गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में पालिका क्लब में साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं कहलूर सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त तत्वाधान में पालिका क्लब में साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कसौली के पूर्व विधायक सतपाल कंबोज मुख्य अतिथि व कमांडेंट सुरेंद्र शर्मा अध्यक्ष तथा सुखराम आजाद व कर्ण चंदेल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। रविंद्र भता ने मंच संचालन किया। इस अवसर पर भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए अरुण कुमार को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए मुख्य अतिथि ने साल टोपी भेंट करके सम्मानित किया। बाल कवित्री अमूल्य शर्मा को नशाखोरी पर पत्र वाचन के लिए संगोष्ठी में मुख्य अतिथि ने ₹200 का नकद इनाम देकर पुरस्कृत किया। सर्वप्रथम साहित्यकार रतन चंद निर्झर ने हिंदी साहित्य के ध्रुवतारा कहे जाने वाले महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के बारे में पत्र वाचन किया। कुलदीप चंदेल ने इस बारे में चर्चा करते हुए निराला जी के कुछ अनछुए प्रसंगों को सांझा किया। इसके बाद कविताओं, गीतों, गजलों का दौर चला। रामपाल डोगरा ने जवानी की यादें, प्रदीप गुप्ता ने मेरा गणतंत्र अनूठा, कुलदीप चंदेल ने धरा को पाप मुक्त करने राम चले वनवास,ओंकार कपिल ने सर्वर भी डाउन है, सुरेंद्र गुप्ता ने बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी, आनंद सोहर ने पत्नी बोली मांग कर सारे बर्तन सजा दीजिए भूमिका तो घर में कुछ बना लीजिए, जीतराम सुमन ने मेरे देश सारा वीर बहादुर जवान ,सुमन गुप्ता ने चलते चलते थक गया था जिंदगी की राह में, सुशील पुंडीर परिंदा ने जय हो गणतंत्र हमारा डॉक्टर ,नीरज कुमार ने एक रोज मेरा भतीजा पीके मुझे समझाएगा, करण चंदेल ने वीर तुम बढ़े रहो रजाई में पड़े रहो, संजय शर्मा ने खेल तमाशा खेल तमादत नहीं प्रतिभा शर्मा ने हर बेटी रानी झांसी हो राणा प्रताप वीर घर-घर हो मेरे देश में रोज दिवाली हो रविंद्र घटाने का बचपन के दिन लौट आए, सुखराम आजाद ने सोनी नगरी बिलासपुर, तरुण टाडू ने दीप जलाकर पार्क तो देखा, सुरेंद्र शर्मा ने यह फक्र की बात है हम इस देश में आबाद हैं अंत में मुख्य अतिथि सतपाल कंबोज ने कहा कि महर्षि व्यास की तपोभूमि बिलासपुर में इसी तरह साहित्य की मधुर बिहार बहती रहे। इस अवसर पर बिलासपुर सिविल अस्पताल के सर्जन शमशेर सिंह भी विशेष रूप में श्रोताओं में उपस्थित रहे।