वाइसराय लॉर्ड एल्गिन चाहते थे धर्मशाला को हिंदुस्तान की राजधानी बनाना

2 मार्च 2017 को प्रदेश की वीरभद्र सरकार ने धर्मशाला को हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने का फैसला लिया। पर धर्मशाला को राजधानी का दर्जा देने की कवायद नई नहीं थी। दरअसल इसकी शुरुआत करीब डेढ़ सौ साल पहले हो गई थी। ब्रिटिश शासनकाल में 1863 में वाइसराय और गवर्नर जनरल लॉर्ड एल्गिन धर्मशाला आए थे और उन्होंने लंदन में ब्रिटिश सरकार को यह प्रस्ताव भेजा कि धर्मशाला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बना दिया जाए। इस बीच 20 नवंबर 1863 को धर्मशला में ही लॉर्ड एल्गिन की मौत हो गई। उन्हें मैक्लॉडगंज के सेंट जोन्स चर्च में दफनाया गया था। इसके साथ ही धर्मशला को दूसरी राजधानी बनाने की उनकी मंशा भी दफ़न होकर रह गई। इस दौरान अंग्रेजों को शिमला भा गया और 1864 में शिमला गीष्मकालीन राजधानी बनी। इसके करीब 154 साल बाद 2017 में धर्मशाला को देश की तो नहीं लेकिन हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी का दर्जा मिला।
वाइसराय लॉर्ड एल्गिन चाहते थे धर्मशाला को हिंदुस्तान की राजधानी बनाना
2 मार्च 2017 को प्रदेश की वीरभद्र सरकार ने धर्मशाला को हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने का फैसला लिया। पर धर्मशाला को राजधानी का दर्जा देने की कवायद नई नहीं थी। दरअसल इसकी शुरुआत करीब डेढ़ सौ साल पहले हो गई थी। ब्रिटिश शासनकाल में 1863 में वाइसराय और गवर्नर जनरल लॉर्ड एल्गिन धर्मशाला आए थे और उन्होंने लंदन में ब्रिटिश सरकार को यह प्रस्ताव भेजा कि धर्मशाला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बना दिया जाए। इस बीच 20 नवंबर 1863 को धर्मशला में ही लॉर्ड एल्गिन की मौत हो गई। उन्हें मैक्लॉडगंज के सेंट जोन्स चर्च में दफनाया गया था। इसके साथ ही धर्मशला को दूसरी राजधानी बनाने की उनकी मंशा भी दफ़न होकर रह गई। इस दौरान अंग्रेजों को शिमला भा गया और 1864 में शिमला गीष्मकालीन राजधानी बनी। इसके करीब 154 साल बाद 2017 में धर्मशाला को देश की तो नहीं लेकिन हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी का दर्जा मिला।