विज्ञान सम्मेलनों से बच्चों में वैज्ञानिक चिंतन के साथ-साथ बौद्धिक एंव मानसिक विकास होता है

राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में नन्हें वैज्ञानिकों के माॅडलों को देखकर शिक्षा मंत्री ने बच्चों के माॅडलों की प्रसंशा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कोने-कोने से आए स्कूली बच्चों ने विज्ञान विषय से सम्बन्धित एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया, जोकि सराहनीय है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एंव पर्यावरण परिषद (हिमकोस्ट) द्वारा शिक्षा विभाग तथा राष्ट्रीय विज्ञान विकास उद्योग परिषद और विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या में आयोजित 27वें राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में वैज्ञानिक चिंतन के साथ-साथ बौद्धिक एंव मानसिक विकास भी होता है तथा बच्चों में विज्ञान के प्रति नयी सोच के साथ जागरूकता पैदा होती है। उन्होंने कहा कि बाल विकास कांग्रेस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कोने-कोने से वैज्ञानिक प्रतिभाओं को खोज कर उनमें वैज्ञानिक चेतना का विकास करना है। उन्होंने बाल वैज्ञानिकों के साथ-साथ अध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने कढ़ी मेहनत से विज्ञान के माॅडल तैयार कर उपमण्डल स्तर से राज्य स्तर के आयोजन तक चयनित होकर आए है जाकि अपने आप में ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर अग्रसर होकर नित नए विकास के आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़कर आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने कहा कि अभी इसरो द्वारा चन्द्रयान-2 को भेजा गया, जिसके प्रयास के लिए विश्व भारत का लोहा मान रहा है क्योंकि चन्द्रयान चन्द्रमा के जिस क्षेत्र में उतारा जाना था वहां पर आज दिन तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों की प्रसंशा करते हुए जय जवान जय किसान जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान का नारा दिया है। उन्होंने कहा कि देश में हर बच्चा, हर व्यक्ति वैज्ञानिक है और हर दिन नई सोच के साथ कुछ न कुछ नया अविष्कार करने का दम रखता है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच के साथ नए अविष्कारों/प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने पुरस्कार देने का भी प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों से ही बच्चों को नई सोच के साथ नई खोज करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिसका प्रतिफल है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के पंजीकरण में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अभी तक 7 हजार 500 नए अध्यापकों की भर्तियां की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने का प्रयास किया जा रहा है, स्कूलों में आईटी लैब भी स्थापित की जा रही है तथा खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए करोडों रूपए की धन राशि व्यय की जा रही है। उन्होंने अध्यापकों व अभिभावकों से आहवान करते हुए कहा कि वे बच्चों को संस्कारयुक्त, व्यवहारिक और नैतिक कार्यों की शिक्षा देकर शिक्षित करें। उन्होंने कहा कि संस्कारों के अभाव से आज का युवा नशे की गिरफत में फंसता जा रहा है। नशे का खात्मा करने के लिए प्रदेश में नशा निवारण अभियान चलाया जा रहा है जिसमें प्रत्येक विभाग को दायित्व सौपें गए है। उन्होंने आम नागरिकों, शिक्षकों तथा राजनेताओं से भी आग्रह किया कि वे भी इस बुराई को समाज से दूर करने के लिए अपना बहुमुल्य सहयोग प्रदान करें ताकि स्वस्थ और सुन्दर प्रदेश की कल्पना को साकार किया जा सके। इस अवसर पर सदर विधायक सुभाष ठाकुर और विधायक घुमारवीं राजेन्द्र गर्ग ने भी कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से बाल वैज्ञानिकों को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक उचित मंच मिलता हैं और यही बाल वैज्ञानिक भविष्य में महान वैज्ञानिक बन कर उभरते हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एंव पर्यावरण के सदस्य सचिव डीसी राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को अपने आईडिया माॅडल को पेटैंट करवाने की भी सलाह दी। उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा सुदर्शन कुमार ने मुख्यातिथि तथा अन्य अतिथियों का स्वागत किया तथा राष्ट्रीय शैक्षणिक समिति के डा ललित कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखे तथा संयुक्त सदस्य सचिव सन्नी शर्मा ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उपनिदेशक उच्च शिक्षा अमर सिंह ठाकुर, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ अजय शर्मा, महासचिव अमृत महाजन के अतिरिक्त प्रदेश भर से आए विज्ञान पर्यवेक्षक के अतिरिक्त अध्यापक व अभिभावक उपस्थित रहे। बाॅक्स - साईस एक्टिविटी काॅर्नर:- फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ, बायोलोजी, आरीगामी, मीडिया और आईटी में बेस्ट थ्री परफॉर्मेंस के लिए। सीनियर सेकेंडरी ग्रुप में रिया गौतम हिम अकैडमी हमीरपुर, भारत भूषण गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल चैलचैक मंडी, शिखर सेंट लूकेस सोलन, सीनियर अर्बन ग्रुप में नौवीं और दसवीं क्लास से चिराग डीएवी चंबा,अनमोल स्कॉलर होम पौंटा साहिब, श्रण्या ग्लोरी पब्लिक स्कूल बिलासपुर, सीनियर ग्रुप रूरल में नवमीं और दसवी कक्षा से दीक्षा अल्पाइन पब्लिक स्कूल नालागढ़, काव्या ग्रीन फील्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल कांगड़ा, अर्जून एलएम स्कूल कुल्लू जूनियर अर्बन ग्रुप छठी से आठवीं कक्षा तक मृदुल आनन्द स्कूल सोलन, गुरसिमर स्कॉलर होम पौंटा साहिब, रिधी सेंट पब्लिक स्कूल संतोषगढ, जूनियर रूरल ग्रुप छठी से आठवीं कक्षा तक ऋषभ पुरी इंडस गलोबल स्कूल मण्डी, अक्षिता जिन्दल विद्या मंदिर किन्नौर, प्राजिकता डीएवी सरस्वती ने बेस्ट परफॉर्मेंस दी।