शिमला के तीन युवकों ने रचा इतिहास, साइकल से पहुंचे चूड़धार
मन में कुछ कर गुज़रने का हौंसला हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। मजबूत इरादों से बड़े से बड़े पहाड़ भी कदमों तले लाये जा सकते हैं। ऐसा ही कुछ शिमला के तीन युवकों ने कर के दिखाया है। सिरमौर ज़िला के दुर्गम क्षेत्र चूड़धार पर जाने के नाम से कई लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस स्थान को महज 11 घंटों में साइकिल से फतह कर इन लड़कों ने इतिहास रचा है। इससे पहले किसी ने इस चोटी पर साइकिल से चढ़ाई नहीं की है। हिमालयन एडवेंचर स्पोट्र्स टूरिज्म प्रोमोशन एसोसिएशन से जुड़े 19 वर्षीय अक्षित, 18 वर्षीय आशीष शेरपा व 33 वर्षीय आशीष सूद ने यह यात्रा साइकिल से पूरा करने की ठानी। उन्होंने बताया कि साइकिल के साथ शिमला से चूड़धार की दूरी तय करने का पहला प्रयास था। वे 28 जुलाई को शिमला से चूड़धार के लिए निकले। कड़कड़ाती ठंड, तीखे पहाड़, चट्टानें गिरने और सैकड़ों नालों की परवाह न करते हुए लगातार आगे बढ़ते रहे। चोटी के करीब पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी से परेशानी हुई। मगर चूड़धार तक पहुंच कर उनका सपना पूरा हुआ। वे इस यात्रा से युवाओं को संदेश देना चाहते हैं कि अगर युवा पीढ़ी किसी काम को करने की ठान ले तो हर मुकाम को हासिल कर सकती है।