एक महीने के स्वर्ग प्रवास पर निकले देवी-देवता
शिमला और कुल्लू जिला के देवी-देवता आज मकर संक्रांति के दिन से एक महीने के स्वर्ग प्रवास पर निकल गए। सुबह पक्षियों से चहचहाने से पूर्व लोगों ने पूजा-अर्चना कर अपने अराध्यों को विदाई दी। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सुबह 4 बजे अपने घरों में उठते हैं और अच्छे पकवान तैयार कर पूजा अर्चना के साथ देवी-देवताओं की विदाई करते हैं। देवताओं के स्वर्ग चले जाने पर मंदिर सूने हो गए हैं। देवताओं की विदाई के बाद मंदिर में कोई भी धार्मिक समारोह आयोजित नहीं किया जाता। अब देवताओं को महीने भर आकाश की ओर धूप और जल अर्पित किया जाएगा।
देव संसद में भाग लेने पर कुल्लू जिला के देवी-देवता एक सप्ताह के अंतराल में ही वापस लौट आते हैं। शिमला जिला के आधे देवी-देवता एक पखवाड़े के अंदर वापसी करते हैं, लेकिन अधिकांश देवी-देवता पूरे एक महीने स्वर्ग प्रवास पर रहकर फाल्गुन संक्रांति को ही अपने-अपने देवालयों में लौटेंगे। इस एक माह की अवधि में मंदिर में कोई भी धार्मिक समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा। इसके साथ-साथ घरों में भी विवाह समारोह एवं धार्मिक समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे। देवी-देवताओं के जाने के बाद उनकी मूर्तियां शक्ति विहीन हो जाती हैं और गुरों को खेल भी नहीं आती।