हिमाचल के इन दो कॉलिजों में होगा कोरोना वायरस का परिक्षण
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने नोबल कोरोना वायरस-19 की गंभीरता को देखते हुए इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रबंधों के बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों तथा अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ अवश्य बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य विभागों को कोरोना वायरस की रोकथाम तथा इसे आमजन को जागरूक करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के साथ कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर सावधानियां उठाएं और समय-समय पर सरकार द्वारा जारी एडवाईजरी का पालन करे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूर्ण रूप से पूरी सजगता एवं सर्तकता के साथ तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में लोगों को फ्लैक्स, हैडविल, होर्डिंग, पंफलेट केबल, एसएमएस के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने पंचायत अधिकारी को निर्देश दिए की वह पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से तथा महिला एवं बाल विकास, आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायाकों के माध्यम से कोरोना वायरस-19 से सम्बन्धित सावधानियां बरतनें के बारे में जागरूकता, प्रचार सामग्री, पंफलेट इत्यादि वितरित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आपदा रक्षक भी कोरोना वायरस-19 के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। उन्होंने समस्त एसडीएम को भी निर्देश दिए की वे कोरोना, डेंगू, स्वाईन फ्लू के बारे में नियमित रूप से समीक्षा बैठक करें। उन्होंने बताया कि जिला में स्वाईन फ्लू का कोई भी मामला दर्ज नहीं है।उन्होंने बताया कि स्वाईन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है, पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध है। उन्होंने सम्बन्धित विभाग को निर्देश दिए की डेंगू से निपटने के लिए शीघ्र ही फोगिंग का कार्य शुरू करें। उन्होंने कहा कि आगामी श्री नैना देवी जी में नवारात्री मेलों तथ तलाई मेलों के दौरान मंदिरों तथा अन्य धार्मिक स्थलों कोरोना के संक्रमण के खतरे को बढ़ते को देखते हुए सावधानी बरतनें की जरूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके इसके लिए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी एडवाईजरी का अनुपालन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आमजन अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझे और कार्य करें। उन्होंने आमजन से आग्रह किया कि कम से कम यात्रा करें तथा भीड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि बिलासपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग, ऐहतिआत बरतते हुए पूरे सुरक्षा कदम उठा रहा है और मरीजों को जल्द उपचार व अन्य सुविधाएं देने के लिए तत्पर है। उन्होंने बताया कि जिला के अस्पतालों में सर्दी, जुखाम के मरीजों को सर्वप्रथम देखा जा रहा है। ऐसे मरीजों को अस्पताल में जांच व उपचार की सुविधा जल्द करवाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐहतिआत के तौर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी के तहत यह निर्देश सभी को जारी किए हैं और इसी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में भी इस वायरस के मामले बढ रहे हैं। उन्होंन कहा कि विभाग द्वारा 12 फरवरी के बाद चीन व अन्य देशों से भारत आने वाले ऐसे पर्यटकों तथा भारत के नागरिकों की काउंसलिंग भी की जा रही है। इसके अलावा जिनमें वायरस के लक्षण पाए जाएंगे उन्हें आइसोलशन फैसिलिटी में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि बुखार, खांसी एवं सांस लेने में तकलीफ यदि किसी भी व्यक्ति को है तो उनका नजदीकी अस्पतालों में प्राथमिकता के आधार पर इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संबंध में कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल करके जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के 14 लोग चीन व दूसरे देशों से आए थे वे सभी स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में थे, 28 दिन की निगरानी पूरी हो गई और वो पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं बल्कि सावधानी अपनाएं व सही जानकारी रखें। उन्होंने बताया कि जिले में रैपिड रिंसपौंस टीमें जिला स्तर व खण्ड स्तर पर बना दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने टांडा मैडिकल कालेज व आई० जी० एम० सी० दो स्थानों पर परीक्षण करने की सुविधा कर रखी है, और मरीजों की आईसोलेशन के लिए 50-50 बिस्तर का प्रबन्ध तीन स्थानों पर जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान परिमहल, जिला कांगड़ा में प्रशिक्षण संस्थान छेव व मैडिकल कालेज नेरचैक में किया है। उन्होने बताया कि कोरोना वाइरस अब विश्व महामारी का रुप ले चुका है इसलिए सरकार ने स्कूल, कालेज, प्रशिक्षण संस्थान, थियेटर आदि बंद करने का निर्णय लिया है ताकि इसके नियंत्रण में मदद मिल सके। उन्होंने जानकारी दी कि जो लोग इस बीमारी के सदर्भ में अपना सहयोग नहीं करेंगे उनको सजा का प्रावधान धारा 133 के तहत किया गया हैं। इस अवसर पर एस० डी० एम० सदर रामेश्वर, घुमारवीं शशिपाल शर्मा व श्री नैनादेवी जी सुभाष गौतम के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
