सांसद खेल महाकुंभ 3.0 क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन जटोली चाकरा ग्राउंड में प्रधान जी.पी कोलापुर विपन कुमार ने किया। इस अवसर पर युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष रमन शर्मा भी उपस्थित रहे। रमन शर्मा ने सांसद अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया, जिनकी पहल से यह सांसद खेल महाकुंभ संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट के जरिए छोटे-छोटे गांवों के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है और युवाओं में खेलों में भागीदारी बढ़ रही है। मुख्य अतिथि विपन कुमार ने अपने संबोधन में युवाओं से नशे से दूर रहने और खेलों को प्रोत्साहित करने की अपील की। टूर्नामेंट का पहला मैच सरड वम्मी और कुहना के बीच खेला गया, जिसमें कुहना की टीम ने जीत हासिल की। इस मौके पर मंडल उपाध्यक्ष अनीश ठाकुर, उपाध्यक्ष मोंटी, जिला आईटी संयोजक शशांक मेहता, रोबिन, सेठू, संजीव, मनू और अन्य लोग उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला कांगड़ा के अपने शीतकालीन प्रवास के दौरान कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में 88.68 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली चार प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कांगड़ा की ग्राम पंचायत बीरता, घुरकड़ी, ललेहड़, मटौर, नटेहड़ आदि क्षेत्रों के लिए 60.12 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सीवरेज स्कीम तथा 12.59 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले देहरा अरला, गवला अंद्राड़, तरसूह, ललेहड़, बीरता, जोगीपुर, सेवकरा, नटेहड़ सड़क के सुधारीकरण कार्य का शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने 10 करोड़ 81 लाख रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के 33/11 के.वी. विद्युत उपकेंद्र दौलतपुर तथा 5.16 करोड़ रुपये की लागत से इच्छी, मटौर, नंदेहड़, कोटकवाला, जमानाबाद, अब्दुल्लापुर, मिहालू, जोगीबला, सहौड़ा और गगल गांवों के लिए उठाऊ पेयजल योजना के संवर्धन कार्य की आधारशिला रखी।
जन भागीदारी अभियान" के तहत आज "टीबी मुक्त भारत अभियान" के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन सेंट रुद्राक्ष कॉन्वेंट स्कूल, कथोली नगरोटा सुरियां में किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों को टीबी (क्षय रोग) के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई और टीबी मुक्त भारत के उद्देश्य के लिए शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों और एचआईवी/एड्स के बारे में भी बताया गया। बच्चों ने इस अवसर पर 'एंड टीबी' का प्रतीक चिन्ह भी बनाया। नई दिशा केंद्र ज्वाली के काउन्सलर कृष्ण कुमार ने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी बच्चें को नशे की लत लग चुकी हो, तो वे ज्वाली अस्पताल में उनकी काउंसलिंग करवा सकते हैं, जिससे उन्हें नशे की लत से मुक्ति मिल सके। प्रधानाचार्य मोनिका राणा ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि बच्चों को समय-समय पर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी मिलती रहे और वे अपने जीवन में स्वस्थ विकल्प चुन सकें। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुभाष चंद, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुनीता देवी, एनडीके काउन्सलर कृष्ण कुमार, एसटीएस रूचि चौधरी, स्कूल की प्रधानाचार्य मोनिका राणा, समस्त स्कूल स्टाफ और बच्चे उपस्थित रहे।
हिमाचल में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि हिमाचल में नई पंचायतों का भी गठन भी किया जाना है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछेक क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं। कइयों की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर परिषद और निकायों में पंचायतों के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है तो लोगों को हाउस समेत अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। ऐसे में लोग पंचायतों में ही रहने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद पांवटा साहिब में ग्राम पंचायत बदरीपुर, नगर पंचायत कुनिहार में कुनिहार, हाटकोट और कोठी, नगर पंचायत शिलाई में ग्राम पंचायत शिलाई व बेला, नगर परिषद हमीरपुर में भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी - झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत के क्षेत्र शामिल हैं। नगर पंचायत सुन्नी में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी को शामिल किया गया है। वर्तमान हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं। इससे पहले दिसंबर में पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसी साल कभी भी पंचायतों को चुनाव हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों से बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अपने ही परिसर में परीक्षा देने की सुविधा देगा। फरवरी से शुरू हो रही बीएड की परीक्षाओं में यह नई व्यवस्था शुरू की जा जाएगी। निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 50 हजार की फीस के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विवि की इस नई व्यवस्था से इन 57 कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे नए पुराने करीब 16 हजार प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी। लंबे समय से निजी कॉलेज और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षु अपने परिसर में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे इतनी भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद उन्हें अपनी परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी होती है। कॉलेजों और उनसे बीएड प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की इस समस्या का विवि ने स्थायी समाधान कर दिया है। इस फैसले से विवि की भी परेशानी दूर हो गई है। विवि को राजधानी शिमला, कांगड़ा सहित अन्य जिलों के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में परेशानी पेश आती थी, कॉलेज इसकी अनुमति नहीं देते थे। अब निजी कॉलेजों में केंद्र बनाने में विवि कोई परेशानी नहीं आएगी। कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए अलग से दोगुनी फीस भी चुकानी होगी। अब तक विवि निजी कॉलेजों से 25 हजार फीस लेता था, जिसे विवि ने दोगुना कर दिया है। परिसर में परीक्षा केंद्र बनाए जाने की एवज में प्रशिक्षुओं से विवि कोई अलग से फीस नहीं लेगा, फीस को कॉलेजों को ही चुकाना होगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि प्रदेश भर में विवि से संबद्ध 57 बीएड कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले 16 हजार से अधिक परीक्षा देने वाले प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी से शुरू होने बीएड की परीक्षाओं के लिए अब तक 50 फीसदी कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मांगी गई फीस भी चुका दी है, 27 तक अन्य कॉलेजों को समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने पर परीक्षाएं विवि की सीधे निगरानी में की जाएंगी। इसके लिए अलग से स्टाफ मॉनिटर करने को लगाया जाएगा और उड़नदस्ते भी हर केंद्र पर नजर रखेंगे।
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।
कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकारी कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकार ने इसे विधानसभा के शीत सत्र में पारित करवाया था। इस विधेयक के लागू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कानून के रूप में लागू होगा तो साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होगी। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। नए प्रावधान से कानून बनने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
शिमला: बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी देखी गई। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ। 21 जनवरी को राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में और आसपास के माध्यम पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी को प्रदेश के कुछ स्थानों पर शीत दिवस को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 22 और 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। इस दौरान प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 24 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। 24 से 26 जनवरी तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
नीरज राणा, जो एक गैर-राजनीतिक परिवार से हैं, आज इस महत्वपूर्ण पद तक पहुंचे हैं। उनके पिता, रमेश चंद, जो एक शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ने हमेशा नीरज को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। नीरज ने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, और आगे भी वे संघर्ष करते रहेंगे। नीरज राणा ने विधायक संजय रत्न को अपना राजनीतिक गुरु मानते हुए कहा कि विधायक संजय रत्न ने तीसरी बार उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें एनएसयूआई कांगड़ा का जिला उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे पहले, नीरज राणा एनएसयूआई के प्रभारी ज्वालामुखी और विधानसभा क्षेत्र संयोजक के रूप में कार्य कर चुके हैं। नीरज राणा का कहना है कि अगर आप संगठन के प्रति सच्ची निष्ठा और लगन से काम करते हैं, तो संगठन आपको एक न एक दिन आपके लक्ष्य तक जरूर पहुंचाता है। चुनावों में भी नीरज राणा हमेशा अपने एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के साथियों के साथ मिलकर पूरी मेहनत से काम करते रहे हैं, चाहे वह विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव। नीरज राणा ने यह भी कहा कि यह उपलब्धि विधायक संजय रत्न के आशीर्वाद से ही संभव हो पाई है। उन्होंने इसके लिए ज्वालामुखी विधायक संजय रत्न, अधिवक्ता सर्वेश रत्न, एनएसयूआई प्रदेश प्रभारी मुनीश्वर शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष अभिनंदन ठाकुर टोनी, प्रदेश महासचिव निखिल जमवाल, जिलाध्यक्ष कपिल कुमार और खासकर अपने पिता का आभार प्रकट किया। आखिर में नीरज ने कहा, "मेरा जीवन हमेशा छात्रहित के लिए समर्पित रहेगा, और जैसे मैंने पहले छात्रों की आवाज को बुलंद किया है, वैसे ही भविष्य में भी करता रहूंगा। विधायक संजय रत्न के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने एनएसयूआई साथियों के साथ खड़ा रहूंगा।
कांगड़ा: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के प्रवास के दौरान नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। सीएम ने विधासभा क्षेत्र के लोगों के लिए 30.85 करोड़ रुपये की सात विकासात्मक परियोजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने 13.07 करोड़ रुपये लागत की योजनाओं के लोकार्पण और 17.78 करोड़ रुपये की योजनाओं की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने 7.82 करोड़ रुपये की लागत से बने दरड़ नाला-डमोह संपर्क मार्ग और दो पुलों का लोकार्पण किया। 2.05 करोड़ रुपये की लागत से बने जिला फॉरेंसिक यूनिट का उद्घाटन किया गया।2.84 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित खज्जियां हार संपर्क मार्ग और 36.66 लाख रुपये से बने विद्युत विभाग के उपमंडलीय भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने नूरपुर के जाच्छ में 13.91 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पुलिस अधीक्षक कार्यालय के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया. इसके अलावा 3 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कंडवाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के भवन और 86.83 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले गरेली खड्ड पुल की आधारशिला रखी और भूमि पूजन किया। सीएम ने इस दौरान कहा "हम व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं जिसके लिए हमारी सरकार ने बहुत से नियमों को बदला है। हम हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। हमारे प्रयासों से हिमाचल की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी है। पूर्व की भाजपा सरकार ने विकास के उद्देश्य से नहीं बल्कि चुनाव जीतने के उद्देश्य से काम किया था।
पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज के एक तिब्बती संस्थान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस सिलसिले में संस्थान के मैनेजर से भी पूछताछ की गई है। हालांकि अभी तक इसमें कोई जानकारी नहीं लग पाई है। शिकायत में संस्थान के खिलाफ मेडिटेशन समेत अन्य कोर्सों के लिए दाखिलों के माध्यम से पैसों की गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि संस्थान विदेशी नागरिकों से लाखों रुपये मेडिटेशन और अन्य कोर्सों में दाखिलों के लिए लेता है, लेकिन जो रिकॉर्ड तैयार किया जाता है, उसमें स्थानीय लोगों के नाम होते हैं और उसमें दाखिले की राशि भी कम दिखाई जाती है। इस तरह फर्जी नाम दर्शाकर संस्थान पर लाखों रुपये की गड़बड़ी करने का आरोप है। शिकायत के बाद पुलिस ने संस्थान के मैनेजर से मामले की पूछताछ की है। मैनेजर ने बताया कि संस्थान दिसंबर से बंद है और 15 फरवरी के बाद खुलेगा। वहीं, पुलिस ने शिकायतकर्ता के बताए पते पर उससे संपर्क करना चाहा, तो उस पते पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई। कांगड़ा के एएसपी वीर बहादुर ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता का नाम और पता सही नहीं है। पुलिस सभी बिंदुओं पर मामले की जांच आगे बढ़ा रही है। अभी केस दर्ज नहीं किया गया है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने संगठनात्मक जिला देहरा भाजपा कार्यालय में आयोजित संविधान गौरव अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कपूर ने कहा कि भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष पर यह पूरा राष्ट्र उत्सव रूपी अभियान के रूप में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, इस अभियान के माध्यम से संविधान के मूल्य और सिद्धांतों का प्रचार किया जाएगा। उन्होंने कहा यही नहीं संविधान के शिल्पकार बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का एक और अवसर प्राप्त हुआ है। प्रदेश महामंत्री ने कहा कि डॉक्टर बी आर अंबेडकर एक सच्चे राष्ट्रवादी थे जिन्होंने संविधान की आत्मा को परिभाषित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि संविधान पूर्ण रूप से किसी भी देश का सर्वोच्च ग्रंथ होता है, यह वह किताब है जिसमें देश की संवैधानिक संरचना टिकी होती है, सरल शब्दों में कहें तो यह वह किताब है जिस पर देश की सामाजिक, राजनीतिक और न्यायिक व्यवस्था का निर्देशन करने के लिए नियम लिखे होते हैं। यही नहीं संविधान यह भी बतलाता है कि समाज को चलाने का अधिकार क्या हो, कैसे देश के प्रत्येक नागरिक के अधिकार सुरक्षित हों, किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का हनन न हो और सबको सम्मान रूप से आगे बढ़ने का मौका मिल सके। भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया में सबसे लंबा और सबसे विशाल संविधान है, जिसमें 25 भाग हैं, 12 अनुसूचियां और 448 अनुच्छेद हैं। भारत एकमात्र संप्रभु व गणतंत्र देश है जिसमें इतनी विभिन्नताएं हैं, इसमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जो योगदान है उसको हर भारतीय कभी नहीं भूला सकता है।उन्होंने कहा कि उनके इस महान कार्य को लेकर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सबका साथ सबका विकास के ऐसे मूल मंत्र पूर्वक सामाजिक उत्थान पंच तीर्थ निर्माण के माध्यम से श्रद्धांजलि और सम्मान नागरिक संहिता के समर्थन के रूप में उनकी दृष्टि को मूर्त रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थलों को पंच तीर्थ में बदल दिया है जो सामाजिक न्याय की दिशा में काम करने के लिए प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह पंच तीर्थ स्थल जिसमें एक उनकी जन्म भूमि महु (मध्य प्रदेश), दूसरा उनकी दीक्षा भूमि नागपुर, तीसरी उनकी चैत्य भूमि मुंबई, चौथा लंदन का वो घर जहां वकालत की शिक्षा के दौरान जिस घर में रहे और पांचवा दिल्ली का हलिपुर जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यही नहीं देश के प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब अंबेडकर की 125 जयंती के अवसर पर संविधान दिवस की शुरुआत की है। उन्होंने डॉक्टर बी आर अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर वर्ष 2019 में राज्यसभा और विधानसभा में एससी और एसटी के आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ा दिया। 15 अप्रैल 2015 में समरसता दिवस घोषित करके उनको याद किया गया, सितंबर 2017 में डॉ भीमराव अंबेडकर केंद्र का उद्घाटन किया, 13 अप्रैल 2018 को दिल्ली में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की याद में अंबेडकर स्मारक स्थापित किया गया। कपूर ने यह खेद प्रकट करते हुए कहा कि वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने पिछले 75 वर्षों से डॉ भीमराव अंबेडकर को लगातार अपमानित करने का काम किया, कांग्रेस की इस मानसिकता की वजह से कई दशकों तक बाबा साहब को भारत रत्न नहीं मिला और न ही पुरानी संसद के केंद्र हॉल में उनका चित्र लगाने का प्रयास हुआ, जबकि भाजपा ने हमेशा बाबा साहब और उनकी धरोहर को सम्मानित किया, भाजपा के समर्थन के फल स्वरुप ही वर्ष 1990 में उन्हें मरने के उपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। कपूर ने कहा कि यह देश जानता है कि डॉक्टर बी आर अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का विरोध किया और खुलकर अपने विचार भी रखे। लेकिन उसके बावजूद नेहरू ने जबरन देश पर धारा 370 थोप दी, यही नहीं आजादी के बाद एक लंबे कालखंड तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर अतिक्रमण करते हुए लगातार असंवैधानिक धर्म आधारित आरक्षण को बढ़ावा दिया, यही नहीं कांग्रेस पार्टी ने डॉक्टर बी आर अंबेडकर को अपनी सरकार से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया, यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसने बालासाहेब द्वारा संविधान में जो अनुच्छेद 356 का प्रावधान किया था इसका सबसे ज्यादा दुरूपयोग अर्थात 90 से अधिक बार कांग्रेस पार्टी इस अनुच्छेद का दुरुपयोग किया। भाजपा नेता ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने डॉक्टर बी आर अंबेडकर को हमेशा प्रताड़ित करने का काम किया, जब पंडित नेहरू के नेतृत्व में आंतरिक सरकार में डॉक्टर बी आर अंबेडकर विधि और कानून मंत्री थे तो उन्होंने हिंदू कोड बिल लेकर संविधान में एक अलग से प्रावधान किया था लेकिन नेहरू उससे प्रसन्न नहीं थे और इस मतभेद को लेकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को नेहरू मंत्रिमंडल से मजबूरन त्यागपत्र देना पड़ा। उन्होंने कहा कि नेहरू नहीं चाहते थे कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संविधान सभा का हिस्सा बने और न ही कमेटी के अध्यक्ष बने, लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हस्तक्षेप के कारण यह संभव हो पाया, कांग्रेस नहीं चाहती थी कि वह संसद में जाएं और दलितों, वंचितों की आवाज बने, उन्हें हमेशा अपमानित करने का काम कांग्रेस पार्टी करती रही।उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे तो कांग्रेस पार्टी ने एक षड्यंत्र रचकर उनके रहे अनन्य सहयोगी नारायण काजरोलकर को उनसे तोड़कर उनके विरुद्ध चुनाव लड़ाने का काम किया और उनसे ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बुरी तरह चुनाव हार गए। उनके चुनाव प्रचार के विरुद्ध स्वयं नेहरू ने अनेकों जनसभाएं की और यही नहीं जिस व्यक्ति ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को चुनाव में हराया था उनको 1970 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित करके ओर अपमानित करने का काम किया। कपूर ने कहा कि यही नहीं जब 1954 में महाराष्ट्र के पंडारा लोकसभा का उपचुनाव हुआ उसमें फिर एक बार कांग्रेस ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को चुनाव में हराने का काम किया और उसके बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 1942 में खुद के गठित शेड्यूल कास्ट फेडरेशन को नए सिरे से गति देने के काम में जुट गए। उन्होंने अनुसूचित जाति फेडरेशन के बैनर तले 35 प्रत्याशी खड़े किए लेकिन उनमें से मात्र दो ही जीत पाए लेकिन दुर्भाग्य बस वह स्वयं भी चुनाव हार गए।भाजपा नेता ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्गों को लेकर हमेशा संघर्ष किया, आज कांग्रेस डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को लेकर जो जनता को गुमराह करने का दुष्प्रचार कर रही है इस सत्यता को देश भली भांति जानता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक न्याय विद, आर्थिक शास्त्री, समाज सुधारक और राजनेता के रूप में यह देश हमेशा याद करता रहेगा। इस मौके पर संगठनात्मक जिला देहरा के जिला अध्यक्ष अजय खट्टा, पूरा विधायक होशियार सिंह, ठाकुर रविंद्र रवि, पूर्व जिला अध्यक्ष संजय शर्मा, नितिन ठाकुर, संजय राणा, मंडल अध्यक्ष सरोज कुमारी, वीरेंद्र सिंह, कमलनयन डोगरा, अभिषेक पाधा, विजय मेहता, मनोहर चौधरी, श्याम दुलारी, राकेश धीमान सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
एनएसयूआई ने कार्यकारिणी की घोषण कर दी है। इसी बीच ज्वालामुखी से भी कुछ युवाओं को इस कार्यकारिणी में जगह मिली है। छात्रों में उपाध्यक्ष के पद पर अरुण ठाकुर, दीक्षा महासचिव, अभिषेक महासचिव, नीतीश डोगरा सोशल मीडिया कोर्डिनेटर, आदर्श राणा सोशल मीडिया कोर्डिनेटर की नियुक्ति हुई है। सभी युवाओं ने नव दायित्व मिलने के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू, कांग्रेस नेता रघुवीर सिंह बाली, प्रदेश महासचिव सचिन ठाकुर, जिलाध्यक्ष कपिल कुमार का आभार व्यक्त किया है।
हिमाचल प्रदेश में मक्की के बाद अब प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं का आटा डिपुओं में बेचकर मुनाफा कमाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती विंग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पहले चरण में प्रदेशभर में किसानों से 805 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। यह खरीद केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती करने वाले प्रमाणित किसान चयनित किए जाएंगे। बाजार में आम तौर पर गेहूं के 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिलते हैं, लेकिन सरकार किसानों से 40 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से गेहूं खरीदेगी। इसमें भी मक्की के समान प्रति किसान से अधिकतम 20 क्विंटल तक गेहूं खरीदी जाएगी। इस विधि में किसान बिना रासायनिक कीटनाशकों और खादों का उपयोग किए जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और ब्रह्मास्त्र सहित अन्य जैविक घटकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके तहत बिलासपुर जिले से 50 मीट्रिक टन, चंबा से 60, हमीरपुर से 40, कांगड़ा से 190, मंडी से 195, सिरमौर से 105, सोलन से 95 और ऊना से 70 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएगी। शिमला और कुल्लू जिले से गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी, यहां गेहूं की बिजाई कम होती है। किसानों से गेहूं खरीदने के बाद सरकार इससे तैयार आटे की भी ब्रांडिंग कर लोगों को दो और पांच किलो की पैकिंग में बेचेगी। सरकार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं 40 रुपये प्रतिकिलो के रेट से खरीदेगी। इसके लिए पंजीकृत किसानों का चयन किया जाएगा। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्राकृतिक खेती में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह पहल शुरू की है। खरीफ सीजन से पहले किसानों बागवानों को झटका लग गया है। हिमफेड की ओर से किसानों बागवानों को दी जाने वाल एनपीके 16-16-16 उर्वरक इस बार मंहगे दामों पर उपलब्ध होगी। पहले एनपीके 16-16-16 की 50 किलो की बोरी 1375 रुपये में मिलती थी। अब किसानों बागवनों को इसके 1450 रुपये चुकाने होंगे। इसकी अधिकतर मांग सेब बहुल क्षेत्रों में होती है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के समान अनुपात होते हैं। हालांकि इस वर्ष से कैल्शियम नाइट्रेट प्लेन और बोरोनेटिड उर्वरक के दामों में गिरावट भी आई है। हिमफेड की ओर से प्रदेश भर में 84 स्टोर स्थापित किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 23 जिला शिमला में हैं।
दिल्ली-पंजाब-हरियाणा-यूपी को जाने वाली बसें होंगी कम हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़, दिल्ली व हरिद्वार को जाने वाली बसों का पहले चरण में युक्तिकरण होगा। इसकी फाइल तैयार कर ली गई है और एचआरटीसी ने इसका प्लान बना लिया है। आठ से दस रूटों को अभी फिलहाल चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से एक जैसे समय पर बसों को भेजा जाता है। आगे जाकर यह बसें मिल जाती हैं और फिर इनकी सवारियां बंट जाती है। इसका नुकसान पथ परिवहन निगम को हो रहा है, जिसे अब एचआरटीसी प्रबंधन दुरुस्त करने की तैयारी में है। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसकी शुरुआत बाहरी राज्यों यानी अंतर राज्यीय रूटों से की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो प्रदेश में प्रदेश के भीतर भी इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री से इस मामले में एचआरटीसी की बातचीत हुई है और सीएम ने कहा है कि निगम को घाटे से उभारने के लिए ऐसे अलग और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है, जिसे अब निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। निगम प्रबंधन के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादी के लिए जाने वाली बसों के रूटों की पूरी सूची तैयार की गई है। इसमें देखा जा रहा है कि ऐसे कितने जिले हैं जहां से एक ही समय में बसें चलती है। इन बसों को क्लब कर दिया जाएगा। धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा से एक ही समय में दिल्ली के लिए कई बसें चलती हैं। इन बसों में सवारियों की संख्या कुल सीटों के मुकाबले आधी भी नहीं होती। अब इन बसों को क्लब कर एक ही बस चलाई जाएगी। वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार,अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट व अंबाला सहित कई अन्य स्थानों को निगम की बसें निरंतर अंतराल में चल रही हैं। इसमें रूटों का परिवर्तन भी हो सकता है। पथ परिवहन निगम का कुल घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। इससे पहले एचआरटीसी के 275 के करीब घाटे के रूट निजी आपरेटरों को देने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी इनमें आधे से ज्यादा रूटों पर फैसला नहीं हो पाया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एचआरटीसी को 700 करोड़ रुपए का सालाना अनुदान दे रही है। एचआरटीसी में 27 श्रेणियों के लोगों को नि:शुल्क यात्रा दी जा रही है। एचआरटीसी के 31 डिपो और चार मंडल हैं। 3180 बसें हैं जो प्रतिदिन 5.60 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। 2684 रूट पर निगम की बसें सेवाएं देती हैं। निगम की दैनिक आय 2.25 करोड़ रुपए है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों का युक्तिकरण करने की तैयारी है। इसकी योजना बन चुकी है और अभी कुछ ऐसे रूट चिन्हित किए हैं, जहां के लिए अलग-अलग स्थानों से एक जैसे समय पर बसें जाती हैं। इनको क्लब किया जाएगा क्योंकि अभी लांग रूट की बसों में कमाई नहीं हो पा रही है। अपेक्षाकृत इनकम को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की नीतियों को अपनाया जा रहा है, लेकिन इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी।
हिमाचल प्रदेश में 22 व 23 जनवरी को मौसम खराब होगा। इस दौरान अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है, वहीं मैदानी इलाकों में बारिश होगी। तापमान में गिरावट से ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। शनिवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे, जिससे तापमान में भारी कमी आई है। प्रदेश के छह स्थानों का तापमान माइनस में पहुंच गया है। ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 11.9 डिग्री पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 22 व 23 जनवरी को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम का मिजाज बिगडऩे से अगले तीन से चार दिनों में तापमान ऐसा ही रहेगा, जिससे ठंड का दौर जारी रहने वाला है। इससे अगले दो दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी, जिससे लोगों को ठंड का एहसास होगा। 22 जनवरी को कुछ स्थानों पर शीतलहर चलेगी, जबकि 19 जनवरी को प्रदेश के कुछ एक जिलों में कोहरा पडऩे की पूरी संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में 24 जनवरी तक इसी तरह आसमान में बादल छाए रहेंगे। 24 जनवरी तक प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होगी, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ेगी।
इंद्रूनाग पैराग्लाइडिंग साइट से टेंडम फ्लाइट के दौरान एक पर्यटक युवती की मौत हो गई। इस दुर्घटना में पायलट भी घायल हुआ है। वहीं, घायल पायलट टांडा अस्पताल में उपचाराधीन हैं। मृतक युवती की पहचान भावेश्वर खुशी (19) पुत्री जिग्नेश निवासी नारनपुरा अहमदाबाद गुजरात के रूप में हुई है। खुशी परिजनों के साथ धर्मशाला पहुंची थी। शनिवार शाम को वह परिवार के सदस्यों के साथ पैराग्लाइडिंग के लिए इंद्रूनाग साइट पहुंची। शाम करीब पौने छह बजे वह पैराग्लाइडर पायलट मुनीष कुमार निवासी टऊ चोहला धर्मशाला के साथ उड़ान भरने लगी। बताया जा रहा है कि उड़ान भरने के दौरान युवती का संतुलन बिगड़ गया और वह दौड़ नहीं लगा पाई। इस दौरान संतुलन बिगड़ने के दौरान पायलट और युवती दोनों ही खाई में गिर गए, जिससे खुशी को गंभीर चोटें आईं। उसे जोनल अस्पताल धर्मशाला लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि मामला दर्ज कर सभी बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने पायलट को पूछताछ के लिए बुलाया है।
मध्य प्रदेश के धार में 8वीं राष्ट्रीय मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप का आयोजन 8 से 12 जनवरी तक किया गया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के 5 खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण और कांस्य पदक प्राप्त किए। इस प्रतियोगिता में 21 राज्यों के 500 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स संघ की अगुवाई में प्रदेश के खिलाड़ियों ने विभिन्न भार वर्गों में पदक जीतकर हिमाचल का नाम रोशन किया। यूथ कैटिगरी के 52 किग्रा भार वर्ग में अभिउदय ने स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि सीनियर कैटिगरी के 52 किग्रा भार वर्ग में मार्शल ने भी स्वर्ण पदक जीता। अर्ध संपर्क कैटिगरी के 83 किग्रा भार वर्ग में प्रज्वल, 93 किग्रा में हर्षित और 56 किग्रा में शौर्य ने भी स्वर्ण पदक हासिल किए। इसके अतिरिक्त, सीनियर कैटिगरी के 77 किग्रा भार वर्ग में आर्यन और 56 किग्रा भार वर्ग में ड्यूक ने कांस्य पदक प्राप्त किया। पुरस्कार वितरण समारोह में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स संघ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरीफ बापू और राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश गाईतोंडे ने इन खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उन्होंने पदक पहनाकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया और उनकी मेहनत की सराहना की। हिमाचल प्रदेश मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स संघ के राज्याध्यक्ष मनदीप ठाकुर ने बताया कि यह हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का पल है, क्योंकि पहली बार राज्य के पांच खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों का चयन एशियन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप के लिए किया गया है। इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने राज्य के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। हिमाचल प्रदेश मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स संघ के महासचिव विक्रम ठाकुर ने जानकारी दी कि एशियन चैंपियनशिप के लिए इन खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए शिमला में एक विश्वस्तरीय ट्रेनिंग कैंप लगाया जाएगा। इस ट्रेनिंग कैंप का उद्देश्य इन खिलाड़ियों को और बेहतर बनाना है, जिससे वे एशियन चैंपियनशिप में देश के लिए पदक सुनिश्चित कर सकें। इसके अलावा, इस कैंप का लाभ हिमाचल प्रदेश के अन्य सभी खिलाड़ियों को भी मिलेगा। इस उपलब्धि ने न केवल हिमाचल प्रदेश के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को एक नया मुकाम दिया है, बल्कि पूरे राज्य को गर्व महसूस करवा दिया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में 184.33 करोड़ रुपए की 15 विकासात्मक परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास किए। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के जरोट में गज्ज खड्ड पर 86.34 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पुल का शिलान्यास किया, इस पुल के बनने से ज्वाली और नगरोटा सूरियां के बीच की दूरी 7 किमी कम होगी। साथ ही उन्होंने ठंगर में 5 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले राजीव गांधी-डे बोर्डिंग स्कूल की आधारशिला भी रखी। प्रथम चरण में स्कूल के प्राइमरी विंग का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने 15.76 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित शहरी जलापूर्ति योजना ज्वाली का लोकार्पण किया और नगरोटा सूरियां में 36.55 करोड़ से बनने वाली जल निकासी योजना की आधारशिला भी रखी। उन्होंने बासा में 3.20 करोड़ रुपए से निर्मित वाइल्डलाइफ इन्फॉर्मेशन सेंटर का उद्घाटन भी किया। सुक्खू ने 7.26 करोड़ रुपए की राशि से विद्युत मंडल ज्वाली में नए ट्रांसफार्मर तथा विद्युत नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण कार्य, 4.91 करोड़ रूपए के अग्निशमन केंद्र एवं कार्यालय भवन ज्वाली का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने 1.48 करोड़ रुपए की चीचड़ से नाग द्रमण बडी दा बला सड़क, 2.11 करोड़ रूपए की जरयाल बस्ती झराड से बन्देरु नडन वाया प्राइमरी स्कूल एवं झराड पटवार खाना तक की सड़क, 4.08 करोड़ रूपए की खरोटा सौहरा गुडा नरगाला कुट मकराहन लब भनेई निचला कुट से प्राइमरी स्कूल समलाना तक बनी सड़क, 6.80 करोड़ रूपए से निर्मित नियाल-झलूँ सड़क तथा पुल, 2.94 करोड़ रूपए से निर्मित मानव भारती पब्लिक स्कूल से गांव रपाट तक बनी सड़क, 3.66 करोड़ से बनी अपर कटोरा घेरा से बनतुंगली सड़क, 2.18 करोड़ रूपए की गिरन खड्ड नोडिकूट जरपाल से अमलेला घाडजरोट फेज-2 सड़क तथा 2.07 करोड़ रूपए की गिरन खड्ड नोडिकूट जरपाल अप्पर अमलेला से अमलेला घाडजरोट फेज-3 सड़क का लोकार्पण किया।
हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि उनकी चालाकी से बचना आसान नहीं। इस बार उनका शिकार बने नीरज भारती, जो प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बेटे और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (CPS) हैं। ठगों ने उन्हें गोवा की एक फर्जी बुकिंग वेबसाइट के जरिए ₹1 लाख की चपत लगा दी। दरअसल,नीरज भारती ने हाल ही में गोवा यात्रा की योजना बनाई। उन्होंने ऑनलाइन ‘कारा विला रिसॉर्ट’ नामक एक जगह की बुकिंग की और एडवांस में ₹1 लाख का भुगतान किया। लेकिन बुकिंग के बाद जब उन्होंने रिसॉर्ट से संपर्क करने की कोशिश की, तो पता चला कि गोवा में इस नाम का कोई रिसॉर्ट है ही नहीं। उन्हें तुरंत समझ आ गया कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। नीरज भारती ने तुरंत छोटा शिमला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 418 और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी नहीं करवाने की लापरवाही अब महंगी पड़ गई है। प्रदेश में सस्ते राशन के वितरण में पारदर्शिता लाने को राशन कार्ड धारकों को पिछले कई सालों से ई-केवाईसी करवाने का मौका दिया जा रहा था। प्रदेश में इसके लिए लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन लाखों उपभोक्ताओं ने आदेशों को हल्के से लेते हुए ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिस कारण सरकार ने अब सख्ती दिखाते हुए प्रदेशभर में 2.65 लाख परिवारों के राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक कर दिया है। ऐसे में अब इन परिवारों को इस महीने से डिपुओं में सस्ता राशन मिलना बंद हो गया है। अब इन उपभोक्ता को ई-केवाईसी नहीं करने तक सस्ते राशन की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। हिमाचल में राशन कार्डों को लेकर रोजाना समीक्षा हो रही है। राशन कार्ड धारकों की तरफ से ई-केवाईसी ना करने पर हर रोज राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने की प्रक्रिया लगातार जारी है जिसकी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग निदेशालय फील्ड से रोजाना की रिपोर्ट ले रहा है। प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्ड अस्थाई तौर पर ब्लॉक होने के बाद राशन कार्ड की संख्या अब घटकर 17 लाख के करीब रह गई है। प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19.65 लाख के करीब थी। विभाग ने इन परिवारों को 31 दिसंबर तक हर हाल में ई-केवाईसी करने का आखिरी मौका दिया था, लेकिन राशन कार्ड धारकों ने इन आदेशों को भी पहले की तरह हल्के में लिया जिस कारण विभाग को मजबूरन 1 जनवरी से ई-केवाईसी न करवाने पर राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने का निर्णय लेना पड़ा है। ऐसे में पिछले 17 दिनों में प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया जा चुका है। ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले। ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड की स्थिति विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है इसलिए ई-केवाईसी काफी आवश्यक है, ताकि राशन कार्ड में दर्ज ऐसे सदस्यों के नामों को हटाए जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके। इस तरह से अगर कोई भी राशन कार्ड में इन सदस्यों की जानकारी को अपडेट करवाना चाहते हैं तो इसके लिए उनको ई-केवाईसी करवानी पड़ेगी। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह राठौर का कहना है "ई-केवाईसी नहीं करवाने पर 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया गया है। अब ऐसे राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी करने पर ही डिपुओं में सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम के करवट बदलने की संभावना है। राज्य के कई भागों में आज से आगामी सात दिनों तक बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। वहीं राज्य के पांच स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। कई भागों में लोगों को शीतलहर का सामना करना पड़ रहा है। शिमला सहित आसपास भागों में आज सुबह से हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। उधर, बीते दिनों हुई बर्फबारी से किन्नाैर चंबा व लाहाैल-स्पीति जिले में अभी भी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। लाहाैल-स्पीति जिले में कई सड़कें अभी भी ठप हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 18 से 21 व 24 जनवरी को मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि 22 व 23 जनवरी को राज्य के कई स्थानों पर बारिश-बर्फबारी होगी। वहीं निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राज्य में अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद अगले 3-4 दिनों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 4-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं। दो दिनों बाद राज्य के कई हिस्सों में धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। शिमला में न्यूनतम तापमान 6.5, सुंदरनगर 5.2, भूंतर 2.5, कल्पा -1.8, धर्मशाला 4.0, ऊना 3.8, नाहन 7.0, केलांग -9.5, पालमपुर 5.0, मनाली 2.1, कांगड़ा 7.5, मंडी 6.1, बिलासपुर 6.6, हमीरपुर 6.4, चंबा 5.3, डलहाैजी 6.7, जुब्बड़हट्टी 6.4, कुफरी 4.6, कुकुमसेरी -5.9, नारकंडा 1.1, भरमाैर 3.3, रिकांगपिओ 1.5, बरठीं 5.5, समदो -7.3, कसाैली 7.9, सराहन 0.2, ताबो -11.9 व बजाैरा में 1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में कार्यरत 53 ग्रेड-2 अधीक्षकों के तबादले स्कूलों, जिला उपनिदेशक, ब्लॉक कार्यालयों और डाइट में कर दिए हैं। पांच दिन के भीतर सभी अधिकारियों को नए स्थानों पर पद ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ और गैर-शिक्षक कर्मचारी महासंघ ने उच्च शिक्षा निदेशालय के इस आदेश का विरोध किया है। महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह मेहता और महासचिव मनीष गुलेरिया ने इस निर्णय को अनुचित बताते हुए कहा कि इससे कर्मचारियों के अधिकारों और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधीक्षक ग्रेड-2 के स्थानांतरण से कर्मचारियों की दक्षता और कार्यशैली बाधित होगी। इससे महाविद्यालयों की प्रशासनिक संरचना और शैक्षिक प्रक्रियाएं कमजोर पड़ेंगी। विशेष रूप से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में संचालित महाविद्यालयों में इस निर्णय का प्रभाव शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। कुछ महाविद्यालयों में जहां 150 के लगभग शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या है और 3,000 से 4,000 तक छात्रों का नामांकन है, वहां इस आदेश से प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों की भारी कमी हो सकती है। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इन महाविद्यालयों में ग्रेड वन का कार्य केवल अधीक्षक को सुपरवाइज़ करने तक सीमित है और ग्रेड वन पर पदोन्नति तब होती है जब कर्मचारी सेवानिवृत्ति के पास होते हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि इन स्थानांतरण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। महासंघ ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी वर्ग ने सरकार को गुमराह कर यह आदेश जारी करवाया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों और उनकी गरिमा को नकारना है। महासंघ का कहना है कि इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है और उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनकी जिम्मेदारियां और महत्व कम कर दिए गए हैं।
हिमाचल में सीमेंट के दामों में एक बार फिर पांच रुपए की वृद्धि हो गई है। सीमेंट कंपनियों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। प्रमुख सीमेंट कंपनियां अंबुजा, एसीसी और अल्ट्राटेक ने प्रति बैग पांच रुपये कीमतें बढ़ा दीं। इससे भवन निर्माण कर रहे लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। बिलासपुर में एसीसी सीमेंट की फैक्ट्री होने के बावजूद यहां सीमेंट अन्य जिलों के मुकाबले महंगा बिक रहा है। एसीसी सीमेंट विक्रेता पवन बरूर ने बताया कि ऊना और हमीरपुर की तुलना में बिलासपुर में दाम अधिक हैं, जबकि इन जिलों का परिवहन खर्च ज्यादा है। कुछ ट्रक मालिक सीमेंट ऊना और हमीरपुर के लिए लोड कर यहीं बेच देते हैं, जिससे स्थानीय डीलरों को नुकसान हो रहा है। एसीसी सुरक्षा का दाम पहले 440 रुपए प्रति बैग था, जो अब 445 रुपए हो गया है। एसीसी गोल्ड का दाम 485 से बढ़कर 490 रुपये हो गया है। अंबुजा सीमेंट के विक्रेता रोहित ने बताया कि अब दाम 455 से बढ़कर 460 रुपए प्रति बैग कर दिए हैं। 18 दिसंबर को कंपनी ने डीलरों के डिस्काउंट बंद कर दिए थे, जिस कारण पहले ही कीमतों में 15 से 20 रुपए प्रति बैग का इजाफा हो चुका था।
-- मास्टर संजीव जोगु के नाम रही नलसुहा में आयोजित 25वें जागरण की रात जसवां:परागपुर के तहत पड़ते नलसुहा स्थित गांव भरवाडिया बजीर बस्ती में 25वें विशाल महामाई के जागरण का आयोजन बड़ी ही धूम धाम के साथ आयोजित हुआ। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह जागरण उक्त गाँव में पुजारी शमशेर शेर सुपुत्र स्वर्गीय हरि सिंह व उनके परिवार द्वारा आयोजित किया गया । बता दें कि इस जागरण देहरा उपमंडल के बीहन निवासी मास्टर संजीव कुमार जोगु ने खूब समा बांधा। इस दौरान गायक संजीव कुमार ने बाबा पहाड़िया ,बाबा बालक नाथजी,माता शेरावाली के भजन गाये व वहां उपस्थित सैंकड़ो भक्त थिरकने पर मजबूर हो गए । इस दौरान गायक संजीव कुमार ने बाबा पहाड़िया जी चढ़ गई मस्ती तेरे नाम दी,धारा हो धुरी पेयी मित्रा,राजे दे बागे मत जांदी गदनी सहित विभिन्न भजन गाकर खूब समा बांधा। ओस दौरान गुरु शमशेर सिंह ने उन्हें पटका पहनाकर सम्मानित भी किया
जसवां:परागपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ती पुलिस चौकी डाडा सीबा के अंतर्गत आरा चौक के समीप एक बाइक दुर्घटनाग्रस्त होने का मामला सामने आया है मिली जानकारी के अनुसार वीरवार रात बाइक चालक डाडा सीबा से ढलियारा की ओर जा रहा था की अचानक आरा चौक के करीब बेसहारा पशुओं को बचाते हुए पेड़ से जा टकराई । हादसे में बाइक चालक को हल्की चोटें आई हैं। घायल व्यक्ति को 108 एंबुलेंस की सहायता से सिविल हॉस्पिटल डाडा सीबा में भर्ती करवाया गया। बाइक पेड़ से टकराने के कारण बाइक काफी क्षतिग्रस्त हुई है। बाईक के अगले दोनो शॉकर टेढ़े हो गए हैं।
** ग्रामीण युवाओं के लिए नए अवसर आईटीआई नैहरनपुखर में "प्रि/रूरल इन्क्यूबेटर सेंटर" का उद्घाटन रेंप स्कीम के तहत किया गया। इस केंद्र का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के युवाओं को कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह विशेष रूप से उन युवाओं को प्रशिक्षित करेगा, जो छोटे और मझोले उद्यमों की शुरुआत करना चाहते हैं, और साथ ही उन्हें तकनीकी और व्यावसायिक कौशल में सुधार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा।उद्घाटन समारोह में प्रमुख रूप से परमजीत सिंह, निदेशक आर॰ सी॰ इ॰ डी॰, वीडीओ देहरा मुकेश ठाकुर, लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर तिलक राज, ललित मोहन, प्रिंसिपल आईटीआई नैहरनपुखर, इंडस्ट्री विभाग के अधिकारी और विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।परमजीत सिंह ने इस पहल को ग्रामीण युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए क्षेत्रीय विकास की उम्मीद जताई। उन्होंने युवाओं से इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की, ताकि वे अपनी कौशल को निखार सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।"प्रि/रूरल इन्क्यूबेटर सेंटर" के माध्यम से प्रशिक्षित युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशालाएं, प्रशिक्षण सत्र और व्यावसायिक मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।
आईटीआई दिग्गल में सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसे गणपति एजुकेशनल सोसाइटी कुनिहार और संस्थान के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में गणपति एजुकेशनल सोसाइटी के निदेशक डॉ. रोशन लाल शर्मा को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। उनके साथ रमा शर्मा और दामिनी ठाकुर भी कार्यक्रम में भाग लेने आईं। डॉ. रोशन लाल शर्मा ने सड़क सुरक्षा नियमों, सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी जानकारी और प्राथमिक चिकित्सा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विद्यार्थियों और उपस्थित लोगों को समझाया कि कैसे सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी से लोग अपनी जान और स्वास्थ्य को जोखिम में डालते हैं। उन्होंने दुर्घटनाओं की दर और उनके प्रभाव के बारे में जानकारी दी, जिससे विद्यार्थियों में इस विषय पर गहरी उत्सुकता उत्पन्न हुई। कार्यक्रम के दौरान डॉ. शर्मा ने सड़क सुरक्षा के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की, जैसे कि हेलमेट का प्रयोग, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग न करना, और केवल 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना। इसके साथ ही, उन्होंने बच्चों को यह शपथ दिलवाई कि वे किसी दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को देखे तो सबसे पहले उसे प्राथमिक चिकित्सा दें और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें।कार्यक्रम के अंत में, संस्थान प्रशासन ने डॉ. रोशन लाल शर्मा का आभार व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद दिया। इसके अलावा, बच्चों द्वारा आयोजित भाषण प्रतियोगिता, चित्रकला और नारा लेखन की गतिविधियों के लिए विजेताओं को सम्मानित भी किया गया।
विधानसभा क्षेत्र जसवां परागपुर में सांसद खेल महाकुंभ 3.0 का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर अप्पर परागपुर स्थित इनडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूदा विधायक बिक्रम ठाकुर ने हिस्सा लिया। यह आयोजन विशेष रूप से क्षेत्र के युवाओं के बीच खेलों के प्रति रुचि और उत्साह को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया गया था। सांसद और पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा शुरू किया गया सांसद खेल महाकुंभ 3.0 का परागपुर में आगाज हुआ। विधायक बिक्रम ठाकुर ने इस अवसर पर कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस महाकुंभ से क्षेत्र के युवाओं को शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ खेलों में अपनी प्रतिभा को निखारने का बेहतरीन मंच मिलेगा। उनका कहना था कि यह कार्यक्रम न केवल खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि युवा पीढ़ी को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विधायक बिक्रम ठाकुर ने विश्वास जताया कि इस आयोजन के माध्यम से क्षेत्र में खेलों के प्रति जागरूकता और उत्साह में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सांसद खेल महाकुंभ 3.0 के जैसी पहलों से युवाओं को खेलों में करियर बनाने के अवसर भी प्राप्त होंगे। यह कार्यक्रम न केवल क्षेत्र में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि युवाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने का एक मजबूत कदम साबित होगा। कार्यक्रम के दौरान युवाओं के बीच जोश और उत्साह देखा गया और उन्होंने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने की इच्छा जताई। सांसद खेल महाकुंभ 3.0 से क्षेत्र में खेलों के प्रति एक नया दृष्टिकोण विकसित होगा, जिससे खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को उनके सपनों को साकार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिलेगा।
जसवां:परागपुर के तहत पड़ते नलसुहा स्थित गांव भरवाडिया बजीर बस्ती में 25वें विशाल महामाई के जागरण का आयोजन बड़ी ही धूम-धाम के साथ आयोजित हुआ। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह जागरण उक्त गाँव में पुजारी शमशेर शेर सुपुत्र स्वर्गीय हरि सिंह व उनके परिवार द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें ज्वालामुखी से लोकगायक सौरव शर्मा ,मास्टर संजीव कुमार,हर्ष ठाकुर जोगु ने महामाई व बाबा पहाड़िया जी का गुणगान किया। 25वें विशाल जागरण में पंजाब सहित हिमाचल के विभिन्न स्थान से भक्तजनों ने यहां अपनी हाजरी लगाई । इस दौरान गुरु शमशेर सिंह द्वारा बाबा जी की कृपा से लोगो की समस्याओं का समाधान भी किया।
गायक हंसराज रघुवंशी ने वीरवार को माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी भरी। इस विशेष अवसर पर, चिंतपूर्णी मंदिर के पुजारी रोहन कालिया ने वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ विधिवत पूजा अर्चना करवाई। पूजा के बाद, हंसराज रघुवंशी ने कहा, "मैं माता की कृपा से ही अपने गायन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर पाया हूं। मैं माता का हमेशा आभारी रहूंगा, और उनकी कृपा से ही मैं अपने गायन को और आगे बढ़ा पा रहा हूं। मंदिर के पुजारी रोहन कालिया ने भी कहा, हमें गायक हंसराज रघुवंशी का मंदिर में स्वागत करके खुशी हो रही है। हम आशा करते हैं कि उनकी पूजा और श्रद्धा से माता चिंतपूर्णी की कृपा हम सभी पर बनी रहेगी। इसके बाद, हंसराज रघुवंशी ने मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं और प्रशंसकों के साथ फोटो खिंचवाई और उनके साथ बातचीत की। गायक ने माता चिंतपूर्णी के दरबार में अपना प्रसिद्ध भक्ति गीत 'चरण तेरी मां चिंतपूर्णी' भी भेंट किया, जिसे श्रद्धालुओं ने दिल से सराहा। इस प्रकार, हंसराज रघुवंशी का चिंतपूर्णी दरबार में हाजिरी भरना एक अविस्मरणीय और भावुक क्षण बन गया, जो श्रद्धालुओं और उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा रहेगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बीते रोज बुधवार को धूप खिली रही। वहीं, 16 जनवरी को सुबह राजधानी शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों को गुरुवार सुबह से ही कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने 16 जनवरी को प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं, अगले 3 से 4 दिनों तक अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है। वहीं, कुफरी, नारकंडा में गुरुवार सुबह से बर्फबारी शुरू हो गई है जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा , प्रदेश में बीती रात से मौसम ने करवट बदली है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है। आगामी दो दिनों तक प्रदेश में मौसम इसी तरह से खराब बना रहेगा। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। बीते रोज बुधवार को ताबो प्रदेश का सबसे अधिक ठंडा स्थान रहा। ताबो का तापमान -13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, ताबो का अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश में ऊना सबसे गर्म रहा। ऊना का अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा ऊना का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा शिमला का न्यूनतम तापमान 4.2, मनाली का -0.6, कुफरी का 2.2, भरमौर का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 16 जनवरी यानी आज से 25 जनवरी तक शीतकालीन प्रवास के तहत कांगड़ा जिले के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। मुख्यमंत्री का रात्रि विश्राम सर्किट हाउस धर्मशाला में रहेगा। आज मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर 2 बजकर 20 मिनट पर शिमला के अनाडेल मैदान से धर्मशाला के लिए उड़ान भरेगा। दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर धर्मशाला के सांई मैदान में उतरेगा। धर्मशाला पहुंचने पर मुख्यमंत्री का कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री का काफिला धर्मशाला के सर्किट हाउस के लिए रवाना हो जाएगा। उसके बाद दोपहर 3 बजे मिनी सचिवालय धर्मशाला में मुख्यमंत्री बैठक में भाग लेंगे। 17 जनवरी को सुबह 11 बजकर 10 मिनट तक मुख्यमंत्री धर्मशाला में जिला परिषद भवन व मीटिंग हॉल का उद्घाटन और 11 बजकर 35 मिनट पर पुलिस लाइन में महिला पुलिस स्टेशन भवन का शुभारंभ करेंगे। सीएम इसके बाद रोड फूड स्ट्रीट मार्केट की आधारशिला और मैक्लोडगंज रीजनल मॉनिटरिंग सेंटर में हॉस्टल भवन का शुभारंभ करेंगे। 18 जनवरी को मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर हरिपुर हेलीपैड पर सुबह साढ़े 11 बजे उतरेगा। उसके बाद दोपहर में जरोट हाई लेवल ब्रिज का भूमि पूजन किया जाएगा। सीएम नगरोटा सूरियां वाइल्ड लाइफ इन्फॉर्मेशन सेंटर का शुभारंभ करेंगे। ज्वाली में थांगर राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल की आधारशिला और 3 बजे ज्वाली अर्बन वाटर सप्लाई योजना का उद्घाटन, नगरोटा सूरियां में सीवरेज स्कीम की आधारशिला और अर्बन वाटर सप्लाई स्कीम का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री का कृषि मंत्री के आवास पर रात्रि भोजन होगा। 19 जनवरी को मुख्यमंत्री 11 बजकर 45 मिनट पर नूरपुर जिला फॉरेंसिक यूनिट का उद्घाटन करेंगे। 20 जनवरी को सुबह सीएम मनाली में पब्लिक मीटिंग, हडिम्बा मंदिर में पूजा, और कई योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे। 20 जनवरी शाम 4 बजे सीएम धर्मशाला में जनता से मुलाकात करेंगे। 21 जनवरी को सीएम मटौर में एक परियोजना की आधारशिला रखेंगे। 24 जनवरी को धगवार मिल्क प्लांट का शिलान्यास और दाड़ी पब्लिक मीटिंग में भाग लेंगे। 25 जनवरी सुबह पालमपुर कृषि यूनिवर्सिटी साढ़े 10 बजे और 11 बजे बैजनाथ में हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शिरकत कार्यक्रमों के समापन के बाद मुख्यमंत्री शिमला के लिए रवाना होंगे।
हिमाचल प्रदेश में आज बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आ सकता है, जिससे 21 जनवरी तक मौसम खराब रहने की उम्मीद है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कोहरे और ऊंचाई वाले इलाकों में शीतलहर से ठंड में इजाफा हो गया है। मंगलवार रात को राज्य के छह स्थानों पर रात का तापमान माइनस में दर्ज हुआ। बुधवार को राजधानी शिमला और राज्य के अन्य हिस्सों में धूप खिली रही, लेकिन आगामी दिनों में मौसम फिर से करवट ले सकता है। इसके साथ ही तीन दिन बाद अटल टनल रोहतांग से बस सेवा फिर से शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को राहत मिली है, क्योंकि पहले यात्रा में 10 किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी होती थी, अब यह दूरी केवल 5 किलोमीटर रह गई है। इसके अलावा, औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 पर भी निगम की बसें घियागी के बजाय सोझा तक चलने लगी हैं। प्रदेश के निचले पहाड़ी और मैदानी इलाकों, जैसे बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में बुधवार को सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा छाया रहा। वीरवार को इन क्षेत्रों में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 16 से 21 जनवरी के बीच मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3-4 दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी और शिमला जिलों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
** प्रदेश में लोहड़ी के अवसर पर कड़ाके की ठंड शिमला: इन दिनों उत्तर भारत समेत हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोहड़ी के पर्व पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। हाल ही में निचले पहाड़ी इलाकों और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी से तापमान में यह गिरावट आई है। मौसम विभाग ने 14 और 15 जनवरी को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, 16 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिसके कारण प्रदेश में मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। इस दौरान, मध्यम और ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यह पश्चिमी विक्षोभ 19 जनवरी तक सक्रिय रहेगा। हालांकि, निचले पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मंडी, बिलासपुर, ऊना और अन्य जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। बीते 24 घंटों में, मंडी जिले के सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, स्पीति घाटी के कुकुमसेरी में प्रदेश का सबसे कम तापमान -12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य प्रमुख स्थानों पर तापमान इस प्रकार रहा: शिमला 2.4 डिग्री सेल्सियस, मनाली -1.1, भरमौर 0.3, कुफरी -0.8, पालमपुर 1.0, केलांग -8.7, बिलासपुर 5.4 और ऊना 3.6 डिग्री सेल्सियस।
** प्रदेश में चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए तैयार होगा मास्टर प्लानः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 प्रतिशत राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने तथा मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर तथा जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवाल के आयोजन को अधिसूचित करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डॉ. पंकज ललित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 72 मैगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनका कार्य शीघ्र ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 325 मैगावाट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार राज्य की 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे तथा इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावाट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल, 2024 को जनता को समर्पित किया गया था तथा अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक साढ़े छः महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, जबकि 10 मैगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ बनाने की दिशा में प्रयासरत है ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के दोहन से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
नववर्ष के आगमन के साथ ही लोहड़ी का पर्व शुरू होता है, जो खास महत्व रखता है। इस अवसर पर डाडा सीबा, नंगल चौक, चनोर, बढ़ल, ढलियारा और आसपास के क्षेत्रों में उत्साह देखने को मिला। यहां के बच्चे, युवाओं और युवतियों ने ठंड की परवाह किए बिना टोलियां बनाकर घर-घर जाकर लोहड़ी मांगी। वे "सुंदर मुंदरिये," "दुल्ला भट्टी वाला," "सेर शक्कर पाई हो" जैसे गीत गाते हुए लोहड़ी की खुशियां बांटते रहे। खासकर डाडा सीबा गांव में, जहां युवाओं ने नई शादी होने वाले घरों में लोहड़ी और बधाई गीत गाकर खुशी मनाई। यह पर्व समाज में सौहार्द, भाईचारे और खुशहाली का संदेश देता है ।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं को फरवरी माह राहत भरा रहने वाला है। केंद्र से सस्ते राशन का आवंटन हो गया है जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भी फरवरी महीने में सरकारी डिपुओं के माध्यम से APL परिवारों को दिए जाने वाला आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी है। राहत की खबर ये है कि सरकार ने प्रदेशभर में 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में फरवरी महीने में भी APL परिवारों को 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड मिलेगा। प्रदेश में अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को डिपुओं में मिलने वाले आटे और चावल की दी जाने वाली मात्रा में कोई कट नहीं लगा है। वहीं, इससे पहले हिमाचल में हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता था, लेकिन 17 महीनों से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। केंद्र से राशन का आवंटन होने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में डिपुओं के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी गई है। एपीएल परिवारों को आबादी के आधार पर 20 हजार 286 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हुआ है। इसमें 14 हजार 131 मीट्रिक टन गेहूं और 6,155 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को जनवरी महीने के आखिर में परमिट जारी किया जाएगा ताकि डिपुओं में फरवरी के पहले ही सप्ताह से सस्ता राशन उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। इसमें कुल एपीएल कार्डधारकों की संख्या 12 लाख 24 हजार 448 है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसमें एपीएल टैक्स पेयर कार्डधारकों की कुल संख्या 72 हजार 445 है। वहीं, 11 लाख 52 हजार 3 नॉन टैक्स पेयर एपीएल कार्ड धारक हैं। हिमाचल में एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44 लाख 19 हजार 312 बनती है, जिसमें नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों की आबादी 41 लाख 26 हजार 583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2 लाख 92 हजार 729 है जिन्हें अगले महीने डिपुओं के माध्यम से 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा, फरवरी महीने के लिए राशन का आवंटन किया गया है। अगले महीने एपीएल परिवारों को पहले की तरह 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति कार्ड दिया जाएगा।
वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम सीजीएचएस का वेलनेंस सेंटर धर्मशाला की रेडक्रॉस भवन में धरातल मंजिल में खोला जाएगा। केंद्र के कर्मचारियों व पेंशन भोगियों को अब पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इसके लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिल्ली की ओर से धर्मशाला में सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम का एलोपैथिक वेलनेस सेंटर खोलने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। टीम व प्रशासन के संयुक्त दौरे के तहत रेडक्रॉस भवन धर्मशाला की धरातल मंजिल सेंटर खोलने की सहमति दी गई है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर जनवरी माह के अंत में सभी औपचारिक्ताएं पूरी कर फरवरी तक इलाज शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले से हिमाचल में हजारों लोगों को लाभ मिलेगा। जिला कांगड़ा में लगभग 20 से ज्यादा केंद्र सरकार के कार्यालय हैं, जिनमें लगभग दस हजार से अधिक सीजीएचएस का लाभ लेने वाले केंद्रीय कर्मचारी कार्यरत हैं, इसके अलावा आर्मी व अन्य पैरा मिलिट्री फोर्स में सेवा दे रहे जवान व उनके परिवार के सदस्य भी रहते हैं, उनके लिए भी सीजीएचएस की सुविधा लेना आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं, रिटायर्ड कर्मियों की भी सबसे बड़ी संख्या कांगड़ा-चंबा, ऊना, हमीरपुर व आसपास के जिलों में ही रहती है। सेंटर के केंद्र सरकार के कर्मचारी और उनके आश्रित परिवार के सदस्य, वर्तमान और पूर्व सांसद, पूर्व राज्यपाल और उपराज्यपाल, केंद्र सरकार के पेंशनर और उनके परिवार के पात्र सदस्य, स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मौजूदा और पूर्व न्यायाधीश, केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार, रेलवे बोर्ड के कर्मचारी व पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी भी शामिल रहेंगे। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से धर्मशाला में सीजीएचएस के हेलोपैथिक वेलनेस सेंटर खोलने की रेडक्रॉस भवन धर्मशाला में प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीन कॉरिडोर में सरकार ने 41 और इलैक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दे दी है। हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है उसके लिए सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हाई पावर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि ग्रीन कॉरिडोर में अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक 23 स्टेशन बना दिए गए हैं, लेकिन इस साल 41 और स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही हिमाचल में पेड़ कटान पर पहले से प्रतिबंध है और अभी सरकार ने कुछ और प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर भी रोक लगाई है।सरकार ऐसे काम करना चाहती है, जिससे प्रदूषण न हो और हिमाचल ग्रीन स्टेट के रूप में जाना जाए। इससे हिमाचल को ग्रीन बोनस मिलने में भी आसानी होगी। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि जियो, बीपी कंपनी मंडी-जोगिंद्रनगर-पठानकोट के साथ कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बना रही है। ईवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी परवाणू-ऊना-संसारपुर टैरेस-नूरपुर और परवाणू- शिमला-रिकांगपिओ-लोसर ग्रीन कॉरिडोर पर इस कार्य को कर रही है। इलेक्ट्रो वेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कोरिडोर को विकसित करने का काम करेगी। दोनों चयनित कंपनियां 75 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज मनी के रूप में सरकार को देगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो कंपनियों के साथ चार ग्रीन कोरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया था। प्रदेश में अभी ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या 23 है, जो दिसंबर महीने तक बढक़र 64 हो जाएगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में सरकार ने कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया था। हाई पावर कमेटी की बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जो भी औपचारिकताएं हैं, उन्हें जल्द पूरा करें। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम भी प्रदेश के सभी बस अड्डों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। उसने कुछ नए बस अड्डों पर इसकी सुविधा तैयार कर ली है। इसके लिए एचआरटीसी को नाबार्ड के तहत 100 करोड़ मंजूर हुए हैं। अभी शिमला, धर्मशाला, कुल्लू सहित कुछेक स्थानों पर ही इवी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा है, क्योंकि एचआरटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़ी संख्या में आने वाले दिनों में शामिल होंगे, लिहाजा उनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी सभी स्थानों पर चाहिए। फिलहाल ग्रीन कोरिडोर में लगभग सभी जगहों पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने प्रदेशवासियों को कड़ी ठंड का सामना कराया। मौसम विभाग के अनुसार, 13 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना है, लेकिन 15 जनवरी से फिर से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में गोंडला में 6 सेंटीमीटर, कोठी, खदराला और नशल्लारू में 5 सेंटीमीटर, जोत और भरमौर में 4 सेंटीमीटर, हंसा में 2.5 सेंटीमीटर, कुफरी में 2 सेंटीमीटर, कल्पा में 0.8 सेंटीमीटर और कुकमसेरी में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। शिमला के सराहन में 18.1 मिलीमीटर, रोहड़ू में 15 मिलीमीटर, पच्छाद में 5.1 मिलीमीटर और मनाली में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 13 और 14 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, लेकिन 14 जनवरी रात से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद 15 जनवरी से प्रदेश के ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, निचले इलाकों में इसका असर कम रहेगा। प्रदेश में 12 जनवरी को सिरमौर जिले के धौला कुआं में 15.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि लाहौल-स्पीति का ताबो -5.2 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
** पूरे1 महीना चलेंगे माता जी के व्रत व कार्यक्रम रक्कड़ (पंजपीरी) स्थित श्री स्वस्थानी माता धाम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी माता जी की विशाल शोभा यात्रा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। स्थानीय और दूर-दराज के क्षेत्रों से आए भक्तों ने भारी संख्या में शोभा यात्रा में भाग लिया। माताजी की शोभा यात्रा स्वस्थानी माता मंदिर से शुरू होकर रक्कड़ बाजार से होते हुए कलोहा, गरली ब, प्रागपुर, नेहरनपुखर, सुनहेत से होते हुए नलेटी के शिव मंदिर पहुंची, जहां भक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इसके पश्चात नलेटी से कालेश्वर, कुहना, बसालग, चौली होते हुए शोभा यात्रा स्वस्थानी माता धाम पहुंची। स्वस्थानी माता धाम में पूरे एक महीने तक यह धार्मिक कार्यक्रम चलते हैं, जिसमें दूर-दूर से भक्त माता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। 13 जनवरी से माता के व्रत की शुरुआत होती है, और भक्त पूरे एक महीने तक इस व्रत को करते हैं। 12 फरवरी को व्रत का समापन बड़े धूमधाम से होगा, जिसमें विशाल भंडारा और जागरण का आयोजन किया जाएगा।14 जनवरी को माता जी की 13वीं जयंती भी धूमधाम से मनाई जाएगी, जिसमें सुबह 9 बजे झंडा रसम और हवन, 10 बजे से 2 बजे तक माता की चौकी का आयोजन होगा, साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस भव्य शोभा यात्रा में मुकेश पंडित, नवीन पंडित, विनोद शर्मा, राजीव शर्मा, नरेश ठाकुर, नरेश कुमार, सुदर्शन, अनुज शर्मा, देवराज, अश्वनी, अरविंद, मनीष, राजीव, डॉ. सुनील, सोनू, विपन, राज कुमार, पाली, सुरजीत, सेंटी, विकी, अनन्या, अनाया, सोनिया शर्मा, श्यामा, रीना, इंदु, बबीता, पूनम, मंजू, अंजना, कमला देवी, रिशु, नीरू, यीशु, साक्षी और अन्य भक्त मौजूद रहे।
भूतपूर्व सैनिक यूनियन रक्कड़ की मासिक बैठक सदवां स्थित विश्राम गृह में सुबेदार मनजीत सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में कैप्टन सोमराज, कैप्टन सुजान सिंह, कैप्टन करनैल सिंह, नायब सुबेदार करनैल सिंह, सुबेदार मेजर अजमेर सिंह और 45 भूतपूर्व सैनिकों ने भाग लिया। बैठक में भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं, कैंटीन काउंटर की व्यवस्थाओं और 26 जनवरी के कार्यक्रम को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
** कहा, अब दिल्ली में नहीं चलेगा केजरीवाल का जादू पूर्व मंत्री और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को फर्जी वोटर कहकर अपमानित करने का आरोप लगाया है। विधायक बिक्रम ठाकुर ने यहां प्रेस बयान में कहा कि केजरीवाल ने हाल ही में चुनाव आयोग के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान यह बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लाकर फर्जी वोटर बनाए जा रहे हैं। इस बयान का भाजपा विधायक ने विरोध किया है। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि पिछले दस वर्षों से दिल्ली में भ्रष्टाचार और लूट मचाकर केजरीवाल को हार का डर सता रहा है, और इसी कारण वह बौखलाकर उत्तर प्रदेश और बिहार के हमारे भाई-बहनों के खिलाफ इस प्रकार की अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। केजरीवाल ने यूपी-बिहार के लोगों को फर्जी वोटर कहकर उनका अपमान किया है, जिसे दिल्ली की जनता आगामी चुनावों में सत्ता से उखाड़कर इसका जवाब देगी। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल वर्षों से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों से नफरत करते हैं और पहले भी दिल्ली की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर बोझ होने की बात कह चुके हैं। पूर्वांचल के लोगों की दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और वे इस चुनाव में केजरीवाल के अपमान का बदला जरूर लेंगे। विक्रम ठाकुर ने यह भी कहा कि केजरीवाल की हिम्मत अब उन पर उल्टी पड़ने वाली है। वह बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के वोट बनवाते हैं और पूर्वांचल के मेहनती लोगों को फर्जी वोटर कहकर अपमानित करते हैं। पूर्वांचलवासी दिल्ली में आकर परिश्रम करते हैं और अपनी आजीविका कमाते हैं, लेकिन कभी भी अपने आत्म-सम्मान से समझौता नहीं करते। 2019 में केजरीवाल ने कहा था कि बिहार के लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आते हैं और पांच लाख रुपये का मुफ्त इलाज कराकर लौट जाते हैं। विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि जिस केजरीवाल को पूर्वांचलियों ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया, अब वे पूर्वांचलवासी आगामी विधानसभा चुनावों में अपने अपमान का बदला जरूर लेंगे। उनका जादू अब दिल्ली में नहीं चलेगा।
प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व महामंत्री नीरज शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में विधायक संजय रतन ने ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के हर कोने में विकास के कार्य किए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलों, सड़कों, पेयजल और नए कार्यालयों के निर्माण के क्षेत्र में संजय रतन ने ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र को हिमाचल प्रदेश का आदर्श क्षेत्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें वह पूरी तरह से सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक संजय रतन ने हमेशा राजनीति में सिद्धांतों, इंसानियत और विकास को प्राथमिकता दी है। जब से विधायक संजय रतन जनता के लिए बड़े पैमाने पर विकास कार्य करवा रहे हैं, भाजपा के नेताओं में बुरी तरह से हलचल मच गई है। भाजपा वाले विकास कार्यों को देखकर तिलमिला गए हैं और उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। नीरज शर्मा ने यह भी कहा कि ज्वालामुखी के भाजपा के कुछ छुटभैया नेता, जिन्हें जनता ने नकार दिया है, सोशल मीडिया और फेसबुक पर झूठी अफवाहें फैला कर और गलत टिप्पणियां कर विधायक की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि युवा कांग्रेस इस प्रकार की गलत हरकतों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और जल्द ही इन लोगों के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया जाएगा।इस मौके पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष कपिल चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष रोहित काकू, सादिक मोहम्मद, विक्रमजीत सिंह, राज राणा, रिंकू, नीरज राणा, गौरव, शंकर, निखिल अगन, सुनील, कबीर, रसीद, संजीव, अरुण, अविनाश सहित अन्य युवा कांग्रेसी भी उपस्थित रहे।
हिमाचल में मौसम ने फिर करवट बदली है। एक सप्ताह बाद प्रदेश का मौसम बिगड़ा है। नारकंडा और कुफरी समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शनिवार रात को बर्फबारी हुई है। इससे देश-विदेश से यहां घूमने के लिए आने वाले सैलानी चहक उठे हैं। बर्फबारी के कारण एनएच 5 पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई है। इस वजह से एनएच पर बसों की आवाजाही बंद रही। इसके अलावा चौपाल मार्ग भी बंद है। सड़कों को खोलने का कार्य जारी है। मौसम में आए अचानक बदलाव से शनिवार रात को चंबा के प्रसिद्द पर्यटन स्थल डलहौजी के लक्कड़मंडी, डायन कुंड और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हुई। रविवार कि सुबह बर्फ की सफेद चादर देख पर्यटक भी खुशी से झूम उठे। इस ताजा बर्फबारी से पर्यटन व्यवसायी भी खुश हैं। इस बर्फबारी से समूचा क्षेत्र ठंड की चपेट में हैं। वहीं, लाहौल सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर शनिवार को बर्फबारी हुई, मैदानों में कोहरा छाया रहा। इससे प्रदेश में ठंड में इजाफा हुआ है। शनिवार को बदले मौसम के बीच अधिकतम पारे में शुक्रवार के मुकाबले आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई। रविवार को बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी के कई क्षेत्रों में शनिवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। रविवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। ऊना में शनिवार को ट्रेनें ढाई से तीन घंटे देरी से पहुंचीं। मैदानी जिलों में सुबह 11 बजे के बाद धूप खिली। अपराह्न चार बजे फिर कोहरा छा गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 13 से 16 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। 17 को फिर बारिश- बर्फबारी के आसार हैं। लाहौल में रुक-रुक कर बर्फबारी होती रही। इससे कुल्लू से लेकर लाहौल तक ठंड व शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजम दर्रा, बारालाचा, शिंकुला व जलोड़ी दर्रा में फाहे गिरने से तापमान में कमी आई है। सोलंगनाला से आगे पर्यटक वाहनों के जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। फोर बाई फोर वाहनों को ही जाने की अनुमति है। ऊना में शनिवार को ट्रेन नंबर 19307 तीन घंटे और दिल्ली एक्सप्रेस ढाई घंटा देरी से ऊना स्टेशन पहुंची। 12 जनवरी को मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश-बर्फबारी व निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
**नशा तस्करी के मामले में पिछले दशक में 340 प्रतिशत की वृद्धि, स्थिति गंभीर हिमाचल सरकार ने पिछले तीन सालो में प्रदेश में नशा तस्करी करने वाले तस्करों की 16 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया है। हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे नशा तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। पिछले एक दशक में तो बढ़ रहे इन मामलो में 340 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आयोजित ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सम्मेलन में नादौन से आभासी माध्यम से भाग लिया और बढ़ते नशे के संकट से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रतिबद्धता पर बल दिया। सम्मेलन में नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में 340 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2012 में लगभग 500 मामलों से बढ़कर वर्ष 2023 में 2,200 मामले हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, हेरोइन से जुड़े मामलों का प्रतिशत भी दोगुना हो गया है, जो वर्ष 2020 में 29 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 50 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने सिंथेटिक दवाओं की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया, जोकि दुष्प्रभावी होने के साथ-साथ इसकी रासायनिक संरचना के कारण नियंत्रित करना भी कठिन है। उन्होंने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में, जो अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध और आतंकवाद का कारण बनती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बढ़ा खतरा पैदा करती है। उन्होंने कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और न्यायिक सुधारों के समन्वयन से मादक पदार्थों को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश की बहुआयामी रणनीति को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नशे की लत से पीड़ित लोग स्वभाव से अपराधी नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘हमारा दृष्टिकोण दंडात्मक उपायों से आगे बढ़कर मज़बूत पुनर्वास ढांचा विकसित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य विधायिका ने एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 37 में संशोधन किया है, ताकि आदतन अपराधियों को जमानत हासिल करने की अनुमति देने वाली कानूनी खामियों को दूर किया जा सके। इस संशोधन से कानूनी ढांचा मज़बूत हुआ है, जिससे यह अधिक कठोर और निवारक बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम को राज्य में लागू करने के बाद अवैध तस्करी की रोकथाम शुरू कर दी गई है। यह अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में लगातार शामिल अपराधियों को हिरासत में लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सार्वजनिक हितों की रक्षा होती है। ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले तीन वर्षों में 16 करोड़ रुपये की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति जब्त की है, जिसमें पिछले वर्ष जब्त किए गए 9 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य मादक पदार्थों और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए समर्पित एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन करने जा रहा है, जिसके पास विशेष संसाधन, स्वायत्तता और समर्पित पुलिस स्टेशन होंगे, ताकि नशीले पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ अभियान तेज़ किया जा सके। मुख्यमंत्री ने खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभियानों को मज़बूत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग के महत्व पर, खासकर सीमा पार नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों और केंद्र सरकार के साथ सहयोग क्षेत्रीय सीमाओं पर सक्रिय तस्करी नेटवर्क को खत्म करने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के अटूट समर्थन, हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्पण और पुनर्वास के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ, हम एक नशा मुक्त राज्य बना सकते हैं। हम सब मिलकर शांति, सद्भाव और सुरक्षा के मूल्यों की रक्षा करेंगे, जिन्हें हिमाचल प्रदेश ने हमेशा कायम रखा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते दिन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा विभाग व अन्य उपक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड को और अधिक दक्ष व व्यावसायिक बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। बोर्ड की गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए नवोन्वेषी प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा उपभोक्ताओं की केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2025 निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने सम्पन्न विद्युत उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक तौर पर सब्सिडी छोड़ने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए । उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली। बैठक में विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
** एक वर्ष में प्राकृतिक खेती पद्धति से जोड़े जाएंगे एक लाख किसान परिवार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में प्राकृतिक खेती से गेहूं व मक्की उगाने वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि विभाग के सभी फार्म को सिर्फ प्राकृतिक खेती पद्धति से ही खेती करने के लिए विकसित किया जाएगा। आगामी वर्ष से इन सभी में प्राकृतिक खेती की जाएगी। यहां प्राकृतिक खेती करने के लिए बीजों का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं व मक्का के भंडारण के लिए हाई एंड तकनीक से भंडारण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में एक लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। उन्होंने हमीरपुर के ताल में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का विकास खंड के आधार पर डेटा तैयार किया जाए और इसे हिम परिवार से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दौरान यदि फसल किसी बीमारी से ग्रसित होती है तो उसका उपचार भी प्राकृतिक पद्धति से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बीजों का प्रमाणीकरण करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दृष्टिगत भूमि व बीज की जांच के लिए प्रदेश में हाई-एंड प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने को विशेष अधिमान दे रही है। इसी दिशा में नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हल्दी व अदरक के प्रसंस्करण के लिए प्रसंस्करण संयंत्र खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर मंे डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे ताकि प्रदेश के युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती पद्धति के उत्पादों के प्रभावी विपणन के लिए ई-कामर्स वेबसाइट से समन्वय करने के निर्देश भी दिए। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि प्रदेश मे खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 3989 क्विंटल मक्का की खरीद की गई है तथा आगामी रबी सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 8050 क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव कृषि सी पालरासु, निदेशक डिजीटल प्रौद्योगिकी एवं नवाचार डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक कृषि कुमुद सिंह, कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।