आगामी चुनावों में भाजपा का मंडी किला भेदेगी कांग्रेस : चंद्रशेखर

विधानसभा बजट सत्र के दौरान विधायकों द्वारा अपने क्षेत्र के विभिन्न मुद्दे सदन में उठाये जा रहे है। कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक चंद्रशेखर द्वारा भी विभिन्न मुद्दों को सदन में उठाया गया और वह भाजपा की पूर्व सरकार पर भी हमलावर रहे। फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया द्वारा मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर से ऐसे ही विषयों को लेकर चर्चा की गई, पेश है चर्चा के मुख्य अंश...........................
सवाल : धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के किन मुद्दों को आपने सदन में उठाया है ?
जवाब : धर्मपुर दूर दराज़ क्षेत्र है और लोगों की आर्थिकी मुख्य तौर पर मनरेगा पर निर्भर करती है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा को हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है, वह दुखद है। इस विषय को लेकर मैं भी मुखर हूँ और मैंने सदन में भी इस विषय पर चर्चा की मांग की है और प्रश्न भी उठाये है। दिहाड़ीदार महिलाओं की 3 बार दिन की हाज़री असहनीय है। इसके अलावा भी कई मसलें है जिनको लेकर हम सदन में अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे है। पिछले मंत्री तो हमारे लिए वहां बहुत कुछ अधूरे कार्य छोड़ कर चले गए लेकिन हम सभी कार्यों को साथ में लेकर आगे बढ़ेंगे और जनता के लिए कार्य करेंगे।
सवाल : विधायकों के अधिकारों को लेकर सदन में मुद्दा गूंजा था जिसपर आपने भी सहमति जताई थी, हम आपसे जानना चाहेंगे कि आपके अनुसार विधायकों के किन मुद्दों का हनन हो रहा है ?
जवाब : विधायकगण इस बात से बड़ा आहत हुए जब विधायकों का चालान काटने का एक रिवाज़ ही पड़ गया। इसी सत्र के दौरान 3 विधायकों का चालान हो गया। यह बात किसी पार्टी विशेष की नहीं है बल्कि सभी पार्टी के विधायकों के चालान किये जा रहे है। मुझे स्वयं परवाणू बॉर्डर पर पुलिस ने पार्टी का झंडा लगाने पर चालान के लिए रोका हालाँकि चालान नहीं हुआ। इसके अलावा दूसरा प्रश्न यह था कि सब डिवीज़न स्तर पर जैसे एसडीएम या अन्य अधिकारियों के लिए चैम्बर्स या रूम्स है तो विधायकों के लिए वहां चैम्बर का प्रावधान किया जाए ताकि विधायक जनता से मिल सके और उनकी समस्यों को सुन सके। इसके साथ ही जिला मुख्यालय में भी किसी चैम्बर या रूम का प्रावधान हो ताकि जब हम अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज़ लेकर जाए तो एक सम्मान जनक स्थिति में हम उनका निपटारा अधिकारियों से करवा सके। इसके साथ ही जो तीसरा प्रश्न था कि विधायकों के लिए यदि एक झंडी मिल जाये तो विधायकों की भी एक गरिमा बनी रहेगी क्यूंकि लाखो जनता के सामने हम भी नतमस्तक हो कर यहाँ पहुँचते है तो विधायकों को भी यह अधिकार मिलना चाहिए।
सवाल : क्या आप मानते है कि मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर कुछ बदलाव होने चाहिए ?
जवाब : मुख्यमंत्री ने इस विषय को लेकर दरियादिली दिखाई है। उन्होंने कहा है कि हम कार्यपालिका और न्यायपालिका के कार्यों में व्यवधान ना डालें और इसके साथ ही विधायकों की गरिमा को भी बरकरार रखा जाना चाहिए। इसको लेकर मुख्यमंत्री द्वारा कमेटी को बनाने का आश्वासन दिया है। मुझे पूरी आशा है कि इसी सत्र के दौरान इस कमेटी का गठन किया जायेगा और इसके साथ ही न्यायपालिका के जो लोग होंगे उनके साथ भी चर्चा करने के बाद एक सकारात्मक कदम इस ओर उठाया जायेगा।
सवाल : सदन में जनमंच का मुद्दा गूंजा था। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही जनमंच को बंद कर दिया लेकिन भाजपा का तर्क है की जनमंच के जरिए दूरदराज़ के क्षेत्रों के लोगों कि समस्याओं को सुलझाया जा सकता था। इस मसले पर आपकी व्यक्तिगत राय क्या है ? क्या जनमंच को बंद किया जाना चाहिए था ?
जवाब : हर सरकार में इसके नाम बदले जाते है लेकिन प्रयास, मंशा और इच्छा वही रहती है। जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे तो हमारी सरकार में प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम चलता था, भाजपा ने उसे बदल कर जनमंच कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी आश्वासन दिया है कि हम भी बहुत जल्द अपने कार्यक्रम लांच करेंगे और जनता की समस्याओं को सुनेंगे, लेकिन भाजपा के जनमंच में कई खामियां थी, जैसे अधिकारियों को बेइज़्ज़त किया गया, जो सरासर गलत था। इसके अलावा 3 करोड़ रूपए लंच पर खर्च कर दिया गया और इतना ही पैसा टेंट पर भी खर्च कर दिया गया जो किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं था। इस पर सुक्खू सरकार अपने तरीकों से आगे बढ़ेगी। मुख्यमंत्री हमेशा जनता के पक्ष को तरजीह देते है और मेरा मानना है कि आने वाले समय में इससे भी बेहतर कार्यक्रम मुख्यमंत्री ले कर आएंगे।
सवाल : क्या आपका मानना है कि कांग्रेस ऐसे कार्यक्रमों पर खर्च नहीं करेगी ?
जवाब : जन आकांक्षाओं पर यदि खरा उतरना है तो साधारण तरीकों से भी ऐसे कार्यक्रमों को किया जा सकता है। करीब साढ़े 5 करोड़ रूपए लंच और टेंट पर भाजपा द्वारा खर्च किया गया जो केवल एक फिजूल खर्ची थी। जनता की समस्याओं को सुनने के कार्यक्रमों को और भी आसान और साधारण तरीकों से किया जा सकता है। हमे केवल जनता का पक्ष सुनना है और उसमे अधिकारियों का पक्ष रखना है तो उसमे फिजूलखर्ची करना तर्कसंगत नहीं है।
सवाल : सुक्खू सरकार के पहले बजट को लेकर आपकी क्या राय है?
जवाब : यह एक लोक प्रिय बजट है। कांग्रेस द्वारा ओपीएस दिए जाने के बाद विपक्ष पहले ही बैकफुट पर चला गया था, इसके अलावा 2 लाख 31 हज़ार महिलों को 1500 रूपए प्रतिमाह देना भी आसान कार्य नहीं था। मनरेगा जैसी स्कीम में पिछली सरकार ने 5 सालों में कुल 23 रूपए बढ़ाये और इस सरकार ने पहले ही साल में 28 रूपए बढ़ा दिए। मनरेगा में करीब 9 लाख महिलाएं कार्यरत है और उनके लिए यह एक हर्ष का विषय है। हम मनरेगा को और मजबूत करना चाहते है यह हमारे घोषणा पत्र का भी हिस्सा है। इसके अलावा मुख्य्मंत्री ने हर पक्ष को फायदा दिया है। ग्रीन कॉरिडोर वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है और यह हम नहीं कह रहे है, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह घोषणा हुई है और प्रधानमंत्री मोदी ने उस पर हस्ताक्षर किये है। हिमाचल प्रदेश को ग्रीन कॉरिडोर में नंबर एक आँका गया है। इसके साथ ही ई-व्हीकल को बढ़ाने की बजट में बात की गई है, 1500 इलेक्ट्रिक बसों को लेने की भी बात की गई है। इसके साथ ही सरकार ने 25 हज़ार नौकरियां देने की बात कही है और गैर सरकारी क्षेत्र को मिला कर एक लाख नौकरियां देने की बात कही गई है। पिछली सरकार में बेरोज़गारों के साथ जो छल हुआ है उसका भी हमारी सरकार ने पर्दाफाश किया है। एसएससी को भंग करना पड़ा है, यदि वह फैसला सही नहीं होता तो उसके खिलाफ आवाज़ उठती, लेकिन उसके खिलाफ एक भी आवाज़ नहीं उठी जिसका मतलब था कि वह फैसला एक दम सही था। मंडी के सरदार पटेल विश्वविधालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय, पुलिस भर्ती में अनियमितताएं हुई है, जेओए के 4 टेस्ट अभी भी लंबित पड़े है और सैकड़ों युवा शिमला और सचिवालय के चक्कर काट रहे है। यह वही लोग है जो अपनी मेहनत से टेस्ट क्लियर करने के लिए तैयारियां कर रहे है लेकिन इनकी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। केवल राजनीति की जाती है लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मसलों पर भाजपा क्यों चुप है। आने वाले लम्बे समय के लिए इस बजट की गूंज रहेगी। यह बजट आने वाले पांच वर्षों की दिशा तय कर रहा है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, यह एक मुद्दा विहीन विपक्ष है। क्यूंकि यह विपक्ष है इस लिए बजट को ऑप्पोज कर रहे है।
सवाल : मंडी जिला से आप एक मात्र कांग्रेस विधायक है, क्या मंडी को तरजीह दी जाएगी या भेदभाव होगा ?
जवाब : मंडी के साथ पिछली सरकार में भेदभाव हुआ है, मंडी में बड़े बड़े प्रोजेक्टों को लाने की बात हुई, कहाँ है वह हवाई अड्डा ? नेरचौक से मंडी ऊना को जोड़ने वाला एक रोड बनना था वह भी नहीं बन पाया, सरदार पटेल विश्वविधालय क्लस्टर विश्वविधालय बनना था जिसके लिए भाजपा ने केंद्र के पैसे को ठुकरा दिया और कहा कि हम अपना पैसा लाएंगे। क्या प्रदेश इतना आमिर हो गया कि अपना पैसा लगा कर अपनी यूनिवर्सिटी लॉन्च की और बैक डोर से सारे नियमों को ताक पर रख कर अपने लोगों को उसमे भर्ती करवाया। टूरिज्म के नाम पर क्या विकसित हुआ ? मात्र 40 करोड़ रूपए आप एडीपी से लाए जबकि शिवधाम को बनाने में करीब 200 से 250 करोड़ तक पैसा लगना था। मंडी से पिछली सरकार ने वोट तो लिए लेकिन मंडी को क्या दिया यह आज तक मंडी के लोग समझ नहीं पाए है। मंडी शिवरात्रि को लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार चलना था वह कार्य भी पिछली सरकार नहीं कर पायी तो पिछली सरकार ने किया क्या।
सवाल : इससे पहले जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगाती थी कि पूरे प्रदेश से सब कुछ उठा कर जयराम मंडी ले गए है लेकिन अब आप कह रहे है कि मंडी को भाजपा ने कुछ नहीं दिया?
जवाब : कांग्रेस जिस नज़रिये से कह रही थी वह अब सामने आ रहे है। 20 रेस्टहाउस जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में बन गए, 14 रेस्टहाउस हमारे विधानसभा क्षेत्र में बन गए, लेकिन वह किसने मांगे यह बड़ा सवाल है। जयराम ठाकुर अपने विधानसभा क्षेत्र में अटल स्कूल तक नहीं बना पाए। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में स्कूल का केवल 60 प्रतिशत कार्य हुआ और नाचन विधानसभा क्षेत्र में केवल 30 प्रतिशत कार्य हुआ। जयराम ठाकुर अपनी महत्वकांशी योजना को अपने ही जिला में लागू नहीं कर पाए तो उन्होंने मंडी जिला को दिया ही क्या है। मंडी पर केवल मुख्यमंत्री का एक फट्टा लगा दिया गया और मंडी की जनता को भाजपा ने उसी में गोलबंद कर दिया जिसमे जनता इस बार भी फंस गई, लेकिन अब सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार है और बिना किसी भेदभाव के कार्य करने वाली सरकार है। मैं मानता हूँ कि मैं पूरे जिला से कांग्रेस का एक मात्र विधायक चुन कर आया हूँ लेकिन आने वाले समय में आपके सामने हम एक एक प्रमाण लेकर आएंगे कि पिछले 5 वर्षों में मंडी के साथ क्या क्या हुआ है। भाजपा के हल्ले का जवाब हम आने वाले समय में देंगे और आगामी चुनावों में भाजपा के मंडी किले को हम भेद कर दिखाएंगे।