** ** ई-केवाईसी पीडीएस एचपी फेस ऐप से घर बैठे करें प्रक्रिया पूरी सोलन में खाद्य आपूर्ति नियंत्रण विभाग द्वारा राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग अभी भी अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं करवा रहे हैं, जिसके कारण विभाग ने ऐसे राशन कार्ड धारकों के कार्ड अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। खाद्य आपूर्ति नियंत्रण विभाग सोलन के अधिकारी श्रवण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में करीब 54,000 राशन कार्ड धारकों ने अब तक अपनी ई-केवाईसी नहीं करवाई है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा बार-बार अनुरोध और जागरूकता फैलाने के बावजूद भी लोग इस प्रक्रिया में ढिलाई बरत रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि राशन कार्ड धारक "ई-केवाईसी पीडीएस एचपी फेस ऐप" के माध्यम से आसानी से अपनी ई-केवाईसी पूरी कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे शीघ्र ही अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर अपने राशन कार्ड को सक्रिय करें, ताकि उन्हें सस्ते राशन की सुविधा मिलती रहे।
** शिविर में 30 किसानो ने लिया भाग... मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के सहयोग से कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण द्वारा विकास खंड कुनिहार की ग्राम पंचायत कुनिहार स्थित उच्चा गांव में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का विषय "सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती" था, जिसमें 30 किसानों ने भाग लिया।इस मौके पर तकनीकी प्रबंधक डॉ. रजनी वर्धन विशेष रूप से उपस्थित रही और उन्होंने स्थानीय प्रशिक्षकों को प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ. वर्धन ने बताया कि यह शिविर दो दिन तक चलेगा, जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने किसानों को बताया कि प्राकृतिक खेती केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद नहीं है, बल्कि यह उनके उत्पादन को भी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।
हिमाचल में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि हिमाचल में नई पंचायतों का भी गठन भी किया जाना है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछेक क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं। कइयों की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर परिषद और निकायों में पंचायतों के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है तो लोगों को हाउस समेत अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। ऐसे में लोग पंचायतों में ही रहने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद पांवटा साहिब में ग्राम पंचायत बदरीपुर, नगर पंचायत कुनिहार में कुनिहार, हाटकोट और कोठी, नगर पंचायत शिलाई में ग्राम पंचायत शिलाई व बेला, नगर परिषद हमीरपुर में भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी - झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत के क्षेत्र शामिल हैं। नगर पंचायत सुन्नी में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी को शामिल किया गया है। वर्तमान हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं। इससे पहले दिसंबर में पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसी साल कभी भी पंचायतों को चुनाव हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों से बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अपने ही परिसर में परीक्षा देने की सुविधा देगा। फरवरी से शुरू हो रही बीएड की परीक्षाओं में यह नई व्यवस्था शुरू की जा जाएगी। निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 50 हजार की फीस के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विवि की इस नई व्यवस्था से इन 57 कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे नए पुराने करीब 16 हजार प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी। लंबे समय से निजी कॉलेज और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षु अपने परिसर में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे इतनी भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद उन्हें अपनी परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी होती है। कॉलेजों और उनसे बीएड प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की इस समस्या का विवि ने स्थायी समाधान कर दिया है। इस फैसले से विवि की भी परेशानी दूर हो गई है। विवि को राजधानी शिमला, कांगड़ा सहित अन्य जिलों के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में परेशानी पेश आती थी, कॉलेज इसकी अनुमति नहीं देते थे। अब निजी कॉलेजों में केंद्र बनाने में विवि कोई परेशानी नहीं आएगी। कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए अलग से दोगुनी फीस भी चुकानी होगी। अब तक विवि निजी कॉलेजों से 25 हजार फीस लेता था, जिसे विवि ने दोगुना कर दिया है। परिसर में परीक्षा केंद्र बनाए जाने की एवज में प्रशिक्षुओं से विवि कोई अलग से फीस नहीं लेगा, फीस को कॉलेजों को ही चुकाना होगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि प्रदेश भर में विवि से संबद्ध 57 बीएड कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले 16 हजार से अधिक परीक्षा देने वाले प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी से शुरू होने बीएड की परीक्षाओं के लिए अब तक 50 फीसदी कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मांगी गई फीस भी चुका दी है, 27 तक अन्य कॉलेजों को समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने पर परीक्षाएं विवि की सीधे निगरानी में की जाएंगी। इसके लिए अलग से स्टाफ मॉनिटर करने को लगाया जाएगा और उड़नदस्ते भी हर केंद्र पर नजर रखेंगे।
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के बाहर इन दिनों सीवरेज का गंदा पानी नालियों की बजाय अब सड़क पर बहना शुरू हो गया है, जिसके चलते अब अस्पताल आना भी खतरे से खाली नहीं रहा बीते 5 दिनों से हाल यही है परंतु अभी तक अस्पताल प्रशासन व नगर निगम और संबंधित विभाग का इस और कोई ध्यान नहीं गया। मरीज इस आस के साथ अस्पताल आते हैं कि हमें अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी, परंतु क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के हाल देखकर अब ऐसा लगता है कि यहां आना खतरे से खाली नहीं। अगर अस्पताल के आसपास ही इतनी गंदगी फैली है तो शहर में सफाई व्यवस्था का क्या हाल होगा इसका अनुमान सभी लगा सकते है । अस्पताल प्रशासन व संबंधित विभाग को चाहिए कि वह जल्द से जल्द सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करें ताकि बीमारियों का खतरा टल सके ।मरीज अस्पताल इलाज करवाने आते हैं ना की अस्पताल जाकर बीमार होने के लिए।
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।
कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकारी कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकार ने इसे विधानसभा के शीत सत्र में पारित करवाया था। इस विधेयक के लागू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कानून के रूप में लागू होगा तो साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होगी। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। नए प्रावधान से कानून बनने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
शिमला: बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी देखी गई। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ। 21 जनवरी को राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में और आसपास के माध्यम पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी को प्रदेश के कुछ स्थानों पर शीत दिवस को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 22 और 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। इस दौरान प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 24 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। 24 से 26 जनवरी तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर पब्लिक हेल्थ एंड इनोवेशन (जीआईपीएचआई) के सहयोग से छात्रों को तंबाकू समाप्ति परामर्श में आवश्यक कौशल से लैस करने के उद्देश्य से दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की।धूम्रपान मुक्त भविष्य के लिए डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए आयोजित कार्यशाला में विभिन्न विभागों के 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को START ऐप (स्टॉप टोबैको विद असिस्टेंस एंड रिकवर टुडे) से परिचित कराया गया, जो तंबाकू की लत से निपटने के लिए एक अभिनव डिजिटल समाधान है। यह कार्यक्रम YouWeCan के सहयोग से आयोजित किया गया था और एडवर्ड और सिंथिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा प्रमाणित किया गया था। सत्र का नेतृत्व जीआईपीएचआई की सीईओ, टोरंटो विश्वविद्यालय में पीएचडी स्कॉलर और सेंटर फॉर एडिक्शन एंड मेंटल हेल्थ (सीएएमएच) में अनुसंधान सहायक डॉ. सुमेधा कुशवाह ने किया। डॉ. कुशवाह, जिन्होंने ऐम टू टर्मिनेट टोबैको एंड कैंसर (एटीटीएसी) और इंडिया इंटरनेशनल डेवलपमेंट अलायंस की भी स्थापना की, प्रभावशाली प्रशिक्षण देने में उनकी समर्पित टीम GIPHI के साथ शामिल हुईं। कार्यशाला में तम्बाकू समाप्ति परामर्श के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे प्रतिभागियों को तम्बाकू छोड़ने में लोगों का समर्थन करने के लिए व्यावहारिक ज्ञान के साथ सशक्त बनाया गया। सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में प्रौद्योगिकी-संचालित हस्तक्षेपों को लागू करने के बारे में सीखते हुए, छात्रों ने START ऐप पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। शूलिनी विश्वविद्यालय में स्थिरता और सामुदायिक सहभागिता की निदेशक पूनम नंदा और विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. नितिका ठाकुर ने इस आयोजन का आयोजन किया। कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में छात्र समन्वयकों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नंदा ने कहा कि प्रशिक्षण पहल महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए उपकरणों और ज्ञान के साथ छात्रों को सशक्त बनाने की शूलिनी विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
प्रदेश सरकार कुनिहार में नए अस्पताल भवन का निर्माण करने जा रही है, जिससे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। मौजूदा सिविल अस्पताल कुनिहार को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। उपमंडलाधिकारी अर्की की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने सोमवार को दो स्थानों का मुआयना किया। इसमें लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी, और मंजूरी के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। कुनिहार अस्पताल क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्रों—अर्की, सोलन, कसौली, और दून के हजारों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देता है। वर्तमान भवन की सीमित क्षमता के कारण इसका विस्तार नहीं हो सकता। अस्पताल के नए भवन और चिकित्सकों के आवास के लिए अन्य स्थानों की तलाश की जा रही है।
** समिति व शंभू परिवार ने लगाया विशाल भंडारा कुनिहार की प्रसिद्ध प्राचीन शिव ताण्डव गुफा कुनिहार में जेष्ठ सोमवार को सैंकड़ों शिव भक्तों ने गुफा में विराजमान प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन किए। इस अवसर पर गुफा विकास समिति व शंभू परिवार कुनिहार के सौजन्य से समस्त शिव भक्तों व क्षेत्र वासियों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। समिति अध्यक्ष राम रतन तनवर, उपाध्यक्ष रितु ठाकुर व मीडिया प्रभारी मनु भारद्वाज ने बताया कि 19 जनवरी रविवार से गुफा में दो दिवसीय राम चरित मानस कथा पाठ का शुभारंभ हुआ, जिसे जेष्ठ सोमवार को हवन व पूर्णाहुति के साथ विराम दिया गया। उन्होंने बताया कि जेष्ठ सोमवार को सैंकड़ों शिव भक्तों ने गुफा में पहुंचकर अपने आराध्य की पूजा अर्चना कर शीश नवाया। दोपहर से समस्त शिव भक्तों व क्षेत्र वासियों के लिए भंडारा आरंभ कर दिया गया था। शिव भक्तों ने गुफा में विराजमान प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन किए तथा भजन कीर्तन में भाग लिया व कमेटी व शंभू परिवार के सौजन्य से तैयार भंडारे में लजीज व्यंजनों का आनंद लिया। इस अवसर पर समस्त कमेटी व शंभू परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
** योग, कविता लेखन, चित्रकला और अन्य गतिविधियों में छात्रों ने लिया भाग बी एल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, कुनिहार में "परीक्षा पे चर्चा 2025" के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य पुर्शोतम लाल ने जानकारी दी कि शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार विद्यालय में "परीक्षा पे चर्चा 2025" के आठवें संस्करण के अंतर्गत छात्रों, एनसीसी, एनएसएस, और स्काउट्स एंड गाइड्स के बच्चों ने कई रचनात्मक और शैक्षिक गतिविधियों में भाग लिया। इनमें योग, कविता लेखन, चित्रकला, नारा लेखन, पोस्टर मेकिंग, नुक्कड़ नाटक, भाषण, मानसिक स्वास्थ्य कार्यशाला, और प्रेरणादायक फिल्मों की स्क्रीनिंग जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उत्साह के साथ भाग लिया। प्रधानाचार्य ने बताया कि यह आयोजन हर साल कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को परीक्षा के तनाव और दबाव से निपटने में मदद करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से प्रेरित है, जो छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को एकजुट करने का प्रयास करते हैं, ताकि हर बच्चे के अद्वितीय व्यक्तित्व का सम्मान किया जा सके।विद्यालय अध्यक्ष ने भी इस आयोजन की सराहना की और बच्चों को परीक्षा से मुक्त मानसिकता के साथ रहने के लिए प्रेरित किया।
लोक निर्माण व शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ठेकेदारों को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। अगर वह ठेकेदारों के इतने ही हितैषी हैं तो अपने कार्यकाल में अदायगी पूरी क्यों नहीं की। अब प्रदेश सरकार ठेकेदारों की अदायगी पूरी की कर रही है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को श्वेत पत्र जारी करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जिस दिन जयराम ठाकुर ने सत्ता छोड़ी, उस दिन कितनी प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग पर देनदारियां थीं, इसकी जवाबदेही वे स्वयं सुनिश्चित करें। नेता प्रतिपक्ष सुर्खियों में रहना चाहते हैं, इसलिए गलत बयानबाजी कर रहे हैं। ठेकेदारों के भुगतान को लेकर पूछे गए प्रश्र पर उन्होंने कहा कि हाल ही में लोक निर्माण विभाग को 80 करोड़ रुपये का बजट मुख्यमंत्री की ओर से जारी किया गया है। इससे लगातार प्रदेश में हो रहे कार्यों की अदायगी हो रही है। मुश्किलों के बीच सरकार आर्थिकी को मजबूत करने का कार्य कर रही है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शहरी विकास विभाग की ओर से शहरी क्षेत्रों को सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। शहर में सीवरेज लाइन, रास्ते समेत अन्य कार्यों को तेजी से करवाने करवाने का पहला लक्ष्य है। वार्ड के लोगों को बेहतर सुविधाएं नगर निगम की ओर से दी जाएं इसके लिए सरकार कार्यों को निश्चित रूप से कर रही है।
** डॉ. राजीव सैजल ने कसौली के कोट बेजा पंचायत में भाजपा कार्यकर्ताओं से की बैठक कसौली /हमेंद्र कंवर: प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष और कसौली के पूर्व विधायक डॉ. राजीव सैजल ने कसौली विधानसभा की कोट बेजा पंचायत में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में शिरकत की। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बैठक में कोट बेजा और गुनाई बूथों की नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को फूलमालाएं पहनाकर सम्मानित किया गया और उन्हें शुभकामनाएं दी गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप का कोट बेजा पंचायत में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।राजीव सैजल ने इस मौके पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "पूरे प्रदेश में विकास थम चुका है और वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।" उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में जनमंच के माध्यम से जनता की समस्याओं का मौके पर समाधान किया जाता था, लेकिन अब कोई ऐसा मंच नहीं है, जहां लोग अपनी समस्याएं लेकर जा सकें। यह एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। उन्होंने कहा, "स्थानीय विधायक भी जनता और क्षेत्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाने में असफल रहे हैं। प्रदेशभर में सरकार के प्रति असंतोष का माहौल है।डॉ. सैजल ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार प्रदेश की मदद कर रही है, और वही मदद प्रदेश सरकार को चलाए रखने का कारण बनी हुई है।इस मौके पर परमाणु मंडल अध्यक्ष लक्ष्मी दत्त शर्मा, किशोरी लाल शर्मा, पूर्व प्रधान रविंदर शर्मा, कोट बेजा बूथ अध्यक्ष तेजपाल, गुनाई बूथ अध्यक्ष अमन ठाकुर, शिव कुमार, महेश कौशिक, जितेंद्र कुमार, देवी चंद, कपिल, दीपक कुमार, हर्ष वर्धन ठाकुर, परीक्षित शर्मा, जानकी राम, हेम राम, काशीराम और अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सोलन में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर तंज कसा। जयराम ठाकुर द्वारा ठेकेदारों का बकाया भुगतान न करने को लेकर सुक्खू सरकार पर उठाए गए सवालों पर विक्रमादित्य ने कहा कि जयराम ठेकेदारों के लिए केवल "घड़ियाली आंसू" बहा रहे हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि जब उन्होंने सत्ता छोड़ी थी, तो सरकार पर कितनी देनदारी थी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "जयराम ठाकुर को श्वेत पत्र लाकर यह स्पष्ट करना चाहिए कि लोक निर्माण विभाग और सरकार पर कितनी देनदारी थी जब वे सत्ता छोड़कर गए थे। पहले उन्हें अपनी सरकार की जवाबदेही तय करनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि ठेकेदारों के भुगतान के लिए सरकार लगातार काम कर रही है और इसके लिए 80 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। विक्रमादित्य ने आश्वासन दिया कि जल्द ही छोटे ठेकेदारों के भुगतान को साफ किया जाएगा, जबकि बड़े प्रोजेक्टों में ठेकेदारों को समय पर भुगतान किया जा रहा है।विक्रमादित्य सिंह ने यह भी कहा कि जयराम ठाकुर सुर्खियों में रहने के लिए यह मुद्दा उठा रहे हैं, जबकि वे खुद जानते हैं कि सरकार की वित्तीय स्थिति कैसी होती है। वे प्रदेश के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रह चुके हैं, और उन्हें यह पता होना चाहिए कि विभागों में काम करने के लिए सही वित्तीय संसाधन होना जरूरी है। मंत्री ने यह भी कहा कि अगर शहरी विकास विभाग में ठेकेदारों ने काम बंद किया है, तो सरकार इसकी जानकारी प्राप्त करेगी और उनके भुगतान के लिए जल्द ही कदम उठाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार का प्रयास है कि सभी विभागों में चल रहे विकास कार्य जल्द से जल्द पूरे हों, ताकि जनता को लाभ मिल सके।
हिमाचल प्रदेश में मक्की के बाद अब प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं का आटा डिपुओं में बेचकर मुनाफा कमाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती विंग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पहले चरण में प्रदेशभर में किसानों से 805 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। यह खरीद केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती करने वाले प्रमाणित किसान चयनित किए जाएंगे। बाजार में आम तौर पर गेहूं के 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिलते हैं, लेकिन सरकार किसानों से 40 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से गेहूं खरीदेगी। इसमें भी मक्की के समान प्रति किसान से अधिकतम 20 क्विंटल तक गेहूं खरीदी जाएगी। इस विधि में किसान बिना रासायनिक कीटनाशकों और खादों का उपयोग किए जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और ब्रह्मास्त्र सहित अन्य जैविक घटकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके तहत बिलासपुर जिले से 50 मीट्रिक टन, चंबा से 60, हमीरपुर से 40, कांगड़ा से 190, मंडी से 195, सिरमौर से 105, सोलन से 95 और ऊना से 70 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएगी। शिमला और कुल्लू जिले से गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी, यहां गेहूं की बिजाई कम होती है। किसानों से गेहूं खरीदने के बाद सरकार इससे तैयार आटे की भी ब्रांडिंग कर लोगों को दो और पांच किलो की पैकिंग में बेचेगी। सरकार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं 40 रुपये प्रतिकिलो के रेट से खरीदेगी। इसके लिए पंजीकृत किसानों का चयन किया जाएगा। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्राकृतिक खेती में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह पहल शुरू की है। खरीफ सीजन से पहले किसानों बागवानों को झटका लग गया है। हिमफेड की ओर से किसानों बागवानों को दी जाने वाल एनपीके 16-16-16 उर्वरक इस बार मंहगे दामों पर उपलब्ध होगी। पहले एनपीके 16-16-16 की 50 किलो की बोरी 1375 रुपये में मिलती थी। अब किसानों बागवनों को इसके 1450 रुपये चुकाने होंगे। इसकी अधिकतर मांग सेब बहुल क्षेत्रों में होती है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के समान अनुपात होते हैं। हालांकि इस वर्ष से कैल्शियम नाइट्रेट प्लेन और बोरोनेटिड उर्वरक के दामों में गिरावट भी आई है। हिमफेड की ओर से प्रदेश भर में 84 स्टोर स्थापित किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 23 जिला शिमला में हैं।
दिल्ली-पंजाब-हरियाणा-यूपी को जाने वाली बसें होंगी कम हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़, दिल्ली व हरिद्वार को जाने वाली बसों का पहले चरण में युक्तिकरण होगा। इसकी फाइल तैयार कर ली गई है और एचआरटीसी ने इसका प्लान बना लिया है। आठ से दस रूटों को अभी फिलहाल चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से एक जैसे समय पर बसों को भेजा जाता है। आगे जाकर यह बसें मिल जाती हैं और फिर इनकी सवारियां बंट जाती है। इसका नुकसान पथ परिवहन निगम को हो रहा है, जिसे अब एचआरटीसी प्रबंधन दुरुस्त करने की तैयारी में है। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसकी शुरुआत बाहरी राज्यों यानी अंतर राज्यीय रूटों से की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो प्रदेश में प्रदेश के भीतर भी इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री से इस मामले में एचआरटीसी की बातचीत हुई है और सीएम ने कहा है कि निगम को घाटे से उभारने के लिए ऐसे अलग और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है, जिसे अब निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। निगम प्रबंधन के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादी के लिए जाने वाली बसों के रूटों की पूरी सूची तैयार की गई है। इसमें देखा जा रहा है कि ऐसे कितने जिले हैं जहां से एक ही समय में बसें चलती है। इन बसों को क्लब कर दिया जाएगा। धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा से एक ही समय में दिल्ली के लिए कई बसें चलती हैं। इन बसों में सवारियों की संख्या कुल सीटों के मुकाबले आधी भी नहीं होती। अब इन बसों को क्लब कर एक ही बस चलाई जाएगी। वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार,अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट व अंबाला सहित कई अन्य स्थानों को निगम की बसें निरंतर अंतराल में चल रही हैं। इसमें रूटों का परिवर्तन भी हो सकता है। पथ परिवहन निगम का कुल घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। इससे पहले एचआरटीसी के 275 के करीब घाटे के रूट निजी आपरेटरों को देने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी इनमें आधे से ज्यादा रूटों पर फैसला नहीं हो पाया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एचआरटीसी को 700 करोड़ रुपए का सालाना अनुदान दे रही है। एचआरटीसी में 27 श्रेणियों के लोगों को नि:शुल्क यात्रा दी जा रही है। एचआरटीसी के 31 डिपो और चार मंडल हैं। 3180 बसें हैं जो प्रतिदिन 5.60 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। 2684 रूट पर निगम की बसें सेवाएं देती हैं। निगम की दैनिक आय 2.25 करोड़ रुपए है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों का युक्तिकरण करने की तैयारी है। इसकी योजना बन चुकी है और अभी कुछ ऐसे रूट चिन्हित किए हैं, जहां के लिए अलग-अलग स्थानों से एक जैसे समय पर बसें जाती हैं। इनको क्लब किया जाएगा क्योंकि अभी लांग रूट की बसों में कमाई नहीं हो पा रही है। अपेक्षाकृत इनकम को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की नीतियों को अपनाया जा रहा है, लेकिन इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी।
हिमाचल प्रदेश में 22 व 23 जनवरी को मौसम खराब होगा। इस दौरान अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है, वहीं मैदानी इलाकों में बारिश होगी। तापमान में गिरावट से ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। शनिवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे, जिससे तापमान में भारी कमी आई है। प्रदेश के छह स्थानों का तापमान माइनस में पहुंच गया है। ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 11.9 डिग्री पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 22 व 23 जनवरी को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम का मिजाज बिगडऩे से अगले तीन से चार दिनों में तापमान ऐसा ही रहेगा, जिससे ठंड का दौर जारी रहने वाला है। इससे अगले दो दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी, जिससे लोगों को ठंड का एहसास होगा। 22 जनवरी को कुछ स्थानों पर शीतलहर चलेगी, जबकि 19 जनवरी को प्रदेश के कुछ एक जिलों में कोहरा पडऩे की पूरी संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में 24 जनवरी तक इसी तरह आसमान में बादल छाए रहेंगे। 24 जनवरी तक प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होगी, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ेगी।
** सिविल अस्पताल के पास टूटी चैंबर और बहते गंदे पानी से लोग परेशान ** ग्रामीणों ने उठाई रास्ते की मरम्मत की मांग... विकास खण्ड कुनिहार की ग्राम पंचायत कोठी में कई रास्तों की हालत बेहद खराब है, जिनमें से सिविल अस्पताल के पास का रास्ता सबसे अधिक खतरनाक है। इस रास्ते के नीचे से गंदा पानी बहता है, और नाले के ऊपर बने सीमेंट के चैंबर पूरी तरह से टूट चुके हैं। इससे यहां किसी बड़ी दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। हरिपुर, सहवार, नमोल, टुकाड, कोठी जैसे गांवों के लोग, जिनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं, रोज़ाना इस खतरनाक रास्ते से गुजरते हैं ताकि वे कुनिहार बाजार, अस्पताल और अन्य जरूरी कामों के लिए जा सकें। स्थानीय निवासी प्रेम प्रकाश, महेंद्र, अशोक, विजय, नरेंद्र, सोहन लाल, राकेश और संजय का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार पंचायत से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। उनका आरोप है कि पंचायत प्रशासन शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है।ग्रामीणों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस रास्ते को जल्द से जल्द ठीक किया जाए ताकि कोई दुर्घटना न हो। इस मामले पर पंचायत प्रधान बलविंदर कौर ने बताया कि रास्ते पर जो चैंबर लगा था, वह टूट चुका है और वह एक-दो दिन में नया चैंबर लगवा देंगी। इसके अलावा, पूरे रास्ते की मरम्मत एक हफ्ते में करवा दी जाएगी।
** समिति व शंभू परिवार की होगी बैठक कुनिहार की प्रसिद्ध प्राचीन शिव ताण्डव गुफा कुनिहार में 20 जनवरी जेष्ठ सोमवार को गुफा विकास समिति व शंभू परिवार कुनिहार के सौजन्य से समस्त शिव भक्तों व क्षेत्र वासियों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। समिति अध्यक्ष राम रतन तनवर,उपाध्यक्ष रितु ठाकुर व मीडिया प्रभारी मनु भारद्वाज ने बताया कि 19 जनवरी रविवार से गुफा में दो दिवसीय राम चरित मानस कथा पाठ का शुभारंभ होगा, जिसे 20 जनवरी जेष्ठ सोमवार को हवन व पूर्णाहुति के साथ विराम दिया जाएगा। दोपहर से समस्त शिव भक्तों व क्षेत्र वासियों के लिए भंडारा आरंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फरवरी माह में शिवरात्रि पर्व पर शिव महा पुराण कथा व अन्य कार्यक्रमों बारे सोमवार को एक बैठक का भी आयोजन रखा गया है, जिसमें समिति व शंभू परिवार के सभी सदस्यों से पहुंचने की अपील की गई है। ताकि शिवरात्रि पर्व को भव्य तरीके से मनाने बारे सभी अपने अपने विचार साझा करें।
हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि उनकी चालाकी से बचना आसान नहीं। इस बार उनका शिकार बने नीरज भारती, जो प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बेटे और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (CPS) हैं। ठगों ने उन्हें गोवा की एक फर्जी बुकिंग वेबसाइट के जरिए ₹1 लाख की चपत लगा दी। दरअसल,नीरज भारती ने हाल ही में गोवा यात्रा की योजना बनाई। उन्होंने ऑनलाइन ‘कारा विला रिसॉर्ट’ नामक एक जगह की बुकिंग की और एडवांस में ₹1 लाख का भुगतान किया। लेकिन बुकिंग के बाद जब उन्होंने रिसॉर्ट से संपर्क करने की कोशिश की, तो पता चला कि गोवा में इस नाम का कोई रिसॉर्ट है ही नहीं। उन्हें तुरंत समझ आ गया कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। नीरज भारती ने तुरंत छोटा शिमला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 418 और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी नहीं करवाने की लापरवाही अब महंगी पड़ गई है। प्रदेश में सस्ते राशन के वितरण में पारदर्शिता लाने को राशन कार्ड धारकों को पिछले कई सालों से ई-केवाईसी करवाने का मौका दिया जा रहा था। प्रदेश में इसके लिए लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन लाखों उपभोक्ताओं ने आदेशों को हल्के से लेते हुए ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिस कारण सरकार ने अब सख्ती दिखाते हुए प्रदेशभर में 2.65 लाख परिवारों के राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक कर दिया है। ऐसे में अब इन परिवारों को इस महीने से डिपुओं में सस्ता राशन मिलना बंद हो गया है। अब इन उपभोक्ता को ई-केवाईसी नहीं करने तक सस्ते राशन की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। हिमाचल में राशन कार्डों को लेकर रोजाना समीक्षा हो रही है। राशन कार्ड धारकों की तरफ से ई-केवाईसी ना करने पर हर रोज राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने की प्रक्रिया लगातार जारी है जिसकी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग निदेशालय फील्ड से रोजाना की रिपोर्ट ले रहा है। प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्ड अस्थाई तौर पर ब्लॉक होने के बाद राशन कार्ड की संख्या अब घटकर 17 लाख के करीब रह गई है। प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19.65 लाख के करीब थी। विभाग ने इन परिवारों को 31 दिसंबर तक हर हाल में ई-केवाईसी करने का आखिरी मौका दिया था, लेकिन राशन कार्ड धारकों ने इन आदेशों को भी पहले की तरह हल्के में लिया जिस कारण विभाग को मजबूरन 1 जनवरी से ई-केवाईसी न करवाने पर राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने का निर्णय लेना पड़ा है। ऐसे में पिछले 17 दिनों में प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया जा चुका है। ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले। ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड की स्थिति विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है इसलिए ई-केवाईसी काफी आवश्यक है, ताकि राशन कार्ड में दर्ज ऐसे सदस्यों के नामों को हटाए जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके। इस तरह से अगर कोई भी राशन कार्ड में इन सदस्यों की जानकारी को अपडेट करवाना चाहते हैं तो इसके लिए उनको ई-केवाईसी करवानी पड़ेगी। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह राठौर का कहना है "ई-केवाईसी नहीं करवाने पर 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया गया है। अब ऐसे राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी करने पर ही डिपुओं में सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम के करवट बदलने की संभावना है। राज्य के कई भागों में आज से आगामी सात दिनों तक बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। वहीं राज्य के पांच स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। कई भागों में लोगों को शीतलहर का सामना करना पड़ रहा है। शिमला सहित आसपास भागों में आज सुबह से हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। उधर, बीते दिनों हुई बर्फबारी से किन्नाैर चंबा व लाहाैल-स्पीति जिले में अभी भी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। लाहाैल-स्पीति जिले में कई सड़कें अभी भी ठप हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 18 से 21 व 24 जनवरी को मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि 22 व 23 जनवरी को राज्य के कई स्थानों पर बारिश-बर्फबारी होगी। वहीं निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राज्य में अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद अगले 3-4 दिनों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 4-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं। दो दिनों बाद राज्य के कई हिस्सों में धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। शिमला में न्यूनतम तापमान 6.5, सुंदरनगर 5.2, भूंतर 2.5, कल्पा -1.8, धर्मशाला 4.0, ऊना 3.8, नाहन 7.0, केलांग -9.5, पालमपुर 5.0, मनाली 2.1, कांगड़ा 7.5, मंडी 6.1, बिलासपुर 6.6, हमीरपुर 6.4, चंबा 5.3, डलहाैजी 6.7, जुब्बड़हट्टी 6.4, कुफरी 4.6, कुकुमसेरी -5.9, नारकंडा 1.1, भरमाैर 3.3, रिकांगपिओ 1.5, बरठीं 5.5, समदो -7.3, कसाैली 7.9, सराहन 0.2, ताबो -11.9 व बजाैरा में 1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में कार्यरत 53 ग्रेड-2 अधीक्षकों के तबादले स्कूलों, जिला उपनिदेशक, ब्लॉक कार्यालयों और डाइट में कर दिए हैं। पांच दिन के भीतर सभी अधिकारियों को नए स्थानों पर पद ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ और गैर-शिक्षक कर्मचारी महासंघ ने उच्च शिक्षा निदेशालय के इस आदेश का विरोध किया है। महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह मेहता और महासचिव मनीष गुलेरिया ने इस निर्णय को अनुचित बताते हुए कहा कि इससे कर्मचारियों के अधिकारों और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधीक्षक ग्रेड-2 के स्थानांतरण से कर्मचारियों की दक्षता और कार्यशैली बाधित होगी। इससे महाविद्यालयों की प्रशासनिक संरचना और शैक्षिक प्रक्रियाएं कमजोर पड़ेंगी। विशेष रूप से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में संचालित महाविद्यालयों में इस निर्णय का प्रभाव शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। कुछ महाविद्यालयों में जहां 150 के लगभग शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या है और 3,000 से 4,000 तक छात्रों का नामांकन है, वहां इस आदेश से प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों की भारी कमी हो सकती है। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इन महाविद्यालयों में ग्रेड वन का कार्य केवल अधीक्षक को सुपरवाइज़ करने तक सीमित है और ग्रेड वन पर पदोन्नति तब होती है जब कर्मचारी सेवानिवृत्ति के पास होते हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि इन स्थानांतरण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। महासंघ ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी वर्ग ने सरकार को गुमराह कर यह आदेश जारी करवाया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों और उनकी गरिमा को नकारना है। महासंघ का कहना है कि इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है और उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनकी जिम्मेदारियां और महत्व कम कर दिए गए हैं।
हिमाचल में सीमेंट के दामों में एक बार फिर पांच रुपए की वृद्धि हो गई है। सीमेंट कंपनियों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। प्रमुख सीमेंट कंपनियां अंबुजा, एसीसी और अल्ट्राटेक ने प्रति बैग पांच रुपये कीमतें बढ़ा दीं। इससे भवन निर्माण कर रहे लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। बिलासपुर में एसीसी सीमेंट की फैक्ट्री होने के बावजूद यहां सीमेंट अन्य जिलों के मुकाबले महंगा बिक रहा है। एसीसी सीमेंट विक्रेता पवन बरूर ने बताया कि ऊना और हमीरपुर की तुलना में बिलासपुर में दाम अधिक हैं, जबकि इन जिलों का परिवहन खर्च ज्यादा है। कुछ ट्रक मालिक सीमेंट ऊना और हमीरपुर के लिए लोड कर यहीं बेच देते हैं, जिससे स्थानीय डीलरों को नुकसान हो रहा है। एसीसी सुरक्षा का दाम पहले 440 रुपए प्रति बैग था, जो अब 445 रुपए हो गया है। एसीसी गोल्ड का दाम 485 से बढ़कर 490 रुपये हो गया है। अंबुजा सीमेंट के विक्रेता रोहित ने बताया कि अब दाम 455 से बढ़कर 460 रुपए प्रति बैग कर दिए हैं। 18 दिसंबर को कंपनी ने डीलरों के डिस्काउंट बंद कर दिए थे, जिस कारण पहले ही कीमतों में 15 से 20 रुपए प्रति बैग का इजाफा हो चुका था।
ग्राम पंचायत जाड़ली के गांव ग़मझूंन में पशु पालन विभाग सोलन के सौजन्य से एक दिवसीय बांझपन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में पशुओं में बढ़ती जा रही बांझपन से जुड़ी समस्याओं जैसे पशुओं का बार बार हीट में आना, पशुओं के गर्भाशय में इन्फेक्शन हो जाना, गर्भाशय में गांठें बन जाना तथा गर्भ जांच इत्यादि का निरीक्षण उपरांत विधिवत उपचार किया गया। इस शिविर में 35 पशुओं का परीक्षण किया गया और साथ ही साथ पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए खनिज मिश्रण व कृमिनाशक दवाइयों का भी वितरण निः शुल्क किया गया। शिविर की अध्यक्षता वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलीय पशु चिकित्सालय अर्की, डॉ. देव राज शर्मा द्वारा की गई, जिन्होंने पशुपालकों को पशुओं के रखरखाव, देखभाल और स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए युवा वर्ग में पशुपालन को मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सालय कुनिहार, डॉ रीता कौशल और पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सालय डुमेहर डॉ. शिवानी पाल ने भी पशुओं में होने वाली बीमारियों और विभिन्न विभागीय योजनाओं पर प्रकाश डाला जिनका लाभ लेकर किसी भी वर्ग के किसान अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं और खुशहाली से अपना जीवन यापन कर सकते हैं। इस उपलक्ष्य पर सुरेश कुमार, पशु औषधिसंयोज कुनिहार दिलीप कुमार व दौलत राम संख्यान भी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
** ग्रीष्मकालीन स्कूलों में होगी शुरुआत हिमाचल में अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे। चालू शैक्षणिक सत्र मार्च 2025 में प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों से इसकी शुरूआत होगी। शीतकालीन स्कूलों में अगले वर्ष से यह व्यवस्था लागू होगी। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के संशोधित निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 को प्रदेश में सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। परीक्षा पास करने में असफल रहे विद्यार्थियों को आवश्यक अंक प्राप्त करने को एक और मौका दिया जाएगा। दूसरी बार भी जो विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं करेगा, उसे फेल कर दिया जाएगा। बुधवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को इस संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है। बीते दिसंबर में केंद्र ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है। केंद्र के फैसले के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी को हिमाचल सरकार ने भी बंद कर दिया है। देश में नो डिटेंशन पॉलिसी का फैसला लागू होने के बाद से हिमाचल इसका विरोध कर रहा है। साल 2019 में हिमाचल सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में बिना परीक्षा पास किए बच्चों को पास नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन इस फैसले को सख्ती से लागू नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार ने शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नो डिटेंशन पाॅलिसी को समाप्त कर दिया है। चालू शैक्षणिक सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर जांची जाएंगी। अभी तक की व्यवस्था के तहत इन दोनों कक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र तो स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं को आसपास के स्कूलों में ही जांचा जाता है। अब पांचवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को ब्लॉक और आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को क्लस्टर स्तर पर जांचा जाएगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बीते रोज बुधवार को धूप खिली रही। वहीं, 16 जनवरी को सुबह राजधानी शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों को गुरुवार सुबह से ही कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने 16 जनवरी को प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं, अगले 3 से 4 दिनों तक अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है। वहीं, कुफरी, नारकंडा में गुरुवार सुबह से बर्फबारी शुरू हो गई है जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा , प्रदेश में बीती रात से मौसम ने करवट बदली है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है। आगामी दो दिनों तक प्रदेश में मौसम इसी तरह से खराब बना रहेगा। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। बीते रोज बुधवार को ताबो प्रदेश का सबसे अधिक ठंडा स्थान रहा। ताबो का तापमान -13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, ताबो का अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश में ऊना सबसे गर्म रहा। ऊना का अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा ऊना का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा शिमला का न्यूनतम तापमान 4.2, मनाली का -0.6, कुफरी का 2.2, भरमौर का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष व हरियाणवी गायक के खिलाफ गैंगरेप के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। मंगलवार को सार्वजनिक हुए इस हाई-प्रोफाइल केस में पीडि़ता की सहेली व मामले में अहम गवाह महिला ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस की है। पंचकूला में आयोजित इस प्रेस कान्फ्रेंस में महिला ने पूरे केस को ही झूठा करार दे दिया है। उसने मीडिया के सामने कहा कि उसे झूठा गवाह बनाया गया है, जबकि उसके सामने ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। महिला के इस बयान के बाद पहले से ही उलझा हुआ मामला अब और अधिक उलझता हुआ नजर आ रहा है। पीडि़ता की सहेली ने बुधवार को मीडिया से रू-ब-रू होकर कहा कि वह दिल्ली की रहने वाली है और वह अपनी सहेली व उसके बॉस के साथ मनाली घूमने गए थे। इसके बाद वह कसौली होटल में पहुंचे, जहां पर उन्हें रॉकी मित्तल मिला। चर्चित गायक होने के चलते वह उसे पहले से ही जानते थे, जबकि मोहन लाल बड़ौली को वो नहीं पहचानती थी। इस दौरान चर्चित चेहरा होने के कारण रॉकी मित्तल से उन्होंने कुछ समय के लिए बात की और उसके बाद कोई बात नहीं हुई। सहेली ने बताया कि इसके पश्चात वह अपनी सहेली और उसके बॉस के साथ कमरे में चली गई और कुछ देर बाद वहीं सो गए व अगले दिन सुबह वहां से वापस आ गए। उसने मीडिया को बताया कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था। इतने बड़े होटल में यदि गैंगरेप या इस तरह की कोई घटना होती तो उसके चीखने चिल्लाने की आवाज तो किसी ने सुनी होती। जब मुझे पता चला कि इस तरह की कोई एफआईआर दर्ज हुई है और उसमें मुझे गवाह बनाया गया है, तो मैं सकते में आ गई। इस पर मैंने साफ मना कर दिया तो पीडि़ता ने कहा कि उनका कुछ मसला है। पैसे भी मिलेंगे और उसके बॉस को टिकट या चेयरमैनशिप दी जाएगी। उसने कहा कि वह जॉब करती है और इस सबसे उसका कुछ लेना देना नहीं है। मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कथित तौर पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मामले में एफआईआर को एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक इसमें कोई भी गिरफ्तारी न होने से प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं। पुलिस के सूत्रों की मानें तो मामला करीब डेढ़ वर्ष पुराना है और पीडि़ता ने भी मेडिकल नहीं करवाया है। ऐसे में पुलिस को मामले में पुख्ता सुबूत मिल पाना भी एक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। न तो उस समय की सीसीटीवी फुटेज मिल पाई है और न ही अन्य कोई सुबूत। इस हाई-प्रोफाइल केस में हरियाणा के ही अमित बिंदल का नाम भी जुड़ गया है। बताया जा रहा है कि पीडि़ता की सहेली जिस बॉस की बात कर रही है, वह और कोई नहीं बल्कि अमित बिंदल ही हैं। उनके साथ ही यह कसौली घूमने के लिए आई थी। अमित बिंदल सोनीपत के रहने वाले हैं और वर्ष 2022 में वे जेजेपी को छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। 2024 में लोकसभा चुनाव में वे सोनीपत से भाजपा की टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। बताया जा रहा है कि वह वर्ष 2022 में जीएसटी गबन केस में तिहाड़ जेल में भी रहे हैं। इस पूरे हाई-प्रोफाइल मामले को लेकर सोलन पुलिस के अधिकारियों ने भी चुप्पी साधी हुई है। वह मामले को लेकर कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं और कुछ मीडिया कर्मियों के फोन तक उठाने से परहेज कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में आज बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आ सकता है, जिससे 21 जनवरी तक मौसम खराब रहने की उम्मीद है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कोहरे और ऊंचाई वाले इलाकों में शीतलहर से ठंड में इजाफा हो गया है। मंगलवार रात को राज्य के छह स्थानों पर रात का तापमान माइनस में दर्ज हुआ। बुधवार को राजधानी शिमला और राज्य के अन्य हिस्सों में धूप खिली रही, लेकिन आगामी दिनों में मौसम फिर से करवट ले सकता है। इसके साथ ही तीन दिन बाद अटल टनल रोहतांग से बस सेवा फिर से शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को राहत मिली है, क्योंकि पहले यात्रा में 10 किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी होती थी, अब यह दूरी केवल 5 किलोमीटर रह गई है। इसके अलावा, औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 पर भी निगम की बसें घियागी के बजाय सोझा तक चलने लगी हैं। प्रदेश के निचले पहाड़ी और मैदानी इलाकों, जैसे बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में बुधवार को सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा छाया रहा। वीरवार को इन क्षेत्रों में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 16 से 21 जनवरी के बीच मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3-4 दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी और शिमला जिलों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
** योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका अहम - डॉ. शांडिल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका अहम है और राज्य सरकार मीडिया कर्मियों के हित के लिए निरंतर कार्यरत है। डॉ. शांडिल गत रात्रि यहां प्रेस क्लब सोलन के सौजन्य से आयोजित लोहड़ी मिलन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मीडिया हितों के प्रति संवेदनशील है और उनका यह प्रयास है कि मीडिया बन्धुओं की विभिन्न मांगों को उचित स्तर पर निराकरण किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सोलन ज़िला मुख्यालय में प्रेस क्लब निर्माण उनकी प्रतिबद्धता है और इस दिशा में उचित भूमि का चयन कर अगली कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी नीतियों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने में सक्रिय सहयोग दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाचारों एवं अन्य माध्यमों से मीडिया द्वारा प्राप्त फीडबैक का नियमित अनुसरण कर यह सुनिश्चित बनाती है कि आमजन की भावनाओं के अनुरूप कार्य हों। डॉ. शांडिल ने सभी को लोक आस्था, भाईचारा व एकता के प्रतीक लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए आशा जताई कि यह पावन पर्व सभी के जीवन में सुख, शांति, खुशहाली, समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करे। उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़े हमारे पर्व हमें अपनी समृद्ध सनातन संस्कृति और विरासत से जोड़ने में महत्वपूर्ण हैं। हमें अपनी प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं भी प्रेषित की। डॉ. शांडिल ने इससे पूर्व लोहड़ी पूजन भी किया। इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, उपमण्डलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल, हिमाचल प्रदेश प्रथम कन्या बटालियन एन.सी.सी. सोलन के आदेशक कर्नल संजय शांडिल, पूनम शांडिल, ज़िला राजस्व अधिकारी सोलन सुमेध शर्मा सहित प्रेस क्लब सोलन के सदस्य उपस्थित थे।
** प्रदेश में लोहड़ी के अवसर पर कड़ाके की ठंड शिमला: इन दिनों उत्तर भारत समेत हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोहड़ी के पर्व पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। हाल ही में निचले पहाड़ी इलाकों और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी से तापमान में यह गिरावट आई है। मौसम विभाग ने 14 और 15 जनवरी को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, 16 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिसके कारण प्रदेश में मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। इस दौरान, मध्यम और ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यह पश्चिमी विक्षोभ 19 जनवरी तक सक्रिय रहेगा। हालांकि, निचले पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मंडी, बिलासपुर, ऊना और अन्य जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। बीते 24 घंटों में, मंडी जिले के सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, स्पीति घाटी के कुकुमसेरी में प्रदेश का सबसे कम तापमान -12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य प्रमुख स्थानों पर तापमान इस प्रकार रहा: शिमला 2.4 डिग्री सेल्सियस, मनाली -1.1, भरमौर 0.3, कुफरी -0.8, पालमपुर 1.0, केलांग -8.7, बिलासपुर 5.4 और ऊना 3.6 डिग्री सेल्सियस।
** प्रदेश में चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए तैयार होगा मास्टर प्लानः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 प्रतिशत राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने तथा मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर तथा जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवाल के आयोजन को अधिसूचित करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डॉ. पंकज ललित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 72 मैगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनका कार्य शीघ्र ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 325 मैगावाट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार राज्य की 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे तथा इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावाट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल, 2024 को जनता को समर्पित किया गया था तथा अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक साढ़े छः महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, जबकि 10 मैगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ बनाने की दिशा में प्रयासरत है ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के दोहन से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
कुनिहार: नमबरदार यूनियन की बैठक आज सोमवार को अर्की एसडीएम कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधान दिला राम ने की, और जिला प्रधान राजेन्द्र ठाकुर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री से मिलने और नमबरदारों की समस्याओं के बारे में बात की गई। यूनियन के सदस्यों ने बताया कि मुख्यमंत्री से लेकर तहसीलदार तक को ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि वे फिर से मुख्यमंत्री के पास अपनी समस्याओं को लेकर जाएंगे। बैठक में यह मुद्दे उठाए गए कि पिछले 11 महीनों से उन्हें मानदेय नहीं मिला, बार-बार अनुरोध करने के बावजूद फर्दवाच नहीं मिल रही, पटवारी मौके पर मदद नहीं करते और पटवारियों द्वारा मनमाने तरीके से नमबरदारों को डिमार्केशन और तकसीम पर नहीं बुलाया जाता। सदस्यों ने कहा कि सरकार उन्हें 4200 रुपये मानदेय दे रही है, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार यह राशि बढ़ाए ताकि काम के अनुसार उन्हें उचित भुगतान मिल सके। बैठक में जिला सचिव प्रताप ठाकुर, उपप्रधान चमनलाल, प्रदीप ठाकुर, मदन सिंह, जगत राम, मोहन सिंह, पदम सिंह, नेम चंद, कन्हैया राम, राकेश सहित कई अन्य नमबरदार भी उपस्थित थे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं को फरवरी माह राहत भरा रहने वाला है। केंद्र से सस्ते राशन का आवंटन हो गया है जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भी फरवरी महीने में सरकारी डिपुओं के माध्यम से APL परिवारों को दिए जाने वाला आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी है। राहत की खबर ये है कि सरकार ने प्रदेशभर में 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में फरवरी महीने में भी APL परिवारों को 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड मिलेगा। प्रदेश में अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को डिपुओं में मिलने वाले आटे और चावल की दी जाने वाली मात्रा में कोई कट नहीं लगा है। वहीं, इससे पहले हिमाचल में हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता था, लेकिन 17 महीनों से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। केंद्र से राशन का आवंटन होने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में डिपुओं के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी गई है। एपीएल परिवारों को आबादी के आधार पर 20 हजार 286 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हुआ है। इसमें 14 हजार 131 मीट्रिक टन गेहूं और 6,155 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को जनवरी महीने के आखिर में परमिट जारी किया जाएगा ताकि डिपुओं में फरवरी के पहले ही सप्ताह से सस्ता राशन उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। इसमें कुल एपीएल कार्डधारकों की संख्या 12 लाख 24 हजार 448 है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसमें एपीएल टैक्स पेयर कार्डधारकों की कुल संख्या 72 हजार 445 है। वहीं, 11 लाख 52 हजार 3 नॉन टैक्स पेयर एपीएल कार्ड धारक हैं। हिमाचल में एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44 लाख 19 हजार 312 बनती है, जिसमें नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों की आबादी 41 लाख 26 हजार 583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2 लाख 92 हजार 729 है जिन्हें अगले महीने डिपुओं के माध्यम से 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा, फरवरी महीने के लिए राशन का आवंटन किया गया है। अगले महीने एपीएल परिवारों को पहले की तरह 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति कार्ड दिया जाएगा।
** बलबीर सिंह चौधरी ने की अर्की इकाई के सदस्यों से बैठक में भाग लेने की अपील हिमाचल पथ परिवहन सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अर्की इकाई की मासिक बैठक बुधवार 15 जनवरी को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष बलबीर सिंह चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। बलबीर सिंह चौधरी ने अर्की इकाई के सभी सदस्यों से इस अहम बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने बताया कि कल्याण मंच के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष बृजलाल ठाकुर इस बैठक में विशेष तौर पर उपस्थित होंगे । उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 15 जनवरी को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचे तथा पेंशनरो की समस्या व आगामी रणनीति बारे चर्चा में बढ़चढ़ कर भाग लें।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीन कॉरिडोर में सरकार ने 41 और इलैक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दे दी है। हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है उसके लिए सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हाई पावर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि ग्रीन कॉरिडोर में अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक 23 स्टेशन बना दिए गए हैं, लेकिन इस साल 41 और स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही हिमाचल में पेड़ कटान पर पहले से प्रतिबंध है और अभी सरकार ने कुछ और प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर भी रोक लगाई है।सरकार ऐसे काम करना चाहती है, जिससे प्रदूषण न हो और हिमाचल ग्रीन स्टेट के रूप में जाना जाए। इससे हिमाचल को ग्रीन बोनस मिलने में भी आसानी होगी। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि जियो, बीपी कंपनी मंडी-जोगिंद्रनगर-पठानकोट के साथ कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बना रही है। ईवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी परवाणू-ऊना-संसारपुर टैरेस-नूरपुर और परवाणू- शिमला-रिकांगपिओ-लोसर ग्रीन कॉरिडोर पर इस कार्य को कर रही है। इलेक्ट्रो वेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कोरिडोर को विकसित करने का काम करेगी। दोनों चयनित कंपनियां 75 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज मनी के रूप में सरकार को देगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो कंपनियों के साथ चार ग्रीन कोरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया था। प्रदेश में अभी ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या 23 है, जो दिसंबर महीने तक बढक़र 64 हो जाएगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में सरकार ने कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया था। हाई पावर कमेटी की बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जो भी औपचारिकताएं हैं, उन्हें जल्द पूरा करें। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम भी प्रदेश के सभी बस अड्डों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। उसने कुछ नए बस अड्डों पर इसकी सुविधा तैयार कर ली है। इसके लिए एचआरटीसी को नाबार्ड के तहत 100 करोड़ मंजूर हुए हैं। अभी शिमला, धर्मशाला, कुल्लू सहित कुछेक स्थानों पर ही इवी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा है, क्योंकि एचआरटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़ी संख्या में आने वाले दिनों में शामिल होंगे, लिहाजा उनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी सभी स्थानों पर चाहिए। फिलहाल ग्रीन कोरिडोर में लगभग सभी जगहों पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने प्रदेशवासियों को कड़ी ठंड का सामना कराया। मौसम विभाग के अनुसार, 13 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना है, लेकिन 15 जनवरी से फिर से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में गोंडला में 6 सेंटीमीटर, कोठी, खदराला और नशल्लारू में 5 सेंटीमीटर, जोत और भरमौर में 4 सेंटीमीटर, हंसा में 2.5 सेंटीमीटर, कुफरी में 2 सेंटीमीटर, कल्पा में 0.8 सेंटीमीटर और कुकमसेरी में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। शिमला के सराहन में 18.1 मिलीमीटर, रोहड़ू में 15 मिलीमीटर, पच्छाद में 5.1 मिलीमीटर और मनाली में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 13 और 14 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, लेकिन 14 जनवरी रात से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद 15 जनवरी से प्रदेश के ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, निचले इलाकों में इसका असर कम रहेगा। प्रदेश में 12 जनवरी को सिरमौर जिले के धौला कुआं में 15.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि लाहौल-स्पीति का ताबो -5.2 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
सोलन: देवभूमि हिमाचल में एक बार फिर ममता को शर्मसार करने वाली घटना पेश आई है। यहां पर एक महिला ने नवजात बच्ची को जन्म देकर उसे शमशान घाट के गेट पर छोड़ दिया और अपने आप वहां से चली गई। पुलिस थाना कंडाघाट में इसको लेकर एक शख्स ने शिकायत दी है। पुलिस को दी शिकायत में शख्स ने बताया "वह 12 जनवरी को सुबह 7 बजे ढाबे में काम कर रहा था तभी फोरलेन में सड़क निर्माण में लगी लेबर का एक व्यक्ति उसके पास आया और कहा पीछे शमशानघाट के गेट के पास सड़क किनारे एक नवजात शिशु पड़ा हुआ है। व्यक्ति तुरंत श्मशान घाट के गेट के पास गया तो उसने देखा कि गेट के पास सड़क किनारे एक नीले रंग के कपड़े में एक नवजात बच्ची पड़ी हुई है। मौके पर बच्ची के आसपास कोई भी मौजूद नहीं था। व्यक्ति ने बच्ची को उठाकर नेपाली मूल की महिला को सौंप दिया और खुद पुलिस स्टेशन में मामले की शिकायत देने चला गया। नवजात बच्ची को किसी अज्ञात महिला द्वारा जन्म देने के बाद शमशान घाट के गेट के सामने छोड़ दिया गया था। एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया, बच्ची का अस्पताल में मेडिकल करवाया जाएगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अस्पतालों में हाल ही में आए डिलीवरी के केसों की सूचना एकत्रित की जा रही है।
** बाल-बाल बचा चालक कसौली/हमेंद्र कंवर: जाबली के समीप चक्की मोड़-किमूघाट मार्ग पर थड गांव के पास एक चलती कार पर अचानक पेड़ गिरने से हाई वोल्टेज तार टूट गई, जिसके कारण कार में आग लग गई। गनीमत यह रही कि कार सवार बाल-बाल बच गए। जानकारी के अनुसार, दिव्येन ठाकुर पुत्र लायक राम, निवासी पघेत, डाकघर जाबली, जिला सोलन ने बताया कि वह पेशे से वकील हैं और शनिवार रात करीब 10:30 बजे अपनी अल्टो कार से घर जा रहे थे। उस दौरान तेज तूफान और बारिश हो रही थी। थड गांव के पास अचानक कार पर एक हाई वोल्टेज तार गिर गई, जिससे करंट फैल गया और कार के टायरों में आग लग गई। किसी तरह जान बचाकर वह बाहर निकले। रात में थड गांव के लोगों को सहायता के लिए बुलाया गया, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। गांववालों ने फायर ब्रिगेड को सूचित किया, लेकिन तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी। कार में कुछ सामान और मोबाइल फोन भी जल गए। बताया जा रहा है कि घटना स्थल से आगे तूफान के कारण एक पेड़ टूटकर तारों पर गिर गया, जिससे तार सड़क पर गिर गई।
कुनिहार पंचायत के गांव सिंहावां के पूर्व सैनिक हवलदार जीतराम का शनिवार रात देहांत हो गया। 69 वर्षीय जीतराम कुछ समय से बीमार चल रहे थे और आईजीएमसी शिमला में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके देहांत की खबर से उनके परिवार सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। भारतीय सेना की 16 डोगरा रेजिमेंट में हवलदार जीतराम ने कई वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं। रविवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। 14 जीटीसी सुबाथू से सूबेदार प्रताप सिंह श्रीश, हवलदार हरि थापा, नायक मुकेश छेत्री, पूर्व सैनिक लीग कुनिहार के उपाध्यक्ष कैप्टन राकेश कुमार, सूबेदार लेखराज, हवलदार सोहन लाल, कृष्ण लाल और सब मेजर मंजीत कुमार अर्की लीग ने राष्ट्रीय ध्वज और पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और पूर्व सैनिक जीतराम की अंतिम यात्रा में भाग लिया। सभी ने भगवान से उनकी आत्मा की शांति और परिवार को इस दुख की घड़ी में हिम्मत देने की प्रार्थना की। गांव के शमशान घाट पर हवलदार जीतराम का अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनके बेटों दीपक, दिनेश और नितिन ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी मृत्यु की खबर सुनकर पूर्व सैनिक लीग कुनिहार के अध्यक्ष कैप्टन रणधीर सिंह कंवर, रमेश अरोड़ा और अन्य पूर्व सैनिकों ने भी दुख व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की और शोक व्यक्त किया।
हिमाचल में मौसम ने फिर करवट बदली है। एक सप्ताह बाद प्रदेश का मौसम बिगड़ा है। नारकंडा और कुफरी समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शनिवार रात को बर्फबारी हुई है। इससे देश-विदेश से यहां घूमने के लिए आने वाले सैलानी चहक उठे हैं। बर्फबारी के कारण एनएच 5 पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई है। इस वजह से एनएच पर बसों की आवाजाही बंद रही। इसके अलावा चौपाल मार्ग भी बंद है। सड़कों को खोलने का कार्य जारी है। मौसम में आए अचानक बदलाव से शनिवार रात को चंबा के प्रसिद्द पर्यटन स्थल डलहौजी के लक्कड़मंडी, डायन कुंड और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हुई। रविवार कि सुबह बर्फ की सफेद चादर देख पर्यटक भी खुशी से झूम उठे। इस ताजा बर्फबारी से पर्यटन व्यवसायी भी खुश हैं। इस बर्फबारी से समूचा क्षेत्र ठंड की चपेट में हैं। वहीं, लाहौल सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर शनिवार को बर्फबारी हुई, मैदानों में कोहरा छाया रहा। इससे प्रदेश में ठंड में इजाफा हुआ है। शनिवार को बदले मौसम के बीच अधिकतम पारे में शुक्रवार के मुकाबले आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई। रविवार को बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी के कई क्षेत्रों में शनिवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। रविवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। ऊना में शनिवार को ट्रेनें ढाई से तीन घंटे देरी से पहुंचीं। मैदानी जिलों में सुबह 11 बजे के बाद धूप खिली। अपराह्न चार बजे फिर कोहरा छा गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 13 से 16 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। 17 को फिर बारिश- बर्फबारी के आसार हैं। लाहौल में रुक-रुक कर बर्फबारी होती रही। इससे कुल्लू से लेकर लाहौल तक ठंड व शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजम दर्रा, बारालाचा, शिंकुला व जलोड़ी दर्रा में फाहे गिरने से तापमान में कमी आई है। सोलंगनाला से आगे पर्यटक वाहनों के जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। फोर बाई फोर वाहनों को ही जाने की अनुमति है। ऊना में शनिवार को ट्रेन नंबर 19307 तीन घंटे और दिल्ली एक्सप्रेस ढाई घंटा देरी से ऊना स्टेशन पहुंची। 12 जनवरी को मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश-बर्फबारी व निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बड़लग में सड़क सुरक्षा और कम्युनिटी मोबिलाइजेशन के बारे में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महेंद्र सिंह ठाकुर और विशेष अतिथि सुरेन्द्र शर्मा ने भाग लिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं एसएमसी द्वारा मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा के साथ-साथ नशे के दुष्प्रभाव और पर्यावरण संरक्षण पर भी जानकारी दी गई। इस मौके पर कुठाड़ पुलिस चौकी प्रभारी राजीव कुमार और प्रेम कुमार ने विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आजकल कई युवा सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं, जिससे न केवल उनकी अपनी जान को खतरा होता है, बल्कि अन्य लोगों की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। इसलिए हमें इन नियमों का पालन करते हुए समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए। मुख्य अतिथि महेंद्र सिंह ठाकुर ने सड़क सुरक्षा के साथ-साथ समाज में फैल रहे नशे के खतरों और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी बच्चों को जागरूक किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक शर्मा ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी विद्यार्थी, विद्यालय स्टाफ, और एसएमसी अध्यक्ष सतीश ठाकुर सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
**नशा तस्करी के मामले में पिछले दशक में 340 प्रतिशत की वृद्धि, स्थिति गंभीर हिमाचल सरकार ने पिछले तीन सालो में प्रदेश में नशा तस्करी करने वाले तस्करों की 16 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया है। हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे नशा तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। पिछले एक दशक में तो बढ़ रहे इन मामलो में 340 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आयोजित ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सम्मेलन में नादौन से आभासी माध्यम से भाग लिया और बढ़ते नशे के संकट से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रतिबद्धता पर बल दिया। सम्मेलन में नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में 340 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2012 में लगभग 500 मामलों से बढ़कर वर्ष 2023 में 2,200 मामले हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, हेरोइन से जुड़े मामलों का प्रतिशत भी दोगुना हो गया है, जो वर्ष 2020 में 29 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 50 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने सिंथेटिक दवाओं की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया, जोकि दुष्प्रभावी होने के साथ-साथ इसकी रासायनिक संरचना के कारण नियंत्रित करना भी कठिन है। उन्होंने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में, जो अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध और आतंकवाद का कारण बनती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बढ़ा खतरा पैदा करती है। उन्होंने कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और न्यायिक सुधारों के समन्वयन से मादक पदार्थों को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश की बहुआयामी रणनीति को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नशे की लत से पीड़ित लोग स्वभाव से अपराधी नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘हमारा दृष्टिकोण दंडात्मक उपायों से आगे बढ़कर मज़बूत पुनर्वास ढांचा विकसित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य विधायिका ने एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 37 में संशोधन किया है, ताकि आदतन अपराधियों को जमानत हासिल करने की अनुमति देने वाली कानूनी खामियों को दूर किया जा सके। इस संशोधन से कानूनी ढांचा मज़बूत हुआ है, जिससे यह अधिक कठोर और निवारक बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम को राज्य में लागू करने के बाद अवैध तस्करी की रोकथाम शुरू कर दी गई है। यह अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में लगातार शामिल अपराधियों को हिरासत में लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सार्वजनिक हितों की रक्षा होती है। ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले तीन वर्षों में 16 करोड़ रुपये की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति जब्त की है, जिसमें पिछले वर्ष जब्त किए गए 9 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य मादक पदार्थों और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए समर्पित एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन करने जा रहा है, जिसके पास विशेष संसाधन, स्वायत्तता और समर्पित पुलिस स्टेशन होंगे, ताकि नशीले पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ अभियान तेज़ किया जा सके। मुख्यमंत्री ने खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभियानों को मज़बूत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग के महत्व पर, खासकर सीमा पार नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों और केंद्र सरकार के साथ सहयोग क्षेत्रीय सीमाओं पर सक्रिय तस्करी नेटवर्क को खत्म करने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के अटूट समर्थन, हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्पण और पुनर्वास के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ, हम एक नशा मुक्त राज्य बना सकते हैं। हम सब मिलकर शांति, सद्भाव और सुरक्षा के मूल्यों की रक्षा करेंगे, जिन्हें हिमाचल प्रदेश ने हमेशा कायम रखा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते दिन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा विभाग व अन्य उपक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड को और अधिक दक्ष व व्यावसायिक बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। बोर्ड की गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए नवोन्वेषी प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा उपभोक्ताओं की केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2025 निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने सम्पन्न विद्युत उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक तौर पर सब्सिडी छोड़ने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए । उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली। बैठक में विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मैसर्ज़ नैना सिस्टम प्राइवेट लिमिटिड परवाणू में 40 पदों पर भर्ती के लिए कैंपस इंटरव्यू 14 जनवरी, 2025 को ज़िला रोज़गार कार्यालय सोलन में आयोजित किए जा रहे हैं। यह जानकारी ज़िला रोज़गार अधिकारी सोलन जगदीश कुमार ने दी। जगदीश कुमार ने कहा कि उक्त पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता आई.टी.आई. से मैकेनिकल, फिटर डिप्लोमा व आयु 22 से 29 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन पदों की विस्तृत जानकारी के लिए आवेदक विभागीय पोर्टल ई.ई.एम.आई.एस. से प्राप्त कर सकते हैं। सभी योग्य एवं इच्छुक आवेदक विभाग के पोर्टल पर कैंडिडेट लॉग इन टैब के माध्यम से पंजीकृत करने के उपरांत अपनी रजिस्ट्रेशन प्रोफाइल पर अधिसूचित रिक्तियों के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि आवेदन करने से पूर्व प्रत्येक आवेदक का नाम रोज़गार कार्यालय में पंजीकृत होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार अपनी योग्यता सम्बन्धी सभी अनिवार्य प्रमाण-पत्र व दस्तावेजों सहित ज़िला रोज़गार कार्यालय सोलन में 14 जनवरी, 2025 को प्रातः 10.30 बजे पहुंचकर कैंपस इंटरव्यू में भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कैंपस इंटरव्यू में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को कोई यात्रा भत्ता देय नहीं होगा। ज़िला रोज़गार अधिकारी ने कहा कि अधिक जानकारी के लिए आवेदक कार्यालय के दूरभाष नम्बर 01792-227242 तथा मोबाईल नम्बर 78768-26291 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
** एक वर्ष में प्राकृतिक खेती पद्धति से जोड़े जाएंगे एक लाख किसान परिवार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में प्राकृतिक खेती से गेहूं व मक्की उगाने वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि विभाग के सभी फार्म को सिर्फ प्राकृतिक खेती पद्धति से ही खेती करने के लिए विकसित किया जाएगा। आगामी वर्ष से इन सभी में प्राकृतिक खेती की जाएगी। यहां प्राकृतिक खेती करने के लिए बीजों का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं व मक्का के भंडारण के लिए हाई एंड तकनीक से भंडारण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में एक लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। उन्होंने हमीरपुर के ताल में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का विकास खंड के आधार पर डेटा तैयार किया जाए और इसे हिम परिवार से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दौरान यदि फसल किसी बीमारी से ग्रसित होती है तो उसका उपचार भी प्राकृतिक पद्धति से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बीजों का प्रमाणीकरण करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दृष्टिगत भूमि व बीज की जांच के लिए प्रदेश में हाई-एंड प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने को विशेष अधिमान दे रही है। इसी दिशा में नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हल्दी व अदरक के प्रसंस्करण के लिए प्रसंस्करण संयंत्र खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर मंे डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे ताकि प्रदेश के युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती पद्धति के उत्पादों के प्रभावी विपणन के लिए ई-कामर्स वेबसाइट से समन्वय करने के निर्देश भी दिए। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि प्रदेश मे खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 3989 क्विंटल मक्का की खरीद की गई है तथा आगामी रबी सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 8050 क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव कृषि सी पालरासु, निदेशक डिजीटल प्रौद्योगिकी एवं नवाचार डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक कृषि कुमुद सिंह, कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सोलन: पुलिस थाना बागा के अंतर्गत सहकारी सभा के अधीन चल रहे ट्रक में भेजे गए सीमेंट को निर्धारित स्थानों पर न पहुंचाने व बीच में ही सीमेंट को कैश में बेचने वाले ट्रक चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चालक ने ट्रक को भी पंजाब में बेच डाला और सभा में भी धोखाधड़ी कर नकली मोहर व जाली हस्ताक्षर वाली बिल्टी प्रस्तुत की। पुलिस ने सभा व ट्रक मालिक को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले इस आरोपी चालक से पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार बीती 26 दिसंबर को सचिव दी मांगल लैंड लूजर्स एवं इफेक्टिव परिवहन सहकारी सभा समिति बागा ने पुलिस थाना बागा में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि गाड़ी (एचपी-11सी-2625) जो सोनू कुमार निवासी गांव पडयार के नाम से चलती है। इस ट्रक में सभा के माध्यम से 19 सिंतबर, 2024 को बिल्ड बिल्डकॉन लिमिटेड बिलासपुर, 23 सितंबर , 2024 को गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड मल्याणा, 25 सितंबर, 2024 को दोबारा गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड मल्याणा और 28 सितंबर, 2024 को पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड पवारी के लिए सीमेंट भेजा गया था, लेकिन इन चारों ही स्थानों पर गाड़ी के चालक व गाड़ी मालिक के द्वारा सीमेंट का भुगतान नहीं किया गया और कंपनी द्वारा सभा की चार लाख 43 हजार 728 रुपए की राशि काट दी गई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी। सीमेंट को एक अन्य चालक जो जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है की आईडी का इस्तमाल करके बेचा और वापसी में बिल्टी जमा नहीं करवाई। जांच के बाद मिले पर्याप्त सुबूतों के आधार पर बागा थाना की टीम ने नौ जनवरी को आरोपी चालक हेमराज निवासी खारसी जिला बिलासपुर को गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं गिरफ्तार आरोपी ने ट्रक (एचपी-11सी-2625) को गाड़ी मालिक की बिना सहमति के मंडी गोविंदगढ़ पंजाब में बेच दिया है। पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी के पूर्व अपराधिक रिकार्ड की पड़ताल की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उद्योगों के लिए बंद हुई एक रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी पर कोई राहत नहीं दी है। अदालत ने उद्योगों की ओर से अंतरिम राहत के लिए दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब उद्योगों को बढ़े हुए बिजली बिल चुकाने होंगे। मुख्य याचिका अभी अदालत में लंबित है। इस मामले पर मार्च में सुनवाई होगी। उद्योगों की ओर से हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। दलीलों में कहा था कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिना सोचे-समझे राज्य सरकार की ओर से जारी सब्सिडी बंद करने की अधिसूचना को लागू कर दिया। टैरिफ में सिर्फ साल में एक बार ही संशोधन किया जा सकता है, जबकि सब्सिडी को बिना टैरिफ संशोधन के बदलाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने अदालत से सरकार की ओर से 3 मार्च 2024 को जारी अधिसूचना को वापस लेने की गुहार लगाई थी। वहीं सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार को किसी भी समय सब्सिडी वापस लेने का अधिकार है। राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने कहा कि टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ सरकार की ओर से जारी सब्सिडी को वापस लिया गया है। उद्योगों का विवाद जारी किए गए बिल से है। बता दें कि एकल जज ने राज्य सरकार की ओर से उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद करने के निर्णय को सही ठहराया था। सरकार ने उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया था। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में स्थापित करीब 200 कंपनियां प्रभावित हुई हैं।