ओमान से लौटा इंजीनियर 4 घंटे तक करता रहा इंतज़ार, नहीं आई कोई एम्बुलेंस
जिला बिलासपुर में कोरोना वायरस से निपटने के स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के तमाम दावों की पोल खुल गई है। घुमारवीं उपमंडल की मोरसिंघी पंचायत क्षेत्र में पिछले 48 घंटे से खुद को कोरोना वायरस का संदिग्ध बता रहे ओमान से लौटे एक इंजीनियर की अब तक जांच नहीं की गई है। उक्त शख्स जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अपना चेकअप करवाने के लिए स्वेच्छा से कह रहा है, लेकिन न तो स्वास्थ्य विभाग और न ही जिला प्रशासन या पुलिस की ओर से उन्हें अब तक जिला अस्पताल पहुंचाया गया है। हालात ऐसे हैं कि पिछले कल शाम को करीब 4 घंटे यह इंजीनियर सड़क पर एंबुलेंस का इंतजार करता रहा लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं भेजी। पिछली रात से लेकर अब तक इन इंजीनियर और इनके परिवार के लोग स्वास्थ्य विभाग को तमाम नंबरों पर फोन करके एंबुलेंस भेजने के लिए कह रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।
ओमान से लौटे इंजीनियर ने बताया वह 8 मार्च को अपने गांव मसधान पहुंचे थे। जब वह लौटे थे तब दिल्ली रिपोर्ट पर उनकी जांच हुई थी, तब उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्हें जुकाम और बुखार आदि है, इस कारण वह सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कुठेड़ा में भी जांच करवा चुके हैं। लेकिन इस दौरान वह पिछले 10 दिनों से अपने अलग-अलग रिश्तेदारों में हर गांव में शादियों में धाम भी खा चुके हैं और शिरकत कर चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि अब तक कोरोना वायरस के मामले में टेस्ट आदि के लिए तथा दूसरी जानकारियां जुटाने के लिए तय किए गए 104 नंबर पर भी वह लगातार फोन कर रहे हैं लेकिन उन्हें जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार नहीं है। उपायुक्त बिलासपुर राजेश्वर गोयल का कहना है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
