शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में इन दिनों ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन अपने चरम पर है, जहां चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। हालांकि, पर्यटकों की बढ़ती आमद ने शहर की सड़कों पर भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या को बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, बीते सात दिनों में शोघी बैरियर से ही दो लाख 25 हजार से ज्यादा गाड़ियों की आवाजाही हुई है, जिसके परिणामस्वरूप चंद मिनटों का सफर भी घंटों में तय हो रहा है। इस ट्रैफिक जाम से शिमला पहुंचे सैलानियों को काफी परेशानी हो रही है। सुबह और शाम के समय यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है। पर्यटकों ने बताया कि उन्हें यहां का खूबसूरत मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य तो बहुत पसंद है, लेकिन ट्रैफिक जाम ने उनकी यात्रा को थोड़ा मुश्किल बना दिया है। शिमला पुलिस प्रशासन इस समस्या को कम करने के लिए सक्रिय है। डीएसपी ट्रैफिक संदीप शर्मा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए दो अतिरिक्त ट्रैफिक टुकड़ियों को सड़कों पर तैनात किया है। उन्होंने लोगों से पुलिस प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। साथ ही, स्थानीय लोगों से भी अपने कार्यस्थल पर समय पर पहुंचने के लिए थोड़ा जल्दी निकलने का अनुरोध किया गया है, ताकि यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में मदद मिल सके।
शिमला: ढली में एक होटल के कमरे में हुए चचेरे भाई की हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अर्जुन शर्मा को हरियाणा के पंचकूला से गिरफ्तार कर लिया है। मृतक आकाश शर्मा, जो पंचकूला के सेक्टर-10, मकान नंबर 35, मेन मार्केट का रहने वाला था, उसकी हत्या 13 जून को हुई थी। शिमला पुलिस ने अर्जुन शर्मा का पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी, मानवीय खुफिया जानकारी और कई पुलिस टीमों के संयुक्त प्रयासों का इस्तेमाल किया। इन प्रयासों के दम पर 14 जून की सुबह अर्जुन शर्मा को पंचकूला (हरियाणा) के बाहरी इलाके से सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी शिमला गौरव सिंह ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। मिली जानकारी के अनुसार, मृतक आकाश शर्मा और आरोपी अर्जुन शर्मा 11 जून को रात करीब 8:22 बजे ढली टनल के पास स्थित होटल पहुंचे थे। आरोपी अर्जुन अपने पिता के साथ पंचकूला में सब्जी का कारोबार करता है। पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि 13 जून को दोनों चचेरे भाइयों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। बहस इतनी बढ़ गई कि गुस्से में आकर अर्जुन ने कथित तौर पर पहले आकाश शर्मा के सिर पर बीयर की बोतल मारी। इसके बाद उसने कांच से आकाश का गला रेत दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। एसपी शिमला गौरव सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने आरोपी अर्जुन शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और अब आगे की जांच जारी है।
वर्तमान में चल रहे ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन 2025 के दौरान शिमला शहर में वाहनों की संख्या में हो रही तेज बढ़ोतरी के मद्देनजर, शिमला पुलिस ने यातायात के सुचारू संचालन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। फील्ड एन्फोर्समेंट को मजबूत करने के उद्देश्य से, 46 अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों को ट्रैफिक विंग, शिमला में तैनात किया गया है। इन अधिकारियों को शहर के 23 प्रमुख ट्रैफिक ड्यूटी पॉइंट्स पर रणनीतिक रूप से नियुक्त किया गया है, ताकि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन में और सुधार लाया जा सके। इसके अतिरिक्त, चार नए बाइक राइडर्स को भी ड्यूटी पर लगाया गया है, जिससे अब शिमला शहर में कुल 21 ट्रैफिक बाइक राइडर्स कार्यरत हैं। इनकी तैनाती का मुख्य उद्देश्य तेजी से आवाजाही सुनिश्चित करना, भारी वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करना और यातायात संबंधी किसी भी समस्या पर त्वरित प्रतिक्रिया देना है। पिछले एक सप्ताह में ही शिमला शहर में 2,25,000 से अधिक वाहनों का भारी आवागमन दर्ज किया गया है। इस चुनौती को देखते हुए, सभी गज़ेटेड अधिकारी (GOs) अपने-अपने थाना क्षेत्रों में यातायात की निगरानी और पर्यवेक्षण में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। यातायात व्यवस्था को और अधिक सुचारु बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना, शहर और आसपास के क्षेत्रों से लावारिस और लंबे समय से खड़े वाहनों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाना शामिल है। शिमला पुलिस ने जनसाधारण से अपील की है कि वे निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें, विशेषकर मुख्य शहर क्षेत्र में, ताकि जाम की समस्या को कम किया जा सके। शिमला पुलिस सभी यात्रियों के सहयोग और समझदारी के लिए हार्दिक धन्यवाद प्रकट करती है।
आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इस वित्त वर्ष में अवैध शराब से संबंधित कुल 103 मामले दर्ज किए है । जिसमें 5438.771 बल्क लीटर अवैध शराब राज्य के विभिन्न जिलों से बरामद की गई तथा 18743 लीटर लाहन भी नष्ट की गई है। आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यालय स्तर पर विशेष टीमों का गठन किया गया है। इस दल के अधिकारियों द्वारा सोलन में एक संयत्र (बॉटलिंग प्लांट) में छापा मारा गया तथा निरीक्षण के दौरान ईएनए के स्टॉक में भारी कमी पाई गई। इसके अतिरिक्त संयत्र से अवैध होलोग्राम तथा लेबल भी बरामद हुए। विभाग द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। संयत्र में पाई गई अनियमितताओं के लिए विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इसके अतिरिक्त विभाग ने एक अन्य मामले में भी ऐसी ही कार्यवाही अमल में लाई थी जिसके अन्तर्गत जिला सिरमौर में स्थित एक संयत्र का निरीक्षण किया गया। विभागीय टीम द्वारा पाया गया कि लाइसंेस धारक रात के समय अवैध रूप से शराब का निर्माण कर रहा था। इसके अतिरिक्त उक्त संयत्र से अवैध होलोग्राम और लैबल भी बरामद हुए। संयत्र में मौजूद स्प्रिट व शराब के स्टॉक में भी भारी भिन्नता पाई गई। विभाग द्वारा लाईसैंसी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई तथा विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। पिछले कुछ समय से अवैध शराब के विरुद्ध पूरे राज्य में विभागीय टीमों द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है। जिला चम्बा में चण्डीगढ़ से लाई गई अंग्रजी शराब विभाग के अधिकारियों द्वारा जब्त की गई तथा जिला ऊना और बिलासपुर में अवैध बीयर पकड़ी गई। इसी तरह मण्डी शिमला व कुल्लू में विभिन्न स्थानो का निरीक्षण कर अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी कार्रवाई की गई है। आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शराब के अवैध कारोबार से राजस्व को हानि पहुंचाने वालों पर कड़ी निगरानी रखते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी संदर्भ में आबकारी आयुक्त ने सभी नागरिकों से आह्वान किया है कि अवैध शराब व कारोबार से जुड़ी कोई भी सूचना विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे दूरभाष नम्बर 0177-2620426 तथा व्हाट्सएप नम्बर 94183-31426 व controlroomhq@gmail-com जोनल सर्महाता 0177-2620426 (दक्षिण क्षेत्र), 01894-230186 (उतरी क्षेत्र) व 01905-223499 (मध्य क्षेत्र) पर साझा करें, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि पर रोक लगाई जा सके।
मटौर से शिमला जाने वाले फोरलेन पर अब सफर महंगा हो गया है। वीरवार से भंगवार से कांगड़ा बाईपास तक के पूरे हो चुके फोरलेन हिस्से के लिए टोल टैक्स की वसूली शुरू हो गई है। रानीताल के पास घट्टा में बनाए गए टोल बैरियर से गुजरने वाले वाहनों को अब यह शुल्क अदा करना होगा। भले ही भंगवार से कछियारी तक का पूरा फोरलेन 'रियुंड खड्ड' पर बनने वाले पुल के कारण अभी अधूरा है, फिर भी अब तक बने हिस्से के लिए टोल वसूली शुरू कर दी गई है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक (फोरलेन) विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि घट्टा में टोल प्लाजा चालू हो गया है और फिलहाल जितना फोरलेन बना है, उसी का शुल्क वसूला जाएगा। अलग-अलग वाहनों के लिए टोल दरें निर्धारित की गई हैं, जिनमें एकतरफा यात्रा, उसी दिन वापसी, मासिक पास (50 बार टोल पार करने पर) और जिले में पंजीकृत कॉमर्शियल वाहनों के लिए विशेष दरें शामिल हैं। कार, जीप, वैन और हल्के वाहनों को एकतरफा सफर के लिए 25 रुपए और उसी दिन वापसी के लिए 35 रुपए देने होंगे, जबकि उनके लिए मासिक पास 790 रुपए का होगा। जिले में पंजीकृत कॉमर्शियल कारों के लिए यह 10 होगा। हल्के कॉमर्शियल वाहनों, हल्के गुड्स वाहनों और मिनी बसों के लिए दरें क्रमशः 40 (एकतरफा),55 (वापसी), 1275 (मासिक पास) और 20 (जिले में पंजीकृत) तय की गई हैं। बस और टू-एक्सल ट्रकों के लिए यह 80, 120, 2675 और 40 है, जबकि थ्री-एक्सल कॉमर्शियल वाहनों के लिए 90, 130, 2920 और 45 निर्धारित किया गया है। भारी कंस्ट्रक्शन मशीनरी और चार से छह एक्सल वाले भारी वाहनों को 125, 190, 4195 और 65 चुकाने होंगे। ओवरसाइज़ वाहनों के लिए दरें सबसे अधिक 155, 230, 5110 और 75 तय की गई हैं। स्थानीय लोगों के लिए पास बनाने की सुविधा भी रहेगी।
रविवार को कोटखाई क्षेत्र के दरबार नामक स्थान के समीप गिरी खड्ड में कपड़े धोते समय एक मां और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदयविदारक हादसे से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतकों की पहचान गांव दरबार निवासी 47 वर्षीय कांता शर्मा और उनकी 30 वर्षीय बेटी ममता शर्मा के रूप में हुई है। यह दुखद घटना दोपहर करीब 12:30 बजे के आसपास हुई, जब दोनों महिलाएं अपने घर के नजदीक गिरी खड्ड पर कपड़े धोने गई थीं। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अंकुश ठाकुर पुलिस बल के साथ तुरंत मौके पर पहुँचे। पुलिस को घटनास्थल पर कांता शर्मा का शव पानी से बाहर मिला, जबकि ममता शर्मा का शव कुछ दूरी पर बहाव में पड़ा हुआ था। खड्ड के किनारे दो बाल्टियां, एक कंबल, कुछ कपड़े, एक जोड़ी जूते-चप्पल और सर्फ एक्सेल का पैकेट भी पड़ा हुआ मिला। पुलिस के अनुसार, खड्ड का पानी बेहद गहरा था और वहाँ चट्टानें भी थीं, जिससे हादसे की आशंका और बढ़ जाती है।मृतकों के परिजन सुनील शर्मा (कांता के पति और ममता के पिता) ने पुलिस को बताया कि सुबह 9 बजे वह और उनका बड़ा बेटा लव शर्मा खेत में काम के लिए निकल गए थे। घर पर कांता, ममता और छोटा बेटा कुश शर्मा मौजूद थे। दोपहर तक जब कांता और ममता ने फोन नहीं उठाया, तो सुनील ने अपने छोटे बेटे कुश को फोन किया। कुश ने बताया कि मां और बहन करीब 12:15 बजे कपड़े धोने गिरी खड्ड गई थीं। बाद में जब कुश उन्हें देखने गया, तो उसने पाया कि ममता खड्ड में डूब गई थी और कांता का पता नहीं चल रहा था। परिवार और स्थानीय लोगों की मदद से कांता का शव भी पानी से बाहर निकाला गया। महिला कांस्टेबल द्वारा दोनों शवों का निरीक्षण किया गया, जिसमें किसी प्रकार की संदिग्ध चोट के निशान नहीं पाए गए। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों महिलाओं की मौत कपड़े धोते समय पैर फिसलने और पानी में डूबने से हुई है। पोस्टमॉर्टम के बाद दोनों शवों को उनके परिजन सुनील शर्मा को सौंप दिया गया है। मामले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 194 के तहत आगे की कार्रवाई जारी है। मां-बेटी की एक साथ हुई इस मौत से गांववासी गहरे सदमे और दुख में हैं।
हिमाचल प्रदेश में एक और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है और इस भ्रष्टाचार के मामले में भी कांग्रेस सरकार का संरक्षण झलक रहा है, यह आरोप भाजपा प्रवक्ता चेतन ब्रागटा ने सरकार पर लगाए। चेतन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। सोलन जिला के नालागढ़ पुलिस चौकी में यह मामला आता। इस भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी अधिकार भी संलिप्त है और जल्द ही उनका नाम इस मामले से जुड़ सकता है और सरकारी अधिकारी तभी संरक्षण देते हैं जब सरकार का संरक्षण स्वयं होता है। उन्होंने कहा कि नालागढ़ की दिनेश प्रिंटिंग प्रेस में 1200 पर्चियां छापी गई। इन पर्चियों के माध्यम से शूलिनी मेले के आयोजन के लिए दुकानदारों और आम लोगों से पैसा इकट्ठा किया जाना था। मगर सोलन जिला के नालागढ़ में एक डिपो संचालक ने प्रिंटिंग प्रेस में जाकर फर्जी पर्चियां छपवा डाली। डिपो संचालक को फूड इंस्पेक्टर ने एक ऑरिजनल पर्ची दी थी। इसके आधार पर 1200 फर्जी पर्चियां छापी गई। इसमें स्कैनर और डीसी सोलन की ईमेल-आईडी भी प्रकाशित है। उन्होंने बताया की पर्ची में प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं लिखा था। इसलिए उसकी भूमिका भी संदेह में है। फूड इन्सपैक्टर में डिपो संचालक को एक ऑरिजनल स्पिल मुहैया कराई थी। फूड इन्सपैक्टर की भूमिका की जांच की जा रही है। मां शूलिनी के नाम से होता है मेले का आयोजन बता दें कि सोलन जिला के लोगों की अधिष्ठात्री देवी मां शूलिनी के नाम से सोलन में हर साल मेला लगता है। उन्होंने कहा कि जब से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है तब से भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से फैला है। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, भ्रष्टाचार के मामलों में कई सरकारी अधिकारियों ने अपनी जान भी गवा दी है। भाजपा हिमाचल प्रदेश मांग करतीं है कि पूरे मामले की कड़ी से कड़ी जांच होनी चाहिए और जो भी व्यक्ति इस भ्रष्टाचार को करता सम्मिलित पाया गया है उसे पर भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। सरकारी अधिकारियों पर भी एक्शन लेने से सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए, जांच निष्पक्ष होनी चाहिए, पूरी जांच में तथ्यों को मिटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। राज्य के छह जिलों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिससे लोग चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से बेहाल हैं। इन जिलों में ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर और मंडी शामिल हैं, जहां गर्मी का असर एक बार फिर से तेज हो गया है। मौसम विभाग ने मैदानी जिलों में लू चलने की चेतावनी जारी की है, जो रविवार से प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में दिन का तापमान सामान्य से काफी अधिक रहेगा और गर्म हवाएं चलेंगी, जिससे लोगों को घर से बाहर निकलने में परेशानी हो सकती है। 11 जून तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ बना रहेगा। इस दौरान बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे गर्मी का प्रभाव और बढ़ सकता है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे धूप में निकलने से बचें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें। 12 और 13 जून को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके चलते, राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के आसार जताए गए हैं। यह उन क्षेत्रों के लिए थोड़ी राहत की खबर हो सकती है, जहां तापमान काफी बढ़ गया है। शनिवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कुछ हिस्सों में सुबह हल्के बादल छाए रहे, लेकिन धूप भी खिली थी। दोपहर होते-होते बादल छंट गए और तेज धूप ने लोगों को गर्मी का एहसास कराया। मैदानी जिलों जैसे कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना के अलावा सोलन, सिरमौर और मंडी के कुछ इलाकों में दोपहर के समय तेज धूप और उमस भरी गर्मी ने लोगों को काफी परेशान किया। केवल मैदानी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों के तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो इस बात का संकेत है कि गर्मी का असर पूरे प्रदेश में फैल रहा है।
शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षण कार्य के सुचारू संचालन के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षण स्टाफ के स्थानांतरण पर 5 जून से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। यह निर्णय वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 की समाप्ति तक जारी रहेगा। वही प्रदेश सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है।
शिमला जिले के जुब्बल में पुलिस ने 22.64 ग्राम हेरोइन/चिट्टे के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अनिल कुमार पुत्र बिशन सिंह, निवासी गांव कैना, डाकघर मान्दल, तहसील जुब्बल के रूप में हुई है। पुलिस थाना जुब्बल में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21, 25 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक, जिला शिमला द्वारा जारी जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई 2 जून 2025 की रात को हुई। मुखबिर से मिली गुप्त सूचना के आधार पर, डिटेक्शन सेल, उपमंडल रोहड़ू के अन्वेषण अधिकारी मु0आ0 कुलदीप सिंह (नंबर 73) अपनी टीम के साथ अंटी बाजार में मौजूद थे। उन्हें सूचना मिली थी कि अनिल कुमार अपनी गाड़ी नंबर HP-10B-4609 में हेरोइन/चिट्टा बेचने का धंधा करता है और अपने घर की ओर जा रहा है। सूचना के बाद, पुलिस टीम ने अंटी बाजार में नाकाबंदी की। रात करीब 10:10 बजे, जब उक्त वाहन नाका स्थल पर पहुँचा, तो उसे रोका गया। वाहन की तलाशी लेने पर उसके डैशबोर्ड के अंदर से 22.64 ग्राम हेरोइन/चिट्टा बरामद हुआ। नशे की खेप को जब्त कर लिया गया और आरोपी अनिल कुमार को 3 जून 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे 4 जून 2025 को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे 6 जून 2025 तक पुलिस अभिरक्षा रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस मामले के अन्य पहलुओं पर गहनता से जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कोटखाई थाना क्षेत्र के बधों गांव में एक नेपाली मूल के व्यक्ति ने पारिवारिक विवाद के चलते अपनी पत्नी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है और भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना की जानकारी बधों गांव निवासी 61 वर्षीय हरि कृष्ण धांटा ने पुलिस को दी। उसने बताया कि 1 जून की दोपहर करीब 3:35 बजे उनके नेपाली मजदूर रमेश डांगी ने उन्हें सूचित किया कि दीपा पत्नी जीत बहादुर, जो बगाड़ी (देई के पास) राम धनी के डेरे में काम करती थी, अपने शिविर में अचेत अवस्था में पड़ी है और उसके शरीर पर चोटों के निशान हैं. उस समय दीपा का पति जीत बहादुर भी मौके पर मौजूद था। हरि कृष्ण धांटा ने तुरंत राम धनी से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि वे घर पर नहीं हैं लेकिन तुरंत मौके पर पहुंचेंगे। इसके बाद धांटा ने कोटखाई थाने में घटना की सूचना दी। फिर शाम करीब 6 बजे पुलिस दल घटनास्थल पर पहुँचा, जहाँ दीपा मृत अवस्था में पाई गई। उसके शरीर पर गहरी चोटों के निशान, खरोंचें और सूखे खून के धब्बे साफ दिख रहे थे। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में मृतका के पति जीत बहादुर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि 31 मई को उसका और दीपा का झगड़ा हुआ था, जिसके दौरान उसने गुस्से में आकर लकड़ी की छड़ी से उसे बुरी तरह पीटा, जिससे दीपा की मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक शिमला ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपी के इकबालिया बयान और प्रारंभिक सबूतों के आधार पर कोटखाई थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। इस जघन्य वारदात की गहन जांच जारी है।
प्रदेश में आज भी मौसम का मिजाज बदला रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य के कई जिलों में आज भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। आज ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, शिमला और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर गरज-चमक, बिजली गिरने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, राज्य के बाकी जिलों में भी इक्का-दुक्का जगहों पर हल्की बारिश रिकॉर्ड की जा सकती है। वही मैदानी इलाकों में बढ़ती गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटकों ने हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों का रुख करना शुरू कर दिया है। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। जून महीने के लिए भी होटलों और गेस्ट हाउसों में कमरों की बंपर एडवांस बुकिंग अभी से ही शुरू हो गई है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या से प्रदेश के पर्यटन व्यवसायी काफी उत्साहित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश में इस साल मानसून जून के आखिरी सप्ताह तक पहुंचने की संभावना है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार मानसून सामान्य से चार प्रतिशत अधिक रह सकता है। पिछले साल मानसून ने 27 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी, और यदि स्थितियां अनुकूल रहीं, तो इस बार भी लगभग इसी समय मानसून की शुरुआत होने की उम्मीद है।
विमल नेगी मौत मामले की जांच के लिए दिल्ली से शिमला पहुंची सीबीआई की टीम ने शनिवार को शिमला पुलिस की एसआईटी से पूछताछ की। शिमला एसपी कार्यालय में करीब ढाई घंटे चली पूछताछ के दौरान सीबीआई ने एसआईटी के एएसपी नवदीप सिंह और डीएसपी शक्ति सिंह से कई सवाल-जवाब किए। साथ ही सीबीआई ने शिमला पुलिस की एसआईटी से करीब 10 हजार पन्नों का रिकाॅर्ड भी कब्जे में लिया है। वहीं, जांच के दौरान कब्जे में लिए गए मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव समेत अन्य रिकॉर्ड भी लिया। सीबीआई टीम शनिवार को सुबह एसपी कार्यालय पहुंची जहा उन्होंने एसपी शिमला का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सोलन के एसपी गौरव सिंह से मुलाकात की। उसके बाद मामले में जांच आगे बढ़ाते हुए एएसपी और डीएसपी से पूछताछ शुरू की। सुबह करीब 11:20 बजे सीबीआई की टीम एचआरटीसी की टैक्सी में एसपी कार्यालय पहुंची और करीब 2:30 बजे लौटी। साथ ही तलाई में घटनास्थल का दौरा भी कर चुकी है।
विमल नेगी मौत मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगी CBI जांच को लेकर IPS संजीव गांधी ने सरकार के फैसले के खिलाफ लिव इन पुश्त रिव्यू आवेदन (LPA) दायर कर नया मोड़ दे दिया है। इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ़ कर दिया था कि वे सरकार की बात नहीं मानेंगे और जांच में पारदर्शिता की मांग की थी। सरकार ने विवाद बढ़ने के बाद संजीव गांधी को फिलहाल छुट्टी पर भेज दिया है, जिससे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत मिला है। SIT की जांच पर खुद डीजीपी ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की CBI जांच का आदेश दिया था। पुलिस विभाग के अंदर चल रहे अंतर्कलह के बीच संजीव गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस विवाद के कारण सरकार ने संजीव गांधी के साथ-साथ डीजीपी और एसीएस को भी छुट्टी पर भेजा था। हालांकि सरकार ने पहले CBI जांच के खिलाफ न जाने का निर्णय लिया था, लेकिन संजीव गांधी ने सरकार की मंशा के विरुद्ध जाकर कोर्ट में याचिका दायर कर जांच को सशक्त बनाने की मांग की है। भाजपा ने इस कदम को सरकार के इशारे पर जांच में देरी कराने की कोशिश करार दिया है।
**पंजाबी, बॉलीवुड और हिमाचली व स्थानीय कलाकार देंगे अपनी प्रस्तुतियां शिमला ग्रीष्मोत्सव 2025 का आयोजन 01 से 05 जून 2025 तक किया जा रहा है जिसमे पंजाबी, बॉलीवुड और स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मनोरंजन करेंगे। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त एवं अध्यक्ष शिमला ग्रीष्मोत्सव समिति अनुपम कश्यप ने बताया कि प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन मेला क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर किया जायेगा और इस दौरान रिज मैदान को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जायेगा। सांस्कृतिक संध्याओं में यह होंगे मुख्य आकर्षण, अंतिम संध्या में पंजाबी गायक अखिल मचाएंगे धमाल पहली सांस्कृतिक संध्या में बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर निधि रस्तोगी अपनी प्रस्तुति देंगी। इसी प्रकार, दूसरी संध्या हास्य कवि सम्मेलन के नाम रहेगी जिसमें अरुण जैमिनी, सुरेंद्र शर्मा, चिराग जैन, शम्भू चौधरी, वेद प्रकाश और डॉ. सीता सागर अपनी हास्य कविताओं से लोगों को लोटपोट करेंगे। उन्होंने बताया कि तीसरी संध्या हिमाचली संध्या के रूप में आयोजित की जा रही है जिसमें पहाड़ी गायक हनी नेगी और गीता भारद्वाज अपनी प्रस्तुतियां देंगे। चौथी सांस्कृतिक संध्या में फिरदौस बैंड और इंडियन आइडल फेम कुमार साहिल लोगो का मनोरंजन करेंगे। इसी प्रकार, पांचवी व अंतिम सांस्कृतिक संध्या में इंडियन आइडल फेम नेहा दीक्षित, वॉइस ऑफ शिमला की विजेता अंजलि नानक और मशहूर पंजाबी गायक अखिल अपनी प्रस्तुतियां देंगे। एनजेडसीसी पटियाला से 3 राज्यों के कलाकार भी होंगे शामिल उन्होंने बताया कि उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला से 3 राज्यों के सांस्कृतिक दल भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे जिसमें हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर राज्य के दल शामिल रहेंगे। इसके अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में पुलिस रिपोर्टिंग रूम के सामने और एम्फीथियेटर में 2 बैंड और स्थानीय सांस्कृतिक दल भी लोगों का मनोरंजन करेंगे। ड्राइव अगेंस्ट ड्रग्स और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम पर आयोजित होंगी गतिविधियां उपायुक्त ने बताया कि शिमला ग्रीष्मोत्सव का आयोजन ड्राइव अगेंस्ट ड्रग्स और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की थीम पर आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में 01 से 05 जून तक प्रतिदिन पुलिस रिपोर्टिंग रूम के सामने दोपहर 3 बजे महानाटी का आयोजन और इंदिरा गाँधी खेल परिसर में जिला के सभी स्कूलों के छात्रों के लिए टेबल टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा जिसमें दूरदराज क्षेत्र कुपवी और डोडरा-क्वार के स्कूली छात्र भी भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त, फ्लावर शो, बेबी शो इत्यादि का आयोजन भी शिमला ग्रीष्मोत्सव के दौरान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्कूलों में वाद-विवाद, निबंध लेखन, नारा लेखन इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जायेगा।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने बहुतकनीकी प्रवेश परीक्षा (पैट) का परिणाम घोषित कर दिया है। 18 मई को आयोजित इस परीक्षा में प्रदेश भर के 34 से अधिक केंद्रों पर कुल 4215 छात्रों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा में हमीरपुर के अनिकेत वर्मा और शिमला की मन्नत ने संयुक्त रूप से 540 अंक प्राप्त कर प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया। दूसरे स्थान पर त्रिभुवन नरेश शारता रहे, जिन्होंने 521 अंक प्राप्त किए, जबकि बिलासपुर के अश्मित कुमार 515 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रहे। पैट परीक्षा कुल 600 अंकों की थी, जिसमें सही उत्तर के लिए 4 अंक और गलत उत्तर के लिए 1 अंक की कटौती की गई थी। तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव अशोक पाठक ने बताया कि परिणाम घोषित कर दिया गया है और शीघ्र ही काउंसलिंग की तारीखें भी जारी कर दी जाएंगी। अभ्यर्थी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकृत नंबर और पासवर्ड से लॉगिन कर अपना रिजल्ट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए छात्र और अभिभावक बोर्ड की हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड की ओर से लेटरल एंट्री एंट्रेस टेस्ट (लीट) का परिणाम 4 जून तक जारी किया जाएगा। यह परीक्षा 25 मई को प्रदेश के 13 केंद्रों पर आयोजित हुई थी, जिसमें लगभग 1783 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, एक जुलाई से 31 जुलाई तक संस्थानों में गर्मियों की छुट्टियां रहेंगी, जिसके बाद पैट और लीट के प्रवेशित विद्यार्थियों की कक्षाएं शुरू होंगी।
हिमाचल प्रदेश भाजपा का प्रतिनिधिमंडल बुधवार सुबह 11 बजे नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला। इस मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश की वर्तमान स्थिति, खासकर पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच के आदेशों को लेकर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। भाजपा ने सरकार और पुलिस प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाते हुए इस मामले की न्यायसंगत और पारदर्शी जांच की मांग की। भाजपा प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन, सभी सांसद और विधायक भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह मामला केवल एक व्यक्ति की मौत से जुड़ा नहीं है, बल्कि प्रदेश में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था, प्रशासनिक अनियमितताओं, अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार की गंभीर समस्याओं को उजागर करता है। ज्ञापन में भाजपा ने यह सुनिश्चित करने की मांग की कि विमल नेगी की मौत से संबंधित सभी सबूतों से छेड़छाड़ न हो और उन्हें नष्ट न किया जाए। साथ ही, उच्च न्यायालय में प्रस्तुत पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों की रिपोर्ट में छेड़छाड़ के सबूत पाए जाने के कारण संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की गई। इसके अलावा, पुलिस अधीक्षक शिमला द्वारा उच्च अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की गई। भाजपा ने कहा कि सीबीआई जांच का दायरा बढ़ाकर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की भी गहन जांच करवाई जाए, या फिर इस जांच को प्रवर्तन निदेशालय के सुपुर्द किया जाए। साथ ही, प्रदेश में अफसरशाही में अनुशासन लाने के लिए पुलिस अधीक्षक शिमला को बर्खास्त करने की भी मांग की गई। भाजपा का यह कदम प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और प्रशासनिक कुप्रबंधन के प्रति चिंता जताने के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की कोशिश माना जा रहा है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि सरकार और प्रशासन में सुधार के बिना प्रदेश के विकास और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। उन्होंने राज्यपाल से इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया है ताकि प्रदेश में न्याय और शासन व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अपनी जेलों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (ICCC) स्थापित किया है। शिमला के जिला कारागार कैथू में स्थापित यह सेंटर पूरे प्रदेश की 14 जेलों से जुड़ा हुआ है और लगभग 750 CCTV कैमरों की लाइव मॉनिटरिंग करता है। इस हाई-टेक सुरक्षा सिस्टम के तहत यदि कोई कैदी जेल से भागने की कोशिश करता है, आपस में भिड़ता है या जेल की बाउंड्री पार करता है तो कमांड सेंटर में तुरंत अलार्म बज जाता है। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर कैदियों की फोटो और वीडियो तुरंत कैप्चर कर संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेजा जाता है। इससे जेलों में सुरक्षा बढ़ेगी और मानवाधिकारों का उल्लंघन भी रोका जा सकेगा। ICCC की मदद से त्वरित कार्रवाई संभव होगी, जिससे अपराध नियंत्रण में भी सुधार होगा। यह पहल हिमाचल प्रदेश को देश का पहला ऐसा राज्य बनाती है जिसने जेल सुरक्षा के लिए इस तरह का हाई-टेक समाधान अपनाया है। इस कदम से हिमाचल प्रदेश की जेल सुरक्षा व्यवस्था में एक नई क्रांति आएगी और कैदियों की निगरानी तथा नियंत्रण और भी प्रभावी बनेगा।
** मेडिकल टेक्नोलॉजी पर खर्च कर रहे 1350 करोड़ रुपयेः सीएम **मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी और चमियाणा अस्पताल की फैक्लटी के साथ किया संवाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आईजीएमसी शिमला व अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशिलिटी, चमियाणा के फैकल्टी सदस्यों के साथ संवाद करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के विभाग प्रमुखों ने अपनी प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 20 वर्षों से अधिक पुरानी मशीनों और उपकरणों को बदला जाएगा। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा व टांडा मेडिकल कॉलेज में दो माह के भीतर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा को आरंभ कर दिया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें भी स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण मरीजों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी है और मेडिकल टेक्नोलोजी पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनाने को सरकार धन उपलब्ध करवाएगी और मरीजों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी पार्किंग सुविधा को सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य सरकार डॉक्टरों के पदों को भर रही है और नर्सों की भर्ती में कोरोना महामारी के समय काम करने वाली नर्सों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ टेक्नीशियन की भर्ती भी की जा रही है। हम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार डॉक्टर-मरीज अनुपात तथा नर्स-मरीज अनुपात को सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि उन्हें काम के लिए बेहतर वातावरण मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के प्रीमियम स्वास्थ्य संस्थान मात्र रेफरल स्वास्थ्य संस्थान बनकर रह गए हैं, इसलिए इनमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है। आईजीएमसी शिमला में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और आने वाले समय में इसे बेहतर बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये और प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने के कारण हिमाचल प्रदेश पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मरीज हमेशा ठीक होने की उम्मीद लेकर अस्पताल आते हैं, ऐसे में अगर डॉक्टर अच्छे ढंग से उनसे बात करें तो उनकी तकलीफ कम हो जाएगी। डॉक्टरों को अपने व्यवहार में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल ने कहा कि इस तरह के संवाद कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में महत्वपूर्ण होते हैं। सभी मेडिकल प्रोफेशनल राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर काम कर रहे हैं और इसे अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में बहुत तरक्की हो रही है और हिमाचल प्रदेश में आधुनिक मशीनें उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक प्रयास कर रही है, ताकि लोगों को घर-द्वार के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी ने राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक हरीश जनारथा सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान को झारखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को की है। कॉलेजियम ने इसी के साथ मध्य प्रदेश, दिल्ली और पटना हाईकोर्ट के लिए भी नए मुख्य न्यायाधीशों की तैनाती की सिफारिश की है। न्यायाधीश तर्लोक सिंह चौहान अपनी तर्कशीलता और बेबाक फैसलों के लिए न्यायिक क्षेत्र में जाने जाते हैं। उनकी इस नियुक्ति से झारखंड हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली और न्यायिक गुणवत्ता को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट की यह सिफारिश अब केंद्र सरकार को भेजी गई है, जो जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेगी। न्यायाधीशों की इस नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उच्च न्यायालयों में नेतृत्व की भूमिका को सुदृढ़ किया जा सके।
शिमला जिले के हाटकोटी में एक चार मंजिला रिहायशी मकान में भीषण आग लगने से 15 से ज़्यादा कमरे जलकर राख हो गए, जिससे लाखों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे तीसरी मंजिल से भड़की आग ने तेज़ी से पूरे मकान को अपनी चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ और आसपास के घर सुरक्षित रहे। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर फायर ब्रिगेड की प्रतिक्रिया में देरी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि आग लगने की सूचना के करीब एक घंटे बाद दमकल वाहन मौके पर पहुंचे, जबकि हाटकोटी से रोहड़ू की दूरी मात्र 10-12 किलोमीटर है। यह देरी कई लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। यह मकान चार-पांच महीने बनाकर तैयार हुआ था। फिलहाल अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
हिमाचल प्रदेश के रामपुर से सटे कुल्लू जिले के निरमंड ब्लॉक के जगातखाना में शनिवार शाम बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ के साथ आए मलबे में सड़क किनारे खड़े करीब 15 वाहन बहकर सतलुज नदी में पहुंच गए। रामपुर उपमंडल में कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। इससे सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्योति राणा ने बताया कि बादल फटने की घटना कुल्लू जिले के तहत हुई है। रामपुर में भारी बारिश के कारण तीन सड़कें अवरुद्ध हुई थीं। देर रात तक तीनों सड़कों को बहाल कर दिया था।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से परेशान लोगों की आवाज अब सीधे हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। भाजपा विधायक डॉ. जनक राज ने प्रदेश सरकार पर पांगी के साथ 'सौतेला व्यवहार' करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की गुहार लगाई है। शिमला में शनिवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ. जनक राज ने कहा कि अपने एक सप्ताह के पांगी प्रवास के दौरान उन्होंने पाया कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, और अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत सुविधा न होने के कारण मरीजों को उपचार के लिए कुल्लू या जम्मू तक का सफर तय करना पड़ रहा है। विधायक ने आरोप लगाया कि पांगी में विकास नाम की कोई चीज नहीं है और सरकार द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने हिमाचल दिवस समारोह को भी मात्र 'शिष्टाचार' करार दिया, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं पूरी नहीं हुईं और लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। जनक राज ने मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में उद्घाटन किए गए पांगी के मिनी सचिवालय की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उद्घाटन के बाद से ही मिनी सचिवालय बंद पड़ा हुआ है, और मुख्यमंत्री का 15 अप्रैल का दौरा केवल औपचारिकता निभाने जैसा था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र को सरकार जानबूझकर अनदेखा कर रही है। विधायक ने महिलाओं को ₹1500 देने की घोषणा पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि यह पैसा सब्सिडी के रूप में गरीबों के घरों के लिए स्वीकृत हुआ था, जिसे डायवर्ट किया गया। उन्होंने पांगी में मोबाइल नेटवर्क की खराब स्थिति, कई गांवों तक बिजली न पहुंचने और गंदे पानी की आपूर्ति पर भी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि नालों से सीधे पाइप लगाकर बिना फिल्टर के पानी घरों में पहुंचाया जा रहा है, जिससे लोगों के बीमार होने का खतरा बढ़ गया है। हिमस्खलन प्रभावितों की अनदेखी और शिक्षा व्यवस्था का हाल जनक राज ने बताया कि सर्दियों में हिमस्खलन के कारण पांगी की कुमार पंचायत में कई घरों को नुकसान हुआ था, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी प्रभावित परिवारों को कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि अभी तक न तो तहसीलदार और न ही एसडीएम मौके पर पहुंचे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी पांगी की स्थिति दयनीय है, क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। इसके अलावा, किलाड़ से चंबा के लिए चलने वाली बस को कुल्लू में बदला जा रहा है, जिससे लोगों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ रही है। विधायक ने बताया कि इन मुद्दों को विधानसभा में कई बार उठाया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है। अब प्राइवेट स्कूलों के बस पास के मासिक शुल्क में कटौती की गई है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि छात्रों को अब पहले से कम किराया देना होगा, जिससे अभिभावकों पर वित्तीय बोझ कम होगा। उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि पहले बस पास किराए के दो स्लैब थे—0 से 5 किलोमीटर तक ₹1800 और 5 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए ₹2500। अब छात्रों को राहत देने के लिए तीन स्लैब बनाए गए हैं। पहले स्लैब के तहत दूरी को बढ़ाकर 0 से 6 किलोमीटर किया गया है और किराए को ₹600 घटाकर ₹1200 किया गया है। दूसरे स्लैब में 6 से 12 किलोमीटर की दूरी के लिए किराया ₹700 कम करके ₹1800 कर दिया गया है। तीसरे स्लैब में अब 12 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए बस पास किराया ₹2000 होगा। उपमुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि बहुत जल्द छात्रों के लिए बस पास की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि अभिभावकों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने कहा कि हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) जनकल्याण की भावना से सेवाएं दे रही है और यह निर्णय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर अभिभावकों ने उपमुख्यमंत्री का आभार जताया और इस फैसले की सराहना की। इस मौके पर HRTC के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल, निगम के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के अभिभावक उपस्थित रहे।
शिमला: हिमाचल प्रदेश के बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय मौत के मामले में बुधवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए। सुनवाई के दौरान बिलासपुर पुलिस की शुरुआती जांच पर गंभीर सवाल खड़े हो गए, क्योंकि खुद राज्य सरकार ने कोर्ट के सामने यह स्वीकार किया कि बिलासपुर पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में शिमला पुलिस की SIT जांच पर भी सवाल उठाए हैं। डीजीपी द्वारा फाइल किए गए एफिडेविट के आधार पर शिमला पुलिस की जांच की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। कोर्ट ने इस मामले में अहम टिप्पणी करते हुए सरकार से सीधा सवाल किया कि इस मामले की सीबीआई जांच करवाने में उन्हें क्या परेशानी है। यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि हाईकोर्ट वर्तमान जांच की दिशा से संतुष्ट नहीं है। अदालत में हिमाचल प्रदेश सरकार के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि डीजीपी द्वारा पहली SIT का गठन 15 मार्च को किया गया था, लेकिन इसके बावजूद 18 मार्च को बिलासपुर में ASI पंकज ने विमल नेगी के पास मौजूद एक पेन ड्राइव छुपाई। सरकार ने जांच पूरी करने के लिए और समय की मांग की है। इसके अलावा, सुनवाई के दौरान डीजीपी और एसपी के बीच टकराव की बात भी सामने आई, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है। बुधवार को लगभग 2 घंटे 16 मिनट तक चली इस महत्वपूर्ण सुनवाई के बाद, मामले पर अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को शिमला से वर्चुअल माध्यम से जिला हमीरपुर के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को जिला में कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि इन्हें समयबद्ध पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को बेसहारा जानवरों से जुड़ी समस्या का समाधान करने व किसानों को राहत देने के लिए गौ-अभ्यारण्य के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने हमीरपुर-घुमारवीं, नादौन-अम्ब तथा भोटा-ऊना सड़कों के किनारे ई-चार्जिंग व्हीकल स्टेशन स्थापित करने के लिए स्थान चिन्हित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए संबंधित अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नादौन ब्लॉक की ग्राम पंचायत हरेटा में 7 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इको टूरिज्म परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस परियोजना के तहत पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी अधोसंरचना, घास के मैदान, नाइट कैपिंग के लिए ट्री हाउस, कैफेटेरिया और चिल्ड्रन पार्क का विकास किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में रविवार से मौसम करवट बदलेगा। सोमवार को कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से प्रदेश के मौसम में बदलाव आने का पूर्वानुमान है। शनिवार को प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल छाए रहे। मैदानी जिलों में धूप खिली रही। दोपहर बाद शिमला में बूंदाबांदी के अलावा हमीरपुर के कुछ इलाकों में बारिश हुई। ऊना में अधिकतम तापमान फिर 40 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। प्रदेश के 15 स्थानों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से अधिक दर्ज हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार को मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इन स्थानों के तापमान में भी बढ़ोतरी होने के आसार हैं। मध्य और उच्च पर्वतीय जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति के कुछ क्षेत्रों में रविवार को हल्की बारिश की संभावना है। सोमवार को इन जिलों में कुछ जगह ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 21 मई तक यहां मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।
शिमला नगर निगम द्वारा शहर में दुकानों की लीज नवीनीकरण के लिए लागू किए गए नए नियमों के खिलाफ व्यापारियों में भारी आक्रोश है। व्यापारियों का कहना है कि नए नियम उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर देंगे और वे पुराने नियमों के अनुसार ही लीज का नवीनीकरण चाहते हैं। शुक्रवार को शिमला व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल शहरी विधायक हरीश जनारथा से मिला और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। व्यापारियों ने विधायक से नए लीज नियमों में राहत दिलवाने की गुहार लगाई। प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद शहरी विधायक हरीश जनारथा ने तत्काल नगर निगम आयुक्त से इस मामले पर बात की और उनसे व्यापारियों को नए नियमों में राहत प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने व्यापारियों को यह भी आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाएंगे ताकि व्यापारियों के हितों की रक्षा की जा सके। विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि नगर निगम की शहर में कई दुकानें लीज पर दी गई हैं, जिन पर कई व्यापारी 70 वर्षों से काबिज हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा लीज नियमों में किए गए बदलाव में कई ऐसी शर्तें लगाई गई हैं जो व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आयुक्त से बात की गई है और उनसे दुकानदारों से एफिडेविट के आधार पर लीज का नवीनीकरण करने का अनुरोध किया गया है। इसके अतिरिक्त, शहरी विधायक ने शहर में तहबाजारियों के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि तहबाजारियों के लिए शहर में जगह चिन्हित की गई है और वे केवल उन्हीं स्थानों पर बैठ सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शहर में तहबाजारियों को बसाने के लिए उचित स्थान की तलाश की जा रही है और आजीविका भवन में खाली दुकानों पर भी विचार किया जा रहा है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश की शांत वादियों में स्थित घनपेरी गांव, शोघी एक भयानक हत्याकांड से दहल उठा। यहां एक व्यक्ति ने अपनी 26 वर्षीय पत्नी गुलशन की निर्मम हत्या कर दी। इतना ही नहीं, आरोपी ने अपराध को छिपाने के लिए शव को घर के आंगन में ही गड्ढा खोदकर दफनाने और जलाने का भी प्रयास किया। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में आरोपी पति तोता राम को गिरफ्तार कर लिया है। पेशे से सुरक्षा गार्ड तोता राम ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। मामले का पर्दाफाश तब हुआ, जब पड़ोसियों को कुछ असामान्य लगा और उन्होंने तुरंत मृतक गुलशन के परिजनों को सूचित किया। जब परिजन घनपेरी पहुंचे, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। घर के आंगन में एक गहरा गड्ढा खुदा हुआ था और उसमें उनकी बेटी गुलशन का अधजला शव पड़ा था। बिना देर किए, उन्होंने पुलिस को इस भयावह दृश्य की जानकारी दी। पुलिस की टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, फोरेंसिक विशेषज्ञों ने भी मौके से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए, जिन्हें आगे की जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। प्रारंभिक पड़ताल में यह भी सामने आया है कि शव को जलाने के लिए पेंट और लकड़ियों का इस्तेमाल किया गया था, स्पष्ट रूप से शव की पहचान मिटाने के इरादे से। जानकारी के अनुसार, गुलशन और तोता राम ने वर्ष 2020 में विवाह किया था और उनका एक चार वर्षीय मासूम बेटा भी है। मृतक गुलशन के परिजनों ने इस हत्याकांड के पीछे दहेज प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है। गुलशन के भाई ने पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि 14 मई को उनकी मां ने गुलशन को फोन करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। बार-बार प्रयास करने पर भी जब संपर्क नहीं हुआ, तो उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई और वे एक रिश्तेदार के साथ घनपेरी गांव पहुंचे। अक्षय, गुलशन के भाई, ने बताया कि गांव पहुंचते ही उन्हें तोता राम का व्यवहार बेहद संदिग्ध लगा। जब उन्होंने घर के आंगन में देखा, तो वहां खुदा हुआ गड्ढा और उसमें उनकी बहन का जला हुआ शव देखकर उनके होश उड़ गए। परिजनों का मानना है कि गुलशन की पहले हत्या की गई और फिर सबूत नष्ट करने के लिए उसके शव को जलाने का प्रयास किया गया। इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी तोता राम खुद शोघी पुलिस चौकी पहुंचा और अपनी पत्नी के लापता होने की झूठी कहानी सुनाई। लेकिन, पुलिस की त्वरित कार्रवाई और घटनास्थल की जांच ने उसके झूठ का पर्दाफाश कर दिया। बालूगंज थाने में इस जघन्य अपराध के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (हत्या) और 238 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना या अपराध के अपराधी को छिपाने के लिए गलत सूचना देना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। शिमला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी को आज अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि हत्या के मोटिव और अन्य पहलुओं की गहन जांच की जा सके।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चोरी की घटना सामने आई है। इस चोरी में करीब 5 लाख रुपये की नकदी गायब हो गई है। इस वारदात को दुकान के ही एक कर्मचारी ने अंजाम दिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दुकान की कैशियर ममता देवी ने इस घटना की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि 10 मई को दुकान बंद करने के बाद वह अपने घर चली गई थीं। अगले दिन, उन्हें दुकान की मालकिन मंजू सूद का फोन आया, जिन्होंने दुकान से कैश बॉक्स चोरी होने की सूचना दी। इसके बाद ममता देवी ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत मिलते ही पुलिस की टीम तत्काल मौके पर पहुँची और छानबीन शुरू कर दी। जब पुलिस ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जाँच की, तो चोरी का राज खुल गया। सीसीटीवी फुटेज में दुकान में काम करने वाले योगराज नामक कर्मचारी को ही कैश बॉक्स चुराते हुए स्पष्ट रूप से देखा गया। फिलहाल, पुलिस आरोपी योगराज की तलाश में जुट गई है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक कश्मीरी को अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर पाकिस्तान का झंडा लगाना महंगा पड़ गया है। युवक पर आरोप है कि उसने बीते वर्ष अपने WhatsApp स्टेटस पर पाकिस्तान का झंडा लगाया था। पुलिस ने गुप्त सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर का रहने वाला आदिल मगरे शिमला में एक गैस एजेंसी में मजदूरी का काम करता है। बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष उसने अपने WhatsApp स्टेटस पर पाकिस्तान का झंडा लगाया था, जिसका किसी व्यक्ति ने स्क्रीनशॉट लेकर अपने पास सुरक्षित रख लिया था। WhatsApp स्टेटस आमतौर पर 24 घंटे के लिए ही दिखता है और युवक ने भी कुछ देर बाद इसे हटा दिया था। हालांकि, अब इसी पुराने स्टेटस के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने युवक की पहचान आदिल मगरे के रूप में की है, जो शिमला में गैस सप्लाई का काम करता है। पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश में पहले भी पाकिस्तान समर्थक पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले सामने आ चुके हैं। सोलन जिले के कंडाघाट में एक महिला और मनाली व सुन्नी में भी इसी तरह के आरोप लगे थे।
भारत की सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद देश के कई राज्यों में अलर्ट जारी होने और फ्लाइटें रद्द होने का असर अब पर्यटन पर भी दिखने लगा है। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंकाओं के चलते पर्यटक घूमने से परहेज कर रहे हैं, जिसका सीधा प्रभाव पंजाब के पर्यटन पर पड़ रहा है। जिन पर्यटकों ने पहले से ही घूमने की योजना बनाई थी और एडवांस बुकिंग करवा रखी थी वे भी अब अपनी बुकिंग को या तो होल्ड करवा रहे हैं या फिर रद्द कर रहे हैं। लॉन्ग वीकेंड के चलते राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों द्वारा बड़ी संख्या में एडवांस बुकिंग की गई थी। हालांकि, मौजूदा हालात के कारण अब शिमला में ही करीब 50 फीसदी पर्यटकों ने अपनी एडवांस बुकिंग को होल्ड पर रख दिया है, जबकि कई पर्यटक अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से पर्यटक अभी भी शिमला पहुँच रहे हैं, लेकिन अन्य दूर-दराज के राज्यों से आने वाले पर्यटक पहाड़ों की ओर रुख करने से कतरा रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा फिलहाल सभी राज्यों की फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है। जिससे पर्यटकों की आवाजाही और भी सीमित हो गई है। शिमला के एक होटल मालिक इंद्रजीत सिंह ने बताया कि अप्रैल महीने में शिमला में काफी पर्यटक आए थे और मई में भी अच्छी संख्या में पर्यटकों की उम्मीद थी। लॉन्ग वीकेंड के लिए भी पर्यटकों ने एडवांस बुकिंग करवाई थी लेकिन पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक के बाद स्थिति गंभीर बनी हुई है। अब पर्यटक घूमने से हिचकिचा रहे हैं और जिन पर्यटकों ने एडवांस बुकिंग करवाई थी उनमें से कई अब बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में सभी व्यवसायी सरकार के साथ खड़े हैं। वहीं, पर्यटन निगम के जीएम अनिल तनेजा ने बताया कि पर्यटन निगम के होटलों में अभी लगभग 40 फीसदी बुकिंग है। हालांकि, फ्लाइटें स्थगित होने के कारण पर्यटक अब अपनी बुकिंग रद्द करवाने के लिए फोन कर रहे हैं। ज्यादातर पर्यटक अपनी बुकिंग को आगे की तारीखों के लिए स्थगित करवाना चाहते हैं और पर्यटन निगम ऐसे पर्यटकों को उनकी सुविधानुसार आगे की बुकिंग दे रहा है।
सुक्खू सरकार द्वारा लंबी दूरी बसों के किराए में बढ़ोतरी को लेकर नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने सरकार को फिर घेरा है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि किराया बढ़ाना हिमाचल की जनता के साथ नाइंसाफी है। जब से सुक्खू सरकार सत्ता में आई है तब से प्रदेश के लोगों को परेशान करने का जरिया बन गई है। एचआरटीसी आम आदमी की सवारी है, लोग अपने रोजमर्रा के कामों में एचआरटीसी की बसों का इस्तेमाल करते हैं। पहले ‘सुक्खू की सरकार’ ने मिनिमम बसों के किराए में वृद्धि करके आम लोगों के परिवार की जेबों पर महंगाई का बोझ डाला और अब लंबी दूरी के किराए में भी 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे आम लोगों को महंगाई का एक और झटका दे दिया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिमला, धर्मशाला, सोलन, कांगड़ा, डलहौजी, नारकंडा समेत कई जगह बुधवार को बादल बरसे। ऊना में धूप खिलने से अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विभाग ने 11 मई तक हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहने का येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बदले मौसम से अधिकतम तापमान में भी कमी दर्ज हुई है। पहाड़ी क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय मौसम में ठंडक बढ़ गई है। शिमला में बुधवार सुबह के समय मौसम साफ रहा। दोपहर बाद कुछ देर के लिए बादल झमाझम बरसे। शाम के समय फिर शिमला में धूप खिल गई। प्रदेश में कई जगह अंधड़ और ओलावृष्टि से सेब के साथ जौ और गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से प्रदेश में 11 मई तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। मध्य पर्वतीय जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा और मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर व कांगड़ा के कई क्षेत्रों में बारिश और अंधड़ का पूर्वानुमान है। 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने के आसार जताए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को भारतीय सेना द्वारा ‘ऑप्रेशन सिंदूर’ के सफल संचालन के उपरान्त शिमला में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने ‘ऑप्रेशन सिंदूर’ के सफल संचालन के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को बधाई देते हुए कहा कि हमें अपने देश की सेनाओं पर गर्व है। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था, खाद्यान्न आपूर्ति, संचार व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति, आपदा प्रबन्धन, स्वास्थ्य सेवाएं सहित विभिन्न विषयों की विस्तृत समीक्षा की तथा विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। वही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था तथा विभिन्न प्रबन्धों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में भी भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है। उन्होंने विशेष रूप से फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना के टेंडर में धांधली का आरोप लगाया। जयराम ठाकुर का कहना था कि जल शक्ति विभाग ने इस परियोजना के टेंडर में जॉइंट वेंचर पर रोक लगाकर सरकार अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। ठाकुर ने सवाल उठाया कि जबकि केंद्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन, एनएचएआई और बॉर्डर रोड संगठन (बीआरओ) जैसी प्रतिष्ठित केंद्रीय संस्थाएं 100 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स में जॉइंट वेंचर की अनुमति देती हैं, तो हिमाचल सरकार और जल शक्ति विभाग फिन्ना सिंह परियोजना के टेंडर में जॉइंट वेंचर पर रोक क्यों लगा रहे हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने पहले भी कई बार टेंडर की शर्तों में फेरबदल कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का काम किया है, जैसे कि स्कूली बच्चों के लिए बॉटल खरीदने के टेंडर और शिमला की पेय जल परियोजना में शर्तों का बदलाव। इसके अतिरिक्त पेखुवेला के सोलर प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं, जिसमें पॉवर कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक विमल नेगी की मौत हो गई थी, और सरकार उस मामले की सीबीआई जांच से बच रही है। जयराम ठाकुर ने यह भी बताया कि फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 284 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया था, जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा खर्च किया जाना था। इस परियोजना के निर्माण से सुल्याली क्षेत्र की 4025 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे लगभग 60 गांवों को लाभ होगा और क्षेत्र में हरित क्रांति आएगी। ठाकुर ने मुख्यमंत्री से अपील की कि प्रदेश हित में इस परियोजना को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए सरकार को गुणवत्ता को प्राथमिकता देनी चाहिए और धांधली की बजाय सही तरीके से इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इन निर्णयों से प्रदेश के विकास में तेजी आएगी और राज्यवासियों को कई लाभ मिलेंगे। मंत्रिमंडल ने घरेलू सहायिका के रूप में कार्य करने वाली महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। जिन महिलाओं ने 100 दिन काम किया है, वे इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगी। इसके साथ ही, 21 वर्ष या उससे अधिक आयु की बेटियां भी इस योजना में शामिल होंगी और उन्हें 1500 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। कृषि क्षेत्र में भी मंत्रिमंडल ने बड़ा कदम उठाया है। प्राकृतिक खेती से संबंधित उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है। गेहूं और मक्की के एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ ही, हल्दी और जौ के लिए भी नई दरें तय की गई हैं। इसके अलावा, पांगी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल घोषित किया गया है। यह कदम प्रदेश में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए मंत्रिमंडल ने कुछ नए कदम उठाए हैं। सुजानपुर में जल शक्ति विभाग का एक नया मंडल खोला जाएगा और चंबा के पांगी उप-मंडल में आयुर्वेदिक अस्पताल की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, ऊना जिले के पंजावर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदला जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। परिवहन क्षेत्र में भी सुधार की दिशा में कदम उठाए गए हैं। मंत्रिमंडल ने 422 स्टेज कैरिज रूट आवंटित करने का निर्णय लिया है, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे और लोगों को बेहतर परिवहन सेवाएं मिलेंगी। आईटीआई संस्थानों के विलय के फैसले से भी प्रदेश में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में सुधार होगा। सात एसओए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अन्य आईटीआई में विलय किया जाएगा, और सात महिला आईटीआई को भी विलय किया जाएगा। प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई होमस्टे नीति को मंजूरी दी गई है। चंबा जिला के पांगी उप-मंडल में होमस्टे पंजीकरण शुल्क को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है, जिससे यह योजना और अधिक लोगों तक पहुंचेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने जल शुल्क में राहत देने का निर्णय लिया है। 14 नगर पंचायतों और हमीरपुर, ऊना, और बद्दी नगर निगम के विलयित क्षेत्रों में अगले तीन साल तक जल शुल्क ग्रामीण दरों पर लिया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करूणामूलक आधार पर लंबित रोजगार संबंधित मामलों को एक वर्ष के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि इन भर्तियों की पात्रता के लिए वार्षिक आय सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि करूणामूलक आधार पर लंबित मामलों को तीन चरणों में निपटाया जाएगा। पहले चरण में विधवा और 45 वर्ष से कम आयु वाले उन आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके माता-पिता नहीं हैं। इस श्रेणी में वर्तमान में 141 विधवाएं और 159 अनाथ बच्चे शामिल हैं। दूसरे चरण में कम वार्षिक आय वाले पात्र व्यक्तियों को करूणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान किया जाएगा। जबकि तीसरे चरण में शेष पात्र आवेदकों को नौकरी दी जाएगी।बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव एम. सुधा देवी, राकेश कंवर और सचिव विधि शरद कुमार लगवाल भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-3 के अन्तर्गत राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। विभाग को 3,123 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों और 43 पुलों के निर्माण के लिए केन्द्र से 3,345 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है।यह जानकारी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग इन कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्य में अब तक 517.334 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया गया हैै, जिस पर 802.59 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने बताया कि यह ग्रामीण कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने तथा सड़क निर्माण कार्य को समयबद्ध पूर्ण करने की विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत 905 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि 650 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। उन्होंने बताया कि विभाग के बेहतर प्रदर्शन के दृष्टिगत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 2025-26 के लिए बजट आवंटन को बढ़ाकर 1300 करोड़ रुपये करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग पीएमजीएसवाई-4 पर भी सक्रियता से कार्य कर रहा है। अब तक 1,560 आवासीय क्षेत्रों का मैपिंग कार्य पूरा हो चुका है, जिनमें से 1,115 आवासीय क्षेत्रों को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पात्र पाया गया है। इनमें 862 आवासीय क्षेत्रों को पहले ही मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इनमें चरण-1 के तहत 102 आवासीय क्षेत्र भी शामिल हैं। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के साथ 30 अप्रैल, 2025 को हुई बैठक के उपरांत, नेशनल रूरल्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एजेंसी (एनआरआइडीए) की उच्च स्तरीय टीम ने 2 और 3 मई, 2025 को शिमला का दौरा किया। इस टीम ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की और पूर्व में अस्वीकृत किए गए 247 आवासीय क्षेत्रों के सत्यापन के बाद उनकी स्वीकृति पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास 247 आवासीय क्षेत्रों में से 151 के लिए ही भूमि उपलब्ध है, जिसके लिए शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया गया है। राज्य स्वीकृति प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत लगभग 250 विस्तृत परियोजनाएं तैयार कर सकेगा, जिनमें 1400 किलोमीटर लंबी सड़कों का कार्य शामिल होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्य समयबद्ध पूर्ण किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में सोमवार को भी मौसम खराब रहा। प्रदेशभर में मौसम छाए रहे। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंगलवार से तीन दिन तक बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चलने का भी येलो अलर्ट है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से नौ मई तक हिमाचल प्रदेश में बारिश के आसार हैं। सोमवार को येलो अलर्ट के बीच प्रदेशभर में लगभग सभी क्षेत्रों में बादल छाए रहे। कई क्षेत्रों में रविवार रात से लेकर सोमवार तक बारिश होती रही। ऊना जिले में सुबह से बादल छाए रहे। इससे लोगों को तेज धूप व गर्मी से राहत मिली है। हालांकि, दोपहर के समय कुछ देर के लिए हल्की धूप निकली, लेकिन दोबारा आसमान में बादल छा गए। वहीं, कांगड़ा, चंबा, मंडी, हमीरपुर और कुल्लू में भी दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। पिछले 24 घंटों के दौरान कंडाघाट में 74.1, कंडाघाट में 56.2, नयना देवी में 38.6, कसौली में 21.0, शिमला में 19.2, कुफरी में 16.0, गोहर में 12.0, चंबा, राजगढ़ में 12.0 और देहरा गोपीपुर में 11.3 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम केंद्र शिमला के अनुसार मंगलवार को शिमला शहर और आसपास के क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ 30 से 40 किलोमीटर की दर से तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। किन्नौर, चंबा, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन जिलों में भी कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। शिमला में अधिकतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस, जो सामान्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस कम है। सुंदरनगर में 28.0, भुंतर में 27.2, धर्मशाला में 24.1, बिलासपुर में 28.3, हमीरपुर, 31.5, ऊना में 33.0 और सोलन में 23.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अब लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों में कमरे बुक करने के लिए किसी विशेष सिफारिश की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन बना दिया है, जिससे अब लोगों को आसानी से कमरे की बुकिंग करना संभव हो गया है। इसके तहत, उपयोगकर्ताओं को कमरे की बुकिंग के लिए 50 फीसदी राशि एडवांस में जमा करनी होगी। लोक निर्माण विभाग के सचिव, डॉ. अभिषेक जैन के कार्यालय से जारी आदेशों के अनुसार, प्रदेश भर में स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों में ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था लागू की गई है। अब किसी भी विश्राम गृह में कमरे की बुकिंग ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है, जिससे पहले की जटिल प्रक्रिया को दूर किया गया है। यहां एक अहम बात यह है कि विश्राम गृह में वीआईपी रूम की बुकिंग ऑनलाइन नहीं होगी, लेकिन शेष सभी कमरे अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित इन विश्राम गृहों में ठहरने की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं और इसमें भोजन भी उपलब्ध रहता है। वर्तमान सरकार के तहत, विश्राम गृहों में कमरे की कीमतें भी बढ़ाई गई हैं, जो पहले 200 या 250 रुपये में मिलते थे, अब उनकी कीमत 600 रुपये या उससे अधिक हो गई है। बुकिंग का सिस्टम अब 'फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व' के आधार पर होगा, और एडवांस पेमेंट के बाद बुकिंग कन्फर्म हो जाएगी, जिससे पहले की तरह कमरे की बुकिंग और फिर उपयोग न करने की समस्याएं दूर होंगी। इस नई व्यवस्था से न केवल लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को राहत मिलेगी, बल्कि लोगों को भी बेहतर सेवा का अनुभव होगा। पहले वन विभाग के विश्राम गृहों में भी इस प्रकार की ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था शुरू की जा चुकी है, और अब लोक निर्माण विभाग भी इस दिशा में कदम बढ़ा चुका है।
सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंत्रिमंडल ने चिकित्सा अधिकारियों के 81 पदों को भरने की मंजूरी दे दी है। इसमें 68 कैजुअल्टी मेडिकल अधिकारियों (सीएमओ) के पद और 13 अन्य चिकित्सा श्रेणियों के पद शामिल हैं। इन नियुक्तियों से सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में आपातकालीन सेवाओं, ट्रॉमा सेंटर, कैजुअल्टी यूनिट, ब्लड बैंक और कैंसर देखभाल सुविधाओं को और अधिक सशक्त किया जाएगा। इस कदम से जनता को चिकित्सा सेवाओं में बेहतर सुविधाएं और त्वरित उपचार की सुविधा मिलेगी, विशेष रूप से आपातकालीन परिस्थितियों में राहत मिलेगी। इसके अलावा, फोरेंसिक सेवाओं को मजबूती देने के लिए फोरेंसिक सेवा विभाग में 18 योग्य पेशेवरों की भर्ती को भी मंजूरी दी गई है, जिससे अपराध जांच और न्यायिक प्रक्रिया को और भी प्रभावी बनाया जाएगा। साथ ही, कृषि विभाग में कृषि विस्तार के 11 पदों को भरने का निर्णय भी लिया गया है, जिससे किसानों तक अधिक से अधिक सहायता पहुंचाई जा सकेगी। यह सभी नियुक्तियां लोगों को बेहतर सेवाएं देने और प्रशासनिक कार्यों को और अधिक प्रभावशाली बनाने में मदद करेंगी।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों में कार्यरत उन चतुर्थ श्रेणी के अंशकालिक कर्मचारियों को दैनिक भोगी कर्मचारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया, जिन्होंने 31 मार्च, 2025 तक सात वर्ष का निरन्तर कार्यकाल पूरा कर लिया है। बैठक में वन विभाग के वन्यजीव विंग को शिमला से जिला कांगड़ा के धर्मशाला स्थित सीपीडी केएफडब्ल्यू परियोजना कार्यालय भवन में स्थानातंरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ सीपीडी केएफडब्ल्यू परियोजना कार्यालय को वन अरण्यपाल (वन्यजीव) धर्मशाला के खाली भवन में स्थानातंरित करने का निर्णय लिया गया। चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के शुल्क निर्धारण को मंजूरी मिली है। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को परीक्षाओं की फीस तय करने का अधिकार प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने ऊना जिले के चिंतपूर्णी, जिला शिमला के सराहन विशेष क्षेत्र और जिला हमीरपुर के भोटा योजना क्षेत्र के लिए विकास योजनाएं तैयार करने का निर्णय लिया गया ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ लगते क्षेत्रों में अनियंत्रित निर्माण और अव्यवस्थित व्यावसायिक विकास पर अंकुश लगाया जा सके। मंत्रिमंडल ने विभिन्न सरकारी विभागों में (जहां मांग प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है) रिक्त पदों की मांग, चयन प्रक्रिया और नियुक्ति प्रस्तावों से संबंधित नए दिशा-निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की। भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के पहलुओं पर विचार के लिए एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कर्मचारियों की सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू होने के बाद प्रदेश में अनुबंध पर भर्तियां बंद हो गई हैं। लेकिन इसी बीच बहुत से पदों के लिए साक्षात्कार हुए हैं या कई के भर्ती विज्ञापन जारी हो चुके हैं। ऐसे में इन भर्तियों की तहत चयनित अभ्यर्थियों को दो साल तक ट्रेनी कर्मचारी या ट्रेनी अधिकारी के ताैर पर नियुक्ति दी जाएगी। दो साल के बाद सेवाएं नियमित होंगी। मंत्रिमंडल की बैठक में जिला कारागार को मंडी से नेरचौक के नवनिर्मित भवन में स्थानातंरित करने की स्वीकृति दी गई। मंडी के वर्तमान जेल परिसर को महिलाओं की ओपन जेल में परिवर्तित किया जाएगा। इस जेल के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। बैठक में राजस्व विभाग के तहत हिमाचल प्रदेश ऑनलाइन फाइलिंग एंड प्रोसेसिंग ऑफ कोर्ट केस नियम-2025 को मंजूरी प्रदान की गई। इन नियमों के अंतर्गत राजस्व न्यायालय आवेदन, अपील, पुनरीक्षण, समीक्षा आदि अन्य याचिकाएं ऑनलाइन प्राप्त एवं प्रसंस्कृत कर सकेंगे। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाने और कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए निजी ऑपरेटरों की ओर से 18 सीटर टेंपो ट्रैवलर के संचालन के लिए राज्य भर में 350 नए स्टेज कैरिज रूटों के साथ स्थानीय मांग के आधार पर नए अतिरिक्त मार्गों के आवंटन को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने चरण-2 और चरण-3 के तहत एम्स बिलासपुर के विस्तार के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पक्ष में मौजा चंगर पलासियां में 21-09 बीघा भूमि के हस्तांतरण को स्वीकृति प्रदान की। साथ ही चंबा जिले के रेवेन्यू एस्टेट सरोल में 52-17-00 बीघा भूमि को जवाहर नवोदय विद्यालय के संचालन के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को हस्तांतरित करने को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने शिमला जिले में नगर पंचायत सुन्नी को नगर परिषद में स्तरोन्नत करने के संबंध में पूर्व में जारी अधिसूचना को वापस लेने को भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने कैजुअल्टी चिकित्सा अधिकारी के 68 पदों तथा विभिन्न श्रेणियों के 13 पदों सहित चिकित्सा अधिकारियों के कुल 81 पद भरने को मंजूरी दी। यह निर्णय राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन सेवाओं, ट्रॉमा सेंटर, कैजुअल्टी यूनिट्स, ब्लड बैंक तथा तृतीयक कैंसर केयर सुविधाओं को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत लिया गया है। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने कृषि विस्तार सेवाओं का समर्थन करने के लिए विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में विषयवाद विशेषज्ञों के 11 पदों को भरने को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने फोरेंसिक सेवाएं विभाग में फोरेंसिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एफएसीटी और एफएसीटी प्लस के 18 क्वालीफाइड प्रोफेशनल्स की भर्ती करने को स्वीकृति प्रदान की। छोटा शिमला में 14 और 17 मंजिलों वाले दो व्यावसायिक परिसर बनेंगे मंत्रिमंडल ने मोहाल छोटा शिमला, देहात शिमला में 14 और 17 मंजिला दो भवनों के व्यावसायिक परिसर के निर्माण को मंजूरी दी। इस परियोजना का उद्देश्य शहर की बढ़ती प्रशासनिक और वाणिज्यिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आधुनिक सुविधाओं, पर्याप्त पार्किंग और एक बेहतर डिजाइन लेआउट से युक्त विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग के तहत पेयजल आपूर्ति योजनाओं के निष्पादन और रख-रखाव के लिए पंचायतों की ओर से सेवा प्रदाता के रूप में जल शक्ति विभाग को नामित किया।
**सोशल मीडिया पोस्टों से खुली नाराज़गी की परतें **डिप्टी सीएम को अध्यक्ष बनाने की चर्चा! हिमाचल की सियासत में सोशल मीडिया की 'पोस्ट पॉलिटिक्स' ने हलचल मचा दी है। कांग्रेस के भीतर नाराज़गी, घुटन और गुटबाज़ी अब दबी-छुपी नहीं रही—बल्कि फेसबुक पोस्टों के ज़रिए खुलकर सामने आ रही है। स्पष्ट कहें तो कांग्रेस की अंदरूनी बगावत का डिजिटल संस्करण पेश किया जा चुका है। नेताओं द्वारा इशारे पोस्ट किए जा रहे हैं और सियासी माहिर इन्हीं इशारों को समझते हुए कांग्रेस में सियासी उथल-पुथल की अलग-अलग कहानियां गढ़ रहे हैं। पहली पोस्ट आई उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की ओर से। अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा..., 'साजिशों का दौर, झूठ के पांव नहीं होते।' इसके चंद घंटों बाद सीएम सुखविंदर सुक्खू के मीडिया कोऑर्डिनेटर यशपाल शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर लिखा... 'दौर-ए-साजिश तब से आम हो गया, जब से ठाकुर सुखविंदर सुक्खू के नाम से सीएम जुड़ गया।' फिर बीती रात PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर देर शाम एक पोस्ट डाली, इसमें अग्निहोत्री का नाम लिए बगैर लिखा... 'जब आपको हराने के लिए लोग कोशिश करने के बजाय साजिश करने लगें तो समझ लीजिए आपकी काबिलियत अव्वल दर्जे की है।' विक्रमादित्य ने आगे लिखा..., 'आप वीरभद्र सिंह स्कूल ऑफ थॉट के शिष्य हैं, न कभी डरना, न किसी को बेवजह डराना'.. आखिर में 'जय श्री राम' लिखा.. विक्रमादित्य के इस पोस्ट के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। मुकेश और विक्रमादित्य सिंह के बाद यशपाल शर्मा ने फिर से एक पोस्ट डाली, जिसमें लिखा कि 'हेडमास्टर तो बहुत थे, अब प्रिंसिपल आया है (तकलीफ स्वाभाविक)' इसके बाद राजनीति और गरमा गई है। अब इस 'पोस्ट पॉलिटिक्स' के मायने निकालने के लिए कोई सियासी पंडित होना ज़रूरी नहीं..... सियासत की ऊंची दीवारों के पीछे जो चल रहा है उससे हिमाचल का आम आदमी भी पूरी तरह वाकिफ है। सूत्रों की मानें तो मामला सिर्फ नाराज़गी तक सीमित नहीं। चर्चा है कि पार्टी का एक खेमा मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम पद से हटाकर प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता है, लेकिन अग्निहोत्री इस प्रस्ताव को प्रमोशन नहीं, डिमोशन मानते हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें सीएम द्वारा तैनात चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की उनके विभागों में दखलअंदाज़ी भी खटक रही है। यही कारण है कि वो सचिवालय से दूरी बनाए हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, डिप्टी सीएम की हाईकमान से भी शिकायत की गई। इस शिकायत के बाद उन्हें तीन दिन पहले दिल्ली भी तलब किया गया। तब वह प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल से मिलकर वापस लौटे हैं। वैसे कांग्रेस की ये उथल-पुथल कोई नई बात नहीं है। हिमाचल में कांग्रेस पिछले ढाई साल से सत्ता में है.... कांग्रेस को सत्ता तो मिली मगर सत्ता में सुकून कभी नहीं मिला...... ये सरकार शुरुआत से ही तलवार की धार पर चल रही है। कभी कोई नाराज़ हुआ, कभी कोई और। कुछ नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया, तो कुछ को मनाकर जैसे-तैसे रोक लिया गया। मगर इन सारे सियासी झंझटों में एक चेहरा हमेशा सीएम सुक्खू के साथ मज़बूती से खड़ा दिखा.... उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री। संकट की बात यही है कि अब वो शख्स, जो हर संकट की घड़ी में सरकार की ढाल बना, हर मंच पर मुख्यमंत्री के फैसलों का बचाव करता रहा... आज वही ख़ुद नाराज़ है। विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट भी अहम सियासी संकेत है। उन्होंने अग्निहोत्री को वीरभद्र सिंह स्कूल ऑफ थॉट का शिष्य कहकर न सिर्फ उन्हें फिर से ‘होली लॉज’ खेमे से जोड़ा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि पुराने कुनबे को दोबारा संगठित करने की कवायद शुरू हो गई है। कई जानकार इसे 'दबाव की राजनीति' का हिस्सा भी मान रहे हैं। बाकी नेताओं की नाराज़गी शायद कांग्रेस के लिए कोई बड़ी बात न रही हो मगर उपमुख्यमंत्री की नाराज़गी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। अब देखना ये है कि कांग्रेस हाईकमान इन इशारों को समझकर समय रहते कदम उठाता है या फिर हिमाचल की सत्ता में दरार गहराती जाती है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) शिमला के कर्मचारियों का सब्र का बांध टूट गया है। अप्रैल महीने की सैलरी अब तक न मिलने से गुस्साए शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने आज कुलपति कार्यालय के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन किया कर्मचारियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और वेतन में लगातार हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पहले भी सैलरी समय पर न मिलने के कारण उन्हें प्रदर्शन करना पड़ा है। कर्मचारियों ने मांग की है कि हर महीने की पहली तारीख को उनका वेतन जारी किया जाए और अप्रैल का बकाया वेतन तुरंत दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे मजबूरन आंदोलन करने पर उतर आएंगे। शिक्षक संघ हपुटवा के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने वेतन में देरी के लिए शिक्षा सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की वेतन की फाइल पर 10 दिनों से हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं, जिसकी वजह से कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। डॉ. व्यास ने कहा कि सैलरी के लिए बार-बार प्रदर्शन करना पड़ रहा है, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है।
शिमला: राजधानी शिमला के ढली थाना क्षेत्र के शांत इलाके शनान में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। यहां, 22 वर्षीय युवक विजय ने अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक का शव उस वक्त बरामद हुआ जब सुबह उसकी मां उसे जगाने गईं और अंदर से कोई जवाब न मिलने पर परिजनों ने दरवाजा तोड़ा। विजय, जो अपने परिवार के साथ शनान में रह रहा था, पिछली रात करीब 11 बजे अपने कमरे में सोने गया था। जबकि परिवार के अन्य सदस्य दूसरे कमरे में थे। सुबह जब उसकी मां ने उसे आवाज दी तो कमरे से सन्नाटा पसरा रहा। बंद दरवाजे को तोड़कर अंदर दाखिल होने पर, उन्होंने विजय को छत के हुक से लटके हुए पाया। आनन-फानन में उसे नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक वह अपनी जान गंवा चुका था। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि फांसी का फंदा छत में लगे एक हुक से बनाया गया था। मृतक के गले पर गहरे नीले रंग का निशान जरूर था, लेकिन शरीर पर किसी अन्य तरह की चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। ढली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल, विजय के इस खौफनाक कदम के पीछे की वजह रहस्य बनी हुई है। पुलिस हर संभावित कारण की पड़ताल कर रही है और परिजनों से पूछताछ जारी है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है, जिससे आत्महत्या के कारणों का पता लगाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट बदली है। आज दोपहर 1 बजे से राजधानी शिमला समेत कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण दिन में ही अंधेरा छा गया है। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के पांच जिलों, शिमला, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और कुल्लू में बारिश और आंधी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान और ओलावृष्टि की भी संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश में बारिश का यह दौर 4 मई से लेकर 9 मई तक जारी रहने की आशंका है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बीते कल, शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई थी, जिसने सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। फागू, कुफरी, ठियोग, चियोग, कोटगढ़, कुमारसैन और नारकंडा जैसे इलाकों में सेब के साथ-साथ फूलगोभी और मटर की फसलें भी बर्बाद हो गईं। ओलावृष्टि इतनी तेज थी कि सेब के बागों में लगी एंटी हेल नेट भी टूट गईं और सेब के दानों पर गहरे निशान पड़ गए। इसके अलावा, सोलन में टमाटर और सिरमौर में लहसुन की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश भर में हुई ओलावृष्टि से किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश के प्राथमिक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। अपनी मांगों को लेकर 26 अप्रैल से शिक्षा निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन पर बैठे शिक्षकों ने सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार द्वारा आठ शिक्षकों को निलंबित किए जाने के बावजूद, प्राथमिक शिक्षक संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि वे डरने वाले नहीं हैं और जरूरत पड़ी तो आंदोलन को और भी बड़ा किया जाएगा। इस निलंबन के खिलाफ शिक्षक उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने शिमला में प्रेस वार्ता करते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को चौड़ा मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे 900 अध्यापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना और एक दिन का वेतन काटना हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि एसएमसी के अध्यापक भी हर रोज धरने में शामिल होने की बात कह रहे हैं, जिससे सरकार को प्राथमिक शिक्षकों की एकता और ताकत का अंदाजा हो जाना चाहिए। जगदीश शर्मा ने आगे कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव से कई बार बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण स्कूलों में बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने बातचीत के लिए नहीं बुलाया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो शिक्षक निलंबित हो रहे हैं, वे शिमला में आंदोलन में शामिल हो रहे हैं और अगर 25 हजार शिक्षकों को भी निलंबित कर दिया जाए तो शिमला में जगह कम पड़ जाएगी। प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि स्कूलों में ऑनलाइन काम के लिए सिम और डेटा उपलब्ध नहीं करवाया गया तो 15 दिन के बाद ऑनलाइन कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। जगदीश शर्मा ने सरकार पर जानबूझकर स्कूलों को बंद करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्राथमिक शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने वाले नहीं हैं और उनका आंदोलन जारी रहेगा।
शिमला के एक निजी स्कूल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक 17 वर्षीय छात्रा स्कूल में शौचालय जाने के बाद वापस नहीं लौटी। यह मामला जिला शिमला के ढली थाना अंतर्गत संजौली चौकी क्षेत्र का है। छात्रा के रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता होने की सूचना मिलने के बाद स्कूल प्रशासन और परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर पुलिस ने अगवा का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रा ने क्लास टीचर से अनुमति लेकर शौचालय जाने की बात कही थी, लेकिन जब वह काफी समय तक वापस नहीं लौटी तो स्कूल प्रशासन ने उसकी तलाश शुरू की। जब छात्रा स्कूल परिसर में नहीं मिली तो स्कूल प्रबंधन ने तुरंत इसकी सूचना उसकी माता को दी और साथ ही पुलिस को भी सूचित किया। स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि छात्रा बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक गायब हो गई है, जोकि चिंता का विषय है। इस पर छात्रा की माता भी तुरंत स्कूल पहुंची और पुलिस के समक्ष अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर छात्रा की तलाश शुरू कर दी है। इस बाबत ढली थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने छात्रा की तलाश के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पुलिस के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की जा रही है और जल्द ही छात्रा का पता लगाकर उसके परिजनों को सूचित किया जाएगा। वहीं, छात्रा के अचानक लापता होने से स्कूल में सहपाठियों और शिक्षकों में भी चिंता का माहौल है।
हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी टीचर संघ (PTF) ने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि अगले 15 दिनों के भीतर स्कूलों में ब्रॉडबैंड और शिक्षकों को इंटरनेट चलाने के लिए सिम कार्ड उपलब्ध नहीं कराए गए, तो प्रदेश भर के प्राइमरी टीचर ऑनलाइन से जुड़े सभी काम बंद कर देंगे। PTF के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों में सरकार द्वारा दिए गए टैब या तो खराब पड़े हैं या फिर उनमें तकनीकी खराबी आ गई है। इसके अलावा, कई स्कूलों में ब्रॉडबैंड की सुविधा तक नहीं है, जिसके चलते शिक्षकों को ऑनलाइन कार्य करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि विभाग तुरंत सभी स्कूलों में ब्रॉडबैंड की व्यवस्था करे और शिक्षकों को अपने निजी इंटरनेट का इस्तेमाल करने से बचाने के लिए सरकारी सिम कार्ड मुहैया कराए। अध्यक्ष शर्मा ने साफ कहा कि यदि विभाग उनकी इन जायज मांगों को 15 दिन के भीतर पूरा नहीं करता है, तो प्रदेश का हर प्राइमरी टीचर ऑनलाइन शिक्षण और अन्य सभी संबंधित कार्यों का बहिष्कार करने के लिए मजबूर होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी। संघ ने इस संबंध में विभाग को विधिवत नोटिस भी सौंप दिया है। गौरतलब है कि प्राइमरी टीचर संघ पहले से ही शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन के विरोध में आंदोलन कर रहा है। 26 अप्रैल को शिमला में शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने के बाद सरकार ने 10 शिक्षकों को निलंबित कर दिया था और कई अन्य पर एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इस कार्रवाई के बावजूद, शिक्षकों का हौसला कम नहीं हुआ है। अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक शिक्षक इस तरह के तानाशाही रवैये के आगे झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार बातचीत के लिए आगे आती है, तो संघ हमेशा वार्ता के लिए तैयार है। उन्होंने 26 नवंबर के पूर्व के धरने का हवाला देते हुए कहा कि उस दिन किसी भी शिक्षक ने किसी का रास्ता नहीं रोका था, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। इसके बावजूद, विभाग ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करवाई, जो कि निंदनीय है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के लगभग 22 हजार प्राइमरी टीचर शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन और कुछ अन्य मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। 26 अप्रैल को शिक्षा विभाग की चेतावनी को दरकिनार करते हुए शिक्षकों ने शिमला के चौड़ा मैदान में विशाल धरना प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विभाग ने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए 10 शिक्षकों को निलंबित कर दिया। अब धरने में शामिल अन्य सभी शिक्षकों की सूची भी तैयार की जा रही है और उनका एक दिन का वेतन काटने की तैयारी है। इसके साथ ही, धरने के दौरान सरकार और अधिकारियों की आलोचना करने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है | शिक्षकों का आरोप है कि निदेशालय के पुनर्गठन की प्रक्रिया में उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। उनका कहना है कि पुनर्गठन से पहले शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के साथ कई बैठकें हुईं, लेकिन किसी भी बैठक की कार्यवाही को सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे शिक्षकों में यह डर पैदा हो गया है कि निदेशालय के पुनर्गठन से उनके अधिकारों का हनन हो सकता है। अब शिक्षक अपनी मांगों के पूरी होने तक हड़ताल खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।