डाडासीबा के रिहायशी क्षेत्र में दिन-दहाड़े घूम रहे तेंदुए की खबर मंगलवार को खबर लगते ही महकमा हरकत में आ गया है। खबर का संज्ञान लेते हुए मंगलवार घटना स्थल पहुंचे विभागीय कर्मचारियों ने मोर्चा संभालते हुए जहां तुरंत यहां तेंदुए को पकड़ने के लिए जाला लगाने की बात कही है। इन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि जब तक तेंदुआ हाथ नहीं लग जाता, तब तक कोई रिस्क न लेकर सुबह-शाम को सैर पर न निकलें और इस दौरान बच्चों का भी ध्यान रखें। जानकारी के अनुसार डाडासीबा पंचायत के वार्ड नंबर एक में वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेंद्र सिंह, बीओ हंसराज, फॉरेस्ट गार्ड अजय कुमार व फॉरेस्ट गार्ड युद्धवीर सिंह की टीम ने मौका पर जाकर निरीक्षण किया। इस मौके पर पंचायत उप प्रधान परमेश्वरी दास, वार्ड पंच सीमा देवी वो स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की है कि सुबह शाम इस क्षेत्र में सुबह शाम सैर को न निकले और छोटे बच्चों का ध्यान रखें। उन्होंने मौके पर जाकर तेंदुए के पैरों के निशान भी देखे हैं और जिस रास्ते से तेंदुए जा रहा है उस और भी ध्यान दिया। उन्होंने बताया तेंदुए को पकड़ने के लिए बुधवार को पिंजरा लगाया जा रहा है यहां रहने वाले लोग अपना ध्यान रखें।
बाबा कांशी राम राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डाडासीबा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने धूम्रपान निषेध की पूर्व संध्या पर प्रधानाचार्य सुदर्शन कुमार की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी सरोज कुमारी व अश्विनी कुमार सभी स्वयंसेवकों ने भाग लिया। विद्यालय के सभी अध्यापकों ने भी उनका पूर्ण सहयोग किया। स्वयंसेवकों ने अपने भाषण के माध्यम से कविता के माध्यम से तंबाकू के दुष्परिणामों के बारे में बताया विद्यालय परिसर से डाडासीबा हॉस्पिटल बाजार में एक रैली निकालकर धूम्रपान न करने की सलाह देते हुए विशेष नारा लगाते हुए जन7जन की यही पुकार तंबाकू मुक्त हो संसार का संदेश दिया इस मौके पर विद्यालय के अध्यापक भी शामिल रहे।
वर्तमान समय में जहां एक-एक इंच जमीन के लिए सगे-संबंधियों में विवाद खड़ा होने पर बात मरने-मारने तक पहुंच जाती है, वहीं समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो समाज हित में अपनी क़ीमती जमीन को दान करने से भी पीछे नहीं हटते हैं। तहसील डाडासीबा की ग्राम पंचायत अप्पर भलवाल में विश्वजीत सिंह, नरेंद्र सिंह, संतोष कुमारी और लेखराज कंवर ने अपनी 15 मरले निजी भूमि पंचायत सामुदायिक भवन के निर्माण लिए तहसीलदार डाडासीबा, पंचायत प्रधान बीरबल कुमार और पंचायती राज विभाग से पंचायत सचिव राकेश कुमार की मौजूदगी में विभाग के नाम कर दी है। जानकारी के मुताबिक करीब दो वर्षों से अभी तक पंचायत का अपना भवन नहीं है, जिसके भवन निर्माण हेतु विभाग को उपयुक्त भूमि की तलाश थी। जमीन उपलब्ध होने पर अब भविष्य में जल्द ही पंचायत को अपना भवन नसीब होने की आस जगी है। भूमिदान करने वालों की इस पहल ने समाज को प्रेरणा दी है। इसकी गांववासी और पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा भी सराहना की जा रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 31 मई को कांगड़ा जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे। यह जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री फतेहपुर में करोड़ों रुपये की विकास योजनाएं जनता को सौंपने के साथ साथ क्षेत्र में पर्यटन विकास गतिविधियों को गति देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा भी करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री 31 मई को प्रातः सवा 11 बजे फतेहपुर के रैहन पहुचेंगे तथा साढ़े 11 बजे सकरी पुल का लोकार्पण करेंगे। उसके उपरांत के हराचौक में पूर्व मंत्री स्व. सुजान सिंह पठानिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री पौने 1 बजे रामलीला मैदान में जलशक्ति विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करने के उपरांत विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। उसके बाद वे फतेहपुर विश्राम गृह में जनसमस्याएं सुनेंगे। मुख्यमंत्री सायं 4 बजे पौंग डैम पहुंच कर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। वहां से वे रैनसर के लिए रवाना होंगे तथा बटरफ्लाई विहार का दौरा करेंगे। वे साढ़े 6 बजे पौंग डैम पहुंचने के बाद शराईं मंदिर में माथा टेेकेंगे तथा हिमाचल पंजाब लिंक ब्रिज साईट का दौरा करेंगे। उनका रात्रि ठहराव लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में होगा। उनका पहली जून को प्रातः सवा 9 बजे शिमला प्रस्थान का कार्यक्रम है।
सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करें। धर्मशाला स्थित डीआरडीए सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तहत कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल ने यह बात कही। बैठक में जिला में एनजीटी के तहत गठित कमेटियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। एडीसी ने कहा कि एनजीटी के नियमों को लेकर सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें तथा इसकी अनुपालना के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन वेस्ट आदि के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए है, उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन विभाग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए आवश्यक कदमों को उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है, इस दिशा में भी विभागों को कार्य करना चाहिए। बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं, जिला में बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। इसके अलावा जिला में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली, निर्माणाधीन प्लांटों की प्रगति आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई। सौरभ जस्सल ने कहा कि जिला पर्यावरण योजना में सामाजिक सहभागिता भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विभागों तथा अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदारी लेकर आम लोगों को इससे जोड़ना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि आम नागरिक जिले को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें। बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ वरूण गुप्ता ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया।
कांगड़ा जिले में बाढ़ आपदा प्रबंधन पर एक मेगा मॉक अभ्यास किया जाने वाला है। इसमें 6 जून को टेबल टॉप अभ्यास होगा और 8 जून को जिले में चिन्हित जगहों पर बाढ़ से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर बचाव-राहत कार्यों का मॉक अभ्यास किया जाएगा। इसे लेकर मंगलवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांगड़ा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी अधिकारियों को मेगा मॉक अभ्यास को लेकर जानकारी दी। इस कार्यशाला में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने मेगा मॉक अभ्यास को लेकर बताया कि इसका मकसद बाढ़ जैसी स्थिति में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना है। साथ ही विभिन्न विभागों के आपातकालीन सहायता कार्यों के बीच समन्वय बढ़ाने और विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से अवगत कराने पर फोकस किया जाएगा। जिलाधीश ने कहा कि मेगा मॉक अभ्यास के जरिये जिला प्रशासन लोगों को तो शिक्षित करेगा ही बाढ़ की स्थिति में आपदा प्रबंधन की अपनी तैयारियों की समीक्षा और कमियों का विश्लेषण भी करेगा। बाढ़ आपदा प्रबंधन पर नकली अभ्यास के दौरान बाढ़ के दौरान खोज और बचाव कार्यों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा यह मॉक अभ्यास वास्तविक आपात स्थिति की तरह ही किया जाएगा। इससे जिला आपदा प्रबंधन योजना के अलावा विभागों की अपनी आपदा प्रबंधन योजना की भी समीक्षा होगी। हमें अपनी कमियों का अंदाजा होगा, साथ ही तैयारियों में अंतर का भी पता चलेगा। संसाधनों के उपयोग और संचार आदि की कमियों तथा तैयारियों का भी पता चलेगा। इससे सीख लेकर जिला आपदा प्रबंधन योजना को और पुख्ता बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा मॉक अभ्यास के माध्यम से जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों व क्षमताओं का गहन आकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा। इस दिन जिले में बाढ़ से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक अभ्यास किया जाएगा, जिसमें सेना, अर्धसैन्य बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केंद्रीय एजेंसियों के अलावा जिला के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी हिस्सा लेंगे।
खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम का आयोजन उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किया जा रहा है। इसमें पूरे देश की 209 विश्वविद्यालयों के लगभग 4900 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश से शिवम शर्मा ने पंद्रह सौ मीटर की दौड़ 3 मिनट 54 सेकंड में पूरी करके अखिल भारतीय स्तर पर सिल्वर मेडल हासिल करके हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिवम शर्मा धर्मशाला महाविद्यालय के सेकंड ईयर के छात्र हैं तथा पंचरुखी क्षेत्र के गांव बियाडा के रहने वाले हैं। शिवम शर्मा को सिल्वर पदक मिलने की खबर मिलते ही पंचरुखी क्षेत्र में खुशी की लहर चल पड़ी। एक बार पुनः से शिवम के पिता मनोज शर्मा के घर बधाई देने बालों का तांता लगना शुरू हो गया। मनोज शर्मा ने कहां की शिवम ने इस वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर 4 पदक जीत कर हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। इसका श्रेय में शिवम की कड़ी मेहनत तथा शिवम के कोच विरेंदर कुमार तथा डॉ. नरेश मनकोटिया जी को देता हूं, क्योंकि इन्हीं के मार्गदर्शन के चलते शिवम आगे बढ़ रहा है। इस खुशी के अवसर पर किसान नेता मंजीत डोगरा ने शिवम के आवास पर जाकर के शिवम के माता-पिता तथा दादी को बधाई दी तथा शिवम के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा कहा कि शिवम ना केवल इस क्षेत्र का, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का गौरव है तथा आज युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बना है।
प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने के लिए सरकार चरणबद्ध तरीके से कार्य करेगी। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और नागरिकों को सुलभ और अत्याधुनिक व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाने के लिए बजट में 3 हजार 139 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जिला कांगड़ा के सिविल अस्पताल देहरा का दौरा कर स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने यह बात कही। उन्होंने देहरा अस्पताल का निरीक्षण कर यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मौके उपचाराधीन मरीजों से बात-चीत कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने देहरा अस्पताल में सभी जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि लोगों के उपचार में आ रही दिक्कतों और समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर, सुगम और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी बड़े मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 100 करोड़ रूपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्वास्थ्य संस्थान को ‘आदर्श स्वास्थ्य संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य कर रही ही। उन्होंने कहा कि आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार प्रयासरत है। प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों की सुविधा और बेहतर उपचार के लिये को निरंतर कार्य किया जा रहा है।
ज्वालामुखी थाना के तहत शहर में पहले एक निजी होटल को बंद करने व उसके बाद व्यक्ति के ऊपर पिस्तौल तानकर उसे धमकाने का मामला सामने आया है। राजेश गोस्वामी निवासी बोहन ने ज्वालामुखी पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने ज्वालामुखी में एक व्यक्ति से वर्ष 2021 में एक होटल लीज पर लिया था और उसका किराया भी वह चुकाता रहा है। संबंधित होटल के मालिक से उन्होंने पर्यटन की एनओसी और अन्य दस्तावेज मांगे थे जो उनके द्वारा उन्हें नही दिए गए ऐसे में उन्होंने उसे बीते महीने का होटल का किराया नहीं दिया। शिकायतकर्ता राजेश का कहना है की उसके बाद बीती 26 मई को उक्त होटल का मालिक गलत तरीके से उनका होटल जो उन्होंने उससे ही लीज पर लिया था उसे बंद कर दिया। इसके बाद बीती रात को वे दोनों उसके होटल के ही कॉमलेक्स में मौजूद थे तो पिस्तौल तान कर उक्त व्यक्ति द्वारा उसे धमकाया गया। मामले की शिकायत लेकर ज्वालामुखी थाना में पहुंचे और उक्त व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई। डीएसपी ज्वालामुखी ने मामले की पुष्टि की है।
फतेहपुर तहसील के तहत कस्बा राजा का तालाब में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर मामा के लड़के का जन्मदिन मनाने गए युवक की सड़क हादसे मौत हो गई। युवक की पहचान शिवांग चौधरी पुत्र जीवन चौधरी निवासी खेहर पंचायत वार्ड नम्बर ढसोली में अपने मामा के लड़के का जन्मदिन मनाने गया था। वहां से वो सामान लेने स्कूटी पर निकला था कि राजा का तालाब -ज्वाली रोड पर एचआरटीसी बस की चपेट में आ गया। युवक की मौके पर ही मौत हो गई । घटना की जानकारी मिलते ही रैहन पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची व शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया गया। खेहर पंचायत प्रधान पवन शर्मा उर्फ पप्पू ने बताया करीब 19 वर्षीय शिवांग अभी पढ़ाई कर रहा था और परिवार का इकलौता सहारा था। युवक के पिता दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते है। उन्होंने लोगों व प्रशासन से पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद को गुहार लगाई है।
उपमंडल ज्वालामुखी के अंतर्गत होने वाली गाड़ियों की पासिंग व ड्राइविग टेस्ट का स्थान परिवर्तन किया गया है। अब तक गंजू का बाग में स्थित उपसब्जी मंडी के प्रांगण में ड्राइविंग टेस्ट वा गाडियों की पासिंग की जाती थी। उपमंडल अधिकारी ज्वालामुखी डॉ.संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि गंजू का बाग ड्राइविंग टेस्ट व गाड़ियों की पासिंग के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। सड़क के किनारे पर गाड़ियों को खड़ा किया जाता था जिस से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को वा स्थानीय लोगों को परेशानी होती थी। हर समय दुर्घटना होने का डर लगा रहता था। उपमंडल अधिकारी ज्वालामुखी काफी दिनों से ज्वालामुखी के नजदीक स्थान देख रहे थे तो उन को चंबापतन मार्ग पर प्रस्तावित आउटडोर स्टेडियम खोलिया दरंग में उचित स्थान मिला। एसडीएम ने लोगों से आग्रह किया है कि अब अपनी गाड़ियों की पासिंग वा ड्राइविग टेस्ट के लिए उक्त स्थान पर आए। 31 मई को होने बाली गाड़ियों की पासिंग अब खोलिया दरंग चंबापतन मार्ग में प्रस्तावित आउटडोर स्टेडियम में होगी।
पुलिस थाना खुंडिया के अंतर्गत पड़ने वाले एक क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग द्वारा गलती से जहरीले पदार्थ का सेवन करने का मामला सामने आया है। युवती की तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों द्वारा उसे इलाज के लिए ज्वालामुखी अस्पताल ले जाया गया, जहां मौजूद डॉक्टर ने उसकी बिगड़ती हालत को देखते हुए टांडा मैडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। बताया जा रहा है की युवती ने स्कूल से आने के बाद गलती से किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। उसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों को इस बात की भनक लगी। मामले की पुष्टि डीएसपी ज्वालामुखी विकास धीमान ने की है।
ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न ने सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का नादौन के अमतर से सुधंदल व बड़ा के सथोड़ा पतन से पुल की स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त किया है। संजय रत्न ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु का नादौन विधानसभा क्षेत्र में दौरा था। इस दौरान उन्होंने इन पुल निर्माण की मांग की मुख्यमंत्री महोदय से की थी जिसकी स्वीकृति अब मिल गयी है। जल्द ही करोड़ो रुपये की लागत से इन पुलों का निर्माण कार्य शुरू होगा। आपको बता दें यह दोनों पुल के निर्माण से आपस में सटी ज्वालामुखी व नादौन विधानसभा क्षेत्रों को फायदा होगा,दोनो विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय लोगो को आगमन के लिए दूरियां कम होंगी। बता दें 2012 में विधायक संजय रत्न ने सुधंगल पुल की प्रपोज़ल रखी थी उसके बाद इसका हाइड्रोलिक डाटा भी तैयार कर लिया था परंतु उसके बाद दूसरी सरकार आने की वजह से किसी ने इस प्लैन पर गौर नहीं कि अब सुखु सरकार ने इसकी स्वीकृति दी है जिससे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ उठी है। ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न ने मुख्यमंत्री का इस बाबत आभार व्यक्त किया है।
बाल विकास परियोजना प्रागपुर के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चनौर में “ विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस ” के अंतर्गत खंड स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधानाचार्य सुशील कुमार राजियल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। शिविर में आयुष विभाग से डॉ. रुचि तथा स्वास्थ्य विभाग से डॉ. हिना शर्मा बतौर रीसोर्स पर्सन उपास्थित हुए। उन्होंने बच्चों को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के बारे मे जानकारी दी तथा बच्चियों को उनके खाने-पीने तथा महामारी के दिनों में किस चीज का ध्यान रखना चाहिए उसके बारे में अवगत करवाया। उन्होंने पोषण के ऊपर जोर देते हुए बच्चों को समझाया कि अगर हमारा खान-पान सही रहेगा तो बच्चों में एनीमिया की कमी दूर होगी। बाल विकास परियोजना अधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि सुदृढ़ नींव के लिए उचित पोषण आवश्यक होता है। कुपोषण मुक्त भारत की परिकल्पना साकार करने के लिए सभी तक उचित पोषण पहुंचाना आवश्यक है। इस दिशा में महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका अहम है। पोषण अभियान का मूल उद्देश्य किशोर, किशोरी, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को निर्धारित पोषण के विषय में जागरूक बनाना तथा उन्हें उचित पोषण उपलब्ध करवाना है। कुपोषण से लक्षित वर्गों को बचाने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महिला एवं बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी स्तर, पर्यवेक्षक वृत्त स्तर तथा परियोजना स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनके माध्यम से लक्षित वर्गों को पौष्टिक आहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है । सुशील कुमार, प्रधानाचार्य स्कूल चन्नौर ने अपने संबोधन में कहा कि इन कार्यक्रमों की सफलता के लिए जहां जन जन का सहयोग आवश्यक है वहीं जनप्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों तथा समस्त सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी अपेक्षित है। जागरूकता शिविर में बच्चों के लिए क्विज क्म्पीटीशन , स्लोगन राइटिंग तथा रोल प्ले का भी आयोजन किया गया। क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मलिका व पल्लवी , दूसरा स्थान साक्षी व आकृति तथा तीसरा स्थान दिव्यांशी व सेजल ने प्राप्त किया। पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनुशिका कक्षा +2, दूसरा स्थान ईशा कक्षा +1 तथा तीसरा स्थान साक्षी कक्षा +1 ने प्राप्त किया। रोल प्ले में गार्गी व टीम, निकिता, रिधिमा व टीम ने प्रतिभागियों को जागरूक किया। इस अवसर पर पर्यवेक्षक संदीप कुमार, अजय कुमार, नीलम धीमान, सुषमा देवी, कमलेश कुमारी व रीता देवी, पोषण ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राकेश चंद , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रजनी, रीनू, साक्षी आदि, आशा कार्यकर्ता व अन्य उपस्थित रहे।
करीब 2 महीने पहले एक पत्रकार अजय शर्मा का फोन कहीं रास्ते में गुम हो गया था। पत्रकार ने फोन के गुम होने की शिकायत इंदौरा थाना में दर्ज करवाई। थाना इंदौरा पुलिस ने आईएमआई नंबर को ट्रेस पर लगा दिया और उक्त फोन जो इंदौरा में गुम हुआ था, उसकी लोकेशन मध्यप्रदेश में मिली और उस फोन में जैसे ही दूसरी सिम को डाला गया उक्त आदमी को पुलिस ने फोन कर फोन वापिस करने की बात कही और वह आदमी मध्यप्रदेश से फोन को वापिस थाना में इंदौरा जमा करवा गया। वहीं पत्रकार अजय शर्मा ने हवलदार दविंद्र सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि दविंद्र का फोन ढूंढने में अहम रोल रहा है। थाना के कर्मचारियों का बहुत बहुत आभार जो आम इंसान का हर गांव पहल के तौर पर करते हैं।
डाडासीबा पंचायत के वार्ड नंबर एक में रविवार शाम 8 बजे के करीब रिहायशी इलाके में बेख़ौफ़ घूम रहे तेंदुए से लोगों में खौफ का माहौल है। लोग डरे और सहमे हुए हैं। तेंदुए को खेतोंके करीब हर कोई देखकर सहम गया है। स्थानीय लोगों ने बताया वे सुबह-शाम सैर पर जाया करते थे, लेकिन इस तेंदुए ने सैर पर जाने से भी डरने लगे हैं। छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ता है। हर समय तेंदुए का डर रहता है। पूरे डाडासीबा में दहशत का महौल बना हुआ है। वहीं स्थानीय निवासी सुदर्शन कुमार का कहना है दिन-दिहाडे तेंदुआ रिहायशी इलाके में घूम रहा है। यह किसी ग्रामीण पर भी हमला बोल सकता है। उन्होंने वन विभाग से अनुरोध किया है कि इस तेंदुए को पकड़ कर कहीं भेजा जाए। डाडासीबा के पंचायत उप प्रधान परमेश्वरी दास ने प्रशासन से जल्द से जल्द तेंदुए को पकडऩे की मांग की है, ताकि यह तेंदुआ लोगों को नुकसान ना पहुंचाये। क्या कहते हैं अधिकारी इस संबंध के वन परिक्षेत्र अधिकारी डाडासीबा नरेंद्र सिंह से बात की गई उन्होंने बताया वर्ल्ड लाइफ बिंग टीम को अवगत करवाया गया तेंदुए को पकड़ने के लिए टीम भेजी जाए।
जिला रेडक्रॉस सोसायटी कांगड़ा ने जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के तलवाड़ में नि:शुल्क एकीकृत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कॉलेज तलवाड़ में आयोजित शिविर का शुभारंभ विधायक यादविंद्र गोमा ने किया। जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष एवं जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस शिविर में करीब 700 लोगों ने विभिन्न सुविधाओं का लाभ लिया। जयसिंहपुर के विधायक यादविंद्र गोमा ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रेडक्रॉस का सेवाभाव सबके लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस पूरे विश्व में पीडि़त मानवता की सेवा व सहायता की प्रतीक है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि ऐसी योजनाओं का हमें भरपूर फायदा उठाना चाहिए तथा बस चढ़कर इसमें हिस्सा लेने चाहिए। उन्होंने कहा की ऐसी योजनाओं के बारे में पंचायत स्तर तक जागरूकता होनी चाहिए। उन्होंने लोगों को डे बोर्डिंग स्कूल जोकि जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में झुंगादेवी पुल के पास स्थापित किया जाएगा। इस मौके जिलाधीश एवं अध्यक्ष रेडक्रॉस सोसायटी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने लोगों से रेडक्रॉस गतिविधियों के लिए दिल खोलकर दान देने की अपील की। उन्होंने कहा की ऐसे शिविरों में सभी विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की गई ताकि आमजन को सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ मिल सके। डॉ. वंदना भारद्वाज ने नशामुक्त हिमाचल बनाने को लेकर अपने व्याख्यान से लोगों को जागरूक किया। वहीं, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग धर्मशाला के कलाकारों , स्कूली बच्चों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गीत संगीत के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाया। शिविर में रक्तदान, चिकित्सा जांच, आयुष विभाग द्वारा चिकित्सा जांच, महिला रोग जांच, दिव्यांग शिविर, दिव्यांगजनों के सहायतार्थ सहायक उपकरणों का वितरण तथा निशुल्क दवाईयां भी वितरित की गईं। पंजीकृत दिव्यांगजनों को निशुल्क सहायक उपकरण वितरण किए गए। शिविर में लोगों की जानकारी के लिए जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य, आयुष, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, आरसेटी, उद्योग इत्यादि विभागों ने अपने विभाग से सम्बंधित तथा विभिन्न स्वयं सहायता समूहों ने अपनी-अपनी गतिविधियों के स्टॉल लगाए। इस दौरान शिविर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 215 और आयुष विभाग द्वारा 165 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। इस दौरान आयोजित रक्तदान शिविर में 50 लोगों ने रक्तदान किया। मेडिकल दिव्यांगता बोर्ड ने 100 लोगों की जांच की। इसके अलावा 20 लाभार्थियों को स्वच्छता किट, 10 को रसोई बर्तन सेट, 17 लोगों को दिव्यांगता सहायक उपकरण इनमें 12 को व्हील चेयर, 3 को श्रवण यंत्र तथा 2 सीपी चेयर व रोलेटर एवं अन्य सहायक उपकरण भेंट किए गए। प्रधानमंत्री किसान निधि में 4 लोगो ने पंजीकृत करवाया। इस अवसर पर एडीसी सौरभ जस्सल, एसडीएम सलीम आजम, रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी शर्मा, डीपीओ अशोक शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी नरेन्द्र जरयाल, बीडीओ सिकंदर कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, सीडीपीओ रोहित ठाकुर,तहसीलदार अभिषेक भास्कर, के एल कपूर, अशोक शर्मा, राजेश कुमार, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जसवंत धडवाल,परवीन मल्होत्रा, बिनता ठाकुर, सुनील राणा, केसर कटोच, विजय राणा, रमेश राणा, जन्म चंद कटोच, विभिन्न पंचायतों के प्रधान, उपप्रधान, बीडीसी सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा चंगर क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की शिवालिक पहाड़ियों की आद्रभूमि में मानव निर्मित पौंग बांध जलाशय प्रवासी पक्षियों, विशेष रूप से साइबेरियाई क्रेन और रूस एवं ट्रांस अंटार्कटिक क्षेत्रों से सैकड़ों प्रजातियों की निवास स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार इसे पर्यटकों की पसंदीदा सैरगाह के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी विख्यात है। यह वन्यजीव अभयारण्य, रामसर कन्वेंशन द्वारा घोषित 25 अंतर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि स्थलों में से एक है। पौंग बांध झील को नवंबर, 2002 में राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट) के रूप में घोषित किया गया है। इस पर्यटन स्थल में वर्ष भर सैलानियों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में राज्य सरकार झील के आस-पास पर्याप्त अधोसंरचना बनाने और जल क्रीड़ा एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है। सरकार यहां आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए प्रयासरत है। यहां पर्यटकों को शिकारे के साथ-साथ अनेक साहसिक गतिविधियां आरम्भ करने की योजना तैयार की जा रही है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से युवाओं को शिकारा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। वर्तमान राज्य सरकार ने अधोसंरचना विकास के लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए पौंग बांध में एक फ्लोटिंग होटल खोलने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए हॉट एयर बैलूनिंग गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी। पौंग जलाशय 24,529 हेक्टेयर क्षेत्र तक फैला हुआ है। पौंग जलाशय बड़े पैमाने पर मछुआरों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है और क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। प्रकृति से प्राप्त अपार संसाधनों के बावजूद, झील की पर्यटन क्षमता का पूरी तरह से दोहन नहीं किया जा सका है। सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमि के रूप में और पक्षियों प्रेमियों के लिए विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है। पौंग बांध में प्रवास पर आने वाले पक्षी, पक्षीविज्ञानियों और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की क्षेत्र के विकास में सहभागिता को बढ़ाने तथा उन्हें पर्यटन संबंधी गतिविधियों में शामिल करने पर बल दिया जाएगा।
ज्वालामुखी उपमंडल के तहत उम्मर पंचायत के डोल गांव में नरेश ठाकुर की भूमि से 7 चंदन के पेड़ काटने का मामला सामने आया है। यहां से 1 साल पहले 2 चंदन के पेड़ काटे गए थे और अब फिर वन काटुओं ने 7 पेड़ काटे हैं। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची ज्वालामुखी पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी ज्वालामुखी विकास धीमान ने कहा कि पुलिस वन काटुओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य संसदीय सचिव, शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल ने पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्रोगणु में 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र भवन तथा 5 लाख से निर्मित सीएससी भवन का लोकार्पण किया। द्रोगणु में लोगों को संबोधित करते हुए आशीष बुटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान सरकार प्रदेश में राज के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के हित के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता से प्रदेश निरंतर आत्मनिर्भरता की और आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों दी गई सभी गारंटियों पर सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है और सरकार प्रदेश के 1 लाख 34 हजार अधिकारियों, कर्मचारियों को ओपीएस देकर पहली गारंटी को पूर्ण कर दिया है। सीपीएस ने कहा कि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र का योजनात्मक और सर्वांगीण विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में लोगों की मांग और जरूरतों के अनुरूप जनसहभागिता से विकास को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान और उसे मुख्य धारा में लाने के ध्येय से कार्य कर रही है। बुटेल ने कहा कि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र विकास और सुविधाओं की दृष्टि में बेहतर है। उन्होंने कहा कि धौलाधार के साथ लगते कुछ ऊंचे क्षेत्रों में विकास कार्यों को लोगों के सहयोग से तीव्र गति से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पालमपुर विधान सभा क्षेत्र के सकैडी और नानाहर पंचायतों में मोबाइल सिग्नल की समस्या को दूर करने के लिये मोबाइल टावर स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने सकैडी गिरी क्लब को मैदान की चारदीवारी के लिये डेढ़ लाख, धरेहड और द्रोगणु शमशान घाट में शेड निर्माण के लिये 2-2 लाख, द्रोगणु शमशान घाट रास्ते मे टाइल कार्य के लिये 2 लाख, थला में प्राकृतिक स्त्रोत से पंचायत द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये तीन लाख तथा महिला मण्डलों द्वारा भवन के लिये जमीन उपलब्ध होने पर भवन के लिये धनराशी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में बंद पड़ी सरकारी बस सेवा को भी एक सप्ताह में बहाल करने की घोषण की। कार्यक्रम में द्रोगणु पंचायत के प्रधान बीना देवी, थला पंचायत प्रधान अंजू देवी, डॉक्टर मदन दीक्षित, पूर्व प्रधान सुरेश कुमार, ओंकार ठाकुर, कुलदीप कुमार, विजय कुमार, जगदीश, शशि कपूर, डीएफओ नितिन पाटिल, अधिशासी अभियंता अंकुर शर्मा, तहसीलदार सार्थक शर्मा, डॉ वनीता शर्मा, बीडीओ भानु प्रताप, एसडीओ अनिल धीमान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
आखिरकार धर्मशाला के जदरांगल में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने करीब 57.10 हेक्टयर वन भूमि में भवन निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी है। केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस मंजूरी पर जन चेतना मंच धर्मशाला ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। जन चेतना मंच धर्मशाला के पदाधिकारी और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी कैप्टन जेएम पठानिया ने प्रेस वार्ता कर इस बाबत जानकारी साझा की है। जेएम पठानिया ने कहा कि उनका संघर्ष रंग लाया है, दरअसल उन्होंने जदरांगल में चिन्हित वन भूमि पर पेंच फंसने से धर्मशाला से देहरा शिफ्ट होते केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी कैंपस निर्माण का कार्य इसी भूमि पर करवाने के लिए भारत की केंद्र सरकार को वन भूमि क्लियरेंस के लिये प्रस्ताव भेजा था जिसे विधिवत मंजूरी मिल गई है। उन्होंने ने कहा कि अब इसके बाद एक और बड़ी कि चुनौती उनके सामने है और वो यह है कि यहां न केवल स्थायी कैंपस का निर्माण हो बल्कि जो धर्मशाला की लिहाज़ से केंद्रीय विश्वविद्यालय के जो प्रासांगिक (relevant) विभाग हैं वो यहीं से चलें और जिनकी प्रासांगिकता देहरा में है वो वहां से चलाए जाएं, ताकि इसका विश्वविद्यालय फैकल्टी और छात्रों को लाभ मिल सके, ख़ास तौर पर वो विभाग जो पहले से ही यहां चल रहे हैं, उन्हें तो बिल्कुल भी शिफ्ट न किया जाए, जिससे कि छात्र और फैकल्टी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्लाय की मेडिकल सांइस विभाग को तो धर्मशाला से ही चलाया जाना चाहिए, इसलिये क्योंकि इसका विश्वविद्यालय दोहरा लाभ भी उठा सकता है क्योंकि जहां एक ओर धर्मशाला के नजदीक मेडिकल कॉलेज टांटा है तो वहीं दूसरी ओर जोनल हस्पताल धर्मशाला भी है जिसका लाभ छात्र और फैकल्टी दोनों ही उठा सकते हैं। जेएम पठानिया ने कहा कि जन चेतना मंच अपने संघर्षशील कार्यों से अपना स्तर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक ले जाना चाहते हैं इसके लिये उन्हें जो करना पड़ा वो निश्चित तौर पर करेंगे।
केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की एडवाइजरी कमेटी द्वारा धर्मशाला के निकट जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के लिए 57.0 हेक्टेयर भूमि के आवंटन की घोषणा की गई है। भूमि आवंटन के बाद जल्द ही विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। परिषद के प्रांत सह मंत्री अभिषेक ने बताया कि जद्रांगल में सीयूएचपी को भूमि मंजूरी मिलना विद्यार्थी परिषद के लंबे संघर्षों का परिणाम है। गौरतलब है कि 15 अगस्त, 2007 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा, 16 राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी। इसी के अंतर्गत वर्ष 2009 में संसद अधिनियमित केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत हिमाचल प्रदेश को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय की सौगात प्राप्त हुई थी। किंतु दुर्भाग्यवश 2009 से वर्ष 20023 तक 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर का निर्माण नहीं हो पाया। 14 वर्षों में इस विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के निर्माण के नाम पर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास किया। प्रदेश या देश में चुनाव प्रचार के समय सभी पार्टियों द्वारा विश्वविद्यालय निर्माण का वादा किया गया पोस्टर लगाया गया किंतु धरातल पर वास्तविकता कुछ और ही रही। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र हित को ध्यान में रखते हुए पिछले 14 वर्षों से ही लगातार इस विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर निर्माण के लिए आंदोलनरत है। वर्ष 2009 से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन व केंद्र तथा राज्य सरकारों के खिलाफ न जाने कितने ही आंदोलन किए हैं। इसी कड़ी में वर्ष 2020 में भी विद्यार्थी परिषद ने 48 दिन का अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन व 44 दिन की भूख हड़ताल भी की। इसी दौरान परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा शव प्रदर्शन, मूक प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक जैसे अलग अलग प्रदर्शन कर सरकार को चेताने का प्रयास किया गया। इसी के साथ 2020 में परिषद का एक प्रतिनिधि दल तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी मिलता है और विश्वविद्यालय की समस्याओं को सामने लाता है। मंत्री द्वारा विद्यार्थी परिषद को जल्द ही इस मामले का समाधान करने का विश्वास भी दिलाया गया किंतु उसका भी कोई परिणाम नहीं निकला। कुछ समय पहले विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई व देहरा में विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर निर्माण की अनुमति मिलने के बाद 115 हेक्टेयर भूमि पर भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। किंतु बारिश व कम जमीन का हवाला देते हुए जद्रांगल में भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी गई। आज विद्यार्थी परिषद के लंबे संघर्ष के बाद जद्रांगल में भी 57 हेक्टेयर भूमि को मंजूरी दे दी गई है। यह विद्यार्थी परिषद की यह जीत कार्यकर्ताओं, अन्य छात्र व छात्राओं सहित पूरे राज्य के वासियों के लिए हर्ष का विषय है। विश्वविद्यालय में छात्र हितों के लिए विद्यार्थी परिषद पिछले 14 वर्षों से संघर्ष करती आई है और आगे भी विद्यार्थियों को यदि कोई भी समस्या आती है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रत्येक कार्यकर्ता उन समस्याओं को समाप्त करने के लिए कार्य करता रहेगा।
*कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward * कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुनैना कश्यप। फर्स्ट वर्डिक्ट सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward
वो लोग जो बेहतर की उम्मीद में साथ छोड़ कर गए थे, शायद आज वापस हाथ पकड़ने की सोचते होंगे। हम बात कर रहे है कांग्रेस के उन तमाम नेताओं की, जिनका पूर्वानुमान एक दम गलत साबित हुआ। वो नेता जो चुनाव से पहले सत्ता में आती हुई कांग्रेस का साथ छोड़ सत्ता से बाहर होती हुई भाजपा के खेमे में जा मिले थे। इस फेहरिस्त में काँगड़ा से विधायक पवन काजल, नालागढ़ से पूर्व विधायक लखविंदर राणा और हर्ष महाजन मुख्य तौर पर शामिल है। ये वो नेता है जिनका कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, मगर परिणाम सामने आए तो झटका इन्हें ही लग गया। सर्विदित है कि अगर ऐसा न हुआ होता तो निजी तौर पर आज इनके लिए सियासी परिस्थितियां बेहतर हो सकती थी। हिमाचल प्रदेश में सत्ता की चाबी रखने वाले कांगड़ा जिले के ओबीसी नेता पवन काजल किसी समय कांग्रेस पार्टी की आंखों का 'काजल' माने जाते थे। मगर विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले भाजपा ने कांग्रेस के इस 'काजल' को अपनी आंखों का 'नूर' बना लिया था। यूँ तो काजल भाजपा से ही कांग्रेस में आए थे, मगर काजल की ऐसे भाजपा में वापसी होगी ये किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल पवन काजल ने वर्ष 2012 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए बतौर निर्दलीय कैंडिडेट चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में तब पवन काजल पहली बार जीते थे। पवन काजल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन्हें कांग्रेस में ले आए। वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पवन काजल को कांगड़ा से कांग्रेस का टिकट दिया। पवन काजल भी वीरभद्र सिंह के भरोसे पर खरा उतरे और लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। काजल अक्सर ये कहा भी करते थे कि वे कांग्रेस के साथ नहीं वीरभद्र सिंह के साथ है। कांग्रेस ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया, मगर काजल ने कांग्रेस को छोड़ जाना सही समझा। काजल तो चुनाव जीत गए, मगर भाजपा चुनाव हार गई। माना जाता है कि अगर काजल पार्टी न छोड़ते तो उनका मंत्री पद तय था। बात लखविंदर राणा की करें तो राणा तीन बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ विधानसभा पहुंचे थे । वर्ष 2010-11 में नालागढ़ के तत्कालीन विधायक हरिनारायण सैणी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में लखविंद्र राणा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राणा हार गए। वर्ष 2017 में उन्होंने एक बार फिर नालागढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया मगर भाजपा में बगावत के चलते राणा चुनाव हार गए। इन दो विधायकों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले हर्ष महाजन भी चुनाव से पहले भाजपा के हो गए थे। शायद ही किसी ने सोचा हो कि वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन और कांग्रेस की राह अलग भी हो सकती है। हर्ष महाजन होलीलॉज के करीबी थे और वे कई बार वीरभद्र सिंह के चुनाव प्रभारी भी रह चुके थे। कहते है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में हर्ष महाजन का सबसे बड़ा योगदान रहा था। इस चुनाव से पहले भी कांग्रेस द्वारा इन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, मगर कांग्रेस पर नज़रअंदाज़गी का आरोप लगाते हुए महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे। हालंकि अब भाजपा में हर्ष महाजन को कितनी तवज्जो मिल रही है, ये वे ही जानते होंगे। अगर महाजन कांग्रेस में रहते तो शायद बात कुछ और होती।
प्रदर्शन और आभार कार्यक्रम तो बहुत हुए मगर इस तरह पहले कभी सरकार का आभार व्यक्त करने को कर्मचारियों का हुजूम नहीं उमड़ा। लाखों की संख्या में कर्मचारी सीएम सुक्खू का दिल की गहराईयों से आभार करने को पहुंचे और धर्मशाला का पुलिस ग्राउंड जय सुक्खू के नारो से गूँज उठा। ऐसा स्वागत या स्नेह, सरकार को कर्मचारियों से शायद ही पहले कभी मिला हो, और हो भी क्यों न सीएम सुक्खू के नेतृत्व की इस कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की उस मांग को पूरा किया है जिसके लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी सालों तक नेताओं की दरों पर दस्तक देते रहे। सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों के इस अनंत संघर्ष पर पूर्ण विराम लगाया है, जिसके लिए कर्मचारियों ने सीएम सुक्खू को सर माथे लगा लिया। कभी उन्हें नायक बताया तो कभी पेंशन पुरुष। आभार के जवाब में सीएम सुक्खू भी कह गए कि मैं आपका सेनापति हूँ और आप मेरी सेना हो। 11 दिसंबर को कर्मचारियों के आशीर्वाद से कांग्रेस सरकार बनी और आगे भी ऐसे ही हमारा साथ देते रहना। कर्मचारियों की ये मांग कोई आम मांग नहीं थी। ये वो मसला था जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का भविष्य जुड़ा था, वो कर्मचारी जो एनपीएस के अंतर्गत आते थे और जिन्हें शायद सेवानिवृत होने के बाद अपने बुढ़ापे में किसी और का सहारा लेना पड़ता। एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के ऐसे कई मामले सामने आए है, जब इन कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद नाम मात्र पेंशन मिली। पूरे जीवन सरकार की सेवा करने के बाद ये कर्मचारी बुढ़ापे में इतने लाचार हो गए की जीवन व्यापन कठिन हो गया। इसी के बाद से पुरानी पेंशन बहाली के लिए महासंघर्ष का आरम्भ हुआ। न जाने कितनी ही हड़तालें, प्रदर्शन, अनशन इन कर्मचारियों ने किये मगर एक लम्बे समय तक इनकी नहीं सुनी गई। अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए संघर्षरत इन कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई, इन पर वाटर कैनन्स भी दागी गई और इनकी आवाज़ दबाने की कोशीश भी की गई, मगर संघर्ष थमने के बजाए और उग्र होता गया। आखिर जिस सरकार ने कर्मचारियों की नहीं सुनी वो सरकार सत्ता से बाहर हुई और सीएम सुक्खू के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के लिए मसीहा बन गई। वादे अनुसार पहली कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में केसा उत्साह है ये एक बार फिर धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में देखने को मिल गया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ फाउंडेशन के संस्थापक प्रमोद कुमार भारद्वाज के दिशा-निर्देश में इंदौरा में एक विशेष बैठक फाउंडेशन की प्रदेश की अध्यक्ष सुमन कौशल की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में 40 वर्ष से ऊपर फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने व गरीब व जरूरतमंद परिवारों का हर तरह से सहयोग करने का भी प्रण लिया। इस मौके पर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन उर्फ गोल्डी लंबरदार, प्रदेश के महासचिव नरेंद्र सिंह, प्रदेश प्रेस सचिब गगन ललगोत्रा,जिला से महासचिव मीनाक्षी नंदा, जिला सचिव मंजू देवी, रैक सोना, मीना कुमारी, आरती शर्मा, सुरेश बाला सहित 43 सदस्य मौजूद थे।
घगवां में बाबा कयालू महाराज का मेला बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मेले में श्रद्धालुओं ने बाबा कयालू महाराज के दरवार में शीश नवाकर बाबा कयालू जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। मेले में पंजाब से गायक रामू मज्जी, रानी अरमान, मिस अनु ने बाबा कयालू महाराज के दरबार में माथा टेका, उसके उपरांत अपने गायकी से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन भी किया हुआ था। इस मौके पर जिला कांगड़ा के कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष ठाकुर जर्म सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उन मेले में पहुंचे यहां मेला कमेटी द्वारा उनका जोरदार फूल मालाएं पहना कर स्वागत किया गया। मेले में बाबा कयालू महाराज मेला कमेटी घगवां के प्रधान जगन कुमार, गोपाल शर्मा,बंटी, तारा चंद, गणेश, रोहित, तिलक, वृज मोहन सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।
जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के संकल्प को पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। इसी कड़ी में जिले में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार गंभीर प्रयास करेगी। वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन इंडिया की हिमाचल प्रदेश इकाई द्वारा आज शाहपुर में आयोजित बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आरएस बाली ने यह बात कही। ईस्ट जोन की इस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में कांगड़ा, चंबा और उना जिलों के पुरुष और महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। उपस्थित प्रतिभागियों और आयोजकों को संबोधित करते हुए रघुबीर सिंह बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की दूरगामी सोच टूरिज्म के क्षेत्र में कांगड़ा जिला सहित पूरे हिमाचल प्रदेश में एक नवक्रांति लाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें टूरिज्म क्षेत्र में जो अहम जिम्मेदारी दी है उसको वे बड़ी निष्ठा से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने को लेकर उनके पास कईं आइडियाज़ हैं, जिन्हें वे योजनाबद्ध ढंग से लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा को पर्यटन जिले के रूप में विकसित करने के लिए चिड़ियाघर, आइस स्केटिंग रिंक, गोल्फ मैदान, नगरोटा बगवां में भारत का सबसे बड़ा फाउंटेन, एडवेंचर टूरिज्म तथा साहसिक गतिविधियों और खेलों सहित अनेक कार्य जिला कांगड़ा में शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं से निश्चित ही जिला कांगड़ा पर्यटन जिला के रूप में विकसित होगा। उन्होंने वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन अधिकारियों की इस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता करवाने के लिए प्रशंसा करते हुए आयोजन समिति को 21000 रुपये देन की घोषणा की। उन्होंने प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर युवाओं को नशे से दूर रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेलकूद तथा बॉडीबिल्डिंग जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए रचनात्मक गतिविधियों में रूचि दिखानी चाहिए। उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय जीएस बाली को याद करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने की बात दोहरायी। उन्होंने कहा कि वे हमेशा लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे। इस अवसर में पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू, रामा जिम रैत के सचिव अंकुश राठौर, आयोजन सचिव सुमित शर्मा, युवा नेता पंकू, एनएसयूआई सचिव विशाल शर्मा सहित प्रतिभागी उपस्थित रहे।
थाना क्षेत्र नादौन के अंतर्गत स्थानीय औद्योगिक क्षेत्र के निकट कोहला गांव में ब्यास नदी में नहाने उतरे पंजाब के तीन युवकों में से एक डूब गया, जबकि दो डूबने से बाल-बाल बचे। मृतक की पहचान 22 वर्षीय चेतन पुत्र दर्शन सिंह निवासी गांव कम्मोवाल माहलपुर होशियारपुर के तौर पर हुई है। मृतक के चचेरे भाई मनदीप पुत्र जरनैल सिंह ने बताया कि रविवार सुबह कम्मोवाल गांव से महिलाओं सहित करीब 25 लोगों का ग्रुप जिला के सीमावर्ती गांव भड़ोली क्षेत्र ज्वालामुखी थाना में स्थित अपनी जठेरी में माथा टेकने आए थे। इसी दौरान चेतन, उसका चचेरा भाई 28 वर्षीय मनदीप तथा 16 वर्षीय राहुल पुत्र गुरदयाल निवासी गांव कम्मोवाल व्यास नदी में नहाने उतर गए। तीनों को ही तैरना नहीं आता था और वे अनजाने में धीरे-धीरे गहरे पानी में पहुंच गए। तीनों पानी में करीब 2 किलोमीटर तक बहते हुए नदी के दूसरे किनारे नादौन की ओर बढ़ते गए। इनमें से राहुल और मनदीप कोहला गांव में जल शक्ति विभाग के स्टोर एवं पंप हाउस के निकट पानी के किनारे जैसे ही पहुंचे तो वहां उपस्थित कुछ स्थानीय लोगों ने इन्हें देख लिया और इन्हें बाहर निकालकर उनकी जान बचाई। वहीं, चेतन जिसका हाथ मनदीप ने पकड़ा हुआ था वह पानी में ही उसे छूट गया और बहता हुआ आगे चला गया। उसे स्टोर से थोड़ा आगे की ओर स्थानीय लोगों ने जब बाहर निकाला तो इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी कुलदीप पटियाल ने पुलिस टीम सहित मौका पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) बहाली के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताने को 28 मई को धर्मशाला में प्रदेशभर से एनपीएस यूनियन से जुड़े कर्मचारी जुटेंगे। रैली में कर्मचारियों के साथ उनके परिजनों को भी आने का न्यौता दिया गया है। धर्मशाला के पुलिस मैदान में होने वाली इस आभार रैली में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों और अन्य पदाधिकारियों के पहुंचने का कार्यक्रम है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल की सुक्खू सरकार के ओल्ड पेंशन बहाली के ऐतिहासिक निर्णय से प्रदेश के एक लाख 36 हजार सरकारी कर्मचारियों को सीधा पहुंचा है। सरकार के निर्णय से लाभान्वित सभी कर्मचारियों का एक स्वर में कहना है कि यह आभार रैली मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश सरकार का धन्यवाद जताने के लिए आयोजित की जा रही है। सरकार के ओपीएस बहाली के निर्णय ने उनका वर्तमान और भविष्य सुरक्षित कर दिया है। वहीं पेंशन बहाली से गदगद कर्मचारियों के परिजन भी रैली को लेकर बेहद उत्सुक हैं। उनका कहना है कि के यह केवल पेंशन की बात नहीं है, ये हमारे बच्चों के सम्मान, स्वाभिमान और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ा फैसला है, इसके लिए वे जिंदगी भर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ऋणी रहेंगे। हर जिले से आएंगे कर्मचारी एनपीएस यूनियन के जिला कांगड़ा के अध्यक्ष राजेंद्र मन्हास ने बताया कि आभार रैली में प्रदेश के हर जिले से एनपीएस कर्मचारी यूनियन से जुड़े लोग एवं उनके परिजन आएंगे। रैली प्रातः 11 बजे आरंभ होगी। इसमें 65 हजार के करीब लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। रैली में पधारने पर मुख्यमंत्री समेत उनकी पूरी कैबिनेट का आभार जताने तथा उनके भव्य स्वागत की तैयारी की गई है।
विधानसभा जवाली की भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष मधु बाला को पार्टी के प्रति ईमानदारी निष्ठता तथा वफादारी को देखते हुए महिला मोर्चा जिला नूरपुर की का सचिव बनाया गया है। संगठनात्मक जिला नूरपुर की जिलाध्यक्ष श्रेष्ठा ठाकुर ने मधु बाला को जिला सचिव नियुक्त किए जाने का पत्र जारी किया गया है। यह पत्र जिला अध्यक्षा ने महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष रश्मि धर सूद के साथ साथ प्रदेश व जिला के पार्टी पदाधिकारियों व भाजपा मंडल जवाली को भेजा है। वहीं मधु बाला ने अपनी इस कामयाबी के लिए जिला के सभी वरिष्ठ नेताओं तथा हाईकमान का धन्यवाद किया है साथ ही अपने दायित्व को ईमानदारी से निभाने का भरोसा दिया है। गौर रहे विधानसभा चुनावों मे पार्टी हाईकमान ने उस समय के मौजूदा विधायक अर्जुन ठाकुर को टिकट न देकर संजय गुलेरिया को टिकट थमाया था, उस समय भाजपा मंडल जवाली की अध्यक्ष मधु बाला पर पार्टी विरोधी काम करने के आरोप लगे थे और उनका पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया था। अब अगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने निष्कासित कार्यकर्ताओं को पार्टी के भीतर जगह देना शुरू कर दी है।
प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी दसवीं के वार्षिक परीक्षा परिणाम मे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गरली का परिणाम हर वर्ष की तरह इस बार भी शत प्रतिशत रहा, जिसमें ज्यादातर छात्र-छात्राएं प्रथम व दूसरी श्रेणी में पास हुए हैं। जानकारी देते हुए स्कूल प्रधानाचार्य अनिरुद्ध शर्मा ने बताया कि आस्था शर्मा ने सबसे अधिक 676 अंक लेकर अपनी स्कूल मे टाप किया है,जबकि निखिल धीमान ने 656 अंक लेकर दूसरा व प्रिय शर्मा ने 644 अंक लेकर तीसरा स्थान हासिल किया है। प्रधानाचार्य ने बताया कि 20 स्टूडेंट्स ने 80 से 94 % अंक लेकर दसवीं कक्षा पास की है। उन्होंने सफलता का श्रेय मेहनती टीचर स्टाफ व बच्चों की मेहनत को दिया है।
कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला में आधुनिक बस स्टैंड निर्माण के चलते यदि ट्रक ऑपरेटर्स को उजाड़ा जाता है तो पहले उनके लिए उचित व्यवस्था की जाए। यह मांग धर्मशाला ट्रक एंड मिनी ट्रक ऑपरेटर यूनियन ने प्रदेश सरकार से उठाई है। यूनियन के सचिव अजय गौतम, ट्रक ऑपरेटर चमन ठाकुर, अजय, राजेंद्र शर्मा व कुलदीप सोनी ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि पूर्व कांग्रेस कार्यकाल के दौरान जब धर्मशाला में आधुनिक बस स्टैंड का शिलान्यास किया गया था तो तत्कालीन मंत्री जीएस बाली और सुधीर शर्मा ने ट्रक ऑपरेटर्स के हितों का ध्यान रखने की बात कही थी। ऑपरेटर्स का कहना है कि वर्ष 1971 से धर्मशाला में ट्रक यूनियन का संचालन किया जा रहा है, जबकि अब उन्हें उजाड़ा जा रहा है। पिछले 7 वर्षों में 10 ड्राइंग नए बस अडडे की बनाई जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक फाइनल ड्राइंग न बनने के चलते उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। ऑपरेटर्स का कहना है कि इस मसले को स्थानीय विधायक और जिलाधीश के समक्ष भी उठाकर उन्हें न उजाडऩे का आग्रह किया जाएगा।
नए संसद भवन (सेंट्रल विस्टा) के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को न बुलाना लोकतंत्र की हत्या है। इसी को देखते हुए कांग्रेस और अन्य 20 सहयोगी दलों में सेंट्रल विस्टा की उद्घाटन में न जाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता में कहा कि राष्ट्रपति देश के पहले नागरिक होते हैं। इसलिए सभी को राष्ट्रपति पद का सम्मान करना चाहिए। अभी कुछ फोटो इंटरनेट मीडिया पर विधानसभा भवनों के उद्घाटन में राज्यपालों को न बुलाने को लेकर प्रसारित हो रहे हैं। राज्यपाल और राष्ट्रपति की चयन में भिन्नता है, क्योंकि राष्ट्रपति चुने हुए होते हैं और राज्यपाल केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए गए होते हैं। ऐसे में विधानसभा भवनों में उद्घाटन में राज्यपाल को न बुलाना कोई बड़ी बात नहीं है। इस लोकसभी चुनाव में जनता मुद्दों पर वोट देगी उन्होंने कहा कि इस तरह के काम करने पीएम नरेंद्र मोदी अपना कद खुद ही छोटा किए जा रहे हैं। यह बात स्वीकार है कि 2014 के चुनावों के दौरान देश की जनता में कांग्रेस को लेकर नफरत एवं रोष का भाव था, इस कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं 2019 में भारत पाकिस्तान के बीच विवाद को लेकर जनता में देशभक्ति में दूसरी बार भाजपा जीत गई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा, जनता मुद्दों पर वोट देगी। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही भाजपा की ओर से दावा किया गया था कि चीन को भारत लाल आंखें दिखाएगा। लेकिन सरकार चीन को लाल आंखें आज तक नहीं दिखा पाई, बल्कि चीन के लिए रेड कार्पेट जरूर बिछाती है और क्लीन चिट देती है। पीएम मोदी 18 बार चीन का दौरा कर आए, लेकिन एक बार भी सीमा विवाद को लेकर चीन से एक भी प्रश्न नहीं कर पाए। देश में स्थिति यह है कि विवाद के चलते मणिपुर जल रहा है, लेकिन पीएम मोदी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, वह तो आस्ट्रेलिया में अपने समर्थकों को जहाज में भरकर ले जाने में मस्त हैं। 26 मई को भाजपा का 9 साल का कार्यकाल पूरा हुआ है। भाजपा के मंत्री, सांसद और विधायकों को अगले एक सप्ताह तक घर घर जाकर जनता से माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने पिछले नौ सालों से जनता को गुमराह किया है। इस मौके पर धर्मशाला विधायक सुधीर शर्मा, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के आइटी सलाहकार गोकुल बुटेल सहित अन्य मौजूद रहे।
धर्मशाला में स्थित डल झील के रिसाव को राजस्थान की बालू मिट्टी रोकेगी। इसके लिए जल शक्ति विभाग ने झील के सुराख को भरने के लिए ट्रायल किया है। राजस्थान की बालू मिट्टी एक-दो दिन में फूल जाती है, ऐसे में रिसाव कम होने से पानी भर सकता है, जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी मात्र किचड़ की बजाय कुछ पानी भी देखने को मिलेगा। आस्था का केंद्र एवं छोटे मणिमहेश के रूप में जाने वाली जाने वाली डल झील का वैभव को लौटाने के लिए प्रशासन ने अब कमर कस ली है। जलशक्ति विभाग के कर्मचारियों ने राजस्थान से लाई गई बालू मिट्टी को डल झील के रिसाव को रोकने के लिए डाला है। जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता संदीप चौधरी ने बताया कि डल झील के रिसाव को रोकने के लिए राजस्थान से बालू मिट्टी मंगवाई गई है। डल झील के रिसाव को रोकने के लिए राजस्थान से बालू मिटटी का ट्रायल किया जाएगा। अगर ट्रायल सफल रहा तो डल झील के रिसाव को रोकने के लिए राजस्थान से बालू मिटटी मंगवाई जाएगी। इस मिटटी को अधिकतर डैम क दीवारों से हो रहे रिसाव को रोकने इस्तेमाल किया जाता है। नड्डी के स्थानीय लोगों ने बताया कि झील में साल भर पानी रहता था। कुछ साल पहले पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने झील को गहरा करने और गाद निकालने के लिए जेसीबी से इसके आधार को खोद दिया। तब से झील ने पानी बनाए रखने की अपनी क्षमता खो दी थी और अब इसकी सूरत और ज्यादा खराब हो गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पुश्तैनी गांव बैह धौंटा के निवासी बड़ी संख्या में आज उनकी देहरा विधानसभा क्षेत्र के हरिपुर रैली में उत्साह के साथ शामिल होने के लिए पहुंचे। बैह धौंटा देहरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और गांव के निवासी विशेष रूप से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहुंचे थे। बैह धौंटा के निवासी जगदीश चौहान ने बताया कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू रिश्ते में उनके भाई लगते हैं और उनके दादा तक की पीढ़ी इसी गांव में रहती थी। लगभग 90 साल पहले ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का परिवार बैह धौंटा गांव से शिफ्ट होकर नादौन के भवड़ां चला गया था। ग्राम पंचायत बैह के प्रधान गंधर्व सिंह ने बताया कि आज भी ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के परिजन सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए बैह धौंटा आते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग इस बात से बेहद खुश हैं कि उनका एक पारिवारिक सदस्य आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान है और उनके इलाके का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने देहरा विधानसभा क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जूलॉजिकल पार्क दिया है और केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य भी शुरू करवाया है। पौंग झील में भी उन्होंने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं, जिससे देहरा के युवाओं को भी लाभ होगा। धौंटा पचायत के प्रधान होशियार सिंह ने बताया कि वह 26 मई को धर्मशाला में मुख्यमंत्री से भेंट कर चुके हैं। इस दौरान ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के परिवार के कई सदस्य भी साथ रहे और क्षेत्र के विकास कार्यों के बारे में मुख्यमंत्री ने उनसे जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही दोबारा मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें उनके पुश्तैनी गांव बैह धौंटा आने का निमंत्रण देंगे और उनके सम्मान में नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम का भी आयोजन करेंगे। कांग्रेस देहरा जिला के पूर्व अध्यक्ष नरदेव कंवर ने बताया कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू देहरा के पुत्र हैं और जसवां परागपुर के दामाद हैं। उनका कांगड़ा के साथ गहरा रिश्ता है और इस क्षेत्र के विकास को लेकर वह बेहद गंभीर हैं। उन्होंने कांगड़ा जिला को टूरिज़्म कैपिटल के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जिला के विकास के लिए वह बड़ी-बड़ी परियोजनाएं आरम्भ करेगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू कई अवसरों पर कहा है कि कांगड़ा उनका घर है और कांगड़ा के विकास में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की छात्राओं ने ब्लॉक स्तर वित्तीय साक्षरता पर अखिल भारतीय क्विज में जीता 5000 रुपये का प्रथम इनाम। इस संदर्भ में स्कूल प्रधानाचार्य मोहन शर्मा ने बताया कि इसमें स्कूल की दो छात्राओं पलक कक्षा 10वीं व सानवी कक्षा आठवीं ने राजकीय मॉडल एसएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल इंदौरा में हुए ब्लॉक स्तर क्विज में प्रथम स्थान लेकर स्कूल की अन्य छात्राओं को भी प्रेरित किया। यह क्विज क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित की गई थी ।इन होनहार छात्राओं आज स्कूल में सम्मानित किया गया। यह छात्राएं अब जिला स्तर क्विज में भाग लेंगी
जिला रेडक्रास सोसाइटी कांगड़ा के तत्वावधान में 29 मई को जयसिंहपुर के तलवाड़ स्थित बहुतकनीकी संस्थान में एक दिवसीय निशुल्क एकीकृत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर के आयोजन को सफल बनाने हेतू आज दिनांक २६ को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमंडल अधिकारी (ना) जयसिंहपुर संजीव ठाकुर ने बताया कि शिविर का आयोजन बहुतकनीकी संस्थान, तलवाड़ के प्रागण में किया जाएगा। जयसिंहपुर के विधायक यादविंद्र गोमा 29 मई को प्रातः 10 बजे शिविर का शुभारभ करेंगे तथा शिविर में उपायुक्त महोदय कांगड़ा डॉ निपुण जिन्दल भी उपस्थित रहेंगे। शिविर में स्वास्थ्य, आयुष, पशुपालन, कृषि, बागवानी, उद्योग, ग्रामीण विकास, तहसील कल्याण अधिकारी व अन्य विभागों की तरफ से प्रदर्शनिय लगाई जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क चिकित्सा जांच, दिव्यांग जनों के लिए सहायता उपकरणें का वितरण व निशुल्क दवा वितरित की जाएगी।
ऐम एकेडमी बागकुंजा का दसवीं कक्षा का वार्षिक परिणाम शत-प्रतिशत रहा। इसमें अपर लंबागांव के हर्षित चौहान ने 700/ 688 , 98.2℅ अंक लेकर प्रदेश भर में सातवां स्थान हासिल किया। शुक्रवार सुबह स्कूल में मॉर्निग असेंबली में बुलाकर हर्षित चौहान को स्कूल के अध्यक्ष राकेश स्रोच ने हर्षित चौहान और उसके माता को मिठाई खिलाकर बधाई दी तथा सम्मानित किया। हर्षित चौहान ने बताया कि उसे उम्मीद थी कि वह टॉप 5 में आएगा, लेकिन सातवें रैंक पर आया। हर्षित ने बताया कि वह बड़ा होकर कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है। उसने इसका सारा श्रेह अपने माता-पिता और अध्यापकों को दिया।
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा कल 10वीं का परिणाम घोषित किया गया, जिसमें उपमंडल इंदौरा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोग्रवां की बेटियों ने अपने स्कूल का नाम रोशन किया। स्कूल में अंजू बाला ने प्रथम स्थान, अंजली कुमारी द्वितीय व तीसरे स्थान पर रुचि व तनवी रहीं। अंजू ने 666 अंक, अंजली कुमारी ने 651 और रुचि व तनवी ने 633 अंक हासिल किये, वहीं रोहित ने 89 % अंक हासिल किये हैं। अंजु से बातचीत की तो उसने बताया कि वह भविष्य में अध्यापक बनना चाहती है। अंजु के पापा किसान हैं व माता गृहणी। वहीं तनवी ने बताया कि वह अध्यापक बनना चाहती है। तनवी के पिता कंपनी में कार्यरत हैं व माता गृहणी हैं। रुचि ने बताया कि वह स्टाफ नर्स बनना चाहती है। रुचि के पिता कंपनी व माता गृहणी हैं। वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य राम कृष्ण शर्मा ने बताया कि स्कूल का परिणाम सराहनीय रहा है। इस सफलता का श्रेय उन्होंने स्कूल के स्टाफ, माता- पिता व बच्चों को दिया। प्रधानाचार्य ने बच्चों व उनके माता - पिता व समस्त स्कूल के स्टाफ को शुभकामनाएं दीं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड दसवीं परीक्षा परिणाम आज घोषित हुए, जिसमें लॉट्स सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल इंदौरा से 10वीं कक्षा की छात्रा दीपाली ने 98 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश में 9वां स्थान हासिल कर स्कूल व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। दीपाली ने बताया कि वह इंजीनियर बनना चाहती है। दीपाली के पिता का नाम सुनील दत्त पराशर हिमाचल पुलिस में बतौर कांस्टेबल हैं तथा sp आफिस नूरपुर में कार्यरत हैं व माता बीना देवी गृहणी हैं। स्कूल प्रवन्धक अभिषेक चिब्ब प्रधानाचार्य मधु चिब्ब व स्कूल स्टाफ ने दीपाली व उसके माता पिता को बधाई दी व दीपाली के उज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएं दीं तथा उसे हर सम्भव सहयोग करने की बात कही है।
प्रख्यात प्रेरणात्मक साहित्यकार रवि शर्मा आज किसान नेता व समाजसेवी मनजीत डोगरा से उनके निवास स्थान पर मिले तथा अपनी विश्व प्रसिद्ध पुस्तक सक्सेस एंड यू भेंट की तथा अपनी अनेक साहित्यिक रचनाओं पर विस्तृत चर्चा की। गौरतलब रहे कि रवि शर्मा पंचरुखी क्षेत्र के गांव टिक्कर खास के रहने वाले हैं तथा उनकी पुस्तक सक्सेस एंड यू, तथा जर्नी फ्रॉम मीडियोक्रिटी टू एक्सीलेंस ना केवल भारत के अंदर बल्कि यूरोप के बहुत से देशों में अच्छी खासी प्रसिद्ध हुई है। इसके अतिरिक्त इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम में भी रवि शर्मा जी विशेष तौर पर काम कर रहे हैं। मंजीत डोगरा ने प्रेरणात्मक साहित्य में विशेष काम करने पर रवि शर्मा को शुभकामनाएं दी तथा कहा कि निश्चित तौर पर रवि शर्मा जी की रचनाएं युवाओं को उनके भविष्य के संकल्प के प्रति प्रेरणा देंगी, तथा युवा अपने संकल्प में सफलता हासिल कर के राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। साहित्यकार रवि शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में निशुल्क मोटिवेशनल शिविर लगा रहे हैं, ताकि युवा अपने जीवन में सही निर्णय लेकर, निर्णय के प्रति संकल्पित होकर मेहनत करके अपने जीवन में सफलता हासिल करें।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड सीमित के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत शामिल करने का भरोसा दिया है। इससे बिजली बोर्ड के लगभग 6500 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास तथा उन्नति में सरकारी कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक मंे ही पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का निर्णय लिया, जिससे 1.36 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला है। प्रदेश सरकार इस योजना के तहत बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को शामिल कर उनके लाभ सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का कल्याण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश की निरन्तर प्रगति के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के कल्याण तथा सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित भविष्य प्रदान कर उन्हें प्रदेश के समग्र विकास में प्रभावी योगदान देने के लिए सक्षम बनाना है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के साथ-साथ प्रदेश सरकार ने सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तीन प्रतिशत मंहगाई भत्ते की किस्त भी जारी कर दी गई है। प्रदेश की चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिस्थितयों के बावजूद राज्य सरकार ने दूरदर्शी सोच के साथ प्रदेश के विकास में कोई बाधा नहीं आने दी है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना किसी बजट के प्रावधान के घोषणाएं की लेकिन उनके लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पाए, जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही सभी बकाया देनदारियां चुकाने के लिए प्रतिबद्ध है।
***कुल्लू जिले के स्नॉवर वैली पब्लिक स्कूल बजौरा की छात्रा मानवी ने 99.14 प्रतिशत (694) अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। हमीरपुर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल चूबतरा की छात्रा दीक्षा कथयाल ने (693) 99 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं हमीरपुर जिले के ही दो छात्रों ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। न्यू इरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल परोल के छात्र अक्षित शर्मा और सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदारान के छात्र आकर्षक ठाकुर ने 98.86 प्रतिशत (692) अंक लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमें से 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं और 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। उन्होंने ने बताया कि इस बार का परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
उपमंडल ज्वालामुखी के अंतर्गत बिजली बोर्ड में अप्रेंटशिप कर रहा सिलह गांव का सौरभ जम्वाल मझीन में एक बिजली के खंभे पर रिपेयरिंग करने चढ़ा था कि अचानक करंट लगने की वजह से नीचे गिर गया, जिससे उसे गंभीर चोट आई है। जानकारी मिलते ही सब डिवीजन मझीन के एसडीओ भी मौके पर पहुंचे। युवक की गंभीर हालत को देखते हुए उसे ज्वालामुखी अस्पताल लेकर जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे टांडा रेफर कर दिया। वहीं इस संदर्भ में एसडीओ बिजली विभाग सब डिवीजन मझीन सुमित कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग युवक की हरसंभव मदद कर रहा है और आगे जो भी जरूरत होगी सहायता की जाएगी। सौरभ के पिता अजय कुमार सिलह पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं।
बुधवार को बरोह के पास एक गाड़ी नंबर एचपी 54 सी 9976 से 42750 मिलीलीटर अवैध देशी शराब बरामद की गई है। पुलिस चौकी प्रभारी सचित कालिया की अगुवाई में एएसआई सुनील कुमार, हेड कांस्टेबल संजीव कुमार, कांस्टेबल लेख राज व एचएचसी राजेश कुमार की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बरोह की तरफ आती एक गाड़ी को जांच के लिए रोका गया। जांच के दौरान गाड़ी में पांच पेटी देसी शराब की बरमाद की गई। पुलिस प्रभारी सचित कालिया ने बताया कि अवैध शराब के साथ गाड़ी को कब्जे में लेकर आरोपी के खिलाफ एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं, एसपी नूरपुर अशोक रत्तन ने बताया कि आरोपी की पहचान नरेश कुमार पुत्र केहर सिंह निवासी गांव बट्ट बहलूँ डाकघर खरोटा तहसील ज्वाली जिला कांगड़ा की गई है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड पेंशनर कल्याण संघ की बैठक बुधवार को जोधामल सराय धर्मशाला में संपन्न हुई। सभा के प्रधान कर्मचंद राठौर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बतौर मुख्यातिथि स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर विशाल शर्मा ने शिरकत की। वहीं सेवानिवृत संयुक्त सचिव जगदीश पुरी ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान संघ की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें कर्मचंद राठौर को पुनः प्रधान पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं कश्मीर सिंह को उपप्रधान, कुलदीप वालिया को महासचिव, लालमन को वरिष्ठ उपप्रधान, सुरेंद्र चौधरी को मुख्य संरक्षक, चुनीलाल धीमान को संयुक्त सचिव और मीडिया प्रभारी का दायित्व सौंपा गया। अरूण चौधरी को सहायक सचिव, सुखदेव शर्मा को कोषाध्यक्ष, मोना कुमारी को महिला प्रधान तथा आशा शर्मा को महिला सचिव के पद पर नियुक्त किया गया।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत खरीदी गई 15 इलेक्ट्रिक बसों में लोग सफर कर पाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अंतरराज्यीय बस अड्डा धर्मशाला से बसों को हरी झंडी दिखाई है। सभी बसें हिमाचल पथ परिवहन निगम के निर्धारित रूट पर दौड़ेंगी। बसों को कुछ दिन पुर्व ट्रायल के तौर पर चलाया गया था। 45 से 50 मिनट में होंगी चार्ज इलेक्ट्रिक बसें 45 से 50 मिनट में चार्ज हो जाएंगी और 180 किलोमीटर चलेंगी। हालांकि चालकों को ये निर्देश दिए हैं कि जब बैटरी 20 प्रतिशत रह जाए तो बसें न चलाएं और इन्हें चार्जिंग स्टेशनों में चार्ज करें। होगा पर्यावरण संरक्षण इलेक्ट्रिक बसों के चलने से हरित परिवहन को बल मिलेगा। इससे पर्यावरण संरक्षण होगा। डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के कारण पर्यावरण दूषित होता है। इसके तहत ही स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की दिशा में कदम उठाया है। स्मार्ट सिटी के तहत परिवहन विभाग के माध्यम से 18.50 करोड़ रुपये से बसों की खरीद की गई है, जबकि 2.50 करोड़ रुपये से चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। सीएम ने बस टर्मिनल का किया भूमिपूजन मुख्यमंत्री इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाने के साथ बस टर्मिनल धर्मशाला का भूमिपूजन भी किया । करीब 20 कनाल भूमि में बस टर्मिनल का निर्माण पीपीपी मोड यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत किया जाना है।
भारतीय डाक विभाग के मंडलीय कार्यालय देहरा में नव निर्मित डाक प्रशिक्षण केंद्र डब्ल्यूटीसी देहरा का उद्घाटन वंदिता कोल चीफ पोस्टमास्टर जनरल, शिमला के द्वारा किया गया। यह डाक प्रशिक्षण केंद्र लगभग 11.50 लाख की लागत से तैयार किया गया है, जिसमें सभी आधुनिक कंपूटरीकृत उपकरण उपलब्ध है। इस डाक प्रशिक्षण केंद्र के बनने से देहरा मंडल के अंतर्गत लगभग 700 से 800 विभागीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। मुख्य अतिथि वंदिता कौल ने बताया कि देहरा में डाक प्रशिक्षण केंद्र खुलने से स्थानीय कर्मचारियों को विभागीय व व्यवसायिक प्रशिक्षण देहरा में ही दिया जा सकेगा जिससे भारतीय डाक के उत्पादों और सेवाओं को उच्चतम गुणवत्ता के साथ आम ग्राहकों को प्रदान करने में कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने बताया की देहरा डाक मंडल हमेशा ही परिमंडल स्तर पर अच्छा कार्य करता रहा है और इस वितीय वर्ष में भी बहुत सारी विभागीय सेवाओं में देहरा प्रथम स्थान पर बना हुआ है, जिसकी उन्होंने प्रसंशा की है। इस मौके पर डाक अधीक्षक देहरा बलबीर चंद ने बताया कि जिन प्रशिक्षणों के लिये विभागीय कर्मचरियों को पहले शिमला, ऊना व धर्मशाला जाना पड़ता था, अब वह प्रशिक्षण स्तर इस प्रशिक्षण केंद्र के खुलने से देहरा में उपलब्ध हो जाएगा, जो कि विभागीय कर्मचारियों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। इसके अलावा वंदिता कौल, चीफ पोस्टमास्टर जनरल, शिमला द्वारा पौधारोपन भी देहरा डाकघर के परिसर में किया गया।