बिलासपुर की भारती दास ने जीते पांच मैडल, मास्टर गेम्स प्रतियोगिता में मनवाया हुनर का लोहा

प्रतिस्पर्धा के लिए कोई उम्र नही होती और जब इंसान भीड़ का हिस्सा न बनकर भीड़ की वजह बनने का सोच लेता है तो किसी भी उम्र में प्रतिस्पर्धा उसके कदम चुम लेती है। यह बात मास्टरज गेम एशोसिएशन द्वारा बिलासपुर लुहनु मैदान में आयोजित खेल प्रतियोगिता में विभिन्न खेलो में 5 मैडल जीतने वाली प्रतिभागी खिलाड़ी 45 वर्षीय भारती दास न कही। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल किया जो स्वयम में ही एक आश्चर्यजनक विषय है। स्कूल व कॉलेज के समय मे वह विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती थी परंतु विवाह के बाद वह अपने परिवार की देख रेख में पूरी तरह व्यस्त हो चुकी थी उसके वावजूद भी इतने समय के अंतराल बाद उनके पति दिनेश पॉल उर्फ मुन्ना के सहयोग व प्रोतसाहित करने पर जिला बिलासपुर के लुहनु मैदान में आयोजित तीसरी राज्य स्तरीय मास्टरज खेल प्रतियोगिता में भाग लिया और जीत हासिल कर 5 मैडल जीते जोकि उन्हें व उनके परिवार के लिए गर्व का विषय बना है। उन्होंने कहा कि खेलों में टैलेंट किसी भी उम्र का मोहताज नहीं होती है। प्रतिस्पर्धा किसी भी उम्र में हो सकती है बस सिर्फ जुनून होना जरूरी है। विशेषकर उन महिलाओं के लिए जो घर के काम काज व परिवार में यह भूल जाती है कि वह भीड़ का हिस्सा नही है बल्कि उन्हें भी कुछ अलग कार्य कर दिखा कर स्वयं की पहचान बनानी चाहिए व अपने वजूद को जिंदा रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि सरकार प्रत्येक उम्र की महिलाओं के लिए इस तरह की खेल प्रतियोगिताओ का आयोजन करती रहे तो हमारे समाज की बहुत सी महिलाओं को एक ऐसा मौका मिलेगा जो जीवन मे कुछ अलग करना चाहती है। वह रोजमर्रा जिंदगी में चल रहे तनाव से बाहर निकलेगी इसके साथ ही शारीरिक रोगों से भी मुक्ति मिलेगी।