इस बार 16 लाख दीयों से जगमग होगी आयोध्या

दीपावली का पर्व सदियों से पूरे देशभर में मनाया जाता रहा है। हर किसी को यह पता है कि दीपावली का पर्व क्यों मनाया जाता है। दीपावली के मौके पर पूरे देश भर में रौनक रहती है, लेकिन बीते चार वर्षों में अयोध्या की दीपावली को लेकर पूरे देश भर में चर्चाएं हैं। हर वर्ष दीपावली के पर्व पर दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है और ख़ास बात ये है कि इस आयोजन को हर वर्ष और भव्यता दी जा रही है। अयोध्या में हर बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित जाता है। आज दीपोत्सव के कारण अयोध्या की महिमा का बखान पूरी दुनिया में हो रहा है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में फिर दीपोत्सव का नया विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयारी हो रही है। राम नगरी अयोध्या में इस साल का दीपोत्सव बड़ा धूम-धाम से होगा और इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। अयोध्या में सरयू के किनारे इस बार लगभग 16 लाख दीपक जलाए जाएंगे और कोशिश यह होगी कि पुराना रिकॉर्ड तोड़कर 14 लाख से अधिक दीपों का नया कीर्तिमान बनाया जाए। इसके लिए 18 हजार वालेंटियर्स की टीम बनाई जा रही हैं जिसमे स्कूल कालेज के छात्र-छात्राओं के अलावा एनजीओ और समूहों के लोग भी शामिल होंगे। राम की पौड़ी के किनारे के वृहद क्षेत्र में सभी मंदिर पीले रंग में रंगे जाएंगे और दीपोत्सव के समय लेजर लाइट शो और ग्रीन आतिशबाजी का भव्य दृश्य दिखाई देगा।
-5 साल पहले हुई शुरुआत
दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने 14 वर्ष के वनवास के बाद लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा जो कि पुरुषोत्तम बन चुके थे, उनके आगमन से सभी प्रफुल्लित हो उठे थे। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी। तब से ही इसे दीपों का पर्व मनाया जानें लगा। उत्तर प्रदेश में साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली पूर्ण बहुमत की जीत के बाद से ही अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत की गई थी। जहाँ राम की पैड़ी पर दीपोत्सव पहली बार भव्य रूप से मनाया गया था। इस दौरान हर साल दीप जलाने का रेकॉर्ड बनाया जा रहा है।
- एक करोड़ 75 लाख रुपये खर्च होंगे
राम की पैड़ी के घाटों पर दीप जलाने व इसकी व्यवस्था में कुल एक करोड़ 75 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके लिए अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन हिस्सों में टेंडर किया था, जो अब खोला जा चुका है। इसमें प्रतिभा प्रेस एंड मल्टी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को सबसे बड़ा कार्य दो टेंडर की सामग्री की आपूर्ति का जिम्मा दिया गया है। अवध विश्वविद्यालय प्रशासन चयनित फर्मों को जल्द ही कार्यादेश जारी करेगा। आवश्यक सामग्री की आपूर्ति तय समय पर ही होगी। पहले हिस्से के टेंडर में दीया, बाती, कपूर व तेल की आपूर्ति होनी है, जिस पर एक करोड़ 28 लाख खर्च होंगे। बाल्टी, मग, मोमबत्ती, टोपी, छड़ी, परिचय पत्र, सीटी, वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी, रंगोली में प्रयुक्त होने वाले सामान की आपूर्ति 18.5 लाख से की जाएगी। 40 हजार से अधिक स्वयंसेवकों के लिए भोजन जलपान व्यवस्था पर साढ़े 18 लाख खर्च होंगे। इस बार कुल 14 लाख 50 हजार जलते दीपों का विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी है।
-हर वर्ष बढ़ाई जा रही दीयों की संख्या
पिछले साल अयोध्या राम की पैड़ी में 9,41,551 दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था। 2017 में यूपी में पूर्ण बहुमत से बीजेपी की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत की गई थी। पहले साल 51 हजार दीये जलाए गए थे। तबसे हर साल दीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2018 में 3,01152 दीये जलाए गए। 2019 में इस दीपोत्सव कार्यक्रम को प्रांतीय स्तर का मेला घोषित किया गया। 2019 में 5,50,000 दीप जलाए गए। 2020 में 6,06,569 दीप जलाए गए और 2021 में 9,41,551 दीये जलाए। अब 2022 में 14 लाख से अधिक दीये जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
-18 हजार वालेंटियर्स होंगे इस बार
इस दीपोत्सव को लेकर इस साल नया कीर्तिमान बनाने के लिए 16 लाख 28 हजार दीपो को जलाने का टारगेट है। इस बार मानकर चल रहे हैं कि 16 लाख दीपक जलाए जाएंगे। पिछले साल 11000 वालंटियर ने काम किया था। इस साल क्योंकि दीपो की संख्या बढ़ गई है तो करीब 18 हजार वालेंटियर्स स्टूडेंट टीचर इसमें मिलकर काम करेंगे और इसके लिए कमेटियां भी बनाई जा रही हैं। इसके अलावा दीए जलाने की जिम्मेदारी डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी प्रो. अजय प्रताप सिंह टीम दीपोत्सव को सफल बनाने में जुटी हुई है। राम की पैड़ी सहित अन्य घाटों पर दीपोत्सव में 20 हजार वालंटियर अनुशासित रहकर 16 लाख दीए सजाएंगे।
-घाटों पर 20 अक्तूबर तक पहुंच जाएंगे दीए
सभी घाटों पर 20 अक्तूबर तक दीए पहुंच जाएंगे। 21 अक्तूबर से दीए बिछाने कार्य शुरू होगा। 22 अक्तूबर को दीयों की गणना होगी और 23 अक्तूबर को दीए में तेल-बाती लगाया जाएगा। फिर शाम को जलाये जायेंगे।
-राम मंदिर का निर्माण तेज
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य जोर-शोर से जारी है। इसी महीने इसके नींव का कार्य पूरा होने की संभावना है और दिसंबर, 2023 से भगवान श्रीराम के इस नए भव्य मंदिर में श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर पाएंगे। दिसंबर, 2023 तक मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाए, उससे पहले मंदिर निर्माण का कार्य संपन्न कर भगवान को वहां विराजमान करने का लक्ष्य है। यह मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा। मंदिर में कुल मिलाकर 5 शिखर होंगे और सबसे ऊंचा शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। उन्होंने बताया कि यह मंदिर 3 मंजिला होगा, जिसमें 20-20 फीट के तीन मंजिल बनाए जाएंगे और उसके बाद शिखर होगा। फिलहाल इसके गर्भगृह के बेस बनाने का कार्य पूर्ण हो चुका है और अब आगे की प्रकिया को तेजी से चलाया जा रहा है। ऐसे में माना जा रही है दीवाली के मौके पर बड़ी संख्या में राम मंदिर दिखेने के लिए लोग आएंगे।
-दीपोत्सव के दौरान होंगे अनेक कार्यक्रम
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या में श्रद्धालुओं को जोड़ने के लिए कई आयोजन होंगे। इसकी संस्कृति विभाग अपने स्तर पर तैयारी कर रहा है। भजन संध्या स्थल और सांस्कृतिक मंच पर नियमित रूप से कार्यक्रम। दीपोत्सव की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इस बार अन्य साल की तुलना में भारी भीड़ रहने की उम्मीद है। इस बार लक्ष्य बढ़ा कर 14.50 लाख दीप जलाने का है। ऐसे में सभी विभाग आपसी तालमेल समन्वय के साथ व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायद में जुट गए हैं।
-21 प्रमुख मंदिर 4.50 लाख दीयों से होंगे रोशन
पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि दीपोत्सव पर 14 लाख से ज्यादा दीये राम की पैड़ी में जलाए जाएंगे जबकि अयोध्या के प्रमुख 21 मंदिरों में 4.50 लाख दीये जलाए जाएंगे। ये दीये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राम जन्म भूमि पर 51 हजार, हनुमान गढ़ी पर 21 हजार दीये जलाए जाएंगे। इसी तरह कनक भवन, गुप्तार घाट, दशरथ समाधि, राम जानकी मंदिर साहिबगंज, देवकाली मंदिर, भरत कुंड (नंदीग्राम) समेत प्रमुख मंदिरों में 21 हजार दीये जलाए जाएंगे। वहीं पूरे अयोध्या को रोशन करने के लिए सामाजिक संगठनों को भी दीये वितरित किए जाएंगे। उप निदेशक ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राम लीला होगी, जिसमें कई देशों के कलाकार भाग लेंगे। इसके साथ ही आतिशबाजी और लेजर शो भी होगा।
-एक दीए में डाला जाएगा 40 एमएल तेल
एक बार फिर यूपी सरकार दीपोत्सव का नया रिकार्ड बनाने के लिए जुटा हुआ है। पर इस बार योगी सरकार एक और नया प्रयोग करने जा रही है। इस दीपोत्सव में दीए अन्य दीपोत्सव की तुलना में अधिक देर तक अपनी रोशनी बिखेरेंगे। इसके लिए जिम्मेदार संस्था ने एक तरकीब निकाली है। उन्होंने दीए की साइज को बड़ा कर दिया। अब इस दीए में 30 एमएल तेल की जगह 40 एमएल तेल डाला जाएगा। जिस वजह से ये दीए देर तक जलेंगे और दीवाली के दिन अपनी रोशनी से भक्तों और दर्शकों का मन मोहेंगे।
-रोजगार मिलने से कुम्हारों के घर भी होंगे रोशन
दीपोत्सव में जलाने के लिए दिए के निर्माण का कार्य करने वाले कुम्हारों को रोजगार मिलने पर घर रोशन होंगे। आस्था के जरिए यहां के लोगों को रोजगार भी मिल रहा है जिससे ये लोग जीवन-यापन करते हैं।इन लोगों की दीपावली पर दीपक बनाकर अच्छी कमाई हो जाती है। दीपोत्सव में यहां के स्थानीय कुम्हारों से दीए खरीदे जाते हें।