नशा निवारण अभियान के अंतर्गत छात्रों एवं अन्य को किया गया जागरूक

नशा निवारण अभियान कार्यक्रम के तहत क्षेत्रीय अस्पताल सोलन सहित जिला के विभिन्न विद्यालयों में रोगियों एवं छात्रों को अवगत करवाया गया कि विभिन्न गम्भीर रोगों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष कारण नशा है। सभी से आग्रह किया गया कि स्वयं भी नशे से दूर रहें और अन्य को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने दी। उन्होंने कहा कि अभियान के अन्तर्गत क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में उपचाराधीन 16 रोगियों को जागरूक किया गया। इस अवसर पर जिला की ग्राम पंचायतों और विद्यालयों में भी 340 छात्रों एवं अन्य को नशा निवारण की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। अभियान के तहत अवगत करवाया गया कि कैंसर, हृदय रोग, मस्तिष्क घात तथा शरीर के विभिन्न अंगों के गम्भीर रोगों का कारण नशा है। धूम्रपान करने वाला व्यक्ति अपने साथ-साथ आसपास बैठे अन्य व्यक्तियों को भी पैसिव स्मोकिंग के द्वारा रोगी बनाता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के नशे पूरे परिवार को आर्थिक रूप से दिवालिया बना देते हैं। समय रहते यदि नशा पीडि़त पर ध्यान न दिया जाए तो इसका अंत मृत्यु भी हो सकती है। सभी से आग्रह किया गया कि अपनी इच्छाशक्ति को मज़बूत कर पहली बार नशा लिए जाने की बात पर न कहना सीखें। रोगियों, छात्रों एवं अन्य को नशे के विभिन्न प्रकार, नशे से होने वाली हानियां और समाज पर इसके दुष्प्रभावों की जानकारी प्रदान की गई। नालागढ़ उपमंडल की राजकीय उच्च पाठशाला छियाछी में 115 प्रतिभागियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बसंतपुर में 89 छात्रों को नशे के विरूद्ध शपथ दिलवाई गई। ग्राम पंचायत बढलग, में 50, बरोटीवाला में 50 तथा चंडी के गांव खरोटा में 36 प्रतिभागियों को नशे से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर सभी को नशे के विरूद्ध शपथ दिलाई गई। युवाओं ने संकल्प लिया कि वे न तो स्वयं नशा करेंगे और न औरों को करने देंगे।