रोड सेफटी व उत्कृष्ट सेवाओं के लिए एसएचओ रक्कड गुरदेव सिंह को पुरस्कार से नवाजा गया है । थाना प्रभारी गुरदेव सिंह को यह पुरुस्कार शिमला में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा आयोजित रोड़ सेफ्टी अवार्ड सेरेमनी में महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। थाना प्रभारी गुरदेव सिंह ने वर्ष 2023 में प्रदेश में आई आपदा व अपने क्षेत्र मे रोड सेफटी व दुर्घटनाओं पर लगाम कसने पर बेहतरीन कार्य किया है ।
कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा है कि पिछले दस वर्षों से केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में जुमलों की सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों से उनकी आय को दोगुना करने का वादा किया था लेकिन यह बात जुमला सिद्ध हो चुकी है। भाजपा ने किसानों की आय को दोगुना करना तो दूर, बल्कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क़ानून बनाने की मांग कर रहे किसानों की आवाज़ को बलपूर्वक कुचलने का प्रयास किया और आंदोलन कर रहे 50 से अधिक किसानों की हत्या की गई। चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार ने गाय के दूध में 13 रुपए की ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपए कर दिया है, जबकि भैंस के दूध का ख़रीद मूल्य बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर किया गया है। उन्होंने कहा कि दूध की ख़रीद पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना है। इसके साथ ही मनरेगा मज़दूरी में 60 रुपए की ऐतिहासिक बढ़ौतरी की तथा प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपए तथा मक्की का रेट 30 रुपए तय किया गया है। उन्होंने कहा कि पशु पालकों की आय को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जिला कांगड़ा के ढगवार में 1 लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित कर रही है, जिसकी क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा जिस पर 226 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या को देखते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने निजी गौ-सदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान 700 रुपए को बढ़ाकर 1200 किया गया है। चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के निरंतर प्रयास कर रही है, क्योंकि गाँव को आत्मनिर्भर बनाकर ही प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान राज्य सरकार की इच्छाशक्ति का प्रतीक है कि कृषि को स्वरोज़गार के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़कर किसानों की आय को बढ़ाना का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के यह सभी प्रयास किसान की आय को बढ़ाने व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे।
**सीएम सुक्खू,प्रतिभा सिंह और संजय अवस्थी भी रहेंगे मौजूद शिमला संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी 13 मई को सुबह 11 बजे शिमला में नामांकन भरेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी भी मौजूद रहेंगे। नामांकन के बाद चौड़ा मैदान में जनसभा भी करेंगे। विनोद सुल्तानपुरी शिमला संसदीय क्षेत्र के सोलन जिला के कसौली से विधायक हैं। वह पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। शिमला लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा पहले से ही रहा है हां ये बात भी है कि पिछले 10 वर्षों से यह सीट भाजपा के कब्जे में है। विनोद सुल्तानपुरी के पिता स्वर्गीय केडी सुल्तानपुरी ने इस लोकसभा सीट पर ऐसा दुर्ग बनाया जिसे उनके चुनाव मैदान में रहते कोई भेद नहीं पाया। वह लगातार छह बार यहां से विजयी रहे। उनके लगातार जीत के रिकार्ड को कोई नहीं तोड़ पाया है। इस बार कांग्रेस ने सुल्तानपुरी पर दांव खेला है। क्या इस बार विनोद सुल्तानपुरी अपने पिता की तरह यहाँ परफॉर्म कर पाते हैं या नहीं ये देखना रोचक होगा।
सेना भर्ती कार्यालय, शिमला से सोमवार को 69 नए भर्ती अग्निवीर ट्रेनिंग सेंटरों के लिए रवाना हो गए I छह महीने तक इन जवानों को कड़ी मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद वह भारतीय सेना के अग्निवीर कहलाए जायेंगे I सेना भर्ती कार्यालय, शिमला के भर्ती निदेशक, कर्नल पुष्विंदर कौर ने बताया कि 01 मई से पहले इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगाI 2 मई से सभी अग्निवीरों की ट्रेनिंग शुरू होगी I उन्होंने बताया कि इस साल भर्ती कार्यालय शिमला से 432 अग्निवीर चयनित हो चुके है और उन्हें निर्धारित अनुसूची अनुसार ट्रेनिंग के लिए रवाना किया जाएगा I भर्ती कार्यालय से विदाई करते वक्त उन्होंने अग्निवीरों इस उपलब्धी के लिए बधाई दी और सूचित किया की सभी अपना ट्रेनिंग पूरी निष्ठा तथा लगन से पूरा करेंगे और भविष्य में अपने माता पिता तथा अपने कौर का नाम अभिमान से ऊँचा करेंगे।
कांग्रेस वॉर रूम के सह अध्यक्ष महेश्वर सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा मुद्दाविहीन है। इसी कारण भाजपा ने प्रचार जा स्तर गिरा दिया है। उन्होंने कहा कि अभी कांग्रेस ने दो ही प्रत्याशी मैदान में उतारे है उससे भाजपा के छक्के छूट गए हैं जब बाकी प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे उस समय क्या होगा।कहा कि भाजपा ने प्रदेश में सरकार गिराने का असफल प्रयास जो किया उससे भाजपा का असली चेहरा जनता के समक्ष आ गया है। इसी कारण बीजेपी का प्रचार निम्न स्तर का हो गया है। यहां बयानबाजी का स्तर भी गिर चुका है जिस प्रकार कंगना ने कांग्रेस के प्रत्याशी को पप्पू की संज्ञा दी रहे हैं उन्हें मालूम नहीं कि विक्रमादित्य सिंह पप्पू नही कांग्रेस का ब्रह्मास्त्र हैं। मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री ने इस ब्रह्मास्त्र को चलाया है। इसका आकलन भाजपा हार के बाद ही करेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी का प्रचार निम्न स्तर का है जहां हुड़दंगियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को भी प्रचार के दौरान गिरा दिया। ऐसा लगा कि कार्यकर्ता प्रचार नही हुड़दंगी कर रहे हैं। वहीं उन्होंने कंगना पर निशाना साधते हुए कहा कि त्रासदी के समय कंगना थी यहां तक कि भाजपा ने भी आपदा के समय कांग्रेस के संकल्प का विरोध किया। भाजपा ने केवल प्रदेश में अराजकता का माहौल फैलाया है और जनता को मिलने वाली योजनाओं का विरोध किया है।
1500 रुपए पेंशन रुकवाने बार-बार चुनाव आयोग क्यों जा रही भाजपाः जैनब **भाजपा महिलाओं का सशक्तिकरण बर्दाश्त नहीं कर पा रही हिमाचल प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष जैनब चंदेल ने भाजपा पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा महिलाओं का सशक्तिकरण बर्दाश्त नहीं पा रही है, इसलिए महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन प्रदान करने में अड़ंगे लगा रही है और बार-बार चुनाव आयोग के पास जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अपने चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए पेंशन प्रदान करने के लिए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि आरंभ की है। लेकिन पहले से जारी एक योजना को भाजपा नेता चुनाव आचार संहिता की आड़ में रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ महिला हितैषी होने का ढोंग रचती है, जबकि विपक्षी दल पूरी तरह से महिला शक्ति का विरोधी है। भाजपा चुनावों में वोट लेने के अलावा महिलाओं के लिए कुछ नहीं करती। जैनब चंदेल ने कहा कि भाजपा 1500 रुपये पेंशन रुकवाने का जितना मर्जी विरोध कर ले, लेकिन यह राशि अप्रैल 2024 से महिलाओं को मिलकर रहेगी। लाहौल व स्पीति जिला की लाभार्थी महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन दी जा रही है और प्रदेश के अन्य जिलों की महिलाओं को भी पहली अप्रैल 2024 से इस योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया है तथा योजना को पहली अप्रैल से लागू करने की अधिसूचना तक जारी हो चुकी है। बावजूद इसके भाजपा बार-बार चुनाव आयोग पहुंचकर योजना पर रोक लगवाने की मांग कर रही है, जो उनके महिला विरोधी होने का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की असलियत हिमाचल प्रदेश की महिलाओं के सामने आ चुकी है और महिला शक्ति चुनावों में भाजपा को कड़ा सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। जैनब चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना महिलाओं के जीवन मे बड़ा परिवर्तन लाएगी। उन्हें 18000 रुपये सालाना मिलेंगे, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और भाजपा को यह बात हज़म नहीं हो रही है।
**1500 पेंशन के साथ-साथ बेटियों को दिया बेटों के बराबर अधिकार **एकल नारी और विधवाओं के कल्याण के लिए राज्य सरकार लाई अनेकों योजनाएँ वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. धनी राम शांडिल ने आज यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि वर्तमान प्रदेश कांग्रेस सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में वर्तमान राज्य सरकार ने अनेकों योजनाएँ आरंभ कर उन्हें धरातल पर उतारा है ताकि उन्हें समाज में सशक्त बनाया जा सके तथा वे अपना सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपना चुनावी वादा निभाते हुए 18 वर्ष से अधिक की आयु की लड़कियों एवं महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना आरम्भ की है जिसके तहत प्रत्येक पात्र को 1500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत फार्म भरने का कार्य शुरू किया गया है तथा महिलाओं को इसका लाभ मिलना आरंभ हो चुका है। भाजपा प्रदेश की महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित करने के लिए बार-बार चुनाव आयोग जा रही है और पेंशन में रोड़े अटका रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2.42 लाख महिलाओं को 1000 या 1150 रुपये मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही थी, जिसे वर्तमान प्रदेश सरकार ने बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया है तथा उन्हें यह राशि मिलना भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधवा पुनर्विवाह योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली सहायता राशि 65 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की। डा. धनी राम शांडिल ने कहा कि पुलिस भर्ती में लड़कियों के लिए आरक्षण को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सीलिंग लैंड होल्डिंग एक्ट, 1972 में परिवार में पुत्र को अलग इकाई माना गया था तथा लड़कियों को अलग इकाई मानने से वंचित रखा गया। परन्तु वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस एक्ट में संशोधन कर बेटियों को अलग इकाई बनाया तथा उनके साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त किया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत एक बेटी के बाद परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवार को मिलने वाली 35 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर दो लाख रुपए तथा दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन पर मिलने वाली 25 हज़ार रुपए की राशि एक लाख रुपए करने का निर्णय लिया है। डा. धनी राम शांडिल ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश में मुख्यमंत्री सुख-शिक्षा योजना आरम्भ की जा रही है, जिसके तहत विधवाओं के 27 साल तक के बच्चों की शिक्षा पर होने वाला खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और अक्षम माता-पिता के सभी पात्र बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक एक हज़ार रुपये प्रतिमाह जमा किए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमन्त्री विधवा एवम् एकल नारी आवास योजना के तहत गृह निर्माण की राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी सहायिका, आशा वर्कर, मिड डे मील वर्कर्ज तथा सिलाई अध्यापिकाओं का मानदेय बढ़ाया है।
विक्रमादित्य स्पष्ट करें क्यों दिया था मंत्रिपद से इस्तीफा: राकेश जम्वाल **राकेश जम्वाल बोले कांग्रेस डूबता जहाज,नेता छोड़ रहे पार्टी ** CM के बयान पर भाजपा का पलटवार लोकसभा और छः विधानसभा चुनाव को लेकर जहां मुख्य राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है वहीं आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी अपने चरम पर पहुंच गई है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व विधायक राकेश जम्वाल ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है। उन्होंने कहा कि उनके नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।आज AICC के सचिव तजिंदर बिट्टू ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों का चयन नही कर पा रही है। वहीं राकेश जम्वाल ने मंडी से कांग्रेस प्रत्याशी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बड़ी बड़ी बातें करते है कि वह मंडी से जितने के बाद जनता के मुद्दे केंद्र में उठाएंगे लेकिन पहले उस राज से पर्दा उठाएं कि उन्होंने मंत्रिपद से इस्तीफा क्यों दिया। यह रहस्य आज तक रहस्य बना हुआ है।यहां तक कि प्रतिभा सिंह ने भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।प्रतिभा सिंह ने अपने बयान में कहा था कि कार्यकर्ता नाराज हैं और सांसद निधि से चुनाव नही लड़ा जा सकता। मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि विक्रमादित्य जिस प्रकार कि मंडी से भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत पर टिप्पणी कर रहें है कि की वह क्या खाती हैं क्या पहनती है तो यह बता दें कि विक्रमादित्य सिंह को विरासत में राजनीति मिली है संघर्ष से नही जबकि कंगना ने संघर्ष से अपना नाम बनाया है।उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह व्यक्तिगत टिप्पणी की बजाय मुद्दों पर चुनाव लड़ें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने आज यहां आवश्यक सेवाओं की श्रेणी के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी लोकसभा और विधानसभा उप-चुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वर्गीकृत आवश्यक सेवाओं में तैनात व्यक्ति अनुपस्थित मतदाताओं के रूप में पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने के लिए पात्र होंगे। इस सुविधा के लिए आवश्यक सेवाओं में तैनात व्यक्तियों को नोडल अधिकारियों द्वारा प्रमाणित किया जाना आवश्यक होगा कि मतदान के दिन वे डयूटी पर तैनात हैं। इस सुविधा के लिए उन्हें संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी को 12 मई, 2024 तक फार्म 12डी जमा करवाना होगा। उन्होंने कहा कि इस श्रेणियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस सेवाएं, अग्निशमन विभाग के आवश्यक डयूटी कर्मचारी, लम्बे रूटों पर तैनात चालक और परिचालक, दुग्ध प्रसंघ और सहकारी समितियों के दूध आपूर्ति सेवा में तैनात कर्मचारी, मीडियाकर्मी, पंप ऑपरेटर और टर्नर, इलेक्ट्रीशियन और लाइन-मैन के अलावा आवश्यक सेवा पर तैनात जेल कर्मचारी भी शामिल हैं जिन्हें पहली मर्तबा आवश्यक सेवाओं के तहत लाया गया है। इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इन श्रेणियों के अधिकारियों व कर्मचारियों को फार्म 12-डी भरना होगा और नोडल अधिकारी फार्म के भाग-2 में अपना प्रमाण पत्र भी देंगे। नोडल अधिकारी इसे संबंधित रिटर्निंग अधिकारी या सहायक रिटर्निंग अधिकारी को प्रेषित करेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अनुपस्थित मतदाताओं को फार्म पर हस्ताक्षर और मोबाइल नम्बर लिखना अनिवार्य होगा जिसे पोस्टल बैलेट सेंटर पर तैनात राजपत्रित अधिकारी सत्यापित करेंगे। पोस्टल बैलेट सेंटर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में निर्धारित तीन दिन तक खोले जाएंगे। पोस्टल बैलेट सेंटर के अलावा इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूर्ण करने के लिए विशेष सहायक रिटर्निंग आफिसर को नामित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं में तैनात सभी व्यक्ति, जिन्होंने डाक मतपत्र श्रेणी के लिए आवेदन किया है, उन्हें पीवीसी स्थल के पूरे पते, तिथि और समय के बारे में एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब मतदाता का पीवीसी में मतदान करने के लिए आवेदन स्वीकृत हो जाता है और किसी कारणवश वह पीवीसी में मतदान के लिए उपस्थित नहीं हो पाता है ऐसी स्थिति में उसे डाक मतपत्र भी नहीं भेजे जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनुपस्थित मतदाता आवेदन स्वीकृत होने के बाद पीवीसी के अलावा और कहीं पर भी मतदान नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जिन विभागों ने राज्य नोडल अधिकारी और जिला नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं किए हैं, वे शीघ्र उनकी नियुक्ति सुनिश्चित कर निर्वाचन विभाग को सूचित करें।उन्होंने कहा कि विगत विधानसभा चुनाव-2022 में आवश्यक सेवाओं में तैनात व्यक्तियों के लिए 1181 पोस्टल बैलेट जारी किए गए थे, जिसमें से 872 पोस्टल बैलेट प्राप्त हुए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी, संबंधित विभागों के अधिकारी और राज्य नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज प्रदेशवासियों को दुर्गा अष्टमी की शुभकामनाएं दी और राज्य की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। अपने शुभ कामना संदेश में उन्होंने कहा कि यह त्योहार हम सभी को सत्य के पथ पर चलने और बुराइयों पर विजय प्राप्त करने का संदेश देता है। इस पावन अवसर पर राजभवन में फलाहार ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इससे पहले, राज्यपाल और लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल ने सुबह शिमला के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल काली बाड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की और भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया।
प्रदेश में 77वां हिमाचल दिवस आज हर्षाेल्लास व उत्साह के साथ मनाया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह की अध्यक्षता की तथा राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। इस अवसर पर परेड कमांडर, आईपीएस अभिषेक के नेतृत्व में राज्य पुलिस, होमगार्ड, भारत स्काउट्स एवं गाइड्स तथा एनसीसी कैडेटों की टुकड़ियों द्वारा भव्य मार्च पास्ट प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह खूबसूरत राज्य 15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के साथ अस्तित्व में आया था। राज्य की समृद्ध संस्कृति, उच्च परम्पराएं और असीम प्राकृतिक सौंदर्य, देवभूमि की विशिष्ट पहचान है। राज्य की वास्तविक शक्ति यहां के ईमानदार, कर्मठ और विकासशील लोग हैं तथा यहां शांतिपूर्ण वातावरण व सामाजिक सौहार्द है, जो इस पहाड़ी राज्य को दूसरों से अलग बनाता है। राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के अस्तित्व में आने के बाद इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने तेजी से विकास का सफर तय किया। कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, दुर्गम क्षेत्र और अन्य जटिलताएं भी यहां के मेहनतकश लोगों के साहस को कम नहीं कर पाईं। प्रदेशवासियों ने राज्य को उन ऊंचाइयों तक पहुंचाया जो दूसरों के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों से विकास के सफर की शुरुआत करने के बाद आज हिमाचल देश भर में पहाड़ी राज्यों के विकास का आदर्श प्रस्तुत कर रहा है। इसका श्रेय यहां के ईमानदार लोगों को जाता है जिन्होंने अपनी निष्ठा और लग्न से प्रदेश को विकास के इस आयाम तक पहुंचाया है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेशवासी भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने में सदैव प्रयासरत रहेंगे। श्री शुक्ल ने कहा कि युवा ही राष्ट्र की असली संपत्ति हैं, जो देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने युवाओं मेें बढ़ते नशे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति समाज के लिए एक गंभीर खतरा है। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ हमें मिलकर काम करना चाहिए। इसके लिए, शिक्षण संस्थान, समाज के सभी वर्ग और युवाओें को जोड़कर एक प्रभावी संदेश देना होगा ताकि उनकी ऊर्जा व सामर्थ्य का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग हो सके। उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे इस सामाजिक बुराई के खिलाफ मजबूती से पहल करें और प्रदेश को और सशक्त बनाने में योगदान दें। इस अवसर पर, राज्यपाल ने प्रदेश के उन महान सपूतों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने हिमाचल प्रदेश के विकास में योगदान दिया है। उन्होंने राज्य के महान स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री शुक्ल ने सभी नागरिकों से आगामी चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील भी की। उन्होंने विश्वास जताया कि वे भारत के संविधान के आदर्शों और मूल्यों को मजबूत करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। स्वास्थ्य मंत्री (कर्नल) धनी राम शांडिल, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू, प्रधान सचिव, सचिव सहित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
गद्दी छात्र कल्याण संघ हि.प्र. द्वारा आज बसोआ के अवसर पर खीर व पिंदड़ी का वितरण किया गया। गद्दी समाज में बसोआ त्योहार विशेष रूप से बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह बैसाख-सक्रांति का त्यौहार है। नए वर्ष के नए त्योहार के लिए सम्पूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली जाती है। कुछ दिन पूर्व कोदरे के आटे को देसी ‘घराट’(चक्की) पर पीसकर बसोआ के दो दिन पूर्व एक कड़ाही या पात्र में उबले हुए पानी में कोदरे का आटा डाल दिया जाता है और कुछ समय के लिए उस आटे को गर्म पानी में रखा जाता है जब तक पककर घुल न जाएँ। फिर उस आटे को कुनाले(परात) में थोड़ी मात्रा में गेहूं का आटा डालकर गुंथा जाता है और उसे किसी टोकरी में ऐरे(एक पौधा)या कैथ, अखरोट या बुरांश की पत्तियों की तह में बिछा दिया जाता है। इस आटे की गोल-गोल, किन्तु पिचकी हुई पिनियाँ बनाई जाती हैं और उन पिन्नियों को पत्तों से ढक दिया जाता है। टोकरी की हर तह पूरी होने पर उसमें खट्टी छाछ की बौछारें छोड़ी जाती है।"बसोआ " दिवस के अवसर पर उक्त टोकरी को खोलकर देखने पर उनमें कुछ सफेदी छा गई होती है। अतः सक्रांति के दिन परिवार के समस्त लोग नहा-धोकर सगे-सम्बन्धियों तथा बहन-बेटियों को बुलाते हैं तथा इन्हें अपने प्रयोग करने से पूर्व सर्वप्रथम पितरों के निमित्त अर्पित किए जाते हैं उसके पश्चात परिवार के समस्त सदस्य शहद या गुड़ के पानी के साथ बड़े चाव से खाते हैं। इस त्योहार के पूर्व घर के आँगन में गद्दी युवतियाँ और महिलाएँ समूह में एकत्रित होकर रात भर ‘बसोआ’ तथा ‘घुरैई’ गायन की अनुगूँज से सारे वातावरण को भाव-विभोर करती हैं।"बसोआ"वाले दिन विवाहित बेटियाँ अपने मायके जाने की प्रतीक्षा में रहती हैं। इस दिन सभी बहनें अपने मायके पहुँचकर अपने सम्बन्धियों से गले मिलते हुए कुशल-क्षेम पूछती हैं। शाम के समय समस्त बेटियाँ एकत्रित होकर ‘पिंदड़ी’ के लोक गाने गाकर एक दुःखी बहन की दुःखद गाथा को गाती हैं जिसके मर्म में किसी लड़की के ससुराल वालों से मिलने वाली यातनाओं का दिग्दर्शन होता है। गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश की कार्यकारिणी द्वारा समस्त प्रदेश वासियों को बसोआ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
देश की राजधानी दिल्ली से आए हिमाचल की राजधानी शिमला में एक शिष्टमंडल ने शिमला में रह रहे उत्तराखंडियों के साथ मुलाकात की। यह मुलाकात शिमला के रामनगर स्थित गढ़वाल सभा भवन में हुई। दिल्ली से आए शिष्टमंडल में करीब 15 लोग शामिल थे। दिल्ली से आए इन लोगों ने गढ़वाल सभा भवन देखा और शिमला में रह रहे उत्तराखंडियों को गढ़वाली और कुमाऊंनी बोली के साथ जुड़ाव रखने के लिए प्रेरित किया। दिल्ली से आए गढ़वाल हितैषी सभा के आजीवन सदस्य विनोद बछेती ने बताया कि वे दिल्ली में हर रविवार को उत्तराखंड से संबंध रखने वाले बच्चों को गढ़वाली और कुमाऊंनी बोली सिखाते हैं। साल 2012 से 46 जगहों पर बोली सीखने की यह कक्षाएं चलाई जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में मूल रूप से उत्तराखंड से संबंध रखने वाले लोगों की संख्या करीब 55 लाख है और उत्तराखंड के लोगों की 426 संस्थाएं भी हैं। उन्होंने शिमला में रह रहे उत्तराखंड के लोगों से भी आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को गढ़वाली और कुमाऊंनी बोली सिखाएं. बच्चे हिंदी और अंग्रेजी भाषा के साथ अपनी बोली को भी सीखकर बातचीत करें। यह समाज के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इस दौरान मेरू पहाड़ फाउंडेशन से जुड़े हरीश चंद्र, अमन, देवेंद्र, हरीश बिष्ट, सोनू भट्ट, डॉ. धर्मा रावत, महिपाल नेगी, दिगपाल रावत, अमित, डॉ. प्रेम देवली, प्रो. दयाल सिंह पंवार और हरीश शामिल थे। दिल्ली से आए इस शिष्ट मंडल का राजेंद्र भट्ट, माधव राणा, विनोद, राकेश बिष्ट, सुधाकर थपलियाल, देवेंद्र भट्ट, महेश्वरी कठैत, शीला डोभाल, जयंती नेगी, हेमा रावत, विमला भट्ट, यशोदा ढौंडियाल और भारती नेगी ने स्वागत किया।
आज राजकीय दन्त महाविद्यालय एव चिकित्सालय मे जाइगोमेटिक और टेरीगवाइड इम्पलान्टस के विषय मे एक कार्यशाला का आयोजन किया गया इसमें मुख्य वक्ता डॉ राघव ने दान्तो ओर मुंह की उस विकृति जिसमे जबडे की हडडी गल गइ हो उसमे डेन्टल इम्पलांट प्रत्यारोपण करके कैसे ठीक किया जाता हे यह बताया। दन्त महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ आशु गुप्ता ने इस कार्यशाला के लिए शुभ कामनाये दी। इसमें 14 प्रध्यापक 6 स्नातोकतर और 25 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया जिसमें उन्होने इम्पलांट के बारे में नइ तकनीक की विस्तृत जानकारी दी, एवं अतिथियों का सम्मान व स्वागत किया। सबसे पहले जायेगोमटिक इम्पलांट 1998 में प्रोफेसर ब्रेन मार्क ने शुरू किये थे ओर इसका प्रयोग पूरे विषव मे किया जाता है। इस कार्यक्रम को आयोजित करने मे दन्त चिकित्यालय के नोडल आफिसर डॉ मोनिका परमार ने अपना सहयोग दिया। इस कार्यशाला को इम्पलांटस स्वस कम्पनी ने प्रायोजित किया। श्री अनील मिस रिया और श्री रोहित जम्वाल और श्री संदीप जी ने अपना सहयोग दिया। इस कार्यशाला में करीब 40 लोगो ने प्रशीक्षण लिया जिसमें उन्हे डॉ राघव द्वारा संबोधित किया गया जिसके बाद उन्हे इम्पलांट की नई तकनीक की विस्तृत जानकारी दी गई। इस नई तकनीक से दन्त महाविद्यालय में आने वाले मरीजों को बहुत लाभ मिलेगा।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट को अनारक्षित करने के खिलाफ एचपीयू के प्रति कुलपति को सौंपा ज्ञापन
आज दिनांक 06-04-2024 को गद्दी छात्र कल्याण संघ हि० प्र० की कार्यकारणी द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए आरक्षित पीएच.डी. की सीट को असंवैधानिक तरीके से अनारक्षित करने के खिलाफ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया जिसमे प्रति कुलपति महोदय जी ने हमे आश्वासित किया इस विषय पे पारदर्शिता से जांच की जाएगी ।
जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य निदेशक एवं वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य प्रधान अरण्यपाल नागेश कुमार गुलेरिया आज सेवानिवृत हुए। जाइका वानिकी परियोजना कार्यालय शिमला में आयोजित सेवानिवृति समारोह का आयोजन कर यहां के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने नागेश गुलेरिया को विदाई दी। परियोजना निदेशक श्रेष्ठानंद शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में यहां विराजमान अधिकारी एवं कर्मचारियों ने नागेश गुलेरिया को सेवानिवृति के बाद, जीवन की दूसरी पारी शुरू करने की शुभकामनाएं दी। जाइका स्टाफ को संबोधित करते हुए नागेश कुमार गुलेरिया भावुक हुए और उनकी आंखों से आंसू भी छलकने लगे। उन्होंने कहा कि वन विभाग के साथ-साथ जाइका वानिकी परियोजना में सेवाएं देते वक्त सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों का पूरा प्यार मिला। नागेश गुलेरिया ने कहा कि यहां मौजूद स्टाफ का आभार व्यक्त किया। वन विभाग में सेवाओं पर गौर करें तो नागेश कुमार गुलेरिया नवंबर 1985 में मात्र साढ़े 21 वर्ष की आयु में बतौर हिमाचल प्रदेश वन सेवा अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए तथा वर्ष 1994 में भारतीय वन सेवा में आए। उन्होंने 39 वर्षों तक वन विभाग में विभिन्न पदों पर उत्कृष्ट सेवाएं दी है। प्रदेश के विभिन्न वन मंडलों में बतौर डीएफओ उसके बाद, विभाग में सीसीएफ और एपीसीसीएफ के पद पर सेवाएं देते हुए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की जनता के लिए आजीविका कमाने का रास्ता तलाश कर उनके लिए सेतु का कार्य किया है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम में निदेशक के पद पर भी सेवाएं दी हैं। गौरतलब है कि नागेश कुमार गुलेरिया ने वर्ष 1985 से 1987 तक राज्य वन सेवा महाविद्यालय बर्नीहार्ट असम में प्रशिक्षण ग्रहण किया। जिसके बाद 1987 में बतौर एसीएफ चौपाल में इनकी प्रथम नियुक्ति हुई। उसके बाद 1995 से 1998 तक ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के निदेशक रहे, 1998 से 2002 तक डीएफओ बिलासपुर के पद पर रहे। इस दौरान इन्होंने वहां खैर के अवैध कटान पर पूरी तरह से नकेल कसी। इसके पश्चात वे वर्ष 2002 से 2007 तक डीएफओ शिमला के पद पर रहे उस समय भी उन्होंने हिमाचल प्रदेश ईको टूरिज्म की नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्ष 2007 से 2010 तक डीएफओ वाइल्ड लाइफ शिमला के पद पर सेवाएं दी। आईएफएस अधिकारी नागेश कुमार गुलेरिया अगस्त 2019 से आज तक जाइका वानिकी परियोजना में मुख्य परियोजना निदेशक के पद पर सेवाएं दी।
25 किलोमीटर की सीधी चढ़ाई चढ़ने के बाद होते हैं श्रीखंड महादेव पर्वत के दर्शन हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां देवी-देवताओं के कई मंदिर हैं। इनमें से श्रीखंड महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भगवान शिव को समर्पित है। श्रीखंड महादेव दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित धार्मिक स्थलों में से एक है। समुद्रतल से लगभग 18,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 25 किलोमीटर की सीधी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। श्रीखंड महादेव मंदिर की यात्रा को अमरनाथ यात्रा से भी दुर्गम माना जाता है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीखंड महादेव के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। लोगों का विश्वास है कि इस स्थान पर भगवान शिव का वास है। श्रीखंड पर्वत को पंच कैलाशों में से एक माना जाता है। यहां प्राकृतिक शिवलिंग स्थापित है। मान्यता है कि भस्मासुर नाम के राक्षस को भगवान शिव से वरदान मिला था कि वह जिस भी जीव के सिर पर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा। वरदान पाकर भस्मासुर घमंडी हो गया और भगवान शिव को ही भस्म करने की कोशिश करने लगा। ऐसे में भगवान शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए निरमंड के देओढांक में स्थित एक गुफा में शरण ली। भगवान शिव कई महीनों तक इस गुफा में रहे। जब भगवान विष्णु ने मोहिनी नाम की एक सुंदर महिला का रूप धारण कर भस्मासुर का वध कर दिया, तो सभी देवता गुफा के बाहर पहुंचे और भगवान शिव से बाहर आने की विनती की। लेकिन भगवान शिव गुफा से बाहर नहीं आ पा रहे थे। जिसके बाद वह एक गुप्त रास्ते से होते हुए इस पर्वत की चोटी पर शक्ति रूप में प्रकट हो गए। मान्यता है कि जब भगवान शिव यहां से जाने लगे तो एक जोरदार धमाका हुआ। जिसके बाद शिवलिंग आकार की एक विशाल शिला बच गई। इसे ही शिवलिंग मानकर उसके बाद पूजा जाने लगा। इसके साथ ही यहां दो अन्य चट्टाने भी हैं, जिन्हें मां पार्वती और भगवान गणेश के नाम से पूजा जाता है। श्रीखंड महादेव की यात्रा के मार्ग में निरमंड में सात मंदिर, जाओं में माता पार्वती का मंदिर, परशुराम मंदिर, दक्षिणेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर अरसु, जोताकली, बकासुर वध, ढंक द्वार जैसे पवित्र स्थान भी आते हैं। मार्ग में आने वाले पार्वती बाग में श्रद्धालुओं को दुर्लभ ब्रह्म कमल के दीदार होते हैं। यहां पार्वती झरना भी दर्शनीय है। माना जाता है कि मां पार्वती इस झरने का स्नानागार के रूप में इस्तेमाल करती थीं। बता दें कि श्रीखंड महादेव की यात्रा बेहद दुर्गम मार्ग से होकर गुजरती है। यहां ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बार श्रद्धालुओं की मौत भी हो जाती है। जिसके बाद श्रीखंड महादेव ट्रस्ट ने यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की आयु सीमा भी तय की गई है। साथ ही ट्रस्ट ने यह भी तय किया है कि किसी भी यात्री को उनकी फिटनेस देखकर ही श्रीखंड महादेव की यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी। ट्रस्ट, प्रशासन के सहयोग से श्रीखंड महादेव यात्रा का आयोजन करता है। यात्रा के तीन पड़ाव में सिंहगाड़, थाचड़ू, और भीम डवार हैं। श्रीखंड महादेव तक कैसे पहुंचे श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कई पड़ाव पार करके यात्रा करनी पड़ती है। सबसे पहले शिमला जिले के रामपुर से कुल्लू जिले के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक गाड़ियों और बस से पहुंचना पड़ता है। यहां से आगे करीब 30 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। श्रीखंड महादेव से नजदीकी हवाई अड्डा लगभग 53 किलोमीटर दूर भुंतर हवाई अड्डा है। वहीं 76 किलोमीटर दूर शिमला में जुब्बरहट्टी हवाई अड्डा और छोटी लाइन का रेलवे स्टेशन भी है। इसके अलावा लगभग 90 किलोमीटर दूर जोगिंदरनगर में भी छोटी लाइन का स्टेशन है।
शिमला, भाजपा विधायक रीना कश्यप ने कहा की कांग्रेस सरकार के 15 महीने निराशाजनक रहे हैं, इस सरकार ने केवल मात्र जनता को ठगने का काम किया है। यह सरकार जनविरोधी, नीतिविरोधी, विकासविरोधी, कल्याणविरोधी है। उन्होंने कहा की हिमाचल सरकार ने मार्च के महीने में ही दूसरी बार लोन लेने का फैसला किया है। इस वित्त वर्ष में लोन की आखिरी किस्त के तौर पर 672 करोड़ रुपये उठाए जा रहे हैं। इस वित्त वर्ष के लिए दी गई लोन लिमिट का 100 फीसदी इस्तेमाल करना पड़ा है। इस धनराशि को मिलाकर इस वित्त वर्ष में करीब 8072 करोड़ का लोन सरकार ने उठाया है। इससे पहले इसी महीने 1100 करोड़ का लोन लिया गया था। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 14000 करोड़ का लोन लिया है। अगर हिमाचल प्रदेश में कुप्रबंधन के लिए कोई सरकार जानी जाएगी तो वह केवल कांग्रेस पार्टी की सरकार ही होगी। रीना कश्यप ने कहा, कांग्रेस के अयोग्य छह और तीन निर्दलीय विधायकों के भाजपा में जाने के बाद राज्य सरकार ने राजनीतिक मामलों पर एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है। यह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस सरकार को अभी भी डर लग रहा है की उनके कोई विधायक पार्टी छोड़ ना जाए। एक -एक विधायक को सर्वेलेंस के अंदर रखा गया है। इस समिति अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री होंगे। तीन मंत्रियों को सदस्य बनाया गया है। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी की है। यह मंत्रिमंडलीय उप समिति राज्य में राजनीतिक विषयों के अलावा आर्थिक मामलों को भी देखेगी। इसके सदस्य कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी होंगे। इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों को भी सूचित कर दिया गया है। शायद डैमेज कंट्रोल के लिए यह मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई गई है।
पेट्रोल-डीजल सस्ता होने के बाद महंगाई से राहत का इंतजार कर रहे लोगों को झटका लगा है। शिमला में रिफाइंड और आटे समेत दालों की कीमतों में वृद्धि हुई है। अनाज मंडी के कारोबारियों का कहना है कि दूसरे राज्यों से आ रही राशन की आपूर्ति महंगे दाम पर हो रही है। राजधानी में आटा अब एक रुपये प्रति किलो तक महंगा हो गया है। अनाज मंडी में 35 किलो आटे का बैग दो हफ्ते पहले 1060 रुपये रिटेल दामों पर मिल रहा था। अब इसके दाम 1100 रुपये पहुंच गए हैं। राहत यह है कि सरसों तेल और चावल के दाम स्थिर हैं। पिछले महीने सस्ता हुआ रिफाइंड अब 120 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। फरवरी में रिफाइंड 100 से 105 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था। कारोबारियों के अनुसार होलसेल में ही रिफाइंड अब 108 रुपये प्रति लीटर की दर से मिल रहा है। रिटेल में यह 118 से 120 रुपये बेचा जा रहा है। अनाज मंडी कारोबारी एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक श्रीधर का कहना है कि आटे के दाम एक रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं।
चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी बिगुल भी बज चुका है। आयोग की ओर से प्रदेश की 4 लोकसभा सीटों के साथ 6 विधानसभा सीटों पर भी उप-चुनाव की तारीख है तय कर दी गई है। लिहाजा प्रदेश में सियासी गर्मी भी बढ़ी हुई। इसी बीच मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि चुनाव आयोग ने प्रक्रिया के तहत प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ 6 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव की भी तिथि तय की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रत्येक चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस को जनता ने 40 सीटें जीताकर 14 महीने पहले पूर्ण बहुमत दिया था। अब पार्टी से बागी हुए इन 6 विधायकों को जनता के सवालों का जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने जवाब देना पड़ेगा की आखिर 14 महीने में ऐसी क्या वजह हुई, जो इन्होंने प्रदेश की जनता और कांग्रेस सरकार के साथ धोखा कर दिया। नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा भी इस षड्यंत्र में पूरी तरह से शामिल है। उनके नेता बागी नेताओं के साथ घूम रहे हैं। बागी विधायकों को CRPF की सुरक्षा दी जा रही है। इन सब बातों का जवाब बागी नेताओं और भाजपा को जनता के बीच देना होगा। इस दौरान नरेश चौहान ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशीयों के नाम तय किए जाने और मुद्दों को लेकर कहा कि बैठकों का दौर जारी है. जल्द ही प्रत्याशियों के नाम तय होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के बीच कांग्रेस महिलाओं को 1500 देने, OPS बहाल करने जैसे बड़े फैसलों को लेकर जाएगी। इस दौरान नरेश चौहान ने भाजपा से पूछा की क्या वे OPS बहाली के विरोध में है भाजपा के लोगों को यह भी साफ-साफ करना चाहिए। नरेश चौहान ने कहा की प्रदेश की जनता एक बार फिर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपना प्यार और आशीर्वाद देगी।
शिमला: लोक निर्माण एवम् शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज शिमला ग्रामीण विधान सभा के दूरदराज क्षेत्र की धरोगडा पंचायत के संदोआ से 15 करोड़ 59 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले 11 संपर्क सड़कों राजकीय उच्च पाठशाला संदोआ के तीन कमरों तथा आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र भवन संदोआ की आधारशिला रखी जबकि 15 लाख रूपये की लागत से निर्मित किए गए प्राथमिक पाठशाला पलगैड के भवन का उद्घाटन भी किया। कहा कि विकास और कांग्रेस एक दूसरे के पर्याय है। कांग्रेस के शासनकाल में पूरे प्रदेश में तीव्र गति से संतुलित एवम् सम्मान विकास सुनिश्चित किया जाता है। इसी उद्देश्य से प्रदेश के सभी क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ने के साथ-साथ हर गांव को सड़क सुविधा उपलब्ध करवाना उनकी प्राथमिकता है । उन्होंने कहा कि आज रखी गई आधारशिलाओं में 76 लाख रूपए की लागत से निर्मित किए जाने वाले उच्च पाठशाला संदोआ के तीन कमरे तथा एक करोड़ 46 लाख रूपये की लागत से निर्मित किए जाने वाले आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र संदोआ का भवन शामिल है। उन्होंने कहा कि 15 लाख रूपये की लागत से निर्मित किए गए राजकीय प्राथमिक पाठशाला पलगैड़ के भवन का भी शुभारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि शिमला ग्रामीण विधनसभा के इस दूरदराज़ सराज क्षेत्र में वर्तमान में 27 सड़कों के निर्माण कार्य जारी है जिसे शीघ्र पूर्ण कर ग्रामीणों को यातायात सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जलोग में 20 करोड़ के विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास किए गए थे। जिनके निर्माण कार्य जारी है। इसी तरह सराज क्षेत्र के दूसरी तरफ खटनोल क्षेत्र की सभी चार पांच पंचायतों के लिए 15 करोड़ रूपये की लागत से विभिन्न विकास कार्यों के निर्माण जारी है। उन्होंने जल शक्ति विभाग के सब डिवीजन के नए भवन के निर्माण को शीघ्र पूर्ण करने, सरगला पंप हाउस की पुरानी मशीनरी को बदलने का आश्वासन तथा लोक निर्माण उप डिविजन जलोग के लिए एक नई जेसीबी मशीन उपलब्ध करवाने की घोषणा भी की । उन्होंने संधोआ मन्दिर ग्राउंड के लिए 5 लाख देने का आश्वासन तथा स्कूली बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में 11 हजार रुपए देने की घोषणा भी की । उन्होंने पंचायत प्रधान तथा स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा रखी गई मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने का आश्वासन भी दिया।
शिमला: जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता और बेहतर मार्केटिंग के लिए एचसीएलपीसीएल यानी हिमाचल कम्यूनिटी लाइवलिहुड्स प्रोड्यूसर कंपनी लि. का गठन किया गया है। अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया की अध्यक्षता में शनिवार को इस कंपनी का विधिवत शुभारंभ किया गया। स्वयं सहायता समूहों द्वारा चुने हुए निदेशकों की उपस्थित में कंपनी का गठन किया गया। इस कंपनी के गठन होने से हिमाचल प्रदेश के लगभग 920 स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों को मार्केट में ले जाने में सहायता होगी। ये सभी समूह कंपनी के अंतर्गत गठित किए गए हैं। जिनको लगभग 9.20 करोड़ की रिवोल्विंग फंड और 50 से 75 प्रतिशत कैपिटल कॉस्ट मशीनों की खरीद के लिए प्रदान किया जाता है। बताया गया कि मार्च 2024 तक स्वयं सहायता समूहों ने लगभग दो करोड़ रूपये की कमाई कर दी। इसको गति देने के लिए अगले स्तर में ले जाने व लंबे समय तक गतिविधियों को जिंदा रखने के लिए यह कंपनी आने वाले समय में अहम भूमिका निभाएगी। इस कंपनी के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण स्तर पर वनों पर आधारित लोगों को स्वरोजगार व आजीविका के संसाधनों व सेवाएं प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि यह इस तरह का यह प्रयास वानिकी परियोजना में प्रदेश स्तर पर पहली बार किया गया। जाइका वानिकी परियोजना 7 जिलों, 19 वन मंडल और 74 वन परिक्षेत्र के अंतर्गत इम्पलीमेंट की जा रही है। जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े सभी स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता और बेहतर मार्केटिंग के लिए हिमाचल कम्यूनिटी लाइवलिहुड्स प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया गया। स्वयं सहायता समूहों के निदेशकों की उपस्थिति में विधिवत शुभारंभ किया गया। इस कंपनी के गठन होने से प्रदेश के ग्रामीण स्तर पर लोगों को आजीविका सुधार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
शिमला: लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज तारा देवी से 23 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के लिए खरीदी गई 102 नई मशीनों में से 14 मशीनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि इन मशीनों को जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदा गया है, जिससे लगभग 10 करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू का लोक निर्माण विभाग के लिए इन मशीनों की खरीददारी में सहयोग करने के लिए धन्यवाद किया। विक्रमादित्य सिंह बोले, कि हर उपमण्डल में इन मशीनों को भेजा जाएगा ताकि आपदा या किसी और घटना से निपटने में हमें कोई भी परेशानी न हो। उन्होेंने बताया कि पिछले वर्ष बरसात से आई आपदा में जो नुकसान हुआ था, उसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने कुछ निर्णायक निर्णय लिए थे, जिस कड़ी में इन मशीनों की खरीददारी की गई है। इस अवसर पर ईएनसी लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता, अधीक्षण अभियंता (मैकेनिकल) सीडी ठाकुर, अधिशाषी अभियंता (मैकेनिकल) अमित शर्मा, आर.के. चांदला, राजेश अग्रवाल तथा रोहित सूद व अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
** मुख्यमंत्री ने कुमारसैन बस अड्डे का लोकार्पण किया ** परिवहन निगम सब डिपो खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला जिला के कुमारसैन में 4.26 करोड़ से निर्मित बस अड्डे का लोकार्पण किया। उन्होंने परिवहन निगम का सब डिपो खोलने की घोषणा भी की। उन्होंने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों की मांग को देखते हुए सरकार शीघ्र ही इस घोषणा को पूरा करेगी जिससे क्षेत्र में परिवहन सेवाएं और अधिक सुदृढ़ होंगी। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित बस अड्डे से क्षेत्र की 28 पंचायतों के हजारों लोगों को लाभ मिलेगा। इस बस अड्डे से प्रतिदिन 41 बस रूट संचालित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं जिससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है और अतिरिक्त आर्थिक संसाधन भी अर्जित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जनता के पैसे का इस्तेमाल जनकल्याणकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर कार्यान्वित करने पर किया जा रहा है ताकि इनका लाभ आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता संभालने के पश्चात विकट वित्तीय स्थिति के चलते उनके समक्ष चुनौतियों का पहाड़ था। अभी नवगठित सरकार इसका हल निकाल ही रही थी कि प्रदेश में आई अभूतपूर्व आपदा ने भी प्रदेश को एक बड़ा झटका दिया। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से बाहर निकलने के लिए प्रदेश सरकार ने भरसक प्रयास किए हैं और आम लोगों के सहयोग से वह सभी चुनौतियों पर निश्चित ही विजय हासिल करेंगे।
** बौखलाहट में रेवड़ियों की तरह बांटे जा रहे कैबिनेट रैंक ** युवाओं के बजाय अपने चहेतों को नौकरी देकर किया जा रहा है एडजस्ट नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री बौखलाहट में हैं। एक ही दिन में दो-दो बार कैबिनेट की बैठकें की जा रही हैं। कैबिनेट बैठकों में पूरे मंत्री भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं आख़िर सरकार इतनी अफरातफरी में क्यों हैं? एक तरफ प्रदेश के युवा लंबित परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर महीनों से सड़कों पर हैं और मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए जनता के हितों को दरकिनार कर रेवड़ियों की तरह कैबिनेट रैंक देने में व्यस्त हैं, ताकि असंतुष्टों को साधा जा सके। एक तरफ़ सरकार आर्थिक तंगी का रोना तो रही है दूसरी तरफ़ कैबिनेट रैंक बांटकर करोड़ों रुपये का अनावश्यक बोझ प्रदेश की जनता थोप रही है। मुख्यमंत्री जिस तरह से अपने नेताओं का तुष्टिकरण कर रहे हैं, उससे कांग्रेस सरकार की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। अब लोकसभा चुनावों के ठीक पहले बिना बजट के प्रावधानों की योजनाएं घोषित करके आम लोगों को सरकार एक बार फिर ठगने का काम कर रही है। जिस तरह से मुख्यमंत्री अपने नाराज़ नेताओं को संतुष्ट करने का प्रयास कर रही है उतनी मेहनत से अगर प्रदेशवासियों के हितों का ध्यान रखती तो आज स्थिति कुछ और होती। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि युवा डेढ़ साल से नौकरी की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अपने प्राइवेट सेक्रेट्रीज को रिटायरमेंट के बाद भी सलाहकारों के रूप में नियुक्त कर ऐडजस्ट कर रही है। इससे साफ होता है कि मुख्यमंत्री केवल सत्ता का सुख लेने और अपने चहेतों को ऐडजस्ट करने के लिए ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में प्रदेश के लोग कांग्रेस को झूठी गारंटियों का जवाब देने के लिए तैयार बैठे हैं। हिमाचल के लोग चारों लोक सभा सीटों पर भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताकर नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाएंगे।
** सीएम ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र को दी 165 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात ** पंद्रह-बीस क्षेत्र में उप तहसील, ननखड़ी में बस स्टैंड व शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाने का एलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आगामी लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए प्रदेश के लोगों से आह्वान किया कि जो राजनीतिक दल लोकतंत्र की मर्यादाओं का हनन कर लोकतांत्रिक प्रणाली को धन बल के प्रयोग से कमजोर कर रहे हैं उन्हें लोकतंत्र के महापर्व पर करारा जवाब दें। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में लोग अलोकतांत्रिक हथकंडे अपना रहे ऐसे सभी दलों को करारा सबक सिखाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात आज जिला शिमला के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के सराहन में भारी जनसभा को संबोधित करते हुए कही। दन्होंने अस दौरान रामपुर विधानसभ क्षेत्र को 165 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंद्रह-बीस क्षेत्र में उप तहसील खोलने, ननखड़ी में बस स्टैंड के निर्माण तथा शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण, नलाटी स्टेडियम का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम से करने, रामपुर में पार्किंग के निर्माण, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किन्नू का नामकरण शहीद पवन धंगल के नाम से करने, बड़ावली में आई.टी.आई. खोलने तथा सरपारा झील के विकास के लिए 50 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ वोट करने वाले बागी विधायकों की पार्टी विरोधी गतिविधियों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उन्होंने सवाल किया कि उन्हें कौन नियंत्रित कर रहा है? उन्होंने कहा कि धन-बल से लोकतंत्र की हत्या करने वालो के कारनामे जगज़ाहिर हुए हैैं। उनके मनसूबे हिमाचल जैसे शांतिप्रिय प्रदेश में कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि यहां की जनता कभी भी अपना ईमान नहीं बेचेगी। हिमाचलवासी सदैव सच और ईमानदारी का साथ देते हैं। इन परियोजनाओं के किए लोकार्पण मुख्यमंत्री ने 9.54 करोड़ रुपये की लागत के एमजीएमएससी खनेरी के ट्रॉमा केंद्र, 6.95 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित स्नातकोतर महाविद्यालय रामपुर के विज्ञान खंड, 9.85 करोड़ रुपये लागत से निर्मित खेल परिसर दत्तनगर, महात्मा गांधी राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय कोटला में 16.05 करोड़ रुपये के लेक्चर थियेटर ब्लॉक, 11.75 करोड़ रुपये के सिविल इंजीनियर ब्लॉक और 16.04 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मेकैनिकल ब्लॉक का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने तहसील रामपुर की ग्राम पंचायत देव नगर के गांव के लिए मछाडा खड्ड से 2.20 करोड़ रुपये की उठाऊ जल आपूर्ति योजना, ग्राम पंचायत बगलती के गांव अडू ज्वालडा के लिए 1.10 करोड़ रुपये की उठाऊ जल आपूर्ति योजना, ग्राम पंचायत शाहधार में हरिजन बस्ती टालरा, मझगांव, रंगोरी, ओडीधार, डेऊ, कुन्नी और शाहधार के लिए 2.13 करोड़ रुपये के लिए पेयजल योजना, तहसील ननखड़ी की ग्राम पंचायत जाहू, खूनी के जाहू, जून्नी, बनी, बासा और गाहन के लिए नून खड्ड से 2.24 करोड़ रुपये की जल आपूर्ति योजना, उप-मंडल रामपुर में लोगों के लिए जल शक्ति के अन्तर्गत 2 करोड़ रुपये से उठाऊ जल आपूर्ति योजना, तहसील रामपुर की उप-तहसील तकलेच के अन्तर्गत जल शक्ति के तहत 1.85 करोड़ रुपये से विभिन्न जल आपूर्ति योजनाओं के सुदृढ़ीकरण और उप-मंडल ननखड़ी में जल शक्ति के अन्तर्गत 1.85 करोड़ रुपये से विभिन्न जल आपूर्ति योजनाओं के सुदृढ़ीकरण कार्यों का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं की रखी आधारशिला मुख्यमंत्री ने 9.45 करोड़ रुपये लागत से निर्मित होने वाले गानवी फांचा सड़क के स्तरोन्यन कार्य, 7.77 करोड़ रुपये रतनपुर शाह गुरी बासरा से चाडली सड़क के स्तरोन्यन, 8.04 करोड़ रुपये के झाकड़ी खड़ाकग से मकुरोला गौरा सड़क के स्तरोन्यन और 2.96 करोड़ रुपये के सनई से संदल सड़क की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने नगर परिषद रामपुर बुशहर के नवनिर्मित वार्ड नम्बर-6 और 7 के लिए 18.50 करोड़ रुपये से निर्मित होने वाली जल आपूर्ति योजना के संवर्द्धन कार्य, महात्मा गांधी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए 7 करोड़ 46 लाख रुपये से निर्मित होने वाली उठाऊ जल आपूर्ति योजना, तहसील रामपुर की ग्राम पंचायत निरथ के लिए 13.94 करोड़ रुपये से मछाडा खड्ड से निरथ के लिए उठाऊ सिंचाई योजना, 90 लाख रुपये से ग्राम पंचायत कूट के गांवों के लिए रोपनी खड्ड से जल आपूर्ति योजना, ग्राम पंचायत भडावली में 7.52 करोड़ रुपये से बहाव सिंचाई योजना कुमसू के संवर्द्धन कार्य, तहसील ननखड़ी में 74 लाख रुपये से ग्राम पंचायत कलेडा में मझेवटी की फौला-लड्डीधार बहाव सिंचाई योजना के सुधार कार्यों, 2.56 लाख रुपये से ग्राम पंचायत देव नगर में पलानू बहाव सिंचाई योजना के सुधारीकरण, 2.24 करोड़ रुपये से रामपुर शहर में सुरक्षा दीवार (रिटेनिंग वाल) के निर्माण की आधारशिला रखी।
नगर एवं ग्राम नियोजन और आवास मंत्री राजेश धर्माणी ने गत दिवस यहां आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए हिमुडा के संसाधनों के कुशल प्रबंधन व विपणन और व्यावसायिक विकास के लिए बेहतर आईटी उपकरण के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को हिमुडा का टर्नओवर बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए। राजेश धर्माणी ने हिमुडा को राज्य में आवासीय कॉलोनियों के निर्माण और व्यावसायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भूमि बैंक बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हिमुडा को थीम आधारित बुनियादी ढांचा विकसित करने पर बल देना चाहिए। उन्होंने विकासात्मक परियोजनाओं के लिए सरल ऋण की संभावनाओं पर विचार करने को भी कहा। बैठक में हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवन्त छाजटा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव हिमुडा संदीप कुमार, कार्यकारी निदेशक हिमुडा सुरेश कुमार सिंघा और हिमुडा के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के पालमपुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पालमपुर में बीडीओ कार्यालय परिसर, अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय कार्यालय निर्माण के लिए समुचित धन का प्रावधान करने का आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने पालमपुर में शहीद स्मारक, पालमपुर अस्पताल में एमआरआई मशीन स्थापित करने तथा ऑपरेशन थियेटर का निर्माण करने, शहर के लिए सीवरेज स्कीम, ओबीसी भवन, पालमपुर बस अड्डे के विस्तारीकरण के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने रेलवे ओवरब्रिज बदेहड़-पट्टी रोड पर पुल का निर्माण, लिंगटी खड्ड-नगरी मणिमहेश सड़क, नागनी से लसेडु चिम्बलहार पुल के निर्माण तथा राजपुर गोस्वामी गणेश दत्त कॉलेज के निकट रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की घोषणा भी की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भविष्य में पालमपुर क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए और अधिक धनराशि खर्च की जाएगी, जिसका ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है और आने वाले समय में पालमपुर का परिदृश्य बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से कांगड़ा जिला का विकास विशेष प्राथमिकता रही है और इसी दिशा में अनेक योजनाएं बनाई जा रही हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सभा चुनाव के दौरान छह कांग्रेस विधायकों ने बागी बनकर क्रॉस वोटिंग की। उनमें कांगड़ा जिला के एक नेता भी शामिल हैं, जो स्वयं भी सरकार में मंत्री और युवा कांग्रेस के महासचिव रहे, लेकिन उन्होंने पार्टी को आघात पहुंचाया उन्होंने कहा कि कुछ लोग बिना सत्ता के छटपटा रहे हैं, जबकि मैंने 35 साल संघर्ष किया है और वह षड्यंत्रों से घबराने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता विश्वास का हनन करने वालों को कभी माफ नहीं करेगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ''वर्तमान राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर आम आदमी के विश्वास के लिए धन का प्रावधान कर रही है जबकि कुछ लोग पैसा खर्च कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। ऐसे लोग जनता की क्या सेवा करेंगे। आज अगर मैं मुख्यमंत्री बना हूं तो यह जनता की ताकत है। धन-बल से कुर्सी की चाह रखने वालों को हिमाचल प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। वर्तमान सरकार पूरे पांच साल जन सेवा करेगी और पूरी ईमानदारी के साथ काम करेगी।'
** अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन की कार्यशाला को किया संबोधित अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने जल, जंगल और जमीन बचाने के मंत्र दिए। वीरवार को शिमला में जलवायु परिवर्तन के लिए सतत् जलागम प्रबंधन पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नागेश कुमार गुलेरिया मुख्य वक्ता के रूप पर शिरकत की। यहां उपस्थित विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों और अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन के अधिकारियों व कर्मचारियों को नागेश कुमार गुलेरिया ने जलवायु परिवर्तन के लिए पांच मुख्य चुनौतियों के बारे अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रजातियों का समाप्त होना, भू-जल में लगातार गिरावट, पिघलते गलेशियर, तापमान में वृद्धि और लोगों का भविष्य असुरक्षित होना सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के बारे हर व्यक्ति जानता है, लेकिन उसे बचाए रखने के लिए सामुदायिक और आम नागरिकों को क्या कुछ करने की जरूरत है इसके बारे किसी को भी आभास नहीं हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने के लिए काम करने की आवश्यकता है। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि विश्व के ऐसे 20 देश हैं जहां जलवायु परिवर्तन की वजह से अस्तित्व का संकट आ सकता है। पिछले साल की बरसात में हिमाचल और उत्तराखंड में जो आपदा आई, जो जलवायु परिवर्तन का ही उदाहरण है। नागेश कुमार गुलेरिया ने अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे जनहित कार्यों की सराहना भी की। अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन ने जनता को महत्वपूर्ण संदेश एवं जानकारी देने के लिए नागेश कुमार गुलेरिया का आभार व्यक्त किया। जलवायु से न्याय होगा तो टलेगा संकट : गुलेरिया जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि हमें विकास कार्यों के साथ-साथ जल, जंगल और जमीन को बचाए रखने के लिए योजना तैयार करना होगा, तभी जलवायु सुरक्षित होगा और आम आदमी की जिंदगी भी सुरक्षित रहेगी। उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले हम प्राकृतिक जल का प्रयोग करते थे, लेकिन आज परिस्थिति विपरीत हो चुकी है। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि यदि जलवायु के साथ न्याय होगा तभी आम लोगों की जिंदगी से संकट टल सकता है। इसलिए हमें प्रकृति को केंद्र बिंदू में रखते हुए अपनी विकासात्मक गतिविधियां प्लान करनी चाहिए।
हिमाचल के शिमला जिले के चौपाल में संराह मार्ग पर एक बोलेरो कैंपर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 4 लोग सवार थे। हादसे में तीन लोगों कीमौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। मृतकों की पहचान चालक कमल प्रकाश पुत्र जीत सिंह गांव डिमो उम्र करीब 40 साल, देव दत्त गढ़वाली जो संराह में दुकान करता था, राजेश कुमार पुत्र भेश राम गांव संराह उम्र करीब 33 साल के रूप में हुई है। वहीं, घायल की पहचान दिनेश कुमार पुत्र शेर सिंह गांव बनोटी संराह उम्र करीब 35 साल के रूप में हुई है। उधर, एसपी शिमला संजीव गांधी का कहना है कि पुलिस ने सड़क हादसे में केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
** सीएम बोले, अन्य पोस्ट कोड की लटकी भर्तियों को लेकर भी निकालेंगे रास्ता ** लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस तैयार, जल्द घोषित होंगे प्रत्याशी लगभग चार वर्ष लटकी जेओए-आईटी 817 पोस्ट कोड की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, जिसके बाद शिमला में धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने सीएम आवास ओकओवर पहुंचकर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय में केवल समस्याएं ही पैदा हुईं, जिनका निपटारा नहीं किया गया। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद जनहित में कार्य करते हुए कई अहम निर्णय लिए हैं, जिनमें लटकी भर्ती जेओए-आईटी 817 के परिणाम निकालने का फैसला भी एक है। सरकार अन्य पोस्ट कोड की लटकी हुई भर्ती को लेकर भी रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है। प्रत्याशी को लेकर भी पार्टी जल्दी ही निर्णय ले लेगी। 15 महीने के कार्यकाल में जो विकासात्मक कार्य किए गए हैं, उनको लेकर सरकार जनता के बीच में जाएगी।
** सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने अधिसूचित की योजना ** पात्र महिलाओं को तहसील कल्याण अधिकारी के पास करने होंगे आवेदन हिमाचल में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत हर महीने 1,500 रुपये पानेे के लिए महिलाएं आज से आवेदन कर सकेंगी। यह निधि लेने के लिए महिलाओं को तहसील कल्याण अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। यह निधि केवल उन महिलाओं को मिलेगी, जो स्वयं और परिवार का कोई अन्य सदस्य सरकार से कोई नियमित आय प्राप्त नहीं करता है। एक दिन पूर्व यानी बुधवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना को अधिसूचित कर दिया है। योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश की मूल निवासी होना अनिवार्य रहेगा। इन श्रेणियों में होने पर नहीं मिलेगा लाभ यदि आवेदिका के परिवार में कोई सदस्य केंद्र या राज्य सरकार में कर्मचारी, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालिक वर्ग के कर्मचारी होने पर महिलाओं को योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सेवारत या भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवा, मानदेय प्राप्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी, पंचायतीराज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी, केंद्र-राज्य सरकार के तहत विभिन्न सार्वजनिक उपक्रम, बोर्ड, काउंसिल, एजेंसी में कार्यरत, पेंशनभोगी, वस्तु एवं सेवाकर के लिए पंजीकृत व्यक्ति तथा आयकरदाता के परिवार वाली महिलाओं को लाभ नहीं मिलेगा। पति, व्यस्क-अव्यस्क पुत्र, अविवाहित पुत्री जो प्रार्थी के साथ परिवार रजिस्टर व राशन कार्ड में 31 मार्च 2023 तक दर्ज होने वाले परिवार की परिधि में आएंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु 14 मार्च को कांगड़ा जिला के अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान पालमपुर, जयसिंहपुर और सुलह विधानसभा क्षेत्र में 492 करोड़ 34 लाख की विकास परियोजनाओं के उद्घाटन तथा शिलान्यास करेंगे। इस दौरान वे जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 140 करोड़ 67 लाख, पालमपुर में 302 करोड़ 51 लाख तथा सुलह विधानसभा क्षेत्र में लगभग 50 करोड़ के विकास कार्यों के उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री 14 मार्च (वीरवार) को प्रात: 11:05 पर जयसिंहपुर मैदान कलामंच में पहुंचकर 13 करोड़ 30 लाख रूपये से निर्मित दो परियोजनाओं का उद्घाटन तथा 127 करोड़ 37 लाख से बनने वाली 15 परियोजनाओं को शिलान्यास करेंगे। तत्पश्चात वहां जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री पालमपुर स्थित विला कैमिलिया में 33 करोड़ 4 लाख की लागत से निर्मित जलशक्ति विभाग की तीन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वहीं 269 करोड़ 47 लाख से बनने वाली विभिन्न विभागों की 18 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान विला कैमिलिया में आयोजित जनसभा में भाग लेंगे। दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर मुख्यमंत्री सुलह विधानसभा क्षेत्र के मनसिंबल में जनसभा को संबोधित करने के साथ 49 करोड़ 16 लाख की लागत से निर्मित लोक निर्माण विभाग की सात परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
सिरमौर जिला के विधानसभा क्षेत्र शिलाई में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वे जनता के बल पर राजनीति करते हैं और उनके लिए कुर्सी आम आदमी की आशाओं को पूरा करने का साधन है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि धन के बल पर जनता के मत का अपमान करने वालों को लोकसभा चुनाव में अवश्य सिखाएं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल का लोकतंत्र का गला घोंटने का सपना केवल सपना ही रहेगा। इससे पहले उद्योग, संसदीय कार्य तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और क्षेत्र की विभिन्न मांगों से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार काम करने में विश्वास रखती है और मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से शिलाई क्षेत्र को विकास का आदर्श बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समयबद्ध निदान उनकी प्राथमिकता है और वह राजनीतिक हित साधने के लिए समस्याओं को लटकाने में विश्वास नहीं रखते। प्रदेश की कांग्रेस सरकार आमजन को राहत पहुंचाने के लिए समय पर निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि चुनावी फायदे के लिए नहीं अपितु जन कल्याण के लिए सोच समझकर निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं आम परिवार से संबंध रखते हैं और उनका यह प्रयास है कि आमजन की समस्याओं के निदान के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है और जन-जन के आशीर्वाद से सभी बाधाओं को पार कर इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने जो वायदे किए उन्हें पूरा किया जा रहा है और यह प्रयास किया जा रहा है कि वित्तीय स्थिति में सुधार लाते हुए जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त किया जाए।
राज्य सरकार ने प्रदेश में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने और राजस्व को बढ़ावा देने के लिए वर्ष-2024 के लिए नई खनिज नीति को स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में खनन गतिविधियों के लिए वैज्ञानिक तकनीक को बढ़ावा देना है जिसमें पर्यावरण संरक्षण पर और अधिक बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खनिज नीति-2024 प्रदेश की खनन सम्पदा का जिम्मेदारी से दोहन सुनिश्चित करेगी और सतत खनिज पद्धति को बढ़ावा प्रदान कर प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता पर बल देते हुए कहा कि खनन गतिविधियों को विनियमित करने और इससे संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आय सृजित करने के लिए नवीन पहल कर रही है। नई नीति अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाते हुए प्रदेश के लिए राजस्व के स्रोत बढ़ाने और इसमें वृद्धि करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के संसाधनों की रक्षा करने और पर्यावरण अनुकूल एवं वैज्ञानिक तरीके से खनिज संसाधनों का दोहन करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही उद्योग विभाग में 80 खनन गार्डों की भर्ती करेगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजस्व अर्जन के सरकार के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के सभी रास्तों को बंद किया गया है और सरकार के ईमानदार प्रयासों से लगभग 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि पारदर्शी तरीके से शराब के ठेकों की नीलामी एवं निविदाओं के माध्यम से राजस्व में बढ़ौतरी हुई है। सरकार की इस पहल की सफलता की दृष्टिगत भविष्य में भी नीलामी प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा।
** आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे पीटरहॉफ और होटल हॉलीडे होम ** 33 करोड़ 44 लाख से पूरा किया जाएगा मंडी के शिवधाम का काम हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम शिवधाम मंडी के निर्माण के साथ राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ और होटल हॉलिडे होम को रेनोवेट करवाने जा रहा है। आधुनिक सुविधाओं सहित पर्यटकों को हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मेगा रिनोवेशन कार्य शुरू किया जाएगा। यह जानकारी पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने शिमला में दी। उन्होंने कहा कि मंडी में शिवधाम का काम 33 करोड़ 44 लाख से पूरा किया जाएगा तो वहीं 11 करोड़ से होटल पीटर हॉफ और 5.50 करोड़ से होटल होलीडे होम रेनोवेट किया जाएगा। वहीं, प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई होमस्टे पॉलिसी लाई जाएगी। आरएस बाली ने कहा कि पर्यटन निगम होटलों की मरम्मत और विकास के लिए मेगा रिनोवेशन आरंभ कर रहा है इसकी शुरुआत में शिमला में होटल पीटरहॉफ और होटल हॉलीडे होम को रेनोवेट करके आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। इसके बाद प्रदेश के अन्य होटलों को भी रेनोवेट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंडी में बन रहे शिवधाम में चार ज्योर्तिलिंग बन चुके हैं बाकि 8 ज्योतिर्लिंगों को बनाकर शिव धाम को विकसित करने के लिए 33 करोड़ 44 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। बाली ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई होमस्टे पॉलिसी बनाई जाएगी, जिसमें प्रदेश के होमस्टे को सुरक्षित और बेहतर सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों को सुरक्षित पर्यटन की सुविधा मिले।
** हर वादे को पूरा करना है मोदी की गारंटी है, जिस पर देश भरोसा करता है नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हर मंच से अपनी ही पार्टी के विधायकों को कोस रहे हैं। इससे उनकी बौखलाहट साफ जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि झूठी गारंटी के दम पर हिमाचल प्रदेश की सत्ता में आए मुख्यमंत्री जनता के सवालों का सामना नहीं करपा रहे हैं। इसीलिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लोग सरकार से कांग्रेस द्वारा दी गई गारंटियों के बारे में पूछ रहे हैं। इसलिए सरकार को कांग्रेस की गारंटियों पर जवाब देना है। आज प्रदेश में हर वर्ग के लोग सरकार से निराश हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कांग्रेस ने जिस तरीके से झूठ बोलकर सरकार बनाई है उसी तरह झूठ बोलकर वह सरकार को चलाते रहे, लेकिन अब ऐसा होने वाला नहीं है। इस देश में अब नरेंद्र मोदी के अलावा कोई भी गारंटी नहीं रह गई है। आज हर देशवासी सिर्फ एक गारंटी पर भरोसा करता है और वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में रेल से जुड़ी 85 हजार करोड़ की परियोजनाओं के शुभारंभ और लोकार्पण के लिए उनका आभार जताते हुए देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि देश के लोग चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार भी भारत के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो भी कहा वह करके दिखाया। यही कारण है कि आज हर देशवासी उन पर आंख मूंद कर भरोसा करता है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के बागी एवं अयोग्य घोषित किए 6 विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज (12 मार्च) को जस्टिस संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और पीके मिश्रा की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने पूछा कि ये विधायक हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? राज्य में जो भी हालात उत्पन्न हुए हैं, वे इनके कारण ही पैदा हुए हैं, इसलिए ही उन्हें अयोग्य घोषित किया गया। मामले में अब अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा प्रत्याशी को मतदान किया था, जिस कारण सत्तासीन कांग्रेस सरकार के प्रत्याशी की हार हो गई थी। इसके बाद प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस के 6 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। विस अध्यक्ष के फैसले को बागियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अभी तो बागियों को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है, लेकिन 18 को होने वाली सुनवाई में बागियों को अगर राहत मिली तो हिमाचल में फिर से सियासी तूफान आ जाएगा। वहीं, विधायकों के पक्ष में फैसला नहीं आया तो राज्य के छह विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होंगे।
** ओकओवर में मंख्यमंत्री से मिलीं शिमला शहर की महिलाएं ** सीएम बोले, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर सरकार ने बढ़ाई आय हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आगामी एक अप्रैल से 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को मासिक 1500 पेंशन रुपये देने का एलान किया है, जिसको लेकर आज शिमला शहर की महिलाओं ने नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान की अगुवाई में ओकओवर पहुंचकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एक साल में भष्ट्राचार पर लगाम लगाई है, जिसके चलते प्रदेश की आय में कुछ इजाफा हुआ है। इस इजाफे को सरकार ने महिलाओं को देने का निर्णय लिया है, ताकि महिलाओं को इसका फायदा मिल सके।
हिमाचल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने एक लुभावनी घोषणा की है। एचपीटीडीसी ने अपने होटलों में पर्यटकों को 40 प्रतिशत छूट देने का एलान किया है। इसके साथ ही हिमाचली धाम भी परोसी जाएगी। यही नहीं एचपीटीडीसी के सभी होटलों और रेस्टोंरेंट में सैलानियों को हिमाचल के परंपरागत व्यंजन परोसने के भी निर्देश दिए गए हैं। पर्यटन निगम को उम्मीद है कि छूट का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी हिमाचल का रुख करेंगे। होटलों में इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग की सुविधा फ्री पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सभी होटलों में 40 प्रतिशत डिस्कॉन्ट देने का फैसला लिया है। साथ ही होटलों में इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। बाहरी राज्यों और विदेशों से आने वाले सैलानी हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को भी नजदीक से जान सकें। इसके लिए पर्यटन निगम के होटलों और रेस्टोरेंट में हिमाचली धाम भी उपलब्ध करवाई जाएगी और पर्यटक पारंपरिक व्यंजनों के स्वाद का लुत्फ उठा सकेंगे।
** बोले, मैच भले ही खत्म हो गया, लेकिन खिलाड़ी व फैन्स अभी भी यहां कर रहे एन्ज्वाय ** विश्व कप के मैचों के बाद धर्मशाला के टूरिज्म को बड़ा एक्सपोजर मिला आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल का कहना है कि विश्व कप के मैचों के बाद धर्मशाला के टूरिज्म को जो एक्सपोजर मिला था, उसे भारत-इंग्लैंड टेस्ट ने और बढ़ा दिया है। अरुण धूमल ने कहा कि उन्हें कई होटलियर्स ने फोन करके खुशी जताई कि इंग्लिश फैन्स के आने से उनके होटल पैक हैं। मैच भले ही जल्दी खत्म हो गया हो, लेकिन खिलाड़ी अभी यहां एन्ज्वाय कर रहे हैं और फैन्स भी अभी धर्मशाला में डेरा जमाए हुए हैं। अरुण धूमल ने कहा कि हालांकि मैच तीन दिन में ही खत्म हो गया। अब मैच देखने को नहीं है तो क्या हुआ, क्यों न फैन्स और पर्यटकों को हिमाचल दिखाया जाए। अरुण धूमल ने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि यहां मैच देखने आए क्रिकेट फैन्स अच्छा एक्सपीरियंस लेकर जाएं, जिससे कि वापिस जा रहे 2 पर्यटक अगली बार 20 पर्यटकों को लेकर आएं, ताकि धर्मशाला के साथ जिला कांगड़ा और हिमाचल में पर्यटन कारेबार में उछाल आए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुराना बस अड्डा सोलन में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाएं और नीतियां बनाकर कार्यान्वित कर रही है। सरकार भ्रष्टाचार के दरवाजे बंद करके प्रदेश के संसाधनों का उपयोग जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कर रही है, जबकि भाजपा अनैतिक तरीके अपनाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग आम जनता के धन के बल का उपयोग कर लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को आघात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के ध्येय के साथ कार्य कर रही है और सही नीतियों को आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक संसाधनों की कमी के बावजूद प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदा का मजबूती से सामना किया। प्रदेश सरकार को केंद्र से कोई विशेष सहायता प्राप्त नहीं हुई फिर भी हमने प्राथमिकताएं तय कीं और हर प्रभावित व्यक्ति को हरसम्भव सहायता प्रदान की। प्रदेश सरकार आम आदमी को केंद्र में रखकर अपनी योजनाओं व कार्यक्रमों का स्वरूप तय कर रही है। सरकारी नियमों व प्रक्रियाओं को सरल बनाकर सरकारी सेवाओं को आम आदमी के घर-द्वार पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इसी के दृष्टिगत राजस्व विभाग में विशेष राजस्व लोक अदालतों का आयोजन आरम्भ किया गया। इसके उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना लाई गई है। इस योजना के तहत प्रदेश में ऐसी सभी विधवाओं के 27 साल तक की आयु वाले बच्चों, जिनकी सभी स्रोतों से वार्षिक आय एक लाख से कम हो, की शिक्षा पर होने वाले व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने सुख-आश्रय योजना, आपदा राहत पैकेज, अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई, ग्रामीण आर्थिकी को सशक्त बनाने, ओपीएस, कर्मचारी कल्याण सहित विभिन्न योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
** वर्ष 2024-25 में 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस के रूप में किया जाएगा विकसित ज्ञान और अनुसंधान के इस युग में हर बच्चे का जीवन ज्ञान से प्रकाशित हो, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने नवोन्मेषी कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर, उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर महाविद्यालय स्तर तक शिक्षा के विभिन्न गुणात्मक आयामों के सुधार के लिए नवीन कदम उठाए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से इंग्लिश माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में वर्ष 2024-25 में 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा, इसमें 500 प्राईमरी, 100 हाई, 200 सीनियर सकैण्डरी स्कूल और 50 डिग्री कॉलेज शामिल हैं। इन संस्थानों में अध्यापकों के सभी स्वीकृत पदों को भरने के साथ-साथ स्मार्ट कक्षाओं सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। हिमाचल के बच्चे धन के अभाव में उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित न रहें इसके लिए प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत 28 वर्ष से कम आयु के पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर से बैंकों से 20 लाख रुपये का शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। ऋण के अंतर्गत भोजन, आवास, ट्यूशन फीस और अन्य शैक्षणिक आवश्यकताओं के व्यय शामिल हैं। योजना के अंतर्गत पात्र हिमाचली विद्यार्थी मेडिकल, पैरा-मेडिकल, फॉर्मेसी, नर्सिंग, विधि, आईटीआई एवं पॉलीटेक्नीक के तकनीकी पाठ्यक्रम तथा विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने के लिए शिक्षा ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदनकर्त्ता के पिछली कक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक होने चाहिए और सालाना पारिवारिक आय 4 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। योजना के लाभ शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए 01 अपै्रल, 2023 से आरम्भ कर दिए गए हैं। शैक्षणिक ऋण यदि 01 अपै्रल, 2023 के बाद भी स्वीकृत हुआ हो तो वह विद्यार्थी भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के अंतर्गत पात्र छात्र उच्च शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट द्धह्लह्लश्चह्य://द्गस्रह्वष्ड्डह्लद्बशठ्ठ.द्धश्च.द्दश1.द्बठ्ठ पर जाकर नोटिस बोर्ड से योजना दिशानिर्देश और आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। फार्म भरने, जांच करने के बाद, आवेदक को दस्तावेज को स्कैन करना होगा और द्गस्रह्वह्म्द्बठ्ठस्रद्धद्गह्यद्वद्य2023ञ्चद्दद्वड्डद्बद्य.ष्शद्व के माध्यम से उच्च शिक्षा निदेशालय में जमा करवाना होगा। निदेशालय दो कार्य दिवसों के भीतर दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और आवेदक, उपायुक्त और संबंधित बैंक को ई-मेल भेजेगा तथा यदि आवेदक ने कॉर्पस फंड का विकल्प चुना है, तो संबंधित उपायुक्त उस संस्थान के बैंक खाते में 24 घंटे के भीतर कॉर्पस फंड से पहली किस्त जारी करेगा, जहां आवेदक प्रवेश चाहता है। प्रदेश सरकार द्वारा मूलभूत साक्षरता, संख्या ज्ञान से लेकर कृत्रिम मेधा का प्रयोग कर, हर कौशल में बच्चों को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिन में मौसम फिर से बिगड़ने वाला है। मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के चलते सूबे में 11 से 14 मार्च तक मौसम के खराब रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग ने 11 और 12 मार्च को बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार और मंगलवार को प्रदेश के मध्यम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी हो सकती है। वहीं, 13 मार्च को मध्यम और ऊंचाई वाले अधिकतर क्षेत्रों में बारिश, बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसके अलावा 14 मार्च को मध्यम और ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में बारिश होने की अनुमान है।
** दुग्ध उत्पादन को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दे रही प्रदेश सरकार ** ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए मील का पत्थर साबित दुग्ध संयंत्र ढगवार हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। पशुधन के संबंध में प्रदेश काफी समृद्ध है। प्रदेश में पशुपालन सहित मत्स्य पालन, मौन पालन और कुक्कुट पालन की अपार संभावनाएं हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की मजबूती में यह क्षेत्र उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार दुग्ध उत्पादन को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दे रही है। वर्ष 2024-25 के वार्षिक बजट में किसानों को लाभान्वित करने तथा उनकी आय में वृद्धि करने के लिए गाय तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रथम अपै्रल 2024 से क्रमश: 7 रुपये व 8 रुपये प्रति किलो वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। अब प्रदेश के किसानों को गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 38 रुपये प्रति किलो के स्थान पर 45 रुपये प्रति किलो तथा भैंस के दूध का समर्थन मूल्य 47 रुपये प्रति किलो के स्थान पर 55 रुपये प्रति किलो मिलेगा। यह एक ऐतिहासिक निर्णय है क्योंकि पहली बार हिमाचल प्रदेश में दूध की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है तथा पूरे देश में हिमाचल प्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां ऐसा निर्णय लिया गया है जो किसानों व पशुपालकों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में कारगर सिद्ध होगा। किसानों को पशुपालन की ओर प्रेरित करने के लिए राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि इस वर्ष प्रथम अपै्रल से मिल्कफैड, कामधेनु हितकारी मंच इत्यादि दुग्ध उत्पादन समितियों से कृषि उपज विपणन समिति (ए.पी.एम.सी) द्वारा कोई भी मंडी शुल्क नहीं वसूला जाएगा। गुणवत्तापूर्ण दूूध उत्पादन, दुग्ध से विभिन्न उत्पादों को तैयार करना, इनकी खरीद, विपणन के लिए प्रदेश सरकार बुनियादी अधोसंरचना सुदृढ़ कर रही है। दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित करने के दृष्टिगत 'हिम गंगाÓ योजना के तहत कांगड़ा जिला के ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद संयंत्र मील पत्थर साबित होगा। इस संयंत्र में आधुनिक तकनीक से दूध का पाऊडर बनाया जाएगा ताकि लम्बे समय तक दूध को खराब होने से बचाया जा सके। इसके अलावा, इस संयंत्र में दहीं, खोया, घी, आईसक्रीम, पनीर आदि दुग्ध उत्पादों को तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इस संयंत्र की क्षमता को भविष्य की क्षमता को देखते हुए 1.5 लाख लीटर से बढ़ाकर तीन लाख लीटर प्रतिदिन करने का निर्णय भी सराहनीय है। इसके अतिरिक्त, शिमला जिला के दत्तनगर में भी 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता का एक अतिरिक्त संयंत्र शुरू करने का फैसला भी सराहनीय है। प्रदेश सरकार द्वारा हमीरपुर तथा ऊना में भी आधुनिक दुग्ध विद्यायन संयंत्र स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है जिसपर लगभग 50 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इस संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र की ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ग्रामीण युवा अपने गांव में रह कर ही दुग्ध व्यवसाय से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के बजट में स्थानीय युवाओं को किसानों अथवा एकत्रिकरण केंद्रों में दूध को दुग्ध विद्यायन संयंत्रों तक पहुंचाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान पर 200 रेफरिजरेटिड दुग्ध वैन उपलब्ध करवाने की घोषणा की गई है जो नि:संदेह सराहनीय पहल है। दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए यह भी जरूरी है कि उन्हें उत्तम नस्ल के पशु उपलब्ध करवाएं जाएं। इससे न केवल दूध की मात्रा में वृद्धि होंगी अपितु दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भी राज्य सरकार ने एक सकारात्मक पहल की है। सरकार ने निर्णय लिया है कि सोलन जिला के दाड़लाघाट में एक 'कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्रÓ की स्थापना की जाए। सरकार के इन निर्णयों से प्रदेश के युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे तथा वे पशुपालन की ओर आकर्षित भी होंगे। इसके अलावा रोजगार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर हो रहे पलायन में भी कमी आएगी क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में ही आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी।
** पहले विधानसभा के चुनाव के समय फॉर्म भरवाए, अब लोकसभा के चुनाव के समय फॉर्म भरवा रही सरकार ** चुनाव के ठीक पहले ही क्यों कांग्रेस को क्यों याद आती है महिला सम्मान निधि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार महिलाओं से छल कर रही है। जिस तरह से विधानसभा चुनाव के समयप्रदेश की माताओं बहनों से महिला सम्मान निधि के नाम पर फ़ॉर्म भरवाए गए उसी प्रकार इस बार के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस सरकार महिलाओं से सम्मान निधि के नाम पर फिर से फ़ॉर्म भरवा रही है। कांग्रेस सरकार पूरी तरह बेनक़ाब हो गई है अब प्रदेश के लोग इनके झांसे में नहीं आने वाले हैं। प्रदेश के लोग लोक सभा के चुनाव में कांग्रेस की कारगुजारियों का करारा जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा महिला सम्मान निधि के जो फॉर्म भरवाए गए थे उन फॉर्म्स का क्या हुआ और चुनाव आते ही कांग्रेस को महिला सम्मान निधि की याद क्यों आती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महिला सम्मान निधि के न तो नियम स्पष्ट हैं और न ही कोई अधिसूचना जारी हुई है। सबसे हैरानी की बात ये है कि दो हफ्ते पहले पारित बजट में भी इस योजना का कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि सरकार इस योजना को कैसे शुरू करेगी और कौन से लोग इस इस योजना के पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 22 लाख महिलाएँ ऐसी हैं जिनकी उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच है और कांग्रेस की गारंटी के अनुसार पात्र हैं। कांग्रेस के सभी नेताओं ने भी साफ तौर पर कहा था कि प्रदेश की 18-60 वर्ष के बीच की सभी महिलाओं को बिना किसी शर्त महिला सम्मान निधि दी जाएगी। लेकिन मुख्यमंत्री ने हाल में जो घोषणा की है वह अपने आप में विरोधाभासी है। वह कहते हैं 5 लाख महिलाओं को यह राशि मिलेगी जिस पर 800 करोड़ खर्च होंगे, जबकि गारंटी के अनुसार इस योजना पर 4 हजार करोड़ से ज़्यादा की धनराशि खर्च होगी। सरकार की इस घोषणा को न प्रदेश के लोग समझ पा रहे हैं और न ही इसे क्रियान्वित करने वाले अधिकारी। ध्वस्त हो गई है स्वास्थ्य व्यवस्था, आंख मूंद कर बैठी है सरकार नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। डॉक्टर सामूहिक हड़ताल पर हैं। अन्य सामान्य ऑपरेशन बंद हो गए हैं। लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है और दर-दर भटकने को मज़बूर हो रहे हैं। मांगें न माने जाने पर डॉक्टर और भी रणनीति बनाने की बात कर रहे हैं लेकिन सरकार आंख मूंद कर बैठी है। सरकार की इस नाकामी से लोगों की जान पर बन आयी है। आज तकप्रदेश में ऐसी सरकार किसी ने नहीं देखी है, जिसको किसी भी चीज से फर्क ही नहीं पड़ता है। सरकार जल्दी सेजल्दी स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए एक बहुमूल्य जीवन को बचाया है। मुख्यमंत्री ने गंभीर रूप से बीमार चल रहे लाहौल-स्पीति जिला के केलांग के बिलिंग गांव के 70 वर्षीय दोरजे को भारतीय वायु सेना की मदद से नया जीवन प्रदान किया है। मुख्यमंत्री को सूचना मिली कि भारी बर्फबारी से बंद सड़क मार्गों तथा हिमखंडों के गिरने की आशंका के चलते अटल टनल आवाजाही के लिए बंद है, जिस कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना कर रहे दोरजे को उपचार के लिए सड़क मार्ग से निकटतम अस्पताल तक पहुंचाना असंभव है। दोरजे को तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सा उपचार की जरूरत थी और यह देखते हुए मुख्यमंत्री ने भारतीय वायु सेना से संपर्क किया तथा दोरजे को अस्पताल एयर लिफ्ट करने का आग्रह किया। वायुसेना ने मुख्यमंत्री के आग्रह पर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्टिंगरी से दोरजे सहित एक अन्य मरीज को जिला प्रशासन की सहायता से वायुसेना के हेलिकॉप्टर में भुंतर एयरलिफ्ट किया।
** प्रदेश सरकार उठा रही आपदा प्रभावितों के पुनर्वास की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि 22 हजार से अधिक आपदा प्रभावित परिवार प्रदेश सरकार द्वारा राहत एवं पुनर्वास के लिए लाए गए 4500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज से लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 2968 परिवारों को 3 लाख रुपये की रुपये की पहली किस्त प्रदान की गई है तथा शेष सहायता राशि के रूप में शीघ्र ही उन्हें 4 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय सहायता सरकार द्वारा संशोधित मानदंडों के अनुसार जारी की गई है जिसके तहत राहत पैकेज में कई गुणा वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि 10 हजार से अधिक परिवारों को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत के लिए, 3648 लाभार्थियों को क्षतिग्रस्त गौशालाओं की मरम्मत के लिए और लगभग 1800 परिवारों को पशुधन के नुकसान के लिए सहायता राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार ने किसानों को फसल के नुकसान और खेती योग्य भूमि के नुकसान के लिए भी सहायता राशि दी है, जिससे लगभग 2600 किसानों को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त 507 दुकानों और ढाबों के मालिकों को भी मुआवजा दिया गया है, जो उनके व्यवसाय को पुन: आरम्भ करने के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने बीते वर्ष बरसात के मौसम में अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा का सामना किया जिस दौरान भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भू-स्खलन ने जन-जीवन तथा संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया। आपदा से उपजी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का प्रदेशवासियों ने हिम्मत से सामना किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए सीमित आर्थिक संसाधनों के बावजूद 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया। उन्होंने कहा कि ऐसी विकट परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने एवं उनके पुनर्वास के लिए बिल्कुल भी मदद नहीं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान पूर्व में प्रदान की जा रही सहायता राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के पुनर्निर्माण के लिए सहायता राशि को 1.30 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे घरों के लिए सहायता राशि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये, दुकान या ढाबे के नुकसान पर सहायता राशि को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये और गौशालाओं को नुकसान होने पर सहायता राशि को 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों को किराए के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान कर रही है। इसके अलावा राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को सरकारी दरों पर नि:शुल्क राशन, गैस कनेक्शन, नि:शुल्क बिजली व पानी कनेक्शन और सरकारी दरों पर सीमेंट भी उपलब्ध करवा रही है।
** सीएम ने बैजनाथ में किया राज्य स्तरीय शिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ ** बैजनाथ इंडोर स्टेडियम को 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैजनाथ के इंदिरा गांधी स्टेडियम में पांच दिवसीय राज्य स्तरीय शिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ किया और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में 49.22 करोड़ की 10 विकास योजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन भी किए। इस अवसर पर विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिये अनुमति प्रदान कर दी गई है और मंत्रिमंडल में यहां से विस्थापित होने वाले लोगों का विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें अच्छा राहत पैकेज देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार से कांगड़ा जिला के लिए घोषित पर्यटन राजधानी के विकास को भी पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये गेंहू, मक्का तथा गाय और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इसके परिणाम सामने आने से किसानों को प्रतिमाह 20 से 25 हजार तक की अतिरिक्त आमदनी होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना आरंभ कर 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी पात्र महिलाओं को 1500 रुपये जीवनभर के लिए मासिक पेंशन के रूप में प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना से महिलाओं को प्रतिवर्ष 18 हजार रुपये सम्मान राशि के रूप में मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर पूर्ण अंकुश लगाया गया है और इस धनराशि को जनकल्याण पर व्यय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसके लिए सरकार द्वारा युवा नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर के खिलाड़ियों के लिए डाईट मनी 400 रुपये की गई है और नैशनल स्तर पर खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए एसी थ्री टियर तथा हवाई यात्रा की सुविधा आरंभ की गई है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में पूजा-अर्चना की। उन्होंने झंडा चढ़ानें की रस्म अदायगी के साथ ऐतिहासिक शिव मंदिर परिसर में आयोजित हवन में पूर्णाहुति दी और विशाल शोभा यात्रा में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवधाम बैजनाथ शिवरात्रि का विशेष महत्व है और महाशिवरात्रि के दिन इसके उत्सव रूपी आयोजन से इसकी भव्यता और अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मेले और उत्सव समृद्ध भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं और इन्हें संजोए रखना हमारा दायित्व है। मुख्यमंत्री ने महाशिवरात्रि के पावन अवसर और अतंर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। इन करोड़ों रुपये की परियोजनाओं के किए उद्घाटन-शिलान्यास मुख्यमंत्री ने बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 185.16 लाख से निर्मित पेयजल योजना संसाल मंधेड़ के सुधार कार्य, बैजनाथ चौबीन लड़भड़ोल सड़क पर 528 लाख से निर्मित रेलवे ओवर ब्रिज, नाबार्ड के अंतर्गत 580.90 लाख की लागत से ताशीजोंग से भेठ झिकली, भेठ उपरली, घोड़पीठ, अवैरी सड़क तक उन्नयन और सुदृढ़ीकरण कार्य, 952.25 लाख से निर्मित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सकड़ी, बैजनाथ के प्रशासनिक भवन, नार्बाड के अंर्तगत 336 लाख से निर्मित अवाही नाग से वाया घिरथोली कुनी ठारा सड़क मार्ग और 692.05 लाख से लंघू, सकड़ी-बही, नौहरा, कुंसल, मंधोल, बंडियां वाया ठारा सड़क के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण कार्यों को लोगों को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने 652.11 लाख से चढ़ियार क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों की पेयजल वितरण प्रणाली में सुधार कार्य, 311.80 लाख से उठाऊ पेयजल योजना कुकैना और उठाऊ पेयजल योजना गदियाड़ा के सुधार व विस्तारीकरण कार्य, बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 691.17 लाख से निर्मित होने वाली बहाव सिंचाई योजना मटरुं कूहल, संसाल कूहल, नलोहटा कूहल और शिव कूहल के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी। उन्होने 281.31 लाख से मुल्थान गांव में ऊहल नदी पर बाढ़ नियंत्रण कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने बैजनाथ के लिए बहुतकनीकी संस्थान, चढ़ियार के लिए आईटीआई, बैजनाथ सिविल अस्पताल में बिस्तरों की संख्या को बढ़ाकर 150 करने, अस्पताल में सीटी स्कैन, ब्लड बैंक स्थापित करने की घोषणा भी की। बैजनाथ में इंडोर स्टेडियम के लिये 10 करोड़ रुपये, उतराला से होली सड़क के दूसरे चरण के कार्य को नाबार्ड के अतंर्गत लाने, सरजादा-दियोल-तत्तापानी सड़क की टारिंग, बीड़ पालमपुर वाया घरनाला के कार्य को पूर्ण करने तथा सिविल कोर्ट में वकीलों के लिए चैम्बर निर्माण की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी मैदान बैजनाथ में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शियों का शुभारंभ कर इनका अवलोकन भी किया।
** जब एरियर देने में यह हाल है तो ओपीएस कैसे देगी सुक्खू सरकार ** बोले, कर्मचारियों का भुगतान रोककर बैठे हैं, उनके हितैषी होने का दावा करने वाले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के साथ मज़ाक कर रही है। उनके किसी भी लंबित अदायगी का भुगतान नहीं कर रही है। हाल ही में कर्मचारियों के डीए और वेतन आयोग के एरियर के संबंध में जो नोटिफिकेशन सरकार द्वारा जारी किया गया इससे भद्दा मज़ाक कर्मचारियों के साथ हो नहीं सकता है। एक तरफ़ सरकार ख़ुद को कर्मचारी हितैषी बताती है तो दूसरी तरफ उनके लंबित देय के भुगतान के लिए अजीबो-गरीब नियम बनाती है। जयराम ने कहा कि अभी हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा 4 प्रतिशत डीए देने की घोषणा की थी। लेकिन इसके एरीयर की जो अधिसूचना सरकार द्वारा की गई थी वह प्रदेश के कर्मचारियों के साथ मजाक हुआ है। जो फार्मूला सरकार द्वारा एरियर के भुगतान के लिए 67 महीनें का समय लगेगा। हर तरफ से आलोचना होने के बाद सरकार ने वह अधिसूचना वापस ले ली लेकिन कोई नई अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार जल्दी से जल्दी नई अधिसूचना जारी करे। जयराम ठाकुर ने कहा कि पे कमीशन का एरियर देने के नाम पर भी सरकार ने कर्मचारियों के साथ मजाक किया। उनकी भावनाओं के साथ खेलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि छठवां पे कमीशन जो 2016 से देय था उसे कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में लागू ही नहीं किया। जब हमारी सरकार आई तो हमने छठवां पे कमीशन लागू किया। जो एरियर कर्मचारियों का बनता था उसमें से एक मुश्त 50 हजार रुपए का का भुगतान भी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि बकाया के एरियर के लिए प्रदेश के कर्मचारी सरकार से आस लगाए बैठे थे। डेढ़ वर्ष के बाद जब लोकसभा चुनाव सर पर आते दिखे तो सरकार ने एरियर के भुगतान के लिए एक अजीबो-गरीब अधिसूचना जारी कर दी। यह अधिसूचना भी कर्मचारियों के साथ किसी भद्दे मजाक से कम नहीं है। हर कर्मचारी ठगा हुआ सा महसूस कर रहा है। इस अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों यह समय 33 सालों में अपना एरियर मिल पाएगा। जिस कर्मचारी की उम्र आज 55 साल है। वह यह धनराशि लेते-लेते 88 साल की उम्र तक पहुंच जाएगा। एलपीजी के दाम घटाने के लिए प्रधानमंत्री का जताया आभार जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा एलपीजी के दामों में 100 रुपए की कमी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि एलपीजी के दामों में कटौती से करोड़ों परिवारों को राहत मिलेगी। महिला दिवस के अवसर पर सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। नेता प्रतिपक्ष ने महिला दिवस की दी शुभकामनाएं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने महिला दिवस के अवसर पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मनुष्यता मातृशक्ति के उपकारों की ऋणी हैं। हर दिन महिला का दिन है। मैं मातृशक्ति को नमन करता हूं।