इंदाैरा : भवन निर्माण कार्य में ठेकेदार कर रहा घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग

अधिकारियों की गैर मौजूदगी में शाम 7 बजे तक निर्माण कार्य करते हुए कर रहे घटिया मटीरियल का प्रयोग
मनीष ठाकुर। इंदौरा
इंदौरा के मंड क्षेत्र काे प्रदेश का अन्नदाता कहा जाता है। मंड क्षेत्र कर किसानों की वर्षों पुरानी अनाज मंडी की मांग को पूरा करते हुए पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित तहसील इंदौरा के गांव मिलवां में कृषि विभाग की भूमि पर अनाज मंडी बनाए जाने की सरकार द्वारा घोषणा हुई और मिलवां में एक करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से अनाज मंडी के भवन का कार्य शुरु हुआ है। निर्माण कार्य में सबसे पहले पिल्लर निर्माण के लिए जेसीवी के माध्यम से डेढ़ दर्जन के लगभग पांच से छह फीट गहरे और इतने ही चौड़े साइज के गड्ढाें को खोदा गया है और उन गड्डों से मिट्टी युक्त रेत निकला है।
ठेकेदार द्वारा सरकार ने नियमों को दरकिनार कर पिल्लर भरने के लिए क्रेशर से बजरी तो मंगवा ली पर गड्ढाें से निकाले गए मिट्टी युक्त रेत में ही बजरी ओर सीमेंट को मिक्स कर मोटा पैसा कमाने के चक्कर मे पिल्लर बनाने शुरू कर दिए है। सूचना मिलने पर जब स्थानीय जनता ने इसका विरोध किया, तो अपनी लाज बचाने की खातिर जेई ने ठेकेदार को क्रेशर का रेत लगाने के आदेश दिए ओर कुछ देर बाद क्रेशर का रेत निर्माण स्थल पर आ गया। पिछले कल देर शाम फिर मौके पर जाकर देखा, तो बन रहे भवन के एक दर्जन के लगभग आधे-आधे जमीनी स्तर पर पिल्लर भर चुके थे और उनके निर्माण कार्य मे सरेआम पिल्लरों के लिए निकाली गई मिट्टी युक्त रेत बजरी को प्रयोग किया जा रहा था। हैरानी की बात तो यह थी की तीन दिन पहले स्थानीय लोगों ने भी संबंधित विभाग में जेई को भी घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग करने बाले सूचित किया था।
उनका यह कहना था कि ठेकेदार को सिर्फ क्रेशर मैटेरियल का प्रयोग करने के ही आदेश दिए हैं और उन्होंने रेत युक्त मैटेरियल का प्रयोग बंद कर क्रेशर का मंगवा लिया है और देखने वाली यह बात है कि जो क्रेशर का मटीरियल मंगवाया गया है, वो मात्र 30 प्रतिशत तक ही लगाया गया है। इसके उलट सरकार के आदेशों को दरकिनार कर ठेकेदार द्वारा नींव की खुदाई में निकले रेत-बजरी को ही निर्माण कार्य मे प्रयोग कर रहा है।नियमों के अनुसार शाम पांच बजे तक सरकारी निर्माण कार्य बंद होना चाहिए और अगर कार्य करना भी है, तो कार्य स्थल ओर संबंधित विभाग के अधिकारी या कर्मचारी मौजूद होने चाहिए, पर कल देर शाम जब पत्रकारों की टीम ने निर्माण स्थल का दौरा किया, तो शाम सात बजे तक भी निर्माण कार्य चला हुआ था और मौके पर सिर्फ ठेकेदार की लेवर व मुंशी ही मौजूद थे, पर विभाग का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था और ठेकेदार सरेआम अपनी लेबर लगाकर अपने लाभ के चक्कर के सरेआम घटिया मैटेरियल प्रयोग करता नजर आ रहा है।
वहीं, जब संबंधित विभाग के कनिष्ठ अभियंता जोगिंदर से बात की गई, तो उन्होंने कहा के दो दिन पहले भी ठेकेदार को क्रेशर का मटीरियल प्रयोग करने के आदेश दिए हैं। आज आपके माध्यम से फिर उक्त ठेकेदार द्वार निर्माण कार्य की खुदाई में निकले घटिया मटीरियल के प्रयोग करने की सूचना मिली है। मैंने ठेकेदार को खुदाई में निकले मटीरियल को निर्माण कार्य से बाहर फैंकने के आदेश देते हुए कार्य को बंद करने के आदेश दिए हैं। सोमवार को मैं और शिमला से एसडीओ साहब मौके का निरक्षण करेंगे और निर्माण कार्य में कमियां पाए जाने पर ठेकेदार के खिलाफ बनती विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।