मंडी सरकाघाट के त्रिफालघाट में रविवार को रंजाह राम राव वेलफेयर सोसायटी द्वारा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर का आयोजन NGO स्वर्गीय रंजाह राम राव वेलफेयर सोसायटी तथा मणिमहेश लंगर कमेटी वहाल नवाने के संयुक्त तत्वावधान से होगा। इस शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा मेडिसिन, आंख, ईएनटी, स्त्री रोग, बाल रोग, सर्जरी, ऑर्थो OPD, कार्डियोलॉजी एवं सांस संबंधी रोगों की जांच की जाएगी। शिविर में आने वाले लोगों को मुफ्त प्राथमिक जांच, मुफ्त दवाइयाँ, मुफ्त चश्मे तथा हेल्थ काउंसलिंग उपलब्ध करवाई जाएगी। अखिल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी लोग अपने स्वास्थ्य की जांच करवाना चाहते हैं, वे इस शिविर में अवश्य पधारें और उपलब्ध कराई जा रही सभी सेवाओं का लाभ उठाएं। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 8261843411, 7018625583, 9817401532, 9816578887।
मंडी जिले में हुए दिल दहला देने वाले तेजाब कांड की पीड़ित महिला ममता ठाकुर ने बुधवार (19 नवंबर) रात करीब 12 बजे पीजीआई चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया। चार दिनों तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ते हुए आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गई। ममता ने मौत से पहले अपनी आखिरी इच्छा जाहिर की थी, जिसे जो भी सुन रहा है उसकी आंसू से आंसू छलक रहे हैं। इस दर्दनाक वारदात ने पूरे मंडी जिला समेत हिमाचल प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। ममता ने मौत से पहले अपने परिवार को हनुमान घाट, मंडी में ही अंतिम संस्कार करने की इच्छा बताई थी। ममता ने कहा था कि वह अपना अंतिम संस्कार ससुराल में नहीं चाहती। ममता की आखिरी इच्छा ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा और घरेलू हिंसा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब ममता की मौत के बाद इस मामले में बड़ा कानूनी बदलाव किया गया है। पहले आरोपी पति नंदलाल के खिलाफ बीएनएस की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज था, लेकिन अब पुलिस धारा 302 (हत्या) भी जोड़ने जा रही है। वही, पुलिस ने परिजनों से सूचना मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी हैं। शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा, जिसके बाद परिवार को सौंप दिया जाएगा और आगे की प्रक्रिया पूरी अमल में लाई जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक निजी बस हादसे का शिकार हुई है। मंडी से धर्मपुर रूट पर जा रही ठाकुर कोच की बस बरोटी से पहले मलौन नामक जगह पर हादसे का शिकार हुई। जिससे सवारियों में अफरा तफरी मच गई। हालांकि, गनीमत रही की बस में सवार किसी भी सवारी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है। जानकारी के अनुसार, ठाकुर कोच बस मंडी से धर्मपुर रूट पर चलती है। बस बुधवार करीब नौ बजे बरोटी से एक किमी पहले मलौन में सड़क से पलट गई। मलौन के रहने वाले प्रवीण ठाकुर ने बताया कि उनके घर के ठीक सामने यह हादसा हुआ है। उन्होंने बताया कि जहां हादसा हुआ है। वहां पर सड़क ठीक है। लेकिन किसी तकनीकी खराबी की वजह से यह हादसा हुआ है। फिलहाल, धर्मपुर पुलिस थाने की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी हैं।
धर्मपुर उपमंडल की सरसकान पंचायत में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक स्वचालित (ऑटोमैटिक) मौसम केंद्र जल्द स्थापित किया जाएगा। इसके लिए एक उच्च स्तरीय टीम ने सोमवार को पंचायत का तड़ा रकबा में स्थल निरीक्षण किया। पंचायत प्रधान उमेश ललित ने बताया कि यह नवीनतम तकनीक से लैस मौसम केंद्र तापमान, आर्द्रता, वायुमंडलीय दबाव, हवा की गति व दिशा तथा वर्षा जैसे सभी महत्वपूर्ण मौसम मापदंडों को स्वतः मापने, रिकॉर्ड करने और संचारित करने में सक्षम होगा। यह केंद्र कृषि, जलवायु विज्ञान, अनुसंधान और मौसम पूर्वानुमान के लिए सटीक एवं वास्तविक समय का डेटा उपलब्ध करवाएगा। प्रधान ने बताया कि इस केंद्र से न केवल सरसकान पंचायत बल्कि खाहला क्षेत्र की दस पंचायतों के साथ-साथ धर्मपुर, बहरी, भरौरी, बिंगा, सरी, लौंगनी, तनेहड़, सिद्धपुर, ततोहली, परडाना सहित करीब 30 पंचायतों को जलवायु पैटर्न तथा लम्बे समय के परिवर्तनों के अध्ययन में अहम लाभ मिलेगा। इंजीनियर करण और इंजीनियर प्रीतिका चौहान ने बताया कि यह मौसम केंद्र पूर्णतया ऑटोमैटिक होगा तथा बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के लंबे समय तक निरंतर डेटा रिकॉर्ड और संग्रहित करता रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह केंद्र वेब आधारित नवीनतम तकनीकों से लैस होगा, जिससे डेटा वास्तविक समय में मौसम विज्ञानियों और विशेषज्ञों तक पहुंच सकेगा तथा मौसम पूर्वानुमान और विश्लेषण अधिक सटीक बनेगा। युक्त निरीक्षण टीम में एएफडी दिल्ली से नेहा पाटिल और प्रभाष दुबे, साथ ही उपप्रधान सुनील कुमार, सचिव सुरेश ठाकुर, राम लाल राणा, पवन कुमार आदि मौजूद रहे।
जीवनसाथी ज़रूरी है… लेकिन भरोसे के रिश्ते में अगर धोखा छिपा हो तो क्या किया जाए? हिमाचल प्रदेश में शादी के नाम पर ठगी का ऐसा गिरोह सामने आया है, जिसने कई परिवारों की खुशियाँ छीन लीं… हिमाचल प्रदेश में महिलाओं का एक ऐसा गिरोह सक्रिय हो गया है, जो शादी के नाम पर लोगों को ठग रहा है। ताज़ा मामला कांगड़ा और मंडी ज़िलों से सामने आया है, जहाँ लुधियाना की पाँच महिलाओं ने हिमाचल के युवकों से शादी की और फिर जेवरात लेकर फरार हो गईं। जानकारी के अनुसार, इन महिलाओं ने पहले मैरिज ब्यूरो के माध्यम से हिमाचल के व्यक्तियों से शादी की। शादी के बाद कुछ दिनों तक सब सामान्य चलता रहा, लेकिन मौका मिलते ही महिलाएँ कीमती गहने और नकदी लेकर रफूचक्कर हो गईं। एक मामला तो ऐसा भी सामने आया है जहाँ महिला ने पूरे 25 दिन तक शादीशुदा जीवन निभाया, ताकि घरवालों का भरोसा पूरी तरह जीत सके और फिर अचानक जेवर लेकर गायब हो गई। इसके बाद पीड़ितों ने मैरिज ब्यूरो के संचालक से संपर्क किया। मैरिज ब्यूरो के मालिक ने भी सहयोग दिखाते हुए पुलिस की मदद की, जिसके चलते पाँचों महिलाओं को पकड़ लिया गया। हालाँकि पीड़ित परिवारों का दावा है कि यह गिरोह सिर्फ पाँच महिलाओं तक सीमित नहीं है इसमें और भी कई सदस्य जुड़े हुए हैं। आज तड़के पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लेकर थाना नगरोटा बगवां पहुँचे। उनका कहना है कि यह संगठित गिरोह कई राज्यों में सक्रिय है और भोले-भाले लोगों को शादी के झांसे में फँसाकर लाखों की ठगी कर रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच में जुटी है। लेकिन इस घटना ने मैरिज ब्यूरो के माध्यम से होने वाली शादियों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश में मंडी सदर के भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंच पर खड़े होकर कहा कि यहां मौजूद सभी मेरा परिवार है। मैं इन्हीं लोगों के बीच से आया हूं। आपदा में हुई तबाही को लेकर भाजपा विधायक ने कहा कि हिमाचल को इस समय किसी पार्टी की नहीं बल्कि राहत की दरकार है और सभी को मिलकर मदद करनी होगी। भाजपा और कांग्रेस को एक साथ आगे आकर ऐसे कार्यक्रम बनाने होंगे, जो पार्टी से हटकर हो और प्रदेश के हित में हो। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी सड़कों की बहाली नहीं हुई, जिसे लेकर आए दिन लोगों से शिकायत मिल रही है। उन्होंने कहा कि द्रंग विधानसभा क्षेत्र की सनौर घाटी की सड़कें अभी भी बंद पड़ी हुई है। जिस कारण बागवानों का लाखों रुपए का सेब बगीचों में ही सड़ गया। हालात यहां ऐसे बयां कर रहे हैं कि एक साल तक यह सड़क खुलने वाली भी नहीं है। हम सरकार को दोष नहीं दे रहे हैं, लेकिन किसानों-बागवानों का बहुत नुकसान हुआ है। अनिल शर्मा ने कहा कि सिर्फ घर टूटने वाले प्रभावितों को ही नहीं, बल्कि किसानों और बागवानों को भी राहत मिलनी चाहिए, क्योंकि आपदा ने उनकी मेहनत और जीविका दोनों को तबाह कर दिया है। उन्होंने सीएम से मांग की कि जिन मकानों को आपदा ने रहने योग्य नहीं छोड़ा है, उन परिवारों को भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान की तरह 7 लाख रुपये की राहत राशि दी जाए, जिससे वे अपने जीवन की नई शुरुआत कर सकें। वहीं, इस दौरान भाजपा विधायक ने सुक्खू सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि "जिनके मकान टूटे हैं, उन्हें 7 लाख रुपए देकर आपने बहुत पुण्य काम किया है, मैं आपको बधाई देना चाहूंगा।" गौरतलब है कि 10 नवंबर को मंडी के पड्डल मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित परिवारों को राहत राशि प्रदान की। कार्यक्रम में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए मुख्यमंत्री ने 4,914 लाभार्थियों को 81.28 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की। आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 1,513 लाभार्थियों को 7 लाख रुपये में से 4-4 लाख रुपये की पहली किस्त दी गई। इनमें से 781 लाभार्थी मंडी, 631 लाभार्थी कुल्लू और 101 लाभार्थी बिलासपुर जिले के हैं। अब तक, मंडी जिले के 4,375 प्रभावित परिवारों को 14.46 करोड़ रुपये की राहत राशि बांटी जा चुकी है।
धर्मपुर पुलिस ने नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक व्यक्ति से 0.47 ग्राम चिट्टा हेरोइन बरामद किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ NDP&PS एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। धर्मपुर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशे के कारोबार पर लगाम कसने के लिए जिले भर में लगातार गश्त, ट्रैफिक चेकिंग और नाकाबंदी की जा रही है। पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि नशे से संबंधित किसी भी जानकारी को तुरंत पुलिस के साथ साझा करें, ताकि इस बुराई को समाज से खत्म किया जा सके। पुलिस ने कहा है कि नशा तस्करी की जानकारी देने वालो की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। बता दें कि पुलिस थाना धर्मपुर की टीम ने गन्तरयालु नाला के पास कुमार पुत्र मंजीत सिंह से 0.47 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद किया है आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना धर्मपुर में मामला दर्ज किया गया है और जांच अभी जारी है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान अपने घर खो चुके लोगों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत बांटेंगे। राहत आबंटन प्रोग्राम का आगाज मंडी के पड्डल मैदान में दस नवंबर को होगा। मंडी में होने वाले इस आपदा राहत आबंटन प्रोग्राम में कुल्लू, बिलासपुर और मंडी के वह प्रभावित शामिल होंगे, जिनके घर पूरी तरह से बारिश में तबाह हो चुके हैं या फिर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने लाभार्थियों को पड्डल मैदान तक लाने ले जाने का भी पूरा इंतजाम कर रखा है। मंडी जिला में तो संबंधित एसडीएम को प्रभावितों को पड्डल तक लाने के निर्देश दिए हैं। मंडी में 717 घर पूरी तरह से ध्वस्त हुए हैं। इसके अलावा 1400 से ज्यादा आंशिक रूप से टूटे हैं। मंडी जिला में आपदा राहत आबंटन के तहत करीब 2400 लोगों को राहत प्रदान की जाएगी। मंडी डीसी अपूर्व देवगन ने बताया कि दस नवंबर को मंडी, कुल्लू और बिलासपुर के उन प्रभावितों को राहत राशि बांटी जाएगी, जिनके घर पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से गिर गए हैं।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजकीय महाविद्यालय की रोवर्स और रेंजर्स इकाई द्वारा फ्लैग डे बड़े उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वज फहराने के साथ हुई, जिसने एकता, अखंडता और राष्ट्र सेवा के मूल्यों को उजागर किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. विवेकानंद शर्मा द्वारा की गई। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए फ्लैग डे के महत्व पर प्रकाश डाला और युवाओं में राष्ट्रीय गौरव एवं उत्तरदायित्व की भावना को सुदृढ़ करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. रमेश शर्मा और प्रो. मोहिंदर सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज सेवा और जन-जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन रोवर लीडर प्रो. जोगिंदर सिंह और रेंजर लीडर प्रो. शीतल भोपाल के नेतृत्व में किया गया। सभी प्रतिभागियों ने गर्व और सम्मान के साथ ध्वज गीत का सामूहिक गायन किया, जिससे वातावरण देशभक्ति के उत्साह से भर गया। कार्यक्रम के दौरान नशा मुक्ति जागरूकता अभियान भी चलाया गया। विद्यार्थियों को नशे की बुराइयों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई तथा उन्हें स्वस्थ और संयमित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम का समापन सेवा, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व की शपथ के साथ हुआ।
सुंदरनगर में बुधवार शाम 35 वर्षीय व्यक्ति द्वारा नाबालिग लड़की का पीछा करने का मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, विशेष समुदाय से संबंधित आरोपी व्यक्ति पिछले कुछ दिनों से 13 वर्षीय नाबालिग लड़की का पीछा कर रहा था। बुधवार शाम को जब वह अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी से लड़की का पीछा करते हुए उसके घर के पास पहुंचा, तो लड़की के माता-पिता ने उसे पकड़ लिया। माता-पिता द्वारा विरोध करने और अपनी बेटी को परेशान न करने की चेतावनी देने पर आरोपी ने बहस शुरू कर दी और लड़की के पिता के साथ हाथापाई करने लगा। यह देखते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। नाबालिगा को तंग करने की बात सुनकर भीड़ का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने आरोपी की जमकर पिटाई कर दी। विरोध स्वरूप भीड़ ने उसका मुंह काला भी कर दिया। लड़की के पिता की सूचना पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में लेकर मेडिकल के लिए अस्पताल ले गई। स्थिति तब बिगड़ गई, जब घटना की खबर फैलते ही विशेष समुदाय के लोग बड़ी संख्या में थाना जा पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भीड़ में से कुछ लोग सीधे जांच अधिकारी के रूम में घुस गए। जांच अधिकारी के रूम में मौजूद लड़की के पिता और अन्य लोगों पर विशेष समुदाय के लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया। इस अचानक हुए हमले से थाने में भगदड़ मच गई। पुलिस कर्मियों और अन्य लोगों ने बड़ी मुश्किल से दोनों पक्षों को अलग किया।
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में बन रहे रेस्ट हाउस को लेकर विवाद हो गया है। ठेकेदार ने एक करोड़ रुपये का भुगतान न होने के कारण भवन पर ताला लगा दिया है। 3.73 करोड़ रुपये की लागत से विश्राम गृह तैयार किया गया है, जिसमें हर प्रकार की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि बाकी बचा 5 प्रतिशत कार्य होना बाकि है। जिसमें कमरों का फर्नीचर और अन्य सामान शामिल है। सुंदरनगर लोक निर्माण विभाग का कहना है कि विश्राम गृह को ठेकेदार द्वारा आधिकारिक रूप से विभाग को नहीं सौंपा गया है। विश्राम गृह के रख रखाव का जिम्मा अभी तक ठेकेदार का ही है। इसमें रखा सामान और इसकी सुरक्षा भी ठेकेदार के ही पास है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से ठेकेदार अपना ताला लगा सकता है। विभाग ने कहा, ठेकेदार की राशि की अदायगी के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। राशि का प्राविधान होने पर सारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के उपरांत विश्राम गृह विभाग को मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत लौंगणी के तरैमला गांव के भारतीय सेना में कर्नल पद पर तैनात तेजेंद्र सिंह का हृदय गति रुकने से दिल्ली में निधन हो गया। कर्नल तेजेंद्र सिंह, कर्नल रूपचंद के पुत्र थे और वर्तमान में राष्ट्रीय राइफल्स में श्रीनगर में सेवाएं दे रहे थे। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ हुआ है। गमगीन परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा। जानकारी के अनुसार, कर्नल तेजेंद्र सिंह दिल्ली से हवाई मार्ग द्वारा श्रीनगर लौटने वाले थे कि इसी दौरान उन्हें हृदयाघात हो गया, जिससे उनका देहांत हो गया। दिल्ली से उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से देर रात तक घर पहुंचा। मंगलवार सुबह पैतृक गांव के श्मशान घाट में मृतक का पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
धंग्यारा गलु के पास सोमवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा पेश आया। हादसे में बाइक और वैगनार के बीच जोरदार भिड़ंत हो गई। जिसमें बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक की पहचान रवि कुमार (20) पुत्र मुरारी लाल, निवासी मठयाना के रूप में हुई है। घटना का पता चलते ही आसपास के लोग पहुंचे और हादसे में दूसरे गंभीर युवक को प्राथमिक उपचार के लिए ले गए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही गोहर पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची, जहां युवक के शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी देवराज ने बताया पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच के बाद ही हादसे के कारणों का पता चल पाएगा। पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है और ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मार्ग पर वाहनों की तेज रफ्तार पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के बिंगा गांव में इन दिनों अरबी, कचालू व अदरक खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे है। इस वर्ष बरसात अधिक होने के बावजूद भी गत वर्षों की भांति इन फसलों की पैदावार अच्छी हुई है। बता दें की गांव के किसानों द्वारा रासायनिक खाद का इस्तेमाल फसलों पर नहीं किया जाता है अरबी, कचालू, अदरक व अन्य फसलों के लिए लोग जैविक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं यहां के किसानों द्वारा केंचुआ पिट बनाए गए हैं। किसानों द्वारा इसमें तैयार खाद का ही इस्तेमाल किया जाता है गौरतलब है की इस गांव की अरबी, कचालू खरीदनें के लिए लोग इस क्षेत्र के अलावा दूसरे जिलों और प्रदेश के बाहर से भी पहुंच रहे है। यहां के कचालू, अरबी का इस्तेमाल लोग अपने घरों में विवाह शादियों के दौरान धाम में मदरा(दम) बनाने और स्नैक्स के तौर पर भी करते हैं यहां पर किसानों को कचालू के ऑर्डर आना कई महीने पहले से ही शुरू हो जाते हैं इस बार यहां के कचालू 60 से 70 रूपये किलो में बिक रहें है और अदरक 70 से 100 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है लोगों द्वारा पिछले कई वर्षों से बंदरों के आंतक की वजह से परंपरागत खेती से मुंह मोड़ लेने के बाद इन फसलों की ओर रुझान बढ़ा जिसका गांव के किसानों को फायदा भी मिल रहा है। गांव के प्रोग्रेसिव किसान आशा राम व मोहन लाल का कहना है कि वह कचालू व अदरक की फसल से 30 से 40,000 रुपए प्रतिवर्ष कमा लेते हैं। गांव के अन्य किसानों विपिन कुमार, मेहर सिंह, बालम राम, नत्था सिंह, रामसरन, दुनीचंद, कपिल देव, प्रेम सिंह, नथुराम, केशव राम, विद्यासागर, परम देव, रामपाल, कश्मीर सिंह, अनु कुमार, राजेश कुमार, कृष्ण चंद, टेकचंद, पृथ्वीपाल, मीरा देवी, कुंती देवी, शकुंतला देवी, भूरी सिंह, इंदर सिंह, काकू, देशराज, विकी कुमार, दयालु राम, देशराज, कृष्ण चंद, सपना देवी, ओम प्रकाश, अजीत कुमार, ईश्वरदास, सरदारू राम व भादर सिंह धर्मू, ठाकरू, सुखराम, भागमल, अजीत सिंह, तुलाराम, कपूर सिंह, देशराज, निर्मला देवी, रामनाथ ठाकुर आदि ने कहा कि इन फसलों से जहां किसानों की आर्थिकी में इजाफा हुआ है वहीं पर बंदरों के आंतक से भी उन्हें निजात मिली है साथ ही 1000 क्विंटल से अधिक कचालू होने का अनुमान गांव के किसानों द्वारा लगाया जा रहा है।
मंडी-कुल्लू फोरलेन पर बुधवार सुबह एक युवती की निजी बस की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। निजी बस औट से कुल्लू की तरफ जा रही थी और जब साढ़े 10 बजे टकोली टोल प्लाजा के समीप रुकी तो बस में बैठी युवती भी बस से उतरने लगी। इसी दौरान वह बस की चपेट में आ गई। हादसे के बाद स्थानीय नागरिकों की मदद से युवती को नागरिक अस्पताल नगवाईं ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, डाॅक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका की पहचान संजना (23) पुत्री गोपाल गांव किग्स, डाकघर पनारसा व तहसील औट के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि संजना प्रतिदिन टोल प्लाजा के समीप शॉल बुनाई का काम सीखने के लिए आती थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह हादसा बस चालक की लापरवाही से हुआ है।
धर्मपुर नशा मुक्ति अभियान समिति और हिमाचल ज्ञान विज्ञान एवं साक्षरता समिति द्वारा बुधवार को राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाया गया। जिसमें युवाओं में बढ़ते नशे को रोकने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष डॉ. आई एस वर्मा ने की और एसडीएम धर्मपुर जोगिंदर पटियाल मुख्य अतिथि तथा डॉ. वीना राठौर, भूपेंद्र सिंह, भीम सिंह और सुनीता बिष्ट ने बतौर स्रोत व्यक्ति भाग लिया। इसके अलावा राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर के प्राचार्य, रिलायंस इंडस्ट्रीज के सलाहकार डॉ. अशवनी राठौर, सुरेंद्र सकलानी, कृष्ण देव गुलेरिया, रणताज़ राणा, सतीश कुमार, कंचना, सोमा, व्यासा, बिमला, रजनी सकलानी, कमला, राजेन्द्र पाल, कैप्टन राजेन्द्र, ऋत्विक कुमार सहित सैंकड़ों महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। सम्मेलन में स्रोत व्यक्तियों के संबोधन के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। नशा मुक्ति अभियान की राज्य स्रोत व्यक्ति डॉ. वीना राठौर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को सिंथेटिक व अन्य नशे से दूर रखने में माताएं ही मुख्य भूमिका निभा सकती हैं। मंडी साक्षरता एवं ज्ञान विज्ञान समिति के संस्थापक सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आज के समय की सबसे बड़ी समस्या व चुनौती बढ़ते नशे का प्रचलन है और कोई भी अभिभावक ये नहीं मान सकता है कि उसका बेटा और बेटी इसके जाल से बच सकता है। युवा पीढ़ी सिंथेटिक नशे की गिरफ़्त में बहुत तेजी से आ रही है। उन्होंने कहा कि धर्मपुर खण्ड के विभिन गांवों व क्षेत्रों में भी नशा बड़ी तेज़ी से फैल रहा है जिसे रोकना आज के समय की सबसे ज्यादा प्राथमिकता है। साक्षरता समिति के सचिव भीम सिंह ने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय मंच गठित किया गया है जिसमें चालीस से ज़्यादा संगठन एकजुट हुए हैं। मढ़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉ. सुशांत शर्मा ने कहा कि जो बच्चे नशे के आदि हो गए हैं उन्हें अपराधी समझने की प्रवृत्ति बदलनी होगी और इसे एक बीमारी के रूप में ही समझना होगा। संस्थापक सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले छह महीनों में इस अभियान को और व्यापक रूप दिया जाएगा। गांव-गांव में निगरानी कमेटियां गठित की जाएगी। बच्चों और युवाओं को खेलों में जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के लिए सुभाष ने सीएम सुक्खू का आभार व्यक्त किया हैं। तहसील संधोल के भूर गांव के निवासी सुभाष चंद्र भी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के लाभार्थी हैं। उन्हें प्रदेश सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी मिली है। आजकल उनकी गाड़ी जल शक्ति विभाग पधर उपमंडल में लगी है। उन्होंने बताया कि उनकी हर माह 50 हजार रुपये की आय हो रही है। उन्होंने बेरोजगार युवाओं से भी अपील की है कि सरकार की ऐसी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर वे भी स्वरोजगार की राह अपना सकते हैं। सुभाष ने इसके लिए प्रदेश सरकार और विशेष तौर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है।
नशे के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत मंगलवार को थाना जोगिंदर नगर पुलिस द्वारा एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की गई है। इस बारे में जानकारी देते हुए थाना प्रभारी जोगिंद्र नगर सकनी कपूर ने बताया कि पुलिस टीम ने कार्यवाही करते हुए दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया तथा उनके कब्जे से कुल 08.46 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में थाना जोगिंदर नगर में FIR NO. 175/25 दिनांक 14-10-2025, धारा 21 व 29 एन.डी.पी.एस. अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम विभोर शर्मा पुत्र स्वर्गीय शचिन्दा नंद निवासी गांव एवं डाकघर द्रुबल व नीतीश कुमार पुत्र सुरेन्द्र कुमार निवासी गांव गरोडू वार्ड नं. 3 डाकघर एवं तहसील जोगिंदर नगर जिला मंडी के निवासी है। थाना प्रभारी जोगिंद्र नगर सकनी कपूर ने कहा कि थाना जोगिंदर नगर पुलिस नशे के कारोबार के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है और इस दिशा में सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस जनता से अपील करती है कि नशे से संबंधित किसी भी जानकारी को तुरंत पुलिस के साथ साझा करें ताकि समाज को इस बुराई से मुक्त किया जा सके।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सौजन्य से ब्रह्माकुमारी मेडिकल विंग द्वारा नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत शिव मन्दिर सरकाघाट में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर धर्मपुर के विधायक चन्द्रशेखर ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अपने संबोधन में उन्होंने नशा मुक्ति के लिए जन-जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसे शिविर समाज को एक सकारात्मक दिशा देने का कार्य करते हैं। विधायक चन्द्रशेखर ने कहा कि नशा आज केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं, बल्कि यह पूरे समाज और देश के स्वास्थ्य व विकास के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति चिंता का विषय है, और इससे लड़ने के लिए जागरूकता सबसे प्रभावी हथियार है। उन्होंने कहा कि शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है जब हम सब मिलकर नशे के खिलाफ एकजुट हों। इस दिशा में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान अत्यंत सराहनीय है। हमें विद्यालयों, महाविद्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे जागरूकता शिविरों का विस्तार करना चाहिए, ताकि हर नागरिक नशामुक्त भारत के संकल्प में भागीदार बन सके। शिविर में पुलिस और चिकित्सा विभाग का भी सक्रिय सहयोग रहा। विशेषज्ञों द्वारा नशे के दुष्प्रभावों पर जानकारी दी गई तथा इससे बचने के उपायों पर प्रकाश डाला गया। शिविर में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया और नशामुक्त जीवन की शपथ ली। आयोजकों ने बताया कि ऐसे शिविर भविष्य में भी विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे।
सीटू से संबंधित मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर यूनियन मंडी ज़िला कमेटी की बैठक ज़िला प्रधान राजेश शर्मा की अध्यक्षता में कॉमरेड तारा चन्द भवन मंडी में आयोजित की गई। जिसमें सीटू के ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के अलावा गुरदास वर्मा, राजेन्द्र कुमार, ललित कुमार, रोशन लाल, सोहन सिंह, करतार सिंह चौहान, मॉन सिंह, प्यारे लाल, विद्यासागर और गुरवन्ती इत्यादि उपस्थित रहे। बैठक में मनरेगा मज़दूरों की मांगों व राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से पिछले चार साल की वित्तिय सहायता जारी न होने के विषय में 1 नवंबर से गांव गांव में जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में मज़दूरों को मनरेगा में सौ दिनों का रोज़गार न मिलने पर भी चिंता व्यक्त की गई। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मनरेगा कानून में ये दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जिन मज़दूरों के लिए आय का कोई दूसरा साधन नहीं है उन्हें प्राथमिकता दी जाए और वे सौ दिन के काम करने से वंचित न रहें लेकिन दूसरे जॉब कार्ड धारकों को इससे वंचित करने के कोई आदेश नहीं हैं लेकिन मौखिक रूप से ग्राम पंचायतों ने, पंचायत कर्मचारियों ने उन्हें वंचित कर दिया है जिसका यूनियन विरोध कर रही है और मनमर्ज़ी के इस फ़ैसले के खिलाफ अब यूनियन जनजागरण अभियान चलाएगी और खण्ड स्तर पर इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन भी करेगी। इसके अलावा यूनियन मनरेगा मज़दूरों को हिमाचल सरकार का न्यून्तम दिहाड़ी 425 रु देने की भी मांग उठाएगी। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इन सब मुद्दों को लेकर यूनियन अभियान चलाने जा रही है और नवंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में प्रदर्शन किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख हो गया। यह आग ग्राम पंचायत जुफर कोट के कटगाड़ गांव में बीती रात 1 बजे लगी। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। आग लगने के दौरान परिवार के सभी सदस्य निचली मंजिल में सो रहे थे और ऊपर वाली मंजिल में आग भड़क गई। आग का पता लगते ही ग्रामीणों द्वारा परिवार के सदस्य को पहले सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिससे जानी नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया, मगर लकड़ी के मकान की वजह से आग तेजी से फैली और आधे घंटे में जलकर राख हो गया। गांव तक सड़क सुविधा न होने की वजह से दमकल वाहन नहीं पहुंच पाए। आग से घर के अंदर रखा सारा सामान, जिसमें फर्नीचर, कपड़े, अनाज, कीमती दस्तावेज और नगदी सब जल गया। स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। मकान तो रात में जलकर राख हो गया था। मगर लकड़ी के मकान की वजह से इसमें सुबह भी आग की लपटे उठती रही। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार तुलसी राम को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है, ताकि ठंड के मौसम में उन्हें राहत मिल सके।
हिमाचल प्रदेश में मानसून विदा होने के बाद अक्टूबर में आसमान साफ रहने की उम्मीद होती है। लेकिन प्रदेश के कई क्षेत्रों में अब भी बारिश का दौर जारी है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। वहीं, मंगलवार को मंडी जिले में माता शिकारी देवी मंदिर क्षेत्र में सीजन की पहली बर्फवारी होने से पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं। उपमंडल थुनाग की चोटी पर विराजमान माता शिकारी में मंगलवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। पूरे सराज में सोमवार से बारिश का दौर जारी है। मंगलवार दोपहर बाद पारा काम होने से माता शिकारी देवी मंदिर के आस-पास ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी है। सराज में बारिश और ऊंची चोटियों पर बर्फबारी से थुनाग उपमंडल समेत मंडी जिला ठंड की चपेट में आ गया है। एसडीएम थुनाग विचित्र सिंह ने शिकारी माता मंदिर में सीजन की पहली बर्फबारी होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि रविवार को भी हवा के साथ फाहे गिरे थे, लेकिन मंगलवार को बर्फबारी हुई है। मौसम के खराब होने पर शिकारी माता मंदिर के ओर क्षेत्रों में न जाएं। क्षेत्र में बढ़ती ठंड और खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। खराब मौसम के दौरान ऐसी ऊंची पहाड़ियों की ओर रुख न करें, जिन क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना अधिक है। मंडी जिले की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान माता शिकारी के कपाट हर वर्ष 15 नवंबर के बाद से 4 से 5 मार्च तक के लिए बंद रहते हैं। क्योंकि इसके बाद इस क्षेत्र में बर्फबारी शुरू हो जाती है। एहतियात के तौर पर माता शिकारी देवी के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।
हिमाचल प्रदेश में शिमला जा रही एचआरटीसी की बस औट टनल में दुर्घटनाग्रस्त हुई हैं। बताया जा रहा है कि कुल्लू से शिमला जा रही एचआरटीसी की एक बस बुधवार सुबह औट टनल के अंदर हादसे का शिकार हुई हैं। जानकारी के अनुसार, जैसे ही बस टनल के भीतर पहुंची, चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और आगे खड़े एक ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस के आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में बस और ट्रक में सवार छह लोग घायल हुए हैं। सभी घायलों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल नगवाईं ले जाया गया हैं, जहां उनका इलाज जारी है। राहत की बात यह रही कि सभी को मामूली चोटें आई हैं और कोई गंभीर रूप से घायल नहीं है। सूचना मिलते ही पुलिस थाना औट की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और आगामी जांच जारी है। घायलों की पहचान राम दयाल पुत्र चमारु राम निवासी गांव भड़ोल, डाकघर भराडू, तहसील जोगेंद्र नगर, जिला मंडी, ज्योति प्रकाश पुत्र अच्छर सिंह निवासी गांव शिल्लीखड्ड, डाकघर कुफरी, तहसील पधर, जिला मंडी, खरनु राम पुत्र कौला राम निवासी गांव सिहणु, डाकघर हनोगी, तहसील बालीचौकी, जिला मंडी, राजीब पुत्र अमर नाथ निवासी गांव व डाकघर चांदपुर, तहसील सदर, जिला बिलासपुर (एचआरटीसी चालक), अमर सिंह पुत्र बलिराम निवासी गांव व डाकघर मोड़, तहसील करसोग, जिला मंडी (ट्रक चालक) तथा रमेश लाल पुत्र स्व. श्याम लाल निवासी गांव व डाकघर जिया, तहसील भुंतर, जिला कुल्लू के रूप में हुई है।
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सदर क्षेत्र में कटिंडी गांव में दिनदहाड़े 11 लाख रुपये की चोरी हुई। जिस समय चोरी हुई घर की महिला बुजुर्ग खेत गई थी और बहू शादी में गई थी। बताया जा रहा है कि निर्मला देवी अपनी बहू के साथ रहती है। इनका घर गांव से किनारे पर अकेला है और इनका बेटा बाहर नौकरी करता है। घर अकेला होने का फायदा चोरों ने उठाया। उन्होंने पहले मकान की रेकी कर रखी थी। निर्मला देवी की बहू सोमवार को शादी समारोह में गई थी और खुद बुजुर्ग महिला खेतों में। जब वह वापस आई तो उसने देखा कि घर के मुख्य गेट की ग्रिल का बड़ा ताला टूटा था। उन्होंने इसकी सूचना अपनी बहू पल्लवी को दी। जब बहू घर आई तो अंदर जाकर देखा तो तीन बेडरूम में रखी अलमारियों व लाॅकर को भी चोरों ने तोड़ डाला था। चोरों ने इनमें रखे दो मंगलसूत्र, तीन जोड़ी झुमके, तीन अंगूठियां, नौ नथ, एक टीक, एक क्लिप, दो जोड़ी कांटे, चांदी की ब्रेस्लेट, पायलें तीन जोड़ी तथा 22000 रुपये कैश गायब था। इसकी कुल लागत 11 लाख रुपये बनती है। बहू ने इसकी सूचना पुलिस को दी। कटिंडी में दिन दिहाड़े चोरी होने पर लोगों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है। वहीं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन आरंभ कर दी है। एसएचओ पद्धर सौरभ ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द चोरों को पकड़ लिया जाएगा।
मंडी जिले की 2 होनहार बेटियों ने हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता का परचम लहराते हुए सिविल जज का पद हासिल किया है। दाेनाें बेटियाें ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यह प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण कर न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है। दोनों की इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है। जानकारी के अनुसार सुंदरनगर उपमंडल की बरोटी ग्राम पंचायत के सोहर गांव निवासी राकेश कुमार की बेटी मीनाक्षी ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की है। मीनाक्षी की प्रारंभिक शिक्षा डैहर के एक निजी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, का रुख किया जहां से उन्होंने एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। कानून के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता को और बढ़ाते हुए उन्होंने पटियाला स्थित प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलएम की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में वह अपनी पीएचडी भी पूरी कर रही हैं। उनकी यह शैक्षिक यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वहीं, जिले के पधर उपमंडल की सिमरन ने भी न्यायिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर क्षेत्र का मान बढ़ाया है। सिमरन के पिता रविकांत मंडी जिला परिषद में डलाह (पधर) वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं। एक राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आने के बावजूद सिमरन ने शिक्षा और न्याय के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का फैसला किया और अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया। सिमरन की इस सफलता पर उनके परिवार और पूरे पधर क्षेत्र में जश्न का माहौल है।
हाल ही में आई भीषण बाढ़ से धर्मपुर और सोनखड्ड क्षेत्र के लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस बाढ़ का सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक नहीं बल्कि मानवीय लापरवाही है। क्षेत्र में सड़कों की कटाई के बाद ठेकेदारों और निजी लोगों द्वारा मिट्टी की अवैध डंपिंग खुलेआम की गई, जिसने पानी के प्राकृतिक बहाव को रोक दिया। जानकारी के अनुसार, सड़क निर्माण और चौड़ीकरण कार्यों के दौरान निकली मिट्टी को निर्धारित स्थलों पर डालने के बजाय नालों और नदी किनारों पर ही फेंका गया। इससे जलधाराओं का मार्ग अवरुद्ध हो गया। भारी बारिश के समय पानी को रास्ता न मिलने के कारण गांवों और खेतों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और संबंधित विभागों की लापरवाही के चलते यह स्थिति बनी। स्थानीय लोगों ने कई बार मिट्टी डंपिंग की शिकायत की, लेकिन समय रहते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब इसका खामियाजा किसानों को अपनी फसलों के नुकसान और लोगों को घरों में घुसे पानी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। गांव वासियों की मांग है कि सरकार अवैध मिट्टी डंपिंग करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, भविष्य में ऐसे हालात से बचने के लिए नालों की सफाई और उचित ड्रेनेज व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। धर्मपुर से आगे हाजरी क्रशर के पास भी मिट्टी सीधे सोनखड्ड में फेंकी जा रही है जिसके कारण सोनखड्ड का जलस्तर बढ़ गया जिसने भी तबाही मचाने में अहम रोल निभाया है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि प्राकृतिक आपदाएं पूरी तरह से टाली नहीं जा सकतीं, लेकिन मानवीय गलतियों से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। धर्मपुर-सोनखड्ड का यह मामला इसका ताजा उदाहरण है। स्थानीय लोगों राम सिंह, विधी चंद, विकास कुमार, लता देवी, बबली देवी का कहना है कि अगर सरकार दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।
धर्मपुर बस स्टैंड के साथ लगती सोन खड्ड में हाल ही में आए फ्लैश फ्लड से प्रभावित लोगों को प्रशासन द्वारा अब तक लगभग 13 लाख 60 हज़ार रुपये की फौरी राहत राशि वितरित की जा चुकी है। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बुधवार को बताया कि इस आपदा में प्रभावित 99 दुकानदारों, 15 मकान मालिकों और 22 किरायेदारों को यह राहत राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से जेसीबी मशीनों और विभागीय उपकरणों के माध्यम से सड़कों की बहाली और बस स्टैंड धर्मपुर पर भरी सिल्ट को हटाने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के 44 जवान और स्थानीय पुलिस मिलकर ड्रोन कैमरों की मदद से आपदा में लापता हुए लोगों की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह राहत और बहाली कार्यों में जुटा हुआ है और जल्द ही धर्मपुर में बस सेवाएं सामान्य हो जाएंगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक, मंडी उत्तम सिंह ने बताया कि हाल ही में धर्मपुर में आई फ्लैश फ्लड से एचआरटीसी बस स्टैंड को भारी नुकसान पहुंचा है। सोन खड्ड में आए उफान के चलते अब तक 20 बसें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। बस स्टैंड की ग्राउंड फ्लोर और वर्कशॉप क्षेत्र में पानी घुसने से मोटी परत में सिल्ट भर गई है, जिसे निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। क्षतिग्रस्त बसों को रिकवर करने के लिए एचआरटीसी डिवीजनल डिपो हमीरपुर और धर्मशाला से मैकेनिकल टीमें धर्मपुर भेजी गई हैं, जो बुधवार शाम तक पहुंच जाएंगी। फिलहाल सरकाघाट–धर्मपुर मार्ग पर दो बसें सवारियों की सुविधा के लिए चलाई जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि धर्मपुर डिपो की 28 अन्य बसें अभी अलग-अलग स्थानों पर फंसी हुई हैं, जिन्हें सड़क मार्ग बहाल होने पर क्रमवार चलाया जाएगा। स्थानीय यात्रियों को असुविधा न हो इसके लिए नजदीकी डिपो से भी बसें मंगवाई गई हैं ताकि दूरदराज क्षेत्रों के लिए अस्थायी सेवाएं जारी रखी जा सकें। उन्होंने बताया कि डिपो की लगभग 33 लाख रुपये की इन्वेंट्री क्षतिग्रस्त हो गई है। शेष सामग्री की स्थिति की जांच जारी है और जो वस्तुएं उपयोग योग्य होंगी, उन्हें कार्य में लिया जाएगा। इसके अलावा बसों में ईंधन आपूर्ति के लिए स्थापित 20 हजार लीटर क्षमता वाले पंप में भी गाद घुस गई है। इसमें करीब 15 हजार लीटर ईंधन मौजूद था। इस संबंध में इंडियन ऑयल से संपर्क कर सफाई और ईंधन की रिकवरी का कार्य शुरू किया जा रहा है। गत 15 और 16 सितम्बर की रात को हुई मूसलाधार बारिश ने धर्मपुर विद्युत उपमंडल की अधोसंरचना को बुरी तरह प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बारिश से 33 केवी और 11 केवी एचटी लाइनों के साथ-साथ एलटी लाइनें, डीटीआर स्टोर तथा 33/11 केवी उप-स्टेशन को भारी क्षति पहुंची है। रिपोर्ट के मुताबिक 2 किलोमीटर 33 केवी एचटी लाइन और 6 किलोमीटर 11 केवी एचटी लाइन क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं 12 ट्रांसफॉर्मर पूरी तरह या आंशिक रूप से खराब हो गए, जिससे अकेले इस मद में करीब 41.36 लाख का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर 9.5 किलोमीटर एलटी लाइन और 110 पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं। सबसे अधिक नुकसान 225 लाख रुपये के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर को हुआ है। उप-स्टेशन की बाउंड्री वॉल, फेंसिंग, यार्ड, कंट्रोल रूम, और स्टोर सामग्री बह गई है। साथ ही विभाग के छह वाहन भी क्षतिग्रस्त बताए गए हैं। कुल मिलाकर विभाग को इस आपदा में 460.87 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। विभाग का कहना है कि विद्युत आपूर्ति बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। लगातार हो रही बारिश और सड़क संपर्क बाधित होने के कारण बिजली के खंभे और सामग्री साइट तक पहुंचाने की चुनौती के बावजूद विद्युत कर्मी बहाली के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी है। सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली निहरी तहसील के ब्रगटा गांव में सोमवार रात को भूस्खलन की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। जानकारी के अनुसार यहां भूस्खलन होने से पूरा घर जमींदोज हो गया। हादसे के समय घर में पांच लोग मौजूद थे। इस हादसे में तीन लोगों की माैत हो गई। मृतकों में दो महिलाएं और एक आठ महीने का बच्चा शामिल है। इसके अलावा दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। मृतकों में तांगू देवी(33) पत्नी जय सिंह, कमला देवी(33) पत्नी देव राज और भीष्म सिंह(8 महीने) पुत्र देव राज शामिल हैं। सुरक्षित बचाए गए लोगों में खूब राम(65) पुत्र धनी राम और दर्शन देवी(58) पत्नी खूब राम शामिल हैं। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमाार्टम के लिए भेज दिया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने हादसे की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र के अधिकतर मार्ग बंद पड़े हैं, जिस कारण घटनास्थल तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। स्थानीय लोगों ने ही अपने स्तर पर सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को बाहर निकाला है। क्षेत्र में अभी भी रुक रुककर बारिश का दौर जारी है, जिस कारण बाकी राहत एवं बचाव कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। साथ ही पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने का खतरा भी बना हुआ है।
मंडी जिले में सोमवार रात को हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई। सबसे ज्यादा असर धर्मपुर बाजार और आसपास के इलाकों में देखने को मिला, जहां से होकर बहने वाली सोन खड्ड और साने खड्ड अचानक विकराल रूप धारण कर गई। रात 11 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ और करीब एक बजे तक हालात इतने बिगड़ गए कि लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। देखते ही देखते धर्मपुर का बस स्टैंड पूरी तरह पानी में डूब गया। यहां खड़ी निगम की बसें लबालब पानी में फंस गई और कुछ बसें तो तेज बहाव में बह भी गई। खड्ड के किनारे बने कई मकान पानी में डूब गए। घरों में पानी घुसने पर लोग दूसरी मंजिल और छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। निजी वाहन, बाइक, स्कूटर और कारें भी तेज धारा में बह गई। धर्मपुर में बने एक होस्टल में 150 बच्चे फंसे हुए थे, जिन्होंने समय रहते ऊपर की मंजिलों पर जाकर अपनी जान बचाई। लोगों की चीख-पुकार और चारों तरफ फैली अफरा-तफरी ने पूरे इलाके को दहला दिया। डीएसपी धर्मपुर संजीव सूद ने बताया कि जैसे ही रात को तेज बारिश शुरू हुई, पुलिस और रेस्क्यू टीमें तुरंत ही सक्रिय हो गई। लोगों को सुरक्षित निकालने का काम पूरी रात चलता रहा। प्रशासन का कहना है कि नुकसान का जायजा लिया जा रहा है और हालात को सामान्य बनाने की कोशिशें जारी हैं।
पुलिस थाना सुंदरनगर की टीम ने जड़ोल में गश्त के दौरान एक युवक को 344 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान कुल्लू जिला के पनवी गांव निवासी कुंज लाल (27) के रूप में हुई है। शनिवार दोपहर बाद सुंदरनगर थाना पुलिस का दल मुख्य आरक्षी हंसराज के नेतृत्व में जड़ोल फोरलेन पर गश्त पर थे। इसी दौरान पैदल जा रहा एक युवक पुलिस को देख कर घबरा गया और नजरे चुराते हुए तेज गति से जाने लगा। संदेह होने पर पुलिस ने उसे रोका और तलाशी लेने पर उसके पास से 344 ग्राम चरस बरामद हुई। जिस पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ सुंदरनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई आरंभ कर दी है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के कोटली उपमंडल में सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। यह हादसा कोटली-कून सड़क पर द्रुबल पंचायत के अलग गांव के पास हुआ। एक टाटा सूमो गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से करीब 40 फीट नीचे खाई में गिर गई, जिससे यह बड़ा हादसा हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार, टाटा सूमो कोटली से कून गांव की ओर जा रही थी, जिसमें चालक सहित तीन लोग सवार थे। अचानक, गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे एक घर के पास बने शौचालय के पास जा रुकी। इस हादसे में गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों और द्रुबल पंचायत की प्रधान रेखा ठाकुर ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। 108 एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को कोटली अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने गाड़ी के चालक 48 वर्षीय पवन कुमार पुत्र सुधामा राम निवासी कून को मृत घोषित कर दिया। वहीं, हादसे में घायल पवन कुमार की पत्नी रमा देवी और अच्छर सिंह गांव बड़ू को गंभीर हालत में मंडी के जोनल अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, मंडी अस्पताल में उपचार के दौरान अच्छर सिंह ने भी दम तोड़ दिया। घायल महिला रमा देवी की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए एम्स बिलासपुर भेजा गया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। द्रुबल पंचायत की प्रधान रेखा ठाकुर ने बताया कि यह घटना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें हादसे की सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि यह लोग अपने घर की ओर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में यह दुखद हादसा हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने जुलाई 2025 सत्र के लिए पुनः पंजीकरण की तिथि 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है। अब विद्यार्थी 15 सितंबर तक पंजीकरण या पुनः पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। राजकीय महाविद्यालय करसोग स्थित इग्नू अध्ययन केंद्र (कोड 1138) के समन्वयक डॉ. कुलभूषण शर्मा ने बताया कि वे विद्यार्थी जो पूर्व में इग्नू से जुड़े हैं किन्तु आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए पंजीकरण नहीं कर पाए थे, वे भी इस विस्तारित तिथि तक पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि नए अभ्यर्थियों के लिए भी यह अवसर उपलब्ध है और वे स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों जैसे कि बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम, एमबीए, आदि में प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते हैं। पुनः पंजीकरण प्रक्रिया के लिए छात्र इग्नू की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
हिमाचल की सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का नया दौर शुरू होने जा रहा है। आज पूरे हिमाचल में एक साथ अभ्यास हिमाचल कार्यक्रम लॉन्च किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षकों, अभिभावकों व बच्चों को प्रदेश शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। यह कार्यक्रम एक होम लर्निंग है जो कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों की नींव मजबूत करेगा। आज जिला हमीरपुर के सभी सरकारी स्कूलों में पेरेंट् टीचर्स मीटिंग आयोजित की गई। इसी कड़ी में आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुजानपुर में मेगा पीटीएम आयोजित की गई, जिसमें जिला हमीरपुर के तीनों शिक्षा उपनिदेशक मोही राम चौहान, नवीन शर्मा व कमल किशोर भारती उपस्थित रहे। स्थानीय स्कूल प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने सभी उपस्थित शिक्षकों व अभिभावकों का स्वागत व अभिनंदन किया। इस योजना में कक्षा 1 से 10 तक के बच्चे हर शनिवार हिंदी, अंग्रेजी, और गणित विषयों में अभ्यास हिमाचल के जरिए प्रश्नों को हल करेंगे।
करसोग अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए राज्य सरकार ने अस्पताल के लिए नई 300 एम.ए. एक्स-रे मशीन उपलब्ध करवाई है। इस मशीन के लगने से अब उपमंडल के मरीजों को एक्स-रे संबंधी किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में और सुधार होगा। खंड चिकित्सा अधिकारी करसोग डॉ. गोपाल चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में लगी पुरानी एक्स-रे मशीन पिछले कुछ माह से खराब चल रही थी। तकनीकी जांच के बाद इंजीनियरों ने बताया था कि मशीन की मुरम्मत नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि इसके उपरान्त, अस्पताल में केवल 100 एम.ए. की पोर्टेबल मशीन से काम चलाया जा रहा था, जो मुख्य रूप से वार्ड के कार्यों के लिए उपयोगी होती है। उन्होंने बताया कि यह मशीन कम क्षमता की थी, जिससे बड़े स्तर पर एक्स-रे करवाने और रिपोर्ट देखने में काफी मुश्किलें आ रही थीं। डॉ. चौहान ने कहा कि करसोग अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 70 से 80 एक्स-रे किए जाते हैं। ऐसे में बड़ी क्षमता की मशीन की आवश्यकता लंबे समय से थी । उन्होंने बताया कि अस्पताल में अब नई 300 एम.ए. एक्स-रे मशीन के आने से न केवल मरीजों को समय पर जांच सुविधा मिलेगी बल्कि उन्हें निजी केंद्रों में जाने की परेशानी से भी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस मशीन की उपलब्धता से करसोग कस्बे के साथ साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और मरीजों को उच्च स्तरीय और त्वरित एक्स-रे सुविधा करसोग अस्पताल में ही मिल सकेगी। डॉ. चौहान ने अस्पताल में एक्सरे की आधुनिक सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सीएमओ मंडी, स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार का विशेष आभार व्यक्त किया हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए।
सैकड़ों वाहन एवं और लोग जाम में फंसे हुए हैं मंडी: हिमाचल में लगातार भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से तबाही मची हुई है। आपको बता दें की कल बुधवार को सुबह मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग-154 पर लंबाड़ी के नज़दीक भारी लैंडस्लाइड से यातायात पूरी तरह से बाधित है। बारिश के चलते NH-154 बिजनी के समीप मलबा आ गया जिसकी वजह से यह NH बंद हो गया है। पहाड़ी से लगातार पानी के रिसाव होने से बहाली में देरी हो रही है। इस पानी को डायवर्ट करने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है, और इसके बाद ही हाईवे यातायात के लिए फिर से बहाल हो सकेगी। ऐसा उम्मीद जताई जा रही है कि आज रात तक हाईवे को एकतरफा बहाल किया जा सकता है। हाईवे के बंद होने जाने से सैकड़ों वाहन एवं और लोग जाम में फंसे हुए हैं। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ने बताया कि NH को खोलने में समय लग सकता है, इसी वजह से छोटी गाड़ियों के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंडी जाने वाले यात्री के लिए साहल-गरलोग-कटिंडी मार्ग, वहीं पधर की ओर जाने वाले यात्री कटिंडी-नगरोटा-पाली मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कुछ समय के बाद इन मार्गों पर यातायात को वन-वे कर दिया जाएगा, ताकि जाम की स्थिति न बने। उन्होंने बड़े वाहन चालकों से अपील की है कि वे जहां हैं, अभी कुछ समय के लिए वहीं सुरक्षित स्थान पर रुके रहें और प्रशासन के आदेशों का पालन करें। एसडीएम ने जानकारी दी है कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पधर-डायना पार्क-कटिंडी मार्ग का निरीक्षण किया जा रहा है। यदि सड़क यातायात के लिए सुरक्षित पाया जायेगा तो इसे भी खोल दिया जाएगा। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जरुरत हो तभी यात्रा करें, अनावश्यक यात्रा से बचे रहें ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो।
35वीं बार रक्तदान कर दिया संदेश - “रक्तदान सिर्फ रक्त देना नहीं, बल्कि जीवन दान है।” रक्त की आवश्यकता होने पर मोबाइल नंबर – 9218500087 पर संपर्क करें राजकीय सी. एण्ड वी. अध्यापक संघ, जिला मंडी के जिला अध्यक्ष दयाराम ठाकुर ने अपना 35वां रक्तदान कर समाजसेवा में एक अनूठा उदाहरण पेश किया। इस अवसर पर कुछ शिक्षक जिला अध्यक्ष के साथ ज़ोनल अस्पताल मंडी पहुंचे और रक्तदान किया। दयाराम ठाकुर ने कहा कि "शिक्षक होने के साथ-साथ समाजसेवा भी हमारा नैतिक दायित्व है। रक्तदान महादान है, जो किसी की जान बचाने का जरिया बन सकता है। यह केवल वही कर सकता है, जिसके हृदय में दूसरों के लिए सच्ची संवेदना हो।" उन्होंने आगे बताया कि संगठन का मकसद केवल शिक्षकों के अधिकारों के लिए कार्य करना ही नहीं, बल्कि समाज की हर जरूरत में आगे बढ़कर सहयोग देना भी है। बरसात की त्रासदी या किसी भी आकस्मिक दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को यदि रक्त की आवश्यकता होगी तो सीधे जिला अध्यक्ष दयाराम ठाकुर से संपर्क किया जा सकता है। उनका कहना है कि "राजकीय सी. एण्ड वी. अध्यापक संघ, जिला मंडी संगठन हमेशा जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद के लिए रक्तदान करने को तत्पर और तैयार रहता है।" यह कार्य केवल सेवा ही नहीं बल्कि मानवता का सबसे बड़ा धर्म है। किसी भी व्यक्ति को यदि रक्त की आवश्यकता हो तो मोबाइल नंबर – 9218500087 पर संपर्क किया जा सकता है। दयाराम ठाकुर का यह योगदान बताता है कि शिक्षक केवल पाठशाला तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के हर संकट में जीवनदायिनी भूमिका निभाते हैं।
एसडीएम ने स्वतंत्रता सेनानियों व कारगिल शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित 79वां उपमंडल स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी (नागरिक) करसोग गौरव महाजन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्यातिथि ने ध्वजारोहण कर समारोह का शुभारंभ किया और पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड और रेंजर्स एंड रोवर्स द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली। उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों को पुष्पांजलि भी अर्पित की। इस अवसर पर, अपने संबोधन में मुख्यातिथि ने प्रदेश व क्षेत्रवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की आजादी के लिए दी गई शहीदों की कुर्बानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने आह्वान किया कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने में हम सभी अपना योगदान दें। समारोह के दौरान मुख्य अतिथि ने स्वतंत्रता सेनानी सुंदर लाल व गयारु राम, तथा क्षेत्र के कारगिल शहीदों के परिजनों को शॉल, टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके अलावा, गत 30 जून की रात्रि को करसोग में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभिन्न विभागों के लगभग 2 दर्जन कर्मचारियों सहित अन्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों, मार्चपास्ट प्रस्तुत करने वाले पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, रेंजर्स एंड रोवर्स के प्रतिभागियों को भी स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्षा सविता गुप्ता, उपाध्यक्ष बंसी लाल, प्रधान ग्राम पंचायत भडारणू दलीप शर्मा, तहसीलदार करसोग वरुण गुलाटी, बीएमओ डॉ. गोपाल चौहान, विद्युत विभाग के एक्सियन चंद्रमणि शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, पूर्व सैनिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार हुई भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में नुकसान पहुंचाया है। धर्मपुर उपमंडल स्थित राजकीय उच्च पाठशाला रियूर भी इससे अछूता नहीं रहा। लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण स्कूल परिसर की जमीन धंस गई है, जिससे स्कूल का पुराना भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। वहीं, नये भवन के सामने स्थित खेल मैदान में भी दरारें आई हैं, हालांकि स्कूल का नया भवन पूरी तरह से सुरक्षित है और यहीं पर बच्चों की कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। सोमवार को छुट्टियों के बाद जैसे ही स्कूल दोबारा खुला, तो वहां का दृश्य चिंताजनक था। जगह-जगह जमीन धंसी हुई थी और पुराने भवन की स्थिति गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त दिखी। बच्चों के अभिभावक भी इस स्थिति से चिंतित नजर आए। मुख्याध्यापक राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें पहले सोशल मीडिया से इस स्थिति की जानकारी मिली थी। मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने पुष्टि की कि पुराना भवन, जो पहले ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका था, और जिसमें अब कोई कक्षाएं नहीं लगती थीं, बारिश के चलते और अधिक क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि पुराने भवन को पहले ही खाली कर दिया गया था और वहां कोई गतिविधि नहीं हो रही थी। इसके लिए एक संयुक्त निरीक्षण कमेटी का गठन भी किया गया है, जो इस भवन को गिराने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। राजेश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि नया भवन पूरी तरह से सुरक्षित है, और बच्चों की पढ़ाई नियमित रूप से जारी है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों या सोशल मीडिया पर वायरल हो रही असत्य जानकारी से भ्रमित न हों।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश के कारण एक बार फिर से तबाही का मंजर देखने को मिला है, खासकर सराज क्षेत्र में। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने नदी-नालों के जलस्तर को बढ़ा दिया है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। इस आपदा से सराज की कई पंचायतें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिनमें बूंगरैलचौक, संगलबाड़ा, ढीम कटारू, लंबाथाच, चिऊणी, थुनाग, पखरैर, मुरहाग, शिकावरी, लेहथाच, कांढ़ा-बगस्याड, शरण, बहलीधार, शिल्हीबागी, बागाचनोगी, भाटकीधार, कलहणी, खबलेच, जैंशला, बस्सी, कुकलाह और बाखली प्रमुख हैं। बूंगरैलचौक और थुनाग जैसे बाजारों में, मलबा कई घरों में घुस गया है, जिससे वहां रह रहे हजारों लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया है। इस आपदा ने पूरे क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कें बंद, बिजली गुल लगातार बारिश के चलते सराज की सभी मुख्य सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। हाल ही में पीडब्ल्यूडी द्वारा बाखलीखड्ड पर बनाए गए अस्थाई कलवर्ट भी बह गए हैं, जिससे मरम्मत का काम फिर से शुरू करना पड़ेगा। सबसे बड़ी समस्या यह है कि जंजैहली, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, का शेष दुनिया से संपर्क टूट गया है। इसके अलावा, बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह से ठप हो गई है, जिससे पूरा सराज क्षेत्र अंधेरे में डूब गया है।
पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने अपने जन्मदिन पर मिसाल पेश करते हुए थुनाग में आपदा प्रभावितों को लगभग 21 लाख रुपए के चेक वितरित किए।थुनाग में आयोजित कार्यक्रम में उनके साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर,विधायक प्रकाश राणा व भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने आपदा में अपने परिवार खो चुकी निकिता का आजीवन पढ़ाई का खर्च उठाने का फ़ैसला भी लिया। इसके अतिरिक्त सुधीर शर्मा ने निकिता के नाम एक लाख रुपए की एफ॰डी॰ भी उपहार स्वरूप भेंट की। थुनाग और सराज में सुधीर शर्मा ने पीड़ित परिवारों से मिलकर अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की तथा कहा कि वे इस दुख की घड़ी में खुदको अकेला न समझें और हौंसला रखें। वह आगे भी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण पूरा प्रदेश प्रभावित है और आपदा की इस घड़ी में हम सभी को साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने अन्य दानी सज्जनों से भी आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करने का आह्वान किया।
30 जून को आई प्राकृतिक आपदा के बाद स्याठी गांव के डेढ़ दर्जन से अधिक बेघर परिवारों को अब राहत की किरण दिखने लगी है। प्रशासन ने प्रभावितों को बसाने के लिए सरकारी भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रविवार को राजस्व विभाग की टीम, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि और प्रभावित परिवारों ने टौरीनाला क्षेत्र में भूमि का चयन किया। यह भूमि लौंगनी ग्राम पंचायत के हुक्कल मुहाल में चिन्हित की गई है, जिसे प्रशासन की ओर से अनुमोदन के लिए उपायुक्त मंडी को प्रस्तावित किया जाएगा। उपायुक्त को तीन विश्वा तक भूमि आवंटन की स्वीकृति देने का अधिकार है। पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रभावितों को न केवल भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है, बल्कि उन्होंने रसोई गैस कनेक्शन व सिलेंडर भी शीघ्र दिलवाने की मांग प्रशासन से की है। पुराने मामले भी उठाए गए भूपेंद्र सिंह ने 2023 की आपदा में प्रभावित हियुन-बल्ह (तनियार पंचायत) के अनुसूचित जाति परिवारों की भी समस्या उठाई है। उन्होंने बताया कि इन एक दर्जन परिवारों को अब तक भूमि नहीं मिल पाई है और वे दो वर्षों से किराए के घरों में रह रहे हैं। जिन दो परिवारों को सरकार से मकान बनाने के लिए राशि मिली भी, उन्हें पहले ज़मीन खरीदनी पड़ी, जिससे बजट का बड़ा हिस्सा खर्च हो गया। फिलहाल 21 परिवारों को नैना माता मंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मंदिर परिसर में छत तो डाल दी गई है, लेकिन वहां शौचालय और स्नानघर जैसी बुनियादी सुविधाएं नाकाफी हैं। सिंह ने मांग की है कि छत के नीचे अलग-अलग केबिन तैयार किए जाएं ताकि हर परिवार को थोड़ी निजता मिल सके। भविष्य को ध्यान में रख बसावट की ज़रूरत उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जब तक स्थायी ज़मीन न मिल जाए, तब तक प्रभावितों के लिए नाल्ड गौ सदन के पास अस्थायी शेड तैयार किए जाएं। साथ ही कहा कि अनुसूचित जाति समुदायों को बार-बार उन स्थानों पर बसाया गया है जो नदियों या नालों के किनारे, या गांवों से दूर रहे हैं, जो भविष्य के लिहाज़ से असुरक्षित हैं। इस बीच प्रभावितों, ग्राम पंचायत प्रधान, उपप्रधान और अन्य प्रतिनिधियों ने भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए प्रशासन का आभार जताया है।
मंडी ज़िले में बीती रात आई बाढ़ और बादल फटने की घटना ने कई परिवारों को गहरे ज़ख्म दिए हैं। मंगलवार सुबह जेल रोड पर आए मलबे ने दर्शन सिंह का सब कुछ छीन लिया। उनका पूरा परिवार पत्नी, बेटा और भाई मलबे के सैलाब में बह गया। ये सबकुछ उनकी आंखों के सामने हुआ, और वे खुद भी घायल हो गए। फिलहाल वे क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में भर्ती हैं। टूटे पैर के दर्द से ज्यादा उन्हें उस हादसे का सदमा सता रहा है, जिसमें उनका पूरा संसार उजड़ गया। इलाज के दौरान वार्ड में मौजूद लोगों से उन्होंने भर्राए गले से कहा, "सब मुझे कह रहे हैं कि मेरा परिवार सुरक्षित है... लेकिन मैं जानता हूं, मैंने खुद उन्हें बहते देखा है..." दर्शन की यह बात सुनकर अस्पताल में मौजूद हर आंख नम हो गई। एक पल ने सब कुछ बदल दिया। अब वह सिर्फ अकेले बचे हैं, जिनकी आंखों में अपनों की आखिरी झलक कैद है। दर्शन सिंह ने बताया कि परिवार के सभी लोगों ने सोमवार रात एक साथ खाना खाया और सोने चले गए। तेज बारिश के चलते बार-बार नींद टूटती रही। करीब 3:30 बजे जोर की आवाज होने पर आस-पड़ोस के सभी लोग घरों की बालकनी और बरामदों में खड़े हो गए। एकाएक रास्ते पर बह रहे पानी का बहाव तेज हो गया। दर्शन सिंह सड़क पर पार्क किए अपने ऑटो को देखने बाहर निकले, पीछे छोटा भाई बलवीर, बेटा अमनप्रीत और पत्नी सपना भी बाहर आ गई। घर से कुछ दूरी पर पहुंचते ही अचानक पानी का बहाव तेज हो गया और देखते ही देखते परिवार के सभी लोग पानी की चपेट में आ गए। तेज बहाव से दर्शन एक शटर के अंदर गिरे। अंधेरा होने से परिवार के लोगों का कुछ पता नहीं चला। किसी तरह तेज बहाव में शटर को पकड़े रखा। बचाव के लिए हाथ पांव मारते हुए एक शीशे का टुकड़ा हाथ लगा। उसकी मदद से दर्शन ने मलबे को हटाते हुए बाहर निकलने की कोशिश की। पानी के बीच पत्थरों की चपेट में आने से एक टांग टूट गई। लोगों ने बड़ी मशक्क्त के बाद दर्शन को बाहर निकाला।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश ने फिर तबाही मचाई है। बादल फटने से इस बार मंडी शहर के विभिन्न स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। मंडी शहर के जेल रोड़ में अभी तक तीन लोगों की पानी के बहाव में बहने से मौत की पुष्टि हुई है। एक महिला का शव मलबे में दबी गाड़ियों के बीच में फंसा हुआ था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकला गया। एक महिला लापता बताई जा रही है। जेल रोड में पुलिस, एनडीआरएफ की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा भी मौके पर माैजूद हैं। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में दर्जनों छोटे-बड़े वाहन मलबे में दब गए हैं और कुछ बह गए हैं। इसके अलावा पैलेस काॅलोनी, जोनल अस्पताल और अन्य स्थानों पर बारिश ने कहर बरपाया है। शहर वासियों ने डर के साए में पूरी रात काटी। सुबह नगर निगम के मेयर वीरेंद्र भट्ट, कमीशनर रोहित राठौर और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। धर्मपुर लोनिवि मंडल कार्यालय व अधीक्षण अभियंता कार्यालय के ऊपर भारी भूस्खलन हुआ है। कई गाड़ियों के दबने की भी सूचना है। ब्यास, सुकेती, और सकोडी खड्ड के उफान पर होने से साथ लगते घरों के लोग भी सहम गए। नगर निगम आयुक्त मंडी रोहित राठौर ने कहा कि मंडी में भारी बारिश के कारण ऊपरी इलाकों का मलबा निचले इलाकों में जमा हो गया। यह बादल फटने का नतीजा हो सकता है। सभी अधिकारी फिलहाल राहत कार्य में जुटे हैं। हमें जेल रोड के पास हुए नुकसान की सूचना मिली है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है। हमें 2 शव मिले हैं। एनएचएआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण मार्ग को बहाल करने में कठिनाई आ रही है। वर्षा बंद होने के बाद ही मार्ग को खोल दिया जायेगा। मंडी में भारी बारिश के कारण दोनों प्रमुख नेशनल हाईवे को बंद कर दिया गया है। चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे बीती रात से बंद पड़ा है। चंडीगढ़-मनाली एनएच पर 4 मील, 9 मील, दवाड़ा, झलोगी और अन्य स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है। इसी तरह से पठानकोट मंडी पर भी पत्थर से लेकर मंडी तक अनेकों स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। जिले में अभी भी बारिश का दौर जारी है। राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। मंडी शहर के विक्टोरिया पुल के पास लैंडस्लाइड भी हुआ है।
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास और जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव का दौरा कर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। प्रभावित लोगों से मिलकर हालचाल जाना और उनकी समस्याओं को सीधे समझने के साथ उन्होंने अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत सामग्री और आर्थिक मदद पहुंचे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपदा के 24 घंटे के भीतर प्रभावित इलाकों का दौरा कर प्रशासन को राहत एवं पुनर्वास कार्यों के कड़े निर्देश दिए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें अधिकतम 7 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो देश में अब तक किसी राज्य सरकार द्वारा दी गई सबसे बड़ी राहत राशि है। हालांकि, भूमि की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है क्योंकि अधिकतर खाली जमीन वन क्षेत्र में आती है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन हेतु केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। वहीं, वन अधिकार अधिनियम के तहत भी आजीविका पर निर्भर परिवारों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रभावित खेतों और बागीचों के नुकसान का आकलन राजस्व, कृषि और बागवानी विभाग संयुक्त रूप से करेंगे और मुआवज़ा राशि बढ़ाई गई है। राजस्व मंत्री ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और उन्हें कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अटल आदर्श विद्यालय मढ़ी का भी निरीक्षण किया। इस दौरान विधायक चन्द्रशेखर ने क्षेत्र के प्रभावित परिवारों की संख्या बताई और मुख्यमंत्री व सरकार के त्वरित राहत कार्यों के लिए आभार जताया। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि अब तक प्रभावितों को लगभग 3.85 लाख रुपये की सहायता राशि विभिन्न मदों में दी जा चुकी है। 26 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पक्के घरों व 3 कच्चे घरों को 2.50 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 10 पक्के व 18 कच्चे घरों को 70 हजार रुपये की अग्रिम राहत दी गई है। साथ ही गौशालाओं को 65 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई। राहत सामग्री के तहत 29 राशन किट, 16 कंबल, 612 तिरपाल और गैस सिलेंडर आदि वितरण किए गए हैं। पेयजल योजनाओं में अधिकांश कार्य आंशिक रूप से बहाल हो चुके हैं और कुछ सड़कों की मरम्मत प्रगति पर है।
नगर परिषद सुजानपुर टीहरा में परिवार रजिस्टर बनाने का काम 02 जुलाई से शुरू किया गया था। सर्वेक्षण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। यह सर्वेक्षण कार्य लोकमित्र केंद्र की टीम द्वारा किया गया था। हालांकि, नगर परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई परिवार सर्वेक्षण के दौरान छूट गया हो, तो वह अब भी 31 जुलाई तक अपने परिवार का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज करवा सकता है। इसके बाद शहरी विकास विभाग निदेशालय के निर्देशानुसार, लोकमित्र केंद्र की सर्वे टीम किसी भी छूटे हुए परिवार को रजिस्टर में शामिल नहीं कर पाएगी। जिसके लिए नगर परिषद सुजानपुर टीहरा ने समस्त रहवासी परिवारों से अनुरोध किया है कि जो परिवार अभी तक रजिस्टर में दर्ज नहीं हो पाए हैं, वे जल्द से जल्द निम्नलिखित लोकमित्र केंद्र से संपर्क करें और अपना नाम दर्ज करवाएं।
धर्मपुर विद्युत मंडल के अधीन 33 केवी सबस्टेशन को भारी बारिश और सड़क निर्माण के चलते हुए भूस्खलन से भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकाघाट से धर्मपुर को आने वाली मुख्य बिजली लाइन के कई पोल गिर गए हैं, जिससे हजारों उपभोक्ताओं और कई पेयजल योजनाओं की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी पिछले चार दिनों से दिन-रात मलबे में फंसे पोलों को ठीक करने में जुटे हैं। जंगल के भीतर फैले पेड़ों और भारी मलबे की वजह से कार्य में भारी कठिनाई आ रही है। अधिशाषी अभियंता ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग को अब तक ₹10 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि मंडप, चोलथरा, मढ़ी और अन्य 33 केवी सबस्टेशनों के माध्यम से वैकल्पिक तौर पर बिजली की आपूर्ति बहाल की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है। हालांकि, कुछ पेयजल योजनाएं कम वोल्टेज के कारण सुचारु रूप से नहीं चल पा रही हैं, जिससे पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। भूस्खलन का मुख्य कारण धर्मपुर-कोटली सड़क निर्माण कार्य के दौरान की गई अवैध मिट्टी डंपिंग और भारी बारिश को बताया जा रहा है। इससे पहले भी 33 केवी सबस्टेशन पर मलबा भर चुका था, जिससे विभाग को परेशानी हुई थी। अब मुख्य लाइन के पोल गिरने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। वही ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है और प्रयास है कि कल तक मुख्य लाइन की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाए। उपभोक्ताओं को जल्द ही नियमित बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
भारी बारिश के चलते मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। रविवार रात 10:00 बजे से ही 4 मील, 9 मील, बांध के नजदीक, मून होटल और फ्लाईओवर के पास पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे मार्ग बंद पड़ा है। बारिश के चलते पहाड़ियों से पत्थर और मलबा गिरने का सिलसिला जारी है, जिससे एनएचएआई की मशीनों को मार्ग से मलबा हटाने में कठिनाई हो रही है। लगातार बारिश के बीच मार्ग को खोलना जोखिम भरा बना हुआ है। पंडोह थाना प्रभारी एएसआई अनिल कटोच ने बताया कि एनएचएआई की टीमें मौके पर मौजूद हैं और जैसे ही बारिश में थोड़ी राहत मिलेगी, तुरंत मार्ग से मलबा हटाकर सड़क को यातायात के लिए सुरक्षित बनाया जाएगा। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें और अनावश्यक रूप से यात्रा से बचें। स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया जा रहा है।
जब काग़ज़ों में करोड़ों का विकास हो, और ज़मीन पर सिर्फ़ धूल उड़ती मिले तो समझिए कि भ्रष्टाचार ने विकास की बुनियाद ही हड़प ली है। हिमाचल प्रदेश की मंडी ज़िला स्थित करसोग उपमंडल की ठाकुरठाणा पंचायत से ऐसी ही एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है , जहां पंचायत प्रधान माला मेहता को लाखों के गबन और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में पद से निलंबित कर दिया गया है। काग़ज़ी दावों में ठाकुरठाणा पंचायत में नालियां बनीं, रास्ते पक्के हुए, सड़कों की मरम्मत हुईलेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि गांव वालों ने किसी निर्माण कार्य का नामोनिशान तक नहीं देखा। लाखों के बिल पास हुए, यहां तक कि मशीनों की एंट्री भी दर्ज कर दी गई। लेकिन जब ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाकर शिकायत की, तो परत-दर-परत घोटाला सामने आया। करसोग बीडीओ सुरेंद्र कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच के दौरान सबसे हैरान करने वाला तथ्य यह सामने आया कि एक स्कूटी के नंबर को जेसीबी मशीन का नंबर बताकर भुगतान कर दिया गया था। यानी सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली जेसीबी असल में एक दोपहिया वाहन निकली। यह तथ्य RTI से मिली जानकारी के बाद सामने आया, जिसे ग्रामीणों ने सटीक दस्तावेजों के साथ पेश किया था। सरकारी धन के गबन की प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए गए, जिस पर जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने प्रधान माला मेहता को 20 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया। मगर जवाब संतोषजनक नहीं रहा। आखिरकार पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145(1)(ग) और नियमावली 1997 के नियम 142(1)(क) के तहत कार्रवाई करते हुए माला मेहता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
करसोग क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की घटनाओं के आपदाग्रस्त परिवारों की सहायता के उद्देश्य से पांगणा और इसके आसपास के क्षेत्रों में एक संगठित और मानवीय संवेदना से परिपूर्ण राहत अभियान चलाया जा रहा है, जो पांचवें दिन भी पूरी निष्ठा, समर्पण और उत्साह के साथ जारी रहा। स्थानीय स्वयंसेवकों, युवाओं, शिक्षक समुदाय और समाजसेवियों की टीमों ने बाजारों और गाँव-गाँव, घर-घर जाकर लोगों से सहायता राशि एकत्रित की। इस प्रयास के परिणामस्वरूप पहले दिन ₹29,071, दूसरे दिन ₹43,460, तीसरे दिन ₹19,651, चौथे दिन ₹54,622 और पाँचवें दिन ₹59,748 की राशि जुटाई गई। अब तक कुल ₹2,06,552 की सहायता राशि एकत्र हो चुकी है, जो प्रभावित परिवारों के तात्कालिक पुनर्वास और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। राहत अभियान की पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करते हुए आज से ऑफलाइन सहयोग राशि संग्रहण बंद कर दिया गया है, जबकि डिजिटल या ऑनलाइन माध्यम से सहयोग भेजने की अंतिम तिथि 9 जुलाई दोपहर 12:00 बजे निर्धारित की गई है। इसके उपरांत सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित बैंक खाते में कोई भी राशि न भेजें, जिससे अभियान की समापन प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से पूर्ण किया जा सके। इस जनसहयोग अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें पांगणा क्षेत्र की अनेक सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक और प्रशासनिक इकाइयों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। व्यापार मंडल पांगणा, ग्राम पंचायतें – कलाशन, मशोग, सूई-कुफरीधार, सरही, चुराग – के प्रतिनिधियों ने न केवल आर्थिक सहयोग दिया, बल्कि स्वयं भी क्षेत्र में घूमकर जनसंपर्क किया। विद्यालय प्रबंधन समितियाँ (SMC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), यूथ क्लब, इको क्लब, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी और बुद्धिजीवियों ने मिलकर जनमानस को इस नेक कार्य से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया। इस अभियान की सफलता में प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों की भूमिका भी उल्लेखनीय रही।
पधर उपमंडल की चौहारघाटी की ग्राम पंचायत सिल्हबुधाणी के कोरतंग गांव में रविवार रात करीब 12 बजे बादल फटने की घटना से क्षेत्र में भारी तबाही मच गई। गांव के साथ लगते नाले में अचानक आए सैलाब से एक वाहन योग्य पुल सहित तीन पैदल पुल (पुहुली) बह गए हैं। नाले के किनारे बसे ग्रामीणों की मलकियत उपजाऊ भूमि, खड़ी फसलें और बागीचे पानी व मलबे में समा गए हैं। पंचायत प्रधान प्रेम सिंह ठाकुर और बीडीसी सदस्य कमला ठाकुर ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले समय में गांव को गंभीर खतरा बना हुआ है। नाले के तेज बहाव और कटाव के चलते क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंचायत प्रधान की ओर से एसडीएम पधर को एक रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और संभावित खतरे का ब्यौरा देते हुए शीघ्र राहत एवं सुरक्षा उपायों की मांग की गई है। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रशासनिक टीम को तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया जाएगा।


















































