कलाकारों ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का किया आह्वान
प्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश के सभी किसान प्राकृतिक खेती अपनाएं। अभी तक राज्य में 50 हजार से अधिक किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। वर्ष 2020 में 02 लाखों किसानों को प्राकृतिक खेती के अधीन लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबद्ध पूजा कलामंच के कलाकारों ने आज नालागढ़ विकास खंड की ग्राम पंचायत कुण्डलू तथा मलहैणी में उपस्थित जनसमूह को गीत-संगीत व नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से प्रदान की। कलाकारों ने बताया कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती में सोलन जिला के पांचों विकास खंडों में अब तक 4456 किसानों को किसान जागरूकता शिविरों के माध्यम से प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए जागरूक किया गया है। 2742 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है तथा इसे जिले का 93.34 हैक्टेयर क्षेत्र प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया जा चुका है। लोगों को बताया गया कि प्राकृतिक खेती सोलन विकास खंड में 550, कंडाघाट विकास खंड में 500, धर्मपुर विकास खंड में 576, कुनिहार विकास खंड में 526 तथा नालागढ़ विकास खंड में 590 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। लोगों को बताया गया कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देसी गाय क्रय करने पर 25 हजार रुपये तथा गौशाला के लिए 80 हजार रुपये का उपदान प्रदान कर रही है। लोगों को बताया गया कि प्राकृतिक खेती सभी के लिए सुरक्षित है तथा इससे भूमि का उपजाऊपन भी बना रहता है। देसी गाय के गोबर एवं गौमूत्र से एक किसान प्राकृतिक खेती कर सकता है। देसी प्रजाति के गौवंश के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत, घनजीवामृत तथा जामन बीजामृत बनाया जाता है। इनका खेत में उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है। इस विधि से खेती करने वाले किसान को बाजार से किसी प्रकार की खाद और कीटनाशक रसायन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। कलाकारों ने बताया कि सरकार किसान हित को ध्यान में रखकर अनेक कृषक हितैषी योजनाएं कार्यान्वित कर रही है। लोगों को बताया गया कि प्रदेश सरकार किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर 03 लाख रुपये तथा पावर टिल्लर के लिए 25 हजार रुपये का उपदान प्रदान कर रही है। कलाकारों ने बताया कि उद्यमियों को आकर्षित करने तथा उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए नई औद्योगिक निवेश नीति बनाई गई है। दस्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री दस्ताकर योजना के तहत परंपरागत दस्तकारों को 30 हजार रूपये तक के उपकरण या औजार खरीदने पर 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में 50 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कलाकारों ने समूह ‘गांव में विकास की धारा’ के माध्यम से महिला स्वरोजगार सहायता योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, सामाजिक सुरक्षा पैंशन योजना तथा बेटी है अनमोल योजना की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर ग्राम पंचायत कुण्डलू के प्रधान श्याम लाल, उप प्रधान ओम प्रकाश, वार्ड सदस्य श्याम लाल, अनीता, दसोदा, रेनु शर्मा, रोशन लाल, देशराज, निर्मला देवी, जगदीश चंद, मीना देवी, पंचायत सचिव गुरदयाल, ग्राम पंचायत मलहैणी की प्रधान राजकुमारी, उप प्रधान राजकुमार, वार्ड सदस्य राम किशन, रंजीत सिंह, रामकली सहित बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी उपस्थित थे।
