टूरिसम इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन सरकार द्वारा पर्यटकों के हिमाचल आने के लिए बनाए गए नियमों को सरल बनाने का किया स्वागत
टूरिसम इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन सरकार द्वारा पर्यटकों के हिमाचल में आने के लिए बनाए गए नियमों को सरल बनाने का स्वागत करती है। इस सरलीकरण से आने वाले समय मे हिमाचल की ओर पर्यटकों के कदम बढ़ेंगे इसकी उम्मीद की जा सकती है। इस सरलीकरण के लिये हम माननीय मुख्यमंत्री श्री जी राम ठाकुर जी का धन्यवाद करते है। Covid 19 के बाद जब से कुछ होटल खुले थे तब से कड़े नियमों के कारण पर्यटक हिमाचल में आने में रुचि नही दिखा रहे थे।हमे पूरी उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटन पटड़ी पर लौटेगा। यदि इस नए नियमो में यदि आगे कोई और संशोध्न की आवश्यकता होगी तो हम आने वाले अनलॉक से पहले सरकार के समक्ष उन समस्याओं को दूर करने का पुनः अग्रये करेंगे ताकि लगभग 6 महीने से बंद पर्यटन कारोबार को दुबारा से पटरी पर लाया जा सके। हमने सरकार से आग्रह किया है कि आने वाले समय मे सरकार को कई प्रकार के नियमो में ढील देने की तथा पर्यटन उधमियों को राहत देने की आवश्यकता है । रेस्टोरेंट्स,फ़ास्ट फ़ूड ,बेकरी तथा अन्य फ़ूड आउटलेट्स को सप्तह के सातों दिन रात को 10.30 बजे तक खोलने की व्यवस्था को बहाल किया जाना चाहिए, bars को पुनः खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए ।
सरकार द्वारा पर्यटन इकाइयों को जो सॉफ्ट लोन की व्यवस्ता का जो प्रावधान किया गया है उसमें जो शर्ते रखी गई है उनके कारण किसी भी पर्यटन इकाई को इसका लाभ नही मिल पाया है। हमने सरकार से अग्रये किया है कि सभी होटल इकाइयों को 15 लाख तक का ऋण बिना कोलेट्रॉल सिक्योरिटी के दिया जाय तथा उसमें gst के मानक को हटाया जाय तथा सभी इकाइयों को इसका लाभ दिया जाए ताकि पर्यटन इकाइयाँ फिक्स्ड खर्चो का भुगतान आसानी से कर सके क्योंकि अभी पर्यटन व्यवसाय को ब्रेक इवन पर लाने के लिए काम से कम 6 महीने का समय लगेगा।इसी तरह जिन इकाइयों की मार्च महीने से पहले दो महीने की किश्ते दय थी जिसका भुगतान नही हुआ था उन्हें भी इस ऋण का लाभ दिया जाए क्यूंकि पर्यटन सीजनल इंडस्ट्री है तथा ज्यादातर लोन की किश्तें सीजन के दौरान ही अदा की जाती हैं परंतु इस बार सीजन शुरू होने से पहले ही लॉक डाउन हो गया था।हमे उमीद है कि सरकार जल्द ही हमे राहत देगी ताकि पर्यटन उद्योग को बचाया जा सके। हम सरकार से यह भी अग्रये करेंगें की इन नियमों की FM रेडियो,सोशल मीडिया तथा अन्य प्रिंट अव इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जे माध्यम से पब्लिसिटी दूसरे राज्यों में की जाए ताकि पर्यटकों को इन नियमोंकी जानकारी मिल सके।