**5 फरवरी दोपहर तक दिखेगा पश्चिमी विक्षोभ का असर **लहौल-स्पिति, किन्नौर चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना **फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना हिमाचल प्रदेश में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। आज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी व मध्यवर्ती तथा मैदानी क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की माने तो प्रदेशभर में आज दोपहर बाद पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान लहौल-स्पिति, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। वहीं मध्यवर्ती व मैदानी क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है जबकि कई क्षेत्रों में अंधड़-आंधी भी चल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 4 फरवरी से पूरे उत्तर भारत मे पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। हिमाचल प्रदेश में आज सुबह से ही बादल छाए हैं। लाहौल स्पीति व किन्नौर में सुबह से ही हल्की बारिश व बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है। पूरे प्रदेश भर में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। मैदानी क्षेत्र में बारिश व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ का मुख्यतः असर 4 फरवरी की मध्य रात्रि को देखने को मिलेगा और यह 5 फरवरी की दोपहर तक रहेगा। उनोने कहा कि जनवरी माह में मात्र 13.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य से काफी कम है। अमूमन जनवरी माह में 83.5 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष जनवरी माह में 84%कम बारिश हुई है जो1901 से नौवीं बार कम बारिश हुई है। यह पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर होने का असर है। आने वाले दो दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी उसके बाद फिर तापमानों में उछाल आएगा। वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है। मंगलवार को राजधानी सहित पूरे प्रदेश भर में सुबह से ही बादल छाए रहे।पश्चिमी विक्षोभ का असर 4फरवरी की मध्यरात्रि को ज्यादा देखने को मिल सकता है 5 फरवरी की दोपहर से मौसम साफ हो जाएगा।वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है।
**कहा, सुक्खू सरकार ने दो साल में नहीं किया कोई काम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 3 और 4 फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में भाजपा के विधायकों द्वारा सुझाए गए किसी भी काम को सुक्खू सरकार ने प्राथमिकता नहीं दी है और इसके बजाय, भाजपा विधायकों को प्रताड़ित किया जा रहा ह। जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायक अपने क्षेत्रों की जरूरतों और विकास कार्यों को सरकार के सामने रखते हैं, लेकिन सरकार उनकी प्राथमिकताओं को अनसुना कर देती है। इसके बजाय, कांग्रेस के हार चुके और नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। अगर सरकार भाजपा विधायकों की बात नहीं सुन रही, तो विधायक प्राथमिकता बैठक का कोई अर्थ नहीं है, इसलिए भाजपा विधायक दल इस बैठक का बहिष्कार करेगा। पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए गए कामों के उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप भी जयराम ठाकुर ने लगाया। उन्होंने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जा रहा, और उद्घाटन पट्टिका पर उनका नाम तक नहीं लिखा जा रहा। इसके बजाय, कांग्रेस के नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हार के बाद से पुलिस का दुरुपयोग बढ़ गया है। भाजपा के विधायक और नेता सत्ता के दुरुपयोग के कारण लगातार प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं। पुलिस द्वारा जांच के नाम पर भाजपा नेताओं को घंटों थाने में बैठाया जा रहा है और उन्हें फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों, जैसे रोहतांग, पांगी और भरमौर में हिमपात हुआ, जबकि राजधानी शिमला और मनाली समेत मैदानी क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। मौसम के इस बदलाव से सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई, और प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे। रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, लेकिन 4 और 5 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से फिर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। शनिवार को भरमौर और पांगी की ऊपरी चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। इस बारिश से किसानों और बागवानों को राहत मिली है क्योंकि खेतों की नमी बढ़ी है, जिससे फसलों को फायदा होगा। कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों में भी सुबह से लेकर दोपहर तक रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी जारी रही। रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, राजा घेपन पीक और सीवी रेंज की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी हुई।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी घोषणा की। अब सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है। सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को अब कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। सीतारमण ने कहा कि 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी। सीतारमण ने कहा कि ITR और टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई है। टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा की गई है। Old Tax Regime के तहत इनकम टैक्स दरें 0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं। 4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत 8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत 12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत 16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत 20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत 24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत इन्हें नहीं मिलेगा फायदा सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स में छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी। अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा।
अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाये जाएंगे। आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए ये अहम घोषणा की है, जिसमें अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को सुलभ बनाना और एयर कनेक्टिविटी को मजबूती देना है, खासकर छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों में। इस योजना से न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और उद्योगों को भी गति मिलेगी। नए एयरपोर्ट के निर्माण से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम प्रधानमंत्री की "उड़ान" योजना के तहत लिया जा रहा है, जिसका मकसद छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे न केवल यात्रा में सुगमता आएगी, बल्कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में तकनीकी क्षेत्र को लेकर एक अहम ऐलान किया। सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष फंड देने की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य AI के शोध, विकास, और शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में एक नया मुकाम हासिल हो सके। सरकार के इस ऐलान के तहत, AI आधारित परियोजनाओं, स्टार्टअप्स और संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे नए समाधान विकसित कर सकें और विभिन्न उद्योगों में AI का अधिकतम उपयोग कर सकें। इससे न केवल भारत में AI टेक्नोलॉजी की गति बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा और उद्योगों में कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करेगा।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में किसानों को लेकर महत्वपूर्ण ऐलान किया है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर कर्ज की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम से किसानों को कृषि कार्यों के लिए अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी और वे अपनी खेती के लिए आवश्यक संसाधनों को आसानी से जुटा सकेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का उद्देश्य किसानों को आसान और सस्ती क्रेडिट सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें। अब तक यह सुविधा अधिकतर छोटे और सीमांत किसानों तक सीमित थी, लेकिन इस सीमा में बढ़ोतरी से अब अधिक किसानों को लाभ मिलेगा और वे अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकेंगे। कृषि क्षेत्र को समर्पित इस बजट प्रस्ताव से सरकार का मकसद है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाए। साथ ही, यह कदम कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और किसान की आय दोनों में वृद्धि हो सकेगी।
आज पूरा देश संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर नजरें गड़ाए बैठा है। यह बजट आज सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा, और 2024 में बनी मोदी 3.0 सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है। गरीब, मिडिल-क्लास और वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। खासकर इनकम टैक्स स्लैब में राहत और आर्थिक सुधारों की मांग की जा रही है। बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह महंगाई से राहत देने और खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने वाले कदमों के साथ आएगा।बजट सेशन 2025 की शुरुआत शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को हुई, जब वित्त मंत्री ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, विकास दर, महंगाई और भविष्य की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। अब सभी की निगाहें आज के बजट पर टिकी हैं, जिसमें इन आंकड़ों के आधार पर नई नीतियां घोषित की जाएंगी। बजट से पहले राष्ट्रपति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुलाकात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना आठवां बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुरु से मिलने के लिए वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से रवाना हो गई हैं। पेपरलेस फॉर्मेट में वे पारंपरिक ‘बही खाता’ के बजाय एक टैब के माध्यम से बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी।
हिमाचल प्रदेश में आज रात से मौसम करवट बदलेगा। आज रात से ही प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) ज्यादा एक्टिव हो जाएगा और अगले छह दिनों तक इसका असर देखने को मिलेगा। खास तौर पर 4 फरवरी को बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जाहिर की है। इस दौरान =मध्य व उच्च पर्वतीय कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। वहीं प्रदेश के ज्यादातर भागों में 2 फरवरी को मौसम साफ हो जाएगा। जबकि 3 फरवरी से अगले दो दिन तक फिर से बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। बारिश और बर्फबारी से पहले तापमान में ही हल्का उछाल आया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक हो गया है। मनाली के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.9 डिग्री का उछाल दर्ज किया गया है। इसी तरह कल्पा का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक हो गया है।
1980 में भाजपा के गठन के बाद से हिमाचल में अब तक 13 नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे है।सतपाल सिंह सत्ती सबसे अधिक दस साल तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे, तो खीमीराम शर्मा को सबसे कम कार्यकाल मिला। हालांकि सबसे छोटा कार्यकाल डॉ राजीव बिंदल के नाम है जो वर्तमान में दुरसी बार अध्यक्ष है। साल 2020 में उनका पहला कार्यकाल महज 186 दिन का रहा था। तब कोरोना काल में हुए घोटाले में उनका नाम उछाला और नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। सिलसिलेवार बात करें तो हिमाचल भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने ठाकुर गंगाराम जो मंडी से ताल्लुक रखते थे। वे 1984 तक अध्यक्ष रहे। इसके बाद शिमला संसदीय हलके के अर्की से सम्बन्ध रखने वाले नगीनचंद पाल भाजपा के अध्यक्ष बने, और 1986 तक पद पर रहे। 1986 में शांता कुमार हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष बने और 1990 का विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया। शांता कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद कुल्लू के महेश्वर सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और 1993 तक इस पद पर रहे। पर 1993 में भाजपा की शर्मनाक हार के बाद महेश्वर की विदाई हो गई और एंट्री हुई प्रो प्रेम कुमार धूमल की। उनके नेतृत्व में ही भाजपा ने 1998 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाई और धूमल सीएम बने। फिर सुरेश चंदेल दो साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे और साल 2000 से लेकर 2003 तक जयकिशन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला। धूमल, सुरेश चंदेल और जयकिशन शर्मा, तीनों ही हमीरपुर संसदीय हलके से थे। साल 2003 में सुरेश भारद्वाज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2007 तक इस पद पर रहे। भारद्वाज के बाद दो साल एक लिए जयराम ठाकुर और फिर 2009 से 2010 खीमीराम शर्मा ने पार्टी की कमान संभाली। 2010 में भाजपा अध्यक्ष पद पर सतपाल सिंह सत्ती की ताजपोशी हुई और वे दस साल लगातार अध्यक्ष रहे। सबसे अधिक वक्त तक अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड अब भी सत्ती के नाम है। सत्ती की विदाई के बाद डॉ राजीव बिंदल की ताजपोशी हुई लेकिन कोरोना काल में घोटाले के आरोप के बाद बिंदल को महज 186 दिन बाद ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ा। ये हिमाचल में किसी भी भाजपा अध्यक्ष का सबसे छोटा कार्यकाल है। बिंदल के बाद सुरेश कश्यप को कमान सौपी गई और अप्रैल 2023 तक कश्यप पार्टी अध्यक्ष रहे। इसके बाद बिंदल की दोबारा बतौर अध्यक्ष एंट्री हुई। अब बिंदल को पार्टी फिर मौका देती है या नहीं, ये सवाल बना हुआ है।
आज एनएमओपीएस (NMOPS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, नई पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने 01 अप्रैल 2025 से इसे लागू करने के फैसले का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन में पूरे भारत में सभी स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में UPS की गजट अधिसूचना के खिलाफ विरोध किया गया। इस विरोध का मुख्य उद्देश्य ओपीएस (Old Pension Scheme) के तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना था। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार ने पहले ही पुरानी पेंशन बहाल कर दी है, इसलिए एनएमओपीएस का साथ देते हुए कर्मचारियों और शिक्षकों से अनुरोध किया गया था कि वे केंद्रीय कर्मचारियों के इस आंदोलन में समर्थन करें और UPS के नुकसानों के बारे में सभी कर्मचारियों को जागरूक करें ताकि इसके दुष्परिणाम सामने आ सकें। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर ओपीएस के कार्यान्वयन के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया है। प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया। पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर 20 वर्षों से चल रहे विरोध और आंदोलन को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से उतारी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी UPS का काफी विरोध हो रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इसमें कई खामियां हैं। इसकी सबसे बड़ी खामी तो वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के एक जवाब से सामने आई है, जो इसकी प्रचारित अच्छाइयों पर भारी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि UPS की सबसे बड़ी खामी वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) के मामले में सामने आती है। अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनता है तो उसे पेंशन कब से मिलेगी? यह सवाल जब वित्त सचिव से पूछा गया, तो उनका जवाब था कि आप रिटायर चाहे जब हों, UPS के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति की आयु पूरी होने के बाद ही मिलेगी। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली इस पेंशन स्कीम में इस खामी के चलते कर्मचारियों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। उनका ये भी कहना है कि देश में विभिन्न विभागों में रिटायरमेंट की आयु अलग-अलग है। उदाहरण के तौर पर, विश्वविद्यालयों में रिटायरमेंट की आयु 65 साल है, जबकि कुछ विभागों में यह 60 वर्ष या 58 वर्ष है। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी 58 वर्ष में रिटायर हो जाए तो उसे पेंशन के लिए दो साल का इंतजार करना होगा। वहीं अगर कोई कर्मचारी 50 वर्ष की उम्र पर वीआरएस लेता है, तो उसे पेंशन पाने के लिए 10 साल तक इंतजार करना होगा। कर्मचारी संगठन का कहना है कि 25 साल में नौकरी करने वाला युवा अगर 50 की आयु में नौकरी के 25 साल पूरे करके वीआरएस लेना चाहे, तो उसे यूपीएस के तहत पेंशन पाने का कोई विकल्प 10 सालों तक नहीं होगा। इस पर सवाल उठता है कि अगले 10 सालों तक वह जीवित रहेगा या नहीं, इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। वहीं अगर कोई कर्मचारी देर से सरकारी सेवा में आता है, तो इस स्कीम के तहत 10 साल की नौकरी करने पर 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन तय की गई है। हालांकि यह फायदा भी तभी मिलेगा जब कर्मचारी ने 10 साल की सेवा पूरी की हो। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से पहले सेवा छोड़ दी, तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी। UPS में कर्मचारियों का योगदान उनकी बेसिक सैलरी का 10% होगा, जबकि सरकार 18.5% योगदान करेगी। पुरानी पेंशन में कर्मचारी को कोई योगदान नहीं करना पड़ता और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है, जो लगभग अंतिम वेतन का 50% होती है। जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी UPS का विकल्प चुनते हैं, वे किसी अन्य नीतिगत रियायत, बदलाव या वित्तीय लाभ का दावा नहीं कर सकेंगे। UPS के तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में दो हिस्से होंगे - एक व्यक्तिगत फंड, जिसमें कर्मचारी और सरकार का योगदान होगा, और दूसरा पूल फंड, जिसमें सरकार का अतिरिक्त योगदान होगा। प्रदीप ठाकुर का कहना है कि जब 1 अप्रैल 2004 को NPS लागू किया गया था, तब भी ऐसा ही प्रचार किया गया था, लेकिन जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होने लगे, तो किसी को 500 तो किसी को 1500 रुपये पेंशन मिली। अब भविष्य में भी क्या मिलेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह तय है कि UPS में पुरानी पेंशन (OPS) जैसा लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करेंगे और NPS तथा UPS का विरोध जारी रखेंगे।
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने पर हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजन और तकनीकी मंत्री राजेश धर्माणी ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा इस कानून के माध्यम से देश को बांटने की राजनीति कर रही है, जो देश की एकता और विविधता के खिलाफ है। धर्माणी ने कहा कि भारत एक विविधताओं से भरा हुआ देश है, जहां अलग-अलग धर्म, संस्कृति और परंपराएं हैं। ऐसे में एक समान कानून का लागू होना पूरी तरह से सही नहीं है। भाजपा ने हमेशा से इस मुद्दे पर राजनीति की है और अब यह कानून लागू करने के जरिए माइनॉरिटी समुदायों को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय बजट पर बात करते हुए धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश के लिए अतिरिक्त ग्रांट की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पहाड़ी इलाकों में विकास कार्यों के लिए अधिक खर्च आता है, और ऐसे में राज्य को विशेष ग्रांट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हर बार केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश की अनदेखी हो रही है, जो ठीक नहीं है। हम चाहते हैं कि हिमाचल को ग्रीन बोनस जैसी सुविधा मिलनी चाहिए, जैसे विकासशील देशों को मिलती है। राजेश धर्माणी ने कहा कि राज्य की विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर, केंद्रीय बजट में हिमाचल को अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि यहां के विकास कार्यों को गति मिल सके।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने DC बिलासपुर को "बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिस अवार्ड-2025" से किया सम्मानित
बिलासपुर/ सुनील: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आदर्श चुनाव प्रबंधन और नवाचारों के लिए बिलासपुर जिले को राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित "बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिस अवार्ड-2025" प्रदान किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में यह पुरस्कार उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक को प्रदान किया। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर और लाहौल-स्पीति जिलों को देश के 788 जिलों में से चुने गए 15 विशिष्ट जिलों की सूची में शामिल किया गया। यह सम्मान चुनावों में पारदर्शिता, समावेशिता, और मतदाता जागरूकता के लिए की गई अभूतपूर्व पहलों के लिए दिया गया। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बिलासपुर जिले ने 418 पोलिंग स्टेशनों की स्थापना की, जिनमें 16 मॉडल पोलिंग स्टेशन, 8 महिला-प्रबंधित स्टेशन और एक दिव्यांगजनों द्वारा संचालित पोलिंग स्टेशन शामिल थे। स्वीप (SVEEP) गतिविधियों के तहत, जिले में 4473 नए मतदाताओं को जोड़कर लोकतंत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई। चुनाव प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए जिले में जागरूकता अभियानों का संचालन किया गया। कम मतदान वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए, साहित्यकार रतन चंद निर्जर ने क्षेत्रीय दौरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और "मेरा वोट, मेरी ड्यूटी" गीत ने प्रेरक संदेश दिया। जिला मेलों, नुक्कड़ नाटकों, और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से मतदाता शिक्षा को बढ़ावा दिया गया। साथ ही, "डेमोक्रेसी वैन," डिजिटल आमंत्रण कार्ड, और सोशल मीडिया अभियानों के जरिए व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाई गई। मतदान केंद्रों पर छाया, ओआरएस, और क्रेच जैसी सुविधाओं ने समावेशी चुनाव सुनिश्चित किए। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा, यह पुरस्कार न केवल मेरे लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। यह सफलता टीम बिलासपुर के अथक प्रयासों और जिले के नागरिकों के सहयोग का परिणाम है।
बिलासपुर/सुनील: जिला मुख्यालय स्थित स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर में आज 15वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में एडीसी बिलासपुर निधि पटेल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और उपस्थित नागरिकों को मतदान के महत्व के प्रति जागरूक किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस हर भारतीय नागरिक को लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर उपस्थित सभी को चुनावों में सक्रिय भागीदारी निभाने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव 2024 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में स्वीप नोडल अधिकारी हेमंत नेगी, रतन चंद निर्झर, प्रोफेसर मनोहर लाल शर्मा, टीजीटी नवदीप, लेक्चरर आईपी अश्विनी कुमार, टीजीटी रवि कुमार और सीनियर असिस्टेंट मनीष कुंडी शामिल थे। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आयोजन को और खास बना दिया। डीएवी स्कूल, डिग्री कॉलेज और गर्ल्स स्कूल के छात्रों ने नृत्य, नाटिका और गीतों के माध्यम से मतदान के महत्व को रेखांकित किया। तहसीलदार चुनाव विजय कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए मतदाता दिवस के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में आरटीओ राजेश कुमार कौशल, नायब तहसीलदार विजय, और विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
शिमला: प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और एरियर का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बड़ी घोषणा की उम्मीद लगाए बैठे लाखों कर्मचारी और पेंशनर एक बार फिर मायूस हो गए।सरकार की ओर से इस मौके पर कई विकास कार्यों की घोषणाएं की गईं, लेकिन DA-एरियर पर कोई स्पष्ट ऐलान नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों में निराशा बढ़ गई है। दरअसल, कर्मचारी और पेंशनर लंबे समय से बकाया DA और एरियर की मांग कर रहे हैं। महंगाई के इस दौर में DA का भुगतान उनकी सबसे बड़ी जरूरत बन गया है। सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार पहले से ही आर्थिक दबाव का सामना कर रही है। हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। उधर, कर्मचारियों और पेंशनरों ने सरकार की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर साल घोषणाओं का दौर चलता है, लेकिन उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब ऐसे में DA-एरियर पर सरकार का कोई ठोस फैसला कब आएगा, यह तो वक्त ही बताएगा। अब कर्मचारी और पेंशनर्स गणतंत्र दिवस के दिन का इंतजार कर रहे है और उम्मीद लगाए बैठे है कि शायद कल सुक्खू सरकार कोई बड़ी घोषणा कर देंगे।
** प्रदेश के दो विश्वविद्यालय करेंगे भांग की खेती पर रिसर्च हिमाचल प्रदेश में भविष्य में भांग की खेती को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इस पर पूरी तरह से अध्ययन किया जाएगा कि कैसे यह खेती की जाएगी। प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ इस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे, और उसी के आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। पहले इसे राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा अध्ययन किया जा रहा था, लेकिन अब कृषि विभाग को इसे लागू करने के लिए नोडल डिपार्टमेंट बना दिया गया है।इससे पहले, विधानसभा के मानसून सत्र में भांग की खेती से संबंधित सिफारिशें विधानसभा कमेटी ने दी थीं। अब, डा.वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विशेषज्ञों को भांग की खेती पर पायलट अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस अध्ययन की सिफारिशों पर कृषि विभाग भांग की खेती को आगे बढ़ाएगा। राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसने इसके प्रारूप को तैयार किया और दूसरे राज्यों में अध्ययन किया। समिति की सिफारिशों के आधार पर, एनडीपीएस अधिनियम 1985 में संशोधन किया जाएगा ताकि औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को नियंत्रित वातावरण में वैध किया जा सके।सरकार का दावा है कि भांग की खेती से प्रदेश की आय में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को 100 मोटरसाइकिलें प्रदान करने की मंजूरी दी है ताकि प्रवर्तन और औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।साथ ही, कुल्लू बस स्टैंड और पीज पैराग्लाइडिंग प्वाइंट के बीच रोप-वे स्थापित करने की मंजूरी भी दी गई है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
** ये स्कूल दो से सात किलोमीटर की दूरी वाले नजदीकी स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे **प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया हिमाचल प्रदेश में 10 से कम विद्यार्थियों वाले 316 मिडल स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन स्कूलों में कुल 2,116 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 813 शिक्षक तैनात हैं। ये स्कूल नजदीकी, 2 से 7 किलोमीटर दूर स्थित अन्य स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे। कई मिडल स्कूलों में तीन से पांच शिक्षक और तीन-तीन गैर-शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर सरकार को भेज दिया है। पिछले वर्ष सरकार ने पांच विद्यार्थियों वाले मिडल स्कूलों को 2-3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्कूलों में मर्ज किया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नए शैक्षणिक सत्र से पहले इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। निदेशालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में मर्ज किए जाने वाले स्कूलों की नजदीकी दूरी और इससे जुड़ी समस्याओं का विस्तृत विवरण दिया गया है। शिमला जिले में कम विद्यार्थियों वाले सबसे अधिक मिडल स्कूल हैं, जहां 97 स्कूल हैं। इसके बाद कांगड़ा में 51 स्कूल हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सरकार के आदेश के अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा। लाहौल-स्पीति के केलांग क्षेत्र में एक स्कूल में तीन शिक्षक केवल एक बच्चे को पढ़ा रहे हैं। इसी तरह, उदयपुर, काजा, चंबा, बिलासपुर और कांगड़ा के कुछ स्कूलों में भी कम संख्या में विद्यार्थियों के लिए अधिक संख्या में शिक्षक नियुक्त हैं।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह शुक्रवार को बैजनाथ में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। इस परेड में राज्य पुलिस, जिला पुलिस, आईआरबी सकोह, ट्रैफिक पुलिस, एसएसबी सपड़ी, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की टुकड़ियां शामिल हुईं। इसके बाद सीएम ने जनता को संबोधित करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में ऐलान किया कि सरकारी क्षेत्र में आने वाले समय में 25 हजार पद भरे जाएंगे। युवाओं को रोजगार से जोडऩा सरकार की प्राथमिकता है और इसी को ध्येय मान सरकार आगे बढ़ रही है। सीएम ने बताया कि अप्रैल से बीपीएल पात्रों के चयन के लिए सर्वे होगा और सत्यापन एसडीएम की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही, आईजीएमसी शिमला में दो महीने में पेट स्कैन मशीन लगाई जाएगी। धर्मशाला में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनेगा और कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शिमला में 1600 करोड़ की लागत से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनेगा।सीएम ने बैजनाथ में विकास कार्यों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जैसे चढ़ियार को तहसील बनाना, पपरोला-बैजनाथ के लिए पुल निर्माण, लोक निर्माण का नया मंडल खोलना, डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना और महल पट्टी में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाना। वहीं, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा न होने पर उन्हें निराशा हुई। इस अवसर पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और अन्य मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में 70.26 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया, जिनमें एशिया का पहला पैराग्लाइडिंग स्कूल, पार्किंग सुविधाएं, विद्युत सब स्टेशन और नई सड़कें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह 27 जनवरी को मध्य प्रदेश के महू जाएंगे। महू से कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेगी। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू 26 जनवरी को राजधानी शिमला में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के बाद मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे। कांग्रेस 27 जनवरी को डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें पार्टी संविधान को बचाने और जागरूकता फैलाने का आह्वान करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस देशभर में संविधान बचाओ यात्रा शुरू कर रही है। महू में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और सांसद शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता जनता के बीच जाकर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुक्खू 1 से 3 फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में भी भाग लेंगे। कांग्रेस इस यात्रा और अभियान के माध्यम से अपने विचारधारा और संविधान की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है
हिमाचल प्रदेश में निर्मित 38 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें मधुमेह, माइग्रेन, उच्च रक्तचाप, पेट की गैस, संक्रमण और विटामिन डी-3 जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं। खासतौर पर माइग्रेन की एक दवा, जो केवल सरकारी अस्पतालों में वितरित की जाती है, के दो बैच फेल पाए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा दिसंबर 2024 में किए गए परीक्षण के बाद सामने आई है। जांच में सामने आए चिंताजनक आंकड़े देशभर में 135 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, जिनमें हिमाचल में बनीं 38 दवाएं शामिल हैं। यह खुलासा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। दवाओं की सप्लाई पर रोक और कार्रवाई शुरू* राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन कंपनियों को नोटिस जारी कर स्टॉक वापस मंगवाया जा रहा है। साथ ही, दोषी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रमुख दवाएं जो मानकों पर खरी नहीं उतरीं: 1. डाइवैलप्रोएक्स (बायोडिल फार्मास्युटिकल, नालागढ़) 2. बीटाहिस्टाइन (सीएमजी बायोटेक, कांगड़ा) 3. ओकामैट (सिपला कंपनी, नालागढ़) 4. पेंटाप्राजोल (एडमैड फार्मा, बद्दी) 5. जिंक सल्फेट (ऑर्चिड मेडलाइफ, बद्दी) 6. अमोक्सीसिलिन (वेडएसपी फार्मास्युटिकल, झाड़माजरी) 7. सेफडॉक्साइन (नॉक्स फार्मास्युटिकल, बद्दी) 8. कैल्शियम कार्बोनेट (मेडोफार्मा कंपनी, बद्दी
मंत्री राजेश धर्माणी ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत बच्चों को एक्सपोजर विजिट के लिए किया रवाना
बिलासपुर /सुनील: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के अंतर्गत आज जिला बिलासपुर में 16 बच्चों को शैक्षिक और मनोरंजक दौरे पर भेजा गया। तकनीकी शिक्षा, नगर नियोजन, आवास, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने इन बच्चों के समूह को भगेड से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। योजना के तहत निराश्रित बच्चों को अमृतसर और जालंधर की दो दिवसीय विजिट पर ले जाया जाएगा। इस दौरान बच्चे वाघा बॉर्डर, हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) और जलियांवाला बाग जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों पर जाकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं और देश की गौरवशाली संस्कृति से परिचित होंगे। इसके अतिरिक्त, बच्चों को कपूरथला स्थित ए.के. गुजराल साइंस सिटी का भी दौरा कराया जाएगा, जहां वे विज्ञान और आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना न केवल अनाथ और निराश्रित बच्चों को शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उनके आत्मनिर्भर भविष्य की नींव भी रखती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए विशेष कानून बनाया है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के 6,000 अनाथ बच्चों को ‘राज्य के बच्चे’ के रूप में गोद लिया गया है। सरकार इन बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रख रही है।मंत्री ने आगे बताया कि योजना के तहत बच्चों को वित्तीय सहायता, उच्च शिक्षा का खर्च, और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 27 वर्ष की आयु तक उन्हें मासिक जेब खर्च दिया जाएगा, जबकि छात्रावास सुविधा न होने पर उन्हें पीजी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, सरकार स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए आर्थिक सहयोग और घर बनाने व विवाह के लिए भी मदद प्रदान कर रही है। राजेश धर्माणी ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके मानसिक और शैक्षिक विकास में सहायक होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इन बच्चों को समाज में समान अवसर प्रदान करने और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार की यह पहल समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग की ओर से जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा उपस्थित रहे।
हिमाचल में डाक विभाग अब दुर्गम और बर्फीले इलाकों में ड्रोन से चिट्ठी पहुंचाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर विभाग ने अपर शिमला में ड्रोन से डाक पहुंचाने का ट्रायल शुरू किया है। उप डाकघर से शाखा डाकघरों तक पांच से दस मिनट में चिट्ठियां पहुंचाई जा रही हैं। जबकि पहले चिट्ठियां यहां तक पहुंचाने में पूरा दिन लग जाता था। ट्रायल सफल रहने के बाद विभाग केंद्र सरकार के निर्देश पर अन्य दुर्गम इलाकों में डाक पहुंचाने के लिए हाइटेक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। डाक विभाग उप डाकघर हाटकोटी से सुबह 9 से 12 बजे के बीच शाखा डाकघर नंदपुर, कठासू, अंटी और झड़ग के लिए ड्रोन से डाक भिजवा रहा है। एक समय में सात किलो तक भार उठाने की क्षमता वाला ड्रोन पांच से दस मिनट में सात-आठ किलोमीटर दूर गांवों में डाक छोड़कर लौट रहा है। जिस शाखा में ड्रोन से डाक भेजी जाती है, वहां पर पहले से डाक कर्मी तैनात रहता है। दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन से डाक पहुंचाने का पूरा डाटा ऑनलाइन रखा जा है। ट्रायल के तौर ड्रोन से डाक पहुंचाने की अवधि 24 जनवरी को पूरी हो रही है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन ट्रायल के लिए एक निजी कपंनी के साथ समझौता किया गया है। सफल संचालन पर विभाग अन्य दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में ड्रोन का उपयोग करेगा। इसका उद्देश्य प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के माध्यम से ड्रोन के जरिये चिट्ठी पहुंचाना है। केंद्र इससे पहले गुजराज और अरुणाचल में भी ट्रायल कर चुका है। ट्रायल पूरा होने के बाद केंद्र सरकार अगला कदम उठाएगी।ड्रोन से डाक ट्रायल के तौर पर कुछ शाखा डाकघरों के लिए भेजी जा रही है। ड्रोन सेवा 12 नवंबर से 24 जनवरी तक चल रही है। निजी कंपनी की सहायता से यह काम किया जा रहा है। अंकुश, प्रभारी उप डाकघर हाटकोटी दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से डाक भेजने का ट्रायल चल रहा है। यदि ट्रायल सफल रहा तो इस तकनीक को नियमित लागू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुर्घटना मामले में एक महत्त्वपूर्ण फैसला दिया है। मामले में छह महीने की देरी के बाद दायर की गई याचिका अब मान्य नहीं होगी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण चंबा की ओर से पारित 23 जुलाई 2024 के फैसले को निरस्त कर दिया। प्रतिवादियों की ओर से आवेदन देरी से करने को निचली अदालत ने माफ कर दिया था। कंपनी की ओर से निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। बीमा कंपनी ने अदालत को बताया कि मुआवजे के दावे के लिए कोई आवेदन छह महीने के बाद स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर दावा दुर्घटना घटित होने के छह महीने के भीतर नहीं किया जाएगा तो वह धारा 166 (3) के नियमों के खिलाफ है। अदालत को बताया गया कि मोटर वाहन अधिनियम एक पूर्ण एवं आत्मनिर्भर अधिनियम है तथा इसकी धारा 166 (3) के अनुसार याचिका दायर करने में देरी को माफ करने का कोई प्रावधान नहीं है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पहले प्रावधान था कि अगर आवेदन में देरी हो जाती थी, तब भी याचिका दायर की जाती थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन किया गया। वर्ष 2022 से इसे लागू किया गया, जिसके बाद धारा 166 (3) के तहत दावेदार को केवल छह महीने के भीतर आवेदन दायर करना होगा। अगर उसके बाद दायर किया जाएगा तो मान्य नहीं होगा। निचली अदालत ने लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के तहत उत्तरदाताओं की याचिका को स्वीकार कर दिया था। अदालत ने एक जैसी प्रकृति के सभी मामलों का एक साथ निपटारा करते हुए यह आदेश दिए। ये मामले चंबा, सिरमौर, शिमला आदि के थे, जिसमें मृतकों के परिवार वालों ने देरी से याचिका दायर की गई। सभी मामलों में किसी की दुर्घटना अप्रैल, जून और सितंबर 2023 में हुई थी और सभी ने जून 2024 के बाद दावा किया। इनमें से एक मामला चंबा का है, जिसमें मृत व्यक्ति मोटरसाइकिल के पीछे वाली सीट पर बैठा था। हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही की वजह से हुआ। बाइक सवार दोनों सतलुज नदी में गिर गए। घटना के छह महीने के बाद दावा किया गया। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल (शिमला) की ओर से 8 जनवरी को दैनिक वेतन भोगी की नए सिरे से जारी किए गए भर्ती के विज्ञापन पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने इसके आदेश जारी किए हैं। मामले की सुनवाई अब छह सप्ताह बाद होगी। दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से 31 दिसंबर को विभिन्न श्रेणियों के तहत काम कर रहे 43 दैनिक वेतनभोगियों की मौखिक रूप से सेवाएं समाप्त का दी गईं थीं। बिना नोटिस दिए इन्हें निकाला गया। अब 8 जनवरी को विज्ञापन निकालकर यह भर्तियां माली, प्लंबर, स्वीपर, इलेक्ट्रीशियन और ड्राइवर के पदों के लिए निकाली गईं। इसी विज्ञापन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। इसके खिलाफ कुछ प्रभावितों ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी 2022 से विश्वविद्यालय में सेवाएं ली जा रही हैं। इनकी सेवाएं वर्ष 2022 के बाद तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार देते हुए विधि विश्वविद्यालय ने नियमित के बजाय पूर्ववत दैनिक भोगियों के पदों को भरने का विज्ञापन जारी किया है। अदालत में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने कहा कि नई अधिसूचना के तहत भर्ती में पहले नियुक्त दैनिक वेतनभोगी भाग ले सकते हैं। वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के स्थान पर दूसरे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियुक्त करना वैध है। जो विज्ञापन निकला, वह भी दैनिक वेतनभोगी के रूप में है।
बिलासपुर/सुनील: डीसी बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक को लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए "बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिस अवार्ड-2025" से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उपायुक्त बिलासपुर, आबिद हुसैन सादिक को प्रदान किया जाएगा। भारत के 788 जिलों में से केवल 15 जिलों के उपायुक्तों को यह सम्मान मिला है, और इनमें बिलासपुर और लाहौल-स्पीति जिलों के उपायुक्त को इस उपलब्धि का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने इस सम्मान को बिलासपुर वासियों को समर्पित करते हुए कहा, "यह पुरस्कार जिले के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है। उनके अथक प्रयासों से यह सम्मान प्राप्त हुआ है, और यह बिलासपुर के लिए गर्व का क्षण है। बिलासपुर का चुनावी प्रबंधन एक आदर्श बनकर उभरा है, जो न केवल पोलिंग स्टेशन की स्थापना और नवाचार में, बल्कि नए मतदाताओं को जोड़ने और मतदान प्रतिशत को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण कदम उठा चुका है। स्वीप (SVEEP) गतिविधियों के तहत जिले में 4473 नए मतदाताओं को शामिल किया गया और मतदान को बढ़ावा देने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए गए। कम मतदान वाले क्षेत्रों में जन जागरूकता के प्रयास किए गए, जिससे मतदान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। जिला के चारों विधानसभा क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।स्वीप गतिविधियों के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इनमें प्रसिद्ध साहित्यकार रतन चंद निर्जर द्वारा कम मतदान वाले क्षेत्रों में जागरूकता फैलाना, "मेरा वोट, मेरी ड्यूटी" गीत का प्रचार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेल्फी प्वाइंट्स और नुक्कड़ नाटक जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ शामिल थीं। इसके अलावा, 25,000 से अधिक जागरूकता सामग्री वितरित की गई और डिजिटल वोटिंग इनविटेशन कार्ड्स जारी किए गए। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान की गई, जैसे छाया क्षेत्र, ओआरएस और बच्चों के लिए क्रेच की व्यवस्था की गई। इसके अतिरिक्त कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष कदम उठाए गए, जिसमें पुलिस और सुरक्षा बलों के सहयोग से चुनावी सुरक्षा सुनिश्चित की गई, चुनावी डाटा संग्रहण और निगरानी प्रणालियों को प्रभावी रूप से लागू किया गया।इसके साथ ही, क्षेत्र में मतदाता सूची को अपडेट करने, चुनावी निगरानी के लिए तकनीकी समाधानों का इस्तेमाल करने और मतदान के लिए बेहतर प्रोत्साहन देने के प्रयास किए गए। यह पुरस्कार न केवल बिलासपुर, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने इस पुरस्कार को जिले और राज्य के लिए एक प्रेरणा स्रोत बताया और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके लिए बधाई दी। यह पुरस्कार हमारे लोकतंत्र की मजबूती, नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और चुनाव प्रक्रिया में नए दृष्टिकोण के महत्व को दर्शाता है।
हिमाचल में लोगों के सफर को आसान और आरामदायक बनाने के लिए अब सड़कों पर दौड़ रही खस्ताहाल बसों को हटाया जाएगा। इसके लिए HRTC अब 15 साल से पुरानी खटारा बसों को भी स्क्रैप कर रहा है, जिसको लेकर फील्ड से ऐसी बसों की रिपोर्ट मांगी गई है। नियमों के मुताबिक अभी 15 साल पुरानी बसों को ही स्क्रैप किया जा रहा है, लेकिन HRTC ने सड़कों पर हांफ रही 15 साल से पुरानी खस्ताहाल बसों को हटाने का फैसला लिया है, ताकि इन बसों को स्क्रैप करके इनकी जगह पर नई बसें चलाई जा सके। हिमाचल पथ परिवहन निगम के विभिन्न डिपो में बार बार रिपेयर करने के बाद कई बसें वर्कशॉप में खड़ी हैं। ऐसे में सड़कों पर हांफ चुकी इन बसों पर बार-बार रिपेयर करने में काफी खर्च होने के साथ समय भी बर्बाद हो रहा है। इसको देखते हुए ऐसी बसों को अब स्क्रैप किया जाएगा। वहीं, एचआरटीसी ने अभी तक 15 साल पुरानी बसों को स्क्रैप कर 5.91 करोड़ कमाए हैं। भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 29 (ई) के तहत 16 जनवरी 2023 को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के नियमों को लेकर संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी थी। इस अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरे होने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया गया है। इसी तरह से सरकारी वाहनों के पंजीकरण के 15 साल पूरे होते ही अब खुद ही पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द समझा जाएगा। ये नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं। पहले चरण में एचआरटीसी ने अक्टूबर 2023 में 15 साल आयु पूरी कर चुके 163 वाहनों को नीलाम किया था। इसमें 124 बसें और 26 लाइट व्हीकल शामिल थे। वहीं, एक क्रेन, 5 ट्रक, 6 टेंकर व एक प्रदर्शनी वैन को भी स्क्रैप के लिए नीलाम किया था। इसी तरह से नवंबर 2023 में 46 वाहन, फरवरी 2024 में 16 वाहनों की नीलामी की गई थी, जिससे HRTC को 2.84 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसके बाद इसी महीने एचआरटीसी ने आरवीएसएफ के जरिए एमएसटीसी के स्क्रैपिंग पोर्टल पर 15 साल पूरे कर चुके 114 वाहनों को नीलाम किया है, जिसमें 101 बसें, 08 हल्के वाहन, 01 ट्रक, 01 प्रदर्शनी वैन और 03 ऑटो रिक्शा शामिल हैं। इनकी ई.नीलामी आयोजित की गई, जिनमें से 90 वाहनों की बिक्री हो गई है, जिससे एचआरटीसी को 1.55 करोड़ मिलेंगे। अब एचआरटीसी 15 साल से कम उम्र की खस्ताहाल बसों को स्क्रैप में देकर पैसा कमाएगा और इन बसों की रिप्लेसमेंट भी कर दी जाएगी। हिमाचल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर का कहना है, 15 साल से पहले को खराब हो चुकी बसों को भी स्क्रैप में दिया जाएगा, जिसकी जगह नई बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा।
पुलिस भर्ती: ग्राउंड टेस्ट के लिए मंडी, बिलासपुर, कुल्लू, हमीरपुर व लाहौल के युवा जान लें ये शेड्यूल
शिमला: आखिरकार हिमाचल में पुलिस भर्ती के ग्राउंड टेस्ट से जुड़ी अहम सूचना आ ही गई। पांच जिलों के युवाओं के लिए शेड्यूल तैयार हो गया ह। युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट की तारीख व स्थान जारी कर दिया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी सौम्या सांबशिवन की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार फरवरी महीने की छह तारीख से ग्राउंड टेस्ट आरंभ होंगें। उल्लेखनीय है कि इस बार हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के तौर पर हो रही है। कुल 1088 पद भरे जाने हैं. इसमें से पुरुष वर्ग में 708 पद व महिला वर्ग में 380 पदों की भर्ती होगी. लोक सेवा आयोग ने आवेदकों की फाइनल लिस्ट राज्य पुलिस को भेज दी थी। उसके बाद अब पांच जिलों के युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट का शेड्यूल जारी किया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी ने ये शेड्यूल जारी किया है। डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू व लाहौल स्पीति जिले का ग्राउंड टेस्ट निम्न तारीखों को होगा। 6 फरवरी से 12 मार्च के बीच ग्राउंड टेस्ट होगा। शेड्यूल के अनुसार हर रोज करीब 2 हजार युवक व युवतियों का ग्राउंड टेस्ट होगा। मंडी जिले के लिए पुलिस कांस्टेबल भर्ती का ग्राउंड टेस्ट पंडोह में थर्ड आईआरबी में होगा। ये टेस्ट मंडी जिले के लिए 6 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा। अगले दिन यानी 17 फरवरी को परिणाम आएगा। बिलासपुर के लुहणू मैदान में बिलासपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट 20 से 24 फरवरी के दरम्यान होगा। यहां का परिणाम भी अगले दिन यानी 25 फरवरी को घोषित किया जाएगा। हमीरपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट अणु में होगा। ये ग्राउंड टेस्ट 28 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा। कुल्लू जिले का टेस्ट पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। ये टेस्ट 7 मार्च से 11 मार्च तक होगा। लाहौल-स्पीति जिले के आवेदकों का ग्राउंड टेस्ट भी कुल्लू में ही होगा। ये टेस्ट भी पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। इसकी तारीख 12 मार्च रहेगी। उल्लेखनीय है कि इस बार ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर की दौड़ भी शामिल की गई है। साथ ही युवाओं का डोप टेस्ट भी होगी। चूंकि ये भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के रूप में हो रही है, लिहाजा ये सुनिश्चित किया जाएगा कि भर्ती होने वाले युवाओं को किसी तरह के नशे की लत न हो। ग्राउंड टेस्ट के बाद रिटन एग्जाम होगा। लोक सेवा आयोग के चेयरमैन कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है। आवेदकों की लिस्ट समय पर पुलिस विभाग को दे दी गई थी। अब ग्राउंड टेस्ट पुलिस अपने स्तर पर करवाएगी।
हिमाचल के डिपुओं में पिछले कई महीनों सरसों का तेल गायब है। इसका सीधा असर प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों की रसोई पर पड़ रहा है। छोटे पहाड़ी राज्य में सरसों का तेल काफी पसंद किया जाता है। इसलिए हर रसोई में तड़के के लिए अधिकतर सरसों का तेल प्रयोग होता है। ऐसे में रसोई पर महंगाई की मार न पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार राशन कार्ड धारकों को बाजार से सस्ते रेट पर सरसों का तेल उपलब्ध करा रही है, लेकिन तीन महीनों से उपभोक्ताओं को डिपुओं में अपना पसंदीदा तेल नहीं मिल रहा है। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। नए साल का जनवरी महीना बीतने को आ रहा है, लेकिन डिपुओं में अभी तक सरसों के तेल की खेप नहीं पहुंची है। इस महीने डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन दालें, चीनी और नमक मिल रहा है। वहीं, तीसरे महीने भी डिपुओं में सरसों तेल उपलब्ध न होने से लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर खाद्य तेल खरीदने को मजबूर हैं। हिमाचल प्रदेश में उपभोक्ताओं को डिपुओं में पिछले साल नवंबर महीने से सरसों के तेल का कोटा नहीं मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी महीने में तीन महीने के तेल का कोटा एक साथ मिलने की उम्मीद थी, जिसके लिए 4 जनवरी को तेल का टेंडर भी खुल गया था, जिसके बाद तेल का रेट अप्रूव करने का मामला सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी तक सरकार ने रेट अप्रूवल को लेकर अपनी मंजूरी नहीं दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों लोअर हिमाचल के प्रवास पर हैं। उनका 26 जनवरी तक शिमला लौटने का कार्यक्रम है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री के लौटने के बाद ही तेल के रेट के अप्रूवल को लेकर फैसला लिया जा सकता है। वहीं, अगर सरकार रेट को अप्रूव भी करती है तो हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों में तेल की सप्लाई पहुंचने में 8 से 10 दिनों का समय लग सकता है। ऐसे में अब उपभोक्ताओं को फरवरी में ही सरसों के तेल का कोटा मिलने की संभावना है।
हिमाचल में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि हिमाचल में नई पंचायतों का भी गठन भी किया जाना है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछेक क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं। कइयों की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर परिषद और निकायों में पंचायतों के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है तो लोगों को हाउस समेत अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। ऐसे में लोग पंचायतों में ही रहने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद पांवटा साहिब में ग्राम पंचायत बदरीपुर, नगर पंचायत कुनिहार में कुनिहार, हाटकोट और कोठी, नगर पंचायत शिलाई में ग्राम पंचायत शिलाई व बेला, नगर परिषद हमीरपुर में भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी - झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत के क्षेत्र शामिल हैं। नगर पंचायत सुन्नी में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी को शामिल किया गया है। वर्तमान हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं। इससे पहले दिसंबर में पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसी साल कभी भी पंचायतों को चुनाव हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों से बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अपने ही परिसर में परीक्षा देने की सुविधा देगा। फरवरी से शुरू हो रही बीएड की परीक्षाओं में यह नई व्यवस्था शुरू की जा जाएगी। निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 50 हजार की फीस के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विवि की इस नई व्यवस्था से इन 57 कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे नए पुराने करीब 16 हजार प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी। लंबे समय से निजी कॉलेज और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षु अपने परिसर में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे इतनी भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद उन्हें अपनी परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी होती है। कॉलेजों और उनसे बीएड प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की इस समस्या का विवि ने स्थायी समाधान कर दिया है। इस फैसले से विवि की भी परेशानी दूर हो गई है। विवि को राजधानी शिमला, कांगड़ा सहित अन्य जिलों के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में परेशानी पेश आती थी, कॉलेज इसकी अनुमति नहीं देते थे। अब निजी कॉलेजों में केंद्र बनाने में विवि कोई परेशानी नहीं आएगी। कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए अलग से दोगुनी फीस भी चुकानी होगी। अब तक विवि निजी कॉलेजों से 25 हजार फीस लेता था, जिसे विवि ने दोगुना कर दिया है। परिसर में परीक्षा केंद्र बनाए जाने की एवज में प्रशिक्षुओं से विवि कोई अलग से फीस नहीं लेगा, फीस को कॉलेजों को ही चुकाना होगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि प्रदेश भर में विवि से संबद्ध 57 बीएड कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले 16 हजार से अधिक परीक्षा देने वाले प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी से शुरू होने बीएड की परीक्षाओं के लिए अब तक 50 फीसदी कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मांगी गई फीस भी चुका दी है, 27 तक अन्य कॉलेजों को समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने पर परीक्षाएं विवि की सीधे निगरानी में की जाएंगी। इसके लिए अलग से स्टाफ मॉनिटर करने को लगाया जाएगा और उड़नदस्ते भी हर केंद्र पर नजर रखेंगे।
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।
कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकारी कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकार ने इसे विधानसभा के शीत सत्र में पारित करवाया था। इस विधेयक के लागू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कानून के रूप में लागू होगा तो साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होगी। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। नए प्रावधान से कानून बनने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
शिमला: बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी देखी गई। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ। 21 जनवरी को राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में और आसपास के माध्यम पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी को प्रदेश के कुछ स्थानों पर शीत दिवस को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 22 और 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। इस दौरान प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 24 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। 24 से 26 जनवरी तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में मक्की के बाद अब प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं का आटा डिपुओं में बेचकर मुनाफा कमाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती विंग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पहले चरण में प्रदेशभर में किसानों से 805 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। यह खरीद केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती करने वाले प्रमाणित किसान चयनित किए जाएंगे। बाजार में आम तौर पर गेहूं के 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिलते हैं, लेकिन सरकार किसानों से 40 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से गेहूं खरीदेगी। इसमें भी मक्की के समान प्रति किसान से अधिकतम 20 क्विंटल तक गेहूं खरीदी जाएगी। इस विधि में किसान बिना रासायनिक कीटनाशकों और खादों का उपयोग किए जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और ब्रह्मास्त्र सहित अन्य जैविक घटकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके तहत बिलासपुर जिले से 50 मीट्रिक टन, चंबा से 60, हमीरपुर से 40, कांगड़ा से 190, मंडी से 195, सिरमौर से 105, सोलन से 95 और ऊना से 70 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएगी। शिमला और कुल्लू जिले से गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी, यहां गेहूं की बिजाई कम होती है। किसानों से गेहूं खरीदने के बाद सरकार इससे तैयार आटे की भी ब्रांडिंग कर लोगों को दो और पांच किलो की पैकिंग में बेचेगी। सरकार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं 40 रुपये प्रतिकिलो के रेट से खरीदेगी। इसके लिए पंजीकृत किसानों का चयन किया जाएगा। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्राकृतिक खेती में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह पहल शुरू की है। खरीफ सीजन से पहले किसानों बागवानों को झटका लग गया है। हिमफेड की ओर से किसानों बागवानों को दी जाने वाल एनपीके 16-16-16 उर्वरक इस बार मंहगे दामों पर उपलब्ध होगी। पहले एनपीके 16-16-16 की 50 किलो की बोरी 1375 रुपये में मिलती थी। अब किसानों बागवनों को इसके 1450 रुपये चुकाने होंगे। इसकी अधिकतर मांग सेब बहुल क्षेत्रों में होती है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के समान अनुपात होते हैं। हालांकि इस वर्ष से कैल्शियम नाइट्रेट प्लेन और बोरोनेटिड उर्वरक के दामों में गिरावट भी आई है। हिमफेड की ओर से प्रदेश भर में 84 स्टोर स्थापित किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 23 जिला शिमला में हैं।
दिल्ली-पंजाब-हरियाणा-यूपी को जाने वाली बसें होंगी कम हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़, दिल्ली व हरिद्वार को जाने वाली बसों का पहले चरण में युक्तिकरण होगा। इसकी फाइल तैयार कर ली गई है और एचआरटीसी ने इसका प्लान बना लिया है। आठ से दस रूटों को अभी फिलहाल चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से एक जैसे समय पर बसों को भेजा जाता है। आगे जाकर यह बसें मिल जाती हैं और फिर इनकी सवारियां बंट जाती है। इसका नुकसान पथ परिवहन निगम को हो रहा है, जिसे अब एचआरटीसी प्रबंधन दुरुस्त करने की तैयारी में है। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसकी शुरुआत बाहरी राज्यों यानी अंतर राज्यीय रूटों से की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो प्रदेश में प्रदेश के भीतर भी इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री से इस मामले में एचआरटीसी की बातचीत हुई है और सीएम ने कहा है कि निगम को घाटे से उभारने के लिए ऐसे अलग और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है, जिसे अब निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। निगम प्रबंधन के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादी के लिए जाने वाली बसों के रूटों की पूरी सूची तैयार की गई है। इसमें देखा जा रहा है कि ऐसे कितने जिले हैं जहां से एक ही समय में बसें चलती है। इन बसों को क्लब कर दिया जाएगा। धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा से एक ही समय में दिल्ली के लिए कई बसें चलती हैं। इन बसों में सवारियों की संख्या कुल सीटों के मुकाबले आधी भी नहीं होती। अब इन बसों को क्लब कर एक ही बस चलाई जाएगी। वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार,अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट व अंबाला सहित कई अन्य स्थानों को निगम की बसें निरंतर अंतराल में चल रही हैं। इसमें रूटों का परिवर्तन भी हो सकता है। पथ परिवहन निगम का कुल घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। इससे पहले एचआरटीसी के 275 के करीब घाटे के रूट निजी आपरेटरों को देने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी इनमें आधे से ज्यादा रूटों पर फैसला नहीं हो पाया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एचआरटीसी को 700 करोड़ रुपए का सालाना अनुदान दे रही है। एचआरटीसी में 27 श्रेणियों के लोगों को नि:शुल्क यात्रा दी जा रही है। एचआरटीसी के 31 डिपो और चार मंडल हैं। 3180 बसें हैं जो प्रतिदिन 5.60 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। 2684 रूट पर निगम की बसें सेवाएं देती हैं। निगम की दैनिक आय 2.25 करोड़ रुपए है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों का युक्तिकरण करने की तैयारी है। इसकी योजना बन चुकी है और अभी कुछ ऐसे रूट चिन्हित किए हैं, जहां के लिए अलग-अलग स्थानों से एक जैसे समय पर बसें जाती हैं। इनको क्लब किया जाएगा क्योंकि अभी लांग रूट की बसों में कमाई नहीं हो पा रही है। अपेक्षाकृत इनकम को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की नीतियों को अपनाया जा रहा है, लेकिन इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी।
हिमाचल प्रदेश में 22 व 23 जनवरी को मौसम खराब होगा। इस दौरान अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है, वहीं मैदानी इलाकों में बारिश होगी। तापमान में गिरावट से ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। शनिवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे, जिससे तापमान में भारी कमी आई है। प्रदेश के छह स्थानों का तापमान माइनस में पहुंच गया है। ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 11.9 डिग्री पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 22 व 23 जनवरी को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम का मिजाज बिगडऩे से अगले तीन से चार दिनों में तापमान ऐसा ही रहेगा, जिससे ठंड का दौर जारी रहने वाला है। इससे अगले दो दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी, जिससे लोगों को ठंड का एहसास होगा। 22 जनवरी को कुछ स्थानों पर शीतलहर चलेगी, जबकि 19 जनवरी को प्रदेश के कुछ एक जिलों में कोहरा पडऩे की पूरी संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में 24 जनवरी तक इसी तरह आसमान में बादल छाए रहेंगे। 24 जनवरी तक प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होगी, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ेगी।
हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि उनकी चालाकी से बचना आसान नहीं। इस बार उनका शिकार बने नीरज भारती, जो प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बेटे और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (CPS) हैं। ठगों ने उन्हें गोवा की एक फर्जी बुकिंग वेबसाइट के जरिए ₹1 लाख की चपत लगा दी। दरअसल,नीरज भारती ने हाल ही में गोवा यात्रा की योजना बनाई। उन्होंने ऑनलाइन ‘कारा विला रिसॉर्ट’ नामक एक जगह की बुकिंग की और एडवांस में ₹1 लाख का भुगतान किया। लेकिन बुकिंग के बाद जब उन्होंने रिसॉर्ट से संपर्क करने की कोशिश की, तो पता चला कि गोवा में इस नाम का कोई रिसॉर्ट है ही नहीं। उन्हें तुरंत समझ आ गया कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। नीरज भारती ने तुरंत छोटा शिमला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 418 और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी नहीं करवाने की लापरवाही अब महंगी पड़ गई है। प्रदेश में सस्ते राशन के वितरण में पारदर्शिता लाने को राशन कार्ड धारकों को पिछले कई सालों से ई-केवाईसी करवाने का मौका दिया जा रहा था। प्रदेश में इसके लिए लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन लाखों उपभोक्ताओं ने आदेशों को हल्के से लेते हुए ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिस कारण सरकार ने अब सख्ती दिखाते हुए प्रदेशभर में 2.65 लाख परिवारों के राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक कर दिया है। ऐसे में अब इन परिवारों को इस महीने से डिपुओं में सस्ता राशन मिलना बंद हो गया है। अब इन उपभोक्ता को ई-केवाईसी नहीं करने तक सस्ते राशन की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। हिमाचल में राशन कार्डों को लेकर रोजाना समीक्षा हो रही है। राशन कार्ड धारकों की तरफ से ई-केवाईसी ना करने पर हर रोज राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने की प्रक्रिया लगातार जारी है जिसकी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग निदेशालय फील्ड से रोजाना की रिपोर्ट ले रहा है। प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्ड अस्थाई तौर पर ब्लॉक होने के बाद राशन कार्ड की संख्या अब घटकर 17 लाख के करीब रह गई है। प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19.65 लाख के करीब थी। विभाग ने इन परिवारों को 31 दिसंबर तक हर हाल में ई-केवाईसी करने का आखिरी मौका दिया था, लेकिन राशन कार्ड धारकों ने इन आदेशों को भी पहले की तरह हल्के में लिया जिस कारण विभाग को मजबूरन 1 जनवरी से ई-केवाईसी न करवाने पर राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने का निर्णय लेना पड़ा है। ऐसे में पिछले 17 दिनों में प्रदेश में 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया जा चुका है। ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले। ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड की स्थिति विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है इसलिए ई-केवाईसी काफी आवश्यक है, ताकि राशन कार्ड में दर्ज ऐसे सदस्यों के नामों को हटाए जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके। इस तरह से अगर कोई भी राशन कार्ड में इन सदस्यों की जानकारी को अपडेट करवाना चाहते हैं तो इसके लिए उनको ई-केवाईसी करवानी पड़ेगी। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह राठौर का कहना है "ई-केवाईसी नहीं करवाने पर 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया गया है। अब ऐसे राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी करने पर ही डिपुओं में सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम के करवट बदलने की संभावना है। राज्य के कई भागों में आज से आगामी सात दिनों तक बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। वहीं राज्य के पांच स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। कई भागों में लोगों को शीतलहर का सामना करना पड़ रहा है। शिमला सहित आसपास भागों में आज सुबह से हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। उधर, बीते दिनों हुई बर्फबारी से किन्नाैर चंबा व लाहाैल-स्पीति जिले में अभी भी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। लाहाैल-स्पीति जिले में कई सड़कें अभी भी ठप हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 18 से 21 व 24 जनवरी को मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि 22 व 23 जनवरी को राज्य के कई स्थानों पर बारिश-बर्फबारी होगी। वहीं निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राज्य में अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद अगले 3-4 दिनों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 4-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने के आसार हैं। दो दिनों बाद राज्य के कई हिस्सों में धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। शिमला में न्यूनतम तापमान 6.5, सुंदरनगर 5.2, भूंतर 2.5, कल्पा -1.8, धर्मशाला 4.0, ऊना 3.8, नाहन 7.0, केलांग -9.5, पालमपुर 5.0, मनाली 2.1, कांगड़ा 7.5, मंडी 6.1, बिलासपुर 6.6, हमीरपुर 6.4, चंबा 5.3, डलहाैजी 6.7, जुब्बड़हट्टी 6.4, कुफरी 4.6, कुकुमसेरी -5.9, नारकंडा 1.1, भरमाैर 3.3, रिकांगपिओ 1.5, बरठीं 5.5, समदो -7.3, कसाैली 7.9, सराहन 0.2, ताबो -11.9 व बजाैरा में 1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में कार्यरत 53 ग्रेड-2 अधीक्षकों के तबादले स्कूलों, जिला उपनिदेशक, ब्लॉक कार्यालयों और डाइट में कर दिए हैं। पांच दिन के भीतर सभी अधिकारियों को नए स्थानों पर पद ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ और गैर-शिक्षक कर्मचारी महासंघ ने उच्च शिक्षा निदेशालय के इस आदेश का विरोध किया है। महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह मेहता और महासचिव मनीष गुलेरिया ने इस निर्णय को अनुचित बताते हुए कहा कि इससे कर्मचारियों के अधिकारों और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधीक्षक ग्रेड-2 के स्थानांतरण से कर्मचारियों की दक्षता और कार्यशैली बाधित होगी। इससे महाविद्यालयों की प्रशासनिक संरचना और शैक्षिक प्रक्रियाएं कमजोर पड़ेंगी। विशेष रूप से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में संचालित महाविद्यालयों में इस निर्णय का प्रभाव शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। कुछ महाविद्यालयों में जहां 150 के लगभग शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या है और 3,000 से 4,000 तक छात्रों का नामांकन है, वहां इस आदेश से प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों की भारी कमी हो सकती है। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इन महाविद्यालयों में ग्रेड वन का कार्य केवल अधीक्षक को सुपरवाइज़ करने तक सीमित है और ग्रेड वन पर पदोन्नति तब होती है जब कर्मचारी सेवानिवृत्ति के पास होते हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि इन स्थानांतरण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। महासंघ ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी वर्ग ने सरकार को गुमराह कर यह आदेश जारी करवाया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों और उनकी गरिमा को नकारना है। महासंघ का कहना है कि इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है और उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनकी जिम्मेदारियां और महत्व कम कर दिए गए हैं।
हिमाचल में सीमेंट के दामों में एक बार फिर पांच रुपए की वृद्धि हो गई है। सीमेंट कंपनियों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। प्रमुख सीमेंट कंपनियां अंबुजा, एसीसी और अल्ट्राटेक ने प्रति बैग पांच रुपये कीमतें बढ़ा दीं। इससे भवन निर्माण कर रहे लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। बिलासपुर में एसीसी सीमेंट की फैक्ट्री होने के बावजूद यहां सीमेंट अन्य जिलों के मुकाबले महंगा बिक रहा है। एसीसी सीमेंट विक्रेता पवन बरूर ने बताया कि ऊना और हमीरपुर की तुलना में बिलासपुर में दाम अधिक हैं, जबकि इन जिलों का परिवहन खर्च ज्यादा है। कुछ ट्रक मालिक सीमेंट ऊना और हमीरपुर के लिए लोड कर यहीं बेच देते हैं, जिससे स्थानीय डीलरों को नुकसान हो रहा है। एसीसी सुरक्षा का दाम पहले 440 रुपए प्रति बैग था, जो अब 445 रुपए हो गया है। एसीसी गोल्ड का दाम 485 से बढ़कर 490 रुपये हो गया है। अंबुजा सीमेंट के विक्रेता रोहित ने बताया कि अब दाम 455 से बढ़कर 460 रुपए प्रति बैग कर दिए हैं। 18 दिसंबर को कंपनी ने डीलरों के डिस्काउंट बंद कर दिए थे, जिस कारण पहले ही कीमतों में 15 से 20 रुपए प्रति बैग का इजाफा हो चुका था।
** ग्रीष्मकालीन स्कूलों में होगी शुरुआत हिमाचल में अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे। चालू शैक्षणिक सत्र मार्च 2025 में प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों से इसकी शुरूआत होगी। शीतकालीन स्कूलों में अगले वर्ष से यह व्यवस्था लागू होगी। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के संशोधित निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 को प्रदेश में सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। परीक्षा पास करने में असफल रहे विद्यार्थियों को आवश्यक अंक प्राप्त करने को एक और मौका दिया जाएगा। दूसरी बार भी जो विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं करेगा, उसे फेल कर दिया जाएगा। बुधवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को इस संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है। बीते दिसंबर में केंद्र ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है। केंद्र के फैसले के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी को हिमाचल सरकार ने भी बंद कर दिया है। देश में नो डिटेंशन पॉलिसी का फैसला लागू होने के बाद से हिमाचल इसका विरोध कर रहा है। साल 2019 में हिमाचल सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में बिना परीक्षा पास किए बच्चों को पास नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन इस फैसले को सख्ती से लागू नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार ने शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नो डिटेंशन पाॅलिसी को समाप्त कर दिया है। चालू शैक्षणिक सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर जांची जाएंगी। अभी तक की व्यवस्था के तहत इन दोनों कक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र तो स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं को आसपास के स्कूलों में ही जांचा जाता है। अब पांचवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को ब्लॉक और आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को क्लस्टर स्तर पर जांचा जाएगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बीते रोज बुधवार को धूप खिली रही। वहीं, 16 जनवरी को सुबह राजधानी शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों को गुरुवार सुबह से ही कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने 16 जनवरी को प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं, अगले 3 से 4 दिनों तक अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है। वहीं, कुफरी, नारकंडा में गुरुवार सुबह से बर्फबारी शुरू हो गई है जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा , प्रदेश में बीती रात से मौसम ने करवट बदली है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है। आगामी दो दिनों तक प्रदेश में मौसम इसी तरह से खराब बना रहेगा। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। बीते रोज बुधवार को ताबो प्रदेश का सबसे अधिक ठंडा स्थान रहा। ताबो का तापमान -13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, ताबो का अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश में ऊना सबसे गर्म रहा। ऊना का अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा ऊना का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा शिमला का न्यूनतम तापमान 4.2, मनाली का -0.6, कुफरी का 2.2, भरमौर का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हिमाचल प्रदेश में आज बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आ सकता है, जिससे 21 जनवरी तक मौसम खराब रहने की उम्मीद है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कोहरे और ऊंचाई वाले इलाकों में शीतलहर से ठंड में इजाफा हो गया है। मंगलवार रात को राज्य के छह स्थानों पर रात का तापमान माइनस में दर्ज हुआ। बुधवार को राजधानी शिमला और राज्य के अन्य हिस्सों में धूप खिली रही, लेकिन आगामी दिनों में मौसम फिर से करवट ले सकता है। इसके साथ ही तीन दिन बाद अटल टनल रोहतांग से बस सेवा फिर से शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को राहत मिली है, क्योंकि पहले यात्रा में 10 किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी होती थी, अब यह दूरी केवल 5 किलोमीटर रह गई है। इसके अलावा, औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 पर भी निगम की बसें घियागी के बजाय सोझा तक चलने लगी हैं। प्रदेश के निचले पहाड़ी और मैदानी इलाकों, जैसे बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में बुधवार को सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा छाया रहा। वीरवार को इन क्षेत्रों में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 16 से 21 जनवरी के बीच मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3-4 दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी और शिमला जिलों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
** प्रदेश में लोहड़ी के अवसर पर कड़ाके की ठंड शिमला: इन दिनों उत्तर भारत समेत हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोहड़ी के पर्व पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। हाल ही में निचले पहाड़ी इलाकों और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी से तापमान में यह गिरावट आई है। मौसम विभाग ने 14 और 15 जनवरी को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, 16 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिसके कारण प्रदेश में मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। इस दौरान, मध्यम और ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यह पश्चिमी विक्षोभ 19 जनवरी तक सक्रिय रहेगा। हालांकि, निचले पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मंडी, बिलासपुर, ऊना और अन्य जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। बीते 24 घंटों में, मंडी जिले के सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, स्पीति घाटी के कुकुमसेरी में प्रदेश का सबसे कम तापमान -12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य प्रमुख स्थानों पर तापमान इस प्रकार रहा: शिमला 2.4 डिग्री सेल्सियस, मनाली -1.1, भरमौर 0.3, कुफरी -0.8, पालमपुर 1.0, केलांग -8.7, बिलासपुर 5.4 और ऊना 3.6 डिग्री सेल्सियस।
** प्रदेश में चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए तैयार होगा मास्टर प्लानः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 प्रतिशत राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने तथा मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर तथा जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवाल के आयोजन को अधिसूचित करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डॉ. पंकज ललित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 72 मैगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनका कार्य शीघ्र ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 325 मैगावाट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार राज्य की 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे तथा इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावाट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल, 2024 को जनता को समर्पित किया गया था तथा अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक साढ़े छः महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, जबकि 10 मैगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ बनाने की दिशा में प्रयासरत है ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के दोहन से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं को फरवरी माह राहत भरा रहने वाला है। केंद्र से सस्ते राशन का आवंटन हो गया है जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भी फरवरी महीने में सरकारी डिपुओं के माध्यम से APL परिवारों को दिए जाने वाला आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी है। राहत की खबर ये है कि सरकार ने प्रदेशभर में 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में फरवरी महीने में भी APL परिवारों को 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड मिलेगा। प्रदेश में अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को डिपुओं में मिलने वाले आटे और चावल की दी जाने वाली मात्रा में कोई कट नहीं लगा है। वहीं, इससे पहले हिमाचल में हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता था, लेकिन 17 महीनों से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। केंद्र से राशन का आवंटन होने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में डिपुओं के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी गई है। एपीएल परिवारों को आबादी के आधार पर 20 हजार 286 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हुआ है। इसमें 14 हजार 131 मीट्रिक टन गेहूं और 6,155 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को जनवरी महीने के आखिर में परमिट जारी किया जाएगा ताकि डिपुओं में फरवरी के पहले ही सप्ताह से सस्ता राशन उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। इसमें कुल एपीएल कार्डधारकों की संख्या 12 लाख 24 हजार 448 है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसमें एपीएल टैक्स पेयर कार्डधारकों की कुल संख्या 72 हजार 445 है। वहीं, 11 लाख 52 हजार 3 नॉन टैक्स पेयर एपीएल कार्ड धारक हैं। हिमाचल में एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44 लाख 19 हजार 312 बनती है, जिसमें नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों की आबादी 41 लाख 26 हजार 583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2 लाख 92 हजार 729 है जिन्हें अगले महीने डिपुओं के माध्यम से 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा, फरवरी महीने के लिए राशन का आवंटन किया गया है। अगले महीने एपीएल परिवारों को पहले की तरह 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति कार्ड दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीन कॉरिडोर में सरकार ने 41 और इलैक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दे दी है। हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है उसके लिए सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हाई पावर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि ग्रीन कॉरिडोर में अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक 23 स्टेशन बना दिए गए हैं, लेकिन इस साल 41 और स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही हिमाचल में पेड़ कटान पर पहले से प्रतिबंध है और अभी सरकार ने कुछ और प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर भी रोक लगाई है।सरकार ऐसे काम करना चाहती है, जिससे प्रदूषण न हो और हिमाचल ग्रीन स्टेट के रूप में जाना जाए। इससे हिमाचल को ग्रीन बोनस मिलने में भी आसानी होगी। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि जियो, बीपी कंपनी मंडी-जोगिंद्रनगर-पठानकोट के साथ कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बना रही है। ईवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी परवाणू-ऊना-संसारपुर टैरेस-नूरपुर और परवाणू- शिमला-रिकांगपिओ-लोसर ग्रीन कॉरिडोर पर इस कार्य को कर रही है। इलेक्ट्रो वेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कोरिडोर को विकसित करने का काम करेगी। दोनों चयनित कंपनियां 75 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज मनी के रूप में सरकार को देगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो कंपनियों के साथ चार ग्रीन कोरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया था। प्रदेश में अभी ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या 23 है, जो दिसंबर महीने तक बढक़र 64 हो जाएगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में सरकार ने कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया था। हाई पावर कमेटी की बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जो भी औपचारिकताएं हैं, उन्हें जल्द पूरा करें। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम भी प्रदेश के सभी बस अड्डों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। उसने कुछ नए बस अड्डों पर इसकी सुविधा तैयार कर ली है। इसके लिए एचआरटीसी को नाबार्ड के तहत 100 करोड़ मंजूर हुए हैं। अभी शिमला, धर्मशाला, कुल्लू सहित कुछेक स्थानों पर ही इवी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा है, क्योंकि एचआरटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़ी संख्या में आने वाले दिनों में शामिल होंगे, लिहाजा उनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी सभी स्थानों पर चाहिए। फिलहाल ग्रीन कोरिडोर में लगभग सभी जगहों पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने प्रदेशवासियों को कड़ी ठंड का सामना कराया। मौसम विभाग के अनुसार, 13 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना है, लेकिन 15 जनवरी से फिर से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में गोंडला में 6 सेंटीमीटर, कोठी, खदराला और नशल्लारू में 5 सेंटीमीटर, जोत और भरमौर में 4 सेंटीमीटर, हंसा में 2.5 सेंटीमीटर, कुफरी में 2 सेंटीमीटर, कल्पा में 0.8 सेंटीमीटर और कुकमसेरी में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। शिमला के सराहन में 18.1 मिलीमीटर, रोहड़ू में 15 मिलीमीटर, पच्छाद में 5.1 मिलीमीटर और मनाली में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 13 और 14 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, लेकिन 14 जनवरी रात से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद 15 जनवरी से प्रदेश के ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, निचले इलाकों में इसका असर कम रहेगा। प्रदेश में 12 जनवरी को सिरमौर जिले के धौला कुआं में 15.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि लाहौल-स्पीति का ताबो -5.2 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
वाटर स्पोर्ट्स के बाद जिले को एयरो स्पोर्ट्स हब बनाने के लिए अब यहां हॉट एयर बैलून राइड शुरू करने की तैयारी चल रही है। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर मंडी भराड़ी पुल के पास हॉट एयर बैलून राइड के लिए प्रशासन औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। कवायद सिरे चढ़ी तो जल्द ही यहां हॉट एयर बैलून राइड का लुत्फ उठाया जा सकेगा। हॉट एयर बैलून की सुविधा शुरू होने के बाद जिले की गिनती उन चुनिंदा स्थानों में होगी, जहां पर्यटक हवा में उड़ते हुए प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकेंगे। जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि पर्यटकों को साल भर के लिए आकर्षित किया जाए। इससे न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। हॉट एयर बैलून राइड जैसी रोमांचक गतिविधि शुरू करने के लिए प्रशासन डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से लाइसेंस, मंजूरी लेने समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। बैलून उड़ाने वाले पायलटों को प्रशिक्षित और प्रमाणित किया जाना भी जरूरी है। बैलून के साथ सभी जरूरी सुरक्षा उपकरण, जैसे फायर सेफ्टी सिस्टम, रेडियो संचार और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए। पर्यटकों और उपकरणों की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी लेना जरूरी है। साथ ही संचालन से संबंधित कानूनी औपचारिकताएं पूरी करना जरूरी है। पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभाग की भी अनुमति चाहिए। बैलून राइड के लिए उचित स्थल का चयन, टेक-ऑफ और लैंडिंग के लिए सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करना आवश्यक है। पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना होता है ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। हॉट एयर बैलून एक बड़ा गुब्बारा होता है, जिसे गर्म हवा की मदद से उड़ाया जाता है। इसके निचले हिस्से में एक बास्केट होती है, जिसमें लोग खड़ रह सकते हैं। बैलून में लगी बर्नर की मदद से हवा को गर्म किया जाता है, जिससे वह ऊपर उठता है। यह गतिविधि पूरी तरह सुरक्षित और रोमांचक अनुभव प्रदान करती है। हॉट एयर बैलून राइड के जरिए पर्यटक न केवल ऊंचाई से प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकते हैं, बल्कि रोमांच और एडवेंचर का भी अनुभव कर पाएंगे। जिले को पर्यटन दृष्टि से विकसित करने के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स सबसे महत्वपूर्ण है। पैरा मोटर के सफल ट्रायल के बाद अब हॉट एयर बैलून राइड शुरू करने के लिए फाइल तैयार की जा रही है। अगर इसे शुरू करने में सफलता मिलती है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो बिलासपुर जल्द ही एयरो स्पोर्ट्स एडवेंचर का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।