मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भू-स्खलन से हुए भारी नुकसान से अवगत करवाया। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग तथा प्रदेश की कुछ सड़कों को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में शामिल करने का आग्रह किया। सुक्खू ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोनाओं में विभिन्न कारणों से हो रहे विलंब के बारे में भी केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी और इन परियोजनाओं की सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने का आग्रह किया ताकि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जा सके। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में सुरंग निर्माण को प्राथमिकता देने पर भी बल दिया। इसके अलावा उन्होंने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों के संबंध में भी चर्चा की जिनका मामला रक्षा मंत्रालय से उठाया गया है। उन्होंने इन सड़कों पर भी शीर्घ कार्यवाही करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिक संख्या में रोप-वे परियोजनाओं को स्वीकृति देने का अनुरोध किया ताकि यातायात की समस्या का समाधान कर लोगों को लाभान्वित किया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, सचिव लोक निर्माण अभिषेक जैन, प्रधान आवासीय आयुक्त सुशील कुमार सिंगला और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में आने वाले दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है, जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। आज 14 जुलाई को कई जिलों में भारी बारिश होने की सम्भावना है , जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद, 15 जुलाई को भी राज्य में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। इन चेतावनियों को देखते हुए, खासकर कुछ जिलों के लोगों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। आज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इन जिलों के लिए ही ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसका मतलब है कि यहां कुछ स्थानों पर भारी बारिश के साथ-साथ हल्की गरज और बिजली गिरने की भी आशंका है। राज्य के बाकी जिलों में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बीच लाहौल की ऊंची चोटियों में करीब डेढ़ माह बाद शनिवार को बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजुम और बारालाचा सहित ऊंची चोटियां बर्फ से सफेद हो गई हैं। 15 जुलाई तक हिमाचल के कुछेक और 16 जुलाई से अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। उधर, सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से अब तक बादल फटने, भूस्खलन व बाढ़ में 95 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 175 लोग घायल हुए हैं और 33 अभी लापता हैं। 1,193 से अधिक कच्चे-पक्के घर, दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 785 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। जबकि नुकसान का आंकड़ा 75,195.89 लाख रुपये पहुंच गया है। इनमें से अधिकतर नुकसान आपदा प्रभावित मंडी जिले में ही हुआ है। शुक्रवार रात को मुरारी देवी में 126.0, पंडोह में 79.0, सलापड़ में 67.7, कोठी में 60.4, मंडी में 53.2, जोगिंद्रनगर में 53.0, भुंतर में 47.6, भराड़ी में 40.0 और सराहन में 35.0 एमएम बारिश दर्ज की गई। वही प्रदेश में दो एनएच सहित 252 सड़कें, 327 बिजली ट्रांसफार्मर और 787 जल आपूर्ति योजनाएं अभी भी बंद पड़ी है।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बीच लाहौल की ऊंची चोटियों में करीब डेढ़ माह बाद शनिवार को बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजुम और बारालाचा सहित ऊंची चोटियां बर्फ से सफेद हो गई हैं। शिमला में शनिवार दोपहर को झमाझम बारिश हुई। शहर में 13 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। 15 जुलाई तक हिमाचल के कुछेक और 16 जुलाई से अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। कुल्लू से लेकर लाहौल तक शुक्रवार रात को जमकर बारिश हुई। चंबा में शनिवार को तेज धूप खिली। ऊना में शनिवार को सुबह के समय कुछ स्थानों पर बारिश हुई। बारिश के बीच ब्यास के साथ कुल्लू जिला के नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर लगातार बना हुआ है और फिलहाल लोगों को बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग (IMD) ने प्रदेश के कई जिलों में 16 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा के अनुसार, आज प्रदेश के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। खासकर कांगड़ा और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 11 और 12 जुलाई को मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। लगातार बारिश के कारण लैंडस्लाइड, जलभराव और दृश्यता कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 13 से 16 जुलाई: 9 जिलों में भारी बारिश की संभावना 13 जुलाई से 16 जुलाई तक, हिमाचल प्रदेश के ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में मौसम फिर बिगड़ सकता है। इस अवधि के दौरान वर्षा का स्तर अधिक रहेगा और कुछ क्षेत्रों में विजिबिलिटी (दृश्यता) भी प्रभावित हो सकती है, विशेषकर सोलन, शिमला और सिरमौर में।मौसम वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि मानसून अब दक्षिण भारत की ओर थोड़ा शिफ्ट हो गया है, जिससे प्रदेश में कुछ हिस्सों में बारिश की तीव्रता में कमी देखी गई है। हालांकि, हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में अभी भी 235 सड़कें, 163 बिजली ट्रांसफार्मर और 174 पेयजल योजनाएं ठप हैं। मानसून सीजन के दौरान प्रदेश को 692 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जिला मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मानसून सीजन में सामान्य से 37 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है। 20 जून से सात जुलाई तक प्रदेश में 197.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। इस अवधि में 144 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम और शेष जिलों में अधिक बारिश दर्ज हुई। बिलासपुर में सामान्य से 59, हमीरपुर में 87, कांगड़ा में 45, कुल्लू में 36, मंडी में 111, शिमला में 96, सिरमौर में 62, सोलन में 50 और ऊना में 105 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई। उधर, 30 जून से सात जुलाई तक एक सप्ताह के दौरान प्रदेश में सामान्य से 43 फीसदी अधिक बारिश हुई। मंडी में सामान्य से 198, ऊना में 192, शिमला में 176 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई।
हिमाचल में बीते सप्ताह भारी नुकसान पहुंचाने के बाद मानसून की रफ्तार कुछ कमजोर हो गई है। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश के पूर्वानुमान के साथ 13 जुलाई तक मौसम साफ रहने की संभावना है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में धूप खिली। सिर्फ कांगड़ा में बूंदाबांदी हुई। राजधानी शिमला सहित प्रदेश में कई जगह सोमवार को दिन भर मौसम साफ रहा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 8, 9 और 10 जुलाई को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और 11, 12 और 13 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने का पूर्वानुमान है। ऊना, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। मंगलवार को बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ की संभावना है। इस बीच, रविवार रात को बीबीएमबी में 58, नंगल डैम में 56, बरठीं में 44.6, ऊना में 43.0, श्री नयना देवी में 36.4 और गोहर में 29 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 4 जुलाई तक 72 लोगों की जान गई है। 113 लोग घायल हुए हैं। 251 मवेशियों की माैत हुई है। 122 से अधिक घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 208 गोशालाएं भी तबाह हो गईं। नुकसान का आंकड़ा 54,109.17 लाख रुपये तक पहुंच गया है। सड़क हादसों में 27 लोगों की माैत हुई है। वही बीते 24 घंटों के दाैरान जोगिंद्रनगर में 52.0, नाहन 28.8, पालमपुर 28.8, पांवटा साहिब 21.0, ऊना 18.0, बरठीं 17.4, कांगड़ा 15.6 और श्री नयना देवी में 12.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक 261 सड़कें ठप रहीं। राज्य में 300 बिजली ट्रांसफार्मर और 281 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित चल रही हैं। सबसे अधिक 176 सड़कें मंडी जिले में बाधित हैं। कुल्लू में 39 व सिरमाैर जिले में 19 सड़कें बाधित हैं।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दाैर लगातार जारी है। बीते 24 घंटों के दाैरान जोगिंद्रनगर में 52.0, नाहन 28.8, पालमपुर 28.8, पांवटा साहिब 21.0, ऊना 18.0, बरठीं 17.4, कांगड़ा 15.6 और श्री नयना देवी में 12.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक 261 सड़कें ठप रहीं। राज्य में 300 बिजली ट्रांसफार्मर और 281 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित चल रही हैं। सबसे अधिक 176 सड़कें मंडी जिले में बाधित हैं। कुल्लू में 39 व सिरमाैर जिले में 19 सड़कें बाधित हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में 7 व 8 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 6 जुलाई के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमाैर जिले के कुछ स्थानों पर भारी से अत्याधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ है। विभाग के अनुसार 5 से 9 जुलाई तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। 10 और 11 जुलाई कई स्थानों पर बारिश हो सकती है। वही 5 व 9 जुलाई तक 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 6 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला व सोलन जिले के कुछ भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट। 7 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर के लिए ऑरेंज अलर्ट। 8 जुलाई को ऊना, हमीरपुर, चंबा व कांगड़ा जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट, अन्य जिलों के लिए येला।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राशन वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली लागू कर दी है। डिजिटल तकनीक एवं शासन विभाग (डीडीटीजी) की इस पहल के तहत अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में लाभार्थियों का सत्यापन स्मार्टफोन कैमरे के जरिए चेहरे की स्कैनिंग से किया जाएगा। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल तकनीक एवं शासन) गोकुल बुटेल ने बताया कि यह व्यवस्था देश में पहली बार हिमाचल प्रदेश में लागू की गई है। इससे पहले सत्यापन के लिए ओटीपी और बायोमेट्रिक तकनीक का इस्तेमाल होता था, लेकिन इसमें एसएमएस डिलीवरी और बायोमेट्रिक मिलान में कई बार दिक्कतें आती थीं, जिससे राशन वितरण में देरी होती थी। नई फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली एक सुरक्षित मोबाइल ऐप के जरिए संचालित होती है और यह नेटवर्क या बायोमेट्रिक हार्डवेयर पर निर्भर नहीं करती। इससे सत्यापन की सफलता दर में सुधार हुआ है और प्रक्रिया तेज हो गई है। इस बदलाव के बाद लाभार्थियों को उनका राशन समय पर मिलना शुरू हो गया है, जिससे पीडीएस प्रणाली में विश्वसनीयता बढ़ी है। गोकुल बुटेल ने बताया कि यह तकनीक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के आदेशानुसार शुरू की गई है।
हिमाचल प्रदेश राजभवन परिसर में भगवान श्रीराम की दिव्य प्रतिमा स्थापना की पहली वर्षगांठ शुक्रवार को श्रद्धा, आस्था और भक्ति भाव से मनाई गई। इस अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की। कार्यक्रम में लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ला भी उपस्थित रहीं। राज्यपाल ने भगवान श्रीराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और विशेष रूप से आयोजित पूजन समारोह में भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि यह दिव्य प्रतिमा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों और मूल्यों की प्रतीक है। श्रीराम के जीवन से हमें सत्य, धर्म, विनम्रता और न्याय के पथ पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि रामराज्य की भावना को जन-जन के हृदय और घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सुशासन, करुणा और निःस्वार्थ सेवा जैसे मूल्य आज के सामाजिक और प्रशासनिक ढांचे में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं, और इन आदर्शों को समाज में व्यापक रूप से प्रसारित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी, अर्द्धसरकारी और स्वायत्त संस्थानों की गाड़ियों के टायर 18 हजार किलोमीटर चलने के बाद नहीं, बल्कि 32 हजार किलोमीटर के बाद बदले जाएंगे। वित्त विभाग ने 25 साल में पहली बार गाड़ियों के टायरों की माइलेज के मानदंड बदल दिए हैं। ई-गाड़ियों के टायर 20,500 किमी चलने के बाद बदलेंगे। राज्य सरकार के वित्त विभाग का मानना है कि अब सड़कों की स्थिति ठीक होने के बाद टायरों का लाइफस्पैन बढ़ गया है, इसलिए पुराने मानदंडों को बदला जा रहा है। ज्यादातर सड़कें पहले से अधिक चौड़ी और ब्लैक टॉप से युक्त हो गई हैं। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल के सचिव, विधानसभा के सचिव और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भेजकर उन्हें नए मानदंडों से अवगत करवा दिया है। पत्र की प्रति सभी निगमों-बोर्डों, स्वायत्त निकायों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, राज्य लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त, हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग, सभी उपायुक्तों, सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों और सभी जिला कोषाधिकारियों को भेजी गई है।
प्रदेश में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 618 स्कूल बंद, मर्ज और डाउन ग्रेड होंगे। शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश में विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 103 स्कूल बंद होंगे। दस बच्चों की संख्या वाले 443 स्कूल मर्ज किए जाएंगे और 75 स्कूलों का दर्जा घटाया जाएगा। मर्ज होने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों का चार से पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले अधिक दाखिलों वाले स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री से मंजूरी मिल गई है और विभाग जल्द इस की अधिसूचना जारी करेगा। वही 618 स्कूल मर्ज, डाउन ग्रेड और बंद करने से 1,120 शिक्षक सरप्लस होंगे। इन शिक्षकों को अन्य आवश्यकता वाले स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 72 प्राइमरी, 28 मिडल और 3 उच्च स्कूल डिनोटिफाई (बंद) करने का फैसला लिया गया। 203 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से उससे कम है। इन स्कूलों को दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 142 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके दाे किलोमीटर के दायरे में अन्य स्कूल नहीं हैं। इन्हें तीन किलाेमीटर की दूरी पर मर्ज किया जाएगा। 92 मिडल स्कूलों में दस या उससे कम विद्यार्थी हैं, इन्हें तीन किमी, बीस विद्यार्थियों की संख्या वाले सात हाई स्कूलों को चार किलोमीटर के दायरे में मर्ज किया जाएगा। विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 75 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम किया जाएगा। रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 100 विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों की संख्या 75 रखी गई है। कई कॉलेजों में बीते कुछ वर्षों से नामांकन बहुत कम हो रहे हैं। ऐसे कॉलेजों को आगे चलाना अब आसान नहीं है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय से कॉलेज मर्ज करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। मंडी जिले में लापता लोग 34 से बढ़कर 56 हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक 46 लोग सराज क्षेत्र के हैं। थुनाग में आठ, गोहर में छह लोगों की मौत, करसोग में एक की मौत, कांगड़ा में दो, नादौन और जोगिंद्रनगर में एक-एक जान गई है। 370 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद रेस्क्यू और आपदा राहत के लिए वायुसेना की मदद मांगी है। सराज के थुनाग में 16, पखरैर में 18, जरोल में 7, चिऊणी में 4 और पांडवशीला में एक व्यक्ति लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज और बाड़ा परवाड़ा में छह लोगों की मौत हुई हैं जबकि आठ लापता हैं। करसोग उपमंडल में एक की मौत हुई है। जबकि दो लोग लापता हैं। बादल फटने और भूस्खलन के चलते थुनाग और जंजैहली उपमंडल में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। कई क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं। सोमवार रात को बादल फटने और भारी बारिश-भूस्खलन से प्रदेश में 100 से अधिक सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंडी में 148 घर, 104 गोशालाएं, 14 पुल ध्वस्त हो गए हैं। 31 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। प्रदेश में 918 बिजली ट्रांसफार्मर व 683 पेयजल योजनाएं ठप हैं। कुल्लू की बंजार घाटी में फंसे करीब 250 सैलानी सुरिक्षत निकाल लिए गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस मानसून सीजन के दाैरान 20 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में आपदा से 63 लोगों की माैत हो चुकी है। 109 लोग घायल हुए हैं और 40 लापता हैं। 13 पक्के व 44 कच्चे मकान भी ध्वस्त हो गए। 179 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल 40,702.43 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं सड़क हादसों में 26 लोगों की माैत हुई है
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को बारिश से कुछ राहत मिली। सिर्फ शिमला और सोलन में ही बूंदाबांदी हुई। वही मौसम विभाग द्वारा आज और कल के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पांच से सात जुलाई तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट रहेगा। राजधानी शिमला में कई दिनों बाद बुधवार सुबह धूप खिली। दोपहर तक शहर में मौसम साफ रहा। शाम के समय कुछ देर बूंदाबांदी हुई। मंगलवार रात को शिमला में 25, सुंदरनगर में 22, धर्मशाला में 15, सोलन में 27, मंडी 36, बिलासपुर में 10, कसौली में 55 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। वही हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक जल शक्ति विभाग की 3,698 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें 2,786 जलापूर्ति, 733 सिंचाई और 41 सीवरेज परियोजनाएं शामिल हैं। विभाग की ओर से अब तक लगभग 240 करोड़ रुपये की क्षति का आकलन किया गया है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए जल शक्ति विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने युद्धस्तर पर बहाली का कार्य आरंभ कर दिया है। विभाग को प्राथमिकता के आधार पर पेयजल और सीवरेज सेवाओं को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। अब तक 1,591 जलापूर्ति परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान खराब मौसम के चलते बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे। शिक्षकों को स्कूलों में आकर ऑनलाइन पढ़ाई करवानी होगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने जारी पत्र में कहा कि जिला उपायुक्तों को भारी बारिश के दौरान स्कूल बंद करने का फैसला लेने के निर्देश दिए। शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत उपायुक्तों को स्कूल बंद करने का अधिकार है, लेकिन शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अभी भी स्कूल जाना होगा और अपनी ड्यूटी जारी रखनी होगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि खराब मौसम के दौरान विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। शिक्षकों को इस दौरान लंबित मिड-डे मील रिकॉर्ड, पाठ योजनाएं, रचनात्मक और सारांश मूल्यांकन, किसी भी लंबित स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के काम और समग्र शिक्षा और डाइट से संबंधित असाइनमेंट पूरे करने होंगे। स्कूल परिसर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी। पीएमआईएस और यू डाइस पोर्टल पर डेटा भी अपडेट करना होगा। मंडी जिले में 29 जून से एक जुलाई तक हुई बारिश ने 84 से अधिक स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचाया है। अधिकतर शिक्षा खंडों से नुकसान की रिपोर्ट अभी विभाग के पास नहीं पहुंची है। इसलिए क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों का यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है। जिले के 81 प्राथमिक स्कूलों को 2.26 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।
हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात को 17 जगह बादल फटे है। इस तबाही के बाद 33 लोग लापता हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की ओर से लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक जगह बादल फटा है। बादल फटने, बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा नुकसान जिला मंडी में पंहुचा। अभी तक मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान जा चुकी है। वही दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। प्रदेश में इस आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री ने हमीपुर से धर्मपुर रवाना होने से पहले नादौन में जनसमस्याएं सुनने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीते 24 घंटे में प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा है। इस आपदा में कई लोग लापता हुए है जिसके लिए वायुसेना से मदद मांगी गई हैं। उन्होंने कहा कि आज मौसम साफ है और रेस्क्यू कार्य को गति देने के निर्देश दे दिए गए हैं। बिजली बोर्ड और जलशक्ति विभाग के कर्मियों के अवकाश रद्द किए गए हैं। बिजली बहाली का कार्य युद्वस्तर पर किया जा रहा है। अभी तक इतने लोगों को किया गया रेस्क्यू, इतना हुआ नुकसान 332 से अधिक लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं। बादल फटने के बाद क्षेत्र में संचार सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं, जिससे संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। इस बार मानसून सीजन बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से 20 जून से 1 जुलाई तक 51 लोगों की माैत हो चुकी हैं। 103 घायल हुए हैं और 22 लापता हैं। अब 28,339.81 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
हिमाचल में छह दिनों तक लगातार बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। इनमें चार दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि दो दिन येलो अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बुधवार को सोलन, सिरमौर और कांगड़ा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। तीन और चार जुलाई को पूरे प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है। पांच से सात जुलाई तक अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के कुछ क्षेत्रों में अगले 24 घंटों के दौरान बाढ़ की आशंका है। वहीं, राज्य के कुछ हिस्सों में सामान्य और कुछ में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के चलते 406 सड़कें बंद हो गई हैं। पानी की 171 स्कीमें पूरी तरह से ठप हो गई हैं। जिला मंडी में सबसे ज्यादा 248 सड़कें, कांगड़ा में 55, कुल्लू में 37, शिमला में 32, सिरमौर में 21, चंबा में 6, हमीरपुर, ऊना में 4 सोलन में 2, हमीरपुर और किन्नौर में एक-एक सड़क बंद है। हिमाचल में 1515 बिजली ट्रांसफार्मर ठप होने से कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट है।
शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने हिमाचल प्रदेश के लिए अगले सात दिनों तक लगातार बारिश की भविष्यवाणी की है। इनमें से पांच दिन भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि दो दिन येलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 1, 2, 3, 6 और 7 जुलाई को राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं, 4 और 5 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश का अनुमान है। हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि इन जिलों में भारी बारिश हो सकती है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं जताई है। हालांकि, इसके बाद अगले 3-4 दिनों में राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। न्यूनतम तापमान में अगले 4-5 दिनों तक कोई खास बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। इसका मतलब है कि दिन के समय थोड़ी गर्मी बढ़ सकती है, लेकिन रातें सामान्य रहेंगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत पार्टी प्रदेश मुख्यालय दीप कमल चक्कर में पार्टी की नामांकन प्रक्रिया 12:00 बजे प्रारंभ हुई और 2:00 बजे संपन्न हुई। यह जानकारी भाजपा के चुनाव अधिकारी डॉ राजीव भारद्वाज द्वारा दी गई। डॉ राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस नामांकन प्रक्रिया के दौरान पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह उपस्थित रहे। उनके साथ भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा एवं सह प्रभारी संजय टंडन विशेष रूप में उपस्थित रहे। राजीव भारद्वाज ने कहा कि हमारे पास भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नामांकन हेतु डॉ राजीव बिंदल के एक ही नाम के तीन सेट प्राप्त हुए। जिसका अनुमोदन क्रमशः जयराम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष और समस्त विधायक दल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समस्त लोकसभा और राज्यसभा के सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्षों, पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद ठाकुर एवं भाजपा प्रदेश पदाधिकारी ने किया। वही डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सभी सांसद जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सुरेश कश्यप, कंगना रनौत, राजीव भारद्वाज, इंदु गोस्वामी, डॉ सिकंदर कुमार और हर्ष महाजन राष्ट्रीय परिषद के पदेन सदस्य निर्वाचित किए गए हैं। भाजपा के चुनाव अधिकारी डॉ राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस नामांकन प्रक्रिया के दौरान हमें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हेतु आठ नामांकन प्राप्त हुए जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद ठाकुर, महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, महामंत्री त्रिलोक कपूर, पवन काजल, रश्मिधर सूद, पायल वैद्य, डॉ राजीव सहजल एवं संजीव कटवाल रहे।
हिमाचल में सोमवार को चार जिलों कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी में रेड और अन्य क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रामपुर उपमंडल के अंतर्गत सरपारा पंचायत में रात करीब दो बजे अचानक बादल फटने से सिकासेरी गटूला जगह पर काफी नुकसान हुआ है। बादल फटने से राजेंद्र कुमार पुत्र पलस राम का दो कुटार, एक कमरा, एक किचन सहित अन्य सारा सामान मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, विनोद कुमार का एक खूड एक गाय और गोपाल सिंह का एक खूड और गाय बह गई है। रेड अलर्ट के बीच शनिवार रात से रविवार तक बारिश से तीन नेशनल हाईवे और 129 से अधिक सड़कें बाधित रहीं। रविवार को कांगड़ा, शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द रहीं। प्रदेश में 612 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद हो गए और 6 पेयजल योजनाएं हांफ गईं। उधर, पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक बाधित रहा। इससे अप व डाउन की चार ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और छह की आवाजाही हुई। सिरमौर के चिलोन के पास पांच घंटे पांवटा-शिलाई एनएच बंद रहा। नाहन-कुमारहट्टी के अलावा कालका-शिमला नेशनल हाईवे चक्कीमोड़ में पहाड़ियों से पत्थर गिरने से प्रभावित रहा।
हिमाचल प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर में मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लगातार हो रही बारिश से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डीसी को निर्देश जारी करते हुए कहा कि रेड अलर्ट वाले जिलों में स्कूल बंद रखें। यह निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। मौसम विभाग ने जिला सोलन, सिरमौर, कांगड़ा एवं मंडी के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने लोगों से नदी नालों से दूर रहने की अपील की है। वही लगातार बारिश से शिमला में चमियाना अस्पताल जाने वाली सड़क मलबा गिरने से बंद हो गई है। वहीं, भट्टाकुफर में भी गाड़ियों पर पत्थर गिरे हैं। इसके साथ ही संजौली वार्ड के बॉथवेल इलाके में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से एक मकान पर मलबा गिर गया है। इसके चलते इस घर में रह रहे मां बेटी अंदर फंस गए हैं। मेयर पार्षद समेत प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार और सोमवार के लिए सात जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। रविवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि सोमवार को सिरमौर, सोलन, शिमला और बिलासपुर जिलों के लिए यह चेतावनी जारी रहेगी। लगातार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। शिमला में चमियाना अस्पताल जाने वाला मार्ग मलबा गिरने से बंद हो गया है, वहीं भट्टाकुफर क्षेत्र में चलती गाड़ियों पर चट्टानें गिरने की घटनाएं भी हुई हैं। मौसम विभाग ने 1 जुलाई से 4 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है। सोलन, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका जताई गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पैलिएटिव देखभाल की आवश्यकता वाले गंभीर बीमारियों से पीड़ित पात्र लाभार्थियों विशेषकर वृद्धजनों की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में शीघ्र पैलिएटिव देखभाल अभियान शुरू करेगी। इस अभियान का उद्देश्य वृद्धजनों एवं गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को घर-द्वार पर ही चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ता एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) पात्र लाभार्थियों की पहचान करेंगे और इसके उपरांत आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्सा अधिकारी, फिजियोथेरेपिस्ट और सीएचओ की टीम घर जाकर चयनित लाभार्थियों की उपचार योजना तैयार करेंगे। यह पहचान एवं योजना प्रक्रिया अभियान के आरम्भ से तीन माह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में पैलिएटिव देखभाल के लिए विशेष केन्द्र स्थापित किए जाएंगे, जहां दो चिकित्सक, दो नर्सें, एक फिजियोथेरेपिस्ट तथा एक परामर्शदाता स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे। यह टीम हर तीमाही में लाभार्थियों के घरों का दौरा कर उनकी निगरानी एवं आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में हिमकेयर तथा आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा करते हुए लाभार्थियों को हिम परिवार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नए हिमकेयर आवेदक तिमाही आधार पर योजना के तहत नामांकन के लिए आवेदन कर सकेंगे जिसके पश्चात उन्हें हिमकेयर कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को अपने-अपने अस्पतालों में 100 गंभीर रोगियों के लिए हिमकेयर कार्ड जारी करने की सिफारिश करने का अधिकार भी दिया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 41.62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 49 नए डायलिसिस केंद्र स्थापित करेगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, विशेष सचिव नीरज कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के अस्पताल कल्याण अनुभाग के सदस्यों ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की और आईएएस वाइव्स एसोसिएशन द्वारा एकत्रित 1.11 लाख रुपये का चेक रेडक्रॉस को सहयोग के रूप में भेंट किया। राज्यपाल, जो राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं, ने एसोसिएशन के इस उदार सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग चिकित्सा और मानवीय सहायता की आवश्यकता वाले वंचित और जरूरतमंदों की सहायता के लिए किया जाएगा। राज्यपाल ने इस उदार सहयोग के लिए एसोसिएशन की सराहना करते हुए कहा कि रेडक्रॉस सदैव समाज के पीड़ित एवं वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक व्यक्तियों और संगठनों को रेडक्रॉस से जुड़ने का आह्वान किया। राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा और आईएएस वाइव्स एसोसिएशन की सदस्य रितिका जिंदल, मीता पंत, जुम्पा जम्वाल और पूनम शर्मा इस अवसर पर उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में मानसून के दौरान मौसम की विपरीत परिस्थितियों के दृष्टिगत सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और आमजन के लिए 24ग7 उपलब्ध रहने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने वीरवार को शिमला से वर्चुअल माध्यम से प्रदेश में मौसम की स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी उपायुक्तों से आपदा प्रभावित लोगों के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नदी-नालों के निकट रह रहे लोगों विशेषकर प्रवासी मज़दूरों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर पुनर्वास करने को कहा। उन्होंने उपायुक्तों को पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बारिश के मौसम में नदी-नालों के समीप नहीं जाने को लेकर एडवायज़री जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में किसी भी प्रकार की क्षति की सूचना सरकार को शीघ्र उपलब्ध करवाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष मॉनसून के कराण जल विद्युत परियोजनाओं को बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है। इनकी सुरक्षा के लिए एक समग्र रणनीति बनाई जाए, जिससे इन परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश में तीन स्थानों पर बादल फटने, बाढ़ की नौ और भू-स्खलन की तीन घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें पांच लोगों की मृत्यु होने और एक व्यक्ति के घायल होने की पुष्टि की गई है। ज़िला कुल्लू में तीन और ज़िला कांगड़ा में पांच से छह लोग अभी भी लापता हैं जबकि फसे हुए 21 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-505 और एनए-3 पर भूस्खलन पर अभी भी कई स्थानों पर मार्ग अवरूद्ध है। कुल्लू ज़िले में सैंज घाटी के मझान नाला में बादल फटने की घटना के बाद सैंज, पार्वती और लारजी जल विद्युत परियोजनाओं को हुए नुकसान के दृष्टिगत इन परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है और गेट खोल दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटीं हैं। विधायक मोहन लाल ब्राक्टा और आशीष बुटेल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा और मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा भी इस बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही झमाझम बारिश का दाैर जारी है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य में लगातार सात दिन भारी बारिश का ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किया गया है। माैसम विभाग के अनुसार 24 और 27 जून को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दाैरान कई स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 22, 23, 25 और 26 जून अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। इस दाैरान कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चंबा,बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर जिले के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। बीती रात को कांगड़ा में 87.8, नगरोटा सूरियां 56.4, जोगिंदरनगर 54.0, गुलेर 40.8, नादौन 30.0, सुजानपुर टीहरा 28.5, बैजनाथ 28.0, पालमपुर 23.0, नाहन 18.2, भराड़ी 13.6 व घमरूर में 13.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला में भी सुबह से रुक-रुककर बारिश जारी है। तापमान में आएगा ये बदलाव वहीं अगले 4-5 दिनों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है। अगले 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। इसके बाद, अगले 2 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 3-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। 25 और 26 जून को अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।
शनिवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेशभर में धूप खिली, जिससे तापमान में फिर से उछाल आया है। ऊना में अधिकतम तापमान में उछाल आया है और यहां पर अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री रिकार्ड किया गया, जबकि राजधानी शिमला में 28.4 डिग्री रहा। पर्यटन स्थल मनाली में 29.6, कुफरी में 23.3, नारकंडा में 24.3, कसौली में 30.5, धर्मशाला में 31 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में रविवार से मौसम करवट बदल सकता है, इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ तूफान और 30 से 40 किलोमीटर, जो बढ़कर 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है, तेज हवाएं भी चलने के साथ बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 19 व 20 जून को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावनाएं जताई गई हैं। इस दौरान लोगों सहित पर्यटकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। हालांकि प्रदेश में किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिलों के लिए आगामी तीन दिनों के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के कई स्थानों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें चुवाड़ी में 31.4, पालमपुर में 29.8, रायपुर मैदान में 25.2, बरठीं में 24.6, कंडाघाट में 22, कांगड़ा में 21.8, मनाली में 18, जोत में 16, बैजनाथ में 15, नादौन में 11.6, मंडी में 7.2, घाघस में 7, निचार में 7, भरमौर में 6, भरवाई में 6, मैहरे में 6 व कोठी में 6 मिलीमीटर वर्षा हुई, वहीं ऊना में भी बारिश हुई है। हालांकि भुंतर में लू चली, जबकि बिलासपुर में 65, सेओबाग व बजौरा में 57, कुकुमसेरी में 48, नेरी में 46 व कुफरी में 37 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलीं।
शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में इन दिनों ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन अपने चरम पर है, जहां चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। हालांकि, पर्यटकों की बढ़ती आमद ने शहर की सड़कों पर भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या को बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, बीते सात दिनों में शोघी बैरियर से ही दो लाख 25 हजार से ज्यादा गाड़ियों की आवाजाही हुई है, जिसके परिणामस्वरूप चंद मिनटों का सफर भी घंटों में तय हो रहा है। इस ट्रैफिक जाम से शिमला पहुंचे सैलानियों को काफी परेशानी हो रही है। सुबह और शाम के समय यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है। पर्यटकों ने बताया कि उन्हें यहां का खूबसूरत मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य तो बहुत पसंद है, लेकिन ट्रैफिक जाम ने उनकी यात्रा को थोड़ा मुश्किल बना दिया है। शिमला पुलिस प्रशासन इस समस्या को कम करने के लिए सक्रिय है। डीएसपी ट्रैफिक संदीप शर्मा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए दो अतिरिक्त ट्रैफिक टुकड़ियों को सड़कों पर तैनात किया है। उन्होंने लोगों से पुलिस प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। साथ ही, स्थानीय लोगों से भी अपने कार्यस्थल पर समय पर पहुंचने के लिए थोड़ा जल्दी निकलने का अनुरोध किया गया है, ताकि यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में मदद मिल सके।
शिमला: ढली में एक होटल के कमरे में हुए चचेरे भाई की हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अर्जुन शर्मा को हरियाणा के पंचकूला से गिरफ्तार कर लिया है। मृतक आकाश शर्मा, जो पंचकूला के सेक्टर-10, मकान नंबर 35, मेन मार्केट का रहने वाला था, उसकी हत्या 13 जून को हुई थी। शिमला पुलिस ने अर्जुन शर्मा का पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी, मानवीय खुफिया जानकारी और कई पुलिस टीमों के संयुक्त प्रयासों का इस्तेमाल किया। इन प्रयासों के दम पर 14 जून की सुबह अर्जुन शर्मा को पंचकूला (हरियाणा) के बाहरी इलाके से सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी शिमला गौरव सिंह ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। मिली जानकारी के अनुसार, मृतक आकाश शर्मा और आरोपी अर्जुन शर्मा 11 जून को रात करीब 8:22 बजे ढली टनल के पास स्थित होटल पहुंचे थे। आरोपी अर्जुन अपने पिता के साथ पंचकूला में सब्जी का कारोबार करता है। पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि 13 जून को दोनों चचेरे भाइयों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। बहस इतनी बढ़ गई कि गुस्से में आकर अर्जुन ने कथित तौर पर पहले आकाश शर्मा के सिर पर बीयर की बोतल मारी। इसके बाद उसने कांच से आकाश का गला रेत दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। एसपी शिमला गौरव सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने आरोपी अर्जुन शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और अब आगे की जांच जारी है।
वर्तमान में चल रहे ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन 2025 के दौरान शिमला शहर में वाहनों की संख्या में हो रही तेज बढ़ोतरी के मद्देनजर, शिमला पुलिस ने यातायात के सुचारू संचालन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। फील्ड एन्फोर्समेंट को मजबूत करने के उद्देश्य से, 46 अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों को ट्रैफिक विंग, शिमला में तैनात किया गया है। इन अधिकारियों को शहर के 23 प्रमुख ट्रैफिक ड्यूटी पॉइंट्स पर रणनीतिक रूप से नियुक्त किया गया है, ताकि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन में और सुधार लाया जा सके। इसके अतिरिक्त, चार नए बाइक राइडर्स को भी ड्यूटी पर लगाया गया है, जिससे अब शिमला शहर में कुल 21 ट्रैफिक बाइक राइडर्स कार्यरत हैं। इनकी तैनाती का मुख्य उद्देश्य तेजी से आवाजाही सुनिश्चित करना, भारी वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करना और यातायात संबंधी किसी भी समस्या पर त्वरित प्रतिक्रिया देना है। पिछले एक सप्ताह में ही शिमला शहर में 2,25,000 से अधिक वाहनों का भारी आवागमन दर्ज किया गया है। इस चुनौती को देखते हुए, सभी गज़ेटेड अधिकारी (GOs) अपने-अपने थाना क्षेत्रों में यातायात की निगरानी और पर्यवेक्षण में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। यातायात व्यवस्था को और अधिक सुचारु बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना, शहर और आसपास के क्षेत्रों से लावारिस और लंबे समय से खड़े वाहनों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाना शामिल है। शिमला पुलिस ने जनसाधारण से अपील की है कि वे निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें, विशेषकर मुख्य शहर क्षेत्र में, ताकि जाम की समस्या को कम किया जा सके। शिमला पुलिस सभी यात्रियों के सहयोग और समझदारी के लिए हार्दिक धन्यवाद प्रकट करती है।
आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इस वित्त वर्ष में अवैध शराब से संबंधित कुल 103 मामले दर्ज किए है । जिसमें 5438.771 बल्क लीटर अवैध शराब राज्य के विभिन्न जिलों से बरामद की गई तथा 18743 लीटर लाहन भी नष्ट की गई है। आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यालय स्तर पर विशेष टीमों का गठन किया गया है। इस दल के अधिकारियों द्वारा सोलन में एक संयत्र (बॉटलिंग प्लांट) में छापा मारा गया तथा निरीक्षण के दौरान ईएनए के स्टॉक में भारी कमी पाई गई। इसके अतिरिक्त संयत्र से अवैध होलोग्राम तथा लेबल भी बरामद हुए। विभाग द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। संयत्र में पाई गई अनियमितताओं के लिए विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इसके अतिरिक्त विभाग ने एक अन्य मामले में भी ऐसी ही कार्यवाही अमल में लाई थी जिसके अन्तर्गत जिला सिरमौर में स्थित एक संयत्र का निरीक्षण किया गया। विभागीय टीम द्वारा पाया गया कि लाइसंेस धारक रात के समय अवैध रूप से शराब का निर्माण कर रहा था। इसके अतिरिक्त उक्त संयत्र से अवैध होलोग्राम और लैबल भी बरामद हुए। संयत्र में मौजूद स्प्रिट व शराब के स्टॉक में भी भारी भिन्नता पाई गई। विभाग द्वारा लाईसैंसी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई तथा विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। पिछले कुछ समय से अवैध शराब के विरुद्ध पूरे राज्य में विभागीय टीमों द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है। जिला चम्बा में चण्डीगढ़ से लाई गई अंग्रजी शराब विभाग के अधिकारियों द्वारा जब्त की गई तथा जिला ऊना और बिलासपुर में अवैध बीयर पकड़ी गई। इसी तरह मण्डी शिमला व कुल्लू में विभिन्न स्थानो का निरीक्षण कर अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी कार्रवाई की गई है। आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शराब के अवैध कारोबार से राजस्व को हानि पहुंचाने वालों पर कड़ी निगरानी रखते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी संदर्भ में आबकारी आयुक्त ने सभी नागरिकों से आह्वान किया है कि अवैध शराब व कारोबार से जुड़ी कोई भी सूचना विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे दूरभाष नम्बर 0177-2620426 तथा व्हाट्सएप नम्बर 94183-31426 व controlroomhq@gmail-com जोनल सर्महाता 0177-2620426 (दक्षिण क्षेत्र), 01894-230186 (उतरी क्षेत्र) व 01905-223499 (मध्य क्षेत्र) पर साझा करें, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि पर रोक लगाई जा सके।
मटौर से शिमला जाने वाले फोरलेन पर अब सफर महंगा हो गया है। वीरवार से भंगवार से कांगड़ा बाईपास तक के पूरे हो चुके फोरलेन हिस्से के लिए टोल टैक्स की वसूली शुरू हो गई है। रानीताल के पास घट्टा में बनाए गए टोल बैरियर से गुजरने वाले वाहनों को अब यह शुल्क अदा करना होगा। भले ही भंगवार से कछियारी तक का पूरा फोरलेन 'रियुंड खड्ड' पर बनने वाले पुल के कारण अभी अधूरा है, फिर भी अब तक बने हिस्से के लिए टोल वसूली शुरू कर दी गई है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक (फोरलेन) विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि घट्टा में टोल प्लाजा चालू हो गया है और फिलहाल जितना फोरलेन बना है, उसी का शुल्क वसूला जाएगा। अलग-अलग वाहनों के लिए टोल दरें निर्धारित की गई हैं, जिनमें एकतरफा यात्रा, उसी दिन वापसी, मासिक पास (50 बार टोल पार करने पर) और जिले में पंजीकृत कॉमर्शियल वाहनों के लिए विशेष दरें शामिल हैं। कार, जीप, वैन और हल्के वाहनों को एकतरफा सफर के लिए 25 रुपए और उसी दिन वापसी के लिए 35 रुपए देने होंगे, जबकि उनके लिए मासिक पास 790 रुपए का होगा। जिले में पंजीकृत कॉमर्शियल कारों के लिए यह 10 होगा। हल्के कॉमर्शियल वाहनों, हल्के गुड्स वाहनों और मिनी बसों के लिए दरें क्रमशः 40 (एकतरफा),55 (वापसी), 1275 (मासिक पास) और 20 (जिले में पंजीकृत) तय की गई हैं। बस और टू-एक्सल ट्रकों के लिए यह 80, 120, 2675 और 40 है, जबकि थ्री-एक्सल कॉमर्शियल वाहनों के लिए 90, 130, 2920 और 45 निर्धारित किया गया है। भारी कंस्ट्रक्शन मशीनरी और चार से छह एक्सल वाले भारी वाहनों को 125, 190, 4195 और 65 चुकाने होंगे। ओवरसाइज़ वाहनों के लिए दरें सबसे अधिक 155, 230, 5110 और 75 तय की गई हैं। स्थानीय लोगों के लिए पास बनाने की सुविधा भी रहेगी।
रविवार को कोटखाई क्षेत्र के दरबार नामक स्थान के समीप गिरी खड्ड में कपड़े धोते समय एक मां और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदयविदारक हादसे से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतकों की पहचान गांव दरबार निवासी 47 वर्षीय कांता शर्मा और उनकी 30 वर्षीय बेटी ममता शर्मा के रूप में हुई है। यह दुखद घटना दोपहर करीब 12:30 बजे के आसपास हुई, जब दोनों महिलाएं अपने घर के नजदीक गिरी खड्ड पर कपड़े धोने गई थीं। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अंकुश ठाकुर पुलिस बल के साथ तुरंत मौके पर पहुँचे। पुलिस को घटनास्थल पर कांता शर्मा का शव पानी से बाहर मिला, जबकि ममता शर्मा का शव कुछ दूरी पर बहाव में पड़ा हुआ था। खड्ड के किनारे दो बाल्टियां, एक कंबल, कुछ कपड़े, एक जोड़ी जूते-चप्पल और सर्फ एक्सेल का पैकेट भी पड़ा हुआ मिला। पुलिस के अनुसार, खड्ड का पानी बेहद गहरा था और वहाँ चट्टानें भी थीं, जिससे हादसे की आशंका और बढ़ जाती है।मृतकों के परिजन सुनील शर्मा (कांता के पति और ममता के पिता) ने पुलिस को बताया कि सुबह 9 बजे वह और उनका बड़ा बेटा लव शर्मा खेत में काम के लिए निकल गए थे। घर पर कांता, ममता और छोटा बेटा कुश शर्मा मौजूद थे। दोपहर तक जब कांता और ममता ने फोन नहीं उठाया, तो सुनील ने अपने छोटे बेटे कुश को फोन किया। कुश ने बताया कि मां और बहन करीब 12:15 बजे कपड़े धोने गिरी खड्ड गई थीं। बाद में जब कुश उन्हें देखने गया, तो उसने पाया कि ममता खड्ड में डूब गई थी और कांता का पता नहीं चल रहा था। परिवार और स्थानीय लोगों की मदद से कांता का शव भी पानी से बाहर निकाला गया। महिला कांस्टेबल द्वारा दोनों शवों का निरीक्षण किया गया, जिसमें किसी प्रकार की संदिग्ध चोट के निशान नहीं पाए गए। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों महिलाओं की मौत कपड़े धोते समय पैर फिसलने और पानी में डूबने से हुई है। पोस्टमॉर्टम के बाद दोनों शवों को उनके परिजन सुनील शर्मा को सौंप दिया गया है। मामले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 194 के तहत आगे की कार्रवाई जारी है। मां-बेटी की एक साथ हुई इस मौत से गांववासी गहरे सदमे और दुख में हैं।
हिमाचल प्रदेश में एक और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है और इस भ्रष्टाचार के मामले में भी कांग्रेस सरकार का संरक्षण झलक रहा है, यह आरोप भाजपा प्रवक्ता चेतन ब्रागटा ने सरकार पर लगाए। चेतन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। सोलन जिला के नालागढ़ पुलिस चौकी में यह मामला आता। इस भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी अधिकार भी संलिप्त है और जल्द ही उनका नाम इस मामले से जुड़ सकता है और सरकारी अधिकारी तभी संरक्षण देते हैं जब सरकार का संरक्षण स्वयं होता है। उन्होंने कहा कि नालागढ़ की दिनेश प्रिंटिंग प्रेस में 1200 पर्चियां छापी गई। इन पर्चियों के माध्यम से शूलिनी मेले के आयोजन के लिए दुकानदारों और आम लोगों से पैसा इकट्ठा किया जाना था। मगर सोलन जिला के नालागढ़ में एक डिपो संचालक ने प्रिंटिंग प्रेस में जाकर फर्जी पर्चियां छपवा डाली। डिपो संचालक को फूड इंस्पेक्टर ने एक ऑरिजनल पर्ची दी थी। इसके आधार पर 1200 फर्जी पर्चियां छापी गई। इसमें स्कैनर और डीसी सोलन की ईमेल-आईडी भी प्रकाशित है। उन्होंने बताया की पर्ची में प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं लिखा था। इसलिए उसकी भूमिका भी संदेह में है। फूड इन्सपैक्टर में डिपो संचालक को एक ऑरिजनल स्पिल मुहैया कराई थी। फूड इन्सपैक्टर की भूमिका की जांच की जा रही है। मां शूलिनी के नाम से होता है मेले का आयोजन बता दें कि सोलन जिला के लोगों की अधिष्ठात्री देवी मां शूलिनी के नाम से सोलन में हर साल मेला लगता है। उन्होंने कहा कि जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है तब से भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से फैला है। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, भ्रष्टाचार के मामलों में कई सरकारी अधिकारियों ने अपनी जान भी गवा दी है। भाजपा हिमाचल प्रदेश मांग करतीं है कि पूरे मामले की कड़ी से कड़ी जांच होनी चाहिए और जो भी व्यक्ति इस भ्रष्टाचार को करता सम्मिलित पाया गया है उसे पर भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। सरकारी अधिकारियों पर भी एक्शन लेने से सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए, जांच निष्पक्ष होनी चाहिए, पूरी जांच में तथ्यों को मिटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। राज्य के छह जिलों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिससे लोग चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से बेहाल हैं। इन जिलों में ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर और मंडी शामिल हैं, जहां गर्मी का असर एक बार फिर से तेज हो गया है। मौसम विभाग ने मैदानी जिलों में लू चलने की चेतावनी जारी की है, जो रविवार से प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में दिन का तापमान सामान्य से काफी अधिक रहेगा और गर्म हवाएं चलेंगी, जिससे लोगों को घर से बाहर निकलने में परेशानी हो सकती है। 11 जून तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ बना रहेगा। इस दौरान बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे गर्मी का प्रभाव और बढ़ सकता है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे धूप में निकलने से बचें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें। 12 और 13 जून को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके चलते, राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के आसार जताए गए हैं। यह उन क्षेत्रों के लिए थोड़ी राहत की खबर हो सकती है, जहां तापमान काफी बढ़ गया है। शनिवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कुछ हिस्सों में सुबह हल्के बादल छाए रहे, लेकिन धूप भी खिली थी। दोपहर होते-होते बादल छंट गए और तेज धूप ने लोगों को गर्मी का एहसास कराया। मैदानी जिलों जैसे कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना के अलावा सोलन, सिरमौर और मंडी के कुछ इलाकों में दोपहर के समय तेज धूप और उमस भरी गर्मी ने लोगों को काफी परेशान किया। केवल मैदानी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों के तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो इस बात का संकेत है कि गर्मी का असर पूरे प्रदेश में फैल रहा है।
शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षण कार्य के सुचारू संचालन के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षण स्टाफ के स्थानांतरण पर 5 जून से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। यह निर्णय वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 की समाप्ति तक जारी रहेगा। वही प्रदेश सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है।
शिमला जिले के जुब्बल में पुलिस ने 22.64 ग्राम हेरोइन/चिट्टे के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अनिल कुमार पुत्र बिशन सिंह, निवासी गांव कैना, डाकघर मान्दल, तहसील जुब्बल के रूप में हुई है। पुलिस थाना जुब्बल में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21, 25 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक, जिला शिमला द्वारा जारी जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई 2 जून 2025 की रात को हुई। मुखबिर से मिली गुप्त सूचना के आधार पर, डिटेक्शन सेल, उपमंडल रोहड़ू के अन्वेषण अधिकारी मु0आ0 कुलदीप सिंह (नंबर 73) अपनी टीम के साथ अंटी बाजार में मौजूद थे। उन्हें सूचना मिली थी कि अनिल कुमार अपनी गाड़ी नंबर HP-10B-4609 में हेरोइन/चिट्टा बेचने का धंधा करता है और अपने घर की ओर जा रहा है। सूचना के बाद, पुलिस टीम ने अंटी बाजार में नाकाबंदी की। रात करीब 10:10 बजे, जब उक्त वाहन नाका स्थल पर पहुँचा, तो उसे रोका गया। वाहन की तलाशी लेने पर उसके डैशबोर्ड के अंदर से 22.64 ग्राम हेरोइन/चिट्टा बरामद हुआ। नशे की खेप को जब्त कर लिया गया और आरोपी अनिल कुमार को 3 जून 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे 4 जून 2025 को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे 6 जून 2025 तक पुलिस अभिरक्षा रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस मामले के अन्य पहलुओं पर गहनता से जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कोटखाई थाना क्षेत्र के बधों गांव में एक नेपाली मूल के व्यक्ति ने पारिवारिक विवाद के चलते अपनी पत्नी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है और भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना की जानकारी बधों गांव निवासी 61 वर्षीय हरि कृष्ण धांटा ने पुलिस को दी। उसने बताया कि 1 जून की दोपहर करीब 3:35 बजे उनके नेपाली मजदूर रमेश डांगी ने उन्हें सूचित किया कि दीपा पत्नी जीत बहादुर, जो बगाड़ी (देई के पास) राम धनी के डेरे में काम करती थी, अपने शिविर में अचेत अवस्था में पड़ी है और उसके शरीर पर चोटों के निशान हैं. उस समय दीपा का पति जीत बहादुर भी मौके पर मौजूद था। हरि कृष्ण धांटा ने तुरंत राम धनी से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि वे घर पर नहीं हैं लेकिन तुरंत मौके पर पहुंचेंगे। इसके बाद धांटा ने कोटखाई थाने में घटना की सूचना दी। फिर शाम करीब 6 बजे पुलिस दल घटनास्थल पर पहुँचा, जहाँ दीपा मृत अवस्था में पाई गई। उसके शरीर पर गहरी चोटों के निशान, खरोंचें और सूखे खून के धब्बे साफ दिख रहे थे। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में मृतका के पति जीत बहादुर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि 31 मई को उसका और दीपा का झगड़ा हुआ था, जिसके दौरान उसने गुस्से में आकर लकड़ी की छड़ी से उसे बुरी तरह पीटा, जिससे दीपा की मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक शिमला ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपी के इकबालिया बयान और प्रारंभिक सबूतों के आधार पर कोटखाई थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। इस जघन्य वारदात की गहन जांच जारी है।
प्रदेश में आज भी मौसम का मिजाज बदला रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य के कई जिलों में आज भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। आज ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, शिमला और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर गरज-चमक, बिजली गिरने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, राज्य के बाकी जिलों में भी इक्का-दुक्का जगहों पर हल्की बारिश रिकॉर्ड की जा सकती है। वही मैदानी इलाकों में बढ़ती गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटकों ने हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों का रुख करना शुरू कर दिया है। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। जून महीने के लिए भी होटलों और गेस्ट हाउसों में कमरों की बंपर एडवांस बुकिंग अभी से ही शुरू हो गई है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या से प्रदेश के पर्यटन व्यवसायी काफी उत्साहित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश में इस साल मानसून जून के आखिरी सप्ताह तक पहुंचने की संभावना है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार मानसून सामान्य से चार प्रतिशत अधिक रह सकता है। पिछले साल मानसून ने 27 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी, और यदि स्थितियां अनुकूल रहीं, तो इस बार भी लगभग इसी समय मानसून की शुरुआत होने की उम्मीद है।
विमल नेगी मौत मामले की जांच के लिए दिल्ली से शिमला पहुंची सीबीआई की टीम ने शनिवार को शिमला पुलिस की एसआईटी से पूछताछ की। शिमला एसपी कार्यालय में करीब ढाई घंटे चली पूछताछ के दौरान सीबीआई ने एसआईटी के एएसपी नवदीप सिंह और डीएसपी शक्ति सिंह से कई सवाल-जवाब किए। साथ ही सीबीआई ने शिमला पुलिस की एसआईटी से करीब 10 हजार पन्नों का रिकाॅर्ड भी कब्जे में लिया है। वहीं, जांच के दौरान कब्जे में लिए गए मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव समेत अन्य रिकॉर्ड भी लिया। सीबीआई टीम शनिवार को सुबह एसपी कार्यालय पहुंची जहा उन्होंने एसपी शिमला का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सोलन के एसपी गौरव सिंह से मुलाकात की। उसके बाद मामले में जांच आगे बढ़ाते हुए एएसपी और डीएसपी से पूछताछ शुरू की। सुबह करीब 11:20 बजे सीबीआई की टीम एचआरटीसी की टैक्सी में एसपी कार्यालय पहुंची और करीब 2:30 बजे लौटी। साथ ही तलाई में घटनास्थल का दौरा भी कर चुकी है।
विमल नेगी मौत मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगी CBI जांच को लेकर IPS संजीव गांधी ने सरकार के फैसले के खिलाफ लिव इन पुश्त रिव्यू आवेदन (LPA) दायर कर नया मोड़ दे दिया है। इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ़ कर दिया था कि वे सरकार की बात नहीं मानेंगे और जांच में पारदर्शिता की मांग की थी। सरकार ने विवाद बढ़ने के बाद संजीव गांधी को फिलहाल छुट्टी पर भेज दिया है, जिससे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत मिला है। SIT की जांच पर खुद डीजीपी ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की CBI जांच का आदेश दिया था। पुलिस विभाग के अंदर चल रहे अंतर्कलह के बीच संजीव गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस विवाद के कारण सरकार ने संजीव गांधी के साथ-साथ डीजीपी और एसीएस को भी छुट्टी पर भेजा था। हालांकि सरकार ने पहले CBI जांच के खिलाफ न जाने का निर्णय लिया था, लेकिन संजीव गांधी ने सरकार की मंशा के विरुद्ध जाकर कोर्ट में याचिका दायर कर जांच को सशक्त बनाने की मांग की है। भाजपा ने इस कदम को सरकार के इशारे पर जांच में देरी कराने की कोशिश करार दिया है।
**पंजाबी, बॉलीवुड और हिमाचली व स्थानीय कलाकार देंगे अपनी प्रस्तुतियां शिमला ग्रीष्मोत्सव 2025 का आयोजन 01 से 05 जून 2025 तक किया जा रहा है जिसमे पंजाबी, बॉलीवुड और स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मनोरंजन करेंगे। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त एवं अध्यक्ष शिमला ग्रीष्मोत्सव समिति अनुपम कश्यप ने बताया कि प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन मेला क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर किया जायेगा और इस दौरान रिज मैदान को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जायेगा। सांस्कृतिक संध्याओं में यह होंगे मुख्य आकर्षण, अंतिम संध्या में पंजाबी गायक अखिल मचाएंगे धमाल पहली सांस्कृतिक संध्या में बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर निधि रस्तोगी अपनी प्रस्तुति देंगी। इसी प्रकार, दूसरी संध्या हास्य कवि सम्मेलन के नाम रहेगी जिसमें अरुण जैमिनी, सुरेंद्र शर्मा, चिराग जैन, शम्भू चौधरी, वेद प्रकाश और डॉ. सीता सागर अपनी हास्य कविताओं से लोगों को लोटपोट करेंगे। उन्होंने बताया कि तीसरी संध्या हिमाचली संध्या के रूप में आयोजित की जा रही है जिसमें पहाड़ी गायक हनी नेगी और गीता भारद्वाज अपनी प्रस्तुतियां देंगे। चौथी सांस्कृतिक संध्या में फिरदौस बैंड और इंडियन आइडल फेम कुमार साहिल लोगो का मनोरंजन करेंगे। इसी प्रकार, पांचवी व अंतिम सांस्कृतिक संध्या में इंडियन आइडल फेम नेहा दीक्षित, वॉइस ऑफ शिमला की विजेता अंजलि नानक और मशहूर पंजाबी गायक अखिल अपनी प्रस्तुतियां देंगे। एनजेडसीसी पटियाला से 3 राज्यों के कलाकार भी होंगे शामिल उन्होंने बताया कि उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला से 3 राज्यों के सांस्कृतिक दल भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे जिसमें हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर राज्य के दल शामिल रहेंगे। इसके अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में पुलिस रिपोर्टिंग रूम के सामने और एम्फीथियेटर में 2 बैंड और स्थानीय सांस्कृतिक दल भी लोगों का मनोरंजन करेंगे। ड्राइव अगेंस्ट ड्रग्स और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम पर आयोजित होंगी गतिविधियां उपायुक्त ने बताया कि शिमला ग्रीष्मोत्सव का आयोजन ड्राइव अगेंस्ट ड्रग्स और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की थीम पर आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में 01 से 05 जून तक प्रतिदिन पुलिस रिपोर्टिंग रूम के सामने दोपहर 3 बजे महानाटी का आयोजन और इंदिरा गाँधी खेल परिसर में जिला के सभी स्कूलों के छात्रों के लिए टेबल टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा जिसमें दूरदराज क्षेत्र कुपवी और डोडरा-क्वार के स्कूली छात्र भी भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त, फ्लावर शो, बेबी शो इत्यादि का आयोजन भी शिमला ग्रीष्मोत्सव के दौरान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्कूलों में वाद-विवाद, निबंध लेखन, नारा लेखन इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जायेगा।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने बहुतकनीकी प्रवेश परीक्षा (पैट) का परिणाम घोषित कर दिया है। 18 मई को आयोजित इस परीक्षा में प्रदेश भर के 34 से अधिक केंद्रों पर कुल 4215 छात्रों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा में हमीरपुर के अनिकेत वर्मा और शिमला की मन्नत ने संयुक्त रूप से 540 अंक प्राप्त कर प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया। दूसरे स्थान पर त्रिभुवन नरेश शारता रहे, जिन्होंने 521 अंक प्राप्त किए, जबकि बिलासपुर के अश्मित कुमार 515 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे। पैट परीक्षा कुल 600 अंकों की थी, जिसमें सही उत्तर के लिए 4 अंक और गलत उत्तर के लिए 1 अंक की कटौती की गई थी। तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव अशोक पाठक ने बताया कि परिणाम घोषित कर दिया गया है और शीघ्र ही काउंसलिंग की तारीखें भी जारी कर दी जाएंगी। अभ्यर्थी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकृत नंबर और पासवर्ड से लॉगिन कर अपना रिजल्ट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए छात्र और अभिभावक बोर्ड की हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड की ओर से लेटरल एंट्री एंट्रेस टेस्ट (लीट) का परिणाम 4 जून तक जारी किया जाएगा। यह परीक्षा 25 मई को प्रदेश के 13 केंद्रों पर आयोजित हुई थी, जिसमें लगभग 1783 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, एक जुलाई से 31 जुलाई तक संस्थानों में गर्मियों की छुट्टियां रहेंगी, जिसके बाद पैट और लीट के प्रवेशित विद्यार्थियों की कक्षाएं शुरू होंगी।
हिमाचल प्रदेश भाजपा का प्रतिनिधिमंडल बुधवार सुबह 11 बजे नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला। इस मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश की वर्तमान स्थिति, खासकर पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच के आदेशों को लेकर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। भाजपा ने सरकार और पुलिस प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाते हुए इस मामले की न्यायसंगत और पारदर्शी जांच की मांग की। भाजपा प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन, सभी सांसद और विधायक भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह मामला केवल एक व्यक्ति की मौत से जुड़ा नहीं है, बल्कि प्रदेश में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था, प्रशासनिक अनियमितताओं, अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार की गंभीर समस्याओं को उजागर करता है। ज्ञापन में भाजपा ने यह सुनिश्चित करने की मांग की कि विमल नेगी की मौत से संबंधित सभी सबूतों से छेड़छाड़ न हो और उन्हें नष्ट न किया जाए। साथ ही, उच्च न्यायालय में प्रस्तुत पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों की रिपोर्ट में छेड़छाड़ के सबूत पाए जाने के कारण संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की गई। इसके अलावा, पुलिस अधीक्षक शिमला द्वारा उच्च अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की गई। भाजपा ने कहा कि सीबीआई जांच का दायरा बढ़ाकर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की भी गहन जांच करवाई जाए, या फिर इस जांच को प्रवर्तन निदेशालय के सुपुर्द किया जाए। साथ ही, प्रदेश में अफसरशाही में अनुशासन लाने के लिए पुलिस अधीक्षक शिमला को बर्खास्त करने की भी मांग की गई। भाजपा का यह कदम प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और प्रशासनिक कुप्रबंधन के प्रति चिंता जताने के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की कोशिश माना जा रहा है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि सरकार और प्रशासन में सुधार के बिना प्रदेश के विकास और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। उन्होंने राज्यपाल से इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया है ताकि प्रदेश में न्याय और शासन व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अपनी जेलों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (ICCC) स्थापित किया है। शिमला के जिला कारागार कैथू में स्थापित यह सेंटर पूरे प्रदेश की 14 जेलों से जुड़ा हुआ है और लगभग 750 CCTV कैमरों की लाइव मॉनिटरिंग करता है। इस हाई-टेक सुरक्षा सिस्टम के तहत यदि कोई कैदी जेल से भागने की कोशिश करता है, आपस में भिड़ता है या जेल की बाउंड्री पार करता है तो कमांड सेंटर में तुरंत अलार्म बज जाता है। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर कैदियों की फोटो और वीडियो तुरंत कैप्चर कर संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेजा जाता है। इससे जेलों में सुरक्षा बढ़ेगी और मानवाधिकारों का उल्लंघन भी रोका जा सकेगा। ICCC की मदद से त्वरित कार्रवाई संभव होगी, जिससे अपराध नियंत्रण में भी सुधार होगा। यह पहल हिमाचल प्रदेश को देश का पहला ऐसा राज्य बनाती है जिसने जेल सुरक्षा के लिए इस तरह का हाई-टेक समाधान अपनाया है। इस कदम से हिमाचल प्रदेश की जेल सुरक्षा व्यवस्था में एक नई क्रांति आएगी और कैदियों की निगरानी तथा नियंत्रण और भी प्रभावी बनेगा।
** मेडिकल टेक्नोलॉजी पर खर्च कर रहे 1350 करोड़ रुपयेः सीएम **मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी और चमियाणा अस्पताल की फैक्लटी के साथ किया संवाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आईजीएमसी शिमला व अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशिलिटी, चमियाणा के फैकल्टी सदस्यों के साथ संवाद करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के विभाग प्रमुखों ने अपनी प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 20 वर्षों से अधिक पुरानी मशीनों और उपकरणों को बदला जाएगा। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा व टांडा मेडिकल कॉलेज में दो माह के भीतर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा को आरंभ कर दिया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें भी स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण मरीजों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी है और मेडिकल टेक्नोलोजी पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनाने को सरकार धन उपलब्ध करवाएगी और मरीजों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी पार्किंग सुविधा को सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य सरकार डॉक्टरों के पदों को भर रही है और नर्सों की भर्ती में कोरोना महामारी के समय काम करने वाली नर्सों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ टेक्नीशियन की भर्ती भी की जा रही है। हम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार डॉक्टर-मरीज अनुपात तथा नर्स-मरीज अनुपात को सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि उन्हें काम के लिए बेहतर वातावरण मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के प्रीमियम स्वास्थ्य संस्थान मात्र रेफरल स्वास्थ्य संस्थान बनकर रह गए हैं, इसलिए इनमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है। आईजीएमसी शिमला में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और आने वाले समय में इसे बेहतर बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये और प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने के कारण हिमाचल प्रदेश पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मरीज हमेशा ठीक होने की उम्मीद लेकर अस्पताल आते हैं, ऐसे में अगर डॉक्टर अच्छे ढंग से उनसे बात करें तो उनकी तकलीफ कम हो जाएगी। डॉक्टरों को अपने व्यवहार में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल ने कहा कि इस तरह के संवाद कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में महत्वपूर्ण होते हैं। सभी मेडिकल प्रोफेशनल राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर काम कर रहे हैं और इसे अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में बहुत तरक्की हो रही है और हिमाचल प्रदेश में आधुनिक मशीनें उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक प्रयास कर रही है, ताकि लोगों को घर-द्वार के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी ने राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक हरीश जनारथा सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान को झारखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को की है। कॉलेजियम ने इसी के साथ मध्य प्रदेश, दिल्ली और पटना हाईकोर्ट के लिए भी नए मुख्य न्यायाधीशों की तैनाती की सिफारिश की है। न्यायाधीश तर्लोक सिंह चौहान अपनी तर्कशीलता और बेबाक फैसलों के लिए न्यायिक क्षेत्र में जाने जाते हैं। उनकी इस नियुक्ति से झारखंड हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली और न्यायिक गुणवत्ता को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट की यह सिफारिश अब केंद्र सरकार को भेजी गई है, जो जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेगी। न्यायाधीशों की इस नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उच्च न्यायालयों में नेतृत्व की भूमिका को सुदृढ़ किया जा सके।
शिमला जिले के हाटकोटी में एक चार मंजिला रिहायशी मकान में भीषण आग लगने से 15 से ज़्यादा कमरे जलकर राख हो गए, जिससे लाखों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे तीसरी मंजिल से भड़की आग ने तेज़ी से पूरे मकान को अपनी चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ और आसपास के घर सुरक्षित रहे। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर फायर ब्रिगेड की प्रतिक्रिया में देरी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि आग लगने की सूचना के करीब एक घंटे बाद दमकल वाहन मौके पर पहुंचे, जबकि हाटकोटी से रोहड़ू की दूरी मात्र 10-12 किलोमीटर है। यह देरी कई लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। यह मकान चार-पांच महीने बनाकर तैयार हुआ था। फिलहाल अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
हिमाचल प्रदेश के रामपुर से सटे कुल्लू जिले के निरमंड ब्लॉक के जगातखाना में शनिवार शाम बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ के साथ आए मलबे में सड़क किनारे खड़े करीब 15 वाहन बहकर सतलुज नदी में पहुंच गए। रामपुर उपमंडल में कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। इससे सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्योति राणा ने बताया कि बादल फटने की घटना कुल्लू जिले के तहत हुई है। रामपुर में भारी बारिश के कारण तीन सड़कें अवरुद्ध हुई थीं। देर रात तक तीनों सड़कों को बहाल कर दिया था।