राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन से 'पैडल टू हील हिमालय साइकिलÓ अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) हीलिंग हिमालय के सहयोग से आयोजित इस अभियान में हिमाचल प्रदेश के साइकिल चालक शामिल हैं, जो शिमला से लाहौल-स्पीति तक यात्रा करेंगे। राज्यपाल ने साइकिल चालकों और हीलिंग हिमालय को बधाई देते हुए कहा कि इस एनजीओ द्वारा हिमालय में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान की सराहना प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी की है। उन्होंने कहा कि यह अभियान अन्य लोगों को भी इस दिशा में प्रेरित करेगा। उन्होंने हिमालय के पर्यटन क्षेत्र के बारे में जागरूकता के लिए साइकिल चालकों और हीलिंग हिमालय की पहल की सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेेंद्र श्याम ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को आपदा राहत कोष के लिए अपनी बचत से तीन लाख रुपये का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका धन्यवाद किया और कहा कि सभी क्षेत्रों से लोग इस कोष में उदारतापूर्वक अंशदान देने के लिए आगे आ रहे हैं, जो आपदा से प्रभावित परिवारों की मदद करने में काफी मददगार साबित होगा।
-कहा, हर चीज के दाम बढ़ाकर आपदा प्रभावितों को दोहरे जोखिम दे रही सरकार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार प्रदेश के लोगों के साथ अन्याय कर रही है, आए दिन जनविरोधी फैसले ले रही है। सत्ता में आते ही डीज़ल पर टैक्स बढ़ा दिए। बिजली-पानी के शुल्क बढ़ा दिए। आज दस गुना स्टांप ड्यूटी बढ़ाने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की तानाशाही से जनविरोधी फैसले जनता पर नहीं लाद सकती है। सरकार ने राजस्व के विभिन्न कार्यों में जहां सौ रुपये का स्टाम्प लगता था। उस जगह पर अब एक हज़ार जा स्टांप लगाने जा रही है। एक साथ दस गुना बढ़ोतरी आज तक प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुई थी। नेता प्रतिपक्ष ने का कहा कि इस अधिनियम का विरोध करते हुए बीजेपी के विधायकों ने सदन से 'वॉकआउटÓ किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोगों को सुविधा देने के नाम पर कांग्रेस प्रदेश के लोगों से झूठ बोला। सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश के लोगों को दुख देने वाले काम शुरू कर दिये। चुनाव के पहले दस गारंटी का वादा करने वाली कांग्रेस ने एक भी वादा पूरा नहीं किया और लोगों के ऊपर टैक्स पर टैक्स लगाए जा रही है। आपदा के समय में भी इस तरह की जनविरोधी गतिविधि सरकार कर सकती है। ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश आपदा से गुजर रहा है लेकिन सरकार आए दिन किसी न किसी प्रकार के आर्थिक बोझ से प्रदेश के लोगों को परेशान कर रही है। आपदा से उबरने के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता है उन्हें महंगा कर रही है। लोगों के घर टूटे हैं, जिन्हें बनाने में सीमेंट, रेता स्टील की आवश्यकता पड़ेगी। सरकार ने सीमेंट के दाम बढ़ा दिये। उद्योगों को दी जाने वाली बिजली महंगी कर दी। इससे स्टील और अन्य महत्वपूर्ण चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। डीज़ल के दाम बढ़ा दिये, जिससे आम जन-जीवन में इस्तेमाल होने वाली सारी चीजों के दामों पर असर पड़ा। आपदा के समय में इस तरह का बर्ताव कभी किसी सरकार ने नहीं किया। सरकार को इस तरह की हरकतों से बाज आना चाहिए।
-विधायक ने विधानसभा में उठाया स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने का मुद्दा हिमाचल प्रदेश में प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए तेजी से काम करे। यह बात सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन के भीतर कही। राकेश जम्वाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र सुंदरनगर सिविल अस्पताल का मामला उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार रोबोटिक सर्जरी की बात कर रही है जो प्रदेश सरकार का एक अच्छा कदम है लेकिन प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा हॉस्पिटल होना चाहिए जहां लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। राकेश जम्वाल ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत पूछे गए सवाल में प्रदेश सरकार से पूछा कि सुंदरनगर सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने के लिए एक तकनीशियन व डॉक्टर कब मुहैया करवाया जाएगा। इसके अलावा नेरचौक में बीते पांच माह पहले दुर्घटनाग्रस्त हुई लाइफ स्पोर्टिंग एंबुलेंस को अब तक ठीक क्यों नहीं करवाया गया है जबकि नेरचौक से चंडीगढ़ जाने के लिए एक मरीज को 30 से 35 हजार रुपए ख़र्च करने पड़ते हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस एंबुलेंस को जल्द ठीक करने की मांग की है। राकेश जम्वाल ने सदन में पूछा कि सुंदरनगर सिविल हॉस्पिटल परिसर में डॉक्टरों व अस्पताल स्टाफ के लिए 10 करोड़ की लागत से रेजिडेंस बनाया जा रहा है लेकिन कुछ महीनों से इसका कार्य बन्द पड़ा हुआ है।बताया जा रहा है कि बजट न होने के चलते यह कार्य रुका हुआ है। उन्होंने सरकार से पूछा कि कब कार्य के लिए बजट मुहैया करवाया जाएगा, ताकि इमरजेंसी में मरीजों के लिए डॉक्टर उपलब्ध हो सकें।
-कुब्जा पेवेलियन रेणुका जी में चिकित्सा एवं रक्तदान शिविर लगाए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी रेणुका जी ने 6 बार विधायक रह चुके स्व. डॉ प्रेम सिंह की जयंती व पुण्यतिथि के मौके पर उनकी याद में कुब्जा पेवेलियन रेणुका जी में मुफ्त चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर लगाए गए। साथ ही ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की बैठक का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में रेणुका के विधायक विनय कुमार, पूर्व विधायक स्व. प्रेम सिंह की पत्नी विद्या देवी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। रेणुका के विधायक विनय कुमार ने कहा कि उनके पिता स्व. डॉ प्रेम सिंह का रेणुका के विकास में अतुलनीय योगदान है और उनकी जयंती व पुण्यतिथि तिथि 23 सितंबर को हर वर्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा मनाई जाती है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तपेंदर चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्तदान शिविर में 40 यूनिट रक्तदान किया गया तथा मुफ़्त चिकित्सा शिविर में लगभग 300 लोगों ने मुफ़्त चिकित्सा शिविर का लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि मुफ्त चिकित्सा शिविर में कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. अंकुर आहूजा, न्यूरोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. इशांक गोयल, ऑर्थो के विशेषज्ञ डॉ. रवि गुप्ता ने विशेष रूप से इस चिकित्सा शिविर में लोगों कि जांच की। इस दौरान श्री रेणुका जी कांग्रेस मंडल की एक महत्वपूर्ण विशाल बैठक का आयोजन भी किया गया। तपेेंदर चौहान ने बताया कि इस फ्री मेडिकल चेकअप व रक्तदान शिविर में बतौर मुख्यातिथि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष व विधायक रेणूका जी विनय कुमार शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में रेणुका मंडल अध्यक्ष तपेेंदर चौहान, पीसीसी सदस्य यशपाल चौहान, मंडल महासचिव मित्र सिंह तोमर, सीमा भूषण, अशोक ठाकुर, पूर्व बीडीसी अध्यक्ष उपाध्यक्ष दलीप चौहान, प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव ओपी ठाकुर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्यामा ठाकुर, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अजय भारद्वाज, जोन अध्यक्ष स्वर्ण नेगी, अनिल शर्मा, कुशल सिंह तोमर, रमेश कमल, यशवंत सिंह चौहान, हरिन्द शर्मा, मोहन शर्मा, तपेंद्र सिंह तोमर, रामरतन चौहान, जिला परिषद सदस्य ओम प्रकाश, पृथ्वीराज, पूर्व प्रधान अभिमन्यु पुंडीर, सहित कांग्रेस सभी पदाधिकारी, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, ओबीसी सेल, एससी सेल, एनएसयूआई व रेणुका की सभी पंचायतों के 123 बूथों के अध्यक्ष एवं बूथ पदाधिकारी मंडल कांग्रेस इत्यादि ने भाग लिया।
-हिमाचल में अहंकारी सरकार, जल्द टूटेगा अहंकार : जयराम शिमला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा में एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार को 10 महीने पूरे हो चुके हैं और अभी तक यह सरकार पूरी तरह से फेल है। यह सरकार जन आकांक्षाओं और अपेक्षाओं की विपरीत चल रही है, जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से हिमाचल प्रदेश में विकास की गति घट गई है। जयराम ठाकुर ने जिस प्रकार से हिमाचल प्रदेश में विकास को पंख लगाए थे, इस सरकार ने उन पंखों को काट दिया है। कांग्रेस की दुख की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 1000 से ज्यादा संस्थान बंद किए हैं, कानून व्यवस्था चरमराई हुई है, पूर्ण रूप से कानून व्यवस्था नियंत्रण से बाहर है। चंबा हत्याकांड, हिमाचल प्रदेश में बलात्कार, गोलीकांड, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार जैसी शर्मनाक घटनाएं हो रही हंै और यह सरकार मौन है। यह सरकार केवल छलावे की सरकार है। वहीं जयराम ठाकुर ने कहा कि 10 महीने का कांग्रेस सरकार का कार्यकाल अव्यवस्था भरा रहा है, हिमाचल प्रदेश में महंगाई बड़ी है, सीमेंट के दाम दो बार बड़े हैं और अभी विधानसभा में स्टांप ड्यूटी को 10 गुना बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया है। यह सरकार हिमाचल प्रदेश के गरीब लोगों के बारे में सोच नहीं रही है और लोगों के लिए यह सरकार केवल मात्र बोझ डालने का कार्य कर रही है। हम साफ कहते हैं अगर केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को मदद ना मिलती तो हिमाचल प्रदेश की परिस्थितियों और कठिन होती। ऐसा प्रतीत होता है की हिमाचल प्रदेश में अहंकारी राज चल रहा है और इस अहंकार को तोड़ने के लिए विधायक दल एवं भाजपा एक विशाल धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता आमिर खान ने करुणा का परिचय देते हुए आपदा राहत कोष-2023 के लिए 25 लाख रुपये की राशि का अंशदान दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आमिर खान के इस सहयोग के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह सहायता नि:स्संदेह राहत व पुनर्वास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिनका उद्देश्य प्रभावित परिवारों को आपदा से उबरने में मदद करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राशि का उपयोग जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आमिर खान के इस पुनीत कार्य से आपदा प्रभावित लोगों को सहायता मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में शनिवार को भोजन अवकाश के बाद भारतीय स्टांप ड्यूटी विधेयक को लेकर सदन में हंगामा हुआ। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सुबह सदन में भारतीय स्टांप ड्यूटी हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक 2023 को पारित करने का प्रस्ताव रखा तो इसका विपक्ष ने विरोध किया। विपक्ष के सदस्यों ने स्टांप ड्यूटी बढ़ने से आम जनता पर बोझ डालने की बात की। इसका विरोध किया। इसे पारित करने को आगे टाल दिया। अध्यक्ष ने इसे पारित करने का प्रस्ताव भोजन अवकाश के बाद करने की बात की। भोजन अवकाश के बाद कार्यवाही शुरू होते ही विधेयक को लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। विपक्ष की गैर मौजूदगी में ही बिल को पास किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष पहले से ही प्रदेश विरोधी है, अब महिला विरोधी भी हो गया है। विधेयक के अनुसार पहले सभी के लिए 50 लाख तक जमीन की रजिस्ट्री पर 8 फीसदी स्टांप ड्यूटी थी। अब 50 से 80 लाख तक की रजिस्ट्री कराने पर महिलाओं के लिए 4 फीसदी स्टांप ड्यूटी लगेगी। सरकार ने लिमिट को बढ़ाया है। भू राजस्व संशोधन विधेयक भी पारित विपक्ष ने दूसरे हिमाचल प्रदेश भू राजस्व संशोधन विधेयक 2023 का भी विरोध किया गया। इसे भी राजस्व मंत्री ने सदन के पटल पर रखा और इसे पारित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राजस्व विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी के चलते इसे लागू करने में बाधा आने की बात की गई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी बोले कि यह विधेयक आम आदमी को लाभ देने के लिए है। दूसरे विधेयक पर मुख्यमंत्री बोले कि 69 साल बाद इस विधेयक में संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डिमार्केशन और पार्टिशन में बहुत समय लग रहा है। इसके लिए एक व्यक्ति का लाभ नहीं देखा गया है। इससे राजस्व विभाग में व्यवस्था परिवर्तन होने वाला है। अगर इतने साल बाद संशोधन किया जा रहा है तो सोच-समझकर ही लाया जा रहा है। इस विधेयक को ध्वनिमत से सदन में पारित कर दिया गया।
-कहा, बटेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि बटेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा। हिमाचल प्रदेश में अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि टेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा। बाहरी राज्यों में भी किलो के हिसाब से ही सेब बेचा जाएगा। नहीं मानने वाले प्रदेशों के उच्च न्यायालयों में मामला उठाया जाएगा। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर की ओर से मामले पर उठाए गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सदन में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का मामला उठाया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि सेब को किलो के हिसाब से बेचना ऐतिहासिक निर्णय है। इसमें समस्या आएगी भी, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है। लेकिन यह संभव नहीं था कि एक-एक पेटी को बाजार में तोलने की व्यवस्था की जाए। भ्रम की स्थिति बनी रही। कई जगह बागवानों में भी नाराजगी हुई। यह नियम केवल हिमाचल प्रदेश में है। बाहर नहीं है। वहां इस तरह की व्यवस्था नहीं है। जब भ्रम की स्थिति बनी तो बहुत से बागवानों से प्रदेश से बाहर जाकर सेब बेचा। इससे राजस्व की हानि हुई। करोड़ों रुपये खर्च करके यहां पर मंडियां बनाई गई हैं। करोड़ों की लागत से हिमाचल प्रदेश में मंडियां विकसित की गई हैं। बागवानी मंत्री भी मंडियों का दौरा करते रहे। मंत्री रोहित ठाकुर भी बागवानों से लगातार मिलते रहे। उनका यह कहना है कि इसका एक सबसे बढ़िया उपाय है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं कि इससे हमेशा के लिए अच्छी व्यवस्था बने। राठौर ने बागवानी मंत्री से अनुरोध किया प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था को लागू किया जाए। बाजार में इससे अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। गुणवत्ता वाला सेब जाएगा तो अच्छा होगा। एक ही मापदंड होने चाहिए। हिमाचल में किलो के हिसाब से बिक रहा है। बाहर किलो के हिसाब से नहीं बिक रहा है। सेब बागवानी के खर्चा देखा जाए तो यह लाभ का काम नहीं रह गया है। इस वक्त बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सेब पर आयात शुल्क घटाए जाने से भी बागवानों को नुकसान हो रहा है। यह मसला पूरे प्रदेश से जुड़ा हुआ है। सेब का सालाना कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये है। बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सभी लोग सहयोग करें। आयात शुल्क बढ़ाया जाए। कुलदीप राठौर ने कहा कि अफगानिस्तान के रास्ते ईरान का सेब आ रहा है। अफगानिस्तान के साथ देश की निशुल्क व्यापार की संधि है। इस बारे में भी सोचे जाने की जरूरत है।
दयानंद पब्लिक स्कूल शिमला के छात्र-छात्राओं ने शेनिवार को विधानसभा की कार्यवाही देखी। छात्र-छात्राओं ने सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात कर लोकतांत्रिक व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की।
प्रदेश में मौसम ने करवट बदली है। राज्य के कई भागों में बारिश हो रही है। प्रदेश की राजधानी शिमला में भी मौसम खराब बना हुआ है। वहीं, बारिश से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज राज्य के कुछ भागों में बारिश के साथ अंधड़ चलने व बिजली चमकने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 24 व 25 सितंबर को भी कुछ भागों में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। 26 से 29 सितंबर तक राज्य के सभी भागों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। सोलन जिले में शनिवार सुबह से ही बारिश हो रही है। बारिश होने से अब किसान लहसुन, मटर की बिजाई का कार्य कर सकेंगे। पिछले दो सप्ताह से धूप खिलने के चलते खेतों में नमी काफी कम हो गई थी। उधर, बिलासपुर जिले में भी झमाझम बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। बारिश के चलते बंदला धार से पैराग्लाइडिंग रोकी गई है। प्रशिक्षण में बारिश बाधा बनी है। इसके अलावा बारिश से मक्की की कटाई भी प्रभावित हुई है। सिरमौर व ऊना जिले के कई भागों में भी बारिश दर्ज की गई है। शिमला में भी हल्की बारिश हुई है। राज्य में शनिवार सुबह 10 बजे तक 25 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। इसके अतिरिक्त 181 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित चल रहे हैं।
-महोत्सव में दिखाई जाएंगी 20 देशों और 24 राज्यों की फिल्में बहुप्रप्रतिष्ठित शिमला अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 9वें संस्करण का उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज एक भव्य समारोह में किया। गेयटी थिएटर शिमला में आयोजित इस कार्यक्रम ने दुनिया भर की सिनेमाई उत्कृष्टता के तीन दिवसीय उत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें सिनेमा और संस्कृति की दुनिया को एक मंच पर प्रदर्शित किया । अपने उद्घाटन संबोधन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने महोत्सव के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम के रूप में सिनेमा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिमला का अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव हमारे राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम बन गया है, जो हिमाचल प्रदेश और वैश्विक फिल्म समुदाय के बीच गहरे संबंध को बढ़ावा देता है। सिनेमा के माध्यम से, हम अपनी संस्कृति, मूल्यों और कहानियों को दुनिया के साथ साझा करते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कंडा और नाहन सेंट्रल जेल और विशेष योग्यता वाले बच्चों के लिए संस्थान, ढली में स्क्रीनिंग सिनेमा के जादू को अप्रत्याशित स्थानों पर लाने और दर्शकों के साथ सार्थक तरीके से जुड़ने का एक अच्छा प्रस्ताव है। वे वास्तव में बाहरी दुनिया का पता लगाने के अवसरों के हकदार हैं और सिनेमा से बेहतर कोई तरीका नहीं है जो समकालीन समाज के विभिन्न पहलू और लोगों के जीवन के रचनात्मक तत्वों को दिखा सके और यह समाज से अलग थलग लोगों को सीखने और रचनात्मकता की अपनी भावना को फिर से विकसित काने का बेहतरीन मौका है। इस महोत्सव में 20 देशों और 24 राज्यों की फिल्मों का विविध चयन शामिल है, जिसमें लघु, वृत्तचित्र और फीचर फिल्में शामिल हैं, जो दर्शकों को सिनेमाई अनुभवों की एक मनोरम श्रृंखला पेश करती हैं। इस वर्ष 38 अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी, 62 राष्ट्रीय और 5 हिमाचल प्रदेश की फिल्मों का प्रतियोगिता के लिए आधिकारिक तौर पर चयन कर लिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, ईरान, कनाडा, चीन, चेक गणराज्य, तुर्की, नेपाल, मिस्र, बांग्लादेश, इटली, पोलैंड, अर्जेंटीना, स्वीडन, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया के फिल्म निर्माता, फ्रांस और दुबई भाग ले रहे हैं। जबकि भारत से इक्कीस राज्य भाग ले रहे हैं, जैसे केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर, असम, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कश्मीर, उत्तराखंड , उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश। गेयटी थिएटर, शिमला के मध्य में स्थित एक प्रतिष्ठित विरासत स्थल, इस सिनेमाई असाधारण प्रदर्शन के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि है।
-निकाली रैली, मिठाइयां बांटीं, ढोल-नगाड़े के साथ नारेबाजी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया - 75 वर्षों में नया इतिहास रचने का काम किया पीएम मोदी ने : योगी नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा व राज्यसभा में पारित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा हिमाचल प्रदेश राज्य भर में जशन मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया जा रहा है। इसी कड़ी में शिमला में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा द्वारा जश्न व आभार रैली का आयोजन किया गया। शेरे पंजाब से लेकर जिलाधीश कार्यालय तक बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने इस रैली में भाग लिया। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा हिमाचल प्रदेश की अध्यक्ष वंदना योगी ने इस रैली का नेतृत्व किया, लोगों को मिठाई भी बांटी गई ढोल नगाड़े के साथ नृत्य व नाटी भी डाली गई। महिलाओं ने मोदी जी को जय श्री राम, बीजेपी जिंदाबाद सहित अनेक नारे लगाकर माहौल को उत्साह पूर्वक बनाया गया। बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर बधाई दी। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राज्य अध्यक्ष वंदना योगी ने कहा कि गत साढ़े वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जितने भी नीतियां बनाई गई, उनके केंद्र में महिलाएं रही हैं ,उज्ज्वला योजना ,शौचालय बनाना, घर का निर्माण हो, डायरेक्ट सब्सिडी देना, रसोई गैस के दाम कम करना, मुद्रा योजना,रोजगार देने की बात हो, विकास की बात हो या मनरेगा को आगे बढ़ाने की बात हो हर कार्य में महिला को आगे रखा गया है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जो काम 75 वर्षों में नहीं हुआ पिछले 27 वर्षों से राजनीतिक विरोध के चलते अटका हुआ था, उसे नई राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ नए संसद भवन में पहले ही दिन नारी शक्ति वंदन विधेयक के रूप में रखा गया, खुली चर्चा की गई पारित हुआ और अगले ही दो दिनों में बिल को राज्यसभा में रखा गया राज्यसभा में भी पारित हुआ। उन्होंने कहा कि अब तक के इतिहास का सबसे शानदार कार्य हुआ है, जिसने देश की महिला शक्ति को ताकत प्रदान करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किंतु परंतु के बिना सभी दलों का सहयोग लेकर के इस बिल को पारित करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है और आने वाले समय में 33त्न आरक्षण देश की सांसद व विधानसभा में महिलाओं को मिलेगा और महिलाएं नीति निर्धारण में अपना योगदान बढ़कर के दे पाएंगी। भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष वंदना योगी ने कहा कि इस विधेयक की राह में अब तक बाधा बने सपा, राजद, जदयू जैसे दलों के साथ कांग्रेस भी शामिल थी। इससे जुड़े तीनों विधेयकों के विरोध में महज दो मत, जबकि समर्थन में 454 वोट पड़े। संसद में किसी विधेयक पर बरसों बाद ऐसी सर्वानुमति बन पाई है। राज्यसभा में सभी सहमति हुई है। योगी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण भाजपा के लिए आस्था व निष्ठा से जुड़ा संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 70 करोड़ बहनों के लिए एक नायाब तोहफा देकर नया इतिहास रचा है। इस अवसर पर जिला भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष विनती शर्मा,भाजपा महामंत्री अंजना, गुड़िया सक्षम बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष रूपा शर्मा, सोशल मीडिया संयोजक प्रतिभा बाली,भाजपा महिला नेत्री रूप शारदा, किरण बाबा, महिला नेत्री किमी सूद, सीमा ठाकुर, पार्षद रचना शर्मा, पार्षद कमलेश मैहता, आशा शर्मा, निशा शर्मा,पूर्व मेयर सत्या कौंडल, पूर्व मेयर कुसम संदरेट, कमलेश शर्मा, मीना वर्मा, कल्पी शर्मा, सुलेखा कश्यप, संजना चौहान, संजू शर्मा सहित अन्य महिला पदाधिकारी व कार्यकता उपस्थित रहे।
-मिठाइयां बांटीं, ढोल-नगाड़े के साथ नारेबाजी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया - 75 वर्षों में नया इतिहास रचने का काम किया पीएम मोदी ने : वंदना योगी नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा व राज्यसभा में पारित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा हिमाचल प्रदेश राज्य भर में जशन मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया जा रहा है। इसी कड़ी में शिमला में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा द्वारा जश्न व आभार रैली का आयोजन किया गया। शेरे पंजाब से लेकर जिलाधीश कार्यालय तक बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने इस रैली में भाग लिया। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा हिमाचल प्रदेश की अध्यक्ष वंदना योगी ने इस रैली का नेतृत्व किया, लोगों को मिठाई भी बांटी गई ढोल नगाड़े के साथ नृत्य व नाटी भी डाली गई। महिलाओं ने मोदी जी को जय श्री राम, बीजेपी जिंदाबाद सहित अनेक नारे लगाकर माहौल को उत्साह पूर्वक बनाया गया। बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर बधाई दी। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राज्य अध्यक्ष वंदना योगी ने कहा कि गत साढ़े वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जितने भी नीतियां बनाई गई, उनके केंद्र में महिलाएं रही हैं ,उज्ज्वला योजना ,शौचालय बनाना, घर का निर्माण हो, डायरेक्ट सब्सिडी देना, रसोई गैस के दाम कम करना, मुद्रा योजना,रोजगार देने की बात हो, विकास की बात हो या मनरेगा को आगे बढ़ाने की बात हो हर कार्य में महिला को आगे रखा गया है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जो काम 75 वर्षों में नहीं हुआ पिछले 27 वर्षों से राजनीतिक विरोध के चलते अटका हुआ था, उसे नई राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ नए संसद भवन में पहले ही दिन नारी शक्ति वंदन विधेयक के रूप में रखा गया, खुली चर्चा की गई पारित हुआ और अगले ही दो दिनों में बिल को राज्यसभा में रखा गया राज्यसभा में भी पारित हुआ। उन्होंने कहा कि अब तक के इतिहास का सबसे शानदार कार्य हुआ है, जिसने देश की महिला शक्ति को ताकत प्रदान करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किंतु परंतु के बिना सभी दलों का सहयोग लेकर के इस बिल को पारित करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है और आने वाले समय में 33त्न आरक्षण देश की सांसद व विधानसभा में महिलाओं को मिलेगा और महिलाएं नीति निर्धारण में अपना योगदान बढ़कर के दे पाएंगी। भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष वंदना योगी ने कहा कि इस विधेयक की राह में अब तक बाधा बने सपा, राजद, जदयू जैसे दलों के साथ कांग्रेस भी शामिल थी। इससे जुड़े तीनों विधेयकों के विरोध में महज दो मत, जबकि समर्थन में 454 वोट पड़े। संसद में किसी विधेयक पर बरसों बाद ऐसी सर्वानुमति बन पाई है। राज्यसभा में सभी सहमति हुई है। योगी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण भाजपा के लिए आस्था व निष्ठा से जुड़ा संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 70 करोड़ बहनों के लिए एक नायाब तोहफा देकर नया इतिहास रचा है। इस अवसर पर जिला भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष विनती शर्मा,भाजपा महामंत्री अंजना, गुड़िया सक्षम बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष रूपा शर्मा, सोशल मीडिया संयोजक प्रतिभा बाली,भाजपा महिला नेत्री रूप शारदा, किरण बाबा, महिला नेत्री किमी सूद, सीमा ठाकुर, पार्षद रचना शर्मा, पार्षद कमलेश मैहता, आशा शर्मा, निशा शर्मा,पूर्व मेयर सत्या कौंडल, पूर्व मेयर कुसम संदरेट, कमलेश शर्मा, मीना वर्मा, कल्पी शर्मा, सुलेखा कश्यप, संजना चौहान, संजू शर्मा सहित अन्य महिला पदाधिकारी व कार्यकता उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां अनाडेल व्यू बिल्डिंग (विधानसभा अध्यक्ष के आवास) का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से आगामी निर्माण कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और उन्हें एक वर्ष के भीतर इसका निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उपायुक्त आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला स्टील सिटी बन गई है। पहाड़ों की राजधानी में इसे देखते हुए स्टील स्ट्रक्चर निर्माण पर रोक लगा दी गई है। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के मूल सवाल और राजेश धर्माणी व हरीश जनारथा के सप्लीमेट्री सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विधायक निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायतें करते हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। नॉन टेक्निकल लोगों ने दी टेक्निकल काम की मंजूरी विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टेक्निकल काम की मंजूरी, नॉन टेक्निकल लोगों द्वारा दी गई है। इसकी जांच होनी है। हरीश जनारथा ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से मलबा डंप हुआ है। इससे ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है। शहर में आई आपदा में स्मार्ट सिटी का भी बड़ा रोल है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लोक सभा और राज्य सभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 का पारित होना देश के लिए ऐतिहासिक क्षण हैं। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने देश की मातृशक्ति समेत समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं दी। नेता प्रतिपक्ष ने महिलाओं सशक्तिकरण के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाकर लंबे समय से की जा रही मांग को नारी शक्ति वंदन अधिनियम- 2023 के रूप में लोक सभा और राज्य सभा से पारित करवाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने विधेयक को समर्थन देने के लिए संपूर्ण मंत्री परिषद और समस्त संसद सदस्यों का भी आभार व्यक्त किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस कानून के कारण देश में मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व और बढ़ेगा। देश के लिए नीति निर्धारण में मातृशक्ति का भूमिका बढ़ेगी। यह क़ानून आने वाले समय में हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को और सुदृढ़ करेगा।
-सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे सुक्खू सरकार पर जनता को नहीं रहा भरोसा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि जिन्होंने अपनी जान को ख़तरे में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा की, आज छह महीनें से उनका वेतन नहीं दिया गया हैं। इस महीने उन सबकी सेवा ख़त्म करने का नोटिस दे दिया गया है। सरकार हर मुद्दे पर झूठ बोल रही है। सदन में भी सही जवाब नहीं दे रही है। आज हर दिन विधान सभा के बाहर लोग अपनी मांगें लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग सड़क पर धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सब सही है, लेकिन सब सही नहीं हैं। यह सरकार पूरी तरह से फेल हैं। जनहित के मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़क पर धरना दे रहे लोग बता रहे हैं कि सरकार से जनता का भरोसा उठ गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि दस महीनें में ही लोग सड़कों पर आ गये हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। दस महीनें में ही प्रदेश के लोग सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर आ गये हैं क्योंकि सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है। आज भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी परीक्षा के परिणाम नहीं जारी किए जा रहे हैं। युवा आये दिन परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अब तक सिर्फ आश्वासन दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब हमें मौक़ा मिला तो हमने प्रदेश में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित, किसी कारण से अशक्त हुए लोगों के लिए सहारा योजना लाई। उसके तहत तीन हजार रुपये की पेंशन दी जा रही थी। जिससे ऐसे लोगों की मदद हो जाए। अब मुझे उन लोगों के फ़ोन आते हैं कि पेंशन नहीं मिल रही है। यह गलत परंपरा हैं। ऐसी व्यवस्थाएं सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि यह समाज में जरूरतमंद लोगों के लिए चलाई गई योजना है।
-शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को सौंपा मांगपत्र, तुरंत मांगें पूरी करने की अपील मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू ने मिड-डे मील वर्कर्स की मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेशभर से सैकड़ों मिड-डे मील वर्कर्स रैली में शामिल रहे। रैली पंचायत भवन से शुरू हुई व विधानसभा पहुंची, जहां एक जनसभा हुई। जनसभा को सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम, यूनियन प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह, महासचिव हिमी देवी, बलबिंद्र कौर, इंद्र, सुदेश, कौशल्या प्रीति, शांति, बलबिंद्र कौर, मीरा, जगदीश, सरिता, निरथ, वीरेंद्र, गुरदास वर्मा, अजय दुलटा, राजेश शर्मा, आशीष कुमार, मोहित वर्मा, बालक राम, केवल कुमार, नरेंद्र विरुद्ध आदि ने संबोधित किया। इस दौरान यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला व उन्हें मांग पत्र सौंपा। उन्होंने मिड-डे मील कर्मियों की मांगों को तुरंत पूर्ण करने का आश्वासन दिया। विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, जगत राम, इंद्र सिंह व हिमी देवी ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि मिड-डे मील वर्कर्स को पिछले पांच महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने मांग की है कि यह भुगतान तुरंत किया जाए। प्रदेश सरकार की चार हज़ार रुपये की घोषणा के बावजूद यह घोषणा लागू नहीं हुई है। उन्होंने हरियाणा की तर्ज पर सात हजार रुपये वेतन की मांग की। हिमाचल उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार व पंजाब सरकार की तर्ज पर 10 के बजाए 12 महीने का वेतन दिया जाए। पंजाब सरकार के मिड-डे मील व हिमाचल में आंगनबाड़ी की तर्ज पर 12 से 20 छुट्टियों की सुविधा दी जाएं। उन्हें साल में दो वर्दी दी जाए। मल्टी टास्क भर्ती में मिड-डे मील कर्मियों को प्राथमिकता दी जाए। उन्हें अतिरिक्त कार्य का अतिरिक्त वेतन दिया जाए। बंद किए गए स्कूलों में अन्य स्टाफ की तरह मिड-डे मील कर्मियों को भी दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जाए। उनके लिए नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की शर्त को हटाया जाए। उनसे चुनाव के समय पोलिंग पार्टी को खाना बनाने का कार्य न करवाया जाए। प्रत्येक स्कूल में अनिवार्य रूप से दो मिड-डे मील वर्कर्स की नियुक्ति की जाए। 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार मिड-डे मील कर्मियों को मजदूर का का दर्जा दिया जाए व उन्हें नियमित किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि देश की मोदी सरकार मजदूर वर्ग पर तीखे हमले जारी रखे हुए है। केंद्र सरकार 45वें श्रम सम्मेलन की शर्त के अनुसार योजना मजदूरों को मजदूर का दर्जा देने, पेंशन, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य आदि सुविधा को लागू नहीं कर रही है। केंद्र में रही सरकारों ने वर्ष 2009 के बाद मिड-डे मील कर्मियों के वेतन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की है। मोदी सरकार इस योजना को कॉरपोरेट कम्पनियों के हवाले करना चाहती है। यही कारण है कि इस योजना के बजट में लगातार कटौती की जा रही है। मोदी सरकार ने मिड डे मील योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना करके इसे खत्म करके सुनियोजित साजिश रची है। सरकार मिड-डे मिल योजना में केंद्रीय रसोई घर व डीबीटी शुरू कर रही है जिस से मिड-डे मील कर्मियों की छंटनी तय है। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर निजीकरण होगा। यह सब करके भाजपा सरकार मिड-डे मील कर्मियों के रोजगार को खत्म करना चाहती है। प्रदेश में कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं व कई मिड-डे मील कर्मियों को नौकरी से बाहर किया जा चुका है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ की ओर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को आज यहां मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 16.73 लाख रुपये की राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका धन्यवाद किया और कहा कि इस तरह के योगदान संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद करने में सहायक सिद्ध होंगे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, हिमाचल प्रदेश प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा, महासचिव रजनीश कुमार गुलेरिया और संघ के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
बेरोजगार कला अध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश सरकार से काफी नाराज है। संघ ने सरकार को दो टूक शब्दों में कहा है कि जो सरकार ने फैसला लिया है कि 100 के स्कूलों में शिक्षकों को हाई और उच्च विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा, उस ख़बर को सुनते ही बेरोजगार कला अध्यापक संघ आग बबूला हो गया है। संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से कहा है कि आप जब सत्ता से बहार थे तो कहते थे कि हम अच्छा रोजगार देंगे और अच्छी शिक्षा देंगे और सरकार बनने के बाद ये कैसे आपके निर्णय हैं, जो रोज़गार विरोधी हंै और गरीब घरों में पड़ने वाले सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के खिलाफ हैं। संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह और उप अध्यक्ष जगदीश ठाकुर सचिव विजय सिंह तथा कोषाध्यक्ष शक्ति प्रसाद व अन्य राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सभी जिला कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मीटिंग की और सरकार से कहा है कि सरकार ऐसा निर्णय को लागू न करें, जिससे गरीब परिवार से पड़ने बाले बच्चों का शोषण हो, बल्कि सरकार ऐसा निर्णय ले, जिससे उन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का जीवन शिक्षा से परिपूर्ण हो। संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक से अनुरोध किया है कि हिमाचल प्रदेश के 14000 बेरोजगार कला अध्यापक पिछले कई सालों से नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। और आप ऐसा निर्णय न लें, जिससे हजारों बेरोजगार को नुकसान उठाना पड़े और मजबूरी में आत्महत्या करनी पड़े। संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह ने कहा कि सरकार हर बार बाकी सभी विषयों की पोस्टें निकालती है, लेकिन कला विषय की अनदेखी कर रही है। जैसा कि हाल ही में जो नोटिफिकेशन जारी हुई है, उसमें टीजीटी, पीजीटी और शास्त्री एलटी की पोस्टें निकलीं हैं पर उसमें भी कला अध्यापक की पोस्टों को इग्नोर कर दिया है, जबकि 285 पोस्टों की शिक्षा विभाग ने मंजूरी मांगी गई थी।
प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की माता संसार देवी ने आपदा राहत कोष में 50 हजार रुपये का योगदान दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी क्षेत्रों के लोग उदारतापूर्वक दान देने के लिए आगे आ रहे हैं और उनका नि:स्वार्थ योगदान नि:संदेह प्रदेश के आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक आपदा राहत कोष में 180 करोड़ रुपये से अधिक अंशदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस कोष में अंशदान करने वाले सभी व्यक्तियों, सरकारी कर्मचारियों, विभिन्न संगठनों और राज्य सरकारों के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक मिसाल पेश करते हुए राज्य में जारी राहत एवं पुनर्वास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए निजी जमापूंजी से 51 लाख रुपये आपदा राहत कोष में दान दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 2026 तक कोयले से बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में विधायक चैतन्य शर्मा के प्रस्ताव के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। सरकार के अगले छह महीने के कार्यक्रम ग्रीन एनर्जी पर फोकस रहेंगे। हिमाचल प्रदेश ने इस बार मानसून की बारिश में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव देखा है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम करने के लिए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना ही होगा। सरकार एचआरटीसी बसों को इलेक्ट्रिक में बदल रही है। टाइप-2 बसों की खरीद की जानी है, लेकिन इन बसों का उत्पादन काफी कम हो रहा है। सरकार ने टैक्सी को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी बदलने का प्रस्ताव लाया है। टैक्सी ऑपरेटर को 50 फीसदी सब्सिडी इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने के लिए देंगे और उनके वाहन को सुनिश्चित आय पर सरकारी विभाग में ही लगाया जाएगा।
-हमें 50 हजार करोड़ का कर्ज और अन्य देनदारियां वीरभद्र सरकार से मिली थीं शिमला: सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर प्रदेश के ऊपर कज़ऱ् का बोझ बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोरोना की महामारी के बाद भी हमने पूर्ववर्ती वीरभद्र सिंह सरकार से कम कर्ज लिया। कोरोना के बाद भी हमने न प्रदेश का विकास रुकने दिया और न ही प्रदेश के लोगों के हितों के साथ समझौता होने दिया। हमने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का बजट स्व. वीरभद्र सिंह की सरकार के बजट का तीन गुना किया। जनहितकारी योजनाएं चलाई। कोविड प्रबंधन और वैक्सीनेशन में कम संसाधनों बाद भी अव्वल रहे। केंद्र सरकार ने हमारी उपलब्धियों के लिए हमें सराहा। इसके बाद भी आज कांग्रेस हम पर वित्तीय प्रबंधन कुप्रबंधन का आरोप लगा रही है। यह शर्मनाक विषय है। सरकार में बैठे लोगों को लज्जा आनी चाहिए। श्वेत पत्र दो तीन सरकारों की तुलना होती है। अगर सरकार की नियत साफ़ है तो वह लाए इस सरकार समेत पिछली सरकार का श्वेत पत्र। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार स्व. वीरभद्र सिंह के समय का वित्तीय प्रबंधन पर भी श्वेत पत्र लाए और प्रदेश को बताए कि स्व. वीरभद्र सिंह ने पांच साल में 29 हज़ार 522 करोड़ का कज़ऱ् लिया और 10 हजार 24 करोड़ रुपये का कज़ऱ् चुकाया। स्व. वीरभद्र सिंह सरकार ने 19 हजार 498 करोड़ रुपये का प्रभावी कर्ज लिया था। दो साल से ज़्यादा समय तक कोरोना की महामारी से गुजरने के बाद भी हमने 30 हज़ार 59 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और 14 हज़ार 244 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया। हमारी सरकार ने मात्र 15 हज़ार 815 करोड़ रुपये का भारी कर्ज लिया। कर्ज लेना और चुकाना आधुनिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। जब हम सत्ता में आये तो हमें लगभग 50 हज़ार करोड़ का कजऱ् विरासत में मिला था।
-नेता प्रतिपक्ष जयराम ने लगाया भाजपा विधायकों के फोन रिकॉर्ड करने का आरोप - उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह ने आरोपों को सिरे से नकारा हिमाचल की राजनीति में एक बार फिर से फोन टैपिंग का जिन्न बाहर आ गया है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान अपने कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भाजपा विधायकों के फोन रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिस अधिकारी भाजपा विधायकों के फोन रिकार्ड कर रहे हैं। यह एक नई परंपरा है। इससे पहले हिमाचल में ऐसा कभी नहीं हुआ। सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। सीएम खुद जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? गुरुवार को विधानसभा सत्र की कार्यवाही के बीच मीडिया को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर के आरोपों का जवाब उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने दिया। चौहान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के फोन टैपिंग के आरोप झूठे हैं और सरकार ऐसा कुछ नहीं कर रही। लेकिन उन्हें सूचना मिली है कि एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट जैसी केंद्रीय एजेंसियां हिमाचल सरकार के मंत्रियों की फोन टैपिंग कर रही है। यह राज्य सरकार को असंतुलित करने की कोशिश है। यह चर्चा कई जगह है कि केंद्रीय एजेंसियों की नजर हिमाचल सरकार के मंत्रियों और विधायकों पर है। इससे पहले कुछ अन्य राज्यों में भी इस तरह की एक्टिविटी हो चुकी है। गौरतलब है कि हिमाचल की राजनीति में फोन टैपिंग के विवाद कई बार उठते रहे हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल की सरकारों में भी इस तरह के आरोप एक दूसरे पर लगते रहे हैं। कांग्रेस के एक बड़े नेता की सीडी सिलेक्टिव लीक के जरिए ही बाहर आई थी और वह सीडी फोन टैपिंग से ही बनी थी। वर्तमान सरकार में इस तरह के आरोप पहली बार लगे हैं। हालांकि दोनों दलों के नेताओं की ओर से कोई पुख्ता प्रमाण नहीं दिया गया है। सिर्फ आप ही लगाए गए हैं।
-चौड़ा मैदान में प्रदर्शन कर रहे कोरोना कर्मियों से मिले -कहा, कोरोना कर्मियों की सेवा को तत्काल प्रभाव से बहाल करे सरकार -कोरोना कर्मी बोले उनके पास शिमला आने का किराया भी नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज चौड़ा मैदान में प्रदर्शन कर रहे कोरोना कर्मियों से मिले और उनके साथ अन्याय ने होने देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कोरोना जैसे कठिन समय में जब मरीज़ों के परिजन भी ख़ौफ़ज़दा थे उस समय इन कोरोना कर्मियों ने उनका साथ दिया, उनकी सेवा की। जब परिजन आगे नहीं आए तो इन्होंने अंतिम संस्कार भी किया। ऐसे में उन्हें नौकरी से निकाल देना बहुत बड़ा पाप है। सरकार यह मनमानी नहीं कर सकती है। सरकार इनकी नौकरी को बहाल करे और जल्दी से जल्दी इनका वेतन भी जारी करे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना के समय में स्वास्थ्यकर्मियों की आवश्यकता थी तो कोरोना कर्मियों को भर्ती किया था। सभी कोरोना प्रभावितों की पूरी सेवा की। इस सेवा में वही लोग आये जिनके अंदर समाज सेवा का जज़्बा था और ज़रूरतमंद थे। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर आई सुक्खू सरकार ने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी। हमने इनके हक़ ने आवाज़ उठाई, जिसके बाद सरकार ने इन कर्मियों की सेवा में 3 महीनें का विस्तार कर दिया। इस महीनें वह समय सीमा फिर से ख़त्म ही रही है। अब लोगों को यह नहीं पता कि आगे क्या होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आई है। नौकरी से निकालने के नाम पर नहीं। जिन्होंने ज़रूरत पड़ने पर अपने जान की परवाह किए बिना अपनी नौकरी की उन्हें इस तरह से नौकरी से निकालना न सिफ़र् अन्याय बल्कि पाप है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के पाप न करे। नौकरी दें नहीं सकती तो जिन्हें नौकरी मिली है उन्हें नौकरी से निकाले नहीं। नेता प्रतिपक्ष से मिलने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों ने कहा बहुत से कर्मचारी इस प्रदर्शन में आना चाहते थे। पांच महीनें से नौकरी नहीं मिलने की वजह से शिमला आने और जाने का किराया भी उनके पास नहीं था। सभी आउटसोर्स कर्मियों ने कहा कि हमारी नौकरी सुनिश्चित की जाए। हर महीनें वे सचिवालय और मुख्यमंत्री के दफ़्तर के चक्कर लगाते हैं। इसलिए सरकार उनकी नौकरी को सुनिश्चित करें।
प्रवर अधीक्षक डाक घर, शिमला मंडल द्वारा सूचित किया जाता है कि शिमला मंडल कार्यालय में पेंशन अदालत 29 सितंबर को आयोजित होनी निश्चित हुई है। इस दिन अदालत डाक पेंशन भोगियों, फेमिली पेंशन भोगियों की पेंशन संबंधी शिकायतें सुनेगी। यदि ऐसी कोई शिकायत हो तो उसे प्रवर अधीक्षक डाकघर, शिमला मंडल-171001 को दिनांक 26 सितंबर तक अवश्य भेजें।
-कॉलेज से 3 महीने और हॉस्टल से 6 महीने के लिए किया निलंबित प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में सामने आए रैगिंग मामले की पूरी जांच के बाद कॉलेज प्रबंधन ने आरोपी 12 सीनियर छात्रों को सस्पेंड कर दिया है। इन छात्रों को कॉलेज से 3 महीने के लिए, हॉस्टल से 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। साथ ही इन पर 50- 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। आरोप है कि इन सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग की और उन्हें लगातार टॉर्चर भी किया जा रहा था। राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. भानु अवस्थी ने बताया कि सोमवार को इसकी पहली रिपोर्ट आई तो 6 सीनियर छात्रों पर कार्रवाई की गई। उनके माता-पिता को कॉलेज में बुलाया गया था। बुधवार को दूसरी रिपोर्ट आने के बाद 6 छात्र और दोषी पाए गए। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने सभी 12 सीनियर छात्रों को सस्पेंड कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ रोज पहले नेरचौक मेडिकल कालेज में भी रैगिंग का मामला सामने आया था। इस पर कॉलेज प्रबंधन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए आरोपी 4 छात्रों और 2 छात्राओं को निलंबित कर दिया था।
-चीन के हांगझोऊ में 23 सितंबर से 8 अक्तूबर तक आयोजित होंगी गेम्स चीन के हांगझोऊ में 23 सितंबर से 8 अक्तूबर तक होने वाले एशियन गेम्स में भारतीय महिला हैंडबॉल टीम घोषित कर दी गई है। भारतीय रेलवे की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ज्योति शुक्ला टीम की कप्तान होंगी। वहीं, मोरसिंघी हैंडबॉल नर्सरी की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दीक्षा उप कप्तान होंगी। खास बात यह है कि टीम में 6 खिलाड़ी मोरसिंघी हैंडबॉल नर्सरी की हैं। एशियन गेम्स के 19वें संस्करण में हैंडबॉल के मुकाबले 24 सितंबर से 5 अक्तूबर तक होंगे। इसमें भाग लेने के लिए भारतीय टीम दिल्ली से हांगझोऊ के लिए रवाना हो गई है। हैंडबॉल एसोसिएशन इंडिया के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने बताया कि अयोध्या के डॉ. भीम राव अंबेडकर इंडोर स्टेडियम में आयोजित टीम के शिविर की समाप्ति के बाद रवानगी से पूर्व भारतीय टीम का विदाई समारोह लखनऊ में एक निजी होटल में किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ की अध्यक्ष अलका दास ने खिलाड़ियों को एशियन गेम्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्य अतिथि अलका दास ने कहा कि हमारी महिला खिलाड़ी लगातार खेलों में देश का परचम लहरा रही हैं। उन्होंने टीम को संबोधित करते हुए कहा कि एशियन गेम्स में पूरे जोश के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए खेलो इंडिया के मिशन को बढ़ावा देना है। उन्होंने मोरसिंघी हैंडबॉल नर्सरी की तारीफ करते हुए कहा कि कैसे एक राजनीतिक शास्त्र की अध्यपिका स्नेहलता निशुल्क हैंडबॉल नर्सरी अपने घर में चला रही हैं वह काबिलेतारीफ है क्योंकि उनकी एकेडमी से निकले खिलाड़ी हैंडबॉल में इतिहास रच रहे हैं। उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष व बीबीडी यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर विराज सागर दास ने इस अवसर पर प्रेषित अपने संदेश में भारतीय महिला हैंडबॉल टीम में चयनित खिलाड़ियों को एशियन गेम्स के लिए शुभकामनाएं दीं।
-सदन में आज होने वाली कार्यवाही के बारे में जाना आज सुबह 10:30 बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दाड़गी, शिमला के छात्र-छात्राओं ने सदन की कार्यवाही देखने से पूर्व हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात की। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने विधानसभा अध्यक्ष से आज होने वाली कार्यवाही के बारे में पूछा तथा संसदीय कार्यप्रणाली की जानकारी ली। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिप्र विधानसभा के सदन की अपनी गरिमा है तथा यह विधानसभा अपनी उच्च परंपराओं के लिए पूरे देश में जानी जाती है। पठानिया ने कहा कि हिमाचल विधानसभा का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि काउंसिल चैंबर का निर्माण वर्ष 1920 से 1925 के बीच में हुआ था। इस सदन को विठ्ठल भाई पटेल तथा मोती लाल नेहरू जैसी महान विभूतियों ने सुशोभित किया था। पठानिया ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में ही चर्चाओं के माध्यम से समस्याओं का समाधान होता है। सदस्य अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को प्रमुखता से उठाने का प्रयास करते हैं। पठानिया ने कहा कि आज के युवा तथा छात्र-छात्राएं जिस तरह से सदन की कार्यवाही को देखने आ रहे हैं, वह लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए एक अच्छा संकेत है तथा इससे देश का संविधान तथा लोकतंत्र लगातार सुदृढ़ हो रहे हैं। पठानिया ने सभी छात्र-छात्रओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन मेें जगदीश शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक 'प्रथम स्वतंत्रता संग्रामÓ का विमोचन किया। राज्यपाल ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पुस्तकें हमारे ज्ञान को विस्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनके अध्ययन से हम अपने जीवन को निरंतर परिष्कृत करते रहते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक पाठक वर्ग को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रति अपने दृष्टिकोण को और अधिक स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगी और देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद करने वाले शहीदों के प्रति नई पीढ़ी की श्रद्धा व विश्वास को सुदृढ़ करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस पुस्तक के माध्यम से पाठक समाज एवं मानवता की सेवा के प्रति अधिक समर्पित भाव से प्रेरित होंगे। जगदीश शर्मा ने पुस्तक के विमोचन के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अपनी लेखनी द्वारा इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने शहीदों के जीवन पर गहन अध्ययन किया है और तथ्यात्मक साक्ष्यों को एकत्रित कर पुस्तक में प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, निदेशक सर्वशिक्षा अभियान राजेश शर्मा, सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक अधिकारी डॉ. केआर भारती, सेवानिवृत्त उप निदेशक एमबी शर्मा, सेवानिवृत्त सचिव डॉ. मस्तराम शर्मा, सहायक सचिव भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ. श्यामा वर्मा तथा अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बोले- यह शिमला के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति की बहुमूल्य निधि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार सायं यहां ऐतिहासिक बैंटनी कैसल के हाल ही में जीर्णोद्धार किए गए परिसर का उद्घाटन किया और कहा कि यह परिसर हमारी संस्कृति और इतिहास का जीवंत प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि बैंटनी कैसल परिसर शिमला की समृद्ध विरासत का साक्षी है और ग्रीष्मकालीन राजधानी रही 'श्यामलाÓ (शिमला) के समृद्ध इतिहास के दर्शन करवाता है। इस परिसर में तीन ऐतिहासिक भवन हैं और इसके जीर्णोद्धार पर 25 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है। लगभग 20,000 वर्ग मीटर में फैला यह परिसर एंग्लो-गॉथिक वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करता है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि बैंटनी कैसल परिसर में महात्मा गांधी की शिमला यात्राओं, डॉ. यशवंत सिंह परमार और सत्यानंद स्टोक्स की विस्तृत जीवनियों तथा शिमला शहर के व्यापक इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वालों के प्रति श्रद्धांजलि है। इसमें जनजातीय क्षेत्र स्पीति की समृद्ध संस्कृति को भी प्रदर्शित किया गया है जो क्षेत्र की अनूठी परंपराओं को प्रतिबिंबित करती हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैंटनी कैसल परिसर में शिमला के वैभवशाली इतिहास पर आधारित लेज़र लाईट एंड साउंड शो भी देखा जिसमें वॉलीवुड के महान अभिनेता अनुपम खेर ने आवाज़ दी है। प्रदेश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता यह शो भावी पीढ़ियों को प्रदेश के समृद्ध इतिहास से अवगत करवाएगा। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, विधायक, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल बहुमत से पारित होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा है कि अंतत: देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी का महिलाओं का राजनीति में 33 प्रतिशत के आरक्षण का सपना साकार होने का मार्ग प्रशस्त हुआ हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों में आरक्षण देकर इसकी पहल की थी,अब लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भी महिलाओं को उनका हक दिया जाना सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी। प्रतिभा सिंह ने महिला आरक्षण बिल पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि इस बिल को बहुमत से पारित करवाने में सोनिया गांधी का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने हर मंच से राजनीति में महिलाओं की उचित भागेदारी, उनके आरक्षण की मांग रखी। यहां तक कि सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में केंद्र की भाजपा सरकार से महिला आरक्षण बिल को पारित करने की मांग करते हुए पार्टी का राजनैतिक प्रस्ताव भी पारित करवाया। प्रतिभा सिंह ने कहा कि भले ही केंद्र की भाजपा सरकार ने इस बिल को पारित करवाया है पर इस बिल की जननी कांग्रेस ही है और कांग्रेस इस बिल का स्वागत करती हैं। उन्होंने कहा है कि इसे जल्द लागू करने के प्रयास किये जाने चाहिए, जिससे देश में महिलाओं के साथ राजनैतिक असमानता जल्द दूर हो सकें।
उप मुख्यमंत्री बोले- कर्ज लेने के मामले में देश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया हिमाचल 92774 करोड़ की देनदारी जयराम सरकार से विरासत में मिली उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र लाने का एलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया था और उसकी प्रति हाउस में रखी जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा '5 साल के दौरान राजकोषीय कुप्रबंधन किस प्रकार से हुआ इसके बारे में मैं प्रति हाउस में रखना चाहता हूं। प्रदेश के हालातों को विपक्ष खामोशी से सुने और समझे।' आज रिपोर्ट हाउस में रखी गई है। भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल कर्ज के दबाव में है। हिमाचल कर्ज लेने के मामले में देश में पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है। बड़े और छोटे राज्यों की श्रेणी में हिमाचल पांचवें दर्जे पर पहुंच चुका है। इसके क्या कारण रहे हैं, यह अग्निहोत्री ने हाउस के समक्ष रखे। संसाधन जुटाने के लिए पिछली सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए। पूरी निर्भरता केवल कर्ज पर रखी गई है। कांग्रेस सरकार को 92,774 करोड़ की देनदारियां विरासत में मिली है। पिछली सरकार द्वारा चुनावी वर्ष में जिस तरह से वित्तीय कुप्रबंधन हुआ, वह आज तक कभी नहीं किया गया। 16261 करोड़ की उधारी जुटाई गई। चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने 10 हजार करोड़ के महंगाई भत्ते का एलान किया, लेकिन पैसा नहीं दिया गया। 600 करोड़ की 2 किस्तें घोषित की गईं, लेकिन नहीं दी गईं। कुल मिलाकर 92774 करोड़ की देनदारियां पिछली सरकार की रखी गईं। प्रदेश के फाइनेंसर की दुर्दशा जिस तरह से भाजपा द्वारा की गई उससे प्रदेश की कमर टूट गई है।
प्रदेश की राजधानी शिमला की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है। बीते साल के मुकाबले इस साल हवा 22 प्रतिशत ज्यादा दूषित हो चुकी है। शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक सितंबर 2022 में 62 था जो अब बढ़कर 76 हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक इसकी मुख्य वजह गाडिय़ों और आसपास के उद्योग से निकले वाला धुआं है। शिमला में पीएम प्रदूषकों का स्तर 2.5 है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुशंसित स्तर से 1.6 गुना ज्यादा है। बीते कुछ सालों में शहर में पर्यटक बढऩा भी इसकी मुख्य वजह है। शहर के आस पास नए औद्योगिक इलाकों का निर्माण भी प्रदूषण का बड़ा कारण है। प्रदूषण बढऩे से श्रय रोग बढऩे का अंदेशा भी जताया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार शहर में बढ़ते वाहनों के कारण कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर बढ़ा है। गाडिय़ों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण है। वीकेंड पर पर्यटकों की बढ़ोतरी से शहर में प्रदूषण भी बढ़ रहा है। शिमला के पास शोघी और ठियोग में नए औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण से शहर में अमोनिया, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन की वायुमंडल में मात्रा बढ़ रही है। राजधानी में अंधाधुंध निर्माण भी प्रदूषण के बढऩे का बड़ा कारण है। ताजी हवा के लिए जाने-जाने वाले शिमला कि बिगड़ती हवा लोगों के लिए चिंता का विषय है। वायु प्रदूषण से दमा और टीबी जैसे श्रय रोगों के बढऩे का खतरा है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पौधरोपण करने और गाडिय़ों पर निर्भरता कम करना जरूरी है। एक्यूआई या वायु गुणवत्ता सूचकांक इलाके की हवा में प्रदूषकों (ऐसे पदार्थ होते हैं जिनके कारण पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है।) की संख्या का मापदंड है। इसमें विभिन्न पैमाने पर वायु की जांच करके उसे अंक दिए जाते हैं। 00-50 को अच्छा, 50-100 को ठीक, 200-300 को मध्यम, 300-400 को खराब और 400 से ऊपर के स्तर को खतरनाक माना जाता है।
मंडी से पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मौके पर इलाके में फैली सनसनी, करीब 200 मीटर दूर है पुलिस थाना कुल्लू जिले के पतलीकूहल टैक्सी स्टैंड में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया है। युवक की हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह तड़के 3 से 4 बजे के आसपास पतलीकूहल थाना में सूचना मिली कि पतलीकूहल टैक्सी स्टैंड के पास किसी युवक का शव पड़ा है। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो जांच करने पर पता चला कि अनूप(26) पुत्र अमरचंद निवासी वशकोला की किसी ने हत्या कर दी है। वारदात के बाद मंडी से पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने हत्या का मामला दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है। बताया जा रहा कि रात के समय टैक्सी स्टैंड में झगड़ा हुआ था और इसी दौरान युवक की हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि पुलिस थाना से करीब 200 मीटर की दूरी पर बीच चौक पर यह वारदात हुई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दो युवकों को पकडऩे की सूचना है। एसपी कुल्लू साक्षी वर्मा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है।
पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद से केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार पर ऋण लेने पर पाबंदियां लगा दी हैं। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कही। उन्होंने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार को बीते 5 साल में विभिन्न एजेंसियों से 10,000 करोड़ का ऋण मिला। अब पाबंदियां लगने से वर्तमान सरकार को 3 साल में 2,944 करोड़ रुपये का ही ऋण लेने का सीमित कर दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से शिवधाम मंडी और कन्वेंशनल सेंटर धर्मशाला को केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति का पत्र देने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के दौरे करने से कई जानकारियां मिल रही हैं। जिस स्वीकृति की बात जयराम ठाकुर करते हैं, वो कहां है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव वर्ष 2018 से कागजों में ही चल रहा है। एशियन डेवलेपमेंट बैंक से इस प्रस्ताव को कोई मंजूरी नहीं मिली है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को मिलने वाले ऋण की सीमा को कम कर दिया है। केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने ऋण सीमा पर पाबंदी लगाई है। विश्व बैंक, जायका, जापान के बैंक सहित अन्य एजेंसियों से मिलने वाले ऋण भी इसमें आते हैं। प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बाद से यह पाबंदियां लगी हैं। मुख्यमंत्री ने पालमपुर के मैंझा में मैरिज डेस्टिनेशन बनाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 100 कनाल भूमि पर करीब 40 करोड़ की राशि से मैरिज डेस्टिनेशन बनाया जाना है। यह बनने से क्षेत्र में मैदान की कमी हो जाएगी। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंझा की जगह इसे पालमपुर या सुलह के किसी अन्य क्षेत्र में बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को विधायक परमार के साथ बैठकर हल कर लिया जाएगा।
-केंद्र से 12,000 करोड़ की विशेष मदद मांगी -वोटिंग के वक्त विपक्ष रहा मौन हिमाचल विधानसभा में बुधवार देर शाम राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पास हो गया। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने थ्रू-वायस वोट इस प्रस्ताव को सदन में पास कराया। इस दौरान विपक्ष ने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सरकारी संकल्प का न समर्थन किया और न विरोध। सत्तापक्ष के विधायकों ने हां में हां भरी। स्पीकर ने प्रस्ताव पारित होते ही सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। अब यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने विधानसभा में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव पर तीन दिल चली चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा मानते हुए केंद्र से 12000 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा तबाही का मंजर पहले कभी नहीं देखा। प्रदेश में 441 लोगों की जान गई और 39 लोग अभी भी लापता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से 12 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। 16658 पशुओं की मौत, 2621 घर पूरी तरह नष्ट, 12 हजार से ज्यादा घरों को आंशिक नुकसान, 318 दुकानें, 238 झोपडिय़ां, 540 घराट और 5917 गौशालाएं तबाह हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग, पंडोह, पार्वती-2 डैम प्रबंधन को बिना सूचना पानी छोडऩे पर नोटिस जारी किए गए, क्योंकि इससे डाउन स्ट्रीम में भारी नुकसान हुआ है। सभी बांध प्रबंधन को पानी छोडऩे से पहले अर्ली वॉर्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए है।
-उच्च अध्ययन संस्थान में टेनिस कोर्ट निर्माण में धांधलियों की मिली थी शिकायत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने बुधवार को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस) और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के कार्यालय में दबिश दी। यह दबिश एडवांस्ड स्टडी संस्थान में बने टेनिस कोर्ट निर्माण में हुई कथित धांधलियों को लेकर मिली शिकायत के आधार पर दी गई। इस कोर्ट का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी ने किया है। सीबीआई ने उच्च अध्ययन संस्थान के साथ-साथ सीपीडब्ल्यूडी कार्यालय से भी रिकॉर्ड कब्जे में लिया गया है। इस कार्रवाई से दोनों ही केंद्रीय कार्यालयों में हड़कंप और अफरातफरी की स्थिति बनी रही। सीबीआई अब इस पर जल्द मामला दर्ज कर सकती है। सीबीआई की टीम बुधवार सुबह निजी वाहनों से आईआईएएस पंहुची। यहां जांच टीम ने टेनिस कोर्ट से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला और कुछ दस्तावेज अपने कब्जे में भी लिए। डीएसपी स्तर के अधिकारी की अगुवाई में यह कार्रवाई अमल में लाई गई। टीम ने टेनिस कोर्ट का भी निरीक्षण किया। इसके बाद टीम सीपीडब्ल्यूडी के कैनेडी चौक स्थित कार्यालय पहुंची। यहां पर निर्माण कार्य से जुड़े हर दस्तावेज को खंगाला गया। कुछ दस्तावेज को टीम अपने साथ भी ले गई। यह जांच करीब चार घंटे तक चलती रही। सूत्रों के अनुसार एक अधिकारी ने टेनिस कोर्ट के निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत सीबीआई से की। बाकायदा इसको लेकर सीबीआई को पत्र भी लिखा। 50 से 55 लाख रुपये का बजट इस कोर्ट के निर्माण पर खर्च किया गया है। प्रथम दृष्टया जांच में यह काफी कम लग रहा है। हालांकि जांच के बाद ही इसके सही तथ्य उजागर होंगे। इस मामले में आने वाले दिनों में अधिकारियों से लेकर निर्माण एजेंसी से जुड़े लोगों से भी पूछताछ हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला द्वारा स्टेनोग्राफर (श्रेणी-3), ट्रांसलेटर (श्रेणी-3), ट्रांसलेटर उर्दू (श्रेणी-3), ट्रांसलेटर पंजाबी (श्रेणी-3), सहायक प्रोग्रामर (श्रेणी-3), लिपिक (श्रेणी-3), ड्राइवर (श्रेणी-3), सफाई कर्मचारी (श्रेणी-4) व माली (श्रेणी-4) के पदों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई है। यह जानकारी जिला रोजगार अधिकारी सोलन संदीप ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि उक्त पदों के लिए उम्मीदवार 30 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला की आधिकारिक वेबसाइट द्धह्लह्लश्च://222.द्धश्चद्धष्ह्म्द्गष्ह्म्ह्वद्बह्लद्वद्गठ्ठह्ल.द्बठ्ठ पर प्राप्त की जा सकती है।
-कहा, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है प्रदेश सरकार -एक साल में एक लाख नौकरी का वादा करके सत्ता में आए और अब तक एक नौकरी नहीं दी विधानसभा में जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया और सारे रिजल्ट रोक दिया। जब युवा रिजल्ट जारी करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय आए तो मुख्यमंत्री ने उनसे एक महीने में सभी रिजल्ट जारी करने का वादा किया। एक महीने बाद जब युवा फिर पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने तीन महीनें का समय मांगा। आज दस महीनें होने को हैं लेकिन सरकार ने लंबित भर्तियों के परीक्षा परिणाम नहीं निकाले। अब वही युवा जब मुख्यमंत्री से मिलने जाते हैं तो मुख्यमंत्री मिलते नहीं हैं। दो-दो दिन मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने बरसात में पड़े रहने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन युवाओं ने एग्जाम पास करके टाइपिंग टेस्ट भी पास कर लिया है। जिनका डॉक्युमेंट्स वेरिफि़केशन भी हो गये है सरकार उनके भी रिजल्ट नहीं निकल पा रही है। आज रिज़ल्ट के इंतज़ार में युवा सड़कों पर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ उनके साथ धोखा किया है। प्रदेश के लोगों से झूठ बोला है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश की एक मात्र महिला विधायक के द्वारा पंचायत भवन के उद्घाटन कर दिया गया तो पंचायत की प्रधान को नोटिस दे दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की कार्यप्रणाली हैं। यह शर्मनाक है। सरकार पंचायत प्रधान को दिये गये नोटिस को वापस ले। इस तरह की तानाशाही ग़लत है। हम इसे नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर विधायक बता रहे है कि किस तरह से आपदा के समय राहत देने में सरकार ने भेदभाव किया और अभी भी बहुत से लोग सरकारी राहत से अछूते रह गये। इसलिए मैं मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि आपदा प्रभावितों के बारे में सोचे और विधायकों की बातों को गंभीरता से लें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब बहुत समय हो गया। अब मुख्यमंत्री स्पष्ट बताएं कि वह लंबित परीक्षा के परिणामों को कब जारी कर रहे हैं। अब हर बार नई डेडलाइन वाला खेल नहीं चलेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री यह भी बताएं कि जो पांच लाख नौकरियों का वादा उन्होंने प्रदेश के लोगों से किया था। वह नौकरियां कब प्रदेश के लोगों को मिल रही है। आज लोग उन वादों को पूरा करने का इंतज़ार कर रहे है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने पर भी मुख्यमंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अपरिपक्व फैसला लेते हुए एचएसएससी को भंग कर दिया। कल जो नया आयोग बनेगा यदि उसमें भी एक व्यक्ति अगर गड़बग़ निकल जाएगा तो क्या सरकार फिर से उन संस्थानों को बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था में जो किसी प्रकार की गड़बड़ी करते हैं, किसी प्रकार का अपराध करते हैं तो उसके लिए क़ानून हैं। क़ानून के तहत उसे सख्त से सख्त सज़ा दी जाए लेकिन इस तरह से आयोग ही भंग कर देना पूर्णत: बचकाना हरकत है। उन्होंने कहा कि अगर एक विधायक गड़बड़ हो जाए तो विधानसभा भंग नहीं की जा सकती है।
प्रदेश कांग्रेस संगठन महामंत्री चौपाल विधानसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी रहे रजनीश किमटा ने भाजपा विधायक बलवीर वर्मा को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए वह उनपर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में चौपाल के लोग विधायक को ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बलवीर वर्मा जन हित के काम कम और झूठ की राजनीति ज्यादा करते है इसलिए अब लोगों ने उन्हें सत्ता से बाहर करने का पूरा मन बना लिया है। इसी बोखलाहट के चलते वह उनपर बेबुनियाद व झूठे आरोप लगा रहें हैं। किमटा ने आज यहां एक बयान में कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान सिपाही की तरह लोगों की सेवा में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश में लोगों की पूरी मदद कर रही है। प्रदेश भाजपा नेताओं का इसमें कोई भी सहयोग नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में विधायक को अनाप-शनाप बयानबाज़ी को छोड़कर जनहित के मुद्दों को लेकर चर्चा की सलाह दी। विधायक को व्यक्तिगत विषय विधानसभा जैसे उच्च सदन में उठाना शोभा नहीं देता। रजनीश किमटा ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों की उन्होंने हर संभव सहायता की है।
-सेरी बंगलो में नाग धुमनी मेले में बतौर मुख्य अतिथि करेंगी शिरकत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह 22 सितंबर को अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के करसोग विधानसभा क्षेत्र के सेरी बंगलो में नाग धुमनी मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव प्रदेश कांग्रेस महासचिव अमित पाल सिंह ने बताया है कि सांसद प्रतिभा सिंह 22 सितंबर को सुबह 8 30 बजे शिमला से बगशैड के लिए रवाना होंगी। यहां वन विभाग के विश्राम गृह में लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी लेंगी। इसके बाद प्रतिभा सिंह सेरी बंगलों में नाग धुमनी मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगी। इसके पश्चात रामपुर सराहन के लिये रवाना हो जाएंगी। इस दिन रात्रि विश्राम सराहन रहेगा। 23 सितम्बर को प्रतिभा सिंह रामपुर विधानसभा क्षेत्र के सराहन में स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। इस दिन भी रात्रि विश्राम सराहन ही रहेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने चंबा विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज नैय्यर की माता चंचल नैय्यर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की हैं।
चौपाल के चांबी इलाके में एक युवक का शव सेब के पेड़ से लटका हुआ बरामद हुआ है। इसकी पहचान नेपाल के रहने वाले 26 वर्षीय मेघराज के रूप में हुई है। मृतक की पत्नी ने पुलिस को बयान दिया है कि उसका पति और कुछ और लोगों में झगड़ा हुआ था। इसके बाद युवक ने अपना डेरा छोड़ दिया। बाद में उसका शव पेड़ से लटका हुआ मिला है। पुलिस शव का आईजीएमसी में पोस्टमार्टम करवा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के हिसाब से सरकार करुणामूलक नौकरियां देगी। मंगलवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक केएल ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने इस मामले पर कुछ काम नहीं किया। प्रदेश सरकार ने इस मामले पर विचार करने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी के साथ दो बार चर्चा हो चुकी है। जल्द कार्य योजना सामने लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने करुणामूलक आधार की नौकरियों के सरकारी विभागों में 1,766 और निगमों-बोर्डों में 734 आवेदन रिजेक्ट किए। सिर्फ 25 फीसदी को ही नौकरियां दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन साल में करुणामूलक नौकरियों के लिए सरकारी विभागों में 4,099 और निगम-बोर्डों में 2,971 आवेदन आए। इस मामले पर गंभीरता से सोचना होगा। उधर, मुख्यमंत्री के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि करुणामूलक आधार पर सबसे अधिक नौकरियां पूर्व सरकार ने दी हैं। भाजपा सरकार ने नौकरियां देने के लिए नियम बदले। पहले 50 वर्ष की आयु के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को नौकरी नहीं मिलती थी। हमारी सरकार ने प्रावधान किया कि अगर सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले भी मृत्यु होती है तो करुणामूलक नौकरी दी जाएगी। जयराम ने कहा कि आयु की शर्त में भी भाजपा सरकार ने छूट दी। विधायक केएल ठाकुर ने पूछा था कि करुणामूलक आधार की नौकरियां कब तक दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक आपदा प्रभावितों को राहत पैकेज देने की घोषणा कर चुकी है और इसके लिए हर तरह की कटौती की जाएगी। सरकार के पास सीमित बजट है, ऋण भी एक सीमा तक ही ले सकते हैं। सरकार विधायक निधि में कटौती करेगी, तभी आपदा से हुए नुकसान की कुछ भरपाई कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष राष्ट्रीय आपदा शब्द ही नहीं निकाल रहा। ञ्जह्म्द्गठ्ठस्रद्बठ्ठद्द ङ्कद्बस्रद्गशह्य उन्होंने विपक्ष से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा घोषित कर पीड़ितों के लिए उदार मदद देने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी चुटकी ली कि मदद लेने के लिए विपक्ष की नीयत भी तो साफ होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्रीनयना देवी के भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के चर्चा में हिस्सा लेने के दौरान स्थिति स्पष्ट कर रहे थे। रणधीर आपदा पर नियम १०२ के तहत सरकार की ओर से रखे प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। सीएम ने कहा कि ४८ घंटे में बिजली-पानी बहाल करने के लिए मंत्रियों ने दिन-रात मेहनत की। अगर पानी की बहाली हुई तो उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बहुत मेहनत की। सड़कें बहाल करने में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने परिश्रम किया। इससे पहले रणधीर शर्मा ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए सरकार में आपसी तालमेल नहीं है। आपदा के निरीक्षण के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्री अलग-अलग जा रहे हैं। आपदा के बाद सर्वदलीय बैठक तो दूर दस दिन तक कैबिनेट की बैठक तक नहीं बुलाई गई। कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष दिल्ली में प्रधानमंत्री से मिलीं, उन्होंने आर्थिक सहायता मांगी, लेकिन राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग तक नहीं उठाई।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि महिला आरक्षण क़ानून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की महिलाओं को देश भर की महिलाओं को सम्मान दिलाया हैं। यह प्रधानमंत्री के दृढ़प्रतिज्ञ और देश से किए गए हर वादे को पूरा करने का संकल्प है। देश की नई संसद में पहला क़ानून महिलाओं के हक़ के लिए बन रहा है। इससे बेहतर और क्या हो सकता है। उन्होंने महिला आरक्षण क़ानून के लिए प्रधानमंत्री समेत संपूर्ण कैबिनेट का आभार जताया। जयराम ठाकुर ने महिला आरक्षण क़ानून के लिए समस्त देश को शुभकामनाएं दीं।
- जनता की मांग पर खोले गए संस्थानों को बंद कर दिया - बद्दी में बीडीओ, एसडीएम ऑफिस बंद कर दिए - अपने सीपीएस की मांग पर खोलने कि घोषणा कर दी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार दस महीने में प्रदेश को दस साल पीछे कर दिया। जनता की मांग पर जन प्रतिनिधि के निवेदन पर संस्थान खोले गये। मुख्यमंत्री ने बिना किसी कारण से सभी संस्थानों को बंद कर दिया। 1050 से ज़्यादा कार्यरत संस्थानों को एक दिन में डिनोटिफ़ाई कर दिया गया। आज तक प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया। ऐसा करके सिर्फलोगों को दुखी करने का काम किया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब बद्दी-नालागढ़ है, लेकिन वहां पर बीडीओ का ऑफिस नहीं था, एसडीएम का ऑफिस नहीं था। जन प्रतिनिधियों और लोगों की मांग पर हमने बीडीओ और एसडीएम का ऑफिस खोला और सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आते ही उसे डिनोटीफाई कर दिया। इसके बाद जब बद्दी के विधायक और सीपीएस ने कहा कि बद्दी में बीडीओ और एसडीएम के ऑफिस नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी कि बद्दी में बीडीओ और एसडीएम के दफ़्तर खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने अपने पद का मज़ाक़ बनाया। जब संस्थान को खोलना था तो उसे बंद क्यों कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार यह बताए कि जनहित के लिए खोले गये संस्थान बंद क्यों किए? क्या इसी व्यवस्था परिवर्तन की बात सरकार कर रही थी। उन्होंने कहा कि हमारे पहले की सरकार ने आचार संहिता लगते लगते संस्थानों को खोला। बिना किसी पद और बजट के प्रावधान के ही संस्थान खोल दिये। हमने उन संस्थानों को बंद नहीं किया। उसे चलाने के रास्ते निकाले। उन संस्थानों को चलाया। इस सरकार में मुख्यमंत्री ने आठ-आठ महीनें के कार्यरत संस्थाओं को बंद कर दिया। इस तरह बदले की भावना से काम करने वाली सरकार आज तक प्रदेश में नहीं आई। अगर नहीं चाहिए संस्थान तो विधायक लिख कर दें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारे द्वारा खोले गये संस्थान अगर लोगों की मांग पर नहीं थे तो कांग्रेस के विधायक यह लिख कर दे दें कि उनके विधानसभा क्षेत्र में खोले गये संस्थान की आवश्यकता नहीं हैं। चाहे वह स्कूल हों, कॉलेज हों, पटवार सर्किल हो, जल शक्ति विभाग के डिवीज़नल या सर्किल ऑफिस हों, पीडब्ल्यूडी या बिजली विभाग के कार्यालय हों या बीडीओ और एसडीएम दफ़्तर। यह सभी संस्थान गलत खोले गये हैं। विधानसभा के बाहर खड़े हजारों युवा बता रहे आपने प्रदेश से सिर्फ झूठ बोला नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार विधान सभा के अंदर बड़ी-बड़ी बातें कर रही हैं और विधान सभा के बाहर बारिश के बीच भी हज़ारों युवा खड़े होकर अपना हक़ माँग रहे हैं। आपने कर्मचारी चयन आयोग भंग कर दिया। कहा एक महीने में रिजल्ट जारी करेंगे, तीन महीनें में जारी करेंगे। आज दस महीनें हो गये लेकिन अभी तक लगभग चार हज़ार पोस्ट के रिज़ल्ट नहीं निकाल पा रही रही हैं। युवा जिन्हें नौकरी करते आज दस महीनें हो गये होते, वे कभी सचिवालय तो कभी मुख्यमंत्री आवास के चक्कर काट रहे हैं। नौकरी देना तो दूर मुख्यमंत्री उन्हें मिलने का समय भी नहीं दे पा रहे हैं। विधानसभा के बाहर खड़ी युवाओं की भीड़ बता रही है कि आपने सत्ता के लिए प्रदेश से सिर्फ़ झूठ बोला है। इसके अलावा ज़िला परिषद के मुद्दे भी सरकार हल नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब बहुत हुआ, सरकार समयबद्ध तरीके से सभी लंबित रिजल्ट जारी करे। करुणामूलक आधार पर एक भी नौकरी नहीं दे पाई सुक्खू सरकार नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि करुणामूलक आधार पर सबसे ज़्यादा नौकरियाँ हमारी सरकार ने दी। सत्ता में आने के पहले कांग्रेस ने करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का वादा किया था। दस महीना हो गया लेकिन एक नौकरी नहीं दे पाए। सरकार में आते ही कमेटी बना दी, तो बताओ कमेटी कि कितनी मीटिंग हुई। कमेटी ने क्या सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि करुणामूलक आधार पर हमने हज़ारों लोगों को नौकरी दी। पहले नियम था पचास साल के बाद मृत्यु होने पर करुणामूलक आधार पर नौकरी नहीं मिलती थी लेकिन हमने नियम बदला कि अगर नौकरी में एक दिन पहले भी किसी की मृत्यु हो जाती है तो भी हम नौकरी देंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां चंबा विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज नैय्यर की माता चंचल नैय्यर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनका आज प्रात: चंडीगढ़ में निधन हो गया। वह 81 वर्ष की थीं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वंचित वर्गों के कल्याण के लिए उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।