आज अंतिम सूर्य ग्रहण, जानें कितने बजे शुरू होगा, नवरात्रि व श्राद्ध कार्य पर क्या असर होंगें

इस साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आज रविवार को लगने जा रहा है। ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य को करना मना होता है। सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और हर साल लगता है। आपको बता दें कि इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है। अमावस्या के दिन लोग स्नान-दान करते हैं और साथ ही अपने पितरों के लिए श्राद्ध करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे पितृ दोष मिट जाता है और साथ ही जीवन में खुशियां बनी रहती है। लेकिन इस बार अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने के कारण पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध किस तरह से किया जाएगा, इसके बारे में लोगों के मन में बहुत सी आशंकाएं है।
सूर्य ग्रहण का समय
भारत में सूर्य ग्रहण आज 21 सितंबर को रात 11 बजे शुरू होकर 22 सितंबर सुबह 3:23 बजे तक चलेगा। यह ग्रहण 4 घंटे 24 मिनट तक चलेगा।
इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल क्या मान्य होगा
शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल के समय कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं किया जाता है। सूतक काल में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिया जाता है। लेकिन 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
नवरात्रि व श्राद्ध कार्य नहीं होंगे बाधित
ज्योतिष के मुताबिक, जिस जगह पर सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देता है, वहां पर सूतक की मान्यताएं जो है वह लागू नहीं होती हैं। देश के किसी भी हिस्से में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस कारण से सूर्य ग्रहण का असर भारत में नहीं होगा। इस वजह से नवरात्रि और श्राद्ध कार्य बिना किसी रुकावट के ही बेझिझक किए जा सकेंगें।