कोरोना के रोग से बचाएगा योग!
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा है कि पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस, कोविड-19 से खतरे से बचने के लिए योग व प्राणायाम बेहतरीन माध्यम है। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस का अभी तक कोई उपचार उपलब्ध नहीं है लेकिन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इसके खतरे से बचा जा सकता है। डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद में वर्णित ऋतुचर्या एवं दिनचर्या का पालन करके, पौष्टिक व संतुलित आहार व विहार करके इस वायरस से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जंक फूड, बर्गर, पिजा, चॉकलेट, चिप्स, कुरकुरे इत्यादि का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि च्यवनप्राश, अश्वगन्धा चूर्ण, श्तावरी चूर्ण एवं वासावलेह के प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कफ के लक्षण होने पर काली मिर्च के चूर्ण का शहद के साथ सेवन करें। बसंत ऋतु शुरू हो गई है मीठा एवं खट्टे पदार्थों का सेवन न करें। नीम के पत्तों का सेवन करें। मूंग व मसूर का अधिक सेवन करें। पुराना अनाज एवं भुना हुआ अनाज खाएं। शहद का सेवन करें। व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय, नीम, अदरक व कालीमिर्च के काढ़े का सेवन कर सकते हैं। जिला आयुर्वेदिक आधिकारी ने कहा कि एलोवेरा जेल, डिस्टिल्ड वाटर, लौन्ग का तेल, लेवेंडर का तेल, विटामिन-ई को 10-15 मिनट किसी बर्तन में रखने से घरेलू सेनेटाइजर तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा समुद्री नमक, डिस्टिल्ड वाटर, दालचीनी का तेल, सफेदे का तेल एवं नीम्बू को एक बोतल में डालकर घरेलू सेनेटाइजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शारीरिक व्यायाम, योग एवं प्राणायाम नियमित रूप से करने पर शरीर को हृष्ट-पुष्ट रखा जा सकता है। भस्त्रिका प्राणायाम, कपालभाति, अनुलोम-विलोम एवं भ्रामरी प्राणायाम का नियमित रूप से करते रहे। मकरासन, भुजंगासन, शलयासन, उतानपाद आसन, पवन मुक्तासन, ताड़ आसन का अभ्यास करें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का लक्षण होने पर नजदीकी आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा चिकित्सालय से संपर्क करें।
