बिलासपुर शहर के इतिहास में दूसरी बार की जाएगी सतलुज नदी की आरती

सतलुज आरती के प्रभारी एवं दुर्गा माता मंदिर चंगर सेक्टर के पुजारी पंडित भरत डोगरा ने बताया कि व्यास ऋर्षि के नाम से प्रसिद्व बिलासपुर शहर के इतिहास में दूसरी बार सतलुज नदी की आरती की जाएगी। यह आरती 24 फरवरी सोमवार को सायं 3 बजे आयोजित की जाएगी। जिसमें जिला प्रशासन सहित अन्य कई संस्थाएं भाग लेने के लिए विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी। इस नई पहल को शुरू करने के लिए बिलासपुर की सामाजिक संस्था रेनबो स्टार क्लब व कहलूर विकास क्लब सेवा संस्थान एव लाड़ली फाउंडेशन ने यह बीड़ा उठाया है। रेनबो स्टार क्लब के संस्थापक एवं सतलुज आरती के समन्वयक ईशान अख्तर ने बताया कि मंडी व कुल्लू जिला की तर्ज पर बिलासपुर जिला में यह पहल शुरू करने की कवायद पिछले वर्ष आरंभ की थी क्योंकि बिलासपुर की गोबिंदसागर झील का नाम गुरू गोबिंद सिंह जी के नाम पर रखा गया था। इसी के चलते उन्होंने यहां की झील का पूजन करना शुरू किया है। उन्होंने बताया कि सदियों पहले भी राजाओं के समय बिलासपुर में सतलुज आरती होती रही थी, लेकिन समय बदलने के साथ ही यह रस्म पूरी तरह से लुप्त हो गई। लेकिन अब एक बार फिर से यह आरती नाले के नौण के समीप रंगनाथ मंदिरों के सामने आयोजित की जाएगी। आरती शुरू होने से पहले पौराणिक मंदिरों और गोबिंदसागर झील के लिए विशेष हवन किया जाएगा। यह हवन आरती शुरू होने से पहले आयोजित होगा। हवन के दौरान मुख्यातिथि भी शिरकत करेंगे। इसके बाद शहर के नव दुर्गा मंदिर चंगर सेक्टर के पुजारी पंडित भरत डोगरा हवन व आरती की जिम्मेदारी संभालेंगे। क्लब के प्रधान अजय कौशल ने बताया कि कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन तथा आयूषी इंस्टीच्यूट ऑफ फेशन डिजाइनिंग डियारा सेक्टर का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने जिला की सभी संस्था व स्थानीय लोगों से आग्रह किया है कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बढ़-चढ़ कर भाग लें। सतलुज आरती के प्रभारी एवं दुर्गा माता मंदिर चंगर सेक्टर के पुजारी पंडित भरत डोगरा ने बताया कि इस सतलुज आरती में विशेष रूप से सभी धर्मों के लोग हिंदू मुस्लिम एक साथ सतलुज की आरती करेंगे। जिससे हिमाचल के बिलासपुर जिले से आपसी हिंदू मुस्लिम भाईचारे का संदेश पूरे संसार में दिया जाएगा।