भगवान राम का विरोध भी करते है और उनकी क़समें भी खाते हैं कांग्रेसी : जयराम ठाकुर
** कहा, कांग्रेस को बहुत महंगा पड़ेगा भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध
** बहुत सौभाग्यशाली और कम लोगों को मिला है निमंत्रण, जिन्हें मिला है उन्हें जाना चाहिए
** बीजेपी और आरएसएस का विरोध अलग है लेकिन भगवान राम का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता कुछ भी बोलते हैं। एक तरफ वह अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध भी कर रहे हैं दूसरी तरफ भगवान श्रीराम की कसम भी खा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम जन्म क्षेत्र मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में नहीं जाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस का यह निर्णय करोड़ों राम भक्तों की आस्था और श्रद्धा के विरुद्ध है। कांग्रेस बीजेपी का विरोध करते-करते अब रामचंद्र जी का विरोध करने लगी है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राम का विरोध कांग्रेस को बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा या संघ का विरोध कर सकते हैं लेकिन रामचंद्र जी का विरोध सर्वथा अनुचित है। विक्रमादित्य जी को प्राण प्रतिष्ठा में जाना चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में जाने का निमंत्रण बहुत सौभाग्यशाली और बहुत कम लोगों को मिला है। यह उनके सौभाग्य की बात है कि उन्हें इस पुण्य अवसर पर साक्षी होने का मौका मिल रहा है। कांग्रेस इस पुण्य कार्य में भी राजनीतिक दृष्टि से निर्णय कर रही है। यह किसी के व्यक्तिगत आस्था और श्रद्धा के प्रति कुठाराघात है। किसी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव में जाने से रोकना अनुचित है।
जिनसे विभाग लिए, वो भी नाखुश और जिन्हें दिए वो भी
कांग्रेस की अंदरूनी कलह के बारे में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, जिस पर वह ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता एक वर्ष बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंत्रियों से छीनकर दूसरे मंत्रियों को महकमें दे दिए, जबकि खुद की विभागों को अपने पास रखा। जाहिर है जब किसी से महकमा छीना जाता है तो नाराजगी होती है। जिन नए मंत्रियों को विभाग दिए, वे भी प्रसन्न नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इन विभागों का कोई महत्व नहीं है। इस सरकार में कोई भी प्रसन्न नहीं दिखाई देता। न जनता खुश है, न कांग्रेस के नेता और न ही मंत्री।