घुमारवीं के विधायक अपनी संकुचित सोच के लिए जनता से क्षमा मांगे : राजेश धर्माणी
कांग्रेस सरकार के समय घुमारवीं विधान सभा क्षेत्र के साथ सदर विधान सभा क्षेत्र की कुठेड़ा के साथ सटी 6 ग्राम पंचायतों की पेय जल आपूर्ती के लिए ब्यास नदी से 150 करोड़ रू की बृहद योजना स्वीकृत हुई थी जिसे वर्तमान सरकार ने रद्द कर दिया है। यह बात घुमारवीं के पूर्व विधायक सीपीएस एवं सचिव, ए आई सी सी राजेश धर्माणी ने पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि इसे वर्तमान विधायक की नालायकी कहा जा सकता है और इसी नालायकी के चलते उन्हें आम जनता से माफी मांगनी चाहिए। वर्तमान विधायक ने सतलुज नदी से मात्र 53 ड़ रूपये की एक छोटी योजना स्वीकृत करवाई है जिसमे सारा क्षेत्र लाभावंवित नहीं हो पाएगा। अपनी राजनीति के लिए लोगों के हितों से खिलवाड़ करना संकीर्ण सोच का परिचायक है। धर्माणी ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में विधायक प्राथमिकता में जो योजना डाली थी उसमें सतलुज या ब्यास नदी से योजना बनाने के लिए लिखा था। विभाग ने दोनों नदियों से योजना बनाने का तुलनात्मक अध्ययन किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ब्यास नदी से बेहतर योजना बनाई जा सकेगी क्योंकि वहां पर बेहतर गुणवत्ता पेय जल प्रदान कर रही परकोलेशन वैल आधारित एक बड़ी योजना हमीरपुर जिले के बमसन क्षेत्र के लिए सफलतापूर्वक चल रही है। इसकी डीपीआर तैयार की जिसे प्रदेश सरकार ने मंजूर कर भारत सरकार को वित पोषण के लिए भेजा लेकिन भारत सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय से चल रही एन आर डीडब्ल्यू पी (अब इसका नाम जल शक्ति मिशन रखा) योजना में रोक लगा दी और यह केस वापिस भेज दिया। हलान्कि तकनीकि सीक्रिति प्रदान कर दी। राज्य सरकार ने अंतराष्ट्रीय वित एजेन्सी से लोन लेकर बनाने की इजाजत लेने के लिए दोबारा भारत सरकार को भेजा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं केन्द्रीय अधिकारियों से भी मिले। भारत सरकार की कैबिनेट सब कमेटी ऑन एक्नोमिक अफेयर्ज ने भी एक्सटर्नल एजेन्सी से लोन लेने की इजाजत दे दी थी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने लोन लेने के लिए 'ब्रिक्स बैंक' और 'जिका' में एप्प्लाई किया था और इसकी स्वीक्रिति का इंतजार था लेकिन सरकार बदलने के बाद सरकार ने इस योजना ने इस योजना का 'आकार, स्वरूप और स्थान' भी बदल दिया। विभाग ने जो 2-3 साल इस योजना को सिरे चढ़ाने के प्रयत्न किये थे वो घटिया रजनीति सोच के कारण सब व्यर्थ चले गए।
