शिमला: पुरुष एवं महिला वार्डर के पदों की भर्ती के लिए 28 जुलाई 2024 को तीन केन्द्रों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जिला शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के 421 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय, संजौली (शिमला), जिला मंडी, कुल्लू, बिलासपुर व हमीरपुर के 1050 अभ्यर्थियों के लिए वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी में परीक्षा का आयोजन होगा। जिला मंडी, कांगड़ा, चंबा और ऊना के 1149 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला जिला कांगड़ा में परीक्षा का आयोजन होगा। कामगार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग के डीजीपी एसआर ओझा ने बताया कि बताया कि दोपहर 12 बजे परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को सूचित किया कि निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में लिखित परीक्षा आरम्भ होने से दो घंटे पूर्व प्रातः 10 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि सभी अभ्यर्थी अपने प्रवेश पत्र कारागार की वेबसाइट https://hpprisons.nic.in/ से एवं अपने पंजीकृत ई-मेल के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। प्रवेश पत्र डाउनलोड करना सभी अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। परीक्षा हॉल में पेन, कार्डबोर्ड, एडमिट कार्ड एवं पहचान पत्र के अतिरिक्त कोई भी सामग्री ले जाने की सख्त मनाही है। इसके साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक वॉच, वायरलेस डिवाइस, ब्लूटुथ, इयरफोन, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स और बैग इत्यादि ले जाने की भी अनुमति नहीं होगी। परीक्षा केन्द्र परिसर में अपना वाहन साथ लाने की अनुमति नहीं होगी। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर-0177-2628852 पर सम्पर्क किया जा सकता है। बत दें कि जेल वॉर्डर के 91 पदों (पुरुष 77, महिला 14) पर 23-11-2-23 के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी की थी। इसके लिए 22 दिसंबर 2023 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। फ़िज़िकल टेस्ट पास करने के बाद अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा रविवार को आयोजित होगी। लिखित परीक्षा में अनारक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है।
मंडी: चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर आज यानी 27 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक मंडी से पंडोह के बीच रोजाना दो घंटे गाड़ियों के पहिए थमे रहेंगे। नेशनल हाईवे पर 4 मील से 9 मील तक पहाड़ी पर हवा में लटके बड़े-बडे बोल्डरों व चट्टानों को हटाने के लिए हाईवे को बंद किया जा रहा है। इन बोल्डरों व चट्टानों से नेशनल हाईवे पर लगातार लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है, जिसके लिए हाईवे पर रोजाना सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रहेगी। छोटे वाहन आने जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल कर सकेंगे, जबकि बड़े वाहनों को एनएच खुलने का इंतजार करना होगा। डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि एनएचएआई की तरफ से प्रशासन को निवेदन प्राप्त हुआ था कि मंडी से पंडोह के बीच कुछ ऐसे स्थान हैं जहां पर लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है। खासकर कुछ स्थानों पर बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें पहाड़ी पर लटकी हुई हैं जो कभी भी गिरकर तबाही मचा सकती हैं। ऐसे में इन पत्थरों और चट्टानों को हटाना जरूरी है। वहीं, कुछ स्थानों पर लैंडस्लाइड के कारण मलबा गिरा हुआ है जिसे भी हटाना जरूरी है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस कार्य को तुरंत प्रभाव से करने के निवेदन को स्वीकार करते हुए 5 दिनों तक हाईवे को रोजाना दो घंटों तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। इस दो घंटे की ब्रेक के दौरान मंडी से कुल्लू-मनाली की तरफ जाने वाले वाया कमांद-कटौला-बजौरा होते हुए जा सकेंगे। अगर कोई कुल्लू से आ रहा है तो वे पंडोह से वाया गोहर-चैलचौक-डडौर होते हुए जा सकेंगे। वैकल्पिक मार्गों से सिर्फ छोटे वाहनों को जाने की अनुमति होगी।
सिरमौर: जिला सिरमौर की 2 पंचायतों के प्रधानों को विकास कार्यों में अनियमितताएं बरतने के मामले में तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में दोनों पंचायत प्रधान दोषी पाए गए हैं। निलंबन की यह गाज शिलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकास खंड तिलोरधार की ग्राम पंचायत कठवाड़ के प्रधान महेंद्र सिंह और ग्राम पंचायत नाया पंजौड़ के प्रधान लायक राम पर गिरी है। इस संबंध में जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर की तरफ से लिखित आदेश भी जारी किए गए है। जांच कमेटी ने एक पंचायत प्रधान से विकास कार्यों में धांधली की एवज में लाखों रुपए की राशि वसूलने की सिफारिश की है, तो वहीं दूसरे मामले में करीब 6.43 लाख रुपए की राशि वसूली योग्य पाई गई। जानकारी के अनुसार पहले मामले में कठवाड़ पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने इस संबंध में लिखित शिकायत की थी, जिसमें पंचायत के विभिन्न विकास कार्यों में अनियमितताएं और धन के दुरूपयोग के कथित आरोप लगाए गए थे। मामले की जांच कर रही कमेटी ने प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय को भेजी। इस रिपोर्ट में 15वें वित्तयोग मद के तहत निर्मित सिंचाई टैंक, फुट ब्रिज महोली खड्ड, मनरेगा के तहत निर्मित अमृत सरोवर घुंडाना खाला, श्मशानघाट घुंडाना खड्ड, मरम्मत सिंचाई कूहल गडोली खड्ड, ग्राम पंचायत के बिल/बाउचरों अनुसार सामग्री प्रदाता के तौर पर अनियमित अदायगी, एक महिला को 4125 रुपए की राशि अनियमित दोहरी अदायगी समेत ग्राम पंचायत कठवाड़ द्वारा सामग्री प्रदाता को चिन्हित करने से पहले औपचारिकताएं पूरी न करने के आरोपों में अनियमिताएं पाई गई। जांच कमेटी ने विभिन्न विकास कार्यों में लाखों रुपए की राशि वसूलने की भी सिफारिश की है, जो करीब साढ़े 7 लाख रुपए के आसपास बताई जा रही है। वहीं, दूसरे मामले में नाया पंजौड़ पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितताओं को लेकर पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त सचिव ने गत 5 वर्षों का विशेष विभागीय अंकेक्षण एक महीने के अंदर करने और अंकेक्षण रिपोर्ट भेजने के निर्देश जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर के कार्यालय को दिए। इन निर्देशों पर एक अंकेक्षण कमेटी गठित की गई। जांच कर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय को भेजी, जिसमें विकास कार्यों में अनियमितताओं पाई गई। इसमें मनरेगा मद में किए गए विकास कार्यों में 19,31,908 रुपए राशि के दुरुपयोग को लेकर अनियमितताएं सामने आई। साथ ही पंचायत प्रधान से 6,43,969 रुपए की राशि वसूली योग्य पाई गई। जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर अभिषेक मित्तल ने बताया कि प्रथम दृष्टि में विकास कार्यों में अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरूपयोग में दोषी पाए जान पर कठवाड़ और नाया पंजौड़ पंचायत के दोनों प्रधानों को अपना पक्ष रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। दोनों की तरफ से जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए। ऐसे में दोनों मामलों में सत्यता को जानने के लिए नियमों के मुताबिक नियमित जांच करवाई जानी है। लिहाजा संबंधित पंचायत प्रधान अपने पद पर रहते हुए जांच को प्रभावित और रिकार्ड से छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार का दोषी पाए जाने पर दोनों पंचायत प्रधानों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने बताया कि दोनों पंचायत प्रधानों को ये भी आदेश जारी किए गए हैं कि अगर उनके पास ग्राम पंचायत की कोई भी चल/अचल संपत्ति हो, तो उसे वह तुरंत संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को सौंप दें।
हिमाचल में निजी स्कूलों को अपने परीक्षा केंद्र का अब हर वर्ष नवीकरण करना होगा। अगर ऐसा न किया तो इसके लिए नए सिरे से सभी औपचारिक्ताएं पूरी करनी होंगी। उसके बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्र उपलब्ध करवाया जाएगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों के सृजन के नियमों में फेरबदल किया है। शिक्षा बोर्ड ने अधिसूचना जारी कर दी है। जानकारी के अनुसार अब वार्षिक परीक्षाओं के लिए स्कूलों को अपने स्कूल में परीक्षा केंद्र सृजन करने के लिए भारी भरकम फीस बोर्ड को देनी होगी। नए नियमों के मुताबिक अब नए परीक्षा केंद्र निरीक्षण फीस सभी सरकारी और बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए पांच हजार रुपये रहेगी। पहले यह फीस नहीं होती थी। वार्षिक परीक्षाओं के लिए नए परीक्षा केंद्र, अपग्रेड, बनाए रखने, नवीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान बोर्ड की ओर से तय नियमों के अनुसार ही स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन लिंक के माध्यम से ही एक से 31 अगस्त तक किया जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी संस्थान के एक बार परीक्षा केंद्र बन जाने के बाद उस संस्थान को आगामी सत्र से यह निर्धारित तिथियों में ही नवीनीकरण के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि यदि बोर्ड से संबद्धता प्राप्त किसी निजी संस्थान द्वारा अपने संस्थान से सृजित परीक्षा केंद्र के नवीकरण के लिए आवेदन प्रेषित नहीं किया जाता है तो ऐसे संस्थान को आगामी सत्र के लिए पुन: नए सिरे से औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी और उन्हें शुल्कों सहित केंद्र सृजन के लिए आवेदन करना होगा। बताया कि अधिसूचना तुरंत प्रभाव से लागू होगी। पहली से 15 सितंबर तक नए परीक्षा केंद्र सृजन, अपग्रेड करने के लिए आवेदन पांच हजार रुपये विलंब शुल्क के साथ होगा। परीक्षा केंद्र के नवीकरण आवेदन के लिए विलंब शुल्क 1000 लिया जाएगा। यदि संबंधित अथॉरिटी के द्वारा 15 सितंबर के बाद आवेदन की तिथि बढ़ाई जाती है तो परीक्षा केंद्र सृजन व अपग्रेड के लिए 10 हजार रुपये विलंब शुल्क रहेगा। केंद्र नवीकरण के लिए विलंब शुल्क दो हजार रुपये रहेगा। बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए यह आवश्यक किया गया है कि 10 हजार रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाए जाएंगे। ये रुपये जब तक जमा रहेंगे, जब तक संबंधित स्कूल परीक्षा केंद्र चाहेगा। अगर परीक्षा केंद्र को अधिक नकल करने के चलते रद्द किया जाता है तो सिक्योरिटी राशि जब्त की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आठ नए क्षेत्र ग्रीन एरिया (हरित क्षेत्र) घोषित कर दिए हैं। सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इसे राजपत्र में प्रकाशित करने के भी आदेश भी जारी हो गए हैं। इन इलाकों में अब भवन निर्माण के नियम भी बदल जाएंगे। टीसीपी के अनुसार इन क्षेत्रों में भवन निर्माण की शर्तें सबसे सख्त रहेंगी। शिमला शहर में अभी तक 17 हरित क्षेत्र चिह्नित किए थे। अब आठ नए क्षेत्र शामिल होने से इनकी संख्या 25 हो गई है। शहर के रिट्रीट, मशोबरा, बंद टुकड़ा आंदड़ी, शिवमंदिर आंदड़ी, ताल एंड गिरि, डीपीएफ खलीनी, बीसीएस मिस्ट चैंबर और परिमहल के कुछ क्षेत्र को हरित क्षेत्र घोषित किया है। हरित क्षेत्र में पेड़ से दो मीटर की दूरी पर ही निर्माण की मंजूरी होगी। साथ ही वन भूमि से करीब पांच मीटर की दूरी होनी चाहिए। इसके लिए भी निर्माण कार्य के लिए सरकार से मंजूरी जरूरी होगी। रिट्रीट हरित क्षेत्र में किसी भी तरह के निजी निर्माण की मंजूरी नहीं दी जाएगी। यदि किसी पुराने भवन का दोबारा निर्माण करना है तो ओल्ड लाइन पर ही मंजूरी मिलेगी। इस पर भी सरकार अंतिम फैसला लेगी। टीसीपी विभाग ने शिमला प्लानिंग एरिया के डेवलपमेंट प्लान में इन क्षेत्रों को शामिल करने के लिए पहले आम लोगों की आपत्तियां और सुझाव भी लिए थे। आपत्तियां और सुझाव दर्ज करवाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था। कुल छह आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन पर सुनवाई पूरी करने का दावा किया गया है।
श्रीखंड ट्रस्ट के अंतर्गत 2014 से शुरू श्रीखंड महादेव यात्रा के 11 सालों में पहली बार देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का आंकड़ा 8,500 पार पहुंच गया है। यह धार्मिक यात्रा शनिवार को आधिकारिक तौर पर समाप्त हो जाएगी। शनिवार को यात्रा के अंतिम दिन यात्रियों का अंतिम जत्था रवाना किया जाएगा, जो बेस कैंप सिंहगाड में 30 जुलाई तक लौटेगा। बीते 13 दिनों में 8,509 यात्री पंजीकरण के बाद महादेव के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। इस वर्ष श्रीखंड महादेव यात्रा सबसे सफल यात्राओं में से एक रही है। प्रशासन की ओर से किए गए पुख्ता इंतजाम भी इसका प्रमुख कारण रहा। प्रशासन की तैयारियों से श्रद्धालुओं को कोई परेशानी पेश नहीं आई। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान मनाली ने नैन सरोवर से श्रीखंड महादेव तक की चढ़ाई तक रस्से लगाए। इनकी मदद से सभी श्रद्धालुओं ने ग्लेशियर पार किए। एसडीआरएफ की टीम ने कई श्रद्धालुओं को आपात सेवाओं में सहयोग दिया। पांच सेक्टरों में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट की पूरी टीम दिन-रात श्रद्धालुओं की मदद के लिए जुटी रही, जिसमें मेडिकल टीम का अहम योगदान रहा है। पहली बार दो निजी संस्थानों ने दो बेस कैंप में निशुल्क ओपीडी की सेवा प्रदान की। इसमें विश्व मानव रूहानी केंद्र ने सबसे कठिन बेस कैंप भीमडवारी में दो बिस्तर की ओपीडी की सेवाएं उपलब्ध करवाईं। सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड संस्थान ने सिंहगाड में मेडिकल सेवाएं देकर श्रद्धालुओं की मदद की। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने श्रीखंड महादेव तक चलकर स्वयं इंतजामों और रास्तों का जायजा लिया, जिसकी रिपोर्ट उपायुक्त कुल्लू को भेजी। उन्होंने कहा कि काली टाॅप से बराहटी नाला तक के 12 किमी ट्रैक पर श्रद्धालुओं को पेयजल का सामना करना पड़ा। जलशक्ति विभाग से यहां पेयजल लाइनों की मरम्मत कर नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। रास्तों में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए और पब्लिक टाॅयलेट बनाए जाएंगे। इसके अलावा जो कमियां रही हैं, उन्हें सुधारने के लिए उपायुक्त कुल्लू को पूरी रिपोर्ट भेजी गई है। श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान कई भक्तों और समाजसेवी संस्थानों ने लंगर सेवाएं प्रदान कीं, जिनमें तरह-तरह के व्यंजनों का श्रद्धालुओं ने स्वाद चखा। वहीं क्षेत्र के स्थानीय लोगों का यात्रा के दौरान कारोबार खूब चमका। इससे स्थानीय लोगों में भी यात्रा को लेकर बेहद उत्साह दिखा।
देश में सबसे ऊंचाई पर शिंकुला सुरंग के बन जाने से लेह-केलांग-मनाली-दिल्ली की कनेक्टिविटी सालभर बनी रहेगी। सेना के काफिले की आवाजाही भी बर्फबारी के बीच सर्दी के कुछ दिन छोड़कर होती रहेगी। वहीं लाहौल के पर्यटन में भी उछाल आएगा। सामरिक दृष्टि से मनाली-लेह सड़क महत्वपूर्ण है। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध ने इस सड़क का महत्व दर्शा दिया है। उन दिनों सेना के काफिले को 13,050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रा के रास्ते आवाजाही करनी पड़ती थी। अब अटल टनल रोहतांग बनने से लेह के लिए सफर काफी कम और सुगम हो गया है। शिंकुला सुरंग बन जाने से यह सफर खासकर सेना के लिए वरदान से कम नहीं होगा। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के द्रास-कारगिल में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी मौके पर प्रधानमंत्री ने शिकुला सुरंग की आधारशिला भी रखी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के नायकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए युद्ध स्मारक द्रास में उपस्थित होने का सौभाग्य महसूस कर रहा हूं। पीएम ने वर्चुअल माध्यम से लद्दाख के लिए एनपीडी रोड पर रणनीतिक शिंकुला सुरंग की आधारशिला रखी और शिंकुला में पहला विस्फोट किया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से निम्मू-पदम-दारचा सड़क पर 15,800 फुट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे पर 1,681 करोड़ रुपये की लागत से 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। यह सुरंग हिमाचल के लाहौल और लद्दाख के जांस्कर क्षेत्र को आपस में जोड़ेगी। वर्ष 2023 में सुरक्षा पर पीएम की अगुवाई वाली कैबिनेट समिति ने इस टनल को मंजूरी दी थी। जांस्कर के लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वारी केंद्र सरकार का आभार जताया है। इधर, लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि शिंकुला सुरंग के निर्माण से जांस्कर के साथ लाहौल के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि अटल टनल रोहतांग से पहले लाहौल में गिने चुने ही विदेशी पर्यटकों की आवाजाही रहती थी। अटल टनल बनने के बाद यहां विदेशी पर्यटकों के साथ भारत के कोने-कोने से पर्यटक पहुंच रहे हैं। अधिकतर पर्यटक लाहौल के रास्ते लेह लद्दाख को भी निहारना चाहते हैं, लेकिन सफर लंबा होने के कारण मनाली से आगे बहुत कम आते हैं। शिंकुला सुरंग बनने से लेह लद्दाख के लाहौल, कुल्लू, मनाली के साथ संबंध और मजबूत रहेंगे, वहीं पर्यटन कारोबार में भी गति आएगी।
प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों को मिलने वाले खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता की जांच की जाएगी। इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को आदेश दिए गए हैं। विभागीय अधिकारी हर आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर खाद्य पदार्थों के सैंपल भरेंगे। सैंपल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से प्रमाणित लैब में भेजे जाएंगे। राशन की गुणवत्ता के साथ अन्य चीजों का पता लगाया जाएगा। अगर खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल होते हैं तो कंपनी के खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा। प्रदेशभर में आईसीडीएस के तहत आंगबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए राशन और अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाए जाते हैं। इन खाद्य पदार्थों से बच्चों की सेहत पर कोई प्रभाव न पड़े इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने सैंपल भरने का निर्णय लिया है। इसी के साथ राशन भंडारण की भी जांच की जाएगी। राशन को रखने का तरीका और स्वच्छता के बारे में भी पता लगाया जाएगा। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों में भी राशन को किस प्रकार से रखा गया है, कैसे राशन को तैयार किया जाता है, इसके बारे में टीम निरीक्षण करेगी। साथ ही कच्चे और तैयार खाद्य पदार्थों के सैंपल भरेगी। जिलों में टीमों का गठन किया गया है। जिला सोलन में अब तक आईसीडीएस राशन के 17 सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट आगामी 15 दिनों में आने की उम्मीद है। एफएसओ दीक्षा कपिल की टीम ने धर्मपुर समेत अन्य जगहों में सैंपल भरे हैं। एफएसओ अनुज शर्मा की टीम ने अर्की समेत बीबीएन में सैंपल भरे हैं। टीम की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों से दाल, राजमा, चना, दाल चना, शक्कर, न्यूट्रीमिक्स बिस्कुट समेत अन्य 17 सैंपल जांच के लिए लैब भेजे हैं। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों से खाद्य पदार्थों के सैंपल भरने शुरू कर दिए हैं। अब तक 17 सैंपल भरे गए हैं। इन्हें जांच के लिए भेज दिया है। प्रत्येक माह आंगनबाड़ी केंद्रों से सैंपल भरे जाएंगे ताकि गुणवत्ता का पता चल सके।
राज्य मुक्त विद्यालय से 12वीं कक्षा की पढ़ाई करने वाले 1,854 अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रद्द हो सकता है। अगर अभ्यर्थियों ने 15 दिन के भीतर अपने दस्तावेज जमा नहीं करवाए तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। दस्तावेज जमा न करवाए जाने के कारण शिक्षा बोर्ड के पास 2013 तक से अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम आरएलई पड़ा हुआ है, जिन्हें बोर्ड ने अंतिम मौका दिया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जमा दो की सत्र मार्च, 2023 से सितंबर, 2023 तक की परीक्षाओं के उन अभ्यर्थियों को अपने दस्तावेज जमा करवाने का एक मौका दिया है, जिनका परीक्षा परिणाम पात्रता दस्तावेजों के कारण लंबित पड़ा है। शिक्षा बोर्ड के पास ऐसे करीब 1854 अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने पात्र दस्तावेजों का अभी तक जमा नहीं करवाया है, जिसके चलते उनका परीक्षा परिणाम आरएलई घोषित हुआ है। शिक्षा बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों को अपने पात्र दस्तावेजों को संबंधित अध्ययन केंद्रों को औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया, लेकिन अभ्यर्थियों ने दस्तावेज जमा नहीं करवाए। इसके चलते उनका परीक्षा परिणाम आरएलई घोषित हुआ है। अब शिक्षा बोर्ड ने इन अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम को रद्द करने का मन बनाया लिया है। इससे पहले शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने अभ्यर्थियों को 15 दिन के भीतर अपने वांछित दस्तावेजों को डाक के माध्यम या दस्ती तौर पर बोर्ड कार्यालय में जमा करवाने का अवसर दिया है। अगर निर्धारित समय तक बोर्ड के पास दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए तो बोर्ड प्रशासन नियमानुसार परीक्षा परिणाम को रद्द कर देगा। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि 1854 अभ्यर्थियों का परिणाम पात्रता दस्तावेजों के न होने के कारण लंबित पड़ा हुआ है। अभ्यर्थियों को 15 दिन के भीतर अपने दस्तावेज जमा करवाने का अंतिम अवसर दिया गया है, अगर इस दौरान अभ्यर्थी दस्तावेज जमा नहीं करवा सके तो परिणाम को नियमानुसार रद्द कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जनपद के उपमंडल ज्वालामुखी में एक दर्दनाक सड़क हाद*सा हुआ है। हादसे में 24 वर्षीय युवक की मौ*त हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब एक निजी बस ने युवक की बाइक को टक्कर मार दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। बता दें बाइक चालक 24 वर्षीय अतुल सुपुत्र रणवीर सिंह निवासी सलियार जो कि अपनी बाइक से सुरानी की तरफ से आ रहा था और एक निजी बस जो कि लगड़ू की तरफ जा रही थी,अचानक दोनो के बीच में जोरदार भिड़त हो गई, जिसमें युवक की मृ*त्यु हो गई है। हादसे के उपरांत युवक को ज्वालामुखी सिविल अस्पताल लाया गया लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृ*त घोषित कर दिया। मामले की पुष्टि करते हुए थाना प्रभारी खुंडिया रणजीत परमार ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्यवाई शुरू कर दी है।
भारतीय डाक विभाग के डाक मंडल देहरा के अधीन ज्वाली उप डाकघर में बलबीर चंद अधीक्षक डाकघर देहरा मण्डल, देहरा व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किए हुए ' एक पेड़ माँ के नाम ' अभियान के तहत पेड़ लगाए। इस मौके पर अधीक्षक डाकघर देहरा ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ हमारी माताओं के प्रति सम्मान प्रकट करना है। इस पहल के तहत उन्होंने देहरा डाक मण्डल के सभी कर्मचारियों व आम जनता को अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया।
जसवां परागपुर व देहरा में में एसपी ऑफिस, एस ई लोक निर्माण, आईपीएस, डाडा सीबा में पुलिस थाना,, (चिंतपूर्णी) , मोईन (जसवां प्रागपुर ) में पुलिस चौकी तथा रक्कड़ थाना को डीएसपी देहरा क़े अधीन करने पर पूर्व कामगार एवम कर्मचारी कल्याण बोर्ड के बाईस चैयरमैन सुरेन्द्र सिह मनकोटिया, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से शिमला में मिले और उनका धन्यवाद किया। उधर जसवां परागपुर विधानसभा के अंतर्गत भिन्न भिन्न इलाको मे चिरकाल से चली आ रही मांगों पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने से स्थानिय ग्रामीणों ने पूर्व कामगार एवम कर्मचारी कल्याण बोर्ड के वाइस चैयरमैन सुरेन्द्र सिह मनकोटिया का धन्यवाद किया वहीं इस दौरान सुरेन्द्र सिह मनकोटिया ने बताया कि जस्वां परागपुर भर मे विकास की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी ।
**सीपीएस संजय अवस्थी होंगे मुख्य अतिथि छात्र विद्यालय कुनिहार के मैदान में विकास खंड कुनिहार द्वारा विकास खंड के स्वयं सहायता समूहों के लिए 9 अगस्त को अलंकार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, यह जानकारी बीडीओ कुनिहार तन्मय कंवर ने दी। उन्होंने बताया कि इस अलंकार महोत्सव में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए कब्बड़ी, रस्साकसी सहित सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं रखी गई है, जिसमें विकास खंड की 56 पंचायतों के विभिन्न स्वयं सहायता समूह भाग लेकर अपना हुनर दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि कब्बड्डी प्रतियोगिता के विजेता को 11हजार व उपविजेता को 51सौ रुपए का पुरस्कार तथा अन्य प्रेतियोगिता के लिए पहला पुरस्कार 31 हजार व दूसरा पुरस्कार 21हजार तीसरे व चौथे स्थान के समूह की टीम को 55-55 सौ के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। साथ ही विजेताओं को सरकार की तरफ से एक फ्री एजुकेशनल टूर करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इस महोत्सव में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार विभिन्न खाद्य उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ महिलाओं द्वारा अपने हाथो से निर्मित घरों में काम आने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी लोगो के लिए लगाई जाएगी, जिसकी लोग प्रदर्शनी में खरीददारी कर सकते है। उन्होंने बताया कि महोत्सव में विशेष बच्चो व मानसिक रूप से अक्षम महिलाओं की संस्थाओं के लिए डोनेशन कैंप भी लगाए जाएंगे। जिसमे दानी सज्जन किसी भी तरह की मदद इन विशेष बच्चो व अक्षम महिलाओ की कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जे एन वी के बच्चो द्वारा आर्ट एग्जीवेशन तथा कृषि व होल्टिकल्चर विभाग द्वारा भी अपनी प्रदर्शनियां इस महोत्सव में लगाई जाएगी, जिसका लोग लाभ उठा पाएंगे। तन्मय कंवर ने बताया कि इस महोत्सव में सीपीएस संजय अवस्थी मुख्यातिथि के तौर पर मौजूद होंगे जो प्रदर्शनियों के अवलोकन के साथ विजेता व उपविजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगे।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में शुक्रवार को कारगिल दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि निकटवर्ती लोअर सुनहेत के शहीद सुरजीत सिंह डढवाल के पिता हुकम सिंह उपस्थित रहे व वशिष्ठ तिथि के रूप में निकटवर्ती गांव मसोट के सेवानिवृत कर्नल मस्तान सिंह ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। वेदव्यास परिसर के सभागार में हुए कार्यक्रम के दौरान सेवानिवृत कर्नल मस्तान सिंह ने 1997 को कारगिल में हुए युद्ध के बारे में विस्तार पूर्वक बताया, उन्होंने बताया कि कैसे-कैसे भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना द्वारा अपने कब्जे में लिए कारगिल के कुछ इलाकों को कैसे अपने कब्जे में लेकर जीत का झंडा फहराया था। उस समय देश के 500 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। इस अवसर पर परिसर के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर शीशराम ने भी अपने विचार रखे। मूलत राजस्थान के रहने वाले प्रोफेसर शीशराम ने बताया कि देशभर में सबसे ज्यादा भारतीय सेना के जवान राजस्थान के झुनझुनू जिला के हैं व दूसरे नंबर पर हिमाचल के कांगड़ा जिला के हैं । इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व वशिष्ठ अतिथि को परिसर प्रशासन द्वारा शाल, टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के अंत में वेदांत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मंजूनाथ ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। वहीं इस मौके पर परिसर की एनएसएस यूनिट व पर्यावरण कमेटी ने कार्यक्रम अधिकारी अमित वालिया व संयोजक कवि पंकज की उपस्थिति में पौधारोपण भी किया। इसके अंतर्गत परिसर के इर्द गिर्द कई फलदार व औषधीय पौधे रोपे गए। इस अवसर पर परिसर के समस्त शिक्षक,कर्मचारी व छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
जयसिंहपुर : आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर सैनिक भवन लोअर खैरा में पूर्व विधायक रविंद्र धीमान व पूर्व सैनिकों के द्वारा शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। रविंद्र धीमान ने इस अवसर पर कहा कि कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना के वीर जवानों की बहादुरी, शौर्य और पराक्रम को याद करने का दिवस है। उन्होंने कहा कि यह दिवस असंख्य वीरों के सर्वोच्च बलिदान एवं साहस से प्राप्त कारगिल विजय की स्मृति दिलवाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को पूरे विश्व में अपनी बहादुरी, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही सेवानिवृत्ति कैप्टन कृष्ण जिन्होंने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था उन्होंने पुरानी यादों को ताजा करते हुए विस्तार में सारी बातें सभी से सांझा की। इस अवसर पर सेवानिवृत्ति कर्नल डी. सी. राणा, सेवानिवृत्ति कर्नल करतार चन्द, अशोक कटोच, भाजपा मण्डल अध्यक्ष देवेंद्र राणा, शिवा कटोच सहित वरिष्ठ नागरिक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा पूर्व सैनिक इस अवसर पर उपस्थित थे।
सिरमौर: जिला के उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह से अरट व शिवपुर होकर नौहराधार जाने वाली सड़क पर मौजूद दलदल में फंसी HRTC की लोदियाघाटी-नाहन बस को ड्राइवर ने आज सवारियों से धक्का लगवाकर बड़ी मुश्किल से निकला। स्थानीय लोगों व संबंधित विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार लजवा गांव के समीप उक्त स्थान पर लोगों ने अपने भवन निर्माण का मलवा अथवा मिट्टी फैंकी थी, जो बारिश के बाद दलदल में तब्दील हो गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार छोटी गाड़ियों व दो पहिया वाहन को यहां से निकालना बस अथवा बड़ी गाड़ियों से ज्यादा मुश्किल है। गौरतलब है कि, हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र रेणुका जी अथवा लोकनिर्माण डिवीज़न संगड़ाह अब तक नेशनल हाईवे तो दूर राज्य के हाईवे से भी नहीं जुड़ सका। क्षेत्र की अधिकतर सड़क की हालत ऐसी ही है और विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाले यहां के नेताओं ने आज तक सड़कों का मुद्दा प्रभावशाली ढंग से विधानसभा अथवा सरकार के समक्ष नहीं उठाया।
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर शिमला में अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ (त्रिलोक गुट) की एक बैठक प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। संगठन के अनुसार इस बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिला व विभागीय कर्मचारी संगठनों के लगभग 280 प्रतिनिधियों ने भाग लिया l बैठक में सभी जिला व विभागीय संगठनों के अध्यक्षों व महासचिवों ने कर्मचारियों के मुद्दों पर अपने सुझाव व विचार व्यक्त किये l बैठक में कर्मचारियों के विभिन्न मसले जैसे, संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन शीघ्र कराने, संशोधित वेतनमान 2016 की लंबित देनदारियों का शीघ्र निपटारा करने, महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का निपटारा करने जैसी मांगों पर चर्चा की गई। इस मौके पर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने बताया कि विभागों में कर्मचारियों के काफ़ी रिक्त पद चल रहे हैं। कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभ नही मिल रहे है। जेसीसी की बैठक सरकार बुला नही रही है। उनकी मांग हैं की सरकार जल्द जेसीसी की बैठक आयोजित कर कर्मचारियों की मांगो को पूरा करे। अन्यथा कर्मचारियों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली डीएलएड (सीईटी) तथा सभी विषयों की अध्यापक पात्रता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क में बढ़ौतरी की है। अब परीक्षार्थियों को इन दोनों ही परीक्षाओं में भाग लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय पहले के मुकाबले अधिक शुल्क देना पड़ेगा। बोर्ड ने दोनों ही परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को दोगुना कर दिया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की मानें तो प्रदेश के नजदीकी राज्यों के बोर्डों एवं संस्थानों तथा देश के अन्य बोर्डों आदि द्वारा निर्धारित शुल्कों की तुलना करने के उपरांत करीब 11 वर्ष पूर्व निर्धारित आवेदन शुल्कों को पुन: निर्धारित किया गया है। बोर्ड अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड अधिनियम 1968 की धारा 19 (3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली डीएलएड (सीईटी) तथा सभी विषयों की टैट परीक्षाओं के शुल्क को पुन: निर्धारित करने के सहर्ष आदेश प्रदान किए हैं। विदित रहे कि बोर्ड द्वारा साल में 2 बार अध्यापक पात्रता परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है, जबकि एक बार डीएलएड (सीईटी) परीक्षा करवाई जाती है। इस तरह रहेगा ऑनलाइन आवेदन शुल्क अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान सामान्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों को जहां पहले 800 रुपए शुल्क देना पड़ता था, अब उन्हें 1600 रुपए देना पड़ेगा। वहीं ओबीसी, एससी, एसटी एंड पीएचएच (दिव्यांग) अभ्यर्थियों को पहले आवेदन के लिए 500 रुपए देने पड़ते थे, अब उन्हें 1000 रुपए देने पड़ेंगे। वहीं विलंब शुल्क पहले जहां 300 रुपए था, अब 600 रुपए रहेगा। इसी तरह डीएलएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए पहले सामान्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान 600 रुपए देने पड़ते थे, अब उन्हें 1200 रुपए देने पड़ेेंगे। इसी तरह ओबीसी, एससी, एसटी, दिव्यांग और ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को आवेदन करने के दौरान पहले जहां 400 रुपए लगते थे, अब उन्हें ऑनलाइन आवेदन शुल्क 800 रुपए देना पड़ेगा। वहीं विलंब शुल्क पहले जहां 300 रुपए था, उसे बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया गया है।
कामगार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि पुरूष एवं महिला वार्डर के पदों की भर्ती के लिए 28 जुलाई, 2024 को तीन परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला शिमला, सोलन, सिरमौर व किन्नौर के 421 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय, संजौली (शिमला), जिला मंडी, कुल्लू, बिलासपुर व हमीरपुर के 1050 अभ्यर्थियों के लिए वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी, जिला मंडी और जिला कांगड़ा, चंबा व ऊना के 1149 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला जिला कांगड़ा में परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को सूचित किया कि अभ्यर्थी निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में लिखित परीक्षा आरम्भ होने से दो घंटे पूर्व प्रातः 10 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपने प्रवेश पत्र कारागार की वेबसाइट admis.hp.nic.in/hpprisons से एवं अपने पंजीकृत ई-मेल के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। प्रवेश पत्र डाउनलोड करना सभी अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। परीक्षा हॉल में पेन, कार्डबोर्ड, एडमिट कार्ड एवं पहचान पत्र के अतिरिक्त कोई भी सामग्री ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक वॉचिज़, वायरलेस डिवाइसिज, ब्लूटुथ डिवाइसिज, इयरफोन, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स तथा बैग इत्यादि ले जाने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा केन्द्र में अपना वाहन साथ लाने की अनुमति नहीं होगी। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर-0177-2628852 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
सिरमौर जिला के पच्छाद (सराहां) उपमंडल में एस.डी.एम रहे डॉ संजीव धीमान अब पी.जी.ई.आई चंडीगढ़ के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होंगे। उनके सराहनीय कार्यों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। डॉ धीमान ने बताया कि सराहां से उनका तबादला पी. जी .आई चंडीगढ़ में बतौर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के लिए हुआ है। उन्होंने यहां पदभार संभाल लिया है। उन्होंने कहा कि यहां काम करना अपने आप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है इसे वे ईमानदारी और तत्परता के साथ निभाएंगे।
बद्दी, 26 जुलाई, 2024, जिला सोलन स्थित आईईसी विश्वविद्यालय में कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में 'कारगिल विजय दिवस' उत्साह के साथ मनाया गया। इस साल कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की कुर्बानियों को याद किया और शहीद वीरों को श्रद्धांजलि दी। इस दिन को छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर उत्साह और देशभक्ति के साथ मनाया और विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण कर एक समारोह भी आयोजित। इस अवसर पर आईईसी यूनिवर्सिटी की सीनियर मैनेजमेंट ने कहा कि, 'कारगिल विजय दिवस पर, हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है जिन्होंने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी।इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय की एनएसएस यूनिट ने कहा किया और छात्रों को इस कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि हमारे देश की सेना की बहादुरी और बलिदान को याद करने के लिए यह दिन कितना महत्वपूर्ण है।
हिमाचल प्रदेश के मनाली में हाल ही में एक भीषण सड़क दुर्घटना घटित हुई है। इस दुर्घटना में यात्रियों की एक बस ब्यास नदी के किनारे गिर गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय हुई जब बस मनाली से पठानकोट की ओर जा रही थी। बस में कुल 12 यात्री सवार थे। हादसे के दौरान, बस सड़क से फिसलकर ब्यास नदी के किनारे जा गिरी। इस दुर्घटना में आठ लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। दुर्घटना के तुरंत बाद, स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर बचाव अभियान चलाया और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इस दुर्घटना में किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है, लेकिन एक कार भी क्षतिग्रस्त हो गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। घायल यात्रियों के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, और लोग घायल यात्रियों के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
**दसौरा माजरा में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए पांच लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा दून: उद्योग, संसदीय कार्य तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने आज दून विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत भटोली कलां में राजकीय प्राथमिक पाठशाला दसौरा माजरा के भवन नवीनीकरण उद्घाटन करने के उपरांत उपस्थितजनों को सम्बोधित कटे हुए कहा कि बच्चों को गुणात्मक व रोज़गारन्मुखी शिक्षा उपलब्ध करवाना प्रदेश का उद्देश्य हैं। हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश के बच्चे संविधान की मूल भावना के अनुरूप एक स्वस्थ जीवन दृष्टि विकसित करें तथा मूलभूत साक्षरता तथा संख्या ज्ञान से लेकर कृत्रिम मेधा के प्रयोग तक हर कौशल में सर्वश्रेष्ठ बनें। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। प्रदेश में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में यह स्कूल स्थापित कर बच्चों को घर-द्वार पर ही आधुनिक शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक तथा उच्च शिक्षा संस्थानों में क्लस्टर प्रणाली आरम्भ की गई है। इसके अंतर्गत स्मार्ट कक्षाएं बनाई जा रही है जिसमें ऑडियो-विजुअल टीचिंग ऐड, लर्निंग सॉफ्टवेयर, बैठने की उचित व्यवस्था, खेल मैदान, स्वच्छ शौचालयों जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि पाठशाला भवन के नवीनीकरण पर सन फार्मा द्वारा सामुदायिक सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत लगभग 12 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय को आठवीं तक स्तरोन्नत करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने स्कूल के प्रांगण में पौधारोपण किया और सभी लोगों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करने का आग्रह भी किया। हर्षवर्द्धन चौहान ने दसौरा माजरा में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 05 लाख रुपए देने की घोषणा भी की। मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी ने इस अवसर पर भी उपस्थितजनों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर नालागढ़ के विधायक हरदीप सिंह बावा, दून विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कुलतार सिंह, ग्राम पंचायत भटोली कलां के उप प्रधान बिल्लू खान, बीबीएनडीए की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनाक्षी सिंह तोमर, उपमण्डलाधिकारी (ना.) नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, पुलिस उपाधीक्षक बद्दी खजाना राम, सन फार्मा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ए.एच. खान, प्लांट हैड अमित कुमार सहित अन्य गणमान्य एवं विद्यार्थी व अध्यापक उपस्थित थे।
निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी नगर निगम एवं उपमण्डलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में उन शहरी निकायों की मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (स्पेशल रिविजन) किया गया है जहां शीघ्र ही चुनाव होने वाले है। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित मतदाता नगर निगम व नगर पंचायत तथा उपमण्डलाधिकारी (ना.) कार्यालय में अपना नाम मतदाता सूची में जांच सकता है। राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी मतदाता सूची उपलब्ध है। डॉ. पूनम बसंल ने कहा कि मतदाता विधानसभा व लोकसभा चुनावों के वोटर कार्ड के आधार पर नगर निगम व नगर पंचायत के वोट नहीं दे सकते हैं। मतदान करने के लिए मतदाता का नाम सम्बन्धित शहरी निकाय की मतदाता सूची में होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि मतदाता का नाम सम्बन्धित वार्ड में दर्ज नहीं है अथवा किसी व्यक्ति के मतदाता सूची में दर्ज होने पर आपत्ति है या नाम सम्बन्धित शुद्धि करवानी है तो फॉर्म 04 पर सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी (ना.) के पास आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह फॉर्म राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। डॉ. पूनम बसंल ने बताया कि मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने, नाम स्थानांतरित करने, किसी के नाम पर आपत्ति या प्रविष्टि में शुद्धि के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि से 08 दिन पूर्व तक 50 रुपए का शुल्क देकर आवेदन किया जा सकता है।
जोगिंदर नगर: विधायक प्रकाश राणा ने 'कारगिल विजय दिवस' के अवसर पर शहीद नायक मेहर सिंह के स्मारक पर पहुंचकर कारगिल युद्ध के महानायक, मां भारती के वीर सपूत को श्रृद्धांजलि अर्पित की और शहीद नायक की धर्मपत्नी को समानित किया। साथ में इस युद्ध में खुद घायल हो कर,गोली लगने के बाद भी विजय फतह कर भारत का झंडा बुलंद करके आए कैप्टन विनोद कुमार को भी समनित किया। उन्होंने कहा कि हमारा झंडा हवा के चलने से नहीं फहराता, बल्कि यह हर उस सैनिक की आखिरी सांस से फहराता है, जो इसकी रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं। मातृभूमि पर जान न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी जवानों को शत शत नमन!
हिमाचल देवभूमि ही नहीं वीर भूमि भी है। हिमाचल के वीर सपूतों ने जब-जब भी जरूरत पड़ी देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। बात चाहे सीमाओं की सुरक्षा की हो या फिर आतंकवादियों को ढेर करने की, देवभूमि के रणबांकुरे अग्रिम पंक्ति में रहे। सेना के पहले परमवीर चक्र विजेता हिमाचल से ही सम्बन्ध रखते है। कांगड़ा जिला के मेजर सोमनाथ शर्मा ने पहला परमवीर चक्र मेडल हासिल कर हिमाचली साहस से दुनिया का परिचय करवाया था। मेजर सोमनाथ ही नहीं, पालमपुर के कैप्टन विक्रम बत्रा, धर्मशाला के लेफ्टिनेंट कर्नल डीएस थापा और बिलासपुर के राइफलमैन संजय कुमार समेत प्रदेश के चार वीरों ने परमवीर चक्र हासिल कर हिमाचलियों के अदम्य साहस का परिचय दिया है। देश में अब तक दिए गए कुल 21 परमवीर चक्रों में से सबसे अधिक, चार परमवीर चक्र हिमाचल प्रदेश के नाम हैं। 1. मेजर सोमनाथ शर्मा भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमांडर मेजर सोमनाथ शर्मा ने 1947 में पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे। मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपरांत उनकी वीरता के लिए परमवीर चक्र से नवाजा गया। परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म 31 जनवरी 1923 को कांगड़ा जिले में हुआ था। मेजर शर्मा मात्र 24 साल की उम्र में तीन नवंबर 1947 को पाकिस्तानी घुसपैठियों को बेदखल करते समय शहीद हो गए थे। युद्ध के दौरान जब वह एक साथी जवान की बंदूक में गोली भरने में मदद कर रहे थे तभी एक मोर्टार का गोला आकर गिरा। विस्फोट में उनका शरीर क्षत-विक्षत हो गया। मेजर शर्मा सदैव अपनी पैंट की जेब में गीता रखते थे। जेब में रखी गीता और उनकी बंदूक के खोल से उनके पार्थिव शरीर की पहचान की गई थी। 2. कैप्टेन विक्रम बत्रा विक्रम बत्रा भारतीय सेना के वो ऑफिसर थे, जिन्होंने कारगिल युद्ध में अभूतपूर्व वीरता का परिचय देते हुए वीरगति प्राप्त की। इसके बाद उन्हें भारत के वीरता सम्मान परमवीर चक्र से भी सम्मानित किया गया। ये वो जाबाज़ जवान है जिसने शहीद होने से पहले अपने बहुत से साथियों को बचाया और जिसके बारे में खुद इंडियन आर्मी चीफ ने कहा था कि अगर वो जिंदा वापस आता, तो इंडियन आर्मी का हेड बन गया होता। परमवीर चक्र पाने वाले विक्रम बत्रा आखिरी हैं। 7 जुलाई 1999 को उनकी मौत एक जख्मी ऑफिसर को बचाते हुए हुई थी। इस ऑफिसर को बचाते हुए कैप्टन ने कहा था, ‘तुम हट जाओ. तुम्हारे बीवी-बच्चे हैं’। 3. मेजर धनसिंह थापा मेजर धनसिंह थापा परमवीर चक्र से सम्मानित नेपाली मूल के भारतीय सैनिक थे। इन्हें यह सम्मान वर्ष 1962 मे मिला। वे अगस्त 1949में भारतीय सेना की आठवीं गोरखा राइफल्स में अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे। भारत द्वारा अधिकृत विवादित क्षेत्र में बढ़ते चीनी घुसपैठ के जवाब में भारत सरकार ने "फॉरवर्ड पॉलिसी" को लागू किया। योजना यह थी कि चीन के सामने कई छोटी-छोटी पोस्टों की स्थापना की जाए। पांगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर 8 गोरखा राइफल्स की प्रथम बटालियन द्वारा स्थापित एक पोस्ट थी जो मेजर धन सिंह थापा की कमान में थी। जल्द ही यह पोस्ट चीनी सेनाओं द्वारा घेर ली गई। मेजर थापा और उनके सैनिकों ने इस पोस्ट पर होने वाले तीन आक्रमणों को असफल कर दिया। थापा सहित बचे लोगों को युद्ध के कैदियों के रूप में कैद कर लिया गया था। अपने महान कृत्यों और अपने सैनिकों को युद्ध के दौरान प्रेरित करने के उनके प्रयासों के कारण उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। 4. राइफल मैन संजय कुमार परमवीर राइफलमैन संजय कुमार, वो जांबाज सिपाही है जिन्होंने कारगिल वॉर के दौरान अदम्य शौर्य का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन को उसी के हथियार से धूल चटाई थी। लहूलुहान होने के बावजूद संजय कुमार तब तक दुश्मन से जूझते रहे थे, जब तक प्वाइंट फ्लैट टॉप दुश्मन से पूरी तरह खाली नहीं हो गया। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से भारतीय सेना में भर्ती हुए सूबेदार संजय कुमार की शौर्यगाथा प्रेरणादायक है। 4 जुलाई 1999 को राइफल मैन संजय कुमार जब चौकी नंबर 4875 पर हमले के लिए आगे बढ़े तो एक जगह से दुश्मन ऑटोमेटिक गन ने जबरदस्त गोलीबारी शुरू कर दी और टुकड़ी का आगे बढ़ना कठिन हो गया। ऐसी स्थिति में गंभीरता को देखते हुए राइफल मैन संजय कुमार ने तय किया कि उस ठिकाने को अचानक हमले से खामोश करा दिया जाए। इस इरादे से संजय ने यकायक उस जगह हमला करके आमने-सामने की मुठभेड़ में तीन पाकिस्तानियों को मार गिराया। अचानक हुए हमले से दुश्मन बौखला कर भाग खड़ा हुआ और इस भगदड़ में दुश्मन अपनी यूनिवर्सल मशीनगन भी छोड़ गए। संजय कुमार ने वो गन भी हथियाई और उससे दुश्मन का ही सफाया शुरू कर दिया।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मे राज्य सचिवालय में हुई। बैठक में आज निर्णय लिया गया कि अब शराब के ठेके में शराब विक्रेता शराब के निर्धारित मूल्य से ज्यादा पैसे नही वसूल पाएंगे। क्योंकि अगर कोई ऐसा करता है तो उस व्यक्ति पर सीधा एक लाख का जुर्माना लगेगा। यह निर्णय आज केबिनेट की बैठक में लिया गया है। जानकारी देते हुए इंडस्ट्री मिनिस्टर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शराब के ठेकों से ये शिकायते आ रही थी कि दुकानदार तय दरों से ज्यादा रेट पर शराब बेचते है। इसे देखते हुए कैबिनेट ने ज्यादा रेट वसूली पर पेनल्टी का प्रावधान किया है। पहली बार अधिक रेट पर बेचते हुए पकड़े जाने पर 15 हजार रुपए, दूसरी बार पकड़े जाने पर 25 हजार, तीसरी बार 50 हजार और चौथी बार सीधी एक लाख रुपए पैनल्टी लगने वाली है। और अगर इसके बाद भी कोई महंगी शराब बेचते हुआ पकड़ा गय तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (सी.एस.यू.) नई दिल्ली के तत्वाधान में हिमाचल के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर की एन एस एस (राष्ट्रीय सेवा योजना) इकाई की वार्षिक बैठक गुरुवार को आयोजित की गई। जिसमें एन. एस. एस.यूनिट वेदव्यास परिसर के कार्यक्रम अधिकारी अमित वालिया व संयोजक कवि पंकज विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में इस वर्ष हेतु एन. एस. एस. की परिसरीय कई गतिविधियों को लेकर निर्णय लिए गए। बैठक में तय किया गया कि भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार इस वर्ष कुल 200 एन. एस. एस. स्वयंसेवियों में से 50 एस सी व 11 एस टी और 139 अन्य वर्गों से स्वयंसेवी छात्र छात्राएं को वेदव्यास परिसर की एन. एस. एस. यूनिट में रखा जाएगा।वहीं निर्णय लिया गया कि इस वर्ष परिसर से कम से कम 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित किसी भी इलाके में स्वच्छता एवं जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।वहीं बैठक में निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही 8000 रुपए के नए उपकरण भी एन. एस. एस. यूनिट की तरफ से खरीदे जाएंगे। वहीं कार्यक्रम अधिकारी अमित वालिया ने बताया कि इस वर्ष परिसर की एन. एस. एस. टीम में शामिल होने के लिए कल यानी 26 जुलाई से गूगल फॉर्म के माध्यम से सभी छात्र - छात्राओं को लिंक भेज दिया जाएगा, जिसके तहत इच्छुक छात्र छात्राएं आगामी 15 अगस्त तक इस फॉर्म को भर कर जमा करवा सकते हैं। इस अवसर पर वेदव्यास परिसर की एन. एस. एस. यूनिट के संयोजक कवि पंकज कुमार व कार्यक्रम अधिकारी अमित वालिया सहित सदस्य डॉ. मनीष कुमार, डॉ. भूपेंद्र ओझा, डॉ. राजन मिश्र, डॉ. संतोष गोडरा व प्रमोद कुमार भी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू वन क्षेत्र की भूमि पर किए अवैध कब्जे से जुड़े एक मामले का निपटारा करते हुए वन भूमि को तुरंत खाली करने के आदेश जारी किए है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि मंडलीय आयुक्त व कलेक्टर-सह-मंडलीय वन अधिकारी, आनी वन मंडल, लुहरी, जिला कुल्लू के आदेशों से प्रार्थी द्वारा सरकारी वन भूमि पर किए अवैध कब्जे की पुष्टि हो गई है। इसलिए संबंधित तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों, डीएफओ सहित अन्य वन अधिकारियों को सरकारी वन भूमि की स्थायी सीमा तय करने के बाद प्रार्थी द्वारा कब्जाई तमाम वन भूमि का कब्जा वापस लेने के निर्देश दिए गए है। कोर्ट ने उक्त अधिकारियों को इस बाबत 31 अगस्त 2024 तक का समय दिया है। कोर्ट ने मौके से कब्जा वापस लेने के संबंध में अनुपालना शपथ पत्र संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा दाखिल करने के आदेश भी जारी किए है। संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अगर उक्त भूमि के सीमांकन के दौरान अन्य अतिक्रमणों को मौके पर पाते है तो उन्हें भी समयबद्ध तरीके से वन भूमि से कानून के दायर में रहकर उचित कार्रवाई करके छः माह में हटा दें। कब्जाई वन भूमि पर यदि कोई निर्माण किया गया है तो वह हिमाचल प्रदेश सरकार या वन विभाग में निहित होगा और उसका राज्य सरकार या वन विभाग द्वारा उपयोग किया जाएगा। कोर्ट ने प्रार्थी को छूट दी है कि यदि वह निर्माण से जुड़ी सामग्री उक्त वन भूमि से खुद ही हटाकर ले जाना चाहे तो वह 30 अक्टूबर 2024 से पहले यह कार्य कर सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त निर्देशों की अनुपालना में किसी भी लापरवाही या ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ परिणामी प्रतिकूल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कोर्ट ने संपूर्ण कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने और वीडियोग्राफी की प्रति शपथ पत्र के साथ रिकॉर्ड पर रखने के आदेश भी दिए। महाधिवक्ता को समय पर अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए इन आदेशों को हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के ध्यान में लाने का निर्देश दिया गया है। मामले को अनुपालना के लिए 23 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया है। प्रार्थी के खुद के दावे के अनुसार वह सरकारी वन भूमि का उपयोग पिछले 20-25 वर्षों से फलदार पेड़ उगाने के लिए कर रहा है। राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में भूमि का सीमांकन किया गया था, लेकिन प्रार्थी के अनुसार, वह सीमांकन के समय उपस्थित नहीं था। लेकिन उसने लिखित में दिया था कि उसकी उपस्थिति में भूमि के सीमांकन पर यदि कोई सरकारी भूमि उनके कब्जे में पाई जाती है, तो वह उसे खाली करने के लिए तैयार है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल 26 व 27 जुलाई, 2024 को ज़िला सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। डॉ. शांडिल 26 जुलाई को प्रातः 11.30 बजे उपायुक्त कार्यालय के सभागार में सोलन विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री तदोपरांत सायं 03.00 बजे लोक निर्माण विश्राम गृह सोलन में उपमण्डलाधिकारी सोलन व कण्डाघाट तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करेंगे। डॉ. शांडिल 27 जुलाई को प्रातः 11.30 बजे खण्ड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सायरी में नागरिक अस्पताल सायरी की रोगी कल्याण समिति के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने आज बताया कि पुलिस, आईटीबीपी, एनसीसी, होमगार्ड एवं एसएसबी मेडिकल सेंटर के प्रतिभागियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को मास्टर प्रशिक्षकों के तौर पर एचआईवी/एड्स के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि सभी मास्टर ट्रेनर संबंधित प्रशिक्षण संस्थानों में एचआईवी/एड्स विषय पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि एड्स नियंत्रण समिति द्वारा प्रतिवर्ष 30 से 40 मास्टर मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस, आईटीबीपी, एनसीसी, होमगार्ड एवं एसएसबी के सभी जवानों को एचआईवी/एड्स बारे विस्तृत जानकारी प्रदान कर उन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा, ताकि वह समाज में इस विषय पर सही जानकारी का प्रचार-प्रसार कर जागरूकता ला सकें। परियोजना निदेशक ने बताया कि समिति के जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा प्रदेश के सभी पुलिस ट्रेनिंग संस्थानों में भी कार्यशालाओं का आयोजन करवाया जाता है।
**डॉ. शांडिल की अध्यक्षता में राज्य रेडक्रॉस समिति की बैठक आयोजित स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य रेडक्रॉस समिति के अध्यक्ष डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्रॉस प्रबन्ध समिति की बैठक आयोजित की गई। डॉ. शांडिल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार स्कूली छात्र रेडक्रॉस में शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य रेडक्रॉस द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों में प्रदेश के 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। वह जूनियर रेडक्रॉस के तहत शामिल किए जाएंगे तथा उन्हें विशेषतौर पर प्राथमिक उपचार सुविधा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए प्रदेशभर में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे और छात्रों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। कॉलेज व यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी यूथ रेडक्रॉस के माध्यम से इस अभियान से जोड़ा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने रेडक्रॉस के माध्यम से प्रदेशभर में अधिक से अधिक पौधारोपण अभियान के आयोजन पर भी बल दिया और कहा कि स्वयंसेवकों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पौधरोपण स्थलों पर पौध की नियमित देखभाल हो। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की देखभाल और पौधारोपण भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य व धरती के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है। डॉ. शांडिल ने बताया कि राज्य रेडक्रॉस द्वारा पीजीआई सेटेलाइट केंद्र, ऊना के नजदीक सराय भवन के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा जिला कांगड़ा के टाण्डा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के समीप रेडक्रॉस द्वारा सराय भवन का निर्माण किया गया है। डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने रेडक्रॉस द्वारा राज्य, जिला एवं उपमंडलीय स्तर पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों को सराहा, विशेषतौर पर गत वर्ष आई आपदा के दौरान राज्य रेडक्रॉस द्वारा किए गए राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि रेडक्रॉस द्वारा वर्षभर प्रदेश में स्वास्थ्य जांच शिविर, नशा निवारण शिविर, प्राथमिक उपचार शिविर, रक्तदान शिविर, रेडक्रॉस मेले, पौधारोपण, स्वच्छता अभियान आदि आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा विभिन्न किट्स व कम्बल आदि का आबंटन, व्हील चेयर, कृत्रिम अंग और एम्बुलेंस सेवाएं आदि भी प्रदान की जाती हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान रेडक्रॉस के स्वयंसेवक सदैव राहत एवं बचाव कार्यों में हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस की समाज में अहमियत को देखते हुए इसके द्वारा आयोजित गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाने एवं स्वयंसेवकों की कार्यकुशलता बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुमानित बजट सहित विभिन्न मुद्दों को अनुमोदित किया गया है। बैठक में राज्यपाल के सचिव एवं राज्य रेडक्रॉस समिति के महासचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त सिरमौर एवं जिला रेडक्रॉस समिति के अध्यक्ष सुमित खिमटा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी सहित सभी जिला रेडक्रॉस समितियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
कृषि-उत्पादन के उत्पादन और मूल्यवर्धन" पर दस दिवसीय कौशल विकास प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (एसडीसीसी) आज शूलिनी विश्वविद्यालय में शुरू हुआ। यह पाठ्यक्रम विस्तार शिक्षा निदेशालय, डॉ. वाईएस परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, सोलन और शूलिनी विश्वविद्यालय में एमएस स्वामीनाथन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) - राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (NAARM), हैदराबाद के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र मुख्य अतिथि चांसलर, शूलिनी विश्वविद्यालय, प्रो. पीके खोसला के संबोधन के साथ शुरू हुआ, जिन्होंने छात्रों को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी प्रदाता बनने के लिए प्रोत्साहित किया और कृषि क्षेत्र में कौशल विकास के महत्व पर भी प्रकाश डाला। शूलिनी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. सुनील पुरी ने कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्नत अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और हाल के केंद्रीय बजट से अपडेट साझा किए। प्रो. पुरी ने कृषि क्षेत्र को प्रभावित करने वाली बजट बाधाओं और मुद्रास्फीति के मुद्दों को भी संबोधित किया, प्रतिभागियों से पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उद्यमशीलता के लिए अपने नए कौशल का लाभ उठाने का आग्रह किया। एमएस स्वामीनाथन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. सोमेश शर्मा ने मुख्य अतिथि, चांसलर, शूलिनी यूनिवर्सिटी, पीके खोसला और नौणी यूनिवर्सिटी के मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने पारंपरिक कृषि से आधुनिक कृषि की ओर बदलाव की आवश्यकता का भी उल्लेख किया। उन्होंने कृषि उपज में होने वाले नुकसान को कम करने और अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक के रूप में मूल्य-संवर्धन पर जोर दिया। डॉ. इंद्र देव, निदेशक एक्सटेंशन यूएचएफ, नौणी ने भोजन की कमी से लेकर हरित, श्वेत और नीली क्रांति तक भारत की कृषि यात्रा को साझा किया। उन्होंने छात्रों को उद्यमशीलता कौशल से लैस करने के पाठ्यक्रम के लक्ष्य को रेखांकित किया और भारत के भविष्य के बारे में आशावाद व्यक्त करते हुए कहा, "2027 तक, भारत एक विकसित देश होगा। प्रोफेसर अनिल सूद ने सभी व्यक्तियों, शूलिनी विश्वविद्यालय और कृषि डीन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव दिया। उन्होंने पाठ्यक्रम को संभव बनाने में शामिल सभी लोगों के योगदान की बात कही। उद्घाटन सत्र के बाद, डॉ. शांतनु मुखर्जी ने प्रतिभागियों को दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से परिचित कराया, एनएएचईपी और एनएआरएम के उद्देश्यों और दृष्टिकोण पर चर्चा की और पाठ्यक्रम यात्रा कार्यक्रम का अवलोकन प्रदान किया।
आज "राजकीय महाविद्यालय इंदौरा" में "एन डी आर एफ " की टीम ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन के बारे में बताया। इस अवसर पर स्थानीय विधायक मलेद्र राजन ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उन्हें विभिन्न प्रकार की आपदाओं से सावधान रहने की अपील की साथ ही उन्होंने गत वर्ष बाढ़ के समय जो इलाके में समस्याएं आई थीं उसका विस्तार से वर्णन भी किया। इसके उपरांत एसडीम सुरेंद्र ठाकुर जी ने "डिजिटल लिटरेसी" पर अपना व्याख्यान दिया और साथ ही छात्र-छात्राओं को इसे अपनाने और सावधान रहने के लिए भी प्रेरित किया।इसके उपरांत राजकीय महाविद्यालय इंदौरा की प्राचार्य डॉक्टर सुमीक्षा गुप्ता व महाविद्यालय की एडवाइजर कमेटी ने विधायक के सामने महाविद्यालय की विभिन्न समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की और साथ ही कुछ मांगे, जिसमे एम ए, एम. कॉम और बच्चों के लिए बस की व्यवस्था, महाविद्यालय की बाउंड्री वॉल व कुछ अन्य समस्याओं से अवगत करवाया, इन सारी समस्याओं को हल करने के लिए स्थानीय विधायक ने आश्वासन दिया की अति शीघ्र महाविद्यालय की सारी समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से गुरुवार को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाएं अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष श्रवण मांटा के नेतृत्व में शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सुधार कर रही है। सरकार की इन पहलों का लाभ आम जनता तक पहुंचाने में प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान कर रही है और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाएं अधिकारियों को प्रदेश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समर्पण भाव एवं कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करने के लिए कहा। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाएं संघ ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार की कल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करने में वह तत्परता से कार्य करेंगे। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।
**पटवारी-कानूनगो को भारी पड़ा सरकार का विरोध प्रदेश में लगातार स्टेट कैडर का विरोध कर रहे पटवारियों और कनूनगो के खिलाफ सरकार ने बड़ा एक्शन लेने की ठान ली है। ऑनलाइन सेवाएं बंद करने और अतरिक्त कार्यभार की चाबियां लौटाने वाले कर्मचारियों अधिकारीयों को सरकार ससपेंड करेगी। इस बार में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की तरफ से सभी डीसी को लेटर जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों का इस तरह का रवैया अनुचित है। जो सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन है। ऐसे में लोगों को सेवाएं न देने वाले पटवारियों और कानूनगो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ये भी कहा गया है कि यदि उन्हें सरकार के किसी निर्णय के खिलाफ कोई शिकायत है, तो उन्हें बातचीत का सहारा लेना चाहिए न कि लोगों के जरूरी कामों को रोक कर सरकार के आदेशों की अवहेलना करनी चाहिए। राज्य सरकार ने ऑनलाइन काम ठप करने और व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ने के खिलाफ सभी पटवारी और कानूनगो की सर्विस ब्रेक हो सकती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने इस बारे में सभी उपायुक्तों को पत्र जारी किया है। ** दो दिनों में सेवाएं करनी होगी शुरू प्रदेश सरकार की तरफ से सभी डीसी को जारी लेटर में पटवारियों और कानूनगो को दो दिनों में सेवाएं शुरू करने को कहा गया है। अगर आदेशों की पालना नहीं होती है तो ऐसे सभी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डीसी को भी अपने जिलों में उनके नियंत्रण में पटवारियों और कानूनगो को तुरंत प्रभाव से ऑनलाइन काम फिर से शुरू करने के लिए कड़े निर्देश जारी करने को कहा गया है, ताकि प्रदेश भर में लोगों को घर द्वार पर सरकार की सुविधाओं का लाभ मिल सके। ** व्हाट्सएप ग्रुप में भी वापस जुड़ने के दिए निर्देश इसके अलावा पटवारियों और कानूनगो को आधिकारिक "व्हाट्सएप ग्रुप" में वापस शामिल होने और अतिरिक्त प्रभार सहित उन्हें दिए गए अन्य दायित्वों को भी निभाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके लिए पटवारियों और कानूनगो दो दिन का समय दिया गया है। पटवारियों और कानूनगो को चेताया गया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की ओर से कोई भी कार्रवाई जो हिमाचल प्रदेश की आम जनता के हितों के खिलाफ है, सरकार ये कतई स्वीकार्य नहीं करेगी।
जयसिंहपुर: यह वर्कशॉप डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथोरिटी कांगड़ा (धर्मशाला) द्वारा स्नेक वाइट अवेयरनेस और स्नेक हैंडलिंग के उपर रखी गई। जिसमें डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हरजीत भुल्लर द्वारा जयसिंहपुर विधानसभा आलमपुर के माथुर धीमान और उनकी बेटी खुशी धीमान को लगभग 50 सांपो का रेस्क्यू करने पर सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इसमें लगभग 40 वॉलिंटियर्स ने सांपों से कैसे बचें, सांप घरों में न आएं, सांप अगर वाइट कर जाए तो क्या करें, कितने सांप हमारे परिवेश में पाए जाते हैं, कौन कौन सांप ज़हरीले हैं आदि बातों के साथ तमाम फैली भ्रांतियों के ऊपर प्रशिक्षण दिया गया।
जवाली: जिला पुलिस नूरपुर ने रोहित कुमार निवासी तमौता इंदौरा से 9.32 ग्राम चिट्टा बरामद करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रोहित कुमार के रिहायशी मकान की तलाशी लेने पर 9.32 ग्राम चिट्टा बरामद किया। पुलिस ने इस संदर्भ में केस दर्ज कर चिट्टा को कब्जे में ले लिया है तथा आरोपी को अरेस्ट कर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। एसपी अशोक रतन ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी, जिस आधार पर रोहित कुमार के रिहायशी मकान में दबिश देते हुए 9.32 ग्राम चिट्टा बरामद किया है। केस दर्ज करके आरोपी को अरेस्ट कर लिया है तथा आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में आवासीय स्कूल चलाने के लिए कई निजी कंपनियों ने हामी भरी है। राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में आवासीय स्कूलों को पीपीपी मोड पर चलाने के लिए हितधारकों के साथ बैठक हुई। बैठक में डीएवी ग्रुप, भारती एयरटेल, हिम अकेडमी और अभिलाषी ग्रुप सहित कई निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मंडी और ऊना जिले में सरकार ने आवासीय सरकारी स्कूल बनाने की शुरुआत की है। इस योजना को लागू करने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर कार्य किया जा रहा है। बुधवार को इस बाबत इच्छुक पार्टियों से व्यापक चर्चा करने के लिए खुले मंच का आयोजन किया गया। मंडी जिले के धर्मपुर और गोहर और ऊना जिला के बंगाणा में इसके तहत आवासीय स्कूल बनने प्रस्तावित हैं। इसके लिए सरकार उन पार्टियों को योजना में शामिल कराने की कोशिश में है जो पहले से ही शैक्षणिक ढांचे को बेहतर करने में योगदान दे चुकी हैं। अगर फार्मूला सफल रहा तो निश्चित तौर से दूसरे जिलों में भी इस तरह के आवासीय स्कूल बनाने की पहल शुरू करेगी। पहले चरण को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने बुधवार को बैठक का आयोजन किया। बैठक में विधायक चंद्रशेखर, शिक्षा सचिव राकेश कंवर सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि सिक्किम और भूटान की तर्ज पर हिमाचल में आने वाले सैलानियों से पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने रखने के लिए टैक्स वसूला जाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने ये आदेश दिए हैं।उच्च न्यायालय ने कहा कि हिमाचल में आने वाले सैलानियों की गाड़ियों में प्लास्टिक बैग रखे जाएं ताकि सैलानी इन बैगों में अपना सारा कूड़ा डालें। हाईकोर्ट ने अपने 23 मार्च और 9 मई के आदेशों में नगर निगम शिमला को भी ठोस कचरे से निजात दिलाने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था। नगर निगम ने अदालत के आदेशों की पालना करते हुए एक शिकायत नंबर 9805201916 जारी किया है। नगर निगम ने अदालत में कहा कि अगर कहीं भी किसी को जंगल या घरों के आसपास कचरा पड़ा हुआ दिखाई दे तो वह इस नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि शिकायत का जब तक समाधान न किया जाए तब तक उसको डिस्प्ले पर दिखाया जाए। इसके अलावा अदालत ने प्रदेश सरकार को अगली सुनवाई तक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी। अदालत ने लाहौल-स्पीति के डीसी को सैलानियों से लिए जाने वाले ग्रीन टैक्स के ऊपर अगली सुनवाई में हलफनामा दायर करने को कहा है। अदालत ने पूछा कि ग्रीन टैक्स जो सैलानियों से वसूला जा रहा है उसका प्रयोग कहां पर किया जा रहा है। अदालत ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए कि हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाली प्लास्टिक कंपनियों का पंजीकरण करवाया जाए ताकि यह पता चल सके कि प्रदेश में कितनी मात्रा में प्लास्टिक आ रहा है। इसको कहां पर डाला जा रहा है। गैर कानूनी तरीके से अगर कोई प्लास्टिक ला रहा है तो उसे भारी जुर्माना लगाया जाए।
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के पास लगते सोलंगनाला में बादल फटने की घटना सामने आई है। दरअसल सोलंगनाला के अंजनी महादेव नाले में रात के समय बादल फट गया, जिसके चलते भारी मलबा सड़क पर आ गया और मनाली लेह सड़क मार्ग भी पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में सड़क के दोनों और गाड़ियां फंस गई हैं। मलबे में बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर आने के चलते फिलहाल दोपहर तक रोड के खुलने की कोई संभावना नहीं है। वहीं, प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है और बीआरओ के अधिकारियों के साथ रोड को खोलने को लेकर तैयारी की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार बीती रात के समय अचानक अंजनी महादेव के साथ लगते नाले में बादल फट गया, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानें नाले में बहकर पलचान पुल तक जा पहुंची, जिससे पलचान में एक घर को नुकसान हुआ है और पावर प्रोजेक्ट के भवन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि गनीमत रही कि इसमें किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन अब प्रशासन की टीम नुकसान का जायजा लेने में जुट गई है। ऐसे में सड़क बंद होने के चलते सोलंगनाला, लाहौल घाटी का संपर्क भी अब मनाली से कट गया है। बीआरओ के द्वारा अब मशीनरी को मौके पर बुलाया जा रहा है, ताकि सड़क बहाली का कार्य शुरू किया जा सके। डीसी कुल्लू तोरूल एस रवीश ने बताया कि सड़क बहाली का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा और नुकसान की रिपोर्ट भी प्रशासन के द्वारा तैयार की जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में 29 जुलाई तक भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में मौसम विभाग ने फ्लैश फ्लड को लेकर चेतावनी भी जारी की है, जिसके चलते लोगों से भी प्रशासन द्वारा नदी-नालों से दूर रहने की अपील की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटक स्थलों व ट्रैकिंग रूट्स पर भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरा बिखरा हुआ नजर आता है। हिमाचल हाईकोर्ट ने प्लास्टिक कचरे के कारण पर्यावरण पर पड़ रहे असर को देखते हुए हिमाचल सरकार को एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने का आदेश जारी किया है। ये फोर्स पहली अगस्त तक गठित करनी होगी। अदालत ने आदेश दिया है कि इस फोर्स में नगर परिषदों, नगर निगमों और नगर पंचायतों के सदस्यों सहित जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के सचिव, पर्यटन विकास निगम, वन विभाग, गैर सरकारी संगठन और अन्य हितधारक संस्थाओं आदि के सदस्यों को शामिल किया जाए। ये टास्क फोर्स पहाड़ियों के किनारे फैली गंदगी खास तौर पर प्लास्टिक कचरे की सफाई पर ध्यान केंद्रित करेगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने हर जिले के विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों को मामले में अदालत की तरफ से जारी आदेश के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए कोऑर्डिनेटर बनाया है। इन सभी को कहा गया है कि वे विशेष तौर पर स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए दिए हाईकोर्ट के आदेशों के तहत प्लास्टिक कचरे के हॉट-स्पॉट और जलधाराओं की साफ सफाई सहित और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कानूनों के तहत हितधारकों की भूमिकाओं से जुड़ी निगरानी रिपोर्ट तैयार करेंगे। ये रिपोर्ट हर तीन महीने में हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो पर्यटकों द्वारा ट्रैकिंग रूट्स से ले जाए जाने वाले प्लास्टिक के कचरे आदि का आकलन करने के लिए चेक पॉइंट्स स्थापित करें। इसके जरिए ट्रैकिंग रूट्स के साथ सरकार टिकाऊ इको-सिस्टम डेवलप करने पर भी विचार करे। खंडपीठ ने सुझाव के तौर पर राज्य सरकार को सबसे पहले कुछ प्राथमिकता वाले ट्रैकिंग रूट की सफाई पर विचार करने को कहा। हाईकोर्ट ने खीरगंगा, हामटा, बिजली महादेव, साच पास, ब्यास कुंड, श्रीखंड महादेव, मणिमहेश यात्रा मार्ग, चूड़धार, त्रियुंड और चांशल पीक के नाम सुझाए हैं। अदालत ने पाया कि हिमाचल में प्लास्टिक की पुन: खरीद नीति वास्तव में गैर-कार्यात्मक रही है। कोर्ट ने सरकार को प्लास्टिक बायबैक नीति को सप्ताह के सातों दिन पूरी तरह कार्यात्मक बनाने के आदेश दिए. ऐसा करने से नागरिकों, विशेषकर कूड़ा बीनने वालों को सड़कों, जंगलों और नालों आदि में पड़े प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इससे कूड़ा बीनने वालों की आजीविका का स्रोत भी मजबूत होगा और पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी। हाईकोर्ट ने कहा कि नगर निगमों के कूड़े-कचरे से जुड़े शिकायत तंत्र को और कारगर बनाने की सख्त जरूरत है। इसके लिए हाईकोर्ट ने राज्य के सभी नगर निगमों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायतों का समाधान होने तक शिकायतों को प्रदर्शित करते रहें। एमसी शिमला को शिकायत नंबर +91 98052 01916 का व्यापक रूप से प्रचार करने को कहा गया है। इसी तरह अन्य नगर निगमों को सुनवाई की अगली तारीख से पहले एक शिकायत तंत्र नंबर जारी करने का निर्देश दिया गया है। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक की तरफ से इस विषय में वांछित रुचि न दिखाने पर इसे एक गंभीर मामला बताया। ग्रामीण विकास निदेशक को इस मामले में गहरी दिलचस्पी लेने और अब से सभी बैठकों में प्रभावी ढंग से भाग लेकर अपने बहुमूल्य इनपुट देने का निर्देश भी दिया गया है। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना पर कूड़ा प्रबंधन एजेंसी ईपीआर प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड प्लॉट नंबर 19, न्यू कॉटन, कारकेट लेआउट, गणेशपेठ, नागपुर, सर्वश्री दि शक्ति प्लास्टिक इंडस्ट्रीज, 202/203/204/205, दूसरी मंजिल बिजनेस क्लासिक चिंचोली बंदर रोड, मलाड, मुंबई और सर्वश्री रेकर इनोवेशन लिमिटेड कॉर्पोरेट ऑफिस 2007, सेक्टर-45, गुरुग्राम, को अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए गए हैं।
हिमाचल में शिक्षा विभाग में टीचरों के तबादले पर रोक लग सकती है। इस बारे आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश में अभी तक शिक्षकों के लिए तैयार की जा रही ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर अभी सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई है। ट्रांसफर पॉलिसी का मामला अभी सरकार के पास ही आपसी सहमति न बनने से लटका पड़ा है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने एकेडमिक सेशन में शिक्षकों के तबादले पर रोक लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट की बैठक में लाया जा रहा है। अगर इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पास किया जाता है तो प्रदेश भर में विभिन्न स्कूलों में सेवाएं दे रहे जेबीटी, टीजीटी, पीजीटी, डीपीई, फिजिकल एजुकेशन व अन्य शिक्षकों की सत्र के बीच में कोई ट्रांसफर नहीं होगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में पिछली बैठक इसी महीने की 12 जुलाई को आयोजित हुई थी, जिसमें विभिन्न विभागों में 1 हजार से अधिक श्रेणियों के पद भरने सहित इनकम टैक्स भरने वालों को 125 यूनिट फ्री बिजली नहीं दिए जाने का फैसला लिया गया था। इसमें सीएम, डिप्टी सीएम, पूर्व सीएम, विधायक, सीपीएस, सभी बोर्डों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, ओएसडी, एडवाइजर समेत सभी बड़े अधिकारी शामिल थे। ऐसे में आज फिर से कैबिनेट की बैठक होने जा रही है, जिसमें अगस्त महीने में आयोजित होने वाले विधानसभा मानसून सत्र की तारीख फाइनल करने को लेकर चर्चा हो सकती है। इसी तरह से विभिन्न विभागों खाली पड़े पदों को भरने पर मुहर लग सकती है, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में अन्य कई मामलो को लेकर निर्णय लिए जा सकते हैं।
कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब में मंगलवार रात शुरू हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार सुबह एक आतंकी को मार गिराया। इस अभियान में हिमाचल प्रदेश के जवान (नॉन-कमीशंड अफसर) दिलवर खान बलिदान हो गए। इलाके में कुछ और आतंकियों की मौजूदगी की आशंका के चलते सुरक्षाबलों का अभियान अब भी जारी है। मारे गए दहशतगर्द की शिनाख्त अभी नहीं हुई है। हिमाचल के ऊना जिले के बंगाणा के घरवासड़ा के रहने वाले दिलवर (28) की पार्थिव देह वीरवार को दोपहर बाद करीब 2 बजे उनके पैतृक गांव लाई जाएगी और राजकीय सम्मान के साथ मुस्लिम विधि के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। सेना के एक अधिकारी ने बताया, मंगलवार शाम लोलाब के त्रिमुखा टॉप क्षेत्र में सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सेना और पुलिस के जवानों नें इलाके की घेराबंदी कर सघन तलाशी अभियान चलाया। घेरा सख्त होता देख आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी और मौके से भागने की कोशिश की। जवानों ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। वीर सैनिक दिलवर खान के बलिदान होने पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा, ऊना के उपायुक्त जतिन लाल समेत ऊना जिले के सभी अधिकारियों ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत माता की रक्षा करते हुए उनका यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। बता दें, मार्च, 1996 को जन्मे दिलवर 20 दिसंबर 2014 को सेना में भर्ती हुए थे।
**महान देश भगत भगत सिंह, सुख व् राजगुरु को मिलने वाले सम्मान की भांति हमें अपने बुजुर्गों को भी आदर सम्मान देना चाहिए : सुमित सिंगला बीबीएन : क्योरटेक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला के दिवंगत पिता स्व. प्रेमचंद सिंगला के जनम दिवस पर आज क्योरटेक् प्रांगण में 30वां विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में 102 से अधिक युवा व युवतियों ने उत्साह के साथ रक्तदान किया। इस शिविर के आयोजन से अमित सिंगला सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा लगातार 30 वां रक्तदान शिविर आयोजित करवाने पर एक विश्व रिकॉर्ड भी स्थापित किया। इस शिविर का शुभारम्भ नाभा के प्रमुख समाज सेवी विजय सिंगला, जो स्व. प्रेमचंद सिंगला के छोटे भाई हैं, ने किया। उन्होंने कहा की स्व. प्रेमचंद सिंगला किसी पवित्र रूह से कम नहीं थे जिन्होने अपने जीवन काल में एक कर्मठ, सच्चाई के मार्ग पर चलने वाले सच्चे और सादगी पसंद व्यक्तित्व के रूप में कार्य किए, जिनके दिखाए मार्ग पर आज भी परिवार और उनके निकट सम्बन्धी उनका अनुसरण करते है। इस अवसर पर क्योरटेक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला जो अमित सिंगला सोशल वेलफेयर सोसाइटी के चेयरमैन भी हैं ने कहा कि जिस प्रकार हम देश के प्रसिद्ध राष्ट्र्भगत शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को सम्मान देते हैं उसी प्रकार हमें अपने बुजुर्गों को भी आदर सम्मान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार को बुजुर्ग अपने पैरों पर खड़ा करने और उनको श्रेष्ठ संस्कार देते हैं। इस शिविर में बी बी एन क्षेत्र के तरसेम चौधरी (नगर परिषद् प्रधान) संजू कुंडलास पूर्व पार्षद, भाजपा नेता बलविंदर ठाकुर, डॉ श्रीकांत, कृष्ण ठाकुर, बलबीर ठाकुर और रणेष राणा उपस्थित थे। इस समारोह में क्योरटेक परिवार के दीपक शर्मा, अमरजीत सिंह सैनी, मोहित शर्मा, मोहन सिंह, शिवानी, राधा, भुवनीश, डी के तोमर, दर्शन राणा, जगतार सिंह, मान सिंह, राजवीर और हुसन चंद उपस्थित थे। स्व. प्रेमचंद सिंगला के जनम दिवस पर 30वां विशाल रक्तदान शिविर का क्योरटेक प्रांगण में नाभा के प्रमुख समाज सेवी विजय सिंगला शुभारम्भ करते हुए साथ में ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला और अन्य दिखाई दे रहे हैं।
शिव कावड़ सेवा संघ कुनिहार के सौजन्य से श्रावण मास के पावन अवसर पर शिव महापुराण कथा का शुभारंभ बड़े ही धूमधाम के साथ राजदरबार के प्रांगण में किया गया। शिव महापुराण कथा को सोलन के कोट बेजा से आए प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित विक्रांत शर्मा बड़े ही सुंदर व मधुर वाणी से कथा का वर्णन कर रहे हैं। प्रथम दिवस की कथा का वर्णन करते हुए विक्रांत शर्मा ने बताया कि ज्ञान तथा करुणा का साक्षात स्वरूप शिव है। शिव शिवा संपूर्ण जगत के माता-पिता है। सूत जी जो पुराण वक्ता है वह शौनकादि ऋषियों से कहते हैं कि प्रयाग तीर्थ से शिव पुराण की अविरल धारा प्रारंभ होती है। शिवलिंग का स्तंभ ब्रह्मा तथा विष्णु के मध्य हुआ है जो संपूर्ण संसार के लिए पूजनीय है तथा मृत्युलोक के प्राणियों के लिए शिव पूजन का विशेष महत्त्व है। जो कोई भी शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा ,विलगिरी ,कमल पुष्प, दूध ,दही, शहद व पंचामृत से स्नान करवाता है वह आवागमन के चक्कर से बच जाता हैं। कथा सुनने के लिए दूर-दूर इलाकों से शिव भक्त प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर राजदरबार प्रांगण में पहुंच कर कथा का रसपान कर रहे हैं। कथा आयोजक कांवड़ संघ के राधा रमन शर्मा व विनोद भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि यह शिव महापुराण कथा का अयोजन पिछले कई वर्षो से चला आ रहा है। उन्होने बताया कि शिव महापुराण कथा में प्रतिदिन ढाई फुट के पार्थेश्वर शिवलिंग को सुबह की पूजा में पंडित रमेश शर्मा के सहयोग से बनाया जा रहा है। वहीं कथा समाप्ति के उपरांत सांय काल को समस्त कुनिहार निवासियों के सहयोग सहित कथा स्थल से गंभर नदी तक ढोल नगाड़ों के साथ पार्थेश्वर शिवलिंग का विसर्जन प्रतिदिन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सभी सदस्य कथा के सफल आयोजन के लिए पूरी मेहनत और लगन से कार्य कर रहे हैं। इस दौरान कथा मे विनोद भारद्वाज, राधा रमन शर्मा, सुरेन्द्र कुमार, नीरज शर्मा, हेमन्त जोशी, राहुल, मृदुल व आरव सहित कावड़ संघ के सभी सदस्यों सहित कथा प्रेमी मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आगामी 26 जुलाई को त्रिलोक ठाकुर अध्यक्ष अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की अध्यक्षता मे होगी। यह बैठक वाईब्रेशन हॉल नजदीक रिपन अस्पताल शिमला ठीक 11:00 बजे शूरू होगी, जिसमें प्रदेश भर के लगभग 250 कर्मचारी नेता भाग लेंगें। जिसमें जिलाध्यक्ष व महासचिव प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी विभागीय संगठनों के प्रधान एवं महासचिव तथा प्रदेश कार्यकारिणी के तमाम पदाधिकारी सम्मलित होंगें। बैठक के तुरंत बाद प्रदेश कार्यकारिणी त्रिलोक ठाकुर की अध्यक्षता मे माननीय मुख्यमंत्री महोदय व मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार से मुलाकात करेंगें। इस बैठक में प्रदेश सरकार जल्द से जल्द संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन करने बारे में चर्चा होगी और इसी के साथ 2016 संशोधित वेतनमान का लम्बित ऐरियर का भुगतान, मंहगाई भत्तों की किश्तों कों जारी करने, वर्तमान अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को पूर्व की भांति वर्ष मे 02 बार नियमित करने बारे तथा भविष्य में भर्तियों को नियमित आधार पर करने के साथ-साथ विभिन्न विभागों में कई वर्षों से रिक्त पडे पदों को भरने व विभिन्न विभागों मे पदौन्नति समय पर करने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। यह जानकारी प्रैस को हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के राज्य महामंत्री राजीव चौहान ने दी है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में ज़बरदस्त उछाल देखने में आया है। प्रदेश ने वर्ष 2024 की पहली छमाही में एक करोड़ से अधिक सैलानियों का आतिथ्य सत्कार किया। हिमाचल की मनोहारी वादियों, स्वच्छ वातावरण और प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही बेहतर सुविधाओं के फलस्वरूप इस साल जून माह के अन्त तक रिकॉर्ड 1,00,87,440 पर्यटक प्रदेश के भ्रमण पर पहुंचे। प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति पर्यटकों से गुलजार हैं। इस अवधि में सर्वाधिक पर्यटक कुल्लू और शिमला ज़िलों में उमड़े। कुल्लू ज़िले की 4,73,737 और शिमला ज़िले की 4,48,392 सैलानियों ने यात्रा की। प्रदेश में जुलाई माह में भी पर्यटकों का आगमन निरन्तर जारी है। प्रदेश की अधिकतर सड़कों पर्यटकों के सुगम आवागमन के लिए खुली हैं और पर्यटक हिमाचल की नैसर्गिक सुन्दरता को निहारने के लिए प्रदेश की ओर रूख कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पर्यटकों को आश्वस्त किया है कि प्रदेश के अधिकांश मार्ग यातायात के लिए खुले हैं। खराब मौसम के कारण प्रदेश की कुछ सड़कें प्रभावित हुईं थीं, लेकिन वर्तमान में पर्यटकों और आमजन के लिए अधिकतर सड़कें खोली जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई महीने में हज़ारों की संख्या में पर्यटकों ने हिमाचल की सैर की और इस वर्ष के अन्त तक पर्यटकों की संख्या दो करोड़ से अधिक रहने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैलानी प्रदेश के विभिन्न स्थलों की यात्रा से संबंधित जानकारी संबंधित ज़िला प्रशासन व पुलिस विभाग के हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटकों की सुगम एवं सुरक्षित यात्रा तथा उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सैलानियों की सुरक्षित यात्रा के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग बाधित सड़कों को बहाल करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग पर्यटकों को समय-समय पर विशेष सड़क मार्गों पर यात्रा संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहा है। ज़िला प्रशासन और हिमाचल पुलिस द्वारा सड़कों की स्थिति संबंधी जानकारी निरन्तर उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के सौजन्य से जिला श्रम कल्याण विभाग किन्नौर द्वारा ग्राम पंचायत छितकुल में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने की। इस जागरूकता शिविर में गा्रंम पंचायत छितकुल के 90 लोगों ने भाग लिया। उन्होंने गा्रंमीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड अधिनियम 1996 के अनुसार वे सभी कामगार जो भवन, मार्गों, सड़क, सिंचाई, जल निकास, तट बंध, बाढ़ नियंतरण, टेलीफोन लाइनों, संचार माध्यमो व अन्य कार्य में अपनी सेवाएं किसी भी रूप में दे रहे है वे सभी श्रमिक कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हो सकते है। नर देव सिंह कंवर ने बताया कि पंजीकरण के लिए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य में कार्यरत श्रमिकों की आयु 18 से 60 वर्ष के मध्य होनी अनिवार्य है तथा पिछले 12 माह में न्यूनतम 90 दिन तक भवन एवं अन्य निर्माण कार्य में काम किया होना अनिवार्य है। पंजीकरण के लिए कामगार को संबंधित जिला श्रम अधिकारी के कार्यालय में आधार कार्ड, बैंक पास बुक की प्रति, राशन कार्ड, परिवार रजिस्टर की प्रति तथा दो पासपोर्ट फोटो श्रम कल्याण अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा चलाई जा रही जन-कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जनप्रतिनिधियों की अमह भूमिका रहती है। उन्होनें बताया कि पंजीकृत कामगार या आश्रित बच्चों के विवाह हेतु सहायता राशि 51000 से बढ़ाकर 2 लाख रुपयों का प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर कल्पा विकास खण्ड पंचायत समिति अध्यक्षा ललीता पंचारस, सदस्या जिला परिषद अराधना देवी, विक्रम शर्मा बी0ओ0डी0 निदेशक हि0प्र0 नागरिक आपूर्ति निगम, नरेश चौहान सहायक वित्तीय नियन्त्रक, शुभम चन्द पंचायत प्रधान छितकुल, सपन जसरोटिया जिला श्रम कल्याण अधिकारी, एडवोकेट प्रताप नेगी सहित श्रम विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के अंतर्गत वर्ष 2024 के लिए आवेदन व नामांकन आमंत्रित किए हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के दिशा-निर्देश विभाग की वेबसाइट (www.award.gov.in ) पर उपलब्ध हैं। मनमोहन शर्मा ने कहा कि पात्र आवेदक को अपना नामांकन पूर्ण दस्तावेज के साथ भारत सरकार के पोर्टल (www.award.gov.in ) पर 31 जुलाई, 2024 तक प्रस्तुत कर सकते हैं।