मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली किसान व बागवान विरोधी : तेजस्वी शर्मा
हिमाचल प्रदेश लघु किसान मंच के राज्य उपाध्यक्ष एवम जिला बिलासपुर अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता तेजस्वी शर्मा ने कड़े शब्दों में कहा कि मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली किसान व बागवान विरोधी है। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ वर्ष पहले हि प्र। राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव से चुने जा चुके हैं परंतु आज तक सरकार अध्यक्ष एवम निदेशक मंडल का फैसला नहीं कर पाई जिससे इस बैंक की प्रगति खतरे में आ गई है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जल्द से जल्द निदेशक मंडल घोषित किया जाए अन्यथा प्रदेश के दो लाख से अधिक किसानों व बागवानों पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है क्योंकि निदेशक मंडल क्रियावान न होने से कोई भी हितकारी नीतिगत फैसला नही हो पा रहा। यह बैंक प्रदेश का सबसे पुराना सहकार बैंक है और पिछली सरकार के कार्यकाल में अध्यक्ष एवम निदेशक मंडल के अथक प्रयासों से मात्र 5 वर्षों के कार्यकाल में यह सहकार बैंक मुनाफे में आ गया था और 9 जिलों के हजारों किसान व बागवान इससे लाभान्वित हो रहे थे। लेकिन मौजूदा स्थिति मे कार्यकारिणी न होने से जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया व सहकार प्रणाली को सरकार ने अनदेखा कर लाखों किसानों के हितों को अनदेखा किया है वहीं नियमो के विपरीत इतने लंबे समय तक सहकार बैंक को सरकारी अफसरों के हवाले छोडना किसानों, बागवानों व चुने गए सदस्यों से सरेआम अन्याय है व सरकार की कार्यप्रणाली सन्देह के घेरे में आती है तथा कैबनेट की निर्णय क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है जो आम जनमानस के लिए घातक होता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड गठन के अभाव में सरकारी तंत्र सहकार पर हावी हो कर मनमाने फैसले लेने की स्थिति मे आ गया है जिससे इस बैंक के अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है। सैंकड़ो बैंक कर्मियों का भविष्य भी दांव पर है और सरकार की छवि किसानों व बागवान में धूमिल हो रही है। तेजस्वी शर्मा ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रदेश के सबसे पुराने राजकीय बैंक के मुखिया होने के नाते निदेशक मण्डल का शीघ्र अति शीघ्र गठन किया जाए ताकि प्रदेश की जनता अपने बैंकों से लेनदेन करने से मुख न मोड़ें अन्यथा आगामी वर्षों में जनता राजकीय बैंकों से मुख मोड़ने के लिए बाध्य होगी जिससे स्वाभाविक तौर पर हिमाचल को भारी राजस्व हानि होने की आशंका है।
