रंगमंच की दुनिया में अभिनेता से लेकर निर्देशक का सफर...

हिमाचल प्रदेश में रंगमंच और निर्देशन की दुनिया में अभिषेक डोगरा आज एक जाना पहचाना नाम बन चुका है। जिला बिलासपुर के अभिषेक ने एक अभिनेता के रूप में शुरुआत की और आज एक सफल निर्देशक के रूप में पहचान बनाने में सफल हुए है। वह कई नाटकों में अभिनय करने के साथ-साथ विभिन्न नाटकों और वीडियो का सफल निर्देशन कर चुके है। वैसे उन्होंने निर्देशन की कोई विशेष तालीम नहीं ली है, लेकिन विभिन्न निर्देशकों की साथ काम करते हुए उन्होंने निर्देशन की बारीकियां सीखी। अभिषेक डोगरा अभी तक "मोहणा", "खालिद की खाला" व "खोल दो" आदि नाटकों का सफल निर्देशन करने के साथ "अंधेरी नगरी चौपट राजा", "ले चल", "युद्ध और बुद्ध", "आह में, वाह में", "गुड़िया", "बिल्लियां बतयाती हैं", "खालिद की खाला", "मासूम जिंदगी की सच्चाई", "मोहणा", "शहीद", "मासूमियत", "फाइट ऑफ इनोसेंस" और "धर्मक्षेत्र, कुरुक्षेत्र" आदि नाटकों में अभिनय कर चुके हैं। इसके अलावा पहाड़ी गीत "गोरिया रा दिल", हिंदी गीत "पापा", भजन "सांवरा", "उड़ देया पंछिया" व "माता रानी तू है बड़ी प्यारी" का वीडियो निर्देशन भी उन्होंने किया है। वहीं, अभिषेक डोगरा बॉलीवुड फिल्म "तमाशा", स्टार प्लस के टीवी सीरियल "जाना न दिल से दूर" और हिमाचली फिल्म "नठ-पज्ज" में भी काम कर चुके है। बचपन से ही उन्हें अभिनय की दुनिया में काम करने का शौक था, इसके चलते जब वह पहली कक्षा में थे, तो उन्होंने बिलासपुर में एक एक्टिंग की वर्कशॉप में भाग लिया। उसके बाद स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए खूब वाहवाही लूटी। 11वीं और 12वीं कक्षा में उन्होंने संगीत की शिक्षा भी हासिल की। बिलासपुर के दयानंद पब्लिक स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई करने के बाद सरकारी बॉयज स्कूल से 11वीं व 12वीं, फिर बिलासपुर डिग्री कॉलेज और उसके बाद हिमाचल विश्वविद्यालय से टूरिजम विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की। वर्तमान में अभिषेक डोगरा जिला बिलासपुर के बन्दला में सरकारी स्कूल में पर्यटन शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है। अभिषेक डोगरा के पिता अरुण डोगरा वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार है तथा माता सुमन डोगरा वैसे तो गृहणी है, लेकिन बावजूद इसके सामजिक और धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेती है। अभिषेक के छोटे भाई शिवांश डोगरा शिमला में एक बैंक में कार्यरत है। हाल ही में अभिषेक डोगरा द्वारा निर्देशित "खोल दो" नाटक को इंटर कॉलेज युवा उत्सव में प्रथम पुरस्कार मिला है। इस नाटक के डायलॉग अभिषेक ने अपने आप लिखे हैं। यह कहानी सुप्रसिद्व लेखक सआदत हसन मंटो की लिखी हुई है। यह नाटक उन्होंने बिलासपुर कॉलेज के छात्रों को तैयार करवाया था। खास बात यह है कि आज से 10 साल पहले अभिषेक डोगरा ने एक अभिनेता के रूप में इसी कॉलेज से काम किया था और बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी जीता था। आज इसी कॉलेज से एक निर्देशक के रूप में काम किया और पुरस्कार भी जीता। बताते चलें कि अभिषेक डोगरा बिलासपुर में उड़ान थियेटर ग्रुप के साथ जुड़े हुए है।