पालमपुर : भारत के लिए बड़ा संकट बनता जा रहा चीन-शांता कुमार
हिमाचल प्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि भारत के लिए चीन बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है। अब अफगानिस्तान में तालिबान और उनके साथ चीन और पाकिस्तान से वह संकट और भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के समय चीन से दोस्ती करने का बड़ा प्रयत्न हुआ। भारत पंचशील और हिन्दी-चीनी भाई-भाई के नारे लगाता रहा और चीन चुपचाप भारत की धरती अक्साई चिन में सड़क बनाता रहा। भारत को पता तब लगा जब चीन ने उस सड़क का उद्घाटन किया। भारत के सारे प्रयत्नों के बाद भी 1962 में चीन ने आक्रमण करके बहुत बड़ा विश्वासघात किया। भारत की नई सरकार ने कुछ वर्षाें से चीन के साथ संबेध सुधारने की कोशिश की, परंतु चीन धीरे-धीरे लददाख में अपना अधिकार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। पैंगाग झील पर दूसरा पुल बना रहा है। शांता कुमार ने कहा कि चीन के सम्बंध में भारत अपनी नीति को पूरी तरह बदले। भारत के लिए सबसे बड़ा संकट चीन है।
विश्व के बहुत से देष तिब्बत की सहायता करना चाहते हैं और इस विशय पर चीन को घेरना चाहते है। भारत उनका सहयोग करे। तिब्बत में मानवीय अधिकारों का हनन हो रहा है। अब भारत को पहल करके इन प्रश्नाें को राष्ट्र संघ में उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामहिम दलाई लामा इस समय विश्व में सबसे अधिक सम्मानीय धार्मिक नेता है। विश्व का सबसे बड़ा सम्मान नोवल पुरस्कार उन्हें मिला है। मैं लोकसभा सर्वदलीय तिब्बत मंच का कई वर्ष तक अध्यक्ष रहा। मंच ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके महामहिम दलााई लामा को भारत रतन पुरस्कार देने की मांग की थी।
उस प्रस्ताव पर देश की सभी पार्टियों के 265 सांसदों ने हस्ताक्षर किये थे। एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में हमने हस्ताक्षरों से भारत सरकार के सामने मांग रखी थी। आज की परिस्थिति में यह आवश्यक है कि भारत महामहिम दलाई लामा को भारत रतन से पुरस्कृत करें। शांता कुमार ने कहा कि चीन इतिहास से विस्तारवादी रहा है। 1962 से लेकर भारत की धरती को हथिया है। अधिकारियों की लंबी बातचीत के बाद भी लद्दाख में अपना अवैध निर्माण करता जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में भारत सरकार को भी चीन के प्रति अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए।