आज़ादी के बाद देश मे पहली बार भारत केंद्रित शिक्षा नीति : ABVP
केबिनेट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। 1990 के बाद तकनीक का इस्तेमाल काफी तेजी से वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा था और शिक्षा जगत में भी तकनीक का अनिवार्य होना बड़ा आवश्यक हो गया था जो कि नई राष्ट्रीय शिक्षा समिति में तकनीक की सहायता से शिक्षा पर जोर देने की बात आई है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू करने के फैसले का स्वागत किया है। परिषद की ओर से कहा गया है कि यह नीति आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारत के सम्मानित नागरिक शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर शिक्षा तक बदलाव का इंतजार कर रहे थे। राष्ट्र ने शिक्षा को ज्ञान आधारित, रोजगारोन्मुखी, प्रौद्योगिकी-उन्मुख बनाने के लिए सुधार किए हैं और लंबे समय तक सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आम भारतीय की आकांक्षाओं के अनुरूप होगी।
भारत लंबे समय से सुधार की प्रतिक्षा कर रहा था
एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा की राष्ट्र ने एक ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता महसूस की है, जो भारतीय मूल्यों के अनुरूप हो और वैश्विक मानकों पर आधारित हो। भारत लंबे समय से जिन सुधारों की प्रतीक्षा कर रहा है, उन पर सरकार द्वारा ध्यान दिया गया है। हमें उम्मीद है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और इसके द्वारा लाए गए सुधारों से भारतीय छात्र बिरादरी को मदद मिलेगी, जिसमें करोड़ों छात्र शामिल होंगे, अपने सपनों को साकार करेंगे। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये सुधार हों। बिना किसी देरी के धरातल पर लागू किया गया। हम भारत सरकार और समिति के प्रत्येक सदस्य के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की दिशा में अथक प्रयास किया।