डीसी आफिस बिलासपुर में मिलने लगे प्राकृतिक खेती उत्पाद

हर माह की 5 तारीख को उपायुक्त कार्यालय के परिसर में स्ंवय सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की लगाई जाने वाली बिक्री व प्रदर्शनी में अब ग्राहकों के लिए प्राकृतिक खेेती से तैयार की गई सब्जियो तथा अनाज का विक्रय भी आरम्भ हो गया है। इसका शुभारम्भ उपायुक्त एंव आतमा परियोजना के अध्यक्ष राजेेश्वर गोयल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इस वर्ष के अंत तक जिला के 3 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण व इस खेती को अपनाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2 हजार 709 किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसमें 2 हजार 134 किसानों ने 121 हैक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती तकनीक को अपनाया है। उन्होंने बताया कि पदमश्री सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती में केवल देसी गाय के गोबर व गोमूत्र का ही प्रयोग होता है। उन्होंने बताया कि इस विधि में रासायनिक खादों, पौध संरक्षण दवाईयों तथा रासायनिक कीट नाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता। उन्होंने बताया कि ग्राहकों व उपभोक्ताओं को पौष्टिक सब्जियां व अनाज मिले तथा प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए एक उपयुक्त स्थान मिले इसके लिए प्रशासन द्वारा यह प्रयास किया गया है। उन्होंने इसे सप्ताहिक चलाने के लिए कहा। इस अवसर पर सदर विकास खण्ड से प्राकृतिक खेती अपना चुके नरेन्द्र भारती, बुद्धिराम व रामपाल द्वारा उत्पादित सब्जियां व अनाज ग्राहकों द्वारा हाथों-हाथ खरीदा गया। प्राकृतिक खेती स्टाॅल में ताजा अदरक, टमाटर, पालक, देसी मक्की का आटा, कुचालू, कुल्थी, हरी मिर्च व प्याज की 15 हजार 350 की बिक्री हुई। आतमा परियोजना द्वारा इस खेती को सिखाने के लिए ग्राम स्तर तक प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे है ताकि ग्राहकों को शुद्ध उत्पाद, जहर मुक्त अनाज, दालें व सब्जियां खाने को मिले। इस मौके पर आतमा परियोजना निदेशक रविशर्मा, उप कृषि निदेशक कुलदीप पटियाल, पीओ. डीआरडीए. संजीत सिंह के अतिरिक्त आतमा व कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।