मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां सूचना एवं जन सम्पर्क, उत्तर पूर्व परिषद्, के निदेशक अजय पराशर द्वारा लिखित दो पुस्तकों ‘जालंधर पीठ का रहस्य’ और ‘मुश्तरका खाता’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इन पुस्तकों के संकलन में लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ‘जालंधर पीठ का रहस्य’ पाठकों का हिमाचल प्रदेश की विभिन्न पीठों के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्त्व के बारे में ज्ञानवर्धन करेगी। ‘मुश्तरका खाता’ रोजमर्रा की जिन्दगी के विभिन्न आयामों को दर्शाती 16 लघु कहानियों का संग्रह है, जो स्थानीय संस्कृति एवं इतिहास की समझ बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी। अजय पराशर ने विमोचन एवं उत्साहवर्धन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
**कलाकार देंगे रूद्र ताल, झपताल और तीन ताल की प्रस्तुतियां शिमला: राजधानी के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में कला संगम शिमला की ओर से सेलेस्टियल रिदम्स एक शास्त्रीय नृत्य संध्या का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर प्राचीन कला केंद्र के सचिव सेजल कौशल बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। शिमला में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के आयोजक पूनम शर्मा ने बताया की 21 सितंबर को कार्यक्रम शाम 5:00 बजे से शुरू होगा। इसमें कला संगम डांस एकेडमी के करीब 60 से 70 विद्यार्थी भाग लेंगे। इसमें रूद्र ताल, झपताल और तीन ताल प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अलावा विदुषी समीर कौशल और उनके विद्यार्थियों की ओर से चतुर अंग शास्त्री नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। कला संगम डांस एकेडमी की अध्यक्ष पूनम शर्मा का कहना है कि वह पिछले 35 वर्षों से विद्यार्थियों को शास्त्रीय नृत्य सिखा रही है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना और कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान करना है।
**संजौली में हुए लाठीचार्ज पर जताया विरोध शिमला: संजौली में स्थित कथित अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शनों का दौर अभी भी जारी है। इसके साथ ही संजौली में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर हिंदू संगठनों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। मंडी, कुल्लू, बिलासपुर के बाद जिला शिमला में उपमंडल चौपाल के नेरवा में आज हिंदू संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। नेरवा बाजार में सुबह हिंदू संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं ने हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रांत महामंत्री के नेतृत्व में विरोध रैली निकाली। इस प्रदर्शन में करणी सेना और कई हिंदू संगठन शामिल रहे। हिंदू संगठनों ने अवैध प्रवासियों की समस्या को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही अवैध प्रवासियों के साथ किसी तरह का मेलजोल न रखने की बात कही। हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष कमल गौतम का कहना है कि, ' उनकी लड़ाई हिमाचल के अल्पसंख्यकों के साथ नहीं है। ये लोग लंबे समय से हमारे साथ रहे हैं, लेकिन प्रदेश में जगह-जगह बाहर से आए अवैध प्रवासी दिन प्रतिदिन हिमाचल के व्यापार, जमीनों पर कब्जा करते जा रहे हैं। ये आने वाले दिनों में हिमाचल के लिए खतरे की घंटी है। 11 सितंबर को संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद पूरे हिमाचल में इसे लेकर प्रदर्शन हुए थे। संजौली में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने बिना किसी कारण के लाठियां बरसाई हैं, जिसमें 11 लोगों को चोटें आई थीं। पुलिस शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों को भी रोक रही है और जनता की आवाज को दबाना चाहती है। इसी को लेकर नेरवा में आज लोग इकट्ठे हुए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई है। वहीं, हिंदू संगठनों ने मांग की है कि सरकार संजौली स्थित अवैध मस्जिदों को जल्द हटाए और बाहर से आने वाले अवैध प्रवासियों पर नजर रखे और उनका रिकॉर्ड पुलिस के पास होना चाहिए। हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार समय रहते कार्रवाई नहीं करती है तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन पूरे प्रदेश में तेजी से फैलेगा। इसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी।
जिला शिमला के कोटखाई थाना के तहत चिट्टे की एक बड़ी खेप पकड़ी गई है। ऊपरी शिमला के खड़ापत्थर में जम्मू और कश्मीर के जिला कुपवाड़ा निवासी मुद्दासिर अहमद से 460 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया है। सम्भवत ये हिमाचल में चिट्टे की सबसे बड़ी खेप है। पुलिस थाना कोटखाई के अनुसार मुद्दासिर अहमद नामक व्यक्ति चिट्टे की इस खेप को रोहड़ू में सप्लाई करने जा रहा था। कोटखाई पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। शिमला पुलिस ने अपने आधिकारिक पेज पर इस बरामदगी की सूचना साझा की है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने मामले की पुष्टि की है। एसपी शिमला ने बताया, आज सुबह पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी की एक व्यक्ति नशे की खेप से कहीं जा रहा है। खड़ापत्थर में सीआईडी ने जम्मू कश्मीर के गांव भातपुरा, जिला कुपवाड़ा निवासी मुद्दासिर अहमद से 460 ग्राम चिट्टा बरामद किया है। मुद्दासिर चिट्टे की इस खेप को रोहड़ू में चिट्टा माफिया को देने वाला था। कोटखाई पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
** हिमाचल में उपजे विवाद से करवाया अवगत ** सीएम को फोन कर घटनाओं को रोकने के केसी वेणुगोपाल ने दिए निर्देश हिमाचल प्रदेश के शिमला में मस्जिद विवाद के बाद पूरे प्रदेश में हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन किए जा रहे है। प्रदेश भर में मस्जिदों के बाहर नारेबाजी की जा रही है, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है। वही इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष इकबाल मुहमद की अगवाई में एक मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुचा, जिसमे कई मस्जिदों के इमाम भी शामिल थे । प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी से मुलाकात की और उन्हें प्रदेश की स्थिति से अवगत करवाया ओर कहा कि हिमाचल में खास कर एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है आए दिन मस्जिदों के बाहर प्रदर्शन किए जा रहे है, जिससे मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल बनाया जा रहा है और माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। वही इमरान प्रतापगढ़ी ने प्रतिनिधि मंडल को कांग्रेस महासचिव कैसी वेणुगोपाल के पास लेकर पहुचा और हिमाचल में एक समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं को रोकने की अपील की। वही मौके से ही वेणु गोपाल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से फोन पर बात की और इन घटनाओं को रोकने के निर्देश दिए। केसी वेणुगोपाल ने आश्वासन दिया कि कॉंग्रेस पार्टी आपसी सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध है और राहुल गॉंधी के मुहब्बत के नारे के साथ न्याय करने के लिए पुरज़ोर कोशिश कर रही है।
** प्राइवेट होटलों में दिया जा रहा डिस्काउंट हिमाचल प्रदेश में अब बर्फ से ढकी चोटियां पर्यटकों को आकर्षित करने लगी हैं। लाहौल-स्पीति और मनाली की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी होने से बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली में अब ऑक्यूपेंसी 30 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। इसके अलावा अन्य राज्यों से आने वाले टूरिस्ट व्हीकल का आंकड़ा भी 500 के पार हो गया हैं। इस वीकेंड में पर्यटन कारोबारियों को ऑक्यूपेंसी बढ़ने की उम्मीद है। अन्य राज्यों से मनाली पहुंचने वाली लग्जरी बसें का आंकड़ा 35 के पार हो गया। वहीं, रोहतांग पास में भी पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। बीते दिन भी लगभग 115 टूरिस्ट व्हीकल रोहतांग पहुंचे। इसके अलावा सैलानियों को कुल्लू-मनाली के निजी होटलों में 30 से 40 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जा रहा है। वहीं, पर्यटन कारोबारी भी दशहरा सीजन को लेकर आकर्षक पैकेज बनाने में जुट गए हैं। मनाली के पर्यटन कारोबारी दलीय, चुनी लाल, प्रताप व प्रेम ने बताया कि बीते दिन मनाली में पर्यटकों की बाहरी राज्यों से 35 लग्जरी बसें पहुंचीं। बरसात के चलते पर्यटन कारोबार चौपट गया था। सितंबर के पहले सप्ताह में लग्जरी बसों की संख्या 10 तक रह गई थी। इससे पहले अगस्त में मनाली के होटलों में ऑक्यूपेंसी 15 प्रतिशत थी, जो कि अब 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि इस वीकेंड पर इसमें और ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद है। मनाली में अब पर्यटन कारोबारी नवरात्रि की तैयारी में जुटे है। स्नो वैली रिजॉर्ट के एमडी विम्पी बक्शी, मनाली ग्रैंड के मैनेजर हैप्पी, ग्लेशियर रिजॉर्ट के मैनेजर किशन व माहीन काटेज के मैनेजर राजू ने बताया कि कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान पर्यटन कारोबार में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि निजी होटलों में 30 से 40 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। होटल एसोसिएशन मनाली के उपाध्यक्ष रोशन ठाकुर ने कहा कि इस बार दशहरा सीजन बेहतर चलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मनाली के पर्यटन कारोबारी दशहरा व दिवाली सीजन की तैयारी में जुट गए हैं।
** न्यायमूर्ति राजीव शकधर की सिफारिश निरस्त शिमला: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर मोस्ट जज न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे। इससे पूर्व न्यायमूर्ति राजीव शकधर को हिमाचल हाईकोर्ट का सीजे नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी। इस सिफारिश को अब निरस्त किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के नाम की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी है। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को वर्ष 2011 में 30 सितंबर को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इस समय हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव हैं। न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का स्थानांतरण हुआ है। उनके स्थान पर नया सीजे नियुक्त होना है। इसके लिए पहले न्यायमूर्ति राजीव शकधर के नाम की सिफारिश हुई थी। न्यायमूर्ति राजीव शकधर इसी साल 18 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट से सेवानिवृत हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इसी साल 11 जुलाई को राजीव शकधर के नाम की सिफारिश हिमाचल हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर की थी। उस सिफारिश को अब निरस्त किया गया है। अब नई सिफारिश के अनुसार न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को नियुक्त करने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से ये सिफारिश की है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को 18 अक्टूबर को न्यायमूर्ति राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाए। यहां बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति एमएस रामचन्द्र राव ने मई 2023 में कार्यभार संभाला था। पिछली सिफारिश के तहत उन्हें झारखंड के मुख्य न्यायाधीश बनाने की बात कही गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश के सात राज्यों में हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की थी।
** प्रदेशभर में खोले 19 खरीद केंद्र हिमाचल में खरीफ सीजन में तैयार हो रही धान की फसल को बेचने के लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। किसानों को घर द्वार पर धान की फसल बेचने की सुविधा मिल सके, इसके लिए सरकार ने 19 खरीद केंद्र खोले हैं। इन केंद्रों में किसान अपनी सुविधा के मुताबिक धान की फसल को बेच सकते हैं। यही नहीं किसान समय पर अपनी फसल को बेच सके, इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने धान की फसल की खरीद करने के लिए बुकिंग का पोर्टल भी खोल दिया हैं। इस तरह से किसान धान की फसल बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। धान की खरीद के लिए पोर्टल खुलने के साथ ही किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण करना शुरू कर दिया है। विभाग ने किसानों का पंजीकरण करने के लिए hpappp.nic.in पोर्टल का लिंक तैयार किया हैं। हिमाचल में किसानों से सरकार धान की फसल खरीदेगी। विभाग के इस पोर्टल पर धान खरीद से जुड़ी पूरी जानकारी उपलब्ध है। प्रदेश भर में स्थापित किए गए 19 केंद्रों में 10 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक धान की खरीद की जाएगी। किसानों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए सरकार ने अबकी बार धान की फसल का खरीद मूल्य 2320 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। हिमाचल प्रदेश में धान खरीद के लिए 19 केंद्र बनाए गए है। इसमें एचपीएससीएससी चिड़गांव जिला शिमला, अनाज मंडी फतेहपुर, पांवटा साहिब धौलाकुंआ जिला सिरमौर, एपीएमसी रामपुर, मलपूर बद्दी जिला सोलन, रियाली, एचपीएससीएससी गोडाऊन कवार, एचपीएससीएससी गोडाऊन सलूणी जिला चंबा, एचपीएससीएससी गोडाऊन शिलाई, एचपीएससी एससी गोडाऊन तीसा, मार्केट यार्ड नालागढ़, एचपीएससीएससी गोडाऊन ददाहू, एचपीएससीएससी गोडाऊन हरिपुरधार जिला सिरमौर, मार्केट यार्ड टकारला, मीलवां, नगरोटा बगवां जिला कांगड़ा, रियाली, औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल जिला ऊना में धान खरीद केंद्र बनाए हैं।
हिमाचल प्रदेश के जो युवा पुलिस कांस्टेबल बनने की इच्छा पाले हुए हैं, उनके लिए एक सुख की खबर है। हिमाचल प्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग जल्द ही कांस्टेबल के करीब 1250 पदों की भर्ती विज्ञापित करने वाला है। इसके लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इस तरह एक साल बाद इंतजार खत्म होने वाला है। सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 14 सितंबर 2023 को 1226 पद भरने के कैबिनेट में फैसला लिया था। उसके बाद कई अड़चनों के कारण भर्ती नहीं हो सकी। बाद में पदों की संख्या भी बढ़ाई गई और आयु सीमा में भी छूट दी गई। पहले ये भर्ती पुलिस विभाग अपने स्तर पर करता था, लेकिन पूर्व की जयराम सरकार के समय हुए विवाद के बाद पुलिस मुख्यालय ने भर्ती प्रक्रिया से हाथ खींच लिया था। उसके बाद भर्ती का जिम्मा राज्य लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग ने इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार करने का फैसला लिया। इसके लिए आयोग ने एनआईसी (नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर) की मदद ली है। ये सॉफ्टवेयर बनकर तैयार हो गया है। आयोग ने इस सॉफ्टवेयर को विभिन्न स्तरों पर परखा है। अब लोकसेवा आयोग इस सॉफ्टवेयर की प्रक्रिया से संतुष्ट है और जल्द ही पदों को विज्ञापित किया जाएगा। विज्ञापन के समय भर्ती संबंधी सभी शर्तों को जारी किया जाएगा। उम्मीद है कि इसी महीने के अंत में पद विज्ञापित हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग पहली बार क्लास थ्री पदों पर भर्ती कर रहा है। पुलिस कांस्टेबल के ये पद क्लास थ्री के तहत आते हैं। आयोग के चेयरमैन कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर खुद आईपीएस रह चुके हैं। वे भारतीय सेना में कैप्टन भी रहे है। अपनी स्वच्छ छवि, भारतीय सेना की बैकग्राउंड और आईपीएस अफसर की सेवा के अनुभवों के कारण कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर फूल प्रूफ सिस्टम तैयार करने में विश्वास रखते हैं। वे तकनीकी मामलों में भी सिद्धहस्त हैं इसलिए किसी भी प्रकार के सॉफ्टवेयर की जानकारी रखते हैं। उनकी अगुवाई में आयोग पहली बार क्लास थ्री पदों की भर्ती कर रहा है। ऐसे में युवाओं में भी आयोग की भर्ती प्रक्रिया में भरोसा है। इस बार सुखविंदर सिंह सरकार ने कांस्टेबल भर्ती में महिलाओं का कोटा बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया है। महिला कांस्टेबल के कुल 292 पद होंगे। इस बार की भर्ती में ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर दौड़ को भी जोड़ा गया है। आयु सीमा में एक साल की छूट दी गई है। इसके अलावा पुरुष कांस्टेबल के पदों की संख्या 870 रहेगी। चालकों सहित अन्य पद भी भरे जाने है। राज्य सरकार ने इस साल जून महीने में हुई कैबिनेट भर्ती में 1226 पदों में 30 पद और जोड़े हैं। पहले ये पद जिलावार विज्ञापित होते थे और जिलावार ही भर्ती भी होती थी, लेकिन इस बार भर्ती स्टेट वाइज होंगीं। इस भर्ती में पूर्व की तरह ही फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट्स की जांच आदि भी पुलिस ही करेगी।
शिमला: विधानसभा मानसून सत्र के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया ने अतारांकित प्रश्न संख्या 996 में आयुष मंत्री से सवाल पूछा था कि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सरकार कितनी धनराशि ईनाम के तौर पर प्रदान कर रही है। खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रुप में कितनी धनराशि और अन्य कौन-कौन सी सुविधाएं सरकार की ओर से प्रदान की जाती हैं। सरकार की ओर से लिखित जानकारी में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए स्वर्ण जयंती खेल नीति-2021 बनाई गई है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सरकार की ओर से इनाम राशि प्रदान की जा रही है। हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए दैनिक भत्ते एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। खिलाड़ियों को रोजाना डाईट मनी भी दी जाती है। खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों को डाईट राशि 250 रुपये प्रतिदिन की दर से निर्धारित की है। खिलाड़ियों को विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 200 किलोमीटर की दूरी की यात्रा के लिए थर्ड एसी के किराये की प्रतिपूर्ति की जाती है। 200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी के लिए इकॉनमी क्लास की हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। विभिन्न श्रेणी के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सीधी भर्ती के अर्न्तगत विभिन्न सरकारी विभागों/ बोर्डों/निगमों में 3 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। वर्ष 1999 से अब तक कुल 889 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उक्त योजना के अर्न्तगत रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को बीमा चिकित्सा सुविधा एवं खेल किट इत्यादि प्रदान की जा रही है। विभाग में खिलाड़ी कल्याण कोष की स्थापना की गई है, जिसके अर्न्तगत अर्न्तराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करते समय यदि किसी खिलाड़ी को चोट लगती है तो उसे 10 हजार से 25 हजार रूपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
** मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट ** 24 सितंबर के बाद मॉनसून की विदाई की संभावना हिमाचल प्रदेश में अभी मॉनसून की बौछारों से राहत मिलने के आसार नही है। भले ही प्रदेश में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, बावजूद इसके सितंबर माह में जमकर बारिश हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने 18-19 सितंबर को येलो अलर्ट जारी किया है। 20 सितंबर के बाद बारिश के इस क्रम से राहत मिलने की संभावना है, लेकिन मध्यवर्ती क्षेत्रों में 24 सितंबर तक कुछ क्षेत्रों में मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश की संभावना जताई है। वहीं प्रदेश से मानसून की विदाई 24 सितंबर के बाद होने की संभावना है।राजधानी में आज दिनभर बादलों की लुक्का छिप्पी जारी रही और रुक रुक कर हल्की वर्षा होती रही मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने कहा कि गत 24 घण्टों के दौरान सोलन, सिरमौर, मंडी, बिलासपुर, शिमला व कांगड़ा में हल्की बारिश दर्ज की गई है।
** 283 करोड़ की लागत बनकर होगा तैयार जिला कुल्लू में विरोध के बावजूद भी बिजली महादेव रोपवे को वन संरक्षण अधिनियम (FCA) के तहत पहले चरण की अनुमति मिल गई है।अनुमति मिलते ही अब रोपवे बनने का रास्ता साफ हो गया है। रोपवे का निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड करेगी। निर्माण कंपनी को काम अवार्ड कर दिया गया है। वहीं, अब जिला कुल्लू की खराहल घाटी में स्थित बिजली महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा और पर्यटक भी आसानी से यहां पहुंच पाएंगे। एफसीए के तहत परमिशन मिलने के बाद अब जल्द यहां पर रोपवे तैयार किया जाएगा. वहीं, रोपवे के बन जाने से घाटी के पर्यटन को भी पंख लगेंगे। इस रोपवे के बनने से 36 हजार पर्यटक एक दिन में बिजली महादेव के दर्शन कर सकते हैं और यहां के पर्यटन को भी इससे काफी लाभ होगा। दशकों से लटके बिजली महादेव प्रोजेक्ट को अब जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा। इसके लिए काम किया जा रहा है। ऐसे में कुल्लू जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये एक अहम कड़ी का काम करेगा। पांच मार्च 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल हमीरपुर से रोपवे का भूमि पूजन किया गया था। रोपवे बन जाने के बाद पर्यटक बिजली महादेव का सफर आसानी से कर सकेंगे। रोपवे ब्यास नदी के किनारे नेचर पार्क मौहल के साथ बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 2.33 किलोमीटर होगी। अभी तक बिजली महादेव के दर्शन करने के लिए 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बिजली महादेव का दौरा तब किया गया था, जब वह प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे। उन्होंने चार जून 2000 को बिजली महादेव मंदिर में माथा टेका था। पांच नवंबर 2017 को वह कुल्लू आए थे। इस दौरान एक जनसभा में बिजली महादेव का जिक्र भी किया था। बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे बनाने का उनका ये सपना जल्द पूरा होने वाला है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि बिजली महादेव रोपवे के बन जाने से स्थानीय लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा। कुल्लू से वाया रामशिला होते हुए रास्ते में जिन लोगों की दुकानें, ढाबे, होटल, रेस्तरां आता है, उन सभी को रोजगार चौपट हो जाएगा। इसके अलावा रोपवे के लिए पेड़ों का भी कटान किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा, जबकि इसका लाभ बड़ी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया है।
** न्यू शिमला पुलिस थाना भी पैदल हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सेशन संपन्न हुआ है। इस बार सेशन में 480 तारांकित व 299 अतारांकित सवाल पूछे गए। वहीं, सेशन में सरकार ने कुल 25 बिल पारित किए हैं। कांगड़ा जिले की इंदौरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने 10 सितंबर को 999 प्रश्न संख्या (क) के तहत मुख्यमंत्री सीएम सुक्खू से प्रदेश के पुलिस थानों में स्थायी वाहनों को लेकर सवाल किया। विधायक ने सीएम से डिटेल मांगी थी कि प्रदेश में ऐसे कितने पुलिस थाने हैं, जिनके पास स्थायी वाहन नहीं है। अपने एक अन्य सवाल में विधायक ने पूछा था कि क्या यह सत्य है कि पुलिस थाना इन्दौरा में स्थायी वाहन नहीं है, यदि हां तो वाहन कब तक उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने इन दोनों प्रश्नों का जवाब देते हुए डिटेल दी और कहा प्रदेश में कुल 23 पुलिस थाने ऐसे हैं जिनके पास स्थाई वाहन नहीं है। दूसरे सवाल के जवाब में सीएम ने कहा जी हां पुलिस थाना इन्दौरा के पास अपना स्थायी वाहन नहीं है। पुलिस थाने को वाहन उपलब्ध करवाने के लिए मामला प्रगति पर है।
उपमंडल चौपाल के अंतर्गत नेरवा के समीप नेवटी लखावटी सड़क मार्ग पर एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। कार में दो लोग सवार थे। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इस सड़क दुर्घटना में नेवटी निवासी 29 वर्षीय युवती की दुखद मृत्यु हुई है, जबकि नेवटी निवासी ही 30 वर्षीय युवक घायल है। स्थानीय लोगों और पुलिस की सहायता से घायल को सिविल अस्पताल नेरवा पहुंचाया गया,जहां से प्राथमिक उपचार के बाद आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है। हादसा सांय करीब 7 बजे के बाद हुआ। प्रशासन की तरफ से मृतक युवती और घायल युवक के परिजनों को फौरी सहायता प्रदान की गई है। हादसे के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है।
शिलाई: भाषा एवं संस्कृति विभाग शिमला द्वारा ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में 'राजभाषा हिंदी अभियान' के तहत 'राज्य स्तरीय अन्तर महाविद्यालय' समारोह का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के अंर्तगत निबंध, कविता वाचन, भाषण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं करवाई गई,जिसमें प्रदेश भर के अंतर महाविद्यलयों के छात्रों ने भाग लिया। राजकीय महाविद्यालय शिलाई हिन्दी विभागाध्यक्ष आरके ठाकुर ने बताया कि रिज मैदान पर स्थित गेयटी थियेटर में आयोजित "राजभाषा हिंदी" अभियान के तहत हुए समारोह में शिलाई महाविद्यालय की छात्रा विनाक्षी ठाकुर एमए हिंदी तृतीय सेमेस्टर ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया है, जिस के लिए महाविद्यालय प्रबंधन ने क्षेत्र का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी तथा सम्मानित किया। राजभाषा हिन्दी कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार और सरकारी कामकाज में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए चलाया गया एक विशेष अभियान है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दी को देश की राजभाषा के रूप में स्थापित करना और इसे विभिन्न सरकारी, प्रशासनिक, और न्यायिक कार्यों में प्राथमिक भाषा के रूप में लागू करना है। हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए राजभाषा अधिनियम 1963 लागू किया गया, जिसमें यह निर्धारित किया गया कि केन्द्र सरकार के कामकाज में हिन्दी का अधिकतम उपयोग होना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से कम बरसा है, लेकिन बीते सप्ताह जमकर बादल बरसे है। 10 से 16 सितंबर के बीच सामान्य से 48 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में किन्नौर जिले में नॉर्मल से 169 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और अधिक ऊंची चोटियों पर सीजन पर पहला हिमपात भी हुआ। वहीं सोलन जिले में नॉर्मल की तुलना में 160 प्रतिशत अधिक, शिमला में 139 प्रतिशत ज्यादा, बिलासपुर में 142 प्रतिशत, कांगड़ा में 52 प्रतिशत, कुल्लू में 75 प्रतिशत, मंडी में 87 प्रतिशत और सिरमौर में 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन में 18 प्रतिशत कम बारिश पूरे मानसून सीजन की बात करें तो इस बार सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 16 सितंबर के बीच 692.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 567.2 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। आज धूप, कल बारिश मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में आज भी बारिश के आसार नहीं है और ज्यादातर भागों में आज भी धूप खिलने का पूर्वानुमान है। बुधवार को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। परसों से यानी 19 से 22 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा।
** नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं ** भाजपा सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाएगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रेस वक्तव्य में कहा कि नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के सौ दिनों में देश में 15 लाख करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। मात्र सौ दिन में विकास की ऐसी गाथा लिखने की क्षमता सिर्फ़ दुनिया में अकेले नरेन्द्र मोदी के अंदर है। प्रधानमंत्री द्वारा भारत के विकास के लिए किए जा रहे विकासात्मक कार्य विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। परफॉर्मेंस और टाइमली डिलीवर करने की जो राजनीति नरेन्द्र मोदी ने शुरु की उसका परिणाम आज देश के सामने हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आज दुनिया के सभी देश भारत की तरफ़ आशा भरी नज़रों से देख रहे हैं। नरेंद्र मोदी के पिछले दो कार्य कालों की तरह तीसरा कार्यकाल भी ऐतिहासिक होगा। नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के दौरान स्पष्ट कहा था कि तीसरा कार्यकाल भारत के निर्माण का स्वर्णकाल होगा। दो कार्यकालों में जो सुधार और नीतिगत व्यवस्थाएं की गई है उसका लाभ समूचे देश को मिल रहा है। आने वाला समय हर लिहाज़ से ऐतिहासिक होगा। अपने कहे गए एक-एक शब्द को अक्षरशः लागू करने के लिए नरेन्द्र मोदी बधाई के पात्र हैं। नेता प्रतिपक्ष ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन की शुभ कामनाएं दी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री के जन्मदिन को भारतीय जनता पार्टी 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाएगी। 17 सितंबर को प्रदेश के सभी 17 संगठनात्मक जिलों में युवा मोर्चा के नेतृत्व में रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे और प्रदेश के सभी पोलिंग बूथों पर भाजपा कार्यकर्ता स्वच्छता अभियान करेंगे और साथ ही अपने-अपने पोलिंग बूथ पर सदस्य बनाने का कार्यक्रम करेंगे।
गुजरात के गांधीनगर में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने किया सम्मानित जल विद्युत क्षमता में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए हिमाचल प्रदेश को वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो में समग्र जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य से सम्मानित किया गया। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज गुजरात के गांधीनगर में आयोजित वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो में हिमाचल प्रदेश को प्रमाण-पत्र प्रदान किया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक नीरज नैयर ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस उपलब्धि पर बधाई देते कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कारगर कदम उठा रही है और इसके लिए सरकार ने अब तक कई पहल भी की हैं। उन्होंने कहा कि जल विद्युत और नवीनीकरण ऊर्जा का दोहन करने के लिए सरकार विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड छह माह के भीतर पेखूबेला स्थित 32 मेगावाट के सोलर प्लांट का संचालन शुरू कर दिया गया है। वहीं, दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं, 10 मेगावाट की कुटलैहड़ और पांच मेगावट की भांजल परियोजना को भी जल्द जनता को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा इन परियोजनाओं के शुुरू होने से जहां कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, वहीं जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता भी कम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है। सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने सरकार पर भरोसा जताने के लिए प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों के दृढ़ सहयोग के कारण राज्य सरकार सफलतापूर्वक विभिन्न नीतियां एवं कार्यक्रम क्रियान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप आगामी कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य के रूप में विकसित होगा।
82,500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से मिलेंगे रोजगार के अवसर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां बागवानी विभाग की एचपी शिवा परियोजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में बागवानी नीति लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा। इसका उद्देश्य राज्य में बागवानी उत्पादन को बढ़ाना और प्रदेश को फल राज्य बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,292 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के सात जिलों में 6 हजार हेक्टेेयर क्षेत्र को कवर करेगी। उन्होंने अंतर-फसलीय खेती पर बल देते हुए कहा कि दो चरणों में अमरूद, नींबू प्रजाति के फलों, अनार, ड्रैगन फ्रूट, जामुन तथा कटहल के पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि परियोजना में छोटे तथा सीमांत किसानों को शामिल किया जाए ताकि उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है तथा बागवानी क्षेत्र किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। श्री सुक्खू ने कहा कि परियोजना के तहत वर्ष 2028 तक छह हजार हेक्टेयर भूमि में 60 लाख फलों के पौधे रोपे जाएंगे। परियोजना के तहत प्रथम चरण में चार हजार हेक्टेयर भूमि तथा दूसरे चरण में शेष दो हजार हेक्टेयर भूमि को कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से वर्ष 2032 तक 1.30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की उम्मीद जताई, जिसका प्रतिवर्ष लगभग 230 करोड़ रुपये का व्यापार मूल्य होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से राज्य के 82,500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि इस परियोजना में सूचना प्रौद्योगिकी और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए ताकि किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही 70 प्रतिशत आबादी विभिन्न कृषि गतिविधियों से जुड़ी हैै। उन्होंने विभाग को इस परियोजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता व सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव बागवानी प्रियंका बसुु, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक बागवानी विनय सिंह तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
** यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवानों ने 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार से अधिक पेटी सेब मंडियों में भेजा यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था प्रदेश में सेब बागवानी के क्षेत्र में बहुआयामी प्रयास है, जिससे बागवानों के उत्पाद की गुणवत्ता की सुरक्षा के साथ उन्हें बेहतर दाम प्राप्त करने में मदद मिल रही है। सरकार के इस कदम से बागवानों को नई दिशा व आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद जगी है। प्रदेश में बागवानों को पैकिंग समाधान की आवश्यकता और सेब की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर दामों की आवश्यकता के तहत यूनिवर्सल कार्टन की उपयोगिता कारगर साबित हो रही है। पारम्परिक कार्टन के उपयोग से फसलों को नुकसान की शंका व कीमतें गिरने की समस्या से भी निजात मिलेगी। यूनिवर्सल कार्टन से बागवानों को मानकीकृत, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग सुविधा प्राप्त हुई है जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई व बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे सेब को होने वाली क्षति से बचाया जा सकता है व गुणवत्ता बनी रहती है। इससे जहां बागवानों को सेब की कीमत तय करने का अधिकार मिला है वहीं बिचौलियों और व्यापारियों की निर्भरता से बागवान का बचाव होगा। यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से बागवान सीधे अपने उत्पाद की पैकिंग बेहतर रूप से करके अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए विशेष मानक भी निर्धारित किए गए हैं जिसमें आकार, तहों की संख्या, वजन अथवा क्षमता आदि मानकों का पालन कर उच्च गुणवत्ता वाले कार्टनों के माध्यम से फलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इसे लागू करने के लिए बागवानों का समर्थन, कार्टन की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था के माध्यम से कार्टन का सही उपयोग करने के प्रति जानकारी व जागरूकता प्रदान की गई। स्थानीय स्तर पर कार्टन निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहित कर बागवानों को कार्टन उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। बागवानों की आय में वृद्धि तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सल कार्टन महत्त्वपूर्ण कदम है। अन्य फसलों के लिए भी ये पहल एक आदर्श के रूप में देखा जा रही है। इस वर्ष सेब सीजन के दौरान प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार 542 यूनिवर्सल कार्टन से सेब की फसल अभी तक देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचाई जा चुकी है। हिमाचल प्रदेश में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अन्तर्गत मंडियों द्वारा तथा समितियों के माध्यम से स्थापित नियंत्रण कक्षों एपीएमसी में मंडियों के बाहर से जाने वाले माल के पंजीकरण के तहत अभी तक शिमला एवं किन्नौर समिति में 71 लाख 48 हजार 757, सोलन से 19 लाख 47 हजार 511, कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 13 लाख 1668 यूनिवर्सल कार्टन के माध्यम से सेब देश की मंडियों में भेजा गया। कांगड़ा विपणन समिति से 5,201, सिरमौर 1312, ऊना समिति द्वारा 918, बिलासपुर 456 तथा हमीरपुर के माध्यम से 1921 व चम्बा कृषि उत्पाद विपणन समिति द्वारा 30 पेटी यूनिवर्सल कार्टन का कारोबार भी किया गया। एचपीएमसी द्वारा भी लगभग 50 हजार यूनिवर्सल कार्टन प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भेजे गए हैं।
कहा, बाहर से आए लोग कर रहे हिमाचल का माहौल खराब हिमाचल प्रदेश में चल रहे अवैध मस्जिद निर्माण विवाद के बीच मंडी के व्यापारियों ने बाहरी राज्यों आने वाले प्रवासियों का पंजीकरण करने की मांग उठाई है। व्यापारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से बिना पंजीकरण आने वाले प्रवासियों की वजह से हिमाचल जैसे शांत प्रदेश में माहौल खराब हो रहा है। साथ यह प्रवासी बिना किसी पंजीकरण के यहां पर व्यापार कर रहे हैं, जिसका सरकार के साथ साथ स्थानीय व्यापारियों को भी घाटा हो रहा है। मंडी में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर शनिवार को व्यापारियों ने सुबह 9 बजे से 11 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखी, जिससे स्थानीय लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, व्यापार मंडल मंडी के प्रधान राजेश महेंद्रू ने बताया, "हमारे बंद को कई जगह मस्जिद विवाद के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। हमारा विरोध हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले विभिन्न वर्गों के लोगों का सही से पंजीकरण न होने पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि बहुत से लोग बिना पंजीकरण के हिमाचल में आकर अपना व्यापार कर रहे हैं, जिससे सरकार को टैक्स में चुना लग रहा है। वहीं, स्थानीय व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। व्यापार मंडल मंडी के प्रधान राजेश महेंद्रू ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार को बाहरी लोगों के पंजीकरण के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने का सुझाव दिया है। राजेश महेंद्रू ने कहा, "प्रदेश में बिना पंजीकरण के घूम रहे लोग माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं, जो कि सही नहीं है। वहीं, धार्मिक मसलों के लिए उन्होंने सरकार को निश्चित समय में फैसला देने का आग्रह किया, ताकि शिमला और मंडी मसजिद विवाद होने से आम लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में वर्ष भर तीज त्यौहार हर्षों-उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। जिनका अपना विशेष महत्व है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन त्यौहारों की अपनी विशिष्ट पहचान है। जहां ग्रामीण बड़े शौक से इन त्यौहारों के आने की तैयारियां करते हैं। इनमें सायर पर्व एक बड़े त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। मंडी जनपद में सायर पर्व का बड़ा महत्व है। यह त्यौहार बरसात खत्म होते ही अश्विन माह की पहली तिथि को मनाया जाता है। जिसमें सबसे पहले सायर पूजन होता है। परिवार के सभी सदस्य ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने उपरांत सैर की पूजा करते हैं। देवताओं को नई फसलों और फल आदि का भोग लगाया जाता। इनमें धान की बाली, भुट्टा (गुल्लू), खट्टा (बड़ी नीबू), ककड़ी और अखरोट आदि की पूजा की जाती है। उसके बाद परिवार के छोटे सदस्य अपने से बड़ों को दृभ देकर आशीर्वाद लेते हैं। मंडी जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे और बड़े सभी सैर की द्रुभ का खासा आनंद लेते हैं। बच्चे टोलियों में निकल कर गांव गांव जाकर द्रुभ देकर बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं। सैर त्यौहार की पूर्व संध्या को सग्रांद पर्व मनाया जाता है। जिसमें तरह तरह के व्यंजन पकाकर ग्रामीण एक दूसरे को मेहमानबाजी की दावत देते हैं।
हिमाचल प्रदेश में अब गिफ्ट डीड लैंड पर ही सड़कों का निर्माण नहीं होगा। गिफ्ट डीड का पहले विभाग के नाम पर म्यूटेशन करवाया जाएगा। उसके बाद विभाग आगे की कार्रवाई शुरू करेगा, ताकि कोई भी लैंड होल्डर बाद में कोर्ट में मुआवजे की मांग न कर सके। इस मामले पर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सालों पहले लोग गांव में सड़क निर्माण करते समय गिफ्ट डीड पर लैंड देते थे। सालों से ऐसा ही चलता आ रहा था। हमने भी उसी परंपरा का पालन किया। प्रदेश के अधिकतर गांवों में लोक निर्माण विभाग द्वारा गिफ्ट डीड के आधार पर सड़के निकाली गई हैं, लेकिन कई सालों बाद अब लोग इस गिफ्ट डीड से साफ इंन्कार करते हुए मुआवजे के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे है। कोर्ट के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार को यह मुआवजा भी देना पड़ रहा है। इस मुआवजे के कारण प्रदेश सरकार की आर्थिक हालत और खराब होती जा रही हैं। प्रदेश के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस तरह के मामले आने के बाद सरकार ने सीख ली है और अब गिफ्ट डीड की गई जमीन पर बिना म्यूटेशन के सड़क नहीं बनाई जाएगी। इसे लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी आदेश जारी किए गए हैं। मंडी जिला के सराज विधानसभा के जंजैहली में सराज टेलेंट एवं टूरिज्म फेस्टिवल के शुभांरभ के मौके पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सराज के जंजैहली में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस साल लाखों पर्यटक यहां पहुंचे हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी भी बढ़ी है। इस क्षेत्र के लिए अलग से पॉलिसी बनाई जाएगी, ताकि कुल्लू मनाली की तरह इस क्षेत्र को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके।
प्रदेशभर में हिंदू संगठनों द्वारा अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर आवाज उठाई जा रही है। विश्व हिंदू परिषद ने आज हिमाचल बंद का ऐलान किया है। दोपहर 1:30 बजे तक सभी दुकानें बंद रखने की अपील की है। वहीं, कुल्लू जिले में भी व्यापार मंडल ने आधे दिन के लिए कुल्लू और भुंतर में बंद का आह्वान किया है। मंडी में अवैध मस्जिद को तोड़ने के लिए नगर निगम ने 30 दिन का अल्टीमेटम दिया है, जबकि सुन्नी में आज हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा, जिसे देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है, ताकि कानून व्यवस्था न बिगड़े।
हिमाचल की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में विवादित मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ उठी हिंदू संगठनों की आवाज प्रदेश भर में गूंजने लगी है। शिमला और मंडी में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ हुए प्रदर्शन करने के बाद आज हिंदू संगठन सुन्नी में गरजेंगे, जिसको देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। जिले में शिमला ग्रामीण विधानसभा के तहत सुन्नी में भी काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। यहां पर भी एक मस्जिद का निर्माण किया गया है। मस्जिद के अवैध निर्माण और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की भी जांच कर रहे हैं। वहीं, प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शन को लेकर किसी ने कोई अनुमति नहीं ली है न ही इसके लिए मंजूरी दी है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने एहतियात के तौर पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। एडीएम (कानून-व्यवस्था) अजीत भारद्वाज के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे और हर स्थिति पर नजर रखेंगे। स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले सालों में क्षेत्र में विशेष समुदाय और प्रवासियों की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है। विश्व हिंदू परिषद ने शनिवार को प्रदेशभर में 2 घंटे दुकानें बंद रखने का आह्वान किया है। हिमाचल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुमेश शर्मा के ने कहा, "कुछ लोग समाज में माहौल खराब करने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। इसलिए व्यापार मंडल ने आज सुबह 9 से 11 बजे तक दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है। आपसी भाईचारा और शांतिपूर्ण माहौल कायम रखना हम सभी का दायित्व है। वहीं, शिमला व्यापार मंडल के उप प्रधान राजकुमार अग्रवाल ने बताया, "राजधानी के बाजार आज खुले रहेंगे। शिमला के व्यापारी पिछले गुरुवार को 3 घंटे तक दुकानें बंद रख चुके हैं। मंडी व्यापार मंडल ने आज दो घंटे तक दुकानें बंद रखने का ऐलान किया है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी कुछ व्यापार मंडल इस बंद का समर्थन कर सकते हैं। बता दें कि शिमला के संजौली में बीते 1 सितंबर को पहली बार मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के लिए प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद 5 सितंबर को दोबारा संजौली और चौड़ा मैदान में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन हुआ। इसी दिन शाम के वक्त शिमला के कसुम्पटी में भी स्थानीय लोगों ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाद में 11 सितंबर को प्रदर्शन हुआ, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई और पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया।
हिमाचल: विश्व सहयोग आर्थिक मंच और ग्रामीण भारत के गैर सरकारी संगठनों के परिसंघ ने पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को वैश्विक पुरस्कार नेताजी सुभाष चंद्र वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया है। 13-14 सितंबर को तिब्बती इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स मैक्लोडगंज में देश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से WCo-OPEF की ओर से आयोजित 'सहकारी आर्थिक ढांचे के माध्यम से असमानता को कम करने के लिए वैश्विक सहमति बनाने पर एशिया-प्रशांत सम्मेलन' में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने उन्हें यह सम्मान दिया है। सार्वजनिक नीति में विधायक सुधीर शर्मा के नेतृत्व और सामाजिक कार्य, खेल और हिमालयी बागवानी में विशेष रुचि से ग्रामीण भारत के विकास के लिए उनकी उत्कृष्ट और अदम्य सेवा के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। मूल रूप से एक कृषक होने के नाते वे पहाड़ी कृषि के प्रति किसानों की क्षमता निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने शहरी विकास के लिए अपनी गहरी सोच के लिए महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त योगदान दिया है। मौजूदा वक्त में सुधीर शर्मा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। साल 2003 में वे पहली बार विधायक का चुनाव जीते थे। सुधीर शर्मा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पांचवीं बार के विधायक हैं। राज्य में तत्कालीन वीरभद्र सरकार के दौरान साल 2012 से साल 2017 तक सुधीर शर्मा शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पिता पंडित संत राम राज्य के कद्दावर नेता रहे हैं। विधायक सुधीर शर्मा ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए इसे धर्मशाला की जनता को समर्पित किया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आवारा कुत्तों की नसबंदी और अन्य बिंदुओं से जुड़े मामले में पुनर्विचार के आदेश दिए हैं। केंद्र सरकार ने आवारा कुत्तों की नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित (जर्म फ्री) करने के बाद उसी स्थान पर वापिस छोड़े जाने के नियम बनाए हैं। एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट-2023 के तहत बनाए गए नियम में आवारा कुत्तों को नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित करने के बाद वापिस उसी स्थान पर छोड़ा जाता है, जहां से उन्हें नसबंदी के लिए पकड़ा जाता है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस नियम पर पुनर्विचार की जरूरत है। अभी जो किया जा रहा है, वैसा करने से छोटे बच्चों व बुजुर्ग लोगों को कुत्तों के आक्रमण का खतरा अधिक है। हाईकोर्ट ने इस बात को संबंधित अथॉरिटी के ध्यान में लाने के आदेश देते हुए कहा कि उपरोक्त प्रावधान में उपरोक्त संशोधन कर शहरी और स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों को इस नीति से मुक्त रखा जाए। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार के वन विभाग और नगर निगम शिमला को आदेश दिए कि वह बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसी तर्ज पर राज्य के वन विभाग को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए। इन आदेशों में राज्य सरकार को मानव-वन्यजीव संकट का व्यापक अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ निकायों को शामिल करने और सभी हितधारकों के साथ-साथ स्थानीय आबादी को इस बारे में जागरूक करने को कहा गया है। राज्य सरकार को बंदरों की व्यापक जनगणना और इनसे समस्या वाले क्षेत्रों/स्थानों की पहचान करने के आदेश भी जारी किए हैं। साथ ही फसल वाले खेतों की सुरक्षा के लिए अवरोध लगाने और सौर बाड़ लगाने पर भी विचार करने को कहा गय। ये ख्याल रखने के लिए भी आदेश दिए कि यह बाड़ जानवरों अथवा इंसानों के लिए घातक न हो। सरकार को पशु परिवहन नियम-1978 का पालन करते हुए पास के वन क्षेत्रों में बंदरों के पुनर्वास के लिए वन क्षेत्रों में फलदार पेड़ उगाने पर विचार करने को कहा गया है। बीमार और घायल बंदरों के बारे में जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने और इसका व्यापक प्रचार करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में आईएएस समेत सभी प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों के कामकाज को अब गुड-वेरी गुड के मानक पर नहीं आंका जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब अधिकारियों के कामकाज को 1 से 10 तक के नंबरों से आंका जाएगा। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में 1-2 या 9-10 नंबर देने का तर्क भी देना अनिवार्य कर दिया है। वीरवार को कार्मिक विभाग ने राजपत्र में रिपोर्ट बनाने के नए नियम अधिसूचित कर दिए हैं। अब काम नहीं करने वाले अफसरों की रिपोर्ट में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही प्रशासनिक सचिवों, उपायुक्तों और अधिकारियों को कार्यभार मिलेगा। जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अधिकारियों के कार्य परिणामों में बदलाव लाने को सरकार ने नियमों को संशोधित किया है। कार्मिक विभाग की अधिसूचना के अनुसार नई प्रणाली के तहत प्रदर्शन मूल्यांकन सीधे सभी अधिकारियों के कार्य परिणामों से जुड़ा होगा। उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, अच्छा और औसत जैसी पारंपरिक वर्णनात्मक श्रेणियों को एक संख्यात्मक ग्रेडिंग स्केल से बदल दिया है। वार्षिक कार्य योजना की उपलब्धियां, अन्य कार्य-संबंधी विशेषताएं और व्यक्तिगत और कार्यात्मक विशेषताएं सुधारों में नकारात्मक अंकन भी शामिल किया गया है। अधिकारियों का मूल्यांकन तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। इसके तहत सरकारी आदेशों या परामर्श का पालन न करने पर अधिकारियों के 1-10 के मापदंड पर अपने समग्र ग्रेड से दो अंक कम होने की भी संभावना हो सकती है। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इससे संचालन सुव्यवस्थित होगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा लागू होगी।
मंडी: हिमाचल प्रदेश की चर्चित एचएएस अधिकारी ओशीन शर्मा को नोटिस मिला है। लाइमलाइट में बनी रहने वाली HAS अधिकारी ओशिन शर्मा की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है। सोशल मीडिया पर हीरो की भूमिका निभाने वाली ओशीन शर्मा अपनी ड्यूटी के मामले में जीरो साबित हुई हैं और यही कारण है कि उन्हें एसडीएम धर्मपुर ने नोटिस जारी कर ये पूछा है कि प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों में देरी क्यों की जा रही है। बता दे कि ओशिन शर्मा मंडी जिले के धर्मपुर के संधोल में तहसीलदार के पद पर कार्यरत है। जब उन्होंने तहसीलदार संधोल के पद पर अपनी सेवाएं शुरू की थी तो उन्होंने दिन रात काम किया, जिससे उनकी खूब वाहवाही हुई लेकिन धीरे-धीरे ओशीन शर्मा इन कार्यों से दूर और सोशल मीडिया के करीब आती हुई नजर आई वो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं। वह लोगों को सोशल मीडिया पर परीक्षाओं की तैयारियों से संबंधित जानकारी भी देती हैं ओशीन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी करती हैं और सामाजिक कुरितियों के प्रति लोगों को सचेत करने में भी अपना योगदान देती हैं, लेकिन ओशिन शर्मा शायद सोशल मीडिया पर इतनी ज्यादा एक्टिव हो गई कि वे अपने प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों को भूल गई। यही कारण रहा कि जब डीसी मंडी ने उनके कार्यों की समीक्षा की तो वह संतोषजनक नहीं पाए गए और उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
**राज्य में भूस्खलन से 37 सड़कें बाधित हिमाचल प्रदेश के कई भागों में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 17 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 12 व 13 सितंबर के लिए कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उधर, राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से 37 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। वहीं दो पुल भी क्षतिग्रस्त चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त 106 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हैं। माैसम विभाग के अनुसार 12 सितंबर की देर रात से 14 सितंबर तक वर्षा की गतिविधि की तीव्रता और वितरण में वृद्धि होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान हल्की से मध्यम तीव्रता की व्यापक वर्षा होगी। बारिश की अधिकतम तीव्रता 13 सितंबर को सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, किन्नौर और आसपास के क्षेत्रों में होगी। इन जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। मंडी, कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान औसत न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। 14 सितंबर से वर्षा की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने को कहा गया है। साथ ही अपनी यात्रा को माैसम की स्थिति के अनुसार प्लान करने की सलाह दी गई है।
शिमला के संजौली में बनी मस्जिदो को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आज प्रदर्शन के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई है। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि संजौली मुद्दे की गहराई तक जाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह के प्रयास आगे न किए जा सकें। किन कारणों से ये परिस्थितियां बनी हैं, इसके कारण क्या रहे हैं। स्थानीय लोगों में रोष के कई कारण हैं। ऐसी अनेकों घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिली हैं। सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश का बंटाधार किया है। कांग्रेस को पता ही नहीं है कि सरकार चलानी कैसे है। कांग्रेस किए गए झूठे वायदे पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार की माली हालत इतनी खराब हो गई है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक-एक हफ्ता अपने वेतन और पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही पेट्रोल और डीजल पर दो बार टैक्स बढ़ा दिया। अब दूध और पर्यावरण के नाम पर सेस लगाने वाले हैं, किसी न किसी तरह जनता की जेब से पैसा निकालने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है और जनता पर बोझ डाल रही है। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी सरकार नहीं चला पा रही है तो इन्हें छोड़ देना चाहिए। वायदे पूरे करने के लिए जनता पर टैक्स का बोझ लादा जा रहा है, जिससे स्पष्ट है कि कर्नाटक की तरह हिमाचल में भी कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में खुशहाली आई है। अब वहां पर्यटकों की भरमार है, भारी निवेश आने से नए रिकार्ड बने हैं और आतंकवादी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है, जिन तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटा और अपने लिए सुख सुविधाएं जुटाई, वर्तमान में उनके उम्मीदवार हारते हुए दिख रहे हैं। उमर अब्दुला पहले कहते थे मैं विधानसभा नहीं लडूंगा, अब दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों जगह हालत खस्ता लग रही है। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस किस दिशा में जा रही हैं? जहां पर पत्थरबाजी, नशा बेचने, अलगाववादी औक आतंकवादी सोच वाले लोगों को जेलों से छोड़ने की बात कही जा रही है। इससे साफ है कि यह लोग जम्मू-कश्मीर में नई आफत खड़ी करना चाहते हैं। आफत खड़ी होने से जम्मू-कश्मीर की शांति भंग होगी। नेशनल कांफ्रेंस औक कांग्रेस धारा 370 को पुन: लागू करने की बात भी जम्मू-कश्मीर में कह रही हैं। ये दर्शाता है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जहां रिजर्वेशन खत्म करना चाहते हैं, वहीं इनकी पार्टी और परिवार ने लोकतंत्र की हत्या इमरजेंसी लगाकर की थी और संविधान में कई संशोधन पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक किए, जिससे साफ है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर के खिलाफ हैं और अब जम्मू-कश्मीर के लोगों से उनके हक भी छीनना चाहते हैं।
** ढली से संजौली की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारी शिमला के संजौली विवाद को लेकर आज काफी तादाद में हिंदू संगठन के लोग शिमला के संजौली पहुंच रहे हैं। हालांकि पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और संजौली चौक से आगे किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है वहीं दिल्ली टनल को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर ही प्रदर्शन कर रहे हैं। वही हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष कमल गौतम भी संजौली की तरफ जा रहे थे जिन्हें चौक पर ही रोक दिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। कमल गौतम का आरोप है कि कीव शांतिपूर्ण तरीके से आगे जा रहे हैं और उन्हें यहां पर रोक दिया गया है जबकि वह किसी तरह का यहां पर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं बावजूद इसके उन्हें रोका जा रहा है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि प्रदर्शन को देखते हुए संजौली में धारा 163 लगा दी गई है ऐसे में यहां पर कोई भी व्यक्ति प्रदर्शन नहीं कर सकता है । आम लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्य जल्द ही क्लाउड पर शिफ्ट होगा। कार्य को क्लाउड पर शिफ्ट करने का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। क्लाउड सिस्टम पर जाने से जहां बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों को राहत मिलेगी, वहीं परीक्षा परिणाम देखने और आवेदन करने वालों को भी साइट के हैंग से पेश आने वाली समस्याओं से भी सदा के लिए निजात मिलेगी। स्कूल शिक्षा बोर्ड से सरकारी सहित कई निजी स्कूल संबद्धता प्राप्त किए हुए हैं, जिसके चलते बोर्ड प्रबंधन के पास हर वर्ष हजारों विद्यार्थियों का डाटा पहुंचता है। यह अधिकतर ऑनलाइन ही रहता है। साइट पर डाटा अपलोड करने में दिक्कत पेश आती है। दूसरी ओर शिक्षा बोर्ड जब भी रिजल्ट निकालता है, तो अभ्यर्थियों को अपना रिजल्ट देखने में सर्वर स्लो होने के कारण दिक्कतें होती हैं। इसके अलावा शिक्षा बोर्ड की ओर से जब अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जाते हैं तो सर्वर के स्लो होने के कारण मुश्किल होती है। शिक्षा बोर्ड को बार-बार अंतिम तिथि में बदलाव करना पड़ता है। अब स्कूल प्रबंधन और अभ्यर्थियों को राहत पहुंचाने सहित बोर्ड के अन्य कार्यों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए क्लाउड पर शिफ्ट किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि शिक्षा बोर्ड में पिछले कुछ दिनों से छात्र हित में काफी बदलाव किए गए हैं। इसी कड़ी में बोर्ड की कार्यप्रणाली को भी क्लाउड बेस्ड बनाया जा रहा है, ताकि रिजल्ट और आवेदन करने के दौरान अभ्यर्थियों को खासी राहत मिलेगी।
**फैसला सरकार पर छोड़ा हिमाचल के काॅलेजों के प्राचार्य प्रत्यक्ष छात्रसंघ चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं हैं। प्राचार्य इस बार भी मेरिट आधार पर एससीए का गठन चाहते हैं। मंगलवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) और सरदार पटेल विवि (एसपीयू) की खेल एवं पाठ्येत्तर गतिविधि परिषद की बैठक में विभिन्न काॅलेजों से पहुंचे प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर अपनी राय रखी। एचपीयू के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने प्राचार्यों से चुनाव करवाने के बारे में राय ली। देर तक चली बैठक में प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव न करवाने की सलाह दी। प्राचार्यों ने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव करवाने से काॅलेजों समेत विवि में अकादमिक सेशन गड़बड़ा जाएगा और कक्षाएं प्रभावित होंगी। अगर चुनाव प्रत्यक्ष करवाए जाते हैं तो चुनावी प्रक्रिया में कम से कम एक माह से अधिक का समय लगेगा, ऐसे में पढ़ाई प्रभावित होगी। लिहाजा, कॉलेजों में अप्रत्यक्ष रूप से मेरिट आधार पर एससीए का गठन होना चाहिए। कुलपति एक दो दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। चुनाव प्रत्यक्ष होंगे या मेरिट पर, अब इसका फैसला सरकार ही लेगी। बता दें कि विवि और कॉलेजों में हिंसा बढ़ने के कारण प्रत्यक्ष चुनाव वर्ष 2013 में बंद हैं। बैठक में कुलपति ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को यूजीसी नेक टीम का दौरा करवाकर ग्रेडिंग करवाने के निर्देश दिए। कहा कि कॉलेज चाहे छोटा हो या बड़ा, ग्रेडिंग करवाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि अब कॉलेजों के पात्र शिक्षक सभी विषयों में भी पीएचडी करवा सकेंगे, इसके लिए वे गाइड बन सकेंगे। यह फैसला हो चुका है, विवि जल्द अधिसूचना जारी करेगा। परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द निकाले जा सकें उसके लिए क्लस्टर प्रणाली अपनाई जाएगी। इसके लिए काॅलेजों को जोन में बांटा जाएगा और एक नोडल महाविद्यालय बनाकर वहां पर ही पेपरों का मूल्यांकन किया जाएगा। इससे करीब डेढ़ महीने का समय बचेगा और परिणाम एक माह के भीतर निकाले जा सकेंगे। प्राचार्यों ने इस प्रयास की सराहना की और सहयोग करने की बात कही। प्राचार्यों ने कॉलेजों की व्यवस्थाओं में और सुधार लाने के सुझाव दिए।
** हर जगह पुलिस का पहरा राजधानी शिमला में मस्जिद विवाद के चलते क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है। संजौली में आज धारा 163 लागू की गई है। संजौली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। संजौली को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एक जगह पर पांच या पांच से ज्यादा लोगों को इकट्ठे होने की मनाही है। संजौली में स्थिति आज सुबह से बहुत तनावपूर्ण बनी हुई है, मस्जिद के आसपास पुलिस बटालियन कड़ा पहरा दे रही है। संजौली में सड़कों पर लोगों को खड़े होने नहीं दिया जा रहा है। जो लोग अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं, उन्हें सीधा जाने को कहा जा रहा है। मस्जिद जाने वाले रास्तों पर चार-चार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, मस्जिद परिसर में भी पुलिस बल तैनात किया गया है। अगर कोई भी हंगामा होता है या फिर हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया जाता है, तो उसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, ताकि किसी भी तरह की कोई भी अप्रिय घटना न हो। शिमला कमिश्नर कोर्ट ने बीते शनिवार को मामले की सुनवाई की और अगली सुनवाई की तारीख 5 अक्टूबर रखी है। हिंदू संगठनों का कहना है कि तारीख पे तारीख देने का काम नहीं चलेगा। अब उन्हें निर्णायक लड़ाई लड़नी पड़ेगी, जिसको लेकर पुलिस भी तैयार है और चौकसी बढ़ा दी गई है। प्रशासन द्वारा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानें भी बंद करवा दी गई है। गौरतलब है कि रविवार 1 सितंबर को संजौली में मस्जिद के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुआ था, जिसमें प्रदर्शनकारी अवैध बनी मस्जिद को तोड़ने की मांग पर अड़े थे। उसके बाद प्रशासन ने मौके पर लोगों को आश्वासन दिया था। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी सदन में ये मुद्दा उठाया था और अवैध भवन को हटाने की बात कही थी।शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। कुछ दिनों पहले शिमला के मल्याणा में दो गुटों के बीच आपसी झगड़ा हुआ था, जिसमें कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया था, जबकि कुछ अन्य लोगों से भी मारपीट की थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और लोगों का गुस्सा बीते दिनों शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फूटा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मल्याणा में मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की थी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में संजौली अवैध मस्जिद मामले में विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। अवैध निर्माण के खिलाफ आज बुधवार को हिंदू संगठनों द्वारा शिमला में प्रदर्शन किया जाएगा, जिसके चलते राजधानी में बीते रोज से ही माहौल तनावपूर्ण है। शहर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटे। आज 11 सितंबर को संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 रहेगी लागू रहेगी। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि 11 सितंबर यानी आज सुबह 7 बजे से लेकर रात 11:59 बजे तक ये आदेश जारी रहेंगे। ये आदेश नव बहार चौक से ढली टनल के ईस्टर्न पोर्टल, आईजीएमसी से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी, ढली (वाया संजौली चलौंठी जंक्शन) क्षेत्र में जारी रहेंगे। पांच या पांच से ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। डीसी शिमला ने बताया कि संजौली में बिना परमिशन के किसी को भी धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, भूख हड़ताल करने की अनुमति प्रदान नहीं दी जाएगी। किसी भी व्यक्ति को अपने साथ फायर आर्म्स, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, साइकिल चेन, गंडासा, भाला, तलवार जैसे हथियार या भी कोई भी ज्वलनशील पदार्थ को लेकर चलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और और पब्लिक प्लेस पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा सांप्रदायिक, राष्ट्र, राज्य विरोधी भाषण नारे, दीवार लेखन, पोस्टर आदि पर भी बैन लगाया गया है। शिमला में तनावपूर्ण माहौल के बीच सुरक्षा व्यवस्था को भी कड़ा कर दिया है। शिमला संजौली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। मंगलवार देर शाम को डीसी शिमला अनुपम कश्यप और एसपी शिमला संजीव गांधी ने संजौली में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान डीसी शिमला ने कहा कि कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही उपद्रवियों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि सामान्य जनजीवन पूरी तरह से सुचारू रहेगा। स्कूल, कॉलेज, सरकारी व प्राइवेट ऑफिस और बाजार रोज की तरह ही खुले रहेंगें। डीसी शिमला ने लोगों से संजौली में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। क्षेत्र में किसी भी तरह से हालात न बिगड़े और शांति व्यवस्था भंग न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा पूरे प्रबंध किए गए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का आभार प्रकट किया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ हिमाचल व हिमाचल वासियों का कल्याण सदा ही मोदी की प्राथमिकताओं में रहा है। चाहे प्रदेश में भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की मोदी सरकार ने हिमाचल के हितों से कभी कोई समझौता नहीं किया साथ ही विकास कार्यों में कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी। यह हर्ष का विषय है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी दी है। इस मंज़ूरी से प्रदेश के लाखों लोगों के सर पर पक्की छत का सपना पूरा होगा व मौसम की मार से बचने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने हर परिवार को पक्का मकान देने की नीति के अंतर्गत देश के अन्य छोटे राज्यों में हिमाचल को प्राथमिकता देते हुए देवभूमि के लिए सबसे ज़्यादा घर मंज़ूर किए हैं। देवभूमि हिमाचल के हितों का विशेष ध्यान रखने के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत देश के विभिन्न राज्यों के पात्रों को तीन किश्त में 1 लाख 50 हज़ार रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाते हैं। यह ग़रीबों के प्रति मोदी की चिंता व उनके उन्नति के लिए प्रधानमंत्री की कर्तव्यपरायणता का प्रमाण है। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत, देश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक आवंटन किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो 4 करोड़ से ज़्यादा घर दिये गए हैं उसमे 70% घर की मालकिन या संयुक्त मालकिन महिलाएं हैं। आवास योजना के अंतर्गत लगभग 54 से 55% लाभ हमारे एससी और एसटी भाइयों बहनों को मिला है” श्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, "पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा में जब राज्य की कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी थी, तब मोदी जी ने हिमाचलवासियों के बचाव और राहत से लेकर पुनर्वास तक के लिए सभी उपाय किए लेकिन कांग्रेस की सरकार केंद्र से मिले पैसों को भी सही से उपयोग नहीं कर सकी और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने में लगी रही। कांग्रेसी नेता अपनी उपलब्धि क्यों नहीं बताते? आज कांग्रेस के नेता सिर्फ़ बयानवीर बने हैं लेकिन आपदा के दौरान इन्होंने प्रदेश के लिए क्या किया यह बताएँ। कांग्रेसी नेता यदि भूल गए हों तो उन्हें फिर से याद दिलाना चाहूँगा कि कि हिमाचल में आपदा के दौरान मैं 3 बार तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह जी ने मिलकर प्रदेश के लिए 16,206 हज़ार घर आवास योजना के अन्तर्गत व 2373 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 2700 किमी. की सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत मंज़ूर करवाईं। जहां तक पैसों की बात है तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने पहले दो किस्तों में ₹180 - 180 करोड़ दिए, फिर केवल सड़कों की मरम्मती के लिए लगभग ₹400 करोड़ दिए। इसके बाद फिर अलग से ₹189 करोड़ भेजे। 20 अगस्त को फिर ₹200 करोड़ और 12 दिसंबर को लगभग ₹633 करोड़ भेजे, यानी कुल मिलाकर ₹1782 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के लिये भेजी गई। केंद्र की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार को जुलाई से अब तक लगभग 434 करोड़ रुपये दिये गये हैं”
हिमाचल प्रदेश में सीमेंट कंपनियों ने 20 दिन में दूसरी बार सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी की है। रविवार रात को सीमेंट कंपनियों ने प्रति बैग पर 15 रुपये बढ़ाए हैं। इससे पहले 24 अगस्त को 10 रुपये की वृद्धि की गई थी। अब एसीसी सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। एसीसी गोल्ड का रेट भी 490 रुपये हो गया है। यही भाव अंबुजा और अल्ट्राटेक सीमेंट के भी हो गए हैं। सीमेंट कंपनियों ने 20 दिनों में प्रति बैग पर 25 रुपये की बढ़ोतरी कर लोगों को महंगाई का झटका दिया है। सोलन के सीमेंट विक्रेता हनी साहनी ने बताया कि सीमेंट के दामों 15 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है। अब लोगों को सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। यह रेट सोमवार सुबह से ही लागू हो गए हैं।
मंडी: हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने के लिए बनाई जा रही पॉलिसी पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रहे आर्थिक संकट दौर के बीच आय के नए-नए विकल्पों को तलाशा जा रहा है. प्रदेश की मौजूदा सरकार भी हिमाचल की इनकम बढ़ाने के लिए आय के स्त्रोंतों को खोज रही है. भांग की खेती भी उसी का ही एक हिस्सा है और इसे लीगल करने के लिए पहले से ही कवायत शुरू हो गई थी. इस खेती को वैध बनाने के लिए गठित कमेटी ने सदन में अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसे विपक्ष ने भी स्वीकारा है. वहीं, जयराम ठाकुर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ते नेश के प्रचलन के बीच भांग की खेती को व्यवहारिक तौर पर लागू कर पाना चुनौतीपूर्ण कार्य है. उन्होंने प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि सरकार पहले भांग की खेती के नफे-नुकसान सही ढंग से जान ले और फिर उसके बाद ही इसे लागू करने की दिशा में प्रयास करें. जयराम ने साफ किया कि विपक्ष इस पॉलिसी के विरोध में नहीं है, लेकिन आने वाले समय में सरकार का इस पर क्या रुख रहता है, उस हिसाब से इसपर विचार किया जाएगा.इसके अलावा जयराम ठाकुर ने प्रदेश में सरकार द्वारा बंद किए जा रहे और बदले जा रहे संस्थानों को लेकर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मंडी जिले के साथ प्रदेश सरकार शुरू से ही भेदभाव कर रही है. पहले यहां पूर्व की सरकार द्वारा खोले गए सैंकड़ों संस्थान बंद कर दिए गए और अब संस्थानों को बदला जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सदन में भी इस बात को प्रमुखता से रखा गया है. संस्थान जनहित के लिए खोले जाते हैं और सरकार को इस बात को सोचना चाहिए. अगर किसी दूसरे स्थान पर संस्थान की जरूरत है तो वहां नया संस्थान खोला जाए.
शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट में फंसी हुई है. आलम ये है कि नई भर्ती से सरकार परहेज कर रही है और रिटायर अफसरों व कर्मियों को री-अंगेज कर रही है. इसके लिए सरकार ने पॉलिसी भी तैयार की है कि रिटायरीज को फिर से सेवा में रखने के लिए क्या नियम शर्तें होंगी. इस बीच, सुखविंदर सिंह सरकार के लिए एक सुख की खबर आई है. राजस्व विभाग में रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा को सरकार ने री-इंगेजमेंट दी है. री-इंगेजमेंट के नियमों के अनुसार एचएल घेज्टा को जो मानदेय मिलना है. उसे लेने से इनकार करते हुए रिटायर तहसीलदार ने मात्र एक रुपये मानदेय में अपनी सेवा देने का ऐलान किया है. घेज्टा ने इस बारे में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा व शिमला जिला के डीसी अनुपम कश्यप को पत्र लिखा है. घेज्टा ने कहा कि वे तय एमोल्यूमेंट्स लेकर सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते, बल्कि सेवा करना चाहते हैं. री-इंगेजमेंट पर नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन के हिसाब से कौन सी श्रेणी के अधिकारी अथवा कर्मचारी हैं उसके अनुसार इमोल्यूमेंट यानी मासिक मानदेय मिलता है. राजस्व विभाग में पहले ही अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी चल रही है. एचएल घेज्टा शिमला जिलाधीश कार्यालय में तहसीलदार ऑफिस से बतौर तहसीलदार रिटायर हुए हैं. सरकार ने उन्हें री-इंगेजमेंट दी है. घेज्टा के पास राजस्व विभाग में 35 साल से अधिक की सेवा का अनुभव है. वे शिमला के राजस्व विभाग के कई मामलों के गहरे जानकार हैं. जनता के बीच उनकी छवि एक सहज, सरल व सहयोगी तहसीलदार की है. यही कारण है कि सरकार ने उन्हें री-अंगेज किया है. सरकार ने उन्हें अभी छह माह के लिए री-अंगेज किया है. वे अगस्त माह में सेवानिवृत हुए हैं. घेज्टा मूल रूप से ऊपरी शिमला के जुब्बल इलाके से संबंध रखते हैं. वे राजस्व अधिकारी व कर्मचारी महासंघ के मुखिया भी हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल ने भी अपना वेतन सरेंडर कर दिया है. सीएम व मंत्रियों ने भी दो महीने के लिए अपना वेतन विलंबित किया हुआ है.
कल से प्रदेश में स्कूलों की तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी। यहां बहुत सारे स्कूलों में पहले से ज्यादा बच्चों की चहल-पहल दिखाई देगी जबकि कई स्कूलों पर ताला लटका हुआ दिखाई देगा। दरअसल प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले शिक्षा निदेशालय को आदेश दिए थे कि प्रदेश में जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है उन्हें मर्ज कर दिया जाए।हिमाचल प्रदेश में मर्ज किए गए 419 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सोमवार से कक्षाएं नजदीकी स्कूलों में लगेंगी। शिक्षा विभाग ने मर्ज स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आसपास के स्कूलों में पंजीकृत करवा दिया है। प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थियों को दो किलोमीटर और मिडल स्कूल के विद्यार्थियों को तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिए हैं। 9 सितंबर से इन विद्यार्थियों की कक्षाएं नए स्कूलों में ही लगेंगी। सरकार ने पांच विद्यार्थियों की संख्या वाले 419 प्राइमरी और मिडल स्कूलों को मर्ज किया है। मर्ज किए गए 65 मिडल स्कूलों में कार्यरत 80 टीजीटी के अन्य स्कूलों में तबादले कर दिए गए हैं। अब जेबीटी और सीएंडवी वर्ग के करीब 500 शिक्षक अगले सप्ताह नए स्कूलों में शिफ्ट किए जाएंगे। इनके तबादले करने की प्रक्रिया इन दिनों प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में जारी है। विद्यार्थियों की स्कूलों में कम संख्या होने के चलते पड़ रहे वित्तीय बोझ को कम करने और बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के उद्देश्य से सरकार ने स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि टीजीटी वर्ग के तबादले कर दिए गए हैं। जेबीटी और सीएंडवी को बदलने की प्रक्रिया जारी है। सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि मर्ज किए स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएं। कोई भी विद्यार्थी दाखिले लेने से छूटना नहीं चाहिए। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने और संस्थानों की मजबूती के लिए कई कड़े फैसले लेने की जरूरत है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के आंकड़ों ने हैरान किया है। प्रति विद्यार्थी सरकार 37 हजार रुपये प्रतिमाह खर्च कर रही है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक आवश्यकता से अधिक नियुक्त हैं। कई जगह शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। इस सब कमियों को भी जल्द सुधारा जाएगा।
केंद्र और पंजाब सरकार के समक्ष भी मजबूती से अपना पक्ष रखेगी सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए हिमाचल प्रदेश के उचित दावों को न्यायालय में पेश करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जोगिंद्रनगर में 110 मेगावाट की शानन जल विद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश को सौंपा जाना चाहिए, क्योंकि पंजाब के पक्ष में इस परियोजना की पट्टा अवधि (लीज) समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में सर्वोच्च उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। सर्वोच्च न्यायालय को पंजाब सरकार को यह परियोजना हिमाचल को सौंपे जाने के लिए दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना को तुरंत सौंपे जाने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार के समक्ष भी इस मसले को रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में प्रदेश के न्यायसंगत अधिकारों को सुरक्षित करने के मामले में भी तेजी लाएगी। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्णय दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पुरजोर प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,045 मेगावाट कड़छम-वांगतू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के संबंध में कार्यान्वयन समझौते के गैर-अनुपालन का जेएसडब्ल्यू कंपनी को नोटिस दिया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हाइड्रो क्षेत्र में प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 30 प्रतिशत रॉयल्टी लेने का निर्णय लिया गया है। वहीं 40 वर्ष बाद परियोजना राज्य सरकार को सौंपे जाने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम के दूरगामी एवं सकारात्मक परिणाम आएंगे और प्रदेश की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि हाइड्रो पावर और पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी के प्रमुख क्षेत्र हैं तथा वर्तमान सरकार इन दोनों क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2027 तक प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध और खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्पित है। मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विधि सचिव शरद कुमार लग्वाल, राज्य विद्युत बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, ऊर्जा निदेशक हरिकेश मीणा, विशेष सचिव विद्युत अरिंदम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
प्रदेश में मौसम संबंधी आंकड़ों की सटीकता और जलवायु संबंधी चुनौतियों से त्वरित निपटने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उपस्थिति में यहां शुक्रवार सायं प्रदेश सरकार ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत प्रारंभिक चरण में प्रदेश में 48 स्वचलित मौसम केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से मौसम संबंधी पूर्वानुमान और तैयारियों के लिए वास्तविक समय के आंकड़े उपलब्ध होंगे। इससे विशेषतौर पर कृषि और बागवानी क्षेत्रों को सहायता मिलेगी। इसके उपरांत चरणबद्ध तरीके से खंड स्तर पर इस तंत्र को स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में आईएमडी द्वारा स्थापित 22 स्वचलित मौसम केंद्र क्रियाशील हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम केंद्रों का यह तंत्र स्थापित होने से प्रदेश में पूर्व चेतावनी प्रणाली और आपातकालीन स्थितियों जैसे अत्याधिक वर्षा, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं का बेहतर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित होगा। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार की विस्तृत आपदा और जलवायु जोखिम न्यूनीकरण परियोजना के लिए फ्रांस की एजेंसी एएफडी के साथ सहमति बनी है, जिसके अंतर्गत एएफडी परियोजना के लिए 890 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाएगी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि यह परियोजना राज्य को बेहतर आपदा प्रबंधन तंत्र स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। परियोजना के तहत प्रदेश में बुनियादी अधोसंरचना, प्रशासन और संस्थागत क्षमता के सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस धनराशि का उपयोग हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए), जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (डीडीएमए), राज्य व जिला आपातकालीन संचालित केंद्रों को मजबूत करने में किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के पूर्व चेतावनी तंत्र के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन की संवेदनशीलता के आकलन के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल के अंतर्गत नये अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएंगे और आग संबंधी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मौजूदा केंद्रों का उन्नयन किया जाएगा। प्रदेश में भू-स्खलन की घटनाओं को कम करने के लिए बायो- इंजीनियरिंग नर्सरीज तैयार करने के साथ-साथ भूकम्परोधी अधोसंरचना निर्मित की जाएगी और उन्नत उपग्रह प्रणाली के माध्यम से संचार सुविधा में सुधार किया जाएगा। उन्नत एवं समर्पित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के माध्यम से निरंतर निगरानी को भी सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय समझौते के अंतर्गत फ्रांस से तकनीकी सहायता अनुदान से सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कुशल प्रबंधन के लिए हेलीपैड निर्मित करने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के लिए एक राज्य संस्थान की स्थापना की जाएगी और एक नई राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल कंपनी का गठन भी किया जाएगा। बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, कांग्रेस नेता सतपाल रायजादा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, महाधिवक्ता अनूप रतन, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, योजना सलाहकार बसू सूद, विशेष सचिव डीसी राणा, एएफडी से अब्रासार्ट थेरेसा, कैमिले सेवरेक, पौलिन जौर्जस और ज्योति विजयन नैयर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने आज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार में 12 सितंबर तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान लगाया है। वहीं फ़्लैश फ्लड की भी आशंका जताई है। इस दौरान मौसम विभाग ने लोगों व पर्यटकों से अपील की है कि वे नदी-नालों के पास न जाए। वहीं राज्य में शुक्रवार सुबह दस बजे तक राज्य में 40 सडक़ों व तीन पुलों पर आवाजाही बाधित रही। 32 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित चल रहे हैं।प्रदेश के प्रमुख शहरों में न्यूनतम तामपान की बात करें तो शिमला 15.4, सुंदरनगर 21.7, भुंतर 21.1, कल्पा 14.0, धर्मशाला 18.5, ऊना 21.0, नाहन 22.2, केलांग 11.6, पालमपुर 17.5, सोलन 20.4, मनाली 16.8, कांगड़ा 21.0, मंडी 21.1, बिलासपुर 23.4, चंबा 22.1, डलहौजी 14.2, कुकुमसेरी 9.5, कसौली 17.4, पांवटा साहिब 24.0, मशोबरा 15.3 व सैंज में 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
**7सितंबर के बाद वर्षा से राहत के आसार हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दस्तक के साथ ही इसकी रफ्तार धीमी पड़ गयी थी। इस सीजन के दौरान पूरे प्रदेश में 22% कम बारिश हुई है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में सितंबर माह में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान कुछ क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई और प्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में तीन जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा इस वर्ष मॉनसून सीजन के दौरान 1 से 4सितंबर तक प्रदेश में 22% कम बारिश दर्ज की गई है।जबकि सितंबर माह में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार दिनों में तीन जिलों को छोड़कर वर्षा की रफ्तार में कमी आने की संभावना है।आज के लिए मौसम विभाग द्वारा येलो अलर्ट जारी किया गया है।कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तराखंड के साथ सटे सोलन सिरमौर व शिमला के कुछ एक क्षेत्रों में अगले तीन दिनों में भारी बारिश भी हो सकती है।वहीं 7 सितंबर के बाद पूरे प्रदेश में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी ।
पिछले सप्ताह जेबीटी बैच वाइज का रिजल्ट काफी लंबे समय के बाद आया और स्टेशन भी मिले जिससे जेबीटी बैचवाइज कैंडिडेट ने राहत की सांस ली। इस पर जेबीटी बेरोजगार संघ ने हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया और साथ ही सरकार से आग्रह किया कि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन में भी जल्द से स्टेशन दिए जाएं । जेबीटी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश परयाल ने कहा कि जेबीटी वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन की बैच वाइज कॉउंसलिंग नवबंर 2023 में हुई थी ,जिसका रिजल्ट 10 जुलाई 2024 को आ गया परंतु अभी तक स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं । जिस से वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन के काफी लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने बैच वाइज भर्ती के लिए 9-10 सालों से इंतजार किया लंबे इंतजार के बाद उनका रिजल्ट आया था परंतु स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं जबकि जेबीटी बैच वाइज की भर्ती का रिजल्ट और स्टेशन एक साथ लग गए हैं । जबकि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन वाले अभी तक अपने अप्पोइंटमेट का इंतज़ार कर रहे हैं । जगदीश परयाल ने सरकार से मांग रखी किया कि जेबीटी वार्ड वालो को भी जल्दी से नियुक्ति दी जाए ताकि जल्द से स्कूलों को नए अध्यापक मिले और इन लोगो की भी समस्या का समाधान हो जेबीटी यूनियन ने कहा कि उन्हें प्रदेश सरकार पर पूर्ण भरोसा है कि वह जल्द इन्हें नियुक्ति देकर आगे जेबीटी में भर्ती प्रक्रिया शुरू करेंगे अभी प्रदेश में लगभग 4500 जेबीटी के पद खाली चल रहे हैं जेबीटी प्रशिक्षु 4-5 सालों से जेबीटी कमीशन का इंतजार कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का विलम्ब अब जेबीटी भर्ती में ना किया जाए क्योंकि जेबीटी वालो का बहुत शोषण पिछले काफी सालों से हो रहा है ।
विपक्ष द्वारा प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साथ रही है और विपक्ष में सोमवार को नियम 67 के तहत सदन में चर्चा की मांग भी उठाई और प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन न देने के आरोप लगाए वहीं इसको लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार किया और विपक्ष को दिशाहीन कर दिया। साथ ही इस तरह के मामले में राजनीति न करने की नसीहत दी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन नजर आ रहा है इस बार विधानसभा का मानसून सत्र सबसे लंबा सत्र है और 10 दिन का विधानसभा सत्र है। इसमें अधिकतर मुद्दे विपक्ष के विधायकों के हैं चाहे बरसात में नुकसान का हो या प्रदेश में कानून व्यवस्था का हो इस तरह के प्रस्ताव चर्चा के लिए विपक्ष के विधायकों द्वारा लगाए गए थे और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसको लेकर अनुमति भी दी गई थी। उसके बाद भी विधानसभा में किसी न किसी मुद्दे को लेकर विपक्ष चर्चा करने के बजाय वाकआउट कर बाहर जा रहे हैं । विपक्ष द्वारा सदन में प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसको लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह मामले पर भी चर्चा करना चाहते हैं ।उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 85 हजार करोड़ का कर्ज़ छोड़ गया है और केंद्र से भी कोई सहयोग हिमाचल को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बरसात से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है और लोक निर्माण विभाग ने रिकॉर्ड समय में प्रदेश में सड़कों को खोलने के साथ ब्रिज बनाने का काम किया है।लेकिन लोक निर्माण विभाग को जो सहयोग केंद्र से मिलना चाहिए था ।वह नहीं मिल रहा है केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को 69 नेशनल हाईवे देने की घोषणा की थी जो अभी तक नहीं मिले ।लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को 6 नेशनल हाईवे का प्रस्ताव भेजा है उसे भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कठिन समय चल रहा है लेकिन हर चीज पर राजनीति नहीं होनी चाहिए ।कुछ ऐसे मुद्दे हैं कि विपक्ष और सत्ता पक्ष को मिलाकर चलना चाहिए आर्थिक संकट पर सरकार का विपक्ष को भी समर्थन करना चाहिए और केंद्र से भी मदद दिलाने के लिए विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितेषी होने का सर्टिफिकेट लेने की उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री से जरूरत नहीं है यह वही मुख्यमंत्री है जिन्होंने कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की नसीहत दी थी। कांग्रेस सरकार कर्मचारी हितेषी और कर्मचारियों को जो हक बनता है वह उन्हें दिया जाएगा।
** पीएमजीएसवाई-3 की सड़कों का निर्माण कार्य जून 2025 तक पूरा करेंः विक्रमादित्य सिंह लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में आज केंद्रीय प्रायोजित एवं केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि योजनाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 23 सड़कें एवं 22 पुल स्वीकृत हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में से चार सड़कों के टेंडर अवार्ड किए जा चुके हैं तथा अन्य 19 सड़कों के भी जल्द से जल्द टेंडर अवार्ड किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण की सड़कों का निर्माण कार्य जून, 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त 22 पुलों के टेंडर भी जल्द से जल्द अवार्ड किए जाएं। उन्होंने यह निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश के लोगों को योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इसके अतरिक्त प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रथम तथा द्वितीय चरण को लगभग पूरा किया जा चुका है। बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग की निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री के साथ आयोजित हुई बैठक में विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की गई थी। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि प्रदेश की इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की मंजूरी प्राप्त हो सके। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग की विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि इन परियोजनाओं में तेजी लाई जा सके। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि योजना के अंतर्गत 2,097 करोड़ रुपये की 191 परियोजनाओं को स्वीकृति प्राप्त हुई थी, जिसमें से 143 परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है जिस पर अब तक 861 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को सड़कों से संबंधित निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश के लोगों को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कें हमारी भाग्य रेखाएं हैं। इस दृष्टि से सभी अधिकारियों को कार्य करने की आवश्यकता है।
** परिसर में सरकारी कार्यालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल तथा पार्किंग की मिलेगी सुविधा ** डीपीआर तैयार करने के निर्देश, 18 माह के भीतर निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि हिमुडा शिमला के विकासनगर में अत्याधुनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण करेगा और यह प्रस्तावित परिसर शिमला में सबसे आधुनिक भवनों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि 10 बीघा भूमि पर लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से इस भवन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परिसर में सरकारी कार्यालय, एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, एक होटल तथा दो मंजिलें पार्किंग के लिए होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के निर्माण कार्य का शुभारंभ 1 जनवरी 2025 को किया जाएगा और 18 माह के भीतर इसका कार्य पूरा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन की वास्तुकला प्रदेश की समृद्ध विरासत तथा संस्कृति को प्रतिबिंबित करेगी। उन्होंने कहा कि इस भवन कोे सौर ऊर्जा सुविधाओं के साथ एक हरित तथा पर्यावरण अनुकूल भवन के रूप में डिजाइन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए प्रारंभिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने हिमुडा को इस निर्माण कार्य से संबंधित प्रक्रिया में तेजी लाने तथा परियोजना को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश भी दिए। बैठक में नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमुडा संदीप कुमार, निदेशक नगर एवं ग्राम नियोजन कमल कांत सरोच तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला: वेतन की राह देख रहे लोग, कैसे चलेगा लोगों का खर्चा : जयराम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो दिन से लोग वेतन की राह देख रहे हैं। फ़ोन के हर मेसेज यही सोचकर चेक करते है कि कहीं वेतन तो नहीं आया। अपने सहकर्मियों और अन्य विभागों के लोगों से फ़ोन करके पूछ रहे हैं कि सैलरी आई क्या? आज तक प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं आई थी कि कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसना पड़े। प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि कोई आर्थिक संकट नहीं हैं। जब आर्थिक संकट नहीं है तो वेतन क्यों नहीं आ रहा है? सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों की पेंशन कब आएगी। कर्मचारियों के पास आय के कोई और साधन नहीं होते हैं, उन्हें वेतन से ही परिवार पालना होता है। ऐसे में बिना वेतन के परिवार कैसे पलेगा? जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी अपने वेतन से ही सारे खर्च वहन करता है। बच्चों की फ़ीस, घर का किराया, होम लोन की किस्तें, पर्सनल लोन की किश्तों के साथ क्रेडिट कार्ड आदि की ईएमआई भी महीने के पहले सप्ताह में देनी होती हैं। घर का किराया से लेकर राशन, बिजली-पानी आदि का खर्च भी महीनें के पहले हफ़्ते में ही देना पड़ता है। लोन की किस्तें न जमा कर पाना अपने आप में बड़ी आफ़त हैं। जिसके कारण जुर्माना से लेकर वित्तीय शुल्क अलग से भरने पड़ते हैं। यह स्थिति किसी भी सूरते हाल में सही नहीं है कि कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मों की सज़ा भुगते। मुख्यमंत्री प्रदेश के कर्मचारियों को बताएं कि कब तक कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में आएगा।