नौणी विवि में बीएसआई के हाई एल्टीट्यूड रीजनल सेंटर का उद्घाटन
भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव सी के मिश्रा ने डॉ वाई एस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) के हाई एल्टीट्यूड वेस्टर्न हिमालयन रीजनल सेंटर का उद्घाटन किया। अपने सम्बोधन में सीके मिश्रा ने कहा कि भारत में विविध वनस्पतियां और जीव मौजूद हैं और इस क्षेत्र की ओर महत्वपूर्ण ध्यान देना की जरूरत है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए वैज्ञानिक डेटा संग्रह और उसे पारित करना महत्वपूर्ण है। उन्होनें रीजनल सेंटर की स्थापना पर ज़ोर दिया और कहा कि विश्वविद्यालय में इस केंद्र की स्थापना से ज्ञान इकट्ठा करने और इसके प्रसार करने की क्षमता में काफी वृद्धि होगी। वन संरक्षण के विषय पर बोलते हुए, उन्होने कहा कि भारत ने जंगलों के संरक्षण में अच्छा काम किया है और पिछले पांच वर्षों में वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। इसके लिए उन्होनें जंगलों में रहने वाले लोगों और विभाग के कर्मचारियों की सराहना की। सीके मिश्रा ने नौणी विवि जैसे उत्कृष्टता संस्थानों के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है। कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने विश्वविद्यालय परिसर में केंद्र की स्थापना के लिए पर्यावरण मंत्रालय और बीएसआई को धन्यवाद दिया और कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में यह क्षण एक नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने बागवानी, वानिकी और संबद्ध क्षेत्रों में शीर्ष वैज्ञानिकों, प्रशासकों, प्रबंधकों का तैयार किया है जिन्होंने अपने अपने क्षेत्रों के विकास में योगदान दिया है। बीएसआई के निदेशक डॉ एए माओ ने केंद्र की स्थापना के समर्थन में विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा विकसित की जाने वाली सुविधाओं का शोधकर्ताओं, छात्रों और इस क्षेत्र से जुड़े अन्य विभागों द्वारा उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया। दूरदराज के क्षेत्रों में जंगली पौधों की उचित पहचान के महत्व पर बोलते हुए हिमाचल प्रदेश की पीसीसीएफ (वन्यजीव) डॉ सविता ने कहा कि राज्य की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पौध विविधता से स्थानीय आबादी की आजीविका बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इस अवसर पर जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक डॉ कैलाश चंद्र ने भी सभा को संबोधित किया। सेंटर के वैज्ञानिक प्रभारी डॉ कुमार अंबरीश ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और केंद्र के उद्देश्यों और कार्यों के बारे में जानकारी दी। विश्वविद्यालय में केंद्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पर्यावरण मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ संदीप चौहान के प्रयासों की भी सराहना की गई। बीएसआई की विवरणिका का भी इस मौके पर विमोचन किया गया। निदेशक अनुसंधान डॉ जेएन शर्मा, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ राकेश गुप्ता, डीन डॉ कुलवंत राय और डॉ एमएल भारद्वाज, डॉ पीके खोसला, कुलपति शूलिनी विश्वविद्यालय, डॉ केएस डोगरा, वैज्ञानिक-डी, विश्वविद्यालय के अधिकारी और वैज्ञानिक, बीएसआई और ज़ेडएसआई के वैज्ञानिकों ने इस आयोजन में भाग लिया।
