मनमानी फ़ीस पर अभिभावक मंच हुआ लाल
निजी स्कूलों की मनमानी लूट, भारी फीसों, फीस वृद्धि पर रोक लगाने, टयूशन फीस कुल फीस का पचास प्रतिशत से अधिक न हो व केवल टयूशन फीस वसूली को लेकर छात्र अभिभावक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, मंच की सरस्वती पैराडाइज स्कूल संजौली इकाई के संयोजक विवेक कश्यप, मीनाक्षी, लक्ष्मी, पूनम, लायक राम, आज़ाद कुमार, नीरज कश्यप, सरोज झालटा, महेंद्र, प्रताप नेगी, राजीव मोकटा, भावना, योगेंद्र चन्देल, अनु, रजनी, मंजू, कुलदीप, बलबीर पराशर, बाबू राम, किशोरी ढटवालिया, कपिल शर्मा, बालक राम, हिमी देवी, रामप्रकाश, अमित, रमन, पवन, अनिल, गौरव, ओमप्रकाश आदि शामिल रहे।
प्रदर्शन के दौरान ही उच्चतर शिक्षा निदेशक अपने कार्यालय पहुंचे जहां पर अभिभावकों ने शिक्षा निदेशालय के प्रांगण में ही शिक्षा निदेशक को रोक लिया व प्रदर्शन के बीचोंबीच ही ज्ञापन सौंपा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निदेशक के समक्ष मांगें रखीं जिसके बाद निदेशक ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए निजी स्कूलों की मनमानी, लूट व प्रदेश सरकार के केवल टयूशन फीस लेने के आदेश की अवहेलना के खिलाफ़ व प्ले वे स्कूलों द्वारा गैर कानूनी तरीके से वसूली जा रही सभी तरह की फीस पर रोक लगाने व स्कूल प्रबंधनों पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से केवल टयूशन फीस वसूली के आदेश को लागू करने की मांग की है व सभी तरह के चार्जेज पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि सभी स्कूल अपनी फीस बुकलेट जारी करें। उन्होंने मांग की है कि सभी स्कूलों की मदवार फीस का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने सरस्वती पैराडाइज़ इंटरनेशनल स्कूल संजौली के प्रबंधन की तानाशाही व भारी लूट पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने प्ले वे स्कूलों की फीस को पूरी तरह माफ करने की मांग की है क्योंकि कोरोना के कारण प्ले वे स्कूलों में बच्चे एक भी दिन स्कूल नहीं गए। प्ले वे स्कूलों में कोई पढाई भी नहीं होती है इसलिए टयूशन फीस का कोई तुक नहीं बनता है। उन्होंने प्रदेश सरकार,निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा को चेताया है कि वर्ष 2019 की तर्ज़ पर केवल टयूशन फीस लेने के निर्णय को अगर अक्षरशः लागू न किया गया, टयूशन फीस तिमाही के बजाए हर महीने के आधार पर न वसूली गयी, सभी तरह के चार्जेज को माफ व सम्माहित न किया गया, टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ न किया गया व प्ले वे स्कूलों की फीस को पूरी तरह माफ न किया गया तो आंदोलन तेज होगा।
विजेंद्र मेहरा व विवेक कश्यप ने कहा है कि निजी स्कूल प्रबंधन ज़्यादा वसूली गई फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस बढ़ी हुई फीस को वापिस लौटा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल वर्ष 2019 के बजाए वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह टयूशन फीस वसूल रहे हैं। इन स्कूलों ने पिछले वर्ष टयूशन फीस, एनुअल चार्ज, एडमिशन फीस, कम्प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम चार्ज, स्पोर्ट्स चार्ज, केयरज़ फंड, मिसलेनियस फंड, बिल्डिंग फंड,डेवेलपमेंट फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस के रूप में विभिन्न मदों में ली गयी फीस को इस वर्ष केवल टयूशन फीस में सम्माहित कर दिया है व पिछले वर्ष की तुलना में टयूशन फीस को चार से पांच गुणा बढ़ाकर अभिभावकों पर कोरोना काल की तिमाही में ही दस से पन्द्रह हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ लाद दिया है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे निजी स्कूलों ने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए अन्य चार्जेज को हटाकर 90 से 100 प्रतिशत फीस टयूशन फीस के नाम पर ही फीस बुकलेट में दर्शा दी है। अतः इन की टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ किया जाए व उसी आधार पर अभिभावकों से फीस वसूली जाए। टयूशन फीस किसी भी रूप में कुल फीस के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं वसूली जानी चाहिए। इसके लिए पूरा मैकेनिज़्म तैयार किया जाना चाहिए।