सोलन अस्पताल में फोटो ओर वीडियो बनाने पर प्रतिबंध
आशीष आजाद। सोलन
सोलन अस्पताल में वीडियो ओर फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाकायदा अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल में इसके बड़े बोर्ड चिपका दिए हैं। जिसमें साफ तौर पर अस्पताल में किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी और वीडियो बनाने की मनाई है। इस पर शहर में लोगों की कई तरह प्रतिकियाएं देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों की मानें तो सोलन अस्पताल में कई बार सोशल प्लेटफॉर्म पर लोग अवस्थाओं का आलम या अन्य समस्याओं को लोगों के सामने उजागर कर देते हैं। डॉक्टरों पर शराब के नशे ओर मरीज के साथ बदसलूकी करने के आरोप सोशल प्लेटफॉर्म पर कई बार वायरल हुए हैं। अस्पताल प्रबंधन इससे नाखुश रहा है। यही वजह है की प्रबंधन ने अपने स्तर पर तुगलकी फरमान जारी करते हुए अस्पताल में किसी भी प्रकार की फोटो और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में अब किसी भी प्रकार की फोटो और वीडियो अस्पताल में मरीज और तीमारदार नहीं बना पाएंगे। हालाकि सरकार और विभाग की ओर से ऐसी कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि आखिर अस्पताल प्रबंधन ने किस आधार पर ऐसे फरमान जारी कर दिए।
आखिर प्रतिबंध क्यों?
अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कई लोग अस्पताल में बेवजह घूमते रहते हैं और अस्पताल की वीडियो बनाकर सोशल प्लेटफॉर्म पर डाल देते हैं। इतना ही नहीं कई बार यह लोग डॉक्टर की ओपीडी में भी आकर वीडियो बनाना शुरू करते है। प्रबंधन को लगता है कि इससे सरकारी कार्य में बाधा पैदा होती है। इसके चलते इस प्रकार का निर्णय लिया गया है।
वीडियो बनाने से अस्पताल रहा है सुर्खियों में
क्षेत्रीय अस्पताल कई बार वीडियो बनाने को लेकर विवादों में रहा है। अस्पताल में कई बार मरीज तो कई बार तीमारदारों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाली गई है। हाल ही में एक बच्चे का उपचार करने जब देर रात एमरजेंसी में एक डॉक्टर पहुंचा, तो वह शराब के नशे में पाया गया। जिसकी वीडियो थी खूब वायरल हुई। वहीं, इससे कुछ दिन पहले एक डॉक्टर ने युवती को थप्पड़ जड़ दिया। यह मामला भी उस समय सोशल मीडिया पर खूब चला।
बोर्ड पर लिखी गई धारा पर भी बना सवाल
अस्पताल में लगे बड़े बोर्ड में आईपीसी 180 के तहत कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। जबकि इस धारा में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है जिसके तहत अस्पताल में फोटो और वीडियोग्राफी करने पर रोक लगाई जा सके। कानून विशेषज्ञ के अनुसार बोर्ड पर धारा गलत लिखी गई है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा लगाए गए इन बोर्डो पर शहर में खासी चर्चा शुरू हो गई है।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री
सरकार ने प्रदेश के किसी भी अस्पताल को इस तरह के बोर्ड लगाने के कोई निर्देश जारी नहीं किए है। फिलहाल मामला मेरी नॉलेज में नहीं आया है। यदि ऐसा है, तो इसकी जांच की जाएगी।