"स्पोर्ट्स एंड कल्चरल" कोटा पुन: लागू करे विभाग : ABVP
24 जुलाई से प्रदेश की शिक्षा में ज्वलंत मुद्दे के रूप में हर छात्र और हर युवा में ट्रेंड कर रहे स्पोर्ट्स एंड कल्चरल कोटा को फिर से लागू करने के लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला में कार्यालय के बाहर शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया। प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में 26 जुलाई से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसमे सरकार और शिक्षा विभाग ने "स्पोर्ट्स एंड कल्चरल" कोटा को खत्म कर युवाओं के साथ खिलवाड़ किया है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस निर्णय का कड़े शब्दों में निंदा करती है इस दौरान विशाल वर्मा ने छात्रों और मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व के सभी देश खेल को बढ़ावा देने का काम कर रहे है और भारत सरकार भी खेल के क्षेत्र ने नए आयाम और प्रतिदिन नए प्रयोग कर रही हैं ताकि विश्व में खेल के क्षेत्र के देश का नाम रोशन हो सके और युवाओं का सर्वांगीण विकास हो सके। वर्तमान में टोक्यो ओलंपिक में विश्व के सामने भारत देश का नाम रोशन कर रहे हिमाचल प्रदेश के भी युवा है जो सभी प्रदेशवासी के लिए गर्व का विषय है, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे समय में खेल को और अधिक बढ़ावा देने के बजाय शिक्षा क्षेत्र में स्पोर्ट्स एंड कल्चरल कोटा को खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण है और प्रदेश के हजारों खिलाड़ी इस निर्णय से हताश है।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में प्रवेश 26 जुलाई से चल रहे है और यह कोटा फिर से लागू होना इस दौरान आवश्यक है ताकि किसी भी खिलाड़ी को शिक्षा या खेल से दूर न रहना पड़े। उन्होंने कहा की ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से विभाग द्वारा दाखिले देने का फरमान दिया गया है। जिस कारण अधिकांश क्षेत्रों में छात्रों को बरसात के दौरान घर दूर पहुंचकर कैफे में फॉर्म भरना पड़ता है, लेकिन दूर कैफे में पहुंचने के बावजूद भी ऑनलाइन दाखिले की वेबसाइट में आ रही अनियमितताओं के कारण छात्रों को एडमिशन लिए बिना ही हताश होना पड़ रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि ऑनलाइन व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए और साथ में प्रत्यक्ष तौर पर भी दाखिले का माध्यम सुनिश्चित किया जाए और 3 दिन के अंदर महाविद्यालय के दाखिले में "स्पोर्ट्स एंड कल्चरल" कोटा को पुन: लागू किया जाए अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आने वाले समय के उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी।