मुख्य सचिव ने वेब आधारित सीएआईआरएस विकसित करने पर दिया बल
रासायनिक आपदाओं का मानव जीवन, बुनियादी ढांचे, परिसंपत्तियों और पारिस्थितिकी पर हानिकारक प्रभाव हो सकता है। एक वेब आधारित रासायनिक दुर्घटना की सूचना और रिपोर्टिंग प्रणाली (सीएआईआरएस) को उद्योगों आपदा प्रबंधन सेल द्वारा एनआईसी की सहायता से विकसित किया जाना चाहिए, जिसमें हानिकारक रासायनों, स्थान मानचित्रण, प्रक्रियाओं, भंडारण, परिशोधन, दुर्घटनाओं और उत्कृष्ट कार्यों आदि को भविष्य के संदर्भ के लिए संरक्षित रखा जा सकेगा।
मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने रासायनिक आपदाओं पर एक ऑनलाइन टेबल-टाॅप प्रशिक्षण की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि रासायनिक आपदाओं पर यह टेबलटाॅप प्रशिक्षण, मुख्य रूप से औद्योगिक क्षेत्र जिनमें पांच जिले- कांगड़ा, कुल्लू, सोलन, सिरमौर और ऊना शामिल हैं जिससे औद्योगिक खतरों के कारण उत्पन्न होने वाली संभावित आपदाओं से निपटने के लिए हमारी तैयारियों का पता चल सकेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए यह अधिक अनिवार्य हो जाता है कि हमें रासायनिक (औद्योगिक) जोखिमों की गम्भीरता की जानकारी हो और इसे कम करने के लिए तैयारी करनी चाहिए। राज्य में नए उद्योगों की स्थापना और औद्योगिक कस्बे बनने के साथ, रासायनिक (औद्योगिक) जोखिमों का भी संज्ञान लेने की आवश्यकता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव पूरे क्षेत्र की वनस्पति पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक जोखिमों को कम करने के लिए बनाए गए विभिन्न अधिनियमों को पूर्णतः लागू करने की आवश्यकता है। विभिन्न विभागों की गतिविधियों में तालमेल सुनिश्चित करने के लिए बेहतर और प्रभावी संस्थागत प्रणाली, समन्वय और रणनीतियों पर कार्य करने की आवश्यकता है।
अनिल खाची ने राज्य में औद्योगिक घटनाओं और रासायनिक भंडारण के लिए उचित रिपोर्टिंग प्रणाली और व्यापक आम प्रारूप में दुर्घटनाओं के साथ उचित डेटा संरक्षित की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्य सचिव ने ऑफ़-साइट आपातकालीन योजना की समीक्षा करने, दुर्घटना के बाद की स्थिति की निगरानी करने आदि के लिए राज्य, जिला और स्थानीय संकट समूहों की नियमित बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। बैठक की रिपोर्ट को आपदा प्रबन्धन सैल के साथ साझा कर आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए। अग्निशमन विभाग द्वारा विशेषकर उन अग्निशमन केन्द्रों की क्षमता को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है जो औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास हैं।
सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, वरिष्ठ सलाहकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. नायक, सलाहकार (आॅप्स एंड कम्युनिकेशन) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ब्रिगेडयर अजय गंगवार, राज्य कार्यकारी समिति एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के अधिकारी, घटना प्रतिक्रिया टीम (आईआरटी) के सभी सदस्य, उपायुक्त, विभागाध्यक्ष, जिलों के प्रतिनिधि और विभागों और विभिन्न हितधारक एजेंसियों के प्रतिनिधि भी टेबल-टाॅप प्रशिक्षण में अन्य लोगों के साथ उपस्थित थे।