बच्चों को शिक्षित करने के लिए रैडक्रास सोसाइटी करेगी सहायता

समस्त सीडीपीओ खण्ड स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करवाना सुनिश्चित कर ताकि अनाथ व बेसहारा बच्चों के कल्याणार्थ के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्र बच्चों तक पंहुच सके और कोई भी पात्र बच्चा सरकार की इन योजनाओं का लाभ लेने से वंचित न रह सके। यह बात उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति तथा ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला आश्रम कल्याण समिति के अधिक से अधिक लोग सदस्य बनकर अनाथ बच्चों के भविष्य को सवारनें के लिए अपना योगदान दें ताकि यह बच्चे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपनी प्रतिभा व क्षमता का सही प्रदर्शन करके समाज की बेहतरी में कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि 5 सौ, 10 हजार रूपए व 20 हजार रूपए देकर जिला आश्रम कल्याण समिति की सदस्यता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में चाईल्ड हेल्प लाईन पूर्ण रूप से कार्य कर रही है। अव्यस्क बच्चों के बारे में किसी भी आपातकालीन स्थिति में चाईल्ड हेल्प लाईन टोल फ्री नम्बर 1098 व 1515 पर डायल कर सकते है। उन्होंने बताया कि बाल-बालिका संरक्षण योजना के तहत जिला में 154 अनाथ बच्चों को सर्वेक्षित किया गया है जिसमें से 100 बच्चों को इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है तथा शेष बच्चों को इस योजना के तहत लाभान्वित करने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करवाए जाते है। उन्होंने बताया कि अब तक जिला में 17 दम्पतियों को पंजीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चों की भूमि/सम्पति उनके नाम करवाने के लिए वर्तमान में जिला के 18 वर्ष से कम आयु के 154 अनाथ बच्चे पहचान में लाए गए है। उन्होंने बताया कि 42 अनाथ बच्चों के नाम भूमि/सम्पति दर्ज करवाई जा चुकी है। उन्होंने ऐसे बच्चें जिनके दादा-दादी अभी जीवित है, भूमि/सम्पति बच्चों के नाम नहीं हो पाई है, उनके लिए राजस्व विभाग व तहसीलदार को उनकी भूमि/सम्पति के अधिकारों को सुरक्षित करवाने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि शिक्षा का समान अधिकार के तहत बाल मजदूरी व भीख मांगने वाले या अपराधिकता से पीड़ित बच्चों को शिक्षित करने के लिए रैडक्रास द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चों के साथ होने वाले किसी भी प्रकार के शोषण को रोकने के लिए एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो कि समय-समय पर जिला के सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों का औचक निरीक्षण करेगी तथा किसी भी प्रकार का अपराधिक मामला पाए जाने पर कानूनी कार्यवाही को अमल में लाए जाने के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी। इस अवसर पर जिला परिषद भवन में बाल संरक्षण सेवाओं से जुड़े हुए हितधारकों के संवेदीकरण हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों ने किशोर न्याय अधिनियम 2015, पोक्सो एक्ट 2012, बाल श्रम अधिनियम 1986, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, बाल भिक्षावृति निवारण अधिनियम 1979 के बारें में उपस्थित लोगों को विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाई। जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने भी अपने विभाग के माध्यम से बाल विकास योजनाओं को प्रभावशाली तरीके से क्रियान्वित करने पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। इसके अतिरिक्त बाल संरक्षण योजना, केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण, वन स्टाॅप सैंटर योजना, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, सूचना शिक्षा एंव सम्प्रेशन शिविर, शिशु पालना स्वागत केन्द्र, परामर्श सुविधा, लैंगिक शोषण रोकथाम, किशोर न्याय अधिनियम, वित्तीय प्रबन्धन इत्यादि बीस से भी अधिक मुद्दों पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत सिंह बंग्गा, एएसपी. भागमल ठाकुर, डीआरओ. देवी राम, जिला कार्यक्रम अधिकारी अंजू बाला, जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश सांख्यान, जिला श्रम अधिकारी प्यारेलाल साहू, जुविनायल जस्टिस बोर्ड के सदस्य नीरज, सेवानिवृत संयुक्त निदेशक महिला एंव बाल विकास विभाग आरएस गुलेरिया,समस्त सीडीपीओ, स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।