कोवैक्सीन कैपेसिटी का किया जाएगा विस्तार, प्रति वर्ष 70 करोड़ कोवैक्सीन का होगा निर्माण
भारत बायोटेक ने घोषणा की है कि देश और पूरे विश्व में वैक्सीनेशन कैंपेन को सपोर्ट देने के लिए कोवैक्सीन कैपेसिटी का विस्तार किया जा रहा है। हैदराबाद और बेंगलुरु जैसी जगहों पर भी कैपेसिटी विस्तार लागू किया जा रहा है। इसके तहत प्रति वर्ष 700 मिलियन यानी कि 70 करोड़ डोज बनाने की योजना है। IMDG मॉलिकूल सिंथेसिस और निर्माण सफलतापूर्वक भारत में ही हो पाएगा। इसके उत्पादन के लिए आयात पर भी निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। इसके उत्पादन के लिए रॉ मैटेरियल, पैकिंग मैटेरियल और सिंगल यूज कंज्यूमेबल्स की आवश्यकता यहीं से पूरी होगी।
इसकी कैपेसिटी बढ़ाने के लिए भारत बायोटेक ने इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स (IIL) के साथ पार्टनरशिप की है। जिससे कि कोवैक्सीन के लिए ड्रग सबस्टैंस का निर्माण किया जा सके। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। IIL में इतनी कैपेबिलिटी और एक्सपर्टीज है कि वो इनैक्टिवैटेड वायरल वैक्सीन का निर्माण कॉमर्शियल स्केल पर कर सके। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी है। भारत बायोटेक कोवैक्सीन बना रहा है, जबकि SII कोविशील्ड बना रहा है।