अखिल भरतीय विद्यार्थी परिषद ने शिक्षा मंत्री के निर्णय का किया स्वागत
बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद काफी लंबे समय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायत्ता को बहाल करने की माँग उठा रही है। ज्ञात रहे कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायत्ता पर विश्वविद्यालय के अधिनियम 1970 के अनुच्छेद 21 व 28 में वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार द्वारा संशोधन किया गया था। उक्त अधिनियम में संशोधन कर के प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद जो कि विश्वविद्यालय की सर्वोच्च कार्यकारी एवं निर्णायक संस्था है, एवं कुलपति की शक्तियों को कम करने का प्रयास किया गया है। इसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय प्रशासन समय पर अपनी आवश्यकता अनुसार निर्णय नहीं ले पाता है। इस संशोधन की वजह से विश्वविद्यालय के कई विकासशील कार्यों में बाधा उत्पन हो रही है।
अनुच्छेद 28(1) के अंतर्गत विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं गैर शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के पदों का सृजन व पदों की भर्तियां, पदोन्नति नियमों का निर्माण एवं संशोधन इत्यादि सर्वप्रथम प्रदेश सरकार की वित्त समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित है। उसके पश्चात वह प्रस्ताव कार्यकारिणी परिषद में विचारार्थ/ अनुमोदनार्थ हेतु प्रस्तुत किया जाता है जिस वजह से विश्वविद्यालय में विकासशील कार्य करने में बहुत समय लगता है। इस माँग को लेकर विद्यार्थी परिषद ने शिक्षा मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा था। आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने उक्त संशोधन को विधानसभा सत्र में वापिस लेने की बात कही। अखिल भरतीय विद्यार्थी परिषद शिक्षा मंत्री के इस निर्णय का स्वागत करती है।