिलती है। अभिलाषी यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. एचएस बनयाल ने बताया कि अगस्त 2014 में अभिलाषी यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी और सात साल के छोटे से अंतराल मे यूनिवर्सिटी ने यह बड़ा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने बताया कि अभिलाषी यूनिवर्सिटी मे मौजूदा समय मे 6 डिप्लोमा, 7 यूजी, 18 पीजी और 8 पीएचडी कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रो. बनयाल ने बताया कि प्रदेश सहित देश भर के करीब 10 राज्यों के छात्र अभिलाषी यूनिवर्सिटी मे पढ़ाई कर रहे हैं और अभिलाषी यूनिवर्सिटी के आयुर्वेदा, एग्रीक्लचर और वेटरनरी डिपार्टमेंट के बदौलत स्थानीय स्तर पर भी लोग काफी लाभान्वित हो रहे हैै। अभिलाषी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. आर के अभिलाषी और प्रो. चांसलर डॉ. ललित अभिलाषी ने इस उपलब्धि के लिए छात्रों, स्टाफ के सहयोगियों और अभिभावकों को बधाई दी। डॉ. अभिलाषी ने कहा कि आने बाले समय मे मौजूदा सुबिधाओं को और ज्यादा विकसित किया जाएगा।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला सैंट एडवर्ड स्कूल शिमला में आठवीं कक्षा के छात्र हार्दिक शर्मा का चयन राष्ट्रीय सब जूनियर कराटे प्रतियोगिता-2022 के लिए हुआ है। हार्दिक शर्मा इस प्रतियोगिता में हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे। वह प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु दिल्ली रवाना हुए हैं। यह प्रतियोगिता 3 और 4 दिसंबर,2022 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित की जा रही है। हार्दिक मूल रूप से मंडी जिला के गांव मंडल के रहने वाले हैं। उनका चयन बैजनाथ में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 45 किलोग्राम भार के वर्ग में गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर हुआ है। हार्दिक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने कराटे कोच पीएस पवार, सुनील वर्मा, स्कूल प्रधानाचार्य अनिल, स्कूल के सभी अध्यापकों और अपने माता-पिता को दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी हार्दिक शर्मा ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में 16 गोल्ड, 7 सिल्वर और 4 ब्रोंज मैडल जीते हैं।
** द्रंग में ठाकुर कौल सिंह की निगाह नौवीं जीत पर प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? इसका जवाब तो वक्त ही देगा लेकिन फिलवक्त कई ऐसे नाम है जिनको लेकर कयासबाजी जारी है। मुख्यमंत्री पद के इन्हीं दावेदारों में शामिल है कौल सिंह ठाकुर जो लगातार अपनी वरिष्ठता और अनुभव को लेकर सीएम पद के लिए दावा ठोक रहे है। करीब 50 साल लम्बे राजनीतिक सफर में कौल सिंह ठाकुर ने पंचायत समिति से लेकर कैबिनेट मंत्री तक का फासला तय किया है। वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे है और कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही भी है। ऐसे में जाहिर है उनका दाव कमजोर नहीं माना जा सकता। पर मुख्यमंत्री बनने से पहले कौल सिंह ठाकुर को विधायक बनना होगा। इस बार फिर कौल सिंह द्रंग विधानसभा सीट से मैदान में है और उनकी सीट पर सबकी निगाहें टिकी है। यूँ तो द्रंग विधानसभा सीट कौल सिंह ठाकुर का गढ़ मानी जाती है। कौल सिंह ठाकुर द्रंग से कुल आठ बार चुनाव जीते है और ये ही वजह है कि ये सीट कांग्रेस का अभेद दुर्ग बनी रही। कौल सिंह ठाकुर पहली बार 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। 1990 और 2017 के अलावा यहाँ हर बार कौल सिंह ठाकुर को ही जीत हासिल हुई है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कौल सिंह भाजपा प्रत्याशी जवाहर ठाकुर से चुनाव हार गए थे। दरअसल तब ठाकुर कौल सिंह के खिलाफ उनके ही करीबी रहे पूर्ण चंद ठाकुर ने कांग्रेस से बगावत करके चुनाव लड़ा था, जिसका फायदा यहाँ भाजपा को मिला। अब द्रंग सीट से कौल सिंह ठाकुर एक बार फिर मैदान में है। उनके खिलाफ भाजपा ने यहां अपने सिटींग विधायक का टिकट काट कर पूर्ण चंद ठाकुर को मैदान में उतारा है। अब भाजपा का ये फैसला कितना सही साबित होगा ये तो वक्त ही बताएगा। बहरहाल, कौल सिंह ठाकुर का क्षेत्र में अपना जनाधार है और एक किस्म से वे सीएम पद पर दावे के साथ चुनाव लड़े है। इस बार वे जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे है। अब यदि समीकरण पक्ष में रहे और कौल सिंह ठाकुर चुनाव जीत गए तो उनकी निगाह निश्चित तौर पर 2012 का अपना अधूरा सपना पूरा करने पर होगी।
जोगिंद्रनगर। क्रान्ति सूद माउंट मौर्या इंटरनेशनल स्कूल जोगिंद्रनगर में डीसी मंडी अरिंदम चौधरी द्वारा मंगलवार को अटल टिंकरिंग लैब का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस दौरान स्कूल के चेयरमैन आरसी गुलेरिया निदेशक मनोज ठाकुर व एडवाइजरी कमेंटी के हेड कर्नल आरसी ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान बच्चों द्वारा डीसी को मॉडल के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारियां दी गई। इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए डीसी ने कहा कि वे सभी बच्चों को उनके स्कूल में अटल टिंकरिंग लैब के शुभारंभ पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने कहा कि इस लैब के स्कूल में खुले से जहां बच्चों को बहुत से विषयों को समझने में आसानी होगी। वहीं, अध्यापकों को भी बच्चों को पढ़ाने में सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने सभी बच्चों से नशे व सोशल मीडिया से दूर रहकर अपनी शिक्षा की ओर एकाग्र रहकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का आह्वान भी किया।
पुलिस का नशे के खिलाफ अभियान जोरो से जारी है। इसी कार्यवाही के तहत मंडी पुलिस के विशेष जांच दल ने पुंघ के पास नाके के दौरान कार में सवार दो युवकों से 12.43 ग्राम चिट्टा पकड़ा है। आरोपियों की पहचान 32 वर्षीय ओमप्रकाश निवासी गांव अंदराड डाकघर टंग नरवाणा, और राजकुमार निवासी कारंझ डाकघर बीहूं तहसील जोगिंद्रनगर के रूप में की गई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में सोमवार सुबह एक कार दुर्घटना ग्रस्त हो गई। जानकारी के अनुसार ऐहजू बसाई सड़क के समीप कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी और कार में आग लग गई। हादसे की जानकारी मिलते ही आसपास मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही की हादसे में कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ। कार में सवार एक व्यक्ति ने छलांग लगाकर अपनी जान बचाई जबकि एक बच्चा घायल हो गया है।
** मुश्किल हो सकती है भाजपा और आप की राह 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
क्रान्ति सूद। जोगिंद्रनगर दयानंद भारतीय पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों ने शुक्रवार को स्कूल पिकनिक का मजा लिया। इस दौरान नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी के बच्चों ने शानन में अध्यापकों अनु ठाकुर, अनीता, अल्का व रक्षा के साथ पिकनिक मनाई। वहीं, पहली से आठवीं के बच्चों ने बाबा बालकरूपी मंदिर से आगे ठारा में अपनी पिकनिक मनाई। सभी बच्चे हाथ में तिरंगा लेकर देशभक्ति गीतों की धुनों के साथ पिकनिक स्थल में पहुंचे। इस दौरान छठी से आठवीं तक के बच्चों ने अपने आप चूल्हा जलाकर तरह-तरह के व्यंजन बनाए व खूब डांस किया। वहीं, स्कूल चेयरमैन ओम मरवाह व प्रधानाचार्य ओपी ठाकुर ने शानन व ठारा में पिकनिक स्थल में पहुंचकर बच्चों को अपने संबोधन में कहा कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन किए जाते रहेंगे।
'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में युवाओं के लिए भारतीय वायुसेना में अग्निवीर भर्ती के लिए 23 नवंबर शाम 5 बजे तक आवेदन करने के लिए आखिरी दिन है। भारतीय वायुसेना ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर (वायु) के लिए भर्तियां निकाली गई है। युवक और युवतियों को इसके लिए वायुसेना के बैव पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 23 नवम्बर शाम 5 बजे तक रहेगा। इसके पश्चात आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। भर्ती के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार 17 से 21 वर्ष तक के युवा -युवतियां इसके लिए आवेदन कर सकते है। पुरुष उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम लंबाई 152.5 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए 152 सेंटीमीटर रखी गई है। अग्निवीर वायु की भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षाएं 18 जनवरी 2023 से शुरू होंगी। अधिक जानकारी के लिए अग्नि पथ वायु डॉट सीडैक डॉट इन पर लॉग इन किया जा सकता है। इस पद के लिए चुने जाने वाले प्रत्याशी को प्रति माह 30 हजार रुपए वेतन दिया जाएगा और 4 साल के लिए नियुक्ति की जाएगी। सेवा मुक्त होने पर 10.04 लाख रुपए भी दिए जाएंगे।
राज सोनी । करसोग हिमाचल प्रदेश के कोने कोने व यहां के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है, यहां हर गांव में देवी-देवताओं के मंदिर हैं। इनके समागम व सम्मान में यहां इनके हर महीने मेले व त्योहार लगे रहते हैं। जिला मंडी के करसोग उपमंडल के च्वासी क्षेत्र के महोग तथा खन्योल च्वासी मंदिर में सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए बूढ़ी दीवाली का आयोजन 23-24 नवंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ किया जाएगा। जानकारी देते हुए च्वासी क्षेत्र के युवा समाज सेवी व कारदार च्वासीगढ़ टीसी ठाकुर ने बताया कि हर वर्ष यहां दीवाली के एक महीने बाद अमावस्या की रात को बूढी दीवाली का त्याेहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बूढ़ी दीवाली महोग व खन्योल च्वासी मंदिर में मनाई जाती है। मान्यता है कि जब श्रीराम भगवान अयोध्या को वनवास से वापस लौटे थे, तो इसकी जानकारी एक माह बाद ग्रामीणों को मिली थी। उन्होंने बताया कि बूढी दीवाली सैकड़ों वर्ष पुराने देव इतिहास का गवाह है। इसी रात्रि में देर रात को देरची निकाली जाती है, जिसमें आग की बड़ी-बड़ी मशालें लेकर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए फेरी (परिक्रमा) दी जाती है। इसमें देवता के भागी लोग शामिल होते हैं। मशालों को लेकर दीवाली गीत व नृत्य किया जाता है। इसी कड़ी में आज भी ग्रामीण लोग इस पौराणिक संस्कृति को जिंदा रखे हुए हैं। बूढ़ी दीवाली को गढ़पति श्री नाग च्वासी सिद्ध जी तथा नाग हुंगलू अपने रथों पर विराजमान होते हैं और लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है। शाम के समय भव्य आरती होती है व देर रात को दीवाली गीत गाए जाते हैं। दोनों ओर से मंदिर कमेटी के प्रधान महोग ध्यान सिंह ठाकुर तथा फिल्लौर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस दीवाली पर्व बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के करसोग स्थित देवो के देव ममलेश्वर महादेव मंदिर में सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए विश्वविख्यात बूढ़ी दिवाली का आयोजन 23 नवंबर को बड़े हर्ष उल्लास के साथ किया जाएगा। बता दें कि हर वर्ष यहां दिवाली के 1 महीने बाद अमावस्य की रात बुढ़ी दिवाली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व देेेव दवाली जिनकी कोठी ममलेश्वर महादेव के मंदिर के पीछे स्थित है, उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस पावन मौके पर मंदिर के मुख्य द्वार के पास देव दवाली द्वारा अपने मंत्रियों के साथ देव परंपरा अनुसार विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए लोगों का स्वागत किया जाएगा। बूढ़ी दिवाली पर ममलेश्वर महादेव मंदिर में ममलेश्वर महादेव, देव लैढी और नाग कजौणी भी अपने देेव रथ पर विराजमान रहेगें। शाम के समय भव्य आरती का आयोजन किया जाएगा। और पूरी रात्रि देव गुरुद्वारा अग्नि में खेलकर सैकड़ों लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। मंदिर के प्रधान हंसराज का कहना है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बूढ़ी दिवाली का आयोजन धूमधाम से किया जाएगा और बूढ़ी दिवाली के अगले दिन विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के इन इलाकों में बीती रात महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 4.1 रही तीव्रता
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीती रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए। बुधवार रात करीब 9:33 बजे मंडी, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, बिलासपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिला मंडी के जोगिन्दरनगर में भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 मापी गए है। भूकंप का केंद्र जोगिन्दनगर में जमीन के भीतर पांच किलोमीटर की गहराए में था। वहीं इस दौरान कुछ लोग घरों से बाहर भी निकल गए। वहीं डीसी मंडी अरिंदर चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा की भूकंप से कहीं भी नुकसान की सूचना नहीं है।
करसाेग : व्यय पर्यवेक्षक ने करसोग, नाचन व सराज के प्रत्याशियों के व्यय संबंधी खातों का किया निरीक्षण
राज साेनी। करसाेग विधानसभा चुनाव-2022 के दृष्टिगत तीन विधानसभा क्षेत्रों 26-करसोग, 28-नाचन और 29-सराज के लिए नियुक्त व्यय पर्यवेक्षक विनोद कुमार की अध्यक्षता में एसडीएम कार्यालय करसोग के सभागार में सभी पार्टियों के व्यय प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में व्यय पर्यवेक्षक ने तीनों निर्वाचन क्षेत्रों के सभी पार्टियों के व्यय प्रतिनिधियों से चुनावी गतिविधियों पर किए गए व्यय की रिपोर्ट ली और उनके व्यय संबंधी खातों का निरीक्षण भी किया। व्यय पर्यवेक्षक का प्रत्याशियों द्धारा चुनावी गतिविधियों पर किए गए व्यय का यह दूसरा निरीक्षण था। गौरतलब है कि भारतीय चुनाव आयोग की ओर से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए चुनाव खर्च की लिमिट 40 लाख रुपए तय की गई है। कोई भी प्रत्याशी निर्धारित सीमा से अधिक खर्च चुनाव संबंधी गतिविधियों पर नहीं कर सकता, जिसके अंतर्गत ही चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की निगरानी करने के लिए चुनाव व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। प्रत्याशियों के चुनावी व्यय संबंधी खातों का निरीक्षण समय-समय पर व्यय पर्यवेक्षक द्वारा किया जाना आवशयक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुंदरनगर के ज्वाहर ग्राउंड में जनसभा को सम्बोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने मंडी आना था, लेकिन बारिश की वजह से नहीं आ पाए थे। इसके लिए उन्होंने लोगों से क्षमा मांगी। उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता के निधन पर शोक जताया। इससे पहले PM महाराणा प्रताप चौक से ज्वाहर पार्क तक रोड शो निकाला। लोगों ने PM फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने गाड़ी में बैठे-बैठे लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। पीएम ने कहा कि देवभूमि से मेरा नाता इतने निकट रहा है की यहां आना बहुत होता था। निहरी की चढ़ाई भी चढ़ी है। कांगड़ा, मंडी, शिकारी की पहाड़ी भी पैदल मापी है। बीबीएमबी झील कैसे भूल सकता हूं। जब भी यहां आता तो चाय पीता था। दुकानदारों से गपशप मारता था। ठाकुर गंगा सिंह, दिले राम, दामोदर जी से बहुत कुछ सीखा। देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी के निधन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 106 वर्षीय श्याम सरण नेगी ने 30 से ज्यादा बार मतदान किया था। दुनिया को अलविदा कहने से पहले भी उन्होंने वोट डालकर अपना कर्तव्य निभाया। श्याम सरण नेगी ने दो दिन पहले ही अपना कर्तव्य निभाया और पोस्टल बैलेट से मतदान किया। हर देशवासी, युवाओं और हर नागरिक को सदा सर्वदा उनसे प्रेरित होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भावुक मन से श्याम सरण नेगी को श्रद्धाजंलि देता हूं और परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि 12 नवंबर को पड़ने वाला वोट अगले 25 साल की विकास यात्रा तय करेगा। नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि विरोधियों ने 5-5 साल में सरकार बदलने की बात आप लोगों के दिमाग में भर रखी है। इससे हिमाचल का आपका नुकसान हो रहा है। पीएम ने कहा कि आप अगर सरकार से जवाबदेही चाहते है, तो हिमाचल में भाजपा सरकार को दोबारा मौका दीजिए। उन्होंने कहा कि अगर आपने यहां ऐसे लोगों को बिठा दिया जो आगे ही न बढ़ने दें, तो काम में रुकावट आएंगी। कांग्रेस ने अपने शासन में हिमाचल का जितना नुकसान किया है, उसकी भरपाई के लिए भाजपा को बार बार जिताना जरूरी है।
पूर्वाभ्यास में लगभग 600 कर्मचारियों ने लिया भाग राज सोनी। करसोग विधानसभा चुनाव-2022 के दृष्टिगत निर्वाचन क्षेत्र 26-करसोग में चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाने के उद्देश्य से चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात कर्मचारियों के लिए दूसरा पूर्वाभ्यास आयोजित किया गया। राजकीय महाविद्यालय करसोग में आयोजित इस दूसरे पूर्वाभ्यास में रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम करसोग सुरंेद्र ठाकुर ने लगभग 600 पीठासीन अधिकारियों, सहायक पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों को चुनाव करवाने संबंधी जानकारी प्रदान की। चुनाव पूर्वाभ्यास दो सत्रों में आयोजित किया गया, जिसमें सुबह के सत्र में पीठासीन अधिकारियों व सहायक पीठासीन अधिकारियों जबकि सायं के सत्र में मतदान अधिकारियों को चुनाव संबंधी पूर्वाभ्यास करवाया गया। रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने इस अवसर पर उपस्थित सभी पीठासीन अधिकारियों, सहायक पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों को ईवीएम व वीवीपैट मशीनों की जानकारी प्रदान की। इसके अलावा, मतदाता पहचान करने वाले 12 प्रकार के पहचान-पत्रों, मतदान केंद्र में तैनात टीम के सभी सदस्यों द्वारा किए जाने वाले कार्यो, मतदान केंद्र स्थापित करना, वीवीपैट मशीनों का ट्रांसपोटेशन करना, वैब कास्टिंग, वोटिंग कम्पार्टमेंट स्थापित करना, माॅक पोल करवाना, पीठासीन अधिकारी द्वारा माॅक पोल संबंधी रिपोर्ट तैयार करना और सुबह 8 बजे से सायं 5 बजे तक मतदान समय के संबंध में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर चुनाव ड्यूटी में तैनात सभी कर्मचारियों को आई कार्ड उपलब्ध करवाएं गए। पीठासीन अधिकारियों को पीठासीन अधिकारी डायरी उपलब्ध करवाने के अलावा सभी कर्मचारियों को उनके विधानसभा क्षेत्र संबंधी ड्यूटी आदेश भी प्रदान किए गए, जहां पर उन्हें चुनाव ड्यूटी देनी है। रिटर्निंग अधिकारी ने कहा कि निष्पक्ष, पारदर्शी व शान्तिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव संपन्न करवाने के लिए मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा, जबकि मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे में कोई भी राजनीतिक दल अपना कार्यालय स्थापित नहीं कर सकता। इसका सभी कर्मचारियों को विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों, सहायक पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों द्वारा मतदान वाले दिन व उससे पूर्व मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने के लिए अपनाई जाने वाली कार्य प्रणाली के बारे में भी अवगत करवाया। इस अवसर पर कर्मचारियों को ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को ऑपरेट करने संबंधी प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के लिए पोस्टल बेल्ट पेपर के माध्यम से मतदान करने का आयोजन भी किया गया। खंड विकास अधिकारी करसोेग अमित, इलेक्शन कानूनगो बलबंत कुमार और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा को सम्बोधित करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज दुनिया में पीएम नरेंद्र मोदी के कारण देश की तस्वीर बदल गई है आज मोबाइल उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर है, स्टील उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर है, सौर ऊर्जा में हम पांचवें नंबर पर पहुंच गए हैं, ब्रिटेन को पछाड़ कर भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि आज न तो हरियाणा में कांग्रेस की सरकार है और न ही हिमाचल और पंजाब में। जेपी नड्डा ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश को बल्क ड्रग पार्क मिल रहा है। आने वाले समय में फार्मा में हिमाचल प्रदेश का बल्क ड्रग पार्क दुनिया के नक्शे पर देखा जाएगा। यही नहीं, यहां मेडिकल डिवाइस पार्क के साथ-साथ विकास के कई कार्य किए जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल गिहारी वाजपेयी ने हिमाचल इकोनॉमिक पैकेज दिया लेकिन 7 साल में कांग्रेस ने छीन लिया और कहा कि हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में हमारी सरकार है तो हिमाचल को हम अकेले नहीं दे सकते।
राज सोनी। करसोग रिटर्निग अधिकारी एवं एसडीएम करसोग सुरंेद्र ठाकुर ने बताया कि उपमंडल मुख्यालय से लगभग 80 किमी दूर मोबाइल मतदान टीम नंबर-6 ने अपनी जान की परवाह किए बिना, अपने चुनाव संबंधी कार्य को प्राथमिकता देते हुए देशी झूले की मदद से सतलुज नदी को पार कर मंडी जिला के दूरदराज क्षेत्र के मगान गांव में पहुंच कर 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के दो वृद्ध मतदाताओं से घर पर सफलता पूर्वक मतदान करवाया है। रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के चिन्हित मतदाताओं से घर पर मतदान करवाने के अंतर्गत क्षेत्र के लिए गठित मोबाइल पोलिंग टीम नम्बर 6 ने किसी भी स्थिति में गांव तक पहुंचकर मतदान करवाने का निर्णय लिया। टीम करसोग से तत्तापानी, शिमला जिला के सुन्नी से होते हुए जस्सी बराड़ नामक स्थान पर पहुंची, जहां से गाड़ी को छोड़ कर सतलुज नदी को पार करने का निर्णय लिया और नदी पर बने एक पुराने देशी झूले की मदद से नदी को पार किया। उसके पश्चात टीम ने गांव तक पहंुचने के लिए लगभग 2 घंटे तक पहाड़ी रास्ते पर पैदल चलकर लगभग 12 किमी सफर आने-जाने का तय कर, गांव में स्थित 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के दो मतदाताओं भजन लाल और प्रीतम सिंह का घर पर ही सफलता पूर्वक मतदान करवाया। मोबाइल टीम में पीठासीन अधिकारी कृष्ण कुमार, गोपाल सिंह, माईक्रो ऑब्जर्बर पंकज कुमार, सुरक्षा कर्मी मोहन लाल और विडियोग्राफर बालकृष्ण शामिल थे। मोबाइल पोलिंग टीम के सदस्यों ने बताया कि मंडी जिला के दूर-दराज के मगान गांव तक तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं होने के कारण पोलिंग टीम के सभी सदस्यों ने सतलुज नदी को देशी झूले की मदद से पार कर गांव तक पहुंचने का निर्णय लिया, जो गांव तक पहुंचने के लिए सबसे छोटा रास्ता था, जिसमें सभी सफल भी रहे। रिटर्निग अधिकारी एवं एसडीएम करसोग सुरंेद्र ठाकुर ने बताया कि दूर-दराज के मगान गांव तक पहुंच कर मोबाइल टीम ने सफलता पूर्वक गांव में स्थित 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के दो मतदाताओं की लोकतंत्र के इस उत्सव में भागादारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि टीम का यह प्रयास बेहद सराहनीय है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सरकाघाट विधानसभा में आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा का प्रचार करने पहुंचे। यहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी दिलीप ठाकुर के पक्ष में वोट करने की अपील लोगों से की। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण को शुरू करते हुए हिमाचल प्रदेश के ऋषि-मुनियों और देवी-देवताओं को प्रणाम किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देव कार्य के साथ-साथ हिमाचल वासियों को राष्ट्रीय कार्य करने का भी मौका मिला है। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों को जनता के सामने रखा और बताया कि देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार ने अद्भुत अविश्वसनीय विकास किया है। इसके बाद योगी ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को संजोए देव भूमि हिमाचल प्रदेश की पावन धारा पर आज मैं आप सबके बीच पहुंचा हूं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार इस बार भी हिमाचल में बनने वाली है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार द्वारा पिछले 500 वर्ष से चली आ रही गुलामी को समाप्त करके अयोध्या में राम मंदिर की राह खोली गई है।
करसोग राज। सोनी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खील में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर "राष्ट्रीय एकता दिवस" मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने वाद-विवाद तथा भाषण प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर भाग लिया और सरदार पटेल के जीवन और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को याद किया। इस दौरान विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा मतदाता जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया और लोगो को रैली के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया गया। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य डोलमा ने छात्रों को सन्देश दिया की हमें सरदार पटेल के जीवन व कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्र की एकता बनाये रखने में अपना योगदान दें। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त शिक्षक व गैर शिक्षक वर्ग, जिसमें अजीत कुमार, नरसिंह दत्त, प्यारे लाल, सीमा, नीलमा, कुसुम लता व अन्य उपस्थित रहे।
राज सोनी। करसोग हिमाचल के पहाङी क्षेत्राें में स्थानीय देवी देवताओं का महत्व सबसे अधिक है। प्रतिवर्ष इन देवताओं के सम्मान व समागम के लिए मेलों का आयोजन किया जाता है। इसी कङी में हर वर्ष की भांति छत्तरी सिराज में पहली नबंवर 2022 से 4 नबंवर 2022 तक चलने वाले मगरू व मानगढ़ क्षेत्र के सुप्रसिद्ध छत्तरी लवी का आयोजन किया जा रहा है। छत्तरी लवी में श्रीमगरू महादेवजी व स्थानीय देवी देवताओं का अलग ही महत्व है। इस वर्ष देव प्रेमियों के लिए एक खुशी की खबर है कि छत्तरी लवी में इस वर्ष लवी 2022 में करसोग घाटी के च्वासी क्षेत्र के तीन आराध्य देवता शिरकत करेंगे, जिसमें गढ़पति श्री नाग च्वासी सिद्धजी, दो गढ़ वजीर श्री झाकङु नाग हुंगलूजी, गंगा पुत्र भीष्म श्री नाग पोखी जी यह पहला मौका है की जब च्वासी क्षेत्र के देव पहली बार मगरू व मानगढ़ क्षेत्र में किसी मेले शिरकत कर रहे है। जानकारी देते हुए मगरू महादेव मंदिर प्रबन्धन समिति के कारदार सुरेंद्र राणा व भण्डारी गोविंद राम ने बताया कि कमेटी द्वारा इन देवताओं को छत्तरी लवी में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रण दिया गया है। मंदिर कमेटी महोग व कारदार संघ महोग की ओर से मंदिर के मुख्य भण्डारी हुक्म चंद ठाकुर, कारदार ओम वर्मा मंदिर प्रबंधन कमेटी प्रधान ध्यान सिंह ठाकुर व च्वासी क्षेत्र के युवा समाज सेवी कारदार च्वासीगढ़ टीसी ठाकुर, खन्योल च्वासी से भंडारी बालक राम प्रधान फिल्लौर सिंह ठाकुर तथा पोखी से भंडारी आशा राम कारदार भवानी दत प्रधान नरेंद्र शर्मा ने बताया कि छत्तरी लवी को लेकर स्थति स्पष्ट हो गई है। कारदार टीसी ठाकुर ने बताया कि गढ़पति श्री नाग च्वासीजी पहली नम्बर 2022 को अपने मंदिर महोग से छत्तरी के लिए प्रस्थान करेंगे और नाग हुंगलू जी व नाग पोखी जी 2-11-2022 को प्रस्थान करेंगे। उन्होंने ने संयुक्त रूप से बताया कि समस्त च्वासी की जनता से निवेदन किया है कि आप सभी कारदार, हारू बसनू, बाजीदार, रैत पजैत तथा समस्त च्वासीवासी जिसमें देवता प्रस्थान करेंगे को सुबह मंदिर में हाजिर हो जाएं। सभी देव प्रेमियों के लिए खुशी की बात है कि इस वर्ष छत्तरी लवी में समस्त मगरू व मानगढ़ वासियों तथा अन्य श्रद्धालुओं को च्वासी क्षेत्र के तीन देवता के दर्शन व आशीर्वाद का सौभाग्य प्राप्त होगा।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर मंडी सांसद का व्यवहार व टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण, माफी मांगे कांग्रेस अध्यक्ष आशीष आजाद। मंडी पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद प्रतिभा सिंह द्धारा पत्रकारों के साथ किए दुर्व्यवहार पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा संज्ञान लिया है। मीडिया को जारी बयान में प्रदेश भाजपा सचिव और मंडी संसदीय क्षेत्र सह प्रभारी बिहारी लाल शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश के कुछ नेता अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकल पाए हैं और जनता के साथ साथ मीडिया को भी अपने परिवार की जागीर समझते हैं। उन्होंने कहा कि पहले इनके पुत्र का कर्मचारियों के खिलाफ टिप्पणी करना उसके बाद भाजपा महिला कार्यकर्ताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी ये सब रजवाड़ा शाही का परिचायक हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता भी लगातार अमर्यादित व्यवहार व भाषा का जहर मुख्यमंत्री के खिलाफ उगलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष का लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सार्वजनिक रूप से ऐसा व्यवहार सहन योग्य नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व द्धारा प्रतिभा सिंह को ज्यादा तरहीज ना देने से वे बौखलाहट में है और उनके व्यवहार में चिड़चिड़ापन और गुस्सा स्थान कर गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सगंठन कांग्रेस सांसद के इस क्रूर व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करती है और मांग करती है कि वे पत्रकार बंधुओं से सार्वजानिक रूप से माफी मांगे, क्योंकि ऐसे अपशब्द स्वस्थ लोकतंत्र के लिए उचित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रतीभा सिंह सच्चाई से भाग रही हैं। क्याेंकि पुत्रमोह और परिवारवाद कांग्रेस पार्टी के काले चरित्र की काली सच्चाई है।
5 वर्षों में जवाहर ने क्षेत्र का तो नहीं, लेकिन खुद का किया बहुत विकास : कौल सिंह ठाकुर आशीष आजाद। मंडी प्रदेश में इन दिनों सियासी गहमागहमी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे नेताओं का एक-दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगना भी शुरू हो चुके हैं।विधायक जवाहर ठाकुर ने मंडी में प्रेस वार्ता के दौरान कौल सिंह ठाकुर से पूछा कि वे किस श्रेणी के नेता है और इस बार उन्हें टिकट मिल भी रहा है या नहीं साथ ही जवाहर ठाकुर ने उनके 40 वर्ष के कार्यकाल पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कौल सिंह ठाकुर कई तरह के मंत्री रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में विकास के लिए कुछ भी कार्य नहीं किए हैं, जितने कार्य उनके 40 वर्ष में नहीं हो पाए, उससे अधिक विकास के कार्य 5 वर्ष की भाजपा सरकार में हुए हैं। जवाहर ठाकुर के आरोपों का जवाबी हमला देते हुए कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि जवाहर ठाकुर अपने टिकट की चिंता करें कौल सिंह को नहीं पड़ता कोई फर्क मेरा टिकट हाईकमान से फाइनल हो चुका है, तो आप अपने टिकट की चिंता करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ और सिर्फ भाजपा और जवाहर ठाकुर की बौखलाहट है कि वह खुद की जीत की जगह मेरे टिकट की चिंता कर रहे हैं, बल्कि जवाब ठाकुर भी जानते हैं कि उन्हें टिकट मिलने ही नहीं वाला और यदि मिल भी जाता है, तो उनकी हार निश्चित है। उन्होंने कहा कि पूरे 5 वर्ष में कभी भी जवाहर ठाकुर जनता के बीच में नहीं गए। साथ ही उन्होंने कहा कि वह 40 वर्ष के कार्यकाल पर सवाल खड़े कर रहे हैं, जबकि द्रंग के लिए आईटीआई और बहुत सारे ऐसे कार्य है कि जीने में गिनाने पर आऊं तो अगले 5 साल भी कम पड़ जाए। उन्होंने कहा कि जवाहर ठाकुर ठीक ही कहते हैं कि 5 वर्षों में जितना विकास उन्होंने भाजपा सरकार में रहकर खुद का किया है, उतना किसी का नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि मैं भी दिल से ये ख्वाहिश रखता हूं कि भाजपा द्रंग से टिकट जवाहर ठाकुर को ही दें, ताकि मैं अपनी हार का बदला जवहार ठाकुर से ले सकूं, उन्होंने कहा द्रंग की जनता ने मन बना लिया है। इस बार द्रंग की सीट कांग्रेस की झोली में होगी और जवाहर ठाकुर बुरी तरह से हारेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर कहता हूं जवाहर ठाकुर मेरी छोड़ो अपनी फिक्र करें। क्योंकि उन्हीं के खिलाफ भाजपा के ही नेता ने द्रंग से हो टिकट के लिए अपनी दावेदारी भी ठोकी है। मेरी उनसे यही सलाह रहेगी कि आप पहले अपनी चिंता करें फिर मेरे बारे में सोचें।
अदालत ने लगाई ईडी को फटकार, किस आधार पर जज को बदला, भाजपा सरकार की साजिश हुई बेनकाब सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले भाजपा नेता नड्डा, जयराम और अनुराग ठाकुर अब क्या कहेंगे, मांगे सार्वजनिक माफी आशीष आजाद। मंडी आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता पंकज पंडित ने कहा कि हिमाचल के प्रभारी और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाईकोर्ट ने बेनामी संपत्ति के आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत के निर्णय से सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं के मुंह पर तमाचा लगा है। अदालत ने साफ कहा कि बेनामी संपत्ति के आरोप कहीं स्टैंड नहीं करते हैं। यह सब झूठे आरोप हैं और इसे खारिज किया जाए। पंकज पंडित ने अदालत के फैसले को आम आदमी पार्टी के विचारों की जीत बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता कट्टर ईमानदार है और हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से भाजपा नेताओं की नींद उड़ी है। हिमाचल प्रदेश के प्रभारी बनते ही सत्येंद्र जैन ने बहुत तेज गति से आम आदमी पार्टी को मजबूत किया। आम आदमी पार्टी को हिमाचल की जनता का समर्थन मिलने लगा तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सत्ता की कुर्सी का खतरा नजर आने लगा, जिससे एक साजिश के तहत जो आदमी हिमाचल हिमाचल के गांव-गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य की बात कर रहा था, उसे जेल में डाल दिया गया। भाजपा की केंद्र सरकार ने ईडी और सीबीआई को दुरुपयोग कर सत्येंद्र जैन के खिलाफ झूठा केस दर्ज कर जेल में डाला, लेकिन आम आदमी पार्टी ने पहले भी कहा कि हमें अदालत पर भरोसा है और आज सच्चाई जनता के सामने हैं। जब भाजपा की साजिश जनता के सामने आई है। पंकज पंडित ने कहा कि सत्येंद्र जैन जल्द से जेल से बाहर आएंगे और हिमाचल में आम आदमी पार्टी को और मजबूत करेंगे। पंकज पंडित ने कहा कि सत्येंद्र जैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाते हुए पूछा कि किस आधार पर जज को बदला गया। जब कोई जज भाजपा सरकार के हिसाब से काम नहीं करता, तो उसे बदल दिया जाता है। ऐसा ही मामला सत्येंद्र जैन के केस में हुआ। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाते हुए सवाल किया कि किस आधार पर जज को बदला गया है। ईडी को सत्येंद्र जैन केस के मामले में जज पर ही भरोसा नहीं था। जिसके कारण जज को बदला गया है। आम आदमी पार्टी को अदालत पर भरोसा है और सच्चाई की जीत हुई है। पंकज पंडित ने सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर हमला बोलते हुए कहा कि अब वह अदालत के आदेश के बाद जनता के सामने क्या बयान देंगे। खासतौर से अनुराग ठाकुर लगातार सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे। पंकज पंडित ने कहा कि सत्येंद्र जैन पर रैलियों में भाषण देकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले भाजपा नेता सार्वजनिक रुप से सत्येंद्र जैन से माफी मांगे। पंकज पंडित ने भाजपा नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि हम कांग्रेसी नहीं हैं, जो बिक जाएं, डर जाएं और भाजपा में शामिल हो जाएं। आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता कट्टर देशभक्त है, वो न बिकने वाला है और न ही डरने वाला है। आप नेताओं पर जितने ज्यादा केस दर्ज करोगे, उतनी ही मजबूती के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता काम करेंगे। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बहुत ही कम समय में प्रदेश के 4.5 लाख लोगों के घर तक केजरीवाल की गारंटियों को पहुंचा दिया है। पंकज पंडित ने कहा कि चुनावों के समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में ही भाजपा सबसे कमजोर दिख रही है। कहीं प्रधानमंत्री को बुलाया जा रहा है, तो कहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष को बुलाया जा रहा है। पांच साल तक जयराम ठाकुर ने कुछ नहीं किया। अब चुनावों के समय पिछले 15 दिनों से विकास पागल हो गया है। मुख्यमंत्री एक दिन में कई विधानसभा क्षेत्र के लिए करोड़ों के शिलान्यास कर रहे हैं। लगातार कैबिनेट बैठक बुलाकर झूठी घोषणाएं कर रहे हैं। भाजपा सरकार की झूठी घोषणाओं से अब प्रदेश की जनता गुमराह होने वाली नहीं है। प्रदेश की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है। आम आदमी पार्टी मजबूत विकल्प के रुप में जनता के सामने हैं, जिसे जनता का समर्थन प्राप्त हो रहा है।
सतलुज घाटी क्षेत्र के अंतर्गत सुकेत क्षेत्र में गोपूजा के वैदिक पर्व "माड़" का आज भी पारम्परिक ढंग से आयोजन होता है। सुकेत संस्कृति साहित्य एवम् जन-कल्याण मंच पांगणा के अध्यक्ष डाॅक्टर हेमेंद्र बाली "हिम" का कहना है कि "माड़" का पर्व गोपूजा का पर्व है। इसका आयोजन भव सागर से मुक्ति के निमित किया जाता है। चूंकि सुकेत में "माड़" पर्व पर गाये जाने वाले "माड़" गीतों में गोमाता से अपनी मुक्ति की कामना की जाती है। "माड़" पर्व वैदिक पर्व है, ऋग्वैदिक काल में राजा भी गोधन को प्राप्त करने के लिये युद्ध किया करते थे, जिसे "गविष्टि" कहा जाता है। पुरातत्व चेतना संघ मंडी द्वारा स्वर्गीय चंद्रमणी कश्यप पुरातत्व चेतना राज्य पुरस्कार से सम्मानित डाक्टर जगदीश शर्मा का कहना है कि ऐतिहासिक नगरी पांगणा में यूं तो हर मौसम में अलग-अलग पर्व मनाए जाते है। लेकिन पशुधन से संबंधित "माड़" पर्व मनाने का तरीका कुछ अलग ही है। इस पर्व की शुरुआत "माड़ पुन्या" से आठ दिन पहले हो जाती है। रात को महिलाएं भोजन आदि से निवृत्त होकर किसी एक घर में इकट्ठी होकर "तू ता "माड़े" केता देशा आई हो-2, हां ता "माड़े" कुुल्लू कलंदरा देशा आई हो-2, "माड़" "नैहरी कुल्ह" गीत गाती हैं। यह दौर "माड़"की पूर्व रात्रि तक चलता है। आज "माड़" के पावन अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर महिला-पुरुषों-बच्चों ने जागते ही उत्साह में भर मशालों की रोशनी के साथ पशुधन को खेतों में चरने छोड़ा। खेतों में अलाव जलाकर-"माड़ो"-"माड़ो"-"माड़ो" के उद्घोष उच्चारित कर खुशियां मनायी। "माड़ो"-"माड़ो" की स्वर धाराओं से लगा कि पहाड़ों की संस्कृति के अद्भुत अध्याय में"माड़" भी एक है। चारों ओर अलाव ही अलाव, एक दूसरे से बढ़कर अलाव। ऐसे में पांगणा की पहाड़ियों मे अलावों से प्रकृति की अनुपम छटा बिखर गई। इस दौरान महिला-पुरुष गौशाला की सजावट में जुट जाते हैं।सूर्योदय से पूर्व पशुधन के चरागाह से लौटते ही प्रमुख रुप से गाय को फूलों की मालायें पहनाकर कुंकुम, अक्षत, पुष्प से पूजा की गई। इसके उपरांत गाय को नवान्न मिलाकर चोकर खिलाई गई। गौ पूजा के बाद अन्य पशुधन की पूजा-अर्चना कर उन्हें "दाड़ा" (चोकर) खिलाई गई। कहा जाता है कि जिन घरों मे "माड़"के अवसर पर गाय की पूजा होती है, उस घर मे कामधेनु मां की कृपा अवश्य होती है। मन्नोवाञ्छित फल देने वाली मां कामधेनु अपनी अलौकिक प्रकाश के साथ उस घर मे नित्य विराजमान रहती है। "माड़" पर्व से घर में श्रद्धा भक्ति का विकास होता है। मन्नोवाञ्छित फल देने वाली मां कामधेनु अपनी अलौकिक प्रकाश के साथ उस घर मे नित्य विराजमान रहती है। "माड़" पर्व से घर में श्रद्धा भक्ति का विकास होता है। सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की जिला सलाहकार लीना शर्मा, रमेश शास्त्री, व्यापार मंडल पांगणा के अध्यक्ष सुमित गुप्ता व अध्यापक लक्ष्मी दत्त चौहान का कहना है कि आज के भौतिक युग में जहां गोधन सड़कों पर भटकने के लिये अभिशप्त है ऐसे में सुकेत-पांगणा का माड़ पर्व गोधन रक्षा व पूजन के लिये समर्पित है।
रविवार को भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के पदाधिकारियों द्वारा आपातकालीन बैठक बीआर कौंडल की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें निर्णय लिया गया कि यदि प्रस्तावित 11 अक्टूबर को होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में सरकार फोरलेन प्रभावितों को चार गुणा मुआवजा नहीं देती है तो पुरे प्रदेश में जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। मंच ने कहा कि प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 को लागु करवाने व चार गुना मुआवजा, पुनर्वास व पुनर्स्थापन के मुद्दे पर पिछले 5 वर्षो से किसानों को हमेशा कैबिनेट कमेटियों के माध्यम से आश्वासन देती आ रही है कि वे किसानों के पक्ष में सोच विचार और जल्द फैसला लेने की बात करती आई है, लेकिन इस वादाखिलाफी के विरूद्ध लोगों में अब भारी आक्रोश है। मंच के संयोजक जोगिन्दर वालिया ने कहा कि जयराम सरकार हर बार कमेटियों की बैठक के बाद यही कहती आई है कि वे फोरलेन से प्रभावितों किसानों के बारे में चिंतित एवं संवेदनशील है, लेकिन चार गुणा मुआवजा के बारे में आनाकानी व टालमटोल की निति लगातार अपना रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों से वादाखिलाफी का मुल्य सरकार को चुकाना पड़ेगा और आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ेगा। इस बैठक में अध्यक्ष बेलीराम कोंडल और सयोंजक जोगिन्दर वालिया के अलावा कुल्लू-मंडी के पदाधिकारी, नरेश कुकू, काँगड़ा से राजेश पठानिया, शिमला से जय शिव, मंडी से प्रशांत मोहन, भूपेंदर सिंह, बिलासपुर से मदन शर्मा और सोलन से जेसी शर्मा ने हिस्सा लिया।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमवार को मंडी संसदीय क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों से संवाद करेंगे। यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी प्रदेश महामंत्री राकेश जमवाल ने मीडिया को जारी बयान में दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश चाहे एक छोटा सा प्रदेश है, परंतु राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा कद रखता है। उन्होंने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा अपनी मेहनत और त्याग के कारण राजनीति के उच्चतम स्थान पर पहुंचे हैं और यह प्रत्येक हिमाचलवासी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं और अन्य जन प्रतिनिधि विकास का आधार होते हैं और जनता से सीधे तौर पर जुड़े हुए होते हैं। इनके बिना सरकार द्धारा शुरू की गई विकास योजनाओं की सफलता की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा का राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ हिमाचल के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पूरे मंडी संसदीय क्षेत्र से लगभग दो हजार जन प्रतिनिधि जिनमें पंचायत, प्रधान, उप प्रधान, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के पार्षद भारतीय जनता पार्टी द्धारा अयोजित इस पंच परमेश्वर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और जगत प्रकाश नड्डा के विचारों को सुनेंगे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मझवाड़ का सात दिवसीय विशेष एनएसएस शिविर शनिवार को संपन्न हो गया। पाठशाला के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर पठानिया ने इसका विधिवत समापन करते हुए शिविर में प्रतिभागी रहे स्वयंसेवियों को एनएसएस मैडल पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने स्वयंसेवियों से आह्वान किया कि वह आजीवन जनकल्याण तथा राष्ट् सेवा के कार्यों में अपनी सहभागिता करें। यह शिविर एनएसएस प्रभारी नवीन कुमार प्रवक्ता संस्कृत तथा सुनीता कपूर की देख रेख में चला, जिसमें हर दिन कोई न कोई ऐसी गतिविधि की गई जिसका समाज सेवा व जनहित के साथ सरोकार हो। सात दिन के इस आवासीय शिविर के समापन पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। प्रभारी ने इसकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।