'स्विस फर्म आईक्यूएयर ने जारी अपनी ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट’ में भारत को 2022 में दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश बताया, जो पिछले साल पांचवें स्थान पर था। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 50 शहरों में से 39 भारत के हैं। चाड, इराक, पाकिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, बुर्किना फासो, कुवैत, भारत, मिस्र और ताजिकिस्तान शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित देश है, जबकि ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रेनाडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पीएम25 दिशानिर्देश को पूरा किया। 131 देशों का डेटा 30,000 से अधिक ग्राउंड-आधारित मॉनिटरों से लिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में परिवहन क्षेत्र पीएम2.5 प्रदूषण का 20-35 प्रतिशत का कारण बनता है, जबकि प्रदूषण के अन्य स्रोत औद्योगिक इकाइयां, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र और बायोमास जलाना है। दो शीर्ष सबसे प्रदूषित शहरों, पाकिस्तान में लाहौर और चीन में होटन के बाद, राजस्थान का भिवाड़ी तीसरे स्थान पर है और चौथे स्थान पर दिल्ली है।
तुर्की में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए है । रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई है । यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र ने बताया कि तुर्किये-सीरिया सीमा क्षेत्र में दो किमी (1.2 मील) की गहराई में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। तुर्की के दक्षिणी प्रांत हाटे में सोमवार को दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि ताजा भूकंप में तीन लोगों की मौत हुई है और 213 घायल हुए हैं। भूकंप के झटके बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए और हर तरफ अफरा तफरी का माहौल दिखा। इससे पहले टर्की और पड़ोसी सीरिया में छह फरवरी को भूकंप के शक्तिशाली झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। इसके एक-दो दिन बाद भी कई बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या 41,000 से ज्यादा हो गई है। ऐसे में एक बार फिर आए इस झटके ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया के बुधवार तड़के देश छोड़ने कर मालदीव जाने के बाद इमरजेंसी का एलान किया गया है। राष्ट्रपति गोटाबाया के देश से भागने की खबर के बाद लोगों का हिंसक प्रदर्शन जारी है। बिगड़े हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारियों ने सेना की गाड़ी को भी रोक दिया है। जबकि, दूसरी तरफ गोटबाया राजपक्षे को आज श्रीलंका के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना था। लेकिन उनके इस कदम की वजह से वहां की जनता में भारी गुस्सा दिख रहा है। वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश से भागने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। बता दें श्रीलंका के पास सबसे जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा समाप्त हो गई है, जिससे उसके 22 मिलियन लोगों के लिए गंभीर कठिनाइयां पैदा हो गई हैं। देश अप्रैल में अपने 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज के भुगतान में चूक गया और संभावित राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बातचीत कर रहा है।
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सरकार ने सोमवार से एक सप्ताह के लिए सरकारी दफ्तरों को बंद करने की घोषणा की है। जानकारी के मुताबिक, द्वीपीय देश में ईंधन संकट और गहराता जा रहा है जिसके चलते ये फैसला लिया गया है। बिजली आपूर्ति की समस्या की पृष्ठभूमि में श्रीलंका के शिक्षा मंत्रालय ने कोलंबो शहर के सभी सरकारी और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षकों से कहा है कि वे अगले सप्ताह से ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करें। देश में मौजूद ईंधन की मात्रा तेजी से कम होने के कारण श्रीलंका पर अपने आयात के लिए विदेशी मुद्रा में भुगतान करने का दबाव है, जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था रुक सी गयी है। लोक प्रशासन और आंतरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी सर्कुलर के अनुसार, ‘‘ईंधन आपूर्ति की पाबंदियों, खराब सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और निजी वाहनों के उपयोग में आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह सर्कुलर सोमवार से न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति देता है।’’ सर्कुलर के अनुसार, हालांकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले सभी कर्मचारी काम पर जारी रखेंगे। आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका में खाद्य वस्तुओं, दवा, रसोई गैस, ईंधन और टॉयलेट पेपर जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस खरीदने के लिए लोगों को दुकानों के बाहर घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है।
मशहूर कोरियन बैंड बीटीएस के फैंस पूरी दुनिया में मौजूद हैं। बात करें भारत की तो बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग इनके दीवाने हुए जा रहे हैं। इन दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति भी बीटीएस के बड़े फैन नजर आ रहे हैं। दरअसल, हाल ही में कोरियाई -पॉप ग्रुप बीटीएस ने वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस का दौरा किया। इस दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनसे खास मुलाकात की और बीटीएस स्टार के लिए उनका मशहूर चार्टबस्टर गाना बटर भी बजाया। राष्ट्रपति बाइडेन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे बीटीएस के साथ उस गाने का आनंद लेते दिखाई दे रहे हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स का कार हादसे में निधन हो चूका है। वॉर्न के बाद दुनिया ने एक और दिग्गज क्रिकेटर खो दिया है। जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स का शनिवार रात सड़क हादसे में निधन हो गया है। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस के मुताबिक साइमंड्स कार में अकेले थे, जब शनिवार देर रात टाउन्सविले में उनकी कार सड़क से उतरी, तो हादसे के बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी स्थिति काफी नाजुक थी, डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। बता दें कि हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट ने महान स्पिनर शेन वॉर्न को भी खोया था। स्थानीय पुलिस के अनुसार, शुरुआती जानकारी से संकेत मिलता है कि रात 11 बजे के बाद एलिस रिवर ब्रिज के पास हर्वे रेंज रोड पर साइमंड्स की कार चल रही थी। सड़क से हटने के बाद कार अनबैलेंस हुई और हादसा हुआ। इमरजेंसी सेवाओं ने 46 वर्षीय साइमंड्स को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उनको काफी ज्यादा चोट आए थे जिसके कारण उनका निधन हो गया।
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा अप्रैल के पहले सप्ताह में भारत का दौरा करेंगे। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा देउबा वाराणसी का भी दौरा करेंगे। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा 1 से 3 अप्रैल तक भारत के दौरे पर रहेंगे। वह 2 अप्रैल को पीएम से मुलाकात करेंगे। आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा वह वाराणसी भी जाएंगे। जुलाई 2021 में पीएम बनने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी। उन्होंने पीएम के रूप में अपने पहले के चार कार्यकालों में से प्रत्येक में भारत का दौरा किया है। पीएम के रूप में उनकी सबसे हालिया यात्रा 2017 में हुई थी। माना जा रहा है कि देउबा की यह यात्रा दोनों देशों के बीच आवधिक उच्च स्तरीय आदान-प्रदान को बल देगी, जो दोनों पक्षों को विकास, आर्थिक साझेदारी, व्यापार, स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग, बिजली, संपर्क, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और पारस्परिक हित के अन्य मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पिछले महीने विशेष सैन्य अभियान की घोषणा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। रूस ने यूक्रेन के पांच शहरों में की युद्ध विराम की घोषणा की है। रूस का कहना है कि उसने मानवीय गलियारे खोलने का फैसला किया है। जिसमें अधिकांश मार्ग रूस या उसके सहयोगी बेलारूस की ओर जाते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के 13वें दिन भी जंग जारी है। युद्ध के 13वें दिन रूस ने मंगलवार को कीव, चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव और मारियुपोल शहरों में मानवीय कारिडोर को खोलने के लिए युद्ध विराम की घोषणा की है। जिसमें अधिकांश मार्ग रूस या उसके सहयोगी बेलारूस की ओर जाते हैं। हालांकि, यूक्रेन ने रूस के इस कदम को एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है। यूक्रेन ने कहा कि रूस लगातार उन पर हमले कर रहा है। हालांकि, यूक्रेन ने रूस के इस कदम को एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा भारत ने यूक्रेन से सभी निर्दोष नागरिकों, भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की मांग की है। दोनों पक्षों से हमारे आग्रह के बावजूद सूमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया। रूस ने मंगलवार को कीव, चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव और मारियुपोल शहरों में मानवीय कारिडोर को खोलने के लिए युद्ध विराम की घोषणा की है। यूक्रेन में मास्को के समय अनुसार सुबह 10 बजे से युद्ध विराम की घोषणा की गई है। रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा सोमवार को बेलारूस में रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की वार्ता हुई। बैठक में दोनों पक्षों ने नागरिकों को निकालने के मुद्दों पर जोर दिया। UNSC की बैठक में टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत पहले ही यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता भेज चुका है। इनमें दवाएं, टेंट, पानी के भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं। हम अन्य आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें भेजने की प्रक्रिया में हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर स्पेशल फ्लाइट रोमानिया से दिल्ली पहुंची। यूक्रेन से लौटे एक छात्रा ने बताया कि दूतावास की एडवाइजरी आने के बाद हम खारकीव से निकले और पिसोचिन तक 25 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया।
फर्स्ट वर्डिक्ट। नई दिल्ली रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के शहरों पर हमला बोला था। रूस अब तक यूक्रेन के कई शहरों को तबाह कर चुका है। युद्ध के चलते यूक्रेन के लाखों लोग अन्य देशों में शरण ले चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, पीएम मोदी से युद्ध को लेकर रूस के बातचीत करने का आग्रह भी कर चुके हैं। रूस और यू्क्रेन के बीच युद्ध अभी भी जारी है। यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 12वां दिन है। इसी बीच देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत करेंगे। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी आज दोनों देशों के राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत करेंगे। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की बातचीत आज हो सकती है, जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। रूस के हमले के एलान के बाद यूक्रेन के राजदूत ने प्रधानमंत्री मोदी से पूरे मामले में हस्तक्षेप की अपील की थी। यूक्रेन के राजदूत ने कहा था कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव में भारत अहम भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि वो तुरंत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस बारे में बात करें। राजदूत ने कहा था कि मोदी इस समय बहुत बड़े नेता हैं, हम उनसे मदद की अपील करते हैं, दुनिया में तनाव को भारत ही कम कर सकता है।
Dharamshala: On the First Day of Tibetan Losar (Tibetan New Year), Central Tibetan Administration’s Sikyong Penpa Tsering, Kalons, Speaker Khenpo Sonam Tenphel, Deputy Speaker Dolma Tsering, Parliamentarians and staff along with the monks of Namgyal Monastery gathered at Tsuglagkhang to celebrate the Tsetor, a ceremony that was practised since second Dalai Lama. The ritual observance began with a prayer service followed by an offering of the mandala to His Holiness the Dalai Lama’s throne from the heads of CTA’s three pillars. His Holiness the Dalai Lama also greeted Tibetans on 2149th Tibetan New Year (Losar) from his residence in Dharamshala.
फर्स्ट वर्डिक्ट। डेस्क यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर बुखारेस्ट से स्पेशल फ्लाइट दिल्ली पहुंची। इस फ्लाइट से आने वाले भारतीय नागरिकों का केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध की विभीषिका का दंश झेल रहे लोगों को सकुशल भारत की भूमि पर लाने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आपरेशन गंगा चलाया जा रहा है। इस फ्लाइट से 251 छात्र भारत पहुंचे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज सातवां दिन है। दोनों देशों के बीच हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। रूस के हमलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी संसद में स्टेट आफ द यूनियन को संबोधित किया। स्टेट आफ द यूनियन में संबोधन के दौरान जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है। अमेरिका और हमारे सहयोगी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेनियन साहस के साथ लड़ रहे हैं। पुतिन को युद्ध के मैदान में लाभ हो सकता है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। दरअसल, रूस ने जंग के छठे दिन यूक्रेन की राजधानी कीव में जोरदार हमले किए। खारकीव में रूसी हमले की चपेट में आने वाले भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लगातार सुरक्षित निकाला जा रहा है। इसी बीच बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुई फ्लाइट के पायलट का वीडियो सामने आया है। एएनआइ ने विमान के अंदर का वीडियो साझा किया है। इसमें विमान के पायलट कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि यह हमारी मातृभूमि, हमारे घर वापस जाने का समय है। यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर एक स्पेशल फ्लाइट पोलैंड से दिल्ली पहुंची। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मैं मातृभूमि में आप सभी का स्वागत करता हूं, प्रधानमंत्री हमारे नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं, जिनमें पोलैंड से पहली उड़ान भी शामिल है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन से 1,377 और भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। डेस्क केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बुडापेस्ट से दिल्ली पहुंचे छात्र-छात्राओं से एयरपोर्ट पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार कटिबद्ध है कि हम लोग हर भारतीय को वहां से निकालेंगे। 4 मत्रियों को बच्चों को निकालने के लिए काम सौंपा गया है। छात्र-छात्राओं की मदद के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है, बच्चे उस पर सहायता ले सकते हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। रूस और यूक्रेन के बीच हालात को हल करने के लिए डिप्लोमैटिक कोशिशें भी की जा रही हैं। यूक्रेन संकट पर यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने अपात बैठक बुलाने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 29 और विपक्ष में 5 वोट पड़े। भारत सहित 13 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। UNHRC में कुल 47 सदस्य हैं। यूक्रेन के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति को यूक्रेन सहित विभिन्न मुद्दों के बारे में जानकारी दी है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर एक फ्लाइट बुखारेस्ट से दिल्ली पहुंची।
रूस ने गुरुवार सुबह ही यूक्रेन पर अटैक कर दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज ही मिलिट्री ऑपरेशन का ऑर्डर दिया था। इसके बाद रूसी सेना और उसके हेलीकॉप्टर एयर स्ट्राइक कर रहे हैं। कई गांवों में धमाके की खबर है। अब तक इन हमलों में 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस बीच यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलखा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, इगोर पोलखा ने कहा कि भारत और रूस के संबंध अच्छे हैं। नई दिल्ली (भारत) यूक्रेन-रूस विवाद को कंट्रोल करने में अहम योगदान दे सकता है। ऐसे में हम पीएम नरेंद्र मोदी से गुजारिश करते हैं कि वह तत्काल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और हमारे राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से संपर्क करें। इस बीच यूक्रेन में रहने वाले छात्रों के लिए केंद्र सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए हैं. इसके साथ-साथ वहां फंसे लोग दी गई वेबसाइट पर भी मदद मांग सकते हैं. विदेश मंत्रालय का दिल्ली में मौजूद कंट्रोल रूम अब 24×7 काम करेगा. यहां से यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स, नागरिकों की मदद की जाएगी.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर, अपने पड़ोसी देश पर हमला करना शुरू कर दिया है। हाल ही में अद्यतन रूस यूक्रेन संघर्ष पर, आईएफएक्स रिपोर्ट के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के हवाई अड्डे और सैन्य बुनियादी ढांचे को निष्प्रभावी कर दिया गया है। इस बीच, यूक्रेन की सेना ने कहा कि लुहान्स्क क्षेत्र में पांच रूसी विमानों और एक रूसी हेलीकॉप्टर को मार गिराया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार तड़के यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा की। पुतिन ने कहा कि कीव, खार्किव और यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों में बड़े विस्फोटों की आवाज सुनी दी गई थी जिसके बाद, कीव में हवाई सायरन बज गए, जो दर्शाता है कि शहर पर हमला हो रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा की और कहा कि रूस ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचे और देश के सीमा रक्षकों पर मिसाइल हमले कर दिए हैं। पिछले कुछ दिनों से रूस-यूक्रेन सीमाओं पर रूसी सैन्य स्तंभों की बड़ी तैनाती देखी गई है। पुतिन द्वारा यूक्रेन में दो अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता देने के बाद तनाव बढ़ गया था और उन्होंने शांति सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया था।
अमेरिका ने बुधवार को कहा कि भारत नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने उम्मीद जताई कि अगर रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता है, तो भारत अमेरिका का साथ देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि चार देशों (क्वाड) के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में ऑस्ट्रेलिया की राजधानी मेलबर्न में हुई बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई। भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए थे। प्राइस ने कहा, ‘‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है।
साल्ट लेक सिटी डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 में रिपब्लिक पार्टी की नेशनल कमेटी (आरएनसी) में राष्ट्रपति पद की दौड़ में सभी दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए अपनी पार्टी के नेताओं को हैरान कर दिया। वहीं, 2020 में, पार्टी को रिपब्लिकन अध्यक्ष के रूप में उनका समर्थन करने के लिए बाध्य किया गया था। हालांकि, 2024 में रिपब्लिकन पार्टी के पास एक विकल्प है। आरएनसी पर अब फिर से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन करने का कोई दायित्व नहीं है। पार्टी के नियमों के हिसाब से तटस्थता की आवश्यकता होती है, अगर एक से अधिक उम्मीदवार पार्टी के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन चाहते हैं। वर्ष 2018 से नेवादा का प्रतिनिधित्व करने वालीं आरएनसी की सदस्य मिशेल फियोर ने कहा, ‘‘अगर ट्रंप तय करते हैं कि वह मुकाबले में उतरेंगे तो आरएनसी को उन्हें शत-प्रतिशत समर्थन देना चाहिए। हम पार्टी के उपनियमों को बदल सकते हैं। ट्रंप के प्रति वफादारी फिर से याद दिलाती है कि अमेरिका का प्रमुख राजनीतिक दल देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करने वाले व्यक्ति के साथ अपने रिश्ते को गहरा कर रहा है। हाल में ट्रंप ने कहा था कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस चुनाव परिणाम को पलट सकते थे। वर्ष 2024 में होने वाले चुनाव से पहले आरएनसी में ट्रंप के प्रति बढ़ती वफादारी पिछले चुनावों में पार्टी के रुख से निश्चित तौर पर अलग है।
भारत और रूस की दशकों पुरानी दोस्ती को और मजबूत करने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दिल्ली आ रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से पुतिन का ये भारत दौरा बेहद छोटा यानी महज कुछ घंटों का रखा गया है, लेकिन इसका असर ना सिर्फ दोनों देशों के सबंधों पर होगा बल्कि इससे चीन और पाकिस्तान जैसे भारत के पड़ोसी देशों को भी बड़ा संदेश जाएगा। रूसी राष्ट्रपति पुतिन दोपहर बाद दिल्ली पहुंचेंगे और महज़ 6-7 घण्टे के लिए भारत में होंगे। इस दौरान दोनों मुल्कों के बीच कई स्तर पर बातचीत होगी। पहले दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता होगी और इसके बाद शाम 5.30 बजे दिल्ली के हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सुरक्षा कारणों की वजह से राष्ट्रपति पुतिन के भारत पहुंचने के समय का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति दोपहर दो बजे भारत पहुंचेंगे और रात 9.30 बजे अपने वतन वापस लौट जाएंगे। Russian President Putin will come to India today, will meet PM Narendra Modi
अमेरिकी ने अपने वर्चुअल डेमोक्रेसी समिट में 110 देशों को आमंत्रित किया है। यह एक ऐसा कदम है जिसका उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रीय भागीदार के साथ एकजुटता दिखाना है। इन देशों में इराक, भारत और पाकिस्तान समेत ताइवान को शामिल किया गया है। इस मीटिंग में अमेरिका ने अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी यानी चीन को आमंत्रित नहीं किया है, जबकि बैठक में ताइवान शामिल होगा। अमेरिकी प्रशासन के इस कदम से बीजिंग के नाराज होने का जोखिम है। वहीं चीन के अलावा तुर्की, जो अमेरिका की तरह नाटो का सदस्य है, भी प्रतिभागियों की सूची से गायब है। विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार बैठक में बुलाए गए लोगों की लिस्ट के मुताबिक कुल 110 देशों के नेताओं को इस सम्मेलन के लिए निमंत्रण दिया गया है, इन देशों में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्र के 4 देश भारत, मालदीव, नेपाल और पाकिस्तान शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में मामलों की चर्चा के मुख्य बिंदु के रूप में व्हाइट हाउस ने तीन प्रमुख विषयों का जिक्र किया जा सकता है। जिसमें ‘अधिनायकवाद के खिलाफ बचाव’, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग’, ‘मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाना’ शामिल है। बता दें कि ये ऑनलाइन सम्मेलन 9-10 दिसंबर को होने वाला है। इसमें मिडिल इस्ट के देशों से केवल इज़राइल और इराक होंगे। वहीं अमेरिका के पारंपरिक अरब सहयोगियों - मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस बीच दिलचस्प बात ये है कि बाइडेन प्रशासन ने इस बैठक के लिए ब्राजील को आमंत्रित किया है।
अमेरिका के विस्कॉन्सिन में क्रिसमस परेड के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें की 20 लोगो के घायल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। घायलों में कई बच्चे भी शामिल हैं तथा सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बता दें कि परेड के दौरान एक तेज रफ्तार कार भीड़ को कुचलते हुए आगे बढ़ी। जिसके बाद लोगो में अफरातफरी मच गयी। मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों ने कार चालक को हिरासत में ले लिया है। घटना की जांच जारी है। कुछ घायलों को पुलिस ने और कुछ को उनके परिवार वालों ने अस्पताल में भर्ती कराया है। बता दें कि घटना रविवार शाम को घटी है। अमेरिकी समय के मुताबिक घटना शाम 4:30 बजे उस वक्त हुई जब वोकेशा के मिल्वौकी में बड़ी संख्या में लोग सालाना क्रिसमस परेड देखने के लिए आए थे।
यूरोप में कोरोनावायरस महामारी का कहर बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यूरोप अब एक बार फिर महामारी का केंद्र बन गया है। कोरोना से फिलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिमी यूरोप है, जहां संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते लॉकडाउन जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इस बीच ऑस्ट्रिया ने टीका न लगवाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है और उन्हें लॉकडाउन में घरों में रखने से जुड़ा ऐलान कर दिया है। वंही कोरोनावायरस महामारी के तकरीबन दो साल बाद भी यूरोप के पश्चिमी क्षेत्र में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। यह काफी चौंकाने वाली बात है, क्योंकि इस क्षेत्र में टीकाकरण की दरें अधिक हैं और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां अच्छी हैं। इसके बावजूद अब कोरोना के लौटने की वजह से लॉकडाउन लगाने की नौबत आन पड़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि यूरोप में पिछले हफ्ते कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 10 फीसदी तक बढ़ गई। एजेंसी ने पिछले हफ्ते आधिकारिक घोषणा में कहा कि यूरोप फिर से महामारी का केंद्र बनने जा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अहम बैठक के लिए रूस, ईरान, उज़्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के सलाहकार दिल्ली पहुंच रहे हैं। भारत 8 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अहम बैठक की मेज़बानी करेगा। बैठक में अफगानिस्तान के हालात के साथ-साथ आतंकवाद को सींचने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी मंथन होगा। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मुख्यतः साझा खतरों और चिंताओं को लेकर बात होगी। दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा डायलॉग के एजेंडा में अफगानिस्तान के भीतर और उसके आसपास आतंकवाद के खतरे पर बात होगी। साथ ही कट्टरपंथ की चुनौती, नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार और अफगानिस्तान में हथियारों की भारी भरकम नामौजूदगी से जुड़ी चिंताओ पर भी बात होगी। बैठक में अफगानिस्तान और उसके आसपास फैले आतंकवाद के नेटवर्क पर गहनता से बात होगी। ऐसा में स्वाभाविक तौर पर आईएसआई और आईएसआईएस-केपी गुट के बीच संबंधों पर भी बात होगी। क्योंकि अफगानिस्तान में भले ही तालिबान और आईसाईएस-केपी के बीच आपसी रंजिश की तस्वीर बनाई जा रही हो या फिर आईएसआईएस को हालिया बम धमाकों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा हो। लेकिन पाक खुफिया एजेंसी के साथ दोनों के तार जुड़े हैं। जाहिर है भारत की अगुवाई में हो रही बैठक पाकिस्तान के लिए भी बड़ा सन्देश है। यह बैठक बताती है कि अफगानिस्तान की पश्चिमी सीमा के करीबी सभी पड़ोसी इस मुद्दे पर भारत के साथ अपनी चिंताएं भी साझा करना चाहते हैं। वहीं सभी 8 NSA प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी भेंट करेंगे। इस बीच बैठक के लिए भारत ने चीन को भी आमंत्रित किया था। लेकिन नई दिल्ली में होने वाली इस अहम बैठक में उसका कोई नुमाइन्दा नहीं होग। अफगानिस्तान संकट को लेकर भारत की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक को क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
स्वदेशी 'कोवैक्सीन' की डोज लेने वाले अब बिना किसी रोकटोक और परेशानी के ब्रिटेन की यात्रा कर पाएंगे। क्योकि अब ब्रिटेन 22 नवंबर से कोवैक्सीन को अप्रूव लिस्ट में शामिल करने जा रहा है। इससे पहले ब्रिटेन ने कोवैक्सीन को मंजूरी नहीं दी थी। भारत में बनी कोवैक्सीन को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी के बाद ब्रिटेन ने भी इसके इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। ध्यान रहे कि पहले कोवैक्सीन को ब्रिटेन ने मान्यता नहीं दी थी। डब्ल्यूएचओ ने हाल में कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी। डब्ल्यूएचओ से मंजूरी के बाद ही ब्रिटेन की सरकार ने यह फैसला लिया है। भारत में तैनात ब्रिटेन का उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा- “यूके की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए अच्छी खबर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से मंजूरी के बाद अब 22 नवंबर से कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुके भारतीयों को ब्रिटेन यात्रा के दौरान सेल्फ आइसोलेट नहीं होना पड़ेगा।
मशहूर गायिका मारिलिया मेंडोंका का विमान हादसे में निधन हो गया। मारिलिया मेंडोंका ब्राजील के देसी संगीत के सबसे लोकप्रिय युवा सितारों में से एक थी। अग्निशमन कर्मचारियों ने कहा कि 26 साल की "सर्टेनजो" की गायिका की उस वक्त मौत हो गई, जब वह एक छोटे विमान में यात्रा कर रही थी और विमान मिनस गेरैस राज्य में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के कारणों के बारे में फिलहाल पता नहीं चल सका है। दुर्घटना में ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले उनके निर्माता के साथ ही मेंडोका के एक अंकल की भी मौत हो गई है। साथ ही इस दुर्घटना में विमान के दो पायलटों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। स्थानीय टीवी की ओर से विमान से शवों को बाहर निकालने के लिए काम कर रहे अग्निशमनकर्मियों के फुटेज दिखाए गए हैं। मेंडोका का विमान पहाड़ी इलाके में एक झरने के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। मेंडोंका ने साल 2019 में सर्वश्रेष्ठ एल्बम सर्टेनजो के रूप में ग्रैमी अवॉर्ड जीता था। मेंडोका न सिर्फ ब्राजील बल्कि उसके बाहर भी बेहद लोकप्रिय थीं। उनके यूट्यूब पर करीब 2.2 करोड़ फॉलोअर्स थे. इसके साथ ही स्पॉटीफाई पर 80 लाख से अधिक लोग उन्हें हर महीने सुनते थे।
जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कॉटलैंड के ग्लासगो पहुंच गए है। वहाँ पर भारतीय समुदाय के लोगों ने 'मोदी है भारत का गहना' गाना गा कर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। अपने यूरोप दौरे के दूसरे पड़ाव में पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के रूपरेखा समझौते के लिए पक्षकारों के 26वें शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेलन में वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय संवाद भी करेंगे। यह प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की पहली स्कॉटलैंड यात्रा है। ग्लासगो में वैश्विक शिखर सम्मेलन के लिए स्कॉटिश इवेंट कैंपस में होने जा रहे जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के रूपरेखा समझौते के लिए पक्षकारों के 26वें शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के सम्मेलन में पीएम मोदी समेत 120 विभिन्न सरकारों के प्रमुख और राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे। मंगलवार तक की अपनी तीन दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के दौरान मोदी सीओपी-26 सम्मेलन को संबोधित करेंगे और सोमवार को दोपहर बाद के एक सत्र में भारत की जलवायु कार्रवाई योजना के बारे में राष्ट्रीय बयान जारी किया जाएगा। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई के हथियारों में टीको को एक अहम हथियार रेखांकित करते हुए पीएम मोदी सहित जी-20 देशों के नेताओं ने रविवार को विकासशील देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने और बाधाओं को दूर करने का संकल्प लिया था। इटली की राजधानी रोम में आयोजित जी-20 समूह के सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं ने घोषणापत्र जारी करके कोविड से निपटने के प्रयासों के लिए स्वास्थ्य सेवा एवं अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया तथा जी-20 ने कहा, 'उन्हें साल 2022 में इंडोनेशिया, साल 2023 में भारत में और 2024 में ब्राजील में दोबारा बैठक को इंतजार है।
शनिवार को अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने बच्चों के टीके को मंजूरी दे दी। अब 5 से 11 साल तक के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। जिसके बाद फाइजर-बायोटेक पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिससे अमेरिका के एफडीए ने 5 से 11 साल के बच्चों के टीके को मंजूरी दी है। मंजूरी के बाद यह वैक्सीन की दो डोज बच्चों को 21 दिन के अंतराल पर दी जाएगी। फाइजर के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अल्बर्ट बोला ने कहा, 'अमेरिका में 60 लाख से ज्यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा बहुत से कम उम्र के लोग और युवा भी इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। वैक्सीन के आ जाने से बच्चों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी और कोरोना से इस जंग में यह अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा। बच्चों कि वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले अमेरिका की FDA इस वैक्सीन के बारे में मंगलवार को और विस्तृत जानकारी लेगी। इसके बाद ही बच्चों का वैक्सीनेशन प्रोग्राम को शुरू किया जाएगा। आपको बता दें कि 5 से 11 साल के करीब 70 फीसदी संक्रमित हुए बच्चों को कोरोना महामारी में गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही यह अस्थमा और मोटापे जैसे बीमारियों का भी बड़ा कारण बना है।
G-20 देशों के 16वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की राजधानी रोम में दोपहर डेढ़ शामिल होंगे। इस दौरोन कोविड-19 जैसे मामलों के संबंध में वैश्विक परिदृश्य पर चर्चा होगी। वह पोप से पहले व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे और उसके कुछ देर बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। इससे पहले कल पीएम मोदी ने इटली की राजधानी रोम में विभिन्न समुदायों के लोगों से संवाद किया जिनमें भारतीय समुदाय के लोग, यहां इतालवी राजधानी में विभिन्न संगठनों के भारत के मित्र शामिल थे। मोदी ने इस दौरान भारत और इटली के संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी, इतालवी प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर यहां आए हैं। ड्रैगी ने पहली आमने-सामने की बैठक से पहले प्लाजो चिगी में उनकी आगवानी की, यहां उन्हें सलामी गारद भी पेश किया गया।
सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी फेसबुक ने अपना नाम बदल कर 'मेटा' कर लिया है। गुरुवार को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक मीटिंग के दौरान यह एलान किया। लंबे समय से फेसबुक के नाम को बदलने की चर्चा चल रही थी। अब उसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और फेसबुक का नया नाम 'मेटा' कर दिया गया है। जुकरबर्ग ने एक वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन के दौरान कहा, 'हमने सामाजिक मुद्दों से संघर्ष करके और बंद प्लेटफार्मों के नीचे रहकर बहुत कुछ सीखा है, और हमने जो कुछ भी सीखा है उसे लागू करने और उसकी मदद से अगले अध्याय को बनाने का समय आ गया है।' उन्होंने आगे कहा कि "हमारे एप्स और उनके ब्रांड, वे नहीं बदल रहे हैं।"यानी यह परिवर्तन फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे व्यक्तिगत प्लेटफॉर्म पर लागू नहीं होता है, केवल मूल कंपनी का नाम बदलकर 'मेटा' किया गया है, जिसके अंतर्गत ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स आते हैं। मार्क जुकरबर्ग लंबे समय से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की दोबारा ब्रान्डिंग करना चाह रहे थे। वे इसे एकदम अलग पहचान देना चाहते हैं, एक ऐसी पहचान जहां फेसबुक को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ना देखा जाए। अब उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए फेसबुक का नाम बदलकर 'मेटा' किया गया है। कंपनी का फोकस अब एक मेटावर्स बनाने पर है जिसके जरिए एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का आगाज होगा जहां पर ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर पीएम मोदी 30-31 अक्तूबर तक रोम में होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के साथ बैठक भी करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से भी मिलेंगे। पीएम मोदी अपने पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर गुरुवार देर रात दिल्ली से रवाना हुए। इस दौरान वे इटली में आयोजित जी-20 शिखर बैठक में भाग लेंगे, जहां वह अन्य जी-20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा में शामिल होंगे। दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रोम में आयोजित 16वें जी-20 सम्मेलन में भाग लेने जा रहा हूं। इस दौरान जी-20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा होगी। वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि यह आठवीं जी-20 बैठक है, जिसमें पीएम शामिल होंगे। पिछले साल संगठन की शिखर बैठक कोरोना महामारी के कारण वर्चुअल हुई थी। इटली बैठक का फोकस कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्थाओं को उबारना, वैश्विक स्वास्थ्य सुशासन, जलवायु परिवर्तन, टिकाउ विकास और खाद्य सुरक्षा। श्रृंगला ने कहा कि भारत इटली द्वारा चुने गए प्राथमिकता क्षेत्रों का पूरी तरह समर्थन करता है। हम इनमें से प्रत्येक विषय पर इटली के साथ हैं और इसी के आधार पर बैठक में विचार विमर्श होगा।
अमेरिकी राज्य इदाहो स्थित बोइस शहर में सोमवार को एक शॉपिंग मॉल के अंदर एक हमलावर ने गोलीबारी की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। वहीं एक पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हुए है। पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है। हमलावर से पूछताछ की जा रही है और इस मामले में छानबीन जारी है। सोमवार को करीब डेढ़ बजे हमले की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस जब वहां पहुंची तो एक व्यक्ति को गोली लगी थी और वह जमीन पर पड़ा था। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने हमलावर की पहचान की और उसके साथ क्रॉस फायरिंग की गई, जिसमें एक अधिकारी घायल हो गया। हालांकि, संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। अभी तक सामने आया है कि हमले में एक ही व्यक्ति शामिल था।
भारत में गलत तरीके अपनाकर व्यापार करने, दूसरी कंपनियों की नकल कर अपने प्राइवेट ब्रांड बनाने और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की आरोपी कंपनी अमेजन पर अमेरिकी सांसदों ने सवाल उठाए हैं। सांसदों के द्विदलीय समिति का कहना है कि अमेजन के पूर्व सीईओ जेफ बेजोस व अन्य शीर्ष अधिकारियों ने कांग्रेस समिति के सामने झूठ बोला और उन्हें गुमराह किया है। हाल ही में रायटर्स ने अमेजन के आतंरिक दस्तावेजों की जांच कर एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें पुष्टि की गई है कि कंपनी भारत में व्यापार के गलत तरीके अपना रही है। समिति के सदस्यों ने हाल ही में सामने इस मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि अमेजन के वरिष्ठ अधिकारियों की गवाही पर उन्हें संदेह है कि कंपनी अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए किसी अन्य कंपनी के उत्पादों की नकल नहीं करती है। सांसदों की समिति ने इसको लेकर कंपनी के सीईओ एंडी जेसी को एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि अमेजन के प्रतिनिधि मंडल ने सांसदों की समिति को गुमराह किया है। प्रतिनिधि मंडल ने कानून का उल्लंघन किया है। अमेरिकी सांसदों की समिति ने अपने पत्र में कहा है कि अमेजन को अपनी पिछली गवाही, बयानों की पुष्टि करने व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अंतिम मौका दिया जा रहा है। कंपनी ने पिछली गवाही में कहा था कि अमेजन किसी तीसरी कंपनी के डेटा का प्रयोग अपने ब्रांड के लिए नहीं करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मलेरिया से बचाव के लिए बनाई गई वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। जिसका ऐलान बुधवार को किया गया है। जानकारों के मुताबिक, दुनिया में हर दो मिनट में एक बच्चा मलेरिया की वजह से अपनी जान गंवा रहा है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ये घोषणा राहत देने वाली मानी जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम ने कहा कि, मलेरिया से लड़ाई के लिए बनाई गई ये वैक्सीन विज्ञान, बच्चों के स्वास्थ्य और मलेरिया रोकथाम के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। मलेरिया से रोकथाम के लिए मौजूद दूसरे उपायों के साथ इसका इस्तेमाल बेहद प्रभावी होगा। इससे हजारों लोगों की जान बचाई जा सकेगी। ये फैसला घाना, केन्या और मलावी में चल रहे पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों पर आधारित है, जिसे साल 2019 में शुरु किया गया था। हालांकि, मलेरिया की दवा पहले से मौजूद हैं, लेकिन ये पहली बार है कि इसकी वैक्सीन सामने आयी है। यानी वैक्सीन लगवाने के बाद मलेरिया की चपेट में आने के बावजूद खतरा बेहद कम हो जाएगा। WHO के मुताबिक, हर साल 4 लाख से ज्यादा लोगों की जान मलेरिया की वजह से जाती है और इससे प्रभावित होने वाला सबसे कमजोर समूह 5 साल से कम उम्र के बच्चों का है। मलेरिया से बुरी तरह प्रभावित केन्या ने WHO के इस कदम का स्वागत किया है।
व्हाइट हाउस में शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात हुई। इस द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों ही देशों की ओर से एक संयुक्त बयान जारी किया गया। बयान में दोनों ही देशों ने सीमा पार आतंकवाद की निंदा करते हुए 26/11 के मुंबई हमलों के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर उनके खिलाफ कड़ी कारवाही की बात कही है। साथ ही भारत-अमेरिका ने कहा है कि, वे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कारवाही करेंगे। व्हाइट हाउस में पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुई इस बैठक के बाद जारी इस संयुक्त बयान में दोनों देशों ने कहा, "अमेरिका और भारत वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई में एक साथ खड़े हैं। दोनों ही देश ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव’’ 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे। साथ ही इस साझा बयान में भारत और अमेरिका ने 26/11 के मुंबई हमलों के गुनहगारों को सजा दिलाने को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई। दोनों ही देशों ने अपने बयान में कहा, "हम भारत में सीमा पार से आने वाले आतंकवाद की निंदा करते हैं। साथ ही हम इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि 26/11 के मुंबई हमलों के गुनहगारों को नहीं बख्शा जाएगा। जल्द ही इनके ऊपर शिकंजा कसकर इन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। मुंबई हमले के लिए पाकिस्तान में रह रहा आतंकी हाफिज सईद जिम्मेदार था। हाफिज सईद को पिछले साल 17 जुलाई को आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय मदद देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हाफिज सईद इस समय लाहौर की उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद है।
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की शुक्रवार को मुलाकात होनी है। दोनों नेता पहली बार मिल रहे हैं और इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नज़र टिकी है। पीएम के अमेरिकी दौरे का शुक्रवार का दूसरा दिन है और ये बेहद खास होने जा रहा है। बता दें कि पीएम जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रीं से भी मिले है व उन्होंने भारत के साथ मजबूत रिश्ते की बात की है, जिसमें आतंकवाद समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। मौजूद वक्त में दुनिया में जिस तरह की राजनीतिक उथल-पुथल मची है, इन हालातों में दुनिया के दो बड़े लोकतंत्र के मुखिया किस तरह इन चुनौतियों से निपटने की रणनीति बनाते हैं। बैठक के दौरान जिन मामलों में चर्चा होनी है, वो इस प्रकार हैं इस साल की शुरुआत में बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तब से अब तक दोनों नेता तीन बार बातचीत कर चुके हैं। इसके अलावा कुछ अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा बने हैं, लेकिन राष्ट्रपति की पीएम के साथ पहली आमने-सामने मुलाकात है, जिसमें कोरोना, आतंकवाद, अफगानिस्तान समेत तमाम मसलों पर चर्चा हुई। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की ओर से आतंकवाद का मसला उठाया गया, साथ ही कहा गया कि किस तरह पाकिस्तान में आतंकी संगठन एक्टिव हैं और उनपर एक्शन की ज़रूरत है। दोनों नेताओं ने ही भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र पर चर्चा की, कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार को लेकर मंथन किया व पीएम मोदी ने कमला हैरिस को भारत आने का न्योता भी दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के मामले को लेकर एक अच्छी खबर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के अनुसार पूरे दुनिया में कोरोना के मामले में कमी देखी गई है। विश्व स्तर पर पिछले सप्ताह कोरोना के 3.6 मिलियन नए मामले सामने आए। जो पिछले सप्ताह मिले 4 मिलियन मामलों से कम थे। मंगलवार को नवीनतम अपडेट के अनुसार दो क्षेत्रों में मामलों में बड़ी कमी देखी गई है। इन क्षेत्रों में मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया शामिल है। मध्य पूर्व एशिया में जहां 22 प्रतिशत कोविड के मामलों में कमी देखी गई तो वहीं दक्षिण पूर्व एशिया में 16 प्रतिशत कोविड के मामलों में कमी देखी गई है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में 60,000 से कम मौतें हुई हैं, जो 7 प्रतिशत की गिरावट है। जहां दक्षिण पूर्व एशिया में COVID-19 मौतों में 30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, वहीं पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। भारत, अमेरिका ब्रिटेन, तुर्की में बढ़े मामले कोरोना वायरस के मामले सबसे ज्यादा अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, तुर्की और फिलीपींस में देखे गए। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि तेजी से फैलने वाला डेल्टा संस्करण अब 185 देशों में देखा गया है और यह दुनिया के हर हिस्से में मौजूद है।
तालिबान सूत्रों ने बताया कि दोहा स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के चेयरमैन मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को सरकार का प्रमुख बनाने की सार्वजनिक घोषणा जल्द ही होगी। मुल्ला बरादर के साथ तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब व शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई की भी सरकार में अहम भूमिका होगी। तालिबान के सूचना व संस्कृति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह सामंगानी ने कहा कि सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंच चुके हैं और नई सरकार का एलान करने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सरकार के गठन को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है, और अब मंत्रिमंडल को लेकर कुछ आवश्यक बातचीत हो रही है। अमेरिकी सेना के जाने के बाद संकट में घिरे अफगानिस्तान में शनिवार को तालिबान सरकार का एलान होगा। तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला बरादर इस सरकार का नेतृत्व करेगा। हालांकि नई सरकार का गठन शुक्रवार को होना था, लेकिन इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा शनिवार को होगी।
अफगानिस्तान में गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के पास दो आत्मघाती हमले हुए। हमले में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक हवाई अड्डे पर हुए हमले में कम से कम 60 अफगान मारे गए और 143 अन्य घायल हुए हैं। वहीं अमेरिका के दो अधिकारियों के मुताबिक हमले में 11 अमेरिकी नौसैनिकों और नौसेना का एक चिकित्साकर्मी भी मारे गए हैं ]उन्होंने बताया कि हमले में 12 और सेवारत कर्मी घायल हुए है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को लाने का सिलसिला लगातार चल रहा है। थोड़ी देर पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर एक विमान से 104 लोगों को लाया गया है। सुबह पांच बजकर 10 मिनट पर विमान 104 लोगों को लेकर दिल्ली में उतरा है। इससे पहले देर रात भी दोहा के रास्ते 31 लोग दिल्ली पहुंचे हैं। कतर एयरवेज के जरिए रात करीब दो बजे 30 लोग पहुंचे वहीं एयर इंडिया के विमान से भी एक नागरिक के सुबह तीन बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने की खबर है। इस तरह दोहा के रास्ते अब तक की जानकारी के मुताबिक 135 लोग भारत आ चुके हैं। इससे पहले भारत अफगान राजधानी से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों के तहत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस ले आया है। पिछले सप्ताह के एक अनुमान के मुताबिक, अफगानिस्तान में करीब 400 भारतीय फंसे हो सकते हैं। भारत उन्हें वहां से निकालने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए वह अमेरिका और अन्य मित्र राष्ट्रों के साथ समन्वय से काम कर रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान से बचाने के लिए काबुल से रविवार सुबह 168 भारतियों को भारत लाया गया। इसमें 24 सिखों में दो अफगान सीनेटर भी शामिल हैं। उनमें से एक सीनेटर थे जिनका नाम था नरेंद्र सिंह खालसा। उनकी आँखों में भारत पहुंचते ही आँसू आ गए। उन्होंने भारत लाए जाने प भारत सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि वो यहां सुरक्षित पहुंच गए। उन्होंने कहा की "हमने 20 सालों में जो बनाया, सब खत्म हो गया"। काबुल में एयरपोर्ट तक पहुंचना ही बहुत मुश्किल था। C17 विमान 107 भारतीयों सहित 168 यात्रियों को लेकर रविवार सुबह करीब 10 बजे हिंडन एयरबेस पर पहुंचा। काबुल में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत को एक दिन में दो उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है। रविवार को अफगानिस्तान से तीन अलग-अलग अन्य उड़ानों से भी भारतीय वापस लाए गए। इनमें एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा द्वारा संचालित- विमान शामिल हैं जो ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे और कतर के दोहा से होते हुए दिल्ली पहुंचे।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब अफगानिस्तान की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। तालिबानी लड़ाके हर रोज हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी का भाई हशमत गनी तालिबान में शामिल हो गया है। हशमत गनी ने तालिबान को समर्थन करने का एलान किया है। हशमत गनी के तालिबान में शामिल होने की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। तालिबान के साथ हशमत गनी के आने से आतंकी संगठन को मजबूती मिलने के आसार हैं। इस बीच तालिबान का सह-संस्थापक बरादर काबुल पहुंच गया है। मिली जानकारी के अनुसार बरादर यहां सरकार बनाने को लेकर बातचीत करने पहुंचा है। हशमत गनी अशरफ गनी का भाई है और वह अफगानिस्तान की राजनीति और कूटनीति को काफी अच्छी तरह से जानता है और समझता है और इसका सीधा फायद तालिबान को मिलेगा। बताया जा रहा है कि हशमत गनी पहले से ही तालिबान को समर्थन देने का फैसला कर चुका था और जैसे ही अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ और वह आतंकी संगठन के साथ जुड़ गया। हालांकि, अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इसको लेकर तालिबान के नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। बताया जा रहा है कि मुल्ला बरादर को पहले तालिबान राष्ट्रपति बनाना चाहता था, लेकिन आतंकी संगठन के भीतर ही बरादर के खिलाफ आवाज उठने पर उसे राष्ट्रपति नहीं बनाया गया।
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होते ही तालिबान ने पैंतरे भी चलने शुरू कर दिए हैं। भारत के साथ वह वही चाल चल रहा है जो चीन और पाकिस्तान चलता आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आया है कि तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमाते ही भारत से संपर्क साधा था और रिश्ते न तोड़ने की पेशकश की थी। इस बीच सबसे चौंकाने वाली खबर यह सामने आई है कि तालिबान के लड़ाके बुधवार को कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय वाणिज्य दूतावास भी पहुंचे थे और तलाशी ली थी। कंधार व हेरात में बंद भारतीय दूतावास में बुधवार को कुछ तालिबानी आतंकी घुसे थे और वहां कागजातों की छानबीन भी की थी। इसके बाद वे कुछ कागज और दूतावास के बाहर खड़ी कारें अपने साथ लेकर चले गए। भारतीय अधिकारियों का कहना है तालिबान अपने उस वादे के खिलाफ काम कर रहा है, जिसमें उसने दुनिया से किसी को नुकसान न पहुंचाने का आश्वासन दिया था। वहीं, हेरात में भी तालिबानियों ने वाणिज्य दूतावास परिसर में प्रवेश किया और कागजातों को वाहनों में ले गए।
भारत के खिलाफ तालिबान अपने रंग दिखने लगा है। तालिबान ने भारत से आयात और निर्यात पर रोक लगा दी है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, तालिबान ने पाकिस्तान के ट्रांजिट रूट्स से होने वाली सभी कार्गो मूवमेंट रोक दी है। जिसका असर दिल्ली समेत देश के कई शहरों में दिखने लगा है। ड्राई फ्रूट्स के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई है। दिल्ली के सबसे बडे़ ड्राई फ्रूट्स मार्केट खारी बाबली में ड्राई फ्रूट्स 20 फीसदी तक महंगे हो गए हैं। भारत में एक हफ्ते के भीतर ही ड्राई फ्रूट्स के दाम 200-250 रुपये प्रति किलो बढ़ गए हैं। अफगानिस्तान से पिस्ता, बादाम, अंजीर, अखरोट जैसे बहुत से ड्राई फ्रूट्स भारत आते हैं। कारोबारियों का कहना है कि 15-20 दिन से कोई माल नहीं आ रहा है, इस वजह से बाजार में सूखे मेवे की किल्लत होने लगी है। वहीं रक्षाबंधन आ रहा है इसलिए भारत में सूखे मेवे की मांग भी बढ़ गई है। भारत के लिए अफगानिस्तान सूखे मेवे का एक बड़ा स्रोत है। यहां बादाम, अखरोट जैसे सूखे मेवे की भरपूर पैदावार होती है। लेकिन अब तालिबान ने एक बार फिर अफगानिस्तान में अपना कब्जा जमा लिया है। इससे दोनों देशों के कारोबारी रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। जानकारों का कहना है कि तालिबान युग में भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते पहले जैसे रहना संभव नहीं होगा।
अफगानिस्तान में फंसे भारत के लोगों को निकालने के लिए फिर से वायुसेना के सी-17 विमान को काबुल भेजा जा सकता है। इसके लिए भारतीय अधिकारी अमेरिका के संपर्क में हैं। फिलहाल काबुल एयरपोर्ट का नियंत्रण अमेरिका के पास है।जानकारी के मुताबिक ऐसे संकेत है कि अगले 72 घंटे में काबुल एयरपोर्ट पर यात्री विमानों की भी आवाजाही शुरू हो सकती है। संभव है कि नागरिक उड़ानों की बहाली से पहले आज भारत काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद अपने नागरिकों और वीजा धारकों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष विमान भेज सकते है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि भारत सरकार अफगानिस्तान के हालात पर पूरा नजर बनाए हुए है और वहां से भारतीयों को निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लोगों में खौफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वहां से लोग जैसे तैसे वो इस देश को छोड़कर भागना चाह रहे हैं। दरसल सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें देखा जा सकता है कि कतर जाने वाले 640 से अधिक लोगों का हुजूम अमेरिकी एयरफोर्स के विमान में सवार हो गया है। लोगों में इतना ज़्यादा डर है कि सभी लोगों विमान के फर्श पर बैठकर जाने को तैयार हैं। कर्मचारियों के लिए यात्रियों को गिनना मुश्किल हो रहा था। इस विमान में लोगों के बीच इंच भर की भी जगह नहीं थी। वहीं सी-17 विमान के एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि हम इतना ओवरलोड लेकर उड़ान नहीं भरना चाहते थे लेकिन घबराए हुए अफगानिस्तानी नागरिक मानने को तैयार नहीं थे और जबरदस्ती विमान में सवार हो गए। रक्षा अधिकारी ने बताया कि उन शरणार्थियों को विमान से उतारने की कोशिश करने के बजाय चालक दल ने उन्हें ले जाने का फैसला किया।अधिकारी ने कहा कि लगभग 640 अफगान नागरिक अपने गंतव्य पर सुरक्षित पहुंच गए। बता दें कि इससे पहले बीते सोमवार को एक भयावह दृश्य काबुल एयरपोर्ट पर देखने को मिला था। अमेरिकी वायुसेना का सैन्य विमान जैसे ही टेकऑफ के लिए आगे बढ़ रहा था, लोगों का हुजूम रनवे पर विमान के साथ-साथ चल रहा था। विमान के उड़ान भरने से पहले कुछ लोग टायरों के ऊपर बनी जगह पर सवार हो गए। विमान जब ऊंचाई पर पहुंच गया तो लोगों ने संतुलन खो दिया। तीन लोगों की आसमान से गिरने से मौत हो गई। बाद में उनके शव मकानों की छत पर मिले। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि 60 देशों ने तालिबान से गुहार लगाई है कि जो नागरिक अफगानिस्तान में नहीं रहना चाहते, उन्हें देश छोड़कर जाने दिया जाए।
भारतीय राजदूत समेत अन्य नागरिकों को लेकर काबुल से रवाना हुआ वायुसेना का विमान गुजरात के जामनगर पहुंच गया है। इस विमान में करीब 120 लोगों को सुरक्षित लाया गया है। बता दें कि भारतीय वायुसेना का C-17 मंगलवार सुबह काबुल से रवाना हुआ है। भारत का ये एयरक्राफ्ट अमेरिकी सैनिकों द्वारा एयरपोर्ट पर मुहैया कराई गई सुरक्षा के बीच से निकला है। काबुल एयरपोर्ट को सुबह ही अमेरिकी एजेंसियों ने दोबारा खुलवाया है। इस विमान में करीब 140 लोगों को वापस लाया जा रहा है। भारतीय राजदूत आर.टंडन समेत अन्य स्टाफ को भी काबुल से वापस लाने का फैसला किया गया है। इनके अलावा वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी जल्द से जल्द भारत वापस लाया जा रहा है। वंही काबुल में भारत के करीब 500 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, 500 अधिकारियों को निकालने पर भारत का फोकस है। करीब 300-400 ITBP के जवान भी अफगानिस्तान में हैं। भारत की ओर से UNSC में भी इस मसले को उठाया गया है और दुनिया को अफगानिस्तान पर गौर करने को कहा है। वहीं, तालिबानी लड़ाकों ने बीते दिन काबुल में हिन्दू, सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया।
अफगानिस्तान में मौजूदा हालत को देखते हुए आज फिर से एयर इंडिया के विमान को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से काबुल के लिए उड़ान भरना था। यह फ्लाइट दिल्ली से दोपहर 12.30 बजे काबुल के लिए उड़ान भरने वाली थी। लेकिन अफगानिस्तान के बदतर हालात और एयर स्पेस बंद होने के चलते इस विशेष फ्लाइट को रद्द करना पड़ा है। यह विमान काबुल में फंसे लोगों को लाने के लिए जा रहा था। बता दें कि अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए काबुल एयरपोर्ट पर भारी संख्या में लोग जमे हुए हैं। ये सभी लोग अफगानिस्तान को छोड़कर अपने-अपने वतन वापस लौटना चाहते हैं। एयर इंडिया ने बताया कि अफगानिस्तान का एयर स्पेस बंद होने और काबुल एयरपोर्ट पर बेकाबू हालात के चलते एयर इंडिया की काबुल के लिए उड़ान भरने वाली विमान को बंद करना पड़ा है। अफगानिस्तान में हर वक्त हालात बदलते जा रहे हैं। अफगानिस्तान के काबुल में तालिबानियों के प्रवेश के बाद लोग वहां से भाग रहे हैं। इससे पहले रविवार शाम एयर इंडिया का एक विमान 129 यात्रियों को लेकर काबुल से भारत लौटा। वहीं, काबुल से दिल्ली पहुंचने पर अफगानिस्तान के पूर्व सांसद जमील करजई का दर्द छलक उठा। मौजूदा अशरफ गनी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा, ''मैं अफगानिस्तान से भागा हूं तो आप समझ सकते हैं वहां के क्या हालात होंगे। अशरफ गनी की टीम गद्दार है। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों के साथ गद्दारी की है, लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे।''
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद से अशरफ गनी जल्द इस्तीफा दे सकते हैं। इधर, तालिबान कमांडर मुल्ला अब्दुल गनी बरार के दोहा से काबुल पहुंचने की खबर सामने आ रही है। वह अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति हो सकते हैं। अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता के ‘‘हस्तांतरण’’ की तैयारी के लिए राष्ट्रपति के आवास जा रहे हैं। अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर रविवार को बताया कि इस मुलाकात का उद्देश्य तालिबान को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपना है। तालिबान ने कहा कि उनकी ताकत के बल पर सत्ता लेने की योजना नहीं है। इससे पहले, राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को तालिबान के लड़ाके चारों तरफ से घुसने शुरू हो गए। काबुल के बाहर भारी संख्या में तालिबान के लड़ाके मौजूद हैं और काबुल के आसमान में धुएं और धमाके की आवाज सुनाई पड़ रही है। इधर, काबुल के आसमान में सेना के हेलीकॉप्टर मंडरा रहे हैं। काबुल जाने वाले तकरीबन सभी रास्तों पर ताबिलान का कब्जा हो चुका है। अफगानिस्तान के गृह मंत्री ने कहा कि काबुल पर हमला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सत्ता का शांतिपूर्वक हस्तांतरण किया जाएगा। जबकि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि काबुल में हालात कंट्रोल में है और की को डरने की जरूरत नहीं है। इधर, सरकारी कर्मचारियों को दफ्तरों से घर भेज दिया गया है। तालिबान ने कहा- किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है मकसद दूसरी तरफ तालिबान ने बयान जारी कर कहा कि काबुल में शांतिपूर्वक बातचीत के जरिए प्रवेश करेंगे। बलपूर्वक घुसने का उनका कोई इरादा नहीं है। तालिबान ने आगे कहा कि सरकार से बातचीत जारी है, हम किसी से बदला नहीं लेना चाहते हैं। तालिबान ने कहा कि किसी की भी जान, संपत्ति, सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और काबुल के नागरिकों की जिंदगी पर खतरा नहीं होगा।
न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर क्रिस केर्न्स की हालात अब भी नाजुक है। उन्हें सिडनी के एक अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 51 साल के क्रेन्स की दिल को खून सप्लाई करने वाली मुख्य धमनी की अंदरूनी परत फट गई थी। इसके बाद उन्हें बीते हफ्ते ही कैनबरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी कई सर्जरी हो चुकी है। लेकिन उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हु। इसके बाद केर्न्स को सिडनी शिफ्ट किया गया। केर्न्स अभी भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इस मुश्किल दौर में सिर्फ उनका परिवार ही नहीं, बल्कि साथी खिलाड़ी और क्रिकेट फैंस भी परेशान हैं और इस ऑलराउंडर के जल्द ठीक होने की दुआ मांग रहे हैं। न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड की भी केर्न्स के स्वास्थ्य पर नजर है। इस बीच, क्रिस केर्न्स के परिवार ने भी एक संदेश जारी कर क्रिकेट फैंस को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है और कहा है कि उनके स्वास्थ्य को लेकर अब कोई नई जानकारी नहीं दी जाएगी। परिवार ने लोगों से अपील की है कि वो इस मुश्किल घड़ी में उनकी निजता का सम्मान करें। गौरतलब है कि क्रिस केर्न्स ने 1989 और 2006 के बीच न्यूजीलैंड के लिए 62 टेस्ट, 215 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और दो टी20 मैच खेले हैं। वह वर्तमान में स्काई स्पोर्ट के साथ कमेंटेटर हैं।
कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थी और अब सिरीशा बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बनने जा रही है। कल्पना चावला के बाद सिरीशा ने भी इतिहास दर्ज कर लिया है। सिरीशा भारत के आंध्र प्रदेश से संबंध रखती है। सिरीशा बांदला का जन्म तेनाली, गुंटूर, आंध्र प्रदेश में हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार सिरीशा ह्यूस्टन, टेक्सस में पली-बढ़ी है। अंतरिक्ष के बारे में और ज़्यादा जानने के लिए सिरीशा ने Purdue University से Aeronautical-Astronautical Engineering में बैचलर्स की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने George Washington University से MBA किया। सिरीशा बांदला अंतरिक्ष यात्रा करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बनने वालीं है। 11 जुलाई को भारतीय मूल की ये बेटी अंतरिक्ष में जाएगी। अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला के बाद सिरीशा बांदला ये उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी महिला हैं। सिरीशा VSS Unity के 6 अंतरिक्षयात्रियों में से एक है जो बतौर रिसर्चर इस मिशन से जुड़ी हैं. सिरीशा ने अपने ट्विटर हैंडल पर ये ख़ुशख़बरी सभी के साथ साँझा की। ये मिशन Branson's Company द्वारा किया जा रहा है जिसकी सुचना बीते गुरुवार को कंपनी ने साँझा की। इस मिशन में कंपनी के फ़ाउंडर, रिचर्ड ब्रैन्सन भी हिस्सा लेंगे। इस मिशन का रॉकेट न्यू मेक्सिको से लॉन्च किया जाएगा और ये इस कंपनी की पहली फ़्लाइट होग। सिरीशा के दादा, Bandla Ragaiah कृषि वैज्ञानिक हैं। The New Indian Express से बातचीत में उन्होंने बताया कि सिरीशा को बचपन से ही कुछ बड़ा करने की इच्छा थी। कड़ी मेहनत के बाद उसका सपना सच होने वाला है। पोती पर गर्व महसूस करने वाले दादा ने बताया कि सिरीशा बचपन से ही निडर थी और हमेशा एक्टिव रहती थी। 5 साल की उम्र में वो अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गयी थी. सिरीशा के पिता Dr. Bandla Muralidhar भी एक वैज्ञानकि हैं. सिरीशा बांदला, कमरशियल स्पेसफ़्लाइट फ़ेडरेशन और एल-3 कम्युनिकेशन्स में बतौर एरोस्पेस इंजीनियर काम कर चुकी हैं। अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी और सिरीशा फ़्यूचर स्पेस लीडर्स फ़ाउंडेशन के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की सदस्य भी हैं।
दक्षिण अफ्रीका में HIV पॉजिटिव महिला में 216 दिन तक रहा वायरस, 32 बार हुआ म्यूटेशन, जानिए पूरा मामला
कोरोना वायरस की भीषण तबाही को पूरी दुनिया ने देख लिया। अभी भी यह खतरनाक वायरस कई देशों में चौंकाने वाले कारनामे कर रहा है। ऐसा ही एक मामला दक्षिण अफ्रीका से सामने आया है जहां एक HIV पॉजिटिव महिला के अंदर कोरोना वायरस 216 दिन तक रहा और इस दौरान वायरस में 30 बार म्यूटेशन हुआ। डरबन स्थित क्वाजूलू-नेटल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसका खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि 36 वर्षीय महिला के शरीर में 13 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन में देखे गए। यह वही प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस को प्रतिरोधक तंत्र के हमले से बचाता है। हालांकि यह महिला में मौजूद म्यूटेशन का प्रसार अन्य लोगों में भी हुआ या नहीं इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस एंजेलिस टाइम्स से बातचीत में स्टडी के लेखक टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया है कि अगर ऐसे और मामले मिलते हैं तो इससे आशंका नजर आएगी कि HIV इन्फेक्शन नए वेरिएंट का सोर्स हो सकता है। बताया गया कि सबसे पहले महिला को लक्षण दिखाई दिया तो उसका टेस्ट कराया गया और वह पॉजिटिव निकली। शुरुआती इलाज के बाद भी महिला में हल्के-फुल्के लक्षण थे, लेकिन वायरस उसके अंदर ही मौजूद रहा। फिर वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 13 बार म्यूटेशन हुआ, इसी स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर ही ज्यादातर वैक्सीन वायरस पर असर कर सकती है। इस महिला का मामला तब पता चला जब महिला 300 HIV पॉजिटिव लोगों पर की गई स्टडी में शामिल हुईं। ऐसे मरीजों में वायरस लंबे वक्त तक रहता है जिससे उसे म्यूटेट होने का मौका मिलता है। टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया कि इलाज के बाद भी वायरस महिला के अंदर मौजूद था। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह खोज महामारी की रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण है। एचआईवी प्रभावित देशों में ऐसे मरीजों में वायरस को फैलने से रोकने के लिए इस मुहिम में तेजी आएगी। बता दें कि अफ्रीका देशों में कोरोना संक्रमण ने भी कहर बरपाया है। दक्षिण अफ्रीका कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका में अब कोरोना का प्रसार कम हुआ है।
चीन ने घोषणा की है कि वहाँ अब कपल्स को तीन बच्चों तक को जन्म देने की अनुमति होगी। इसके साथ ही वहाँ दो बच्चों की सख़्त नीति समाप्त हो गई है। चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार इस बदलाव पर सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो ने मुहर लगाई जिसके बाद अब उसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंज़ूरी दे दी है। ये फ़ैसला ऐसे समय आया है जब चीन में एक दशक में होने वाली जनगणना में पाया गया कि वहाँ आबादी पिछले कई दशकों में पहली बार सबसे सुस्त गति से बढ़ रही है।