विद्यार्थियों में शिक्षा एवं संस्कारों के साथ व्यावहारिक भावना भी पैदा करें

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्री डाॅ राजीव सैजल ने अध्यापकों और अभिभावकों का आहवान किया कि वे बच्चों को शिक्षा एवं संस्कारों के साथ-साथ उनमें व्यावहारिक भावना भी पैदा करें। यह बात डाॅ राजीव सैजल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुईं सुरहाड़ के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा उम्रभर चलने वाली एक निरंतर प्रक्रिया है, लेकिन वर्तमान में जबच्चें स्कूलों में किताबी शिक्षा ग्रहण करते है और सांस्कारिक और व्यावहारिक शिक्षा घर में मां-बाप से ही सीखते है। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए युवा पीढ़ी का देश के प्रति आदर एवं निष्ठावान होना अनिवार्य है और इन सब गुणों का विकास अध्यापक के कुशल मार्गदर्शन में ही संभव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है ताकि बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि वार्षिक पारितोषिक वितरण स्कूल का एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की वर्षभर अर्जित की गई उपलब्धियों का लेखा-जोखा रखा जाता है वहीं अकादमिक, खेल-कूद व सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया जाता है। उन्होंने पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी तथा पुरस्कार से वंचित रहे विद्यार्थियों को विजेता विद्यार्थियों से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ने का आहवान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे लक्ष्य निर्धारित करें और उसकी प्राप्ति के लिए समय और अनुशासन का पालन करें ताकि सरलता से लक्ष्य को हासिल किया जा सके। उन्होंने अभिभावकों से आहवान किया कि वे स्कूल में सप्ताह में एक बार अवश्य जाएं और अध्यापकों से उनकी गतिविधियों के बारे में चर्चा करें। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की भी कामना की। उन्होंने क्षेत्र की मांगों जिसमें बैंक की शाखा खोलने, स्कूल में अतिरिक्त कमरों के निर्माण तथा क्रेश बेरियर लगाने के लिए विश्वास दिलाया कि इन्हें पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा और धन की कमी आढ़े नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि युवा स्वास्थ्य होगा तो देश और समाज को विकास के पथ पर अग्रसर होने से कोई नहीं रोक सकता। यदि बच्चों को सही संस्कार दिए जाएंगे तो वे प्रत्येक क्षेत्र में अपनी क्षमता में परिचय देंगे। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू के रूप में माना जाता है क्योंकि देश की धरती पर अनेकों वीर पुरूष हुए है जिन्होंने गुरूकुलों में शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने कहा कि आज भी सरकारी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण करके निकले हुए विद्यार्थी ऊंचें-ऊंचें पदों पर आसीन है। उन्होंने कहा कि देश को विकास और उन्नति के पथ पर ले जाने के लिए समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए मिल-झुल कर आगे आना होगा। पूर्व विधायक विधानसभा नैना देवी रणधीर शर्मा ने कहा कि बच्चें देश का भविष्य है और देश का भविष्य इन्हीं के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा तो देश का भविष्य भी उज्जवल होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है और शिक्षक स्कूलों में अपनी भूमिका को कत्र्तव्यनिष्ठा से निभा रहे है। उन्होंने अध्यापकों और अभिभावकों का आहवान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में देश की सभ्यता और संस्कृति के आधार पर सामाजिक, व्यवाहारिक और संस्कारिक शिक्षा प्रदान करें ताकि वे देश के अच्छे नागरिक बने और उनका चहुमुखी विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने पाठशाला में विज्ञान की कक्षाएं आरम्भ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने अपनी ओर से पाठशाला के सहयोग के लिए पांच हजार रुपये दिए।इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए डाॅ। सैजल ने 10 हजार रुपये देने की घोषणा की तथा विभिन्न वार्षिक गतिविधियों में विजेता रहे विद्यार्थियों पुरस्कार देकर सम्मानित किया। प्रधानाचार्य भोपाल सिंह चैधरी ने मुख्यातिथि तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौक पर उप-निदेशक प्रारभिंक शिक्षा सुदर्शन शर्मा, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मेहर चंद, बी।डी। सदस्य लीना ठाकुर, पंचायत प्रधान अरूणा शर्मा, पूर्व बी।डी।सी। अध्यक्ष बुद्धी सिंह, पूर्व प्रधान सुरेन्द्र भारती के अतिरिक्त सम्बन्धित विभागों के अधिकारी और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधी तथा भारी संख्या में अभिभावकगण उपस्थित रहे।
व्यावहारिक शिक्षा घर में मां-बाप से ही सीखते है। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए युवा पीढ़ी का देश के प्रति आदर एवं निष्ठावान होना अनिवार्य है और इन सब गुणों का विकास अध्यापक के कुशल मार्गदर्शन में ही
संभव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है ताकि बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि वार्षिक पारितोषिक वितरण स्कूल का एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की वर्षभर अर्जित की गई उपलब्धियों का लेखा-जोखा रखा जाता है वहीं अकादमिक, खेल-कूद
व सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया जाता है। उन्होंने पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी तथा पुरस्कार से वंचित रहे विद्यार्थियों को विजेता विद्यार्थियों से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ने का आहवान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे लक्ष्य निर्धारित करें और उसकी
प्राप्ति के लिए समय और अनुशासन का पालन करें ताकि सरलता से लक्ष्य को हासिल किया जा सके। उन्होंने अभिभावकों से आहवान किया कि वे स्कूल में
सप्ताह में एक बार अवश्य जाएं और अध्यापकों से उनकी गतिविधियों के बारे में चर्चा करें। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की भी कामना की। उन्होंने क्षेत्र की मांगों जिसमें बैंक की शाखा खोलने, स्कूल में अतिरिक्त कमरों के निर्माण तथा क्रेश बेरियर लगाने के लिए विश्वास दिलाया कि इन्हें पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा और धन की कमी आढ़े नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि युवा स्वास्थ्य होगा तो देश और समाज को विकास के पथ पर अग्रसर होने से कोई नहीं रोक सकता। यदि बच्चों को सही संस्कार दिए जाएंगे तो वे प्रत्येक क्षेत्र में अपनी क्षमता में परिचय देंगे। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू के रूप में माना जाता है क्योंकि देश की धरती पर अनेकों वीर पुरूष हुए है जिन्होंने गुरूकुलों में शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने कहा कि आज भी सरकारी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण करके निकले हुए विद्यार्थी ऊंचें-ऊंचें पदों पर आसीन है। उन्होंने कहा कि देश को विकास
और उन्नति के पथ पर ले जाने के लिए समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए मिल-झुल कर आगे आना होगा। पूर्व विधायक विधानसभा नैना देवी रणधीर शर्मा ने कहा कि बच्चें देश का भविष्य है और देश का भविष्य इन्हीं के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा तो देश का भविष्य भी उज्जवल होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है और शिक्षक स्कूलों में अपनी भूमिका को कत्र्तव्यनिष्ठा से निभा रहे है। उन्होंने अध्यापकों और अभिभावकों का आहवान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में देश की सभ्यता और
संस्कृति के आधार पर सामाजिक, व्यवाहारिक और संस्कारिक शिक्षा प्रदान करें ताकि वे देश के अच्छे नागरिक बने और उनका चहुमुखी विकास सुनिश्चित
किया जा सके। उन्होंने पाठशाला में विज्ञान की कक्षाएं आरम्भ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने अपनी ओर से पाठशाला के सहयोग के लिए पांच हजार रुपये दिए।इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत
किया। सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए डाॅ. सैजल ने 10 हजार रुपये
देने की घोषणा की तथा विभिन्न वार्षिक गतिविधियों में विजेता रहे
विद्यार्थियों पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
प्रधानाचार्य भोपाल सिंह चैधरी ने मुख्यातिथि तथा अन्य अतिथियों का
स्वागत करते हुए स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस मौक पर उप-निदेशक प्रारभिंक शिक्षा सुदर्शन शर्मा, स्कूल प्रबंधन
समिति के अध्यक्ष मेहर चंद, बी.डी. सदस्य लीना ठाकुर, पंचायत प्रधान
अरूणा शर्मा, पूर्व बी.डी.सी. अध्यक्ष बुद्धी सिंह, पूर्व प्रधान
सुरेन्द्र भारती के अतिरिक्त सम्बन्धित विभागों के अधिकारी और पंचायती
राज संस्थाओं के प्रतिनिधी तथा भारी संख्या में अभिभावकगण उपस्थित रहे