साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल एक बार फिर इकट्ठे होते दिखाई देंगे। भाजपा को सत्ता से बाहर करने की चाह रखने वाले दलों के नेता पटना में एक बैठक करने वाले हैं। इस मीटिंग को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने 12 जून को बुलाया है। इस बैठक में 24 विपक्षी दलों के शामिल होने की संभावना है। पार्टी के नेतृत्व ने पहले ही 18 दलों के साथ योजना पर चर्चा की है, शेष दलों से कुछ दिनों में विचार-विमर्श किया जाएगा। बताया जा रहा है कि विभिन्न दलों और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच लंबे समय तक बातचीत हुई है। पटना में 12 जून को होने वाले विपक्षी मीट में कम से कम 24 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है। जेडीयू 18 दलों से चर्चा कर चुकी है, बाकी 6 दलों से बातचीत कुछ ही दिनों में हो जाएगी।
अमृतसर से जम्मू-कश्मीर आ रही एक बस के गहरी खाई में गिर जाने से 10 लोगों की मौत हो गई। जम्मू जिला कलेक्टर कार्यालय ने कहा कि दुर्घटना में एक दर्जन यात्री घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बस कटरा के रियासी जिले में हादसे का शिकार हुई। बताया जा रहा है कि बस तीर्थयात्रियों को माता वैष्णो देवी मंदिर ले जा रही थी। कटरा त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल के लिए आधार शिविर है। वहीं, जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कोहली ने पीटीआई बताया, "10 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है और 20 अन्य घायल हुए हैं। बचाव अभियान जारी है।" स्थानीय निवासी और पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। घायलों को जम्मू के जीएमसी अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि बस में बिहार के लोग थे जो कटरा जा रहे थे।
नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे पर सियासित गरमाई हुई है। इसे लेकर बिहार के राष्ट्रीय जनता दल ने ट्विटर पर एक विवादित फोटो भी पोस्ट की है। राष्ट्रीय जनता दल ने एक ताबूत की तस्वीर के साथ नए संसद भवन की तुलना करते हुए लिखा कि ये क्या है? हालांकि विवाद बढ़ने पर राष्ट्रीय जनता दल ने सफाई दी है। राष्ट्रीय जनता दल नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि लोकतंत्र को दफन कर दिया गया है, इसलिए हमारे ट्वीट में ताबूत प्रतीकात्मक तौर पर दिखाया गया है। देश इसे स्वीकार नहीं करेगा। संसद, लोकतंत्र का मंदिर होती है और ऐसी जगह होती है, जहां चर्चाएं होती हैं। इस पर भाजपा का पलटवार राष्ट्रीय जनता दल के इस ट्वीट की आलोचना भी शुरू हो गई है। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राष्ट्रीय जनता दल के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए लिखा कि 'आज एक ऐतिहासिक पल है और देश गौरवान्वित है। आप नजरबट्टू हैं और कुछ नहीं। छाती पीटते रहिए। 2024 में देश की जनता आपको इसी ताबूत में बंद करके गाड़ देगी और नए लोकतंत्र के मंदिर में आप को आने का मौका भी नहीं देगी। चलिए यह भी तय हुआ कि संसद देश की और ताबूत आपका।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने अधीनम (संतों) की मौजूदगी में ऐतिहासिक 'सेंगोल' को स्थापित किया। उद्घाटन से एक दिन पहले तमिलनाडु से आए अधीनम ने इस ऐतिहासिक राजदंड को पीएम मोदी को सौंपा था। सेंगोल तमिल शब्द सेम्मई से बना है, इसका अर्थ होता है- नीतिपरायणता। नई संसद में स्थापना के बाद अब सेंगोल को देश के पवित्र राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर जाना जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ब्रिटिश हुकूमत की तरफ से भारत को हस्तांतरित किए गए सत्ता के प्रतीक ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। ‘सेंगेाल’ अभी प्रयागराज के एक संग्रहालय में रखा गया था । तमिलनाडु का चोल साम्राज्य भारत का एक प्राचीन साम्राज्य था। तब चोल सम्राट सत्ता का हस्तांतरण सेंगोल सौंपकर करते थे। भगवान शिव का आह्वाहन करते हुए राजा को इसे सौंपा जाता था। नेहरू को राजा गोपालचारी ने इसी परंपरा के बारे में बताया। इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सेंगोल परंपरा के तहत सत्ता हस्तांतरण की बात को स्वीकार किया और तमिलनाडु से इसे मंगाया गया। सबसे पहले लॉर्ड माउंट बेटन को ये सेंगोल दिया गया और फिर उनसे हत्तांतरण के तौर पर इसे वापस लेकर नेहरू के आवास ले जाया गया। जहां गंगाजल से सेंगोल का शुद्धिकरण किया गया। उसके बाद मंत्रोच्चारण के साथ नेहरू को इसे सौंप दिया गया। बताया जाता है कि प्रयागराज म्यूजियम में यह गोल्डन स्टिक पहली मंजिल पर बनाई गई नेहरू गैलरी के एंट्रेंस गेट पर बने शोकेस में रखी गई थी। इस गैलरी में पंडित नेहरू के बचपन की तस्वीरों से लेकर उनके घरों के मॉडल ऑटो बॉयोग्राफी और उपहार में मिली हुई तमाम वस्तुएं रखी गईं हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के निर्देश पर यह सेंगोल तकरीबन 6 महीने पहले 4 नवंबर 2022 को प्रयागराज म्यूजियम से दिल्ली के नेशनल म्यूजियम भेज दी गई थी।
जेठ के महीने में तपते राजस्थान में सियासत भी खूब गरमाई हुई है। इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है और सत्ताधारी कांग्रेस का भीतरी सियासी पारा रिकॉर्ड तोड़ रहा है। कभी गहलोत के को-पायलट रहे सचिन पायलट अपनी ही सरकार की किरकिरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। उधर, गहलोत भी हमेशा की तरह अपने चिर परिचित अंदाज में सियासी बिसात जमाने में लगे है। पांच साल से खींची आ रही दोनों नेताओं के बीच की अदावत शायद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। संभवतः पायलट और कांग्रेस की राह जुदा होने का समय अब आ चुका है। राजस्थान कांग्रेस का पिछले पांच साल का सियासी घटनाक्रम किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं रहा है। 2018 में सचिन पायलट के सियासी अरमान क्रैश कर अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे और साबित किया था कि उन्हें 'सियासत का जादूगर' क्यों कहा जाता है। दरअसल 2013 में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद से वो सचिन पायलट ही थे जो राजस्थान में बतौर अध्यक्ष कांग्रेस की वापसी की जमीन तैयार करते रहे। वहीँ गहलोत बतौर राष्ट्रीय महासचिव केंद्र में सक्रिय थे। पर 2018 का विधानसभा चुनाव नजदीक आते -आते गहलोत राजस्थान लौटे और इसी के साथ ये लगभग तय था कि पायलट के हाथ खाली रहने वाले है। नतीजे आएं तो जो कांग्रेस डेढ़ सौ सीट का दावा कर रही थी वो 99 पर अटक गई जो बहुमत से दो कम था। पायलट के कई करीबी चुनाव हारे और चुनकर आएं विधायकों में गहलोत समर्थकों का बहुमत था। वहीं बाहरी समर्थन से सरकार बनानी भी थी और पांच साल चलानी भी थी, सो लाजमी था कि अनुभवी गहलोत को ही कमान मिले। हुआ भी ऐसा ही, गहलोत सीएम बने और पायलट डिप्टी सीएम। सचिन पायलट को डिप्टी सीएम का पद दिल से मंजूर नहीं था, ये तो सर्वविदित है। उधर गहलोत के अपने तेवर, अपना तरीका है। भविष्य की झलक शपथ ग्रहण में ही दिख गई थी जब डिप्टी सीएम के लिए सीएम के बगल में अलग से कुर्सी लगवानी पड़ी। आखिर, खींची तलवारें कब तक मयान में रहती, आहिस्ता -आहिस्ता तल्खियों की झलकियां दिखने लगी और स्पष्ट हो गया कि राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। साल था 2020 और मार्च महीने में सचिन पायलट के दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी का दामन थाम चुके थे और मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया था। गहलोत भी इस बात को समझ रहे थे कि भाजपा का अगला निशाना वे ही होंगे। जून में राजस्थान में 3 राज्यसभा सीटों का चुनाव था और अशोक गहलोत को दगाबाजी का डर था, इसलिए 19 जून को चुनाव से करीब एक सप्ताह पहले ही विधायकों की बाड़ेबंदी कर दी गई थी। इसके साथ ही गहलोत ने इशारों इशारों में सचिन पायलट पर निशाना- साधना शुरू कर दिया था। गहलोत आक्रामक होते गए और विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने कई निर्दलीय विधायकों के साथ ही डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी नोटिस भेजा। कहा गया कि अशोक गहलोत के इशारों पर सचिन पायलट को नोटिस भेजा गया है, हालांकि खुद गहलोत को भी नोटिस मिला था। इसके बाद पायलट और उनके साथी विधायक शिकायत लेकर दिल्ली पहुंच गए और इसी नोटिस को वजह बताकर बगावत कर दी। सत्ता के उड़न खटोले को उड़ाने की इच्छा लिए पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ मानेसर के एक रिज़ॉर्ट में शिफ्ट हो गए। बताया गया उनके साथ 25 विधायक थे और पायलट ने अशोक गहलोत सरकार के अल्पमत में आ जाने का ऐलान कर दिया। उधर भाजपा पूरा तमाशा देख रही थी और मौके की तलाश में थी। पर गहलोत को यूँ ही सियासत का जादूगर नहीं कहा जाता। दरअसल खतरे को भांपते हुए गहलोत पहले ही अपनी रणनीति पक्का करने में जुटे थे और कभी भी बैकफुट पर नहीं दिखे। पायलट खेमे से कुछ विधायक को गहलोत ले ही आएं, बसपा के 6 और अन्य छोटे दलों के विधायकों के अलावा निर्दलीय भी गहलोत ने पहले ही साध रखे थे। सीएम आवास पर 13 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई गई और मौजूदा विधायकों की संख्या करीब 106 बताई गई जो बहुमत से 5 ज्यादा थी। इसके बाद पायलट गुट के तीन विधायक भी गहलोत के साथ हो लिए और पायलट के पास कुछ नहीं बचा। गहलोत ने अपने सियासी दाव पेंचों को साधते हुए सरकार बचा ली। उधर, सचिन पायलट को भी कांग्रेस आलाकमान मनाने में कामयाब हो गया और पायलट लौट आएं लेकिन कमजोर होकर। उनके पास न डिप्टी सीएम का पद रहा और न प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का। सरकार और संगठन, दोनों में बैकफुट पर चल रहे सचिन पायलट की उम्मीद 2022 के अंत में फिर जगी। दरअसल, अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार की पसंद थे। माना जा रहा था कि गहलोत सीएम का पद छोड़ पार्टी की कमान संभालेंगे, पर गहलोत का इरादा सीएम की कुर्सी छोड़ने का नहीं था। खासतौर से पायलट के लिए छोड़ने का तो बिलकुल नहीं था। गहलोत ने खुलकर कहा कि जिसने सरकार गिराने की साजिश की वो विधायकों को मंजूर नहीं है। आलाकमान सीएम पद पर पायलट को सेट करना चाह रहा था, पर गहलोत के मन में कुछ और ही चल रहा था। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की गहमागहमी के बीच पार्टी आलाकमान ने जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई ताकि नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बन सके। माना जाता है कि आलाकमान पायलट को कमान देने का मन बना चुका था लेकिन गहलोत को ये मंजूर नहीं था। बैठक में गहलोत समर्थित विधायक नहीं पहुंचे और ये गहलोत का आलाकामन को सन्देश था कि पायलट नहीं चलेंगे। आलाकामन भी गहलोत के आगे बेबस हुआ और गहलोत सीएम पद पर बने रहे। हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उनकी जगह मालिकार्जुन खरगे को बढ़ाया गया। अब बीते कुछ दिनों से फिर राजस्थान कांग्रेस में खींचतान चरम पर है। पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। पायलट भी जानते हैं कि इस बार बगावत का नतीजा काफी अलग हो सकता है। सचिन पायलट, गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए सरकार को घेर रहे हैं। वे विशेषकर वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के बीच मिलीभगत के आरोप लगा रहे है। पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ यात्रा निकाल रहे है। यानी पानी सर से ऊपर उठता दिख रहा है और जानकार मान रहे है कि उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है। शायद पायलट खुद ऐसा चाहते हों ताकि उन्हें सहानुभूति मिल सके। उधर गहलोत खेमे का कहना है कि सचिन पायलट छोटी छोटी बातों पर रुठ जाते हैं, वह नाखून कटवा कर शहीद बनने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच निगाहें टिकी है आलाकमान पर। ये देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी आलाकमान किस तरह इस समस्या का हल निकालता है। उलझे सियासी समीकरण, क्या होगा अगला कदम ? अगर पायलट और कांग्रेस की राह अलग होती है तो उनका अगला ठिकाना क्या होगा, इसे लेकर भी कयासबाजी हो रही है। दरअसल, राजस्थान भाजपा में भी कई गुट है और पायलट इनमें से एक वसुंधरा राजे के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले हुए है। ऐसे में पायलट का भाजपा में जाना मुश्किल लगता है बशर्ते वसुंधरा भाजपा में पूरी तरह दरकिनार हो जाएँ। पर वसुंधरा की जमीनी पकड़ को देखते हुए भाजपा के लिए ऐसा करना आत्मघाती हो सकता है। उधर, बीते दिनों वसुंधरा को उनकी सरकार बचाने में सहायक बताकर गहलोत पहले ही बड़ा सियासी दांव चल चुके है जिसने सबको कंफ्यूज किया हुआ है। ऐसे में जब तक भाजपा आलाकमान अपना मन न बना ले, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। वहीँ सचिन पायलट के सामने अपनी अलग पार्टी बनाने का विकल्प भी है और माहिर मान रहे है कि पायलट इसी नीति पर आगे बढ़ेंगे। यदि पायलट जाते है और कांग्रेस में बड़ी टूट होती है तो निसंदेह गहलोत की सत्ता वापसी मुश्किल होगी। वहीँ भाजपा के लिए भी पायलट शायद ऐसी स्थिति में जायदा फायदेमंद हो।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर सिद्धारमैया को बधाई दी है। सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आज बेंगलुरु में आयोजित उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि सिद्धारमैया के दूरदर्शी और सक्षम नेतृत्व में कर्नाटक राज्य विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीब और शोषित वर्गों का विशेष ध्यान रखने के साथ समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना कर्मचारी संघ, कर्नाटक के सदस्यों ने आज बेंगलुरु में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की तथा हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए आभार व्यक्त किया। संघ के अध्यक्ष शांताराम तेजा के नेतृत्व में सदस्यों ने राज्य में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद से सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद अब यहां भी जल्द ही पुरानी पेंशन योजना बहाल होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने से लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ है। उन्होंने राज्य की विकास यात्रा में कर्मचारियों के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया और उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों दोनों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया है। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करने का आश्वासन दिया।
कर्नाटक में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और पार्टी ने बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर भी माथपच्ची शुरू हो गई है। सीएम पद की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार सबसे आगे हैं और इन दोनों में से किसी एक नेता का चुनाव पार्ट के लिए सरदर्द साबित हो सकता है। सिद्धारमैया ज्यादा अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं और उनके पास सरकार चलाने का अनुभव है, जबकि डीकेएस चुनौती देने वाले नेता हैं और सोनिया गांधी करीबी हैं। ऐसे में आलाकमान के लिए फैसला मुश्किल होने वाला है। वैसे माहिर मान रहे है कि अगर सभी विधायकों के बहुमत के साथ भी फैसला लिया जाता है तो सिद्धारमैया अधिक स्वीकार्य मुख्यमंत्री चेहरा हो सकते है। सिद्धारमैया : बड़ा कद, लम्बा राजनैतिक अनुभ राज्य में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता सिद्धारमैया को फिर से मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सिद्धारमैया साल 2013 से लेकर साल 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं। ऐसे में सिद्धारमैया पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने कार्यकाल के दौरान कई सामाजिक-आर्थिक सुधार योजनाएं शुरू की थी जिन्होंने उन्हें आर्थिक कमजोर वर्ग के बीच ख़ासा लोकप्रिय बनाया। पर अपनी पिछली सरकार के दौरान उन्होंने कुछ ऐसे फैसले भी लिए थे जिनसे लिंगायत, विशेष रूप से हिंदू वोटरों के बीच में उनकी लोकप्रियता घटी, मसलन टीपू सुल्तान को इतिहास से हटाकर उनका महिमामंडन करना, जेल से आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई और एसडीपीआई के कई कार्यकर्ताओं को रिहा करना इत्यादि। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी उनके नेतृत्व में रिपीट करने में कामयाब नहीं रही थी जिसके बाद कांग्रेस ने जेडीएस के साथ गठबंधन सरकार बनाई। हालाँकि वो सरकार महज एक साल ही चल सकी। अब दोबारा बहुमत मिलने पर क्या कांग्रेस फिर सिद्धारमैया को सीएम पद सौपेंगी, ये देखना रोचक होगा। डीके शिवकुमार: प्रदेश अध्यक्ष, कमतर नहीं दावा चुनाव नतीजे के एक दिन पहले ही डीके शिवकुमार ने एक ट्वीट किया है, जिससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि डीके शिवकुमार की दावेदारी कम नहीं है। दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों से ठीक एक दिन पहले डीके शिवकुमार ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपनी तीन सालों की मेहनत का ट्रेलर का वीडियो साझा करते हुए, एक किस्म से अप्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश कर दी है। डीके शिवकुमार कनकपुरा सीट से लगातार 9वीं बार विधायक हैं। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने में शिवकुमार की अहम् भूमिका है। हालाँकि मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोप में उन्हें साल 2019 में दिल्ली के तिहाड़ जेल में दो महीने बिताने पड़े थे। शिवकुमार कई बार कह चुके है कि जेल में रहने के दौरान उनके साथ नियम पुस्तिका के खिलाफ सबसे कठोर व्यवहार किया गया था क्योंकि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध थी। अब कांग्रेस क्या राज्य के सबसे अनुभवी नेता माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर उन्हें वरीयता देगी, इस पर सबकी निगाह टिकी है। सरप्राइज की सम्भावना भी खारिज नहीं ! कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक से आते है और खरगे के नाम को लेकर भी कयास लगते रहे है। कर्नाटक कांग्रेस में दो ताकतवर गुट यानी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार गुट आमने- सामने है और दोनों नेताओं के समर्थक खुलकर एक दूसरे पर वार करते नजर आए हैं। दोनों नेताओं के बीच खींचतान बनी हुई है, ऐसे में क्या खरगे सरप्राइज हो सकते है, ये देखना रोचक होगा। हालाँकि इसकी संभावना कम है पर राजनीति में कुछ भी मुमकिन होता है। लोग बदलाव चाहते थे और बदलाव हुआ - सीएम सुक्खू मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस की जीत का श्रेय सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिया। सुक्खू ने कहा कि कर्नाटक के लोग बदलाव चाह रहे थे और बदलाव हो गया है। कर्नाटक में लंबे समय से 40 हजार सरकारी नौकरी के पदों पर भर्ती नहीं हो सकी थी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में गवर्नेंस नाम की चीज ही नहीं थी। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी बतौर स्टार प्रचारक कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार किया था। कर्नाटक की जीत ने दिए 2024 के संकेत : प्रतिभा सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि लोगों ने भाजपा की धुव्रीकरण की राजनीति को पूरी तरह ठुकरा दिया हैं। हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत से साबित हो गया है कि देश में भाजपा के खिलाफ हवा चल रही हैं। उन्होंने कहा कि देश मे अब भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई हैं, और 2024 में केंद्र में कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार बनेगी।
अन्य राज्यों में भी कांग्रेस अपनी जीत का लहराएंगी परचम: प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि लोगों ने भाजपा की धुव्रीकरण की राजनीति को पूरी तरह ठुकरा दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद प्रतिभा सिंह ने कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत पर खुशी व्यक्त करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व मालिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित सभी नेताओं को बधाई दी है। उन्होंने कर्नाटक के मतदाताओं का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल से अब देश के अन्य राज्यों में भी कांग्रेस अपनी जीत का परचम लहराएंगी। ** 3.30 तक बजे की अपडेट.. "इस देश को मोहब्बत अच्छी लगती है"- राहुल गांधी कर्नाटक में कांग्रेस बहुमत से जीत दर्ज कराने के बेहद नजदीक है। रुझानों में पार्टी को अभी 130 तक सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। इसी बीच राहुल गांधी दिल्ली स्थित पार्टी दफ्तर पहुंचे। उन्होंने मीडिया के सामने आए 6 बार नमस्कार बोले। उन्होंने कहा " सबसे पहले मैं कर्नाटक की जनता को, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को, सब नेताओं को और उनके काम को बधाई देता हूं"। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के चुनाव में एक तरफ सरकार के करीबी पूंजीपतियों की ताकत थी, तो दूसरी तरफ गरीब जनता की शक्ति थी। इस चुनाव में शक्ति ने ताकत को हरा दिया। यही हर राज्य में होगा। कांग्रेस कर्नाटक में गरीबों के साथ खड़ी हुई। हम उनके मुद्दों पर लड़े। हमने नफरत और गलत शब्दों से ये लड़ाई नहीं लड़ी। हमने मोहब्बत से ये लड़ाई लड़ी। कर्नाटक ने दिखाया कि इस देश को मोहब्बत अच्छी लगती है। राहुल ने कहा कि कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ है, मोहब्बत की दुकानें खुली हैं। ये सबकी जीत है। सबसे पहले यह कर्नाटक की जनता की जीत है। हमने चुनाव में कर्नाटक की जनता से 5 वादे किए थे। हम इन वादों को पहली कैबिनेट मीटिंग में पूरा करेंगे। **10.30 बजे तक की अपडेट.. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस आगे चल रही है। सुबह 10.25 बजे तक के रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस 118 सीटों पर बढ़त बनाए है। यानी कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है और अगर कोई बड़ा उलटफेर न हो तो इसमें अब अधिक नंबर का बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। सत्ताधारी बीजेपी 76 सीट पर आगे चल रही है, जो बहुमत के नंबर से काफी पीछे है. वहीं,राज्य में किंगमेकर बनने की उम्मीद लगाए बैठी जेडीएस 24 सीटों पर आगे है। अन्य को 6 सीटों पर बढ़त है।रुझानों में कांग्रेस को दिख रही बढ़त के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। यदि पार्टी पर्याप्त नंबर हासिल करती है तो रविवार को कांग्रेस के विधायक दल की बैठक हो सकती है। बैठक के लिए आज शाम तक विधायक राजधानी बेंगलुरु पहुंच सकते हैं।
Maharashtra forest officials retrieved seventeen tiger whiskers from three poachers in Nagpur. The accused were Maharashtra residents from Nagpur and Bhandara regions. The Forest Department acted after receiving word from their credible source that a tiger whisker sale was about to take place. Deputy Forest Conservator B S Hada added, "We were keeping a close eye on the accused." We closed in on the three culprits on May 1, apprehended them, and seized 17 whiskers." The origin of the tiger whiskers and the forest division to which they belong are being investigated. Illegal poachers have a high demand for tiger whiskers since they are utilized by godmen and tantriks, making it a very profitable business for them.
The ongoing construction of Noida international airport faces yet another obstacle after starting its construction in 2021. First, it was clearance issues, and now the construction company is facing the problem of ongoing wildlife intrusions. The major wildlife species found around the airport area are Indian Blackbuck, Nilgai, Jackels, wild cats, and the Sarus crane. The operator of the Noida airport, Yamuna International Airport Pvt Ltd (YIAPL), sent a letter to the state authorities requesting that wildlife be taken away from the project site as the animals hinder construction. This is the fourth letter from Feb 2022 to the local authorities by the construction agency. In the letter, the YIAPL CEO Christoph Schnellmann wrote, “Since full-fledged construction started at the site with manpower and machinery, it has affected the habitation of the animals. The presence of wildlife will also impede the smooth and unhindered progress of construction activities". Measures Proposed: The biodiversity action plan prepared by the WII, Dehradun, will be executed by state-concerned authorities. The Aviation Authority will ensure that the WII regulations are implemented smoothly. A new survey will be undertaken in order to carry out the evacuation strategy. The state forest department has proposed the construction of an animal rescue and rehabilitation centre with a budget of Rs 5 crores and an area of around 5 hectares. As per the WII report, the two keystone species that reside in and around the airport area are the Blackbuck and Sarus crane. In the survey of 1,334 hectares area, 258 blackbucks were reported, while 76 Sarus cranes were recorded in independent sightings. DFO Srivastava said, "The Forest department would conduct a fresh survey to ascertain the exact population of the wildlife around the project site for carrying out an evacuation plan". In addition, Yamuna Expressway Industrial Development Authority (YEIDA) CEO Arun Vir Singh had promised to provide all ground support for it.
Following the birth of two Cheetah cubs in March to parents Siyaya and Freddie in India, which were translocated from Nambia (South Africa) to the Indian national park Kuno (India) in September 2022. The world is watching to see if the Cheetah can thrive in India again after its extinction in the 1950s caused by overhunting and poaching. In February, 12 cheetahs were relocated from South Africa to India to introduce 50 cheetahs from various African countries into several Indian national parks as part of "Project Cheetah." First Indian Cheetah conservation specialist P Giradkar said, “Cheetah is the only animal in recorded history to become extinct from India due to unnatural causes. Therefore, scientific studies on the ecological interaction between habitat composition, habitat quality, and demography of cheetahs and their prey are required to maintain viability,” Giridkar told DW. She was satisfied with the birth of cubs and added, “Increases in the number of reproductive events with longevity are key processes that influence annual individual performance that follows multiple generations. Of course, reproductive success depends on phenotypic, environmental, and genetic factors.” Key concerns that could hinder the effective reintroduction of cheetahs in India: Inadequate Habitat area: Experts indicated that the birth of cubs in captivity doesn’t indicate the success of the project. The major problem for effective rehabilitation is the appropriate habitat area for the wild cat's natural life cycle. Cheetahs, being solitary cats, require approximately 9800 Km2 for mating and survival. Wildlife biologist Ravi Chellam also showed concern and said, “India has erred…by bringing the cats much before habitats of adequate size and quality were ready. This prolonged captivity will have negative impacts on the cats. I sincerely hope that we do not import more cheetahs from Africa until we have secure and good quality habitats to host them.” Diseases and health issues: Recently, right before the birth of cubs, a female Cheetah (Sasha) died in captivity of Kidney disease. According to experts, the birth of cubs does not signify project success. Similarly, an individual's death does not reflect failure. However, this death foreshadows upcoming challenges that, if not controlled effectively, could lead to the project's downfall. Upcoming challenges for the project: The Cheetahs are currently in captivity, but once released into the wild, they will encounter a variety of issues. "Human-wildlife conflict, loss of habitat, prey population, poaching, and illegal wildlife trafficking, with cubs being taken for smuggling into the exotic pet trade" are among the issues.
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में दस साल के बाद आईपीएल मैच होने जा रहा है। यह आईपीएल मैच मई में होगा। आईपीएल मैचों को देखने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा स्टेडियम में आ सकते हैं। दरअसल हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन दलाई लामा को निमंत्रण देने की तैयारी कर रहा है। मैचों को लेकर इसी माह होने वाली बैठक में दलाई लामा सहित अन्य मेहमानों के नामों की लिस्ट फाइनल की जाएगी। 2010 में धर्मशाला स्टेडियम में पहली बार हुए आईपीएल मैच में तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने पंजाब और डेक्कन चार्जर के मैच में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी। जिसमें उन्होंने मैदान में उतरकर क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ मुलाकात की थी और आशीर्वाद दिया था। करीब 13 साल बाद एक बार फिर एचपीसीए तिब्बती धर्मगुरू को मैचों में बुलाने की तैयारी कर रहा है। एचपीसीए के सचिव अवनीश परमार ने कहा कि धर्मशाला में होने वाले दो आईपीएल मैचों में तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को न्योता दिया जाएगा। इसके बाद सभी मेहमानों को मैच का न्योता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा मैच में आते है तो यह एचपीसीए सहित क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए गौरव की बात होगी। क्रिकेट जगत के कई खिलाड़ी तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा में आस्था रखते हैं। जब धर्मशाला में मैच होते हैं तो क्रिकेट खिलाड़ी एचपीसीए के सहयोग से दलाई लामा से उनके निवास स्थान पर मिलकर आशीर्वाद लेते हैं। इसके अलावा टीमों की फ्रेंचाइजी के मालिक और पदाधिकारी भी दलाई लामा से मिलते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इस बार कोई बढ़ोतरी नहीं की है और लोगों को राहत दी है। तीन दिन से चल रही आरबीआई की माॅनिटरी पाॅलिसी कमिटी के बैठक के बाद RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि ग्लोबल स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं और इसके असर से भारतीय स्थितियों पर भी असर देखा गया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने बहुमत के साथ ये फैसला लिया है। वित्त वर्ष 2024 के लिए आरबीआई ने आर्थिक विकास दर में इजाफा ना करते हुए इसे 6.4 फीसदी से 6.5 फीसदी कर दिया है. इस तरह आरबीआई को ग्रोथ में बढ़ोतरी का भरोसा है। 6.5 फीसदी पर रहेगा रेपो रेट वित्त वर्ष 2023-24 के पहले मॉनिटरी पॉलिसी के तहत गर्वनर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करने की जानकारी दी है। अब आरबीआई रेपो रेट 6.50 फीसदी पर ही रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने रेपो रेट में आखिरी बढ़ोतरी 8 फरवरी 2023 को की थी। पिछली आठ मॉनिटरी पॉलिसी में से छह बार हुई है बढ़ोतरी केंद्रीय बैंक ने आठ मॉनिटरी पॉलिसी बैठकों में से छह बार रेपो रेट में इजाफा किया है। पिछले साल मई से ये सिलसिला शुरू हुआ था। तब आरबीआई रेपो रेट 4 फीसदी पर था और अब रिजर्व बैंक का रेपो रेट 6.5 फीसदी पर पहुंच चुका है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास का कहना है कि ग्लोबल स्तर पर बढ़ रहे संकट को ध्यान में रखते हुए भी ये फैसला लिया गया है। खुदरा महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य के ऊपर खुदरा महंगाई दर फरवरी में साल दर साल आधार पर 6.44 फीसदी बढ़ी थी, जो जनवरी के 6.52 प्रतिशत से कम रही है। हालांकि पिछले 12 रीडिंग में से 10 के लिए महंगाई दर केंद्रीय बैंक के अनिवार्य लक्ष्य सीमा 2 फीसदी से 6 फीसदी से ऊपर रही है।
After nearly seven decades of extinction, India recently celebrated the birth of two cheetah cubs via artificial insemination. Conservationists have successfully reintroduced cheetah cubs into India's protected areas through collaboration between the Wildlife Institute of India, the National Tiger Conservation Authority, and the Wildlife Trust of India. This news has revived interest in cheetah protection efforts in India and neighboring countries such as Nepal, where the big cats have been extinct for more than a century. Due to India’s success, Nepalese experts are now asking for the reintroduction of cheetahs into the country's protected areas, where they once roamed openly before becoming extinct due to hunting and habitat loss. Conservationists are hopeful that successful cheetah breeding in India can be replicated in other parts of the world, including Nepal. "Seeing the success of India's cheetah breeding program has inspired us to think that maybe we can also do something similar here in Nepal," said Tika Ram Adhikari, a senior wildlife conservation officer with the Department of National Parks and Wildlife Conservation in Nepal. "We are interested in exploring the possibility of reintroducing cheetahs into our protected areas and providing them with a safe habitat." India project's success has given conservationists working to protect endangered species and restore ecosystems around the globe renewed enthusiasm, resulting in renewed interest in cheetah conservation efforts.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है और चुनाव पूर्व हुए कई ओपिनियन पोल कांग्रेस के लिए उत्साहजनक है। दरअसल, कई ओपिनियन पोल कर्नाटक में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस की वापसी का दावा कर रहे है और यदि ऐसा होता है तो हिमाचल प्रदेश के बाद देश के एक और राज्य में कांग्रेस काबिज होगी। जाहिर है कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में सत्ता वापसी कठिन दौर से गुजर रही पार्टी के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। बहरहाल कांग्रेस का प्रयास ये ही होगा कि ओपिनियन पोल सही साबित हो और पार्टी चुनावी बेला में कोई बड़ी चूक न करें। राहुल गाँधी को सुनाई गई सजा के बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द हुई है और निसंदेह कांग्रेस के लिए ये मुश्किल घड़ी है। पर जाहिर है कांग्रेस इस आपदा को अवसर में तब्दील करने के प्रयास में है। गौर करने लायक बात ये भी है कि राहुल गांधी की सदस्यता के मुद्दे पर कई विपक्षी दल खुलकर उनके साथ आएं है, यानी ये मुद्दा विपक्ष को एक मंच पर लाता दिखा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी की सदस्यता जिस तरह निरस्त की गई, उस पूरे घटनाक्रम ने उन विपक्षी दलों को भी कांग्रेस के साथ खड़ा कर दिया है, जिन दलों ने कांग्रेस से दूरी बनाई हुई थी। राहुल गांधी की सदस्यता ख़त्म करने के मामले ने विपक्ष के दूसरे दलों को भी सोचने को मजबूर कर दिया है। हालाँकि कांग्रेस की सरपरस्ती कबूल करने में कुछ दल अब भी हिचक रहे है, मगर फिर भी ये मसला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच अगर कर्नाटक के नतीजे कांग्रेस के लिए अनुकूल रहते है तो जाहिर है कांग्रेस को लेकर अन्य विपक्षी दलों के रुख में भी कुछ लचीलापन आ सकता है। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया है। इस चुनाव को अभी से राहुल बनाम अदाणी मामले में जारी सियासी महाभारत के जनादेश से जोड़ कर देखा जा रहा है। साथ ही ये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह क्षेत्र है। उम्मीद है कि खड़गे के अध्यक्ष पद पर रहने से कर्नाटक में कांग्रेस को सियासी फायदा मिलेगा और दलित वोटों पर कमजोर हो रही पकड़ फिर से मजबूत होगी। वहीँ कर्नाटक में भाजपा को अपने नेता पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर बड़ा भरोसा है। प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपने विश्वसनीयों में गिनते हैं। येदियुरप्पा के नेतृत्व में ही पार्टी ने कर्नाटक में पहली बार कमल खिलाया था। लिंगायत समुदाय का येदियुरप्पा को समर्थन हासिल है। हालंकि येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाए जाने के बाद समीकरण बहुत अनुकूल नहीं दिखते। साल 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बीएस येदियुरप्पा को साथ बनाए रखने की है। बीजेपी ने 2021 में उन्हें सीएम पद से हटाकर बसवराज बोम्मई को सीएम बनाया था। माहौल बदल सकता है कर्नाटक : कांग्रेस अगर कर्नाटक में बेहतर कर पाती है तो छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश के आगामी चुनाव में भी कांग्रेस को एज मिल सकता है। जाहिर है कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनेगा। इसका असर 2024 में आम चुनाव पर पड़ने से भी इनकार नहीं किया जा सकता
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। दो हफ्ते बाद भी पंजाब पुलिस अमृतपाल को पकड़ने में नाकाम है। अमृतपाल की तलाश में 300 से ज्यादा डेरों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस को सीसीटीवी और वीडियो के अलावा अमृतपाल कहीं नहीं दिख रहा। पंजाब पुलिस उसके सहयोगियों को पकड़ रही है, लेकिन अमृतपाल को अभी तक नहीं पकड़ पाई है। पंजाब पुलिस ने भगोड़े अमृतपाल सिंह के साथ मौके से फरार सहयोगी जोगा सिंह को बीते दिनों गिरफ्तार कर लिया है और उसे लुधियाना के पास सानेहवाल से पकड़ा गया था। अमृतपाल अपने सहयोगी पपलप्रीत और ड्राइवर जोगा के साथ होशियापुर से फरार हुआ था। उसने जोगा से कहा था कि वो अपना मोबाइल लेकर भाग जाए। पंजाब पुलिस जोगा सिंह का मोबाइल ट्रैक कर रही थी और उसी आधार पर अमृतपाल की लोकेशन ट्रैक कर रही थी। अमृतपाल ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें उसने कहा था कि मैं भगोड़ा नहीं हूं, बस बगावत के दिन काट रहा हूं। वहीं, पंजाब पुलिस ने अमृतपाल की तलाश में राज्य के सैकड़ों धार्मिक स्थानों में सर्च किया है।
सूरत कोर्ट द्वारा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाने के बाद लोकसभा सचिवालय द्वारा उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। जिस पर कांग्रेस भड़क गई है और भाजपा पर सोची समझी साजिश के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने भी इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा और इस उनकी सदस्यता रद्द करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र में ऐसा पहली बार हुआ है।अभी तक फैसला सूरत कोर्ट ने सुनाया है और इसमें कानून की लंबी प्रक्रिया है उन्हें अपील करने का समय भी दिया गया था और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने के रास्ते भी अभी खुले थे, लेकिन लोकसभा सचिवालय द्वारा जल्दबाजी में उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया गया है। एआईसीसी प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि राहुल गांधी से केंद्र की मोदी सरकार डर गई है। जिस तरह से राहुल गांधी ने 4000 किलोमीटर की पैदल यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की है, उससे देश में अलग माहौल बन गया है और वह जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी पदयात्रा में लाखों की संख्या में लोग जुड़े जिसे भाजपा की जमीन खिसकनी शुरू हो गई है। इसके अलावा अडानी प्रकरण को लेकर कांग्रेस जेपीसी का गठन करने की लगातार मांग कर रहा है, लेकिन उसका गठन नहीं कर रहे हैं और सोची-समझी रणनीति के तहत राहुल गांधी की घेराबंदी शुरू की गई। राठौर ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा भाजपा सरकार की अधिनायकवादी शासन के खिलाफ राहुल गांधी खड़े हुए हैं। पहले उन्हें लोकसभा में बोलने का मौका नहीं देगा और अब उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया है जो कि लोकतंत्र के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से याफ है कि 2024 की इबारत लिखा जा रहा है। सत्ता में बैठे लोगों को लग रहा है कि उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक रही है लेकिन इससे कांग्रेस डरने वाली नहीं है। देश की जनता और कांग्रेस राहुल गांधी के साथ खड़ी है और जिस तरह से उनके साथ केंद्र सरकार बर्ताव कर रही है वह देश की जनता सहन करने वाली नहीं है और इसका जवाब भी जनता उन्हें आने वाले समय में देगी। केंद्र सरकार को ये फैसला महंगा पड़ने वाला है।
Recent sightings of stubble burning have been reported in Hoshiarpur region of Punjab. Stubble burning is a recurring annual problem in the northern Indian states of Punjab, Haryana and UP, which are major wheat and paddy producers. As per the ICAR data, these three states generate around 23 million tonnes of crop residue every year. This occurrence is not only a major contributor to air pollution and climate change but also has negative impacts on soil health, agriculture productivity, and human health. Moreover, the burning of crop residues reduces soil fertility and microbial activity, and leads to soil erosion. This, in turn, affects agricultural productivity and the livelihoods of farmers. Additionally, the smoke from burning crop residues reduces visibility on roads, leading to accidents and other hazards. To address the problem of stubble burning, the Indian government and state govts has taken several measures such as 'PM-Ash scheme', providing financial incentives to farmers, setting up of 'happy seeders' and educating farmers about the harmful effects of stubble burning. While these measures have helped to some extent in reducing stubble burning, much more is required to be done to address the issue. It is imperative for the government to take more stringent actions and engage in better implementation of policies to curb this dangerous practice and promote sustainable agricultural practices. The health and well-being of millions of Indians depend on it, and the future of the country's agriculture sector is at stake.
इतनी काम सैलरी लेते है CRED के CEO सीआरईडी के सीईओ ने बीते 26 फरवरी को इंस्टाग्राम पर आस्क मी एनीथिंग नामक एक आयोजन से जुड़े सत्र में अपने वेतन का खुलासा किया था। शाह ने बताया था कि उन्हें महज 15 ,000 का मासिक वेतन ही मिलता है। उनका मानना है कि उन्हें तब तक अच्छा वेतन नहीं मिलना चाहिए जब तक कि कंपनी लाभदायक नहीं बन जाती। कम से कम वेतन लेने की घोषणा करने वाले कंपनी के सीईओ की लिस्ट लंबी होती जा रही है। ऐसे सीईओ मानते हैं कि कंपनी के सीईओ का वेतन कंपनी के प्रदर्शन का प्रतिबिंब होना चाहिए। कंपनी सीईओ को तब तक भारी-भरकम सैलरी नहीं लेनी चाहिए जब कि कंपनी बढ़िया मुनाफा कमाने की स्थिति में ना हो। हालिया उदाहरण CRED के सीईओ कुणाल शाह का हैं। उन्होंने हाल ही में खुलासा किया कि वह एक सफल फिनटेक कंपनी का नेतृत्व करने के बावजूद 15,000 रुपये का ही मासिक वेतन लेते हैं। शाह का मानना है कि जब तक क्रेड मुनाफा कमाने वाली कंपनी नहीं बनती है तब तक वे भारी भरकम सैलरी लेने के अधिकारी नहीं है। शाह ने यह भी उल्लेख किया कि वह इस वेतन पर जीवित रहने में सक्षम हैं क्योंकि उन्होंने अपनी पिछली कंपनी फ्रीचार्ज को पर्याप्त राशि में बेचा था। शाह के इस खुलासे पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ लोग कंपनी के लाभदायक होने तक उच्च वेतन नहीं लेने के उनके फैसले की सराहना की है वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ऐसी घोषणाएं महज आयकर से बचने की कवायद है। उनका तर्क है कि कुछ लोगों को ऐसी चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि उनके पास इसकी भरपाई करने के कई अन्य तरीके हैं।
पीएम मोदी ने कहा, "आज मुझे एक बार फिर कर्नाटक के विकास से जुड़े हजारों-करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स के लोकार्पण और शिलान्यास का अवसर मिला है। आज शिवमोगा को अपना एयरपोर्ट मिला है, यह बहुत ही भव्य और सुंदर है। यह सिर्फ एयरपोर्ट नहीं है बल्कि इस क्षेत्र के जवानों के सपनों की नई उड़ान का अभियान है।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में तेजी से बढ़ते विमानन उद्योग पर प्रकाश डालते हुए सोमवार को कहा, ‘हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में यात्रा करनी चाहिए और मैं ऐसा संभव होते देख रहा हूं। ’ प्रधानमंत्री मोदी ने शिवमोगा हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा में कहा कि आने वाले दिनों में भारत को हजारों विमान चाहिए होंगे। जल्द ही भारत में बने (मेड-इन-इंडिया) यात्री विमान उपलब्ध होंगे। मोदी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘एअर इंडिया’ 2014 से पहले अक्सर नकारात्मक वजहों से चर्चा में रहती थी और कांग्रेस शासन के दौरान उसे घोटालों के लिए पहचाना जाता था। 'गाड़ी हो या सरकार, डबल इंजन से स्पीड कई गुना बढ़ जाती है' कोई गाड़ी हो या सरकार... डबल इंजन लगता है तो उसकी स्पीड कई गुना बढ़ जाती है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले जब कर्नाटक के विकास की चर्चा होती थी तो यह सब बड़े -बड़े शहरों तक ही सीमित रहती थी, लेकिन हमारी सरकार विकास को कर्नाटक के गांवों तक पहुँचाने का काम कर रही है।
राजधानी दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होनी है। ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंग। इस बैठक में प्रधान मंत्री कैबिनेट मंत्रियों के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। पिछले हफ्ते भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हुई थी। इस बैठक में पीएम मोदी ने हिस्सा लेते हुए कहा था कि हमें देश के विकास के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर देना चाहिए और नए-नए कदम उठाने चाहिए, जिससे देश प्रगति की और अग्रसर हो। पीएम मोदी नें 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 चुनाव को लेकर जीत मंत्र भी दिया। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मुझे यकीन है कि पीएम मोदी और जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी साल 2024 चुनाव बहुमत से जीतेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के पीएम बनेंगे। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर समेत तमाम भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता शामिल हुए थे।
चीन में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों और फैलाव को रोकने के लिए चीन में लागू प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। इस बीच चीन में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। सोमवार को करीब 40,000 मामले सामने आए। ड्रैगन के देश चीन के लोगों ने उन पर जबरन थोपे गए लॉकडाउन का विरोध करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। चीन की जनता हाथों में ए-4 साइज के सफेद पेपर लेकर सड़कों पर उतर आई है। ये सफेद पेपर महज पेपर नहीं है ये बोलने की आजादी पर लगाम लगाने के प्रतिरोध का प्रतीक है। इसमें बगैर कुछ कहे जनता साफ तौर पर सरकार को अपना विरोध जता रही है और वो सब कह रही है जो वो कह नहीं सकती है। कुछ लोग इस तरह के विरोध को सफेद पेपर क्रांति का नाम दे रहे है। एक ऐसे देश में जहां खुले विरोध के लिए अधिकारियों की सहनशीलता बेहद कम है। वहां कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शनकारी के क्रिएटिव तरीकों का ईजाद किया जाना अपने आप में अनोखा प्रयोग है।
गुजरात चुनाव के लिए शनिवार को बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया। पार्टी ने कांग्रेस से दोगुनी नौकरियां देने का वादा किया है। भाजपा ने 5 साल में 20 लाख, जबकि कांग्रेस ने 10 लाख नौकरियां देने की बात कही है। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी ने छात्राओं को मुफ्त में इलेक्ट्रिक स्कूटी देने का वादा भी किया गया है। बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में युवाओं को 25 लाख नौकरियाँ , मजदूरों को 2 लाख तक गारंटी लोन , यूनिफार्म सिविल कार्ड लागू करेंगे ,देवभूमि द्वारका कॉरिडोर का निर्माण , 20 हज़ार स्कूलों का मॉडिफिकेशन, महिलाओं को 1 लाख सरकारी नौकरियाँ, आयुष्मान योजना की रकम दोगुनी होगी , केगी से पिगी तक सभी छात्रायों को मुफ्त शिक्षा , वरिष्ठ महिला नागरिकों को मुफ्त बस यात्रा। 1) 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के उद्देश्य से गुजरात ओलंपिक मिशन शुरू होगा और इंटरनेशनल लेवल पर खेल का बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। 2) खेड़ूत मंडियों, मॉर्डन APMC, छंटाई और ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन, गोदाम, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर की एक ओवरऑल सिस्टम डेवलप करने के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। 3) गुजरात भर में सुजलाम सुफलाम, सौनी, लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं, सूक्ष्म सिंचाई, ड्रिप सिंचाई और अन्य प्रणालियों जैसी परियोजनाओं के माध्यम से मौजूदा सिंचाई नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। 4) गुजरात में प्रत्येक नागरिक के पास पक्का घर हो और प्रधानमंत्री आवास योजना का 100% लक्ष्य पूर्ण किया जाएगा। 5) एक परिवार कार्ड योजना होगा, जिससे हर परिवार को राज्य सरकार के माध्यम से संचालित सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में 8 मेडिकल कॉलेज और 10 नर्सिंग/पैरामेडिकल कॉलेज स्थापित कर मॉडर्न हेल्थ फैसिलिटी सुनिश्चित की जाएगी। 6) अनुसूचित जनजाति के 75 हजार मेरिट लिस्ट में रहने वाले छात्रों को वेस्ट रेसिडेंशियल स्कूल फैसिलिटी देने के लिए 25 बिरसा मुंडा ज्ञान शक्ति रेसिडेंशियल स्कूल स्थापित किया जाएगा। 7) वैसे स्टूडेंट को इलेक्ट्रिक स्कूटर दी जाएगी, जो आर्थिक रूप से गरीब परिवार से हैं। इसके लिए शारदा मेहता योजना शुरू की जाएगी। राज्य में वरिष्ठ महिला नागरिकों को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी जाएगी। 8) भाजपा ने घोषणा पत्र में राज्य में 3 सिविल मेडिसिटी और दो AIIMS जैसे संस्थान बनाने कार वादा किया है। इसके अलावा दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र में दो सी फूड पार्क बनाए जाएंगे। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, दोनों चरणों की मतगणना 8 दिसंबर को होगी।
हिमालय की गोद में बसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के चलते अब मैदानी इलाकों में भी सर्दी का एहसास होने लगा है। दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में सुबह-शाम के वक्त लोगों को ठंड महसूस होने लगी है। दिल्ली-NCR में इस हफ्ते की शुरुआत से ही तापमान में गिरावट दर्ज की है। सुबह और शाम के समय धुंध छाई रहती है और अब सर्दी और बढ़ सकती है, क्योंकि दक्षिण भारत में बारिश शुरू हो चुकी है। मिली जानकरी के अनुसार लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित तमाम पहाड़ी राज्यों में हिमपात के साथ बारिश हो सकती है। इन इलाकों में पिछले कई दिनों से हलकी हलकी बारिश और बर्फ़बारी हुई है जिससे तापमान में गिरावट देखी जा रही है। वहीं कश्मीर के न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गए है और वहां हुई भारी बर्फबारी से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
संविधान दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को शुभकामनाएं दीं। सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि मैं स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े और संविधान निर्माण से जुड़े सभी लोगों को सादर नमन करता हूं। आप सभी को संविधान दिवस की शुभकामनाएं, इस बार संविधान दिवस खास है क्योंकि हम आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि आज 26/11 हमले की भी बरसी है जब देश संविधान का उत्सव मना रहा था, तब मानवता पर हमला हुआ। वही उन्होंने 26/11 हमले में जान गंवाने वालों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी ।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुए 26/11 हमले को कोई भुला नहीं पाया है। और मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की आज (26 नवंबर) 14वीं बरसी है। इस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी और 300 से ज्यादा लोग इस हमले में घायल हुए थे। आजाद भारत में यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इसी बीच आज, भारत समेत पूरी दुनिया 26/11 हमले में जान गंवाने वालों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है।
'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो' ,चुनाव प्रचार के दौरान नादौन विधानसभा क्षेत्र में ये नारा खूब बुलंद रहा। इस बार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे है। नादौन में जहाँ भी सुक्खू प्रचार के लिए पहुंचे, समर्थक ये ही नारा दोहराते दिखे। इस बार कांग्रेस ने बेशक सामूहिक नेतृत्व में और बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ा है ,लेकिन इसमें कोई संशय नहीं है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और नादौन विधानसभा सीट से सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव जीत कर आते है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सुक्खू का दावा बेहद मजबूत है। नादौन की सियासी फ़िज़ाओं में सुगबुगाहट तेज़ है कि मुमकिन है इस बार नादौन विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री मिल जाएँ। ऐसे में जाहिर है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भावी सीएम फैक्टर का लाभ इस चुनाव में सुक्खू को मिला हो। नादौन के इतिहास की बात करें तो नादौन विधाभसभा सीट यूँ तो कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां से नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक रहे। नारायण चंद पराशर के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस सीट पर राज किया है। 2003 से अब तक सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन सीट पर तीन बार जीत चुके है, हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सुक्खू को 6750 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। पर फिर 2017 में सुक्खू ने जीत हासिल की। कांग्रेस में सुक्खू के अलावा कभी कोई अन्य चेहरा विकल्प के तौर पर नहीं उभरा। इस बीच भाजपा की बात करे तो एक बार फिर विजय अग्निहोत्री मैदान में है। अग्निहोत्री एक दफा सुक्खू को पटकनी भी दे चुके है और इस बार फिर मैदान में डटे हुए है। नादौन में भाजपा के लिए ऐसा भी कहा जाता है कि अगर यहां भाजपा एकजुट हो जाए तो शायद कांग्रेस की राह इतनी आसान न हो। अब भाजपा एकजुट है या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीँ इस बार आम आदमी पार्टी ने नादौन के सियासी समीकरण ज़रूर बदले है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल ने पुरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। अब देखना ये होगा कि शैंकी किसके वोट बैंक में कितनी सेंध लगाते है। नादौन में फिलवक्त सुक्खू जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सुक्खू ने भावी सीएम के टैग के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसे में जाहिर है इसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। बहरहाल, जनादेश ईवीएम में कैद है और सभी अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में लगातार नए नाम जुड़ते जा रहे हैं। अब मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का नाम भी इस रेस में शामिल हो गया है। वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि फिलहाल राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल दिग्विजय सिंह गुरुवार शाम तक दिल्ली लौट आएंगे और शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगे। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या दिग्विजय सिंह को गांधी परिवार का समर्थन है। फिलहाल अशोक गहलोत चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है। वहीं शशि थरूर साफ कर चुके हैं कि 30 सितंबर को दोपहर 12:30 बजे वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। दरअसल रविवार से पहले माना जा रहा था कि गांधी परिवार की ओर से अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद के लिए समर्थन है और चुनाव की स्थिति में ही उन्हें ही जीत मिलेगी। अशोक गहलोत को लेकर पूरा मामला तब पलट गया, जब राजस्थान के 82 विधायकों ने सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने के खिलाफ इस्तीफा दे दिया। उसके बाद से ही राजस्थान में बवाल मचा हुआ है। कहा गया कि इस हरकत को गांधी परिवार ने अपने अपमान के तौर पर देखा है। फिलहाल आज शाम तक अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचने वाले हैं और सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री पद और अध्यक्ष को लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। अशोक गहलोत यह चाहते हैं कि यदि वह अध्यक्ष बनें भी तो राजस्थान के सीएम बने रहें या फिर उनके ही किसी करीबी को कुर्सी दी जाए। वह नहीं चाहते कि सचिन पायलट को उनकी जगह पर सीएम बनाया जाए।
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, जो यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया वाईएचएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने आज नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया और सेंट्रल सिविल सर्विसेज कल्चरल एंड स्पोर्ट्स बोर्ड-कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीसरी हॉफ मैराथन-2022 के दौरान 5 किलोमीटर की दौड़ को हरी झण्डी दिखाई। हॉफ मैराथन के दौरान 21, 10 और 5 किलोमीटर के तीन वर्गों में करवाई गई दौड़ स्पर्धाओं में लगभग 2,000 महिला और पुरुष प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों को खराब मौसम के बावजूद मैराथन में भाग लेने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में सभी प्रतिभागी विजेता होते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होती है और इसके लिए शारीरिक फिटनेस सबसे महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने रोजमर्रा के जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान में समाज इस दिशा में जागरूक हो रहा है। उन्होंने हाफ मैराथन में सभी आयुवर्ग के प्रतिभागियों के भाग लेने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर राज्यपाल ने 21 किलोमीटर दौड़ में प्रथम स्थान पर रहने वाले विजेता को 10,000 रुपये, द्वितीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को 7,000 रुपये और तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को 5,000 रुपये के नगद पुरस्कार और ट्रॉफी प्रदान की। उन्होंने 10 किलोमीटर लंबी दौड़ में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले विजेताओं को क्रमशः 7,000 रुपये, 5,000 रुपये और 3,000 रुपये के नगद पुरस्कार और ट्रॉफी प्रदान की। पांच किलोमीटर लंबी दौड़ में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को क्रमशः 5,000 रुपये, 3,000 रुपये और 2,000 रुपये के नगद पुरस्कार और ट्रॉफी प्रदान की। इससे पहले यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपेश पांडे ने राज्यपाल, अन्य अतिथियों तथा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस अवसर पर सेंट्रल सिविल सर्विसेज कल्चरल एंड स्पोर्ट्स बोर्ड की अध्यक्ष रश्मि चौधरी, यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकट नारायण और एसोसिएशन के अन्य प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
बांदा जेल में बंद माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर योगी आदित्यनाथ सरकार के बाद अब कोर्ट का भी शिकंजा कसा है। जेलर को धमकी देने के मामले में सात वर्ष कैद की सजा के बाद अब मुख्तार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के 23 वर्ष पुराने मामले में पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पचास हजार रुपया जुर्माना भी लगाया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के तहत 23 वर्ष पुराने एक मामले में भी जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने शुक्रवार को उसे पांच वर्ष कैद के साथ पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है। सरकारी वकील राव नरेन्द्र सिंह के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्तार को गैंगस्टर के इस मामले में ट्रायल कोर्ट से बरी करने के आदेश को चुनौती दी थी। इस मामले की वर्ष 1999 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने इससे पहले बुधवार को वर्ष 2003 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को सात वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। मामला लखनऊ जेल के जेलर को पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी से जुड़ा था।
फर्स्ट वर्डिक्ट। चंडीगढ़ विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल की बैठक एससीओ 216 सेक्टर 37सी चंडीगढ़ में विभाग मंत्री एवं चंडीगढ़ पालक प्रदीप शर्मा, जिला मंत्री अंकुश गुप्ता व बजरंग दल संयोजक राकेश उप्पल की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने संगठन की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विश्व हिंदू परिषद चंडीगढ़ समाजिक समरसता, घर वापसी, नशा व धर्मांतरण आदि विषयों के ऊपर कार्य कर रहा है और इसके अनुकूल परिणाम आपको जल्दी ही दिखाई देंगे। इस बैठक में संगठन का विस्तार करते हुए महाकाली प्रखंड से विश्व हिंदू परिषद प्रखंड मंत्री-परमजीत सिंह (लक्की), बजरंग दल संयोजक-अश्वनी, सह संयोजक-राजन, सेवा प्रमुख-मुकेश जोशी, मिलन प्रमुख-विशाल भारद्वाज, उधम सिंह, प्रखंड से प्रखंड बजरंग दल संयोजक-उमेश, सह संयोजक-तरुण, सुरक्षा प्रमुख- धीरज, सेवा प्रमुख-रजत, मिलन प्रमुख-राहुल, विद्यार्थी प्रमुख- गुरप्रीत सिंह सुभाष चंद्र बोस प्रखंड से प्रखंड बजरंग दल संयोजक-भूपेश को दायित्व सौंपे गए।
फर्स्ट वर्डिक्ट। चंडीगढ़ चंडीगढ़ एवं पंजाब में धर्मांतरण के ख़िलाफ़ कानून बने और अमृतसर (पट्टी) में सिख संतों पर हुए 295 A के पर्चे रद्द हो और उनकी रिहाई हो। इस विषय पर विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल चंडीगढ़ महानगर द्वारा ADC अमित कुमार जी को ज्ञापन दिया गया।। बजरंग दल चंडीगढ़ के संयोजक राकेश उप्पल ने कहा इस विषय पर सख्त से सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है और जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज किया जाए, नहीं तो इस पर प्रदर्शन किया जाएगा।। बजरंग दल मिलन प्रमुख रवि वर्मा ने कहा कि इन देशद्रोही एवं अधर्म गतिविधियों पर अंकुश लगना चाहिए एवं हम सब को जागरूक होना चाहिए। इस मौके पर बजरंग दल से उमेश प्रार्थी एवं तरुण शर्मा भी उपस्थित रहे।
जम्मू कश्मीर के चंदनवाड़ी में मंगलवार को बड़ा हादसा पेश आया है। अमरनाथ यात्रा ड्यूटी में लगे आईटीबीपी जवानों को ले जा रही बस का एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में 6 जवान शहीद हो गए। जबकि कई जवान जख्मी हुए हैं। इन्हें एयरलिफ्ट कर श्रीनगर आर्मी हॉस्पिटल भेजा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मिली जानकारी के अनुसारआईटीबीपी जवानों को ले जा रही बस चंदनवाड़ी से पहलगाम जा रही थी। तभी बस के ब्रेक फेल होने के चलते बस खाई में गिर गई। इस बस में 39 जवान सवार थे। इनमें से 37 जवान ITBP के थे, जबकि 2 जवान जम्मू कश्मीर पुलिस के थे। चंदनवाड़ी पहलगाम से 16 किमी दूर है। हाल ही में अमरनाथ यात्रा समाप्त हो गई है। ऐसे में इस यात्रा में तैनात किए गए सुरक्षाबल के जवान अपनी अपनी टुकड़ियों में लौट रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये जवान भी अपनी ड्यूटी करके वापस लौट रहे थे। तभी ब्रेक फेल होने के चलते बस खाई में गिर गई। बस काफी नीचे नदी के किनारे खाई में गिरी है। बताया जा रहा है 6 जवान शहीद हो गए हैं। घायल जवानों को एयरलिफ्ट करके श्रीनगर आर्मी हॉस्पिटल भेजा गया है।
--बैठक में शामिल होंगे भाजपा के शीर्ष नेता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा ने शनिवार को हैदराबाद में शुरू हुई दो दिवसीय भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लिया। हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, 19 राज्यों के मुख्यमंत्री और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। कश्यप ने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में हुए विधानसभा चुनावों, कुछ निकाय चुनावों, रामपुर, आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनावों और त्रिपुरा के विधानसभा उपचुनावों में भाजपा को भारी जीत मिली है। उन्होंने कहा कि अभी पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, आज पूरी दुनिया की आर्थिक विकास दर औसतन 6% है। वहीं, भारत की अर्थव्यवस्था 8.7% की दर से आगे बढ़ रही है। यह भी हमारी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। बूथ को मजबूत करना बहुत जरूरी है। बूथ अध्यक्ष और बूथ कार्यकर्ताओं से संपर्क हमारे लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि वे कार्यकर्ता हैं जो क्षेत्र में हमारी बात घर घर पहुंचा सकते हैं और अपनी बात सबके सामने रख सकते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हमारे लिए एक बड़ी सीखने की प्रक्रिया है। यह 2022 विधानसभा चुनावों में हमारी जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी।
-21 दिन की पैरोल के दौरान दी गई थी जेड प्लस सिक्योरिटी -जानिए राम रहीम को क्यों हुई थी सजा ? डेरा सच्चा सौदा के संचालक राम रहीम पर हरियाणा सरकार एक बार फिर मेहरबान हुई है। राम रहीम को एक महीने की पैरोल दी गई है, इससे पहले फरवरी के पहले सप्ताह में गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पैरोल दी गई थी, बता दें कि अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में गुरमीत राम रहीम उम्रकैद की सजा काट रहा है। डेरा सच्चा सौदा के संचालक राम रहीम पर हरियाणा सरकार एक बार फिर मेहरबान हुई है. राम रहीम को एक महीने की पैरोल दी गई है, शुक्रवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे सुरक्षा के बीच राम रहीम जेल से बाहर आया। सूत्रों के मुताबिक, जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम बागपत स्थित अपने आश्रम में गया है, बता दें कि दो साध्वियों के साथ रेप और दो हत्याओं का दोषी राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। इससे पहले इसी साल 7 फरवरी को गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पैरोल दी गई थी, 28 फरवरी को पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद राम रहीम को सुनारिया जेल लाया गया था। पिछले साल भी डेरा प्रमुख को अपनी बीमार माँ से मिलने के लिए सुबह से शाम तक का आपातकालीन पेरोल दी गयी थी। फरवरी में राम रहीम की 21 दिन की पैरोल मंजूर की थी, इस दौरान सरकार ने राम रहीम की जान का खतरा बताते हुए उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा भी मुहैया करवाई थी, फरलो के दौरान राम रहीम ज्यादातर समय अपने गुरुग्राम स्थित आश्रम में ही रहा था। सरकार ने सुरक्षा का आधार एडीजीपी की रिपोर्ट को बनाया था, सरकार ने कहा था कि खालिस्तान समर्थक डेरा प्रमुख को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्हें सख्त सिक्योरिटी दी जा रही है। राम रहीम सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहा है, राम रहीम को पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था, इसके अलावा गुरमीत राम रहीम को पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
फर्स्ट वर्डिक्ट। चंडीगढ़/बीबीएन विश्व डोनर डे-2022 जो दुनिया भर में रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर उत्तरी भारत के सरकारी अस्पताल पीजीआई चंडीगढ़ के भारद्वाज ऑडिटोरियम में भव्य रूप में उत्तरी भारत के रक्तदानियों को सम्मानित कर मनाया गया। इस अवसर पर क्योरटेक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला जो अमित सिंगला वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक चेयरमैन भी हैं, को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है के कोविड महामारी के दौरान अमित सिंगला सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा 4 रक्तदान शिविर आयोजित कर सैकड़ों यूनिट ब्लड पीजीआई में दाखिल मरीज़ों की जान बचने हेतु उपलब्द करवाया था। इस अवसर पर पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल ने सुमित सिंगला को सम्मानित करते हुए कहा कि कोविड का तीसरा विश्व युद्ध यदि भारत ने जीता है, तो वह हेल्थ वर्कर्स के टीम वर्क और योग्य नेतृत्व में रक्तदानियों की समय पर भरपूर मदद से ही जीता जा सका है। उन्होंने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल हज़ारों मरीज़ों की जान बचाने हेतु इस आपदा में आगे आए और रक्तदान के लगभग 400 शिविर लगाए गए। इस अवसर पर सुमित सिंगला ने पीजीआई के डायरेक्टर प्रो, विवेक लाल को अमित सिंगला सोशल वेलफेयर सोसाइटी की और से भविष्य में किसी भी आपदा और आवश्यकता के समय पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया और कहा क्योरटेक ग्रुप देश के बेहतरीन मेडिकल संस्थान की टीम के साथ कंधे से कन्धा मिलकर कार्य करेगा और जरूरतमंदों के लिए मेडिसिन व रक्त उपलब्ध करवाता रहेगा। इसके अतिरिक्त अमित सिंगला सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा कोविड महामारी के दौरान चार रक्तदान शिविरों का आयोजन करवाया गया जो कि पी.जी.आई. व हिमाचल प्रदेश के हॉस्पिटल में दाखिल कोविड मरीज़ों हेतु रक्त की आवश्यकताओं को पूरा किया। कोविड महामारी के दौरान अमित सिंगला सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आवश्यक दवाओं, सेनेटाइजर लंगर के साथ-साथ मुख्यमंत्री राहत कोष में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया जा चुका है।
पिछले 24 घंटों में देशभर में कोरोना वायरस के कुल 7,240 नए मामले सामने आए हैं और 8 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में अब तक कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख, 97 हजार 522 हो गई है। कोविड के नए संक्रमण के मामले में यह लगातार दूसरा दिन है, जब करीब 40 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। अब तक देश में कोविड से कुल 5 लाख 24 हजार 723 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में फिलहाल एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 32, 498 हो गई है। एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.08 फीसदी है। देश में फिलहाल रिकवरी रेट 98.71 फीसदी पर आ गया है। हालांकि पिछले 24 घंटों में देशभर में 3591 मरीज ठीक हुए हैं जो नए मरीजों की संख्या से आधे से भी कम है। अब तक देशभर में 4 करोड़, 26 लाख, 40 हजार, 301 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं।
चुनाव आयोग का कहना है कि चुनावों में वोट डालने के लिए प्रवासी वोटर्स का अपने घर लौटकर आना मुश्किल हो जाता है, इसलिए ऐसे वोटर्स के लिए रिमोट वोटिंग की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, आप दिल्ली में रहते हैं, लेकिन आपका नाम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की वोटिंग लिस्ट में है, और वहां विधानसभा चुनाव होने हैं, तो क्या आप दिल्ली में बैठे-बैठे वोट डाल सकते हैं ? अभी इसका जवाब नहीं है, लेकिन हो सकता है कि अगले साल तक ऐसा हो जाए। दरअसल, चुनाव आयोग दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी वोटर्स के लिए रिमोट वोटिंग की संभावनाएं तलाश रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी वोटर्स चुनावों में वोट डाल नहीं पाते हैं और वोटिंग से वंचित रह जाते हैं। चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रवासी वोटर्स पढ़ाई, रोजगार या किसी दूसरे काम से दूसरे राज्य में चले जाते हैं, उनके लिए वोट डालने के लिए वापस लौटना मुश्किल हो जाता है, इसलिए अब रिमोट वोटिंग की संभावनाएं तलाशने का समय आ गया है। चुनाव आयोग ने अपने बयान में बताया है कि प्रवासी वोटर्स के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। आयोग के मुताबिक, शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत हो सकती है।
कानपुर हिंसा में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि शहर प्रशासन ने आरोपियों की 147 अवैध संपत्तियों की पहचान की है। माना जा रहा है कि जल्द ही इनपर बुलडोजर चल सकता है। इसी बीच कानपुर शहर के काजी मौलाना अब्दुल कुद्दूस हादी ने कहा है कि अगर कानपुर में बुलडोजर चला तो लोग कफन बांध करके बाहर निकल आएंगे। दरअसल, कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने 3 जून को बंद बुलाया था। मुस्लिम संगठन नूपुर शर्मा के पैंगबर मोहम्मद को लेकर दिए बयान का विरोध कर रहे थे। इस दौरान हिंसा फैल गई थी। पुलिस सीसीटीवी के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है। पुलिस ने आरोपियों के पोस्टर भी लगाए थे। पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब तक 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, पोस्टर में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ नाबालिग भी हैं। पुलिस सीसीटीवी के आधार पर उनकी भूमिका की जांच कर रही है। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने खुद आकर सरेंडर भी किया है। प्रशासन ने 147 इमारतों की पहचान की जहां से पत्थरबाजी की गई थी। बताया जा रहा है कि सीसीटीवी से पहचान होने के बाद इन इमारतों की वैधता की जांच की जाएगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू - कश्मीर के उपराज्यपाल को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है। बैठक का विशेष कारण आतंकियों द्वारा की गई बैंक मैनेजर समेत दो और लोगों की हत्या है। आश्चर्य की बात है कि घाटी में एक हफ्ते के भीतर अब तक आठ लोगों की हत्या की गई है। कुलगाम इलाके में गुरुवार को एक आतंकी ने बैंक के मैनेजर को उसके ऑफिस में पिस्टल से गोली मारी और बाद में उनकी अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना के कुछ घंटों बाद ही मध्य कश्मीर घाटी में दो प्रवासी मजदूरों को आतंकवादियों ने गोली मार दी। दोनों ईंट भट्टे से काम करके लौट रहे थे। इस संबंध में पुलिस ने ट्वीट किया, "दोनों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से एक ने दम तोड़ दिया." घटना रात करीब 9:10 बजे चादूरा इलाके के माग्रेपोरा में हुई थी। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुफिया अधिकारियों से मुलाकात के एक दिन बाद दिल्ली में अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मुलाकात होगी।
केरल में कोरोना के चलते लगभग 2 साल से अधिक समय से बंद स्कूल गुरुवार को खोल दिए गए। राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के स्वागत कि पूरी तैयारियां सुनिश्चित की। देशभर में जहाँ स्कूलों में छुट्टियां हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर केरल में स्कूल खोले गए। मुख्यमंत्री पी विजयन ने यहां कोझाकूतम में एक सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल का उद्घाटन किया और राज्य भर में स्कूल खोल दिए गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को तोहफे और मिठाइयां भी बांटीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महामारी के कारण शिक्षा संबंधी चुनौतियों से भी निपटना पड़ा, जो बच्चो के लिए बहुत मुश्किल का दौर था। उन्हें घरों में बंद रहना पड़ता था, वे अपने दोस्तों के साथ 2 सालों से बाहर खेलने भी नहीं जा सकते थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूलों को खोलने को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए जिसमें बच्चों को मास्क लगाना और टीकाकरण जरूरी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर की फिल्म फिल्म “सम्राट पृथ्वीराज” देखी और फिल्म देखने के बाद उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह फिल्म टैक्स फ्री दिखाई जाएगी। इस फिल्म का विशेष प्रदर्शन उत्तरप्रदेश के लोक भवन में किया गया था। फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान अक्षय कुमार, मानुषी छिल्लर और निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी भी वहीं मौजूद थे। शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर के दौरे पर आ रहे हैं और तैयारियों का जायजा लेने के लिए कानपुर में रहने के कारण योगी फिल्म देखने देर से पहुंचे थे।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में गुरूवार को आतंकवादियों ने मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले एक बैंक प्रबंधक की गोली मारकर हत्या कर दी। इलाकी देहाती बैंक के प्रबंधक विजय कुमार ने अस्पताल ले जाते हुए ही रस्ते में अंतिम सास ली। विजय कुमार मूल रूप से राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले थे। मिली जानकारी के अनुसार कुलगाम जिले के अरेह मोहनपोरा स्थित इलाकी देहाती बैंक में आतंकियों ने बैंक मैनेजर पर फायरिंग कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बचाव में कहा कि मेरा प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अनुरोध है कि आम आदमी पार्टी के सभी मंत्रियों, विधायकों को एक साथ जेल में डाल दीजिए। सभी एजेंसियों को बोल दीजिए कि एक साथ सारी जांच कर लें। आप एक एक मंत्री को गिरफ़्तार करते हैं इससे जनता के लिए किये जाने वाले कामों में रुकावट होती है।स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन को ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अरेस्ट किया गया है। गुरुवार को की गयी पत्रकार वार्ता में केजरीवाल ने कहा कि "मुझे लगता है कि सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को फर्जी मामलों में जेल में डालकर ये लोग दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो अच्छे काम हो रहे हैं उन्हें रोकना चाहते हैं। परन्तु चिंता मत कीजिए मैं ऐसा नहीं होने दूंगा, सभी अच्छे काम चलते रहेंगे"।
हरियाणा के नूंह जिले में एक सेप्टिक टैंक में गिरने से आठ साल के बच्चे की मौत हो गयी। पुलिस ने जानकारी दी कि घटना नूंह जिले के बिछोर गांव की है जिसमे मंगलवार को आठ साल का बच्चा खेलते हुए टैंक में गिर गया। बच्चे को बचाने के लिए उसके पिता और चाचा भी टैंक में उतरे और उनकी भी मौत हो गई। पुलिस ने भी इसकी पुस्टि की है कि इस दौरान तीनो कि मौत हो गई है। गांव वालों के अनुसार गांव वासी दीनू के घर के बाहर 20 फीट गहरा सेप्टिक टैंक बनाया गया था, जिसे पत्थर के स्लैब से ढ़का गया था। पुलिस के मुताबिक मंगलवार को दीनू का आठ वर्षीय पोता आरिज उस टैंक के पास खेलते खेलते उस टैंक पर खड़ा हो गया, जिससे उसका कवर टूट गया। परिवार ने इस घटना को लेकर पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं की। परिजनों ने शवों को दफना दिया क्योंकि उनका कहना है की ये उनके लिए बहुत ही दुखदायी घटना थी।
बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर आधारित अपनी फिल्म पर बोलते हुए कहा कि भारतीय राजाओं के बारे में इतिहास की किताबों में कम उल्लेख किया गया है, हलाँकि आक्रांताओं के बारे में अधिक लिखा गया है। अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर अभिनीत फिल्म 'पृथ्वीराज' इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। अक्षय कुमार ने एक साक्षात्कार में कहा कि दुर्भाग्य से हमारे इतिहास की किताबों में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बारे में केवल दो-तीन लाइनें हैं, लेकिन आक्रांताओं के बारे में बहुत कुछ उल्लेख किया गया है। अभिनेता ने शिक्षा मंत्री से अपील करते हुए कहा कि इतिहास की किताबों में हमारी संस्कृति और हमारे महाराजाओं के बारे में ज्यादा कुछ नहीं है।
देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवा चलने और अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने के आसार हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग से यह जानकारी भी मिली है कि मौसम कार्यालय के अनुसार हरियाणा से बांग्लादेश के बीच पूर्व से पश्चिम कम दवाब क्षेत्र बना हुआ है, जिसके प्रभाव के चलते पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। ‘स्काईमेट वेदर' के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार दिल्ली के कुछ हिस्सों में बुधवार को तेज हवाएं चल सकती हैं और बिजली चमक सकती है, जिससे तापमान में गिरावट आने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में एक सप्ताह तक लू चलने की संभावना नहीं है। गौरतलब है कि सोमवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं, जिससे कई पेड़ उखड़ गए थे और बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह दिल्ली में नौ जून 2018 के बाद आया सबसे गंभीर तूफान था। उस दौरान पालम में हवा की गति 104 किलोमीटर प्रतिघंटा मापी गयी थी। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भीषण गर्मी और आर्द्रता के कारण मई और जून में इसी प्रकार के तेज तूफान की संभावना होती है। ऐसी स्थितियों के बारे में एक या दो दिन पहले पूर्वानुमान व्यक्त नहीं किया जा सकता।
पंजाबी सिंगर और कांग्रेसी नेता सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में पहली गिरफ्तारी की गयी। पुलिस ने इस मर्डर केस में मनप्रीत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। उसे बीते कल उत्तराखंड से पकड़ा गया था। फिलहाल आरोपी मनप्रीत से पूछताछ जारी है। मनप्रीत पर आरोप है कि हमलावरों को बोलेरो गाड़ी और कोरोला गाड़ी उसकी मदद से ही मुहैया हुई थी। बठिंडा और फिरोजपुर जेल में बंद दो गैंगस्टर को 5 दिन के प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया है। ये दोनो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर और सक्रिय सदस्य है। कहा यह जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश दिल्ली के तिहाड़ जेल और पंजाब की जेल से रची गयी थी। मनप्रीत और शरद वर्चुअल नंबरो से कनाडा में बैठे गोल्डी बरार से लगातार सम्पर्क में रहते थे।
देश के मशहूर सिंगर केके का मंगलवार को कोलकाता में निधन हो गया। अधिकारियों ने बताया कि एक कॉलेज की तरफ से नजरूल मंच में एक समारोह का आयोजन किया गया था। वहां परफॉर्म करने के बाद जब केके वापस अपने होटल पहुंचे तो वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि गायक को एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। केके की मौत की खबर ने हर किसी को हिला दिया है। सोशल मीडिया पर उनके फैन्स द्वारा सिंगर केके के अंतिम परफॉर्मेंस की कई वीडियो शेयर की जा रही हैं। कॉन्सर्ट के दौरान केके ने अपने सबसे मशहूर गीत ''हम रहे या ना रहें कल, कल याद आएंगे ये पल...'' को भी गया। उनके इस गाने पर लोग खूब झूम रहे थे। लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा होगा कि ये गाना केके आखिरी बार गा रहे है। मगर वक्त को कुछ और ही मंजूर था। कॉन्सर्ट के बाद केके दुनिया को अलविदा कह गए।