हिमाचल में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि हिमाचल में नई पंचायतों का भी गठन भी किया जाना है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछेक क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं। कइयों की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर परिषद और निकायों में पंचायतों के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है तो लोगों को हाउस समेत अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। ऐसे में लोग पंचायतों में ही रहने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद पांवटा साहिब में ग्राम पंचायत बदरीपुर, नगर पंचायत कुनिहार में कुनिहार, हाटकोट और कोठी, नगर पंचायत शिलाई में ग्राम पंचायत शिलाई व बेला, नगर परिषद हमीरपुर में भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी - झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत के क्षेत्र शामिल हैं। नगर पंचायत सुन्नी में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी को शामिल किया गया है। वर्तमान हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं। इससे पहले दिसंबर में पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसी साल कभी भी पंचायतों को चुनाव हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों से बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अपने ही परिसर में परीक्षा देने की सुविधा देगा। फरवरी से शुरू हो रही बीएड की परीक्षाओं में यह नई व्यवस्था शुरू की जा जाएगी। निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 50 हजार की फीस के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विवि की इस नई व्यवस्था से इन 57 कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे नए पुराने करीब 16 हजार प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी। लंबे समय से निजी कॉलेज और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षु अपने परिसर में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे इतनी भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद उन्हें अपनी परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी होती है। कॉलेजों और उनसे बीएड प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की इस समस्या का विवि ने स्थायी समाधान कर दिया है। इस फैसले से विवि की भी परेशानी दूर हो गई है। विवि को राजधानी शिमला, कांगड़ा सहित अन्य जिलों के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में परेशानी पेश आती थी, कॉलेज इसकी अनुमति नहीं देते थे। अब निजी कॉलेजों में केंद्र बनाने में विवि कोई परेशानी नहीं आएगी। कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए अलग से दोगुनी फीस भी चुकानी होगी। अब तक विवि निजी कॉलेजों से 25 हजार फीस लेता था, जिसे विवि ने दोगुना कर दिया है। परिसर में परीक्षा केंद्र बनाए जाने की एवज में प्रशिक्षुओं से विवि कोई अलग से फीस नहीं लेगा, फीस को कॉलेजों को ही चुकाना होगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि प्रदेश भर में विवि से संबद्ध 57 बीएड कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले 16 हजार से अधिक परीक्षा देने वाले प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी से शुरू होने बीएड की परीक्षाओं के लिए अब तक 50 फीसदी कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मांगी गई फीस भी चुका दी है, 27 तक अन्य कॉलेजों को समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने पर परीक्षाएं विवि की सीधे निगरानी में की जाएंगी। इसके लिए अलग से स्टाफ मॉनिटर करने को लगाया जाएगा और उड़नदस्ते भी हर केंद्र पर नजर रखेंगे।
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।
कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकारी कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकार ने इसे विधानसभा के शीत सत्र में पारित करवाया था। इस विधेयक के लागू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कानून के रूप में लागू होगा तो साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होगी। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। नए प्रावधान से कानून बनने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
शिमला: बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी देखी गई। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ। 21 जनवरी को राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में और आसपास के माध्यम पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी को प्रदेश के कुछ स्थानों पर शीत दिवस को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 22 और 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। इस दौरान प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 24 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। 24 से 26 जनवरी तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में मक्की के बाद अब प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं का आटा डिपुओं में बेचकर मुनाफा कमाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती विंग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पहले चरण में प्रदेशभर में किसानों से 805 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। यह खरीद केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती करने वाले प्रमाणित किसान चयनित किए जाएंगे। बाजार में आम तौर पर गेहूं के 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिलते हैं, लेकिन सरकार किसानों से 40 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से गेहूं खरीदेगी। इसमें भी मक्की के समान प्रति किसान से अधिकतम 20 क्विंटल तक गेहूं खरीदी जाएगी। इस विधि में किसान बिना रासायनिक कीटनाशकों और खादों का उपयोग किए जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और ब्रह्मास्त्र सहित अन्य जैविक घटकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके तहत बिलासपुर जिले से 50 मीट्रिक टन, चंबा से 60, हमीरपुर से 40, कांगड़ा से 190, मंडी से 195, सिरमौर से 105, सोलन से 95 और ऊना से 70 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएगी। शिमला और कुल्लू जिले से गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी, यहां गेहूं की बिजाई कम होती है। किसानों से गेहूं खरीदने के बाद सरकार इससे तैयार आटे की भी ब्रांडिंग कर लोगों को दो और पांच किलो की पैकिंग में बेचेगी। सरकार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं 40 रुपये प्रतिकिलो के रेट से खरीदेगी। इसके लिए पंजीकृत किसानों का चयन किया जाएगा। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्राकृतिक खेती में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह पहल शुरू की है। खरीफ सीजन से पहले किसानों बागवानों को झटका लग गया है। हिमफेड की ओर से किसानों बागवानों को दी जाने वाल एनपीके 16-16-16 उर्वरक इस बार मंहगे दामों पर उपलब्ध होगी। पहले एनपीके 16-16-16 की 50 किलो की बोरी 1375 रुपये में मिलती थी। अब किसानों बागवनों को इसके 1450 रुपये चुकाने होंगे। इसकी अधिकतर मांग सेब बहुल क्षेत्रों में होती है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के समान अनुपात होते हैं। हालांकि इस वर्ष से कैल्शियम नाइट्रेट प्लेन और बोरोनेटिड उर्वरक के दामों में गिरावट भी आई है। हिमफेड की ओर से प्रदेश भर में 84 स्टोर स्थापित किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 23 जिला शिमला में हैं।
दिल्ली-पंजाब-हरियाणा-यूपी को जाने वाली बसें होंगी कम हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़, दिल्ली व हरिद्वार को जाने वाली बसों का पहले चरण में युक्तिकरण होगा। इसकी फाइल तैयार कर ली गई है और एचआरटीसी ने इसका प्लान बना लिया है। आठ से दस रूटों को अभी फिलहाल चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से एक जैसे समय पर बसों को भेजा जाता है। आगे जाकर यह बसें मिल जाती हैं और फिर इनकी सवारियां बंट जाती है। इसका नुकसान पथ परिवहन निगम को हो रहा है, जिसे अब एचआरटीसी प्रबंधन दुरुस्त करने की तैयारी में है। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसकी शुरुआत बाहरी राज्यों यानी अंतर राज्यीय रूटों से की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो प्रदेश में प्रदेश के भीतर भी इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री से इस मामले में एचआरटीसी की बातचीत हुई है और सीएम ने कहा है कि निगम को घाटे से उभारने के लिए ऐसे अलग और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है, जिसे अब निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। निगम प्रबंधन के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादी के लिए जाने वाली बसों के रूटों की पूरी सूची तैयार की गई है। इसमें देखा जा रहा है कि ऐसे कितने जिले हैं जहां से एक ही समय में बसें चलती है। इन बसों को क्लब कर दिया जाएगा। धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा से एक ही समय में दिल्ली के लिए कई बसें चलती हैं। इन बसों में सवारियों की संख्या कुल सीटों के मुकाबले आधी भी नहीं होती। अब इन बसों को क्लब कर एक ही बस चलाई जाएगी। वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार,अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट व अंबाला सहित कई अन्य स्थानों को निगम की बसें निरंतर अंतराल में चल रही हैं। इसमें रूटों का परिवर्तन भी हो सकता है। पथ परिवहन निगम का कुल घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। इससे पहले एचआरटीसी के 275 के करीब घाटे के रूट निजी आपरेटरों को देने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी इनमें आधे से ज्यादा रूटों पर फैसला नहीं हो पाया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एचआरटीसी को 700 करोड़ रुपए का सालाना अनुदान दे रही है। एचआरटीसी में 27 श्रेणियों के लोगों को नि:शुल्क यात्रा दी जा रही है। एचआरटीसी के 31 डिपो और चार मंडल हैं। 3180 बसें हैं जो प्रतिदिन 5.60 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। 2684 रूट पर निगम की बसें सेवाएं देती हैं। निगम की दैनिक आय 2.25 करोड़ रुपए है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों का युक्तिकरण करने की तैयारी है। इसकी योजना बन चुकी है और अभी कुछ ऐसे रूट चिन्हित किए हैं, जहां के लिए अलग-अलग स्थानों से एक जैसे समय पर बसें जाती हैं। इनको क्लब किया जाएगा क्योंकि अभी लांग रूट की बसों में कमाई नहीं हो पा रही है। अपेक्षाकृत इनकम को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की नीतियों को अपनाया जा रहा है, लेकिन इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी।
हिमाचल प्रदेश में 22 व 23 जनवरी को मौसम खराब होगा। इस दौरान अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है, वहीं मैदानी इलाकों में बारिश होगी। तापमान में गिरावट से ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। शनिवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे, जिससे तापमान में भारी कमी आई है। प्रदेश के छह स्थानों का तापमान माइनस में पहुंच गया है। ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 11.9 डिग्री पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 22 व 23 जनवरी को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम का मिजाज बिगडऩे से अगले तीन से चार दिनों में तापमान ऐसा ही रहेगा, जिससे ठंड का दौर जारी रहने वाला है। इससे अगले दो दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी, जिससे लोगों को ठंड का एहसास होगा। 22 जनवरी को कुछ स्थानों पर शीतलहर चलेगी, जबकि 19 जनवरी को प्रदेश के कुछ एक जिलों में कोहरा पडऩे की पूरी संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में 24 जनवरी तक इसी तरह आसमान में बादल छाए रहेंगे। 24 जनवरी तक प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होगी, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ेगी।
हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि उनकी चालाकी से बचना आसान नहीं। इस बार उनका शिकार बने नीरज भारती, जो प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बेटे और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (CPS) हैं। ठगों ने उन्हें गोवा की एक फर्जी बुकिंग वेबसाइट के जरिए ₹1 लाख की चपत लगा दी। दरअसल,नीरज भारती ने हाल ही में गोवा यात्रा की योजना बनाई। उन्होंने ऑनलाइन ‘कारा विला रिसॉर्ट’ नामक एक जगह की बुकिंग की और एडवांस में ₹1 लाख का भुगतान किया। लेकिन बुकिंग के बाद जब उन्होंने रिसॉर्ट से संपर्क करने की कोशिश की, तो पता चला कि गोवा में इस नाम का कोई रिसॉर्ट है ही नहीं। उन्हें तुरंत समझ आ गया कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। नीरज भारती ने तुरंत छोटा शिमला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 418 और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी नहीं करवाने की लापरवाही अब महंगी पड़ गई है। प्रदेश में सस्ते राशन के वितरण में पारदर्शिता लाने को राशन कार्ड धारकों को पिछले कई सालों से ई-केवाईसी करवाने का मौका दिया जा रहा था। प्रदेश में इसके लिए लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन लाखों उपभोक्ताओं ने आदेशों को हल्के से लेते हुए ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिस कारण सरकार ने अब सख्ती दिखाते हुए प्रदेशभर में 2.65 लाख परिवारों के राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक कर दिया है। ऐसे में अब इन परिवारों को इस महीने से डिपुओं में सस्ता राशन मिलना बंद हो गया है। अब इन उपभोक्ता को ई-केवाईसी नहीं करने तक सस्ते राशन की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। हिमाचल में राशन कार्डों को लेकर रोजाना समीक्षा हो रही है। राशन कार्ड धारकों की तरफ से ई-केवाईसी ना करने पर हर रोज राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने की प्रक्रिया लगातार जारी है जिसकी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग निदेशालय फील्ड से रोजाना की रिपोर्ट ले रहा है। प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्ड अस्थाई तौर पर ब्लॉक होने के बाद राशन कार्ड की संख्या अब घटकर 17 लाख के करीब रह गई है। प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19.65 लाख के करीब थी। विभाग ने इन परिवारों को 31 दिसंबर तक हर हाल में ई-केवाईसी करने का आखिरी मौका दिया था, लेकिन राशन कार्ड धारकों ने इन आदेशों को भी पहले की तरह हल्के में लिया जिस कारण विभाग को मजबूरन 1 जनवरी से ई-केवाईसी न करवाने पर राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने का निर्णय लेना पड़ा है। ऐसे में पिछले 17 दिनों में प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया जा चुका है। ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले। ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड की स्थिति विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है इसलिए ई-केवाईसी काफी आवश्यक है, ताकि राशन कार्ड में दर्ज ऐसे सदस्यों के नामों को हटाए जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके। इस तरह से अगर कोई भी राशन कार्ड में इन सदस्यों की जानकारी को अपडेट करवाना चाहते हैं तो इसके लिए उनको ई-केवाईसी करवानी पड़ेगी। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह राठौर का कहना है "ई-केवाईसी नहीं करवाने पर 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया गया है। अब ऐसे राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी करने पर ही डिपुओं में सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम के करवट बदलने की संभावना है। राज्य के कई भागों में आज से आगामी सात दिनों तक बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। वहीं राज्य के पांच स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। कई भागों में लोगों को शीतलहर का सामना करना पड़ रहा है। शिमला सहित आसपास भागों में आज सुबह से हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। उधर, बीते दिनों हुई बर्फबारी से किन्नाैर चंबा व लाहाैल-स्पीति जिले में अभी भी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। लाहाैल-स्पीति जिले में कई सड़कें अभी भी ठप हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 18 से 21 व 24 जनवरी को मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि 22 व 23 जनवरी को राज्य के कई स्थानों पर बारिश-बर्फबारी होगी। वहीं निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राज्य में अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद अगले 3-4 दिनों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 4-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं। दो दिनों बाद राज्य के कई हिस्सों में धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। शिमला में न्यूनतम तापमान 6.5, सुंदरनगर 5.2, भूंतर 2.5, कल्पा -1.8, धर्मशाला 4.0, ऊना 3.8, नाहन 7.0, केलांग -9.5, पालमपुर 5.0, मनाली 2.1, कांगड़ा 7.5, मंडी 6.1, बिलासपुर 6.6, हमीरपुर 6.4, चंबा 5.3, डलहाैजी 6.7, जुब्बड़हट्टी 6.4, कुफरी 4.6, कुकुमसेरी -5.9, नारकंडा 1.1, भरमाैर 3.3, रिकांगपिओ 1.5, बरठीं 5.5, समदो -7.3, कसाैली 7.9, सराहन 0.2, ताबो -11.9 व बजाैरा में 1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में कार्यरत 53 ग्रेड-2 अधीक्षकों के तबादले स्कूलों, जिला उपनिदेशक, ब्लॉक कार्यालयों और डाइट में कर दिए हैं। पांच दिन के भीतर सभी अधिकारियों को नए स्थानों पर पद ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ और गैर-शिक्षक कर्मचारी महासंघ ने उच्च शिक्षा निदेशालय के इस आदेश का विरोध किया है। महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह मेहता और महासचिव मनीष गुलेरिया ने इस निर्णय को अनुचित बताते हुए कहा कि इससे कर्मचारियों के अधिकारों और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधीक्षक ग्रेड-2 के स्थानांतरण से कर्मचारियों की दक्षता और कार्यशैली बाधित होगी। इससे महाविद्यालयों की प्रशासनिक संरचना और शैक्षिक प्रक्रियाएं कमजोर पड़ेंगी। विशेष रूप से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में संचालित महाविद्यालयों में इस निर्णय का प्रभाव शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। कुछ महाविद्यालयों में जहां 150 के लगभग शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या है और 3,000 से 4,000 तक छात्रों का नामांकन है, वहां इस आदेश से प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों की भारी कमी हो सकती है। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इन महाविद्यालयों में ग्रेड वन का कार्य केवल अधीक्षक को सुपरवाइज़ करने तक सीमित है और ग्रेड वन पर पदोन्नति तब होती है जब कर्मचारी सेवानिवृत्ति के पास होते हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि इन स्थानांतरण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। महासंघ ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी वर्ग ने सरकार को गुमराह कर यह आदेश जारी करवाया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों और उनकी गरिमा को नकारना है। महासंघ का कहना है कि इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है और उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनकी जिम्मेदारियां और महत्व कम कर दिए गए हैं।
हिमाचल में सीमेंट के दामों में एक बार फिर पांच रुपए की वृद्धि हो गई है। सीमेंट कंपनियों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। प्रमुख सीमेंट कंपनियां अंबुजा, एसीसी और अल्ट्राटेक ने प्रति बैग पांच रुपये कीमतें बढ़ा दीं। इससे भवन निर्माण कर रहे लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। बिलासपुर में एसीसी सीमेंट की फैक्ट्री होने के बावजूद यहां सीमेंट अन्य जिलों के मुकाबले महंगा बिक रहा है। एसीसी सीमेंट विक्रेता पवन बरूर ने बताया कि ऊना और हमीरपुर की तुलना में बिलासपुर में दाम अधिक हैं, जबकि इन जिलों का परिवहन खर्च ज्यादा है। कुछ ट्रक मालिक सीमेंट ऊना और हमीरपुर के लिए लोड कर यहीं बेच देते हैं, जिससे स्थानीय डीलरों को नुकसान हो रहा है। एसीसी सुरक्षा का दाम पहले 440 रुपए प्रति बैग था, जो अब 445 रुपए हो गया है। एसीसी गोल्ड का दाम 485 से बढ़कर 490 रुपये हो गया है। अंबुजा सीमेंट के विक्रेता रोहित ने बताया कि अब दाम 455 से बढ़कर 460 रुपए प्रति बैग कर दिए हैं। 18 दिसंबर को कंपनी ने डीलरों के डिस्काउंट बंद कर दिए थे, जिस कारण पहले ही कीमतों में 15 से 20 रुपए प्रति बैग का इजाफा हो चुका था।
ऊना: युवा पीढ़ी इन दिनों नशे के जाल में फंसती जा रही है। नशा देवभूमि हिमाचल में अपनी जड़े जमा चुका है। कई युवा इसकी चपेट में आकर अपना जीवन बर्बाद कर चुके हैं। पुलिस नशा तस्करों पर समय समय पर कार्रवाई करती है, लेकिन ये प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं। ताजा मामले में ऊना पुलिस के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने ड्रग्स की भारी मात्रा के साथ एक युवक को पकड़ने में सफलता हासिल की है।आरोपी की पहचान 26 वर्षीय नितिन कुमार के रूप में की गई हैं। आरोपी को मलाहत गांव के पास प्राइमरी स्कूल के पास स्थित ओपन एयर जिम से 80.50 ग्राम चिट्टे के साथ काबू किया गया है। जिला पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को इस साल की अब तक की सबसे बड़ी खेप के साथ पकड़ा है।पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। ड्रग्स की रिकवरी करने के तुरंत बाद आरोपी के घर की भी पुलिस ने तलाशी ली थी। आरोपी ड्रग्स की ये खेप पंजाब के होशियारपुर से लेकर आया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। एसपी ऊना राकेश सिंह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर भी ये पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि किन लोगों को ये व्यक्ति चिट्टे की सप्लाई करता था। इसके साथ ही पंजाब पुलिस से संपर्क करके पता लगाया जाएगा कि आरोपी इतनी ज्यादा ड्रग्स किसके पास से लेकर आया था और इसका मुख्य सप्लायर कौन है, जिसके चलते इसके सप्लायर को भी सलाखों के पीछे धकेला जाएगा। पकड़े गए आरोपी के साथ-साथ उसके सप्लायर की भी संपत्तियों की जांच करवाई जाएगी, ताकि नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
** ग्रीष्मकालीन स्कूलों में होगी शुरुआत हिमाचल में अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे। चालू शैक्षणिक सत्र मार्च 2025 में प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों से इसकी शुरूआत होगी। शीतकालीन स्कूलों में अगले वर्ष से यह व्यवस्था लागू होगी। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के संशोधित निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 को प्रदेश में सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। परीक्षा पास करने में असफल रहे विद्यार्थियों को आवश्यक अंक प्राप्त करने को एक और मौका दिया जाएगा। दूसरी बार भी जो विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं करेगा, उसे फेल कर दिया जाएगा। बुधवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को इस संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है। बीते दिसंबर में केंद्र ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है। केंद्र के फैसले के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी को हिमाचल सरकार ने भी बंद कर दिया है। देश में नो डिटेंशन पॉलिसी का फैसला लागू होने के बाद से हिमाचल इसका विरोध कर रहा है। साल 2019 में हिमाचल सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में बिना परीक्षा पास किए बच्चों को पास नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन इस फैसले को सख्ती से लागू नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार ने शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नो डिटेंशन पाॅलिसी को समाप्त कर दिया है। चालू शैक्षणिक सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर जांची जाएंगी। अभी तक की व्यवस्था के तहत इन दोनों कक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र तो स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं को आसपास के स्कूलों में ही जांचा जाता है। अब पांचवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को ब्लॉक और आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को क्लस्टर स्तर पर जांचा जाएगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बीते रोज बुधवार को धूप खिली रही। वहीं, 16 जनवरी को सुबह राजधानी शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों को गुरुवार सुबह से ही कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने 16 जनवरी को प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं, अगले 3 से 4 दिनों तक अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है। वहीं, कुफरी, नारकंडा में गुरुवार सुबह से बर्फबारी शुरू हो गई है जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा , प्रदेश में बीती रात से मौसम ने करवट बदली है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है। आगामी दो दिनों तक प्रदेश में मौसम इसी तरह से खराब बना रहेगा। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। बीते रोज बुधवार को ताबो प्रदेश का सबसे अधिक ठंडा स्थान रहा। ताबो का तापमान -13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, ताबो का अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश में ऊना सबसे गर्म रहा। ऊना का अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा ऊना का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा शिमला का न्यूनतम तापमान 4.2, मनाली का -0.6, कुफरी का 2.2, भरमौर का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हिमाचल प्रदेश में आज बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आ सकता है, जिससे 21 जनवरी तक मौसम खराब रहने की उम्मीद है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कोहरे और ऊंचाई वाले इलाकों में शीतलहर से ठंड में इजाफा हो गया है। मंगलवार रात को राज्य के छह स्थानों पर रात का तापमान माइनस में दर्ज हुआ। बुधवार को राजधानी शिमला और राज्य के अन्य हिस्सों में धूप खिली रही, लेकिन आगामी दिनों में मौसम फिर से करवट ले सकता है। इसके साथ ही तीन दिन बाद अटल टनल रोहतांग से बस सेवा फिर से शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को राहत मिली है, क्योंकि पहले यात्रा में 10 किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी होती थी, अब यह दूरी केवल 5 किलोमीटर रह गई है। इसके अलावा, औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 पर भी निगम की बसें घियागी के बजाय सोझा तक चलने लगी हैं। प्रदेश के निचले पहाड़ी और मैदानी इलाकों, जैसे बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में बुधवार को सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा छाया रहा। वीरवार को इन क्षेत्रों में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 16 से 21 जनवरी के बीच मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3-4 दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी और शिमला जिलों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
** आठ दिन में एसी और स्लीपर कोच पैक प्रयागराज महाकुंभ के लिए शुक्रवार से ऊना से विशेष ट्रेन चलेगी। महाकुंभ जाने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। आठ दिन में ही एसी थ्री टियर और स्लीपर के पांच कोच पैक हो गए हैं। 23 फरवरी तक छह ट्रेनों के इन डिब्बों में वेटिंग चल रही है। अप और डाउन दोनों ओर के डिब्बे पैक हो गए हैं। अब टिकट कन्फर्म करने के लिए लोग वेटिंग में हैं। इन डिब्बों में 17, 20, 25 वेटिंग है। ऊना रेलवे स्टेशन में टिकट बुक करवाने पहुंच रहे यात्री अब खाली हाथ लौट रहे हैं। वहीं सामान्य के दस डिब्बों के लिए शुक्रवार को ट्रेन चलने से दो घंटे पहले यानी शाम 8:00 बजे के बाद टिकट मिलेगी। महाकुंभ के लिए लोगों के रुझान को देखते हुए शुक्रवार को टिकट काउंटरों के बाहर लोगों की भारी भीड़ रहने की संभावना है। उत्तर रेलवे ने 2 जनवरी को ऊना से प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली ट्रेनों का शेड्यूल जारी किया था। छह दिन बाद रिजर्व डिब्बों के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हुई। आठ दिन में रिजर्व डिब्बे बुक हो गए। स्लीपर कोच का किराया 620 रुपये और एसी थ्री- टियर का किराया 1670 रुपये है। 17 डिब्बों के साथ स्पेशल ट्रेन का संचालन होगा। इसमें एसी थ्री टियर का एक, स्लीपर के पांच, सामान्य के दस और दो डिब्बे गार्ड एवं लगेज के होंगे। महाकुंभ के लिए शुक्रवार को अंब-अंदौरा रेलवे स्टेशन से पहली विशेष ट्रेन 04528 नंबर से रात 10:05 बजे चलेगी। ऊना रेलवे स्टेशन में रात 10:30 बजे ट्रेन पहुंचेगी। पांच मिनट स्टॉपेज के बाद रात 10:30 बजे प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेन रवाना होगी। प्रयागराज के फाफामऊ जंक्शन में अगले दिन शनिवार शाम 06:00 बजे पहुंचेगी। शनिवार रात 10:30 बजे फाफामऊ जंक्शन से ट्रेन ऊना आएगी। रविवार शाम 5:50 बजे ऊना के अंब- अंदौरा रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। रेलवे की ओर से इसी निर्धारित समय पर ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। दूसरी ट्रेन ऊना से 20 जनवरी, प्रयागराज से 21 जनवरी को चलेगी। तीसरी ट्रेन ऊना से 25 जनवरी और प्रयागराज से 26 जनवरी को चलेगी। चौथी ट्रेन ऊना से 09 फरवरी, प्रयागराज से 10 फरवरी, पांचवीं ट्रेन ऊना से 15 फरवरी और प्रयागराज से 16 फरवरी को रवाना होगी। छठी और अंतिम ट्रेन ऊना से 23 फरवरी को चलेगी और प्रयागराज से वापसी में 24 फरवरी को आएगी। ये होंगे स्टॉपेज ऊना के अंब अंदौरा से स्पेशल ट्रेन चलेगी। ऊना में पांच मिनट का स्टॉपेज होगा। इसके बाद नंगल डैम, आनंदपुर साहिब, रूप नगर, मोरिंडा, चंडीगढ़, अंबाला कैंट, यमुनानगर जगाधरी, सहारनपुर, रुड़की, नजीबाबाद, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, लखनऊ, राय बरेली में स्टॉपेज होगा। इस दौरान स्टॉपेज पर ट्रेन दो, पांच और दस मिनट रुकेगी। प्रयागराज के फाफामऊ जंक्शन तक विशेष ट्रेन जाएगी।
** प्रदेश में लोहड़ी के अवसर पर कड़ाके की ठंड शिमला: इन दिनों उत्तर भारत समेत हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोहड़ी के पर्व पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। हाल ही में निचले पहाड़ी इलाकों और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी से तापमान में यह गिरावट आई है। मौसम विभाग ने 14 और 15 जनवरी को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, 16 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिसके कारण प्रदेश में मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। इस दौरान, मध्यम और ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यह पश्चिमी विक्षोभ 19 जनवरी तक सक्रिय रहेगा। हालांकि, निचले पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मंडी, बिलासपुर, ऊना और अन्य जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। बीते 24 घंटों में, मंडी जिले के सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, स्पीति घाटी के कुकुमसेरी में प्रदेश का सबसे कम तापमान -12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य प्रमुख स्थानों पर तापमान इस प्रकार रहा: शिमला 2.4 डिग्री सेल्सियस, मनाली -1.1, भरमौर 0.3, कुफरी -0.8, पालमपुर 1.0, केलांग -8.7, बिलासपुर 5.4 और ऊना 3.6 डिग्री सेल्सियस।
** प्रदेश में चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए तैयार होगा मास्टर प्लानः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 प्रतिशत राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने तथा मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर तथा जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवाल के आयोजन को अधिसूचित करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डॉ. पंकज ललित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 72 मैगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनका कार्य शीघ्र ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 325 मैगावाट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार राज्य की 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे तथा इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावाट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल, 2024 को जनता को समर्पित किया गया था तथा अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक साढ़े छः महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, जबकि 10 मैगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ बनाने की दिशा में प्रयासरत है ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के दोहन से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं को फरवरी माह राहत भरा रहने वाला है। केंद्र से सस्ते राशन का आवंटन हो गया है जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भी फरवरी महीने में सरकारी डिपुओं के माध्यम से APL परिवारों को दिए जाने वाला आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी है। राहत की खबर ये है कि सरकार ने प्रदेशभर में 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में फरवरी महीने में भी APL परिवारों को 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड मिलेगा। प्रदेश में अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को डिपुओं में मिलने वाले आटे और चावल की दी जाने वाली मात्रा में कोई कट नहीं लगा है। वहीं, इससे पहले हिमाचल में हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता था, लेकिन 17 महीनों से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। केंद्र से राशन का आवंटन होने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में डिपुओं के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी गई है। एपीएल परिवारों को आबादी के आधार पर 20 हजार 286 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हुआ है। इसमें 14 हजार 131 मीट्रिक टन गेहूं और 6,155 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को जनवरी महीने के आखिर में परमिट जारी किया जाएगा ताकि डिपुओं में फरवरी के पहले ही सप्ताह से सस्ता राशन उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। इसमें कुल एपीएल कार्डधारकों की संख्या 12 लाख 24 हजार 448 है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसमें एपीएल टैक्स पेयर कार्डधारकों की कुल संख्या 72 हजार 445 है। वहीं, 11 लाख 52 हजार 3 नॉन टैक्स पेयर एपीएल कार्ड धारक हैं। हिमाचल में एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44 लाख 19 हजार 312 बनती है, जिसमें नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों की आबादी 41 लाख 26 हजार 583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2 लाख 92 हजार 729 है जिन्हें अगले महीने डिपुओं के माध्यम से 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा, फरवरी महीने के लिए राशन का आवंटन किया गया है। अगले महीने एपीएल परिवारों को पहले की तरह 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति कार्ड दिया जाएगा।
ऊना के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) महेंद्र पाल गुर्जर ने सोमवार को नवगठित नगर निगम ऊना के प्रथम आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला। इस अवसर पर उन्होंने आयुक्त के तौर पर अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करते हुए कहा कि नए नगर निगम के वार्डों की पहचान, वार्डबंदी, और मतदाता सूचियों की तैयारी प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी, ताकि निगम के चुनाव समय पर और सुचारू रूप से संपन्न हो सकें। गुर्जर ने कहा कि नगर निगम का संचालन मानक प्रक्रियाओं के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए अभी से कार्य आरंभ कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करना, सीवरेज से संबंधित समस्याओं का समाधान, और शहर के सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बरसात के दौरान शहर में पानी निकासी से जुड़ी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए गहन विचार-विमर्श कर एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी। उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर को सरकार द्वारा नगर निगम ऊना के प्रथम आयुक्त के रूप में अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। इस संबंध में शुक्रवार देर सायं अधिसूचना जारी की गई थी।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीन कॉरिडोर में सरकार ने 41 और इलैक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दे दी है। हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है उसके लिए सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हाई पावर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि ग्रीन कॉरिडोर में अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक 23 स्टेशन बना दिए गए हैं, लेकिन इस साल 41 और स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही हिमाचल में पेड़ कटान पर पहले से प्रतिबंध है और अभी सरकार ने कुछ और प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर भी रोक लगाई है।सरकार ऐसे काम करना चाहती है, जिससे प्रदूषण न हो और हिमाचल ग्रीन स्टेट के रूप में जाना जाए। इससे हिमाचल को ग्रीन बोनस मिलने में भी आसानी होगी। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि जियो, बीपी कंपनी मंडी-जोगिंद्रनगर-पठानकोट के साथ कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बना रही है। ईवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी परवाणू-ऊना-संसारपुर टैरेस-नूरपुर और परवाणू- शिमला-रिकांगपिओ-लोसर ग्रीन कॉरिडोर पर इस कार्य को कर रही है। इलेक्ट्रो वेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कोरिडोर को विकसित करने का काम करेगी। दोनों चयनित कंपनियां 75 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज मनी के रूप में सरकार को देगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो कंपनियों के साथ चार ग्रीन कोरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया था। प्रदेश में अभी ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या 23 है, जो दिसंबर महीने तक बढक़र 64 हो जाएगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में सरकार ने कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया था। हाई पावर कमेटी की बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जो भी औपचारिकताएं हैं, उन्हें जल्द पूरा करें। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम भी प्रदेश के सभी बस अड्डों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। उसने कुछ नए बस अड्डों पर इसकी सुविधा तैयार कर ली है। इसके लिए एचआरटीसी को नाबार्ड के तहत 100 करोड़ मंजूर हुए हैं। अभी शिमला, धर्मशाला, कुल्लू सहित कुछेक स्थानों पर ही इवी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा है, क्योंकि एचआरटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़ी संख्या में आने वाले दिनों में शामिल होंगे, लिहाजा उनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी सभी स्थानों पर चाहिए। फिलहाल ग्रीन कोरिडोर में लगभग सभी जगहों पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने प्रदेशवासियों को कड़ी ठंड का सामना कराया। मौसम विभाग के अनुसार, 13 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना है, लेकिन 15 जनवरी से फिर से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में गोंडला में 6 सेंटीमीटर, कोठी, खदराला और नशल्लारू में 5 सेंटीमीटर, जोत और भरमौर में 4 सेंटीमीटर, हंसा में 2.5 सेंटीमीटर, कुफरी में 2 सेंटीमीटर, कल्पा में 0.8 सेंटीमीटर और कुकमसेरी में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। शिमला के सराहन में 18.1 मिलीमीटर, रोहड़ू में 15 मिलीमीटर, पच्छाद में 5.1 मिलीमीटर और मनाली में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 13 और 14 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, लेकिन 14 जनवरी रात से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद 15 जनवरी से प्रदेश के ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, निचले इलाकों में इसका असर कम रहेगा। प्रदेश में 12 जनवरी को सिरमौर जिले के धौला कुआं में 15.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि लाहौल-स्पीति का ताबो -5.2 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
हिमाचल में मौसम ने फिर करवट बदली है। एक सप्ताह बाद प्रदेश का मौसम बिगड़ा है। नारकंडा और कुफरी समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शनिवार रात को बर्फबारी हुई है। इससे देश-विदेश से यहां घूमने के लिए आने वाले सैलानी चहक उठे हैं। बर्फबारी के कारण एनएच 5 पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई है। इस वजह से एनएच पर बसों की आवाजाही बंद रही। इसके अलावा चौपाल मार्ग भी बंद है। सड़कों को खोलने का कार्य जारी है। मौसम में आए अचानक बदलाव से शनिवार रात को चंबा के प्रसिद्द पर्यटन स्थल डलहौजी के लक्कड़मंडी, डायन कुंड और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हुई। रविवार कि सुबह बर्फ की सफेद चादर देख पर्यटक भी खुशी से झूम उठे। इस ताजा बर्फबारी से पर्यटन व्यवसायी भी खुश हैं। इस बर्फबारी से समूचा क्षेत्र ठंड की चपेट में हैं। वहीं, लाहौल सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर शनिवार को बर्फबारी हुई, मैदानों में कोहरा छाया रहा। इससे प्रदेश में ठंड में इजाफा हुआ है। शनिवार को बदले मौसम के बीच अधिकतम पारे में शुक्रवार के मुकाबले आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई। रविवार को बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी के कई क्षेत्रों में शनिवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। रविवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। ऊना में शनिवार को ट्रेनें ढाई से तीन घंटे देरी से पहुंचीं। मैदानी जिलों में सुबह 11 बजे के बाद धूप खिली। अपराह्न चार बजे फिर कोहरा छा गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 13 से 16 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। 17 को फिर बारिश- बर्फबारी के आसार हैं। लाहौल में रुक-रुक कर बर्फबारी होती रही। इससे कुल्लू से लेकर लाहौल तक ठंड व शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजम दर्रा, बारालाचा, शिंकुला व जलोड़ी दर्रा में फाहे गिरने से तापमान में कमी आई है। सोलंगनाला से आगे पर्यटक वाहनों के जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। फोर बाई फोर वाहनों को ही जाने की अनुमति है। ऊना में शनिवार को ट्रेन नंबर 19307 तीन घंटे और दिल्ली एक्सप्रेस ढाई घंटा देरी से ऊना स्टेशन पहुंची। 12 जनवरी को मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश-बर्फबारी व निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
**नशा तस्करी के मामले में पिछले दशक में 340 प्रतिशत की वृद्धि, स्थिति गंभीर हिमाचल सरकार ने पिछले तीन सालो में प्रदेश में नशा तस्करी करने वाले तस्करों की 16 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया है। हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे नशा तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। पिछले एक दशक में तो बढ़ रहे इन मामलो में 340 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आयोजित ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सम्मेलन में नादौन से आभासी माध्यम से भाग लिया और बढ़ते नशे के संकट से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रतिबद्धता पर बल दिया। सम्मेलन में नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में 340 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2012 में लगभग 500 मामलों से बढ़कर वर्ष 2023 में 2,200 मामले हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, हेरोइन से जुड़े मामलों का प्रतिशत भी दोगुना हो गया है, जो वर्ष 2020 में 29 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 50 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने सिंथेटिक दवाओं की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया, जोकि दुष्प्रभावी होने के साथ-साथ इसकी रासायनिक संरचना के कारण नियंत्रित करना भी कठिन है। उन्होंने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में, जो अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध और आतंकवाद का कारण बनती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बढ़ा खतरा पैदा करती है। उन्होंने कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और न्यायिक सुधारों के समन्वयन से मादक पदार्थों को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश की बहुआयामी रणनीति को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नशे की लत से पीड़ित लोग स्वभाव से अपराधी नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘हमारा दृष्टिकोण दंडात्मक उपायों से आगे बढ़कर मज़बूत पुनर्वास ढांचा विकसित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य विधायिका ने एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 37 में संशोधन किया है, ताकि आदतन अपराधियों को जमानत हासिल करने की अनुमति देने वाली कानूनी खामियों को दूर किया जा सके। इस संशोधन से कानूनी ढांचा मज़बूत हुआ है, जिससे यह अधिक कठोर और निवारक बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम को राज्य में लागू करने के बाद अवैध तस्करी की रोकथाम शुरू कर दी गई है। यह अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में लगातार शामिल अपराधियों को हिरासत में लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सार्वजनिक हितों की रक्षा होती है। ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले तीन वर्षों में 16 करोड़ रुपये की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति जब्त की है, जिसमें पिछले वर्ष जब्त किए गए 9 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य मादक पदार्थों और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए समर्पित एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन करने जा रहा है, जिसके पास विशेष संसाधन, स्वायत्तता और समर्पित पुलिस स्टेशन होंगे, ताकि नशीले पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ अभियान तेज़ किया जा सके। मुख्यमंत्री ने खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभियानों को मज़बूत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग के महत्व पर, खासकर सीमा पार नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों और केंद्र सरकार के साथ सहयोग क्षेत्रीय सीमाओं पर सक्रिय तस्करी नेटवर्क को खत्म करने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के अटूट समर्थन, हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्पण और पुनर्वास के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ, हम एक नशा मुक्त राज्य बना सकते हैं। हम सब मिलकर शांति, सद्भाव और सुरक्षा के मूल्यों की रक्षा करेंगे, जिन्हें हिमाचल प्रदेश ने हमेशा कायम रखा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते दिन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा विभाग व अन्य उपक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड को और अधिक दक्ष व व्यावसायिक बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। बोर्ड की गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए नवोन्वेषी प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा उपभोक्ताओं की केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2025 निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने सम्पन्न विद्युत उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक तौर पर सब्सिडी छोड़ने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए । उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली। बैठक में विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
** एक वर्ष में प्राकृतिक खेती पद्धति से जोड़े जाएंगे एक लाख किसान परिवार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में प्राकृतिक खेती से गेहूं व मक्की उगाने वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि विभाग के सभी फार्म को सिर्फ प्राकृतिक खेती पद्धति से ही खेती करने के लिए विकसित किया जाएगा। आगामी वर्ष से इन सभी में प्राकृतिक खेती की जाएगी। यहां प्राकृतिक खेती करने के लिए बीजों का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं व मक्का के भंडारण के लिए हाई एंड तकनीक से भंडारण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में एक लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। उन्होंने हमीरपुर के ताल में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का विकास खंड के आधार पर डेटा तैयार किया जाए और इसे हिम परिवार से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दौरान यदि फसल किसी बीमारी से ग्रसित होती है तो उसका उपचार भी प्राकृतिक पद्धति से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बीजों का प्रमाणीकरण करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दृष्टिगत भूमि व बीज की जांच के लिए प्रदेश में हाई-एंड प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने को विशेष अधिमान दे रही है। इसी दिशा में नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हल्दी व अदरक के प्रसंस्करण के लिए प्रसंस्करण संयंत्र खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर मंे डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे ताकि प्रदेश के युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती पद्धति के उत्पादों के प्रभावी विपणन के लिए ई-कामर्स वेबसाइट से समन्वय करने के निर्देश भी दिए। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि प्रदेश मे खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 3989 क्विंटल मक्का की खरीद की गई है तथा आगामी रबी सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 8050 क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव कृषि सी पालरासु, निदेशक डिजीटल प्रौद्योगिकी एवं नवाचार डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक कृषि कुमुद सिंह, कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उद्योगों के लिए बंद हुई एक रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी पर कोई राहत नहीं दी है। अदालत ने उद्योगों की ओर से अंतरिम राहत के लिए दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब उद्योगों को बढ़े हुए बिजली बिल चुकाने होंगे। मुख्य याचिका अभी अदालत में लंबित है। इस मामले पर मार्च में सुनवाई होगी। उद्योगों की ओर से हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। दलीलों में कहा था कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिना सोचे-समझे राज्य सरकार की ओर से जारी सब्सिडी बंद करने की अधिसूचना को लागू कर दिया। टैरिफ में सिर्फ साल में एक बार ही संशोधन किया जा सकता है, जबकि सब्सिडी को बिना टैरिफ संशोधन के बदलाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने अदालत से सरकार की ओर से 3 मार्च 2024 को जारी अधिसूचना को वापस लेने की गुहार लगाई थी। वहीं सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार को किसी भी समय सब्सिडी वापस लेने का अधिकार है। राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने कहा कि टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ सरकार की ओर से जारी सब्सिडी को वापस लिया गया है। उद्योगों का विवाद जारी किए गए बिल से है। बता दें कि एकल जज ने राज्य सरकार की ओर से उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद करने के निर्णय को सही ठहराया था। सरकार ने उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया था। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में स्थापित करीब 200 कंपनियां प्रभावित हुई हैं।
हिमाचल सरकार ने प्रचार और प्रसार के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना के तहत 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। भारत सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए जारी निर्देशों पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस बाबत राजपत्र में अधिसूचना जारी की। पर्यावरण को बचाने के लिए पेडों पर बैनर लगाने पर कार्रवाई के प्रति चेताया गया है। डिजिटल होर्डिंग को बढ़ावा देने का आग्रह भी किया गया है। सरकारी योजनाओं, विभागों के शिक्षाप्रद बैनर 200 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। सरकारी कार्यक्रम के लिए बैनर 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के कटआउट 200 माइक्रोन, चुनावी रैली के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। निजी विज्ञापन 30 दिनों के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं, 30 दिन से अधिक के लिए 200 माइक्रोन से कम नहीं होना चाहिए। बैनर और होर्डिंग स्थानीय निकाय की मंजूरी से ही लगाए जाएंगे। फ्लेक्स हटाने के बाद स्थानीय निकाय को रिसाइक्लिंग के लिए देना अनिवार्य होगा। बैनर पर विभाग का नाम, अवधि, प्रिंटर का नाम प्रकाशित करना होगा। केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग जुर्माना वसूल सकेगा।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में बदलाव आने का पूर्वानुमान है। इसके चलते कई क्षेत्रों में दो दिनों तक शीतलहर चलने का पूर्वानुमान भी है। 13 जनवरी से प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस दौरान धूप खिलने से तापमान में और बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है। शुक्रवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। प्रदेश के मैदानी जिलों में शुक्रवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के कारण ऊना में दो ट्रेनें और कालका-शिमला ट्रेन ढाई घंटे देरी से चली। हरियाणा में कोहरा पड़ने से कालका तक आने वाली शताब्दी ट्रेन तय समय से लेट पहुंची। इस कारण कालका से शिमला की ओर से आने वाली ट्रेन भी देरी से चली। ऊना तक भी कोहरे के चलते ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उधर, जिला कुल्लू व लाहौल में शुक्रवार को मौसम साफ रहा। घाटी में बड़ी संख्या में सैलानी बर्फ का दीदार के लिए पहुंच रहे हैं। केलांग से मनाली-कुल्लू से केलांग के लिए अटल टनल रोहतांग होकर 13 दिन बाद बस सेवा शुरू हो गई है। मौसम को देखते हुए प्रशासन ने सैलानियों को संवेदनशील इलाकों की ओर न जाने की अपील की है। शुक्रवार को धर्मशाला में अधिकतम तापमान 22.0, मंडी में 21.3, भुंतर में 20.6, सुंदरनगर में 19.3, कांगड़ा-हमीरपुर में 18.7, बिलासपुर में 18.0, शिमला में 17.0, ऊना में 15.6, मनाली में 14.6, नाहन में 11.9 और कल्पा में 9.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर के कई क्षेत्रों में भी शुक्रवार सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। इन क्षेत्रों में दोपहर 12 बजे के बाद धूप खिली। शाम चार बजे के बाद दोबारा कोहरा छा गया। शनिवार को बारिश और बर्फबारी की संभावना के चलते कोहरा पड़ने से कुछ राहत मिल सकती है।
** शिमला समेत हिमाचल में बारिश और बर्फबारी की संभावना हिमाचल प्रदेश में 11 और 12 जनवरी को बारिश और बर्फबारी की संभावना है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और शिमला में बर्फबारी जबकि निचले इलाकों में बारिश हो सकती है। शिमला, मनाली और नारकंडा में भी बर्फबारी की उम्मीद है। आज मौसम साफ रहेगा, लेकिन मैदानी इलाकों में शीतलहर और कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक का संदीप ने कहा कि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में मौसम साफ बना हुआ है हालांकि मैदानी इलाकों सोलन बिलासपुर मंडी के कुछ एक इलाकों में कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है और शनिवार को इन इलाकों में शीतलहर की चेतावनी भी है। मौसम विभाग ने कहा कि 11 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी छात्रों तक गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि सभी स्तरों पर अध्यापकों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। रोहित ठाकुर गत दिवस यहां नव नियुक्त प्रशिक्षित स्नातकों के लिए 15 दिवसीय प्रेरणा प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस 15 दिवसीय नव नियुक्त स्नातक प्रशिक्षिण कार्यक्रम में प्रदेश के सभी ज़िलों के बैचवाईज भर्ती के माध्यम से नव नियुक्त 81 प्रशिक्षित स्नातक कला तथा 33 प्रशिक्षित स्नातक विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र की योजनाओं को अध्यापकों के सहयोग से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का प्रशिक्षण जहां उन्हें तकनीक एवं पाठ्यक्रम की नवीनतम जानकारी प्रदान करता है वहीं शिक्षा विभाग की योजनाओं से अवगत भी करवाता है। उन्होंने सभी शिक्षकों का आह्वान किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राप्त ज्ञान को विद्यार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने आशा जताई कि प्रशिक्षण कार्यक्रम नव नियुक्त अध्यापकों के ज्ञानवर्धन में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्रामीण बैंक में अंशकालिक कर्मियों के रूप में काम करने वालों पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि कर्मचारियों को बैंक नौकरी से नहीं निकाल सकता है। प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने वर्ष 29 मार्च 2019 में ग्रामीण बैंक में पार्ट टाइम काम करने वाले वर्करों को निकालने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद ग्रामीण बैंक ने कुछ कर्मचारियों को सेवाओं से हटा दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में आवेदन दायर किया गया, जिसमें कहा कि अदालत की रोक के बाद भी अंशकालिक कर्मियों को हटाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आवेदन का निपटारा करते हुए बैंक कर्मियों को नहीं निकालने के आदेश दिए हैं। अगर कोई अधिकारी ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं, हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सेली प्रोजेक्ट मामले में अपफ्रंट प्रीमियम समय पर जमा न करने में जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को अदालत के रिकॉर्ड में लाया जाए। उधर, हिमाचल सरकार की ओर से शुक्रवार को महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अगली सुनवाई से पहले इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेली प्रोजेक्ट का 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम जमा न करने पर अधिकारियों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार को 29 करोड़ रुपए अतिरिक्त जमा करने पड़े। अफसरों की लापरवाही से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ, इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस मामले की सुनवाई अब मार्च में होगी। हाईकोर्ट ने छह न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर यजुविंद्र सिंह को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय-2 शिमला बदला गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर हरमेश कुमार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर, वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नेहा दहिया को पदोन्नति के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर के पद पर नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ सीनियर सिविल जज पालमपुर उपासना शर्मा को वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नाहन, जिला विधिक न्यायिक प्राधिकरण शिमला के सचिव उमेश वर्मा को वरिष्ठ सिविल जज शिमला में नियुक्ति दी गई है। एकांक्ष कपिल को सिविल जज द्वितीय ग्रेड के पद से पदोन्नत कर वरिष्ठ सिविल जज यानी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर दो में नियुक्त किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूचियों में व्यापक फेरबदल होने वाला है। अप्रैल से शुरू होने वाले बीपीएल सर्वेक्षण में कोठियों और गाड़ियों वाले कई परिवार सूचियों से बाहर होंगे। सूचियों में बदलाव के लिए ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग की ओर से तैयार किए गए दिशा-निर्देशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। बीपीएल चयन में फर्जीवाड़ा पकड़ने का दायित्व एसडीएम और बीडीओ की दो सदस्यीय कमेटी को सौंपने की व्यवस्था की गई है। बीपीएल परिवारों की आय सीमा 2500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 12,500 रुपये मासिक करने का फैसला लिया गया है। सरकार ने महिला मुखिया वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके मुखिया की विकलांगता 50 फीसदी या इससे अधिक है, ऐसे परिवार जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है और ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या थैलेसीमिया से पीड़ित हैं या जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है, ऐसे सभी परिवार बीपीएल सूची में शामिल होंगे। प्रदेश में बीपीएल चयन में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बनने वाली एसडीएम और बीडीओ की कमेटी हर पंचायत में बीपीएल सूची फाइनल होने से पहले निरीक्षण करेगी। अब तक जो पंचायत प्रधान या ग्राम सभा तय करती थी, उन्हें बीपीएल सूचियों में शामिल कर दिया जाता था। सूची तैयार होने के बाद अपील की व्यवस्था थी, लेकिन गरीब लोग प्रभावशाली लोगों के खिलाफ एसडीएम के पास अपील में जाने का साहस नहीं कर पाते थे। एसडीएम ही अपात्र लोगों को सूची से हटा सकते थे। सरकार ने व्यवस्था में बदलाव कर अब सूची तय होने से पहले ही एसडीएम और बीडीओ को निरीक्षण का जिम्मा सौंपने का फैसला लिया है।
हिमाचल: गर्मियों के स्कूलों में वार्षिक समारोह कराने वाले प्रिंसिपलों पर होगी कार्रवाई, चेतावनी जारी
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की रोक के बावजूद वार्षिक समारोह करवा रहे ग्रीष्मकालीन स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय की ओर से इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपलों को चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं। 31 दिसंबर तक ही वार्षिक समारोह आयोजन करने की छूट दी गई थी। कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में आजकल भी समारोह हो रहे हैंश्र। इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो, इसके लिए समारोह करने पर रोक लगाई गई थी। पहले 20 दिसंबर 2024 तक आयोजन करने के निर्देश दिए थे फिर 31 दिसंबर 2024 तक इस बाबत छूट दी गई थी। उन्होंने बताया कि आज कल भी कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस कारण स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं बन रहा है। शिक्षा निदेशक ने कहा कि रोक के बावजूद जिन-जिन स्कूलों में वार्षिक समारोह मनाए गए हैं, उनकी जानकारी जिला शिक्षा उपनिदेशकों के माध्यम से मांगी गई है। ऐसे स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशक ने कहा कि अब किसी भी स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित नहीं होना चाहिए। प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई के प्रति भी शिक्षा निदेशक ने चेताया है।
ऊना में जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह अपूर्व भव्यता के साथ मनाया जाएगा। देशभक्ति के रंग में रंगा यह आयोजन 26 जनवरी को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र स्कूल ऊना के प्रांगण में होगा। समारोह में आकर्षक परेड, शानदार झांकियां और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां जिले के गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य की झलक पेश करेंगी। उपायुक्त जतिन लाल ने बुधवार को संबंधित विभागों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया और समारोह को यादगार बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए। उपायुक्त ने बताया कि मुख्य अतिथि 26 जनवरी को पूर्वाह्न 10:40 बजे एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद पूर्वाह्न 10:55 बजे स्कूल प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। ध्वजारोहण के बाद मुख्य अतिथि परेड का निरीक्षण करेंगे, मार्च पास्ट की सलामी लेंगे और जिला वासियों को संबोधित करेंगे। परेड में पुलिस और होमगार्ड की टुकड़ियों के साथ-साथ एनसीसी और एनएसएस के छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगे। समारोह में जिले के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के बच्चे तथा नाट्य दल सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। बारिश की स्थिति में समारोह के लिए टाउन हॉल में वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उपायुक्त ने कहा कि समारोह में प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं पर आधारित झांकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। इनमें मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना, स्वास्थ्य, कृषि, बागवानी और पर्यटन विकास से जुड़ी झांकियां शामिल होंगी। संबंधित विभागों को आकर्षक और सूचनात्मक झांकियां तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में मिनी सचिवालय भवन को विशेष ‘फसाड लाइटिंग’ के जरिए राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों में सजाया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इसे लेकर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। समारोह में विभिन्न विभागों के जनसेवा से जुड़े उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाएगा। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा, एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान, सहायक आयुक्त वरिंद्र शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय के दौरान बंद या मर्ज हुए 1094 स्कूलों में पढ़ने वाले 674 बच्चों ने अन्य जगह दाखिले ले लिए हैं। दाखिले नहीं लेने वाले 60 बच्चों की पहचान करने का काम जारी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार यह प्रवासियों के बच्चे थे, जो सर्दियों में अपने राज्यों में लौट गए हैं। इनमें अधिकांश बच्चे जिला शिमला में थे। जिला उपनिदेशक इस बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि यहां रहने वाले वाले हर बच्चे को शिक्षा का न अधिकार प्राप्त हो। राज्य सचिवालय में न मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व पूर्व की भाजपा सरकार के समय में प्रदेश में 3400 स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे थे। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ऐसे स्कूलों की पहचान कर शिक्षकों की नियुक्तियां की हैं। अब सिंगल टीचर वाले 2600 स्कूल रह गए हैं। पूर्व सरकार के समय में करीब 350 स्कूलों में स्थाई शिक्षक ही नहीं थे। अब ऐसे स्कूल 125 शेष रह गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के पदों को भरा जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही 700 स्कूल प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां पर शिक्षकों की नियुक्ति करने को प्राथमिकता दी जाएगी। हर विषय का शिक्षक स्कूलों में देने के प्रयास जारी हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले प्रशिक्षकों के मामले में हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। जल्द ही कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी आउटसोर्स भर्तियां कर रही है। उम्मीद है कि कोर्ट से राहत भरा फैसला आएगा।
** खाद्य आपूर्ति निगम प्रदेश सरकार को भेजेगा निविदाओं का प्रस्ताव ** सरकार से मंजूरी के बाद फाइनल होंगे रिफाइंड और सरसों तेल के टेंडर प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल के टेंडर के लिए छह अलग-अलग कंपनियों ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा तेल कंपनियों की निवादाओं की सूची फाईनल करने के लिए जल्द ही प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल का सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा। पिछले कई माह से तेल कंपनियों के टेंडर में सरसों और रिफाइंड तेल के दामों को लेकर सहमती न बनने से टेंडर फाईनल नहीं हो पाए हैं। अब खाद्य आपूर्ति निगम ने फिर से तेल कंपनियों से निविदाए आमंत्रित की हैं, जिसमें छह तेल कंपनियों ने टेंडर के लिए आवेदन किया है। तेल कंपनियों में गोकुल एग्री इंटरनेशनल, शक्ति न्यूट्रेशन और श्री महावीर जनरल ऑयल कंपनी सरसों के तेल की सप्लाई के टेंडर के लिए आवेदन किए हैं। इसके अलावा रिफाइंड तेल के लिए अजनता सोया लिमटेड, गोकुल एग्री इंटर नेशनल और गोकुल एग्रो रिसोसिस लिमटेड ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि सरसों और रिफादंड तेल के टेंडर को छह कंपनियों ने आवेदन किया है।
** बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर होगी नजर हयूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के देश में मामले सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ के गंभीर लक्षण वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने को कहा है। साथ ही विशेष लैब शुरू करने की तैयारी है, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर अन्य टेस्ट होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन को इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों की निगरानी रखने को कहा है। बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में ऐसे रोगियों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था करने को कहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस वायरस से इंफेक्शन देश में पहले भी होते रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों, जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक की। स्वास्थ्य सचिव ने इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों पर नजर रखने को कहा है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों व केंद्रशासित राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि यह एक सामान्य वायरस है, जो ज्यादातर बच्चों, व्यस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों में फैलता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसके मुख्य लक्षण खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गंभीर मामलों में सांस का फूलना इत्यादि है। इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने व हाथ मिलाने आदि से फैलता हैं। उपरोक्त लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्देश भी दिए हैं कि जिन बच्चों को बुखार, खांसी के लक्षण हैं, उन बच्चों और उनके परिवार वाले मास्क जरूर पहनें।
नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में परिवहन मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई। इसमें हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य के परिवहन क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने 7,000 से अधिक सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग पर राज्य को आने वाले वित्तीय बोझ का जिक्र करते हुए केंद्र से विशेष सहायता की मांग की। उन्होंने स्क्रैपिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और समय सीमा को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में विकसित हो रहे 1,734.70 करोड़ के शहरी रोपवे नेटवर्क की जानकारी दी, जो भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा। एआईटीपी बसों से राज्य परिवहन को हो रही चुनौतियों पर भी चर्चा हुई, और केंद्र से उचित नियम बनाने की मांग की गई। नितिन गडकरी ने हिमाचल के सभी मामलों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एफआईआर दर्ज करने के लिए पंजीकृत पुलिस चौकियों को अधिकृत करेंगे। इन चौकियों को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली से जोड़ेंगे। ड्रग माफिया के खिलाफ प्रदेश में एंटी ड्रग एक्ट भी बनाया जाएगा। कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र खाली पद भरेगी। इसके अलावा पुलिस विभाग में डाटा संग्रहण करने और व्यवस्थित करने के लिए डाटा वेयरहाउस और क्लियरिंग एजेंसी स्थापित की जाएगी। पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि कार्यप्रणाली में सुधार और परिचालन कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर जनसेवा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस थानों को जनसंख्या, भौगोलिक कारक, ग्रामीण और शहरी आधार पर वर्गीकृत करेंगे। इनकी कार्य क्षमता बेहतर बनाने के लिए स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम ने कहा कि कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र भर्तियां करेगी। अभी 1,226 पुलिस जवान और 30 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अग्निशमन विभाग को सुदृढ़ कर रही है। गृह रक्षक के 700 पद भरे जा रहे हैं। सरकार 86 नियमित प्रतिक्रिया केंद्रों के डिजिटलीकरण के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सीएम ने कहा कि सरकार कानून प्रवर्तन और आपातकाल सेवाओं को मजबूत बनाने के अलावा साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन संबंधी चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न बोर्डों और निगमों में गृहरक्षक तैनात करेंगे। बिलासपुर जिले के मारकंड में एक गृह रक्षक बटालियन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेंगे, जिससे प्रशिक्षण सुविधाएं सुधरेंगी। आपदा या आपातकाल के दौरान राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए जरूरी वाहन किराये पर लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी को अधिकार देंगे। आपदा प्रतिक्रिया बल में स्थायी स्टाफ की भर्ती होने तक अस्थायी तौर पर गृह रक्षक तैनात होंगे। इसके अलावा अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाया जाएगा और इसके लिए 19.40 करोड़ की पहली किस्त शीघ्र जारी होगी। सीएम सुक्खू ने राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ष 2024 में साइबर अपराध की 11,892 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें 114.94 करोड़ की धोखाधड़ी शामिल है।
* प्रदेश के निचले क्षेत्रों में छाया रहेगा घना कोहरा हिमाचल प्रदेश में सोमवार को ऊंचे व मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और बारिश देखने को मिली। वहीं, प्रदेश के निचले क्षेत्रों में बादल छाए रहे जिससे की तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार से मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में 7 और 8 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर घना कोहरा छाया रहेगा जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है। मौसम विभाग ने 7 जनवरी से 10 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर धूप खिली रहेगी। हालांकि प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में कोहरे के कारण धूप देरी से निकलेगी जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने 10 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय होने की संभावना जताई है जिसके कारण 11 जनवरी से एक बार फिर मौसम करवट लेगा. मौसम विभाग ने 11 जनवरी को प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। 6 जनवरी को लाहौल-स्पीति का जिला मुख्यालय केलांग सबसे ठंडा रहा. यहां न्यूनतम तापमान -2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसके अलावा सुंदरनगर प्रदेश में सबसे गर्म रहा. यहां अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और सुंदरनगर में न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री दर्ज किया गया। 6 जनवरी को बिलासपुर में घना कोहरा छाया रहा। इसके अलावा सुंदरनगर और मंडी में भी हल्का कोहरा छाया रहा।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने HAS एग्जाम का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। सोमवार देर शाम को यह रिजल्ट घोषित किया गया, जिसमें मेरिट के आधार पर 20 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसमें 9 उम्मीदवार एचएएस बने हैं जबकि 3 उम्मीदवार तहसीलदार, 1 अभ्यर्थी जिला पंचायत अधिकारी, 3 जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी, 3 असिस्टेंट रजिस्ट्रार और 1 अभ्यर्थी जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के पद पर चयनित हुआ है। HAS एग्जाम में इस बार लड़कों का दबदबा रहा। इस बार 15 लड़कों ने बाजी मारी है, जबकि 5 लड़कियां एग्जाम क्लियर करने में सफल रहीं। साल 2024 के HAS एग्जाम में उमेश ने टॉप किया है। बता दें कि बीते 2 से 6 जनवरी तक शिमला में अभ्यर्थियों के पर्सनैलिटी टेस्ट हुए थे, जिसके बाद सोमवार शाम को ही लोक सेवा आयोग ने रिजल्ट घोषित कर दिया। उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों में उमेश (एचएएस), मोहित सिंह (एचएएस), जितेंद्र चंदेल (एचएएस), स्वाति वालिया (तहसीलदार), अनूप शर्मा (तहसीलदार), राहुल शर्मा (तहसीलदार), संजय कुमार (जिला पंचायत अधिकारी), नितिन राणा (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), शिवांशी सूद (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), अवस पंडित (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), राहुल धीमान (एचएएस), साहिल (जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी), अरुण कुमार सांख्यान (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), आस्था (एचएएस), अखिल सिंह ठाकुर (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), तानिया कश्यप (एचएएस), करण (जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले), अंकुश कुमार (एचएएस), रजत चौधरी (एचएएस) और प्रियंका (एचएएस) शामिल हैं। HAS का प्री एग्जाम साल 2024 में 30 जून को आयोजित हुआ था। प्री एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों का मेन्स एग्जाम बीते साल 3 से 10 अक्टूबर के बीच आयोजित हुआ था। मेन्स एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों को पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था जो साल 2025 में 2 से 6 जनवरी के बीच हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के ऑफिस शिमला में आयोजित हुए थे। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए 30 पद विज्ञापित किए गए थे लेकिन 20 पदों पर ही योग्य उम्मीदवार मिले।हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने बताया कि आयोग ने परिणाम घोषित कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
ठियोग की क्यार और कमाह पंचायत के लिए बनी सिंचाई योजना के पाइप ट्रायल में फटने के मामले में सरकार ने जांच बैठा दी है। सरकार ने जांच का जिम्मा जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को सौंपा है और हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने पूछा है कि जब मौके पर सिंचाई के पाइप बिछाए जा रहे थे उस समय अधिकारी कहां थे। विकास कार्यों में क्यों लापरवाही बरती गई। पाइप जमीन के नीचे दबाने के बजाय खुले में क्यों छोड़े गए। इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने की भी तैयारी चल रही है। अमर उजाला ने 6 जनवरी के अंक में ट्रायल में पाइप फटने का मामला प्रमुखता से उठाया था। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार ने टेंडर कम रेट पर लिया था, ऐसे में उसने पाइप खुले में छोड़ दिए। पानी के लिए बनाए चेंबर भी फट गए हैं। इनमें भी गुणवत्ता वाला कार्य नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने बार-बार काम की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब अधिकारी योजना का स्थानीय लोगों से फीडबैक ले रहे हैं। करीब सवा तीन करोड़ से क्वार खड्ड से बनाई उठाऊ सिंचाई योजना पहले ही सवालों के घेरे में रही है। निम्न गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने की शिकायत एक कांग्रेस नेता ने एसडीएम कार्यालय ठियोग में की। एसडीएम ने जांच करने के आदेश दिए थे। पाइपें फटने से पंचायतों के लोगों में रोष व्याप्त है और मांग कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मामले में जांच बिठा दी गई है। जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को जांच कर रिपोर्ट एक हफ्ते में देने को कहा है। उसके बाद लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
जिला शिमला में बीते साल गर्मियों में टैंकर से पानी की आपूर्ति के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा के घपले की विजिलेंस ब्यूरो ने तफ्तीश तेज कर दी है। कौन सा टैंकर किस समय कहां था, जीपीएस से इसका पता लगाया जाएगा। टैंकर चालक उस समय कहां थे, इसका भी मोबाइल लोकेशन से खुलासा होगा। साथ ही निलंबित इंजीनियरों और ठेकेदारों के बैंक खाते भी खंगाले जाएंगे। सोमवार को विजिलेंस ने अधिशासी अभियंता को छोड़कर अन्य 7 एसडीओ और जेई से पूछताछ की। करीब दो घंटे की पूछताछ में उन्होंने कई राज उगले हैं। एक ठेकेदार से भी पूछताछ हुई है। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए हैं। विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग से रिकाॅर्ड जुटाया है। आज फिर इन इंजीनियरों से पूछताछ होगी। उधर, सोमवार को सुबह आठ बजे विजिलेंस ब्यूरो की टीम पानी के उन स्रोतों तक पहुंची, जहां से ठेकेदार ने पानी उठाने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार इंजीनियर ही नहीं, कार्यालय के लिपिक भी जांच की जद में हैं। विजिलेंस ब्यूरो की टीम यह देख रही है कि बीते साल जल शक्ति विभाग ने पानी की आपूर्ति का टेंडर किया और इसमें कितने लोगों ने भाग लिया। कहीं चहेतों को लाभ देने के लिए सप्लाई ऑर्डर तो नहीं जारी हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने सोमवार को ठियोग से 20 किलोमीटर दूर गिरि नदी के लेलू पुल का दौरा किया। इसके अलावा टीम क्यार खड्ड भी पहुंची। जल शक्ति विभाग के रिकॉर्ड में बताया गया है कि गिरि नदी और क्यार खड्ड से टैंकरों के माध्यम से पानी प्रभावित क्षेत्रों में ले जाया गया। विजिलेंस हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह घोटाला 1.13 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है। इस मामले की धीरे-धीरे परतें खुलेंगी। उधर, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कह चुके हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल शक्ति ओंकार शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच होगी। बीते साल ठियोग तहसील के कई प्रभावित क्षेत्रों के लिए पानी की सप्लाई का टेंडर किया गया, लेकिन इसमें एक गांव ऐसा है, जो अभी तक सड़क से नहीं जुड़ा है। हैरत की बात है कि वहां भी टैंकर के जरिये पानी पहुंचाने की बात कही गई। जिन टैंकरों से पानी की सप्लाई देने का दावा किया गया, उनमें मोटरसाइकिल और एक अधिकारी की गाड़ी का नंबर भी दे दिया गया। जल शक्ति विभाग के इस कारनामों से हर कोई हैरत में है। ऐसे में सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल शक्ति विभाग के 10 इंजीनियरों को बीते दिनों सस्पेंड किया है।
मिड-डे मील की रोजाना जानकारी नहीं देने पर सात जिलों के 93 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रभारियों को तय समय में पूरा रिकॉर्ड अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूलों को मिड-डे मील योजना के लिए वास्तविक समय रिपोर्टिंग करना भी अनिवार्य किया गया है। चंबा, शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर और मंडी जिला के 31 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, 40 मिडल स्कूलों और 22 हाई स्कूलों की ओर से रोजाना मिड-डे मील की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि मिड-डे मील योजना के कार्यान्वयन के संबंध में भारत सरकार ने सभी स्कूल अधिकारियों को इस योजना के तहत पात्र छात्रों को दिए जाने वाले भोजन की दैनिक वास्तविक समय रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार विभिन्न सरकारी स्कूलों (जीपीएस, जीएमएस, जीएचएस और जीएसएसएस) के प्रत्येक मिड-डे मील शिक्षक प्रभारी को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबरों का उपयोग करके टोल-फ्री नंबर 15544 पर एसएमएस के माध्यम से दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। इस रिपोर्टिंग का उद्देश्य नामांकित छात्रों को दिए जाने वाले भोजन पर सटीक डेटा प्रदान करना है। अधिकारियों को भोजन वितरण की स्पष्ट तस्वीर देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कार्यक्रम को उसके दिशानिर्देशों के अनुसार निष्पादित किया जा रहा है। रिपोर्ट सभी स्कूल कार्य दिवसों पर प्रस्तुत की जानी चाहिए। यह प्रणाली यह निगरानी करने में भी मदद करती है कि आवंटित भोजन इच्छित छात्रों को परोसा जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि बीते दिनों सामने आया कि 93 स्कूल नियमित आधार पर रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। इस कारण भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों स्तरों पर विभाग के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो रही है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस रिपोर्टिंग आवश्यकता का पालन करने में विफलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो स्कूल दैनिक एसएमएस रिपोर्टिंग में चूक करना जारी रखते हैं, उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें दंड या अन्य प्रशासनिक परिणाम शामिल हो सकते हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि पीएम पोषण योजना की सफलता समय पर और सटीक डेटा संग्रह पर बहुत अधिक निर्भर है। ये रिपोर्ट न केवल भोजन वितरण की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करती है, बल्कि स्कूलों में बाल पोषण आवश्यकताओं को संबोधित करने में कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में भी मदद करती है। उन्होंने डिफॉल्टर स्कूलों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सुक्खू ने आज यहां पर्यटन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य स्तम्भ है। राज्य सरकार विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने को प्राथमिकता दे रही है ताकि पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र मेें अधोसंरचना निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण पर आने वाले समय में 2415 करोड़ रुपये व्यय करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मंडी में बनने वाले शिवधाम पर 150.27 करोड़ रुपये तथा जिला हमीरपुर के बाबा बालक नाथ मन्दिर के सौन्दर्यीकरण पर 51.70 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसी प्रकार 78.09 करोड़ रुपये की लागत से जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां तथा पालमपुर नगर का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार 280.39 करोड़ की लागत से जिला हमीरपुर के नादौन, जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां और जिला कुल्लू के मनाली व कुल्लू में वैलनैस सेन्टर विकसित करेगी। जिला कुल्लू के नग्गर किले के संरक्षण व मरम्मत कार्य पर 8.64 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है और इस कड़ी में नादौन में राफ्टिंग कॉम्पलैक्स और मनाली, धर्मशाला तथा शिमला में रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण किया जाएगा। इन पर 163.50 करोड़ रुपये व्यय होंगे जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर हवाई सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार हेलीपोर्ट का निर्माण कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को डीजीसीए जिला शिमला के संजौली, रामपुर, जिला मंडी के कंगनीधार और जिला सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट सहित मौजूदा अन्य हेलीपोर्ट के लिए परिचालन स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश भी दिए, ताकि इन हेलीपोर्ट में हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन सुगम हो सके। सीएम सुक्खू ने कहा कि पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं और सरकार इन क्षेत्रों के विकास और अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ी है, जो प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो रही है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली ने पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक पर्यटन विवेक भाटिया, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
** जयराम ठाकुर ने जन्मदिन पर माता-पिता, और देवी-देवताओं का किया आभार व्यक्त हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का आज जन्मदिन है। जयराम ठाकुर आज 60 वर्ष के हो गए हैं। इस खास मौके पर उन्होंने शिमला में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच 60 किलो का केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर जयराम ठाकुर के आधिकारिक आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। कार्यकर्ताओं ने पहाड़ी नाटी डालकर जयराम ठाकुर के जन्मदिन का जश्न मनाया और उन्हें ढेर सारी बधाईयां दीं। जयराम ठाकुर ने जन्मदिन के इस मौके पर कहा कि वह अब सीनियर सिटीजन हो गए हैं और जीवन के इस नए पड़ाव पर पहुंचने के लिए वह ईश्वर, देवी-देवताओं और अपने माता-पिता का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने कठिन संघर्ष भरा जीवन जिया और उन्होंने भी अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा में समर्पित किया है। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि वह देवी-देवताओं से प्रार्थना करते हैं कि वह अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा में इसी तरह समर्पित रहें। जन्मदिन के मौके पर प्रदेश भर से उन्हें मिल रहे बधाई संदेशों के लिए उन्होंने जनता का धन्यवाद किया। जयराम ठाकुर ने बताया कि रात के 12 बजे से ही प्रदेश भर से लोग उन्हें फोन और मैसेज भेजकर बधाई दे रहे हैं, और वह इसके लिए प्रदेशवासियों के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी यह कामना है कि प्रदेशवासियों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहे, ताकि वह देश और समाज की सेवा में इसी तरह निरंतर लगे रहें।