सूर्य देवता को समर्पित,उत्तरी भारत का इकलौता सूर्य नारायण मंदिर
आज हम आपको उत्तरी भारत के इकलौते सूर्य मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। यह मंदिर देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला रामपुर से 18 किलोमीटर दूर नीरथ गांव का एक प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। यह स्थान शिमला से रामपुर की ओर आते रास्ते में ही पड़ता है जो कि उत्तर भारत व हिमाचल प्रदेश का एकमात्र मंदिर है।
पौराणिक कथा
जानकारों की मानें तो जब भगवान परशुराम ने अपने पिता के आदेश पर माता रेणुका की हत्या कर दी थी। इसके बाद मातृ दोष से मुक्त होने के लिए उन्हें हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में पांच मंदिरों की स्थापना करने को कहा गया था। इसके बाद उन्होंने नीरथ में सूर्य नारायण मंदिर, करसोग में कामाक्षा देवी मंदिर और मवेल महादेव, दत्तनगर में दत्तात्रे स्वामी और निरमंड में अंबिका माता मंदिर की स्थापना की थी। तब से लेकर आज तक यह उत्तरी भारत का एक मात्र सूर्य नारायण मंदिर अपने गौरवमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।
विशेषताएं
- यह मंदिर शिमला ज़िले के निरथ में स्तिथ है।
- यह मन्दिर उत्तर भारत का एकलौता सूर्य मन्दिर भी है।
- मंदिर की स्थापना सम्भवत: परशुराम ने की थी।
- इस मंदिर का उलेल्ख 1908 में मार्शल ने किया था।
- मंदिर के गर्भगृह में पाषाण सूर्य प्रतिमा 3 फुट ऊँची और 4 फुट चौड़ी है।
- मन्दिर में कई शिवलिंग भी है।
- मन्दिर का क्षेत्रफ़ल 300 वर्ग गज है।
- इस मंदिर में पत्थरों पर नक्काशी की गई है, जो शायद ही देश के दूसरे मंदिरों में होगी।
- मन्दिर के निर्माण में पत्थर व लकड़ी का मिलाजुला रुप दिखायी देता है।
- मंदिर में नृत्य मग्न गणेश,शिव-पार्वती और अन्य हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां है।
- मंदिर के बाहरी दीवार पर बारह अवतार,लक्ष्मी नारायण,आठ भुजाओं वाले गणेश और ब्रम्हा की मूर्तियां स्थापित हैं।
- मध्य भाग में चारों तरफ सूर्य की प्रतिमाएं और सिंह की प्रतिमाएं निर्मित है।
- प्रत्येक वर्ष शरद ऋतु के आरम्भ में यहाँ एक मेले का आयोजन किया जाता है।
- राहुल सांस्कृत्यान ने अपनी पुस्तक में इस मंदिर का उलेल्ख किया है।