पूर्व संस्कृत अकादमी सचिव डाॅ मस्तराम शर्मा ने करवाया श्रीमद्भागवत पुराण कथा का आयोजन
दाड़लाघाट में हिमाचल प्रदेश के पूर्व संस्कृत अकादमी सचिव डाॅ मस्तराम शर्मा ने शारदीय नवरात्रों में श्रीमद्भागवत पुराण कथा का आयोजन करवा रहे हैं, जिसमें विश्व में शांति बनाए रखने तथा कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए एक और अनुष्ठान करवाया जा रहा है। 17 अक्टूबर से प्रारंभ इस महायज्ञ में जिस का समापन 24 अक्टूबर को होना है।
डॉ मस्तराम शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के बचाव नियमों का पालन करते हुए सभी भक्त जनों से आग्रह किया जाता है कि नियमों का पालन करते हुए दूरी बनाए रखते हुए श्रीमद्भागवत के आनंद को अधिग्रहण करें। गद्दी पर आसीन व्यास डॉक्टर राकेश नड्डा ने चौविस अवतारों का वर्णन करते हुए आज भगवान श्री कृष्ण लीलाओं का वर्णन किया जब धरती पर पाप बढ़ जाता है, तो भगवान स्वयमेव अवतरित होते हैं। हमें अपनी संस्कृति को बनाए रखना चाहिए ऐसा व्यास जी ने कहा।कार्यक्रम में विशिष्ट जनों में उपस्थित राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित महामहोपाध्याय प्रोफेसर केशव शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत पुराण एक पुस्तक नहीं है इसमें स्वयं भगवान विराजमान है। यह पंचायतों का शरीर अंत में आत्मा रूप में परमात्मा में कैसे मिल जाता है इसका विस्तार पूर्वक से वर्णन श्रीमद्भागवत में किया गया है, हमें श्रीमद्भागवत में बताएं के नियमों का पालन करना चाहिए। कार्यक्रम में विशेष रुप से उपस्थित पूर्व विधायक सोहन लाल, विधायक गोविंद राम तथा सोलन से आए पूर्व प्राचार्य डॉ लाल गौतम, डा रामचंद्र नड्डा, डॉ शंकर लाल वशिष्ठ, आचार्य मदन हिमाचली, ओम प्रकाश शर्मा, राम चंद्र शास्त्री, रामस्वरूप शास्त्री, केशव शास्त्री, मदन लाल शास्त्री, मस्तराम शास्त्री, सुंदर सिंह जसवाल आदि अनेक विद्वानों ने इस महापर्व में श्रीमद्भागवत का श्रवण किया।